Book Title: Aao Prakrit Sikhe Part 01
Author(s): Vijaykastursuri, Vijayratnasensuri
Publisher: Divya Sandesh Prakashan
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नीसस्-निस्सस्-झंख् (निर् + श्वस्) प+ माय (प्र + मद्-माद्) प्रमाद करना, निश्वास लेना, श्वास को नीचा करना भूलना नीसार-निस्सार (निर् + सारय) बाहर पम्हस् (वि + स्मृ) भूलना, विस्मरण निकलना
करना ने (नी) ले जाना
पय् (पच्) पकाना, पाक करना पया (प्र + जनय) जन्म देना, उत्पन्न
करना पउस्स्-पउस् (प्र + द्विष) द्वेष करना प + यास् (प्र + काश्) चमकाना, पक्खिद् (प्र + क्षिप) डालना
प्रकाशित करना पज्जुवास (पर्युपास) सेवा-भक्ति करनी परावट् (परा + वृत्) आवृत्ति करना, पट्टव-पट्ठाव (प्र + स्थापय) भेजना, (बदलना, पलटना) परिवर्तन होना प्रस्थान करना, प्रारम्भ करना
- परिआल् (वेष्टय) लपेटना , वेष्टन करना पड् (पत्) गिरना, पतित होना परिक्ख्-परिच्छ (परि + ईक्ष) परीक्षा पटक पनि कम नवन टोना पडिक्कम् (प्रति + क्रम्) निवृत्त होना,
करना, परखना ...' पीछे हटना
परिचय-परिच्चय् (परि + त्यज्) पडिवज्ज (प्रति + पद्य) स्वीकार परित्याग करना करना, अंगीकार करना
परिचिंत् (परि + चिन्तय) चिन्तन करना । पद् (पठ) पढ़ना, अभ्यास करना परि + तप्प् (परि + तप्य) पश्चाताप पण्णव्-पन्न (प्र + ज्ञापय) प्ररूपणा करना, संतप्त होना, गरम होना करनी, उपदेश देना
परि + देव (परि + देव) विलाप करना पत्ति-पत्तिअ (प्रति + इ) विश्वास करना, परि + निव्वा (परि + निर् + वा) आश्रय करना
शान्त होना, सर्व कर्म रहित होना पत्तिआव् (प्रति + आयय) विश्वास परिबय् (परि + व्रज्) दीक्षा लेनी कराना, प्रतीति कराना
परिहर् (परि + हृ) त्याग करना पत्थ्-पच्छ (प्र + अर्थय) प्रार्थना करना परि + हा-परि + धा (परि + धा) प + भाव (प्र + भावय) प्रभावना करनी पहनना, धारण करना प + मज्ज् (प्र + मृज्) मार्जन करना पलान् (नाशय) भगाना, नष्ट करना साफ-सुथरा करना . पलोट् (प्र + लुट्) लोटना, करवट पमज्ज् (प्र + माद्य) प्रमाद करना लेना भूलना
पलोट्ट-पलट्-पल्हत्थ् (पर्यस्)
फेंकना, पलटना, विपरीत होना ... -२९४ -

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