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जंन प्रागम-अंग बाह्य छेवसूत्र
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10
11
कल्पसूत्र की | मा.
व्याख्या
प्रथमव प्रतिम
पन्ना कम
कथा
19वीं
19वीं
29x 13x 12 x 40/ संपूण लगभग कालक 16वीं 174 | 25 x 12 x 13 x 41 , प्र. 1216/1608
| 26x 12 x 1 x 28 लगभग पूर्ण (स्थ.प्र.) 1616
| 25 x 12 x 20 x 37 मं. 9वाचनायें कथासह 19वीं 212 27- 13 x 13 x 27 संपूर्ण 19वीं 194 26x11 x 15x48 , 9वाचना 14625x11 x 16x 32 लागभग पूर्ण कालक- 19वीं
कथा अपूर्ण 26 x 13x14x 39 संपूर्ण | 26 x 12 x 14x37 , 9वाचनायें 1913
विक्रमपुर 126x14x15x38
1934 25 x 11x14x36 ग्र.1216 का 1935
5x13x20x39 9वाचनायें । 1942 26xllx13x46
20वीं
20 28 x 12x16x51
120वीं | 26x11*12 x 43 5वीं वाचना प्रचूरी: 17वीं 25 x 11x13x40 1.2,4.प्रौर 6 ठी | 18वीं
वाचना 26x11x15x42 प्र. प्रादिनाथचरित्र तक Lवीं
स्थविरावलीविधि व प्रचलनच्छ को
जीर्ण प्रारम में
25x10x14x465से 8वीं वांचनायें
19वीं
82 21x14x11 x 24 अपूर्ण
| 19वीं
726x11x12x401 केवल 5बों वाचना। 19वीं .
अधूरी
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