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श्री उपासकदशांग सूत्र विषयानुक्रमणिका
क्रं. विषय १. प्रस्तावना
प्रथम अध्ययन २. श्रमणोपासक आनंद ३. जंबू स्वामी की जिज्ञासा और __सुधर्मा स्वामी का समाधान ४. आनंद गाथापति का वैभव . ५. आनंद का व्यक्तित्व ६. शिवानंदा ७. कोल्लाक सन्निवेश ८. भगवान् महावीर स्वामी का पदार्पण ६. आनंद का दर्शनार्थ गमन १०. धर्मदेशना ११. आनंद की प्रतिक्रिया १२. व्रत-ग्रहण
१. अहिंसा व्रत २. सत्य व्रत ३. अस्तेय व्रत ४. स्वदार संतोषव्रत ५-६ इच्छा परिमाणव्रत/दिशाव्रत ७. उपभोग परिमाण व्रत ८. अनर्थदण्ड विरमण
पृष्ठ | क्रं. विषय
पृष्ठ १ | १३. व्रतों के अतिचार ३३-५२ ३-७९ १. सम्यक्त्व के अतिचार . ३३
२. अहिंसा व्रत के अतिचार ' ३५ ३. सत्य व्रत के अतिचार . ३५ ४. अस्तेय व्रत के अतिचार ३६ ५. ब्रह्मचर्य व्रत के अतिचार ६. अपरिग्रह व्रत के अतिचार ३८ ७. दिशा व्रत के अतिचार
८. उपभोग परिभोग परिमाण १२ __ व्रत के अतिचार
६. अनर्थदण्ड विरमण के अतिचार ४४ १०. सामायिक व्रत के अतिचार ४६ ११. देशावगासिक व्रत के अतिचार ४७ १२. पौषधोपवास व्रत के अतिचार ४६ १३. यथासंविभाग (अतिथिसंविभाग)
व्रत के अतिचार
१४. संलेखना के अतिचार २२ | १४. आनन्द जी का अभिग्रह २३ | १५. शिवानंदा भी श्रमणोपासिका बनी ५६ २६ | १६. आनन्द का भविष्य कथन ३२ | १७. आनन्द श्रावक का श्रेष्ठ संकल्प
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