Book Title: Aao Prakrit Sikhe Part 01
Author(s): Vijaykastursuri, Vijayratnasensuri
Publisher: Divya Sandesh Prakashan

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Page 301
________________ कपाल भाल नपुं. (भाल) ललाड, णडाल नपुं. (ललाट) (कर्तव्य) कमल पोम्म, पउम नपुं. पद्म. करने योग्य कायव्व वि. करना समायरण नपुं. ( समाचरण) करण नपुं. (करण) कर्ण कण्ण पुं. (कर्ण) कर्म कम्म नपुं. (कर्मन्) कर्मक्षय कम्मक्खय पुं. (कर्म-क्षय) कल्याण कल्लाण नपुं. (कल्याण) कसौटी निहस पुं. (निकष ) कहाँ कत्थ, कह, कहि, कहिं अ. अ. ( कुतः ) काम मयण पुं. (मदन) काम पुं. (काम) कारण कारण नपुं. (कारण) निमित्त नपुं. (निमित्त) हेउ पुं. (हेतु) कार्य कज्ज नपुं. (कार्य) काल काल पुं. (काल) समय पुं. (समय) काव्य कव्व नपुं. (काव्य) किसलिए, क्यों किं सर्व. (किम्) किसान हालिअ पुं. (हालिक) कीर्ति जस पुं. (यशस्) कुबेर वेसवण, वेसमण पुं. (वैश्रवण ) कुमारावस्था कुमारत्तण नपुं. (कुमारत्व) (कुत्र) कहाँ से कत्तो, कओ, कुदो, कुओ, क्षेत्र खेत्त नपुं. (क्षेत्र) ख कुरूप विरूप वि. (विरूप) कुत्ता, साण पुं. (श्वन्) कुशल वैद्य सुविज्ज पुं. (सुवैद्य) कृत्य किच्च नपुं. (कृत्य) कृपण किवण, किविण वि. (कृपण) कृपा किवा स्त्री. (कृपा) कृष्ण किण्ह, कण्ह पुं. (कृष्ण) विण्हु पुं. (विष्णु) केवलज्ञान केवलनाण नपुं. (केवलज्ञान) केवली केवलि पुं. (केवलिन) कोई भी कोवि अ. ( कोऽपि ) क्रोध-कोप कोह पुं. (क्रोध) कोव पुं. (कोप) कौरव कउरव पुं. (कौरव) क्षमा खमा स्त्री. (क्षमा) खन्ति स्त्री. ( क्षान्ति) २७८ खंड खंड पुं. नपुं. (खण्ड) खुश हुआ मोइअ कर्म. भू. (मोदित ) तुस्सिअ - तूसिअ कर्म भू. (तुष्ट) ग गणधर गणहर पुं. ( गणधर ) गति गइ स्त्री. (गति) गंभीर गंभीर वि. (गम्भीर) गरीब दीण वि. (दीन) गरुड गरुल पुं. (गरुड़) गान गाण नपुं. (गान) गिरनार उज्जयंत पुं. ( उज्जयन्त) घ घर घर पुं. (गृह) गेह नपुं. (गेह)

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