Book Title: Yatindravihar Digdarshan Part 03
Author(s): Yatindravijay
Publisher: Saudharm Bruhat Tapagacchiya Shwetambar Jain Sangh
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________________ ( 145) नहीं करता / इस कार्य में इसने अपने चार साधक भी तैयार कर रक्खे हैं, वे साधुओं के उतारे के चोतरफ टाइम बेटाइम ताकते रहते हैं और मौका पाकर उपकरण उठा ले जाते हैं। 42 भीमासर___ अंजार जानेवाली सडक के दहिने तरफ यह गाँव है, इसमें कणबी, आयर जाति के 150 घर हैं, जो स्वामिनारायण पंथ के माननेवाले हैं / इसको भीमसिंह जाडेजाने वसाया है, इसके पास चकाशा सरोवर है, जिसमें दो वर्ष तक जल नहीं खुटता / इसकी पाल परचकाशापीर का थान भी है, इसीसे इस तालावका नाम 'चकाशासरोवर' रक्खा गया है। इस गाँव में न जैन का घर और न साधुओं के उतरने योग्य कोई स्थान है। 43 अंजार भुजरियासत के तालुके का यह मुख्य शहर है, जो चोतरफ मजबूत कोट से घिरा हुआ है और इसके 1 गंगावाला, 2 सवासर, 3 सोरठिया, 4 देवलिया, 5 वरसामेडी, ये पांच दरबाजे हैं / इसको सं० 1602 में रावश्री खेंगारजी प्रथमने वसाया है, और वर्तमान में इसकी आबादी 13510 मनुष्यकी है जिनमें, 6434 पुरुष और 7076