Book Title: Yatindravihar Digdarshan Part 03
Author(s): Yatindravijay
Publisher: Saudharm Bruhat Tapagacchiya Shwetambar Jain Sangh
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________________ ( 37 ) और एक शिखरबद्ध जिनालय है, जिसमें श्रीपार्श्वनाथ की छोटी भव्य और प्राचीन प्रतिमा विराजमान है। 24 देबोज कटोसनरोड से वीरमगाँव जानेवाली रेल्वे लाइन से आधा माइल पश्चिम यह गाँव है / यहाँ श्रीमालजैनों के 12 घर, एक उपाश्रय, और एक जिनमन्दिर है, जिसमें श्रीपार्श्वनाथ की भव्य प्रतिमा स्थापित है। 25 वणी.. वीरमगाम तालुके का यह छोटा गाँव है, जो वणीरोड से दो माइल पश्चिम वसा है / गाँव के बाहर अच्छा तालाव हैं जिसमें बारहो मास जल भरा रहता है / इस गाँव के बाद साँवली, ढांकी और लीलापुर इन तीनों गाँवों के कुओं का जल खारा ( अपेय ) है। ग्रीष्मकाल में तो खारा जल भी दुष्प्राप्य ही समझना चाहिये / अस्तु, यहाँ श्रीमालजैनों के 9 घर, एक छोटा उपासरा और एक जिनगृहालय है। 26 लीलापुर- इसमें श्रीमालजैनों के भावशून्य 15 घर, एक उपासरा और एक गृहजिनालय है जिसमें एक हाथ बडी श्वेतवर्ण ऋषभदेवजी की प्रतिमा स्थापित है / इस गाँव का