Book Title: Yatindravihar Digdarshan Part 03
Author(s): Yatindravijay
Publisher: Saudharm Bruhat Tapagacchiya Shwetambar Jain Sangh
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________________ ( 130 ) 25 खोराणा वांकानेर तावे का यह छोटा गाँव है और इसके पास राजकोट से वांकानेर जानेवाली रेल्वे का छोटा स्टेशन है / इसमें दशा श्रीमालीजैनों के 3 घर और एक छोटास्थानक है, जो आर्याओं को उतरने के लिये दिया जाता है, मुनिराजों को नहीं। . 26 तिथवा इसमें मुसलमानों की आबादी अधिक है, जो कास्त कारी का धंधा करते हैं। यहाँ दशा श्रीमाली स्थानकवासी जैनों के 7 घर हैं, जो मूर्तिपूजक साधु साध्वियों के निंदक और द्वेषी हैं / इस गाँव की जैनस्त्रियों में मुसलमानों के साथ परिचय अधिक देख पडता है। 27 जडेश्वर वांकानेर और मोरबी की सरहद पर यह वैष्णवों का तीर्थस्थान है, जो एक छोटी टेकरी पर स्थित है / चोतरफी विशाल धर्मशाला के कम्पाउन्ड में सिखरबद्ध शंकर का देवालय है, जो संगमरमर और पचरंगी स्टालों से सजा हुआ है / यहाँ प्रतिसोमवार के दिन राजकोट, वांकानेर, टंकारा और मोरबी आदि शहरों से हजारों जैन जैनेतर मोटरों में दशनार्थ आते जाते हैं। श्रावण में