Book Title: Jodhpur Hastlikhit Granthoka Suchipatra Vol 01
Author(s): Seva Mandir Ravti
Publisher: Seva Mandir Ravti
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524 1
परिशिष्ट
-
10
12
जिनेन्दु
पृष्ठ
पृष्ठ जसराज 160,312,408 | जिनसुन्दर 188,208
84,108,192,200 400 (महाराजा) जसवंतसिंहजी जिन सूर (तपगच्छ) 108
208,212,218,220 जिनकोति 82,238 जिन सूरि 320,328,398
226,232,234,238, जिनचन्द्र सुरि 222,228,240
जिन सेन 185,306
262,300,336 जिनदत्त सूरि 150,212,220 जिन हर्ष 90,140,150,214,248
339,358 278,286,302,320" " (देवसुन्दर शिष्य तपगच्छ) 276,280,282
322,326,328,330 100,243,290,292,312 जिनदास 256,284
338,340,360 | " " (रत्नसिंह शिष्य) 332 जिनपति
240,282 जिन हंससूरि
40 जानसार 110,114,116,128 जिनपद्मसूरि 220
440
130,140,212,224, जिन प्रभमूरि 32,40,204,220
जिनेन्द्र 414
226,232 222,224,230,234 जिनेश्वर सूरि 82,132,146,302 ज्ञानसुन्दर
302,326 238,240,242,266
ज्ञानेन्द्र सरस्वती
400 जिनोदय मूरि(तिलकसूरिशिष्य) 344 278,334,358,388 जिबच्छराज
344 ट, ठ, ड, ढ, रणजिनभद्र 44,66,348,452 | (वाचक) जीवणदास 486
टीकम मुनि जिन मण्डन
जीवदास
452
ठक्कर फे जिन महेन्द्रसुरि
226 जीवनाथ
ठाकुर प्रसाद जिन रङ्ग जेठमल
ढाढसी मुनि
116 जिन राज सूरि 224,248,296
जैनेन्द्रसागर 192,360 द्रुढीराज
466,476 310,408,430 जैमिनी
476 जिनलाभरि
292 जोगीश
तत्वहंस जिन वल्लभ सूरि
ताराचन्द
454 80,96,168, | जोगेन्द्राचार्य
436 180,182,240,254 | जोरावरमल कायस्थ (पंचोली) 246,
तिलक भट्ट
तिलकाचार्य 44,66,68,76,160 256,258,260,
तेजसिंह गणि
308 262,282,292,3141 | ज्योति ब्रह्मकवि
त्रिविक्रम
480 316,334,410 | ज्ञानतिलक
106 जिनविजय 62,192,282,310 ज्ञान भूषण
186,292 | दयारत्न
346 जिनसमुद्र 176 ज्ञानमेरु
298
(वाचक) दयासागर 138 जिनसागर 248 | ज्ञान विमल (नयविमल) 44,74 | दयासारमुनि
336
328
122
518
458
o
122
N
82
S18/
486
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