Book Title: Yatindravihar Digdarshan Part 03
Author(s): Yatindravijay
Publisher: Saudharm Bruhat Tapagacchiya Shwetambar Jain Sangh
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________________ ( 132 ) जयं मूलमिति प्राहुः, कारणं चेति तद्विदः / जगजन्मादिहेतुत्वात् , वदतीमं जटेश्वरम् // 3 // सं० 1869, शाके 1734, फाल्गुनशुक्ला 12 शनी, पुष्यनक्षत्रे आयुष्ययोगे बालवकरणे सूर्योदयादिष्टघटी 15/21 समये प्रासादप्रतिष्ठा, इष्टदास्तु / 28 हडमतियो___ मोरबीरियासत का यह छोटा गाँव है। इसकी आबादी 200 घरों की हैं, जिनमें वीसा श्रीमाली जैनों के 10 घर हैं, जो स्थानकवासी हैं / परन्तु मन्दिरमार्गी साधु साध्वियों को यहाँ आहारपानी मिलने की दिक्कत नहीं है, और ठहरने के लिये एक छोटा स्थानक भी है। 29 लजाई___ मोरबी ताबे का अच्छा गाँव है, और इसकी जनसंख्या 1126 है / इसमें वीसाश्रीमाली जैनों के 20 घर हैं, जो स्थानकवासी संप्रदाय के होने पर भी मन्दिरमार्गी साधु साध्वियों के अच्छे भक्त हैं / लेकिन यहाँ गर्मपानी कम मिलता है, सर्वत्र धोवन का जल व्होराने का प्रचार है / गाँवमें ठहरने के लिये अच्छा स्थानक भी है। 30 वीरपुर. यह 707 मनुष्यों की आबादीवाला मोरबीताबे का