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15. पुत्ताणं सलाहं न काहं
16. तीए मालाए सप्पो अत्थि, जइ मालं फासिहिसे तया सो डहिस्सइ ।
17. कल्ले पुण्णिमाए मयंको अईव विराइहिइ ।
18. विज्जत्थिणो अज्झयणाय पाढसालं जाज्जाहिरे ।
19. अहुणा अम्हे पवयणस्स आलावे गणिहित्था ।
20. अम्हे वाणिज्जेण धणिणो होइहिमो, तुम्हे नाणेण पंडिआ होस्सह । 21. धम्मेण नरा सग्गं सिवं वा लहिस्सन्ति ।
22. अज्ज समोसरणे सिरिवद्धमाणो जिणिंदो देसणं काही, तत्थ य बहुणो भव्वा बोहिं अदुव देसविरइं अदुवा सव्वविरइं च गिण्हेहिरे ।
23. जइ तुम्हे सुत्ताणि भणेज्जा तया गीयट्ठा होज्जाहित्था ।
24. कल्लम्मि धम्मं काहामि त्ति सुविणतुल्लमि जियलोए को णु मन्नइ ? | 25. जिणधम्माओ अन्नह सम्मं जीवदयं न पासेस्सह । 26. कलिम्मि पविट्ठे मुणीणं, आगमत्था गलिहिन्ति ।
आयरिआ वि सीसाणं, सम्मं सुअं न दाहिंति ||1|| 27. नरवइणो कुटुंबिणा सह जुज्झिस्सन्ति ।
28. जे जिणपडिमं, सिद्धालयं वा पूइस्सन्ति ताणं घरं थिरं होही । नवि अत्थि न वि होही, पाएण तिहुवणम्मि सो जीवो । जो जुव्वणमणुपत्तो, वियाररहिओ सया होइ ||1||
29.
प्राकृत में अनुवाद करें
तुम पापों की निन्दा करोगे तो सुखी होंगे ।
हम नौका में बैठेंगे और सरोवर में क्रीड़ा करेंगे ।
हम स्वामी के लिए माला गूंथेंगे ।
वह लोभी है इसलिए ब्राह्मणों को धन नहीं देगा ।
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5. स्वप्न में चन्द्र ने मुख में प्रवेश किया इसलिए तू राज्य पायेगा । बोधि के लिए हम जिनेश्वर के चरित्र सुनेंगे ।
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7. गिरनार में बहुत वनस्पतियाँ हैं । जब मैं वहाँ जाऊँगा तब देखूँगा ।
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