Book Title: Yatindravihar Digdarshan Part 03
Author(s): Yatindravijay
Publisher: Saudharm Bruhat Tapagacchiya Shwetambar Jain Sangh
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________________ ( 138 ) रंगपर और बेला इन तीन गाँवों के जैनोंने मिलके यह एकही मन्दिर कायम किया है / पर्युषणादि पर्वदिवसों में तीनों गाँववाले यहाँ इकट्ठे होकर पर्वाराधना करते हैं। गाँव से लगते ही बाहर एक तालाव है, जिसमें बारहो मास जल भरा रहता है और सारा गाँव इसी तलाव का जल पीता है। 33 रंगपर____ यह भी मोरबी ताबे का गाँव है, जो 873 मनुष्यों की आबादीवाला है / इसमें वीसा श्रीमाली मूर्तिपूजक जैनों के 9 घर हैं, जो धर्मपिपासु, विवेकी और जैन साधु साध्वियों के पूर्ण भक्त हैं / गाँव के नाके पर शंकर की धर्मशाला है, जो उतरने के लिये अच्छी है। 34 जेतपुर-- मोरबीस्टेट के तालुके का यह मुख्य गाँव है और इसकी आबादी 2144 मनुष्यों की है। गाँव से पूर्व बड़ा तालाव है, जो बारहो मास जलपूर्ण रहता है / यहाँ एक स्थानक, एक उपाश्रय और उस उपाश्रय के एक कमरे में श्रीपार्श्वनाथ की तस्वीर दर्शनार्थ रक्खी हुई है। इसमें दशा श्रीमाली मूर्तिपूजक जैनों के 10, और स्थानकवासी के 4 घर हैं, जिनमें परस्पर द्वेष, ममत्वभाव, और कलह अत्यधिक है।