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2. सज्जन पुरुष आपत्ति में भी असत्य वचन नहीं बोलते हैं । 3. विद्यार्थियों को प्रभात में जल्दी उठकर मातापिता अथवा गुरु को
नमस्कार करके अपना अध्ययन करना चाहिए । 4. संसार के दुःखों को देखकर वह संसार से निर्वेद पाता है । 5. उस बालिका ने हाथरूप कमल द्वारा राजा के कपाल में तिलक किया । 6. किया है निदान जिन्होंने, उनको बोधि की प्राप्ति कहाँ से होगी ? 7. तीर्थंकर गम्भीर वाणी द्वारा समवसरण में देव-दानव और मनुष्यों की
परिषद् में देशना देते हैं जिसे सुनकर भव्यजीव दर्शन-ज्ञान और चारित्र
ग्रहण करते हैं तथा आहाररहित ऐसा मोक्षपद प्राप्त करते हैं। 8. जिनके हाथों में पुष्प हैं ऐसी नगर की कन्याओं ने पुरुषों में उत्तम ऐसे
राजा पर पुष्पों की वृष्टि की । 9. तीनों भुवन में सभी जीवों की अपेक्षा तीर्थंकर अनन्तरूपवाले होते हैं । 10. जिनके पास में संयमरूपी धन है वैसे साधुओं को परलोक का भय नहीं
11. सिद्ध भगवन्तों को आहार-देह-आयुष्य और कर्म नहीं हैं इसलिए ही वे
अनन्त सुखवाले हैं। 12. जो विधि अनुसार मन्त्रों की आराधना करता है वह जरूर फल पाता है । 13. शक्ति का उल्लंघन किये बिना जो अहिंसा-संयम और तपरूपी धर्म में
उद्यम करता है वह संसाररूपी समुद्र से तिर जाता है । 14. अज्ञानरूपी अन्धकार से अन्ध जन के लिए ज्ञान ही उत्तम अंजन है । 15. जो कुमारपाल पहले सिद्धराज के भय से भटकता था, उसने
श्रीहेमचन्द्रसूरिजी की मदद से भय से मुक्त होकर राज्य प्राप्त किया । जिनके पास बहुत धन है, इस पर्वत पर सुन्दर जिनालय बनवाकर लोगों को सन्तुष्ट करके जिन्होंने बड़ी कीर्ति प्राप्त की है, वे ये वस्तुपाल और तेजपाल महामन्त्री हैं।
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