Book Title: Pravachan Sudha
Author(s): Mishrimalmuni
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur

View full book text
Previous | Next

Page 395
________________ ३८२ प्रवचन-गुधा पचास बहिने रनडी हो जाये । इससे तुम्हाग विकास होगा। आज उन्नति करने का समय है । अब जार्जेट, और चूदडी पहिनने का जमाना नहीं है । यह हमने का समय नहीं, किन्तु रोने का समय है । अव गहनो से और फैशनवाने कपड़ो मे मोह छोडो । गुण्डे बढ़ रहे हैं । क्षण भर मे चालू मारकर सब छीन लगे। अभी अखबार में पटा है कि चार करोडपति मोटर में बैठकर जाने वाले ये 1 उनके मोटर मे बैठते ही गुडो ने आकर छुरे भोक दिये और माल-मत्ता लेकर चम्पत हो गये। इसलिए आप लोग सोगध ले लो कि सादगी से रहेगे और जोश और होश के साथ अपने आप को इस योग्य बनायेंगे कि गुण्डे उनकी ओर देखने का साहस भी नहीं कर सकेंगे। बतएव आग लोग अव समाज मे काम करने की प्रतिज्ञा करे। जो बहिनें पढी-लिखी और उलाह-सम्पन्न हैं, उन्हें अपना अमूना बनायो और सब उनके साथ हो जाओ। अब यदि आप लोगो की इच्छा कुछ काम करने की हो तो आज का दिन बहुत उत्तम है। अपने में से एक को मनी बना लो और फिर एक अध्यक्ष एक उपाध्यक्ष, एक कोषाध्यक्ष और इकतीस सदस्यो को चुन लो और उनके नाम भेज दो। समाज मे काम कैसे किया जाता है, यह बात सघ के मत्री और अध्यक्ष से सीखो। आज आप लोग पुरानी रूढियो और थोथी लोक-लाज को छोड़े। मुझे सुनकर हसी आती है जब कोई बहिन कहती है कि मुझे सातसो योकडे याद हैं और मतलव एक का भी नहीं समझती हैं । ऐसे थोथे थोकडे याद करने में क्या लाभ है। लाभ तो तब हो--जब कि आप लोग उनका अर्थ समझें और उनके अनुसार कुछ आचरण करें। यदि हमारी वहिनो ने महिला मडल की स्थापना कर कुछ समाज-जागृति और कुरीति निवारण का काम प्रारम्भ किया तो मेरे चार मास तक वोलने का मुझे पुरस्कार मिल जायगा 1 आप लोग उक्त कार्य के लिए जितनी और जैसी भी मदद चाहेगी, वह सब आप लोगो को पुरुषसमाज की ओर से मिलेगी। वैसे आप लोग स्वय सम्पन्न है और गृहलक्ष्मी है। फिर भी समुचित आर्थिक सहायता श्री सघ से आपको मिलेगी। अव यदि कोई कहे कि हमे तो बाहिर आते और वोलते लाज आती है, तो उनसे मेरा कहना है कि पहिले तो आप लोग चाँदगियो मे आती थी और आज दोदो हाथ के ओढने मोढकर आती हो, तो क्या इसमे लाज नहीं आती है ? यदि नही, तो फिर काम करने मे लाज आने की क्या बात है ? इसलिए अब आप लोग तैयार हो जावें और निर्भीकता और शूरवीरता दिखाकर काम करें। मेंने सवसे कह दिया है। ये सब वैठे हुए लडके लडकिया आपकी ही सन्तान है। यदि आप लोग मिल कर काम करेंगी तो इन सबका भी सहयोग मिलेगा । फिर देखोगी कि सदा आनन्द ही आनन्द है ।

Loading...

Page Navigation
1 ... 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414