Book Title: Yatindravihar Digdarshan Part 03
Author(s): Yatindravijay
Publisher: Saudharm Bruhat Tapagacchiya Shwetambar Jain Sangh
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________________ (158 ) वाला है / शहर में पोस्टऑफिस, तारऑफिस और पास ही में रेल्वेस्टेशन भी है। यहाँ 2 उपाश्रय और एक शिखरबद्ध जिनालय है, जिसमें मूलनायक श्रीवासुपूज्यस्वामी की श्वेतवर्ण 2 फुद् बडी प्रतिमा स्थापित है / वीसा श्रीमाली के 4 और दशा श्रीमाली के 30 एवं चोंतीस घर मंदिरमार्गी तथा 14 घर स्थानक वासी के हैं। 54 ढवाणा हलवद तालुके का यह छोटा गाँव है, जो कंकावटी नदी के वांये तटपर आबाद है / इसमें एक उपाश्रय और दशा श्रीमाली जैनों के 10 घर हैं, जो भावुक हैं। यहाँ से ध्रांगध्रा सात कोश है और वीचमें 2 कोश पर जीवा गाँव आता है, जिसमें जैनों के पांच घर हैं। 55 कोंढ ध्रांगध्रा रियासत का यह कसबा है, जिसमें दशा श्रीमाली जैनों के 40 घर आबाद हैं, जिनमें पांच घर लोंकागच्छ और शेष तपागच्छ के हैं / यहाँ दो उपासरा, एक धर्मशाला और एक छोटे शिखरवाला जिनालय है, जिसमें .2 फुट बडी श्रीपार्श्वनाथ की प्रतिमा विराजमान है। 56 करमाद___ यहाँ राजपूत, सथवारा और कणबी आदि कास्त