Book Title: Yatindravihar Digdarshan Part 03
Author(s): Yatindravijay
Publisher: Saudharm Bruhat Tapagacchiya Shwetambar Jain Sangh
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________________ ( 114) और श्रीशान्तिनाथ की पंचतीर्थी विराजमान हैं, जो विक्रमीय 15-16 वीं शताब्दी की प्रतिष्टित हैं / उपाश्रय की भींत पर इस प्रकार शिलालेख लगा है સ્વર્ગસ્થ પારેખ કરસનજી ગગજીના સુપુત્ર શ્રીયુત જેચંદભાઈ તથા શ્રીયુત વિઠ્ઠલભાઈ તથા શ્રીયુત વીરજીભાઈએ આ ઉપાશ્રયને હોલ બંધાવરાવી શ્રીતપાગચ્છ સંઘને અર્પણ કર્યો છે. સંવત્ 1988 ના કારતિક સુદિ 11. 9 माऊं-झूझवा बगसरातालुके का यह गाँव है, इसमें वीसा श्रीमाली जैनों के 7 घर हैं, जो अच्छे भावुक हैं। एक उपाश्रय है, उसके एक जुदे विभाग में श्रीचन्द्रप्रभप्रभु की पंचतीर्थी स्थापित है, जो धातुमय और वणथली से यहाँ लाई गई है। 10 गलत जूनागढतालुके का यह छोटा गाँव है, जो नाम प्रमाणे गुणवाला है। यहाँ 1 उपाश्रय और साधारणस्थितिवाले वीसा श्रीमाली जैनों के पांच घर हैं जो नहीं जैसे हैं। 11 खारचिया जूनागढ जानेवाली सडक के दहिने किनारे पर यह गाँव है / इसमें वीसा श्रीमालीजनों के 10 घर जो अच्छे