Book Title: Aao Prakrit Sikhe Part 01
Author(s): Vijaykastursuri, Vijayratnasensuri
Publisher: Divya Sandesh Prakashan
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जाय् (याच्) प्रार्थना करनी, मांगना जाव्- जव् (यापय्) गमन करना, गुजारना, शरीर का परिपालन करना जिण् (जि) जीतना
जिव् (जीव) जीना, प्राण धारण करना जीव् (जीव) जीना, प्राण धारण करना जीह (लज्ज्) शर्मिन्दा होना,
लज्जा
करना, शरमाना
जुंज्-जुज्झ् (युञ्ज्-युज्य) लड़ना, युद्ध
करना
जे (जि) जीतना, जय पाना जेम् (भुञ्ज्) भोजन करना जोय् (दृश्) देखना जोय् (द्योत्) प्रकाशना
झ
झड् (शद्) सड़ना, गिरना,
झपट मारना
झर् (क्षर्) झरना, टपकना झा (ध्यै) ध्यान करना
टपकना
ठ
ठव् ( स्थापय्) स्थापना करना ठा (स्था) खड़ा रहना
ड
डर्-तस् (त्रस्) डरना, भयभीत होना डंस्-डस् (दंश्) डसना, काटना डह (दह्) जलाना, दग्ध करना डे (डी) उड़ना
ढ
ढक्क्-छाय् (छादय्) ढकना ढिक्क् (गर्ज) सांड का गरजना
ण
णज्ज् (ज्ञा) जानना मिज्ज्-णुमज्ज् (नि + मज्ज्) डूबना णे (नी) ले जाना णी-णीण् (गम्) जाना, गमन करना
हव् (ण्हु) छुपाना
हा (स्ना) स्नान करना, नहाना त तच्छ्-छोल्ल् (तक्ष) छीलना, काटना तण् तड्ड् (तन्) विस्तार करना, बिछाना.
तर् (तृ) तरना
तव् (तप्) तपना
ताड्-ताल् (ताडय्) ताड़न करना, पीटना
तुड्-तुट्ट् (त्रुट्-तुड) टूटना, अलग होना
तुवर् (त्वर्) त्वरा करना, शीघ्रता करना तूस् - तुस्स् (तुष्-तुष्य) संतोष पाना, खुश होना
थ
थक्क (स्था) रहना, बैठना, स्थिर
होना
थुण (स्तु) स्तुति करनी
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