Book Title: Yatindravihar Digdarshan Part 03
Author(s): Yatindravijay
Publisher: Saudharm Bruhat Tapagacchiya Shwetambar Jain Sangh
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________________ शीर्षशुक्ल 11 सोमवार (सन् 1933 ता० 27 नवम्बर) के दिन निकाला / इस संघ में हम तीन मुनि, कंचनश्री आदि चार साध्वियाँ और बागरा, सीयाणा, साथू, भूति, थराद आदि मारवाड-गुजरातदेशीय गाँवों के तीस श्रावक श्राविका साथ में थे, जिनका वाहन, चोकी, भोजन आदि का कुल खर्च संघपति प्रतापचंद धूराजीने स्वयं उत्साह पूर्वक किया था। निर्धारित मुहूर्त के अनुसार सिद्धक्षेत्र-श्रीपालीताणा से शुभलग्न-वेला में संघ का प्रयाण हुआ और क्रमशः प्रवर्त्तमाने दक्षिणारा. 11 9 मं. . यनगते भास्करे माच. 12 .१०श. 8 र. सोत्तममासे मार्ग शीर्षमासे शुक्लपक्षे 7 बु. तिथौ 11 घट्यः ४८।३,चन्द्रवासरे, उत्तराषाढा नक्षत्रे 5 के. घट्यः 13 / 46, सिद्धियोगे, बबकरणे घट्यः 18 / 21, सूर्योदयादिष्टनाड्यः 10 / 10 एवमादिपञ्चाङ्गशुद्धावत्रदिने कल्याणवतीवेलायां शा० प्रतापचन्द्रजी धूराजी सज्जित-श्रीकच्छभद्रेश्वरतीर्थयात्रालघुसंघस्य प्रयाण-मुहूर्तः श्रेष्ठः, शुभम् /