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Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
जैन तात्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक :
कर्म सैद्धान्तिक साहित्य
"1
6
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Y
"1
"
=
श्रीपदेशिक
सैद्धान्तिक
श्रौपदेशिक साहित्य
लोक स्वरूप व प्रकृति तात्विक व स्वरूप
काल स्वरूप
समय स्वरूप
प्रोपदेशिक अध्यात्म
दार्शनिक तात्विक
प्रा मा.
प्रा.
प्रा मा.
प्रा.सं.
सं.
प्रा.मा.
7
मा.
सं.
प्रा.
प्रा.मा.
प्रा स.
प्रा.
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प्रा मा.
मा.
JJ
7*
13*
71
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122
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8
6,5
11*
3*
3
1
5
8
23
गुटका
7
3
5
7
4
21*
गुटका
www.kobatirth.org
8A
26 x 11 x 17 x 60
26 x 1 x 15 x 42
25 x 11 x 20 x 56
25 x 11 x 14 x 50
26 x 14 x 12 x 24
23 x 20 x 21 × 38
27 x 11 x 9 x 35
26 × 11 × 18 x 54
26 x 1 x 9 x 31
26 × 11 × 13 × 48
35 × 11 × 18 × 65 संपूर्ण
25 x 11 x 11 x 33
23 x 11 × 12 x 24
25 x 12 22 × 11
26 x 11 x 13 x 44
26 × 11 × 23 × 66 संपूर्ण 36 गाथा
26 x 12 x 14 × 29
26 x 11 x 8 x 47
25 x 11 x 4 x 30
26 × 13 × 16 × 62 पूर्ण केवल छटी गाथा तक | 19वीं
27 x 11 x 17 x 66
संपूर्ण ग्रं. 14000
16वीं
26 x 11 x 17 x 60
अपूर्ण 29 गाथा
17वीं
25 x 13 x 13 x 35
संपूर्ण 29 गाथा
34
"1
16 x 13 x 13 x 20
"
31
"
31
33
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11
15
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27
11
31
476
13
9
32 गाथा
61 कवित्त + 1
देवीगीत
24
182 श्लोक
"
86 गाया
73
74
11
24.
74
For Private and Personal Use Only
"
"
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58 सवैया
75 गाथा
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17वीं
19
1838
19वीं
17वीं x साध्वी
लाला
19वीं
19वीं
19वीं
19वीं सदी
19at
18वीं
19वीं
20 वीं
10
1544
16वीं सदी
17वीं पाटण रविवर्द्धन
16at
17वीं
19वीं
1876
17वीं
[103
11