Book Title: Aao Prakrit Sikhe Part 01
Author(s): Vijaykastursuri, Vijayratnasensuri
Publisher: Divya Sandesh Prakashan

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Page 308
________________ लोभ लोह पुं. (लोभ) विधाता धायार, धाउ पुं. (विधातृ) लोभी लोद्धअ पुं. (लुब्धक) विधि विहि पुं. (विधि) विनय विणय पुं. (विनय) . व विपरीत विवरीअ, विवरिअ वि. वक्त समय पुं. (समय) (विपरीत) काल पुं. (काल) विमान विमाण पुं. नपुं. (विमान) वगैरह आइ पुं. (आदि) वियोग विओग पं. (वियोग) वचन वयण पुं. नपुं. (वचन) विरुद्ध विरुद्ध वि. (विरुद्ध) वडील, बड़ा गुरु, गुरुअ वि. (गुरु) वन रण्ण, अरण्ण नपुं. (अरण्य) विष विस पं नपं. (विष) वण नपुं. (वन) विह्वल विब्भल, विहल वि. (विह्वल) वनस्पति वणस्सइ, वणप्फइ स्त्री. वीतराग वीयराग पुं. (वीतराग) (वनस्पति) वीर वीर पुं. (वीर) वर्ष वरिस, वास पुं. नपुं. (वर्ष) वृद्धावस्था वुड्ढत्तण नपुं. (वृद्धत्व) वर्षधर वासहर पुं. (वर्षधर) वेदना वेयणा, वियणा स्त्री. (वेदना) वसन्त ऋतु वसंत पुं. (वसंत) वेश्या वेसा स्त्री. (वेश्या) वसंतरिउ स्त्री. (वसन्त-ऋतु) वैद्य वेज्ज पुं. (वैद्य) वसति वसहि, वसइ स्त्री. (वसति) वैयावच्च वेआवच्च नपुं. (वैयावृत्त्य) वस्त्र वत्थ नपुं. (वस्त्र) वैराग्य वेरग्ग पुं. (वैराग्य) वही सच्चिअ, तं चिय अ. (स एव, वैसा तारिस वि. (तादृश) तदेव) व्याकरण वागरण, वायरण, वारण वहाँ तहिं, तहि, तह, तत्थ अ. (तत्र) नपुं. (व्याकरण) वाघ वग्घ पुं. (व्याघ्र) व्याख्यान वक्खाण नपुं. (व्याख्यान) वाचाल मुहर वि. (मुखर) व्याधि वाहि पुं. (व्याधि) वाणी वाणी स्त्री. (वाणी) व्यापार वावार पुं. (व्यापार) वाया स्त्री. (वाच्-वाचा) व्रत वय पुं. नपुं. (व्रत) वात्सल्य वच्छल्ल नपुं. (वात्सल्य) वासुदेव वासुदेव पुं. (वासुदेव) विद्याधर विज्जाहर पुं. (विद्याधर) विद्यार्थी विज्जस्थि पं (विद्यार्थिनी- शत्रु सत्तु पु. (शत्रु) विद्वान विउस वि. (विद्वस्) . रिउ पुं. (रिपु) शब्द सद्द पुं. (शब्द) . . - २८५ LR

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