Book Title: Aao Prakrit Sikhe Part 01
Author(s): Vijaykastursuri, Vijayratnasensuri
Publisher: Divya Sandesh Prakashan

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Page 305
________________ पाप पाव नपुं. (पाप) प्रद्युम्न पज्जुण्ण पुं. (प्रद्युम्न) दुरिअ नपुं. (दुरित) पाप प्रभावः पहाव पुं. (प्रभाव) पापा पाव पु. (पाप) - प्रभात पच्चूस-ह पुं. (प्रत्यूष) प्रे. (रक्षय, पालय) प्रभात में पए अ. (प्रगे) पालन करनेवाला पालग वि. (पालक) पालन किया जाता पालिज्जंत प्रभु पहु पुं. (प्रभु) कर्म . वर्त. (पाल्यमान) प्रमाद पमाय पुं. (प्रमाद) पिता पिअर, पिउ पुं. (पितृ) - प्रयोग पओग पुं. (प्रयोग) जणअ पुं. (जनक) प्रश्न पण्ह पुं. (प्रश्न) पुत्र पुत्त पुं. (पुत्र) सुअ पुं. (सुत) । प्राण पाण पुं. नपुं. बहुव. (प्राण) पुरुष पुरिस पुं. (पुरुष) प्राणान्ते जीवियंत पुं. (जीवितान्त) माणव पुं. (मानव) प्राणी पाणि पुं. (प्राणिन्) जण पुं. (जन) जंतु पुं. (जन्तु) पुष्प पुष्फ नपुं. (पुष्प) पुस्तक पुत्थय, पोत्थय पुं. नपुं. प्राप न प्राप्ति पत्ति स्त्री. (प्राप्ति) (पुस्तक) - प्रिय पिय वि. (प्रिय) ___गंथ पुं. (ग्रन्थ) प्रीति पीइ स्त्री. (प्रीति) पूजन अच्चण नपुं. (अर्चन) पूरा सयल वि. (सकल) फ पृथ्वी पुढवी, पुहवी स्त्री. (पृथिवी) फल फल नपुं. (फल) पिच्छी स्त्री. (पृथ्वी) फोकट, व्यर्थ मुहा अ. (मुधा), पेड़ वच्छ पुं. (वृक्ष) मोरउल्ला अ. (दे.) तरु पुं. (तरु) प्रकाश पयास पुं. (प्रकाश) प्रकाशना पयासग वि. (प्रकाशक) बगीचा उज्जाण नपुं. (उद्यान) प्रजा पया स्त्री. (प्रजा) बन्दर कवि पुं. (कपि) बन्धन बंधण नपुं. (बन्धन) प्रतिमा पडिमा स्त्री. (प्रतिमा) बन्धु बंधु पुं. (बन्धु) प्रतिक्रमण पडिवकमण नपुं . बहन बहिणी, भगिणी स्त्री. (भगिनी) (प्रतिक्रमण) बहरा बहिर वि. (बधिर) -२८२ -

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