Book Title: Yatindravihar Digdarshan Part 03
Author(s): Yatindravijay
Publisher: Saudharm Bruhat Tapagacchiya Shwetambar Jain Sangh
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________________ ( 128 ) पत्तनादिसंघेन नवीनप्रासादकारापितं प्रासादमध्ये प्राचीनप्रतिमा स्थापिता प्रतिष्ठिता श्रीचन्द्रप्रभजिनबिंबं / " ___ गोंडलसंस्थान का कुल विस्तार 1024 चोरस माइल का है और संस्थान की कुल जनसंख्या 205846 मनुष्यों की है, जिनमें 103758 पुरुष और 102088 स्त्रियाँ हैं / इस संस्थान में 1. गोंडल, 2 कोलिथड, 3 सुलतानपुर, 4 सरसाइ, 5 धोराजी, 6 पाटणवाव, 7 उपलेटा, और 8 मायावदर ये आठ महाल ( तालुके ) के सदर शहर हैं, जिनके नीचे कुल 175 गाव है और उनमें सूतीकपडा बुनने की 1300, ऊनीकपडा बुनने की शाला 62, शण-रेशमी कपडा बुनने की शाला 6, गुजराती निशालें 154, गुजराती कन्याशाला 3, पाठशाला 1, गामठी निशाले 26, और उर्दुमदर्से 23 हैं, जिनमें अंदाजन 18 हजार विद्यार्थी अभ्यास करते हैं और इनके लिये गोंडलस्टेट के तरफ से अन्दाजन दो लाख रुपया प्रतिवर्ष खर्च किया जाता है। 23 रीबडा गोंडल से उत्तर में 12 माइल दूर राजकोट जानेबाली सडक के वांये किनारे पर लगते ही यह गाव है, जो विस्तार में 2970 एकर भूमि और इसकी जनसंख्या 855 है। इसमें श्रीमालीजैनों के 3 घर हैं, जो दशा श्रीमाली और बिलकुल गरीब हैं।