Book Title: Aao Prakrit Sikhe Part 01
Author(s): Vijaykastursuri, Vijayratnasensuri
Publisher: Divya Sandesh Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 258
________________ सट्ठिइम । ( षष्टितम) साठवाँ, 60 वाँ अम एगट्ठ (एकषष्टि) इकसठवाँ 61 वाँ बासट्ठ (द्वाषष्टि) बासठवाँ 62 वाँ तिसट्ठ (त्रिषष्टि) तिरेसठवाँ 63 वाँ चउसट्ठट्ठिम (चउषष्टष्टितम) चौंसठवाँ 64 वाँ पंचसट्ट (पञ्चषष्टि) पैंसठवाँ, 65 वाँ छासट्ठ (षट्षष्टि) छासठवाँ, 66 वाँ सत्तट्ठ (सप्तषष्टि) सड़सठवाँ, 67 वाँ " · 1 अडसठ्ठट्ठिम (अष्टषष्टष्टितम) अड़सठवाँ 68 वाँ एगूणसत्तर ( एकोनसप्तति) उनहत्तरवाँ, 69 वाँ सत्तर ( सप्ततितम) सत्तरवाँ, 70 वाँ सत्तरिअम } · एगसत्तर (एकसप्तति) इकहत्तरवाँ, 71 वाँ बावत्तर (द्विसप्तति) बहत्तरवाँ, 72 वाँ तिहत्तर (त्रिसप्तति) तिहत्तरवाँ, 73 वाँ चहत्तर (चतुःसप्तति) चौहत्तरवाँ, 74 वाँ पंचहत्तर (पञ्चसप्तति) पिचहत्तरवाँ, 75 वाँ छहत्तर (षट्सप्तति) छिहत्तरवाँ 76 वाँ सत्तहत्तर (सप्तसप्तति) सतहत्तरवाँ, 77 वाँ अट्ठहत्तर (अष्टसप्तति) अठहत्तरवाँ, 78 वाँ गूणासीय यम ( एकोनाशीतितम) उन्यासीवाँ, 79 वाँ असीइम (अशीतितम) अस्सीवाँ, 80 वाँ एगासीइम (एकाशीतितम) इक्यासीवाँ, 81 वाँ बासीइम (द्वयाशीतितम) बयासीवाँ, 82 वाँ तेयासीइम ( त्र्यशीतितम) तिरासीवाँ, 83 वाँ चउरासीइम (चतुरशीतितम) चौरासीवाँ, 84वाँ पंचासीइम (पञ्चाशीतितम) पिच्यासीवाँ, 85 वाँ छासीइम (षडशीतितम) छियासीवाँ, 86 वाँ सत्तासीइम ( सप्ताशीततितम) सत्तासीवाँ, 87 वाँ अट्ठासीयम (अष्टाशीततितम) अट्ठासीवाँ, 88 वाँ २३५

Loading...

Page Navigation
1 ... 256 257 258 259 260 261 262 263 264 265 266 267 268 269 270 271 272 273 274 275 276 277 278 279 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326