Book Title: Yatindravihar Digdarshan Part 03
Author(s): Yatindravijay
Publisher: Saudharm Bruhat Tapagacchiya Shwetambar Jain Sangh
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________________ ( 16 ) १-"श्रीवुहाडानगरे समवायसंघमुख्यश्रीसमस्तसंघेन श्रीगोडी-पार्श्वनाथना पादुका कारिता. सकलभट्टारकपुरन्दरश्रीविजयजिनेन्द्रसूरीश्वरोपदेशात् समस्तवाचकचक्रचूडामणि-महोपाध्याय श्रीलाभविजय तच्छिष्य पंडित श्रीसौभाग्यविजय तच्छिष्य मुनिसिंहैः प्रतिष्ठिता, सं० 1845 माहसुदि 10 सोमवारे।" इसके दहिने तरफ ऋषभदेवमन्दिर है, जिसमें मूलनायक श्रीऋषभदेव की श्यामवर्ण सवा हाथ बडी प्रतिमा विराजमान है। इसके दोनों पसवाडे श्वेतवर्ण एक एक हाथ बडी शीतलनाथ और अनन्तनाथ की मूर्ति स्थापित है। मूलनायक की पालगटी का लेख नीचे मुताबिक है 2-" सं० 1951 माघशुक्ले पंचम्यां श्रीबीजोवानगरसंघेन श्रीऋषभबिंब कारापितं, भद्दारक विजयराजसूरिभिः प्रतिष्ठितं, श्रीमत्तपागच्छे श्रीवरकाणातीर्थे / " इस मन्दिर के नीचे की शाला कालन्द्री गाँववाले शा० भावाजी रगाजीने सं० 1975 श्रावणवदि 7 के दिन सरूपसिंहजी ठाकुर के समय में बनवाई है / प्रवेशद्वार के वायें तरफ का कारखाना सं० 1978 फाल्गुन वदि 13 शुक्रवार के दिन कालंद्रीवाले शा० पदमाजी