Book Title: Aao Prakrit Sikhe Part 01
Author(s): Vijaykastursuri, Vijayratnasensuri
Publisher: Divya Sandesh Prakashan

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Page 254
________________ 200 दुसय, बिसय, दो सयाइं नपुं. (द्विशत) = दो सौ 300 तिसय, तिण्णि सयाइं नपुं. (त्रिशत) = तीन सौ 400 चउसय, चत्तारि सयाइं नपुं. (चतुःशत) = चारसौ 500 पंचसय, पणसय नपुं. (पञ्चशत) = पाँचसौ 600 छसय नपुं. (षट्शत) = छहसौ 700 सत्तसय नपुं. (सप्तशत) = सातसौ 800 अट्ठसय, अडसय नपुं. (अष्टशत) = आठसौ 900 नवसय नपुं. (नवशत) = नवसौ (नौ सौ) 1000 सहस्स नपुं. (सहस्र) = हजार 10,000 दससहस्स, दहसहस्स नपुं. (दशसहस्र) = दस हजार अयुत-अजुअ नपुं. (अयुत) दस हजार. 1,00,000 सयसहस्स नपुं. (शतसहस्र) = एक लाख 1,00,000 लक्ख नपुं. (लक्ष) = एक लाख 10,00,000 दसलक्ख नपुं. (दशलक्ष) = दस लाख 1,00,00,000 कोडि स्त्री. (कोटि) = करोड़ 10,00,00,000 दसकोडि स्त्री. (दशकोटि) = दस करोड़ 100,00,00,000 सयकोडि स्त्री (शतकोटि) = सौ करोड़ 1000,00,00,000 सहस्सकोडि स्त्री. (सहस्रकोटि) = हजार करोड़ 100,00,00,00,000 लक्खकोडि स्त्री. (लक्षकोटि) = लाख करोड़ कोडाकोडि स्त्री. (कोटाकोटि) कोडाकोडी, क्रोड को क्रोड से गुना करने पर जो संख्या आती है वह । पलियोवम पुं. नपुं. (पल्योपम) पल्योपम, समय प्रमाण विशेष । सागरोवम पुं. नपुं. (सागरोपम) सागरोपम, समय प्रमाण विशेष, दस कोडाकोडी पल्योपम प्रमाण कालविशेष । 9. संख्यावाचक शब्दों के पहले सवाय-सट्ट-सद्ध-पाओण-पाउण-पोण शब्द रखने पर भी अपूर्णांक शब्द सिद्ध होते हैं । उदा. सवायपंच-अ वि. (सपादपञ्च-क) पाओणपंच-अ) वि. (पादोनपञ्च-क) सवा पाँच . पाउणपंच-अ पौने पाँच सडपंच-अ वि. (सार्धपञ्च-क) — पोणपंच-अ साढ़े पाँच -२३१

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