Book Title: Aao Prakrit Sikhe Part 01
Author(s): Vijaykastursuri, Vijayratnasensuri
Publisher: Divya Sandesh Prakashan
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हिन्दी-प्राकृत धातुकोष
अ
... --- अब्भस् (अभ्यस्) अभ्यास करना अइक्कम् (अति + क्रम्) उल्लंघन सीखना करना
अब्भुद्धर् (अभि + उद् + धृ) उद्धार अइ + चर् (अति + चर) अतिचार करना। लगाना
. अभि + नंद् (अभि + नंद) प्रशंसा अइ + वाय् (अति + पात्) जीवहिंसा करना करनी
अभि + निक्खम् (अभि + निष् + क्रम्) अई-णी (गम्) जाना
संयम के लिए घर से निकलना अक्कम् (आ + क्रम्) दबाना, आक्रमण
अभि + सिंच (अभि + सिञ्च) अभिषेक
करना करना
अरिह (अर्ह) लायक होना, योग्य होना, अग्घ् (अर्घ) आदर करना, सम्मान
पूजा करना करना, किम्मत करना
अल्ली (आ + ली) आश्रय करना, अग्घ् (राज्) शोभा देना
आलिंगन करना, प्रवेश करना अच्च् (अर्च) पूजा करना
अव + गण (अव + गण) अनादर अच्छ् (आस्) बैठना
करना, अपमान करना अड्-अट्-(अट) अटन करना, अव + ने (अप + नी) दूर करना भटकना
अव + मन्न (अव + मन्य) अवज्ञा अणु + जाण् (अनु + ज्ञा) अनुमति करनी, अपमान करना देना, सम्मति देना
अव + लंब् (अव + लम्ब) आश्रय अणु + भव् (अनु + भू = भव्) जानना, लेना, सहारा लेना अनुभव करना
अविक्ख्-अवेक्ख् (अप + ईक्ष) अपेक्षा अणु + या-अणु + जा (अनु + या) रखनी, परवाह करना, इच्छा करनी अनुसरना
अवे (अव + इ) जानना अणु + सर (अनु + सर्) अनुसरना अवे (अप + इ) दूर होना, पीछे हटना अणु + सास् (अनु + शास) सीख अस् (अस्) होना। देना, उपदेश देना, आज्ञा करना, अहिज्ज् (अधि + इ) पढ़ना, अभ्यास शिक्षा करना
करना । अप्प्-पणाम् (अर्पय्) अर्पण करना, भेंट
अहि + लस् (अभि + लष्) इच्छा
करनी देना
२८८ -
ॐ

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