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धर्मवीर लोकशाह
३७६ दूसरा काम समाज के लोगों को करना है। समाज में आज अनेक व्यक्ति बेकार है, आजीविका के साधनों से विहीन हैं, अनेक वृद्ध और अपंग हैं तथा अनेक विधवा बहिनें ऐसी हैं, जिनके जीवन का कोई भी आधार नहीं हैं और महाजन होने के कारण घर से वाहिर निकल कर काम करने में असमर्थ हैं । इन सबकी रक्षा का और जीविका-निर्वाह के साधन जुटाने का काम आप लोगों को करना है। समाज के प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह अपने समाज के कमजोर वर्ग का संरक्षण करे और उनका स्थिरीकरण करे। इसके लिए भी सबको मिलकर और पर्याप्त पूजी एकत्रित कर काम करना चाहिए।
अभी अध्यक्ष महोदय ने कहा कि पापड़ की फैक्टरी खोली है । और उन्होने उसमे काफी मदद दी है, परन्तु एक व्यक्ति से सब कुछ होना संभव नहीं है। यह काम तो सारी समाज के सहयोग से ही हो सकेगा। आपके जोधपुर में माहेश्वरी भाई कम हैं। परन्तु मुझे स्वयं दाऊदयालजी ने कहा कि हम इतना देते हैं, तो सुनकर आश्चर्य हुआ। आप लोग धन-सम्पन्न है और राज-सम्मानित हैं, फिर भी छोटी-छोटी सस्थाओ को आगे नहीं बढ़ाते हैं। यह किसी एक-दो व्यक्ति का काम नहीं है, किन्तु सारी समाज का है । सब भाई हाथ बंटा कर काम करेंगे तो काम के होने में कोई देर नहीं हो सकती है। माज जो हमारे भाई कमजोर हैं, कल वे अच्छे हो जायेंगे, इसके लिए सबको प्रयत्न करना होगा । परन्तु क्या कहे, आप लोगों के भीतर अभी तक काम करने का तरीका नहीं आया है।
पर्यु पण पर्व में मैंने नौ जनों को खड़ा किया था। उन्होंने कहा था कि हम काम करेंगे। इस से ज्ञात होता है कि उनमे काम करने की भावना है। वहां पर दो स्कूल चल रहे है और दोनो के एकीकरण का प्रस्ताव भी पास किया। वे दोनो मिलकर यदि एक हायर सेकेन्डरी स्कूल बन जावे, तो बहुत भारी काम हो सकता है। खर्चे की भी बहुत बचत हो और समाज के बालकों को आगे नैतिकशिक्षा प्राप्त करने का भी सुअवसर प्राप्त हो, जो अलग-अलग रहने में नहीं हो सकती है। लोग खर्च करने को भी तैयार हैं और मकान देने के लिए भी तैयार है । यदि भूमिका शुद्ध है और मन में काम करने की लगन है, तो सब कुछ हो सकता है । पर इसके लिए सवको मिलकर ही काम करना चाहिए और प्रमुख लोगों को आगे आकर के नेतृत्व करना चाहिए । पिना योग्य नेतृत्व के काम मुचारू रूप से सम्पन्न नहीं हुआ करते है।