Book Title: Yatindravihar Digdarshan Part 03
Author(s): Yatindravijay
Publisher: Saudharm Bruhat Tapagacchiya Shwetambar Jain Sangh
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________________ ( 169 ) पालणपुर शांतिनाथ मंदिर (नोट में). ८-सं० 1747 वैशाखसुदि 6 शुक्रवार के दिन पालनपुर के समस्त संघने शान्तिनाथ प्रासाद का उद्धार कराया और पं० नयविजयगणि शिष्य मोहनविजयगणिने उसकी प्रतिष्ठा की। ९-संवत 1331 वैशाखवदि 4 के दिन कोरंटकगच्छीय जिनालय (शांतिनाथ-प्रसाद) में सेठ जगपाल भार्या जसमा के पुत्र वीराकने माता के श्रेय के वास्ते श्रीसीमंधरस्वामी का बिम्ब कराया और स्थापन किया। १०-समस्त श्रावक श्राविका समुदायने सत्तरिसय जिनप्रतिमा (पट्टक) कराया और उसकी कोरंटकगच्छीय श्रीमानाचार्यसंतानीय श्री सर्वदेवमूरिने प्रतिष्ठा की / लीबड़ी शान्तिनाथ मंदिर ११-संवत् 1893 माघसुदि 10 बुधवार के दिन बम्बइ वास्तव्य ओशवाल ज्ञातीय वृद्धशाखीय नाहटागोत्रीय सेठ करमचंद, उनके पुत्र सेठ अमीचंदने श्रीबाहुजिन का बिम्ब कराया और उसकी प्रतिष्ठा पालीताणा नगर में खरतरपिप्पलियागच्छीय जं० यु० भ० श्रीजिनचन्द्रसरि की विद्यमानता में जं० यु० भ० श्री जिनभद्रसरिजीने की।