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जन प्रागम-अंग बाह्य चूलिका व मूल सूत्र
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8A
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10
11
जैनागम-अतिम प्रामा
उपदेश
1787
26x11x7x38 | संपूण 36 अध्य. 133 27x11 x 13x45
17वीं
21 27x12x9x32
17वीं
25x11x5x35
1753162
26x11x13x45 | लगभग पूर्ण 36वें का 18वीं
265 श्लोक 26 x 11x5x38 | पूर्ण36प्रध्य.ग्र.2205| 18वीं
| 25 x 12x16 x 50 | संपूर्ण 36 अध्य. | 1839 302 | 26 x 11x5x34
1892 126x11x16x54 | , प्र. 2000 | 19वीं 125x11x5x36 | , प्र. 2205 19वीं
रब्बार्थ 18वें प्रध्य. तक ही
म
1 26 x 13x17x53 | सं.प्र.2000-1-8000/1900 बीका- जीर्ण, प्रथम
+4000नेर,छोटुलाल पन्ना कम है | 29x 16x17x38 | सं 36 अध्य. 1941 (टोका पाई
नाम्नी) | 27x 13 x 13x41 सं. प्र. 16255 11958जामन- प्रशस्ति है।
पर खूबकुशल
संशोधित 33 | 26 x 11x18x48 प्रपूर्ण32/70से प्रत तक 16वीं 26x11x15x49 ,, 42 से 11वें अध्य. 16वीं
तक 26 x 12 x 13x35 25वें प्रध्य तक| 17वीं
प्रथम पृष्ठ पर
चित्र | 27-11x15x58 ,, 23वें ,
प्रा.सं.मा.
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2
125x11x5x47 | अपूर्ण 26वें अध्य.तक 18वीं
26x11 x 12x43 | अपूर्ण
25 x 13x17x50 | ., 2 अध्या. तक |
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