Book Title: Aao Prakrit Sikhe Part 01
Author(s): Vijaykastursuri, Vijayratnasensuri
Publisher: Divya Sandesh Prakashan

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Page 272
________________ ओहि-अवहि पुं. स्त्री. (अवधि) मर्यादा, कमल नपुं. (कमल) कमल का फूल हद, तीसरा अवधिज्ञान (रूपी पदार्थों कयग्घ वि. (कृतघ्न) नमकहराम का बोध करानेवाला अतीन्द्रिय ज्ञान) कम्म पुं. नपुं. (कर्मन्) काम, कर्म, क ज्ञानावरणीयादि आठ कर्म क सर्व. (किम्) कौन कयण्णु वि. (कृतज्ञ) कृतज्ञ, कअ-कड वि. (कृत) किया हुआ उपकार को जाननेवाला, कइ-कवि पुं. (कवि) कवि कयली-केली स्त्री. (कदली) केल कउरव पुं. (कौरव) कुरु देश में कया अ. (कदा) कब उत्पन्न (राजा), कुरु वंश में उत्पन्न कयाइ-कयाई कयाई अ. (कदाचित्) कउहा स्त्री. (ककुभ) दिशा किसी समय, कभी कए-कएण-कएणं अ. (कृते) वास्ते, करण नपुं. (करण) इन्द्रिय, कृति, निमित्त, लिए, के कारण । क्रिया, हेतु कंठ पुं. (कण्ठ) गला, घाँटी करुणाजुअ वि. (करुणायुत) दया कज्ज नपुं. (कार्य) जो किया जाय से युक्त वह, करने योग्य, प्रयोजन, उद्देश्य कलत्त पुं. नपुं. (कलत्र) स्त्री, भार्या कट्ठ नपुं. (काष्ठ) लकड़ी कला स्त्री. (कला) कला, विज्ञान कट्ठ नपुं. (कष्ट) दुःख, संकट, कष्ट कलि पुं. (कलि) कलियुग, कलह, कण्ण-पुं. (कर्ण) कर्ण. झगड़ा कणिट्ठ वि. (कनिष्ठ) छोटा, पुं. कल्ल नपुं. (कल्य) कल, गया हुआ छोटा भाई या आगामी दिन कण्ह-किण्ह पुं. (कृष्ण) वासुदेव कल्लिं-कल्ले अ. (कल्ये) आगामी कतार-कन्तु वि. (कर्तृ) कर्ता, दिन करनेवाला कल्लाण नपुं. (कल्याण) कल्याण, कत्तिअ पुं. (कार्तिक) कार्तिक मास शुभ, सुख , मंगल कत्तो-कृतो कओ, कुदो, कुओ. अ. कवड पुं. नपुं. (कपट) कपट, (कुतः) कहाँ से, किससे माया, शाठ्य कत्थ-कह-कहि-कहिं अ. (कुत्र-क्व) । कवल पुं. (कवल) कवल , ग्रास कवि पुं. (कपि) बन्दर कत्थइ-अ. (क्वचित्) कव्व नपुं. (काव्य) काव्य. कन्ना कन्नगा स्त्री. (कन्यका) कन्या, कासइ-कस्सइ अ. (कस्यचित्) लड़की , कुमारी किसी का कहाँ २४९

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