Book Title: Yatindravihar Digdarshan Part 03
Author(s): Yatindravijay
Publisher: Saudharm Bruhat Tapagacchiya Shwetambar Jain Sangh
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________________ (142 ) 38 ललियाणा भुजनरेशाश्रित भचाऊ तालुके का यह गाँव है और यहाँ वीसा श्रीमालीजैनों के 12 घर हैं, जो अच्छे भक्ति भाववाले हैं। एक अच्छा उपाश्रय भी है, उसके एक कमरे में प्रभु तस्वीरें दर्शनार्थ रक्खी हैं, यहाँ के जैन तस्वीरों के हमेशां दर्शन-पूजन करते हैं। 39 बोंध भचाऊतालुके का यह अच्छा गाँव है और इसका चारो तरफ का जंगली-प्रदेश भरपूर खारीवाला है, जिसमें दो चार कोश चलने पर पैरों में खून झरने लगता है / यहाँ के निवासी लोग पैरों में तेल लगा कर हिरते फिरते हैं और चूकते मनुष्य स्त्रियों के पैर फटने से बेडोल दिखाई देते हैं। यह गाव चीत्रोडी से भुज जानेवाली सडक के वांये तरफ आबाद है / इसके पास छोटी छोटी पहाडी टेकरियां हैं। जिन में से थोडा थोडा खारा पानी झरता रहता है। चातुर्मास में इस गाँव के चोफेर पानी भर जाता है, जिससे लोग गांव के किनारे (फला) पर ही जंगल (टट्टी) जाते हैं / यहाँ मक्खियों की अनहद उत्पत्ति है, इतनी मक्खियां दूसरे किसी गांव में नहीं देखी गई और इसीसे यहाँ के लोग रोगी तथा फीके चहरेवाले हैं। इसमें वीसा श्रीमालीजैनों के 10 घर, दो