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उदा. ह्रस्व का दीर्घ -
सत्तावीसा (सप्तविंशतिः) | अंतावेई (अन्तर्वेदिः) पईहरं । (पतिगृहम्) । वेलूवणं। (वेणुवनम्) पइहरं ।
| वेलुवणं । दीर्घ का ह्रस्व . जउँणअडं-जउँणाअडं (यमुनातटम्) लच्छीफलं-लच्छिफलं (लक्ष्मीफलम्) गयहत्थो-गयाहत्थो (गदाहस्तः) । नइसोत्तं-नईसोत्तं (नदी श्रोतः) गोरिहरं-गोरीहरं (गौरीगृहम्) वहुमुहं-वहूमुहं (वधूमुखम्) सिरीसरिसं, सिरिसरीसं (श्रीसदृशम्)| मायपिअरा (मातापितरौ)
1. दंद (द्वन्द्व) समास 4. एक मूल नाम का , अन्य एक या अनेक नामों के साथ समास होता है
अथवा अनेक नाम एक-एक के साथ जोड़कर बड़ा समास भी किया जा सकता है, वह द्वन्द्व समास कहलाता है । (इस समास में सभी नाम मुख्य
होते हैं अर्थात् क्रिया के करनेवाले होते हैं ।) 5. यह समास करने के लिए अ, य और कुछ स्थानों में च अव्यय का प्रयोग
किया जाता है। 6. द्वन्द्व समास बहुवचन में ही होता है और अन्तिम नाम की जाति पूरे
समास को लगती है | उदा. अजिअसंतिणो (अजितशान्ती) = अजिओ अ संती अ = अजितनाथ और शान्तिनाथ । उसहवीरा (ऋषभवीरौ) = उसहो अ वीरो अ = ऋषभदेव और वीरजिनेश्वर देवदाणवगंधब्बा (देवदानवगन्धर्वाः) = देवा य दाणवा य गन्धव्वा य =देव, दानव और गंधर्व । वानरमोरहंसा (वानरमयूरहंसाः) = वानरो अ मोरो अ हंसो अ = बन्दर, मोर और हंस । सावगसाविगाओ (श्रावकश्राविकेएँ) = सावगा अ साविगा अ = श्रावक और श्राविका । देवदेवीओ (देवदेव्यः) = देवा य देवीओ अ = देव और देवियाँ सासूबहूओ (श्वश्रूवध्वौ) = सासू अ वहू अ = सास और बहू
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