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जातीय एकता : एक विचारणा आते-जाते यदि किसी साधु का किसी स्त्री या साध्वी से स्पर्श हो जाय, तो साधुपना तो नष्ट नहीं होगा। किन्तु यह कार्य साधु-मर्यादा के प्रतिकूल है। अत: साघु को एक उपवास का दण्ड भोगना पड़ेगा । ये सब मर्यादायें साधुपन की सुरक्षा के लिए बांधी गई हैं। कोई साधु किसी संकड़े मार्ग से जा रहा है । उस मार्ग में एक ओर पानी भरा हुआ है और दूसरी ओर हरी घास ऊग रही है । आगे जाने पर सामने से एक स्त्री आती हुई मिली । उसने पीछे मुड़ने का विचार किया तो देखा कि पीछे से भी एक स्त्री आ रही है । ऐसी दशा में यह साधु क्या करे । दोनों ओर की स्त्रियाँ पीछे लौटने को तैयार नहीं है । तव साधु के लिए कहा गया है कि ऐसे अवसर पर वह पानी में उतर जाय । यद्यपि पानी में उतरने पर असंख्यात जीवों की हिंसा है अथवा हरियाली पर . जाने से भी असंग्यात जीवों की हिंसा है। परन्तु इस जीव विराधना की अपेक्षा स्त्री के शरीर के स्पर्ण होने में संयम की विराधना संभव है। जीव घात की तो प्रायश्चित्त से शुद्धि हो जायगी। परन्तु स्त्री के सम्पर्क से यदि साधू का चित्त व्यामोह को प्राप्त हो गया, तो फिर वह संयम से ही भ्रष्ट हो जायगा । वैसी दशा में उसकी शुद्धि की ही संभावना नहीं रहेगी। संयम का सारा मकान ही ढह जायगा । भाई-मकान का किसी ओर से एक दो पत्थर का गिरना अच्छा अथवा सारे मकान का ही गिरना अच्छा है ? कहा है कि
हियो हुबै जो हाय, कुसंगी केता मिलो।
चन्दन भुजंगा साथ, कदे न फालो किसनीया ॥ यदि मन में दृढ़ता है और आत्मा में शक्ति है, तो कुसंगी कितने ही मिल जावे, कोई हानि नही है । जैसे चन्दन वृक्ष के सैकड़ों साप लिपटे रहते हैं. परन्तु उनके विप का उस पर कोई असर नहीं होता है। किन्तु इतनी हढ़ता वाले स्त्री और पुरुप विरले ही मिलते हैं । हाँ, फिसलने वाले सर्वत्र उपलब्ध होते हैं । आपने देखा होगा कि अनेक लोग केला खाकर उसके छिलके सड़क पर फेंक देते हैं, जिन पर पैर पड़ जाने पर अनेक मनुप्य फिसल कर ऐसे गिरते हैं कि कितनों के तो हाथ पैर ही टूट जाते है। छिलके डालने वाले की तो कोई आलोचना नहीं करता। परन्तु फिसलनेवाले की सभी आलोचना करेंगे। आज आप लोगों में फैशन कुछ अधिक बढ़ गई है, इसलिए मकानों के फर्शो और चौकों में मावंत कराते हैं, चीप्स कराते हैं, और सीमेन्ट कराते हैं। यदि उस पर पानी पड़ा हुआ है और चलने वाले का ध्यान उस ओर नहीं है, तो वह फिसले विना नहीं रहेगा। पहिले आगन कच्चा रहता था, उस पर