Book Title: Aao Prakrit Sikhe Part 01
Author(s): Vijaykastursuri, Vijayratnasensuri
Publisher: Divya Sandesh Prakashan
View full book text
________________
( भिक्खु पुं. (भिक्षु)
सुविण पुं. नपुं. (स्वप्न) जइ पुं. (यति)
स्वर्ग सग्ग पं. (स्वर्ग) ( समण पुं. (श्रमण)
स्वाध्याय सज्झाय पुं. (स्वाध्याय) सिंह सिंघ, सीह पुं. (सिंह) स्वामी सामि पुं. (स्वामिन्) सिद्ध सिद्ध पुं. (सिद्ध) सिद्धराज सिद्धराय पुं. (सिद्धराज) सिद्धहेम सिद्धहेम नपुं. (सिद्धहेम) हमेशा सइ, सया अ. (सदा) सिद्धाचल सेत्तुंज पुं. शत्रुअय हमारे जैसा अम्हारिस सर्व
सिद्धगिरि पुं. (सिद्धगिरि) (अस्मादृश) सिवा विणा अ. विना
हरण करना हरण नपुं. (हरण) सुन्दर सोहण वि. (शोभन)
हल्का लहु, लहुअ वि. (लघु) मणोज्ज-मणोण्ण वि. (मनोज्ञ)
तुच्छ वि. (तुच्छ) सुवर्ण सुवण्ण नपुं. (सुवर्ण)
हाथ हत्थ पुं. (हस्त) सुख सुह नपुं. (सुख)
हाथी हत्थि पुं. (हस्तिन्) सुखपूर्वक सुहेण तृ. एकव. (सुखेन) हार, माला हार पं. (हार) सुखी सुहि वि. (सुखिन्)
हित हिअ वि. (हित) सुनकर सुणिऊण संबं . भू. (श्रुत्वा) हृदय हिअय, हिअ नपुं. (हृदय) सूत्र सुत्त नपुं. (सूत्र)
हेमचंद्रसूरि हेमचन्द्रसूरि पुं. सुअ नपुं. (श्रुत)
(हेमचन्द्रसूरिन्) सत्थ नपुं. (शास्त्र)
होशियार, प्रवीण अहिण्णु वि. (अभिज्ञ) सेना सेणा स्त्री. (सेना)
निउण वि. (निपुण) सेवा सेवा स्त्री. (सेवा) सोनी सुवण्णगार पुं. (सुवर्णकार) सोना हेम नपुं. (हेमन्) स्तुति थुइ स्त्री (स्तुति) स्त्री इत्थी, थी स्त्री. (स्त्री) स्तोत्र थोत्त नपुं. (स्तोत्र) स्थिर थिर वि. (स्थिर) स्नेह नेह, सिणेह पुं. (स्नेह) स्वप्न सिमिण, सिविण, सुमिण,
२८७

Page Navigation
1 ... 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326