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पाठ - 24
सर्वनाम 10 वें पाठ में संक्षेप में सर्वनामों के रूप बताये थे । यहाँ विशेषतासहित सभी रूप बतायेंगे ।
अमु (अदस्) को छोड़कर सभी सर्वनाम अकारान्त हैं इसलिए उनके सामान्यरूप अकारान्त नामों के समान जानना चाहिए और अमु (अदस्) शब्द उकारान्त होने से उसके सामान्यरूप उकारान्त नामों के समान समझने चाहिए । 1. सर्वनामों के रूप तीनों लिंग में बनते हैं । 2. अम्ह (अस्मद्), तुम्ह (युष्मद) सर्वनाम के रूप तीनों लिंग में समान बनते
हैं । पुंलिंग प्रथमा बहुवचन में 'ए' प्रत्यय ही लगता है और षष्ठी बहुवचन में एसिं प्रत्यय विकल्प से लगता है । (३/५८)
उदा. सबे (प्रथमा बहुव.). सब्वेसिं, सव्वाण, सवाणं (षष्ठी बहुवचन) 3. 'एसिं' प्रत्यय लगाने पर पूर्वस्वर का लोप होता है । (३/६१)
उदा. त + एसिं = तेसिं (षष्ठी बहुवचन) 4. सप्तमी एकवचन में स्सि, म्मि, त्थ ये तीन प्रत्यय लगते हैं। 'एअ' और 'इम'
को छोड़कर सभी सर्वनामों को हिं प्रत्यय भी लगता है । (३/५९,६०) उदा. एअस्सि, एअम्मि, एत्थ (सप्तमी एकवचन)
तस्सि, तम्मि, तत्थ, तहिं (सप्तमी एकवचन) 5. विशेष = उभ-उह के रूप बहुवचन में बनते हैं और षष्ठी बहुवचन में
उहण्ह, उहण्हं, उभण्ह और उभण्हं रूप बनते हैं । अन्यरूप समान ही हैं । उदा. उमे, उभा (द्वि. बहुवचन) उहेण, उहेणं (तृतीया एकवचन)
अकारान्त पुंलिंग सब (सर्व) एकवचन
| बहुवचन प. सव्वो, सव्वे
सव्वे बी. सव्वं,
सव्वे सव्वा त. सव्वेण, सव्वेणं
सव्वेहिँ, सव्वेहिं, सव्वेहि च. सव्वाय, सव्वस्स, सव्वाए, | सव्वेसिं, सव्वाण, सव्वाणं पं. सव्वत्तो, सव्वाओ, सव्वाउ । | सव्वत्तो, सव्वाओ, सव्वाउ,
सव्वाहि, सव्वाहिन्तो . | सव्वाहि, सव्वाहिन्तो, सव्वासुन्तो,
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