________________
मन भी धवल रखिए।
७१
नरेश हो और बुद्धि के निधान और परमकुशल अभयकुमार जैसे मत्री हो, फिर भी आये दिन उस नगर मे चोरियां हो और डावे पडे, और फिर भी चोर पकडा न जाये ? यह सर्वत्र चर्चा होने लगी। और धीरे-धीरे यह बात श्रेणिक के कान तक जा पहुंची। श्रेणिक ने अभयकुमार को बुलावर कहा -कुमार, नगर मे एक लम्बे समय से चोरियां हो रही है और डाके पड रहे हैं। फिर भी तुमने अब तक चोर को नहीं पकडा 1 सारे राज्य मे मेरी बदनामी हो रही है। अब तुम उसे पवड कर शीघ्र मेरे सामने हाजिर करो। अन्यथा तुम्हारे साथ भी न्यायोचित व्यवहार किया जायगा। भाई, राजा न्यायमूर्ति होता है । वह न्याय की तुला पर पुन मित्र और शत्रु सवको समान रूप से तोन्नता है, वह किमी का लिहाज नहीं करता है। श्रोणिक का आदेश सुनते ही अभ कुमार उसे शिरोधार्य करके अपने स्थान पर आये और उन्होने नगर क सब कोटवालो और अधिकारियो को बुलाकर वे आज्ञा दी कि प्रति दिन चोरी करने वाले और डासा डालने वाले डाकू का तत्काल पता लगाया जाय । अन्यथा अच्छा न होगा। यह कह कर अभयकुमार ने सबको विसर्जित किया और स्वय भी उसका पता लगाने के लिए सन्नद्ध हो गये ।
नगर-रक्षको ने सब ओर से नाकाबन्दी कर दी और प्रत्येक दरवाज और खिडकी पर पहरेदार बैठा दिये गये। रात भर गुप्नचर नगर मे गुप्त वेप स धमन लो। इम प्रकार अनेक दिन बीत जाने पर भी चोर का कोई पता नहीं चला। तब अभयकुमार बडे चिन्तित हुए और गुप्तवेप म स्वय ही रात भर नगर के चक्कर काटने लगे। पर भाई, वह चोर भी बडा सतर्क और कुशल था। उसका नाम रोहिणिया था, क्योकि उसका जन्म रोहिणी नक्षत्र मे हुआ था । यदि रोहिणी नक्षत्र हो और साथ मे मगलवार का दिन हो तो उस दिन का जन्मा हुआ पुरुप अवश्य चोर होता है । भले ही वह कितने ही बडे घराने मे क्यो न उत्पन्न हुआ हो, पर उसमे चोरी की आदत आये बिना नहीं रहेगी। श्री कृष्णचन्द्र भी रोहिणी नक्षत्र मे जन्मे हुये थे तो उन्होने भी बचपन मे गोपालो के घरो से दूध दही की चोरिया की है । चोरी चाहे छोटी हो, चाहे बड़ी। वह तो चोरी ही है। कहावत भी है कि 'तण चोर सो मणि चोर' अर्थात् जो तिनके की भी चोरी करता है, वह भी मणि की चोरी करने के समान ही चोर है। इसी प्रकार जिसके जन्म कुडली म सातवे भवन में राहु और केतु आ जायें और फिर दृष्टि लग्न मे पड़ रही हो तो वह मनुष्य भी आला दर्जे का कुतर्की होगा। उसके कुतर्को का सडन 7 रना बडे-बरे बुद्धिमानो के लिए भी सभव नहीं है। भाई, यह