Book Title: Aao Prakrit Sikhe Part 01
Author(s): Vijaykastursuri, Vijayratnasensuri
Publisher: Divya Sandesh Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 306
________________ बहुत बहु, बहुअ वि. (बहु) भूल खलिअ नपुं. (स्खलित) अईव अ. (अतीव) भोग भोग पुं. नपुं. (भोग) बहू बहू स्त्री. (वधू) भोजन भोयण नपुं. (भोजन) बाद में पच्छा अ. (पश्चात्) बरसना वरिस (वर्ष) बारिस वरिस, वास पुं. नपुं. (वर्ष) मकान पासाअ पुं. (प्रासाद) बादल मेह पुं. (मेघ) घर नपुं. (गृह) बालक बाल पुं. (बाल) मंगल मंगल नपुं. (मङ्गल) बाहर बाहि, बाहिर अ. (बहिस्) मछली मच्छ पुं. (मत्स्य) बिना विणा अ. (विना) मदद साहज्ज, साहेज्ज बुद्धि बुद्धि स्त्री. (बुद्धि) नपुं. (साहाय्य) बुद्धिशाली मइमंत वि. (मतिमत्) मंदिर मंदिर नपुं. (मन्दिर) बोधि, बोहि स्त्री. (बोधि) चेइअ, चइत्त नपुं. (चैत्य) ब्रह्मचर्य बम्हचेर, बम्हचरिअ, मधु महु नपुं. (मधु) बंभचेर नपुं. (ब्रह्मचर्य) मध्य मज्झ नपुं. (मध्य) ब्राह्मण माहण, बंभण पुं. (ब्रह्मन्) मनुष्य जण पु. (जन) मणूस पुं. (मनुष्य) विराजित विराजिअ कर्म भू. (विराजित) मन्त्र मंत पुं. नपुं. (मन्त्र) मन्त्री मांत पुं. (मन्त्रिन्) मरण, मोत, मृत्यु मरण नपुं. (मरण) मर्यादा मज्जाया स्त्री. (मर्यादा) भगवान भगवंत, भयवंत मस्तक मत्थय नपुं. (शिरस्) पुं. (भगवत्) सिर नपुं. (शिरस) भगवती अंग भगवई-अंग सीस पुं. नपुं. (शीर्ष) नपुं. (भगवती-अङ्ग) महात्मा महप्प पुं. (महात्मन्) भ्रमर भसल, भमर पुं. (भ्रमर) भौंरा महामन्त्री महामंति पुं. (महामन्त्रिन्) भय भय नपुं. (भय) महोत्सव महोच्छव, महूसव, महोसव भरतक्षेत्र भरहखेत नपुं. (भरतक्षेत्र) पुं. (महोत्सव) भव्यजीव भव्यजीव पुं. (भव्यजीव) माता मायरा माउ स्त्री (मात) भाई भायर, भाउ पुं. (भ्रातृ) मान माण पुं. (मान) भाव भाव पुं. (भाव) मानना मन्नू (मन्य) भिक्षु भिक्खु पुं. (भिक्षु) माया माया स्त्री. (माया) २८३

Loading...

Page Navigation
1 ... 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326