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पाठ - 13 (चालू) इकारान्त, उकारान्त पुंलिंग तथा नपुंसकलिंग नाम सत्तमी विभक्ति तथा संबोहण प्रत्यय (३/११, ३८,३७, २६, ८८) ___ एकवचन
बहुवचन स. म्मि, (सि)
सु,सुं सं. 0
प्रथमा अनुसार 1. संबोधन एकवचन में अन्त्य स्वर विकल्प से दीर्घ होता है । 2. नपुंसकलिंग संबोधन एकवचन में मूल रूप ही रहता है तथा बहुवचन में
प्रथमा विभक्ति के रूप के समान ही है । 3. अदस् शब्द का प्राकृत में अमु आदेश होता है और उसके रूप उकारान्त नाम के समान होते हैं ।
मुणि (मुनि) मुणिम्मि, मुणिंसि मुणीसु, मुणीसुं हे मुणी, मुणि
मुणउ, मुणओ, मुणिणो, मुणी
साहु (साधु) साहुम्मि, साहुंसि | साहूसु, साहूसुं हे साहू, साहु साहवो, साहउ, साहओ, साहुणो, साहू
दहि (दधि) दहिम्मि, दहिंसि
दहीसु. दहीसुं सं. हे दहि
दहीइं, दहीइँ, दहीणि
महु (मधु) महुम्मि, महुंसि
महूसु, महूसुं हे महु
महूइं, महू', महूणि
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