Book Title: Yatindravihar Digdarshan Part 03
Author(s): Yatindravijay
Publisher: Saudharm Bruhat Tapagacchiya Shwetambar Jain Sangh
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________________ ( 29 ) थजी, भूमिगृह में 28 इंची बडे श्रीऋषभदेवजी, 17 इंची बडे श्रीमहावीरस्वामी, और 14 इंची बडे श्रीसीमन्धरस्वामी, विराजमान हैं। इनके सिवाय इसमें एक सप्ततिशतजिनपट्टेक स्थापित है, जो बड़ा सुन्दर है / तीसरा मन्दिर आदिनाथ का है-इसमें मूलनायक वादामी रंग के, 21 इंची बडे श्रीकेसरियानाथजी, इसकी मेड़ी पर 14 इंची बडे श्रीपार्श्वनाथजी, और चौथे मन्दिरमें 47 इंच बडे श्रीनेमिनाथजी, तथा 25 इंची बडे श्रीशान्तिनाथजी विराजमान हैं। 14 जगाणा पालनपुर रियासत का यह छोटा गाँव है, जो मुसलमानों की आबादी से भरपूर है / इसमें ओशवाल-पोरवाड जैनों के साधारणस्थितिवाले 25 घर हैं / छोटी दो धर्मशाला और एक प्राचीन छोटा शिखरबद्ध जिनमंदिर है, जिसमें मूलनायक श्रीऋषभदेव की एक हाथ बडी श्वेतवर्ण सुन्दर और दर्शनीय प्रतिमा स्थापित है। . 1-" संवत् 1331 वैशाखवदि 4 श्रीकोरंटकगच्छे चैत्ये श्रेष्ठिजगपालभार्या जसमा, तत्पुत्र वीराकेन मातुः श्रेयोऽर्थे श्रीसीमन्धरस्वामिबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं च / " ( 9) 2-" समस्तश्रावकश्राविकासमुदायेन सत्तरिसयजिनप्रतिमाकारापिता, श्रीकोरंटकगच्छश्रीमानाचार्यसंताने प्रतिष्ठितं श्रीसर्वदेवसूरिमिः।” (10)