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प्रवचन-मुवा
करने के लिए कितने ही मनुष्यो ने अनेक प्रकार के छ न-प्रपत्र लिए और अनेक प्रकार के वितण्डावाद भी उसके मामने रने परन्तु वे अपनी दृढता से डिगे नहीं और अपन सहनशील स्वभाव म स्थिर रहे । आप लोगो ने देखा होगा कि बडी बडी आप्रियो के अवड आने पर अनेक मकान गिर जाते हैं। छप्पर उड जाते हैं, और पोले दीमक-भक्षित वृक्ष उखड़ जाते है। परन्तु जो वृक्ष सारवान ह और जिनके मीनर गहनशीलता है, वे ज्या क त्यो खडे रहते हैं । हवा के वेग के अनुसार वे झुक जाते हैं। जा झुकना नहीं चाहता है और जिसमे सहन करने की शक्ति भी नहीं है, उसे तो नष्ट ही होना पड़ता है। कौन सा वृक्ष गिरता है ? जिसके मूल मे पोल है-~-जिसकी जड ठोस और गहरी नही है, वह वृक्ष हवा का झाका लगते ही गिर जाता है। परन्तु जो वृक्ष मजबूत और निगोट है, वह नहीं गिरता है। उसे गिरने की आवश्यकता भी नहीं है।
अभी यह प्रकरण चल रहा है कि सहनशील पुरुप की आप कितनी भी हसी कर लेवें, वह उसे शान्ति से सहन कर लेगा । वह सोचता है, यदि इससे इनका मनोरजन होता है और इससे आनन्द लेते है तो लेवें, इसमे मेरी क्या हानि है ? कितने ही व्यक्ति एसे होते है जो दूसरो की तो हंसी-मजाक उडायेंगे । परन्तु यदि कोई उनसे हमी-मजाक करे, तो उन्हे वह सहन नहीं होता । कहावत है कि 'एक हसी की सौ गाल । इतनी सहन करने की शक्ति होवे तो हसी करो । अन्यया नही ।
हसी मै विगासी कभी-कभी मनोविनोद के लिए की गई हसी के भयकर परिणाम देखने मे आते हैं । जैतारन पट्टी मे एक खराडो नाम का गाव है । वहा के एक ब्राह्मण के घर उसका जवाई माया। भाई जव चार-छह महीने का विवाहित जवाई अपनी ससुराल जाता है, तव वहा के लोग प्राय हमी-मजाक करते है । जब वह टोलिया पर सो रहा था, तब चार मसखरो ने उसे टोलिया समेत और रस्सी से बाघकर तालाब में डाल दिया । वे चारो व्यक्ति तमाशा देखने के लिए किनारे पर खड़े हो गये। जब उसको नोद सुली, पर अपने को बधा
और पानी मे पडा देखा तो निरुपाय होने से दम घटकर भय से उसके प्राण. पखेरु उड गये । अव की तो उन लोगो ने हसी थी मगर बेचारे के प्राण चले गये । जब बहुत देर तक उन लोगो को कोई हलचल नहीं दिखाई दी, तो उसे मरा पाया । यह देखकर वे लोग घबडाये। जैसे ही यह समाचार गाव मे पहुचा तो अनेक लोग जोश मे आगये और पुलिस को बुलाने लगे । तब उस मरे हुए व्यक्ति के सुसर ने आकर कहा-भाई अब पुलिस को बुलाने