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तीर्थकर पार्श्वनाथ चौबीसवें तीर्थंकर महावीर के २७८ वर्ष पहले उत्पन्न हुये थे। इस आधार पर भी उपर्युक्त काल समीचीन सिद्ध होता है। क्योंकि यह २८ वर्ष का अन्तर महावीर की ७२ वर्ष की आयु से पार्श्वनाथ की आयु १०० वर्ष की होने के कारण है।
एस.सी. रायचौधरी ने लिखा है कि जैन तीर्थंकर पार्श्व का जन्मकाल . ८७७ ईस्वीपूर्व और निर्वाण काल ७७७ ईस्वीपूर्व है। यह काल महावीर के निर्वाण से पार्श्वनाथ के निर्वाण में २५० वर्ष का अन्तर मानने पर निकलता है। पण्डित जुगल किशोर मुख्तार जी भी महावीर के निर्वाण से २५० वर्ष पूर्व पार्श्वनाथ का निर्वाण मानते हैं। यह तथ्य सुस्पष्ट नहीं है कि यह अन्तर पार्श्वनाथ के निर्वाण और महावीर के जन्म के मध्य का है या फिर पार्श्वनाथ के निर्वाण और महावीर के निर्वाण के मध्य का है। . अत: उक्त दोनों प्रकार की मान्यताओं का उल्लेख प्राय: विद्वानों ने किया है। मुनि नगराज जी ने भी दोनों के निर्वाण के बीच २५० वर्ष का अन्तर मानकर पार्श्वनाथ का निर्वाण ७७७ ई.पू. (५.२७ ई.पू. +२५० ई.पू. =७७७ ई.पू.) माना है। उन्होंने अपने ग्रन्थ आगम और त्रिपिटक एक अनुशीलन में इसकी विस्तार से चर्चा की है।
सन्दर्भ
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१. तिलोयपण्णत्ति चउत्थो महाधियारो, गाथा ५४८. २. उत्तरपुराण, ७३.
महापुराण. ४. तिलोयपण्णत्ति, गाथा ५४८. ५. उत्तरपुराण, ७३. ६. महापुसण. ७. द्रष्टव्य-कल्पसूत्र, शीलांककृत चउपन्नमहापुरिसचरिय, हेमकृत त्रिष. आदि । ८. द्रष्टव्य गुणभद्रकृत उत्तरपुराण एवं पुष्पदन्तकृत महापुराण. ९. तिलोयपण्णत्ति, गाथा ५४८.
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