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प्रतिसलीनता तप
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सेठ का लड़का नहीं है, हमारा है। जैसे ही उन लोगों ने मेतार्य को दातुन करते हुए बाहिर बैठा देखा तो उसका हाथ पकड़कर नीचे घसीट लिया और हो-हल्ला मचाते हुए अपने साथ लं गये । तथा सेठ को नाना प्रकार के अपशब्द वकते गये। सेठ यह सब देखकर किंकर्तव्यविमूढ़-सा हो गया । उसने सेठानी से कहा-देखो, मैंने पहिले ही रोका था । पर त्रिया-हठ के सामने किमी दूसरे की चले कैसे ? अब सारा महाजना धूल में मिल गया और लड़का भी हाथ से चला गया। स्त्री ने कहा--राज-दरवार में जाकर पुकार करो । सेठ बोला-जव बात सच है, तब मैं ऐसा नहीं कर सकता । यदि तेरे में कुछ दम हो तो जाकर देख ले । आखिर हताश होकर दोनों रह गये और मंगी लोग सरे-बाजार शोर मचाते और सेठ को बदनाम करते हुए मेतार्य को अपने घर ले गये। सारे नगर में सेठ की बड़ी वदनामी हुई।
और लोग धिक्कारने लगे। सब कहने लगे-सेठ ने अपना कुल तो खराव किया ही। साथ में खिला-पिला कर और हमारे खा-पीकर हमें भी भ्रष्ट कर दिया । इस प्रकार हजारों मुख हजारों प्रकार की बातें होने लगीं। पुत्र-वियोग से भी उन्हें असह्य दुःख जाति के अपमान का हुआ । उन्होने दिन भर कुछ भी खाया-पीया नहीं और एकान्त में बैठे दोनों रोते रहे ।
इधर जब वे महत्तर मेतार्यकुमार को पकड़कर ले गये तो वह भी अत्यन्त लज्जित एवं दुखी हुआ । उसने दिन-भर न कुछ खाया-पिया और न किसी से कुछ बोलाचाला ही। जब रात हो गई और सब लोग सो गये तव वह देव मेतार्य के पास फिर बाया और बोला - कहो मेतार्य, सुख में हो, या दु.ख में हो ? मेतार्य ने कहा--मेरे दुःख का कोई पारावार नहीं है ! इस अपमान से तो मौत आ जाय तो अच्छा है। देव ने कहा -मैंने तुझे कितना समझाया था, परन्तु तू तो उस समय माना ही नही । मेतार्य ने कहा-----तूने यह क्या पड़यंत्र रचा कि मेरी इज्जत धूल में मिला दी। देव ने कहा-अब भी तू मेरा कहना मानता है, या नहीं ? और संसार को छोड़ता है, या नहीं ? मेतार्य बोला--पहले मेरी पहिले के समान ही इज्जत बढ़ा दो और राजा श्रेणिक की लड़की के साथ शादी करा दो तो मैं तुम्हारी बात मानूंगा। देव ने कहा--- देख, मैं यह सब करा दूंगा, परन्तु मेरी बात मत भूल जाना । मेतार्य बोलानहीं, अब नहीं भूलूंगा और जैसा तू कहेगा, वैसा ही करूगा । यह कहकर देव अन्तर्धान हो गया। अब उसने राव मंगियों को बुद्धि पर जादू किया और सबके विचार बदल गये। दूसरे दिन प्रातःकाल ही सब भंगी फिर इकट्ठे हुए और मेतार्ग को पाग आकार के वाहने लगे-~~-कुबर साहब, आप अपने घर पधारो।