Book Title: Jodhpur Hastlikhit Granthoka Suchipatra Vol 01
Author(s): Seva Mandir Ravti
Publisher: Seva Mandir Ravti

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Page 541
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra परिशिष्ट ] (पण्डित) दयासिंह दर्शनविजय दानचन्द्र गणि दानविजय 13 दासानन्द दिनकर मिश्र दिनदनवेश दिवाकर (ऋषि) दीप दीप मुनि दीपविजय (कवि ) दीपौ दुर्गवि दुर्गसिंह दुर्योद्धन (कवि ) दूलहमिश्र (कवि ) देपाल देवदत भट्ट देवनन्दी देवप्रभसूरि देवभद्र पृष्ठ 348,350 202,348 342 454 426 486 दौलु 456 300 धनपाल देव ( विनीत विजय शिष्य ) 212 (वाचक) देव धनराज 222 (संवेगी ) देवगण 66 धनवन्तरी देवगुप्तसूरि 130 देवचंद 108, 210,212, 226,234 238,248,260,270,272 408 494 298 192 भद्राचार्य (प्रसन्नचन्द्रशिष्य ) देवमुनि (जिनसौभाग्य शिष्य) देवराज www.kobatirth.org देववाचक 300 देवविजय 198 | देवसुन्दर 156 देवसुन्दर शिष्य 156 देवसूरि देवसेन 416 देवाचार्य देवीचन्द्र देवीदास देवेन्द्रमुनि देवेन्द्रसागर aaraf 68,74,96,98,100,120 धनेश्वर मुनि धनेश्वरसूरि धर्मघोष धर्मचन्द 14 पृष्ठ 44, 46 धर्मवर्द्धन 120,246,316,328 धर्मसागर 30,32, 160,276,278 422 258 162,316 118 316 धर्मप्रमोदगणि 338 (पाठक) धर्म मन्दिर 334 | धर्म रत्न 350 44 84,86,132,150,234 ध 200,230,398 116,150,176 धर्म तिलक धर्मदासगण धर्मनन्दन उपाध्याय 178 225,233,270,302,356,360 408 138,148 144 122,124,136,154, 156, 168 नन्दकिशोर नन्ददास नन्दलाल नन्दसूरि नन्दिरत्नशिष्य नन्दीषण 404 धर्मसूरि 11 धर्मसिंह ( धर्मसी ) 106,114 122,152 246,342,410 222,240 290 430 140 For Private and Personal Use Only Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir " काशिष्य धर्मज्ञ ( उदयधर्म का शिष्य ) (कवि ) धर्म हस 90,92,454 नरपति 15 242 नरसिहरि 258 नवविजय 132,184 नाथूराम 132,212 | नारचन्द्र 214 490 110 नयनसुख 458,460 नमुद ( भावसुन्दर शिष्य ) नयरङ्ग 190,358,360 नयविजय 94102,252 | नयविमल 236,454 नयसुन्दर 258 [525 न पृष्ठ 342 468 444,448 400 148 106 210 464 258 316 208,262 (देखें ज्ञान विमल ) 312,328,342,358 428 408 430 196 314 484,486

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