Book Title: Aao Prakrit Sikhe Part 01
Author(s): Vijaykastursuri, Vijayratnasensuri
Publisher: Divya Sandesh Prakashan

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Page 309
________________ शयन सज्जा, सेज्जा स्त्री. (शय्या) सब सयल वि. (सकल) शरण सरण नपुं. (शरण) सव्व वि. (सर्व) शरीर सरीर नपुं. (शरीर).. - सब से बड़ा जेट्ट, जिट्ठ वि. (ज्येष्ठ) देह पुं. नपुं. (देह) सभा सहा स्त्री. (सभा) शस्त्र सत्य नपुं. (शस्त्र) समर्थ समत्थ वि. (समर्थ) शान्ति (जिन) संति स्त्री. (शान्ति) समवसरण समोसरण, समवसरण शिखर सिहर नपुं. (शिखर) .. नपुं. (समवसरण) शिष्य सीस पुं. (शिष्य) समाधि समाहि स्त्री. (समाधि) शील सील नपुं. (शील) समान समाण वि. (समान), शुभकर्म सुह नपुं. (शुभ) सरिस वि. (सदृश). श्मशान सुसाण, मसाण नपुं. सरिच्छ, सरिक्ख वि. (सदृक्ष) (श्मशान) समुदाय विंद, बुंद पुं. (वृन्द) श्रद्धा सद्धा, सड्ढा स्त्री. (श्रद्धा) वग्ग पुं. (वर्ग) श्रवण सवण नपुं. (श्रवण) समुद्र समुद्द पुं. (समुद्र) सुनना सागर पुं. (सागर) श्रावक सावग पुं. (श्रावक) सम्यक्त्व सम्मत्त नपुं. (सम्यक्त्व) श्रेष्ठ मह, महंत वि. (महत्) दंसण नपुं. (दर्शन) सरस्वती सरस्सई स्त्री. (सरस्वती) स सरोवर सर पुं. नपुं. (सरस्) संघ संघ पुं. (सङ्घ) सर्प सप्प पं. (सर्प) संतोष संतोस पुं. (सन्तोष) सर्वज्ञ सवण्णु वि. (सर्वज्ञ) संयम संजम पुं. (संयम) सर्वत्र, सब जगह सव्वत्थ, सवहि, संसार संसार पुं. (संसार) सव्वह अ. (सर्वत्र) संसारचक्र संसारचवक नपं सहेली, सखी, सही स्त्री (सखी) (संसारचक्र) साक्षात् पच्चक्ख वि. (प्रत्यक्ष) सज्जन सज्जण पुं. (सज्जन) सक्खं अ. (साक्षात्) सत्य सच्च नपुं. (सत्य) साथ में सह अ. (सह) सत्यमार्ग सच्चमग्ग पुं. (सत्यमार्ग) . सद्धिं अ. (सार्धम्) सत्यवादी सच्चवय वि. (सत्यवद) साधर्मिक साहम्मिअ वि. (साधर्मिक) सफल सहल, सभल वि. (सफल) साधु साहु पुं. (साधु) २८६

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