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77
USA
नाम भण्डार
जोधपुर (राज
हस्तलिखित ग्रन्थों का
सूची-पत्र
प्रथम खण्ड
सेवामंदिर रावटी, जोधपुर-342 024 (भारत)
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जैन मन्दिरों के ज्ञान भण्डार
जोधपुर
हस्तलिखित ग्रन्थों का
सूची पत्र
प्रथम खण्ड
संकलन कर्त्ता : कार्यकर्तागण :
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जिनदर्शन प्रतिष्ठान ग्रन्थ क्रमांक २
सेवा मंदिर रावटी, जोधपुर
342 024
राजस्थान (भारत)
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--
Jñana Bhandaras of Jaina Temples
JODHPUR
CATALOGUE
- कृतज्ञता ज्ञापन
भारत सरकार के राष्ट्रीय अभिलेखागार ने इस सूची पत्र के मुद्रण व्यय की 75% राशि के अनुदान की स्वीकृति प्रदान की है जिस कारण इसका मूल्य लागत का चौथाई मात्र ही रखा है।
Handwritten Manuscripts'
समर्पण
राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान जोधपुर के प्रथम निदेशक स्वर्गीय पुरातत्त्वाचार्य मुनि श्री जिनविजयजी को समर्पित जिन्होंने पूरे जीवन पर्यन्त पुरातत्त्व की अथक सेवा की ।
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Vol. I
Compiled by :Inmates of
Seva Mandir Raoti, JODHPUR
342 024 Rajasthan, India
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प्रकाशक
संचालक
सेवा मंदिर रावटी, जोधपुर 342 024
वितरक
सत्साहित्य वितरण केन्द्र सेवा मन्दिर रावटी, जोधपुर 342 024 (राजस्थान) भारत
मुद्रक
राजश्री प्रिन्टिग प्रेस, नागौरी द्वार के अन्दर जोधपुर 342 002 प्रथम प्रवेश
संस्करण
विक्रम संवत् 2045, वीर संवत् 2514, शक संवत् 1910, ईस्वी सन् 1988
500
552
प्राकार
रॉयल ऑक्टेव (20 x 30 आठ पेजी)
रु० 8,000
मूल्य
13,000
कागज (20 x 30 मेपलीथो 13.6 Kg) 37 रीम कंपोजिंग, छपाई व प्रूफरीडिंग 69 फर्मे जिल्द बंधाई व भाड़ा तोड़ा
कुल व्यय
5000
26,000
1 प्रति की लागत
52.00
विक्रय मूल्य चौथाई
रु.
13.50
निवेदन 1. पुस्तक विक्रेता अपना नफा खर्चा अतिरिक्त लेगा।
प्राक्कथन में दिये संकेत अवश्य पढ़ें। 3. पुस्तक के अन्त में प्रशुद्धियों का शुद्धि पत्र छपा है । 4. इस पुस्तक पर किसी भी प्रकार का अधिकार प्रकाशक ने
स्वाधीन नही रखा है। 5. पात्रता देखकर हो पुस्तक दी जावेगी।
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-विषय सची
भाग विभाग
विवरण
राजकीय प्रति विषय क्रम संख्या
(1) जन प्रागम :(अ) अंग सूत्र : आचाराङ्ग
सूत्र कृताङ्ग स्थानाङ्ग समवायाङ्ग व्याख्या प्रज्ञप्ति (भगवती) ज्ञाताधर्मकथाङ्ग उपासकदशाङ्ग अन्तकृतदशाङ्ग अनुत्तरोपपातिकदशाङ्ग प्रश्न व्याकरण
विपाक (प्रा) अंग बाह्य सूत्र :
(i) उपाङ्ग : प्रोपपातिक
राजप्रश्नीय जीवा जीवाभिगम प्रज्ञापना जंबू द्वीप प्रज्ञप्ति चन्द्र प्रज्ञप्ति सूर्य प्रज्ञप्ति
निरियावलियादि पञ्चोपाङ्ग (ii) छेद सूत्र : निशीथ
13
21
बृहत्कल्प
140
व्यवहार दशाश्रुत स्कन्ध (कल्प सूत्र सह) पंचकल्प महानिशीथ
जीतकल्प (iii) चूलिका व मूल : नंदी
अनुयोगद्वार दशवकालिक उत्तराध्ययन
श्रोध नियुक्ति (iv) आवश्यक सूत्र व पाठ:
(v) प्रकीर्णक : (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार :
(अ) तात्त्विक प्रौपदेशिक दार्शनिक (आ) न्याय
270
62
1289
42
82 176
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| राजकीय प्रति विषय क्रम संख्या
पृष्ठ
भाग विभाग
विवरण (3) जैन भक्ति व क्रिया :
(अ) धार्मिक विधि विधान व पर्व-व्रत कथायें (आ) स्तवन, स्तुति स्तोत्रादि भक्ति रचनायें
(इ) सांप्रदायिक खण्डन-मण्डन (4) जैन इतिहास व वृतान्त :
(अ) जीवन चरित्र व कथानक
(ग्रा) ऐतिहासिक, भौगोलिक व अन्य वृतान्त (5) जैनेतर धार्मिक :
(अ) वेद
482 1215 121
180 210 276
,
827 240
284 346
4
स्मति
362 362 364 368 374
380
(6)
382
354 273
इतिहास व पुराण दर्शन व न्याय
भक्ति (ऐ) तन्त्र मन्त्र, तन्त्र, यन्त्र साहित्य व भाषा :
(अ) काव्यादि साहित्यिक ग्रन्थ (आ) व्याकरण
शब्दकोश
छन्द, काव्य व भाषा शास्त्र (उ) अलंकार
आयुर्वेद (वैद्यक) :-- (9) ज्योतिष व निमित्त :(अ) ज्योतिष-(i) फलित (ii) संगणना (iii) मूहूर्त (iv) प्रश्न
शूकन, सामुद्रिक व अन्य निमित्त विद्या (इ) गणित शास्त्र (10) अवर्गीकृत शेष :
कला, सामाजिक ज्ञान, जड़ विज्ञान, ज्ञान कोशादि
400 426 444 450
19
454
23
___456
24 24 24
606 466
_____508 17 516
89
17 से 22
व 25
28
516
कुलप्रतियां 7,350
520
परिशिष्ट :- 1 प्रन्थकारों की सूची (अकारादिक्रम से)
शुद्धिपत्रक
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० प्राक्कथन ०
सेवामन्दिर जोधपुर के रावटी स्थित जिनदर्शन प्रतिष्ठान द्वारा देश के इस भू-भाग में आये जैन ज्ञान भण्डारों में और यत्र तत्र बिखरे पड़े हस्तलिखित ग्रन्थों के बारे में कुछ वर्षों से एक परियोजना क्रियान्वित की जा रही है जिसके कतिपय पहलू निम्न प्रकार है
(i) प्राधुनिक ढंग से इन ग्रंथों का पूर्ण बीगतवार सूचीकरण और उन सूची पत्रों का मुद्रण;
(ii) ग्रन्थों का संग्रहण मौर भण्डारों का विलीनीकरण;
(iii) प्रतिप्राचीन, जीर्ण, प्रथम प्रादर्श, अद्यावधि प्रमुद्रित, दुर्लभ, सचित्र प्रत्यन्त शुद्ध संशोधित या अन्यथा महत्वपूर्ण ग्रन्थों का फोटु प्रतिबिम्ब या फील्मीकरण;
(iv) ग्रन्थों के वैज्ञानिक ढंग से भण्डारीकरण एवं संरक्षण हेतु आवश्यक सलाह, सहायता व साधन सामग्री का वितरण ।
इस परियोजना के अन्तर्गत अब तक निम्न ज्ञान भंडारों से लगभग एक हजार चार सौ हस्तलिखित ग्रन्थ रावटी भण्डार में आ गये हैं
(i) यशोसूर व केशरगणि ज्ञान भण्डार श्री महावीरजी जैन मन्दिर पुरानी मण्डी जोधपुर 833 प्रतियां (ii) श्री मुनिसुव्रत स्वामी जैन मन्दिर क्षेत्रपाल चबूतरा पुरानी मण्डी जोधपुर
317 प्रतियां
(iii) श्री तिवरी मन्दिरजी, श्री देवेन्द्र मुनि श्री प्रकाशजी बाफरणा व अन्यों से भेंट/क्रय
238 प्रतियां
19
129
86
4
योग 1388 प्रतियां
सूचीकरण व सूची पत्रों के मुद्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रथम ग्रन्थ के रूप में जैसलमेर के पांच ज्ञान भण्डारों का सूचीपत्र मुद्रित होकर प्रकाशित किया जा रहा है और द्वितीय ग्रन्थ के रूप में जोधपुर शहर के निम्न जैन मन्दिरों के ज्ञान भंडारों का यह सूचीपत्र तैयार होकर प्रकाशित किया जा रहा है ।
(i) श्री केशरियानाथजी मन्दिर दफ्तरियों का मोहल्ला मोती चौक जोधपुर (ii) श्री चिंतामणि पार्श्वनाथजी मन्दिर कोलड़ी, नवचौकिया जोधपुर (iii) श्री कुंथुनाथजी का मन्दिर सिधियों का मोहल्ला जोधपुर
(iv) श्री वर्द्धमान जैन मन्दिर तीर्थ यां जिला जोधपुर तथा उपरोक्तानुसार रावटी में स्थानान्तरित
(v) श्री महावीर स्वामी मन्दिर पुरानी मण्डी जोधपुर
(vi) श्री मुनिसुव्रत स्वामी मन्दिर क्षेत्रपाल चबूतरा पुरानी मण्डी जोधपुर (vii) श्री सेवामन्दिर रावटी भण्डार के अन्य ग्रन्थ
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सूचीपत्र में स्रोत संकेत
के०—
को०
कुं०
प्रो०
म०
मु० - से०
इस सूची पत्र में 7,350 ग्रन्थों का सूचीकरण किया गया है और जैसा कि सूची पत्र के अवलोकन से स्पष्ट है अधिकतर ग्रन्थ पन्द्रहवीं शताब्दी के बाद के ही है । इसका कारण है कि जोधपुर शहर विक्रम संवत् 1516 में ही बसाया गया था और उसके बाद ही ये भंडार स्थापित हुवे हैं । श्रोसियां मन्दिर का भण्डार भी
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अधिक पुराना नहीं है । इन भण्डारों की स्थापना का विशेष कोई इतिहास प्राप्य नहीं है। श्री महावीर स्वामी मन्दिर के भण्डार खरतर गच्छ के प्राचार्य श्री यशसूरिजी व उनके शिष्य श्री केशरमरिण द्वारा विक्रम की 20वीं शताब्दी में व्यवस्थित रूप से संकलित किये गये थे । केवल श्री कुंथुनाथजी के मन्दिर के भण्डार को छोड़कर ( जो कि पायवन्द गच्छ के प्राचार्य श्री पार्श्वचन्दजी द्वारा स्थापित किया हुम्रा प्रतीत होता है ) बाकी के सब भण्डार जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ की ग्राम्नाय वालों द्वारा स्थापित व व्यवस्थित है और इसी कारण प्रायः करके सभी भण्डारों के ग्रन्थ एक सरीखे ही है ।
यह सूची पत्र किस प्रकार बनाया गया है तत्सम्बन्धी जानकारी व स्पष्टीकरण निम्नलिखित " संकेत" में दिये जा रहे हैं इस सूची पत्र का सही रूप में उपयोग हो सके उस वास्ते उस लेख को ध्यान पूर्वक पूरा पढ़ लेना अनिवार्य है । उस पर भी यदि मुद्रित जानकारी व सूचना से किसी ग्रन्थ के बारे में पाठक वृन्द को संतोष न हो, शंका हो या विशेष जिज्ञासा हो तो प्रार्थना है कि हमसे सम्पर्क करें | प्रति आदि उपलब्ध कराने में और उन्हें हर प्रकार से सहयोग देने में हम हमारा अहोभाग्य समझेंगे |
• संकेत ●
मोटे तौर पर यह सूचीपत्र प्रचलित केटेलोगस केटेलोगोरम (Catalogus Catalogorum) पद्धति व भारत सरकार द्वारा निर्धारित प्रपत्रानुसार बनाया गया है । ग्रन्थों का विभागीकरण विषय सूची के अनुसार है । वह भी लगभग सरकारी विषय विभाजन से मेल खाता है । चूंकि यह सूची पत्र जैन ज्ञान भण्डारों का है इसलिये इसमें जैन ग्रन्थों की बहुतायत है । यद्यपि सरकारी प्रपत्र के अनुसार सभी प्रकार के जैन ग्रन्थों को केवल एक ही भाग नम्बर सातवें में डाला जाता है परन्तु हमने आवश्यक समझकर इन जैन ग्रन्थों को चार भागों (1 से 4 ) में बांटा है जिनके पुनः क्रमश: 2+2+3+2 कुल मिलाकर 9 विभाग किवे हैं और पहिले भाग के दूसरे विभाग के पांच उपविभाग किये हैं । अत भाग 1 से 4 तक सभी विभाग व उपविभाग मिलकर सरकार द्वारा निर्धारित सातवें भाग केही अन्तर्गत प्राते है । भाग 5 जैनेत्तर धार्मिक ग्रन्थों का है जिसमें सरकार द्वारा निर्धारित भाग 1 से 10 (केवल उपरोक्त भाग 7 छोड़कर) इन 9 भागों के ग्रन्थों का समावेश है और उन्हें क्रमश: (प्र) से (प्रो) तक विभाजित कर दिया है। इसी प्रकार इस सूची पत्र के भाग 6, 7, 8 और 9 में क्रमश: सरकारी निर्धारित भाग 11, 12 से 16, 23 व 24 के ग्रंथों को अलग-अलग दिखा दिया है। और चूंकि भाग 17 से 22 व 25 तक के ग्रन्थ बिल्कुल थोड़ हैं अतः उन्हें इसे सूचीपत्र के प्रन्तिम भाग 10 में अवर्गीकृत शेष रूप में दिखा दिया गया है ।
I
जैन ग्रन्थों के भाग विभाग व उपविभाग के शीर्षकों को देखने से सारा विभाजन लगभग स्पष्ट हो जावेगा | हम आगमों की संख्या के विवाद में नहीं पड़ना चाहते है और जो कोई भी ग्रन्थ किसी भी सम्प्रदाय द्वारा आगम माना जाता है वह हमने ग्रागम में ले लिया है। चूंकि सांप्रदायिक खण्डन मण्डन विशेषकर धार्मिक क्रिया काण्ड से सम्बन्ध रखते हैं अतः इसे उस भाग का ही एक विभाग बना दिया है ।
तथा अमुक ग्रन्थ किस विभाग में डाला जाना चाहिये इस बारे में कई बार एक से अधिक मत संभव होते है अथवा एक ही ग्रन्थ में विविध प्रकार की विषय वस्तु होती है अतः एक दम निर्विवाद शुद्ध विभाजन असंभव हैं। और जो विभाजन किया गया उसके लिये एकान्त रूप से हमारा प्राग्रह भी नहीं है ।
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सूचीपत्र के स्तम्भों में दी गई सूचना को मुख्यतः दो भागों में बांट सकते है--कुछ स्तम्भों की बीगत तो उस ग्रन्थ से सम्बन्ध रखती है और कुछ स्तम्भों की बीगत उस प्रति विशेष से ही सम्बन्धित है। अब हम प्रत्येक स्तम्भ का थोड़ा विश्लेषण करना उपयुक्त समझते हैं
स्तम्भ 1-क्रमांक :
इसमें हमने विभागीय, या जहाँ है वहाँ उपविभागीय क्रमांक दिया है। सामान्य अनुक्रमांक सारे ग्रंथ तक एक ही चालू रखा जा सकता था परन्तु हमारी गय में विभागीय संख्या का महत्व अधिक है और मुद्रण आदि में सुविधाजनक भी है । वैसे विषय सूची में कुल प्रतियों की संख्या का योग आ ही गया है। साधारणतया हर प्रति की अलग प्रविष्टि करके विभागीय क्रमांक दे दिया गया है। परन्तु कई ग्रंथों की अर्वाचीन प्रतियाँ जो अति सामान्य हैं और पाठ भेद प्रादि दृष्टियों से महत्वहीन हैं उनकी प्रविष्टि एक साथ कर दी गई है लेकिन वहां भी जितनी प्रतियां हैं उतने क्रमांक दे दिये है । (देखिये पृष्ठ 170 सिंदूर प्रकर सात प्रतियें एक साथ में क्रमांक 120! से 1208) । इस तरह सूची पत्र को अनावश्यक रूप से बड़ा नहीं होने दिया है। इसके विपरीत जिस संयुक्त प्रति में एक से अधिक उल्लेखनीय ग्रन्थ हैं उन सभी ग्रन्थों की अलग अलग प्रविष्टियां विभागानुसार अकारादिक्रम से बीगतवार यथा-स्थान कर दी है और क्रमांक दे दिये है। और चुकि ऐसी प्रत्येक प्रविष्टि में पन्नों की संख्या पूरी प्रति की ही लिखी है, जो भ्रमोत्पादक न हो जाए इसलिये पन्नों की संख्या पर* तारे का चिन्ह लगा दिया है। तथा जहाँ अावश्यक समझा गया है वहाँ संयुक्त प्रति के प्रथम ग्रन्य की प्रविष्टि देखने की सूचना कर दी गई है ।
इसके अतिरिक्त कई प्रतियाँ विशेषतः स्तवन मंत्रादि एक दो पन्नों के प्रति लघु ग्रन्थ होते हैं । तथा प्रत्येक भण्डार में कई सारे पन्ने स्फुट और त्रुटक भी होते हैं और कई गुटके भी होते हैं जिनमें बहुत सी छोटी-मोटी कृतियों का संकलन होता है। हमने इन सब लघु ग्रन्थों, स्फुट व त्रुटक पन्नों और गुटकों की पूरी छानबीन करके जो मुख्य या संकलनीय रचनायें प्रतीत हुई उनकी तो अलग अलग प्रविष्टियां कर दी है; तथा बाकी बचे हुए इन अमहत्वपूर्ण व अनुल्लेखनीय लघु गन्थों व पन्नों को मिलाकर एक ही क्रमांक पर विभागानुसार अंत में प्रविष्टि कर दी है। कदाचित् विषय की अधिक गहराई में जाने वाले के लिए इन लघुकृतियों व स्फुट त्रुटक व अपूर्ण पन्नों की उपयोगिता हो सकती है। इसी प्रकार गूटकों को भी क्रमांक देकर अलग से भी प्रविष्टि कर दी है। इस तरह हमने भण्डार की समस्त प्रतियों पूर्ण या अपूर्ण, गुटकों तथा स्फूट पन्नों व घटक या लघ ग्रन्थों आदि सबको सूची पत्र में ले लिया है -बाहिर कुछ भी नहीं छोड़ा है। स्तम्भ --2-स्रोत परिचयाङ्क :
चूकि यह सूचीपत्र केटे लोगस केटे लोगोरम पद्धति से बनाया गया है अत: इस स्तम्भ की आवश्यकता है ताकि ग्रंथ उपलब्धि प्रासानी से की जा सके। भंडारों के सूचक अक्षरों का स्पष्टीकरण सुगम्य है-यथा
प्रो0--1 अ 16 = प्रोसियां के भण्डार की इस नम्बर की प्रति कं0-47/3
श्री कथूनाथजी के मन्दिर के भण्डार की पोथी सैंतालीस प्रतिसंख्या तीन के0-2/4
श्री केशरियानाथजी के भण्डार की 2 नम्बर की पेटी की चौथी प्रति को0--1
कोलडी श्री पार्श्वनाथजी मन्दिर के भण्डार की एक नम्बर की प्रति म0-11
श्री महावीर स्वामी मंदिर के भण्डार की इस नम्बर की प्रति मु०--1946
श्री मुनिसुव्रत स्वामी मंदिर के भण्डार की इस नम्बर की प्रति से0-1958
सेवामन्दिर रावटी भण्डार की इस नम्बर की प्रति
स्तम्भ 3-ग्रन्थ का नाम :
जैन आगम भाग को छोड़कर प्रत्येक विभाग के ग्रन्थों को अकारादिक्रम से लिखा गया है और इसलिये सूचीपत्र में उल्लेखित ग्रन्थों को पुनः परिशिष्ट में अकारादिक्रम से सजाने की विशेष आवश्यकता नहीं समझी गई है।
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जन प्रागम ग्रन्थों को जैन मान्यतानुसार अंगसूत्र और अंगबाह्य सूत्र (पांच उप विभागों में विभाजित) का जो क्रम नियत है तदनुसार लिखा गया है और यह विषयसूची से स्पष्ट हो जाता है।
लेकिन विभागीकरण की तरह नामकरण में भी एकरूपता नहीं हो सकती क्योंकि भिन्न-2 अक्षर संयोजना से ग्रन्थ नाम का प्रथम प्रक्षर भी भिन्न हो जाता है। उदाहरण स्वरूप "गौड़ी पार्श्व स्तोत्र" और "चिंतामरिण पार्श्व स्तोत्र" को हमने क्रमश: "पार्श्व (गौड़ी) स्तोत्र' और पार्श्व (चिंतामणि) स्तोत्र ऐसा नाम देकर दोनों स्तोत्रों को अक्षर “पा" के नीचे संकलित करना अभीष्ट समझा है। कई बार एक ग्रन्थ विद्वत् जगत् में एक से अधिक नामों से प्रचलित होता है जैसे 'दर्शन-सत्तरी' को 'सम्यक्त्व सत्तरी' भी कहते हैं और विचार षटत्रिशिका "चविशंतिदण्डक' "चौवीसदण्डक' या केवल "दण्डक" के नाम से भी प्रसिद्ध है। उपरोक्त कठिनाइयों से उत्पन्न समस्याओं के निराकरण हेतु पाठकों से और विशेषतया शोधार्थी पाठकों से हमारा निवेदन है कि अभिलषित ग्रन्थ की प्रविष्टि के बारे में निराम होने के पहले संभावनीय विविध विकल्पों के अनुसार सूचीपत्र को अच्छी प्रकार से ढूंढें तथा लेवक परिशिष्ट की भी मदद लें । इस वास्ते पूरी विषय सूची को हृदयंगम करके तथा प्रविष्टि के सभी स्तम्भों को देखना व इस प्राक्कथन संकेत' को भी ध्यान पूर्वक पढ़ना आवश्यक है। सूची पत्रों में विभागी करण, विषय सूची, अकारादिक्रमणिका इत्यादि सुविधा के हेतु हैं परन्तु प्रमादवश उसे ही एक मात्र प्राधार या बहाना बना लेंगे तो विद्यमान होते हुवे भी ग्रन्थ हाथ नहीं लगेगा।
स्तम्भ 3A:
इसमें ग्रन्थ का नाम रोमन लिपि में दे दिया है ताकि देवनागरी लिपि न जानने वालों को कुछ सुविधा हो जाय । तथा उनकी सहलियत के लिये ही सूनी पत्र में सर्वत्र भारतीय अंकों का अन्तर्राष्ट्रीय रूप ही प्रयोग में लिया गया है।
स्तम्भ 4-ग्रन्थ कर्तादि का नाम:
इस स्तम्भ में ग्रन्थकार का नाम व उसके गुरु या पिता का नाम और उसकी प्राम्नाय भी दे दी गई है ताकि पूरा नाम परिचय हो जावे। यदि ग्रन्थ वृति आदि सहित होने से दो अथवा दो से अधिक लेखकों की कृति है तो उन दोनों या सबका नाम व परिचय दिया गया है। उनमें क्रमानुसार प्रथम नाम मूल लेखक का है और करके आगे वृत्तिकार आदि का नाम लिखा गया है । जहाँ लेखक का नाम प्रति में नहीं है वहाँ स्तम्भ को खाली ही रखा है। लेकिन जहाँ पक्का निश्चय हो गया है कि लेखक का नाम मिलने वाला नहीं है वहाँ 'अज्ञात' शब्द लिख दिया है। कहीं-कहीं साथ में ग्रन्थ की रचना के वर्ष का उल्लेख भी किया है यद्यपि अच्छा यह रहता कि रचना समय की जानकारी एक स्वतन्त्र स्तम्भ में दी जाती।
स्तम्भ 5-स्वरूप :
इस स्तम्भ में सूचना दो दृष्टिकोणों से दी गई है। प्रथमतः यह बताया गया है कि ग्रन्थ गद्य या पद्य या चंपू या नाटक या सारिणी या तालिका या यंत्र आदि किस प्रकार का है तथा दूसरे में यह बताया गया है कि ग्रन्थ का स्वरूप क्या है-मूल, नियुक्ति चूरिंग, भाष्य, वृत्ति, दीपिका, अवचूरि, टब्बा (स्तबक), बालाविबोध, वाचना, अन्तर्वाच्य, व्याख्यान, टीका, विवरण, स्वोपज्ञ विवृत्ति प्रादि किस किस्म या जाति का है। प्रायः करके प्रकार या स्वरूप को दर्शाने वाले उपरोक्त शब्दों के प्रथम अक्षर को लिख दिया है जिसका तात्पर्य उस शब्द से लगा लेना चाहिये । बहुधा एक ही प्रति में दो किंवा दो से अधिक स्वरूप साथ में हैं तो वहाँ उतने संकेत दे दिये हैं तथा ग्रन्थ का नाम लिखते हुवे भी कहीं-कहीं यह उल्लेख कर दिया है। उदाहरण:-"प्रवचन सारोद्धार सहवृत्ति" म् (प)+तु (ग)= अर्थात् मूल पद्य में तथा वृत्ति सहित जो गद्य में है।
सामान्य पाठक की सुविधा के लिये ग्रन्थों के स्वरूप का स्पष्टीकरण दे देना उचित होगा जो निम्न प्रकार है।
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मू= मूल (Bare Text)
अर्थात् ग्रन्थ का मूल पाठ मात्र है ।
fao = fag'fii (Explication)
जो निश्चित रूप से समग्रता व अधिकता को लिये हवे, सूत्र में अभिहित, अन्तनिहित सकेतित या स्थित हैं उन जीव अजीव प्रादि विषयों के अर्थों को भली प्रकार परस्पर वाच्य वाचक सम्बन्ध पूर्वक प्रकट करने के उपाय को (युक्ति योजना या घटना को) नियुक्ति कहते हैं ।
यद्यपि सूत्र में अर्थ बीज रूप में वर्तमान हैं तो भी शिष्यों के लिए उसक | रहस्योद्घाटन या विश्लेषगा करना द्विभाषण नहीं है; तथापि नियुक्तिकार अधिकारक विद्वान हैं । सभी नियुक्तियाँ प्राकृत भाषा की पथ मय रचनाये हैं । निक्षेप. उपोद्घात व सूत्रस्पशिक ये तीन इसके प्रकार हैं। नियुक्ति निरुक्त से भिन्न होती है और कई माचार्य इसके दो भेद भी करते हैं---स्पर्श निर्यक्ति व निश्चयेन उक्ति ।
HT0 = 3164 (Treatise)
मूल ग्रन्थ पर वह विशद रचना जिसमें प्रायः भाष्यकार का स्वयं का भी अर्थपूर्ण योगदान होता है भाष्य कहलाता है।
यह प्रायः पद्य शैली में लिखा जाता है और मूल ग्रन्थ की संपूर्ण विषय वस्तु की विभिन्न दृष्टियों से समीक्षा भी की जाती है।
चू0 = चूणि (Exegesis)
मूल सूत्र की जो गद्य शैली व सरल भाषा में विस्तार सहित अध्येता को हृदयंगम कराने के लिये अभिव्यक्ति की जाती है उसे चूर्णी (या चूणि) कहते हैं ।
चूर्ण धातु 'पेषण' के अर्थ में है अर्थात् सूत्रों का चूरा करके सुबाह्य व सुपाच्य बना दिया जाता है ।
वृ० = वृत्ति (Exposition)
वृत्ति एक वह उपयोगी व महत्त्वपूर्ण विवेचन है जिसके माध्यम से शब्दार्थ सह अनुगामिनी व्याख्या द्वारा मूल लेखक का संपूर्ण अभिनाय निष्ठापूर्वक हेतू नय, शंकासमाधान प्रादि सम्मेत स्पष्ट कर दिया जाता है।
यद्यपि वृत्ति व चूणि शब्द का प्रयोग एक दूसरे के लिये कर दिया जाता है तो भी सामान्य पाठक के लिये यह सूचना है कि समस्त चूणि साहित्य (अल्प संस्कृत मिश्रित) प्राकृत भाषा में ही उपलब्ध है जबकि मारी प्रचलित वृत्तियां संस्कृत में हैं।
दी0=दीपिका (Illuminant)
यथानाम दीपक की तरह मूल प्रत्य पर लघ प्रकाश डालने वाली रचना को दीपिका कहते हैं ।
प्रायः करके वृत्ति की पश्चात्वर्ती होती है और भावानुवाद द्वारा उसमें रही हुई जटिलता का यह निराकरण व सरलीकरण भी करती है ।
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40 -- अवचूरि (Elucidatory Version)
मूल ग्रन्थ के उस (प्रायः करके संस्कृत) रूपान्तर को प्रवरि कहते हैं जिसमें बिना विस्तार के भी भावार्थ फुल की तरह खिल जाता है । अव शब्द अनुगामी के अर्थ में है मोटा चूर्ण ही किया जाता है।
वाo= वाचना (Discourse)
शास्त्र सिवाने हेतु स्वाध्यायी को पाठ रूप में जो वनमा गुरु द्वारा दी जाती है उसे वावना कहते हैं। इसे देशी भाषा में 'बाबा' कह सकते हैं जिसमें व्याख्या व प्रशंसा दोनों का समावेश हो जाता है।
व्या0 = व्याख्यान (Lecture)
तदर्थ बुलाई गई संगोष्ठी में उस विषय पर ज्ञान कृत ढंग से दिये गये भापगण को व्याख्यान कहते हैं।
टिo=टिप्पणक (Annotation)
ग्रन्थ का खुलासा करने के लिये जो पद-टिप्पणियां की जाती है उन्हें टिप्पणक कहते हैं ।
चू0 = चूलिका (या चूड़ा (Excursus)
सुत्र सम्बन्धित या सुचित अर्थ की विशेष प्ररूपणा के लिए विशिष्ट संग्रह जो बहुधा ग्रन्थ के अन्त में जोड़ा जाता है, चूलिका या चूड़ा कहा जाता है । पहाड़ की चोटी के सहश मानो ग्रन्थ पर कलश हो।
पं0=पजिका (Expansion)
मूल ग्रन्थ के कतिपय अंशों का सारयुक्त विवेचन पंजिका कहलाता है। पंजिका पदभंजिका ।
टी0-टीका (Commentary)
अालोचना समालोचना करते हुए किसी भी ग्रंथ के तात्पर्य को बीगतवार व विस्तृत रूप से प्रकट करने वाले प्रबन्ध को टीका कहते हैं।
ato= alaraala (Vernacular)
साहित्यिक भाषा में लिखे गये मूल ग्रन्थ का वह संस्करण जो देशी बोलचाल की भाषा में व्यक्त किया जाता है बालाविबोध (बालामिबोध. बालावबोध, बाल बोध) कहलाता है ताकि सामान्य जन भी उसका लाभ उठा सके।
20= टब्बार्थ (Gloss)
पुरानी हस्तलिखित प्रतियों में अल्पपरिचित शब्दों या पदों के निर्वचन या भावार्थ की बहुधा उस प्रति में ही मुल इबारत के ऊपर सरल भाषा में (या देशी बोली में) की गई संक्षिप्त लिखावट को टब्बार्थ कहा जाता है। ऐसे स्पष्टीकरण को स्तबक भी कहते हैं ।
स्वो०= स्वोपज्ञवृत्ति (Own Dilation)
अपने ग्रन्थ को और अधिक सूबोध बनाने के लिये जब मूल लेखक स्वयं उस पर वृत्ति (या भाष्य प्रादि) लिखकर विस्तार करता है तो उसे स्वोपज्ञ वृत्ति (या भाष्यादि) कहते हैं।
दु० = दुर्ग पद पर्याय (या विषम पद बोध आदि) (Terminology Made-easy)
ग्रन्थ में पाये हुवे कठिन या दुर्गम्य शब्दों या पदावली का सरल भाषा में निर्वचन, परिभाषा अथवा अर्थ कथन, दुर्ग पद पर्याय कहा जाता है।
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अन्त० =
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अन्तर्वाच्य ( Intervenient )
वाचना में पूरक रूप से बाह्य वस्तु का समावेश कर परिवर्द्धन करना प्रन्तर्वाच्य है । "प्रक्षिप्त " तो मूल पाठ का भाग ही बना दिया जाता है - अन्तर्वाच्य उससे भिन्न है ।
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अनु० = अनुवाद (Translation)
ग्रन्थ की मूल भाषा को न जानने वालों के लिए भाषान्तर द्वारा ग्रन्थ के शुद्ध स्वरूप का उनकी भाषा में प्रस्तुतिकरण अनुवाद कहलाता है ।
व्याख्या = (Explanation)
मूल कृति के मर्म को आसानी से समझा देने वाली ग्रन्थ पद्धति की सामान्य संज्ञा व्याख्या है । शास्त्रीय दृष्टि से इसके 6 अंग होते है:-संहिता पदच्छेद, पदार्थ, पदविग्रह, चालना और प्रत्यावस्था ।
विo = विवरण (Narration)
विवरण शब्द सामान्य न कि विशेष पारिभाषिक अर्थ में ही प्रचलित है। अलबत्ता वृत्ति के लिए इसका प्रयोग अधिक होता है ।
यद्यपि उपरोक्त परिभाषायें दी गई हैं तो भी वे कोई कठोर निश्चयात्मक नहीं हैं एक ग्रन्थ एक से अधिक परिभाषायों के अन्तर्गत आा सकता है । अतः हमने भी ग्रन्थकार ने जैसा अपने ग्रन्थ को कहा है वैसा ही मान लिया है।
स्तम्भ 6- विषय संकेत ---
यद्यपि मोटे रूप में विभागानुसार विषय संकेत हो जाता है तो भी इस स्तम्भ में ग्रन्थ की विषय वस्तु का प्रति संक्षिप्ततम सारांश परिचय रूप में दिया है जो पाठकों के लिए लाभप्रद सिद्ध होगा ।
स्तम्भ 7 - भाषा: --
ग्रन्थ प्राकृत, संस्कृत प्रपभ्रंश आदि जिस भाषा में लिखा गया है उस भाषा को या तो प्रथम अक्षर से दर्शाया गया है और नहीं तो भाषा का पूरा नाम लिख दिया है ।
इस प्रकार --
प्रा० = प्राकृत सं० = संस्कृत
डिo = डिङ्गल हि० = हिन्दी गु० = - गुजराती
प्र० = प्रपत्र श
जहाँ ग्रन्थ (मूल + वृत्ति प्रादि) एक से अधिक भाषा में है वहाँ उन सभी भाषाओंों को बता दिया है। मिश्रित होने से कई बार ग्रन्थ की भाषा क्या है इस बारे में मतभेद भी हो सकता है जैसे 'जयतिहुप्ररण' स्तोत्र को कई लोग प्राकृत की रचना कहते हैं तो कई उसे अपभ्रंश की। जिन ग्रन्थों की भाषा को हमने 'मारु गुर्जर' की संज्ञा दी है उस बारे में स्पष्टीकरण करना चाहेंगे ।
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|रा० = राजस्थानी
मा० =
= मारुगुर्जर के बोधक हैं ।
पश्चिमी राजस्थान व गुजरात इस भू-भाग की भाषा विक्रम की लगभग 18वीं शताब्दी तक प्रायः एक सी ही रही है और उसमें विपुल साहित्य रचा गया है। अपभ्रंश भाषा के काल के बाद, प्रदेश की इस भाषा को क्या नाम दिया जावे इस बारे में विद्वान एक मत नहीं है। चूंकि विगत दो ढाई शताब्दियों से राजस्थानी व
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गुजराती भिन्न-भिन्न भाषाओं के रूप में उभरी है अत: उस प्रभाव में आकर प्रादेशिक व्यामोह के कारण 13वीं से 18वीं इन 5-6 शताब्दियों में रचे गये ग्रन्थों की भाषा को कई लोग तो गुजराती या प्राचीन गुजराती कहते हैं और कई लोग राजस्थानी कहते हैं। उदाहरण स्वरूप अहमदाबाद (गुजरात) से छपे सूचीपत्रों में श्री समय सुन्दर जी के ग्रंथों की भाषा को स्व. आगमप्रभाकर मुनि पुण्यविजयजी ने गुजराती बताई है, जबकि जोधपुर (राजस्थान) से छपे सूनी पत्रों में उन्हीं ग्रन्थों की भाषा स्व. पद्म श्री मुनि जिनविजयजी ने राजस्थानी बताई है। इस समग्र भु-भाग में विचरण करने वाले होने के कारण जैन साधुनों द्वारा रचित जैन साहित्य में तो यह भाषा एक्यता व साम्य इतना अधिक है कि भाषा भेद की कल्पना ही हास्यास्पद लगती है। ग्रन्थकर्ता ने स्वयं की बोली में रचना की, उस बोनी को पराई संज्ञा देकर अन्याय नहीं करना चाहिये, अत: इस भाषा विवाद में न पड़कर हमने मध्यम मार्ग का अनुसरण करना ही श्रेयस्कर समझा है और कुवलयमाला नामक प्रसिद्ध ग्रन्थ में सुझाये गये 'मारु गुर्जर' नाम से इस भाषा को बताया है जिसमें 19वीं शताब्दी से पूर्व की लगभग 5-6 शताब्दियों की इस भु-भाग की बोलचाल किंवा साहित्यिक भाषा का समावेश हो गया है।
इस प्रकार उपरोक्त सात स्तम्भों में ग्रंथ संबधी जानकारी के संकेतों का स्पष्टीकरण के बाद अब उन स्तम्भों का विवेचन किया जाता है जो मुख्यतः प्रस्तुत प्रति से ही सम्बन्धित हैं।
स्तम्भ 8- पन्नों की संख्या
इस स्तम्भ में प्रति के कूल पन्नों की शुद्ध संख्या जो है वह लिख दी गई है जिसको द्विगुणित करने से पृष्ठों की संख्या आ जाती है । यथा सं नव पन्नों को गिनकर सही संख्या लिखी गई है और बीच में जो पन्ने कम हैं अथवा अतिरिक्त हैं उन क्रमांकों की टिप्पणी दे दी गई है। अधूरी या अपूर्ण तथा कहीं-कहीं अटक प्रति के भी पन्नों के क्रमांक नो उपनब्ध है अथवा कम है वीगतवार लिख दिये हैं। जहां एक से अधिक प्रतियों की प्रविष्टि एक साथ की गई है वहा प्रत्येक प्रति के पन्नों की संख्या अलग-प्रलग लिखी गई है जिनका क्रम विभागीय क्रमांकानुसार है. ऐसा समझ लेना चाहिये।
स्तम्भ 8A- नाप:
इस स्तम्भ में प्रति के बारे में चार प्रकार से सूचना दी गई है। पहिली संख्या प्रति को लम्बाई और दूसरी संख्या प्रति की चौड़ाई दर्शाती है जो दोनों सेन्टीमीटरों में है। तीसरी संख्या प्रतिपृष्ठ (न कि प्रति पन्ने में) कितनी पक्तियां है, यह बताती है और चौथी संख्या प्रति पंक्ति औसतन कितने अक्षर हैं. यह दिखाती है। चारों संख्यात्रों को इसी क्रम से लिखा है और उन्हें अलग-2 करने हेतु सुविधा के लिये बीच में 'x' निशान लगा दिया है। जहां ग्रन्थ केवल यन्त्र तालिका स्वरूप ही है वहां लकीरों व अक्षरों को संख्या नहीं दी है। तथा जहां प्रति पंचपाठी (अर्थात् बीच में मून ग्रंथ व उसके चारों ओर वत्ति प्रादि लिखी हुई) या टब्बार्थ सहित है यहां पंक्तियों व अक्षरों की संख्या मूल को ही दी है। जहां एक से अधिक प्रतियों की प्रविष्टि एक साथ में की गई है वहाँ केवल प्रतियों की लम्बाई चौड़ाई ही दी है और वे भी जब प्रति प्रति भिन्न है तो लम्बाई व चौड़ाई दोनों की लघुतम व दीर्घतम दो-दो संख्यायें लिख दी गई है। दृष्टांत:-भाग 3 (प्रा) भक्तामर स्तोत्र 5 प्रतियों की प्रविष्टि के सामने 24 से 27x12 से 13 लिखने का तात्पर्य यह है कि इन पाचों प्रतियों की लम्बाई भिन्न-भिन्न हैं जो नीचे में 24 और ऊचे में 27 सेन्टीमीटर है और इसी प्रकार चौड़ाई भी भिन्न-2 है जो नीचे में 12 और ऊचे में 13 सेन्टीमीटर है। चूकि सेन्टीमीटर भी कोई बहत विस्तार वाली दूरी नहीं है अतः हमने मीलीमीटरों में जाना श्रेयस्कर नहीं समझा है - आधे से अधिक को पूरा सेन्टीमीटर गिन लिया है और आधे से कम को छोड़ दिया है।
स्तम्भ 9- परिमाण
इस स्तम्भ में भी सूचना दो दृष्टिकोणों में दी गई है
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(i) ग्रन्थ के स्कन्ध (खण्ड) पर्व, सर्ग, अध्याय, प्रकाण, परिच्छेद, अधिकार, प्रकरण, उद्देशक, ढाल, पद, छन्द,
गाथा, श्लोक आदि की संख्या द्वारा उसका परिमारण बताया गया है । जहाँ उपलब्ध है वहाँ ग्रंथान [ग्रन्थ के कुल अक्षरों की संख्या को 32 (प्राचीन अनुष्टभ् छंद का अक्षर परिमारण) से भाग देने पर आने वाला भजनफल ग्रंथान कहलाता है। संख्या भी लिख दी है। परन्तु कभी-कभी यह ग्रंथान संख्या वास्तविकता से मेल नहीं भी खाती है क्योंकि लिपिक इस संख्या को अनुमान से अथवा बढ़ा चढाकर अथवा परंपरागत शास्त्र वणित परन्त वर्तमान में अनुपलब्ध है, वह लिख देते हैं। सचीपत्र में दी हई पन्नों की संख्या को दुगना करने से पष्ठों की संख्या या जाती है और उसे पंक्ति प्रतिपष्ठ को संख्या से गुणा करने पर ग्रंथ के कुन पंक्तियों की संख्या प्रा जाती है और उसे औसतन अक्षरों की संख्या से गुणा करने पर ग्रन्थ के कुल अक्षरों की संख्या या जाती है जिसमें 32 का भाग देने से ग्रंथान की संख्या प्रा जावेगी -इस प्रकार पाठक स्वयं ग्रंथान अनुमानित कर सकते हैं।
(ii) साथ में यह भी बताया गया है कि प्रति संपूर्ण है या अपूर्ण या त्रुटक और यदि अपूर्ण है तो कितनी
अपूर्णता है। यदि प्रति पूरे ग्रंथ के एक अंश हेतु ही लिखी गई है और वह अंश पूरा है तो उसे 'प्रतिपूर्ण' कहा गया है। प्रथम या अन्तिम पन्ना बहधा नहीं होते हैं तो प्रति को अपूर्ण न कहकर वैसी टिप्पणी लिव दी गई है कि पहला या अन्तिम पन्ना कम है । उपरोक्त परिमाण सूचक शब्दों के प्रथम अक्षर ही बहुधा सूची पत्र में लिखे हैं अतः तदनुसार अर्थ लगा लेना चाहिये - जैसे सं. = संपूर्ण, अ. = अपूर्ण, ग्रं = ग्रन्थान ।
स्तम्भ 10- प्रतिलेखन वर्ष, स्थल व लिपिक :
इस स्तम्भ में प्रति के बारे में तीन प्रकार से सूचना दी गई है-- (i) सर्व प्रथम प्रस्तुत प्रति जिस वर्ष में लित्री गई है वह विक्रम संवत दिया गया है। कदाचित् कहीं पर शक या
वीर संवत् या अन्य साल है तो वैसा विशिष्ट उल्लेख कर दिया गया है। विक्रम संवत् से शक संवत् व ईस्वी सन् क्रमश: 1 35 और 56 कम होता है जबकि वीर सम्वत् 470 अधिक होता है, परन्तु बहुत सी प्रतियों में उनका प्रतिलेखन संवत् लिखा हुअा नहीं मिलता है। ऐसी अवस्था में अनुमान से वह प्रति जिस शताब्दी में लिखी प्रतीत हई वह विक्रम की शताब्दी लिख दी गई है। यद्यपि अनुमान लगाते हुए हमने पर्याप्त अनुदार दृष्टि से काम लिया है (अर्थात संदेहास्पद मामलों में प्रति को प्राचीन की अपेक्षा अर्वाचीन ही बताने की ओर झुकाव रहा है) तो भी अन्दाज तो अन्दाज ही है । अतः पाठकों को सलाह है कि हमारे इस अन्दाज को ठोस आधार न मान लें। भिन्न-भिन्न वर्षों में लिखित प्रतियों की प्रविष्टि जब एक साथ ही की गई है वहाँ कालावधि की सीमायें व यथा योग्य सूचना दे दी गई है।
(ii) दूसरी सूचना प्रति किस स्थल में लिखी गई हैं उसकी है और
(iii) तीसरी सूचना लिपिक के नाम की है
स्तम्भ 11- विशेषज्ञातव्य
उपरोक्त सब के अलावा ग्रन्थ अथवा प्रति के बारे में जो भी सूचना देन। उपादेय या आवश्यक समझा गया है उस वास्ते इस स्तम्भ की शरण ली गई है । यह तरह-तरह की जानकारी से भरा गया है और इसका अवलोकन किये बिना प्रविष्टि पूरी देख ली है ऐसा नहीं कहा जा सकता। इस स्तम्भ में दी गई जानकारी के कतिपय उदाहरण हैं-चित्रित , संशोधित, अपठनीय, जीर्ण, प्रथम प्रादर्श, ताड़पत्रीय या वस्त्र पर, देवनागरी से भिन्न लिपि, स्वाक्षरी, ग्रन्थ का दूसरा प्रचलित नाम, प्रशस्ति है, वत्ति ग्रादि का नाम जो अक्सर वृत्तिकार अपनी कृत्ति को देते हैं, साथ में गौण वस्तू जो संलग्न हो प्रादि 2 ।
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उपरोक्त स्तम्भों के अतिरिक्त सरकारी निर्धारित प्रपत्र द्वारा चार अन्य स्तम्भों की अपेक्षा की
निम्न प्रकार है:
गई है
(1) प्रति किस पर लिखी गई है :- कागज, ताड़पत्र, भोजपत्र, कपड़ा आदि । (2) प्रति किस लिपि में लिखी गई है :- देवनागरी, मोड़ी, अरबी, गुजराती। (3) प्रति जीर्ण है या ठीक है या अपठनीय है इत्यादि सूचना । (4) ग्रन्थ अद्यावधि मुद्रित हो चुका है अथवा अाज तक अमुद्रित ही है। परन्तु इस सूची-पत्र में इन चार स्तम्भों को नहीं रखा है और इसका स्पष्टीकरण निम्न प्रकार
लगभग सारी की सारी प्रतियां कागज पर हैं और देवनागरी लिपि (अक्षर अधिकतर जैन मोड़ दिये हुए) में लिखी हुई है अत: अलग स्तम्भ बनाकर सर्वत्र ,, का निशान लगाने में कुछ सार नहीं प्रतीत होता। इसी प्रकार इस सूची-पत्र में उल्लेखित प्रायः सभी प्रतियों की अवस्था ठीक है, पठनीय है अतः उसका भी स्वतन्त्र स्तम्भ बनाना उपयुक्त नहीं लगा। हाँ, कदाचित यदि कोई प्रति कागज पर नहीं है, अथवा देवनागरी लिपि में नहीं लिखी हई है अथवा जीर्ण व अपठनीय है तो वैसा उल्लेख अवश्य "विशेष ज्ञातव्य" स्तम्भ में कर दिया गया है। विशेष उल्लेख के अभाव में पाठक
झ लें कि प्रति देवनागरी लिपि में कागज पर लिखी हुई है और उसकी दशा ठीक है। तथा ग्रन्थों के अद्यावधि मुद्रित या अमुद्रित होने की जानकारी का संकलन करने में हम असमर्थ रहे हैं। अतः अपूर्ण किंवा असत्य जानकारी देने की अपेक्षा मौन रहना ही श्रेयस्कर समझा है। इसका पता शोधार्थी या प्रकाशक हमारी अपेक्षा प्रासानी सेलगा सकते हैं।
तथा इस बारे में एक और निवेदन है। अतिरिक्त परिशिष्ट तथा और कई स्तम्भ सूची-पत्र में जोड़े जा सकते हैं और उससे शोधार्थियों को अवश्य कुछ सुविधा हो जाती है । परन्तु साथ में हमें यह
भलना चाहिये कि सची-पत्र की अपनी मर्यादायें होती हैं और सूची-पत्र बनाने वाले की योग्यता सीमित नहीं होती। ग्रन्थ के बारे में प्रावश्यक सूचना सम्मेत सूची बना देना पर्याप्त है, बाकी सब ढेर सारी सामग्री पचाकर शोधार्थी को देने से उसमें प्रमाद पनपता है, अन्वेषण की जिज्ञासा कुण्ठित हो जाती है जो ज्ञान के विकास के लिये घातक सिद्ध होती है। सूची-पत्र कितना भी विस्तृत हो, शोधार्थी के लिये तो असल प्रति या फोटो फिल्म प्रतिबिम्ब देखने के अलावा गत्यन्तर नहीं है, यह हमारा निश्चय मत है अन्यथा शोध-कार्य के प्रति न्याय नहीं होगा। केवल सूची बनाने वाले पर ही अधिक भार लादने से यह श्रम-साध्य कार्य और इतना गुरुतर हो जावेगा कि साधारण मनुष्य इस को हाथ में लेने से ही घबरा जावेगा - उसका उत्साह मारा जावेगा। सूची-पत्र सूचना है - जांच के लिये आमन्त्रण है - निर्णय का आधार नहीं ।
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आभार प्रदर्शन
(1 ) i. मुनि श्री जयानन्दजी महाराज साहिब को वन्दना करते हैं जिनकी प्राज्ञा से खरतरगच्छ समुदाय जोधपुर के अध्यक्ष महोदय ने श्री महावीर स्वामी मन्दिर के यशोसूरि व केशरगरिण भण्डारों के ग्रन्थ यहाँ रावटी में स्थानान्तरित कर दिये हैं ।
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ii श्रीमान् मिलापचन्दजी साहिब ढढ्ढा धन्यवाद के पात्र हैं जिन्होंने श्री भोसियां तीर्थ के रत्नप्रभ ज्ञान भंडार के सूचीकरण हेतु सम्पूर्ण सुविधायें उपलब्ध की थी ।
iii. श्रीमान् सम्पतराजजी साहिब भंसाली धन्यवाद के पात्र हैं जिनकी प्रेरणा से मुनिसुव्रत स्वामी मन्दिर भण्डार के ग्रन्थ यहाँ रावटी में स्थानान्तरित कर दिये गये हैं ।
iv. श्रीमान् स्व. भोपालचन्दजी साहिब दफ्तरी की श्रात्मा को शान्ति मिले जिन्होंने श्री केशरीयानाथजी के मन्दिर के भंडार के सूचीकरण हेतु सम्पूर्ण सुविधायें उपलब्ध की थी ।
V. श्रीमान् सायरमलजी साहिब पटवा धन्यवाद के पात्र हैं जिन्होंने श्री चिन्तामणि पार्श्वनाथ मन्दिर कोलड़ी भंडार के सूचीकरण हेतु सम्पूर्ण सुविधायें उपलब्ध की थी ।
vi. श्रीमान् कल्याणमलजी साहिब भंसाली धन्यवाद के पात्र हैं जिन्होंने श्री कुंथुनाथजी के मन्दिर के भंडार के सूचीकरण हेतु सम्पूर्ण सुविधायें उपलब्ध की थी ।
(2) स्व. श्रगरचन्दजी नाहटा बीकानेर, श्रीमान् भंवरलालजी नाहटा बीकानेर एवं महामहोपाध्याय श्री विनयसागरजी जयपुर वालों को धन्यवाद दिया जाता है कि उन्होंने इस सूची पत्र की भूलों का परिमार्जन व संशोधन किया है ।
( 3 ) सेवा मन्दिर के परिवार में से श्री बंशीधरजी पुरोहित बी.ए.एल.एल.बी., श्री सुशीलकुमार मुथा एम. ए. एवं श्री रामलालजी घाड़ीवाल के नाम विशेषरूप से उल्लेखनीय है जिन्होंने इस सूची - पत्र को बनाने में पूरा सहयोग दिया है ।
जोधपुर 2044, होलिका रजपर्व दिनांक 3 मार्च 1988
तथा पुस्तक प्रकाशित करने का मुझे बिल्कुल अनुभव नहीं था- यह प्रथम प्रयास है अतः कई भूलें हुई हैं। उदाहरण स्वरूप प्रूफरीडिंग का काम मैंने पूर्णतः कर्मचारियों पर छोड़ देने की भयंकर भूल की अतः इस सूची पत्र में अनेक अशुद्धियां गई है । इन सब के लिये एक मात्र दायित्व व दोष मेरा है और तदर्थं क्षमा प्रार्थी हूं ।
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जौहरीमल पारख का प्रणाम
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राजस्थान के जैन ग्रंथ भंडारों के
हस्तलिखित ग्रंथों का
सची-पत्र
प्रथम खण्ड (जोधपुर नगर)
Rajasthan Jain Granth Bhandars
CATALOGUE OF Hand-Written Manuscripts
Volume I (JODHPUR CITY)
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2 1
क्रमांक स्रोत परिचयाङ्क
1
2
1
2
3
4
6
7
8
10
5 प्रोसि. 1 16
1 अ 17
156
महा. 1 अ 2
9 के नाथ 29 / 38
,, 29/39
13/22
11
16
17
के. नाथ 2/4
1/20
20/34
18
27
19
"1
11
"
12 | कुन्थु 47/3
13 | के. नाथ 9/10
14 म 1 श्र 1
15 के नाथ 18 /58
"
1 22
11
**
1/11
ग्रन्थ का नाम
3
29/34
आचाराङ्ग सूत्र
"
"
37
19
19
11
17
11
15
11
"
11
71
"J
"
"
+ar.
9/15 | सूत्रकृताङ्गसूत्र
14 30
17
+ बा.
+ वृत्ति सह
की वृत्ति
की विषय सूचीं
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नाम रोमन लिपि में
3A
Acă rănga Sutra
35
"
""
""
"
22
"
"
"
"
""
""
+ Bala
"
+ Bālā
(with Vrtti)
Sutrakṛtānga Sūtra
Ki Vrtti
ki Visaya-suct
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ग्रन्थकार का नाम
व परिचय
4
37
सुधर्मा +
+
"
""
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27
सुधर्मा
भाग विभाग : 1 (श्र)
सूधर्मा +
सुधर्मा
33
सुधर्मा +
सुधर्मा
73
+ पार्श्वचद्र मू. ट.,
शोलांकाचार्य
+ पार्श्व चंद्र मू. + बा.,,
मू. ट.,,
शोलांकाचार्य
स्वरूप
5
सुधर्मा +
+
मू. (ग. प.)
11
मु. बा.,,
मु. ट.,
"
"
73
मू. (ग.)
मू. + वृ.
बृ. (ग.)
गद्य
मु.ट.
( प.ग.)
57
मु. ( प.ग.)
·
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जैन आगम-अंग सूत्र
[
3
विषय सकेत
भाषा
पन्ने
नाप पंक्त्याक्षर ल- चौxx अ.
8A
परिमाण
प्रतिलेखन सं. आदि 10
विशेष झातव्य
प्रा.
27x11x15x50सं.दोनों स्क.ग्र.2644] 17वीं
प्रथम अंग (आचरण)
26x11x13x40
1749
प्रा.
25x11x18x44 सं.प्र. स्कंध
18वीं
26x11x17x58
18,
24x11x7x33
1833 विक्रमपुर मनरंग
24x11x6x33
"
"
26x11x15x58
26x12x5x36
, प्र. , 19वीं
1936 ,,,,, ग्रं. 1817 जरगगढ़
लक्ष्मी विजय ,,,,4000/20वीं
27x12x4x32
27x12:5x32
,, द्वि ,, ,,8500/ 20वीं
27x11x4x42
प्र. छठे अध्य. तक
19वीं
| 27x12x13x 35 अपूर्ण बुटक
..
लकीरों की संख्या भिन्न भिन्न
अंग साहित्य | सं.
25x12x20x64
19 ,, | 26x12 x 13x40 | सं. दोनों स्कंधों की 1847
| ग्र. 1222527x11xllx 68 | संपूर्ण
19वीं 26x11x6x35 सं.प्र. अध्य. 16 1574
द्वितीय अंग
प्रा.मा.
60 | 26x11x6x27
16वीं
| 26x11x15x54,, दोनों स्कंध 23 अध्य) 1653
30x11x13x56
17वीं
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भाग विभाग :-1 (4)
1
2
3A
कोलही.23
सूत्रकृताङ्गसूत्र
Sūtrakstānga Sutra
मू. (प.)
महा. 194
"(ग.
)
मु.सुव्रत 1946 ,, 1947
, 1445 | के. नाथ 29/9
प्रोसि. 1918 | के.ना. 131 28 | कुन्थु. 29/2
मू.+ट.
(प.ग.) मू. (प.)
मू +बा.
(प.ग.) +हर्षकुशल | मू.+दी.,
+दीपिका
, +Dipika
" +
+
"
,
+
"
,, - साधुरंग |
"
"
महा. 143
"
,,
+वृत्ति
+
+Vrtti
, -न-शीला-
मु.+ वृ.
काचार्य |
+
,
+
+,,
सुधर्मा स्वामी
सुधर्मा स्वामी
| के. ना.18/40 31 मुनि सु.352714 32 के.नाथ 10/77 33 , 15/132 34 कोलडी 872 35 | के.नाथ 29/99 , की वृत्ति
| मुनि सु.1944 स्थानाङ्गसूत्र 37 | प्रोसि. 1 4 19 ,
,,
ki Vrtti
शीलांकाचार्य
गद्य
Sthậnanga Sutra
सुधर्मा स्वामी
मू. (ग.)
| महा. 196
+वत्ति
"
+Vrtti
सुधर्मा- अभयदेव मू.वृ.(ग).
39
के. नाथ 4/3
सुधर्मा स्वामी
मू + (ग.)
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जैन प्रागम-अंग सूत्र
[ 5
| 7
| A
9
10 10
11
द्वितीय अंग
27x 11xllx42 सं.प्र. स्कं. 10 अध्य. 17वीं
26x11x13x44
126x11x11x41
26x IIx11x41, द्वि. स्क.7 अध्य
1696/ 26x18x6x32 , प्र. स्क. ग्र. 5000/ 1701
धमदास 1 26x10x11x33 प्र. स्कं. कुछ त्रुटक 17वीं 51 26 x 11x15x35/प्र. 12 अध्य. प्र. स्क18वीं
26x11x17x45
20XIXIIm4
19वीं
"
"
"
89 | 26x11 x 18x72 प्र. 13वें से 23 अध्या 17वीं 346 | 26 x 12x 15 x 48 सं.दोनों स्कं.ग्र.16950| 20वीं
26x11x19x59 | द्वि. अध्य-मात्र 17वीं
., महावीर स्तुति प्रा.
| 25x10x14x44 | छठा अध्या. मात्र
| 1783
का 1 अध्या. ,
1026-12-19x55 क्रियानाम अध्य. मात्र 18वीं
317x9x9x30
छठा अध्या. मात्र
1897
अंग-साहित्य
सं.
प्रा.
तीसरा अग
(ठाणांग)
2 20 x 12 x 16 x 34
1901 | 27x12x15x52 | अ.13वें से 23 अध्या. 1867 128x11x 13 x 42 | सं. ग्रं. 3800 16वीं
26 x 11x:5x46, 3750 241 | 32 x 13x15x 63., 18000 16वीं
16वीं
137 27x11x12x39,3750
17वीं
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6
]
भाग विभाग :- 1 (अ)
3A
सुधर्मा-+-अभयदेव मू.-- वृ.(ग.) सुधर्मा स्वामी । मू.(ग.) सुधर्मा + अभयदेव मु.+ वृ.(ग.)
40/ महा.13/13 | स्थानाङ्ग सूत्र ---वृत्ति | Stbānanga Sutra + Vrtti 41 | के.नाथ 66/13 42 महा./अ 5
वृत्ति , +Vrtti 43 के.नाथ 11/80/
| मुनि सु. 1955 , कोलडी 973 स्थानाङ्ग-वति
.. -Vrtti
सूधर्मा स्वामी
। मू (ग.)
मु.+ट.(ग.)
अभयदेव
व.(ग.)
18
| के नाथ 15/11/ समवायाङ्ग-सूत्र - वृत्ति Samavayaiga Sutra+Vrtti | सुधर्मा - अभयदेव मू. + वृ.(ग.) प्रोमियां 1420
सुधर्मा स्वामी मू.(ग.) | के.नाथ 1/17 |., 10/91 " वृत्ति
+Vrtti
सुधर्मा+अभयदेव म.+व.(ग.) 51 मुनि सु.1941
सुधर्मा स्वामी मु.(ग.) | के.जाथ 20/9
मू. नट.(ग.)
53., 153
मू.(ग.)
मू.-1-ट.(ग.)
---Vrtti
अभयदेव
व.(ग.)
महा. 17
| कोलडो 19 58, 970
Bhagavati Sūtra
सुधर्मा स्वामी
म (ग.)
59 के.नाथ 24/7|
॥
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जैन श्रागम-अंग सूत्र
[
7
6
8
8A
10
तीसरा अंग
प्रा.सं.
27x11x17x64 स.न. 18000
17वीं
प्रा.
26 x 11 x 7x42 | प्र. 8वें स्थानक तक | 10वीं 30 x 15x 20 x 54 | सं.ग्र. 18000। 1914
प्रा.सं.
526x11x13x40 3-4 स्थान के बोल | 18वीं
मात्र
प्रा.मा.
अंग-साहित्य
सं.
संशोधित
1665
चौथा अग
प्रा.सं.
प्रा.सं.
26 x 11 x 8x57 अ. 3रे स्थान तक 19वीं 34 x 14 x 17x70 | अ. 8वें ,, ,, 15वीं 27x11 x 15x 52 संग्र.
1425) 26 x 11x11 x 40 , 5417 15वीं 26x11x11x45
16वीं 35 26 x 11 x 15x55 प्र. 24वें समवाय तक 16वीं 38 34 x 13 x 22 x 60 , 17वें से अंत तक | 1649 26x12x15x43 / संपूर्ण
1659 121 25x11 x 12 x 551 ,, ग्र. 1667 1751
25 x 10x 14x38,, , . 1783 76 26 x 11x7x50 प्र. 8वें समवाय तक 18वीं 9826 x 11 x 13 x 52संपूर्ण 16वीं
25x11x13x41 , ग्र.3775 17वीं
जीर्ण वति संक्षेप में है।
प्रा.
प्रा मा.
प्रा.
प्रा.मा.
अंग-साहित्य
6.
27x11x15x55
19वीं
प्रा.
पांचवां अंग (व्याख्या प्रज्ञप्ति)
244 | 26 x 13 x 17x64
, ग्र. 15775
1568
27x11x11x51 प्र.जमाली दीक्षा तक 16वीं
188 से 199 पन्ने कम
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1
8 J
60
61
62
63
64
65
66
67
68
72
73
69
कुन्थुनाथ 2/6
70
कोलडी COL 2
71 | कुंभुनाथ 52 / 18
प्रोसि 2408
के नाथ 10/41
74
76
मुनि 1 / 57
75 हुन्थुनाथ 52/22
77
78
कोलडी 20
के साथ 5/3
79
2
ओसिया 1 अ 2 |
महावीर 128
मुनिसु. 140
महावीर 1 14
कोलडो 1012
महावीर 19
के. नाथ 17/50
के नाथ 6 / 108
6761
9/11
कोलडी 21
17
17
भगवती सूत्र
"
51
11
7
"
"2
"
17
37
17
17
"'
17
"
17
""
"
17
3
- वृत्ति
7
75
7
वृत्ति
की वृत्ति
38
का बीजक
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Bhagavati Sūtra
"
17
99
20
"
"
35
59
""
"
"
3A
و"
+ Vriti
+ Vetti
ki Vṛtti
"
kā Bijaka
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"
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सुधर्मा स्वामी
13
भाग विभाग :- 1 (अ)
"7
सुधर्मा / प्रभयदेव मू. + वृ. (ग.)
11
सुधर्मा स्वामी
11
37
31
11
31
4
11
12
37
37
77
अभयदेव
मु. (ग.)
"1
79
11
+ प्रभय मू. + वृ . ( ग . )
पू. + ट. (ग.)
मू. (ग.)
मू. ( ग . )
11
11
मू. + ट. (ग.)
11
5
=.
11
मू. ( ग . )
गद्य
"1
""
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जैन प्रागम अंग सूत्र
पांचवां अंग ( व्याख्याप्रज्ञप्ति)
21
"
"
"
"1
11
"
13
11
"3
""
27
""
"
"1
6
17
33
विषय सूची
प्रा.
""
31
प्रा.सं.
77
27
प्रा.
13
प्रा.सं.
7
प्रा.मा.
प्रा.
प्रा.
श्रागम साहित्य | सं.
11
प्रा.मा.
37
8
401
205
904
971
27 × 1 1 × 13 × 52 सपूर्ण
*26 x 11 x 17x54 सं. प्र. 15875
26 x 12 x 13 x 41
27 x 13 x 15 x 47
715 | 33 × 19 × 17 x 45
681
31 x 15 x 14 x 64
27 x 11 x 11 x 40
त्रुटक
26 × 12 × 13 × 38 प्रपूर्ण शतक 8 / 8 तक
25 x 12 x 15 x 44
केवल शतक 1/7 तक
25 x 12 x 5 x 30
,, प्र.,, का 7वां उद्दे. 1859
26 x 13 x 6 x 40
पूर्ण मात्र
19वीं
26 x 11 × 15 x 45
13 मालापक मात्र 17वीं
26 x 11 x 6 x 35
केवल जयंती प्रश्नोत्तरी 1763
26 × 11 × 11 × 38
18वीं
27 26×11 x 11x41
13 | 25 x 11 x 12 x 40
6 26x11 × 12 x 44
423
168
94
5
15
53
11
20
424
468
www.kobatirth.org
12
8A
27
29
33
17
33
""
"
9
41 शतक
ऋषभ जयपाली प्रधिकार
9/36 16/5,6
17
9/33 जवाली अधिकार
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37
1670
प्र. 18616 1965
जोधपुर 19वीं
10
1698
|1887 रतल म, मनोरदास
1894
1900
तखतराम
17
77
17
कुछ उद्धररण मात्र
26 × 11 × 15 x 45 सं. प्र. 18616
1663
26 x 11 x 15 x 45
1667
27 × 11 × 18 × 54 सं. 138 शा. 1925 उद्दे! 1658
19वीं
[ 9
11
बीच में कई
पत्र कम
देवलीये, शतक 2/1+3/1,2 +7/9,10,9/ 33.60+11/ 11.124-12/
1,2,9,
जमालि प्रधिकारादि
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10 ]
भाग विभाग :-1 (प्र)
3A
80 | मुनि सु 2 | भगवती सूत्र की सज्झायें , Bhagavati Sutra ki
मानविजय 320
Sajjhāyen 81 | कोलडी 22 | , यन्त्राणि
Yantrāņi
तालिकार्य | के.नाथ11/9:| ज्ञाता धर्म कथाङ्ग सूत्र
Jñātādharma kathānga
सुधर्मा स्वामी मू. (ग.)
Sutral तुषमा स्वामा । 83 | मुनि सु 1453 , 84 | के. नाथ 1/31/
| मुनि सु.1954
मोसियां 1435/
| के. नाथ 4/1
प्रोसियां 1437
के. नाथ 14/
25 , 5/2 से. मं.14 58 | के. नाथ 4/14/ | ,, 5/102
मू.+ट(ग.)
मू. (ग.)
से. मं. 1959
मू.+-ट(ग.)
95 | कोलडी 24
| के. नाथ 1/26 97 कु. नाथ43/9 98 , 23/6/ 99 के ना 13/36
मू. (ग.)
,, कनक सुदर मू +ट(ग.)
सुधर्मा स्वामी
मू. (ग.)
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जन प्रागम-अंग सूत्र
[
11
6
7
8
8
9
10
11
मागम साहित्य मा.
9/27x12x12x31 प्र. 12वीं सज्झाय तक 17वीं
शांति विजय
शिष्य
28x11x5x65 | त्रुटक
19वीं
अंग सूत्र/धर्म |
29x 11x18x63 | सं. दोनों स्कंध
1522
| पहिला पन्ना कम
कथायें
30 x 12x14x52
1570
25x11x11x48
, प्र.5834
16वीं 1597
26x11xllx47
28x12x10x32
16वीं
पहिला पन्ना कम
27x11x11x32
ग्रं.5464
1601
33x13x13x64
"
17वीं
25x11x13x41
.द्वि.स्कं.के 7वर्ग तक
,
26x11x13x44 पाठी कथा से
द्वि. की 1 26x11+11x42 सं दोनों स्कंध
छठा अंग सूत्र
प्रा.मा.
2
18वीं
18वीं
प्रा.मा.
25x11x7x40 | सं. दो. स्कंध
ग्र. 14000 | 26 x 10 x 11x44 | अपूर्ण दूसरी कथा
से प्रत तक | 26x12x7x43 | त्रुटक द्वि.स्क.8वें वर्ग
तक 25x12x15x37 | संपूर्ण दोनों स्कंध 25 x 11x5x35. | अपूर्ण
18वीं
जीर्ण
19वीं
7x11x16x44 | ., 16वीं कया तक 19वीं
प्रा.मा.
106 | 26 x 12x5x46 / त्रुटक
19वीं
प्रा.
149/ 26x12x12x381
20वीं
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माम विभाग :- 1 (4)
3
ЗА
सुधर्मा स्वामी
100 के के.नाथ 11/24/ ज्ञाताधर्म कथाङ्गसूत्र | Jhatadharma Kathanga.
sutra 101 कोलडो 1014
मू.+ट. (ग)
मू. (ग) मू +-ट. (ग)
.
"
,, 1013
103 | के. ना.5/114
+Vrtti
| ,
अभयदेव | मू.+वृ. (ग)
मू.+प्र.(म)
105
Jñatopapaya
104 | महा. 1415
प्रोसि.2/312 ज्ञातोपनया
| कोलडी972 | ज्ञाताधर्म कथांग की। 107 | प्रोसि.1436 |
Jiatadharma kathanga ks| अभयदेव
Vrtti
गद्य
वृत्ति
गद्य
108 | से. मं. ति.गु. 3| ज्ञाताभास
Jñātābhāsa
पद्य
मेघऋषि (पासचंद
. गच्छ)
109
के. ना.14/59| ज्ञाताधर्म कथा पर्याय
गद्य
|Jhatādharmakatha
Paryaya . Bola
110
| ,, गु. 27 |
, बोल
गद्य
111 प्रोसि. 14261 उपासक दशांग सूत्र
Upāsakadaśānga Sūtra
सुधर्मा स्वामी । मू. (ग.)
112 |
113
मू.+ट(ग)
114] के.
115
| मुसु प्र43 ,, 1 9 42 के. नाथ 4/6 ,, 11/20 ,, 14/34
प्रोसि.14 38 118 | के.नाथ 6/21 119
,, 5/49
116
.: : : :
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जैन आगम अंग सूत्र
छठा अंग सूत्र
11
"1
19
14
अंग साहित्य कथा | शिक्षा व रूपक वि भागम-साहित्य
6
"
=
35
:
11
"
"
11
01
प्रा.मा.
प्रा.
प्रा.मा.
B
कठिन शब्दार्थ भा मा.
आगम-साहित्य मा. सार तालिका
सातवां अंग सूत्र प्रा.
श्राद्धाचार
प्रा.सं.
11
सं.
7
सं.
मा.
33
प्रा.मा.
प्रा.
"1
8
4
88
22 25 x 11 x6x36
157 | 26 x 10 x 11 × 45
147 25 × 11 × 5 × 48
20 | 25 × 11 × 7 x 34
61 | 25 × 12 × 14 x 44 पूर्ण पहली कथाभी
प्रधूरी
26 × 11 × 22 × 34 सं. 19 कथानों के
39
www.kobatirth.org
19
8A
17
58 34 x 14 x 17 x 72 सं. ग्रं 7300
33 x 13 x 13 x 63
16 x 13 x 13 x 17
20 125 x 11 × 19 × 50
15 x 10 x 14 x 10
28 x 11 x 15 x 58
30 27 x 11 x 11 x 50
49 | 26 × 11 × 7× 42
39 26 x 11 x 13 x 47
24 25 x 11 x 13 x 39
35
26 x 11 x 11 x 40
"
23 26 x 11 x 13 x 44
अपूर्ण पहली कथा भी 18वीं अधूरी
पाँचवीं से अंत तक 19वीं
11
त्रुटक
केवल 17वीं 18वीं कथा 19वीं
19वीं
15aff
17
"1
17
12
31
19 कथासार
1721
,, प्र. सं. के शब्दार्थं 19वीं
113 अनुच्छेद 1929
9
71
11
"
"
10 प्रध्ययन
10
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10
18
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19at
10
ग्रं. 9761613
"
10,, . 812 1679
17वीं
921
17aff
17 | 26 × 11 × 15 x 54 प्रपूर्ण 8 वें प्रध्य तक 18वीं
13 27 x 11 x 16 x 56
2 से 10,
18वीं
1629
"
17at
1598 मोभाग्यसुन्दर
ग्रं. 886 16वीं
10,, ग्रं. 1986 16वीं
[ 13
11
बीच में कई पन्ने कम
Page #31
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14 ]
भाग विभाग :- 1 (अ)
3
ЗА
|
5
के.नाथ 3/21
उपासकदशांगसूत्र
Upāsakadaśānga Sutra
सुधर्मा स्वामी
मू.+ट.(ग.)
121 | ओसियां 42
122
के.माथ 15/211
,, 414 , 26 प्रोसि.1439
126] के.नाथ 99
मू.+ट.(ग.)
7
.
1/36
मू.ग.
5/22
मू.+ट.(ग.)
"
1/2
"
की वृत्ति
"
Ki Vrtti
अभयदेव
Antakstānga Sūtra
सुधर्मा स्वामी ।
,, 15/216 131 से.म. 1460/ पन्तकृताङ्गसूत्र 132 | मु.सु. 1449
| से.म. 161 134 प्रोसि. 1927
,, 1434
के नाथ1517 .
137 कोलडी 25 138 कोलडो 26
+वृत्ति
"
+Vitti
प्रभयदेव मू.+व.(ग.)
139 | महावीर10
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जैन ग्रागमं - अंग सूत्र
सातवां प्रग सूत्र प्रा. मा. श्राद्धाचार
"1
";
"1
"
11
11
97
22
19
6
"
"
11
"1
."
धागम - साहित्य सं.
=
11
""
13
आठवां अंग सूत्र प्रा.
धर्म कथायें
"1
STT.
--
17
प्रा. मा.
STT.
प्रा.मा.
7
=
:
प्रा. सं.
"
8
61
116
27
22
23
23
60
11
11
24
30
19
21
30
16
25
24
19
24
23
8A
www.kobatirth.org
26 x 11 x 13 x 43
25 x 10 x 13 x 33
25 x 11 x 15 x 50
26 x 11 x 6 x 38
27 x 12 x 4 x 30
25 x 10 x 15 x 43
26 x 11 x 14 x 50
26 × 11 × 13 × 43 सं. 10 प्रध्याय प्र.912 19वीं
28 x 12 x 13 x 54
प्र 8 वें अध्याय तक
19at
26 × 11 × 5 × 42
. 9 a,;
26 x 11 x 16 x 50 я, 3
26 × 11 × 6 × 32
26 x 10 x 14 x 44
27 x 11 x 15 x 47
25 x 13 x 15 x 38
संपूर्ण 12 अध्याय
"
17
;;
25 x 11 x 13 x 40
26 x 11 x 15 x 53 10
26 x 12 x 13 x 48
27 x 11 x 11 x 40
28 x 11 x 15 x 58
स. 10 प्रध्या की
31
19
"1
9
20at
20af
प्र. पहिला श्रध्या भी 20वीं अधूरा सं. ग्रं. 944 प्राध्या. 10 19वीं
20at
16वीं
पोभाजीत
16at
16वीं
1589
पौभाग्य सुन्दर
1654
गली, जयंत
1746
18वीं
21
17
97
""
79
890
;;
""
For Private and Personal Use Only
*. 790
#'. 795
92 कथाये ग्र. 800
5. 10 प्रध्या
#.800
10 मध्या.
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10 अध्या.
10
1863
19at
19वीं
19at
18af
19at
[ 15
11
पहला पन्ना कम
अंतिम पृष्ठ नहीं
Page #33
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1
16 ]
141
140. नाथ 15/96 प्रन्तकृत ङ्गसूत्र
मु. सुव्रत 148
142 के. ना. 10/69
147
148
149
11
2
93
27
33
"}
143 सि. 128 प्रनुत्तरोपपालिकदशाङ्गसूत्र Anuttaropapatika daśaga
Sutra
144 कु. ना. 52/15
145
37/11
146 के नाथ 17/44
15/7
;, 15/98
7 g.1952
न
150 के. ना. 11 /66
151
aifa. 1#32
152 से मं. 162
153 कोलडी. 27
154 मु.सु. 151
155 कु. ना. 3/48
156 कोलडी 10/5
157 f. 133
158
130
159 के नाथ 11/46
77
17
17
۳۲
17
17
۲۲
17
17
n
17
ア
17
3
"D
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www.kobatirth.org
+afer
Antakṛtānga Sutra
"
99
"
38
グラ
39
97
17
18
17
"Y
59
57
39
3A
19
35
+ Vetti
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भाग विभाग :- 1 (a)
सुधर्मा स्वामी
73
11
11
71
"1
11
71
""
TO
13
TI
71
13
".
10
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4
11
5
भू. ग.
मू. +ट (ग.)
(T.)
"7
19
17
11
17
11
मू. +ट (ग.)
""
मू ग.
मू. +ट (म.)
"
..
मू. ग.
11
मू. + वृ . ( ग . )
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जैन श्रागम अंग सूत्र
आठवां अंग सूत्र प्रा. धर्मकथायें
"1
i,
11
नवमां अंग सूत्र," धर्मकथायें
71
11
"
;;
6
13
"
11
"
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""
وز
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",
13
प्रा. मा.
ST.
11
11
19
10
प्रा. मा.
"
प्रा.
7
प्रा.मा.
"1
:
प्रा.
;;
प्रा. सं.
8
23
4
8
8
31 | 24× 11 × 13 x 32 | सं. 10 प्रध्याय ग्रं. 892 19af
67 25 x 12 x 6×31
ग्रं.8801897 फलोदी भीमराज
27 x 11 x 14 x 34
19at
28 x 11 x 15 x 58
8
8
13
9
www.kobatirth.org
9
8A
40
26 x 11 x 11 x 48
8
26 x 11 x 11 x 35
9 26 x 11 x 11 x 34
14 26 × 11 × 6 × 34
25 x 12 x 8 x 30
25 x 11 x 10 x 37
12 25 x 12 x 14 x 40
14 25 x 11 x 7 x 33
30
26 x 12 x 3 x 38
26 x 11 x 13 x 44
5 25 x 12 x 16 x 47
9 24 x 14 x 11 x 30
26 × 11 × 11 × 48
26 × 11 × 11 × 46
26 x 10 x 13 x 38
31
सं. 10 प्रध्या. ग्रं. 190
11
37
"1
71
"1
"1
""
"1
"
"1
"1
9
"1
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31
For Private and Personal Use Only
11
ग्रं. 191
ग्रं. 196
ग्रं. 192
}}
संपूर्ण 10 अध्याय
"?
"1
""
73
72
17
ور
";
26 × 13 × 14 × 33 | मू. सं. वृत्ति अपूर्ण
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10
1598
सौभाग्य सुन्दर
16at
16वीं
16at
1638
1646
17वीं
1700
18at
18at
1839
1898 गोपालसागर
19af
19at
19at
19at
19at
[ 17
11
| पहिला पन्ता कम
sui
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18 ]
भाग विभाग :- 1 (अ)
1
|
2
|
ЗА
4
5
160
मू.(ग.)
प्रोसियां 1931| अनत्तरोपापतिकदशांगसुत्र | Anuttaropapatika-dasangal सुधर्मा स्वामी
Sütia 1939 प्रश्नव्याकरणसूत्र Praśnavyākarana Sūtra
|
162
के नाथ6/64
3
से.मं. 1963
| कु.नाथ 54/4
165 के.नाथ 29/33/
"
+बाला.
+Bala.
/पार्श्वचंद म.-- बा.(ग)
10/13
सुधर्मा स्वामी
मू.(ग.)
,
14/290
,
1/24
महा. 1911
,
+Vrtti
, अभयदेद मु.व. (ग.)
सुधर्मा स्वामी
+ट.(ग.)
..,
ki Vrtti
अभयदेव
प्रोसि.1424/
25 171 के.नाथ ! 5/176 172 के नाथ 29/37 की वति 173 | के.नाथ 10/26/ 174 के.नाथ 5/50 ,, दीपिका 175
मु.सु. 14:0 विपाकसूत्र 176
कोलडो 813
Dipika
अजीतदेवमूरि
Vipaka Sutra
सुधर्मा स्वामी
1771 से मं. 1964
178| के. नाथ 4/9
179 कोलडो 28
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जैन आगम-अंग सूत्र
[
19
6
7
8
9
10
11
नवमां अंग धर्म प्रा.
कथाय दसवां अंग पाश्रव संवर
25x12x7x42 | संपूर्ण 10 अध्याय | 1927महा
त्मा गुजलाल 28x11x15x58 , 10 अध्याय ।
ग्रं. 1250 सौभाग्यसुन्दर 27x IIx11x37
| 1616
27x12x9x26
,,, ग्र. 1500
17वीं
| 26 x 12 x 13x 52
" ,, ग्र. 1250/ 17वीं | 26 x 11 x 11x54 | ,, ,, ग्र. 7450 17वीं
1944
"
, ग्र.5400
20वीं
पागम साहित्य
व्याख्या
28x13x13x50 | अपूर्ण 3रे से 7वें 17वीं
अध्या. 48 26 x 11 x 13x42 | संपूर्ण 10 अध्याय | 19वीं 38 / 26x11 x 13x42 | ,, ,, ग्र. 1200 19वीं 26x12x15x44
5880 19वीं 91 25 x 13x7x32
6/26 x 11x5x30 | अपूर्ण 105 | 26 x 11 x 15 x 41 | संपूर्ण 10 अ...... 17वीं
ग्र. 4630 23 | 26 x 11 x 17x45 | अपूर्ण दूसरे अध्या. तक 19वीं
| 26x11 x 19x 47,, प्राश्रव 2 से 5 19वीं
126x11x11x38 सं. दोनों स्कंध 1596 33 | 31 x 11x13x35
| 1597 127x11x1ix38
16वीं 58 | 26 x 11x11 x 34 ,, ,, ग्र. 1316 1605
ग्यारवां अंतिम प्रा. अंग धर्मकथायें
24/27x11 x 15x54
,
1677
पहिला पन्न! कम
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20 ]
भाग विभाग :- 1अ+1 प्रा (i)
ЗА
Vipaka Sutra
सुधर्मा स्वामी
मू. (ग.)
180| के. नाथ 2/3 | विपाकसूत्र 181 " 17/43
महा.1412 | +वृत्ति 183 | के.नाथ/14/33 विपाकसूत्र
| प्रोसि. 1423
,
+Vrtti
,, अभयदेव मू.+व (ग.)
Vipäka stūra
सुधा स्वामी
मू. (ग.)
185
के. नाथ 3/5
मू.+ट.(ग.)
.. की वृत्ति
Ki Vịtti
प्रभा
186 " 9/94 187 के. नाथ 1/23
,
188 कोलडी 29
भाग विभाग
1पा (i) जैन
| आगम अङ्ग बाह्य-उपाङ्ग
सूत्र
1 महा.प्रा.! | प्रौपपातिकसूत्र
Aupapātika Sutra
+मभयदेवमू+व.(ग.)
कोलही 30
मू. (ग.)
के. नाथ 2/2
कु. नाथ 52/9
5
के. नाथ 24/1
6
से.मं.मा 128
मू.ट. (ग.)
| के.नाथ 17/25 प्रोसि. 192
के.नाथ 15/19
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जैन श्रागम अंग सूत्र + जैन श्रागम अंग बाह्य उपाङ्ग-सूत्र
6
ग्यारवां अंतिम प्रा. अंग/धर्मकथायें
11
19
"1
"D
"
"7
प्रथम उपांग fafauza
33
وز
श्रागम साहित्य सं.
व्याख्या
ग्यारवें श्रंग की व्याख्या / धर्म क
35
"1
;;
""
31
ני
प्रा.सं.
STT.
33
प्रा.मा.
"1
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प्रा.स.
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7
33
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:
प्रा.मा.
प्रा.
11
8
22 20
28
29
47
29
3
11
17
23
10
83
28
34
32
42
36
82
355 35
95
www.kobatirth.org
31
8A
25 × 12 × 15 × 50 संपूर्ण दोनों स्कंध
ग्र. 1250
26 x 11 x 13 x 53
25 x 13 x 17 x 36
26 x 11 x 16 x 41
11
31
".
17
..
38
26 x 12 x 15 x 56 fa
24 x 10 x 5 x 29
केवल सुबाहु अध्य.
26 × 10 × 16 × 50 सपूर्ण दोनों स्कंध
26 x 11 x 15 x 46
#.6800
26 x 11 x 15 x 52
30
37
अपूर्ण
संपूर्णं
11
27 x 11 x 17 x 38. 7125
22 x 11 x 15 x 48 gm
26 x 11 x 13 x 48
26 x 10 x 13 x 41
27 × 11 × 11 × 44
26 x 11 x 13 x 41
25 x 11 x 5 x 40
27 x 11 x 5 x 41
25 x 10 x 15 x 47
33
"
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9
प्र. 1316
... 1334
31
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10
17at
1719
19at
19af
19वीं
19at
1617
1649
1677
16af
1665
T. 1167 1669
ग्र. 1175 17वीं
. 1250 17at
प्र. 1300 17वीं
17at
18at
. 1167 19at
[ 21
11
प्रथम 3 पन्ने कम
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22 ]
भाग विभाग :- 1पा (i)
ЗА
5
Aupapātika Sūtra
मू. (ग.)
मू.---ट.(ग.) मू. (ग.)
10 के.नाथ 15/97| औपपातिकसूत्र
|, 11/78 12 | कोलडी 1017 , 13, 1016
के.नाथ 15/12 राजप्रश्नीयमूत्र
| ., 5/64 16, 1/28 17.सु 14.116 18 4.म. 1प्रा.127
Rājapraśniya Sutra
19ोसियां प्रा.90%
वा. मेघराज
मू+ट.(ग.)
, प्रा.91 21 के.नाथ 10/16
|,, 913
23
"
+Vrtti
मलयगिरि
म.+-वृ.(ग.)
, 11 109 कोलडी 31
, +वृत्ति राजप्रश्नीयसूत्र
Rajapraśniya sutra
मु.-+-.(ग.)
| के.नाथ 14/31 कोलडो 32
,, 1012 28., 1020 29 के.ना. 16/16
मू.+-ट. (ग.)
-वृत्ति
मू. + वृ.(ग.)
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जैन आगम-अंग सूत्र
[ 23
8A
___11
.
प्रा.
प्रथम उपांग विविधत
39 | 25 x 11 x 13 x 48 | संपूर्ण ग्र. 1167 11 | 26x11x6x42 अपूर्ण अंतिम पन्ने
10 19वों 1786
प्रा.मा.
,
प्रा.
26x11x5x30 | अपुर्ण
19वीं
25x11x15x55
25x11x15x42 संपूर्ण
द्वितीय उपांग 2
कथाये
19वीं 1598 1668 1681
(सुर्यादेव+ प्रदेशी के शी)
26x11x13x47
X 13x47
, प्र.2100
27x11 x 13x36
28 x 12 x 14x40
,, प्र. 2579
17वीं
26x11x13x46
17वीं 17वीं
अंतिम पन्ना
कम
27x11x13x41
ग्र. 2179
प्रा.मा.
24x11x5x40
,, प्र. 6500
18वीं
26x11x13x47 प्रपूर्ण
17वीं
प्रा.सं.
प्रथम व अंतिम पन्ना कर
126x11 x 13x48 सपूर्ण ग्र. 2121 18वीं | 31 x 13x13x58 लगभग पूर्ण 18वीं.
27x11 x 13x52 संपूर्ण ग्र. 2079 | 18वीं | 26 x 11 x 13x42 अपूर्ण बीच के पन्ने | 19वीं
27x 11 x 16x48 | सं.ग्र. 2117+-5000/ 1921 3826 x 11 x 11 x 42
18वीं 8427x12x7x37 अपूर्ण 18वीं 30 26 x 11 15x53 त्रुटक
19वीं
प्रा.मा.
त्रुटक
प्रा.मा.
प्रा.सं.
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24 ]
भाग विमाग :-1 (अ)
3A
4
5
Rāja praśniya Sutra
म.ट. (ग.)
मू.ग.
,
ks Vrtti
मलयगिरि
गद्य
| Jivajivābhigama Sutra
मू.अ. (ग.)
मू.ग.
1 2
3 301 कु. ना.53/1 राजप्रश्नीयसूत्र
कोलडी 1021 | महा. 14.2
, को वृत्ति | , 143 34 के.नाथ 10/47 35 | से मं. 1प्रा129 जीवाजीवाभिगमसूत्र 36/ के. नाथ 4/11/
, 9/21 38 कोलडी 33 39 प्रोसियां 1486 40 के. नाथ 6/14 41 कोलडी 1027 42 | के. नाथ 16/7 43 कोलडी 34
| , 35 45 कु. नाथ25/8 , 46 मु.सु 1111 प्रज्ञापनासूत्र 47 के. नाथ 1/6 48 / के.नाथ24/4
मट. (ग.)
म.गा
मू.ट. (ग.)
मू.ग.
" की वृत्ति
,
k. Vrtti
मलयगिरी
गद्य
Prajnapana Sutra
श्यामाचार्य
497
, 15/13
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जन पागम-अंग बाह्य-उपाङ्गसूत्र
[ 25
। 8
11
8A 27x12x6x33
10 पूण सूर्यादेव भी अपूर्ण| 19वीं
द्वितीय उपाग/
2 कथायें
24x13x6x42
| अपूर्ण
20वीं
किंचित टब्बार्थ
भी
प्रगम साहित्य
व्याख्या
27x11x17x50 | पूर्ण ग्र. 4300 44 | 26 x 11 x 15 x 60 प्रपूर्ण बीचके पन्ने
17वीं 18वीं
27x12x16x43 |
अपूर्ण
19वीं
27x11x11x42
ततीय उपांगविभक्तियां
17वीं
26x11x11x37
17वीं
| 26x11x15x50 | सपूर्ण प्र. 4700 1720 90 25x10x17x52
, ग्र.4750 | 1721
जोधपुर 291 | 26 x 12x7x43 त्रुटक
18वीं 24x12x7x4) | अपूर्ण
19वीं 28x15x6x40
19वीं
बीच के पन्ने कम है
19वीं
28x11x14x48 | केवल विजयदेव पूजा
प्रकरण | 28x11x17x54| सं. प्र. 14000
भागम साहित्य सं.
व्याख्या
1561
चतुर्थ उपांग जीव प्रा. प्रजीव विभ..
30x11x 19x 80
1599 | 25x10x14x50/त्रुटक
16वीं | 29x 12 x 15x49 सं. ग्र. 8980 16वीं 299 | 26x11 x 11x43,, ग्र. 7788 | 17वीं 223 | 28 x 12 x 13x41 |,, 36 पद ग्र. 8300| 18वीं
| 26x11 13x 52 | , प्र. 7787| 18वीं
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भाग विभाग :- 1(i)
ЗА
45
50 प्रोसि.1 प्रा99 | प्रज्ञापनासूत्र
Prajñāpana Sutra
श्यामाचायं
| महा. 1प्रा4
"
+वृत्ति
+Vrtti
,, मलय गिरि
म.व. (ग) म.ट. (ग)
श्यामाचार्य
52 के.ना. 13/20 53 पोसि. 14T100/
| , 1180
महा. 1 प्रा52
+
+वृत्ति
+Vrtti
,, मलयगिरि
मू.व.(म)
,, 1प्रा61
प्रोसि प्रा141
श्यामाचार्य
।
मू.ट.(ग) मु.अ. (ग)
., कुलमंडनगणि
।
Vrtti
मलयगिरि
58 के. ना. 6/82 59 | कोलडी 36
की वृत्ति 60 | के. ना. 1/2 51 प्रोसि.14871
| के.ना.17 63 | प्रज्ञापना 63 प्रोसि.1 प्रा.101| जंबूद्वीप-प्रज्ञप्ति 64 | के.ना. 1/10
, +वृत्ति
88
Prajña pana ki Vịtti
Jambūdvipa Prajñapti
+ Vrtti
मलयगिरि
मूव. (ग)
महा. 1 प्रा 5
|
1 प्रा6
+वृत्ति
+Vrtti
शांतिचद्र वाचक
तपागच्छीय
मू व (ग)
कुना,54/9
मू ग.
मुग.
नाथ 9/12
, वृत्ति मह
with Vpiti
मू.व. (ग)
कांतिचद्र सपाग- |
च्छीय
,,45
मु.ग.
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जन प्रागम-अंग बाह्य-उपाङ्ग सूत्र
[ 27
8A
11
67 |
9 | 10 |
| 1854 उदचतुर्थ उपाग जीव प्रा. 183 | 26x 13x15x42 | सं. 36 पद ग्र. 7787|
रामसर मजीव विभक्तियः
मारिणकमुनि प्रा.सं.
25x11x16x57 |.,ग्र.7786--16000/ 1885
प्रा.मा.
| 27x 12x7x45 अपूर्ण
12वीं 27x 12x13x50संपूर्ण ग्र. 26000 1908ोडा
गुमानीगम 25x11x9x36
1931
प्रा.सं.
27x 12 x 14x56 , ग्र. 23787 | 1964
केशरमुनि 31x 15 x 15x54
1975
केशरमुनि 25x12x6x30 | अपूर्ण त्रुटक 20वीं
प्रा.मा.
जीर्ण
प्रा.सं.
26x11x16x45 मात्र ततीय पद की
20वीं
प्रागम-साहित्य
व्याख्या
161 31 x 11 x 19x 80 | अपूर्ण
16वीं
17वीं
| 26 x 11 x 15x36
26 x 12 x 15x47| संपूर्ण
19वीं
| 26 x 11x13x48| अपूरण
19वीं
पांचवां उपांग | प्रा. भूगोल
प्रा.सं.
प्रासं.
1 26x11x23x74) संपूर्ण
16वीं 26 x 11 x 15 x 50 अपूर्ण 16वीं 27x11 x 11x31 संपूर्ण ग्र. 4154 1646
देवदास 26 x 12x15x46
17वीं
धनचंद्र | 26 x 11x11x43 , ग्र. 4445 17वीं
25 x 11 x 15x54 प्रपूर्ण ग्र. 127 12 तक 17वीं 146 | 27x11 x 13x 50 संपूर्ण
प्रशस्ति
2 पन्नों में
प्रा.सं.
18वीं
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Page #45
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28 ]
भाग विभाग :-1 पा(i)
1
2
ЗА
गद्य
70 | के. नाथ 1572 जबूद्वोप-प्रज्ञप्ति Jambūdvipa Prajñapti
मू. (ग.) , 14/32| , 10/9 कोलडी 37
मू.ट.(ग.) | के.ना. 5/65
मू. (ग.) कोलडी 971
ki Vrtti
हीरविजय (दान
सूरिका शिष्य) 76 | के.ना. 9/13 77 | मुसु.11114/ चन्द्रप्राप्ति Candra Prajñapti
मू. (ग.) 78 प्रोसि.141102| सूर्यप्रज्ञप्ति
Surya 79 | के.नाथ 9/14/ |, 11/36 | निरयावलिका-पञ्चोपाङ्ग | Niryavalika-palicopānga |पुधर्मा/श्रीचन्द्रसूरि | मु.व.(ग.)
सूत्र | कु. ना. 29/7
सुधर्मा के.ना. 1514 | मु.सु. 1मा112 के.नाथ 14/28/
Sutra
प्रोसि. 16891
के. ना.17/64
मुट.(ग.)
मू.अ.(ग.)
निरयावलिका की वृत्ति | Niryavalika ki Vrtti
श्री चन्द्रमूरि
गद्य
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जैन ग्रागम अंग बाह्य उपाङ्गपुत्र
पांचवां उपांग प्रा. भूगोल
"
11
"1
"
"1
छठा उपांगअतरीक्ष सातवां उपांग
अंतरीक्ष
:
मागम व्याख्या सं. साहित्य
#1
11
#7
6
"1
"1
"
14
11
प्रा. मा.
प्रा.
8 से 12 उपांग / प्रा.स. कथायें
19
प्रा.
17
11
प्रा.
"
7
प्रा.मा.
प्रा.सं.
प्रा.
प्रागम व्याख्या सं. साहित्य
8
29
27
21
148 26 × 11×11 × 42
18वीं
81 | 23 × 11 × 19 × 49 संपूर्ण
19वीं
83 | 29 × 11 × 15 x 60
19वीं
22425 x 12 x 14 x 56
1908
35 | 30 × 12 × 15 x 58 अपूर्ण (44 से 78 अंत) 17वीं
198 | 32 × 14 × 22 × 54 संपूर्ण प्र. 14252
1639
77 | 26 × 11 × 15 x 50 प्रपूर्ण
17at
37
30 × 14 × 19 × 50 संपूर्ण
18वीं
43 | 27 × 11 x 16 x 57
15वीं
76 | 27 x 11 x 11 x 45
17वीं
32 | 26 × 11 × 12 x 45
प्र. 1209+637| 16वीं
"
16 27 x 12 x 19 x 78
17 at
17वीं
17at
1691
1845 नाग
पर टीकमदाह
19वीं
19वीं
1928
8
www.kobatirth.org
27
8A
11
लगभग पूर्ण
लगभग पूर्ण
26 × 11 × 13 × 43 | सपूर्ण ग्र. 1319
26 x 11 x 13 x 52
प्र. 1109
26 x 11 x 18 x 45
12 | 27 x 12 × 21 x 64
105 | 25 x 12 × 7× 28
26 × 11 × 35 × 70
25 x 13 × 17 x 37
25 x 13 x 19 x 40
"}
11
;
11
11
11
33
प्र. 1319
" 52 उद्देशक
#. 3600
77
"1
9
"3
प्र. 2200
प्र. 1050
प्र. 1161
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प्र. 801
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10
1928 बालूवर, पं जीवन
[ 29
11
प्रथम दो पन
कम
प्रचलित लेखक से भिन्न
किचित प्रवचूरि
संस्कृत में
प्रमथ व अंतिम पत्रा कम
Page #47
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30 ]
भाग विभाग :- 1 प्रा (ii)
ЗА
भाग विभाग 1 पा (ii) जनप्रागम-अंग | बाह्य-छेद सूत्र
Nisitha Sūtra
भद्रबाहु स्वामी
मू. (ग.)
मू.ट.(ग.)
1 से.मं.1 प्रा 131fशीथसूत्र 2 प्रोसि. 1982 | महा. प्रा9 | प्रोसि 14185
,, | प्रा83
कु. ना.42 1 निशीथ की चूणि
Nisitha ki Cūrni
गद्य
महा.प्राी) | बृहत्कल्पसूत्र + वृत्ति | Vrhatkalpa Sutra +vrttil भद्रबाह/क्षेमकीर्ति | मू.व (ग.)
"
प्रा।
व्यवहारसूत्र
Vyavahāra Sutra
भद्रबाह
मू.प्र.(ग.)
ग्रोसि.1481 दशाश्रुतम् कधसूत्र
Daśāśrutaskandha Sūtra!
मू (ग.)
10 | कोलडी 968 | कल्पमूत्र
Kalpa Sutra
मू.ट.(ग.)
के. ना. 24/791
महा 1436
मू.अ.(ग.)
के.ना. 8/24
--किरणावला
../धर्मसागरमरिण
म.व. (ग.)
,,/ भक्तिलाभ | अन्तर्वाच्य
, 1/4 15 कु.ना. 20/1
भद्रबाहु
म.ट. (ग.)
| महा. 1प्रा64
+किरणावली
+Kiranavali
, धर्मसागर
मू.व. (ग.)
17 | के. ना. 20/6
, गुण विजय
अन्तर्वाच्य
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जैन आगम-अंग बाह्य-छेदसूत्र
[ 31
8
|
8A
।
10
11
छेदसूत्र साधु । प्रा. समाचारी
28 | 27x11 x 13 x 40 | संपूर्ण 20उद्दे ग्र.815
16वीं
प्रा.मा.
25x12x6x55
"
, ग्र.825
19
5x11x5x38
19वीं
25 x 12 x 8x37 | 25 x 13 x 8 x 35 20 | 30 x 12x 15 x 56 त्रुटक 164 | 33 x 12 x 17x76 | तृतीय खंड संपूर्ण 23/27 11x16x57 | संपूर्ण 10 उद्देशक
1933 विक्रमपुर
944 विक्रमपुर 19वों
प्रागम व्याख्या
साहित्य छेदसूत्र साध्वा- प्रा.सं. चार नियम
16वीं
| 17वीं
प्रा.
26x11x15x52
96| 35x14x7x36
..
न. 1216
16वीं टीकम दास ऋषि 1485. नागपुर हेमसागर
दशाश्रत ग्राठवां अध्याय तीर्थकर प्रा.मा. कल्याणक, साधु
समाचारी व स्थिरावली
38 चित्र हैं
821 28x11x8x38
1536
प्रा सं.
131 27x11x7x25
1548
201 26x11 x 13x41
5200
1628
12 चित्र हैं संभवत: रचना वर्ष प्रशस्ति है
विस्तृत
| 26x11x 13x50 134 26 x 11x5x40
प्रा.मा.
"
ग्र.5000
1645 1658 1664
प्रा.सं.
127 | 26 x 11 x 18 x 52 | , ग्र. 4814
प्रशस्ति है
विस्तृत
पा.सं मा. 138| 26x11x15x44
| 1687
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Page #49
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32 ]
1
18 | के. नाथ 15 / 57 कल्पसूत्र
19 atfa. 170
20 कोलडी 1030/
220
21
1230
22 महा. 1 भा63
23 ife. lat 8
24 के नाथ 8 / 10
25
i 8/4
6/62
26
28
29
27 कोलडी 12
महा. 1भा33
1137
30
31
32
"
3333
2
17
37
33
34
.14/8
35 से मं.1 मा 133
36 के . नाथ 8 / 13
कोलडी 15
"
"
"
"
"1
#7
"9
27
"
"3
+ कल्पलता
+ सुबोधिका
" + किरणावली
"
71
5
"
23
3
22
"1
+ बालावबोध
www.kobatirth.org
+ कल्पलता
Kalpa Sutra
"
19
35
1श्रा 35
भोलि 165 |
कोलडी 1237 कल्पसूत्र + संदेहविषौषधि | Kalpa Sūtra + Sandeha Viṣauṣadhi
13
""
"
"
39
20
73
"2
23
3A
""
""
+ Kalpalata
+ Subodhika
+ Kiranāvalī
+ Bālāvabodha
+ Kalplata
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भद्रबाहु
31
"
"1
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भाग / विभाग :- 1 या (ii)
"
11
"
"
"
ܪ
11
11
"
5
भद्रबाहु / गुण विजय प्रन्तर्वाच्य
/ समय सुन्दर मूवृ . ( ग . )
/ विनयविजय
/ धर्मसागर
"3
5
"
मु. ट . ( म. )
मू. (ग.)
मूट. (ग.)
"
""
भद्रबाहु
मूट. बा. ट (ग.)
भद्रबाहु / जिनप्रभ मूवृ ( प्र . )
मू. (ग.)
मू. ट. (ग.)
मू. (ग.)
मूट. (ग.)
1
33
5
""
17
मू. ट. व्या.
कथा
मू. (ट.)
/ समयसुन्दर मू.वृ. (ग.)
मू.ट. व्या.
Page #50
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जैन श्रागम अंग बाह्य छेद सूत्र
"
दशांश्रुत प्राठवा प्रा. मा. अध्याय तीर्थंकर
कल्याणक, साधु समाचारी
व स्थविरावली
"1
17
11
37
17
"
21
"
""
"
"1
=
"1
6
"
"
"
"
प्रा.
प्रा.मा.
"
प्रा.
7
प्रा. मा.
प्रा.
प्रा. मा.
13
प्रासं मा.
"
प्रा. सं.
73
प्रा. मा.
प्रा. सं.
31
प्रा. मा.
प्रा. सं.
प्रा, मा.
8
141
59
116 | 26x11 × 6x32
43
26 × 11 × 13 × 39
25 × 10 × 14 × 46
26 × 11 × 5 × 40
28 × 12 × 9 x 33
124 25 x 11 x 6 x 25
71
26 × 11 x 11 x 25
95 | 25 x 11 × 7x 34
25 x 11 x 6 x 38
27 x 12 x 12 x 60
26 x 11 x 15 x 50
210 28 x 13 x 10 x 46
26 x 11 x 10 x 31
25 x 12 x 17 x 48
72 24x11x7 x 36
95 | 24 x 10 × 11 × 58
135
25 x 11 x 6 x 32
145
26 x 11 x 8 x 40
लगभग पूर्ण ग्र. 1216
154 | 26 × 11 × 14 x 43 अपूर्ण (कुल 1 3 पन्न े
कम हैं) सं. ग्र. 1216 का
243
25 x 11 × 13 x 35
76
137
133
184
299
www.kobatirth.org
153
8A
लगभग पूर्ण
संपूर्ण
पूर्ण
संपूर्ण
"
1
17
33
"
"
"
9
23
11
For Private and Personal Use Only
#.1250
1758
1766
9 वाचनायें 18वीं
18af
प्र. 4814 18वीं
अपूर्ण ग्र. 1000 तक
18वीं
संपूर्ण 1216 ग्र. की | 18वीं
ग्र. 1216 18वीं
18वीं
1793 गुढा, नेयमूर्ति
1793
1807
"1
1689
17at
17वीं
17वीं
प्र. 1216 1719
1722
"
""
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10
कथासह
1747
1757
[ 33
11
4 पन्न कम हैं
3 चित्र मामूली
31 चित्र हैं
व्याख्यान भी है
व्याख्यान भी है
कठिनपदभजि विवृत्ति
नियम 2पन वम
Page #51
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1
34]
38 | के. ना. 20/32 कल्पसूत्र
39 कोलडी 17
40
41
42
33 43
43
45
46
44 कोलडी 6
48
49
50
51
54
47 कोलडी 4
55
1035
के ना. 8/22
8/8
ओसि. 1 श्र.67
11
56
27
57
27
2
कु. ना. 22/2
37
कोलडी 5
52 f.1196
53
महा. 1प्रा.34 |
.ar. 18/1
17/45
15/109
15/103
11
14
1:
13
"
""
"
;;
"1
31
33
+
17
12
"
,,+- कल्पद्रुमकलिका
;;
3
1=4
महा. 162
1 प्रा. 65 कल्पसूत्र + कल्पद्रुमकलिका Kalpa Sutra - Kalpadruma - kalika
132
कल्पसूत्र
Kalpa Sutra
31
+ वृत्ति
67 - किरणावली
+ कल्पचंद्रिका
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Kalpa Sutra
"
"
38
"
"
">
""
"
,, + Kalpadrumakalika
"
3A
39
23
33
+ Vrtti
+Kiranavali
+Kalpacandrikā
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भाग विभाग :- 1 प्रा (ii)
भद्रबाहु
""
33
"3
11
11
"
13
23
13
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"1
"2
19
4
मू. व्याख्यान
मू.ट. व्या.
/ धर्मसागर
/ सुमतिहंस
"
मू. ग.
14
5
मू.ट. व्या. कथा
मूट. कथा
/ लक्ष्मीवल्लभ | मू.वृ. (ग.)
12
मू. ग.
(मु.ट. व्या. कथा
मू.ट . व्या.
मू. ग.
"
मु. ग.
/ लक्ष्मीवल्लभ मू.वृ. (ग.)
म. ग.
मू.वृ. (ग.)
अन्तर्वाच्य
सू.वृ. (ग.)
73
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जैन प्रागम-अंग बाह्य-छेद सूत्र
[ 35
6
7
8A
दशाशुत का | प्रा. मा. पाठवा अध्याय
118 | 25 x 11x15x45 | स. न. 1216 का । 1810 106 | 25 x 11x5 x 38 सं.ग्र.12162-2500 1816
+825 | 24x11x6 x 32 | सं.
1825 26x12x11x38
1216 1831
5x12x11x34
1843
प्रा. मा.
| 26 x 12 x 17x40 72 | 27 x 13x11 x 30 129 | 27x14x17x38
1845 सत्यसुन्दर 1851
1865
5x10x5x46
1869
61 25x14x12x34
,
1216
प्रा. मा.
160
27x13x13x31
9वाचनायें 1875
विजयचंद 9व्याख्यान 1876
विगतवार गुलाबविजय
प्रशस्ति ग्र. 12161
| प्रारंभ में कुछ सुभटपुर
प्रवचूरि भी 1883
11885
26- 11 x 13 x 43 26x12x8 x 35 26 x 31 x 12x32 26 x 13x 15 x 44
26 x 12 x 10 x 26 10026 x 13 x 16x51
72 25x11 x 13x36 126, 25 x 10 x 17x60
20.50 रुपयों
में खरीदी गुणचद से
19वीं
मिद्धचंद्र 8वाचना तक 19वौं
प्रा. सं.
| रत्नसार अन्तवर्वाच्य का उल्लेख
प्रा.सं.मा.
ग्र.2500 | 19वीं
19वीं
10325x11x15x47
19वीं
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माग विभाग :-1 पा (ii)
1
2
3
3A
58| कोलडी 16 |
कल्पसूत्र
Kalpa Sutra
भद्रबाहु
म.ट. व्या.
मू.ग.
मू.ट.व्य.क
मू.ग.
63 | कोलडी 2 64 के ना. 29/35
भद्रबाहु
अन्तर्वाच्य
,,+सुबोधिका
5, +Subodhika
, विनयविजय | मू.व. (ग.)
2 प्रतियां
„
2 Copies
म.ग.
1
/भक्तिविलास अन्तर्वाच्य
65 , 29/30/ 66 | कु. नाथ30/2 67 , 4/80 68 महा. 15.61 69-70, 14159/60 | के. नाथ 8/20
,, 8/26 ,, 20/43
,, 5/7 75 महा. 17140 76 के.नाथ29/102 7 , 10/82
, , +कल्पद्रुमलिका
+Kalpadrumkalika
, लक्ष्मीवल्लभ म.व. (ग.)
मू.ग.
, , , +कल्पार्थबोधिनि
मू.ट. कथा
1,+Kalpārthabodbini
,, केशर मुनि | मू.व. (ग.)
,
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जैन प्रागम-अंग बाह्य-छेदसूत्र
[ 37
6
7
| 8 |
BA
10
11
175 25x10x12 x 30 | संपूर्ण
19वीं
दशाश्रुत 8वां | प्रा.मा. प्रध्य. जिनकल्या. मक स्थविगवली प्रा. +समाचारी
, ग्र. 1216
| 19वीं
26x11x7x35 | 26 x 11x9x22
19वों
19वीं
25x 17x7x24 26 x 11x6x37
प्रा.मा.
19वीं
प्रा.
27x12x9x37 | स्थविरावली तक
19वीं
समाचारी नहीं हैं
144 | 27x 13x7x22
संपूर्ण ग्र. 1216
1919
27x12x13x32
,
1927
प्रा.सं मा.
26x12x4x54
1939 1955
26x 13x6x34
प्रा.सं.
27x12x10x43
प्रा.
| 26 x 13 x7x35 152 | 25x 11x11x42
प्रा.सं.मा.
1955 अहमदाबाद,
श्रीकृष्ण 20वीं चित्रों की खाली
जगह है 20वीं जिनकीति सूत्र
शिष्य 20वीं पन्ने प्रस्थव्यस्थ
लिखावट 20वीं
प्रा सं.
926x11x7x32
25x11x13x27
123 | 27x 12 x 13x36 , ग्र. 4000 20वीं प्रा.सं. 11030x 13 x 18x72 ,, ग्र. 1216+2010 जोध | 1993को कृति
7443 पर शिवदत्त - 18925x11x16 x 48
12008नागौर
| शिवदत्त प्रा.मा. | 7| 26x12x6x44 केवल अच्छेरा अधिकार 16वीं 10प्राश्चर्यवत्तांत
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38 ]
भाग विभाग :-15(ii)
1
2
3A
Kalpa Sūtra
भद्रबाह/
मू.ट.
मू. व्या.
+Vrtti
मु.व.ग.)
मु.ग.
मू.ट व्या.
78 कु ना. 52/54 कल्पसूत्र
के.ना. 8/16 ,, 20/19 , +वृत्ति
,, 16/5 | कोलडी 1033 83 | के.ना. 11/37 84 | कोल डी 871 85 | महा. 1 प्रा58 86-87/पासि.1 प्रा66) 32 प्रतियां
126 88|से म. 1मा139/
+वृत्ति
+Vrtti
मू.व.(म.)
मू.बा.
मू.ग.
2 Copies
2 प्रतियां
2 Copies
2
॥
89-90 कु. ना. 24/5,
13/56 91-92| कोलडी1037
39 93-95/के.ना.18/6,141
1/123,11/871 96 क.ना. 10/100
+Vrtti
मू.व.(ग)
मू.ट. (ग.)
97 , 20/12 98 | कोलडी 1032
| ,, 1038
| कु. ना. 24/2 101 के.नाथ 8/6 102 | .. 15/110
मू.ट. व्या.
मू.ट.(ग.)
, /उत्तमविजय मू. व्या.
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जैन प्रागम-अंग बाह्य-छेवसूत्र
[ 39
___ 6
7
8 |
8A
8A
9
10
___11
16| 25x10x6x40 | केवल साधु समाचारी | 17वीं
दशाश्रुत 8वां प्रा.मा. प्रध्य. जिनकल्यारणक स्थविरावली +समाचारी
प्रा.सं.
बटक
प्रा.
127x12x7x39 , जिनचरित्र का 19वीं
कुछ भाग 44 20x10x7x43 अपूर्ण जन्महोत्सव तक | 19वीं 48 / 27x11 x 8x67 , प्र. 550 तक | 19वीं 23 | 25x11xkx 33
19वीं | 26x11x18x50 केवल स्थविरावली । 19वीं
व्याख्यान 26x11x16x52 केवल साधुसमाचारी 19वीं
प्रा.मा.
त्रुटक
प्रा.सं
प्रा.मा
अपूर्ण
30x13x9x34 | त्रुटक
|1963नागौर बीच में भी पन्न
रामनाथ कम हैं 26 x 12 x भिन्न2 अपूर्ण
20वीं प्रति सामान्य
प्रतियां 26 | 25x 11x7x27 केवल 350 ग्र. तक | 20वीं 73, 125,28 x 13x भिन्न
20वीं " | 415/27,25 x 13,11,.
20वीं 31,41:3/ 23से 26 x 11से 15
20वीं ___ 14, 25x5x15x 40 | केवल चौयो वाचना | ___9928 x 13 x 12 x 33 | अपूर्ण महावीर गर्भ |
वर्णन तक | 26x11x6x46। त्रुटक
20वीं 18 26x11x6x38 अपूर्ण
20वीं 59 26 x 14x7x 30 , 27 भव तक
प्रा.सं.
प्रा.मा.
प्रा.मा.
25x12x भिन्न
केवल 8वां व्याख्यान
20वीं
ऋषभ कल्याणक
प्रा.सं.मा.
1226x10x14x42 अपूर्ण
20वीं
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40 ]
भाग विभाग :- 1 प्रा (ii)
3A
103
के.ना.५/9
| कल्पसूत्र व्याख्यान
Kalpa Sutra Vyākhyāna
अन्तर्वाच्य
104
,, 4/19
105
,, 82
कल्पलतानाम्नी वृत्ति
Kalpalata Namni Vrtti
| समयसुन्दर
106
प्रोसि. 1997 के. ना. 8/11 ,, 8/1
108
109
,, 18/42
110
मु.स. 17124
111 | के.ना. 11/71
जिनप्रभसूरि
112 18/17 | सन्देह विषौवधिनाम्नी | Sandeha Visausadhi
पंजिका
Nāmani Pañjikā 113 | कोलडी 7 | कल्पान्तः वाच्यानि Kalpantaḥ Vācyāni
जिनहंससूरि
114 .. 9 कल्पद्रुमकलिकानाम्नी
वृत्ति | के.ना. 5/18 | कल्पसूत्र की वृत्ति कोलडो 8
Kalpadrumakalika Namni| लक्ष्मीवल्लभ
Vrtti Kalpa Sūtra ki Vrtti
117 | कू.ना. 24/1 | कल्पसूत्र-भाषान्तर
Kalpa Sütra Bhāṣāntara
" वाचना
"
Vacana
, 3/77 119 के.ना. 6/97 ! कल्पव्याख्यान
, 9/37 | कल्पान्तः वाच्यानि
Kalpa Vyākhyāna
जयानदसूरि
Kalpantaḥ Vācyāni
| प्रोसि. 4ग्रा6 / (स्थविरावली) कल्पसूत्र | (Sthavirāvali) Kalpa Sutral (कल्पसूत्रे)
122
, 2/2 6] (समाचारी)
,
(Samācāri) , ,
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जैन प्रागम-अंग बाह्य-छेदसूत्र
[
41
8A
|
10
11
19वों
पागम व्याख्या प्रा.स. __88 | 26xllx13x36/ संपूर्ण साहित्य
प्रा.सं.प्र. 55 26 x 11 x 5 x 30
19वीं
मा.
25x11x15x50
प्र.1216की | 16वीं
कल्पसूत्र की
व्याख्या कल्पसूत्र के
व्याख्यान
| महावीर निर्वाण
तक
ऋषभचरित्र मात्र
कल्पसूत्र की दुर्गपद विवृत्ति कल्पसूत्र की
85/26 x 11x15x48 , 8व्याख्यान 18वीं
| 25 x 11 x 15x47| अपूर्ण 5 ., 1732 66.25x11 x 15 x 36 ,, महावीर जन्मो-18वीं
त्सव तक 27x11x15x45 ,6ठो वाचना तक 9वीं 25x11x16x50 ,, केवल 11 19वीं
व्याख्यान मात्र | 25 x 11x19x 44 | ,,7वां व्याख्यान 20वीं 54 26x11x16x56 | संपूर्ण प्र.3041 | 1638 28x11x15x44
1662 | 25 x 10 x 13x45 ,, प्र. 1216 को 1899
26x11x13x45 अपूर्ण (कुछ समाचारी 17वों 77/24x11x14x36 ,, 7वीं वाचना तक 1850 26x14x1] x 35 ,, स्वप्नाधिकार तक 19वीं
,,, केवल चौथी - 19वीं
1364 की
रचना प्रथम पन्ना कम
प्रारभ ॐ श्रुत्रा पंचमति-श्रुता वपि....
वाचना
26x11x17x50
, स्वप्नो से अंत तक 19वीं
प्रथम 4पन्न
कम है
प्रा.मा.
| 26 x 11x19x48
,, स्थविरावली का 20वीं
ग्रंश 25x13x13x33 केवल स्थविरावली 20वीं बीका
नेर कंवलगच्छे 26x12x16x32 , समाचारी 1914
" समाचारी
.
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42 1
129
123 मुसु. 1 प्रा119 कल्पसूत्र व्याख्यान
124 | के. ना. 8/3
बालावबोध
125 से.मं. 1 138
126 प्रोसि. 171
127 कु. ना. 55/1
128 कोलटी 1031
132
138
130.1.20/20
131 fa. 1195
कु. नाथ 55/8/
133 के. नाथ 15 146
134 प्रोसि. 1श्रा 125
135 | के. नाथ 5/63
136
10/57
137
37
141
142
22
2
139 के. ना. 8/25
140
17:67
1029
से मं. 1 1 132
alfa 1198
71
"3
कु. ना. 44/3
24/10
17
37
21
i1
1:
73
17
14
11
17
77
77
17
71
۲۱
19
77
17
3
$2
व्याख्यान
वाचना
भाषा टीका
2015017
12
बालावबोध
دو
HIST
बालावबोध
व्याख्यान
17
अन्तर व्याख्याना
वायना
7:
बालावबोध
जाना
7:
"
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Kalpa Sutra Vyakhyāna
20
21
,, Vyakhyāna
25
""
27
57
""
23
"
77
22
39
#3
3A
33
Bālavabodha
23
Väcanā
Bhāṣā Tika
Vyakhyāna
ور
Balavabodha
30
Bhasa
Bälävabodha
Vyakhyāna
J
Antara Vyakhyāna
Vācana
,, Balavabodha
70
Vacanā
55
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भाग / विभाग :- 1 ur (ii)
4
शांतिसागर
शिवनिधान गण
5
गद्य
19
11
12
19
17
17
12
"1
18
""
11
11
17
9:
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जंन प्रागम-अंग बाह्य छेवसूत्र
[43
|
10
11
कल्पसूत्र की | मा.
व्याख्या
प्रथमव प्रतिम
पन्ना कम
कथा
19वीं
19वीं
29x 13x 12 x 40/ संपूण लगभग कालक 16वीं 174 | 25 x 12 x 13 x 41 , प्र. 1216/1608
| 26x 12 x 1 x 28 लगभग पूर्ण (स्थ.प्र.) 1616
| 25 x 12 x 20 x 37 मं. 9वाचनायें कथासह 19वीं 212 27- 13 x 13 x 27 संपूर्ण 19वीं 194 26x11 x 15x48 , 9वाचना 14625x11 x 16x 32 लागभग पूर्ण कालक- 19वीं
कथा अपूर्ण 26 x 13x14x 39 संपूर्ण | 26 x 12 x 14x37 , 9वाचनायें 1913
विक्रमपुर 126x14x15x38
1934 25 x 11x14x36 ग्र.1216 का 1935
5x13x20x39 9वाचनायें । 1942 26xllx13x46
20वीं
20 28 x 12x16x51
120वीं | 26x11*12 x 43 5वीं वाचना प्रचूरी: 17वीं 25 x 11x13x40 1.2,4.प्रौर 6 ठी | 18वीं
वाचना 26x11x15x42 प्र. प्रादिनाथचरित्र तक Lवीं
स्थविरावलीविधि व प्रचलनच्छ को
जीर्ण प्रारम में
25x10x14x465से 8वीं वांचनायें
19वीं
82 21x14x11 x 24 अपूर्ण
| 19वीं
726x11x12x401 केवल 5बों वाचना। 19वीं .
अधूरी
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44]
भाग/विभाग :- 1 आ (ii)
2
ЗА
143 कोलडी 446 कल्पसूत्र-वाचना
Kalpa Sūtra Vācanã
|,
158
, 1034
" व्याख्यान
Vyakhyana
प्रोसि. 3ई185
147 कोलडी 1040/
" वाचना
Vācapa
के.नाथ 19/57 , व्याख्यान भाषघोल | ,. Vyakhyāna Bhasaghola| ज्ञानविमल
संघदास क्षमाश्रमरण
, 11/1 | पंचकल्पभाष्य (महत्) | Paicakalpa Bhasya..
(Mahat) , 11/2 , चूणि , Cūmi महा. 14113) महानिशीथसूत्र Mabā piśitha Sūtra
, 1आ12 | के.नाथ 29/3 महा. 1740 पतिजीतकल्प Yati Jitakalpa , 1438 +वृत्ति
+Vrtti , आ39 157| कोलडी 38 जीतकल्प+वृत्ति Jitakalpa+ ,
जिनभद्रक्षमाश्रमण
सोमप्रभ ,,, /देवसुन्दर
शिष्य
तिलकाचार्य
भाग | विभाग 1 मा (ii) जैन प्रागम-अंग बाह्य-चूलिका व मूल सूत्र :
Nandi Sutra
देववाचक
1 कोलडो 39 नंदीसूत्र 2 के.नाथ 14/26 3 महा.!प्रा28
मुट.(ग.)
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जैन श्रागम अंग बाह्य तथा चूलिका व मूलसूत्र
कल्पसूत्र - व्याख्यान
".
""
C
"
कल्पसूत्र का सारांश
"
छेद सूत्रागम साहित्य
27
छेट सूत्र
11
33
6
--
"
""
D
""
=
17
וי
साहित्य
मा.
"
.
"3
-
"
STT.
प्रा.सं.
STT.
12
"
प्रा. मा
जैनागम ज्ञान पर प्रा.
7
प्रा.सं.
"3
".
1)
प्रा.मा.
8
14
22
84
61
26 x 10 x 13 x 50
केवल 3री वाचना
19वीं
5 27 × 11 × 17 x 44 | केवल 9वीं वाचना भी अधुरी
19वीं
59 | 26 × 12 × 10 × 32 पूर्ण
19वीं
17
25 × 11 x 13 x 33
महावीर पूर्व भव
19वीं
तक
3
26 × 11 × 10 × 33 3री वाचना भी अधूरी 20वीं
28 × 13 × 12 × 36 संपूर्ण 10 व्याख्यान
1935
30 x 16 x 15 x 40
प्र. 3218
1940
www.kobatirth.org
139
8A
129
26 x 13 x 15 x 44
27 x 13 x 19 x 51
551 24 x 14 x 13 × 38
""
17
29 x 16 x 18 x 41
160 27 x 11 x 13 x 38
99 126 × 12 × 13 × 55
40 26 × 11 × 7 x 46 अपूर्ण6, 7वां मध्य मात्र 19वीं
37
26 x 11 x 7 x 27
संपूर्ण 306 गाथायें 17वीं
19वीं
" की ग्र. 6602
20 वीं
शहरदान
19वीं
31
31
71
33
"
"
29 | 27 × 11 × 11 x 40 | संपूर्ण
41 | 27 × 11 ×6 x 45
38 | 26 × 11 × 7×51
9
37
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प्र. 3125
प्र. 4504
27
"
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17
105 गाथा की
10
1940
1784
चतुर हर्ष
19वीं
17वीं
1724
18वीं
[ 45
11
मूल संक्षिप्त जिनचंद्र का
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46 ] :
माग/विमाग :-1 प्रा (ii)
3A
देव वाचक
म् बा.(ग
कोलडी 40 | नदीसूत्र+बालावाध | Nandi Sutra+Bala
vabodha मु सु. 11117 ,
मू.ट. (ग.)
मट. कथा
6 | प्रोसि. 14773
| महा. 19756 8 प्रोसि. 1975
- वृत्ति
+Vrtti
, मलयगिरि
|, 1474
10 | के ना. 13/37
-वृत्ति
+Vrtti
,
मलयगिरि
मू.व. (ग.)
11-12/ . कु.ना. 3/70.
प्रालपक 2 प्रतियां
» Aläpaka 2 Copies
म.ग.
ki Vrtti
मलयगिरि
Anuyogadvara Sūtra
मू.
+ Vrtti
मू.व (प.ग.)
540/] 13 | महा. 1प्रा. 29| की वृत्ति 14 | के. नाथ 1/18/ , ,
कोलडी 1166 , , मु.सु. 1 1 13 अनुयोगद्वारसूत्र के. नाथ 3/4 ,, 11/103
+बत्ति , 14/35
,, 2/1 21 प्रोसि. 1472
, बालावबोध 22 | मु.सु.1 प्रा118 दशवकालिक सूत्र 23 | के.नाथ 1/30 24 प्रोसि. 1105 ,
मू.प.
..
+Balāvabodha
+Dalani
मू.बा.
Daśavaikälika Sutra
सयंभवसूरि
म.ट.
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जैन प्रागम-अंग बाह्य-चूलिका व मूलसूत्र
[ 47
8A
जैनागम-ज्ञान
प्रा.मा.
104
26 x 13x15x28 | संपूर्ण
| 1888
25x12x8x44
19वीं
| 25x 12 x 6x 35
27 x 13x12x 61
1943,x, वासुदेव 1963
प्रा.सं.
प्रा.
24x12x16x59
1957
प्रा.मा.
24x11x19x50
1985 नागौर 1607
प्रा.सं.
पन्ने 78से147
18/19वीं
29x 12 x 16x63 अपूर्ण (प्राधाभाग
पिछला) | 26 x 11 व 11x9 मूल के उद्धरण | 26 x 11x15x50 संपूर्ण प्र.8105
26 x 11 x 13x42 | अपूर्ण
नैनागम व्याख्या सं.
साहित्य
18वीं
19वीं
26x12x15x37
19वीं
जैनागम व्यारुवान पद्धति
जीगर्ग
81 26x11x9x30स गा.1604/7 2005 17वीं
गली,भागचंद्र 36 26 x 1 x 13x47 संपूर्ण प्र. 1399 1519
27x10x13x54 लगभग पूर्ण . 51 28 - 12 x 13x41, संपूर्ण अ. 160417
प्रा.सं
160
27x11x15x50
प्रा.मा.
83 26 x 12 x 5 x 64
जैनागम-प्राचा- प्रा.
27x9x8x54
1704 किचित् प्रवचुरि
भी है , प्र. 1417 का 1836 पाली | जीर्ण
टीकमदास सं. 10 अध्य-21 15वीं बीच में कुछ . चूलिका
पन्न कम हैं , 1620 , 700 ,, 17वीं
रादि
1 1626 x 11 x 16x50 प्रा मा. 49 26 x 1 x 6x44
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1
48 ]
28
25 | के. ना. 15/ 107 दशर्त कालिकसूत्र
26
20/5
27 कोलडी 1024
29
30
31
32
33
34
39
40
41
42
43
13
44
21
""
17
""
35
36
37
38 प्रोसि. 1 प्रा. 107
1106
महा. 1पा22
कोलडी 45
47
2
के. ना. 3/23
24/2
17
"3
50
15/5
कु. ना. 17/9
केना. 1/3
कोलडी 51
1
1025
"1
46
49
48
कु. ना. 24/8
17
77
17
TP
17
17
وز
27
27
;;
77
"1
"+afu,afa, दीपिका
3
3
71
,,+ बालावबोध
་་
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Daśavaikälika Sütra
دو
38
38
"1
"
37
"P
"
"
""
27
""
99
20
..
39
3A
33
+ Cürni, Vrtti, Dipika
+Bālavabodha
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भाग / विभाग :- 1 या (iii)
""
"1
12
..
37
23
""
21
";
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18
13
4
Hayfe
म.
म. ट
म. प्र.
मू. ट.
"}
मू.
मू. ट.
मू.
5
मू. ट.
मू.
"3
सयंभव / हरिभद्र / मू. चू.वृ.दी. माणिक शेखर
सयंभव
म. ट.
ཏྭཱཡ
11
मु. बा.
मू. ट.
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जैन प्रागम-अंग बाह्य-चूलिका व मूल सूत्र
[49
7
8A
___ 6 . जैनागम-प्राचा
8 8A | 16 26x 10 x 14x 60 स 10अध्य.+2चूलिका 17वीं
प्रा.
अंत में 10श्लोक अतिरिक्त
रादि
प्र. 700
प्रा. मा.
26x11x16x41
| 17वीं
प्रा. सं.
प्रथम व अंतिम पना नहीं
प्रा. मा.
10वें अध्या. की 20गा. कम
प्रा. मा.
26 25 x 11x13x34 | लगभग संपूर्ण | 17वीं | 24 x 10 x 5 x 44 संपूर्ण
1754 24x11x6x42 लगभग संपूर्ण | 18वीं 20 | 26 x 11 x 10x38 | संपूर्ण चूलिकासह | 18वीं 31 | 25x11x7x53 , ग्र. 1924 18वीं
25x12x11x33 , चूलिकासह 18वीं 6424x10x5x37 ,, 10प्रध्या. 1807 39 25 x 12 x 10 x 26
1810 24x11x11x32 ,, ,, चूलिकासह | 1812
प्रा. मा.
"
,, प्र. 700
प्रथम पन्ना कम
6x10x5x42
1820जोधपुर गुणविजय 1827
67 | 25 x 11x5x33 68 | 25 x 13x5x32 54 26 x 12x5 x 35 112 | 27x13x16x54
1876 बीकानेर 1889विक्रम
नगर प्रखवि. , वृ.प्र. 7470 |
शाल 19वीं
प्रा. सं.
28x13x7x46
1846
19वीं
20 25x11 x 13x45 | संपूर्ण 10अध्या. 83 25 x 12 x 13x45
19वीं
27X13x5x56 पूर्ण विनयसमाधि | 19ीं
12 उद्दे. तक
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50 ]
भाग/विमाग:-१ प्रा(iii)
ЗА
Daśavaikälika Sūtra
| शयंभव
मू.ट.
+Vrtti
, हरिभद्र
+Bala.
मू.बा.
+Vrtti
,, हरिभद्र
45 | के.ना. 1/21 | दशवकालिक सूत्र 46 |, 4/18 47 | प्रोसि.11104 48 , 141108 49 | महा. 1प्रा21
+वृत्ति 50 प्रोसि.141103 , +बाला. 51 | महा. 1प्रा24] , +वृत्ति 52 | कु. ना. 43/5/ दशवकालिक सूत्र 53 | कोलडी 52A 54 | महा. 14123 55 | कु.ना. 25/10/
के.ना.15/200/
| . 11/102 58 .. 6/83
, +वत्ति
म.ट.
+Vrtti
24/3 | दशवकालिक सूत्र
,
13/23
2 प्रतियां
2 Copies
61-2 कोलडी 1023
1026 63 | प्रोसि.3431
| महा. मा54
प्रोसि.1पा134/
, की प्रवचूरि
Avacuri
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जन प्रागम अंग बाह्य - चूलिका व मूल सूत्र
6
जैनागमप्राचाराधि
"
.ܶ
5,
+
"
رز
11
13
""
22
33
"
""
11
"1
21
71
,
जैनागम व्याख्य
साहित्य
$1.41.
,
"
7
प्रा.
प्रा. सं.
प्रा.मा.
प्रा. स.
प्रा.मा.
17
प्रा.
प्रा.मा.
प्रा.
प्रा.सं.
प्रा.
प्रा.मा.
प्रा.
प्रा.मा.
स.
8
46
46
171
25 x 10 × 6 × 40
25 x 11 x 7 x 37
69 25 x 13 x 19 x 38
7 27 x 12 x 28 x 65
250 26 x 11 x 11 × 47
54 | 25×11× 6 × 47
26 x 13 x 15 x 44
69 | 26 × 12 × 5 × 32
27 x 11 x 5 x 34
पूर्ण 4 मध्य तक
25 × 12 × 12 × 34 केवल 2रा प्रध्य.
26 x 11 x 7 x 60
26 × 11 x 13 × 46
26 x 11 x 13 x 40
24 x 10 x 13 x 48
21
25 x 11 x 9 x 27
57 | 27 × 12 × 6 × 35
16,10 27 x 13a25 × 12
5 27 x 13 x 8 x 50
28 x 13 x 4 x 33
27 × 11 × 25 × 62 सपूर्ण
17
2
22
41
18
46
3
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17
8A
सपूर्ण चूलिकासह
""
33
17
""
17
11
17
17
1
1
9
1941
10 अध्य. प्र. 1500 19वीं
त्रुटक
"
"
19
त्रुटक
प्रपूर पिण्डेषणा से
अत तक
5 वें से 10 वें अध्य
तक
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i, चूलिकासह
37
33
"}
3रे से अन तक
5 वें अध्य. तक
5 वें से विनय
अपूर्ण 4थे मध्य तक
केवल 2 अध्ययन
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चूलिकासह 20वीं, x,
यशसूरि
समाधि तक
10
1943
1952 मालेर कोटला, लछमनदास 1961, x, भ्रमरदत्त
1965 नाग
20वीं
1763
18वीं
18af
18at
18-7
187
19त्रीं
19वीं
19वीं
19वीं
20वीं
16at
[ 51
11
साथ में पक्खी सूत्रावरि
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52 ]
भाग/विमाग :-1 प्रा (iii)
3
3A
कु.ना. 55/5/ दशवकालिकसूत्र का
बालावबोध 67 के.ना. 13/32 , की वृत्ति
Daśavaikälika Sutra kā
Balavabodha ki Vrtti
राजसूरि (खरतर) सुमति सूरि
| , 18/37 | मु.सु.2/328
, की सज्झाय
ki Sajjhāya
जयतसी
| ,, 2/329
,2 Copies
कमलहर्ष
वृद्धिविजय
Uttarādhyayana Sūtra
+Vrtti
महा. 3:164 72-3 के.ना. 20/26
2 प्रतियां 19/43 74 , 15/133 75 , 21/89 76 | कोलडी 1156 , "
| से मं.11109 उत्तराध्ययनसूत्र | के. ना. 1/5
+वृत्ति कुना 38/1
| +बाला. कोलडी 52B
+, के. ना.14/27| उत्तराध्ययनसूत्र 82 | कोलडी 54
+बाला. 83 | के.ना. 412
| , +वृत्ति पोसि. 14776उत्तर ध्ययनसूत्र ,, 1प्रा93
+ Bala.
+Bala.
+Vrtti
- नेमिचद्रसूरि
Uttaradhyayana Sūtra
, 19179
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जन प्रागम-अंग बाह्य-वृलिका व मूल सूत्र
153
___ 8
8A
8A
9
10
11
मा.
जैनागम-व्या- ख्यान साहित्य
माथा सहित
79 / 27x11 x 13x45 किंचित् प्रारंभ में अपूण 17वी
5 पन कम 61 | 26 x 12x15x 48 सं.10प्रध्य ग्र.2600/ 1785 15 | 27x11 x 15x38 अपूर्ण 4थे प्रध्य. तक 19वीं 325 x 11 x 15 x 49 / संपूर्ण 12 सज्झाय | 1763
पद्य मय सारांश मा.
25x1x10x36/ लगभग पूर्ण
18वीं
अतिम पन्ना कम
25 x 12 x 13x34
सपूर्ण 11 सज्झाय
19वीं
23x11 व 25x13
, 11
20वीं
"
,, 11
प्रथम पत्रा कम
प्रा.
जैनागम-ग्रंति
उपदेश
1426x11 x 15 x 40 , 12 , 1850 728x12 x 12x39
1904 8 26 x 12 x 13x32 लगभग पूर्ण | 1828 27x11x15x35 सं.प्र. 21944.36
1484मूली ग्राम,भट्ट
शिवाणी 26x11 x 11x35 , 8260
18वीं | 28x12x6x36 लगभग पूर्ण (36वां। 16वीं
कुछ कम) 26x11x6x40 | संपूर्ण 36 अध्ययन 1619
27x11x14x43
1623
26 x 11x 13 x 50 , 5 6250 1657 25x11 x 15 x 45 , प्र. 14000 1666 26 x 11 x 15 x 50 | सं.प्र. 2000प्रध्य 36 17वीं 33 x 13 x 13x 61
अपर नाम देवेन्द्र गरण सुखबोत्रीनाम्नी पत्ति
17वीं
जीर्ण
| 26x11x4x33 | सं. 36 प्रध्य,
1767,x | जेठाखीमसी
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54]
भाग/विभाग :-1 प्रा (iii)
ЗА
4
5
Uttaradhyayana Sutra
87 के.ना. 5/115| उत्तराध्ययनसूत्र
| ,, 20/2 |, 131
मू. टं.
+बाला.
+Bala.
-/
मू. बा.
उत्तराध्ययनसूत्र
मू.ट.
मू.ट. कथा
| प्रोसि.प्रा.78 96 कोलडी 55 97 प्रोसि 1.136
म. ट.
म.ट. कथा
| के.ना. 11/4
+
+वृत्ति
+Vitti
-शांत्याचार्य
+
+ ,,
-/भावविजय
+
+ Dipika
-/लक्ष्मीवल्लभ
1, 51
+vrtti
--
+Bala.
-/
| महा. 14153 100 के ना. 5/48
+दीपिका
" +वृत्ति , 13/17
i +बाला. ... 10/8 , +वृत्ति 104 | पोसि. 14777 उत्तरायनसूत्र
| के. ना. 9/8 , +वत्ति 106 कोलडी 61 , +दीपिको |
+vrtti
+Vrtti
|-/मावविजय
+Dipika
- लक्ष्मीवल्लभ ।
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जन प्रागम-अंग बाह्य चूलिका व मूल सूत्र
[ 55
8A
-
10
11
जैनागम-अतिम प्रामा
उपदेश
1787
26x11x7x38 | संपूण 36 अध्य. 133 27x11 x 13x45
17वीं
21 27x12x9x32
17वीं
25x11x5x35
1753162
26x11x13x45 | लगभग पूर्ण 36वें का 18वीं
265 श्लोक 26 x 11x5x38 | पूर्ण36प्रध्य.ग्र.2205| 18वीं
| 25 x 12x16 x 50 | संपूर्ण 36 अध्य. | 1839 302 | 26 x 11x5x34
1892 126x11x16x54 | , प्र. 2000 | 19वीं 125x11x5x36 | , प्र. 2205 19वीं
रब्बार्थ 18वें प्रध्य. तक ही
म
1 26 x 13x17x53 | सं.प्र.2000-1-8000/1900 बीका- जीर्ण, प्रथम
+4000नेर,छोटुलाल पन्ना कम है | 29x 16x17x38 | सं 36 अध्य. 1941 (टोका पाई
नाम्नी) | 27x 13 x 13x41 सं. प्र. 16255 11958जामन- प्रशस्ति है।
पर खूबकुशल
संशोधित 33 | 26 x 11x18x48 प्रपूर्ण32/70से प्रत तक 16वीं 26x11x15x49 ,, 42 से 11वें अध्य. 16वीं
तक 26 x 12 x 13x35 25वें प्रध्य तक| 17वीं
प्रथम पृष्ठ पर
चित्र | 27-11x15x58 ,, 23वें ,
प्रा.सं.मा.
-
2
125x11x5x47 | अपूर्ण 26वें अध्य.तक 18वीं
26x11 x 12x43 | अपूर्ण
25 x 13x17x50 | ., 2 अध्या. तक |
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भाग/विमाम :-1 पा(iii)
107 के.ना. 125 | उत्तराध्य नसूत्र
Uttarādhyayana Sätra
108 कु. ना. 17/11]
,
109
के.ना.26/96
+Vrtti
-भावविजय
100 महा.14726 __, +वृत्ति
| कोलडो 814 | उत्तराध्ययनसूत्र 112, 1019 , +बाला.
के.ना. 16/22 उत्तराध्ययनसूत्र+अव. 14/24,26 , 2 प्रतियां
+Bala.
+ Avcūri
2 Copies
72
,,
की चूणि
ki Cūrni
,
को बृत्ति
ki Vrtti
शांत्याचार्य
ki Kathayen
शीलगणि
की कथायें वृहृवृत्तिको
कथायें
पद्मसागर
kiVrhad Vrtti,
Karbāyen
पद्मसागर
महा. 14125
., 1755 118 | कोलडो 60 119, मु.सु.11123 120 | कु.ना. 47/7/ 121 कोलडो 54 122 कुना. 25/94 123 | के.ना. 23/80/ 124 योमि. 1113 125 | के. ना.21/84 126 | कोलडी4/7गु. 127 ,, गु. 10/5
की कथायें
kr Kathayen
की सज्झायें
ki Sajjhayen
वाचक रामविजय पछ
प्रासकरणजी
उदयविजय
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जैन श्रागम अंग बाह्य चूलिका व मूल सूत्र
जनागम-प्रतिम उपदेश
ور
""
"1
""
31
"
14
प्रागम व्याख्या
साहित्य
17
"
"
„
;.
""
6
"
प्रा.मा.
प्रा.
13
प्रा.सं.
प्रा.मा.
7
प्रा सं
प्रां.
""
प्रा.सं.
सं.
"1
मा.
8
17
139
25 x 11 x 17 x 41
6 27 x 12 x 17 x 42
2 26 x 11 x 13 x 40
28 x 12 x 15 x 42
30 x 10 x 5 x 36
22 25 x 10 x 12 x 30
3 | 26 × 11 × 9 x 40
4,7 27 x 12 x 9 × 30
130
417 | 28x13 x 14 × 52
40 27 × 10 × 16 × 48 संपूर्ण
105 27 x 18 x 17 x 48
26 x 11 x 15 x 48
अपूर्ण
25 × 11 × 14 x 42 सं. 25 वें प्रध्याय तक
9
60
92
46
23
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124
86 26 × 11 x 15 x 80
4
8A
41
15 × 9 x 9 × 48
गुटका 19 x 13 x 13 × 23
प्र केवल 32 अध्य.
" 28
13
1
"1
"1
9
19वीं
19वीं
नमिप्रव्रज्या,
19वों
6ठे अध्य. तक
20वीं
मृगापुत्र प्र. 99गा. 19वीं
"
36at
27 × 13 × 15 × 44 सं. मूल व नियुक्ति पर ग्र5990
36 मध्य की
??
अध्या. 3/14 तक 20वीं
प्रनायी मुनि श्रध्या 20वीं
त्रुटक 9मोर 36 ग्रध्य 20वीं
19वीं
1964 नागौर
जीवराज
1581
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25 वें अध्या. तक की
त्रुटक उदयन कथा तक 19वीं
19 × 11 × 11 × 31 संपूर्ण 36 प्रध्या की
26 × 12 × 11 × 26 अपूर्ण 5 से 36 तक 1847 प्रातर| मुवागुलाबचढ केवल नमिराजर्षि की 1847 7 ढालें
24 x 11 x 17 x 36
सं. 36 श्रध्य. की
10
1713 सिणोरापाटक प्राकृत को सस्कृत विवेकरुचि की गई 1137 की
रचना
18at
1926
1811
1878
1884
[ 57
11
पन्ना सं. 4 नहीं है
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58 ]
भाग/विभाग:-1आ (iv)
3A
S/II उत्तराध्ययन की सउझायें| Uttaradhyayana
सुमतिविजय (लक्ष्मो पद्य ki Sajjhâyen
विजयशिष्य) |, 1324 130 के.नाथ 29/29/ उत्तराध्ययन-वात्तिक | Uttaradhyayan Varttika | पाश्वचंद
भद्रबाहु/
131 |, 1/9| योधनियुक्ति + वृत्ति | Oghaniryukti + Vrtti 132 | महा.!मा27 प्रोधनियुक्ति . Oghaniyukti
के.नाथ 14/36 . 134 , 9/26 का बालावबोध
kā Bālāvabodha
माग | विभाग 1 मा (iv) जैन मागम-अंग | बाह्य-प्रावश्यक सूत्रः
| प्रोसि. 2/152| मावश्यकसूत्र + गाथायें Avasyaka Sutra+Gathayen | के.नाथ 26/69 | कु. ना. 15/14 | के.ना. 13/41
कु. ना. 4/98 के.ना. 24/23 ,, 15/196 . 21/60
.. 15/157 10 , 16/34 1 , 1/27
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जन प्रागम-अंग एवं बाह्य-चूलिकावमूलसूत्र आवश्यक सूत्र
[ 59
6
7
|
11
प्रागम व्याख्या मा. साहित्य
साथ में प्रत्येक बुद्ध गीत भी
8A
9 10 48 | 12x10x17x 10 लगभग पूर्ण | 19वीं | 25 x 10x 13x31 | संपूर्ण नमि मध्य. तक 1980 25 x 11xllx 33, 9वे मध्य तक। 19वीं 25x11x15x45 अपूर्ण
| 16वीं | 26 x 11x15x48 | संपूर्ण 1164 गाथा | 17वीं 30 27-13x15x45 / 974 गाथा तक 19वीं 6 27 x 13x14x39 | अपूर्ण
20वीं
जैनामम विकल्पसे प्रा.सं. सधु प्राचार पर
नौंवे पूर्व से नि! प्राभूत20ममाचारी तीसरी
षडावश्यक मागम-सूत्र
प्रा.
16वीं
।
123 | 26 x 12x11x40 प्रति पूर्ण ____13 | 26 x 11x5x36 अपूर्ण
727x11 x 10x33 | प्रति पूर्ण
16वीं
1623
18 | 26x11x7x37
1664
26x12x11x38
1656
| 26 x 11x14x45 , 525x11 x 15 x 40 प्रपूर्ण
| 26 x 11x5x37 प्रति पूर्ण 10/29x 11x17x50 ,
26x11 x 12x43 | अपूर्ण ।
1659
साथ में सप्त स्मरणादि भी
177
17वीं
726x11x38x11 प्रति पूर्ण
17वीं
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60 ]
भाग/विभाग:-1 मा(iv)
3A 3A
कोलडो 1074 प्रावश्यक सूत्र--गाथाएँ
Avasyaka Sutra+Gathayen
13 | , 441
के.ना. 20/3
कु.ना. 5/107A 16 | कु.ना. 5/108| +स्तोत्र
सज्झायादि 17 | के.ना. 23/9 18, 5/24
, +वंदनक 19 प्रोसि.14184 | प्रावश्यक गाथाएँ
,
Stotra Sajjhāyādi
मू.(ग.प.)
,
+Vandanakal
मू.ट.
Āvaśyaka Gathayen
| से.म. 3456
, +स्मरणादि
।
.,
+Smaranādi
मू (प.ग.)
21 | महा. 1प्रा15 22 | प्रोसि. 363 23-4/, 2/1674124
मू. अर्थ
, गाथाएं 2 प्रतियां
Gathayen 2 Copies
मू (ग.प.)
,, गाथाएं
,, Gathayen
मू.ट.
25| कु.ना. 10/
129A 26-30| कोलडी384.7,
430-40,10751 कोलडी 43
" ,5 प्रतियां
,,
5Copies
मू-(ग.प.)
,, Gathayen
मुट.
"
,
Adi
मू. (प.ग.) मू (ग.प.)
महा. 1ग्रा14
" , पादि 33 प्रोसि 3722 | ,, गाथाए 34 कोलडी बस्ता70| आवश्यक-+-स्तवनादि 35-51 के ना.5/80.1171
,, 17 प्रतियां 16/2040.15/40. 152,185,16/11 117/51,18/01 //100.21/3371 198,23/2,24/61
Avasyaka+ Stavanādi
., 17 Copies
185
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जंन ग्रागम-अंग बाह्य आवश्यक सूत्र
बडावश्यक आगमसूत्र
71
7
87
"
"
,,+ भक्त्ति प्रा.सं.मा.
"
21
11
"
"
71
"I
6
षडावश्यक प्रागमसूत्र
"
"1
बडावश्यक
18
भक्ति प्रादि
प्रामा
"3
+ भक्ति प्रासं मा.
"
प्रा. मा
7
17
11
प्रा.मा.
""
प्रा.स.
34
8
11
26 × 11 × 4 × 20
26 × 9 × 11 × 40
26 × 11 × 18 x 40
15 x 22 x 8 x 16
' 6×23×11x 20
25 × 11 x 11 × 36
26 x 11 x 7 x 38
25 x 11 x 5 x 35
74 26 × 11 x 13 x 52
25 x 11 × 13 x 40
27 x 13 x 4 x 22
16,16 | 25 × 12 27 x 12
26 x 11 x 6 x 42
9,13,21 24 से 26 x 10 से 13 10 12
12 | 25 × 12 x 15 x 30
56 | 27 x 12 x 4 x 29
25 x 12 x 15 x 31
14
10
13
177
7
16
18
50
69
10
10
www.kobatirth.org
8A
3.7.49. 52.41,58
47
123
25 से 30 x 10 से 14
10 10,75
10,12,15 24 से 28 x 10 से 13 4.4.11.
अपूर्ण
प्रतिपूर्ण
27
"
"?
"
"
>7
33
13
पूर्ण
प्रतिपूर्ण
""
9
स्फुट पन भिन्न 2
पूर्ण, अपूर्ण
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10
17वीं
17at
1735
1781
1797
1799
18वीं
1823
1855
11863 बीकानेर, लक्ष्मीरंग
1888 अजमेर
जवान कुशल 19वीं
19at
19बों
19वीं
[ 61
11
साथ में स्तवनादि
साथ में चंद्रसूरि को संग्रहणी
39
|19वीं राजन
गर, जेठमल
20वीं
19 / 20 वीं सामान्य प्रतिय
19/20at
7:
Page #79
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62 ]
माग/विभाग :-1 प्रा (iv)
3
3A
4
5
के. ना. 13/46 प्रावश्यक-गाथायें
| Avasyaka Gathayen
, 1961
,
+चैत्यवंदन
,
+Caityavandana
,, 11/40
| पडावश्यक-1-बालावबोध | Sadavasyaka+Balava
bodha
-/हमहंस गरिण
|
कोलडी 42
-/जिनकीर्ति
... 2011
-/जिनविजय
म ट. बा.
|,
27/61
कोलडी1071
73 | के.ना.21/48
"
5/21
63
, 11/32
..
11/41
,, 21/105 , 5/20 कोलडी 439
2
0
-..-
-
.
कु.ना.3
110 साधु-अतिक्रमणसूत्र
Sadhu Pratikramana
Sutra
कोलडो 438
! महा. 3016
71
के.ना. 19/31]
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Page #80
--------------------------------------------------------------------------
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जन भागम-अंग बाहा-मावश्यक सूत्र
[ 63
8A
|
10
॥
षडावश्यक
1826 x 11x 6x 38
प्रतिपूर्ण
20वीं
बागम-मूत्र
+भक्ति
5 26 x 12xlx 40 अपूर्ण
20वीं
यावश्यक
25x12x6x45
प्रतिपूर्ण
20वीं
प्रा.सं.मा.
6226 x 11 x 14x52 | संपूर्ण प्र. 3100 1526 125x12x 11x38
18वीं 86 27x11x13x50 , . 2200 11603 11525x11x18x46
1751 80 | 26 x 12 x 15x41) अपूर्ण (67 से 146
पत्र ग्रंथ) 107 25 x 12x5x36 | संपूर्ण 26/25x 1 x 1 x 42 ,
26x11 x 13 x 42| अपूर्ण बीच के पन्ने | 16वीं | 26 x 11 x 1 x 49 | संपूर्ण लगभग
| 26 x 11 x 8x40 अपूर्ण 22 24x12x15x47, (संसारदावा. तक) 16 25xllx 17x54 संपूर्ण 79 | 25 x 13x17x48 , 4 27x 12 x 13x36 | संपूर्ण (पगामसम्झाय) 5 20 x 11x6x40 त्रुटक 7/19x 11x7x39 संपूर्ण 6 | 25 x 11 x 25 x 55
18वीं
प्रथम पन्ना कम
साधु प्रावश्यक
1762
1764
For Private and Personal Use Only
Page #81
--------------------------------------------------------------------------
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1
64 ]
72
मु. सु. 3 35
73 कोलडी 436
74 के. ना. 18/36
75 18/39
5/54,10/75, 7 6-81 76,11/63,15/ 128,16/32
82-85 कोलडी 435.
37,1187A,B 86 | मु. सु. 336
87
से. मं. 3345
88 महा. 1 17
कु. ना. 2/9
89
90-92
93
བྱཱ
2
"1
"
2/24,10/ 167 13/43 a. 1. 6/17
94 से. मं. 357
aife. 39.51
97
100-1 3130,46
102-4 कु. ना. 17/17, 37,37,34/4
साघुप्रतिक्रमण सूत्र
37
77
77
P
37
77
">
77
27
27
""
3
95
#agfi
96 कु. ना गु.36/1 लघुवृत्ति प्रतिक्रमणसूत्र
97 | के. ना. 15/95 श्राद्धप्रतिक्रमणसूत्र
98
, 13/39
37
99 प्रोसि. 347
12
91
6 afaqi
4
रात्रि संधारा A3414 39fa
3
37
arar.
2 प्रतियां
9
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Sadhu Pratikramaṇa Sūtra
;,
T
3A
25
23
Rätri Santhārā Sajjhaya 3 Copies
"
Laghu Vṛtti Pratikramana
Sutra
Śradha Pratikramana
33
6 Copies
+3
د.
For Private and Personal Use Only
+Bālā.
+ A vacuri
3
Sutra
2 Copies
..
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भाग/ विभाग : - I श्रा (iv)
4
""
म ट
17
मू.ट.
मु.
37
ग.
5
मू.बा.
ग. प.
पा
मू.ट.
म. (ग. प.)
17
Page #82
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जैन आगम-अंग बाह्य-प्रावश्यक सूत्र :
[65
10
11
7 8 प्रा.मा. | 6 प्रा. 4
8A | 26 x 11x16 x 46 | प्रतिपूर्ण
साधु आवश्यक
18वीं
26 x 11 x 14 x 40 संपूर्ण
1843
27x12x4x36
20वीं
25x12x24x48
20वीं
19/20वीं
सामान्य प्रतियां
122,2,8, 23से 29x10से 12 | 24 54,3,3/25से 26x11से13
19/20वीं
6
24x12x13x40
1854
25x11x4x34
19वीं
अप्रचलित पाठ
26 x 13x15x51
19वीं
पाक्षिक अतिचार
सहित
23x12x11x19
19वीं
|1,1,2
26से 27 x 11से 12
से 18 गाथा
19वीं
22 x 10x10x30
20वीं
12
23x11x18x60/ संपूर्ण
16वीं
| 26x11x16x57
19वीं
मूल प्राकृत सूत्रों
की संस्कृत दिगम्बर अाम्नाय
श्रावक आवश्यक
प्रा.सं.क्रम गुटका
1544
प्रा.
5*
26x11-11x40
, वंदित्त सूत्र 50 गाथा| 17वीं
प्रा.मा.
27x11x5x56
1726
26x12x12x36
1870,विक्रमपुर अतिचार सहित
जिनमुदर 19वीं
| 5,1024x11427x12
|14,5,18| 19से 26x11से 13
19/20वीं
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भाग/विभाग :-1 प्रा (iv)
___66 ]
___ 1 |
2
3A
5
|
के. नाथ 11/54 | श्राद्ध प्रतिक्रमण सूत्र
| Srādh Pratikraman Sutra
106 | कोलड़ी
443
107
,
385
108
,
1108
मू.+अर्थ
109
386
मू.+ट.
प्रोसियां 3929
111-7
7 प्रति
,, 7 Copies
मू. (प)
के नाथ 6/124. 15/3964,67 75.16/26.26 /81
| के. नाथ 13/51
+बाला.
..
+Bala
मू बा.
119
,
1/29 अावश्यक सूत्र निर्यक्ति
Avasyak Sutra Niryuktti
भद्र दाह
120
महा. । प्रा 16
121
के.नाथ 15/111
महा. प्रा 17
123
के नाथ 5/16
124
126
, 3/18 | अावश्यक नियुक्ति सह बाला
.../सवेगी देवगणि| मू बा.
with Bālā. प्रोसियां 3437
,, रत्न शेखर शिष्य .
with Bālā के नाथ 11/75 | आवश्यक प्रतिक्रमण संग्रहणी Avasyak Pratikraman
Sangrahội | महा. 1 प्रा 20 विशेषावश्यक भाष्य वत्ति सह Visesavasyak Basya with जिन भद्र/म. हेमचंद्र +व.
Vsti के नाथ 15/112 | अावश्यक वृत्ति
Āvasyak Vști
म. (प)
127
128
हरिभद्र
,,
Brhat Vrti
-हरिभद्र
.,
,. Laghu Tiki
-तिलकाचार्य
महा. 1 या 18 | प्रावश्यक बृहत् वृत्ति 130 , 1 या 19
,, ,, लघ टीका | के नाथ 21/96 | प्रावश्यक वृति सह 132 , 10/53 133 कोलडी 1072 | आवश्यक वृति
, with Vrti
,, Vrti
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जैन आगम-अंग बाह्य आवश्यक सूत्र :
[ 67
678
8A
____10
श्रावक आवश्यक
प्रा.मा.
25x12x5x38 |
1842
प्रा.
26 x 11x12x38
19वीं
25 x 11x5x32
19वीं
19वीं
19वीं
पौष सूत्र सह
26 x 12 x 10 x 30 | अपूर्ण 6 गाथा तक
25 x 11 x 5 x 33 | संपूर्ण ग्रंथाग्र 995 ,,+भक्ति प्रा.सं.मा 8 26 x 12 x 14 x 34 प्रतिपूर्ण प्रा. | 23,3, 25,26 x 10,11 पूर्ण अपूर्ण
4,33,4
1895 विक्रमपुर स्मरण सह
दौलतसिंह 19/20वीं
| प्रा.मा. | 4
26x11x13x40 अपूर्ण गा.24 से 50 (अंत) 1619
तक । 8x11x15x54 संपूर्णगाथा25253130/ 1524
पन्न 15 से 19
(अंत) तक
आवश्यक+व्याख्या प्रा
65
साहित्य
26x11x11x40
, ग्रं.3375
16वीं
26 x 11x17x60
1628
,, | 19वीं
पावश्यक क्रिया
संबंधी प्रावश्यक व्याख्या प्रा.सं. | 569
26 x 11x13x49 | लगभग पूरी (अंतिम पन्ना 17वीं
कम) 26x 11x13x44 अपूर्ण (पन्न 32 से अत | 17वीं
78 तक) 26x11x11x42 केबल पीठिका व्याख्यान का 1514 गाथा 81 तक का
संपूर्ण 22x11x15x36
गाथा 78 तक का
संपूर्ण 25x10x 13 x 50 संपूर्ण 169 गाथायें 16वीं 26 x 12 x 17x43 अपूर्ण 3622 गाथा--714/19वी विक्रमपुर | पहिले 36 पन्ने कम
नारायण 26 x 11x16 x 64 त्रुटक
| 15वीं जीर्ण (पन्नों की
संख्या लगभग 26 x 12 x 13 x 40 संपूर्ण ग्रं. 22000 1951वृति शिष्य हिता
नाम्नी 25x11x15x43 अपूर्ण (लोगस्स से अंत तक 1672 जहांगीर | पन्ने 250 से 359
अंत | 25 x 11 x 11 x 35,, (करेमिभते तक) | 1870
प्रा.सं
26x11x13x32
19वीं
28X 13x15x26 |
19वीं
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68 ]
134
135
1
136
137
138
139
140
141
142
143
144
145
146
147
148
149
150
151
152
153
154
156
157
158
78
कुंथुनाथ 42 / 14
के. नाथ 21/34
18/19
महावीर 3 12 साधु प्रतिक्रमण वृति सह
31
कोलडी
2
11
34
"
3 श्र 11
859
श्रावश्यक वृति
आवश्यक बालावबोध
17
3413
31
कुंथुनाथ 3 / 76 साधु प्रतिक्रमण के बोल
प्रोसियां 3 23
के. नाथ 23 / 85
महावीर 3 1
के नाथ 3/31
कोलडी 41
के नाम 14 / 140
महावीर 35
के नाथ 13 / 24
कुंथुनाथ 54 / 8
11
"
""
"
3
"
11
"
की वृति
की वृति
श्राद्ध प्रतिक्रमण + वृति
12
11
27
+
ओसिया 3 52 पाक्षिक सूत्र
के नाथ 5/73
श्राद्ध प्रति कमरण की वृति
श्राद्ध प्रतिक्रमण + अवचूरी Srādh Pratikraman+ Avacuri Sradh Pratikraman /Avacuri śrādh Pratikraman + Vrti | वृदारुवृति
""
+ वृति
"
* नाथ 15/121 श्राद्ध प्रतिक्रमण + श्रवचूरि | Srādh Pratikraman ---
Avacuri
प्रोसियां 349
+
+”
के. नाथ 23/6 |श्राद्ध प्रतिक्रमण + वृति
+ Vrti
18/2
155 महावीर 36
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"
Avasyak Vṛti
3 A
33
Bālavabodha
तरुण प्रभ सूरि
सहज कीर्ति
|Sādhu Pratikraman with Vrti / तिलकाचार्य
553
ke Bol
Pākṣik Sūtra
+
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21
ki Vṛti
+Vrti
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-?
-?
+ वृति पाक्षिक (पक्खी) सूत्र + वृति | Pāksik (Pakhi) Sūtra + Vrtu – / यशोदेवसूरि
+ अवचूरि
+Avacūri / यशोभद्र
भाग / विभाग
"
4
/ हेम सोमसूरि
+,"
ki Vrti | - ?
-?
?
/ कुल मडन सूरि
देवेन्द्रसूरि (वृदारुवृति)
- / रत्नशेखर
T
:--1 श्रा (iv)
ग.
मू.वृ.
21
ग.
मु. अ.
ग.
मू वृ
मूवृ ट.
31
27
5
ग.
मूवृ. ( ग प )
""
मु. अ.
(प.ग )
मूवृ. ( ग )
मूवृ. कथा
मु.वृ. (ग.)
मू.अ. (ग.)
मू ( ग )
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जैन आगम-अंग बाह्य-प्रावश्यक सूत्र
[ 69
6
7
8
8A
9
___10
|
11
प्रावश्यक व्याख्या
26x11x7x64
त्रुटक
19वीं
| 196 | 26 x 11 x 13 x 41 | संपूर्ण कथा सह ग्रं.7110 1499
27x14x33x46 संपूर्ण ग्रं. 2700
1928
,
,
प्रा सं.
6
24 x 10 x 21 x 43 | संपूर्ण ग्रंथान 396
1645
20वीं
पगाम सज्झाय पर
27x12 x 13x28 26 x 11 x 26 x 57
संपूर्ण
1645
25x10x7x50
17वीं
"
मा.
26x12x11-37
19वीं
पगाम सज्झाय व
राइ संथारे पर पगाम सज्झाय के
थोकड़े
" "
प्रासं.
26x11x16x49
1480
26x11x9x41
|, वदित् की 50 गाथा 16वीं
26x13x14x37 प्रतिपूर्ण ग्रं 2720
| 19वीं
प्रा.सं.मा. 167 | 28x12x7x39 | संपूर्ण ग्रं. 6000
19वीं
प्रशस्ति वीगतवार
27x11 x 15 x 48 | , ग्रं. 2728 19वीं 25x11x17x44 | अपूर्ण
19वीं 26 x 12 x 16 x 42 संपूर्ण 5 अधिकार ग्रं.6744 19वीं 27x11x15x48
| 19वीं x15x60 अपूर्ण (संपूर्ण के ग्रंथान | 16वीं
___2700) 26x11x17x60 संपूर्ण
16वीं
26x11
प्रति अटक है
25x11x19x56 |, 43 गाथा
1665 मेडता
ऋषिवीका 17वीं
26 x 11x17x51 त्रुटक अपूर्ण
27x12x12x35 | अपूर्ण
19वीं
साधु पाक्षिक प्राव
37
28x12-18x55 | संपूर्ण ग्रं. 2700
15वीं अमर- जीर्ण प्रशरित है।
सिंह सूरि 1180 की रचना 15वीं
26x11x22x55
25x11x15x53
16वीं शिवनिधान गरिण
5x11x13x45
ग्रं. 360
1605
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भाग/विभाग :-1 या (iv)
1
3A
5
159
के. नाथ 5138 पाक्षिक सूत्र
Pākşik Sūtra
मू. (ग)
160
कोलड़ी 433
161
मुनि सुव्रत 3 अ 39
, 3 अ 40
163
महावीर 3 420
-+-वृति
+Vrti
यशोदेव
मू.व. (ग)
कुंथुनाथ 42/13 पाक्षिक सूत्र ... 10/188
165
166
सेवामदिर 3 अ60/
-बालावबोध
+Balāvabo- | -विमल कीत्ति
dha
म.बा. (ग)
167 | महावीर 3
पाक्षिक सूत्र
168 | प्रोमिया 3 9541
मुनि सुव्रत 3 अ 41 | , 3 अ 38 के. नाथ 21/73 भोमिया 3 953
कम 4 1
173 | के. नाथ 6/4
महावीर 3 अ2
+वृति
+Vrti
-यशोदेव
मू वृ. (ग)
7 Copies
175- मेलडी 430A-31 पाक्षिक सूत्र 7 प्रतिय 810 32-34-1103
68,1200
5 प्रतियें
5
,
182-6/ के. नाथ 5/23. |
2174.24146
___-48-500 187 सेव मंदिर 3 अ61
188-9 | कुंथुनाथ 10/1800
2 प्रतियें
2 Copies
2 प्रतिये
2
,
190-1ोसिया 3 अ23.
50 192-महार 3 19
2 प्रतियें
194
39 14 पाक्षिक क्षमापणा
Kșamāpanā
मू अ. (ग)
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जन प्रागम-अंग बाह्य-पावश्यक सूत्र
[71
8A
___ 10
11
25x11x13x40 |
1643
खमासणा महित
साधु पाक्षिक प्राव
श्यक
27x11x11x38
1690
26x11x12x41
17वीं
| अंत में पाव लघ स्तोत्र प्रा. में 7 गाथा
26x11x13x33
17वीं
26x11x15x56
, ग्रं. 2700
17वीं
27x11x13x44 अपूर्ण
17वीं
26x11x13x37 | संपूर्ण
1715
प्रा.मा.
18
26x12x6x53
25x11x13x50
1727x | जीर्ग
हर्ममुनि 1776. मत्यपुर
पुण्योदय 1787x
रामकृष्ण 1793 ग्रहीपुर
26x11x6x39
26x11x15x45
26x11x9x46
1798 उकारपुर
दयालसागर 1806
25x12x13x39
25x11x13x33
1840x
सत्यसुंदर 19वीं
27x11x5x40
25 x 11x15x46
, ग्रंथाग्र 270019वीं
प्रा.
8,14,12 24से27 x 11से 13 124,4,6,
, अपूर्ण
19वीं
91
20,9,14/ 20से 26 x 9से12
9,7
संपूर्ण
19/20वीं
38
26x13x7x19
1897 देशनोंक
बीरदीचंद 19वीं
3.16 | 26x13 x भिन्न 2
9.1326x12425x11
12,82/ 26x12421x11
19वीं (विक्रमपुर
आनंदसुंदर 120वीं (1 रतलाम दूसरी प्रति बहुत बड़े सीताराम 1953
अक्षर | 1931 राजगृह
पुनमचद
प्रा.सं. |
2
28x12x15x40
, ग्रं.75
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Page #89
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72 ]
1
195
196
197
198
199
207
210
211
200-4 लड़ी 389-9496 922-24
212
205-6 के नाथ 18/75, 21/104
मुनि सुव्रत 3 ग्र33
208-9 महावीर 3 अ 3,33
के नाथ 15 142
213
214
215
216
"
217
2
कुंथुनाथ 10,143 पाक्षिक क्षामण
महावीर 38
पाक्षिक
पाक्षिक प्रतिक्रमण सत्तरी
3 श्र 7
229
ओसियां 1 134 पाक्षिक सूत्र की अवचूरी
मुनि सुव्रत 3 34 पाक्षिक (साधु) प्रतिचार
सेवामंदिर गुटका 3 ति
के नाथ 11 /81
मुनि सुव्रत 3 अ 42
बोड़ी 199
11
कुंथुनाथ 15/16
29/9
कोलड़ी 390
218-2 कोलडी 388-8182-83,1161
2238 के नाथ 6/6,
11/8, 18/9, 19/ 62, 19/75,24!
52
31
"
13
"
11
सूत्र
13
"
93
31
की अवचूरि
3
"1
31
पाक्षक (श्राद्ध) प्रतिचार
"
33
71
1
31
"1
"}
"1
"
"3
71
23
39
93
17
www.kobatirth.org
5 प्रतियें
2 प्रतिय
2 प्रतिये
T
/ यशो भद्र
| Pakşik Pratikraman Sattari चन्द्र सूरि ?
Sūtra ki Avacuri
/-?
(Sādhu) Aticār
5 प्रतिय
3 A
Pakşik Kṣamāpanā
ki Avacuri
6 प्रतियें।
19
""
33
""
33
29
5 copies
(ŚāJh) Aticār
39
For Private and Personal Use Only
2
2 copies
प्रोसियां 348
अतिचार
230-1 | महावीर 2 / 278-9 ललित विस्तरा (चंत्यनंदनादि) Lalit Vistara 2 copies सूत्र ) दो प्रति
,, 5 copies
,, 6
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
भाग / विभाग : - 1 प्रा (iv
4
पार्श्व चंद सूरि
T
हरिभद्र / मुनिचंद्र
मू (ग.)
ग.
मू ( प )
ग.
"
"1
प.
ग.
पञ्च
(चातुर्मासिक व्याख्याने) मू.ट.
5
ग.
प.
ग.
मू.+वृ.+१
Page #90
--------------------------------------------------------------------------
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जैन आगम अंग बाह्य आवश्यक सूत्र
साधु पाक्षिक प्राव- प्रा.
श्यक
आवश्कक व्याख्या सं. साहित्य
11
=
"
=
27
97
14
"
साघु पाक्षिक श्राव - प्रा.मा.
श्यक
=
"
35
37
=
11
17
6
"1
"
"
1=5
"
27
1:4
""
=
35
श्राद्ध पाक्षिक प्राव- मा.
श्यक
"
"
ܙܝ
"3
11
13
"1
-
3
प्रा.
सं.
12
=
3
"
:
"1
37
=
11
प्रा.मा.
मा.
7
11
14
11
19
"
चैत्यवंदनादि वृति प्रा.सं.
1
7
3
17*
4
2,2
4
3, 3, 5, 23 से 25 x 10 से 13
3,3
3,9
8
13
7
5
4
8
5
5
9
A
10
www.kobatirth.org
141, 141
24 x 11 x 9 x 31
26 x 11 x 25 x 65
29 × 12 × 17 × 59 संपूर्ण 72
27 x 11 x 25 × 62
26 x 12 x 11 x 36
25 x 12 x 15 x 48
5,10,7, 25 से 28 x 11 से 13 8,6
26 × 11 × 4 x 42
24 × 11 × 15 × 46
26 × 11 × 12 × 48
25 × 11 × 13 × 37
7, 11, 7, 23 से 26 x 11 से 16 9,6,7
संपूर्ण
11
28 × 12 × 12 × 28
27 × 13 × 11 × 37
39
17
13
24 x 11 x 11 × 31
28 x 13व 22 × 11
26 x 12 x 10 x 42
16 × 13 × 13 × 18 संपूर्ण 156 गाथा
37
27
"
26 × 11 × 13 × 46 | संपूर्ण ग्रंथाग्र 235
26 x 11 x 13 x 35
94 गाथायें
25 गाथायें
"1
"1
11
9
क्षामरणा सहित
19
27
लगभग सभी
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20 वीं
16वीं
1594 गुणलाभगरिण
16at
10
1818 नागपुर
19वीं
19वीं
19वीं
20 वीं
20 वीं
1651
संपूर्ण
अपूर्ण गाथा 12 से 144 19वीं
संपूर्ण
19वीं
19/20वीं
1724
1764
1856
1875
19वीं
संपूर्ण
19वीं
संपूर्ण ग्रं. 3400-3600 | 19वीं
[ 73
बीच की प्रति में पक्खी विधि
11
सामान्य से भिन्न पाठ
प्रचलित से भिन्न पाठ
"1
प्रचलित से भिन्न
पद्य में कुल 124 अतिचार
प्रचलित से भिन्न पाठ
13
, पद्य में
" पाठ
Page #91
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74]
भाग विभाग :-1 आ (iv)
3
3A
232
महावीर 2/280 | ललित विस्तरा की पंजिका | Lalitvistara ki Panjika
| मनिचंद
ग.
, 3/281 | चैत्यवंदनादि भाष्यत्रय+बा. | Caityavandanādi Bhāsya | देवेन्द्र सूरि ज्ञान विमल म.बा.
___Traya+Bala. 234 मुनि सुव्रत 2/257| चैत्यवंदनादि भाष्यत्रय | caityavandanādi Bhasya
Traya 235 के. नाथ 15/2 | चैत्य गुरु वंदन व प्रत्याख्यान Caitya, Guruvandan &
मू.+बा. भाष्य +बा.Pratyakhyan Bhasya+Bala. सेवामंदिर 2/364 | Caitya, Gurāvandan &
मू.+ट. Pratyākhyan Bhasya+Bali, 237 | के. नाथ 15/48 | प्रत्याख्यान भाष्य
Pratyākhyān Bhāşya
मू. (प) 238 , 3/12 | चैत्यवंदनादि भाष्यत्रय + Caityavandanadi Bhasatrya सोमसुंदर मू.अ.
अवचूरि
+ Avacūri कोलडी 829
देवेन्द्र सूरि
240
के. नाथ 23/17
241
,
11/90
मू. (4)
242
-, 11/29
, 1929
243
+बा
+Balil
मू.बा.
244
कोलड़ी 108 | चैत्यवंदनादि भाष्यत्रय
मू.ट.
के. नाथ
6/8 | चैत्य --- गुरुवंदन भाष्य
मू व्या.
| Caitya Guru Vandan
Bhāşya Caitya Vandanādi Bhāsya
Traya
246
20/16 | चैत्यवंदनादि भाष्यत्रय
247
, 22/42 ,, 21/100 | प्रत्याख्यान भाष्य
248
Pratyākhyān Bhāşya
| देवेन्द्र सूरि सोमसुंदर
249
,
24/5 चैत्यवंदनादि भाष्यत्रय
Caitya Vandanadi Bhasya| देवेन्द्र सरि
Traya
मू (प)
250
कोलडी 1340
"
109
+बा.
251
1-बा.
,,+Bala | देवेन्द्र रिज्ञान विमल मू.बा. के.नाथ 15/136
,,+Bala. देवेन्द्र सूरि/253 | महावीर 2/282 | चैत्यवंदन भाष्य सावरी Caitya Vandan Bhāsya with ,,ज्ञान सूरि ? | मूअ.
Avacūri | 2/283-4 गुरु व प्रत्याख्यान भाष्य , Guru& Pratyakhyan ,, सोमसुंदर
Bhāşya with Avacūri 255 मुनि सुव्रत 3 अ64/ चैत्यवदन भाष्य अवचूरि | Caityavandan Bhāsya.
Avacūri 256 के. नाथ 10/78
-
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* जन प्रागम-अंग बाह्य आवश्यक सूत्र :
[ 75
6
8
8A
9
10
11
चैत्यवंदनादि वृति | सं.
।
आवश्यक क्रिया सूत्र
प्रा.मा.
6
27x11x17x65 संपूर्ण ग्रं. 2130 1505x कमल
सयम 26 x 11 x 18 x 55 | लगभग संपूर्ण (अंतिम पन्ना 15वीं
कम) 26 x 10 x 14x42
संपूर्ण (63+42+48| 16वीं
गा.) 26x11x9x33
16वीं
प्रा.
6
प्रामा. - 10
28x11x7x54
, 152 गा.
1697
23x10x12x30
,
60 गा.
1698
प्रा.सं.
26x11x18x54 |
153 गा.
1711
प्रा.मा.
31x11x5x35
1756
प्रा.मा
9
26x11x5x37 | अपूर्ण (पहिले के 38 गा| 1788
.
कम) 25 x 11 x 12 x 40 संपूर्ण 155 गा. 28 x 12 x 0 x 40 अपूर्ण अंत की 20 गा कम) 18वीं 26 x 13 x 17x52 | संपूर्ण
1849 26x11x6x45 ... (152 गा.) 1841 26x13x15x39 | , (63+41 गा.का) 1897 25 x 12 x 20 x 52
19वीं 25 x 11x9x35
19वीं 25 x 12x16x50 , 48 गाथा
प्रा.सं
19वीं
प्रा.
24x 13x11x39 , 152 गाथा 25x11x14x40 लगभग पूर्ण (अंतिम पन्ना
कम)। x16 x 65 | संपूर्ण 152 गाया का
प्रा.मा.
27x13x13x44
1929
+A
20वीं
30 x 15 x 15 x 50 | संपूर्ण 63 गाथा की 30x15x15x36 संपूरी 42 27 x 12 x 23 x 80 | संपूर्ण 62 गाथा की 26 x 11x15x48 अपूर्ण
प्रावश्यक व्याख्या | सं.
साहित्य
16वीं 19वीं
साथ में अन्य किचित
विवेचन
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भाग विभाग :-1 आ (iv)
1
2
3
3A
4
5
57
258
के. नाथ 24/42 | गुरु. प्रत्या. भाष्य का बा. | Guru. Pratya. Bhāsya ka
Bala. , 20/38 | चैत्यादि भाष्यत्रय का बा. | Caityadi Bhasya Traya ka
Bala. ओसियां 2/152 | वन्दनक भाष्य
Vändanak Bhasya
259
के. नाथ 26/103
261
,
11/47] भाष्यत्रय+वंदितू-+वृति | Bhāsya Traya+Vanditu+
-/तिलकाचार्य
म.न. (प.ग.
Vsti
262
|,
5/35
,
"
"
263
महावीर 3 अ 15
| सेवामंदिर 2,376 भाष्यत्रय-- वंदितू की वृति मात्र
,,ki Vrth) तिलकाचार्य
only कुंथुनाथ 42/9 266 कोलड़ी 318 | चैत्य वंदन भाष्य गाथायें | Caitya Vandan Bhasva
Gāihãyen 267 कुंथुनाथ : 4/90 प्रत्याख्यान सूत्र
Pratyakhyān Sūtra 268 | के. नाथ 5/55 269 | कोलड़ी 917 270 प्रोसिया 3 पा 146
भाग/विभाग :-1 आ (v)
Ātur Pratyākhyān
के. नाथ 10/7 | अातुर प्रत्याख्यान
,, 6/39
कोलड़ी 44
प्रोसिया | प्रा 42
महावीर 1 प्रा 41| गच्छाचार प्रकीर्णक+ वृति | Gachācār Prakirnak+Vrti -विजय विमल
लि
,
1 प्रा 30/ चउशरण (अवचूरी सह)
| Causaran (with Avacāri) |
के. नाथ 15/106
8
मू. (4)
, 6/25 मुनि सुव्रत 1 या 21
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जैन आगम-अंग बाह्य-पावश्यक सूत्र :
[ 77
6
7
8
9
10
8A | 27x11 x 13 x 49 संपूर्ण
18वीं
आवश्यक व्याख्या | मा.
साहित्य
24x11x16x42
19वीं
आवश्यक क्रिया सूत्र प्रा.
26 x 12
x11x40
, 27 गाथा
16वीं
देवेन्द्र सूरि का नहीं है
276* 25x12x20x56
18वीं
प्रा.सं. | 16
25 x 11
18x60
ग्रंथान 800 वृतिये 1829
26- 12x17x40
1750
1900
19वीं
30x16x16x43
| " ,750 26 x 11 x 14x46 | संपूर्ण ग्रंथान 800
16वीं
आवश्यक व्याख्या
साहित्य
26 x 11x21x86
, 750
19वीं
अावश्यक क्रिया सूत्र
20x12x9x22
20वीं
25x11x13x40
प्रतिपूर्ण
19वीं
25x11x11x42
,
19वीं
25x11x10x38 |
19वीं
26x11x11x38
19वीं
14 नियम के भी पाठ
माथ मे
जैन आगम-अंग बाह्य-प्रकीर्णक :
प्रकीर्णक पागम सूत्र प्रा.
26 x 12 x 11 x 40 | संपूर्ण 83 गाथायें
| 17वीं ..
25x11x11x36
18वीं
27x11x13x50
19वीं
सार में भक्त परिज्ञा
गा. 145
27x12x10x30
79 गाथा..
20वीं
संघ व्यवस्था
प्रा.सं. | 140
26 x 11 x 15 x 37 26 x 11 x 18 x 52
भक्ति
137 गाथा की ग्रं 18वीं 3 पन्नों में प्रशस्ति है
5850 , 63 गाथा की 1524,श्री पट्टन
धन्ना ,, 62 ,, की 17वीं
26 x 11x7x 32
26x11x11x50
66 गाथा
26 x 11 x 10 x 33 | , 63 गा.
17वीं 17वींमहिमावती उत्तम ऋषि
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78 ]
भाग विभाग : -1 आ (v)
3A
1 | 2 10 | के. नाथ 5/45
चउशरण (अवचूरी सह) | Causaran (with Avacāri) | वीर भद्र
11
प्रोसियां 1 प्रा137
म (५)
| कुंथुनाथ 52/7
महावीर 1 9 57
मुनि सुव्रत 1 प्रा120
+बालावबोध
,,
+Balāvabodha
, 1ा 130 चउशरण
| महावीर 1 आ 31
कोलड़ी 815
, 1184 F के नाथ 10/90 | , 5/26
215
1, 14/96,15/
37,17/5
3 प्रतियें
3 Copies
__
5/86
मुनि सुव्रत ! या 122
| के. नाथ 26/50 | चउशरण का बालावबोध
,, kā bālāvabodha
29
| महावीर 1 44 | ज्योतिष करडकी वृति | Jyotish Karandak ki Vrti | मलयगिरी
,
1
45|
॥
Tandul Vaiyatiya
| के. नाथ 3/17 तंदुल वयालीय |, 5/84 | तित्थोग्गालि पइन्ना
Titthoggāli Painna
मू. (प.)
महावीर 1 पा 43 दीव सागर प्रज्ञप्ति
Div Sāgar Prajnāpti
प्रोसियां 2/223 | पर्यन्त आराधना
Paryant Arādhanā
सोम सूरि
" 3 अ 26
मू. (प.)
36
| कुंथुनाथ 10/184
,
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जैन आगम अंग बाह्य प्रकीर्णक :
भक्ति
19
"1
37
"1
11
11
"
"
33
11
"
11
"
"
आगम व्याख्या
13
二
6
,
साहित्य
27
=
A
23
प्रा.मा.
प्रा.
"1
प्रा.मा.
17
प्रा.
"1
"
प्रा.मा.
प्रासं.
प्रा.मा.
=
11
=
"1
प्रा.
7
प्रा.मा.
31
मा.
सं.
1:
प्रा.मा.
प्रा.
"1
पंत समय आराधना प्रामा.
प्रा.
=
5
4
3
5
7
5
3
9
6
12
8
7
11
2,3,2
6
10
2
8
188
2
33
37
8
6
3
1
8A
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25 x 11 x 15 x 57
25 x 11 x 6 x 40
27 x 11 × 9 x 38
26 × 11 × 12 × 46 संपूर्ण 63 गाथा
26 x 11 x 6 x 44
25 x 11 x 9 x 34
26 × 11 × 18 x 60
30 x 11 x 6 x 28
25 × 11 × 6 × 31
26 x 12 x 18 x 55
25 x 11 x 5 x 35
25 × 11 × 4 x 38
21 x 12 x 5 x 26
25 से 30 x 11 से 16
25 x 11 x 7 x 33
26 x 12 x 4 x 33
26 × 12 × 17 × 47
25 × 11 × 11 × 40
26 × 11 × 18 × 65
26 × 11 × 6 × 33
26 × 11 × 15 x 44
26 x 12 x 14 x 43
26 x 11 x 6 x 37
26 × 11 × 13 x 34
26 x 10 x 21 x 68
11
संपूर्ण 60 गा.
17वीं
पहिले पन के 8 गाथा कम 17वीं
17वीं
""
"3
"
:
:
:
19
"
39
91
"
"
15
"1
17
9
"
"
"
63 T.
13
63 गाथा का
की
संपूर्ण का
संपूर्ण ग्रं. 5000
प्रतिपूर्ण
संपूर्ण ग्रंथाय 1188
1260 गाथा
223
70
का
"
63 गाथाये
68
11
"
For Private and Personal Use Only
का
"
62 गाथा का
63 गाथा का
62 से 64 गाथाये 19वीं
20वीं
20वीं जोधपुर
उदयसागर
20वीं
"1
"1
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
"1
17
10
1700
1844 x
19वीं
19वीं
19वीं
19वीं
18वीं
18af
18aff 'जयपुर साथ में पर्यंत श्राराधना 70 गा
सूर रत्न
भारणचंद्र
1893
19वीं
1957
1691
11
19वीं
20वीं
1596, सुल्तान
पुर, जोगोबल
17वीं
17at
(79
चन्द्र सूर्य मंडल
विचर
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80]
भाग/विभाग :--1 आ (v)
3A
4
5
Paryant Aradhana
सोम
मू.अ.ट.
37 | कोलडी 382 | पर्यन्त आराधना 38 | के. नाथ 15/125 39-40 कोलड़ी379,1112 दो प्रतियां
मू.ट.
2 copies
मू (प)
41-3
,तीन प्रतियां
3
के. नाथ 6/78,10/
38,15/105/
मू.ट.
मू.प्र.
Pindvisudbi+Vrti
जिन बल्लभ/उदयसिंह मू वृ.
___॥
|
- | मू.अ.
+ Bālāvabodha
सोमसुंदर मू.बा.
33
जिन वल्लभ
4
4
4
, 15/223 महावीर 1 पा 49 के. नाथ 10/98 | पिऽविशुद्धि+वृति प्रोसियां 1 पा 94| पिंऽविशुद्धि के. नाथ 3/25 | , - बाला. प्रोसिया 2/152| - | के. नाथ 5/10 | पिऽविशुद्धि
, 15/238 महावीर 1 आ 46
, 1 पा 47 , +वृति , 1 पा 48 | पिंऽविशुद्धि के. नाथ 6/22 मुनिसुव्रत 1 प्रा 115 ,
के नाथ 20/11 | महावीर 1 आ 50 बंगचूलिया सूत्र कुंथुनाथ 4/82 | संस्तारक के. नाथ 2/7 महावीर 3 अ 42| सिद्ध प्रामृत मुनिसुव्रत 1 प्रा 110 प्रकीर्णक संग्रह प्रति
,
+Vrti
यशोदेव
4
जिन वल्लभ
4
4
24
Bangcūliya Sutra
यशोभद्र
म.(प..
Sanstárak
Sidh Prabhịt
62
Prakirnak Sangrah Pratiभिन्न 2
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जैन पागम-अंग बाह्य-प्रकीर्णक :--
[81
11
6 7 8 अंत समय अाराधना | प्रा.सं.मा. 5
प्रा.मा. | 9
8A
9 10 | 26 x 10 x 6 x 36 | संपूर्ण 70 गाथा 1713 | 25 x 11x5x32 ,, 70 ,, ग्रं. 300 1716
26 x 12425 x 12 प्रथम पूर्ण द्वितीय में 38 गा| 1861/19वीं 24से25 x 11से13 | संपूर्ण 70 गाथा 19/20वीं
प्रा.मा.
8
19x11x7x24
,
19वीं
प्रा.सं.
5
27x12x17x50 संपूर्ण 69 गाथा की ग्रं.325| 20वीं
आहार नियम साधुनों
| 26 x 11 x 13 x 45 संपूर्ण 103 गा. की । | 1775 27x11 x9x37 अपूर्ण 97 गा. की अंतिम 15वीं
पन्ना कम 53 | 27x11x9x36 | संपूर्ण
1580 123* | 26 x 12 x 11x40 | 103 गाथा 16वीं
प्रा.मा.
प्रा.मा.
26x11x5x28
,, 104 गाथा/ग्रं.925 1684
प्रा.सं.
6
26x11x11x36
104 गाथा अवचूरी 17वीं
40 तक
प्रा.
26x11x12x39
, 103 गाथा/ग्रं.131 17वीं
प्रा.सं. | 50
26x11x17x56
,, ,, की/ग्रं.2800
18वीं
26x11x14x50
19वीं
___xx x
26x11x13x40 | अपूर्ण 28 गाथा का
प्रा.मा.
| 19वीं
X
प्रा.सं.
7
26 x 52
103 गा. की
| 19वीं
प्रा.मा.
127x11x14x43 | संपूर्ण 103 गाथा का
19वीं
प्रा.
129x 13x10x30
,, 109 गाथा
19वीं अजमेर | अपर नाम सुयहील
गुप्पाति
| 26x11x11x34
17वीं
26x11x14x42
19वीं
28x14x16x44
, 120 गाथा की | 20वीं
चन्द्र वेध्यक, देवेन्द्र स्तव,च उसरणा,अजी वकल्प. गच्छाचार, तंदुल वैचारिक गणि विद्या महाप्रत्याख्यान वीर स्तव, प्रारंभ के 4 अपठनीय
| 23x12x15x29 | कुल 13 प्रकीर्णक
| 20वीं x भीम
सागर
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82 )
भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग:-- (अ)
3A 45 852 प्रक्षर बत्तीसियें व अक्षर बावनी Aksar Battisiyen & Aksar रुप कबि
कोलडी
Bāvani
के. नाथ 6/121 | अक्षर बत्तीसी
,,
Battisi
सेवामंदिर 2/420| अठारह पापस्थान
Athārah Pāpsthān
ऋषि लालचंद
कुंथुनाथ 23/8 | अठारह पापस्थान निवारण | , , Nivaran, ब्रह्म के. नाथ 26/89 गु. अठारह पापस्थान सज्झाय | , , Sajjhāya | प्राशकरण कोलड़ी 1335 | अट्ठाइस लब्धि व जलविचार | Athais Labdhi ar Jalvicar कुंथुनाथ 52/25 | अध्यात्मक कल्पद्रुम Adhyātm Kalpdrum मुनि सुन्दर मू. (प.) कोलड़ी 896 के नाथ 11/56 कोलडी 893
+वृति
, +Vrti मुनि सुंदर रत्नचंद्र गणि म.व. (प.ग.) , 851
| अध्यात्मक कल्पद्रुम भाषा महावीर 2/29
, , Vrti मुनि सुंदर रत्नचंद गणि मू.वृ. (प.ग.) के नाथ 26/56 | अध्यात्म बत्तीसी
,, Battisi
सुमति कोलड़ी 954 अध्यात्म शैली
,, Saili
" Bhasa
,
-वृति
,, Sārmāla
नेमीचंद(रामजी का पुत्र) प.
| के नाथ 1 5/137 अध्यात्म सार माला
, 24/44 | अनुकम्पा चौपई
Anukampā Caupai
| ऋषि जयमलजी
प्रोसियां 2/243 | अनुकम्पा ढाल
___,
Dhal
प्रज्ञात
18
महावीर 2/18
-आनंदविजय गणि मुव. (प.ग.)
नाय उछगहरण कुलक-वृति Annāy Uchgahankulak+
Vști अन्यमत समन्वय
Anyamat Samanvaya
19
कोलडी 894
20
प्रोसिया 2/416| अभव्य कुलक
Abhavya Kulak
मू. (प.)
,,
2/151 | अर्थ सत्तरी+बाला.
Arth Sattari+Bala.
चन्द महत्तरा महासती/- मू बा.
2/293 | अवधि जान का विस्तार
| Avadhi Jhān ka Vistar
अज्ञात
मुनि सुव्रत 2/332| अवधि ज्ञान गुणस्थान चर्चा
,, Gansthan Carcal
कोलड़ी 1334
अष्टक सूत्र
Aştak Sütrā
| हरि भद्र
| के. नाथ 14/43 | ,
,
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जैन तात्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक :--
[ 83
6
7
8
8A
नैतिक प्रोपदेशिक पद मा.
30x11x11x40
10 11 संपूर्ण (40+50+821802,सप्तछंदी 2 बत्तीसियां +1 छंद) मतिविज
बावनी , 32 गा.
1781
अक्षरानुसारी
125x11x11x35
औपदेशिक
21x11x10x35
टक
19वीं
पन्ने 13 से 14
27 x 12 x 11 x 42 | पहिले की अपूर्ण 17 की 1704
पूर्ण सज्झायें 22 x 16 x 17 x 25| 17 सज्झाये है 18वीं कम 20वीं 26 x 11 x 15 x 54 | संपूर्ण
16वीं 27 x 12 x 16 x80 ,, श्लोक 278(सं.422) 16वीं
सैद्धान्तिक
साथ में पुङ्गल परि
वर्तन चर्चा
आध्यात्मिक विवेचन
26x11x17x82
117वीं
26x ||x17x45
17वीं
Xxxxxx
15 x 45
,, 16 अधिकार
18वीं
प्रशस्ति है
22x12x14x36
29x 13x14x39
, 16 अधिकार
(ग्रं. 2459) 32 गाथा
1882 x प्रेम
विमल 1947 जोधपुर वति अध्यात्म कल्प
गोपीनाथ लता नाम्नी 20वीं
25x12x14x44
26x12x16x48 संपूर्ण
1896
1765 की कृति
प्रौपदेशिक दया पर
26 x 12x13 x 60 | संपूर्ण 111 पद (ग्रं.235) 19वीं 26 x 11 x 21 x 63 | संपूर्ण 303 गाथा । 19वीं 25 x 12 x 11 x 34 | आपूर्ण
19वीं 26 x 11x57x58 संपूर्ण 31 गाथा की (ग्रं. | 16वीं 26 x 13 x 17 x 45| संपूर्ण
1880
आहार शुद्धि पर
प्रा.सं.
296)
धार्मिक समाधान
प्रौपदेशिक सिद्धांत प्रा.
प्रा.
13*
26x13x16x30
1953
कर्म सैद्धान्तिक
प्रा.मा.
27 x 11 x 13 x 52 पंपूर्ण 93 गाथाका यंत्र सह 16वीं 25 x 12 x 9 x 39 | प्रतिपूर्ण
19वीं
मूल 70-1-19 निर्य क्तिकार+4 क्षेपक = 93 गाथा)
मा.
ज्ञान लाक्षणिक
वर्णन ज्ञान सैद्धांतिक
प्रश्नोत्तरी भक्ति सिद्धान्त
26x11x17x63 संपूर्ण प्रश्नोत्तर
19वीं
26 x 10 x 19 x 63 संपूर्ण 32 अष्टक +2 श्लोक 16वीं
ग्रं.266. 17x9x9x24 , 33 अष्टक 1818
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84 ]
भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग :-(अ)
3A
महावीर 2/37 | अष्टक सूत्र+वृति
Astak Sutra+Vrti
हरिभद्र जिनेश्वर
मू.व. (प.ग.)
,
2/43 | अष्टक सूत्र
हरिभद्र
मू.प.
प्रोसिया 2/229 अष्ट गुण सज्झाय
Astagun Sajjbāya
ज्ञान विमल
म.ट.
कोलडी 835 अष्ट प्राभूत
Aşta Prabhrt
प्रा. कदकंद
मू.---अर्थ
Aștārth ślok
मू.+ट.
। , 892| अष्टार्थ श्लोक | के. नाथ 6/90 अस्थिर भावना
Asthir Bhāvana
| सेवामंदिर 35 345/ अहिंसा धर्म
Ahinisa Dharm
,,
Prakaran
अज्ञात
| महावीर 2/22 | अहिंसा प्रकरण
, 2/28 , के. नाथ 15/127 प्रहिंसा--- रात्रि भोजन विरमण
, 15/198 | अग सज्झाय ,, 15 208-9
..
+ Ratri Bhojan (महाभारत शांति पर्व से
,
Viraman
Ang Sajjhāya
उ यशोविजय
38 | कोलडी
283
| कुंथुनाथ 52/1| अागम पालापक
Agam Alapak
,
44/6
महावीर 2/277
के. नाथ 15/117
प्रोसियां 2/152 | प्रागम उद्धार गाथा
Agam Udhar Gatha
44
सेवा मंदिर 3 इ350 प्रागम चर्चा
Carca
Chattisi
श्री सार मुनि
मुनि सुव्रत 3 इ 302 अागम छत्तीसी | कुंथुनाथ 9/127 | पागम सार
Sär
देवचन्द्रजी
47-51
5 प्रतियां
,
, 5Copies
के. नाथ 4/28, 10/66, 21/31 2190, 23/23
| प्रोसिया 2/162 53 | कोलड़ी 1159
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जैन तात्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक :
[85
8A
9
10
11
भक्ति सिद्धान्त
धार्मिक गुणस्वाध्याय मा.
28x13x17x41 सपूर्ण 32 अष्टक ग्रं.3700 19वींx प्रशस्ति है
छबीलजी 27x13x10x36, 32 अष्टक 1950 शत्रुजय
नगरे 24 x 12 x 4x33 - संपूर्ण 15 गाथा 17वीं 30 x 11 x 10 x 37 | 6 प्रामृत पूर्ण 18वीं (दर्शन बोध.श्रुत भाव
चरित मोक्ष) 24x13x3x23 संपूर्ण
19वीं
1 दोहे के पाठ अर्थ है
तात्विक प्रौपदेशिक प्रा.सं.
तात्विक
वैराग्योपदेश
23x11x13x32
19वीं
औपदेशिक
26- 12x17x54
, 75 गाथा
20वीं अजमेर
अहिंसा का विवेचन सं.
26x11x6x28 -
16वीं
28x13x10x38
1961
प्रौपदेशिक उद्धरण ,
24x12x9x25
19वीं
अग सूत्रोंपर स्वाध्याय मा.
26x12x17x40
,, पांच ढालें
1859
| पांच सूत्रो पर
25x11x17x47
19वीं
26x13x19x 60
19ीं
संपूर्ण । | अंगों पर
अहिंसा संबन्धी
प्रा
| 17वीं
प्रागम उद्धरण
28 x 12 x 11 x 40 | प्रतिपूर्ण 15 x 12 x 17 x 24 | अपूर्ण
भक्ति तत्व ,
17वीं
26x 11x13x27 प्रतिपूर्ण
17वीं
छेद सूत्र , " अनेक वस्तु तात्विक ,
6
26xllx15x42
19वीं
तात्विक
16वीं
,, बिचार निर्णय सं
26 x 12 x 11 x 40 संपूर्ण 71 गाथा 10x6x7x16 ! अपूर्ण 25 श्लोक 24 x 11 x 13 x 33 संपूर्ण 36 पद
18वीं
मा.
19वीं
प्रागम भक्ति--
तात्विक शास्त्र सारांश
28x13x15x64 संपूर ग्रंथान 2100
19वीं
19वीं
58,28, 23से 31x12से 16 58,38
40
22
23x12x18x46
20वीं
24x12x10x37 अपूर्ण
20वीं
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54
57
55-6
58
59
60
61
62
63
64
65
66
67
68
69
70
71
72
73
74
75
76
171
77
86]
78
1
79
के. नाथ 22/56
31
2
"
""
कुंथुनाथ
कोलड़ी 886
सेवा मंदिर 3इ 345
आचार प्रदीप
21 /83, ग्राठ बोल उपदेश 2 प्रति 23/72
19/96
ओसियां 2/410
ग्रात्म गीता + वाला.
3 इ 193
आत्म गीता
36 / 1 श्रात्मध्यान + श्राध्यात्माश्रव ātmdhyānādhyātmā
आत्म निन्दा
11
3
17
महावीर 2/382
ओसियां 2 / 231
महावीर 2/7
के. नाथ 18 / 34
महावीर 2/34
सेवा मंदिर गुटका 3 ति.
ग्रात्म शिक्षा
के. नाथ 10/108 ग्रात्म शिक्षा भावना
कुंथुनाथ 13,233 प्रात्म शिक्षा सज्झाय
कोलडी 884
आत्म स्वरुप श्लोक
कंथुनाथ 36/2 ग्रात्म स्वरुप स्तोत्र + अध्यात्म
63
गीत
71
ग्रात्म बोध
ग्रात्म प्रबोध छत्तीसी
कॉलड़ी 273 ग्रात्म हित शिक्षा
12 / 7 गुटका | आत्मा की आत्मता
""
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| सेवा मंदिर 2 / 365 ग्रात्मानुशासन
के नाथ 11/83
2268 आदिनाथ देवता
11/42
कुंथुनाथ 36/1 क्र.33 आदि निधन स्तवन
Acar Pradip
āth Bol Upde's 2 Copies
""
Atmnindā
23
3 A
"
ātm Gītā + Balavabodha देवचंदजी
Ātmprabodh
Atmsikṣā
भाग (2) जैन सिद्धान्त व ग्राचार विभाग : - (अ)
Chattisi
Bhāvanā
cajjhāya
Ātmsvarūp Ślok
Atmhit Sikṣā
Atma ki Atmata
Ātmānusāsan
Adinath Desanā
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śrava
Adinidhan Stavan
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रत्न शेखर
3N
ज्ञान सार
11
""
सं. जिन लाभ सूरि
ज्ञान सार
Stotra +ādhy | अज्ञात atm Git
पार्श्व चन्द
4
प्रेम विजय
लावण्य कीर्ति
-
शील विजयादि
पार्श्व नाग
ग.
19
प.ग.
मू. बा.
मू. ( प. )
प.
ग.
"1
"1
प.
मू व्या.
प
"
मू.ट.
"
5
प.
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जैन तात्विक प्रोपदेशिक व दार्शनिक :
[ 87
__ 6
7
जैनाचार
अपूर्ण
प्रौपदेशिक सामान्य मा.
8 8A
9 10 11 | 98 | 26 x 11 x 13 x 45 चार माचार पूर्ण वीर्याचार 17वीं
| 25 x 11426 - 12 | संपूर्ण प्रथम, द्वितीय अपूर्ण 19वीं (मर्त्य जन्मफलाष्टकं 27x11x13 x 40 | अपूर्ण
19वीं 28 x 13 x 13x33 | संपूर्ण गाथा 49 का 1882 पाली (अध्यात्म गीता
अपरनाम) 26 x 11x10x35 | ,, 49 गाथा 19वीं
,, 60+10 श्लोक | 1544
जैन प्राध्यात्मिक
प्राध्यात्मिक धार्मिक सं.
प्रौपदेशिक प्रायश्चित मा.
24x11x13x42
, ग्रंथान 80
19वीं
25x12x12836
26x12x14x28
19वींx
मुकनचंद 11930 अजीमगंज
आ सुंदरजी 1967,फलोदी
गणेश सपूर्ण 4 प्रकाश कथा सह 19वीं प्रशस्ति व बीजक है
22x11x11x22
26 x 12 x 14 x 38
जैन दार्शनिक सं.
प्राध्यात्मिक ज्ञान क्रियाभ्याम् मोक्ष मा.
27x11-12 x 36
36 पद
19बीं
25 x 11x11 x 33
तात्विक
गुटका | 16x13x13x20
20वीं, जयपुर , 23 गाथा 17वीं ., 185 दोहे/ग्र.215 19वीं रत्न हर्ष सानिध्य में
1662 की कृति 27 गाथा 19वीं
प्रोपदेशिक
27x14x13x42
25x11x24x60
दार्शनिक
| 19वीं
25x10x14x48 ,, 1 श्लोक मात्र 25 x 20 x 15 x 28 |, 8 . 8 श्लोक
| 1 श्लोक की अनेक
व्याख्या
प्राध्यात्मिक
1794
सज्झाय संग्रह
27x10x15x55 अपूर्ण
19वीं
तात्विक
जन्मपत्री रोल लम्बा ।
19वीं
प्रोपदेशिक प्राचारदि सं.
26x11x19x62
, 77 गाथा
16वीं
अंत में शव॑जय स्तवन
10 श्लो की
26x11-13x48
19वीं
प्रोपदेशिक
26 x 11 x 6 x 33 पूर्ण 287 गा.काम.1812 16वीं 27 x 11x6 x 36 | , 288 गा. 17वीं 23 x 20 x 21 x 38 | , 23 श्लोक
पहिला पन्ना 7 गा.
का कम
तात्विक
1544
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881
भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग :-(अ)
3A
4
5
80
के. नाथ 10/95 | अानन्द तिलक रास
Anand Tilak Rās
आनन्द तिलक ?
,
3/9 | प्राप्त मीमांसा
Ātm Mimāṁsā
संमतभद्र
+Vrti
,, वसुनंदि
मू.वृ.
महावीर 2/404 | , , + वृति के.नाथ 15/114 | प्राप्त मीमांसा की वृति
Aptmimaṁsā ki Vsti
वसुनंदि
महावीर 2/134 प्राभाण शतक
Abhan Satak
वाचक धन विजय
Ārādhana
पार्श्वचंद
कुंथुनाथ 20/15 आराधना सेवामंदिर गुटका 3 ति | कुंथुनाथ 18/35
,, 56/8 | आराधना के 84 बोल
समरसिंह
।
___ke 84 Bol
| के. नाथ 26/23 | पाराधना प्रकरण बालावबोध
,
Prakaran Bāla
vabodha Sār
कोलडी 1339
अाराधना सार
,
जय शेखर सुरि
के. नाथ 15/60 | पालोचना छत्तीसी
Alocana Chattisi
समयमुंदर
,
, 26/55 प्रालो वना विचार व सामायिक
लाभ | प्रोसियां 3 इ240 अालोचना विनति
Vicar & Samayik
Labb Vinati
समयसुंदर
कुंथुनाथ 44/6 गु., इन्द्रिय जय
सज्झाय
Indriya Jay Sajjāya
के. नाथ 15/49 | इन्द्रिय पराजय यतक
„
Parājay Satak
,
5/76
ट. (प.ग.)
... 666
,, 15/139
ओसियां 2/416
मू (प.)
Iriyāpathik Kulak
विजय विमल
मू.ट. (प.ग.,
Iriyāpatbik Kulak
| मू.प.
महावीर 2/16 | इरिया पथिक कुलक के. नाथ 26/103गु इरियापथिक कुलक
इरियावई कुलक 103 कुंथुनाथ 36/1 गु| इष्टोपदेश 104 प्रोसियां 3 इ 240| उत्पति बहोत्तरी
Iriyāvai Kalak
iștopdes
पूज्य पाद
मू (प.)
Utpati Bahottari
मुनि श्रीसार
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जैन तात्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक :
[ 89
___ 6
7
8
प्राध्यात्मिक
8A
9 26 x 12 x 15 x 42 | संपूर्ण 42 गा. 25 x 12x3 x 27 , 113 26x 13x11x50 | , 115
जैन सिद्धांत मंडन | सं.
व मीमांसा
10 1 19वीं 19वीं अपर नाम देवागम
स्तोत्र | 1946 जयपुर
देवकृष्ण 1904
25x12x11x30
"
xxxx
जैन संद्धान्तिक उपदेश,
18वीं
1699 की कृति
धर्म साधना प्राचार मा.
| 16वीं
25x10x13x35 ., 108 श्लोक 24x10x15 x 40 16x13x13x20 | , 360 26 x 11x13x52 , 40 गाथा
1651
धर्माचार साधु श्रावक
17वीं
प्रा.मा.
25x11x तालिकायें प्रतिपूर्ण
17वीं
पाप पालोचना
(क्षमापना) प्रौपदेशिक
19वीं
26 x 12 x 11 x 33 | संपूर्ण 26 x 10 x 13 x 50 | अपूर्ण 24 x 10 x 15 x 40 | संपूर्ण 36 पद
17वीं
तपस्यायों के यंत्र भी है
प्रायश्चित उपदेश | मा.
1744
प्रोपदेशिक
25x13x13x24
xxx
19वीं
गर्दा स्तवन
25x12x14x38
32 पद
19वीं
साथ में आत्मनिंदा
प्रौपदेशिक
|15x12x17x24
54 गाथा
17वीं
20x11x11x25
101
17वीं
प्रा मा.
8
26 x 11x7x40
100
से
17वीं
25x11x5x30
18वीं
24x11x5x30
19वीं
26 x 13x16x30
1953 नागौर
कर्मचंद 18वीं
धार्मिक क्रिया उपदेश प्रा.मा.
26 x 13 x5 x 34
10 गाथा
प्रोपदेशिक क्रिया |
10 गाथा
18वीं
25 x 12 x 20 x 56
25 x 15 x 20 x 56 | 23 x 20 x 21x38 |
,
10+8%3D18गा. 18वीं
उपदेश
, 51 श्लोक
1544
विरक्ति उपदेश
25x12x14x38
18वीं
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90
भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग:-- (अ)
1 2
3
3A 105 | कोलडी 290 उत्पत्ति बहोत्तरी Utpati Bahottari
मुनि श्रीसार 106 कुंथुनाथ 15/13 | उत्पत्ति (उपदेश) सत्तरी | Utpatti (Updesh Sattari 107 के. नाथ 18/87 ,, व दस बोल सज्झाय , +Dasbol Sajjhāya कोलड़ी 276 उत्पत्ति बहोत्तरी
, Bahottari के. नाथ 13/45 | उपदेश कंदली Updes Kandali महावीर 2/2 , , + वृति __, , +Vrti | प्रासड बालेन्द्र कवि कुंथुनाथ 35/5 | उपदेश कुलक
,, Kulak
ब्रह ऋषि
प्रासड
मू वृ. (प.ग.)
112
के नाथ 13/45 उपदेश चितामणी
के.नाय ।
,, Cintamani
मू.प.
113
...
..
+Vrti
जयशेखर मेरुतुङ्ग
मूव
, 1/16 | कोलड़ी 830
+वृति +अवचूरी
114 ।
,
+Ava-
जयशेखर ---
मूअ.कथा
curi
115. महावीर 2/113
,
+वृति
+Vrti
- स्वोपज्ञ.
116
कोलडी
955, उपदेश छत्तीसी ।
,,
Chattisi
जिन हर्ष
117
.,
Tarangini
| रत्न मंदिर द्वारा गकित प.ग.
118
Patra
119
Pad
हरिभद्र मुनि चन्द्र
म.वृ. (प.ग.)
120
Māla
धर्मदाम गणि.
Ե
| मू.प.
121
महावीर 2/25 उपदेश तरङ्गिणी |, 2/23 उपदेश पत्र
, 2/3 उपदेश पद मुनि सुव्रत 2/254/ उपदेश माला |, 2/256
प्रोसिया 2/152 | के नाथ 15/14
,, 9/1 कुंथुनाथ 52/24 के नाथ 17/47 , 14/2
444
Խ
Ե
124
मू.ट.
127
128
कथूनाथ 3/52
129 के. नाथ 5/40
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जा तात्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक :
[ 91
6
6
7 8
8A
___ 10
विरक्ति उपदेश
25x11x16x34 |
गं 69 गाथा
19वीं
27x 11x11x36
, 70
19वीं
पूर्वोक्त ग्रंथ ही है
प्रौपदेशिक---चाचिक ,
24x10x15x45 |, 70--20 गाथायें 19वीं
ग्रौपदेशिक विरक्ति ,
125x13x13x34
72 छंद
1905
24*
30x12x19x86
.. 125 गाथा
16वीं
प्रौपदेशिक शास्त्र | प्रा
सार प्रवचन सार उपदेश प्रा.सं.
27x13x15x45
बीगतवार प्रास्ति है
125 गाथा की 13 19वीं
विश्राम 29 गाथा 1686
प्रौपदेशिक
26 x 10 x 13x40
पन्ने 75 से 213
(प्रत)
30 x 12 x 19 x86 । चार अधिकार - 16वीं
384 गा. 26 x 11 x 19 x 50 31 x 11 x 19 x 54 | संपूर्ण कथा सह ग्रं 4:05| 17वीं जीर्ण दुर्ग 28 x 13 x 15 x 44 | संपूर्ण चार अधिकार गा| 19वीं
458 की 25x11x17x42 22xTIX17x42
36 सवये
1828
मा. 3
धर्म दान पूजा यात्रा प्रा.सं.
उपदेश व्याख्यान परिपाटी
25 x 12 x 14 x 45 , 5 तरङ्ग ग्रं. 35391960,विक्रमपुर
कृष्णकरण 23x11x10x19 प्रतिपूर्ण
1917X अमृत
विजय 312 | 27x12x14x56 संपूर्ण, मूल गा. 1040 ग्रं 19वीं
14000/ 22 26 x 11 x 13 x 39
| 16वीं
प्रौपदेशिक
प्रा.सं.
प्रा.
26 x 11x8x32
16वीं
3* | 26x12x11x40
16वीं
25x10x11 x 38
, 543 ,,
| 16वीं
प्रा मा । 52
26x11x6x30
अंतिम पन्नाम
540 , प्रक्षिप्त । 16वीं
गाथा 544 गाथा
1600
27x12x13x37
26x10x12x42
,
1049
26 x 11 x 13 x 45 , 544 ,, 1658 28x12 x 11 x 40 ,
17वीं 25 x 11 x 15 x 36 अपूर्ण(प.2 पन्ने 50गा.कम) 1698
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92 ]
1
130
मुनि सुव्रत 2 / 255 उपदेश माला
. नाथ 15/15
23/26
3/26
134 कोलड़ी 1076
131
132
133
135
136
137
138
139
140
141
148
149
150
151
152
153
154
155
156
157
"
"
11
142 कुंथुनाथ 17/6 उपदेश माला
143-7 के . नाथ 4 / 12,6/7, 15/101,23/45 15/159
11
11
"1
2
"
31
21
1144
के. नाथ 14 / 121
3/15
ओसियां 2 / 286
महावीर 2 / 111 | उपदेश माला + वृति
2/1
ओसियां 2/409 उपदेश माला कथा सह
"
11
ओसियां 2/235
11
उपदेश माला
13
27
13
13/3
कुंथुनाथ 15 / 57
के. नाथ 21 /26
10/24
महावीर 2 / 112 उपदेश माला की वृति
के. नाथ 6 / 54 | उपदेश माला की कथायें
26/79 | उपदेश माला यन्त्र
11 / 51 उपदेश रत्न कोश
"
3
""
21
+ विवरण
"
11
5 प्रतियां
( सज्झाय भाग)
(
2 / 309 | उपदेश रत्न कोष
17
- बाला.
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Updeśmālā
33
35
23
""
33
3A
53
+ Vivaran
भाग ( 2 ) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग :- (अ)
+Vrti
with kathā
5 Copies
(Sajjhāya bhag ) |
ki Vrti
ki Kathayen
Yantra
Updeś Ratnakoś
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+ Bala.
धर्मदास गरिण
11
91
धर्मदास / सिद्ध साधु
धर्मदास गरिण
72
"3
4
11
-1"
-1"
-1"
धर्मदास गरिण
17
पद्म जिनेश्वर सूरि
मू. ट . ( प.ग )
मू. ( प. )
मू.वृ.
मू.ट.
"
मू. प.
सू.ट..
मू.ट. कथा
मू. बृ. (प.ग.)
"
मू.ट. कथा
मूट.
मू ( प )
मू प्र.
मू प
"3
5
मूट.
ST.
गद्य तालिका
मु.प्र.
मू बा.
म. ट.
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जन प्रागम-अंग बाह्य-प्रकीर्णक :
[93
b
11
औपदेशिक
| 78 8A
9
10 प्रा.मा. | 45 26 x 11x5x42 संपूर्ण 544 गा ग्रंथान मूल | 1716, बिल्हा
700 टब्बा 1400| 26 x 11x13x36 | संपूर्ण 543 गा. 1724
बाम
25x11x11x35 103 गा प्रतिपूर्ण
1773
तो भी लिपिक ने "पूर्ण" लिखा है
| 26 x 11 x 13 x 40 संपूर्ण 538 गा. ग्रं 3852| 18वीं
24 x 11x7x35 लगभग पूर्ण 18वीं
प्रा.मा.
प्रथम व अतिम पन्ना
कम अंतिम पन्ना कम
25x10x8x52
18वीं
25x11x11x38 | अपूर्ण गा. 404 तक ही है। 18वीं
प्रा.डि.
25x11x18x60 | संपूर्ण 544 गा
1819
25x11x7x44 | ,, 544 गा. 1840, बाहडमेर
कीत्तिगणी 27x13x14x43 544 गा.कथा सह 19वीं
पूर्वोक्त की नकल
27 x 13 x 16 x 43 | अपूर्ण 439 तक ही 19वीं प्रा.मा. | 160 26 x 11 x 3x36 संपूर्ण 544 की ग्रं 6375| 19वीं 26x Ilx6x38 |
| लगभग पूर्ण 532 गा.तक | 19वीं | 31,25 | 21से26 x 9से 12 संपूर्ण-अंतिम प्रति अपूर्ण 19वीं
200 गा
| 39
26 x 11x17x50 प्रपूर्ण 38 से 544ग्रं.1716 18वीं
26 x 12x12x42 मज्झाय की 33 गा.
18वीं
26x12x13x42
19वीं
प्रा.मा.
25 x 11x7x48 | अपूरी 253 से 544 तक 19वीं 26 x 13x12x | बिल्कुल अपूर्ण, प्रारंभिक | 20वीं
मात्र 25 x 11 x 12 x 34 लगभग पूर्ण-पहिलापन्ना कम 1674
29x14x17x50 प्रकारादिक्रम में प्रारंभिकपद 19वीं
प्रा.सं.
प्रा.मा.
26x11x4x40 | संपूर्ण 36 गाथा (121698
| 169811 गाथाय प्रक्षिप्त है
प्रक्षिप्त) 26 x 11 x 11 x 43 , 25 गाथा का 17वीं
18वीं x दीपा26x11x7x44 .. 26 गाथा
विजय।
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940
भाग (2) जैन सिद्धान्त व आचार विभाग :- (अ)
3A
4 | पद्मजिनेश्वर सूरि
5 । मू. (प)
58
कोलडी
828 / उपदेश रत्न कोष
Updes Ratnakos
159
के. नाथ 15/74
+बाला.
-+-Bala.
मूबा.
161
म. (प)
160 प्रोसियां 2/304 उपदेश रत्न कोष
, 2416 162 सेवामंदिर 2/430
महावीर 2/5 | उपदेश रत्नाकर-वृति
163
| Updes Ratnakar+Vrti
मुनि सुंदर (सोम सुंदर मू व.
__ का शिष्य) पाठक र पति
164 सेवामंदिर 3 इ349 उपदेश रसाल बत्तीसी
., Raal Battisi
., Rahasya
पावचंद
,, Sar Ratnakosa
165 कुंथुनाथ 44/6 | उपदेश रहस्य 166 सेवामंदिरगुटका 3 ति उपदेश सार रत्न कोप
कुंथुनाथ 10/133 | उपसर्ग विचार कोलड़ी 428 | उस्मानोपदेश
समर चद (पार्श्वचद का
शिष्य
Upsarg Vicar
Usthāuopdes
169
429
170
। कंथुनाथ 15/54 उस्थानोपदेश श्लोक
Slok
171
के. नाथ 15/10 ऋधि मंडल
Rşimandal
धर्म घोष
172
..
10/4
173
174
175
23/25
176
कोलडी 858
कुंथुनाथ 3/54
+Vrti 3 copies धर्म घोष हरी नंदन | म वृ. (प.ग )
178- | महावीर 2/119- , + वृति 3 प्रतियें 80
20-21 181 के. नाथ 24/47 ऋधि मंडल
धर्म घोग
182
महावीर 2/122 ऋषि मडल की अवचुरी।
kj Avacūri
183
ki Vști
,, 4/प्र.35 ऋषि मंडल की वृति के. नाथ 7/49
184
पद्म मंदिर गणि
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जैन तात्त्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक :--
[ 95
___ 6
7
8
8A
____10
1 1
प्रोपदेशिक
31x11x8x40
19वीं
25x11x11x42
, 44 गाथा
19वीं
26 x 11x7x44 , 26 गाथा 19वीं . 26 x 13 x 16 x 30 संपूर्ण
1953 25 x 11 x 6 x 33 आपूर्ण 1 1 से 26 अंत तक 17वीं 27x 12 x 15x47 संपूर्ण ग्रंथाग्र 7657 | 20वीं बालुकड- स्वोपज्ञ वृति
| 186
पुर
| 27x14x9x30 |
19वीं
गुटका 15x12x17x24
39 गा.
17वीं
12 पन्ने 16x13x8x13 |
1716
27* __ 27x11x13 x 38,
16वीं
+सैद्धा- | प्रा.
न्तिक मृत्यु उठायगा उपदेश मा.
26x10x13x48 संपूर्ण
19वीं
23x13x13x26
19वीं
25x11x11x38
,, 10 श्लोक
19वीं
26x11x11x38
भक्ति प्रौपदेशिक
तत्व प्रसंग
,, 220 गाथा 1595 ,, 208 गाथा/ग्रं.450, 1 6वीं
27 x 12 x 15 x 62 | 26 x 11 x 1 x 35
235 संपूर्ण
1608
गर्ण-प्राय अपठनीय
26x11x11x45
,
229 गा.
17वीं
26x11x13x41
208 गा.
18वीं
21x11x7x42
220 गा.
18वीं
27x12x12x547
221 गा.
19वीं
25से29x12से 14
,, कथा सह ग्रं.4750/ 19वीं
इसमें 163 गाथा का ही अंत समझा है
26 x 11x11x37 | अपूर्ण पहिला पन्ना 10 | 19वीं
गाथा का कम 27x11 x 17x60 अपूर्ण 32 से 1 63 (अंत) 16वीं
तक 33 ! 27x11x15x55 , आदि अंत रहित । 16वीं
26-11-13x41 संपूर्ण 224 गा. की कथा सह 19वीं
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96 ]
भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग :-(प्र)
3
187
3A
45 185 प्रोसियां 2/228 | प्रौपदेशिक गाथायें Aupdesik Gathāyen संकलन 186 के. नाथ 13/16 | कर्पूर प्रकरण (कथा सह) |KarpurPrakaranwith Katha हरि/सोमचंद
| महावीर 2/20
| कोलड़ी 131 कपूर प्रकरण 189 | के. नाथ 21/45| कर्म विपाक (प्राचीन)+वृति Karmvipāk (Pracin)+Vrti| गर्गपरमानंद | मू.व. (प.ग.) कुंथुनाथ 14/7 | कर्म ग्रंथ 1-4 (प्राचीन)+ Karmgranth 1-4 (Pracin)+ गर्ग x x जिनवल्लभ 2 म प.
सूक्ष्म विचार सार Suksam Vicar sar 191 के. नाथ 3/20 कर्म ग्रंथ चौथा/(विचार सार Karmgranth 4th (Vicār sai जिनवल्लभ
प्रागमिक वस्तू) + वृति | Agamik Vastu +Vrti| 192 52/8 | कर्म ग्रंथ 1 से 6 नवीन | Karmgrant 1-6 (Navin) देवेन्द्र (1 से 5)+ म.प.
चन्द्रषि (6)
मूव.
,
वृति
, ki vrti
193 | के. नाथ 18 194 / महावीर 2/65
देवेन्द्र (1-5) चंदषि/6 | मू वृ.
मलयगिरी
195
के नाथ 5/100
कर्म ग्रन्थ 1 से 6 नवीन
... (Navin) देवेन्द्र (1-5) चंदषि (6) मू प
| मू ट. (प ग.
196 | कोलडी
117
197 प्रोसियां2/173-76/
मू.
अ.
198 | के. नाथ 23/37 199 , 3/1 | कर्म ग्रन्थ 1 से 6 + बा.
,,+Bali देवेन्द्र + चंदषि / मतिचंद मू.बा. ,, (Navin) देवेन्द्र (1-5)+ चंदर्षि मू.प.
200
कोलड़ी 116
कर्म ग्रन्थ 1 से 6 नवीन
,, 2 copies
201-2 | के. नाथ 5/99, , ,2 प्रति
21/25/ 203 | , 3/13 | कर्म ग्रन्थ 1 से 6 नवीन
| Karmgranth 1-6 (Navin) देवेन्द्र (5) चं
204
23/36
कर्म ग्रन्थ 1 से 5
,
,
1-5
देवेन्द्र -
म.ट.बा.
205
3/11
म.प्र.
मू
कोलड़ी 1189 | के. नाथ 21/9
, 21/18 |
208
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जैन तात्त्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक :--
[ 97
____ 6
8
8A
9
10
11
जैन धार्मिक शोक प्रासं मा. 12
1 26x11x6x34
भिन्न 2 पन्ने
18/19वीं
ग्रोपदेशिक दृष्टांत सं.
| 27 x 12 x 15 x 55 संपूर्ण 157 कथानक - 1569 26 x 11 x 15 x 55 | अपूर्ण 69 काव्य-कथायें 18वीं 26 x 11 x 17 x 54 संपूर्ण 52 श्लोक 18वीं
प्रौपदेशिक
प्राचीन कर्म ग्रन्थ ।
कर्म सैद्धान्तिक साहि- प्रा.सं. 20 27x11x15x43 . 168 गाथा की 1580
922 प्रा. " 27 x || x 22 x 66 | , (168 4:6 --- | 19वीं
241-86+15 गा प्रा.स 1826x11x17x46 संपूर्ण 86 गाथा ग्रं 850 17वीं
.., ., 1-4+
अंतिम पन्ना कम
प्रा.
1826x12x13x38
.,
(61+34+24 1592 +86-1-100+ 93 गाथा)
| 2 3 (विपाक, स्तव, बध
स्वामित्व पड़गीति, 56 शतक, सप्तति)
प्रा.नं. 17226x 11-17x50 संपण अतिम पन्ना कम) 16वीं
26 x 11 x 16x66 , ग्रंथा. 101 37 (1| 1621
से 5 के) ,3880 छठे के 26 x 11x13x44 | संपूर्ण 396 गा. 1756
प्रा.मा.
25x12x4x42
1818
प्रा.सं.
46
| 25x11 x 11 x 37 | ,, यंत्रतालिका सह | 1820 विक्रम- अचूरि देव गुप्त
पुर बखतसुदर शिष्य की है ? 26x12x || x33 | संपूर्ण
1825
प्रा29
प्रा.मा
318
25x13x15x37
. 396 गाथा का
1858
प्रा.
1896
22 26 x 13 x 12 x 40 | 45.17 28 x |426 x 11
20 x 12x4 x 36
19वीं
19वीं
11 x 26x5x41
19वीं
प्रास
26 x 11 x 10 x 53
1481
प्रथम पन्ना कम है
20 गाथा
प्रा.
29x15x11x27 | चार पूरे पांचवां 73 तक 19वीं
प्रा.मा. | 31
24x12x9x31
संपूर्ण
19वीं
|..
47
28 x 14x7x21
19ीं
बार्थ प्र ग्रं. तक ही
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981
भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग:--- (अ)
3A
209 | के. नाथ
3/2 | कर्मग्रन्य 1 से 4-+-बा.
| Karmgrantha 1-4+Bala.
देवेन्द्र --
बा.
"
"
+बा.
"
, + ,
देवेन्द्र/मतिचंद्र
210 प्रोसियां 2/139
244 211-2 के नाथ 29/98 कर्मग्रन्थ 1 से 4 नवीन दो प्रति
5/14 , 15/16 कर्मग्रन्थ 1 से 3 नवीन
Ly (Navina) |
देवेन्द्र
"
2 Copies
213
1-3 (Navina)
214
,
3/10
,
, +वृत्ति
1-3 Vrtti
देवेन्द्र/चन्द्रसूरि
मू.+वृ.
215
कोलडी
114 | कर्मग्रन्थ 1 से 3 नवीन
1-3 (Navina)
देवेन्द्र
4
216
के नाथ 18/20
4
217
,
21/10 | कर्मग्रन्थ 1 से 2 नवीन
4
218 | प्रोसियां 2242
के. नाथ 23/30 | कर्मग्रन्थ 1 नवीन
92
0
,,
21/14
222
कोलडी 115
, 1+बाला.
1+Bala.
देवेन्द्र श्रीसार मुनि । मू बा.
21/99
, 1 नवीन
1 (Navina)
देवेन्द्र
4 44
224
,
21/63
,, 1
,
2033 कर्मग्रन्थ 2 से 6 नवीन
देवेन्द्र (5तक) चंदर्षि
(छठा)
., 17/49 | , 2 से 5 ,,
2/149 ,, 2 व 3 , 228 ..., 2/174 | कर्मग्रन्थ 2 नवीन + बा. 229 | के. नाथ 23/12 | कर्मग्रन्थ 2 नवीन
,,+Bala
-
म.बा.
ट
230
प्रोसियां 2/246 कर्मग्रन्थ 3 व 4 नवीन
, 3-4 ,
देवेन्द्र
231
के. नाथ 36 कर्मग्रन्थ 3 नवीन
232
F
,, 15/184 ,3 , ... 23/20 | कर्मग्रन्थ 4 से 6 नवीन
233
देवेन्द्र (4,5) चंदधि (6) मू.ट. +Bali देवेन्द्र/मतिचंद
234
3/8
कर्मग्रन्थ 4 नवीन-बा.
,
4
मूबा.
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जैन अागम-अंग बाह्य-प्रकीर्णक -
[ 99
11
11
6 7 8 | 8A
9 10 कर्म सैद्धांतिक साहित्य प्रा.मा. | 1325x11 x 17x58 अपूर्ण पहिला व चौथा दोनो 17वीं
7 से 19 बीच के पन्ने
106 | 25x12x15x38 संपूर्ण
18वीं
28,11| 33x17426x11
19वीं
25x10x13x3:
1736
साथ में सोधसत्तरी
91 . ग्रंथाग्र 1882
प्रा.सं.
89
18वीं
26x11x13x45| अपूर्ण प्रथम के 48 से
अंत तक | 25x12x3x36 | संपूर्ण 119 गाथा का
प्रा.मा.
1873
प्रा.सं. | 15
26x11x20x66 संपूर्ण
19वीं
प्रा.मा.
20
1853
26 x 13 x 3x33 | संपूर्ण 94 गाथा 25 x 12 x 9 x 34 | , 87 ,,
19वीं
प्रा.सं.
196XIIx15x44 | सपूर्ण 60 गाथा की
1421
प्रा.
3
26x11x IIX37
.60 गाथा
17वीं
प्रा.मा.
।
25x12x5x32
1825
25x11x18x48
1834
19वीं
25 x 1 3 x 11 x 35 | 25 x || x 3 x 35 अपूर्ण 52 गाथा तक
प्रा.मा.
| 19वीं
25x1x18x47 संपूर्ण
17वीं
26x11x13x42
,259 गाथा
19वीं
19वीं
28 x 13 x 11 x 34 | 26 x 12 x 17x58
19वीं
26 x 11x5x51
19वी
प्रासं ।।।
26x13x9x3||
174
26x11x4x27
25x11x11x31
24
,
19वीं
26x12x3x35
... केवल पांचवे की। 19वीं
गा. व.म 86 गाथा
25x11x16x63
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100 ]
भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग :-(अ
3A
235
armgrantha 4 (Navina) | देवेन्द्र
236
मुनिसुव्रत 2/263 | कर्म ग्रन्थ 4 नवीन K के.नाथ 23/34 | , 4 ,
, 1/33 कर्मग्रन्थ चौथा (नवीन)।-बा. प्रोसियां 2/175 कर्मग्रन्थ पांचवां (..) +बा.
237
VI (N.)
देवेन्द्रसूरि/--
मू.+बा.
V
(N.)
239 | के.नाथ 17/54
, नवीन
V (N.)
देवेन्द्र
मू.+ट.
VI Saptati
चंदषि/मलयगिरि
महावीर 2/135 | कर्मग्रन्थ छठा सप्तति + वृत्ति कुंथुनाथ 55/17 कर्मग्रन्थ छठा-बाला.
VI Bālā
.. कुंभकर्ण(राजचंद्र म बा. का शिष्य)पावचंद गच्छ
242
, 215
VI
,
"
| मुनिसुव्रत 2/335) कर्मग्रन्थ 1से6 की अवचूरि
को बड़ी 1226 कर्मग्रन्थ 4 का व्याख्यान महावीर 2/82 | कर्मप्रन्थ प्रथम (नवीन) का
" Je IR VIAvacāri ज्ञानसागर(देवमंदर का ग.
शिष्य) तपागच्छ IV Vyākhyāna
,, I (N.) Suca yantra समतिवर्द्धन (विनीत- गद्य तालिक
सुन्दर का शिष्य)
सूचा यंत्र
246
प्रोमियां 2/147
247
महावीर 2/81
248
... 2/83 कर्मग्रन्थ द्वितीय(नवीन) सूचा
II(N.)
249
250 | प्रोसिया 2/145
251
., 2/146
,, III(N)
.., तृतीय (नवीन) सूचा ,, चतुर्थ
252
..
2/144
,, IV(N.)
,
253 | महावीर 2185
, 445 (नवीन) सूचा
., IV&VIN.),,
,, V (N.)
प्रोसियां 2/148 , 5 (नवीन) , महावीर 2/86 प्रोसियां 21412 | कर्म उदय प्रकृति
256
।
Karma Udaya Prakrti
257
महावीर 2/103 महावार 2/103
, स्वामी यंत्र
..
Svāmi Yantra सुमतिवद्धन
ग. तालिका
.. 2/87 ! कर्म ग्रोधबंध प्रकृति आदि यंत्र | Karma Oghadi Yantra
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जैन तात्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक :
कर्म सैद्धान्तिक
J
"
11
11
"
"
1
11
6
"
"
31
"
11
"
साहित्य
=
=
S
प्रा.
-
7
प्रामा.
प्रासं
बोलनुमा मा.
प्रामा
स.
:
7
5
25
29
18
47
21
39
3
16
23
21
21
6
9
8
9
13
8
73
45
39
14
11
8 A
25 × 11 × 12 × 33 सपूर्ण 86 गाया
26 x 11 x 13 x 41
30 x 14 x 13 x 36
www.kobatirth.org
22 x 13 x ---
27 x 12 x ---
25 x 12 x
25 × 12 x
25 × 11 × 17 × 48
26 × 11 × 18 × 56 संपूर्ण 100 गाथा का
25 x 12 x 4 x 34
19 त्रीं
संपूर्ण 100 गाथा का ग्रंथाग्र 350 27 × 1 1 × 15 × 60 अपूर्ण, पूरी 89 गाथा की 1624 ग्रं. 3880
26 × 11 × 19 × 64 संपूर्ण 93 गा. ग्रं. 1500 17वीं x ऋषि
शारणा
2, x 13 x -
26 × 11 × 23 x 76
त्रुटक सिर्फ 3 पन्न हैं 24,29 व प्रतिम
26 × 11 × 18 × 56 संपूर्ण 86 गाथा का
25 x 12 x ---
संपूर्ण
25 × 13 x ---
26x12x
26 × 13 × --
28 × 14 x ---
27 x 13 x 10 x 28
26 x 13 x 15 x 43
25 × 12 x ---
26 X 12 X
18वीं
18वीं
अपूर्ण गाया 70 तक ही 19वीं
लगभग पूर्ण अंतिम पन्ना
कम
"
:
=
:
:
9
पूर्ण आदि अंत रहित
13
37
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ग्रंथाग्र 1005
त्रुटक
प्रतिपूर्ण
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10
1727
19वीं
18वीं
18वीं
1890, इच्छावर सेवाराम
20वीं
संपूर्ण
20 त्रीं
अपूर्ण प्रारंभ के 2 पन्नो कम 20वीं
सपूर्ण
1907, अजमेर.
रिबलाल
20 वीं
19वीं x पोखर
दत्त
1932
1890. अजमेर, रिखलाल
1902
1932
19वीं
20वीं
20 त्रीं
त्रुटक
[ 101
।।
गत प्रति की ही
नकल
(1875 की कृति
यां हैं)
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102 ]
भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग :- (अ)
3A
5
मू +बा
259 | सेवा मदिर 2/353/ कर्मा कर्मादि प्रकरण - बा. | Karmakarmādi Prakarana गजसार | कोलडी । 238 कर्मबध हेतु रचना Karma bandha Hetu
racana 261 के नाथ 3/22 कम प्रकृति
Karma Praksti
260
मू. (प)
मू.ट.
262
+Vrtti
मू व. (प.ग )
| ., 2931
,, 29/32
+ वृत्ति की टीका
263
,
,
Tikā
मयलगिरि
264
मेवा मदिर 2:353/ कर्म का बंध व जीव भेद
विचार + बा.
Karma bandha & Jiva bh- अज्ञात
eda vicara
मू बा. (प.ग.
265
के नाथ 1612
कर्मों की पाठ मुल प्रकृति | Karmon kiAtha Mala Pr
aksti , 158 उत्तर प्रकृति , 158 Uttara Pr.
aksti
266 - मुनिसुव्रत 2/204
| कोलडी ।।3 | गोमियां 2/177.
78 19/92
,
, 2 प्रति
,प्रकृति विचार
,
Prakrti
Vicāra
271
14/1|| कर्मछत्तीसी
Karma Chattisi
समयसुन्दर
272
... 14/10
273
26 103 गृ कर्मवत्तीय
Karma Battisi
274
... 2945 | कवित्तबावनी
Kavitta Bāvani
लक्ष्मीवल्लभ गणि
महावीर 2/130 कस्तुरी करण
Kastūri Prakarana
हेमविजय
कथनाथ 36/1
कानाताप नाशिका
Kāmaksā Pancasına
277
प्रोमियां 2/189
कायस्थितिविचार । बा
| Kayasthiti Vicāra-+-Ba a
मूबा.
महावीर 2/12
.
स्तोत्र
Stotra
कुनमंडन
मु अ (प ग.)
श्रा यां 2 214 कालमत्तरी
Kala Sattari
धर्मघोष देवेन्द्र सूरि । मु. पद्य
का शिष्य
महावीर 260
के नाथ 18/35
मू.
ट. (प.ग.)
282
महावीर ?/005 केवलसतावनी
Kevala sa rāvani
ब्रह्मरूप संवेगी
283
सवा मदिर गुटका के शीदिपनगगिका
Kesi Dvi Pancasika
पार्श्वचंद
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जैन तात्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक :
कर्म सैद्धान्तिक साहित्य
"1
6
"
Y
"1
"
=
श्रीपदेशिक
सैद्धान्तिक
श्रौपदेशिक साहित्य
लोक स्वरूप व प्रकृति तात्विक व स्वरूप
काल स्वरूप
समय स्वरूप
प्रोपदेशिक अध्यात्म
दार्शनिक तात्विक
प्रा मा.
प्रा.
प्रा मा.
प्रा.सं.
सं.
प्रा.मा.
7
मा.
सं.
प्रा.
प्रा.मा.
प्रा स.
प्रा.
"
प्रा मा.
मा.
JJ
7*
13*
71
3
122
7*
1
11
8
6,5
11*
3*
3
1
5
8
23
गुटका
7
3
5
7
4
21*
गुटका
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8A
26 x 11 x 17 x 60
26 x 1 x 15 x 42
25 x 11 x 20 x 56
25 x 11 x 14 x 50
26 x 14 x 12 x 24
23 x 20 x 21 × 38
27 x 11 x 9 x 35
26 × 11 × 18 x 54
26 x 1 x 9 x 31
26 × 11 × 13 × 48
35 × 11 × 18 × 65 संपूर्ण
25 x 11 x 11 x 33
23 x 11 × 12 x 24
25 x 12 22 × 11
26 x 11 x 13 x 44
26 × 11 × 23 × 66 संपूर्ण 36 गाथा
26 x 12 x 14 × 29
26 x 11 x 8 x 47
25 x 11 x 4 x 30
26 × 13 × 16 × 62 पूर्ण केवल छटी गाथा तक | 19वीं
27 x 11 x 17 x 66
संपूर्ण ग्रं. 14000
16वीं
26 x 11 x 17 x 60
अपूर्ण 29 गाथा
17वीं
25 x 13 x 13 x 35
संपूर्ण 29 गाथा
34
"1
16 x 13 x 13 x 20
"
31
"
31
33
=
11
15
"I
27
11
31
476
13
9
32 गाथा
61 कवित्त + 1
देवीगीत
24
182 श्लोक
"
86 गाया
73
74
11
24.
74
For Private and Personal Use Only
"
"
""
58 सवैया
75 गाथा
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17वीं
19
1838
19वीं
17वीं x साध्वी
लाला
19वीं
19वीं
19वीं
19वीं सदी
19at
18वीं
19वीं
20 वीं
10
1544
16वीं सदी
17वीं पाटण रविवर्द्धन
16at
17वीं
19वीं
1876
17वीं
[103
11
Page #121
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104]
1
286
289
284 Share 23/35 | केशी प्रदेशी प्रश्नोत्तर सार
285 सेवामंदिर 3345 क्षमाछत्तीसी
कोलडी 898
287-8 के नाथ 15/83,
23/95
महावीर 2/53
290
291
292
293
294
295
296
297
298
299
300
301
302
303
304
305
306
307
2
"י
के. नाथ 29/25
कुंथुनाथ 52 / 27 गणधरावद
10/133 | गणहरावली
कोलड़ी 1173
32
2/97
के नाथ 18/3
महावीर 2/78
2/40
के नाथ 6/98
महावीर 2 / 128 | गुणमाला
., 26/103 गु
19 44
कोलडी 1333
महावीर 2/66
बोलडी 112
थुनाथ 29/5
महावीर 2/79
कोलडी 1343
2 प्रति
क्षुल्लक भव विचार स्तवन
गायत्रीमंत्र (जैन परक)
11
परवाड़ी+बा.
""
"
17
17
3
"
गुणस्थान अल्पबहुत्व 'बोल क्रमारोह + वृत्ति
17
"
"1
"
भग
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चौपाई
जीवभेदवर्णन
व्याख्या
+ लेश्याद्वार
वर्णन
विचार
"
Keśi Pradesi Praśnottara
såra
Kṣamā Chattisi
2 copies
Kṣullaka Bhava Vicara
Stavana
Gaṇadhara Vada
Gaṇaharavali
3 A
Guna Parivādi + Bala.
Guna Mālā
23
33
19
Gāyantri Mantra Vyākhya | अज्ञात (Jain)
33
भाग ( 2 ) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग :- (अ)
33
33
Karmaroha
Caupai
Jivabheda Va
rnana
Bhnaga
+ Leśyādvāra
Varnana
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Vicara
7"
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समय सुन्दर
1.
Gunasthana Alpabahuttva
Bola
Karmāroha+ | रत्नशेखर (हेमतिलक | मूवृ. (प.ग. Vrtti
का शिष्य)
"
गुणरत्न सूरि
4
"
11111
ग.
स्वोपज्ञ
साधु कीर्ति
प.
मू प्र. (प.ग )
ग.
रामविजय (जिनवल्लभ ग. का शिष्य)
प.
ग.
मूबा.
मू. ( प. )
प.
ग.
"
5
""
13
21
11
Page #122
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[105
___ 6
7
8
10
10
11
दार्शनिक तात्विक
A
9 30 x 14 x 13 x 39 | संपूर्ण 20x11 x 12 x 30 | संपूर्ण 36 गाथा
19वीं
प्रोपदेशिक
1847बालजी
26x11x15x42
19वीं
25x11426 x 10
19वीं
26x11x13x46| संपूर्ण 25 गाथा
16वीं
पायुकर्म सम्बन्धी कल्पसूत्रग्रन्तर्वाच्य | सं.
19वीं
26 x 11 x 17x50 | संपूर्ण 27x11x13 x 38 | , 25 गाथा
तात्विक जीवन
16वीं
मातृकापद समन्वय सं.
27x15x15x34
20वीं
साथ में सामायिक व्याख्यान भी है
संथारा संबन्धी
| प्रा.मा. | 4
| 25 x 11 13 x 52 | अपूर्ण 42 गाथा
17वीं
| (गुरण की जगह पुण भी पढ़ा जा सकता है)
पंचपरमेष्ठी गुणादि. सं.
54 | 26 x 12 x 17 - 44 | संपूर्ण
1851 व्यारान- प्रशस्ति है। 1817 गर+ सुवर्ण गढ़ जैसलमेर की रच ।
26x11x16x45
19वीं
संद्धान्तिक-संख्या
विचार
प्रात्मस्तर विचार
26 x 12 x 12 x 66
| 1703
वृत्तिस्वोपज्ञ
26x12x15x40
" 137
,
,
1799
27 x 13x14x41
19वीं
27x11x19x43
19वीं
47.X
X43
120
18वीं
25 x 12 x 20 x 56 24 x 12 x 17x32 | संपूर्ण
19वीं
25x11x28x60
19वीं
25x11x9x37
20वीं
27x11 x 18 x 60 संपूर्ण 14 गुणस्थानों का | 20वीं 27x12 x 23x78 अपूर्ण
17वीं 26 x 12x12 x 29 | संपूर्ण
18वीं
25x11x14x45
,
19वीं
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106 ]
1
308
309
310
311
312
313
314
315
316
317
318
319
321
322
323
324
325
326
327
328
329
331
330
320 मुनिसुव्रत 2 / 325
कोलड़ी 824
कुंथुनाथ 20/22
कोलड़ी 825
332
के. नाथ
सेवामंदिर 2/433
21
"1
कुंथुनाथ 54 / 7
सेवामंदिर 2/362 |
के. नाथ 15 / 193
महावीर 3 ई. 10
19
21
2
37
"
6 / 5 गुणस्थान विचार
"
के नाथ 10/67
मुनिसुव्रत 2 / 326
कोनड़ी 1086
ओसियां 2416
के नाथ 10/87
कोलडी 1329
के नाथ 21 /61
गुटका 3 ति गुणस्थान स्तवन
11
2 /46 गुरुगुणपत्रिशिका + वृत्ति
2/47
गुरुतत्वनिश्चय । वृत्ति
2/126
गौतमकुलक + वृत्ति
के नाथ 26 / 103 गौतमकुलक
गु.
5/25
3/27
3/29
"1
"1
""
"
"
12
J7
27
17
3
गौतमपृच्छा
11
17
13
11
11
tar.
+ वृत्ति
+ बा.
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3 A
Gunasthana Vicara
Gunasthana Stavana
Gurutatva Niścaya
Gautama Kulaka
Gautama Kulaka
39
भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्रचार विभाग :- (अ)
33
35
33
Guru Gunasat Trimśikā रत्नशेखर
35
Gautama Prccha
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समुन्द्रगरि
समरचंद (पार्श्वचंद का शिष्य)
"
13
वाचक पदमराज
धरमसी
21
4
"1
21
"
23
1)
ग.
-i
"1
मूवृ. (प.ग.
उ. यशोविजय
मू.वृ. गौतम ऋषि / ज्ञानतिलक मू.वृ. (प.ग
गौतम ऋषि
मू ( प )
मूट. (प.ग
प.
ܕ ܐ
मू. ट.
प.
"1
"1
"
"
"F
5
- / (नंदिरत्न | मू.वा. का शिव्य) - / मतिवर्द्धन | मू.वृ
मू.बा.
11
11
37
11
"3
13
मू. (प.)
मू. ( प. )
मू.ट. (पग.)
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जैन तात्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक :
[ 107
678 8A
9
10
मात्मस्तर विचार मा.
21
26x11x15x45 संपूर्ण ग्रंथान 800
19वीं
24x11x12x50
19वीं
14 गुणस्थाय
गुटका
संपूर्ण 53 गाथा
1650
गभित
16 x 13 x 13 x 20 26 x 11 x 5 x 40
19वीं
26x11x6x48
संपूर्ण 21 पद
19वीं
25x11x14x44
। 34 गाथा
19वीं
1729 की कृति
25x12x13x31
20वीं
गुरु की योग्यतादि
27x12x14x39
, 40 श्लोक की
20वीं
26x11 x 17x50
1949
वृत्ति स्वोपज्ञ
,, 903 श्लोक
(चार उल्लास) संपूर्ण 69 गाथायें
प्रोपदेशिक
प्रा.सं.
26x11x16 x47
| 18वींx
रामचन्द्र
प्रा.
25x11x15x38
, 20 गाथा
18वीं
दो नकलें
प्रा.मा.
26 x 12x4x40
1831
25x12x5x34
30x11x7x42
1842 मेडता
ईश्वरसागर 1846x
भक्तिसागर 19वीं
26x11x10x42
30x10x5x45
19वीं
26x11x7x40
19वीं
23x11x5x29
19वीं
25 x 11x1x36
पूर्ण 11 गाथा तक | 19वीं
1953
26 x 13 x 16 x 30 26 x 12 x 11 x 32
तात्विक 48
प्रश्नोत्तरी
संपूर्ण 64 गाथायें -
16वीं
भगवान महावीर
के उत्तर
प्रा.मा. 17
25x10x5x35
17वीं
प्रा.मा.
3
25x11x9x30
17वीं
प्रा.सं.
1824
24x10x13x28 64 गाथा की
ग्रं 1682 26 x 11 x 16x52 | , 64 गाथा की
| 18वीं
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108
भाग (2) जन सिद्धान्त व आचार विभाग:-- (अ)
3A
333
कोलड़ी 146
गौतमपृच्छा-- वृत्ति
Gautma Ppccha+Vrtti
मतिवर्द्धन
महावीर 2/127
,
+,,
+
,
मतिवर्द्धन
335
कोलड़ी 831
कथासह
with katha
मू+कथा
336
वृत्तिसह
with Vịtti
मतिवर्द्धन । मु.वृ.
337
+बा.
+Bala
मू.बा.
338
मूट.
339
340
महावीर 2/14 के.नाथ 14/139
, 13/12
,, 5/68 कुंथुनाय 25/2 प्रोसियां 2/165 कोलड़ी 823 के.-Tथ 15'172 कोलड़ी 1085
+बा
+Bala
मूडा.
+वृत्ति
+Vrtti
मू वृ.
,
+कथा
+Katha
मू.+व्या.+
कथ म.ट.
+कथा
+Katha
मू.x कथा
.. 1087
की वृत्ति
ki Vrtti
के नाथ 15/168
का पद्यानुवाद
Padyānuvāda
347 | कोलडी 239
चौपई
,
Caupai
लावण्यसमय
348
के नाथ 19/73
पद्यानुवाद
Padyānuvāda
349
मुनिसुव्रत 2/251
"
का बालावबोध
Balavabodha
350
प्रोसियां 2/164
जिनसूर तपागच्छ
351
मूवृ.
महावीर 2/406 गौतमीय महाकाव्य+वत्ति | Gautamiya Mahakavya | रूपचंद/क्षमाकल्याण
+Vrtti 352 कोलडी 953 ज्ञानक्रियावाद
Jnānakriyāvāda
353
पद्य
Jhana Deva Dharma Guru सिंहात्मज
Sruta Bodha jñānadvāra Jivaprarupaņā
354
ग.तालिका
के.ना4 21/58 | ज्ञानदेव धर्मगुरु श्रुतबोध मुनिसुव्रत 2/321 | ज्ञानद्वार से जीवप्ररूपणा के नाथ 26/56 | ज्ञानपच्चीसी महावीर 2/407 | ज्ञानसार अष्टक-+-वृत्ति । , 2/12 , अष्टक
Jñana Paccisi
बनारसीदास
| Jhanasāra Astaka+Vxtti | यशोविजय देवचंद | मू वृ (प.ग.)
__, जीतविजय मू ट.
357
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जैन तात्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक :
[ 109
8A
।।
१ 26 x 13 x 17x46_| संपूर्ण 64 गाथा की
तात्विक 48
प्रश्नोत्तरी
10 1834 1868 नागपुर
26x11x13x40
31x12x15x42
72 कथायें
26x13x19x57
, 65 कथायें
1876 काल इना कथायें उपदेशमाला वृद्धिसागर
परकी 1880भागनर
चैन नीत 1880
26 x 12x14x50
62 पद
26 x 11x6x42
64 पद
19वीं
26x11x17x40
19वीं
26x11x17x70
टक
19वीं
26 x 12 x 19 x 49 | संपूर्ण 64 गाथा की
1902
32 x 12x13x50
1902पासोप
प्रतापविजे 26 x 11x18 x 56 | अपूर्ण 29 से 57 प्रश्न | 18वीं
तक | 25x12x11x32 , 37 गाथा तक | 19वीं
25x11x12x38 केवल 48वां प्रश्न
19वीं
26x11x20x54 | संपूर्ण 104 गाथा चौपई। 19वीं
छन्द 26 x 11 x 9 x 40 ., 115 गाथा 1763 25 x 11x13x 40 , 46 गाथा
19वीं 25 x 11 x 11 x 37 ., ग्रंथान 2500
1676 खींमाड़ा| कथासह
तेजकुशल 27x13x13x35 , 64 गाथा का ग्रं. | 1784राजनगर
1500 27x13x14x52 ,, 11 सर्ग
19वीं
महावीर गणधर- | संस्कृत | 92
वाद ज्ञान व क्रिया का
समन्वय सर्व धर्म समन्वय
26x12x16x48
19वीं
26x12x16x480 .. 6 अध्याय -2:1 | 19वीं
श्लोक 26x12x--- प्रतिपूर्ण
19वीं
सैद्धान्तिक बोल
प्रोपदेशिक
25x12x14x44 संपूर्ण 25 गाथा
19वीं
साथ में वर्म छत्तीसी
तात्विक आध्यात्मिव | सं
26 x 12
x18x51 टक ग्रंथाग्र 289 (68| 19वीं
में से केवल 12 पन्न हैं)। | 26 x 13x3 x 23 संपूर्ण 32 अष्टक ग्रं. 1500/ 1927
वृति ज्ञानमंजरी
नाम्नी
"
.
| म.मा.
60
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358
110 ]
359
1
360
361
362
363
364
365
366
367
368
369
370
371-3
374
375
376
379
80
384
385
387
सेवामंदिर 2/349 |
के. नाथ 21 /7
377-8 कोलड़ी 83,82
के. नाथ 19/63, 20/48
386
2
ओसियां
. नाथ 4 / 24
कुंथुनाथ 36 / 1 गुरु क्रम 40
. नाथ 18/34
कोलड़ी गुटका
381 - 3 कुंथुनाथ 15 / 8, 13/58,15/17
2/34547-48 कोलड़ी 822
3
मुनिसुव्रत 2/333
सेवामंदिर 2/351
महावीर 2/73
ओसियां 2/193
ज्ञानसार बहोत्तरी
ज्ञानार्णव
ज्ञानांकुश
चरित्र- छत्तीसी
चरित्र मनोरथमाला
""
13
4/12
महावीर 2 / 388
कोलड़ी 853
चेतनकर्म-चरित्र
सेवामंदिर 2/353 चौवीस दण्डक ( विचारषट् - Cauvisa Dandaka
त्रिशिका)
ओसियां 2 / 192
महावीर 2 /110
के. नाथ 5/82
ओसियां 2 / 179
सेवामंदिर 2/419 चौवीस दण्डक + वृत्ति
""
"
33
17
11
"
3
22
"1
19
11
+ बा.
www.kobatirth.org
3 प्रतियां
2 प्रतियां
2 प्रतियां
3 प्रतियां
I
2 प्रतियां
Jñanasara Bohottari
Jñānāṛṇava
Jñānānkūśa
Caritra-chattisi
Caritra Manorathamālā
"3
"
""
Cetanakarma Caritra
""
""
99
""
22
33
""
3 A
39
33
"
""
"
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भाग ( 2 ) जैन सिद्धान्त व आचार विभाग : - (श्रं
""
39
For Private and Personal Use Only
+ Bala
+ Vrtti
3 Copies
2 Copies
2 Copies
3 Copies
I
2 Copies
ज्ञानसार
शुभचन्द्र
1
T
धनेश्वरमुनि
भगोतीदास
गजसार / -
S
31
,,,/
गजसार
"
27
"1
21
11
13
"
"1
4
11
"1
|
प.
मू प
पद्य
"1
मू. पद्य
"
पद्य
मू. बा.
मू.ट.
こ
मु. बा.
मू.ट.
मूवृ ( प. ग
मूट.
19
"
""
5
मु पद्य
33
11
मू. ट. ( प ग . )
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जैन आगम-अंग बाह्य-प्रकीर्णक :----
11
11
___ 6 7 8 माध्यात्मिक काव्य | मा. | 3 जनयोग विषयक
8A
9 10 | 24x 12 x 24 x 42 | (28 पद मात्र) अपूर्ण | 19वीं 27x11x9x37 अपूर्ण योगीप्रशंसा सूत्र 5 17वीं
से मोक्ष तक 23 x 20 x 21x38 संपूर्ण 41 श्लोक 1544
प्रथम 23पने कम है
प्रौपदेशिक
गुटका
27x11x16x36
, 36 गाथा
20वीं
तात्विक-ग्रौपदेशिक प्रा.
15x7x10x23
1499
। ,, 30 गाथा
,, 30 गाथा
23x10x8x26
19वीं
तात्विक रूपक
| हिन्दी 12
33x14x15x36
,298 छन्द
19वीं
1736 श्री कृति
जैन तात्विक
26 x 11x17x 60 | 38 गाथायें
17वीं
26x10x5x34
संपूर्ण 39 गाथा
जीर्ण
1780x
रजित सागर 1887 सूरत
24 x 11x5x29
|, 46 गाथा का
25x11x16x33
1791
124x11x3x36 | संपूर्ण 43 गाथा
1800जालोर
25x11x15x50
, 38 गाथा
18वीं
| 9,5,7
26x11x भिन्न 2
, 44,38,41 गाथा 18वीं
30x11x3x36
, 40 गाथा
26x12x4x38
46 गाथा
1821x पद्म
विजय 1823 X अानंद
विजय 1832 --
27 x 12x5x42
,, 39 गाथा
25x11x7/9 30
38,41 गाथा ,, 38,40 गाथा
| 1862,19वीं 19/20वीं
26x12424x13
2,24 | 23से 26x 10से 13
11 38,39,39 गा
| 19/20वीं
| 25x11x11x32 |
, 43 गा.
19वीं ग्रह नादरपुर, कुंजरविज 1898
28x14x4x24
, 46 गा.
26x11x5x37
19वीं 19वीं विक्रमपुर
ववतमना
25x11x3x34
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112]
1
388
392
393
394
395
के. नाथ 19 / 99, चौबीस दण्डक 91 20/15,15/123
6/95
396
397
398
399
400
401
402
403
404
40910
414
कुंथुनाथ 3/51
के. नाथ 21 /6
सेवामंदिर 2/350
ओसियां 2 / 191
405
कोलडी 89
406-8 महावीर 2/70
95-96 सियां 2/190,
415-17
415
416
2
417
कोलड़ी 86
महावीर 2 / 74
कोलड़ी 87
. नाथ 14/119
5/39
सेवामंदिर 2/352 |
21
कोलड़ी 84
411-3 के नाथ 18/27 5/11,15/179
. नाथ 11/85
कोलडी 85
ओसियां 2/195
कोलड़ी 88
कुंथुनाथ 57/7
कोलड़ी 309
"
""
""
"1
11
"2
+ बा.
+ar.
चौबीस दण्डक का बालावबोध
"1
21
"
3
"2
=
33
चौबीस दण्डक टब्बा
"}
17
"
+ वृति
+ श्याख्या
tar.
+ बा.
""
बोल उप्रति
3 प्रति
21
3 A
4 प्रति Cauvisa Dandaka 4 copies गजसार
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स्तवन
3 प्रति
यंत्र
विचार
वीर स्तवन
""
99
33
""
39
39
35
""
33
23
39
39
32
39
23
33
"1
33
भाग (2) जैन सिद्धान्त व आचार विभाग :- (अ)
+ Vrtti
+Vyākhyā
+Bala
33
+ Bala
Bālāvabodha
39
+ Bala
+ Bālā
Tabbā
33
Bola 3 copies
3 copies
""
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3 copies
Yantra
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Stavana
"1
=
31
31
1=5
13
"1
11
4
Vicara
Vira Stavana |पार्श्व चन्द / राजसूरि
पायचन्द
/ स्वोपज्ञ
(हेम)
।
मूट. ( प. ग.
""
मू.अ. (प.ग.)
मू.वृ. (प.ग.)
मू बा.
31
"
"
11
5
गद्य
ग. तालिका
ग.
पद्य
"1
11
ग. तालिका
मू.ट. (प.ग.)
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जैन तात्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक :
[113
।।
8 A म.मा. 6,11, | 25से26 x 10से 13
5,4
जन तात्विक
9 पहिली 3 पूर्ण, चौकी
अपूर्ण 24 गाथा
10 19/20वीं
25 x 11x4x32
संपूर्ण 40 नाया
19वीं
25x11x18x42
, 38 गाथा
1874 बीकानेर अंत में 9 श्लोक
छाया पुरुष-लक्षण 1879
25 x 10 x 15 x 58 26 x 11 x 11x37 25 x 12 - 14x50
19वीं
| संग्रहणी-व्याख्यान
जैसा
1880
27x13x17x39 | संपूर्ण
1895 x पुण्य- अंत में सम्यक्त्व 67 -विलास बोल + अल्पबहुत्व
स्तवन 1890
24 x 11 x || x 40 , 41 गाथा का 26 x 10 x 20 x 54 अपूर्ण (किंचित्) 24 x 10 x 17 x 52 | संपूर्ण
20वीं
1792
27x12x12x32
1796
26x11x11x36
18वीं
26x11 x 13x46
19वीं
25 x 12 x 12 x 31
20वीं
13
26x11x
17वीं
30,6,625से 27x12+ -
-
15,20, 21से 26 x 11से 12 20
19Xx (1 का भिन्न भिन्न द्वारों से
लक्ष्मीविज) 19/2वीं भिन्न
भिन्न जगह
19वीं
16,84,| 24से 29 x 10से 15 ___ 12,
27x12x ~~
19वीं
26 द्वारों से विविक्षा ,,
26x11x17x38
1882
26 द्वार गभित
17
| 25x11x4x41 संपूर्ण 91 गा. ग्रंथाग्र 5951 1692, वसुम
(मूल 1 65 ट. 430)| तिनगर,
वीरमजी | 27x11x15x42 संपूर्ण 23 गाथा
1765
तात्विक भक्ति रूप में,
2
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114
भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग:-- (अ)
5
1 2
3 419 | के.नाथ 11/114 | चौवीस दण्डक स्तवन
3A
4 | Cauvisa Dandaka Stavana | धर्मसी वाचक विजय- पद्य
हर्ष शिष्य
420 | महावीर 2/72
धर्मसिंह
421
के.नाथ 15/125
422-3
,2 प्रतियां
2 copies
424
कोलड़ी गुटका
2/7,7/7 प्रोसियां 2/194 कोलड़ी गुटका 2/6/ मुनिसुव्रत 3इ311
ज्ञानसार (रत्नराज
का शिष्य
मुनिखेम
427
महावीर 3इ30
जयदेवसूरि का शिष्य
तापगच्छ
कुंथुनाथ 19/10
मू.ट. (प.ग.)
430
के.नाथ 18/74
Chah Mahāvrata Sajjhāya] कांतिविजय अतिचार विचार
Aticāra & Vicāra कुंथुनाथ 5/108 | जंबूस्वामी पृच्छारास Jambāsvami Prcha Rāsa | वीरमनि के नाय 26/47 | जिनबारष (गाफिलगीत) | Jinabārasa (Gifilagina) विनयचंद
431
432
Jinavara-darsana Stava
पद्मनंदि
| कुंथुनाथ 36/
1 जिनवरदर्शन-स्तव क्रम 12
433 | के नाथ 1/15
- जीवाजीव-विचार+वृति
| Jivajiva Vicāra
शांतिसूरि मेघनंदन । मू वृ. (प.ग.)
434
, 6/105
शातिसूरि
मू.प.
435
437
.., 14/10 मुनिसुव्रत 2/330 प्रौसियां 2/209 के.नाथ 6/38 सेवामंदिर 2/357
मुनिसुव्रत 2/336 441 कोलड़ी 66 442-3/ ., 68,69 444 प्रोसियां 2/207
440
.,
वृत्ति
+Vrtti
ईश्वराचार्य मूवृ. (प.ग.)
2 प्रतियां
2 copies
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जिन तात्त्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक :--
तात्विक भक्ति रूप में
"
17
"
"1
"
73
"
6
39
प्राचार व दण्ड
विधान
तात्विक
प्रोपदेशिक
दार्शनिक
11
17
जैन तात्विक
"1
13
"
21
"
37
13
-
11
मा.
"1
11
"
39
सं.
अ. मा.
मा.
"
11
7
प्रा.
प्रा.सं.
प्रा.
"
13
प्रा.मा.
प्रा.
प्रा.मा.
प्रा.
प्रा.सं.
प्रा.
=
1
4
3
गुटका
7
गुटका
3
3
7
4
गुटका
2
गुटका
12
3
2
2
8
8
5
5
2
4
3
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8 A
26 × 11 × 17 × 58 संपूर्ण 34 गाथा
34"
24 x 11x9x 32
23 x 13 x 11 x 37
15 x 12व22 x 16
24 x 10 x 11 × 32
15 x 12 × 11 x 20
22 x 7 x 9 x 38
27 x 13 x 12 x 50
26 x 12 x 4 x 42
27 x 12 × 21 x 64
25 x 11 x 11 × 38
26 × 11 × 11 x 42
25 x 11 x 17 x 41
26 × 11 × 4 × 32
25 x 11 x 9 x 28
25 x 11 × 6 x 36
28 × 11 × 6 × 50
4, 53 | 27 x 11 x 10 x 30
26x12x12 x 42
26 × 11 x 13 × 45
:
,"
33
=
"1
"1
23
71
"
पूर्ण 37 गाथा तक
26 × 13 × 15 × 32 संपूर्ण 6 सज्झायें + गद्य
16 x 23 x 11 x 20
13 ढालें
25 x 12 x 17 x 48
23 x 20 x 21 x 38
"
31
93
23
11
11
11
17
91
19
34
37
34
9
2 गीत (26+
27 गाथा
91 श्लोक
"
"1
43 गाथा
33 स्तव
11
51 गाथा की
51 गाथा
6
58
33 गाथा
""
"2
52 गाथा
51 गाथा
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52 गाथा की
51 गाथा
"1
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10
1792
1880, मुंबई,
अमर सिंदूर
1897
1903
19वीं
1903
19वीं
1961.
19वीं
1909
1797
19वीं
1544
1613
1666
17वीं
1752 x नरेन्द्र
1758
1764
18वीं
18वीं प्रकबराबाद
1800
19वीं
1870. विक्रमपुर, जिनसुंदर
[ 115
11
1728 की कृति
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116 ]
भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग :- (अ)
3A 445-8) के.नाथ 14/124 जीवाजीव-विचार 4 प्रतियां | JivaJiva Vicāra 4 copies | शांतिसूरि 21/20,23/27,
24/67 कुथुनाथ 37/15,
3 प्रतियां
, 3 copies 51 15/18,15/20 452 प्रोमियां 2/210
ट. (प.ग.)
3 प्रतियां
3 copies
453-5| कोलड़ी 71,72,
820 456-7 | सेवामंदिर 2/354,
356 458
| महावीर 2/106
2 प्रतियां
2 copies
4 प्रतियां
4 copies
459- | के नाथ 13/9, 62 | 23/28-69
26/22 463 | प्रोसियां 2/208
"
+बा.
+Bali.
., अज्ञात
मू.बा. (प.ग.
के.नाथ 18/30
+बा.
+Bala,
, जीवविचार
Jiva Vicara
464 465 466 467
कुंथुनाथ 18/11 के.नाथ 9/17
"
का बालावबोध
,
kā Bālāvabodha
महावीर 2/94
" बोल
,
Bola
म.तालिका
468 | ओसियां 2/314
"
सूचा यंत्र
,
Suca Yantra
सुमतिवर्द्धन
470
, -स्तवन
,
Stavana
ज्ञानसार
के.नाथ 21/103 कोलड़ी गुटका2/6 मुनिसुव्रत 2/318 कोलड़ी 882
471
वृद्धिविजय
472
जीवस्वरूपबोल
Jiva Svarūpa Bola
महेश्वरसूरि
अज्ञात
ढाढसीमुनि
के नाथ 19/95 | जोगीरास
Jogi Rāsa | कुथुनाथ 36/1 | ढाढसी गाथा
Dhādhasi Gathā क्रम 7 कथुनाथ 36/1 | तत्वसार
Tattvasara क्रम 37 | कोलड़ी 836 तत्वार्थ सूत्र+वृत्ति (रत्नप्रभा) Tattvārtha Sutra+Vxti
देवसेन
477 | देवेन्द्र 2/360
उमास्वाति प्रभाचंद्र मूवृ. (ग.)
(धर्मचंद्र शिष्य) उमास्वाति
मू.कंडिका+
व्याख्या
मू.ट. (ग.)
के.नाथ 5/85
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जन तात्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक :
[117
6
7
8
8A
___ 9
10
11
जैन तात्विक
प्रा. | 3,4,3. | 25 से 26 x 11 से 12 | संपूर्ण 50/51 गाथा | 19वीं
22 से 25x10 से 12
, 51 गाथा
194120वीं
1873 विक्रम
प्रा.मा. | 9 | 24 x 10 x 4 x 32 | ,, 51,
5,5,5/25/29 x | 1426 x 13 , 51/53 गाथा
19वीं
8
26x13411xभिन्न
,
52/51 ,,
19वीं
28x13x4x28
, 51 गाथा
19वीं
9,5,2, 26से 28x11से13
|
, 50/51 गाथा
19वीं
26x12x14x32
.. 52 गाथा का
|1899 विक्रमपुर, प्रानंदसुंदर 20वीं
24x11x15x45 अपूर्ण 24 गाथा तक
19वीं
25 x 11 x 10 x 30 | संपूर्ण 27 x || x 13 60 , ग्रं. 750
1940
16x9x
25 x 13x -
1874,श्रीकृष्ण- भिन्न 2 द्वारों से गढ़, हीरनंद
मथेन (पहिला पन्ना कम) 1877 x केश
रीचद 19वीं
" भक्तिमय ,
1903
1902
26 x 12 x 10 x 33 15 x 15 x 11 x 20 21 x 12 x 13 x 25 21 x 11 x 18 x58 26 x 12 x 1 5 x 42 23 x 20 x 21 x 38
तात्विक विवेचन | प्रा.
85 गाथा
1573 (?)
योग विषयक
19वीं
प्रौपदेशिक ?
1544
तात्विक
22x20x21x38
1544
| 9425 x 11 x 9/13 x 400
1770 उदयपुर संग्रामसिंह राज्ये
पितांबर श्रीचंद द्वारा 1774, हुगली
26x12x5x39 |
26x11x4x33
1888
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118 ]
भाग (2) जैन सिद्धान्त व आचार विभाग :-(अ)
___ 1
2
3
3A
।
4
5
2 graui Tattvārtha Sūtra 2 copies
garrafa
479- | के.नाथ 13/8, | तत्वार्थत्रसू
21/94
80
"
+वृत्ति
मूव
, ___,
, ,
+Vrtti +vrtti
, सिद्धसेन
, 9/18 ओसियां 2/241 , +,
, 2/416 | तपकूलक ., 2/161 तेरहकाठिया
483
Tapa-kulaka
484
Teraba kāthiya
रामचंद
485 | महावीर 2/383 | तेवीसपदवी-यंत्र
Tevisapadavi Yantra
ग तालिका
486
Varnana
गद्य
Vicāra
488
Sajjhāya
केशव
, 2/384
, -वर्णन | के.नाथ 5/8 , -विचार कुंथुनाथ 10/149 ,, -सज्झाय
, 10/192 दया-स्वाध्याय के नाथ 5/11 दप्पंदलन कुंथुनाथ 29/4 | दर्शनमार्ग+वृत्ति
499
Dayā Svādhyāya
लावण्यसमय
490
|
Darppadalana
सदासायर क्षेमेन्द्र कृति प. कुदकुदचार्य/- मू वृ.
491
Darsana Marga+vrtti
492
के नाथ 11/68दर्श (सम्यक्त्व) शुद्धि
Darśana Suddhi
चन्द्रप्रभ
मू.प.
महावीर 2/26
+वृत्ति
+Vrtti
।
,
मू.व. (प.ग.)
विमलगणि
देवभद्र
+Vrtti
के नाथ 13/14 , +, महावीर 21390
,,+, के.-ाथ 22/46 | दर्शन (सम्यक्त्व) सत्तरी
+Vrtti
496
Darśana Sattari
हरिभद्र
497
,
15/76
कुथुनाथ 9/15 दर्शनसत्तरी+वृत्ति
+Vrtti
|,
संघतिलक । मू वृ. (प.ग.)
499
के.नाथ 8/7
,
+बा.
कुंथुनाथ 2/34
दश-श्रावक व बंध-वर्णन
+Bah. - रत्नचंद्र(शां-| मू.बा. (,)
तिचद तपागच्छ का शिष्य | Dasa Sravaka+Bandha
ग. Varnana Dasa Pantrisa
प्रोसियां 2/413 दस-पांत्रिस
502
महावीर 2/13
दानप्रदीप
Dāpapradipa
चरित्ररत्न (सोमसुन्दर प.
का शिष्य
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जैन तात्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक :
[ 119
6
10
11
7 सं.
8 | 8A
9 21,6 26 x 12 x 4/13 441संपूर्ण 10 अध्ययन
तात्विक
19वीं
दूसरी प्रति में उमा
स्वाति पट्टावली
24x12x15x30 | अपूर्ण
19वीं
27x13 x 14 x 50 | त्रुटक
1969
बीच में कई पन्ने
कम हैं
प्रौपदेशिक
26x13x16x30 |
1953
अध्यात्म शत्रुवर्णन
25x12x11x35 |
1910
,
27x13x
दो नकलें
20वीं
चक्रवर्ती रत्न व
महापदवी
27x12x14x43
20वीं
25x12x12x33
1872
25x11x14x42
21 गाथा
19वीं
प्रोपदेशिक
26x11x10x40
, 14 ,,
19वीं
16x11x22x63
, 7 विचार ग्रं. 65 | 18वीं
दार्शनिक
27x11 x 17 x 385 समय पूरे छठा अधूरा 16वीं
74 तक | 27x11 x 15 x 65 | संपूर्ण 4 तत्व (265 गाथा) 16वीं
प्रा.
6
1 2 3 4 | 26 x 12x16 x 61 | संपूर्ण(देव,मार्ग,साधु जीव) 18वीं
ग्रं. 4250 | 27 x 13 x 19 x 54 , ( , ) ग्रं.4000 1907 | 27 x 12 x 14 x 41 |,, ( , ) ग्रं.3800 1958
26 x 12 x 11 x 37 | संपूर्ण 70 गाथाएं । 16वीं
विगतवार प्रशस्ति है
26x11x11x47
19वीं
प्रा.सं.
प्रा.मा.
सैद्धान्तिक ऐतिहा- मा.
सिक 10-10 के 35
बोलताविक प्रौपदेशिक
27x5x13x48
19वीं
कथासह प्रशस्ति में 26x12x14x37 | अपूर्ण 29 गाथा तक
19वीं
रत्नचद के 10 अन्य
ग्रन्थ नाम 25x11x35x24 संपूर्ण
18वीं चेटक की 7 पुत्रियों
का वर्णन भी 22x12x14x24 प्रतिपूर्ण
1970,फलोदी,
गणेशलाल 27x 12 x 12x37 | संपूर्ण 12 प्रकाश ग्रं.6675 1958 जोधपुर| विगतवार प्रशस्ति
__छैलाराम ||
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503
120 ]
504
505
506
1
507
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510
511
512
513
514
515
516
517
518
519
520
524
525
526
527
528
27
महावीर 2/4
दानप्रदीप
वे नाथ 26/103 दानमाहात्म्य
गुटका
ओसियां 2 / 152
दानविधि
के. नाथ 15 / 130 | दानशील गीत
ओसियां 2 / 234 दानशील तप-भाव कुलक
91
2
ओसियां 2 / 211
कोलड़ी 826
31
मुनिसुव्रत 2/270
521 3 के नाथ 15/42. 18/18.24/72
2/226
कुंथुनाथ 37 / 1
महावीर 2 /120 दानशील- तप-भाव कुल +
वृत्ति
2/123-25
""
के नाथ 14/61
19/60
5/94
"
"
सेवामंदिर 3 ई
344
कुंथुनाथ 4/104
ओसियां 3ई 211
11
"1
ओसियां 2 / 137
मुनिसुव्रत 3ई 244 | दानशील- तप-भावनाकुलक
3 ई 304
संवाद
3
33
दानशील तप-भाव कुल
21
"
11
मुनिसुव्रत 3ई 308
के. नाथ 18 / 78 दिशारणवाईना बोल
""
""
31
"1
"1
""
21
11
39
"
"
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3 प्रति
Dānapradipa
3 A
Dana Mahatmya
Danavidhi
Danasila Gita
Danasila Tapa Bhāva
भाग ( 2 ) जैन सिद्धान्त व प्रचार विभाग :- (अ)
""
Danasila Tapa Bhāva
02
Danasila Tapa Bhāva
Kula+Vrtti
Kulaka
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"
Danasila Tapa Bhāvanā Kulaka Danasila Tapa Bhāvanā Samvada
""
32
Disaṇavainā Bola
33
Kula
,, 3 copies
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चरित्ररत्न (सोमसुन्दर का शिष्य)
गुणविनय
अशोकमुनि
"
देवेन्द्र / देवविजय
देवेन्द्र
37
""
11
37
4
आनंदसार ( बुधकीत्ति का शिष्य)
समयसुन्दर
31
17
"
"
33
प.
12
""
ग.
मू.ट. (प.)
"
11
12
19
19
मू.वृ. ( प.
11
5
""
मू.ट. (प.ग.
"1
मू. प.
मू.ट. (प.ग
प.
11
71
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जैन तात्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक :
[ 121
10
11
6 प्रौपदेशिक
78 8A
9 स. | 206 / 27x12 x 14x41 संपूर्ण 12 प्रकाश
1962 नागौर
,, उद्धरण | प्रा.सं. 1
25x12x20x56 |
, 18 गाथा/श्लोक 18वीं
प्रौपदेशिक
प्रा. | 123* | 26 x 12 x 11x40 |
25 गाथा
16वीं
26x10x12x42
50 गाथा लगभग 19वीं
प्रा.मा
26x11x7x47
, 49 गाथा
17वीं
26x12x7x47
18वीं
25x12x4x30
प्रा.सं.
| 241 | 26x11x13x31
50 गाथा 1813 (अपर नाम
पंचाशिका भी) , 40 गा.(20/20) 17वीं
द्वितीय व तृतीय कथासह
वक्षकार की . 40 गाथा की,, |19 - हर्षचंद प्रथम व चतुर्थ
वक्षकारकी प्रशस्ति है ,81,,(20x4+ 18वीं
26 x 11x15x39 ||
प्रा.मा.-4
26x11x7x52
प्रा.
31x11x15x52
19वीं
प्रा.मा.
43x11x9x76
26x11x15x50
" 4 कुल
1927 बीक नेर
देवगुप्त क(22+4)| 19वीं x रत्नहर्ष 135 ग्रंथाग्र 1668
24x11x15x50
24x11x11x32
1671
25x11x15x42
107 गाथा
1712
24x11x15x38
, 135 ग्रंथाग्र
1834
23x11x13x40
1843
9,3,4 | 20 से 25x10 से 12
, 4 ढालें
19वीं
14 x 11 x 13 x 26
1854X गणेश
कीर्ति 19वीं
25x12x14x45
| 25x11x15x39
, 104 गाथा
19वीं
24x11x11x45
, 135 ग्रंथान
20वीं
दिशानुसार जीव दंडकाल्प बहुत्व | "
26x12x17x35
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Page #139
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122 ]
भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग :- (अ)
1
2
3
3A
Deva Guru Dharma
529 | कोलड़ी 885 देव गुरु धर्म
| के नाथ गुटका 6 | दोहा बहोत्तरी
Dohã Bahottari
जिनरंग
531
लावण्यविजय स्वोपज्ञ मू वृ
महावीर 2/39 | द्रव्य सप्ततिका (सत्तरी) | Dravya Saptatika
वृति
(Sattariy+Vrtti के.नाथ 16/8 द्रव्य संग्रह वृत्तिसह | Dravya Sangraha
With Vrtti कोलड़ी 1229 , +बा.
+Bala.
नेमिचंद्रसूरि/-
, (प.ग.)
मू.बा. (प.ग
महावीर 2/49
मूट (प.ग.
535
प्रोसियां 2/222
536.
+Bia
नेमिचंद्र रामचंद्र
537
538
के.नाथ 3/30 " +-बाला. कोलड़ी 833 ., 832
+भाषान्तर ., 1095 | (लघ) द्रव्य-संग्रह कुंथुनाथ 36! | क्रम द्वात्रिंशभावना
,, +Bhāsāntara | नेमिचंदसूरि
(Laghu) Dravya-sangraha
मू ट. (प.ग.)
540
Dvātrisa Bhāvanā
541 | प्रोसियां 2/227 | धर्म ध्यान बोल बा.
(पागमोक्त)
बा.
Dharma-dhyāna-bola
+ Bālā.
| के.नाथ 23/58
धर्म ध्यान बोल
543
| कोलड़ी 977
धर्म-परीक्षा
Dharma Pariksa
अमितगति
544
महावीर 2/15 | कोलड़ी 967
जिनमंडन (सोमसुंदर , का शिष्य)
मू.बा.
| धर्मफल+बाला.
Dharma-phala+Bala
546
प्रोसियां 4 988 धर्म-बावनी
Dharma Bāvani
धर्मसी मुनि
547
548
मू वृ. (प.ग.)
daka
550
| के नाथ 29/51
, 3/7 धर्मरत्न करंडक Dharma Ratna Karan. वर्द्धमानसूरि महावीर 2/114 ., 2/115 | धर्मरत्न-प्रकरण
Prakaraņa zifagft , 26 ,
शांतिसूरि/देवेन्द्रसूरि कुंथुनाथ 23/4 | धर्मरत्न-प्रकरण की दृत्ति
Ki Vști | के.नाथ 15/237 धर्मामृते उक्तः सागार धर्म टीका Dharmāmrte Vktah Sāgaral पं. प्राशाधर
Dharma Tika
551
पा
552
253
For Private and Personal Use Only
Page #140
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जैन तास्विक प्रोपदेशिक व दार्शनिक :--
"
3 तत्वों का विवेचन मा.
तात्विक प्रोपदेशिक
जैन तात्विक
71
"
11
31
"
11
11
श्रौपदेशिक
जन ध्यान योग
6
श्रौपदेशिक
"
17
"
" कथासह
"1
12
37
1:
श्रावकाचार
प्रा.सं.
11
जैन संद्धांतिक
श्रोपदेशिक कथासह प्रा.सं.
सामान्य श्लोक
सं मा
श्रीपदेशिक पद
प्रा.मा.
C
प्रा.स.
7
प्रा मा.
सं.
प्रा.मा.
मा.
सं.
मा.
सं.
"
प्रा.सं.
प्रा.सं.
सं.
=
3
4
23
61
16
7
9
34
15
7
8
12*
गुटका
5
6
40
63
3
30*
3
158
237
34
183
8
189
8 A
www.kobatirth.org
23 × 12 × 15 × 48
22 × 15 × 14 × 26
27 x 13 x 16 x 49
25 x 13 × 13 x 54
26 × 11 x 10 x 42
26 × 11 × 5 × 35
26x11 × 4 x 41
23 x 10 x 13 x 43
28 x 10 x 13 x 32
25 x 12 x 12 x 36
26 x 11 x 13 x 44
15 × 10 × 12 × 20
25 × 10 × 20 × 50
26 11 x 17 x 52
अपूर्ण
संपूर्ण 67 दोहे
"1
11
21
29
11
11
11
11
13
93
17
71 गाथाएं
ग्रं. 2700
62 गाथा का
61 गाथा का
59
3
31 × 11 × 5 × 36
26 × 11 × 6 x 44
23 × 20 × 21 × 38 | संपूर 33 श्लोक
26 × 12 × 13 × 38
प्रतिपूर्ण
27 × 1 2 × 13 × 3 8
संपूर्ण
30 x 13 x 15 x 56
9
तीन अधिकार
25
8
"1
11
59 गाथा
अधिकार
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"
20 परिच्छेद
13
11
afagni
संपूर्ण
अपूर्ण 11 से 57
(अंत) तक .. 8700
27 x 13 x 15 x 44
संपूर्ण ग्रंथाग्र 10000
लगभग
26 × 12 × 15 × 5 1
|पूर्ण ( 17वें प्र तक ) 78 गाथा 68 काव्य कथा तक संपूर्ण 145 गाथा की,
28 × 13 × 15 × 60
ग्रं. 9682 टक स्फुट पन्ने (12
27 × 11 × 17 x 75
व्रतवाले)
27 × 12 × 11 × 31 | अपूर्ण चौथे अध्याय से
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
10
20वीं
1738
1954
1672
1726
18वीं
18वीं X
क्ष ेममूर्ति
1877
19वीं जैसलमेर उम्मेदविज
* 19वीं
19वीं
1544
[ 123
11
विद्याविजय द्वारा संशोधित
18at
19at
16at
1899 उदयपुर
उदयचद
20वीं
18वीं
19वीं
18at
19वीं
1643x ज्ञानसुंदर 1954, नागौर बृहत् वृति है । प्रशस्ति हेमकलश वाचक देवकृष्ण द्वारा सशोषित
17वीं
19वीं
मूल ग्रंथाग्र 335
की स्वोपज्ञ ?
लघवृत्ति है।
Page #141
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124 ]
1
554
555
556
557
558
559
560
561
562
563
564
565
566
567
568
569
570
571
572
53
574
575
576
577
578
19
सियां 2 /133 धर्मोपदेश-बिन्दु
महावीर 2/30
मुनिसुव्रत 2/275 ध्यान बत्तीसी
कोलड़ी गु. 10/5
कुंथुनाथ 36/2
महावीर 2 / 389 ध्यानस्वरूप
के. नाथ 29/14
ध्यानावली
2
11
31
ध्यानपत्र
31
""
26/89गु.
मुनिसुव्रत 3 इ323 | नरक - चउढालिया
के नाथ 1/1
ध्यानसार
20 / 31 नमि विदेह सज्झाय
महावीर 2/33 नरक चित्र व दोहे
Ph. 15/228
कविचार
ओसियां 2/206
के. नाथ 21 / 93
कुनाथ 3/60
सेवामंदिर 2/340
2/337
2/338
नवतत्व बाला.
नवतत्व
"
"
"
15/30/नवतत्व
महावीर 2/76
ओसियां 2 / 203
मुनिसुव्रत 2 / 258 | नवतत्व
. नाथ 15/86
मुनिसुव्रत 2 / 253
"
3
"
""
+
"
"
"
+
+ वृत्ति + बाला.
+ बालावबोध
+ वृत्ति
www.kobatirth.org
+ वृत्ति
Dharmopadeśa Bindu
Dhyanapatra
Dhyana Battisi
Dhyana Sāra
Dhyana Svarupa
Dhyānāvai
Nami Videha Sajjhaya
Naraka Caudhaliya
Narka Citra va dohe
Naraka vicara
11
15
3 A
Navatattva + Bāla.
33
35
27
"
99
भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्रचार विभाग :- (अ)
+ Vrtti+ Bālā,
+ Bālāvabodha
+ Vrtti
L."
+
+Vrtti
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Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
संकलन
बनारसीदास
यशकीर्ति
भावविजय (विमलका शिष्य )
आसक
"
गुणसागर
4
- / जयशेखर
हर्षवर्द्धन गरि
- / रत्नसूरि
T
T
- देवेन्द्रसूरि
पद्य
गद्य
पद्य
"1
प.
"
17
ग.
मू. बा.
11
5
मू. प.
मूट. (प.ग.)
मू वृ. बा
मू बा.
मू प.
मू.वृ. (प.ग.)
11
मूट. ( प.ग.)
मू. (पद्य)
मू.वृ. (प.ग.)
Page #142
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जैन तात्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक :
धार्मिक सुभाषित सं.मा.
संग्रह
जैन ध्यान योग
"1
"1
-
"
11
तात्विक दार्शनिक चर्चा
श्रौपदेशिक
11
तात्विक धार्मिक
तात्विक
"
"
11
91
11
11
11
6
""
"
11
"
"1
मा.
"
सं
हिदी 2
मा.
93
11
"
17
""
"
7
प्रा मा.
"
प्रा.
प्रा.मा.
"1
प्रा.स. मा
प्रा.मा.
प्रा.
प्रा स.
22
प्रा.मा
प्रा.
प्रा.स.
55
12
गुटका
1
13
4
1
16*
21
3
10
63
8
29
4
5
4
14
2
23
6
10
7
2
8
www.kobatirth.org
8A
27 × 14 × 11 × 34 | प्रपूर्ण
28 x 14 x 7 x 17
संपूर्ण
25 x 11 x 12 x 31
19 x 13 x 13 x 23
26 × 11 x 1 4x44
26 x 12 x 5 x 30
25 × 20 × 15 × 28 संपूर्ण 162 श्लोक
26 × 12 x 10 x 38
26 x 13 × 11 x 36
25 × 12 × 15 × 39 संपूर्ण 7 ढालें
22 × 16 × 17 x 25
25 × 11 × 17 x 55
27 × 11 × 48 x 30
25 x 11 x 18 x 47
25 × 11 × 6 × 38
26 x 11 x 15 x 40
28x12 x 11 x 40
25 x 10 x 13 x 48
25 × 10 × 14 × 37 संपूर्ण
25 x 11 × 16 × 47
26 × 11 × 16 × 52
26 × 11 × 23 × 52
26x11 x 4 × 33
11
25 x 11 x 11 x 41
"1
26 x 11 x 17 x 44
सं. 163 गा. (10 ढालें) ग्रं. 265 अंतिम पन्ना मात्र (गा. 64 से 72)
==========
ེརྨ
34 छंद
11
"1
"?
4
27
80 दोहे
46
30 गाथा
43
9
46
31
29
54
11
47
11
For Private and Personal Use Only
11
11
"
संपूर्ण 31 गा. ग्रंथाग्र 600
संपूर्ण 26 गाथा
41 गाथा
17
"
17
11
71
27गा. / ग्रंथा 477
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10
20वीं
1924 X
विनयचंद्र
17at
1884
1794
1912 x रविसागर
20वीं
19वीं
19वीं
19वीं
19वीं
19वीं
1469 ?
1480
16वीं
16at
16वीं
1641
1648
1692
1699 x
ज्ञानविजय
1706
1710 जोधपुर रत्नसुन्दर
1713
1721 पीपाड़. भोजराज
जीर्ण
[ 125
11
1696 की कृति
21 चित्र हैं ।
Page #143
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126
भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग :-(अ)
3A
Navatattva
579
मू. (प.)
580
|जयशेखर
मू.ट. (प.ग.)
| के.नाथ 14/105 | नवतत्व
कुंथुनाथ 15/9 581 | के नाथ 11/16 582 , 11/58 583 मुनिसुव्रत 2/259
सेवामंदिर 2/339 , 585 | प्रोसियां 2/199 ,
मू. (प)
+Vrtti
+
मू.व. (प.ग.)
+
,
+
| रत्नसूरि
586
सेवामंदिर 2/373| नवतत्व
+ Vļtti
कोलड़ी 67 , + वृत्ति | सेवामंदिर 2/423 नवतत्व
588
मू ट. (प.ग.) मू.वृ. (प.ग.) मू ट. (प ग. मू बा. (प.ग मू.ट. (प.ग.)
589 | कोलडी 77
,
+बाला.
,,
+Bals.
590
के नाथ 20/18 | नवतत्व
591
प्रोसियां 2/202 | कोलड़ी 79
592
5 प्रतियां
,,
5 copies
593-7 के.नाथ 6/87,14/ नवतत्व
40,15/34,15/1
235,14/54
598. | प्रोसियां 2/200
196-97
3 प्रतियां
,
3 copies
600
3
.
1,
3 copies
601-3 | कोलड़ी 75,76,
915 महावीर 2/107 605
कुन्थुनाथ 15/19/ , | देवेन्द्र 2/344 नवतत्व
Navatattva
607
,
2/341
मू ट. (प.ग.)
,
3 प्रतियां
,
3 copies
608- कोलडी 821,
10 | 1118,118491 611- | के.नाथ 21/35, I 12
10/891
,
2 प्रतियां
,
2 copies
For Private and Personal Use Only
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जैन तात्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक :
[ 127
6
7
8
8A
23x12x11x37 | संपूर्मा 44 गाथा
1748
26x10x14x40
1753
25x11x3x37
1756
25x11x5x34
1760
24x11-12x33
1785
25 x 12 x 17x50
18वीं
26x12x17x43
18वीं
26x12x5x26
18वीं
29x 11x5x5)
1800
26x11x6x36
1811
25x12x4 x 40
, 50 गाथा
1817
24x12x13x36
1819
25x10x3x30
1823,रावला नगर विनयसुंदर 1832
25x11x3x34
2 3,2 | 21027 x 10से 13 ___3,4
पूर्ण, अंतिम | 19/20वीं
अपूर्ण
2,10,
922 मे 26x11से 12
संपूर्ण 48,48,50 गाथा 19वीं
3,7,
3
25x10से 11xभिन्न2/ ., 53,52,48, , 19/20वीं
23x12x9x19
1901
5
24x10x8x34
1955
जैन तात्विक
25x12x12x40
19वीं
आ.मा
25 x 11x3 x 32
1856 x हंस- प्रतिम पत्रा कम
कृशलगणि 49,49,41 गाथा। 19वीं
| 10,5,6/21से 25x11xभिन्न2
,
7.19 | 26x11 27x12
, 49,78 गाथा
19वीं
दूसरी प्रति का अतिम पन्ना कम
For Private and Personal Use Only
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128 ]
भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग:-- (अ)
3
3A
4
5
613-
प्रोसियां 2/201, नवतत्त्व
2 प्रतियें
Navatattva 2 copise
मू.ट. (प.ग.
198
मणिरत्नसूरि ?
महावीर 2/108 के.नाथ 23/10
मू वृ. (प.ग
+
+
+Vitti
617
, 11/25
+
+
618
, 11/21
+
+
619
15/43
+
+
620
+
+
621
+Bils.
मू ब. (प.ग.)
+
+
+
623
+
+
,
अज्ञात
+
+Vriti
कुंथुनाथ 32/3 के.नाथ 20/17
+बाला. कोलड़ी 78 कुंथुनाथ 2/18
,, , औसियां 2/204 नवतत्त्व की वृत्ति के नाथ 18/92 कोलड़ी 73 नवतत्त्व का बालावबोध महावीर 2/71 सेवामंदिर 2/343 | कोलड़ी 1110 | के नाथ 13/13
Navatattva Balavabodha | पदमचंद
सौभाग्चंद
।
। ।
।
631- | कोलडी 80-81 | नवतत्व का टब्बा 2 प्रतियां Navatattva ka Tabba 32
2 copies
633 | के.नाथ 5/133 | नवतत्त्व के बोल
Navatattva ke Bola
। ।
634
कोलड़ी 1131
635 | महावीर 2/98
,
,
।
| ग. तालिका
636- | कोलड़ी गु 10/4, नवतत्त्व स्तवन 2 प्रतियां | Navatattva Stavana
2 copies
ज्ञानसार (रत्नराज
का शिष्य
37
26
638
प्रोसियां 2/300
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जैन तात्त्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक :
[ 129
11
| 788 A
9 - 10 25 - 11/12 x भिन्न2 | पहिली पूर्ण 48 द्वितीय | 19वीं(विक्रमपुर
अपूर्ण 42 | आनंदसुंदर)
जैन तात्त्विक
27x12x4x32 संपूरग 53 गाथा 1902खेरनगर अतिम गाथा भी
मणिरत्न ने बनाई है 27 x 12 x 14x39
1877 25x12x4x35 | ,, 44गा. ग्रंथान 959 1855 25x11x17x52 ,, 22 गा. ,, 386 19वीं प्रथम पन्ना कम
26x12x11x33
19वीं
26x12x13x50
19वीं
26x12x16x44
1862
25x10x4x25
19वीं
27x12x17x48
19वीं
26x12x14x54
19वीं
23x20
x 21 x 38 | अपूर्ण
19वीं
26x13x17x55 संपूर्ण
1881
29 x 12 x 12 x 58
, 2900+250ग्रंथाग्र 1961 जयनेर,
देवकृष्ण 1937 नागपुर
| 21x12x12x29
19वीं
25 x 10 x 21 x 80 त्रुटक | 26 x 11x15x47 | संपूर्ण 44, गाथा
20वीं
| 20 x 13418 x 10 | संपूर्ण
19वीं
26x11x15x40
1850
भिन्न2 तेरह द्वार से
25x11x16x36 | अपूर्ण
19वीं
उत्तर प्रकृति 276
भेद से
21x11x
संपूर्ण
20वीं
, 33 गाथा
गुटका | 15x12x9/11x
14/20
19वीं,1907
24x10x11x29
20वीं
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130 ]
भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग :- (प्र)
3A
39 | कोलड़ी 90
नवतत्व-+-चौवीस दंडक
+बाला
Navatattva-Cauvisadandal x/गजसार
ka+Bala
| मू बा.
,
65
नवतत्त्व-+चौवीस दंडक
मूट. (प.ग.) मू प.
641
के.नाथ 6/51
,
कुंथुनाथ 20/16 के.नाथ 18/22 |
+, स्तवन |
.,
+Stavana
ज्ञानसार
मुनिसुव्रत 2/262| नवतत्त्व, चौवीसदंडक | Nattva+Cauvisa
जीवविचार Dandaka-Jivavicara
गजसार x शांतिसूरि | मू. (प )
, 2/322 कोलड़ी 63 सेवामंदिर 2/342 कोलड़ी 70 सेवामंदिर 2/346
मूट (प ग.)
कोलड़ी 64
के नाथ 21/43
कोलडी 62
" का बाला.
Bālāvabodha
Navatattva+Jivavicrāa
654
+Bala.
४ शांतिसूरि | मू ट. (प.ग.)
x ./ मतिचंद | मू. बा. (प ग) x शांतिसूरि मू ट (प.ग.)
655
656 657 658
60
के.नाथ 11/33 | नवतत्त्व + जीवविचार ओसियां 2/205
+बा. , 2/248 | नः तत्व+जीव विचार मुनिसुव्रत 2/327 सेवामंदिर 2/355 , " कंथुनाथ 20/14,
3 प्रतिया 14/15,29/8
,,3 copies
मू
(प.)
661
कोलड़ी ।।19
662
सेवामदिर 2/422)
मू.ट. (प.ग)
663
दृत्ति
| Navapada Prakarana
के नाथ 10/20+ नवपदप्रकरण
16/15
Prakaraya
| देवगुप्तसूरि
देवगुप्तसूरि
मू.वृ. (प.ग.)
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जैन तात्त्विक प्रोपदेशिक व दार्शनिक :
[ 131
6
7
10
11
8 8A 146 | 23x11 x 11 x 45 | संपूर्ण 52,39 गाथा
जन तात्त्विक
1883
27x12x7x52
,
48,46,
19वीं
26 x 12 x 4 x 35 | संपूर्ण
19वीं 26 x 11x16 x54 | ,, 49,38 19वीं 26 x 12 x 17x51 ,, दो (294-25 गा.) 1880
23x11x11x32
संपूर्ण 277 गाथा
18वीं
साथ में अन्य सूत्र
भी हैं
26 x 11 x 13x37
1845 सोजत
26x12x12x37
25x11x 8 x 26
,, (49,40,51 गा.) 1867 , 141 गाथा 1876 जैसलमेर
भीखा 1884
26x11x6x40
26 x 12x5 x 39
, 140 गाथा
1994,राजिया
पुण्यविलास 19वों
23x 11x13x35
21x11x7x15
19वीं
27x11x13x40
1880
25x10x5x34
17वीं
25x10x17x52
1763 जैसलमेर
मारणक्य मूत्ति 1766
15x22x6x16
26x11x8x47
18वीं
26x12x4x32
1825,गुढा,
अनोपकीर्ति 19वीं
4.11,425से 26x10से 11
दो पूर्ण 100 गा.
तीसरी त्रुटक
बीच वाली के साथ गौतम पृच्छा है
6
25x11x14 x 40 | संपूर्ण 96 गाथा
19वीं
| 11
25x11x5x38
लगभग पूर्ण
19वीं
प्रा सं.
94
26x11x15x54 अपूर्ण पन्ने 6-69,77 | 17वीं
से 106
आदि अंत रहित
बीच के पन्ने
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132]
भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग :-(अ)
3A
5
664
Nirvāņa Kāṇda
मू. (प.)
कुंथुनाथ 361 निर्वाण काण्ड
क्रम 35 महावीर 2/93 | पच्चीस क्रिया
665
Paccisa Kriya
ग. तालिका
Padmāvati Aradhana
समयसुंदर
666 के.नाथ 18/73 पद्मावती आराधना , 15/43 । (पद्मावती) आलोचना
सज्झाय 668 कोलड़ी 289 पद्मावती पालोचना
(..) Alocanā Sajjhāya
669
कुंथुनाथ 13/38 | ., आलोचना जीव राशि
,, Jivarati,,
सज्झाय के.नाथ 23/51 परमात्माप्रकाश+त्ति । Parmātmā prakāsa
670
योगी इन्द्रदेव/ ?
Dhala Bhāsā
धर्ममदिर
671 29/28 | परमात्माप्रकाश ढाल
भाषा बंध 672 | प्रोसियां 3ई 263| परमानंद ग्तोत्र
Parmananda Stotra
मू ट. (प.ग.
673 कोलड़ी गुटका 9/9/ पचइद्रिय-संधि
Panca Indriya Sandbi
धर्मरत्न (कल्याण
धीर का शिष्य देवचदजी
674
कुंथुनाथ 36/2
पंच भावना
panca Bhavana
675
| के.नाथ 6/119
पंचमहावत-सज्झाय
Panca Malāvrata
Sajjhāya Pancalingi Prakarana
576
प्रोसियां 2/152 पंचलिंगी-प्रकरण
सुमतिहंस जिनेश्वसूरि हरिभद्र (स्वोपज्ञ)
महावीर 2/104 पंचवस्तुक + वृत्ति
Panca vastuka + Vrtti
मू.व. (प.ग.)
678
कुंथुनाथ 8/112 पंचविंशति ।
Panca Vṁsati
पद्मनंदि
मू. (प) मू.व. (प ग.)
679 | महावीर 2/64
पचमं ग्रह -- वृत्ति
Panca Sangraba+Vịtti
चंदपि मलयगिरी
680
के नाथ 22/45 | पंचत्र
Panca Sūtra
हरिभद ? (स्वोपज्ञ)
मू (प)
मू..
महावीर 2/41- ,--वृत्ति 2 प्रतियां | ., ,+Vrtti 2 copies
48 , 3 आ 32 पंचाचार विचार ढाल Pancācāra vicāra Dhāla
683
ज्ञानविमल
| के नाथ 9/6
पंचाशक + वृत्ति
Pan.asaka-Vruti
हरिभद्र अभयदेव
। मू वृ. (प.ग.)
, ,, 15/6
पंचाशक
हरिभद्र
,-Vrtti
हरिभद्र अभय देव
| मू.वृ. (प ग.)
686 | महावीर 2/38- पनाशक +वत्ति
105 687 | के नाथ 13/35पचास्तिकाय-भाषा
Pancāstikāya Bhāṣā
टो.प हीरानंद
पद्य
688 | सेवामंदिर 2/424 पांच दकार श्रावककतव्य
Pancadakāra Śāvaka
Kirtlavya
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जैन तात्त्विक प्रौपदे शक व दार्शनिक : ..
[ 133
10
11
6 तात्त्विक
7 प्रा
8 8 A
9 । गुटका | 23 x 20 x 21x38 | संपूर्ण 27 गाथा
1544
तात्त्विकतालिका | मा.
25x12x
प्रतिपूर्ण 25 क्रिया
20वीं
18वीं
मारणांतिक अतिसार अालोचना
27x13 x 8 x 24 | संपूर्ण 41 गाथा 25 x 13 x 13 x 35 17x21x15x44 |, 42 ,
19वीं
19वीं
26x12x5x32
, 33
1949
तात्त्विक
मूल का पद्य
सारांश अात्मविषयक
27x12x9x27 संपूर्ण 2 अधिकार,345 1767
श्लोक 25x11 x 13x46 संपूर्ण 2 खंड-32 ढाल | 1819
ग्र. 1125 25x11x5x37 र्ग 25 श्लोक
19वीं
म.मा.
3
प्रौपदेशिक
गुटका | 16x13x13x18
, 108 गाथा
17वीं
25x20x15x28
, 67 ढालें ।
1794
प्राचार विषयक
26x11x15x36
,, 5 सज्झायें
1788
जैन साधु प्रकार | प्रा.
26 x 12 x 11 x 40
, 102 गाथा
16वीं
जैनदार्शनिक प्रा.स. | 19128x13x15x40 | संपूर्ण 1714 गा वत्ति ग्रं 19वीं वृत्ति शिष्य
7275
हितानाम्नी भति, तत्त्व, उपदेश में 7 4 29x14x13x48 , 25+1 ग्रंथाग्र 17वीं
1743 प्रा.सं | 32331x12x14x54
16वीं-1-1956 | 232 पन्ने 1956 पाटण,परसा- में लिखे गये हैं।
दीराम
प्राचार
,
प्रा.
27x14x12x51
.. पां. सूत्र
19वीं
,
,,
प्रा.सं. | 39,39/27x11x10x42 प्रा.सं
,, ग्रंथान 880
20वीं
साधु आचार
मा.
5
27x21x12x38 | संपूर 46 पद
19वीं
जैन सैद्धांतिक
विधियां
प्रा.स.
26x11x19x43 अपूर्ण तीसरे से 19 अंत 17वीं
तक 26x11x15x50 तपोविधि प्रकरण तक 19वीं
ग्रथाग्र 1100 x14x48 संपूर्ण 19 पंचाशक की 19वीं
ग्रंथान 9750 26x12x16x42 संपूर्ण 1093 छंद 1769
सैद्धांतिक ताविक | हिन्दी
(मूल कृति कुंदकुंदा
चार्य की)
प्रौपदेशिक
20x10x15x39
18वीं
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134 ]
भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग :- (अ)
__1
5
3A | 500 Tresastha Jiva Bheda|
689
2
3 के.नाथ 14/126 | पांच सौ षष्ठ जीवभेद | कोलड़ी 827 पुण्यकुलक
ओसियां 2/416
690
Punya kulaka
मू ट. (प.ग.) मू. (प.)
691
692
Punya Chattisi 2 copies | समयसुन्दर
के.नाथ 14/111, पुण्य छत्तीसी 2 प्रतियां
26/103गु.
3
694
Punya Papa Kulaka
मू. (प)
695
,, 26/103गु. | पुण्य-पाप कुलक ओसियां 2/416
, 2/159 पुण्यप्रकरण के.नाथ 10/40 पुण्यप्रकाश-स्तवन
696
Panya Prakaraņa
अज्ञात
697
Punya Prakasa Stavana | विनयविजय
698 , 29/13 पुण्यफल-कुलक Punyaphala Kulaka जिनकीत्ति 699 कुंथुनाथ 44/ पुद्गल परावर्ती विचार | Pudgalaparivartti vicāra | हेमशीश 700 | के.नाथ 19/49 ! पुद्गल षट्त्रिंशिका निगोद , sattrimsika+Nigoda | अभयदेव/रत्नसूरि
विचार +वृत्ति
Vicāra+Vitti
। म ब.
701
कुथुनाथ 52/23 | पुष्पमाला
Puspamaa
म. हेमचन्द्र (अभयदेव | मू (प.)
शिष्य)
702
के.नाथ 13/40
703
+ वृत्ति
,
+vrtti
म. हेमचंद/
मू.व. (प.ग.)
. पुष्पमाला
704
मू (प.)
705
706
_
+ वृत्ति
+Vrtti
मू वृ. (प ग)
.., साधु सोमगणि (जिनभद्र का शिष्य) म. हेमचंद्र
707
पुष्पमाला
708
+बाला.
+Bali.
मू बा. (प.ग.) मू (प.)
709
म. हेमचंद्र
710
Puspamala Ki Avacuri
अज्ञात
, 15/9 | पुष्पमाला मुनिसुव्रत 2/294/ पुष्पमाला की प्रवचूरि
, 2/295 | पुष्पमाला की वृत्ति कुथनाथ 10/133/ पेढिया
711
"
+Vrtti
साधु सोमगणि
Pedhiya
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जैन तात्विक प्रोपदेशिक व दार्शनिक :
""
संद्धांतिक तात्विक मा.
श्रीपदेशिक
दार्शनिक, उपदेश
उपदेश
तात्त्विक
6
श्रौपदेशिक
17
〃
31
"
33
सैद्धांतिक
17
प्रा.मा.
प्रा.
मा.
7
प्रा.
"
मा.
""
प्रा.
अ.
प्रा.सं.
प्रा.
11
प्रा.सं.
प्रा.
11
प्रा. सं
प्रा.
प्रामा.
प्रा.
सं.
17
प्रा.
3
2
13*
3,1
1
13*
2
8
6
1
गुटका
7
18
23
141
34
9
15
147
13
141
18
6
108
27*
8 A
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26 × 11 × 17 x 51
31 x 12 x 6 x 45
26 x 13 x 16 x 30
26 x 11 व 25 x 12
25 x 12 x 20 x 56
26 x 13 x 16 x 30
25 × 11 × 14 x 42
26 x 13 x 13 x 30
25 x 11 x 11 x 36
15 x 12 x 17 x 24
26 × 11 × 25 x 55
26 × 11 × 12 x 40
26 x 12 x 19 x 64
26 × 11 x 18 x 64
26 x 11 x 19 x 60
25 x 11 x 11 × 39
26 × 1 1 × 13 × 48
26x11x15 x 48
29 × 11 × 13 × 43
25 × 11 × 15 x 35
27 × 11 × 17 x 68
26×11 ×14 x 54
27 x 11 x 13 x 38
संपूर्ण
ور
"1
"
27
:::::
"
11
"
"1
"
"
ני
19 गाथा
17
36 गाथा
9
16 गाया
95 गाया
16
संपूर्ण 36 + 36 गाथा ग्रंथाग्र 600
62
"
19
496 गाथा
505 "
500 गा. ( बीस
505 गाथा
अपूर्ण 314 गाथा
संपूर्ण 503 गा. 20
अधिकार 505 पहिला पन्ना 35 गा कम अपूर्ण 364 गाथा तक
संपूर्ण 505 गाथा
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अधिकार)
503 गाथा की
किंचित् पूर्ण प्रथम 5 पन्ने कम पूर्ण 19 से 82 (त)
गाथा
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10
1836
194
1953
18at
18वीं
1953
20वीं
19वीं
17वीं
17वीं
18वीं
1993
16at
17वीं
17वीं
17वीं
18at
18वीं
[135
11
भगवतीसूत्र 11/
10
19 T
19वीं
16at
1684 प्रागरा, प्रशस्ति है । जहागीर राज्ये 16वीं
Page #153
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136 ]
1
713
714
715
716
717
718
719
720
721
722
723
724
725
726
727
728
729
730
731
732
733
734
735
736
के. नाथ 18/21
महावीर 2/32
कुंथुनाथ 37/2
42/18
कोलड़ी 882
11
2
33
कुंथुनाथ 10 181 प्रत्याख्यान चतुस्सप्ततिका
के. नाय 6/109
प्रवचनसार + वृत्ति
23/50
प्रवचनसार की वृत्ति
9/4
प्रवचन - सारोद्वार
23/44
मुनिसुव्रत 2/250
के नाथ 14 / 136
31
"}
पैंतीस बोल का थोकड़ा
पौषधकुलकादि
पौषध- प्रत्याख्यानफल
प्रतिबोध - गाथा
प्रत्याख्यान - कुलक
कुन्थुनाथ 53/2
श्रीसियां 2/296
के. नाथ 15/18
10/5
+ वृत्ति
13/42 प्रवचन सारोद्वार विषम पदार्थ अवबोध
कोलडी 387
17
"3
महावीर 2/392-3
"
15 / 157 प्रव्रज्या कुलक
""
3
"1
महावीर 2 / 17
के नाथ 6/122
कोलड़ी गु. 10 / 5 | प्रास्ताविक श्लोक संग्रह
कुंथुनाथ 10 / 158
प्रव्रज्याविधान कुलक
27
"1
"
दो प्रतियां
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3 A
Paintisa Bolaka Thokaḍā
Pausadha Kulakādi
Pauṣadha Pratyakhyāna
Phala
Pratibodha Gāthā
Pratyakhyāna Kulaka
Pratyakhyana Catu
Pravacana Sara+Vṛtti
33
Pravacana Saroddhāra
23
भाग ( 2 ) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग:-- (अ)
33
22
ssaptatikā
99
Pravrajya Kulaka
Visama Padartha Avabodha
Vidbana Kulaka
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,, 2 Copies
देवेन्द्रसूरि
चैनजी (पार्श्व चंद का
शिष्य)
कुन्दकुन्दाचार्य
नेमिचंद्रसूरि
33
11
"
11
11
Prāstāvika Sloka Sangraha संकलन
4
नेमिचंद्र / -
उदयप्रभसूरि
"2
:
गद्य तालिका
मू. ट.
मू. ट. (प.ग.)
मू. ( प )
प.
मूवृ.
ग.
मू. (प.)
मूट (प.ग.)
5
मू. (प.)
मू.वृ. (प.ग )
ग.
मू. ( प. )
प.
प.
प.
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जन तात्त्विक औपदेशिक व दार्शनिक :
[ 137
6
7 8
11
6
सैद्धान्तिक संख्या - मा.
परक सार प्रौपदेशिकादि
| प्रा.मा.
8A
____ 10 25 x 12 x 9 x 27 | संपूर्ण
19वीं 25 x 11x9x43 त्रुटक
18वीं 25 x 12x4x30 | संपूर्ण 12 +7 = 19 गा. 19वीं 27 x 10x13 x 40 अपूर्ण 26 गा. ही 19वीं
सामान्य प्रकरण
सम्यक्त्वादि
प्रा.
26x11x18x507+15 %3D22 गाथा
| 1573?
(चत्तारि अटू दसदो
स्तवन साथ में)
प्रत्य ख्यान स्वरूपादि| मा. .
प्रौपदेशिक सिद्धांत | प्रा.मा.
25 x 11 x 14 x 45 | संपूर्ण 74 गाथा 17वीं 25 x 11 x 15 x 44 अपूर्ण; 27वीं गाथा तक ही 19वीं 26 x 12 x 11x37 | संपूर्ण 311 गाथा की 1546 26 x 11 x 11x45 | ,1616 गा.(ग्रं.2050) 1555
शास्त्र-सारांश
26 x 11 x 13x44
, 1542 गा.
16वीं
26 x 1112 x 41
, 1614 गा.
1640
26 x 11x7x38 ,,1580 गा.(ग्रं.5000) 1693 128 | 27x11x6x44 ,.1613 गा.(I.8000)| 1710
26 x 12x6x36 ,,1631 गा (ग्रं 6800 18वीं 25x10x11x35| ,,1618 गा.(ग्रं.2100) 19वीं 27 x 12 x 16 x 30 अपूर्ण, 271 गा. तक | 19वीं 26 x 11 x 19 x 68
| संपूर्ण ग्रं. 3203 1515 29 x 11 x17x50
17वीं
13 से 47 बीच के
कठिन शब्दार्थ
सं.
प्रौपदेशिक
24x12x12x42
19वीं
दीक्षा सिद्धान्त
24x10x13x42
, 34 गाथा
1758 बिलाड़ा
26x11x13x40
19वीं
साथ में आवश्यक
गाथायें
प्रौपदेशिक सुभाषित
1884
19 x 13 x 13 x 23 | प्रतिपूर्ण 18x11 x 14 x 32 , 13 श्लोक
192
प्रा.सं.मा | 2,3 | 26 x 13 x 13 x 40 | अपूर्ण कुल 116 श्लोक | 20वीं
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138]
741
1
3 A
738-9 के नाथ 14/51, प्रस्ताविक श्लोक संग्रह दो प्रति Prastāvika Sloka Sangraha संकलन
6/59
740
11/35
अर्थ सह
कोलड़ी गु. 4 / 12 प्रश्नोत्तर - रत्नमाला
सेवामंदिर 2/365
कुंथुनाथ 18 / 8
. नाथ 6/68
742
743
744
745
746
747
748
749
750
751
752
753
754
755
758
सेवामंदिर गुटका 8 दे
के नाथ 14 / 100
महावीर 2 / 288
मुनिसुव्रत 2 / 273
756-7 के नाथ 15/61 19/73 कोलड़ी 1235
759
761
760
763
762
19
13
"1
2
"
"
कुंथुनाथ 10/130
. नाथ 15/155
कोली
के. नाथ 19/47 बनारसी- विलास
23/64
18/52
20 / 4 प्रश्नोत्तर - रत्नमाला
"
11
"1
31
बारह भावना
"1
33
802 प्रश्नोत्तर रत्नमाला का विवरण
"
के नाथ 15 / 28 बारह भावना-गीत
सियां 2 / 243 बारहव्रत- चीपई
के नाथ 23 /55 बारहव्रत- सज्झाय
17/3
9/33
764 host गुटका 2/6 बालचंद -बत्तीसी
"1
3
""
97
""
वृत्ति
www.kobatirth.org
दो प्रतियां
Praśnottara Ratnamālā
33
39
33
39
33
Banarasi Vilasa
33
23
Baraha Bhāvanā
22
Gita
भाग (2) जन सिद्धान्त व प्राचार विभाग- ( श्र)
Baraha Vrata Caupai
Baraha Vrata Sajjhaya
Balacanda Battisi
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"
kā Vivarana / देवेन्द्रसूरि
बनारसीदास
विमलसूरि
"
11
विमलसूरि / देवेन्द्र
विमलसूरि
"1
अज्ञात
जयसोम गरिए
"1
अज्ञात
"1
4
17
17
पदमराज
लक्ष्मीरुचिसार
उद्योतसागर गरिए
वाचक दयासागर
बालचंद
प.
प.ग.
प.
पद्य
मू. ट. ( प.ग.)
मू + वृ . ( प. ग
मू. + ट . ( प. ग.
मू. ( प )
मूट (प.ग.)
ग. कथासह
प.ग.
मू. ( प )
प.
11
11
5
"
71
Page #156
--------------------------------------------------------------------------
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जैन तात्त्विक, प्रौपदेशिक व दार्शनिक :
प्रोपदेशिक सुभाषित सं.
तारिवक
प्रोपदेशिकादि प्रश्नो
त्तर
विविध
22
"3
29
11
33
6
}}
वैराग्य-चितन
12
21
==
11
11
11
"
31
""
श्रावकाचार
श्रौपदेशिक
53
·
7
सं.मा.
सं.
सं.मा.
सं.
सं.मा.
सं.
हि.
""
प्रा.
मा.
=
19,8
10
गुटका
2
3
31
m
3
8
1
2
121
63
11
3
10
3
8*
4
4
2
46*
8*
37
5
8 A
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415 x 7 x 10 x 23
गुटका
26 × 11 x 12 x 26
4,11* 25×11×12 / 13 x 38
25 × 11 × 13 × 50
26 × 11 × 13 × 41
25 x 12 x 11 x 34
26 x 10 x 13 × 41
31 × 16 × 11 × 37
26 × 12 × 15 × 45
15 × 12 × 11 x 20
18 x 826 x 11
25 × 10 × 20 × 46 प्रतिपूर्ण
अपूर्ण
26 × 11 × 19 × 62 संपूर्ण 29 श्लोक
27 × 11 × 6 x 42
25 × 11 × 18 x 56
26 x 11 x 15 x 40
25 x 12 x 15 x 40
26 x 11 x 7 x 40
28 x 11 x 17 x 68
25 × 1 2 × 15 × 53
25 × 11 × 16 × 41
27 x 12 x 17 x 59
11×9 ×11 x 16
26 x 11 x 14 x 44
23 x 1 1 × 12 x 31
संपूर्ण (द्वितीय में 196 श्लोक ) 18 / 19वीं
19वीं
19
29
"
:::
21
"
संपूर्ण
श्रपूर्ण
==
11
31
""
"
""
"
31
9
संपूर्ण 72 गा.
29 श्लोक
27
72
29
"
23
"
19वीं
19वीं
19at
64 प्रश्न 83 उत्तर 1492 ग्रं. 7560
74 गा.
72 गा.
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32 TT.
प्रपूर्ण पांचवें व्रत तक संपूर्ण 153 गा.
29 सर्वये
10
1499
16at
67 गा.
72/73 गा.
अपूर्ण 11वीं भावना तक 19वीं
| संपूर्ण 12 गाथा
19वीं
12 ढालें
19वीं
19वीं
19वीं
19वीं
1903
16at
1702
1826
19वीं
19वीं
1676
1698
18वीं
18वीं
19/20af
[139
11
पद्य का अर्थ संस्कृत
गद्य में
जीर्ण
अंत में शत्रुंजय स्तवन संस्कृत 10 श्लोक
वृत्ति कल्पलतिका नाम्नी / प्रशस्ति हैं। कवि की 31 अन्य
लघु स्थायें
"1
साथ में दानशीलत
तप भाव संवाद
1834 की कृति
गुंदोज में
Page #157
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________________
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140]
1
765
766
767
768
769
770
774
775
776
777
778
779
780
789
790
791
792
73
793
494
795-6
797
33
कोलडी 1116
कुंथुनाथ 39 / 4 बावनी
के. नाथ 20 / 23 बावीस- परिषह ढाल
कोलड़ी
783-4 | के नाथ 26/78,
15/120
7858 कोलड़ी 449,111
798
+3
2
21
17
कुंथुनाथ 52/10
ओसियां 2/306 बुद्धरास
कोलड़ी
247 बुद्धिरास
781-2 | ओसियां 2 / 215 | बोलविचार दो प्रतियां
85
दो प्रतियां
चार प्रतियां
911
110
1 r
बालाविबोध-वार्ता
33
सेवामंदिर गुटका
3-ति 3 इ 345
के. नाथ 6/42
29/47, 14 128 कोलडी 288
. नाथ 18 / 95. 800 9/21, 14/87
बासमार्गणा यंत्र
के नाथ 18 / 84 बुढापे की सज्झाय
"
17
99
35
1239,946 सेवामंदिर 2 / 378 | बोल- संग्रह
मुनिसुव्रत 2/336
कोलड़ी 451
""
3
महावीर 2/88, 190 से 92
2,432
2/403
श्रादि पन
2/89 यंत्र रचना स्तवन Bāsatha Margana - Yantra ज्ञानसार ( राजगरिएका
Racana Stavana
शिष्य )
"
+ बारह भावना
11
11
4 प्रतियां
12
www.kobatirth.org
2 प्रतियां
3 प्रतियां
Bavani
3A
Bālāvibodha-Vārtā
33
Bāvisa Pariṣaha Dhala
+ Barahabhāvanā
Bāsatha-Mārgana - Yantra
"1
Budhape ki Sajjhāya
73
Buddha Rasa
Buddhi Rasa
भाग ( 2 ) जैन सिद्धान्त व प्रचार विभाग- ( अ )
Bola Vicara
Bola Sangraha
99
22
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दयासागर
रायचंद
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ब्रह्मचर्यकुलक व शीलदीपक Brahmacarya ulaka + Sila - पार्श्वचंद dipaka Brahmacarya Navavāḍa
ब्रह्मचर्य नव-वाड़
भिन्न भिन्न
अज्ञात
1:4
भिन्न-भिन्न
=
संकलन
13
4
उदय रत्न
11
पुण्य सागर
धर्महंस कवि
जिन हर्ष
ग.
प.
"1
गद्य तालिका
पद्य
11
"1
27
ग.
"
""
5
प.
ग. तालिका
23
"
Page #158
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जैन तात्त्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक :
[ 141
6
6
7
8
8A
9
10
11
सद्धान्तिक विवेचन मा.
26x12x13x52 संपूर्ण पहिला पन्ना कम है) 17वीं
प्रौपदेशिक
गुटका
20x16x14x26
, 58 पद
19वीं
, साधु प्राचार ,
25x13x15x45 |
22 ढालें
1927
प्रौपदेशिक ॥
25x12 x 13x50
, 22+15 छंद । 19वीं
तात्त्विक
27xllx
19वीं
62 द्वारों से जीव
विभक्तिय
19/20वीं
26से28 x 11 से 13 लंबा रॉल 31 से. चौड़ा 28 x 13x
1958
भिन्न 2
16/20वीं
26x12x14x42 |
112 गाथा
19वीं
प्रौपदेशिक
25x11x14x33
, 17 गाथा
19वीं
43x15x24x40
1931
25x11x11x33
64 गाथा
1759 राजनगर,
मेरुचंद 19वीं
गुरुउपदेश
125x11x15x38
,
60,
तात्त्विक संख्या परक
सार
6,15_26+13x17/51 x 43 प्रतिपूर्ण
19/20वींविषय वस्तु भिन्न 2
प्रकार की 17,11 25 x 12 x 12 x 26/40 पहिली पूर्ण, द्वितीय अपूर्ण 19/20वीं 6,5,19 22से 26 x 11से17 प्रतिपूर्ण
19/20वीं 23/ 28x13x
16 से 19वीं
68
25x11x
18वीं
27x13x
19वीं
प्रौपदेशिक
16x13x13x20 संपूर्ण 39+29 गा.
17वीं
23x13x15x32 | संपूर' 10 ढाले
19वीं
26x11x11x52
19 गा.
19वीं
24x11426 x 11 , 10 अनुच्छेद,5ढाले 19वीं
26 x 11 x 15 x 451 , 97 गा. 1823 38*,4,3| 23से 25 x 11से 14
, 11 ढालें | 19वीं
|,
पहिली प्रति के साथ
अन्य चौपई
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142 ]
1
801
कुंथुनाथ 36/1 ब्रह्मचर्य - रक्षावृत्ति क्र. 22
महावीर 2 / 405 | ब्रह्मबावनी
सेवामंदिर 2/421
804-5 कोलड़ी 965,1223 भले का अर्थ 2 प्रतियां
806
के. नाथ 5/89
17/48
808-9 ,141, 6/24
802
803
807
810
811
812
813
814
815
816
817
818
819
821
822
824
825
826
827
20
829
23
12
33
13
2
33
कोलड़ी
ओसियां 2 / 217
के. नाय 521,
16/27 कुंथुनाथ 4715
कोलड़ी 686817
17
19
भवभावना
"
कुंथनाथ 52/20
के. नाथ 1/9B
मुनिसुव्रत 2 / 315 | भववैराग्य शतक
2/316
कुंथुनाथ 52/5
के. नाथ 5/101
10/14
816
53
11
"1
भवभावना की कथायें
"
11
"1
37
3
71
2 प्रतियां
"1
828 मुनिसुव्रत 3 इ 323 | भावनाकुलक
महावीर 2/381
ओसियां 2/416 भाव्याभव्य-कुलक
2/416 भावकुलक
के. नाथ 11/70 भावत्रिभंगी
2 प्रतियां
2 प्रतियां
+ वृत्ति
ओसियां 3 इ 204 भावना बासठियो
www.kobatirth.org
3 A
Brahma Bavani
Brahmacarya Raksa Vrtti पद्मनंदि
Bhale ka Artha
Bhavabhāvanā
33
Bhavavairagya Sataka
99
""
ki Kathayen
भाग ( 2 ) जैन सिद्धान्त व आचार विभाग - (अ)
Bhavyabhavya-kulaka
Bhava-kulaka
Bhava-tribhangi
Bhavana-kulaka
Bhavana-Basathiyo
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मुनि हर्ष चंद (ब्रह्म)
म. हेमचंद्र
""
अज्ञात
4
"1
1
अज्ञात / गुणविनय
अज्ञात = /
प.
19
33
ग.
5
मू ( प. )
मु. प्र. कथा
मू. ( प. )
मू.ट. (प.ग.) मू. ( प ) मूट. ( प.ग.)
33
मू.वृ. ( प ग . )
मू. ( प. )
मू.ट. (पग.)
यंत्र तालिका
Page #160
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जन तात्त्विक प्रोपदेशिक दार्शनिक :
[ 143
6
7
8
8A
9
10
11
प्रौपदेशिक
1544
॥+अध्यात्म मा.
1876
23 x 20 x 21 x 38 | संपूर्ण 22 श्लोक 25 - 13 x 13 x 35 , 52 सवैये 26 x 13 x 12 x 32 | त्रुटक 25 x 12424 x 11 |
19वीं
सामान्य
19वीं
बारहभावना
पा
26x11x15x52
|
,
53 गा; ग्रं. 664/ 17वीं
(वैराग्य
अंत में जिनवल्लभक प्राकृत स्तवन 12 गा
27x11x11x401
528 गा.
174
28,2326x11427x11
531/32 गा.
| 19वीं
1627x11x15x45
531 गा.
19ीं
|
प्रा.स.
13/14वीं
जीवन चरित्र व
कथानक प्रोपदेशिक (वैराग्य) प्रा.
| 26 x 11 x 15x58 | , 65 कथायें 25 x 11 x 11 x 39 | संपूर्ण 104 गाथा
16वीं
प्रा.मा.
26x11x9x43
17वीं
प्रा.
26 x 12 x 13x40
(लगभग)
17वीं
प्रा.मा.
25x11x4x31
1705
27x12x5x30
105
,
1840
31x12x6x32
1848
24x11x7x52
19वीं
26 x 11 x 5/4x30 प्रथम संपूर्ण 104, द्वितीय | 19वीं
33 ही 26x11x6x34 | अपूर्ण बीच में 2 पन्ने कम 19वीं
26 x 10427x11 | संपूर्ण 104 गाथा
20वीं
प्रा.सं.
26 x 13x19x48
, 104 की ग्रं. 995 | 1944
सैद्धान्तिक तात्त्विक प्रा. |
26 x 13 x 16 x 30 | संपूर्ण
1953
प्रोपदेशिक
,
26x13x16x30
,
1953
तात्त्विक भाव विचार प्रा.मा. |
प्रोपदेशिक
27 x 13x7x25 अपूर्ण 14 से 105 (अंत)गा. 17वीं 25 x 11 x 11 x 46 | संपूर्ण 22 गाथा 19वीं 26 x 12- संपूर्ण
20वीं
62द्वारोंसे भावस्वरुप मा.
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144 ]
भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग--(अ)
3A
___ 4
5
राजकवि
830- | कोलड़ी 843-44 भावनाविलास 3 प्रतियां | Bhavana-Vilasa 32
1344 कुंथुनाथ 43/13 | भावनासंधि
Bhāvana-Sandhi
-
833
जयदेव मुरिण
मू.प.
834
Bhava-Prakarana
विजयविमल (ग्रानंद- मू.अ. (प ग. विमल का शिष्य)
मू.ट. (प.ग.
836
| महावीर 2/54 | भावप्रकरण ओसियां 2/212
,, 2,237 | कोलड़ी 1080 | भावसंग्रह | कुंथुनाथ 45/4 | भ्रमरबत्तीसी
Bhāva-Sangraha
अज्ञात
Bhramara-battisi
| केशवदास मुनि
839
प्रोसियां 3 इ 171 मणिचन्द्र-स्वाध्याय
Maņicandra-Svädhyāya
मणिचंद्र
के.नाथ 15/132| महादण्डक
Mahädandaka
महावीर 2/15 | महादण्डक अल्प बहत्व स्तवन |MahādandakaAlpabahutvia| अभयदेव
Stavana मुनिसुव्रत 2/276 प्रोसियां 2/243 , 2/307 | माईशास्त्र
Mãi Sastra
संकलन के.नाथ 26/103 गु मानपच्चीसी
Māna Paccisi
844
846 | कोलडी 450 मार्गणाद्वार
Märgaņādvāra
ग. तालिका
847
के नाथ 29/46 / मोती-कपासिया संवाद
Moti Kapasiya Samvada | मुनि श्रीसार
सेवामंदिर 2/366| यति-पाराधना
Yati-Aradhana
समयमुंदर
849
महावीर 2/31
850
851
852
853
कंथनाथ 361 यति भावना+सम्यक्त्व प्रष्टक Yati Bhāvana+Samyaktval - 227
Astaka | के नाथ 29/52 | युगल उत्पत्ति विचार स्तवन Yugala Utpatti Vicāra देवेन्द्रसागर
Stavana ... 26/103 गु| योग पाठ दृष्टि सज्झाय | Yoga Atha Drsti Sajjhāya उ यशोविजय | प्रोसियां 2,153 . , | महावीर 2/45 | योगदृष्टि समुच्चय , . | Yoga Dasti Samuccaya हरिभद्र यशोविजय? | मू वृ.(प.ग.)
2/9 | योगशास्त्र+वृत्ति Yoga Sastra+Vrtti हेमचद्राचार्य (स्वोपज्ञ) , 2/116.
855
856
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जन तात्त्विक प्रोपदेशिक दार्शनिक :
[ 145
11
6 7 बारहभावना. मा.
(वैराग्य) भावना प्रौपदेशिक प्रा.
8 8A
9 10 4,4,3*/ 26से29 x 11 x भिन्न | संपूर्ण 52 छंद | 20वीं
26 - 11 x 15 x 75 अपूर्ण 34 से 62 (अंत) गा. 19वीं 25x11x18x50- संपूर्ण 30 गा. 1742 कटारिया,
रामदास 23x12x5x37
1826 x शुभ
मात्म भाव विश्लेषण प्रा.सं.
मुनि
24x11x4x33
19वीं
प्रोपदेशिक
भक्ति स्वाध्याय
25 x 10 x 11 x 40 | अपूर्ण 507 श्लोक तक 19वीं 17x14x11x18 | संपूर्ण 47 गा. 1828 27 x 11 x 14 x 36 | , 21 ढालें
1861 26 x 11 x 13 x 45 | अपूर्ण
19वीं भिन्न भिन्न 30 द्वारों
से जीव-विभक्ति 25 x 11x17x46 | संपूर्ण 20 गाथा 18वीं 26 x 12 x 19x43 | ,, 20 गा अवचूरि 98| 19वीं, पाटण,
तात्त्विक
।
गा
25x12x12x35
19वीं
धार्मिक श्लोक संग्रह सं.मा.
174
25 x 11 x 13x38 | प्रतिपूर्ण 148 श्लोक 25x11x15x38 संपूर्ण 25 गा.
अहंकार पर
मा.
18वीं
तात्त्विक बोल
30x12x
संपूर्ण
18वीं
भिन्न भिन्न 161 द्वारों
से जीव-विभक्ति
प्रौपदेशिक
23x11x14x44
18वीं
24x11x11x35
19वीं
प्रायश्चित्त साधु
प्राचार
xx
25x14x12x32
1933
ग्रं. 360 ,, ग्रं. 351 ।, (8+9 श्लोक) , 4 डालें
प्रौपदेशिक दार्शनिक मं.
23x20x21x38
1544
2 अष्टक
लोकस्वरूप
26 x 11x11x33
19वीं
नयोग-ग्रंथ
25x12x20x56 अपूर्ण पाठ ढालें
19वीं
25 x 12 x 12x35 | 84 गा. पूरी 20वीं 28 x 12 x 14x46 | संपूर्ण 225 श्लोक की ग्र| 19वीं 27 x 11 x 15 x 43 | संपूर्ण 12 प्रकाश 1465x पुण्य
प्रभसूरि 26x12x14x55
| 1960 रायचंद्र प्रारंभके44पन्ने जीर्ण
117:]
जैन योग (गृहस्थ भी) ,
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857
858
859
146 1
860
861
1
862
863
868
870
871
872
873
14 / 44 | योगशास्त्र
14/5
864 सेवामंदिर 2/369
874
875
876
877
878
879
880
883
884
865 मुनिसुव्रत 2/334 | योगशास्त्र
866-7 के नाथ 15/33-62
कुंथुनाथ 15/12,
43/3
महावीर
2 / 8 योगशास्त्र की अवचूरि
के. नाथ 14/6 | योगशास्त्र की वृत्ति
5/44 | योगसार
2 / 23
रत्न कोश ?
26/85 गुटका रत्नत्रय - विधि
महावीर 2/80 | रत्न - संचय
कुंथुनाथ 20 / 12 रत्नाकर - पच्चीसी
के. नाथ 29 / 100 योगशास्त्र
10'56
69
22/63
tast 1184C
के. नाथ 4/23
"
"
11
33
2
37
""
"
"
"
29
,,+ वाला.
"
3
,,+बाला.
23
"
2 प्रतियां
2 प्रतियां
881-2 | नाथ 21 /69,
21/36
ओसियां 2 / 142 लघुदण्डक
महावीर 2/405 लघु ब्रह्मबावनी
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Yoga Sastra
99
33
33
,,+Bāla,
35
33
3 A
,,+ Bāla,
""
#3
39
2 copies
Yoga astra ki Avacuri
2 copies
Yogasāra
Ratnakośa
"
Ratnatraya-vidhi
Ratna Sañcaya
भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्रचार विभाग - (प्र)
Viti
Ratnakara Paccisi
ना. 26/91 रात्रि भोजन चौपई (अंतिम | Ratri Bhojana Caupai
(Antim) Ratri Bhojana Sajjhaya
26/43 रात्रि भोजन सज्झाय
सेवामंदिर 2/431 | रुचितरुचिदंडक स्तुति + वृत्ति Rucitarucidandaka Stuti +Vrtti महावीर 6 34 लघु प्रनीतिशास्त्र
लघुदण्डक 2 प्रतियां
Laghu Arhanniti-śāstra
Laghudaṇḍaka 2 Copies
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Laghu Brahma Bāvani
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हेमचंद्राचार्य
-
37
11
हेमचंद्राचार्य / सोमसुंदर मू.बा. (पं.ग
हेमचंद्राचार्य
मू. ( प. )
,,/ मेरुसुंदर
हेमचंद्राचार्य
4
"1
प्रज्ञात
हेमचंद्राचार्य स्वोपज्ञ
संकलन
रत्नाकर
ब्रह्मरूप संवेगी
मू. ( प. )
मू.बा. (पग
मू. (प.)
"
"
ग.
11
5
मू. (प.)
ग. तालिका
प.
मूट. (प.ग.)
प.
हंसमुनि
जिनेश्वरसूरि / पद्मराज पू.बृ. (प.ग.)
हेमचंद्राचार्य
मू ( प )
ग.
प.
Page #164
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जन तात्त्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक :
[ 147
6
7
| 8 |
8A
9
10
11
(गृहस्थ भी) सं.
34x16x8x70 | संपूर्ण 12 प्रकाश
19वीं
27x10x16x50 अपूर्ण 4 प्रकाश तक
1459
26x10x8x46
16वीं
25x12x11x32 अपूर्ण प्रथम प्रकाश 56 श्लो. 1694
26 x 11x13x42 अपूर्ण दूसरे 41 से अंत तक 17वीं
प्रकाश
27 x 11 x 13 x 40 अपूर्ण चार प्रकाश 17वीं 24 x 11 x9x32 | ., पांच से 12 (अंत) 1845 27 x 13 x 19x 66 | केवल पांचवां प्रकाश । | 19वीं 24 x 11 x 11x39 | , पहिले 55 श्लोक मात्र 19वीं 24x11x11/12 x 300 ,, पहिला प्रकाश मात्र 19वीं 27 - 11426 x 11 | बिल्कुल अपूर्ण 19 27 x 11x22 x 73 चार प्रकाश तक 462 श्लोक 1499 26 x 11x15x48 | अपूर्ण द्वितीय प्रकाश तक 19वीं 23 x 11x10x23 | संपूर्ण 108 गाथा. 19वीं 25x11x13x32 | संपूर्ण
1652 भिन्न भिन्न100 द्वारों
से जीविभक्ति 12x11x9x13 | | अपूर्ण
10 पन्ने खंरित हैं 26 x 12 x6 x 36 प्रतिपूर्ण 545 गा. 11825,मागवंड
धनरूप 25x11x9x30 | संपूर्ण 25 श्लोक 19वीं
तात्त्विक बोल
|सं.
तात्त्विक भक्ति
19वीं
धार्मिक श्लोक संग्रह प्रा.मा.
प्रोपदेशिक
गुटका | 16x13x15x24 अपूर्ण
18वीं
19वीं
सात्त्विक, भक्ति ।
जनसिद्धान्त
| संपूर्ण 29 गाथा 25 x 10 x 21x53 , चार स्तुति 1644 26 x 12 x 9 x 30
18वीं 26 x 12421 x 12 संपूर्ण
19/20वीं 26 x 12 x 16 x 33 संज्ञी मनुष्य द्वार तक 21 बोल 20वीं 25 x 13 x 13 x 35 | संपूर्ण 54 सर्वये 1876
11,13
24डक विचारवृत्ति मा. जीवगति पर्यायादि
प्रोपदेशिक
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Page #165
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148 ]
1
885
886
887
888
889
890
891
892
895
महावीर 2/10
सियां 2/150
893-4 | कोलड़ी 1109.
1158
898
899
900
901
902
903
904
905
906
11
907
महावीर 2/61 लोकतत्त्वनिर्णय
2/36
लोकप्रकाश
के नाथ 23/31
वनस्पति-सप्ततिका
1/19
कुंथुनाथ 33 / 10 वन्दन पूजा बोल
10/133 वरचरिया
31
कुंथुनाथ 33/3
896 सेवामंदिर 3 इ345
897 मुनिसुव्रत 2/260 विचार-ठाणावली
21
2
के. नाथ 10/36
कोलड़ी 1238
"
11
वर्द्धमान-देशना
805
3
13
31
महावीर 2/55 विचार- पंचाशिका
कोलड़ी 1238
2 प्रतियां
विचार- चौसठी
14 / 103 विचार- पंचाशिका - अवचरी
विचार-प्रकरण
विचार- रत्नसार
ओसियां 2 / 160 विचार-वार्त्ता
के. नाथ 13/45
विचार-सत्तरी
17
5/71
कोलड़ी 1095 विचार-सत्तरी
+ श्रवचूरी
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3 A
Lokatattva Nirnaya
Lokaprakasa
Vanaspati Saptatikā
Vandana Puja Bolā
Varacariyā
Vardhamana Desanā
22
Vicara Causathi
2 copies
Vicara Thaṇavali
Vicara Pañcasikā.
भाग ( 2 ) जैन सिद्धान्त व प्रचार विभाग - - (अ)
"
Vicara Prakarana
"P
Avacuri
Vicara Ratnas āra
Vicāra Vārttā
Vicara Sattari
+Avacuri
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हरिभद्र
विनयविजय
मुनिचंद्रसूरि
-1"
T
1
शुभवर्द्धन
राजकीर्ति (रत्नलाभ का शिष्य
नन्दसूरि
4
13
11
महेश्वरसूरि
देवेन्द्रमुनि
/ महेन्द्रप्रभसूर
प.
"
21
मू. ( प. )
मू.अ. (प.ग.
ग. तालिका
मू. ( प. )
पद्य
गद्य
11
विजयविमल (स्वोपज्ञ) मू.अ. ( प ग . )
प.
"
ग. तालिका
5
ग.
मूट. (प.ग.)
प.
ग.
11
मूल (प.)
मू अ. ( प.ग )
मूट. (प.ग.)
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जन तात्त्विक प्रोपदेशिक व दार्शनिक :
[ 149
6 7 लोकस्वरुप मान्यतायें सं.
8 8
तात्त्विक व भूगोल |
वनस्पति जीवविज्ञान प्रा.
4
8A
9 10 11 26 x 12 x 10 x 43 | अपूर्ण 141 श्लोक 20बीं 30x15x17x44 | संपूर्ण ग्रं. 17621 1953 मुंबई नक्शों सहित 26 x 1 x 11 x 35 | संपूर्ण 76 गा. 15वीं 26 x 11x9x35 , 77 गा. 15वीं 11x - प्रतिपूर्ण
19वीं 27 x 11x13x38 संपूर्ण 537 गा. 16वीं | 26 x 11 x 13x46 ,, 10 उल्लास ग्रं 5535| 17वीं प्रशस्ति है
चैत्यवंदनादि संबंधी मा. जन सैद्धान्तिक |
प्रोपदेशिक
, कथा सह
27x11x18x55
,,
,,
ग्रं 5000 19वीं
| 35,40| 26 x 11425x11
अपूर्ण
19वीं
श्रावकाचार
26x11x15x54 संपूर्ण 63 गा.(ग्रंथान 93) 19वीं
26 x 12x11 x 40
|
, 64 गा.
1947
22x16x
तात्त्विक 4 से 8 |
संख्या के बोल
,
ग्रं. 900
1611
, प्रौपदेशिक | प्रा.सं. | 6
26x12x18x52
, 51 गाथा
18वीं
13*
| 26x11x15x42
19वीं
28x13 x5x41
19वीं
25 x 13x14x50
19वीं
19वीं
26 x 11x15x42 | संपूर्ण 31x12x17x45 संपूर्ण
,, आदि विविध मा.
1883 पोहकर्ण
विनयचंद्र 16वीं
, बोल-संग्रह
29x 11x15x71
विवेचन
| 16वीं
30 x 12 x 19x86 | संपूर्ण 70 गाथा .. 26 x 11 x 11 x 39 | ,, ,, की
| 1683
प्रा.मा.
12*
| 26x11x6x44
, 76 गाथा
19वीं
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150 ]
भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग-(प्र)
3A
3 मुनिसुव्रत 2/274 | विचार-संग्रह
908
Vicāra Sangraha
संकलन
909
कोलड़ी
74
910
1330
911
808
912
946
913
810
914
1238
917 918
920
921
कुंथुमाथ 10/163 महावीर 2/63 | विचार-सार
Vicāra Sāra
देवचंद प्रोसियां 2/171 महावीर 2/50 | विचारसार रत्नाकर Vicārasara Ratnakara संकलन
प.ग. . ___5/4 | विचार-सारोदार (सिद्धांत) | Vicira+Saroddhira गजकुशल द्वारा उद्धरित ग. तालिका
(Siddhanta) गुटका 1 विचार-स्तवन
Vicára Stavana
प्रानंदनिधान 22155 | विचारामृतसार-संग्रह Vicirimrta Sara Sangraha कुलमण्डनसूरि ., 29/20 | विनय-पच्चीसी Vinaya Paccisi _13/45 | विवेक-मंजरी
Vivekamanjari
पासड
मू. (प) कंथूनाथ 55/4 | विवेक-विलास+बाला. Viveka Vilasa (Bālā.) जिनदत्तसूरि/- मू बा. (प ग.) के नाथ 22/58 | पिव:-विलास
जिनदत्ससूरि मू. (५) ... 14/137 , 1/12 , +बाला.
+ Bala /सोमचंद
मू.बा. (प.ग.) कोलड़ी 1094 विवेक विलास
कुशलाजी
922
923.
924 |
925
926
927
929 | महावीर 2/11 | विशति स्थानक विचारामत | Vimsati Sthanakavica a. | जिनहर्षगणि
संग्रह |
mpta Sangraba 930 ., 2/42 विशेष-संग्रह
Višesa Sangraha समयसुंदर कुंथुनाय 36/1 वृद्ध पाराधनासार Vpddha Arādbanāsára | देवसेन
क्र. । कोलड़ी 1344 | वेदपंचाशिका
Veda Pancasika
बनारसीदास
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जैन तात्त्विक, श्रोपदेशिक व दार्शनिक :
विविध धार्मिक विषय प्रा.सं.
"
""
6
=
11
"
27
"
""
"
"1
33
„
=
""
लौकिक धर्म
जैन दर्शन सारांश व प्रा.मा.
कर्मसिद्धान्त
11
विविध धार्मिक विषय प्रा.सं.
बोल
जीव ग्रायु विचार |
प्रोपदेशिकादि
श्रीपदेशिक
मा.
श्रौपदेशिक जैन
प्रा.मा.
11
चार अनुयोग
प्रा.सं.मा 4
7
मा.
"
मा.
13
प्रा.सं.मा 56 *
सं.
सिद्धान्त प्रा.
मा.
स.मा.
सं.
=
23
23
मा.
विधि विचार कथा सं. संग्रह तात्त्विक पारिभाविक प्रा.सं. उद्धरण श्रीपदेशिक यति
प्राराधना
111
9
8
15
6
13
78
56
150
83
8*
59
1
24*
117
40
सं.मा. 13
42
4
117
30
प्रा. गुटका
हि.
3*
8 A
www.kobatirth.org
26 × 11 × 21 × 60 प्रतिपूर्ण
26 × 11 × 10 × 25
26 x 10 x 20 x 54
31 x 11 x 20 x 60
26x11 x 6 x 48
31 x 11 x 19 x 44
28 x 13 x 4 x 32
26 x 11 x 17 x 51
24 x 10 x 16 × 48
30 x 12 x 19 x 86
25 x 11 x 14 x 34
30 × 11 x 16 x 44
26x11 x 15 x 42
त्रुटक
27 × 12 × 16 × 50 संपूर्ण
25 x 12 x 3 x 28
26 x 11 x 15 × 33
26 × 11 x 15 × 51
25 x 12 x 16 x 32
28 x 13 x 13 x 31
11
26 × 11 × 15 x 50
प्रतिपूर्ण
27 × 12 × 1 4 × 42 संपूर्ण
22 x 19 x 22 x 32
91
37
33
31
संपूर्ण 304 गा.
207 TT.
"
33
11
"
37
31
9
46 गा.
25 अध्याय
25 HT.
144 गा.
13
अपूर्ण पांच उल्लास तक अपूर्ण 52 छंद
संपूर्ण ग्रं. 2800
140 विचार
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19वीं
16at
, 12 उल्लास ग्रं. 4321 1698 सोनगिरि,
विमल
संपूर्ण 12 उल्लास
17वीं
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10
16at
1766
19वीं
19वीं
19वीं
19at
19at
19वीं
18वीं
1892 राधनपुर वल्लभविजय
17 at
1733
1814
1671
1745
26 x 13 x 13 x 31
2 3 × 20 × 21 × 38 लगभग पूर्ण (7 से 115 गा | 1544
(अत)
26 × 11 × 23 x 55
अपूर्ण 22 गा.
20वीं
[ 151
11
अंतिम 2 पन्ने शास्त्र
उद्धरण
शास्त्रों के उद्धरण
19वीं
19वीं
1933 मुंबई 1502 की कृति, नानचंद्र प्रशस्ति है 1873 बीकानेर बीजक सह
कुशल मुनि
Page #169
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152 ]
भाग (2) जन सिद्धान्त व प्राचार विभाग-(प्र
3A
45
933
Vairāgya-bivani
लालचंद
कोलड़ी 956 वैराग्य-बावनी कुंथुनाथ 36/2 | वैराग्य-मणिमाला
Vairāgya Manimālā
विद्यानंद
ta..
के.नाथ गु 28 ] व्यवहार निश्चय क्रियाकवित्त Vyavahira Niscaya Kriya
संग्रह
kavitta Sangraha कोलड़ी 806 | व्याख्यान-चर्चा Vyikhānya Carca
Vratasāra Sangraha
प्रभाचन्द्र
क्र.16
Sastravārtti Samuccayaहरिभद्र यशोविजय |
Śişya Battisi
जयचंद
Mila Kulaka
मू (प)
sila Kekade
ऋषि जयमल
sila Gita
कुंथुनाथ 36/1 | व्रतसार-संग्रह महावीर 2/291 शास्त्रवार्ता समुच्चय के.नाथ 26/92 | शिष्यबत्तीसी
औसियां 2/416 | शीलकुलक
के.नाथ 24/44 | शीलकेकड़े 942 | सेवामंदिर 2/429 , 943 कुंथुनाथ 54/1 | शीलगीत
सेवामदिर गु. 3 ति शीलबत्तीसो
के नाथ गुटका 1 946 , 14/90 | शीलरास (नेम-राजुल) 947 , 14/42 948- कोलड़ी 244,270
2 प्रतियां 491 950-2 | के.नाथ 6/77,14
3 प्रतियां 89 16/14 953 सेवामंदिर 4 9 192
Fila-battisi
राजसमुद्र
| Sila Rāsa (Nema-Rijula) | विजयदेवसूरि
,, 2 copies
3
,
954 | कोलड़ी गु 2/5
शी नगस
Sila Rāsa
धर्मसिंह मुनि
संकलित
ग तालिका
955- महावीर 385 से 87 शीलांगरथ
silānga Ratha 57 958 | कुंथुनाथ 12/216 शीलोपदेशमाला बाला. | Silopadesamāla + Bala. 959
, 18/6 / शीलोपदेशमाला
जयकीत्ति/मेरुसुंदर मूबा. (प. जय कीत्ति (जयसिंहसूरि मू. (प)
शिष्य
"
+वृत्ति
+Vrtti
960 961
के नाथ 3/28 , 13/28 शीलोपदेशमाला , 4/17 , +बाला.
जयकीत्ति
मू ट (प. | मू.बा. (प.
962
+Ba..
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जैन तात्त्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक :
[ 153
___ 8 A
9
10
11
प्रौपदेशिक
19वीं
25 x 11 x 15x42 संपूर्ण 52 पद 25 x 20 x 15 x 28 , 33 श्लोक
1794
14
17x13x13x 13 प्रतिपूर्ण 1712
19वीं
धार्मिक उपदेश
31x11x15x56 | संपूर्ण
1876x वनेचंद
औपदेशिक (तप)
गुटका
23x20x21x38
, 33 श्लोक
1544
जनन्याय व अन्य
347
27x13x15x46
700 श्लोक की | 20वीं
विद्यार्थी-गुण
20x16x22x18
, 33 गाथा
1761
प्रोपदेशिक (ब्रह्मचर्य)
प्रा.
13*
26x13x16x30
1953
ब्रह्मचर्य-उपदेश
12*
|
26x11x21x63
16 पद
19वीं
25x11x13x30
19वीं
26x 11x7x30 |
31 गा.
19वीं
16x13x14x17
34 गा.
17वीं
22x19x22x32
32 गा.
1814
26x11x11x42
70 गा.
1611
26x11x17x55
1795
9,11
19वीं
27x11424x21 | | संपूर्ण 76/69 गा. 26 x 10से 12 x भिन्न |, 76,77,68 गा
5
25x11x13x48 | अपूर्ण गा. 24 से 80
19वीं
"सह दृष्टांत ,
ब्रह्मचर्य व संयम के प्रा.
बोल प्रोपदेशिक कथा सह प्रा.मा
गुटका | 15x11x11x22 | संपूर्ण 64 गा.
1823x राम
सागर 2,2,11 26x11412- । प्रतिपूर्ण (अतिम में अधिक 19वीं
| यंत्र चित्रनुमा
नकल) 26 x 11 x 15 x 50 | संपूर्ण 115 गा.की कथासह 16वीं 26 x 11 x 13 x 42 | संपूर्ण 115 गा. 1608 26 x 11 x 13 x 45 | संपूर्ण ग्रं 6655 कथासह 1659 वृत्ति शीलतरङ्गिणी
नाम्नी 26x11x5x25 , 114 गा
प्रोपदेशिक
18वीं
| 11
| 26x11x13 x 47 | , 117 गा.
18वीं
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154 ]
भाग (2) जन सिद्धान्त व प्राचार विभाग-(प्र)
3A
963 | के.नाथ 4/16 | शीलोपदेशमाला
Silopadeśa Mäla
जयकीति
मू. (प)
, 3 प्रतियां
,
3 copies
964 , 6/18,19, 965a/b/ 125-29 966 | कथूनाथ 53/5
970
"
+वृत्ति
967 , 29/1 , +बाला. +Bali.
म बा. (प.ग. 968 | मुनिसुव्रत 2/269 श्राद्धदिनकृत्य
Śrāddha Dinakstya देवेन्द्रसूरि
मू. (प) 969 | के नाथ 17/43 कोलड़ी 803A
+Vrtti | .,- देवेन्द्रसूरि स्वोपज्ञ मू वृ (प.ग. 971-3 | के.नाथ 6/9-71,
3 प्रतियां 3 copies
मू. (प.) 15/23 974 , 5/112 " +वृत्ति +Vrtti
मू वृ. (प.ग. 975 , 14/57 | श्राद्धदिनकृत्य का बालावबोध , ki Baliva
bodba 976 कुंथुनाथ 33/7| श्राद्ध वि (धि ?)
Sraddha Vi........
977 महावीर 3 प्रा123| श्राद्धविधिप्रकरण---वृत्ति
| Sraddhavidhi Prakarana
रत्नशेखर रत्नशेखर| मु.वृ.
+
+Vrtti
स्वोपज्ञ
978
,
3 या 36
+
979
,, 3 या 122
,
+ ,
+ ,,
980
के नाथ गू 26/91 श्रावकाराधना
Śrávaka Årādhana
प्रज्ञात
981
प्रोसियां 3 443
प्रोसिया
के.नाथ 14/3
महिमासुंदर
983 | प्रोसियां 3 444 |
अज्ञात
984 | के.नाथ 21/1
समयसुंदर
985
कुंथुनाथ 25/3
986-7 कोलड़ी 378,380|
2 प्रतियां
2 copies
988
375
989
381
देवेन्द्रगणि
990
377
पाठक राजसोम
991
प्रोसियां 3 अ 45
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जन तात्त्विक प्रोपदेशिक दार्शनिक :
[ 155
6
7
8 |
8A
9
10
11
प्रौपदेशिक
26x11x11x40/ संपूर्ण 116 गा.
18वीं
(कहीं जयवल्लभ
भी नाम है)
6,3, 923से 25x11 x भिन्न ,, 116/125/116 गा. 19वीं 26 x 11 x 12 x 40 |, 116
19वीं 26 x 11 x 11x44 अपूर्ण गाथा 10 से 116| 19वीं
प्रत ता| | 26 x 12x11x38 | संपूर्ण 325 गा. (I.360) 15वीं | 25x10x9x31 ,, 342 गा. 16वीं
श्रावकाचार
13वां पन्ना कम
269 | 28x11x15x54 1, 8 प्रस्ताव ग्रं.12820 1676 को वह- 17वीं शताब्दी की
राई गई ही लगती है 16,12/ 26x11x13x35 ,344 गा. 19वीं 14
| 28 x 17x17x 36 | अपूर्ण 247 गा तक ही | 20वीं
30x12x17x55 | संपूर्ण
19वीं
प्रा.सं.मा| 382
26 x 12 x 15 x 56 | त्रुटक
16वीं 25 x 11 x 14 x 40 | संपूर्ण 6 प्रकाश ग्रं.6761 1658, वासा, प्रशस्ति है वृत्ति विधि
लक्ष्मण
कौमुदी 26x11x7x43
, 1802,सिवाणा, टब्बाकार ऋषिविजय
। विद्याविजय 27x13 x 13 x 53 | , , ग्रं.6760 1964 जोधपुर
गोपीकिशन 16 x 13 x 15 - 24 , 50 गाथा 18वीं 26 x 11 x 17x53 | ,
16वीं मूल प्राकृतानुसार 26 x 11 x 13 x 44 , ग्रं. 166 17वीं 27 x 12 x 14 x 49 | संपूर्ण
1846 उर्जपुर की नकल
बखतसुंदर 25x11x11x35 ,.
19वीं
23 x 11x9x34
अपूर्ण (पन्ने 3 से 11 अंत, 19वीं
27x12xभिन्न 2
संपूर्ण
19वीं
26x13x13x42
1903
27x12x16x42
1859
24x10x12x35
1888 जैसलमेर मूल प्राकृतानुसार 1906,सुभटपुर
उपकेशगच्छे
24x11x15x36
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156 ]
भाग (2) जैन सिद्धान्त व आचार विभाग-(प्र)
। 23
3A
992 कोलड़ी 376
श्रावकमाराधना
Śrāvaka Ārādhana
993
के.नाथ 15/31
श्रावकगुण-चौपई
Śrāvaka Guna Caupai
समयराज उपाध्याय
994
| कोलड़ी 1347
श्रावक-नित्यकर्त्तव्यानि
Śrāvaka Nitya Karttvyāni
Śrāvaka Manorathamāla
995 | कुंथुनाथ 55/20 श्रावक-मनोरथमाला 996
| प्रोसियां 2/152 | श्रावक-वक्तव्यता
Śrāvaka Vaktavyatā
मू. (प)
997
के.नाथ 22/70
श्रावकव्रत
Śrāvaka Vrata
दासानंद (सेनसूरि का
शिष्य) देवेन्द्रसूरि
998 | श्रोसियां 3 5 226 श्रावकव्रत भंग-प्रकरण
| Srāvaka Vrata Bhanga
,, ki Avacūri
| महावीर 3 पा 38 , की अवचूरि 1000 | के.नाथ 9/28 श्रावकवतभंग -22 अभक्ष्य 1001 | कोलड़ी 855 श्रावकाचार
,,+22 Abhaksya -
मू.अ.
Srāvakācāra
जोगेन्द्रावार्य
1002 | कंथुनाय 54/6 शृंगारवैराग्य मुक्तावली
Srigāra Vairagya Muktavali सोमप्रभाचार्य
1003
के.नाथ 19/22 पडावश्यक-चौपई
Şadāvasyaka Caupai
दानविजय
मू (प) ट.
1004 | कोलड़ी 982 | षड्दर्शन-समुच्चय
Şaļdarśana Samuccaya
हरिभद्रसूरि
मू.अ.-(प.
1005 | कथूनाथ 36/1
मू प.
क्र.28
1006 महावीर 2/289
1007 | कोलड़ी 1221
" +टीका
+Tika
हरिभद्र गुणरत्नसूरि | मू वृ. (प ग
+
हरिभद्र/
1008 | महावीर 2/290 , +, 1009 .. 2/44 | षड्द्रव्य का प्रश्न 1010
2135/ षोडशक+वृत्ति
Şaddravya kā Praśna
Sodasaka+Vrtti
हरिभद्र/अभयदेव
मू.वृ. (प.ग
1011 सेवामदिर 3 इ345/ सचित्ताचित्तस्वादिमादि
Saciitacitta Svadimadi
| श्रीपति मुनि
Sajjanacitta-vallabha
मल्लिषेगा
1012 | कुंथुनाथ 36/1 | सज्ज नचित्तवल्लभ
क्र.38 1013-| महावीर 2/394-5 , 2 प्रतियां
,
2 copies
4
1015 | प्रोसियां 2/308
, +बाला.
,
+Bala.
मल्लिषेण
मू.बा. (प.
Sattharisaya
भंडारी अनेमीचंद
मू. (प)
1016 | के.नाथ 915 सरिसय (षष्टीशतक) 1017 | , 11/73 |
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जंन तात्त्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक :
[ 157
____ 6
___1011
श्रावकाचार
78 8A
9 प्र.मा. 4 26 x 10 x 15 x 50 | संपूर्ण मा.
26x11x13x36 |, 46 गाथा
19वीं
19वीं
25 x 1 x 12 x 35
अपूर्ण 78
19वीं
26x11x15x52 |
संपूर्ण
17वीं
, 103 गा.
16वीं
26 x 12 x 11 x 40 26 x 12 x 11 x 35
,, 12 गा.
18वीं
26x11x19x56
,
40 गा.
1505, पाटकनगर, जयवीर 18वीं
26 x 11 x 25 x 66
, 40 गाथा की
26 x IIx 16x60
,
41+7 गा.
16वीं x शिव- अंत में 25 गा. बाला
निधान सम्यक्त्व स्तवन 19वीं
गृहस्थ धार्मिक कर्त्तव्य प्र.
29x11x10x34 संपूर्ण
औपदेशिक
27x ||x15x70
, 47 श्लोक
18वीं
26 x 12x20x40
18वीं
1730 की कृति
प्रावश्यक का महत्व
पादि दार्शनिक
34x13x10x43
1537
गुटका | 23x20x21x38
1544
3
26x11-13x46
18वीं
26x12x12x32
87 श्लोक की
19वीं
वृत्ति-तर्क रहस्य
दीपिका नाम्नी
29x14x17x46
2010
तात्त्विक प्रश्नोत्तर
27 x 13 x 10 x 28
प्रतिपूर्ण
20वीं
दार्शनिक
36
| 30x14x18x48 | संपूर्ण 297 श्लोक की
1915 महिमद
पुरे अभयविज 18वीं
26 x 12 x 14 x 34 | संपूर्ण 18
गा.
संद्धान्तिक प्रौपदेशिक मा. सुभाषित प्रौपदेशिक सं.
गुटका 23x20x21x38
, 25 श्लोक।
1544
25x13/12 x भिन्न 2
,
20वीं
सं मा.
7
| 27x14x13x38 |
, 25 श्लोक का
20वीं
प्रोपदेशिक तात्त्विक प्रा.
26x11x9x36 |
161 गाया
16वीं
26 x 11x11 x 34
, , (पहिलापन्नाकम) 16वीं
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_158 ]
भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग-(अ)
3 A
Satharisaya
भंडारी अनेमीचंद
1018 | सेवामंदिर 2/425| सट्टरिसय 1019 | प्रोसियां 2/152
,,
+Bala.
भंडारी अनेमीचंद
मू बा. (प ग.
1020 | के.नाथ 20/41 , +वाला. 1021- ,, 4/13,6/37, सटुरिसय (पांच प्रतियां)
10/59,15/ 25,19/123/
,, 5 copies
मू. (प.)
"
+Vrtti
1028
1026 , 6/2 | सटुरिसय+वृत्ति
मू.व (प.ग.) 1027 | ,, 23/32 | , का बालावबोध , kā Bālāvabodha 5/77 | सद्भाषितावली Sadbhāṣitāvali
सकलकत्ति 1029 | प्रोसियां 2/240
संकलित 1030 | कोलड़ी 1101 1031 के.नाय 17/24 | समयसार प्रात्मख्यातिसह | Samayasāra+Atmakhyati| कुंदकुंद अमृतचंद्राचायं मू.व. (प.) 1032 | महावीर 2/56
कुंदकुंद , 1033 | कोलड़ी 1228 ,, तात्पर्यवृत्तिसह Samayasāra-+Tatparyavrtti , जिनसेन | , (प.ग.)
1034| के.नाथ 15/99 समयसार की प्रात्मख्याति टीका
. kiAtmakhyati | प्रमतचंद्राचार्य
Tikā Samayasāra-Kalasa
Samayasära Nataka
बनारसीदास
1035 कोलड़ी 834 | समयसार-कलश 1036 | पोसियां 2/166 | समयसार-नाटक 1037 कुंथुनाथ 3/50 1038 | कोलड़ी गु.11/12
1039
1040
__, गु. 10/5
1041
845
1042 | के नाथ 14/72
1043 कंथुनाथ 11/201
| सेवामंदिर 2/358
1045
359 | समयसार की समालोचना |Samayasara ki Samālocana
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बन तात्त्विक, प्रौपदेशिक व दार्शनिक :
[ 159
11
6 7 8 8A
9 10 प्रौपदेनिक तात्त्विक प्रा. | 24 x 11 x 11x42 | अपूर्ण 53 से 160 गाथा ही 16वीं
, 123* | 26 x 12 x 11 x 40 | संपूर्ण 161 मा. 16वीं प्रा.मा. | 29 25x11x11x38 . , गा. का 19वीं
| 27,5, | 25से 28 x 10से 12 | , 161 गा./157 गा. 19/20वीं
26 x 11 x 15 x 50 अपूर्ण 45 गा तक
19वीं
27x11x17x51 | संपूर्ण 160 गा. .
17वीं
प्रौपदेशिक सुभाषित सं.
17वीं
जैन धार्मिक ,
,
26 x 11 x 11 x 30 | संपूर्ण 388 श्लोक 30 x 15 x 12 x 32 26 x 11x16 x 49 | अपूर्ण 123 श्लोक
., 495 .
18वीं
19वीं
प्राध्यात्मिक तात्विक प्रा.सं. |
20x11x16x491
1703
26x12x13x35
417 श्लोक
1714
26x11x13x36
443 गाथा
1761 सलमेर संशोधित
कान 19वीं
25x10x11x34
280 श्लोक
32x11x10x33
|
,
260 पद
19वीं
हिन्दी
26x11x19x44 | संपूर्ण
1713
26x11x15x45 अपूर्ण त्रुटक
1758
1773
16 x 15 x 17x25 | 31x11 x 11x36
अंत में 33 सर्वये
प्राध्यात्मिक
1815, सलूंडा
प्रसिद्धविजय 1884
19x 13x 13x23
32x12x13x36
19वीं
पद)
26 x 11x9x31 | अपूर्ण (अजीव द्वार + 28| 19वीं 22x17x भिन्न 2 | संपूर्ण
19वीं 26 x 12 x 26 x 68 | , 727 1919
31x11x17x46
19वीं
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160 ]
भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग-(प्र)
उ. यशोविजय
1 2
3
3A 1046 | महावीर 2/402 | समाधितन्त्र
Samadhi-tantra 1047-| पोसियां 2/292,| , दो प्रतियां
, 2 copies 153 1049 | कुंथुनाथ 14/14 |समाधितन्त्र (प्रात्मबोध प्रात्म- , (Atmabodha)
रक्षिता) 1050 | कोलड़ी 1197 | , +बाला.
, +Balavabodha 1051 | के नाथ 11/94 | समाधिशतक+वृत्ति Samadhi-sataka+vrtti
मू.बा. (प.ग.
पूज्यपाद/पं. प्रभाचंद
मू वृ. (प.ग)
1052 सेवामंदिर 3 इ345| सम्यक्त्व-अधिकार
Samyaktva-adhikara
1053 | महावीर 2/117 सम्यक्त्वरत्न महोदधि-वृत्ति Samyaktva Ratna Maho
dadhi+Vrtti 1054 | प्रोसियां 2/305 सम्यक्त्वविचार+वृत्ति | Samyaktva-Vicāra+Vrtti
चन्द्रप्रम/चन्द्रेश्वर,
तिलकाचार्य
मू.वृ. (प.ग.)
मू.व.
1055/ के.नाथ 11/14 | सम्यक्त्वविचार का बाला.
I
kā Bālāvabodha
1056/प्रोसियां 3 4 50 सम्यक्त्व सडसठ बोली सज्झाय Samyaktva 67 Boli Sajjhāya| उ. यशोविजय
1057_ महावीर 3 इ 60 1058 के.नाथ 19/7
, 4 copies
1059- कोलड़ी 284 से
, 4 प्रतियां 62
6.305 1063 | कंथुनाथ 3/47 | सम्यक्त्वस्तव+बा.
Samyaktva-stava+Bala.
मू.बा. (प.ग. मू.अ. (प ग.
1064 कोलड़ी
118 | सम्यक्त्वस्तव-प्र.
+ Avacūri
1065 | महावीर 2/75 सम्यक्त्वस्तव+अ.
मू. (प.)
1066 के.नाथ गु.26/103 | सम्यक्त्वस्तव
Samyaktva-stava 1067- ,, 11/74,6/75 , +बा. 2 प्रतियां | , +Bali 2copies, 1069 | सेवामंदिर 2/427| सम्यक्त्व-स्वरूप Samyaktva-svarūpa
मू.ब. (प.ग.)
Sarvajña-śataka
धर्मसागर
मू. (प.)
Savaiya-bavani
जसराज
1070 कोलड़ी 448 1071 के.नाथ 10/28 | सर्वज्ञशतक 1072 | मुनिसुव्रत 3 इ 306/ सर्वयाबावनी
| कोलड़ी 98 संग्रहणी + बाला. 1074 | के.नाथ 22/62 संग्रहणी 1075 , 1058 ,
1073
Sangrahani+Bala.
म.हेमचंद्र शिष्य/श्रीचंद मू.बा. (प ग.
श्रीचंद
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जैन तात्त्विक, श्रोपदेशिक व दार्शनिक :---
आत्मभेद दज्ञानादि मा.
11
योगतात्विक
17
प्राध्यात्मिक
दार्शनिक
19
""
11
"
"1
37
6
11
"1
:
"
ज्ञानविषयक पद
लोकस्वरूप
21
सं.
सं.मा.
सं.
7
मा
प्रा. सं
मा.
23
प्रा. मा
प्रा.सं.
"
प्रा.
प्रा.मा
मा.
"
STT.
मा.
प्रा मा.
प्रा
6
5
9*
*, 19 * 25 × 11 व 12 x भिन्न
26 × 12 x 13 x 42
27 × 13 × 17 × 38
29 × 1 3 × 10 × 31
25 × 11 × 14 × 50
50
29
2
248
5
4
5
6
7
8
11
6
7*
1 +1
4,5
3
4
8
3
70
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16
8 A
25 × 13 × 1 2 × 34 संपूर्ण 105 दोहे
105 दोहे
104 श्लोक
3,3,5, 26 से 29 x 10 से 12
26*
22 x 12 x 15 x 48
26 x 10 x 16 x 42
25 × 11 × 17 x 46
25 x 12 x 20 x 56
26 x 12 व 25 x 11
25 × 10 × 16 × 60
24 × 12 × 12 × 28
26 x 11 x 10 x 33
25 x 10 x 18 x 50
27 × 1 2 × 13 × 40 संपूर्ण
26 × 11 × 11 x 37
14
27 x 13 x 14 x 36
31
31
26 x 11 x 11 x 47
अपूर्ण 49 श्लोक
संपूर्ण
"
11
26 × 11 x 10 x 34
27 × 13 × 16 × 48
25 × 11 × 11 × 50
28 x 12 x 11 x 34
25 × 10 × 10 × 34 संपूर्ण 68 गा /ग्रं 125
68/70 TT.
25 गा.
"
"
अपूर्ण
संपूर्ण 68 गाथा
1
37
21
21
31
39
अपूर्ण
संपूर्ण
31
9
17
पांच अधिकार ग्रं. 8000
11
"
24 TTT.
25 गा
25 गा. का
124 TT.
56 सर्वये
310 गा.
312 गा.
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1,875, सोजत, भनीदास
19/20at
19वीं
19वीं
19at
1904
10
1753 पाटण
अबादत्त
19वीं x तलजा
राम
19वीं
19वीं
19वीं रागपुर, प्रमस्ति / वृत्तिकार जयसिंह गुरु शिवप्रभ शास्त्र उद्धरण
18वीं
19वीं
1730
18at
18वीं
18वीं
19वीं
17वीं
1882
19at
1783
1580
16at
16at
[ 161
11
अंत में पुद्गलपरावर्त्त सावचूरिप्रास 11 गा
दो बार लिखा है
त्रैलोक्यदीपिका
नाम्नी
Page #179
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162]
1
1076
1078
1077 मुनिसुव्रत 2 / 260
ओसियां 2 /182
1079 कुंथुनाथ 15 /4
के. नाथ
1/7
23/40
5/53
14/7
11/55
1080
1081
1082
1083
1084
1085
1088
1089
1090
1091
1092
1093
1094
के. नाथ 13 / 45 संग्रहणी
1086 कोलड़ी 1121
1087
महावीर 2/109
के. नाथ 6/27
23/33
20/13
सियां 2 / 143
कोलडी 100
ओसियां 2 / 183
कोलडी 97
ओसियां 2 / 185
1096 कोलड़ी 383
1097 के नाथ 20/14 1098 प्रोसियां 2 / 180 1099 कोलड़ी 94 1100 कोलड़ी 96
1095
17
"
39
31
13
2
")
""
10'18
""
""
"}
,,+ वृत्ति
संग्रहणी
21
"1
""
37
"
31
"
""
"
11
19
37
17
17
23
"}
12
3
"
+ वृत्ति
+ बाला.
+ वाला.
+ बाला.
- बाला.
www.kobatirth.org
Sangrahani
39
"3
""
95
23
"
33
""
"
11
י,
3 A
93
+Vrtti
+Vṛtti
+Bālā,
+
+
35
33
+ Bala.
For Private and Personal Use Only
भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्रचार विभाग- ( प्र )
श्रीचद्र
11
19
27
"
श्रीचंद्र / देवभद्रसूरि
श्रीचंद्र
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
"
श्रीचंद्र देव भद्रसूरि
/ x
""
4
/ -?
/ -? श्रीचंद्र
"1
"
मू. ( प. )
मुट. (प.ग.)
मू. (प.)
21
5
मू.वृ. (प.ग.)
मूट. (प.ग.)
मू ( प. )
मू.वृ. (प.ग.)
मू.बा. (पग.)
मू.
""
77
བ
मू. ट. (प.ग.)
=
"1
मू बा. (प.ग.)
मू. ( प. )
मू.ट. ( प.ग.)
मू. ( प. )
Page #180
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जंन तात्त्विक प्रोपदेशिक दार्शनिक :
[ 163
___ 6
8A
10
11
7 8 प्रा. | 24*
लोकस्वरूप
30 x 12 x 19x86| संपूर्ण
16वीं
प्रा.मा.
26x11x8x48
,
277 गा.
16वीं
26x11x13x42
,
286 गा.
16वीं
25x12x11x37
, 311 गा.
16वीं
26X11x15x48
,
ग्रं. 3500
1642
26x11x8x37
ग्रं. 1757
1651
प्रा.
प्रा.सं.
प्रा.मा.
26 x 11 x 11x38 289 गा. 1678 26 x 11 x 15 x 54 , 273 गा./ग्रं.3500/ 17वीं 25x10x15x50 , ग्रंथान 1700 17वीं 26 x 11 x 15 x 53 , 280 गा (अंतिम | 17वीं
पन्ना कम) 26 x 10 x 16 x 50 संपूर्ण केवल अंतिम पन्ना कम 17वीं
26x11x11x36
,279 गा प्रथम
17वीं
25 x 11 x 11x28, 3255 गा. (299) 26 x 11 x 13x41 संपूर्ण 298 गा. 27x12 x 14 « 39
1700
प्रा.मा.
1702
27x12x6x33
344 गा.
1792,चौबारी
जसविजय 1795
25x11x26x52
|
, 279 गा.
26x11x11x34
,,
283 गा.
18वीं
| 23x10x13x36
, 323 गा.
18वीं
26 x 11x11x34
,
378 गा.
1800,विक्रमपुर
नरसुंदर 1807
25x10x12x48
, 313 गा.
प्रा.मा.
26x12x17x35
345 गा.
1816
26x12x5x38
, 357 गा.
1817,भटपद्र,
लीलाधर 1825
25x11x14x42
, 313 गा. , 323 गा.
| 25 x 10 x 16 x 50
1833
For Private and Personal Use Only
Page #181
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164 ]
1
1101 प्रोसियां 2 / 184
1102 सेवामंदिर 2/426
1103 कोलड़ी 69/5
1104 के. नाथ 14/60
20/10
14/141
1107 कुंथुनाथ 42/2
1108 | के नाथ 17/66, 13 23/24, 6/16, 21/82, 6-23, 15-202
1114 कुंथुनाथ 4 / 88
1105
1106
"
"
1115- प्रोसियां 2 / 181-87 17 -86 1118 कोलड़ी 95-1-3-2, 22 1120
1123 मुनिसुव्रत 2 / 319
1139
2
1124 के नाथ 6-30,208, 13-52 1127 कुंथुनाथ 4/87
26
1128 . नाथ 15/21
1129 कोलड़ी 101,99 30 1131 | के. नाथ 10/1
2 1133
10/70 1/32
1134 महावीर 2/77
1135 कोलड़ी 102
"
"
संग्रहणी + बाला.
17
11
11
11
"1
21
11
"1
11
11
12
31
21
,
27
3
12
+ वृत्ति
"
6 प्रतियां
3 प्रतियां
5 प्रतियां
3 प्रतियां
+ बा.
संग्रहणी की चूरि
संग्रहणी के टब्बे (नोट्स )
1136 के नाथ 14 / 111 संतोषछत्तीसी
1137 | कुंथुनाथ 36/1 संबोध - पंचाशिका क्र. 6A
1138 के. नाथ 16 / 20 संबोधसत्तरी
10/54
+ वृत्ति
+ बा. 2 प्रतियां
+ बा. 2 प्रतियां
+ वृत्ति
www.kobatirth.org
3 A
Sangrahani + Bāla.
35
"
39
25
33
""
23
29
+ Vrtti
भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग - (अ)
6 copies
39
3 copies
5 copies
3 copies
+ Vrtti
+ Balā 2copies
+Bala,2copies
+ Bālā.
Santosa-chattisi
ki Avacuri
ke tabbe
Sambodha Pañcāśikā
Sambodha-sattari
+ Vrtti
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"1
श्रीचन्द्र / प्रतापविजय ( जिनविजय का ) श्रीचन्द्र
"1
"
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
,,/ – ?
श्रीचन्द्र
"1
39
""
4
""
,/?
,,/?
..!?
,,/ शिवनिधान
समय सुंदर
मू.बा. (प.ग.)
मू. ( प )
"
"1
मूवृ. (पग.) मू प.
"1
5
मूट. (पग.)
ग.
मू.वृ. (प.ग.)
मू.बा. (प.ग.)
13
प.
""
"
ग. तालिका
मू. ( प. )
जयशेखर
मूट. (प.ग.) जयशेखर / अमरकीति | मू.वृ. (पग.)
Page #182
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जैन तात्त्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक :
[ 165
7
| 8 |
8A
10
11
6 लोकस्वरूप
28x13x15x52 | संपूर्ण 367 गा./ग्रंथाग्र | 1847,अाद्रि- प्रशस्ति है
3520+यंत्रों के 2700/याणा,जिनविजय 25x11x12x44
16वीं
त्रुटक
24x10x11x40 अपूर्ण
16वीं
26x11x11x40
टक
1670
26x [1x7x24
8
अपूर्ण(131 से 286 गा.) 17वीं 35 25 x 11x4x48 ।। (176 गाथा तक)| 17वीं
26 x 12 x 13 x 35 ,, (204 से 358 गा.) 1794 23,13, 25से 27 x 11से 12 पांच पूर्ण छठी अपूर्ण 97 गा| 19/20वीं । पूर्ण प्रतियों की गा. 16,17,
278/323
13.11
22
26x13x13x36 | संपूर्ण 393 गा.
1938
151
16,161
12,11 23से 27x11से 12 , 283/378 गा. 19वीं 116,20,16, 25से 27x11से13 | चार पूर्ण, पांचवी अपूर्ण | 19/20वीं । पूर्ण प्रतियों की गा.
222 गा. | भिन्न 2 जगह 317/326 प्रा.मा. 51 | 25 x 11x5x33 | संपूर्ण 313 गा. | 20वीं
46,47,8| 25से28 x 10से 13 प्रथम पूर्ण अंतिम दो अपूर्ण| 19/20वीं , 29 26 x 13x11 x 40 संपूर्ण 317 गा. 1887
प्रा.सं.
22
26x11x15x43पूर्ण गा.206 से 273 तक 19वीं
57,30/25 x 12 x 5/18 x 45| संपूर्ण 393, 370 गा. का 19/20वीं | 97,33 26 x 11 x 9/13 x 40| प्रथम संपूर्ण 217, द्वितीय 19वीं
अपूर्ण 11 | 25 x 11x18 x 50 | अपूर्ण 49 गा. तक ही 19वीं
26x11x19x64
पूर्ण 276 गाथा की
16वीं
देवभद्र की वृत्ति के
अनुसार
संपूर्ण प्रति
17वीं
प्रौपदेशिक
18वीं
29 x 11x26 x 11 x 23 x 66 | संपूर्ण 36 गाथा 23 x 20 x 21 x 38 | , 50 गाथा 1544
26 x 11 x 11 x 41 | अपूर्ण 25 से 73 (अंत)गा| 1552 | 27 - 11 x 15 x 47 | सपूर्ण 76 गा./. 800 | 16वीं
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166 ]
1
1140 मुनिसुव्रत 2 / 323 | संबोधसत्तरी
1141 कोलड़ी 1184E
1142 | मुनिसुव्रत 2 / 252
1143 प्रोसियां 2 / 232
1144 के. नाथ 6/36
1145 | कोलड़ी
1146 ओसियां 2/169
1147 के नाथ 21 /16
1148 कोलड़ी 130
8/19
1149
1151
1150 ओसियां 2 / 168
2/233
1152 | कुंथुनाथ 14/9
1153 कोलड़ी 129
11:4 56 1157
1158
"
1163
1164
22
1166
2
"1
के नाथ
31
818
"
""
""
"
"
128,1234, 1331
5/83
15/55
1159
18/47
1160 | सेवामंदिर 2/379
1161 कोलड़ी 278 संवेळी कसौटी
1162 सेवामंदिर 3 इ345 |
""
"
""
"
27
"
"1
3
"
+ वृत्ति
+ बाला.
3 प्रतियां
+ वृत्ति
www.kobatirth.org
31
Sambodha-sattari
"1
""
93
35
33
3 A
33
+Vrtti
+Bālā.
के. नाथ 5/32 सप्तव्यमन - परिहार
Saptavyasana Parihāra
कुंथुनाथ 2/5 | साधु-प्रचार - दोष
Sadhu Acara-dosa
1165 सेवामंदिर 3 इ 345 साधु श्रावक बोलपर व्याजेई | Sadhu Srāvaka Bola Vyājei
के नाम 15 / 241 | सामायिक (दोष) विचार
Samayika Dosa Vicara
भाग ( 2 ) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग- ( प्र
3 copies
+ Vrtti
Samvegi Kasauți
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जयशेखर
""
"1
""
"
""
11
11
32
33
जयशेखर
"
19
"
4
उ. यशोविजय
==
श्रानन्दनिधान
मू. ( प. )
11
मू.ट. (प. ग
"1
जयशेखर / अमरकीति मू बृ. (प.ग.)
मू.बा. (पग.)
मू. ट . (,, )
मू. ( प. ) जयशेखर अमरकीर्ति मू बृ. (प.ग )
जयशेखर
भू. (प.)
"
5
मू. ट. (प.ग.)
प.
ग.
11
ग.
"
मू. (प.)
मू.ट. (प.ग.)
मू. (प.)
प.
13
"1
ग. तालिका
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जैन तात्त्विक औपदेशिक व दार्शनिक :
[167
____ 6
7
8
8A
9
|
10
11
प्रौपदेशिक
25x11x10x32 |
संपूर्ण
of 78 गा.
16वीं
अंत में 83 गा. 'उपदेशमाला' की
25x11x6x31
, 73 गा.
16वीं
26- 11x10x37
71 गा.
1667
25x IIx9x32
116 गा.
17वीं, चाहा,
केशरविजय 17वीं
26 x 11 x 13 x 39
72 गा
31xllx13x43
" 75गा
1753x
सुविधिसागर 1715
प्रा मा | 32
26x12x2x43
___124 गा.
प्रा.सं. |
3
25x11x9x56
72 गा.
1779
प्रा.मा. | 24
26x10x4x26
126 गा.
1822
Xxxx
30x Ilx7x40
, 72 गा.
.
26x12x7x43
,
75 गा.
1837 कोसारणा
मनोहरविज 1894 लघ
पौषधशाला 19वीं वृत्तिकार रत्नशेखर
को कर्त्ता मानते हैं 19वीं
26x11x16x41 |
., 76 गा. की
26x11x15x65
72 गा. की
76 गा.
19वीं
72,89,85 गा. 19वीं
25 x 10x5 x 38 | 23 से 27 व 10 से 12 | 26 x 11x4x38 | 24x11 x 13 x 25 26 x 12 x5x40
76 गा. की
19वीं
19वीं
प्रा मा. | 7
19वीं
23x12x14x38
124 गा.
1956
25x11x11x36
,
40 गा.
19वीं
शिथिलाचारी-साधु
जीवन पर व्यंग
26x11x17x54 |
पूर्ण ढाल 3
20वीं
(मंत में 16 स्वप्न
चंद्रगुप्त)
प्रोपदेशिक
26x11x12x32
19वीं
साधु के 47 दोष
25 x 11x-
संपूर्ण
19वीं
6 बोलों पर टिप्पणी ,,
26x11x15x44
18वीं
(विधिवाद, चरितानुवाद प्रादि पर)
प्राचार
27 x 12 x 16 x 27, , 23 गा.
19वीं
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168 ]
भाग (2) जन सिलन्त व प्राचार विभाग-(प्र)
3A
45
Sāra Bāvani
श्रीसार
Sārddha Sataka
जिनवल्लभ
Siddl a Caturdasi
Siddha Pañcāśikā
देवेन्द्रसूरि
मू. (प.)
1167 | कोलड़ी 101 | सारबावनी 1168 के.नाथ 22/59 | सार्द्धशतक + वृत्ति 1169 कोलड़ी 856 | सिद्धचतुर्दशी 1170 प्रोसियां 3 5 226| सिद्धपंचाशिका 1171 महावीर 2/58 __, सावचूरि 1172 के.नाथ 10/2 1173 | महावीर 2/62 1174 , 59 , +बाला. 1175 के नाथ 19/20 | सिद्धान्त-प्रतिबोध
,
Sārcūri
देवेन्द्रसूरि (स्वोपज्ञ)
देवेन्द्रसूरि
मू अ. (प.ग. मू.ट. (प ग. मू. (प)
"
+Bala.
देवेन्द्रसूरि/
मू बा. (ग.प
Siddhanta Pratibodha
भरूदास
1176 कोलड़ी 809
, बोल
Bola
1177 | प्रोसियां 2/313
Sāra
संकलन
मू.ट. (प.ग.
1178
,
2/213
प.ग.
1179 कोलडी 807
,, मारोद्धार
,
Saroddhāra | संग्रगृही
1180 प्रोसियां 2/218
1181 महावीर 2/51 सिद्धान्तोद्धार हंडि
Siddhāntoddhara Hundi | सकलन
1182
सोमप्रभ/--
मू वृ. (प.ग.
के.नाथ 11/43 | सिंदरप्रकर (सूक्तमुक्तावली) | Sindura Prakara+Vrtti
+वृत्ति कुंथुनाथ 14/13 | सिंदूरप्रकर के.नाथ 23/1
सोमप्रभ
1185
|
,
6/91
1186 |,
21/15
+Vrtti
हर्षकीत्ति
। मू व (प.ग.
1187
15/118
मू. (प)
,,
+ वृत्ति
+Vrtti
हर्षकीत्ति
म वृ. (प.ग.
"
+बा.
+Bi'.
मू बा. प.ग.
कुंथुनाथ 436 1189 के नाथ 5170 1190 1191 प्रोसियां 2/219
6/26
+बा.
"
+Bila.
, राजशील
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जैन तात्त्विक, प्रोपदेशिक व दार्शनिक :
प्रोपदेशिक
कठिन प्रश्नों का शास्त्रीय निराकरण
तात्त्विक
दार्शनिक
"
19
"3
6
"
आगम उद्धरण
(मंडनार्थ)
( " )"
,, (
शास्त्र सारांश
17
33
"
तात्त्विक बोल संग्रह मा.
"1
11
"1
"
1
11
""
93
मा.
प्रा.सं.
मा.
प्रा.
प्रा.सं.
प्रा.मा.
भागम उद्धरण
श्रीपदेशिक सुभाषित सं.
7
SIT.
प्रा.मा
11
) प्रा
मा.
11
प्रा.मा.
17
13
21
सं.मा.
"
सं.
6
प्रामा. 48
112
2
2*
6
17
4
8
12
43
17
13
43
34
49
13
5
18
9
27
10
19
27
59
7
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8A
28 × 11 × 13 × 50 संपूर्ण 56 पद
25 x 11 × 15 x 45
32 x 12 x 15 x 40
26 x 11 x 19 x 56
30 x 11 x 17 x 48
28 x 13 x 15 x 42
26 × 12 × 15 × 40
26 × 11 × 5 × 56
26 × 11 × 16 × 54
24 × 1 1 × 10 × 29
25 × 11 × 11 × 42
17
13
26 x 11 x 17 x 55
27 x 12 x 3 x 32
26 x 11 x 13 x 40
27 × 12 × 15 × 39
22 × 10 × 13 × 29 प्रतिपूर्ण
30 x 11 × 21 × 46
27 x 12 x 3 x 25
26x12 x 16 x 42
25 x 10 x 13 x 40
)"
"
""
11
"2
31
19
19
17
""
37
33
"1
==
152 गाथायें
13 छंद
"1
50 गा.
11
9
31
50 TT.
#1
50 11
98
26 x 11 x 15 x 45
26x11x9x40
26 × 12 × 13 x 40
त्रुटक
25 × 11 × 13 × 36 संपूर्ण 97 श्लोक
26 x 11 x 17 x 56
99
की
100
अपूर्ण
17वीं
संपूर्ण 99 श्लोक की ग्रं. 215 1665
संपूर्ण 99 श्लोक
1692
104
11
100 श्लोक
12
For Private and Personal Use Only
97 श्लोक
19
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11
10
1839
1467
19वीं
1505
16at
19वीं
19वीं
19वीं
1877
19वीं
18वीं
1803
1803, जूणपुर
मनरूप
1911
1691
17at
1701
1706
1731
1747
1759
1776
[ 169
11
16 श्लोक तक टब्बा
Page #187
--------------------------------------------------------------------------
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_170 ]
भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग-(प्र)
3A
45
मूट. (प.ग.
Sindūra Prakara
सोमप्रम
1192 | कोलड़ी 1236 | सिंदूरप्रकर 1193
| के.नाथ 22/64 1194 मुनिसुव्रत 2/265| 1195 | के.नाथ 21/53
, +वृत्ति 1196 | , 21/54
मू. (प.) मू.व.(प.ग.)
+Vrtti
हर्षकोत्ति
मू. (प)
1197 | महावीर 2/21
+Bala.
"
+बा.
मू.बा. (प.ग.
1198
"
+बा.
+Bala.
../राजशील
| कोलड़ी 125 1199 | के.नाथ 23/5 1200 | कोलड़ी 127
मू. (प.) मू ट. (प.ग.) मू. (प.)
, 8 प्रतियां
8 copies
1201- के.नाथ 10/30,
8/21/22,21/46,
22/58,23/18, 24.22,27,51, 6/120
1209-| महावीर 2-133,
131
, 2 प्रतियां
2 copies
10/
, 4 प्रतियां
,
4copies
1211- ओसियां 2/154-|
145-6,220
1A
, 3 प्रतियां
3 copies
1215- कुंथुनाथ 4/93,
37/4,41/4
6 प्रतियां
6 copies
1218- कोलडी 119 से
___23,1186
1224 | सेवामंदिर 2/375
1225 प्रोसियां 2 9411
1226 | कुंथुनाथ 33/2
3 प्रतियां
1227- के.नाथ 14-18,
29/ 21-2,20-10
3 copies
, +वृत्ति
+Vrtti
./हर्षकीत्ति
मू.व. (प.ग.)
1230 | के.नाथ 13/44 1231- कोलड़ी 124, ___32 1349
,
+वृत्ति 2 प्रतियां
* Scopics| " "
+Vrtti
2 copies
,
For Private and Personal Use Only
Page #188
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जन तात्त्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक :
[ 171
6
7 8
8A
| 10
1778
प्रौपदेशिक सुभाषित्व सं.मा. 18
24x11x6x46
संपूर्ण 98 श्लोक
27x12x8x42
18वीं
27x11 x 13x40
18वीं
26x11x14x42
, 100 श्लोक
1811
26x11x13x40
1813
26x12x10x39
कथासह 1840 राजनगर
53
27x11x16x44
1847
26x11x13-47
1847
|
100,
1850
26 x 11x5 x 32 16 16, 22 से 28 x 9 से 13 9.9.10 20,8 13
सात पूर्ण पाठवीं, अपूर्ण| 19/20वीं
|,
9,7 | 27 x 11 व 14 x भिन्न | संपूर्ण 99, 100
19वीं
6,8,9, 25x12 26x11
.
100 से 103
19वीं
26,9,10 25 से 27 x 11 से 14 | , 100 श्लोक
19/20वीं
17,11. 23 से 27 x 10 से 13 पांच संपूर्ण, अंतिम अपूर्ण | 19वीं 11,12
सं.मा. | 15 24x13x6x42 पूर्ण 99 श्लोक 1877.वल्लभी
दर्शनविनय 26x 13x4x40 , 101, 1956,जोधपुर
फतेकरण 25x13x10x45 |, 100 , 1941 11,19, 25 x 11 x भिन्न 2 | प्रथम 2 संपूर्ण अंतिम अपूर्ण 19वीं
21] | 7 27x12 x 15 x 48 | अपूर्ण, गुरु भक्ति द्वार तक 19वीं
30, 426x11x15/11 | प्रथम पूर्ण द्वितीय अपूर्ण 6] 19वीं
श्लोक
35
For Private and Personal Use Only
Page #189
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172 ]
भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग--(प्र
3
3A
4 | Sindura Prakara+Avacāri सोमप्रभ
5 मू.अ. (प ग.
-
1234
,
+
बनारसीदास
मू.पद्यअनुवाद।
1235
Sindūra Prakara Bhāsā
| बनारसीदास
1233 | कोलड़ी 126 | सिंदूरप्रकर+अवचूरि
, 135 | , +पद्यानुवाद | प्रोसियां 2/221 सिंदूरप्रकर-भाषान्तर
कुंथुनाथ 11/201 ॥ 1237 | सेवामंदिर 2/428 1238 | के.नाथ 19/95 | सिंधुचतुर्दशी आदि 1239 | मुनिसुव्रत 2/272 | सुकृतमुक्तावली
Sindhuchaturdasi etc.
अज्ञात
Sukstamuktavali
संकलन
मू.ट. (प.ग.
Sūktāvali 3 copies
1240- महावीर 2/397- | सूक्तावली 3 प्रतियां 42
8,401
1243
के नाथ 17/22
सुख-दुःख पद्यसंग्रह
1244/ प्रोसियां 2/302 | सूपद्धतिलता
Sukha Duhka Padyasang.
raha Supaddhati Lata वादिहर्षनंदि (समयसुंदर ग.
का शिष्य) Subhāşita Kosa
सकलन
1245 | महावीर 2/400 | सुभाषितकोश
Subhāşita Ratnasāra
संकलनकर्ता मेवचंद मुनि ,
1246 कुंथुनाथ 20/23 | सुभाषित-रत्नसार 1247 भुनिसुव्रत 3 इ 303 सुभाषित-श्लोकसग्रह 1248- के.नाथ 6/12,
2 प्रतियां 49
19/72
Subhāsita Sloka Sangraha | संकलन
2 copies
Subhāşita Sangraha
पद्य-गद्य
1250- कोलड़ी 134,1148, सुभाषित-संग्रह 2 प्रतियां
51 1252 सेवामदिर गुटका 6दे. सुमति-बत्तीसी
Sumati Battisi
लाभगणि
Sūktamála
केशरविमल
1253 मुनिसुव्रत 2/317 सूक्तमाला 1254 | कोलड़ी 136
1255
के नाथ
5/33
1256 | महावीर 2/399
1257 सेवामंदिर 2/367
1258 प्रोसियां 2/239
1259 | के.नाथ 11/93
कोलड़ी 137-8, 1260
1190A
, 3 प्रतियां
,
3 copies
For Private and Personal Use Only
Page #190
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जैन तात्त्विक प्रोपदेशिक व दार्शनिक :
पदेशिक सुभाषित सं
=
""
"
21
""
जैन सुभाषित
श्रौपदेशिक
6
17
""
श्रीपदेशिक सुभाषित मा.
सिद्धान्त उपदेश सं.
कथासह
""
"
"1
"
31
11
ध्यान योग विषयक मा.
धार्मिक सुभाषित प्रा.सं.मा 9
39
हि
सं. हि
12 व्रतों पर उपदेश मा.
चार पुरुषार्थ उपदे
प्रा.सं.
he
7
प्रा.सं.
11
(जैन) संमा.
"
"3
"1
"1
8
17
गुटका
13
6
10*
13,3,
9
प्रा.सं.मा. 13,9
181
65
73
6
4,6
4
8
8
9
11
8
13
10
15
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8 A
30 × 11 × 14 × 45 लगभग पूर्ण अंतिम पन्ना कम 19वीं
24 x 9 x 14 x 60
संपूर्ण 100 श्लोक का
19वीं
101 छंद
24 x 1 x 15 x 48
22 x 17 -
23 x 13 x 11 × 39
त्रुटक
26 × 12 × 15 × 42 संपूर्ण 14 गा.
23 x 12 x 5 x 38
संपूर्ण 63 श्लोक
26 × 12 × 13 × 36 प्रतिपूर्ण 161,53,243 20वीं
श्लोक
"1
"
3 1 × 15 × 12 × 40 संपूर्ण 187 दोहे
25 x 1 x 12 x 41
ग्रं 6001
26 × 11 × 17 x 58
25 × 11 × 18 x 66
24 x 10 x 7 x 34
26x1125 x 12
11
13
"1
11
27 x 10 व 25 x 11
14 × 11 × 12 × 20 संपूर्ण 36 पद
2 5 × 1 1 × 16 x 40
23 × 10 × 15 × 48 संपूर्ण
26 x 11 x 13 x 38
"
9
2806 श्लोक
2170 श्लोक
68 श्लोक
19वीं
प्रथम पूर्ण, द्वितीय पूर्ण 19वीं
וי
100
"1
11
187 गा. चारों
पुरुषार्थ
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
177 गा.
198 गा.
For Private and Personal Use Only
25 x 12 x 15 x 46
25 x 12 x 16 x 40
27 x 14 × 15 x 43
20 वीं
25 x 11 x 15 x 30
19वीं
8,13,1025 से 27 x 11 से 13 प्रथम दो पूर्ण, तीसरी अपूर्ण 19वीं
1861
19वीं
19वीं
19वीं
19वीं नागौर
19वीं
20वीं
16at
1767
19वीं
1841
10
1805
1812
1832
19वीं
1866
[ 173
11
साथ में अन्य स्तवनादि भी हैं
प्रशस्ति है
81 श्लोक ज्योतिष
है
1754 की कृति
Page #191
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174 ]
भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग-(अ)
3A
1 2 3 3A 45 1261 | कोलड़ी 139, | सूक्त.माला+बाला. 2 प्रतियां Suktamala+Baa. 2 copies ,,/
म.वा. (प.ग.)
1100
मू. (प.)
1262 | कुंथुनाथ 10/146| सूत्रप्राभृत
Sutra-prabhrta 1263 | के.नाथ गुटका 14| स्याद्वादसूचक महावीर स्तवन Syadvāda Sucaka Maha-| वा. विनयविजय
____vira, Stavana
1264 प्रोसियां 2/292 | स्याम्यशतक
Syāmya Sataka
सिंहमूरि
मु वृ. (प.ग.)
1265 कुंथुनाथ 36/1| स्वरूप संबोधन पंचविंशत्ति+ Svarāpa Sambodhana क्रम 26
वृत्ति Pancaviisati+ Vrtti
1266 | के.नाथ 18/15 | स्वाध्याय-संग्रह
Svadhyāya Sangraha
मेघविजय
1267
Hiyali 3
| सेवामंदिर गुटका | हियाली 3
6दे.
|Hingula Prakarana2copies विनयसागरोपाध्याय | म. (प.)
1268-| महावीर 2/132,| हिंगलपकरण 2 प्रतियां 691
19
ग
प.
1270. | कुंथुनाथ 14/34-फूट अपूर्ण व लघ ग्रंथ व टक | Stray Pages of Incompleteभिव 7838, 18/32-34,
पन्न 9 प्रतिया
works etc. (9 copies) 10/187
1279 | महावीर 1098,
1102.1812
14-16-17
1280 | ओ सयां बस्ता 20|
दुबारा
1281 मुनिसुव्रत बस्ता 7
1282 | सेवामंदिर यस्ता
19212)
125)
1283-| कोलड़ी बस्ता 69 87
70/
(5 प्रतिया 2 बस्ते)
(5 copies + 2 Baste)
1288-| के नाथ 881-3, 89 900, 1028-58
28/27,30
(2 प्रतियां)
(2 copies)
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अन तात्त्विक प्रोपदेशिक दार्शनिक :
[ 175
___ 10
11
___ 6 7 | 8 | 8A र पुरुषार्थ उपदेश मा. 19,
9 25 x 11 x 11/14 x | दोनों प्रतियें अपूर्ण
30/45
19वीं
तात्त्विक
27x11x13x48 | संपूर्ण 26 गा.
17वीं
दार्शनिक
16x14x11x18
, 3 ढालें
19वीं
भोपदेशिक
19वीं
25x11 x 15 x 31 गुटका | 23 x 20 x 21 x 38
, 105 दोहे ,, 26 श्लोक
यशोविजयजी द्वारा
संपादित
तात्विक
1544
मोपदेशिक सज्झाये मा. ।
26x11x15x47
., 8 सज्झायें + कलश 18वीं
मानोपकरणों पर
,
14x11x13x20
|
" 3 गीत
1841
भोपदेशिक
सं.
| 15,9 | 29 x 14 व 27 x 12 | , 35 उपक्रम
19वीं
तात्त्विक प्रौपदेशि- प्रा.सं.मा. कुल 11| 24 से 30 x 10 से 15 पूर्ण अपूर्ण
पन्न
17/20%
1-1 पन्ने के 8 ग्रंथ 1 ग्रंथ 3 पन्नों का
कादि
,241, 24 से 30x10 से 15
17/20वीं
| बस्ता. 80
35 | 24 से 30x10 से 15
17/20वीं
,,200 | 24 से 30x10 से 15
17/20वीं 17/20वीं
1,337 | 24 से 30x10 से 15
,683 24 से 30x10 से 15
17/20वीं
1,2328| 24 से 30x10 से 15
17/20वीं
For Private and Personal Use Only
Page #193
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1
2
3
4
5
6
7
8
9
10
11
122
14
15
16
17
18
19
20
21
22
16/46 | नयरहस्य
13 सेवामंदिर 6 ग्रा 32 नयस्वरूप
के. नाथ 16/46 नयोपदेश
23
176]
24
1
25
के. नाथ 22 /21
16 / 46
16/46 जिनस्तोत्राणि
महावीर 6 प्र 8 देवधर्मं- परीक्षा
h. नाथ 15 / 116 द्रव्यपदार्थ (किरणावत्यां )
महावीर 6 10 द्रव्यानुयोग तर्करगा
6 श्री 21
11
."
13
""
17
2
"
के. नाथ 4 / 27
| सेवामंदिर 3 इ345 नयनिक्षेप वीरस्तवन
महावीर 6 ग्रा 13 नयप्रदीप
के नाथ 11 /110
"
अपशब्द खण्डन
प्राध्यात्मिक मतपरीक्षा
नयचक्र
26/ 104 निमित्त उपादान कारण
26/68 न्याय ग्रन्थ ( ? )
29/27
महावीर 6 ग्रा 6 न्यायप्रवेश
के नाथ 10/95 न्यायसार - सटीक
महावीर 6 ग्रा 15 न्यायसार की टीका
के. नाथ 29/8
महावीर 6 12 न्यायार्थ - मंजूषा
6 या 19
के. नाथ 5/56
"
3
"}
"1
की वृत्ति (? )
31
परसमय- विचार
14 / 93 | पंचनयविचार-स्तवन
www.kobatirth.org
Jina Stotrāņi
Deva Dharma Parikṣā
3 A
Apa Sabda Khandana
मान सर्वज्ञ
Adhyatmika Mata Pariksā उ. यशोविजय
""
Naya Rahasya
Naya Svarupa
Dravya Padārtha (Kirana. उदयन श्राचार्य valyām)
Dravyanuyoga Tarkaṇā
भोजसागर
Nayacakra
देवसेन
Nayanikşepa Vira Stavana रामविजय
Nayapradipa
Nayopadeśa
Nimitta Upadana Kāraṇa
Nyāya Grantha ( ? )
""
भाग ( 2 ) जैन सिद्धान्त व प्राचार / विभाग (प्रा)
37
23
Nyaya Pravesa
Nyayasara+Tikā
ki Vrtti (?)
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ki Tikā
Nyāyārtha Mañjūṣā
Parasamaya Vicara
Pañca Naya Vicara
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"
11
4
विजयसिंह शिष्य
उ. यशोविजय
उ. यशोविजय
हरिभद्र
जिनसमुद्र / श्रीमद् रत्नपुरि भट्टारक ? / जयसिंहसूर
32
11
हेमहंसगरि स्वोपज्ञ
ग.
31
प.
ग.
11
प.
ग.प.
ग.
21
"1
"
"
वृ. गद्य में
मू. + टी. (ग
ग.
33
वृ. ग.
"1
ग.
5
कीर्तिविजयवाचक शिष्य प.
Page #194
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जैन न्याय :
[ 177
6
7
8
9
___ 10
11
8A 26 x 11x17x57 | संपूण
न्याय ग्रंथसं.
2
19वीं
खंडनवृति
| 26x13x16x44 |
19वीं
न्याय शैली भक्तिगीत,
19वीं
26 x 13x16 x 44 |, 4 स्तोत्र 27x13x15x53 || संपूर्ण
खंडन मंडन स्वपर
,
19वीं
समय
न्याय ग्रन्थ
26xllx13x43
,
ग्रंथान 2000
19वीं
26x12x14x42
किरणावली में से; पन्ने 10 व 11 कम मूल ग्रंथ की टीका
प्रशस्ति है
15 अध्याय
18वीं
21x11x7x20
19वीं
29x14x11-28
19वीं
जैन-न्यायानुसार
27 x 12 x 16x56
, 33 गाथा
19वीं
25 x 12 x 14 x 42 | संपूर्ण
18वीं
30x15x7x23
19वीं
* | 26x 13x16 x 44
19वीं
25x11x18x57
18वीं
46* | 26 x 13x16x44
19वीं
26x11x13x37
19वीं
न्याय ग्रन्थ
अपूर्ण (पन्ने 4 से 9) बीच के
नामादि का पता नहीं
पड़ा
मूलग्रंथ की वृत्ति है,
26 x 11x15x64 | , (पन्ने 10 से 15)बीच के 17वीं
न्याय ग्रन्थ
| 29x13x10x39 संपूर्ण
18वीं
गौतमसूत्र पर टीका
27x11x17x60
19वीं
28x12x16x63
15वीं
24x10x17x72 | अंतिम पन्ना मात्र प्रागम | 16वीं
परिच्छेद का 26 x 12 x 13 x 47 | संपूर्ण ग्रं. 1400 17वीं
न्याय तात्पर्य दीपिका
नाम्नी परेके ग्रंथान 3035
तीन परिच्छेद मूल ग्रंथ की टीका
न्याय ग्रन्थ
वपर सिद्धांत न्याय
26 x 11 x 17x61 | अपूर्ण
17वीं 26 x 11 x 17 x 55 | संपूर्ण ग्रं. 200 19वीं 37x13 x 17x35 संपूर्ण 6ढाले+कलश+दोहे| 19वीं
भक्ति/नयविचार
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26
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28
29
30
31
32
33
34
35
36
37
38
39
40
41
42
178]
1
के. नाथ 16/46
11
पातञ्जलयोग दर्शन टीका
2/18 प्रमाणनयतत्वालोकालंकार
14/39
11/3
महावीर 6 23
ओसियां 6 या 31
19
"1
91
"1
2
महावीर 6 प्रा 16 |
c. नाथ 26/99 प्रमाणशास्त्र ( ? )
21 / 27 | प्रमाणसुन्दर
7/48
वर्द्धमान इन्दु
महावीर 6 ग्रा 5 विप्रवक्त्रमुद्गर
"
"1
1)
3
15
6 मा 3
के. नाथ 16 / 45 स्याद्वादमंजरी
महावीर 6 ग्रा 9
11
6 प्रा 12 सन्मति तर्क सवृत्ति
Patanjala-yoga Tikā
Pramānanaya Tatvāloka देवाचार्य lankara
मू. प.
प्रमाणनयतत्व लोकालंकार Pramānanaya Tatvālokāla- वादिदेवसूरि / रत्नप्रभा मू. + बृ. सटीक
nkāra
चार्य
"
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सटीक
स्याद्वाद पुष्पकलिका
3 A
11
"1
39
39
Pramana Sastra
33
,,
भाग ( 2 ) जैन सिद्धान्त व प्राचार / विभाग - (प्रा)
Sundara
Vardhamana Indu
Sy advada-mañjarī
Vipravaktra Mudgara
Sanmati Tarka + Tikā
6 या 12 सप्तनय विवरण रास बाला. स Saptanaya Vivarana Rāsa + Bā ā Saptabhañgi Naya Pradipa उ. यशोविजय
16 / 46 सप्तमंगी नयप्रदीप
हेमचन्द्राचार्य
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+Tika
,, Puspakalikā
उ. यशोविजय
11
23
4
बलभद्र
पद्मसुंदर (ममेरु का शिष्य)
31
39
"
सिद्धसेन / अभयदेव
( प्रद्य ुम्नसूरि शिष्य मानविजय
)
वाचक संयम
ग
"1
31
39
ग.
"1
"
ग.प.
मू. + बृ. (प.ग.)
5
मू. + बा. (पग.)
ग.
मू. प.
मु.वृ.
पञ्च
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जैन न्याय :
[ 179
6
7
8
A
9
10
11
11
स्याद्वादमतानुसार सं.
26x13x16x44 संपूर्ण
19वीं
न्याय ग्रन्थ
30 x 14 x 16 x 53
, 8 परिच्छेद
19वीं
जैन न्याय
26 x 11x19x59 लगभग संपूर्ण (किञ्चित् | 16वीं
कम) पाठवां परिच्छेद 28 x 17x16x41 संपूर्ण 8 परिच्छेद ग्रं.5000| 19वीं
रत्नाकरावतारिका नाम्नी लघु टीका
30x14x15x61
| 1943 x अमर
27x11x13x42
1967 जोधपुर
वीरचंद 24x12 x 24 x 72 | अपूर्ण 6ठे परिच्छेद तक | 17वीं
न्याय शास्त्र
26x11x13x44 अटक
25 x 11 x 15 x 50 | संपूर्ण ग्रं. 825
17वीं | सही नाम का पता
नहीं 1725 x शांति- पहिला पन्ना कम
विजय 1666
26x11x15x60
, ग्रंथान 3436
ब्राह्मण निर्णय
30x14x 15x46 | संपूर्ण
18वीं
जैन न्याय ग्रन्थ
1964
28 x 13x16 x 48 | , ग्रं. 25000 27x12 x 11 x 42 | , 90 पद
18वीं x कवीन्द्र
सागर
19वीं
19वीं
26 x 13x16 x 64 21x11x11x32 ,, 24 श्लोक 27x13x12x41 | , 32 श्लोकों की | 30x14x9x40 272 श्लोक
17वीं
1946
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180 ]
भाग/विभाग : 3 (अ)-जैन भक्ति व क्रिया-पर्वव्रत
3A
1
| Aksaya Trtiya Katha etc. |
महावीर 3 आ 126| अक्षयतृतीया-कथादि | , 3 प्रा 2 | अक्षयतृतीया-व्याख्यान
| Aksaya Trtiya Vyākhyānal - क्षमाकल्याण
सेवामंदिर 3ा 173
प्रोसियां 3 आ 168
के.नाथ 18/59
-क्षमाकल्याण
, 2 प्रतियां
,,
2 copies
| कोलड़ी 180,945 । , 945
9
प्रोसियां 3 पा 137)
कुंथुनाथ 32/4
11-2 महावीर 3 प्रा114 अक्षयनिधितपविधि 2 प्रतियां Aksaya Nidhi Tapa Vidhi| पदमविजय 3 इ29
2 copies , 3 5 167 अधिवासना-विधि
Adhivāsanā Vidhi
वल्लभसूरि
कुंथुनाथ 45/6 | अष्टोत्तरीस्नात्र व प्रतिष्ठा | Astottari Snātra & Prati.
विधि
ştha Vidhi कोलड़ी 403-4-6 " ,3 प्रतिया
3 copies के.नाथ 6/89 | असज्झायविचार Asajjhāya Vicāra
" 11/108 | प्राचारदिनकर
Ācāradinkara
वर्द्ध मानसूरि
| कोलड़ी 766 | महावीर 3 आ 23 ,
,, 3 आ 100 | पालोचना 2 प्रतियां
Alocanã 2 copies
102
, 3 या 103/ पालोचना-तप
,
Tapa
Dāna
भुवनरत्नाचार्य
Vicara
के नाथ 19/127 पालोचना-दान महावीर 3 या 101 आलोचना विचार कोलड़ी 373 ,, 374,372 |
2 प्रतियां 30-1 | महावीर 3 आ 97.
2 प्रतियां
,
2 copips
98
32 | कुंथुनाथ 24/4 | पालोचना-विधि
,,
Vidhi
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कथा धार्मिक विधि विधान :
[ 181
6
7
8
8A
10
1875
19वीं
पर्वव्रतकथा सं. | 25* | 25 x 12 x 14 x 35 | संपूर्ण चार गाथा पार्मिकपर्व-व्याख्यान प्रा.सं. | 2 | 25x12x17x48
26 x 11 x 15 x 45 25 x 11 x 20 x 41
1859
19वीं
साथ में चैत्री पुनम व्याख्यान जीवराजका
पर्वव्याख्यान
27x11x16x36
19वीं
,3
19वीं
25x10/12x11x
44 26x11x17x35
19वीं
24x11x15x38
1940 बीकानेर
कंवलागच्छे 1944
24x12x12 x 28
प्रक्षयतृतीया कथा मा.
विधि स्थापनाविधि-विधान सं.
28x13x16/13x ,, ग्रं 188 (पांच ढालें 20वीं
व स्तव) 20x10x11x35 | संपूर्ण 38 श्लोक 18वीं
मा.
लबा रॉल 19 से. चौड़ा | संपूर्ण लंबा रॉल
1946
प्रतिष्ठा संलग्न
विधियां प्रतिष्ठा बिम्बस्नात्र
19वीं
स्वाध्याय समय नियम
25 से 29 x 12 से 13 | संपूर्ण 26 x 11x11x39 30 x 12 x 15 x 47 , 14000 ग्रं.
19वीं
जनाचारविधि-पास्त्र सं.
1894
14065
व्रत भंग दंड विधान मा.
26x13x11x37 | अपूर्ण-प्रतिष्ठा विधि अधि- 19वीं
कार 28 x 13 x 15 x 38 संपूर्ण 41 अध्याय ग्रं. | 20वीं बीजक व प्रशस्तिसह 21x11 व 27x12 | संपूर्ण
20वीं(1 गोपीचंद
द्वारा) | प्रतिपूर्ण तालिकासह | 20वीं x सुमति
मण्डन 26x10x15x44 सं
| संपूर्ण 40 श्लोक+गद्य | 19वीं
24 x 12
X
श्रावक प्रायश्चित्त ,,
विधान प्रायश्चित्त विधि | प्रा.सं.
टिपण्णक प्रायश्चित्त विवेचन मा
विधि
।
25x10x16x48
,, यंत्रसह
16वीं
28x12x14x44 | संपूर्ण
1786
मा.
3, 3
25x11 व 26x12
19वीं
20वीं
श्रावक " , " अतिचार दंड विधान सं.
27x13x12/15x
48/36 25x13x16x42
19वीं
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182 ]
भाग/विभाग : 3 (अ)-जैन भक्ति व क्रिया-पर्ववत
3A
4
5
Alocană Vidhi
क्षमाकल्याण
1 33 34 35
2
3 के.नाथ 23/16 | आलोचना-विधि
, 23/7 कोलड़ी 371
,
3 copies
Āvasyaka Pañcāśikā
Āvaśyaka Vidti
जिनवल्लभ
Indriyajaya Ādi Tapa
36-8 | महावीर 3 पा 96
3 प्रतियां 99,166 | कुंथुनाथ 16/13/ 40 , 55/20 अावश्यक-पंचाशिका ।
प्रोसियां 2/152 | आवश्यक विधि महावीर 3 प्रा 117 इन्द्रियजय प्रादि तप
, 7479 | उत्कालिककालिकदीप | के.नाथ 23/70 | उपकरणानि सेवामंदिर प्रा 172| उपधान अादि विधियां | महावीर 3 प्रा 82 कोलड़ी 399 |
Utkálikakālika Tipa
Upakarņāni
Upadhāna Adi Vidhiyan
48-9 | महावीर 3 आ 59/
, 2 प्रतियां
,, 2 copies 91 , 3 पा 94 | उपधान पालोचनाविधि | Upadhāna Alocana Vidhi
उपधान-क्रिया
Kriya
|
-
Nitya Kartavya| समयसुंदर
etc. Vidhi
, 3 प्रा 85
उपधान नित्य कर्त्तव्य व तपो
विधि आदि 53 कोलड़ी 400 | उपधान-विधि 54-6 महावीर 3 प्रा 89.
3 प्रतियां 84,83 57 , 3 या 92 उपधान सम्बन्धी प्रावधान
,
3 copies
, Sambandhi
Pravadhāna Upadhāna Stavana 2 copies| समयसंदर
58-9 | के.नाथ 11/115| उपधान स्तवन 2 प्रतियां
23/94/ , 26/40
कीतिविजय
प्रोसियां 3 इ 190/
महावीर 3 ई 27
विनयविजय | कोलड़ी 204 | कार्तिक पूर्णिमा व्याख्यान Kārtikapārnimavyākhyānal -
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कथा धार्मिक विधि विधान :
[ 183
9
10
11
6 7 8 अतिचार दंड विधान मा. | 11
8A 25 x 13 x 13x37 | संपूर्ण
19वीं
27x13x15x41 |, ग्रंथान 94
19वीं
संपूर्ण सूतकविचारसह
| 19वीं
25 से 27 x 12 से 13 | तीनों प्रतियां पूर्ण
श्रावक अतिचारदंड,
विधि
20वीं अजमेर,
अजीमगंज मे 1945
नित्यकर्मविधिविधान
17वीं
24 x 13 x 17x44 | संपूर्ण 26 x 11 x 15 x 52 | , 50 गाथा 26 x 12 x 11 x 40 , 40 गाथा 27 x 12 x 13 x 48 | संपूर्ण
16वीं
तप विधियां
19वीं
स्वाध्याय कालनियम ,
26x10x
18वीं
19वीं
साधु परिग्रह मर्या- प्रा.मा
26x12x5x29 दादि चामिक क्रियाविधियां प्रा.सं.मा 34 | 27x13x13x38 | प्रतिपूर्ण
18वीं
24x13x21x38
1829, वासा
भीमसागर 1872
R
27x11x15x62
23,22 27x12x12x39
20वीं
उपधान तप-भंग दंड
,नित्य कर्त्तव्य
25 x 11 x 18 x 49 लगभग पूर्ण (पहिला पन्ना 1802 राजदुर्ग
कम) 25 x 12 x 14x36
20वीं x नरेन्द्र
सागर 26x11x20x48
18वीं
"
सं+मा 3.
क्रिया विधि मा.
3
27x10x19x 65
19वीं
| 19/20वीं
20वीं
उपधान तप के निय
मादि भक्ति विधि काव्य
19वीं
23 से 28 x 11 से 13 ,, विस्तार सहित 26 x 12 x 12 x 44 | प्रतिपूर्ण 24 x 11 x 17/13x पूर्ण 17/18 गा.
38 25x12x13x47 ,26 गा. 26x11x12x38 संपूर्ण 27 गा. 25x14x12x30 , 26 गा.
19वीं
19वीं
20वीं
पर्व व्याख्यान शत्रुजय
25x13x12x30
19वीं
परक
"
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184 ]
भाग विभाग : 3 (अ)-जन भक्ति व क्रिया-पर्वत
3
3A
64-8
महावीर 3 आ55/ कालग्रहणादि योग विधि से 57,74, 61
5 प्रतियां
Kalagrahanādi Yogavidhi
5 copies
69
| महावीर 3 प्रा 25 खरतर समाचारी व तिथिपइन्नो Kharatara Samācāri & | अभयदेवसरि
Tithi Paindo
Gaccha-samācāri
Gamesa Caturthi Kathā
कल्याणवर्द्धन
Gunane-ki-Tipa
यंत्र तालि
सेवामंदिर 3 प्रा142| गच्छ-समाचारी
के.नाथ 23/82 गणेश चतुर्थीकथा | महावीर 3 आ 17 गुणने की टीप
के.नाथ 21/24 चतुपर्वी-कथानकम् सेवामंदिर 3 प्रा174 चातुर्मासिक-व्याख्यान प्रोसियां 3 प्रा 152 ,, 3 प्रा 151
Catuparvi Kathānakam
Caturmāsika Vyākhyāna
मु. व्याख्य
समयसुंदर
कोलडी 185
367
181
पाठक धर्ममंदिर
80
सेवामंदिर 3 आ173/
| के.नाथ
2 प्रतियां
2 copies
5/36, 24/53
4 प्रतियां
,
4 copies
83-6 | कुंथुनाथ 10/170 *32/1, 29/15
42/42 87 कोलड़ी 187
महावीर 3 आ3
मू +व्यार
4 प्रतियां
4 copies
89-92 | प्रोसियां 3 आ 27, 3 पा 150, 1491
1481
93-4
के.नाथ 21/4-76
2 प्रतियां
,
2 copies
7प्रतियां
,
7 copies
95. | कोलड़ी 182-3___101 4-6, 1090-1
1126
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कथा धार्मिक विधि विधान :
[ 185
|
8A
9
10
10
11
11
साधु धार्मिक व अंतिम मा.
क्रिया
2,2,4, 25 से 28 x 12 से 13 संपूर्ण
20वीं
7,6
| 28x13x15x47
ग्रं. 1500
दैनिकचर्या के विधि | प्रा.सं. 36
विधान
1967, नागौर,
नरोत्तम
साधु जीवनचर्या
17वीं
नियम
पर्व कथा
मा.
1912
31x10x 30 x 17 | , 70 गाथा 25 x 11x15x47| संपूर्ण 27x12x- | , ग्रं. 785 26x11x17x51 | संपूर्ण
धार्मिक क्रिया पाठपद प्रा सं.मा | 18
19वीं
पर्व कथा
19वीं
(मास में 4 या 6 पर्व
चर्चा भी है)
पर्व व्याख्यान पद्धति प्रा.सं + 19
25x12x14x42
18वीं
25x10x13x37 , ग्रंथाग्र 2101748,बीकानेर.
महिमासुंदर 26x11x13x40 ,
1848, सिंहाम
सर,लक्ष्मीसुंदर 26 x 10 x 15 x 44 | संपूर्ण
1797
25x11x13x32
1804
1825
25 x 11 x 19 x 60 , ग्रं. 528 प्रा.सं. | 30* 26 x 11 x 15 x 45 11,10/25 - 11 x 11/14x | , दृष्टांत सहित
321
1859x मति-कुछप्राकृत गाथा साथ
कुशल में 5अन्यपर्वव्याख्यान | 19वीं
12,9, | 25 से 26 x 11 से 13 प्रथम 2 पूर्ण अंतिम 2 अपूर्ण| 19वीं 7,4
26x10x16x52 | संपूर्ण
19वीं
25x12x15x40
20वीं
| 9,22, | 25 से 26 x 10 से 12 |
139
19/20वीं
प्राकृत मूल के अनुसार
18,16/26 x 14 व 26 x 12 | प्रथम पूर्ण दूसरी अपूर्ण | 19/20वीं 10,14 | 24 से 27 x 10 से 13 प्रथम 4 पूर्ण अंतिम 3 अपूर्ण 19/20वीं 10,11, 5,10,
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_186 ]
भाग/विभाग : 3 (अ)-जन भक्ति व क्रिया-पर्ववत
1
2
3
3A
102 | ओसियां 3428चातर्मासिक संवत्सरी प्रति- | Caturmasika Samvatsari
क्रमण विधि
Pratikramaņa Vidbi 103 | के.नाथ 26/75 | चैत्यवन्दन-विधि
Caityavandana Vidhi
| कोलड़ी 416 | चैत्र पूणिमा देववंदन विधि | Caitrapurnima Devavan
dana Vidhi 105
, 95 चैत्र पूर्णिमा व्याख्यान Caitrapurnima Vyakhyāna| संघाचार (वृत्ती) 106-7 | महावीर 3 आ1,
, 2 प्रतियां
,, 2 copies 126 108 | कोलड़ी 179
109 प्रोसियां 3 प्रा 147
के.नाथ 19/27 चौदहनियम स्वरूप Caudaba-niyama Svarūpa 111 मुनिसुव्रत 3 या 162| छप्पन दिशाकुमारी जन्म | Chappana Disakumari
महोत्सव
Janma Mah. tsava 112 | , 3 अ 134 छप्पन दिशाकुमारी जन्म । Chappana Diśākumari
महोत्सव
Janma Mahotsava 113 | कोलड़ी 1351 | जलगालण विधि रास Jalagālaņa Vidhi Rasa
मू ट. (ग.)
ज्ञान भूषण
114 | के नाथ 16/37 जिनबिंब प्रवेशादि विधि
| Jinabimba-pravesadivdhi
115-8 कोलड़ी 424 से 27
4 प्रतियां
,
4copies
119-
422-3 | तप विधियां 2 प्रतियां
Tapa Vidhiyān 2 copies
।
20/
121 महावीर 3 या 107तिलक तपस्या स्तवन
Tilaka Tapasyā Stavana
122
, 3 पा 105 | तेहत्तर तप विधियाँ
Tehattara Tapa Vidhiyān
123
सेवामंदिर 2/371| दसकल्पार्थ
Dasakalpārtā
Dikpāla Grahapūja
(मंत्र)
Diksadi Vidhāna
124 कंथुनाथ 13 | दिकपाल ग्रह पूजा
के नाथ 1991 | दीक्षादि विधान 126-7| कोलड़ी 958-9 | दीक्षा विधि 2 प्रतियां 128 कुंथुनाथ 35/9
Diksa Vidhi 2 copies
विधिप्रपानुसार
2 प्रतियां
2 copies
129- कोलड़ी 401,8
30/ 131 | कुंथुनाथ 12/202
3 copies
132-4 महावीर 3 या 51
3 प्रतियां 2,120 135 | , 3 प्रा 54 (बड़ी) दीक्षा विधि
(Baid) Diksa Vidhi
शिवनिधानगणि
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कथा धार्मिक विधि विधान :
आवश्यक क्रियाविधि प्रा.मा.
11
11
6
पर्व क्रिया
पर्व व्याख्यान व्रतकथा सं.
21
31
"
श्रावक दिनचर्या व्रत
जिन जन्माभिषेक
परंपरा
11
21
विभिन्न तपस्यानों की
विधिपरक पद्य
विभिन्न तपस्याओं की
"
11
"1
31
11
पानी छानने बाबत मा.
प्रतिष्ठा पूर्व क्रिया विधि
"
उपस्थापन विधि
मा.
मा.
21
प्रा.
प्रा.मा.
"
साधु आचार समा
चारी
प्रतिष्ठा पूर्व विधि.
दीक्षा विवेचन
दीक्षा देने की क्रिया सं.
"1
31
71
7
11
"
प्रा.मा.
मा
11
39
13
5
2
3
2
4
7
5
8
25 * x 25 × 12 x 14 × 45 / 34
11*
25 x 10 x 13 x 50
6
1
4
11,7
2
5
7
3
9
8
3, 4, 8, 25 से 27 x 11 से 12
11
2,2
4
4,2
8 A
1
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5
26 × 12 × 10 × 32 संपूर्ण
26 x 13 x 10 x 23
25 x 1 x 14 x 40
24 x 12 x 14 x 48
25 x 1 1 x 15 x 40
26 x 13 x 13 x 39
27 x 12 x 14 x 48
ور
23 x 11 x 10 x 28
115 x 17 x 122 x 76
3,3,4 26 से 27 x 12 से 13
26 × 11 x 23 x 69
"1
22 × 12 व 24 × 11
11
19
26 x 11 x 7 x 36
26 x 11 x 17 x 46
26 × 11 × 14 × 59 संपूर्ण
31
11
""
"
"
25 x 12 x 10/12 x
40
25 × 11 × 11 × 33 प्रतिपूर्ण
27 x 12 x 15 x 42
17
25 x 12 x 14 x 38
26 × 13 × 1 3 × 28 संपूर्ण
26 × 11 × 13 x 40
27 x 13 x भिन्न 2
"
"
17
"
31
11
11
11
17
33 गाथा
9
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10
19वीं
19वीं
19वीं
19वीं
19/20वीं
19वीं
19वीं
1877
1771 मेडता वीरमजी 16वीं x चतुरजी
19af
19वीं
19वीं
20 वीं
19वीं
18वीं
20 वीं X दान
विजय
19वीं
19वीं
19वीं
1951
19वीं
1948
20वीं
17at
[ 187
11
साथ में अन्य पर्वो के व्याख्यान
साथ में अन्य स्फुट विधि भी
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________________
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188 1
1
137
136 महावीर 3 या 167 (बड़ी) दीक्षा विधि
3 T 67
138
139
141
सेवामंदिर 3 179 दीक्षा विधि व योग विधि
महावीर 3 प्रा 50
53
ओसियां 3 आ 144 दीपावलीकल्प
के. नाथ 22/69
कोलड़ी
144
महावीर 3 प्रा 11
145-6 | कोलड़ी 192, 201
147
के. नाथ 11/235092.21-52, 18-38
ओसियां 3 प्रा143
कोलड़ी
194
| सेवामंदिर 3 प्रा 173
142
143
151
152
153
156
157
40
154 महावीर 3 126 |
155
प्रोसियां 3 श्र 145 |
कोलड़ी 195
के. नाथ 18/41
158
161
163
164
165
2
11
166
60
200
6/13.21/
67-8
17
91
"1
33
"
27
39
33
11
3
23
कोलड़ी 193
162 ओसियां 3 32 देववन्दन गाथायें
कोलड़ी 957
बोल
ओसियां 3 श्री 157 देववंदन विधि
दीपावली व्याख्यान
"3
39
"
2 प्रतियां
2 प्रतियां
4 प्रतियां
3 प्रतियां
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3 A
(Baḍi) Dikṣa Vidhi
Diksā Vidhi + Yogavidhi शिवनिधान गरिण
2 copies
Dipavali Kalpa
13
""
22
33
33
39
39
"
39
"2
Dipavali Vyakhyān
33
33
39
"
23
""
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भाग / विभाग : 3 ( प्र ) - जंन भक्ति व क्रिया पर्व व्रत
39
2 copies
4 copies
Devavandana Gāthāyen
3 copics
Bola
Vidhi
के. नाथ 5/62
प्रोसियां 3 श्र 160 नवपद खमासरणा विधिसह Navapada Khamasaṇā
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"
4
हेमाचार्य
जिनसुंदर
37
जिनसुंदर (सोमसुंदर प.
का शिष्य )
विनयचन्द्रसूरि
विनयचंद्र ( रत्नसिंह का शिष्य)
(जिनसुंदर )
ग.
- सागरचन्द्र
11
11
11
"1
मूट. (प.ग.
"
प.
""
ग.
11
19
11
12
11
5
ग. तालिक
प.ग.
ग.
गद्य मंत्र
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कथा धार्मिक विधि विधान :
[ 189
6
7
8
11
उपस्थापन विधि ||
18वीं
20वीं
उपस्थापन व स्वा-,
ध्याय
8A
9 10 26 x 11 x 16 x 33 | अपूर्ण (अंतिम 5 पन्ने) | 27x13x14 x 45 संपूर्ण 24 x 11 x 13 x 30
1954,अहिपुर.
बंशीलाल 25 x 14x9x 22
1961 जयपुर
ऋद्धिकुमारी 26 x 11 x 13 x 43 ., 435 श्लोक 1672 26 x 11 x 15 x 43
1700
पर्वकथा(महा. जीवन सं. पर)चन्द्रगुप्तस्वप्न भी
., 437 , ... 347 ,
| 19x11x14x32
1828
42
434
सं.
26 x 11x5 x 33
1845 1 3 गुटका 27 x 11 व 25 x 12 , 180श्लोक दूसरी में 19वीं 12,7. 25 से 27 x 11 x भिन्न तीन संपूर्ण चौथी अपूर्ण | 19वीं 13,5
संपूर्ण 128 श्लोक | 19वीं 27 x 12 x 15 x 48
पूर्ण प्रति के श्लोक
262/78
25x10x14x46
1345 की कृति
पर्व व्याख्यान कथा
संपूर्ण
1845
30*
26x11x15x45
1859
25 x 12 x 14 x 35
24 x 11x16 x 42
1875 1888 1897 1899
25x12x17x45
22x13x13x32
| 14,19, 24 से 25 x 10 से 13
19वीं
मूल का बालावबोध
जसा
10
27x11x15x40
1902
जिननमस्कार क्रिया प्रा.मा
25x11x13x37
20वीं
पाठ पाठ पद
"
मा.
24x11x
20वीं
,,विधि स्तोत्र सं.मा.
3
24x11x17x60
19वीं
अंत में 'जिन स्तोत्र'
__25 श्लोक
"
,
मा.
5
26x12x13x28
19वीं
भक्ति क्रिया पाठ पद सं.
3
24 x 11x19x46 | प्रतिपूर्ण
19वीं
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190]
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भाग विभाग : 3 (प्र)-जन भक्ति व क्रिया-पर्ववत
3A
167-9 महावीर 3 आ 116- नवपद खमासणा 3 प्रतियां | Navapada Khamāsana 8-9
3 copies
गद्य मंत्र
170 | कोलड़ी 413 | नवपद जाप
Navapada Jāpa
171
के.नाथ 21/57 | नवपद सिद्धचक्र प्रतिष्ठा पूजा | Navapada Siddhacakra
विधि
Pratistha etc. महावीर 3 या 93 | नंदी उपधान विधि Nandi Upadhāna Vidhi , 3 आ 81 3 या 49 | नंदी दीक्षा विधि
Nandi Diksă Vidhi
173
174
175
3 या 176| नित्य पूजन विधि
Nityapūjana Vidhi
176
, 3 या 48 निर्वाणकलिका(प्रतिष्ठापद्धति) Nirvana Kaliki
सिंहतिल कसूरि
Nivitān Balabodha
के.नाथ 18/88 | निविता वालबोध कोलड़ी 196 | पडिलेहणा कुलक
Padilehaņā Kulaka
| विजयविमल (आनंद- मू.ट. (प.ग.)
विमल शिष्य
179
सेवामंदिर 3 इ345)
180
महावीर 2/16
181
प्रोसियां 2/170
182 | कोलड़ी 188 | पर्यषण अष्टाह्निका व्याख्यान | Paryusana Astahnika Vya |
khyāna 183 के.नाथ 20/42
क्षमाकल्याण
,, 3 प्रतियां
,
3 copied
मू ट (प.ग.)
..3 प्रतियां
j copies
184-6 | , 8/27-23;
18/54 187 | कोलड़ी 191 188- ., 189,1036 900
157 191-21 ., 190-98 193 कुंथुनाथ 337 194 , 13/47 195-6 महावीर 3 प्रा125,8/
, 2 प्रतियां
2copies| क्षमाकल्याण
धनेश्वर सूरि
मू ट. (प.ग.)
क्षमाकल्याण
,, 2 प्रतियां
2 copies
197
.
3 प्रा6 |
मू.ट (प.ग.) मू.ट. (ग)
198
,
3 आ 5
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कथा धार्मिक विधि विधान :
[ 191
1
1
____
6 7 भक्ति क्रिया पाठ पद सं.
| 8 | 8A 4,13,7/ 20 से 26 x 11 से 12 | प्रतिपूर्ण
____10 19/20वीं
28x10x14x50 | संपूर्ण
19वीं
सिद्धचक्र प्रोली मा.
पाराधना विधि धार्मिक क्रिया की ,
विधियां
25x11x11x35
1875
24x11x18x44
18वीं
27x11x15x52
1940. पाली,
अमरदत्त 20वीं
श्रुत अध्ययन विधि
27 x 13 x 15 x 37 अपूर्ण (त्रुटक पाठ मात्र)
पाठ
27x14x7x23 |
204
प्रभु पूजादि दैनिक मा..
कर्तव्य प्रतिष्ठा पद्धति सं.
25x11x14x50
,
ग्रं. 200
1962
जिन वर्ण राशि आदि
24x11 x 10 x 34 | संपूर्ण
19वीं
विकृति भक्ष्याभक्ष्य मा.
विचार प्रतिलेखन विधि | प्रा.मा.
26 x 10x5 x 44
|
, 34 गा.
1808
25x15x5x30
1862, लुणावा,
अर्जुन 19वीं
26x13x5x34
पर्यषण पर्व प्रथम 2| सं.
26x11x5x37 , 27 गा. 19वीं राधिका
नगर 25 x 12 x 16 x 48 | संपूर्ण
18वीं | 21 25 x 13 x 12x39 ,
1900 1433,9| 24 से 28 x 12 से 13 प्रथम दो पूर्ण तीसरी अपूर्ण 19वीं
.
सं.मा.
41
25x11x6x38 ] संपूर्ण
19वीं
19वीं
25 से 26 x 11 से 13 प्रथम पूर्ण, द्वितीय व .
" तीसरी अपूर्ण 25 x 12 > 13/20x
49 29x 14x8x52
संपूर्ण
19वीं
सं.मा
30
1911
1944
18 | 25x13x12x34 | 24,10 | 27x13x24 x 22
26 x 12x6x40
19/20वीं
,, 189 श्लोक , 149 प्रबन्ध
11943X ज्ञान
विजय | 1957
|
|35
28 x 12x5 x 38
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192 ]
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भाग/बिभाग : 3 (अ)-जन भक्ति व क्रिया-पर्वव्रत
3A
199- प्रोसियां 3 आ 134, पर्युषण अष्टाह्निका व्याख्यान | Paryusana Astahnika Vya- मतिमंदिर 200/133| 2 प्रतियां
khyāna 2 copies 201-2 , 3 पा 135,
2 प्रतियां
158/
169
Parvne
203-4 कुंथुनाथ 16/6.10/
2 प्रतियां 205-6 | कोलड़ी 1150-78]
2 प्रतियां 207-8 | के.नाथ 21/75,
" 2 प्रतियां 15/206 209 पोसियां 3 आ 169 पर्यषणाकल्पादि सूचना Paryusaņākalpādi Sücana 210-2 महावीर 3 प्रा 124| पर्युषणाचिंतामणि 3 प्रतियां Paryusana Cintamani | अमृतकुशल
3 copies 213 के.नाथ 11/61 | पंचमी उद्यापन विधि Pancami Udyāpana Vidbi ज्ञानविमल कुंथुनाथ 15/2 , कथा
, Katha .
दीपमुनि 215 के.नाथ 6/88 | , तप स्तवन ।
Tapastavana जिनविजय कुंथुनाथ 37/12 | देववंदन विधि व स्तव
Devavandana
Vidhi 217 के.नाथ 10/12 | ., स्तवन
Stavana
गुणविजय कोलड़ी 417 | पुंडरीक अाराधन विधि Puņdarika Ārādhana Vidhi 219 मुनिसुव्रत 3 प्रा 165 पूजा विधि
Pūjā Vidhi 220 सिवामंदिर 3 आ345 , स्तवन
, Stavana गुण विमल 221-2 महावीर 3 आ 111- पंतालीस प्रागम का गुणना | 45 Agama Gunani
2 प्रतियां 223 | कोलड़ी 945/पौष दशमी कथा
Pausa Dasami Katha
जैनेन्द्रसागर | के.नाथ 21/87
तालिका
225 | महावीर 3 प्रा 19
226
सेवामंदिर 3 आ173/
व्याख्यान
Vyakhyāna
-
3 प्रतियां
, 3copies
227-9महावीर 3 ग्रा 126,
20,1 230-1| कोलड़ी 173,172
2 प्रतियां
,,2copies
232 सेवामंदिर 3 आ178|
| (हेमचन्द्रानुसारे) 233 मुनिसुव्रत 3 पा 171| पौषध प्रतिक्रमणादि विधि | Pausadha Pratikramanadi
Vidhi 234 | कोलड़ी 395 |
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कथा धार्मिक विधि विधान :
[ 193
_10
11
___6 7 8 8A पर्युषणप्रथम2दिनका मा. | 26,15 26 x 12x9/15 x 34| संपूर्ण
| 95 26 x 12 x 14 x 44 | अपूर्ण
1907-16
20वीं
20वीं
12,42| 26 x 12 व 28 x 12 संपूर्ण 3,19 25x11426x12 |
20वीं
17,17
26 x 14 व 25 x 11 पहिली पूर्ण, दूसरी अपूर्ण 20वीं
25x11x16 x 34 | अपूर्ण
20वीं
साधुपर्व प्राचार विधि , पर्व विधि विधान
27 से 29x12 से 13 | संपूर्ण
19/20वीं
181
तिथि पर्व भक्ति विधि सं.मा.
25x12x16x47 |
1875
"
कया
मा.
26x11x15x45
, 11 ढालें
1907
19वीं
25 x 11x10x29 | , 6 ., 25 x 12 x 9 x 36 | संपूर्ण 26 x 13x11x29 , 5 ढालें :
1943
"
काव्य ,
19वीं
भक्ति (गणधर) विधि,
27x13x12x34
19वीं
23 X11 x 10 x 28 प्रतिपूर्ण
19वीं
प्रभु पूजाविधिविधान ,
, काव्य
26x12x17x46| संपूर्ण 27 गा.
19वीं
शस्त्र भक्ति पाठ पद संस्कृत
28x12x--
,
310 मंत्र पद
| 19वीं
पर्व व्याख्यान कथा सं.
25x10x विभिन्न
19वीं
| 25x12x11x35
4 xxx x x x x x
संपूर्ण 75 श्लोक , 73 , , 75 ,,
19वीं
28 x 13 x 11 x 36
20वीं
30*
26x11x15x45 | संपूर्ण
1859
25.10 25 से 29x12 से 14
19/20वीं
28 x 12 व 25 x 12 |
19/20वीं
25x11x8x45
1934
मावश्यक क्रिया विधि प्रा.सं.मा 29
| 26x12x15x35 प्रतिपूर्ण भिन्न 2 पन्ने | 1846
"
मा. |3
|23 x 12 x 14x40 | प्रतिपूर्ण
19वीं
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194 ]
1
2
3
3A
4
235 | के.नाथ 14/46 पौषध प्रतिक्रमणादि विधि
Pausadha Pratikramanadi
Vidhi Pausadha Vidhi 2 copies
236-7| कोलड़ी 397-8 | पौषध विधि 2 प्रतियां 238 | महावीर 3 पा 39 , 239- के.नाथ 14/47-41 , 2 प्रतियां
40% 241 ,, 11/106 | पौषध विधि स्तवन 242 | , 19/93 | प्रति आलोचना विधि
2 copies
Pausadha Vidhi Stavana
समयसुंदर
Prati Ālocană Vidhi
243-5] कंथुनाथ 3/13. प्रतिक्रमण विधि 3 प्रतियां Pratikramana Vidhi3 copies
10-174,15-53 246-7 के.नाथ 5/69,21/
2 प्रतियां
2 copies 55 248 कोलडी 961 (पंच) प्रतिक्रमण विधि (Panca) ,,
। । । ।
"
2 प्रतियां
,
,
2 copies
-
249- कंथूनाथ 10-159. 50/ 3.79A | महावीर 3 अ 18 प्रतिक्रमण हेतु गर्भ
P ratikramana Hetu Garbha जयचन्द्रमरि
252 के.नाथ 10/83 253 | 26/58
क्षमाकल्याण 254 , 10/68 प्रतिक्रमाक्रम विधि सार्थावगम Pratikramākrama Vidhi
जयचन्द्रगणि
Sārthāvagama 255 महावीर 3 या 43 प्रतिष्ठाकल्प
Pratisthā Kalpa प्रज्ञात(संगृहीतसंपादित प.ग.
256
|
,
3 आ 46
251
अज्ञात(संगृहीतसंपादित) प ग.
Pratisthā Kundali etc
ग. यंत्र
,, 3 या 42
,, 3 या 45 | प्रतिष्ठा कुंडली अादि | के.नाथ 17/37 प्रतिष्ठा के टब्बे | | , 23/22 | प्रतिष्ठाधिकार
259
Pratistha ke Tabbe
260
Pratisthādhikara
261 | कोलड़ी 1240 प्रतिष्ठा विधि
Pratişthā Vidhi
2 copies
262-3 के नाथ 21 42-72 2 प्रतियां 264-5 महावीर 3 या 40- , 2 प्रतियां 266 | के.नाथ 23/91 प्रतिष्ठा सामग्री 267 - कुंथुनाथ 4/81 | प्रत्याख्यान कोष्ठक
41
Sāmagri
Pratyākhyāna Koşthaka
तालिका
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कथा धार्मिक विधि विधान :
[ 195
7
8
8A
9
|
10
11
6 प्रावश्यक क्रिया विधि
24x12x13x30
x30 प्रतिपूर्ण
20वीं
19वीं
25 x 10 व 26 x 13 25 x 12 x 12x35
20वीं
| 25x12 व 26x11
19/20वीं
" काव्य
25x11 x 11x31 | संपूर्ण 37 गाथायें
19वीं
प्रायश्चित विधि
26 x 12x15x41 | संपूर्ण
19वीं
अावश्यक क्रिया विधि ,
20वीं
26 से 27 x 11 से 12 25 x 11 व 26 x 12
,
20वीं
| 26x12x15x35
1873
26 x 11 व 12 x भिन्न?
20वीं
आवश्यक विधि
26x12x22x46 संपूर्ण ग्रंथान 1506
चन
1842,सूरत
क्षमाप्रभा 19वीं
27x12x15x55
25x13x13x48
20वीं
25 x 12x11 x 40
,, 150 श्लोक
1934
मूत्ति प्रतिष्ठा
28 x 12 x 20 x 43
18वीं
25x12xllx33
1828
27x13x14x32
20वीं
अंत में प्रतिष्ठासामग्री
सूची
27x12
प्रतिपूर्ण
20वीं
तीर्थंकरों की राशि प्रादि ज्योतिष पक्ष मुद्देवार टिप्पणिय
31x15
19वीं
प्रतिष्ठा विधियां । सं. |
27- 13x13x47 संपूर्ण
1893
1906
नवीनप्रासाद से
25x12x15x48 ध्वजातक प्रतिष्ठा विधियां प्रा.सं.मा. 16,241 27x12 व 24x12
19/20वीं
मा
42,34/ 27x13 व 25x13
19वीं (1पालीमें)
20x10x10x33 |
19वीं
किरियाणा की सूची , प्रागार छायादि
विधान
24x10x
17वीं
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196 ]
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भाग विभाग : 3 (अ)-जन भक्ति व क्रिया-पर्वव्रत
3A
Pratyākhyāna Kosthaka
तालिका
,, Stavana
रामचन्द्र
,
,, 2 copies
12.
3 268 | कुंथुनाथ 9/125 प्रत्याख्यान कोष्ठक 269 कोलड़ी 938 | प्रत्याख्यान स्तवन 270-1| के.नाथ 19/107;
, 2 प्रतियां 26/33 कुंथुनाथ 42/17 | प्रारम्भना 273 | , 37/14 | बारह व्रत अति चार 274 | के.नाथ 26/82गु ,
|, 19/50 वारह व्रत अालोचना 276-7 के.नाथ 3-24,5-30 बारह व्रत टीप 2 प्रतियां
Prärambhana
मू. व्याख्या
Bāraha Vrata Aticāra
Alocanã
प्रेमराज
Tipa 2copies
278 | कोलड़ी 1198
Leneki Vidhi
के.नाथ 26/53 | बारह व्रत लेने की विधि | कोलड़ी 370 | बारह व्रत विचार पद्धति
Vicāra Pad
dhati Vivarana
281
,
369 | बारह व्रत विवरण
,,
उदयसागर
282 | महावीर 3 आ 18 बीसस्थानक गुणना
Bisa Sthanaka Gunana
ग. मंत्र पद
283-4
,, 3 या 106-9/
तप विवि 2 प्रतियां
,, Tapavidhi
2 copies , Tapastavana| नवविजय
285
,, तप स्तवन
., 3 आ 87 | ब्रह्मचर्यादि व्रत विधि
Brahmacaryadi Vrata Vidhi
287-9, ,, 3 प्रा 126. मेहत्रयोद की कथा 3 प्रतियां
201 290- कोलड़ी 175,174
2 प्रतियां
Merutrayodasa Katha
3 copies 2 copies क्षमाल्यारण
292
प्रोसियां 3 ग्रा 138/
293
के.नाथ 19/56
294 कुंथुनाथ 4/85 295 | के.नाथ 15/144 296-7 कोलडी1 76,1125
व्याख्यान
Vyākhyānā
2 प्रतियां
298 महावीर 3 प्रा 175/ मोक्ष टिप्पणिका
Moksa Tippanikā
299 | के.नाय 22/38 | मौन एकादशी कथा
Mauna Ekādasi Katha
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Page #214
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कथा धार्मिक विधि विधान :
आगार, छायादि विधान
तपफल वर्णन विधि
काव्य
व्रत भंग विचार
11
17
प्रतिचार विचितन
व्रत विधान विवरण
कल्पसूत्र की पीठिका प्रा.सं.
वाचन
प्रतिज्ञापाठादि
71
6
11
तप सूत्र व क्रिया
11
"
"
#7
श्रावकाचार किया विधान
पर्व व्रत कथा
"
"
17
श्रावकाचार व्रत मा.
विवरण
13
काव्य
मा.
11
तप पूजा क्रिया पाठ सं.
पद
15
विभिन्न तप विधियां
पर्व व्रत कथा
प्रामा
मा.
"
17
""
प्रा.मा.
11
मा.
33
11
सं.
7
31
13
मा.
"1
प्रा.
1
3
7,2
2
4
16
13
35,5
8
2
100
78
10
2
8
9
6,5
5
7
7
8
851126 × 12 व 27 x 12
19,6
11
8A
7
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23 x 14 x ---
27 x 10 x 10 x 27
25*10* 25 से 29 x 12 से 14
11*
25 x 13 x 14 x 48
27 x 12 x 17 x 39
26 × 11 x 15 x 40
26 × 13 x 13 x 36
25 × 11 × 13 × 34 संपूर्ण
16 × 9 x 9 x 20
अपूर्ण
26 × 1 3 × 1 6 × 32
संपूर्ण 151 गाथा
23 x 12 व 25 × 12
संपूर्ण
29 × 12 × 14 × 47
26 × 12 × 18 × 50 | संपूर्ण
27 x 13 x 12 x 32
25 × 11 व 26 × 12
( तीन ढालें) 19 / 20वीं
26 × 11 × 1 2 × 52 प्रपूर्ण (बीच का । पन्ना कम) 17वीं
19at
19वीं
26 x 12 a 29 x 13
25 x 11 x 14 x 34
25 × 1 1 × 11 x 40
संपूर्ण
24 x 13 x 12 x 35
33
25 x 12 x 13 x 42
17
37
17
अपूर्ण (पहिला व्रत भी
अधूरा )
"1
17
:
"
"
11
9
33 T
11
25 x 13 व 21 × 13
26 × 12 × 14 × 40 संपूर्ण
26 x 12 x 13 x 47
31
ور
25 गा.
ग्रं. 165
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155 TT.
For Private and Personal Use Only
10
19वीं
1890
1940
19वीं
19वीं
1829
1826
1903
19वीं
प्रथम संपूर्ण द्वितीय प्रपूर्ण 20वीं
17at
19वीं
19वीं
20वीं
20वीं
19/20वीं
19वीं
1900
19वीं
1945
1802
[ 197
11
अंत में 3-4 स्फुट
स्तवन
| मकसुदाबाद के सुगालचंदजी की टीप
अंत में जयवर्मा जय
| माल की । अनु मात्र पिंगलराय का कथा
नक भी है
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198]
1
300
301
302-3
304
305
306
309
310
311
312
313
307 मुनिसुव्रत 4 166
308
के नाथ 10/110
314
315
316
317
318
319
320
321
कोलड़ी
324
325
19
2
164
11
167
11
22/41
कुंथुनाथ 52/6
ओसियां 3 प्रा 139
166,165
के. नाथ 5/37
महावीर 3 ग्रा 13
कुंथुनाथ 9 / 124 मोन एकादशी व्याख्यान
3 ЯT 154
322 कुंथुनाथ 10 / 153
323 कोलड़ी
कुंथुनाथ 16/11
कोलड़ी 169
171
170
मौन एकादशी कथा
11
के . नाथ 23/46
33
11
के.नाथ 10/33
महावीर 3 श्री 12
कोलड़ी 168
ओसियां 3 या 153 मौन एकादशी व्रत कथा
महावीर 3 या 14
सेवा मंदिर 3 ग्रा 173
महावीर 3 या 126
17
11
11
3
""
27
,
17
""
"
"
"
"
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2 प्रतियां
मौन एकादशी कथानक
3 A
Mauna Ekadasi Katha
32
35
22
"
| Mauna Ekadaśī Vyākhyāna सौभाग्यनंदसुरि
53
33
33
"
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भाग / विभाग : 3 ( प्र ) - जैन भक्ति व क्रिया-पर्वव्रत
37
33
2 copies
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4
रविसागर
सौभाग्यनंदि
11
Mauna Ekadasi Vrata Katha रूपचंदगरण शिष्य
वीरसागर
रविसागर
दानचंद्र गरिए
वीरविजय
(प्राकृतानुसार)
|Mauna Ekādaśī Kathānaka (प्राकृतानुसार)
(मु. सौभाग्यनंदि) अमृत
वल्लभ
मू.ट. (प.ग.)
पद्य
मू ( प. )
"
"1
प.
मू.ट (प.ग.)
ग.
11
5
""
"
""
"1
"
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कथा धार्मिक विधि विधान :
पर्व व्रत कथा
11
11
11
21
11
رو
11
33
13
رو
11
31
"
11
33
11
27
11
11
33
11
"1
33
6
93
प्रा.मा.
प्रा.
सं.
11
7
सं.मा.
सं.
मा
15
11
11
27 × 11 × 14 × 44 | सपूर्ण 156 गा.
26 × 11 × 6 × 50
128 25 से 27 x 13 x भिन्न 2
26 x 12 x 6 x 30
17
6
5
3
20
5
6
7
31
18
3
8
8
20
30*
25*
4
3
1
2
5
9
8 A
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24 x 12 x 15 x 44
25 x 14 x 14 x 33
25 x 11 x 15 x 49
26 x 12 x 5 x 37
25 x 14 x 14 x 27
26 x 11 x 12 x 38
24 x 10 x 14 x 57
26 x 12 x 19 x 35
27 x 13 x 5 x 27
27 x 13 x 6 x 30
26 x 11 x 15 x 45
25 x 12 x 14 x 35
24 x 13 x 12 x 48
26 x 11 x 11 x 50
26 x 11 x 13 x 40
11.
26 x 11 x 15 x 45
26 x 11 x 12 x 42
ور
..
"1
33
13
".
11
39
31
9
31 11
""
73
26 x 11 x 4 x 24
26 × 11 × 14 × 52 | अपूर्ण 109 श्लोक (अंतिम
पन्ना नहीं,
26 x 12 x 19 x 45
118 श्लोक
200 श्लोक
116
118
113
201
221
"1
109
#. 202
ور
For Private and Personal Use Only
11
ور
11
11
11
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10
1828
1845
19at
19 at
1944
1576
1733, लूणकर
रासर, दयासागर
1829
19at
19वीं
19at
19at
19af
19वीं
1682
28 × 13 × 15 × 47 संपूर्ण (बीच में नौवां पन्ना कम) 1762
19at
20at
1859
1858
19वीं रांने, गौतमसागर
19वीं
1896, जंसलद्वि 1884 की कृति
पुर, शिवचंद्र
1875
1945
[ 199
11
1576 की कृति
1774 की कृति
Page #217
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200 ]
5.
1 | 2.
3A 326 | के.नाथ 23/84 | मौन एकादशी कथानक Mauna Ekādasi Kathānaka 327 | , 19/108 328-9 प्रोसियां3ा140-1
2 प्रतियां
,, 2 copies
330-1| के.नाथ 15/180;
24/191 332-3/ कुंथुनाथ 351,
24/9 334 | के नाथ 23/87 | मौन एकादशी क्रिया विधि
, Kriyavidhi| रूपविजय
335 | कोलडी
948 | मौन एकादशी का गुणना
,, ka Gunana
ग. मंत्र
336 | महावीर 3 आ 15
337 |
, 3 पा 120
2 प्रतियां
338-9| कुंथुनाथ 4/102,
13/54 340 | के नाथ 24 65
,
4 प्रतियाँ
341-4 कोलड़ी 418,949
889419 345 | महावीर 3 या 16
4 copies
,, Stavana
| कांतिविजय
346-7| के.नाथ 18/11, मौन एकादशी स्तवन 2 प्रतियां
20/30 348 | कोलड़ी 307
349 | प्रोसियां 3 इ 190/
350 | कोलड़ी 1225 यतिदिनचर्या + वृत्ति
Yatidinacarya +Vịtti
| भावदेवसूरि/मतिसागर मू व (प.ग )
351
,
891
भावदे वसूरि
मू ट. (प.ग.)
352 | महावीर 3 ग्रा 30
अवचूरि
+ Avacūri
मू.अ. (प.ग)
353 | के.नाथ 13/15
14/52
देवमूरि
354 " 355 | कोलड़ी
890 | यति (दसविध) धर्म सज्झाय | Yatidharma Sajjhāya
ज्ञानविमल
356
,
गु. 1/8 यति सज्झाय
Yati Sajjhāya
357-8 महावीर 3 प्रा 70 योग खमाषणा आदेश 2 प्रतियां Yoga Khamasan Adesa 71
2 copies 359 | , 3 या 80 | योगदिन आदि
Yogadina etc.
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कथा धार्मिक विधि विधान :
[ 201
6
8A
10
11
पर्व व्रत कथा
25 x 11 x 15 x 27
संपूर्ण
1811
25x11x15x42
1844
अंत में 'स्तवन' समय
सुंदर का
1869,19ीं
26x11x15/11x
38 26 x 11 x 12 x 42
19वीं
26 x 13 व 26 x 12 | प्रथम संपूर्ण ग्रं 200 द्वितीय 20वीं
23x14x16x36 | संपूर्ण
1936
पर्व व्रत पाठ स्मरण
26x11x
संपूर्ण 150
1749
25x11x13x39
1779,शाहजहांबाद,मगलसागर 18वीं
26x11x
25x12 व 24x13
19वीं
25x12x15x51
19वीं
25 से 27x10 से 12
19/20वीं
26x12x12x32
1902, अजमेर
रिखीलाल 19वीं
पर्वव्रत क्रियाकाकाव्य
29x 13 व 25x11 | संपूर्ण 3 ढालें
25x11x10x30
1879
25 x 11 x 12 x 44 | ,
,, (27 गा.) | 19वीं
साधु समाचारी विधि
26x11x15x56 | संपूर्ण 154 गा.
16वीं
कालिकसूरि-वंथ ज.
26x13x7x39 |
151 गा.
1901
27x128x41 । 154 गा. की 1957,राजनगरे| 28x13x15x41 , 420 श्लोक ग्रं 500 19वीं 26x11x20x40 , 389 पद 19वीं 24x13x13x32 , 10 ढालें= 154गा. 19व 14 x 11 x 10 x 15 | अपूर्ण
19वीं 28 x 13 x भिन्न 2 | | प्रतिपूर्ण
20वीं 26 x 11x20x48
19वीं
आवश्यक क्रिया विधि
स्वाध्यायमुहूर्तवविधि
- 0
4-07
"
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202 ]
3
3A
5
360 | महावीर 3 आ 66| योगदूहन विधि
Yogadūhana Vidhi
361
,, 3 मा 60 योगप्रवेशादि विधि
Yogapraveśādi Vidhi
362
,, 3 आ 69 | योग मोटी (बड़ी) विधि
Yoga Moți Vidhi
363
, 3 आ 76 | योग यंत्र विधि
Yogayantra Vidhi
364
,
3 या 62
365
,
3 मा 77
366 |
, 3 पा 75 योग विधि
Yoga Vidhi
361
,
3 या 72
368
,
3 पा 73
369
, 3 आ58
370
,
3 आ 68
371
3 आ79
372
, 3 पा 64
65 | योगानुष्ठान विधि
Yogānuşthāna Vidhi
374
|
,
3 या 63
Raisanthā à Bhāṣādi
Rohini (Tapa) Katha
375 ., 3 पा 34 | राइ संथारा भाषादि 376 ,, 3 प्रा 127 | रोहिणी (तप) कथा 377 के नाथ 21/32 378 |, 5/95
" महात्म्य
,,
(,)
,
कनककुशल
,, (Mahatmya) Katha
379- कंथुनाथ 15-61, रोहिणी(चौढालियो)तप स्तवन Rohini Tapa Stavana मुनि श्रीसार 8120-11, 4-83
3 प्रतिया
3 copies 382-6 | कोलड़ी 314-5-7, , तप स्तवन 5 प्रतियां __, , , 5 copies
928-32 387-8 / के.नाथ 15/218 , 2 प्रतियां „ „ „ 2 copies
19/112 389 } , 15/191 | रोहिणि (वासुपूज्य) स्तवन |Rohini(Vasupujya)Stavana लक्ष्मीरि 390 , 15/38
भक्तिलाभ का शिष्य , 391 कोलड़ी 1352
दीपविजय
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कथा धार्मिक विधि विधान :
[ 203
___ 6
7
8 |
8A
9
___10
11
स्वाध्याय विधि |
26 x 11 x 13 x 34 | प्रतिपूर्ण
धार्मिक क्रियाविधिया ,, | 16
28x12x15x31 |
1635x
ठाकरसी 1916,पालिप्त
नगरे, 19वीं
25x11x12x50
26x11x14x43
अंगोपाङ्ग अध्ययन | प्रा.मा.
विधान
16वीं
"
तप
मा.
25x12x10x37 |
1890, पाटण,
भक्ति विलास 19वीं
26x11
अध्ययन विधि
तालिकायें धार्मिक स्वाध्याय
विधि विधान
26x11
16वीं x कुल
तिलक 1658
26 x 11x14x55
26x11x19x56
1705 सिद्धपुर कल्याणसागर 18वीं
26 x 12x14x37
25x11x15x47
18वीं
तपादिविधिविधान
26x11x16x58
18वीं
..
स्वाध्याय धार्मिक |
क्रिया विधि
मक
20वीं
27x13 x 12 x 42
26x11x13x49
16वीं x इन्द्र
विजय 18वीं
25x11x12x47
पौषध शमन विधि
24x 12x12x33
1858
तप व्रत कथा
प्रा+मा| 9
| मा.
5
25x12x6x28 |
1901, रगोज
नगर, रंग सक्त 26x1x14x45 | 202 श्लोक 1657 (अशोकचंद्रनृप कथा) 26 x 12 x 16 x 35 | संपूर्ण
1826 25 से 26 x 8 से 12 4 ढाल+कलश | 1862, 19वीं
=26गाथा,23 गा. 22 से 26 x 11 से 12 , 26 गा. 19वीं
तप व्रत विधि काव्य
24x 12 व 18x12
19वीं
25x12x11x32 |
1883
25x11x11x35
,
24 गा.
19वीं
25x12x11x28
,
छः ढाल
19वीं
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204 ]
3A
5
1 .2
3 392 महावीर 3 आ 108| रोहिण्यादि तप विचार
Rohiņyādi Tapa Vicāra
393
, 3 0 31| विधिपक्ष समाचारी
Vidhipaksa Samācāri
394 | , 3 आ 35 | विधिप्रभा
Vidhiprapā
जिनप्रभ कोलड़ी 1177 | विधि संग्रह
Vidhi Sangraha 396-7 | कुंथुनाथ 14/41-| विधि स्फुट लघु ग्रंथ दो प्रतियां Vidhisphuta Lagu Grantha
2 copies | के.नाथ 6/34 | वृद्ध स्नात्र विधि
Vpdha Snätra Vidhi
42
398
399
प्रोसियां 3 इ229 शांति और अष्टोत्तरी स्नात्र | Santi & Astottari Snatra
400
कुंथुनाथ 13/217| शांति स्नात्र पूजा विधान | Santi Snaira Puja Vidhāna | महावीर 3 या 44| शांति स्नात्र विधि
, , Vidhi
402 प्रोसियां 3 प्रा 156| शुक्ल पंचमी माहात्म्य स्तवन Suklapancami Mahatmya गुणविजय (कंवरविज प.
Stavana
शिष्य | , 3 प्रा 37 | श्रमणोपासक विश्रामस्थान | Sramanopasaka Visrāma
sthāna 404 | कुंथुनाथ 3/61 | श्रावक पालोचना Śrāvaka Ālocanã 405 | के.नाथ 20/51 | श्रावक प्रावश्यक विधि | Sravaka Avasyaka Vidhi 406- 1, 6/46, 11/| श्रावक विधि प्रकाश 5 प्रतियां Sravaka Vidhi Prakasa
क्षमाकल्याण ___1060 17/1,23/14,
5 copies |20/47
411 | प्रोसियां 2/247
412 सेवामदिर 3 आ 62| षडावश्यक विधि
Şadāvaśyaka Vidhi
413 महावीर 3 आ78 सज्झायः पढावणादि विधि Sajjhāya Padhāvanādividhi
कुंथुनाथ 37/18 | सनाथ विधि
Sanātha Vidhi
415 महावीर 3 पा 88 | सम्यक्त्व उच्चारणादि विधि Samyaktva Uccāranadi
Vidhi 416 सेवामंदिर 3 ग्रा177 सर्व तप विधि
Sarva Tapa Vidhi
95/
417.8 महावीर 3 पा 90 संघपति मालारोपण 2 प्रतियां Sanghapati Mālāropana
2 copies 419 , 3 या 26 | साधु विधि प्रकाशादि Sadhu Vidhi Prakasādi 420 , 3 आ 27
| (मूल क्षमाकल्याण) - 421 प्रोसियां 3 पा 130 साधु श्राद्ध पालोचना | sadhu Sraddha Alocana
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कथा धार्मिक विधि विधान :
[ 205
8
___ 10
11
6 7 तप व धार्मिक क्रिया
विधि साधु दिनचर्या नियम,
8A
9 27x11 x 21 x 70 | संपूर्ण 27 x 11 x 22x75 | ,. ग्रं. 395
16वीं
25x11x11x47 |, ग्रं. 3574
जैन धार्मिक विधि
शास्त्र धार्मिक विधियां
1525, श्रीपत्त
नगर, जयरत्न 1962,जोधपुर लिपिक ने ग्रं 4672
शेरमल लिखे है। 19वीं
26 x 12x14x52 | प्रतिपूर्ण
अष्टोत्तरी स्नात्र,
26x11024x11
19वीं
मांडला
पूजा धार्मिक क्रिया
26x11x15x55
19वीं
26x13x12x28
1969,जोधपुर
फाउलाल 19वीं
26x11x10x40
27x12x10x29
20वीं
26 x 11 x 10 x 31 | संपूर्ण 5 ढालें
19वीं
पर्व विधि माहात्म्य
काव्य श्रावकाचार विधि
26x11x18x55 प्रतिपूर्ण
18वीं
17वीं
अतिचार प्रायश्चित प्रा सं.मा. 4 27x11x16x33 | संपूर्ण
परिमाण प्रतिक्रमणकी विधियां मा. 4 23x11 x 17x43
1825 श्रावकावश्यक की ,, ,, 13,7,9 | 24 से 30 - 12 से 15 | 4 = संपूर्ण, अंतिम अपूर्ण 19/20वीं
19,11|
26x12x13x35 संपूर्ण
1927
आवश्यक क्रियाविधि,
26x12x8x34
प्रतिपूर्ण
20वीं बीकानेर
दीपविजय 20वीं
धार्मिक , "
"
26x11x10x39
26x11x14x60
19वीं
जिन जन्मोत्सव विधि प्र.
वर्णन धार्मिक क्रिया विधि मा.
| 26x11x16x49
19वीं
62 प्रकार के तपों की
| 26x1x15x72
18वीं सांवल
दास 20वीं
धार्मिक क्रियाउपधान
26x12 व 25x11
साधु अावश्यकादि
28 x 12 x 14x46
20वीं
१५
| 26x12x10x30
1896 नागौर
चरित्रसागर
प्रायश्चित परिमाण
विचार"
42x11x23x68
20वीं .
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206 ]
भाग/विभाग : 3 (अ)-जन भक्ति व क्रिया-पर्वव्रत
__ 1 |
2 .
3A
4
5
422-3 | महावीर 3 प्रा 28// साधू श्रावक विधि प्रकाश | Sidhu Srāvaka Vidhi Pra29 2 प्रतियां
kāśa 2 copies , 3 प्रा 24 | साधु समाचारी Sadhu Samācāri
हरिप्रभसूरि
425
426
शिवनिधान
के.नाथ 21/47 | सामायिक के बोल व अतिचार Samayika ke Bola & Ati
cara " 6/50 | सामायिक ग्रहण विधान | Samayika Grahana Vid-
hāna 26/29 सामायिक प्रतिक्रमणादि विधि Samayika Pratikramanadi
Vidhi 5/51
(पंचाजी) विचार , Pancingi Vicāra
427
428
429
16/38 | सामायिक विधि
Vidhi
430
ग. मंत्र
,, गुटका 1 | सामायिकादि दोष स्तवन । , Dosa Stavanaetc| अानंदनिधान कोलड़ी 411-12 | सिद्धचक्र गुण ना दो प्रतियां | Siddhacakra Gunana
2 copies कुंथुनाथ 17/8 | सिद्धान्त विधि
Siddhanta Vidhi के.नाथ 22/16 | सौभाग्य (ज्ञान) पंचमी कथा | Saubhagya Pancami Katha) कना कुशल
, 11/39 महावीर 3 आ 9
435
437
कोलड़ी 202
मू.ट. (प.ग.)
438
|
के.नाथ 15/161
पद्य
439
मू ट (प.ग.)
, 10/34 कुंथुनाथ 4/86
440
पद्य
441
कोलड़ी 201
(प.ग)
442 | महावीर 3 ग्रा 10|
443 सेवामदिरा 173 सौभाग्य पंचमी व्याख्यान
Saubhāgya Pancami
Vyākhyāna
444
ग्रोसियां 3 या 136
445-6 कोनडी 197-2031
..2 प्रतियां
2 copies Kathāpaka
447
के.नाथ 23/74
कथानक
.. 15/17
448 449
देववंदन विधि ,,2प्रतियां
Devavandana Vidhi
विजयलक्ष्मी मुनि 2 copies |
50/ कोलड़ी 407-8
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कथा धार्मिक विधि विधान :
[ 207
11
10
18
धार्मिक ,
,
6 7 8 | 8A
9 | 10 आवश्यक धार्मिक | सं.मा. | 65,31 26 x 13 व 25 x 12 | मंपूर्ण
20वीं विधि साधु देनिकचर्या | सं.
| 422 पद संपूर्ण 20वीं नियम विश्लेषण व दृष्टांत मा. | 27x11 x 14 x 39 संपूर्ण
20वीं श्रावकावश्यक विधि ,
26 x 11 x 17 x 52 , 16 विधियां 20वीं 26x13x14x40/ अपूर्ण
20वीं पावश्यक विधि 25 x 12 x 11x33 संपूर्ण
1891 26 x 13 x 12x41
20वीं पावश्यक विधि
22 x 19 x 22 x 32 संपूर्ण 5 स्तवन कुल 120गा. 1814 विधान पूजा पाठ जपनाम 27x12 x 12/13 x संपूर्ण
19वीं स्मरण
38 पागम उद्धरणों से 26x10x13x48 अपूर्ण
16वीं निर्णय पर्व व्रत कथा
26x12x12x37 | संपूर्ण 152 श्लोक 1655 25x10x13x32 | 152 श्लोक | 1709
वरदत्त गुणमंजरी
कथा
प्रथम द पन्ने कम
26x11x13x38 संपूर्ण 148 श्लोक
18वीं
सं मा.
11
26 x 12 x 7x38
1829
सं.
25x12x15x40
1838
सं.मा.
27x12x10x35
1858
सं.
25x13x1x30
19वीं
सं.मा.
25x12x8x44
19वीं
सं.
6
।
26 x 12 x 14 x 44
1944 जोधपुर
देवकृष्ण 1859
30*
26x11x15x45 संपूर्ण
26x12x19x46.
1893
24 x 11 व 25 x 10
19वीं
23x10x11x31
19वीं
पर्व क्रिया चैत्यवंदन
27x12x13x45
19वीं
..सज्झाय,,आदि|
| 26 x 11 व 25 x 12 प्रथम संपूर्ण, दूसरी अपूर्ण| 19वीं
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208 ]
भाग/विभाग : 3 (अ)-जैन भक्ति व क्रिया-पर्ववत
3
3A 3A
4 SaubhagyaPaicamiStavana समयसुंदर
5
1| 2 | 3 451 | मुनिसुव्रत 3 5 280/ सौभाग्य पंचमी स्तवन 452 | के.नाथ 20/46 453 कोलड़ी 360
मानसागर (जीतसागर,
शिष्य)
454 | प्रोसियां 2/152 | स्नात्र प्रादि विधियाँ
Snātrādi Vidhiyān
455
के.नाथ 6/115 | स्नात्र महोत्सव विधि
Snātra Mahotsava Vidhi | नयविमल
Snātra Vidhi
मू. व्याख्या
456 | कोलड़ी 962 | स्नात्र विधि 457 | , 405
नगविजय
2 प्रतियां
,,
2 copies
458-9 के नाथ 15/217.
17/53 460 | , 23/54
.
+Kalasa Puja
462
Holi Katha
फतेन्द्रसूरि
,
2 copies
461 कोलड़ी 354 | स्नात्र विधि व कलश पूजा
| के.नाथ 20/21 | होली कथा 463-4 | कोलड़ी 178,453 2 प्रतियाँ 465 | के नाथ 660 | होली पर्व कथा 466 । कोलड़ी 945
कोलड़ी 945 .. कुंथुनाथ 20/13 | होली रज पर्व कथा
, 9/18 | "
Heli Parva Katha
पुण्यराज
466 |
467
Holi Raja parva Katha
जिनदर
468
मू ट. (प.ग.)
469 मुनिसुव्रत 3मा 164
470-1| कोलड़ी 201.196
2 प्रतियां
2 copies
Kalpa
अज्ञात
मू ट (प.ग )
472 मुनिसुव्रत 3 पा 163होली रज पर्व कल्प 473 प्रोसियां 3 या 159
474 | महावीर 3 पा 22
कुंथुनाथ 52/26 | के.नाथ 21/37
मूट. (प.ग)
कोलड़ी 177 | होली रज पर्व व्याख्यान
Vyakhyana| क्षमाकल्यारण
478
महावीर 3 प्रा 21/
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कथा धार्मिक विधि विधान :
पर्व विधि काव्य
"1
"
विविध क्रियायें
भक्ति क्रिया
मेरु जन्माभिषेक
सं.
जिनभक्ति क्रियाविधि मा.
पर्व व्रत कथा
"
17
"1
#:
"
27
19
31
13
""
6
31
"
21
12
11
11
17
मा.
"
मा.
29
11
""
प्रा.सं.मा. 123*
सं.
"
17
सं.मा
2
11
7
37
11
सं.
सं.मा.
सं.
2
3
3
5
2
5
3.4
11
9
7
11,5
2
10*
2
5
5
4
8
2
3
2
9
2
2
8 A
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20 x 10 x 10 x 28
26 x 13 x 12 x 26
26 x 11 x 13 x 38
26 x 12 x 13 x 24
18* 8 * 25×12 व 26 × 10
25 x 10 x 9 × 28
26x12 × 11 x 40
24 x 10 x 15 x 45
27 x 11 x 13 x 55
24 × 1 2 × 13 × 44 संपूर्ण
26 x 13 x 15 x 40
26 × 11 × 13 × 44
26 × 11 × 14 x 40
22 x 11 x 14 x 50
27 x 13 x 6 x 37
25 x 11 x 6 x 33
24 x 11 x 7 x 42
25 x 11 x 14 x 47
संपूर्ण 20 गा.
28 x 13 x 12 x 44
33
18वीं
19aft
19वीं
संपूर्ण चौथा पर्व ( 10 पन्ने 16वीं +23 TT.)
संपूर्ण
13
"
"
26 × 11 × 16 × 42 संपूर्ण 139 श्लोक
25 x 11 व 24 x 13
138-9 श्लोक
34 श्लोक
33
31
21
11
17
19
====
11
25 x 10 x 14 x 36
26x14 x 5 x 28
24 × 13 × 13 × 44 संपूर्ण
26x13 x 17 x 45
21
31
11
3 ढालें
4 श्लोक
पूजा
"
51
9
50
11
51
संपूर्ण 69 श्लोक
64
64
33
51 /49 श्लोक
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13
33
11
"
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"1
10
1266
19वीं
1833
19at
1933
19वीं
1824
19at
19वीं
19वीं
19वीं
19वीं
19वीं
19af
1828 ईश्वर
1832
19वीं
19वीं
19वीं
19वीं
19वीं अहमदा
बादा
[ 209
11
(देवचंदजी से अन्य )
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210]
भाग/विभाग : 3 (अ)-जन भक्ति व क्रिया-पर्ववत
3A
479
सेवामंदिर 30 173) होली रज पर्व व्याख्यान
Holi Rajaparva Vyakhyānal
-
480 महावीर 3 प्रा 126
481 | महावीर 3 प्रा1
482 | के.नाथ 24/58 | होली व्रत कथा
Holi Vrata Katha
विनयचंद
भाग/विभाग : 3 (प्रा)-जन भक्ति व क्रिया
मू वृ. (प.ग.)
मुनिसुव्रत 3 इ257| अजित शांति स्तव -+-वृत्ति | Ajita Sinti Stava+Vrtti | नंदीषेण कर्मसागर कुंथुनाथ 10/173| अजित शांति स्तव
नंदीषण के.नाथ 6/123
मू. (प)
कुंथुनाथ 15/6
मू ट. (प.ग)
कोलड़ी 461
सेवामंदिर 3 इ337
+बा.
+Bala.
मू.बा. (प.ग
4 प्रतियां
4 copies | नंदीषण
मू. (प.)
7-10 | कुंथुनाथ 14-4,1.
8-10, 37-5.!
14-12
11-2
| के.नाथ 6/127
2 प्रतियां
2 copies 11/87 कोलड़ी 1338 सेवामंदिर 3 इ 365/ के नाथ 15/68 अजित शांति स्तवन (मंगल | Ajita anti Stavana
कमला) कोलड़ी 530 अर्हन सहस्र नाम समुच्चय | Arhan Sahasra Nama
Samuccaya के.नाय 14/116
मेरुनंदन
समंतभद्र के शिष्य |
, 14/134 अल्प-बहुत्वादि स्तवन संग्रह | Alpa-Babutvadi Stavana | साधुकीति
Sangraha 26/85 गु अष्टक संग्रह
Astaka Sangraha
संकलन कोलड़ी 1222 अष्टप्रकारी पूजा Astaprakari Puja
4 प्रतियां
4 copies देवचंद
21-4 | के.नाथ 24/69,
14/114, 19/1
128, 9/22
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कथा धार्मिक विधि विधान :
[ 211
8A
___ 10 1859
पर्व व्रत कथा
26 x 11 x 15 x 45 | संपूर्ण
25x12x14x35
1875
25x12x14x45
1944
25x11x18x45
19वीं
स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य :
भक्ति स्तोत्र
प्रा.सं.
27x12x11x27
संपूर्ण 40 गा.
16वीं
उपकेशगच्छ देवकुमार का शिष्य
26x11x12x40
16वीं
25x11x7x35
1696
प्रा.मा.
25x11x8x46 , 42 ,, 1770 26 x 11x5x40 , 40 ,
1851 17 | 25 x 11x5 x 35 |, 42, |1884,जैसलमेर अंत में 5 गाथा उप
ज्ञानधर्म संहार और 4,4,7,3| 23 से 26 x 10 से 11 | तीन संपूर्ण 43/44 गा. | 19वीं
अंतिम अपूर्ण
प्रा.
19वीं
24 x 11 x 13 x 30/| संपूर्ण 39 गा.
38 26x11x10x33 | 40 गा.
19वीं
25x11x11x32 | संपूर्ण
19वीं- मिद्धि- साथ में सामान्य स्तोत्र
सागर 4 18वीं
26x11x14x43 | , 31 गा.
जिन स्तुति
31 x 13 x 15 x 48 | संपूर्ण 10 प्रकाश
19वीं
25x11x19x64
19वीं
भक्ति काव्य
26x11x13x48
, 3 स्तवन
19वीं
12 x 11x9x 13
,
7 अष्टक (56 | 19वीं
मगलाष्ट(Lसिद्ध(IN नदीश्वर(4)दसल.(11
" (दिगंबर) जिन भक्ति (द्रव्य+
भाव) काव्य
श्लोक)
मा.
14
|
22x11x15x44
1775
2, 21 से 26 x 9 से 12
19वीं
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212 ]
भाग/विभाग : 3 (प्रा)-जन भक्ति व क्रिया
3A
25
1 | 2 . | के.नाथ 21/39 अष्टप्रकारी पूजा | Astaprakāri Puja
वीरविजय , 1998
देव. (विनीतविजय
विष्य) 27 । कोलड़ी 355
देवचंद " 919
अज्ञात कुंथुनाथ 43/1 | अष्टप्रकारी पूजा कथानक व
Kathānaka
विवेचन मुनिसुव्रत 3 5 256| अष्टप्रकारी पूजा रास
Puja Rāsa | उदयरत्न
के.नाथ 15/148/
कोलडी 340 अष्टमी मौन एकादशी स्तवन Astami Mauna-ekadasi | कांतिविजय
Stavana प्रोसियां 3 5 188| अष्टोत्तरी जिन पूजा स्तवन |Astottari Jina Puja Stavanal नयविमल
महावीर 3 इ 163| आत्मनिन्दा अष्टक
Ātmanindā Astaka
के.नाथ 15/32 | प्रात्मानुशासनादि स्तवन
| Atmānusāsanadi Stavana उदयकीति लावण्यकी
। काला
कोलडी
327 | आध्यात्मिक पद बहोत्तरी
Adhyatmika PadaBahottari आनंदघन
, ..
गु. 7/7 | आध्यात्मिक पद संग्रह 326 आध्यात्मिक स्तवन
,, Sangraha प्रानंदवन,ज्ञान,राजमुनि
प्रा. ,, Stavana | हरखचंद
के.नाथ 14/85 | ग्रानन्दघन पद
Anandaghana Pada
आनंदघन
,, 15/135 | इक्कीसप्रकारी पूजा Ikkisaprakāri Pūjā उ. सकलचंद कोलड़ी गु. 9/9 | (साधु बन्दना) इसामुनिवंदउ | (Sadhu Vandanā) Isāmu- | धर्मरत्न (कल्याणधीर
प्रार्थना ni Vandau
का शिष्य) 1332 | उज्जैन मंडन पार्श्व स्तवन | Ujjaina Mandana Parsva | हेमविमल शिष्य
Stavana महावीर 3 5 105/ उवसग्गहरस्तोत्र-+ वृत्ति | Uvasaggahara St. tra भद्रबाहु/पार्श्वदेव मूव. (प.ग. ,, 3 इ 104
., । - ,, 3 इ 355 , विधि सह
भद्रबाहु
प.ग.
1
प्रोसिया 2/152 | उसरणे जिरणपूर स्तोत्र ? | Usarne Jinapura Stotra
जिनदत्तसूरि
के नाय 26/103 | ऋषभ + जिनेन्द्र स्तोत्र | Rsabha+Jinendra Stotra महावीर 3 इ 355 ऋषभ + वीर स्तुति Rşabha+Vira Stuti | के.नाथ 10/71 ऋषभ(पहिलउपणमिय)स्तवन| Rsabha Stavana
अज्ञात
विजयतिलक
मू. (प.)
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स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य :
[ 213
8A
1 1
____10 19वीं
27x12x13x41
जिन भक्ति (द्रव्य+
भाव) काव्य
27x13x13x28 |
19वीं
29x 12x12x40
xxxxx
19वीं
पूजामीमांसावदृष्टांत
23x11x12x42
1914 29 x 12 x 17x60 अपूर्ण (चौथी से अंत तक)| 19वीं पन्ने संख्या 9 से 23
अंत 25 x 11 x 18 x 40 | संपूर्ण 78 ढालें | 18वीं जोधपुर 1755 की कृति
दृष्टान्त कथानक
27x11x13x53
1821
भक्ति पर्व तिथि
26x11x11x40
19वीं
भक्ति काव्य
25 x 11x15x50
,
81 गा.
1849 पाटण
कुशालचंद 19वीं
, स्वाध्याय
28 x 14 x 17x47 | संपूर्ण 10 श्लोक
भक्ति गीत
25x11x11x31
, 3स्तदन
19वीं
भक्तिमय पद
27x12x16x48
,
78 पद
19वीं
गुटका | 22x16x20x30 प्रतिपूर्ण
19वीं
अंत में 34 छंदों की
रागमाला
x 11 x 34 संपूर्ण 22 स्तवन छंद
1869
X
x15x45 अपूर्ण 4 पद मात्र
19वीं
जिन भक्ति काव्य
28x13x11x30
1926
xx
साधु भक्ति काव्य
गुटका | 16x13x13x18
,
69 छंद
17वीं
जिन भक्ति गीत
x17x42
,
84 गा.
19वीं
भक्ति स्तोत्र
27x13x14x41
संपूर्ण ग्रं 230
19वीं
स्तोत्र जाप विधि सह प्रा.मा.
भक्ति स्तोत्र
26 x 13 x 13 x 42 अपूर्ण पांचवीं गाथा तक ही 19वीं 25 x 11 x 15 x 50| संपूर्ण 11 गा. 20वीं 26 x 12 x 11 x 40 , 13 गा. 16वीं 25 x 12 x 20 x 56 संपूर्ण 2 स्तवन 28 श्लोक 18वीं 21x12x8x24 4-4 श्लोक की दो 20वीं | 28 x 12 x 16 x 58 संपूर्ण 29 गा. 15वीं
भक्ति काव्य
सं.प्रा. | 1
शत्रुजम ऋषभ भनि
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214 ]
भाग/विभाग : 3 (अ)-जैन भक्ति व क्रिया
__1 |
2 . |
3
3A
के.नाथ 24/22 | ऋषभस्तवन
Rşabha Stavana
विजयतिलक
मू. (प.) मू बा. (प.ग.)
| महावीर 3 इ 17
__
+बा.
+Bali.
+अवचूरि
+- Avacūril
मूअ. (,)
,
+
,
+
,
मू अ. (,)
के.नाथ 11/77 , 23/11 , 6/33 .. 15/108 कोलड़ी 333
+वृत्ति
+Vrtti
+अवचूरि
+Avacāril
मू वृ. (प.ग) मू अ. (,) मू. (प.) मू.अ. (प ग.)
के.नाथ 11/62
ऋषभस्तव सावचूरि
| Rsabha Stava
+
, | धनपाल
,
गु. 1 | ऋषभस्तवन
Rşabha Stavana
कमलहर्ष
,
19/59 ऋषभ (पालोयणा) स्तवन
Rsabha Aloyana Stavana | समयसंदर; राजसमुद्र
,
मुनिसुव्रत 3 इ289| ऋषभस्तवन
Rşabha Stavana
वाचककमल
61
सेवामंदिर 3 इ 345
,
यशोविजय
मू.ट. (प.ग )
62-3 | के नाथ 15/29, ऋषभ (बहद) स्तवन 2 प्रतियां Rsabta Stavana 2 copies | समयसंदर
14/58 | मुनिसुव्रत 3 इ305| ऋषभ (विनती) स्तवन | Rsabha Stavana
सेवामंदिर 3 इ 350| ऋषभ (शत्रुजय मंडन) स्तोत्र Rsabha Stotra
| के नाथ ।1/44| ऋषभादि जिन स्तवनानि | Rsabhadi Jina Stavanāni | सोमसुन्दर
प्र. (प.ग.)
Rşi Battisi
जिनहर्ष
, गुटका 1 | ऋषि-बत्तीसी ., 26/100
| कोलड़ी
477 | ऋषि मंडल स्तोत्र
Rși Mandala Stotra
2 प्रतियां
2 copies
70-1 सेवामंदिर 3 इ367
-8 72-3 | कोलड़ी 1107, |
934
,
2 प्रतियां
2 copies
4 प्रतियां
4 copies
-
74-77| के.नाथ 22/40, 16.111 21/8,6/1
1100
78-80 कुंथुनाथ 13/40, ऋषि मण्डल स्तोत्र 3 प्रतियां Rsi Mandala Stotra 3copies
20/21,26/8
-
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स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य :
[ 215
___10
|
11
8A |25 x 11 x 8 x 33 | संपूर्ण 21 गा.
15वीं
6 7 8 शत्रुजय ऋषभ भक्ति प्रा. |3
प्रा.मा. | 14
2
25x11x13x48
16वीं
25x11x10x44
16वीं
26x12x5x51
|, 29
1687
26x11x13x36 संपूर्ण
19वीं
25x11x17x55
29 गा.
19वीं
22x12x11x34
19वीं
ऋषभ भक्ति काव्य | प्रा.सं.
26x11x7x40
1554
भक्ति काव्य
22 x 19 x 22 x 32 |
1814 26 x 13 x 17 x 36 | संपूर्ण दोस्तवन 30+27 18वीं 24 x 10 x 14 x 51 | संपूर्ण 2 ढालें (32 गा.) 18वीं 26 x 15x5x36 ,
1904 25 x 11 x 11/9x35| , 31 गा.
अंत में 2 लघ पद पार्श्व ऋषभ के
19वीं
भक्ति जन्मोत्सव का
24x11x11x24
, 53 गा.
19वीं
भक्ति काव्य
10x6x7x16
संपूर्ण 13 श्लोक
18वीं
26x11x11x40 संपूर्ण 19 स्तवन
16वीं
अंत के 9 स्तवन बहुव्रीही सामासिक
जिनमुनि भक्ति गीत | मा.
22x19x22x32
संपूर्ण 32 गा.
1814
25x11x12x32
20वीं
भक्तिमय प्रार्थना
18वीं
27x11x11x30 संपूर्ण 65 श्लोक
24 x 11 व 25 x 12 ,, 82 , | 27/24 x 13/11 x 13 ,, 63 ,,
x44/
गौतम रचित ऐसी प्राम्नाय दूसरा फटा हुआ है
19वीं
1897
4,9* | 24 से 26x10 से 13 |
64/से 103 श्लोक 19वीं
3,3,
3
25 से 26x11 से 12 | संपूर्ण 91,107,67 श्लोक 19वीं
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87
81-6
88
89
90
91
92
93
94
95
96
97
98
216 ]
99
1
100
101
102
103
104
105
106
109
15
""
2.
कुंथुनाथ 23/3
नाथ 22/65
14/20
कोलड़ी
महावीर 3 इ 53, ऋषि मण्डल स्तोत्र 6 प्रतिय Rsi Mandala Stotra 6 copies 84-8,162,82,81
3 इ 89
कोलड़ी 1328
सेवामंदिर 3 इ340
कुंथुनाथ गु36 / 1
एकीभाव-स्तवन
क्र 9
नाथ 19 / 120 | कल्याणक - चौवीसी
कोलडी 1337
कल्याण मंदिर - स्तोत्र
478
481
के नाथ 21 / 17
कुंथुनाथ 15/21
के. नाथ 5/15
सेवामंदिर 3 इ336
के नाथ 21 /77
मिवामंदिर 3334
कोलडी 479
107 8 कंथुनाथ 15/7.
19/6
क. नाथ 5/28 10
333.
3 ड 373
"1
88 11/91 15/1 197.21/66 21 80, 26-32
37
"
31
31
:
"1
"
3
31
',
+ वृत्ति
+ वृत्ति
+ बा.
tar.
www.kobatirth.org
+ वृत्ति
3 A
2 प्रतियां
7 प्रतियां
Ekibhāva Stavana
Kalyāṇaka Cauvisi
Kalyana Mandira Stotra
,"
33
"
39
"
"
93
93
99
39
भाग / विभाग : 3 ( अ ) - जन भक्ति व क्रिया
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+ Vrtti
+ Bālā.
+ Bālā.
+Vrtti
2 copies
7 copies
वादिराज
महानंद (सोमचंद शिष्य)
कुमुदचंद्र
39
,,/ गुणरत्न
कुमुदचंद्र
"
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=
+Vrtti कुमुदचंद्र /
कुमुदचंद्र
"1
37
97
4
../ महिमासुंदर
कुमुदचंद्र
33
,,/ हकीर्ति
=
"1
प.
मूट. (प.ग.)
प.
13
13
प.
5
मू.ट. (प.ग.)
मू.वृ. ( प.ग.)
प.
31
11
मुट ( प ग )
प.
=
73
मू.वृ. ( प ग . )
मू.ट. (प.ग.)
"1
मू.बा. (प.ग.)
:
""
मू.ट. (प.ग.)
मू. बृ ( प.ग.)
मू. ट. (प.ग.)
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स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य :
(217
__ 6 7 भक्तिमय प्रार्थना | सं.
8 8A
9 10 6,3,2,4 | 24 से 28 x 11 से 13 | संपूर्ण श्लोक संख्या भिन्न | 19/20वीं
6,171
11 अंतिम 2 में पाठ व साधना विधि भी है
93
25 x 13
x5x33
X
19वीं
30x13x3x27
81
में
1904
XXX.
26x12x4x26
1964
21 x 38
पूर्ण 26 श्लोक
1544
X
तीर्थकर भक्ति
26x
14 x 39
तवन+कलश 19वीं
X
भक्ति स्तोत्र (पाल) सं.
25x10x11x44 | स
44 श्लोक
16वीं
सं.मा.
26 x 11x 5x54
16वीं
26x11x5x37
1663
25x11x11x35
1697
24x12x6x33
1702
25x12x5x34
1718
24x11x7x21
1727
26x10x4x60
1756
सं.मा. |
26x11x5x46
1766
25x11x6x31
1802
24x11x12x36
श्लोक का
1809
26x11x12x25
1816, उदेपुर
राजसुंदर 26 x 11x4x36 | 41 श्लोक तक अंतिम पन्ना 1818
कथा सह
कम 26x12x18x64 | संपूर्ण
1829,विक्रमपुर 26 x 11x4x38 | , 44 श्लोक 1846 5,7 26 x 11/12 x भिन्न 2)पहिली पूर्ण,दूसरी 20 श्लोक 19वीं 5,5,3, 21 से 26 x 11 से 12 | संपूर्ण 44 श्लोक 19वीं 244
सं.
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218 ]
1
116
121
122
117 कोलड़ी 1227
1189 सेवामंदिर 3 इ335
32
120
कोलडी 1152
ओसियां 3 इ 175
के. नाथ 6/43
ओसियां 3 इ 183
महावीर 3 इ 80
3 इ 78
के. नाथ 18 / 61 कल्याणमंदिर - भाषा
ओसियां 3 इ 196 |
कोलड़ी 538
के. नाथ
6/58
महावीर 3355 ) कुशल सूरि- अष्टक
के. नाथ 18/97
6/126
18/66
26/103
23/83
3 इ 345
123
124
125
126
127
128
129
130
131
132
133
134
135
136
137
138
139
140
141
के. नाथ 23-18 | कल्याणमंदिर स्तोत्र
"
2
"1
"
23
11
11
13
31
12
3
31
33
2 प्रतियां
+बृ.
+ वृ.
+ वृ.
+ar.
कल्प
11
श्रष्टकारी पूजा
आरती व स्तवन
गीत
गणधर स्तव
छद व अष्टक
निशाणी
मंत्र
कोलड़ी 904
के. नाथ 14 / 102 क्षेत्रपाल छंद
कोलड़ी 930 क्षेत्रपाल पूजा विधिसह
| के. नाथ 26 / 85 गु. क्षेत्रपाल अचलमणि विजय
भद्र, भैरव
पूजा
कोलड़ी 295
सज्झाय स्तवन
www.kobatirth.org
3 A
Kalyana Mandira Stotra
"
33
"
27
23
""
37
23
27
"
39
39
99
Kuśalaśüri Aṣṭaka
""
99
,
93
35
5%
99
Gita
Mantra
2 copies
+ Vrtti
+Vrtti
+ Vrtti
Aṣṭaprakāri
Pūjā Arati & Stavana
भाग / विभाग : 3 (प्रा) - जंन भक्ति व क्रिया
+Baa
Kalpa
"
Kṣetrapala Chanda
Gaṇadhara Stava
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Sajjhāya & Sta
vana
Puja Vidhisaha
+4 others Puja
कुमुदचंद्र
"
31
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37
Bhāsā | बनारसीदास
साधुक
Chanda & Aş- विजयसिंह taka
Nisani
[
4
रत्नसोम
/ हर्ष कीर्ति
उदयरत्न प्रादि
ज्ञानविमल
मू.ट. (पग.
प.
"1
मू बा. (पग.)
/ बनारसीदास मू अनुवाद ( पह
में) ट. मंत्र सह केवल मंत्र
मू.वृ. (प.ग.)
प.
12
19
मंत्र
प.
5
"
पद्य
31
प.
21
ग. मंत्र
Page #236
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स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य :
[219
7
8
8A
|
10
11
6 भक्ति स्तोत्र (पाश्व)
19वीं
25x11x6x44 |
| संपूर्ण 44 श्लोक 15x10x11x 20 | , ,
19वीं
4,6 | 22x11024x11
19/20वीं
26x11x21x66 | अपूर्ण 26वें श्लोक तक | 18वीं
26 x 12 x 18 x 54 संपूर्ण 44 श्लोक
19वीं 25x11x13x50 | ., 44श्लोककी..727| 19वीं 25x11x22x52 |, 44 श्लोकोंका 1887
पारंभमें सिद्धसेन कथा
28x14x6x36 | संपूर्ण 44 श्लोक
19वीं
26 x 13 x7x32 | अपूर्ण बाकी जगह खाली है| 1928 मेडता
हुकमविजय 26 x 11 x 13 x 61 | संपूर्ण 44 श्लोकों का पद्या- 1748
पार्श्व जिन भक्ति
नुवाद
24x11x14x45
1826 विक्रमपुर
__ बखतसुंदर 30x11x11x37 , 40 ,, | 19वीं 25x11x12x31
19वीं 28 x 12 x 12 x 50 | संपूर्ण 9 श्लोक 1964 x दुर्लभ16 x 12 x 13 x 21 | संपूर्ण
1897
दादा गुरु की भक्ति सं.
26x11x13x35
19वीं
26x13x11x35
,दो गीत गा.15+42 19वीं
25x11x15x38 | , 30 गा.+8 श्लोक 1784
22x13x13x26
है साथ में अन्य दादा 19वीं
स्तवन , साथ में जाप विधि 19वीं
28x12x14x40
26x ||x1x48
अन्य स्तव- 19वीं
नादि भी 22x12x11x23 |, 18 पद
19वीं
सम्यग्दृष्टि देवस्तुति,
,
भक्ति ,
26x12x13x36
19वीं
12x11x12x15
19वीं
, पांचों की 5 पूजा अर्घ्य जयमाला सम्मेत
दिगम्बर माम्नायकी 11 गणधरों की स्तुति वचैत्यवंदन व स्तवन 19वीं . पहिला पन्ना कम
गणधरों की भक्ति मा.
4
26 x 13 x 15 x 45 |
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220]
1
142
143
144
145
146
147
148
150
151
152
153
श्रोसियां 3 इ 222 गुरु सज्झाय
मुनिसुव्रत 3 इ323 गौतम अष्टक
कुंथुनाथ 2/31
149 सेवामंदिर 3 इ350 गौतम स्वामी स्तोत्र
154
155
156
157
158
159
160
161
162
163
164
165
166
कोलड़ी गु. 9 /9 गुरु गीत
सेवामंदिर गु. 20 दे
"
के. नाथ 15 / 5
13
2.
71
21
"
(उम्मेद पच्चीसिका)
3 इ 353 | गुरुनाथ दिव्याष्टकम् + वृत्ति
3 इ 347
33
920
3 इ 345 गौतम स्तोत्र ( महामंत्र )
343
कुंथुनाथ 4/99
ओसियां 3 इ 262
के नाथ 14 / 15
गुरु पारतन्त्र्य स्मरण व सिग्धर्मावर स्तोत्रादि + वृत्ति
"
कुंथुनाथ 44 / 5
महावीर 3 इ48
ओसियां 2 / 152
| महावीर 3 इ 134
के. नाथ 19/40
महावीर 3 इ 133
कुंथुनाथ 36 / 1 क्र चतुविशति जिनस्तवन
10,11,23
कोलड़ी
515
महावीर 3 प्रा 48
कोलड़ी 510
11
13
ग्रह गर्भित 24 जिन स्तुति
ग्रह शांति + बृहत शांति
3
घूमावली व ज्ञानवृत
चक्रेश्वरी स्तोत्र
"3
31
शांति आदि
यंत्रबद्ध स्तोत्र विधिसह
""
12
1
11
""
11
22
+ वृति
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स्तोत्र
स्तवन
,,(at)
37
छंद बावनी
स्तवन
Guru Gita
39
3 A
Gurunātha Divyāstaka
Gurupāratantrya & 2 other
Stotra
Guru Sajjhaya
Gautama Aṣṭaka
Gautama Svami St. tra
Gautama Stotra
"
Grahagarbhita 24 Jina Graha Santi+B Santi
Ghūmavali & Jñānavṛta
Cakreśvari Stotra
39
""
""
39
32
,, etc.
93
भाग / विभाग : 3 (प्रा)- जैन भक्ति व क्रिया
Yantrabaddha Stotra etc, Caturvimśati Jina Stavana भूपाल
जिनप्रभ
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Stuti
Stotra
""
Stavana
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Chanda Bāvani
Stavana
4
किस्तूर सेवग
पद्मसूरि
जिनदत्तसूरि / जयसागर ( प्रथम की )
यशोविजय
वज्रस्वामी
वज्रस्वामी / -
भद्रबाहु +
सागरचन्द्र
श्रानन्दविजय
जयचंद्र व आनंद
ग्रानंदविमल
नयविमल
प.
मूवृ. (प.ग.)
(,,)
प.
33
"
21
11
मूवृ (प.ग )
प.
"
11
13
""
"1
5
"
Page #238
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स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य :
भक्ति काव्य
33
दादा कुशल भक्ति
काव्य
भक्ति स्तोत्र
गुरु गुरण स्वाध्याय
भक्तिश्लोक
27
11
31
6
14
भक्ति
"1
व्याख्या
31
99
"
"1
""
"
13
13
21
भक्ति व ज्ञान संबन्धी प्र
सम्यग्दृष्टिदेवी स्तुति सं.
71
31
,,+ मंत्र
सर्व तीर्थंकर सामान्य सं.
भक्ति
"1
=
"1
27
31
मा.
12
सं.
प्रा.सं.
मा.
सं.
31
33
"
77
""
1:
7
प्रा.सं.
18
"3
"1
मा.
"
17
13
गुटका
3
5
14*
5
1
1
5+1
1
5
गुटका
7
123*
4
13
8
12*
गुटका
6
3*
3
3
2
5
3
5
8 A
www.kobatirth.org
16 × 13 × 13 × 18 संपूर्ण चार गीत
26 x 20 × 29 × 28
25 x 15 x 18 x 50
25 x 12 x 12 x 60
26 x 13 x 12 x 37
12 x 9 x 9 x 18
21 x 9 x 7 x 32
26 × 12 × 11 x 40
20 x 10 x 7x14
21 x 10 x 9 x 30
25 x 10 x 15 x 54
तीन स्तोत्र गा.
26,21,14 27 × 12 × 11 × 34 संपूर्ण दो सज्झाय = 80
गाथा |
23 x 10 x 12 x 35
27 × 12 × 11 × 25 संपूर्ण
10 x 6 x 7 x 16
27 x 11 x 6 x 26
64 d
24 x 11 x 17 x 60
"
26x13 x 12 x 24
23 x 10 x 10 x 24
27 x 10 x 18 x 58
"
13 × 1 1 × 12 × 12
13
"
"1
31
""
"
73
संपूर्ण
"
"1
""
17
9
17
26 × 11 × 14 x 38
25 × 1 1 × 11 × 43 संपूर्ण
25 कवित्त +4
गीत
37
9 छंद
9 श्लोक
11 श्लोक
12 श्लोक की
12 श्लोक
948 श्लोक
2 3 × 20 × 21 × 38 संपूर्ण 3 स्तवन (25,24 1544 25 श्लोक) संपूर्ण 8 श्लोक + 22 श्लोक 1762
25 x 10 x 8 x 20
25
18वीं
14 - 13 गा.
9 पद
1973
2 स्तोत्र 11 +8 18वीं
श्लोक
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31
24+7 श्लोक
29 श्लोक गाथा
2 स्तवन 27 व
30 T.
10
19वीं
1829 जोधपुर
चमनमल
18वीं
9 श्लोक + शांति- 19वीं
पुरी
16वीं
20वीं x
29 गाथा
ग्रंथाग्र 90
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17वीं
1926
1955 सुभटपुर
16वीं
1836
18वीं
विनयचंद्र
19 aff
1961
1913
19वीं
19वीं
1956
20वीं जोधपुर
छबील
16at
[ 221
जी
11
1926 की कृति /
जीर्ण
अंत में लघु स्तोत्र है
अंत में लघु जिनपंजर स्तोत्र
Page #239
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________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
222]
1
167
168
169
170
177
178
179
180
181
182
183
186
कोलड़ी 322
कुंथुनाथ 43 / 12
4/95
सेवामंदिर 3 इ345
184-5 के नाथ 17 / 71, गु. 14 ओसियां 3 इ 225
के नाथ 6/85 चन्द्राउला
171 मुनिसुव्रत 3 इ 323 चरित्र मनोरथमाला
172-3 के. नाथ 24/44-39 चार मंगल दो प्रतियां Cāra Mangala 15 / 126 | चार मंगल आदि स्तवन 175 मुनिसुव्रत 3 इ 323
174
चैत्यपरिपाटी स्तव
176
कुंथुनाथ 16 / 16
चैत्यवंदन
महावीर 3 इ7
के. नाथ 10/73
189
190
191
192
"
193
. नाथ 14/97 चतुर्विंशतिजिन-स्तुति
कोलड़ी 484
194
37
1878 के नाथ 19 / 83.
23/57 कुंथुनाथ 17/20
प्रोसियां 3 इ 359
महावीर 3 इ 52
3 इ 54
कोलड़ी 503
2
11
1
504
11
1129
11
15 / 141 चौमासी देववन्दन
चौवीस चैत्यवंदन
संग्रह
चैत्यवंदन | स्तवनादि
21
21
""
""
13
13
"
3
31
39
19
""
नमस्कार
2 प्रतियां
पूजा 2 प्रतियां
सवैये
स्तुति मंत्र
स्तुतियें + श्रवचूरि
+
+ वृत्ति
स्तुतियें + प्रवचूरि
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11
Caturvimśati Jina Stuti
Candraulā
Caritra Manorathamālā
33
Cara Mangala & other
Stavans
Caityaparipați Stava
Caityavandana
"
9"
33
33
3 A
27
Caumasi Devavandana
29
39
Cauvisa Caityavandana
"
"
""
35
33
91
"
भाग / विभाग : 3 (प्रा) - जन भक्ति व क्रिया
Namaskara
ד
39
Sangraha
विनयविजय
+ Stavanādi ज्ञानविमल
पद्मविजय
मानविजय
93
33
2 copies ऋषिजय मल
गुणविनय
धर्मसूरि
,, 2 copies
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जिनप्रभसूरि
-
"
वाचक देव
खेमराज
4
T
|
Puja 2 copies जिनचंद्रसूरि
Savaiye
खेम
Stuti Mantra
क्षमा कल्याण
37
प.
21
11
"1
"
14
17
Stutiyen+Avacūri मुनिसुंदर (सोमसुंदर मू श्र. (प.ग.)
+
का शिष्य) भट्टसूरि
मू अ. (प.ग.)
+ Vrtti
मू. बृ ( प.ग.)
Stutiyen+Avacūri शोभनमुनि
मू.अ. (प.ग.)
11
13
5
Page #240
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स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य :
[ 223
6
7
8
8A
9
10
11
सर्व तीर्थंकर सामान्य सं.
1
भक्ति
26 x 12 x 11 x 35 | संपूर्ण 9 श्लोक 19वीं 26 x 11 x 13 x 34 , 34-1-9+7श्लोक 19वीं
अंत में 2 ग्रह छंद हैं
30x12x13x36 | संपूर्ण
19वीं
साथ में ग्रह राशि नक्षत्र जिनों के
भक्ति गीत
25x11x12x37
19वीं
24 x 11 x 14x42 | अपूर्ण 27 से 52 अंत तक 1694 पासारा
12*11| 26x11x26x13 संपूर्ण 4 ढालें=147 गा. 19/20वीं
26x11x13x46
19वीं
25 x 12x14x35 । ,, 16 श्लोक
19वींx
श्रीविजय 19वीं
20 x 13x10x24
,, 8 श्लोक
27x13x8x18 | , 3 चैत्यवंदन
1910 अजमेर
नरेन्द्रसागर 19वीं
27x13x14x55 | संपूर्ण
27x12x11x38
,, तीर्थ तीर्थंकरों के | 19वीं
स्तवनस्तुति नमस्कार
प्रत्येक तीर्थंकर भक्ति
26x11x11x36 | संपूर्ण 24 चैत्यवंदन
19वीं
26 x 11 x 12 x 38 अपूर्ण 11वें तीर्थंकर तक ही 19वीं 25x11x11 x 45 संपूर्ण 24नमस्कार 11 श्लोक 1827
26x11x10x32 अपूर्ण 12वें तीर्थंकर तक ही 20वीं सदी
26x11 व 14x16 | संपूर्ण 24+1 नमस्कार | 1859/89
x6 गा 26x11x14x47 |
1869x अमत
सदर 26 x 13 x भिन्न 2 1. 24 पूजायें 25 x 11 x 14 x 42 अपूर्ण 21 तीर्थंकरों तक 21 19वीं
19वीं
24x12x11x36 संपूर्ण 24 तीर्थंकरों की कुल 20वीं
27 26 x 12 x 15 x 52,, , ,--28 अन्य 15वीं 26 x 11 x 28 x 65 संपूर्ण 24 x 4= 96 पद 15वीं
| प्रत्येक तीर्थंकर के 22 पद हैं
31x11x20x50 संपूर्ण 24 तीर्थकरोंकी28श्लो 16वीं
26 x 12 x 14 x 60 अपूर्ण22वेंतीर्थकरतक89, 17वीं
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224 ]
1
195
196
197
198
199
201
202
203
204
207
208
. नाथ 29/22
205-6 | महावीर 3 इ4,
158
3 इ 5
209
210
211
212
215
216
217
218
219
220
221
222
कोड़ी 1188
| सेवामंदिर 3 इ 342
कोलड़ी 487
1113
223
,,485-86-88
महावीर 3 इ 51
| सेवामंदिर 3 इ345
11
33
"1
2.
31
"1
ओसियां 3 इ363
. नाथ 18 / 86
19/99
329
कोलड़ी
""
27
3 इ 49
कोलड़ी 1/9 गु.
मुनिसुव्रत 3254
के. नाथ 26/92
ओसियां 3 इ 189
मुनिसुव्रत 3 इ253
महावीर 3 इ 20
चौवीस जिन स्तुतियें
37
""
"
"3
213-4 गुटका 2/8,
2 प्रतियां
10/4
के. नाथ 23 /56 | चोवीस स्तुतियें चंत्यवंदन
23/89
चैत्य नमस्कार |
26 / 103 चोवीस जिनस्तवन
"
17
11
"
""
" + वृत्ति
11
#3
""
"1
13
3
11
27
3 प्रतियां
+ वृत्ति
11
www.kobatirth.org
स्तुति पंचाशिका
स्तुतियें 2 प्रतियां
3 A
Cauvisa Jina Stutiyen
"
23
39
29
” +Vrtti
"
35
27
33
39
33
33
""
32
3 copies
"
भाग / विभाग : 3 (प्रा) - जैन भक्ति व क्रिया
2 copies
+Vrtti
Cauvisa Jina Stavana
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शोभनमुनि
31
"3
शोभनमुनि / जय विजय
शोभनमुनि
(Pañcāsikā) रामविजय (जिनलाभ
का शिष्य)
11
17
2 copies
,, Caityavandana लावण्यसमय
Namaskāra पद्मविजय
क्षमाकल्यारण
31
क्षमाकल्यारण
पद्मविजय
जिन राजसूरि
यशोविजय
ज्ञानसार
4
""
जनप्रभसूरि
जिनराजसूरि ( जिनसिंह सूरि शिष्य )
11
11
( स्वोपज्ञ ? )
13
"1
प.
11
मू.ट. (प.ग.)
प
13
11
"1
17
27
21
"3
5
""
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स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य :
[ 225
8A
10
11
प्रत्येक तीर्थंकर भक्ति सं.
24 x 11 x 13 x 32 | संपूर्ण 24 स्तुतियें 96 पद
125x11x15x38
,
18वीं
25x11x11x34
1840
24x11x9x25
1842
5,4,5 | 25 से 27x10 से 11
19वीं
सं.
4.
27x12 x 14 x 43 संपूर्ण 96 पद की ग्रं. | 1925 वृत्तिकार देव विजय
2350
का शिष्य 25x12x3x34 अपूर्ण अंतिम 3 स्तुतियें 1814
मात्र 25 x 11 x 13 x 38 | संपूर्ण 50+9 = श्लोक | 1885
कुल 27 से 28 x 13 से 14 | ,, 24 x 3 = 77 श्लोक (1)1950पाली
ग्रं. 148 ताना, (2)20दी 27x11x12x37 , 77 श्लोक 1957, अमदा
__ बाद, नरोत्तम 28x13x15x48 | अपूर्ण 12 की ही कुल | 20वीं (तीर्थकर 1 से 11,
48 पद्य
13 की है) 24x13x11x38 | संपूर्ण 24 की 77 श्लोक 20वीं
26x11x12x34
|
, 24 की
19वीं
26 x 11 x 18 x 45 , 25 स्तुतियें ।- 2 |
गीत 26 x 13 x 13 x 52 | अपूर्ण 16वें तीर्थकर तक 13x11 व 15 x 11 संपूर्ण 24 स्तुतियें
19वीं 30 - 14x14x38 | संपूर्ण 24 स्तुतियें, 24 | 19वीं
चैत्यवंदन 20x11x15x41 | .
| संपूर्ण 24 स्तुतिवें, 24 | 19वीं
चैत्य., 24 नमस्कार 25x12x20x56 संपूर्ण 24 पद
18वीं 12 x 11 x 18 x 22 | अपूर्ण
1721 | 25 x 11 x 17x42 | संपूर्ण 24 स्तवन +2 | 1728, पाली,
यशोलाल 20 x 16 x 22 x 18 | संपूर्ण (24 x 5)= 120| 1767
पद्य गाथा कुल 26 x 11x15x44 | संपूर्ण 24 स्तवन 18वीं सूर्यपुर,
मेरुलाभ 24x10x13x36
18वीं 22x11x11x32
1897
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Page #243
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226 ]
1
224-5 | के. नाथ 10 / 31,
26/84
19/122
226
227
228
229
230
231
232
233
234
235
236
237
238
239
242
243
244
245
246
गु. 7/7
के नाथ 19/11
24/73
240-1 कोलड़ी 302, गु
2/6
गु. 7/7
247
248
249
"1
250-1
19/1
6/41
महावीर 3 इ 33
कुंथुनाथ 36/2
के. नाथ 19/8
19/16
10/72
13
17
23
कोलडी
"
17
2.
37
गु. 1
10/62
मुनिसुव्रत
3 इ 252 कोलड़ी 1350
330
"
421
33
गु. 2/8
कुंथुनाथ 54 / 11
कोलड़ी गु7/7
कोलडी 330
349-48
"
3 A
चौबीस जिनस्तवन 2 प्रतियां Cauvisa Jina Stavana
2 copies
37
"
"
"1
:
11
11
31
11
"}
31
11
19
21
11
3
+ बा.
+ बा.
(अतीत )
www.kobatirth.org
(बावनी) + स्तुति + चैत्य.
चौसठ पूजायें
2 प्रतियां
33
97
23
33
33
भाग / विभाग : 3 (श्रा ) - जैन भक्ति व क्रिया
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4
(Atita)
जिनराजसूरि
उदय रत्न
+ Bālā | देवचंद / -
देवचंद
ग्रानन्दधन
+ Bālā. आनंदधन ( ज्ञानसार मू.बा.
व ज्ञानविमल
कविऋषभ
यशोविजय
लक्ष्मीवल्लभ
(राजकवि )
( Bāvani) नयविमल
पद्मविजय
पूंजराजमुनि
भावविजय
जिन महेन्द्रसूरि
2 copies मोहनविजय (रूप
विजय का शिष्य) रतन मुनि
पद्मसागर (मंगल सागर का शिष्य) सुमतिविजय
रामविजय (सुमतिविजय का ) रामविजय + गुणविलास
विनयचंद
समयसुंदर
हरखचंद
2 प्रतियां Causatha Pūjāyen 2 copies वीरविजय
प.
प.
प.
मू. बा.
प.
13
11
17
39
33
"
"3
"1
5
11
11
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स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य :
[ 227
6
7 | 8
8A
10
11
प्रत्येक तीर्थकर भक्ति
मा.
| 26 x 12 व 13x12 प्रथम में पहिला और द्वितीय| 19वीं
में पहिले चार स्तवन कम हैं 25x11x11x28 | संपूर्ण 24 स्तवन 1874
26x13x11x43
1866
24x13x14x31
19वीं
26x12x14x54 " , पं. 4224 1892 मेडता.
पुण्य सुंदर 25 x 20 x 15x28 , 24 स्तवन 1794 26x11x11x33 अपूर्ण 21 तीर्थकर तक 1888 26 x 12 x 14 x 34 | संपूर्ण 24 स्तवन तीन | 19वीं
2 छंद के 24x12 x 11x25
1877
22x19x22x32
1814
30x14x11x42
, 26 पद (2-2 गा) 19वीं
25x12x10x40
, 24-24 स्तवन
स्तुति, चैत्य. 24 स्तवन
22x16x20x30
25x11x16x44
25x12x14x38
,
+1 छंद
19/20वीं
12,गुटका 27x11 व 15 x 12
22x16 x 20 x 30
19वीं
26x12x12x37
25x10x17x35 | अपूर्ण (17 वें तीर्थकर
तक ही है) 26x12x12x36 संपूर्ण 24 स्तवन
1867
13x11x16x27] ,
,
19वीं
6x6x8x12
22x16x20x30
1861
23x11x7x26 | अपूर्ण 21 स्तवन 14,33 | 28 x 13 x 27x11 | संपूर्ण 64 पूजायें विधिसह | 1894,1887| 1874 की कृति
तीर्थकर पूजा भक्ति
,
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228 ]
भाग/विभाग : 3 (प्रा)-जन भक्ति व क्रिया
1 ।
2.
3
3A
252 महावीर 3 इ355| चौसठ प्रकारी पूजा विधि
मंत्रादि 253 | के.नाथ 15/124 | छिन्न जिनस्तवन
|
Causatha Prakāri Pūjā
Vidhi etc. Chinnū Jina Stavana | जिनचन्द्रसूरि
254
,
26/103 जगजीवन चन्द्रर रि-अष्टक | Jagajivanacandra Astaka पन्नालाल
255
Jayti Huana Stotra
अभयदेव
मूअ (प.ग)
| ,
,
5/75 | जयतिहुअण-स्तोत्र 22/47
-वृत्ति ---बा.
256
,
+Vrtti+Bala.
मू.वृ.बा.
+ वृत्ति
+Vrtti
,
-
मूवृ (प.ग.)
अभयदेव
सेवा मदिर 3 इ
374 258 मुनिसुव्रत 3 इ
268 259- के.नाथ 14-75, 63 15-162 22-71.
15-51,14-64
5 प्रतियां
5 copies
264_ कुंथु.
2/27
265
के नाथ 24/74
वृत्तिसह
+with Vrtti
मू.वृ. (प.ग.)
2 copies
266 | महावीर 3 51 267-8 ,, 3 इ2,159
2 प्रतियां 269 | सेवामंदिर 3 इ । जयतिहुप्रण-भाषा
345 270 , 3 इ341 जिनगुणरस
Bhāṣā
क्षमाकल्याण
Jina Guņa Rasa
वेणीराम
271
के.नाथ 15/204
272
कोलड़ी 341
273
274
सेवामंदिर 3 इ
346 महावीर 3 इ 1351 जिनदत्त-कूशलमूरि-स्तोत्र | Jinadatta+Kusalasuri
Stotra | के.नाथ 26/83 | जिनपिंजर-स्तोत्र
Jina Piñjara Stotra
275
कमलप्रभाचार्य
276
,
18/94 जिनपूजाप्रसंग
Jina Pūjā Prasanga
277 | कोलडी
529 | जिन सहस्रनाम
Jina Sahasra Nāma
278
| ,
,
910 | 528 | जिनसहस्रनाम-स्तोत्र
279
|
,
Stotra | सिद्धसेन दिवाकर
280 | महावीर 3 इ21] जिनस्तवन
Jina Stavana
जयानंद
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Page #246
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स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य :
[ 229
11
____ 6 7 | ४ | 8A
9 10 तीर्थकर पूजा भक्ति सं.मा. | 1 26 x 12 x 15 x 52 | संपूर्ण 8 दिनों की 19वीं
मा. 4 26x12x16x29 | अपूर्ण 23 गाथा 19वीं गुरु भक्ति मंत्र सं. 2 25x12x20x56 | संपूर्ण 11+12 श्लोक | 18वीं पार्श्व जिन भक्ति
26x11x12x57 , 30 गा.
30 गा
16वीं
पहिला पन्ना कम
अंत में ऋषि मंडल
का मामूल मंत्र
प्रा.सं मा 4
26x11x5x59
17वीं
26 x 11x17x63 | , 30 गा. की ग्रं | 19वीं
300 25x10x14x51 | , 30 गा.+16 श्लोक 18वीं
स्तुति के संस्कृत में 3,4,2,3, 24 से 28 x 11 से 15 | प्रथम चार पूर्ण अंतिम | 19वीं
अपूर्ण
,
,
4
25 x 11 x 9 x 36 | संपूर्ण 30 गा
19वीं
प्रा.सं.
4
26x10x21-65 |
19वीं
27x13x13x47
1942 पालनपूर नरेन्द्रसागर 20वीं
21 x 12 व 26 x 14
25x11x16x32
40 गा.
1876 उदयपुर
तीर्थंकर भक्ति
25x11x15x47
186 गा.
1847 थोभ, | 1769 की कृति
मारगक उदय 1851
21x15x19x50
27x11x21x50
191 गा.
19वीं
17x13x11x13
" 193 गा.
1930
दादा गुरु भक्ति । अ.मा.
23x 11x13x34 .. 2 पद 9-1919
गाथा+4 सवैया भगवानचंद 17x12x13x16 | संपूर्ण 24 श्लोक 19वीं
तीर्थकर भक्ति
सं.
भक्ति विधान अर्चना मा.
21x13x14x25
19वीं
भक्ति स्मरण पद | सं.
31x11x16x44
1805
26x12x11x36
, 41 श्लोक
19वीं
31x13x20x62
19वीं
तीर्थंकर भक्ति
17x8x8 x 22
, 9 श्लोक
| 1733
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230]
1
281
282
283
284
285
286
287
288
289
290
291
292
293
294
295
296
297
298
299
300
301
302
303
304
305
2.
| सेवामंदिर 3 इ350 जिनस्तवन (चन्द्र प्रभु व
अन्य )
मुनिसुव्रत 3 इ323
सेवामंदिर 3 इ345
महावीर 3 इ41,
355
कुंथुनाथ 2/43
के. नाथ 11/23
कुंथुनाथ 26/9 जिनस्तुतियाँ
17/18
ओसियां 3 इ 194
कुंथुनाथ 36 / 1 क्र. जिनस्तोत्र
25,24,18,17 कोलड़ी 1224
"2
27
13
11
17
""
29
".
33
17
जुहार भट्टारक
कुंथुनाथ 44/5 जैनमहिम्नस्तोत्र
महावीर 3 इ355 | जंनरक्षास्तोत्र
कोलड़ी 336
मुनिसुव्रत 3 इ 313 जोजासमणी
के. नाथ 15 / 201 |तिजयपहुत्त स्तोत्र
महावीर 3 इ 47
| सेवामंदिर 3 इ 345
ओसियां 3 इ213
3
जनरक्षा + जिनपिंजरस्तोत्र
39
सावचूरि
व मत्र
17
11
+ वृत्ति
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+ कल्पविधि
महावीर 2/24
के. नाथ 6 / 12
महावीर 3 इ 355 त्रिषष्ठीशला कापुरुष-स्तवन
के. नाथ 10/43 | दस लक्षणी पूजा
Jina Stavana
33
Jina Stutiyan
33
39
Jina Stotra
33
33
"3
3 A
Juhara Bhaṭṭāraka
15
Savcüri
Jaina Mahimna Stotra
Jaina Rakṣa Stotra Jina Piñjara
Jauja Samaņi
Tijayapahutta Stotra
""
99
2 / 152 | तीर्थंकरों की बोली
तीर्थंकरों के कलश
तीर्थंमाला - प्रकरण
Tirthamālā Prakarana
त्रिजगत् शास्वत त्रिव स्तवन | Trijagat Śāsvata Bimba
Stavana
Trisasthi Salakā Purusa
Stavana
Dasa Lakṣaṇi Pūjā
Tirthankaron ki Boli
भाग / विभाग 3 (प्रा) - जन भक्ति व क्रिया
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ke kalasa
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जिनप्रभ आदि
I
समरमुनि
वाचक चरित्रनंद
पद्मनंदि
जयानंद / मेघमुनि
"
--
साधु राजगणि
भद्रबाहु
"
4
विजय
देवसूरि
+ कमलप्रभ
चन्द्रमुनि
रत्नसूरि
पद्य
13
33
""
33
सू.अ. (प.ग.
प.
"1
ग.
५.
19
19
""
मू.ट. ( प.ग.)
+ हर्षकीत्ति मू.वृ. (प.ग.)
मू (प)
मू.ट. (प.ग.)
मू. (पद्य)
""
प.
13
5
31
"1
11
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स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य :--
भक्ति
तीर्थंकर भक्ति सं.
11
27
11
6
11
11
"
11
11
"
11
19
31
17
11
11
13
11
सं.मा.
भक्ति
भक्ति व औपदेशिक
मा.
7
सं.
"1
महावीर भक्ति गीत प्राकृत
भक्ति तीर्थंकर की प्रा.मा.
प्रा.सं.
प्रा.सं.
सं.
प्रा.
सं.
तीर्थंकर भक्ति स्तव प्रा.
प्रा.
11
"
11
गुटका
1
I
5
1
4
गुटका
7
3
1
12*
1
1
11*
3
प्रा.सं.मा. 8
1
8
14*
1
तीर्थंकर नमस्कार अपभ्रंश 7 काव्य
भक्ति व वृत्तांत मा. 3
123*
1
21
6
8 A
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10 x 6 x 7 x 16
25 × 10 × 15 × 44 कुल 3 स्तवन + 1 स्तुति / 26 श्लोक कुल 2 स्तवन संपूर्ण 20 श्लोक
25 x 10 x 11 x 48
प्रतिपूर्ण कुल 7 स्तुतियें
27 x 13 x 8 x 30
25 × 11 × 15 × 44 कुल 12 स्तुतियें
27 x 11 × 12 x 53
10
25 से 27 x 12 X भिन्न 2
25 x 11 × 18 x 36
26 x 11 x 13 x 45
25 × 11 × 13 × 36 संपूर्ण
12 x 9 x 9 x 18
25 x 12 x 13 x 35
22 x 10 x 10 x 30
25 x 11 x 4 x 29
26 x 12 x 11 x 40
कुल 4 स्तवन (पूर्ण अपूर्ण) 18वीं
1 2
"1
26 × 12 x 11 x 40
25 x 11 x 11 × 31
25 x 11 x 13 x 40
23 x 11 x 13 x 34
23 × 20 × 21 × 38 संपूर्ण 4 स्तोत्र ( कुल 66 1544
श्लोक )
26 x 10 x 1 x 33
संपूर्ण 9 श्लोक
1766
29 x 13 x 8 x 27
77
25 × 11 × 13 × 42 | पूर्ण 21 श्लोक
| 30 × 12 x 12 x भिन्न 2 संपूर्ण 2 स्तोत्र ( 18 +24
श्लोक
21 x 11x7x21
संपूर्ण 23 गाथा
14 गाथा
11
"
अपूर्ण (संपूर्ण के 41 श्लोक)
27
"
9
"3
"1
37
};
18
संपूर्ण
"1
,, 4+7 गा. (2
11
तीर्थंकरों की
72 T. (5 ateकरों के
109 गा.
,, 45 गाथायें
4 पद कुल 16 गाथा 18/20वीं
12 श्लोक
19वीं
18वीं
For Private and Personal Use Only
"
+ अन्य गद्य
17
11
11
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19af
11
"1
10
19वीं त्रिभुवन
कुशल
19वीं
1812 मेड़ता श्रार्यामुजी
1658
19वीं
77
11
16वीं
13
1722
1759
18वीं
1903
सूरत
231
11
केवल चार श्लोक हैं
तीर्थों का भी उल्लेख है
दिगम्बर आम्नाय
Page #249
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232 ]
भाग/ विभाग : 3 (प्रा)-जन भक्ति व क्रिया
5
लाभसूरि + ज्ञानसार प.
__1 | 2 .
3
3A 306 | महावीर 3 5 23 दादा गुरु की पूजा व स्तवन | Didaguru ki Puja c&
Stavana 307 कुंथुनाथ गुटका | धरणोरुगेन्द्र-स्तवन Dharaņogendra Stavana
36/क्र. 52 308 के.नाथ 23/75
+अवचूरि
" +Avacuri
-
मू.अ. (पग
309
310
के नाथ 14/127 धर्मजिगन्दस्तवन+सज्झाय | Dharma Jinanda Stavana विजयभद्र
+Sajjhaya के.नाथ 26/64 धूलेवा केशरियानाथ प्रादि | Dhuleva Kesariyānātha
सवैया
Ādi Savaiya महावीर 3 इ 160 नमस्कार फल-दृष्टान्त Namaskāra Phala Drstānta
311
312
| महावीर 3 5 161
, माहात्म्य
Mābātmya | सिद्धसेन
313
कंथुनाथ 37/19
__Stava_ कीतिसूरि
"
-
मू वृ. (प.ग
| के नाथ 22/70 | नमस्कारस्तव 315 सेवामंदिर 3 इ346 , +वृत्ति
के.नाथ 11/89 | नवकार अर्थ (बा.) 317 | मुनिसुव्रत 3 इ279/
Artha (Bala)
अज्ञात
318
कोलड़ी 905
319
के.नाय 24/38| नवकारअर्थ व कथा
Navakára Artha & Kathā
320
Kathāyen
| कोलड़ी 1231 | नवकार-कथायें मूनिसुव्रत 3 इ 323| नवकार-जाप
321
Jāpa
के.नाथ
4/21
नवकार-प्रबन्ध
Prabandha विद्यावर्द्धन
323
मुनिसुव्रत 3 इ223| नवकार फल व स्तोत्र
,,
Phala+Stotra
324-5 के.नाथ 15/156. नवकार बालावबोध 2 प्रतियां
24/55 326 मुनिसुवत 3/271 | नवकार महिमा
Ba avabodha
2 copies Mahima
Māhātmya
328
327 | कुंथुनाथ 24/7 | नवकार-माहात्म्य
|, 26/6 329 मुनिसुव्रत 3 इ297 नवकार रास
प्रोसियां 3 इ 170 नवकार (पांचपद) सज्झाय प्रोसियां 3 इ 351 नवकार-स्तवन (रास)
Rāsa अज्ञात
Sajjhāya ज्ञानविमल
,,
Stavana (Rāsa) |
वाचक कुशललाभ
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स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य :
[ 233
___ 6
7 8
8A
___10
1 1
(जिन कुशलसूरि- | मा.
16 | 25 x 12 x 11x27 | संपूर्ण
19वीं
भक्ति स्तव
23x20x21x38 | , 39 श्लोक
1544
16 x 11 x 12x41
1626
भक्ति स्वाध्याय
27x13x14x40 | संपूर्ण 3 स्तवन 1 हितो- 19वीं
पदेश सज्झाय 31x16x14x42 संपूर्ण 91 सवैये | 19वीं
भक्ति न्यायचर्चा व
उपदेश भक्तिमाहात्म्य
क्रमश: 31229
26 सर्वये,
26x13x15x40
| , 325 श्लोक
1960
28 x 14 x 17x41
, 217 श्लोक 8 प्रकाश 19वीं
नवकार माहात्म्य
25x12x15x56 अपूर्ण
19वीं
भक्ति
26x12x11x35 संपूर्ण 32 गा.
18वीं
27x12 x 22 x 78 | अपूर्ण (18 से अंत तक)
25x10x13x36 संपूर्ण
1785
25x10x19x46
18वीं
26x10x13x55
19वीं
22x13x11x23
19वीं
माहात्म्य दृष्टान्त
25x10x17x50
1756
भक्ति स्मरण
25x11x15x58
,, 13 अनुच्छेद
| 1765 जट्टमल्ल 1683
माहात्म्य वृत्तांत
26x11x13x38
(पंचपरमेष्ठी रास)
भक्ति
,
24x10 व 26x11 |, दो 23 व 12 गाथा 17/19वीं
भक्ति मंत्र विवेचन मा.
भक्ति महात्म्य
25 x 10 व 17x47 | संपूर्ण
19वीं 25 x 12 x 17x47 , 6 कथासह 19वीx शिव
चंदजी 27x12x12x36 अपूर्ण-जिनदास कथा तक 19वीं
26x12x12x44 अपूर्ण-हडिक चोर कथा- 19वीं
तक 24 x 10 x 13x31 संपूर्ण 21 छंद । 18वीं
" काव्य
अंत में पास्तव
(लघ)
भक्ति स्वाध्याय
25 x 11 x 11 x 26
, 8 सज्झायें
20वीं
भक्ति माहात्म्य
25 x 11 x 18 x 43 | , 17 गाथा
19वीं
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234]
1
332
333
334
335
336
337
338
339
340
341
342
343
344
345
346
347
348
349
350
351
352
सेवामंदिर 3 इ
345
2.
नवग्रह शांति विधिसह
. नाथ 23 /75 | नवग्रह स्तुति पार्श्वस्तव + प्रवचूरि
कोलड़ी 1353
कोलड़ी
11
के. नाथ 26 / 103 | नवग्रह स्तोत्र + ग्रहशांति
(2)
महावीर 3 इ47
नवग्रह स्तोत्र वृत्तिसह
कुंथुनाथ 45/4
(15 दिन) स्तोत्र
कोलड़ी
534
ओसियां 3 131
के नाथ 16/47
के. नाथ 9/24
ओसियां 3 इ 218
कुंथुनाथ 20/17
21/6
319
410
353-8 कोलडी 455 से 59,1123
17
359कुंथुनाथ 26/7, 60 21/2
नवग्रह स्तोत्र
नत्रपद ग्रनानुपूर्वी
नवपद चैत्यवंदन स्तुति
नवपद पूजा
37
"
""
19
23
37
"
"1
महावीर 38
कुंथुनाथ 21 /7 नवपद बास क्षेप पूजा व श्रारती
के. नाथ 26/37 नवपद शरण स्तव
कुंथुनाथ 24 / 10 | नवपद स्नात्र वृद्ध स्तवन
के. नाथ 14 / 122 | नवस्मरण + 2 स्तोत्र कोलड़ी 535
+2 स्तोत्र
13
""
3
+
+
www.kobatirth.org
"1
"
6 प्रतियां
2 प्रतियां
3 A
Navagraha Santi with Vidhi
Navagral a Stuti
د.
"3
with Vṛtti
Navagraha Stotra
29
23
"
55
Navapada Ananupūrvi
Cetyavandana
33
39
""
55
33
"
+ Avacuri
"
33
Stotra
Pūjā
"
ן,
Vāsakṣepa Pūjā
Navapada Sarana Stava
भाग / विभाग : 3 ( आ ) - जन भक्ति व क्रिया
Snātra Vrddha
Stavana
Nava Smarana + 2 Stotra
For Private and Personal Use Only
+
29
6 copies
+2 copies
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जिनप्रभ
11
भद्रबाहु
जिनप्रभ
खेतलस ( राजसूरिशिष्य )
चारित्रनंदि
यशोविजय, देवचंदज्ञानविमल
4
देवचंद यशोविजय
33
देवचंद
"
"
यशोविजय
संकलन
37
"1
37
"1
#1
प. ग. मंत्र
मूत्र (प.ग.)
प.
33
मू.वृ. (प.ग.)
ग.प.
प.
ग. मंत्र
प.
=
""
11
""
5
प. ग. मंत्र
प.
पद्य
11
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स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य :
[ 235
8A
9
___101
ग्रहभक्ति
सं.मा. | 3
24x11x11x35 | संपूर्ण
20वीं उम्मेद
भक्ति ग्रहों की भी सं.
26x11x12x41 संपूर्ण 10 श्लोक
1626
26x12x11x28
19वीं
साथ में कल्याण
मंदिर स्तोत्र
25 x 12 x 20 x 56 | संपूर्ण 3 स्तोत्र (कुल 39 18वीं
श्लोक 25 x 12 x 13 x 35 | संपूर्ण 11 गाथा की 9वीं
, ज्योतिष | मा.
17x14x11x18
1828
, जैन
28x13x12x33
।, 9 स्तोत्र
19वीं
स्मरण अंक मंत्र | मा.
42x11x13x47
, अंक तालिकायें । 20वी
, काब्ध
जीर्ण
27x12x17x51 सपूर्ण 9-9 चैत्य. स्त.स्तु 19वीं
कुल 27 25x11x11x40 | संपूर्ण नौ पूजा (12 ढाल) , 24 x 11 x 10 x 20 , (12 ढाल)
चार खंड 25 x 11x10x34 | संपूर्ण
1872 25 x 13 x 13 x 40 अपूर्ण चौथे खंड की 11 19वीं
वीं ढाल 28x12x12x38 अपूर्ण 46 गा. चौथे खंड 1870
की 11वीं ढाल 24 x 12 x 13 x 30 | संपूर्ण
19वीं
23x13x6x17
|
अंतिम पन्ना कम
20वीं
25x13x13x30
19वीं
16x12x10x19
10x8x7x8
20वीं
| 25x11x11x44 | संपूर्ण सप्त स्मरण 2 शांति 18वीं
भक्त मर+कल्पारण || 30x12x भिन्न 2 अपर्ण 4 स्मरण 2 शांति 1836
भक्तामर कल्याण
यहाँ शांति की जगह जयति व वीरस्त
वन है।
16,11 23 से 26x11 से 22| संपूर्ण-7 स्मरण शांति - 19वीं 19,12,
912 स्तोव भक्ता12,24
मर व कल्याण
17,1426x12426x14
20वीं
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236 ]
1
361
362
363
366
3645 कोलड़ी 351,350
367
368
369
370
371
372
373
374
375
376
377
कुंथुनाथ 33/34
के. नाथ 15/207
18/85
15/92
378 सेवामंदिर 3 इ 348
379
380
381
382
383
384
385
386
के. नाथ 14 / 120 नवस्मरण + 2 स्तोत्र
ओसियां 3 इ 238
+
के. नाथ 21 / 41 नवाणुप्रकारी पूजा
2
37
11
. नाथ 26 / 85. नंदीश्वरद्वीप पूजा मंत्र
कोलडी 356
मुनिसुव्रत
3 इ 244
महावीर 3 इ 50
मुनिसुव्रत
कुंथुनाथ 36/1 क्रम 21,39 के. नाथ 14 / 62 | नेमीनाथ - स्तवन
3 इ 300
के. नाथ 24/70
26/41
कोलड़ी 1265
73
""
महावीर 4 27 नंदीश्वर स्तव + वृत्ति
. नाथ 15/56
15/211
नाटक पूजा स्वाध्याय
सेवामंदिर 3 इ352 नित्यनियम पूजा वचनिका
निरंजन - स्तोत्र + जिन मंगलाष्टक
"1
י
939
,
3
"1
"
स्तवन
17
"1
29
"3
2 प्रतियां
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व पोषणा
के. नाथ 26 / 71 नेमी - राजुल - संवाद
स्तुति + श्रवचूरि
मी- राजुल बारह मासा
Navaņu Prakāri Pūjā
Nava Smarana+2 Stotra संकलन
3 A
2 copies
Nandiśvara Dvipa Pūjā Mantra
& Poşana
Nadiśvara Stava + Vriti
23
"
3
32
33
Nataka Pūjā Svādhyāya
Nityaniyama Pūjā
Vacanikā Niranjana Stotra etc.
Neminatha Stavana
22
"
Nemi Rajula Bārahamāsā
भाग / विभाग : 3 (प्रा) - जैन भक्ति व क्रिया
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Samvada
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"3
धर्मचद
पूर्वाचार्य
Stavana सुमन्त
""
वीरविजय
संकलन
4
शुभविजय
पासचद
शुभ विजय
प्राणदसूरि (हेमविमल का ) आनन्दकीर्ति
श्रावक ऋषभ
श्रानन्दसार (बुद्ध
चतुर्भुज
विनयचंद
वृन्दकवि
उदयरत्न
कीर्ति का )
पद्य
"
प.
31
"3
37
मू.
प.
"
प.ग.
प.
11
"
"3
""
31
"1
17
मू.अ. (प.ग.)
प.
""
11
5
प.ग.
Page #254
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स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य :
[ 237
__ 6
7
| ४
8A
10
__ 11
भक्ति काव्य
25x11x12x32
भक्तामर व कल्याण
20वीं
24x10x12x37 अपूर्ण स्मरण 4 ही हैं | 20वीं
29x13x12x37 संपूर्ण 11 अभिषेक+ | 19वीं
अंतिम ढाल 7,2527x13 व 27x12 | संपूर्ण 11 अभिषेक 19वीं
200 गा. गुटका 12x11x9x13 | संपूर्ण 52 श्लोक 19वीं
भक्ति व विवाह वर्णन मा.
26x12x12x35
19वीं
भक्ति व द्वीप वर्णन प्रा.सं.
27x11x15x45
" 25 गाथा
1531 अहम- अंत में श्री सिद्धांत दाबाद, धर्मसेन | पृष्ठ में 19वीं
"
,
मा.
23x11x12x34
भक्ति स्वाध्याय
26x12x13x50
20वीं
प्रा.सं.मा. 7
|
33x14x10x36 | अपुर्ण
19वीं
दैनिक पूजा पाठ
भक्ति भक्ति
| सं.
1544
गुटका | 23x20x21x38 संपूर्ण 2 स्तोत्र 9+9
श्लोक के 25x11x17x37संपूर्ण 81 गाथा
तीर्थकर भक्ति
2
1699
2-2 | 26x12x9x42
गाथा
17वीं
दो बार लिखा है
25x11x17x50
77 गाथा
1749
अत में जंबू सज्झ'य'
25x11x15x41
80 गाथा
19वीं
26x11x13x46
23 गा.
19वीं
24x 13x9x27
68 गाथा
19वीं
अत में 5 गाथा का
शांति स्तवन
26x11x15x50
" 62 गाथा
26x12x13x45
,
9 पद
19वीं रत्न
हर्ष गणि 1927 बालूचर
सदासुख 1825
भक्ति विरह गीत
24 x 10x13x42
संपूर्ण 28 गा.
24x10x11x27 संपूर्ण
19वीं
24x12x16x49
, 13 गा.
19वीं
16*
21x11x10x30
, 13 सवैया
19वीं
xxxx
19वीं
X
19x70 | , ग्रं. 125 | 26 x 11 x 13 x 32 | अपूर्ण
1
X
19वीं
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2381
1
387
388
389
390
391
392
393
394
395
396
397
398
399
400
401
402
403
404
405
406
407
408
409
410
2.
महावीर 338
परमज्योति पच्चीसी
मुनिसुव्रत 3323 परमेष्ठी रक्षा स्तोत्र
महावीर 348 परमेष्ठी विद्याकल्प
कोलड़ी 352
पंचकल्याणक पूजा
कुंथुनाथ 31/8
कोलडी 1183
11
31
321
प्रोसियां 3 इ 202
संग्रह
ओसियां 3 इ 198 पंचदस तिथि स्तुतियें
कोलड़ी
के. नाथ
6/94
कुंथुनाथ 20 / 17 पंचपरमेष्टी गुण
| मुनिसुव्रत 3281
प्रोसिया 3 इ 261
71
पचज्ञानपूजा
17
21
"1
""
"
3
"
मंगलस्तव
"1
नमस्कार
स्तवन
स्तवन
स्वव व स्तोत्र
स्तोत्र - सावचूरि
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कुंथुनाथ 55/11
कोलड़ी 925 | पंचमी महिमा स्तवन
कोलडी
442 | पाक्षिक चैत्यवन्दन
महावीर 3 इ 43 पाक्षिक नमस्कार नेमी शांति स्तोत्र
कोलड़ी
502 पाक्षिकादि जिन चैत्यवंदन
803 / 3 पाठपूजन चोपड़ी
पूजा
. नाथ 20 / 44 पंचपरमेष्ठी महानमस्कार स्तव Pañcaparamesthi Mahānamaskara Stava
महावीर 3 इ4C
महास्तव + वृत्ति
Mahāstva
सेवामंदिर 3 इ350
Paramajyoti Paccisi
Paramesthi Rakṣā Stotra
3 A
33
Pañca Kalyāṇaka Pūjā
Panca Kalyānaka Mang
ala Stava
Pañca Jñana Pūjā
33
29
Vidyā Kalpa सं. सिंहतिलकसूरि
35
भाग / विभाग : 3 (प्रा) - जंन भक्ति व क्रिया
Sangraha
सुमति (क्षमाकल्याण शिष्य)
Pañcadasa Tithi Stutiyen ज्ञानविमल नयविमल
Pañcaparamesthi Guna देवचंद
Pūjā
Stavana
Pañca Mahima Stavana
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Namaskāra | वल्लभसूरि
Pakşika Catyaivandana
Namaskara etc.
यशोविजय
Pakṣikadi Jin Chaityavandana
pāṭhapuiana Copadi
4
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वीरविजय
रूपचंद मुनि
रूपविजय
11
Stava & Stotra जिनप्रभसूरि
Srotra with Avacūri मानतुङ्गसूरि
विजयलक्ष्मीसूरि
13
सुमति (क्षमाकल्याण
शिष्य
जिनकीर्तिसूरि ( स्वोपज्ञ )
प.
17
31
"
21
21
ग
प.
31
मू.वृ. ( प. ग.)
मू ( प. )
प.
5
मू.अ. ( प ग . )
प.
पद्य
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स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य :
[ 239
6
7
8
8A
9
| 1011
प्रात्म स्वरूप भक्ति सं.
2
20वीं
भक्ति
18वीं
28x12x15x48 | संपूर्ण 50 श्लोक
(2 पच्चीसियां) 25x11 x 8 x 32 , 8 श्लोक 25x11 x 14 x 50 , 77 श्लोक 27x11 x 12 x 36 | संपूर्ण
भक्ति (मंत्रमय)
1962
जिन भक्ति काव्य |
1902
भक्ति तीर्थकर
गुटका | 24x22x15x12
,
25 गा.
20वीं
श्रुत भक्ति काव्य |
26x13x9x30
19वीं
24x11x10x37
,, 5 पूजायें
1958
तिथि भक्ति काव्य
25x11x15x36
, कुल 17 स्तुतियें । 19वीं
25 x 11 x 14x38 | ,, कुल 16 स्तुतियें 25 x 12 x 13 x 44 | ,, कुल 16 स्तुतियें 25 x 11 x 10 x 34 संपूर्ण 67,51,70,50भेद | 1872
भक्ति आधार
25x10x13x44
25 गाथा
18वीं
24 x 11 x 10 x 32 संपूर्ण
1958 27x13x11 x 33 | , 2 स्तवन (दूसरा | 19वीं
अपूर्ण) 27x 12 x 22x 69 संपूर्ण 32 पद
साथ में व-त शांति
10x6x7x16
, 34 गा
18वीं
विधान व विवरण
भक्ति नमस्कार
10x6x7x16 , 2 पद (8 श्लोक ,
5 अनु.) 10x6x7x16 संपूर्ण 2 स्तोत्र (33x5
श्लोक) 25x10x15x53 | संपूर्ण 34 गाथा 15वीं
भक्ति
तिथि माहात्म्य भक्ति
19वीं
25x12x7x30 | , 5 ढालें 27 x 13 x 11 x 32 | , 49 श्लोक
| 1841
27x12x11x40 , तीन स्तोत्र 49,
___11,13 श्लोक 31 x 12 x 13 x 44 | संपूर्ण 5 चैत्यवंदन कुल | 1862
94 श्लोक 5x8x5x10 | संपूर्ण
1937
भक्ति क्रिया काण्ड | सं.मा.
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240 ]
भाग/विभाग : 3 (ग्रा)-जन भक्ति व क्रिया
3A
411 | के.नाथ 14/17 | पारणक वृद्ध लघु आदि | Pāranaka Sajjhaya
सज्झाय संग्रह 412 कुंथुनाथ 2/44 पावस्तव
Pārsva Stava
जिनप्रभसूरि
के.नाथ 29/54
413 414
के.नाथ 18/44 | (सहस्रफरणा) पार्श्वस्तोत्र | Parsva Stotra
415
भक्तिलाभ (रतनचंद्र
शिष्य) विद्यापति,राजसेन, पद्म,
नंदि, जिनपति
|
,,
Stotrani
कुंथुनाथ 36/1 क्रम पार्श्वस्तोत्राणि
13,15,29,
30,32,48, के नाथ 19/46
416
जिनचंद्र
411
महावीर 3 इ21 पार्श्वस्तोत्र
जिनचंद्र सूरि
,, with Vrtti
परशिक्षित सुन्दर
।
मू.वृ. (प.ग.
418 सेवामंदिर 3 इ345/ पाच लघ व वृहत स्तोत्राणि
वृत्तिसह 419 | के.नाथ 26/103 | पार्श्वस्तवनानि
,, Stavanāni
जिनवल्लभ, शिवशंकर प.
अज्ञात धर्मसूरि मेरुनंदन व
420 सेवामंदिर 3 इ350 , स्तवनानि स्तोत्राणि
अन्य
Stotra etc,
Stotrāni
421 | महावीर 3 इ355/ ,, स्तोत्र ध्यान व मंत्र 422 कुंथुनाथ 44/5 , स्तोत्राणि
मुनिसुव्रत 3 इ 307 ,, व मणिभद्र स्तोत्र 424 | कोलड़ी 13255 , स्तोत्राणि
Stotra etc.
,
Sts tuani
425 | मुनिसुव्रत 3 इ323/, स्तवनानि
Stavanāni
426
कुंथुनाथ 10/138 पार्श्व-+-पचपष्ठी स्तोत्र
,, Stotra etc.
मेरुतुङ्ग+जयतिलक
शिष्य?
के नाथ 11/64 | पार्श्वस्तव
,
Stava
मेरुतुङ्ग
428
| के नाथ 11/100
429
महावीर 3 इ 150/ पार्श्व व अन्य स्तोत्राणि ।
,, Stotrāni etc.
जिनप्रभ आदि
430 सेवामंदिर 3 इ379, स्तव
,, Stava
431-2 | प्रोसियां 3 इ237/ स्तवनानि 2 प्रतिया ,, Stavanāni 2 copies
2651 433-5 कुंथुनाथ 10/144-, स्तवनानि 3 प्रतियां ,, , 3 copies
139,2/23 436 के.नाथ 18/64 , ,
,, Stavanāni
437-8| महावीर 3 इ260,/, स्तोत्राणि 2 प्रतियां
25
, Stotrāni
2 copies
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स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य :
[ 241
___6
7
8
8A
____10
11
भक्ति क्रिया
19वीं
25x11x12x40 | संपूर्ण 6 सज्झायें = कूल
99 गाथा 25 x 11-12 x 36 | संपूर्ण
तीर्थकर भक्ति
,
16वीं
25 x 11x17x50
, 36 गा. कलशसह | 16वीं
26x11x8x32 | , 15
17वीं
23 x 20 x 21 x 38 | संपूर्ण 6 स्तोत्र कुल 101 1544
श्लोक
25x11x13x35 संपूर्ण 2 स्तोत्र 7-+-5 | 1806
श्लोक 16x8x8x24 संपूर्ण 10 श्लोक - पंचा 1773 x हित
चन्द्र 24x10x18x72 | संपूर्ण
18वीं
गुली मंत्र
25 x 12x20x56 संपूर्ण 4 स्तवन कुल 39, 18वीं
श्लोक 10x6x7x16 | मंपूर्ण 8 स्तवन कुल 116 18वीं
शब्द 'सकला' पर 1
परा स्तोत्र तीसरा फलवी व चौथा वरकाणा का अतिम स्तोत्र 3 गा.
का प्राकृत में
शोक
मंत्रमय भक्ति
25x11x11x30 संपूर्ण
18वीं
तीर्थंकर भक्ति
12x9x9x18 , 3 स्तोत्र कुल 63 | 18वीं
श्लोक 21x10x9x42 |, दो, सं. 7 श्लोक | 1808/10 मणिभद्रचंद 21 गा.
मारु में 14x10x10x17 | संपूर्ण 7 स्तोत्र कूल श्लोक 1814 अतिम 2 स्तोत्र
69
प्राकृत में 24x10 व 17x9 संपूर्ण 11 श्लोक-1-7श्लोक (प्रथम)1818
अहिपुर कर्मठ 24x11x15x44 , 2 स्तोत्र 11+81877
श्लोक 26x11x13x49 , 14 श्लोक 16वीं
25x12x11x20
, 33 श्लोक
19वीं
| 26x12x17x50 संपूर्ण 4 स्तोत्र कुल 51 | 19वीं
श्लोक 23x10x14x45 अपर्ण 33 श्लोक तक 18वीं
सूर्य सरस्वती के
भी श्लोक हैं
अंत में नंदीश्वरस्तवन
13
24 x 11 x 14 x 35 | संपूर्ण 6 स्तवन कुल 19वीं 1,1,1] 21 से 26
, 10 स्तोत्र
18/19वीं 25 x 12 x 11 x 30 , 2 स्तव 13-3 |
19वीं
श्लोक 20x11 व 28x15 , 4 स्तोत्र कुल 94 | 20वीं
अंत में शारदा स्तोत्र
भी है
अंत में अट्ट मट्टे मंत्र
श्लोक
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242 ]
भाग/विभाग : 3 (प्रा)-जैन भक्ति व क्रिया
3A
439 | मुनिसुव्रत पार्श्व अष्टोत्तर पद्मावती | Parsva Astottara Padma. | हर्षसागर 35323
स्तोत्र
vati Stotra सेवामंदिर 3 इ350 पार्श्व अष्टोत्तर पद्मावती ।
स्तोत्र 441 | महावीर 3 इ354 पार्श्व मंत्र पद्मावती स्तोत्र | Parsva Mantra Padmavati
Stotra सेवामंदिर 3 इ 350 ,, (करहेटक) स्तवन , Stavana
मेरुनंदन
,, Stotrani
के.नाथ 6/574, (..) स्तोत्राणि 444 सेवामंदिर 3 इ 350 .. (कलिकुंड) स्तोत्र
,, Stotra
,
445-6 | महावीर 3 इ 152. पार्श्व (कलि कुंड) मंत्र स्तोत्र355
कल्प 2 प्रतियां
ग.प. मंत्र
Mantra etc.
2 copies
447 | के. नाथ 19/46/ पार्श्व (गौड़ी) स्तुति
,, (Gaudi) Stuti
विद्याविलास
448 सेवामंदिर इ350/ पाव (चितामणि) स्तोत्राणि Parsva Cintamani)
Stotrāņi 449 | महावीर 3 इ355 , (..) ,
450
कोलडी 516
,) मंत्रकल्प
धर्मघोष
| Parsva (Cintamani)
Mantrakalpa , (,) Stotra
451
333
.) स्तोत्र
महावीर 3 5 138 मुनिसुव्रत 3 5 285
मु.अ. (प.ग.)
|
,
(..)
,
453 सेवामंदिर 3 इ345/
(..) स्तोत्राणि ।
,
,) Stotrani
| कोलड़ी 1233 |
रत्नाकरसूरि
455 | महावीर 3 इ53 | पार्श्व (चितामणि) पद्मावती , (,) Padmavati
स्तोत्र
Stotra 456 के.नाथ 23/59 | पार्श्व (जीरापल्ली) स्तोत्र | Parsva Jirapalli Stotra | धर्मनंदन उपाध्याय
सावचूरि
with Avacūri
मेरुतुङ्ग
457 |, 29/53 पार्श्व (जीरापल्ली) स्तोत्र
" (..) , , | मेरुतुङ्ग/अमरकीत्ति
सावचूरि 458 के नाथ 26/103गु गर्व (जीरापल्ली) चक्रबंधमंत्र (,,) Stotra Cakra
स्तव
etc. 459 महावीर 3 इ 355 पार्श्व (.) स्तवन । () Stavana 460
| के.नाथ 29/48 | ., (..) स्तोत्र (..) Stotra मेरुनंदन (मुनि मेरु) । 461 कोलड़ी 542 पार्श्व , शखश्वर) „ (.) Stotrāņi
स्तोत्रारिण 462 सेवामदिर 3 इ350 पार्श्व (फलवर्णी) स्तोत्राणि | Parsva (Phalavarddhi) | जिनप्रभ
Sotrāņi 463 | के.नाथ 6/125
) स्तोत्र
(..) Stotra
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स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य :
[ 243
6
8
11
6 7 तीर्थक र भक्ति+ | सं. शासनदेवी भक्ति
अतिम छंद मा. में
8A 8A
___ 10 26 x 11 x 14 x 64 | संपूर्ण 3 स्तोत्र (16,9, 18वीं हर्ष-
9)| सागर | 10x6x7x16 प्रथम संपूर्ण (12) द्वितीय 18वीं
___अपूर्ण (15) 27x12x8x28 | संपूर्ण
20वीं 10x6 x 7x16 , 9 श्लोक 18वीं
तीर्थंकर तीर्थ भक्ति ,
26x13x12x25
, 3 स्तोत्र
19वीं
18वीं
10 - 6 x 7x16 अपूर्ण 28 x 12 x 8/11 x 35 संपूर्ण मंत्र, विधिसह
2, 1
20वीं
दादागुरु पूजा मंत्र
विधि साथ में
संपूर्ण 24 श्लोक 1806 10 x 6 x 7x16 , 3 स्तोत्र 11-11 | 18 वीं
श्लोक के 25 x 11x17x50 संपूर्ण 2 स्तोत्र । मंगला- 1810/10 x प्रशक्ति है ।
ष्टक | रूपचंद 29x 12x14x30
1880
25x12x7x35
., 11 श्लोक
19वीं
25x10x9x37
, 32 श्लोक
27x10x21x72
, 6 स्तोत्र
22x13x9x24 , 2,, (11+25/20वीं
श्लोक) 24 x 12 x 14 x 35| संपूर्ण 2 स्तोत्र 27--11 ,
श्लोक | संपूर्ण 45 श्लोक 16वीं
22 x 10x15x52। , 3 श्लोक
1886
25x12x20x56
, 24 श्लोक
18वी
22x11x12x34
, 14 श्लोक
19वीं
तीर्थ भक्ति
25x11x14x44
29x13 x 11x45
, 4 स्तोत्र
| 10x6x7x16
3 स्तोत्र (211 | 18वीं
__12+9 श्लोक 25 x 11 x 12 x 31_| संपूर्ण 21 श्लोक 19वीं
,2
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2441
भाग/विभाग : 3 (प्रा)-जन भक्ति व क्रिया
3A
465
466
| महारीर 3 इ355/ पार्श्व (शंखेश्वर) यत्रबंध स्तव | Parsva (Sankhesvara)
Yantra etc. मुनिसुव्रत 3 इ323
" , Stotra कुंथुनाथ 55/15 ,, (स्तंभन) स्तवन Pārsva (Stambhana) सोमसुंदर (देवसुंदर
Stavana | का शिष्य) सेवामंदिर 3 इ , , स्तोत्र
" , Stotra 350 महावीर 3 इ 133
467
468
469
के नाथ 10,92
___स्तवन
Pārsva Stavana
मानविजय
कुंथुनाथ 35/6
समरचंद्र
471
...
357
ब्रह्मषि
472
के.नाथ 19/15
यशोविजय
473
कोलडी
899
मतिहंस
74 । प्रोसियां 35239
अन्य)
" etc.
वल्लभसुंदर खुशालसुंदर
475
कोलड़ी गुटका
1। 6 907
476
, (अतरीक्ष),
,, (Antariksa) Stavana| भावविजय
477
,
324
478 | के नाथ 14/98
योसियां 3 इ 214
480
सेवामंदिर गु 6 दे.
, (गौड़ी)
(Gaudi)
रंगविजय
481
के.नाथ 26/86
482
के.नाथ 29/18
नेमविजय
483
कोलडी 342
गंभीरविजय
484
के.नाथ 26/70
"
, स्तवनादि
Stavanādi
485
कोलड़ी 297
"
, स्तवन
Stavana
| प्रीतविमल
486
महावीर 3 5 14 |
12 प्रतियां
,
,,
,,2 copies
487-8 के.नाथ 5,118,
26/62 489 | प्रोसियां 3 इ 230| ,
,
,
अनोपचंद (क्षमाप्रमोद) ,
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स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य :
[ 245
10
11
11
तीर्थकर तीर्थ भक्ति
18वीं
8A
9 25 x 11 x 11 x 30 | संपूर्ण 2 स्तोत्र 23x11 x 8 x 27 , 5 श्लोक 26 x 11 x 13 x 48 | ,, 25 श्लोक
1863
17वीं
10x6x7x16 |
सपूर्ण
18वीं
27x11x6x26
1961
तीर्थकर भक्ति
मा.
26x11x14x46 संपूर्ण 51 गा.
19वीं
26x10x10x36
.,
49 गा.
19वीं
25x10x15x541
19वीं
26x12x12x44
|
"
25 गा.
19ीं
13x10x13x24
19वीं
25 x 10x10x36 | अपूर्ण 14 स्तवन पहले 1901 सुभट्टपुर पन्ने 7 से 12 ही हैं।
6 पन्ने कम सहजसुंदर गुटका 15x9x7x14 संपूर्ण 46 गाथा+ कलश 19वीं
तीर्थ तीर्थकर भक्ति,
26 x 11x14x48 संपूर्ण
1812
29x12x12x30
1888
25x11x15x54
19वीं
10x25
X
18वीं
विजयदेव व प्रभ
सूरि दो गुरुभ्राता
24 x 11 ,, 5! गा. 14 x 11 x 12x18 संपूर्ण ग्रंथाग्र 129,16
ढालें 74* | 13x12x10x10 अपूर्ण
1841
:
1845
21x34x23x35 संपूर्ण 16 डालें
1940
26x11x20x54
19वीं
21x10x9x26
अपुर्ण
1840
25x12x10x21
संपूर्ण
19वीं
25x11x14x40
, 56 छंद
19वीं
25x11x11x48/
से 54 गा.
19वीं
36
27x14x16x35
,, ग्रथाग्रं 140
1967 फलोदी
लाभद
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246 ]
भाग/विभाग : 3 (ग्रा)-जन भक्ति व क्रिया
3A
___ 4
5
490 | कुंथुनाथ 55/19 | पार्श्व (तिमी) स्तवन
| Parsva (Tinvari) Stavana
रत्नमुनि
491-2| के.नाथ 23/77.. , (देशतरी छंद 26/93/
2 प्रतियां 493 | कोलड़ी 941 पार्श्व (शंखेश्वव) स्तवन
,, (Desantari) Chanda | लक्ष्मीवल्लभ
2 copies ,, (Sankhesvara) लब्धिरुचि
Stavana
सिद्धसूरि
प्रोसियां 3 5 207
495 | कुंथुनाथ 39/3
.. श्लोक
Sloka
देवविजय
496 | महावीर 3 इ24
स्तवन
,,
Stavana
रत्नविजय
मू.बा. (प.ग.)
497 | प्रोसियां 3 इ220
उदयविजय
498
| के.नाथ 15/63 |
(स्तंभन) फाग
., (Stambana) Phāga | मेरुमनोहर मुनि
"
कुश नलाभ
499. | के.नाथ 15/94,
500/ 18/16 501 प्रोसियां 3 इ219/
, स्तवन
2 प्रतियां स्तवन
, Stavana
2 copies , Stavana
"
"
502 | के.नाथ 6/100
,, (स्वयंभू) ,
,, (Svayambhā) Stavana हर्षकुशल
के.नाथ 26/92 | , (व अन्य) निशारिणयां Parsva & other Nisaniyan जिनहर्ष
504
कुंथुनाथ 15/60
, निशाणी
,,
Nisani
505
अोसियां 3 इ361
,
"
506 सेवामंदिर 3 इ371
, सिलोका (श्लोका) ।
Silokā
पंचोली जोरावरमल
के.नाथ
29/5 |
,
508 कोलड़ी-गुटका 9/12 ,, ,
, 11/13 | पार्श्वनाथ फारसी छंद
509
Pārsvarā ha Phārasi
Chanda Punya Prakāśa Stavana
510 महावीर 3 इ 165] पुण्यप्राश-स्तवन
विनयविजय
Puspañjali Pancami etc.
माघनंदि
| पुष्पाञ्जली पंचमी व अन्य
जयमालायें 512 के.नाथ 29/24 पूजा-संग्रह
Pūjā Sangraha
संकलन
513 महावीर 3 आ 121 पैतालीस आगम दोहे
45 Agama Dohe
| प्रोसियां 3 5 227 , , पूजा , Puja 515 | के.नाथ 16/187 | पैतालीस प्रागमादि स्तवन | 45 Agamādi Stavana
वीरविजय (शत्रु विजय,
शिष्य) धर्मसी पाठक
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स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य
6
तीर्थ तीर्थंकर भक्ति मा.
11
11
11
11
31
-
=
35
+ तालिका
"
17
11
तीर्थंकर गुरु भक्ति
11
तीर्थंकर भक्ति
"1
"
"}
"
भक्ति स्वाध्याय
"
भक्ति काव्य
37
श्रुतशास्त्र कीर्तन
काव्य
काव्य
11
19
33
"
"1
""
=
31
"1
11
"1
"}
23
मा.
सं.
7
मा.
11
"
""
1
5.3
3
2
गुटका
44
4
2
4,3
4
3
गुटका
फारसी गुटका
गुटका
3
6
3
8
2
5
गुटका
39
3
8
3
:
8 A
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26 × 11 × 1 1 × 40 संपूर्ण
21 × 12 व 20 x 15
25 x 12 x 10 x 36
26 x 12 x 16 x 37
22 x 16 × 12 x 32
32 × 16 × 25 × 44
24 × 11 × 16 × 47
26 x 11 x 10 x 35
25 x 10 व 25 x 12
25 × 12 × 10 × 32
25 × 11 × 15 × 40
20 × 16 × 22 × 18
12 x 11 x 9 x 13
25 x 12 x 9 x 39
"
27 x 12
25 x 12 x 12 x 29
25 x 11 x 1 x 44
".
-
"
11
12
12
संपूर्ण 4 ढालों का ग्रं.
3100
संपूर्ण 135 छंद
17 गाथा
26 × 12 × 11 × 40 संपूर्ण 45 गाथा
20 x 10 x 9 x 28
56 गाथा
24 x 11 × 13 x 52
13 x 10 x 19 x 42
31
"
9
39 गाथा
32 गाथा
2 पद 26+13
गाथा
40 गाथा
15 x 10 x 9 x 17
अपूर्ण 48 गाथा
20 × 13 × 14 × 27 संपूर्ण 6 छद
25 x 12 x 14 x 34
7 दालें
77
18 पद
सपूर्ण 35 गा.
संपूर्ण 2 स्तवन 38 + 33 1737
गा.
"
11
संपूर्ण 3 (पार्श्व की 1767 112 छद
53 गाथा
57 गागा
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5 पद
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10
1913
1919 महीद
पुर धर्मसी 20 वीं
17वीं
19वीं
17 at
19/20वीं
1865
1880 मेड़ता दूसरा छंद सरस्वती
दौलत सुंदर
का है
1964
19वीं
1857 x लब्धि
रुचि
19वीं
संपूर्ण 3 जयमालायें 17+8+6 श्लो संपूर्ण 5 पूजायें ( स्नात्र 20वीं 17 भेदी, 20 स्थान अष्टप्रकारी पांचज्ञान संपूर्ण 45
आठ पूजायें
19वीं
20वीं
1918
20वीं
1885
"1
[ 247
1922 फलोदी विन्यसुन्दर 19वीं
11
1686 की कृति
दूसरा स्तवन पंचतीर्थी का है । अन्य निशानी कुशलसूरि व एकादश का | भाषा में पंजाबी का पुट
दिगम्बर श्राम्नाय
| क्रमश: देवचंद, साधुकीर्ति, विजयलक्ष्मी, ज्ञानसागर, रूपविजय
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248 ]
भाग/विभाग : 3 (प्रा)-जैन भक्ति व क्रिया
___ 1 |
2.
3A
45
के.नाथ 18/57 | प्रत्यंगिरा अंबिका स्तोत्र
|Pratyangir
Ambika Stotra
मुनिसुव्रत 3 इ 247 प्रत्येक बुद्ध संलग्न गीत
Partyeka Buddha Samlagna समयसन्दर
Gita Battisa Rāga Gita
प्रानन्द
के नाथ 29/24 | बत्तीस राग गीत
कोलड़ी
906 बंभरणवाड महावीर स्तवन
Bambhanavada Mahavi-
ra Stavana
कमलकलश शिष्य
520 सेवामंदिर 3 इ377
| के.नाथ 18/80
कोलड़ी
358 | बारह व्रत की पूजा
Bāraha Vrata ki Pūjā
वीरविजय
522 523
523
के.नाथ 15/158| बीस विहरमान' स्तवन के.नाथ 15/15
| Bisa Viharamana Stavana जिनराजसरि
3 प्रतियां
3 copies
524-6| के.नाथ 5-90,
13-30,19-73 527 | ओसियां 3 5 200
528
महावीर 3 इ 16
जिनहर्ष
529
प्रोसियां 3 इ201
विनयचंद (ज्ञानतिलक ,
शिष्य) 3 यशोविजय
530
कोलड़ी 298
2 प्रतियां
2 copies
13
जिनसागर
531-2 | के.नाथ 23/63गु. 533 कुंथुनाथ 43/11 534-5 | महावीर 3 इ 32
18 536
प्रोसियां 2/153
2 प्रतियां
2 copies | देवचंद
, स्तवन
537
के.नाथ 24/66
542
538-9| कोलड़ी 346-47/ बीस स्थानक पूजा 2 प्रतियां | Bisa Sthanaka Puja विजयलक्ष्मीसूरि
2 copies 540-1] के.नाथ 9/23,
2 प्रतियां
2 copies 15/140 प्रोसियां 3 5 184 बीस स्थानक व सतरभेदी पूजा ,, Sattarabhedi Puja | जिनहर्ष · साधुकीत्ति | प.
कोलड़ी 980 भक्तामर tafa Bhaktámara + Vrtti मानतुंग/अमरप्रभ मू.व. (प ग.) 544 कुंथुनाथ 55/18 | , + वृत्ति
+Vriti , विजयप्रभ । मू वृ. (प.ग.) 545 सेवामंदिर 3 इ329
+बा. +Bali.
| मू.बा (प ग.) 546 के नाथ 22/72 ,
+ Vļlti
543
+वृत्ति
.गुरणचंद्र शिष्य
अभयदेव / मूवृ. (प.ग.)
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स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य :
[249
8A
9
10
11
शासनदेवी भक्ति
19वीं
26 x 11x18x55| संपूर्ण 25x11 x 12 x 32 , 29 गाथायें
गुणकीर्तन वृत्तांत | मा
1783 किसनाजी
25x11x23x72
, 32 गीत
19वीं
जिनभक्ति गीत 32,,
रागों पर तीर्थ तीर्थकर भक्ति
24x11x10x34
,
21 गा.
1770
25x11x12x44
18वीं
26x11x14X42
"
"
19वीं
श्रावकव्रत भक्ति
26x11x11x38 संपूर
1902
महाविदेह तीर्थंकर
26 x 11 x 13 x 34
,,
20+2 स्तवन
1688
8,7,11*25x11x भिन्न 2 |
20 स्तवन
19/20वीं
25x11 x 13 x 47
24x11x15x54
,
21 स्तवन 19वीं मुनि
लालचंद 20+1 स्तवन 1753. पाटन,
जिनहर्ष 20 स्तवन | 1754 कात्तिक 1754 की असल
शुक्ल 8 | प्रति प्रशस्ति है 20 स्तवन ग्रं 200/ 19वीं
25x12x15x45
27x12x14x45 |
| 27 x 14 व 14 x 11 | ,, 20 स्तवन
19वीं
19वीं
26x11x17x60 अपूर्ण 12 से 20 =
" अंतिम 9 तीर्थंकर 14,1726x12 x 11/9x31 संपूर्ण 21/20 स्तवन
1833 पाली,
1887 20वीं
19* | 25x12x12x35
, 20 स्तवन
X
10x41 | कपूर्ण 3 स्तवन मात्र
20वीं
भक्ति काव्य
27x12 व 24x12 | संपूर्ण
19/20वीं
6,12 | 25x11 व 27x13
Xxxxxxx
| 27x11x15x38
, 2 पूजायें
1940 बीकानेर
वासुदेव । 1251
ऋषभदेव भक्ति काव्य
31x12x9x35 | संपूर्ण 44 श्लोक की
प्रति इतनी पुरानी लगती नहीं हैं
X
25 x 11x18 x 52 | संपूर्ण केवल अंतिम पन्ना | 16वीं
नहीं 26 x 11 x 15 x 58 | संपूर्ण 44 श्लोक का | 16वीं 26 x 11 x 13 x 41 | संपूर्ण 44 कथासह 16वीं
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भाग/विभाग : 3 (प्रा)-जन भक्ति व क्रिया
1
2 .
3
3A
+अ.
Bhaktamara+Avacuri
| मानतुंग
| के.नाथ 21/78 भक्तामर | मुनिसुव्रत 3 इ249/ . कुंथुनाथ 55/22 ,
मू.अ. (प.ग.) मू (प.)
548
+बा.
>>
+ Bala
549
+बाला.
मेरुसुंदर
मू बा.
550
मुनिसुव्रत 3 इ348.,
551
कोलड़ी
798 |
+
+Bala
मेरुसुंदर
मू बा.
+वृ.
+Vrti
+
अमरप्रभ
मू.वृ.
मू. (प)
552 | कोलड़ी 466
के नाथ 24/75 554
, 22/60 555 .. 26/93
कोलडी 480
+Vrtti
1. क्षमाविजय
+
मू.व.
+-Bala
मु.बा.
+
+Vrtti
" अमरप्रभ
।
म.वृ.
मू.ट. (प.ग.)
557 | सेवामंदिर 3 इ
327 प्रोसियां 35236
+
+वृ.
+Vrtti
मू.व.
559
के.नाथ
6/47
मू (प.)
560
+
+ Avacūri
के.नाथ 13/47 कोलड़ी 468
465
+
+Vrtti
अमरप्रभ
मू.वृ.
562
मू ट. (प.ग)
563
सेवामंदिर 3 इ328/
564
|
,
35331
+बा
+
+Bala
मूबा.
मू.ट. (प.ग.)
+
+व.
+Vrtti
समयसुंदर
मू.वृ.
मूट. (प.ग.)
565 | कोलड़ी 475
महावीर 3 इ71 567 कोलड़ी 471
के.नाथ 17/42 मुनिसुव्रत 3 इ250
कोलड़ी 474 571 , 473 |
+
+बा.
+Bala
मू.बा.
+
मू.ट. (प.ग.)
+
+बा.
+Bala
,, मेरुसुंदर
मू.बा.
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स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य :--
[ 251
8
8A
10
।।
26x12x6x30
पूर्ण 44 श्लोक की
1655
ऋषभदेव भक्ति
काव्य
23x11-11x32
, 44 श्लोक की
1670 राजधर
| 25x11x12x42 , 44 श्लोक+28 17वीं काल्या
कथा | द्रह, कनकमेर 25x12x10x30 संपूर्ण 44 श्लोक 1718 साथ में कल्याण
मंदिर मूल' 26x11x21x58
,, ,+28 कथा 1720
26x11x15x42
, 44 श्लोक
1744 सिरोही
26 x 11 x 15 x 45
1747
साथ में 2 स्तवन
27 x 12x3x39
1763
20x15x26x19
1793
25x11x23x60
1799
साथ में 'कल्याण
मंदिर' सटीक
25x11x3x37 , 43 श्लोक अंतिम 18वीं
पन्ना कम 25x11x13x47 अपूर्ण 14 से 44 तक | 18वीं 25x10x10x37 | संपूर्ण 44
18वीं
श्लोक
23x11 x 14 x 46
18वीं
26/11x4x50
18वीं
26x10x5x40
,
, का
18वीं
| 21x12x3x33
अपूर्ण 21 से 24
1806
25x12x12x28
44शोक
1816 जोगनी
पुर राजसुंदर 1822
26x11x4x46
,
21x11-13x33 |
|1823 अजीमगंज वृत्तिसुबोधिका
नाम्नी 1833
25x11x5x36
26 x 11 x 13x38
, 46 श्लोक कथा सह 1835
25x12x18x43
, , 44 श्लोक
1836
25x11x5x40
1842 , 44 श्लोक कथा सह| 1867
| 25 x 11 x 15 x 45
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252 ]
1
572
573
574
575
576
577
578
579
580
581
582
583
584
585
59193
594
603
604
605
606
ओसियां 3 इ 168
ओसियां 3 इ 182
ओसियां 3 इ 180
के नाथ 21/30
24/71
के. नाथ
5/17
के नाथ 18/33
कोलड़ी 467
के. नाथ
14/8
के. नाथ 5/29
ओसियां 3 इ235
महावीर 3 इ76
ओसियां 3 इ 169
के नाथ 5/78 90 10/84, 17/17 17/27, 21/65
23/21-1
607
2*
31
99
कोलडी 470-6. 1124
भक्तामर
11
13
11
"
21
"1
11
17
"1
13
11
11
31
कुंथुनाथ 3 - 78, 4-89,9-116, 13-35, 32,5,
27-2
600-2 | महावीर 3इ 70, भक्तामर भण्डारित काव्य
73,75
3 प्रतियां
के. नाथ 6/10
सेवामंदिर 3 इ 330
कोलड़ी 464 भक्तामर की कथायें
कुंथुनाथ 11 / 201 भक्तामर - भाषा
h. नाथ 26/86 | भक्ति-पद
31
3
"1
+ वृत्ति
+ बा.
+ वृत्ति
+ वृत्ति
+ वृत्ति
+ वृत्ति
11
+ श्र.
+ वृत्ति
+ वृत्ति
भक्तामर की वृत्ति
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6 प्रतियां
3 प्रतियां
6 प्रतियां
3 A
Bhaktamara + Vṛtti
+ Bāna
+Vrtti
+ Vrtti
+Vrtti
+Vrtti
+ Avacūri
+ Vrtti
3.
39
33
33
"
39
""
"3
Bhakti Pada
+Vrtti
+Vrtti
भाग / विभाग : 3 (प्रा)- जैन भक्ति व क्रिया
Bhaktamara Bhaṇḍārita Kaya 3 copies Bhaktamara ki Vṛtti
For Private and Personal Use Only
6 copies
3 copies
Bhaktamara ki Kathayen
Bhāṣā
6 copies
मानतुङ्ग
リ
27
"1
22
""
=
12
"1
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
=
21
"
4
हर्ष की ति
शांतिसूरि
अमरप्रभ
कनककुशल
I
हेमराज
विनोदीलाल
1
T
T
मू.वृ.
मू. बा.
मू.वृ.
33
"1
=
मू.अ.
मू बृ.
मू.ट.
=
म.व.
मू.ट.
मूप.
"2
"1
ग.
"
19
प.
27
5
Page #270
--------------------------------------------------------------------------
________________
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स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य
ऋषभदेव भक्ति काव्य सं.
19
11
"
6
"1
11
19
"}
"1
"1
"1
"
93
"
11
11
11
""
श्रौपदेशिक भक्ति कथायें भक्ति काव्य
सं.मा.
सं.
""
27
"
""
33
सं.मा.
"1
सं.
7
सं मा.
सं
4.
मा.
हि.
मा.
17
23
15
8
8
9
30
8
10
15
10
6
43
22
--
5,4,3, 24 से 31 x 11 से 15 9,66
11
www.kobatirth.org
9, 5, 2 24 से 27x12 से 13
10
8A
25 × 12 × 12 × 26 संपूर्ण 44 श्लोक
26 x 12 x 23 x 55
24 x 11 x 13 x 49
26 × 11 × 17 x 54
25 × 12 × 13 × 31
25 × 11 × 15 × 48
27 x 12 x 15 x 60
स
25 × 12 × 17 × 35 संपूर्ण
26 x 13 x 5 x 26
4, 5, 6, 15 से 29 x 11 से 14 8,3,9
13
23 x 11 × 4 x 40
26 × 12 × 18 × 53
26 × 12 × 13 × 48
27 × 12 × 5 x 43
4, 4,214 × 9 व 27 x 12 (2)
26 × 11 × 13 × 39
26 × 11 × 19 × 47
24 × 12 × 12 × 34
22 x 17 x विभिन्न
13 x 12 x 10 x 10
गुटका
गुटका
け
11
11
अपूर्ण ( 24 श्लोक तक )
प्रपूर्ण (41 श्लोक तक )
कथासह
17
44 श्लोक कथासह
44 श्लोक
44 श्लोक
9
सभी संपूर्ण
19at
19वीं
संपूर्ण 48 श्लोक
19वीं
44 श्लोक
19वीं
अपूर्ण (10वें श्लो. तक ही) 19वीं
संपूर्ण 44 श्लोक 28
20वीं
संपूर्ण 44 श्लोक
20वीं
प्रथम अपूर्ण शेष पूर्ण
19/20वीं
अंतिम प्रति अपूर्ण शेषपूर्ण
11
"1
कथासह
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10
1884 कुचामरण दौलत सुंदर
1887
19वीं
19वीं
19वीं
19वीं
4 काव्य, अंतिम में अन्य भी 19/20वीं
संपूर्ण ग्रं. 400
19वीं
संपूर्ण ग्रं. 758
संपूर्ण 28 कथायें
49 छंद
27 सर्वये
19वीं
19/20वीं
1714
1910
19वीं
1845
[ 253
11
पहिले दो पन्न भी
कम हैं
प्रथम में श्रावश्यक गाथा व द्वितीय में कल्याण मंदिर है ।
प्रतिमप्रति में कल्यारण मंदिर नवतत्व व 24 दंडक हैं।
अंतिम चन्द्रसूरि की सही प्रतिलिपि
1652 की कृति
Page #271
--------------------------------------------------------------------------
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254 ]
भाग/विभाग : 3 (प्रा)-जन भक्ति व क्रिया
3A
5
मानतुङ्ग
608 | के.नाथ 11/64 | भयहर-स्तोत्र
Bbayabara Stotra 609 | कुंथुनाथ 21/9 , 610 महावीर 3 इ 144 , वृत्ति
, +Vrtti 611-2 मुनिसुव्रत 3 इ246| मरिण भद्रादि स्तोत्र व छंद | Manibhadrādi Stotra etc. 323 2 प्रतियां
2 copies
मू.ट. (प.ग.) मू.वृ, (प.ग.)
पार्श्वदेव
पद्य
613-5/ कोलडी 536A, मणिभद्राष्टक वत्ति व छंद | Manibhadradi Astaka etc (1 छंद शांतिसूरि | प.ग. 517,908
3 प्रतियां
____3copies 1 लालकुशल)
616 | महावीर 3 इ 142 मणिमद्र भैरुपद
Maņibbadra Bherupada
617 | के.नाथ 15/59 | मनकमुनि सज्झाय व पार्श्व- Manaka Muni Sajjhāya | केशरधीर
etc. 618 के. नाथ 26/84 महार्थ जयमाला
Mahārtha Jayamālā
स्तव
619 | के नाथ 5/41 | महावीरचरियंस्तोत्र + वृत्ति | Mahavira Cariyam- Vrtti| जिनवल्लभ साधु- | मू.वृ. (प.ग.)
सोमगणि 620 | कोलड़ी 541 1 , +afa Mahāvira Cariyam--Vịtti , 621 मुनिसुव्रत 4 अ 125)
मू.ट. (प.ग.) 622 | महावीर 4 9 271
+वृत्ति , -Vrtti , - --(प.ग. 623 | . ?
+वृत्ति
-Vrtti] जिनवल्लभ साधु
सोमगणि 624 | के.नाथ 15/33 | महावीरचरियंस्तोत्र | Mahāvira Cariyam Stotra | जिनवल्लभ
कुंथुनाथ 23/10 | महावीर चरिय स्तोत्र+-बा.
-Bali
मू.बा.
2 copies|
626-7| के नाथ 15/93
2 प्रतियां 230 628 , 29/21 | महावीरद्वात्रिशिका
Mahavira Dvātrinsika
सिद्धसेन
629 सेवामदिर 3 इ350 महावीरनाम-संग्रह
,
Nama Sangraha
630
मू.बा.
के नाथ 10/97 | महावीरसम संस्कृतस्तव | Malavira Sama Samskrta| जिनवल्लभ
+बा.
Stava मुनिसुव्रत 3 इ284
म.प.
632
क.नाथ 29/50
, 11/57
633
634
, 23/75
मू.ट. (प.ग.)
मू.प. -Vrtti | जिनवल्लभ/जयसागर मू.व.
635
22/44
+वृत्ति
,
For Private and Personal Use Only
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स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य :
भक्ति काव्य
"1
21
देवी-देवताओं की स्तुति
मणिभद्रदेव स्तुति
11
भक्तिस्वाध्याय
=
भक्ति
भक्तिमय चरित्र कीर्तन
31
6
1=3
"
11
11
,,
तीर्थंकर भक्ति
11
"
"
"
容
"
"
"1
प्रा.
प्रा.मा.
प्रा.सं.
सं.मा.
"
7
मा.
"
सं.
प्रा.सं.
प्रा.मा.
प्रा. सं,
"
प्रा.
प्रा.मा.
STT.
सं.
सं.मा.
सं.
""
सं.मा.
सं.
"1
2*
2
15
6,1
2
3*
गुटका
9
11
5
8
35*
40*
2
7
4.2, 3, 27 से 31 x 11 से 12 मंपूर्ण 3 छंद व 1 अष्टक
वृत्ति
संपूर्ण 2 पद 11+ 8गा 20वीं
19वीं
19वीं
16वीं
2,2
1
6
14
2
2
5
6*
9
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8 A
26 × 11 × 13 × 49 संपूर्ण 25 गाथा
23 x 10 x 6 x 40
23 गाथा
25 x 13 x 18 x 40
21 गाथा
23 × 10 व 25 × 11 संपूर्ण 5 स्तोत्र + 21 गाया का छंद
20 x 12 x 8 x 16
26 x 11 x 16 x 57
32 × 11 × 17 x 54
26 × 11 × 5 × 41
27 x 11 x 15 x 45
25 x 11 x 14 x 50
21 × 10 × 11 × 31 संपूर्ण 2 पद
12 x 11 x 9 x 13
22 x 11 x 14 x 31
37
27 × 12 × 15 × 70
26 × 12 व 24 × 10
25 × 11 × 16 × 43
10 x 6 x 7 x 16
19
25 x 10 x 11 × 48
25 × 11 × 5 x 43
26 × 11 × 12 × 41
26 × 11 × 15 × 49
11
12
21
"
"1
31
9
17
11
93
53 श्लोक
71
44 गाथा
44 गाथा
44 गाथा
संपूर्ण अंतिम पन्ना कम
3 लकीरों का संपूर्ण 44 गाथा
44 गाथा
44 गाथा
44 गाथा
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1806
19वीं
19वीं
संपूर्ण 32 श्लोक
19वीं
अपूर्ण 29 श्लोक
18वीं
26 × 11 × 13 × 42 संपूर्ण 30 श्लोक
15वीं
25 x 10 x 11 x 45
30 श्लोक
16वीं
30 श्लोक
16वीं
30 श्लोक
16वीं
पूर्ण 10 से 30 श्लोक 1626
संपूर्ण 30 श्लोक
10
For Private and Personal Use Only
16वीं
1656
20 वीं
19वीं जोधपुर
धनसागर
व ईश्वर 19/20वीं
1700
[ 255
11
1762 मेदनीपुर
हरीदास
1531 अमदाबाद चरित्रपंच के
धर्मसेन
1697
दिगम्बर आम्नाय
सोमगरण के गुरु जिनभद्र
1662 |पन 12 ( 19 से 30
तक )
Page #273
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256 ]
भाग विभाग : 3 (मा)-जैन भक्ति व क्रिया
1
2
3
3A
5
मू.अ.
636 के.नाथ 23/47 महावीरसमसंस्कृत स्तव+अव. Mahāvira Sama Samskrta| जिनवल्लभ/
Avacuri 637 सेवामंदिर) इ378|
जिनवल्लभ
मू.प.
| के नाथ 15/234 | के.नाथ 15/66
के.नाथ 29/53 | महावीरस्तवन +वृत्ति
| Mahavira Stavana+Vrtti | पादलिप्त अमरकीति म वृ. (प.ग.
(मानकीत्ति का शिष्य) (2) | अभयदेव+जिन वल्लभ म.प.
641
के.नाथ 26/103गु. महावीरस्तवन (2)
642 | के.नाथ 19/46
अभवदेव
643 | महावीर 3 144
644
कुंथुनाथ 9/119
विजयदेव
645
के.नाथ 15/212
अज्ञात
646 | सेवामदिर गुटका | महावीर (26 द्वार 34 अति- Mahavira (26 Dvāra 34 पावचन्द 3 ति शय) स्तवन
Atisaya) Stavana 647 कोलड़ी 296 (5 कल्याणक) स्तवन Mahavira (5 Kalyanaka) | सकलचंद (हीरविजय ।
शिष्य)
कुंथुनाथ 44/6 | महावीरस्तवन
Mahavira Stavana
जिनदास
के.नाथ
5/12
लक्ष्मण
650
. 14/118
प्रमोदसूरि
651
.
19/85
विजयदेवसूरि
652
प्रोसियां 3 5 192
लक्ष्मीसूरि
653 | महावीर 3 इ31
रामविजय (विमलविजय,
शिष्य) 654 | के नाथ गु. 14
वा. विनयविजय 655 , 10/63
वा यशोविजय 656 | मुनिसुवत 3 5323/ महासंत सती कूल सज्झाय | Mahasanta Sati Kula
Sajjhāya 657 ,, 3 इ 323 मुख-वंदनदर्पण + वृत्ति Mukhavandana Darpaņa
मू वृ. (प.ग.)
+Vrtti 658 के.नाथ 26/21 | मुनिमालिका
Munimālika
चारित्रसिंह 659 | कोलड़ी 275
660
के नाथ गुटका 1 | यादवों की धमाल
Yādavon ki Dhamala
राजहर्ष
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स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य :
[ 257
--
6
6
7
8
-
10
11
8A 26 x 11 x 4 x 43 संपूर्ण 30 श्लोक
तीर्थकर भक्ति
1714
24x10x10x44 अपूर्ण
18वीं
22 x 11 x 15 x 36 संपूर्ण 30 श्लोक
1806
26x11x13x37
19वीं
22x10x15x52
, 6 गाथा
1686
25x12x20x56 | संपूर्ण (22 गाथा व 39, 18वीं
श्लोक 25x11 x 13x35 संपूर्ण 22 गाथा 1806
(जिनबल्लभ का
समसंस्कृत)
26x12x13x35
19वीं
साथ में लघ शांति
27x13x 14x42
, 23 श्लोक
19वीं
26x12x13x50 संपर्ण 21 गा.
20वीं
गुटका | 16x13x 13x20
, 94-1-24 गाथा | 1650
4
27x11x11x37
, 3 ढालें = 66 गा. 17वीं
गुटका | 15x12x17x24
, 38 गा.
17वीं
26x10x13x34
98 गा.
1744
27x12x12x42
48 गा.
19वीं
28x14x18x42
121 गा.
19वीं
रत्नत्रयमयी भक्ति |
27x12x18x52
,, 8 ढालें , 52 छंद
19वीं, पादलिप्त
तीर्थ, रत्नचंद्र 19वीं
तीर्थकर भक्ति
26 x 13 x 12 x 26
16x14x11x18
, 8 ढालें
19वीं
27x13x17x28
, 6 ढालें
1917
साधु भक्ति स्मरण | प्रा.
26x11x14x33 | संपूर्ण 13 गा.
19वीं
भक्ति
19वीं
साधुवंदना भक्ति | मा.
19वीं
25 x 11x14x48| संपूर्ण 26 x 13x10x30 , 37 गा 26 x 12 x 13 x 40 | , 34 22 x 19 x 22 x 32 | संपूर्ण 60 गा.
19वीं
कृष्णरानीहोलीभक्ति ,
2
1814
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________________
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258 ]
1
661
662
663
664
665
666
667
668
669
670
671
672
673
674
681
679
683
682
78
684
686
685
687
688
689
2
श्रोसियां 3 इ 351 रत्नप्रभसूरि-स्तोत्र
महावीर 3 इ157
कोलड़ी 540
के. नाथ 26 / 61 राजुल पच्चीसी
कुंथुनाथ 55 / 26 राणपुर मंडन ऋषभ स्तवन
ओसियां 3 इ 215
रोहिणी स्तुति प्रादि
के. नाथ 11 / 50 | लघु प्रजितशांति वृत्तिसह
महावीर 3 या 48 लघु नमस्कार चक्रम्
ओसियां 2 / 152 लघु नवकार फल
कुंथुनाथ 4 / 105 लघु शांति
महावीर 3 इ47
के. नाथ 15/190
कुंथुनाथ 15/1
कुंथुनाथ 2/8, 15/62, 21/10
कुंथुनाथ 36/1
कोलड़ी 420
. नाथ 6/128
रत्नसागर ग्रन्थ
रत्नाकर पंचविंशतिका
11
37
26 10, 26/11
80
के नाथ 6-93 15/205 महावीर 3 इ 155 लघु शांति की वृत्ति
कुंथुनाथ 44 / 5 लघु सहस्रनाम स्तोत्र
सेवामंदिर 3 इ345
31
3
"
+ वृत्ति
+ वृत्ति
+ बा
लघु स्वयंभू स्तोत्र
वर्षीतप स्तवन
विज्ञप्ति द्वात्रिंशिका
31
27
कुंथुनाथ 36 / 1क्रम विद्यापहार स्तव समग्र)
14
के. नाथ 26/25
महावीर 3 इ 39
5 प्रतियां
"
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2 प्रतियां
स्तवन
3 A
Ratnaprabhasüri Stotra
Ratnasagara Grantha
संकलन
| Ratnākara Pañcavirmśatika रत्नाकरसूरि
Rajula Paccisi
लालचंद
Rāṇapura Mandana Rṣabha Stavana
Rohini Stuti etc.
Laghu Ajita Santi
with Vṛtti Laghu Namaskara Cakram
Laghu Navakara Phala
Laghu Santi
33
33
33
+Vrtti
+Vrtti
+Bala.
ki Vṛtti
Laghu Sahasra Nama
33
भाग / विभाग : 3 (प्रा) - जैन भक्ति व क्रिया
5 copies
2 copies
"
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Stotra
Stavana
""
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22
13
""
"
Laghu Svayambhū Stotra | देवनंदी
Varşi Tapa Stavana
रूप ऋषि
Vijñapti Dvātrimśikā
रूपचंद
4
नयमुद (भावसुंदर
चन्द्रसूरि
जिनवल्लभ / धर्मतिलक मू. + वृ.
Visāpahāra Stava Samagra सुमुखोनसुरि
अचलकीत्ति
हर्षको
भद्रबाहु
लाभविजय
शिष्य)
प.
पग.
मानदेव
मानदेव धर्म प्रमोदगरि मू.वृ. ( प.ग.)
मू. ट. (प.ग )
प.
""
पद्य
11
11
मू.बा. (प.ग.)
मू. प.
ग.
प.
13
5
11
11
"1
12
13
Page #276
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स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य :
[ 259
6
7
8
8A
9
___ 10
11
गुरुभक्ति
125x11x13x36 संपूर्ण
1755
26x15x20x12
1945
जैन भक्ति काव्य- प्रा.सं.मा. 484
संग्रह सर्वजिनभक्ति | सं.मा. 5
38x12x10x32
, 25 श्लोक
19वीं
भक्तिमय गीत
22 x 12 x 10x29 |
19वों
तीर्थ तीर्थकर भक्ति ,
26x11x14x35 |, 17 गाथा
17वीं
जैन भक्ति काव्य
1902 फलोदी.
पं हसा 16वीं
भक्ति काव्य
| 14
24x11 x 11x32
, 9 स्तुतियें 25x10x15x54 संपूर्ण 17 गाथा की
ग्रं. 320 25 x 11 x 14 x 50 | संपूर्ण 117 श्लोक 26 x 12x11 x 40 | 23 गाथा
जैन भक्ति मंत्र
1962
भक्तिफल
16वीं
भक्ति स्तोत्र
24x11x11x40
, 19 श्लोक
16वीं
25 x 12 x 13x35 ,, 19 19वीं 26 x 11 x 13 x 35 | अपूर्ण 13 श्लोक तक | 19वीं 25x10x4x32 | संपूर्ण 17 श्लोक 17वीं 22 से 26 x 9 से 12 | , 17/18/21 श्लोक 20वीं
2.2.2.
भक्ति
नाम स्मरण
गुटका
भक्ति स्तोत्र
25 x 12 व 25 x 11 | , 19/19 श्लोक | 20वीं 27 x 14x15x48 | संपूर्ण
1928 12x9x9x 18
संपूर्ण 41 श्लोक 18वीं 23 x 10 x 21 x 72 | , 39 श्लोक । 1667x
मालचंद गुटका 23x20x21x38
20X21X38 | , 25 श्लोक 1544 29 x 11 x 10 x 40 संपूर्ण 4 ढालें 19वीं | 26 x 10 x 13 x 44 संपूर्ण 32 श्लो.+ 3तीर्थंकर 19वीं
ऋ.शा.नेमी,स्तवन
5-5 श्लोक के 23 x 20 x 21 x 38 | संपूर्ण 40 श्लोक 1544
भक्ति गीत
गूटका
भक्ति काव्य
25x13x17x29
, 41 गाथा
19/वीं
26 x 13 x 14x43 | संपूर्ण 40 गाथा+4स्तवन 20वीं
दो स्तवन संस्कृत में
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260 ]
भाग/विभाग : 3 (प्रा)-जन भक्ति व क्रिया.
3A
4
5
1 2 3 690 | के.नाथ 18/17 वीतराग-वदना
Vitarāga Vandana
-
691
|
11/84 | वीतराग-स्तोत्र सावचरी
| Vitarāga Stotra with
Avacūri
692
| मुनिसुव्रत 3 इ309
हेमचन्द्राचार्य प्रभानंद मू.अ. (प.ग.) हेमचन्द्राचार्य मू. (प.)
म् (प.)
693
प्रोसियां 2/154
694
के.नाथ 21/12
695
,
10/23
+वृत्ति
+Vrtti
म् वृ. (प.ग.)
696
29/42 वीतराग स्तोत्र की प्रवचरी | Vitarāga Stotra ki Avacāri
ग्रोसियां 3 5 232 वृहत् नवकार नमस्कार ।
Vịhat Navakāra
जिनवल्लभ
698
के नाथ | 1/101
699
| Vrhat Navakāra etc.
के.नाथ 26/103गु वृहतनवकार+नमस्कार
माहात्म्य
Vrhat śānti
700 मुनिसुव्रत 3 इ273| बृहत् शान्ति 701 | के.साथ 15/24
702-3 , 14/125,
2 प्रतियां
2 copies | 23/78 704 महावीर 3 इ 45
+वृत्ति
+Vrtti
| - हर्षकीति (चंद्र
कीत्ति का शिष्य) 705-6 कुंथुनाथ 2/3.21/6
2 प्रतियां
2 copies 707-8 कोलड़ी 463,462 वृहत्शांति की टीका
., ki Tika 2 copies | हर्षकीत्ति
2 प्रतियां 709-महावीर 3 इ 139- शक्रस्ताव 2 प्रतियां | Sakrastava 2 copice| सिद्धसेन
40
711 | वोलड़ी 414 | शत्रजय ख मासणा व दोहे | Satrunjaya Khamāsana
+Dohe 712 के नाथ 23/92
खमासणा
,
18/90
, खमासणा+दोहे
पुण्यमहोदय (कल्याण
सागर शिष्य
सेवामंदिर 3 इ 345| शत्रुजयनामकहा
Satrunjaya Nāmakahā
शत्रुञ्जय-स्तवन
Stavana
के.नाथ 23/79 ., गुटका-1 , 23/86
प्रेमविजय + शुभवीर आनंदनिधान
प्रेमविजय
718
महावीर 3 इ22
देवचंद
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स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य :
[ 261
6
7
8
8A
9
___ 10
11
भक्ति काव्य
23x1x7x36 |
पूर्ण 11 पद
1900
26x11x16x40 |
20 प्रकाश
1505
123*
25x10x22x57
16वीं 26 x 12 x 11 x 40 , , 187 श्लोक | 16वीं 26 x 11 x 15x43
17वीं 25 x 12 x 16 x 42 | अपूर्ण 12वें प्रकाश तक
| 19वीं
26x11x15x60
16वीं
भक्ति मंत्र
अपभ्रंश 2
25x11x11x31 | संपूर्ण 27 पद
1898
26x11x11x34 |
, 13 पद
19वीं
भक्ति मंत्र व फल
18वीं
25x12x20x56 | दोनों अपूर्ण (2 प्रकाश
18 श्लोक) 25x10x13x46 संपूर्ण
भक्ति स्तोत्र
16वीं
(संक्षिप्त पाठ)
25x10x11x34
1681
3.6
25x12 व 31x11
19वीं
5
26x12x18x50
1950
2,3
25 x 11 व 25 x 12
19/20वीं
व्याख्या
7.6
22x11 व 24x13
भक्ति मंत्र स्तोत्न
5.8
27x14 व 28 x 14 25 x 12 x 10 x 30
19वीं अजमेर | (न नत्थुण से भिन्न)
नरेन्द्र 19वीं
भक्ति पद पाठ
97 नाम+114
दोहे
26x13x15x43 | संपूर्ण
22x12x14x33 | ,, 96 नमस्कार+
113 दोहे 27x13 x 12 x 35 | संपूर्ण ग्रंथान. 160
तीर्थ भक्ति नाम प्रा.सं.मा. 6
1950अमरदत्त
मेवाड़ा
भक्ति गीत सामान्य मा.
11
तीर्थ माहात्म्य गीत ,
3
23x12x10x23 दो स्तवन 41 गा| 1953
+12 ढाल 22 x 11x22 x 32 | संपूर्ण 45 छंद
1814 24 x 14 x 13 x 24 संपूर्ण + ढंढणऋषि सज्झाय 19वीं
तीर्थ गीत व वर्णन
, | 12
25x12x10x31
, 34+64 गाथायें| 20वीं .
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262]
1
719
720
मुनिसुव्रत 4 इ 323 शत्रुञ्जय स्तुति
के. नाथ 26 / 85 शांतिनाथ भ्रष्टक व जय
मालायें
15/95 शांतिनाथ - नेमिपार्श्व स्तोत्र
722 महावीर 3355 शांतिनाथ - महावीर स्तुति
723 सेवामंदिर 3 इ350 शांतिनाथ -स्तवनानि
कुंथुनाथ 36/1 क्र.
41,5
18 / 1 शांतिनाथ स्तवन
721
724
725
726
727
728
729
730
731-2
733
734
735
736
738
741
742
743
744
745
40
31
746
""
2
मुनिसुव्रत 3272
ओसियां 3 इ 212
के नाथ 15/35
कुंथुनाथ 36 1
क्रम 54
33
10 / 165, 13/218 महावीर 3 इ 26
"
15/68 गीतलनाथ - स्तवन
737 मुनिसुव्रत 3 इ 319
कोलड़ी 539, 482-3 कोलड़ी 444
महावीर 3 इ3
सेवामंदिर 3 इ 345
ओसियां 3 इ 176
महावीर 3 इ57 सज्झाय-संग्रह
सेवामंदिर 3 इ370 सती-सज्झाय
77
"1
श्रुत्-देवतास्तुति
श्लोक संग्रह प्रार्थना के
3
षडावश्यव तवन
71
3 इ 187 | सलार्हत्
11
11
21
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2 प्रतियां
व शांति स्तोत्र श्रादि
3 प्रतियां
+ वृत्ति
+ वृत्ति
3 A
Śatruñjaya Stuti
Santinatha Aṣṭaka etc.
39
सहजकर्त
पद्मनंदि
Sloka Sangraha 2 copies संकलन
Şaḍāvasyaka Stavana
नयविजय
मुनिसुव्रत 3 इ269 सकल कुशलवल्ली चैत्यवंदन Sakalakuśalavalli Caitya
ओसियां 3228
vandana +Bālā.
+ बा.
23
39
& other Stotras
& Mahavira Stuti
Stavanāni
Santinatha Stavana
33
"2
33
Sitalanatha Stavana
Śrutadevată Stuti
33
Sakalarhat
"
भाग / विभाग : 3 ( श्रा ) - जैन भक्ति व क्रिया
+ Vrtti
+Vrtti
Sajjhaya Sangraha
Sati Sajjhaya
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जिनवल्लभ
राजसूरि व अन्य
पद्मनंदि व अन्य
रूडऋषि
4
यशोविजय
कन सोम
हेमचंद्र / नयविमल
संकलन
3 copies |हेमचन्द्राचार्य
"
17
11
वीरभद्र / हेमचन्द्र
39
क्षमाकल्याण
प.
31
33
"
"1
11
13
"1
"1
11
11
23
मू. ट. ( प.ग.)
मू.बा. (प.ग.)
मू.ट. (प.ग.)
पद्य
/ कनककुशल | मू.वृ, (प.ग.)
प.
प.
5
33
33
11
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स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य :
[ 263
6
तीर्थ भक्ति
| 7 | 8 8A
9 10 45 x 11x17x5- संपूर्ण 9 श्लोक +2 पद | 19वीं x तखत
सागर गुटका | 12x11x9x 13 संर्ण 8,9,9,श्लोक 19वीं
तीर्थंकर भक्ति
26 x 11 x 11 x 40 संपूर्ण 3 स्तोत्र (33 + | 17वीं
___ 15--15) गा. 27 x 13x 20 x 29 संपूर्ण 4-4 श्लोक की 19वीं
10x6x7x16 अपूर्ण 27 श्लो. द्वितीय- 18वीं
पूर्ण 5 श्लोक 23 x 20 x 21 x38 संपूर्ण 2 (11+9 श्लोक) 1544
25x11x11x33 | संपूर्ण 69 छंद
16वीं
24x10x13x41
1696बीकनयर
24x11x12x39
19वीं
26x11x13x31
29 गाथा
19वीं
18वीं
26 x 11 x 14x43 ,, 15 गाथा 23 x 20 x 21 x 38
| , 31 श्लोक
ज्ञानदेवी की भक्ति सं.
1544
प्रार्थना के श्लोक
प्रा.स.मा |
22x12 व 23x11 प्रतिपूर्ण
19वीं
आवश्यक भक्ति काव्य मा.
1914
27 x 13 x 12 x 37 | संपूर्ण 6 ढालें 22 x 9 x 4x40 |, 7 श्लोक
भक्ति स्तोत्र
स.मा.
19वीं
25x12 x 12x28
26x12x4x32
, 28 श्लोक
1763
मूल हेमचन्द्राचार्य
__ का है।
24x10x12x37 कुल 5 स्तोत्र (सामान्य) 1840 नागौर,
ईश्वरसागर संपूर्ण 36 श्लो. 27 27 27x13x11x49 , 26 श्लोक की | 1903
28x12x12x54 |
,, 28 श्लोक ग्रं. 282 1942 जयपुर | व्याख्या 26 श्लोक
देवकृष्ण तक ही , 30 श्लोक 20वीं
21x10x11-21
25x11x11x32
____31 श्लोक
भक्ति स्वाध्याय
25x13 x 10 x 24
सती गुण कीर्तन ,
24x11x11x44
, 29 गा.
19वीं
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264 ]
भाग/विभाग : 3 (प्रा)-जन भक्ति व क्रिया
23
3A
748-9 के.नाथ 14/115. सत्तरभेदी पूजा 3 प्रतियां | Sattarabhedi Puja 3 copies| साधुकीत्ति
21/79,
6/102 750-1 कोलड़ी 357,952
2 प्रतियां
_2 copies
752-3
,
345,344
2 प्रतियां
2copies | सकलचन्द्र
754
प्रोसियां 3 इ 184
समरचंद
755 | कुंथुनाथ 15/10 | सत्तरभेद पूजा प्रबन्ध Sattarabheda Pūjā
Prabandha 756 , 15/59 | सत्तरभेदी पूजा विचार स्तवन| Sattarabhedi Puja Vicāra
Stavana 757 | | के.नाथ 10/52 सप्तदश प्रकार पूजा
Saptadaśa Prakāra Pūjā
पासचंद
758
महावीर 3 इ37
सप्तस्मरण वृत्तिसह
Saptasmarana with Vrtti | भिन्न 2 आचार्य
759
"
+बा.
,
+Bala
मू बा. (प.ग.)
| के.नाथ 5/9 प्रोसियां 2/152
" व स्तवन
„
& S a ani
761
के नाथ 15/124
762
कुंथुनाथ 29/13 के.नाथ 15/91
763
764
के.नाथ 5/34
765 सेवामंदिर 3 इ338
वृत्तिसह
with Vịtti
766
मुनिसुव्रत 3 इ251
मू.ट. (प.ग.)
| कोलड़ी 1111 768 , 454
वृत्तिसह
with Vịtti
769 सेवामंदिर 3 इ339
--बा.
+Bala.
मूट बा.
770
प्रोसियां 3 इ 362
3 प्रतियां
3 copies
771-3| महावीर 3 इ34,
36.35 174-8| के.नाथ 11/65,
20/40, 24/57, 26/101, 16/11/
5 प्रतियां
5 copies
779 | कोलड़ी 460
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स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य :
[ 265
67 | 8 8A
|
10
11
भक्ति काव्य
1 से 26x9 से 13 |
17 पूजायें तीसरी 19वीं
में 6 ही
25 से 11 व 27 से 12 | दोनों पूर्ण
13,21/ 26x12 व 26x13
1940
19वीं
पूजाका व 17 प्रकार
का विवेचन भक्ति पूजा विधान)
27x11 x 15 x 38 | संपूर्ण 26 x 11 x 13 x 49 , 24 पद्यानुच्छेद 25 x 11 x 13 x 42 , 29 गाथा 26 x 12 x 13 x 42. संपूर्ण
दिगम्बर ग्राम्नाय
भक्ति काव्य व विधि
भक्ति स्तोत्र
16वीं
प्रा.मा.
25x9x 13x49 छठे स्मरण की नहीं ।
__ बाकी छ है। 26 | 26 x 11 x 13 x 44 | अपूर्ण 123* | 26 x 12 x 11 x 40 संपूर्ण
16वीं
"आदि
प्रा.सं.
16वीं
25x10x12x48
16वीं
26x10x13x40 त्रुटक
16वीं
26 x 11 x 13 x 41 संपूर्ण
1868
25x11x11x34
17वीं
27 x 12 x 13 x 45 अपूर्ण-1 व 6 नहीं 2 व 7 17वीं
अधूरे 23x11x6x384 व 5 नहीं बाकी 5 1753,कारणाणा
स्मरण | विद्याविशाल 26x10x13 x 42 छठा अधूरा व सातवां नहीं 18वीं
| 26 x 11x11x44 पांच स्मरण व तीन अन्य | *18वीं (2 शांति 1 भक्तामर
साथ में) | 21x12x5x31
1851 जोधपुर
भीमराज 24x12x5x30 संपूर्ण
1880
12/
17,28. 24 से 26 x 12 से 13 ,
19/20वीं 9,10 25 से 26 x 11 से 13 चार पूरी और अन्तिम | 19वीं 14,11,
अपूर्ण 17
| 13
27x 13x 12 x 44 संपूर्ण
1889
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266 ]
780
781
782
गुरुपारतन्त्र्य
विग्धापहर
उवसग्गहरं
लघुशांति
वृहत्शांति
783
"
प्रजितशांति
लघुशांति (उल्लासिका)
भयहर-स्तोत्र
तंजयउ (सर्वाधिष्ठायक)
784
2
सियां 3 इ 216 सप्तस्मरण-स्तुति प्रादि
के. नाथ
785
6 / 65 सप्तस्मरण आवश्यक व अन्य
ग्रंथ
21/51
सप्तस्मरण की वृत्तियें
798- कुंथुनाथ 35/39, 804 16/17, 36/1 20/8-9, 44/5, 14/60
मूल मानतुङ्ग
मूल जिनदत्तसूरि
11
3
मूलनंदीषेण प्राकृत गाथा 40
मूल जिनवल्लभ प्राकृत गाथा 15-18
19
मूल भद्रबाहु
मूल मानदेव संस्कृत
मूल अज्ञात संस्कृत
"
11
"
11
"
""
के. नाथ 26/103गु सप्तोपधानादि-स्तवन
सेवामंदिर गुटका 30 सरदहरणा-स्तवन ति महावीर 3 इ 77
"1
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""
21
26
21
14
5
Saptasmarana Stuti etc.
19
3 प्रतियां
2 प्रतियां
Saptopadhānādi Stavana
Saradahana Stavana
सरस्वती भक्तामर + वृत्ति
Sarasvati Bhaktamara +Vrtti
786- महावीर 3131 सरस्वती - स्तोत्राणि 6 प्रतियां Sarasvati Stotrāni 86,130,132. 55,79
91
792-4 मुनिसुव्रत 3 इ 286 246 323
795 सेवामंदिर 3 इ 350
796-7 के नाथ 26/103. 19/38
7 प्रतियां
""
3 A
و
39
"
ki Vṛttiyen
11
13
"}
भाग / विभाग : 3 (प्रा) - जन भक्ति व क्रिया
"
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वृत्तिः - ( 1 ) गोविन्दाचार्य संस्कृत गद्य ग्रंथाग्र 350
(1) धर्मतिलक
(1) जिनप्रभ
( 1 ) जयसागर ( वर्धमान शिष्य ) गद्य संस्कृत
(1 ) सागरचन्द्र संस्कृत गद्य
(1) अज्ञात
(1) जिनप्रभ
(1) धर्मप्रमोदगरण संस्कृत गद्य
(1) हर्षकीत्ति
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6 copies
3 copies
7 copies
भिन्न 2 प्राचार्य
"
भिन्न 2 वृत्तिकार
31
4
"
17
,
-
समय सुन्दर
पार्श्व चंद
39
31
" 33
मू प.
( सप्तस्मरणादि
मू.
ग्रंथा 271
जिनप्रभ व अन्य
2 copies | बप्पभट्टसूरि व अन्य
ग.
320
300 अभिप्राय चंद्रिका
मानतुङ्ग (स्वोपज्ञ ) प्रभाचार्य सुमति व अन्य प
प.
5
मूवृ. (प.ग.)
33
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स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य
6
भक्ति स्तोत्र
"
·
व्याख्या
13
प्रा.मा.
श्रादि प्रा.मा स
सं.
"3
7
भक्ति क्रिया सह मा.
भक्ति श्रद्धा (दर्शन)
सरस्वती जैन भक्ति सं.
सरस्वती भक्ति
11
"
7
वृत्तियों की विगत )
(2) जिनप्रभाचार्य संस्कृत गद्य ग्रंथाग्र 740 बोधिदीपिकानाम्नी
(2) पार्श्वदेवगण संस्कृत गद्य
(2) हर्ष कीति ( चन्द्रकीर्ति का शिष्य) संस्कृत गद्य
सं.मा.
सं.
96
8
31
5
8
25
8 A
25 × 11 × 11 x 25
25 x 11 x 11 × 34
26 x 11 x 15 x 54
40
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6'4
2 2,22, 20 से 27 x 11 से 13 1,1
26 x 12 x 12 x 40
2,6* 23 से 24 x 10 से 11
18*
अपूर्ण
25 × 11 × 15 × 3 8 संपूर्ण 5 स्तवन
49 गा.
16 × 13 × 13 × 20
44 श्लोक
9 स्तोत्र कुल (80 श्लोक )
10 x 6 x 7 x 16
1, 2, 1, 2 भिन्न-भिन्न
1 (गुटका
31
संपूर्ण
11
39
""
17
9
11
4 स्तोत्र (संस्कृत में 3)
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10
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20वीं
20वीं
( 3 ) कर्मसागर संस्कृत गद्य
1637
18वीं
संपूर्ण 11 स्तोत्र (150
18वीं
श्लोक)
25 × 11 व 26 × 13 संपूर्ण 9 स्तोत्र (70श्लो. ) 18 / 19वीं
1651
20वीं
19/20वीं
""
16 स्तोत्र ( 195 | 16 / 19वीं श्लोक )
[267
11
(सामान्य संकलन )
Page #285
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268 ]
भाग/विभाग : 3 (प्रा)-जन भक्ति व क्रिया
4
5
1 2 | 3
3A 805-6 | कोलड़ी 522-532 सरस्वती स्तोत्राणि 2 प्रतियां Sarasvati Stotarani
2 copies 807 सेवामंदिर 3 इ 345 , स्तोत्र
, Stotra
कुशल पंडित व अन्य
प.
808 |
, 35 345/ संति करनाम-स्तोत्र
Santikaranāma Stotra
809
| कुंथुनाथ 3/68 | सवेग व दान गीत
Saṁvega & Dāna Gita
810 सेवामदिर 3 इ376 संसार दावानल-स्तुति
Samsāra Dāvānala Stuti
.,
with Avacuri
| के.नाथ 15/80/ मुनिसुव्रत 3 इ283/
, सावचूरी , वृत्तिसह
मू.अ. (प.ग.) मू वृ. (प.ग.)
,
with Vrtti
| हरिभद्र
813
के.नाथ 13/45 | साधुवन्दना
Sadhuvandara
भावहर्ष सूरि
815
2 प्रतियां
2 copies पार्श्वचन्द्र
814 , 19/9
| सेवामंदिर गु. 3 ति 816 के.नाथ 20/50 817-8 मुनिसुव्रत 3 5 255
364 819 | के नाथ 15/22
2 प्रतियां
2 copies
कुंअरजी
पार्श्वचंद
820-1 ,, गु 1,14-104 822 मुनिसुव्रत 3 इ 259 823 | कुंथुनाथ 39/4
824 | कोलड़ी 274
समयसुंदर
2 प्रतियां
2 copies
825-6 के.नाथ 6/12,
26/80 827 कोलड़ी गु. 9/12|
ऋषि जयमलजी
2 copies
828-9 | के.नाथ 23/71,
2 प्रतियां 24/44 830- , 14/129, | (आगमोक्त) साधुवंदना 31/ 24/41|
2 प्रतियां 832 कुंथुनाथ 54/11
2 copies | मूनिदेव (ज्ञानचंद का
शिष्य)
,
833
के नाथ 26/46 साधुवंदना
कुशल (नागौरी गच्छ),
जयसोम
834 835
, ,
15/27 14/91
,
अज्ञात
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स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य :
[269
8A
11
6 सरस्वती भक्ति
7 8 8A
10 सं.मा. | 3,2 | 30x10x भिन्न 2 | संपूर्ण 2 स्तोत्र (संस्कृत 19वीं
में 1) 27x10x21 x 72 | संपूर्ण
19वीं
माथ 2 स्तोत्र 64
योगिनी साथ में 64 योगिनी
बीज मंत्र अंत में आनंदघन
का 1 पद
जिनभक्ति
24x11x12x33
, 13 गाथा
1881x
हर्षचन्द्र
श्रद्धा भक्ति उपदेश मा.
25x11x17x38
, 25 गा.(16+97 19वीं
भक्ति
25x11x10x40 | संपूर्ण 17+2 श्लोक
18वीं
26x11x11x40 |, 4 श्लोक
19वीं
21x10x11x32
19वीं
साधु भक्ति व नाम- प्रा.
स्मरण
30x12x19x86 | अपूर्ण 150 गा.
16वीं
भक्तिभर नमिसुखर
26x11x12x36 | संपूर्ण 110+50 गाथा| 1622
26x13x13x20
, 83 गाथा
1651
25x11x13x44
,87 गाथा
1660
25x11 व 26x12 | "
"
17वीं
26x11x14x437 संपूर्ण 14 ढालें
1706
22x19 व 28x12
, 7ढाले 387 गा. 1814, 1849
26x12x13x50
1821 गढवाहा
सांवलदास 19वीं
20x16x14x26
ग्रंथाग्र 750
27x11x15x65 , 18 ढाल = 516 | 19वीं ।
गाथा 23,15/22x11 व 26x11 | प्रथम संपूर्ण 18 ढाल | 19वीं
दूसरी 14 गुटका 15x10x9x17 | संपूर्ण 35 गाथा 1885
6,12* | 26x12 व 26x11
7,8
| 25x12x15x50
(1) (2) 19वीं संपूर्ण 111 गा. 55 गा. , 161 गा. = 13 | 19वीं
ढाल
19वीं
गुटका
6x6x8x12
26x12x17x48 |
35 गा.
19वीं
25x11x11x38
, 27 गा.
[9वीं
25x11 x 11x33
19वीं
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270 ]
भाग/विभाग : 3 (प्रा)-जन भक्ति व क्रिया
3A
836 837
कुंथुनाथ 36/1 सारंग काष्ठ संघ जयमाला महातीर 3 इ355 सिद्ध चक्र नमस्कार
| Sarangakāstha Sanga | माथूरनंदि
Jayamālā Siddhacakra Namaskāra
838
शोसियां 3 इ235
प्रासिया
नवपद पूजा
, Navapada Puja
देवचंद
839
| के.नाय 15/195
, नवपद वर्णन
,,
,, Varnana
,
पूजा
2 प्रतियां
, Pija
2 copies,
ग मंत्र
840.1 कोलडी 409,
1346 कुंथुनाथ 2/19
| मू.वृ, (प.ग.)
यंत्रोद्धार गाथा | Siddhacakra Yantroddhara (श्रीपालचरित्रे) +वृत्ति
Gatha++Vrtti| विवरण चंद्रकीत्ति स्तदन+यंत्र
, Stavana+Yantral -
843 मुनिसुव्रत 3 इ323
,
844 | प्रोसियां 3 190 सिद्धदण्डिकका स्तवन
Siddha Dandika Stavana | देवेन्द्रसरि
845 | महावीर 3 इ355
| प्रोसियां 3 186/
मू ट. (प ग.)
847
के नाथ 15/82
पद्मविजय
848 कोलडी 1147 सिद्धमुक्तिमाला
Siddha Mukti Mala
| कुंथुनाथ 361 सिद्धस्तुति व सिद्धचकस्तव
850 सेवामंदिर 3 इ345 सिद्धपार्थिवसूत्र व यत्र
नवृत्ति | कोलड़ी 509 | सिद्धिलक्ष्मी-स्तोत्र
Siddha Stuti & Siddhaca-| पद्मनंदि
kra Stava Siddha Parthiva Sūtra etc
+Vrtti Siddhi Lakşmi Stotra
के.नाथ 29/49 सीमन्धर-स्तवन
Simandhara Stavana
| उ. भक्तिलाभ
„
Svādhyāya
लावण्यसमय
Suguru Chattisi
हर्षकुशल
| प्रोसियां 3 इ 323 , स्वाध्याय | मुनिसुव्रत 3 323) सुगुरु-छत्रीसी
| महावीर 3 इ355 सुरिमंत्र-स्तवन 856 कोली 204 सोमवार-स्तवन
Sūrimantra Stavana
भावसूरि
Somavāra Stavana
वा. विनयविजय
857 सवा मंदिर 3 गु ति. स्तवन (सामान्य)
Stavana (general)
पार्श्वचन्द
,
Sajjhāya 3 copies
758- कुंथुनाथ 56/1-3-5 स्तवन-सज्झाय 3 प्रतियां 60
प्रोसियां 3 5 208 स्तवन-संग्रह
861
,
Sangraha
शोभमुनि
862
के.नाथ 18/70
पा. हर्षसंदर (कनक
विजय शिष्य) गयवरमुनि
863
प्रोसियां 3 इ231
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स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य :
[ 271
6
7
8
भक्ति
भक्ति काव्य
8 A
9
10 11 23 x 20 x 21 x 38 | संपूर्ण 2 स्तोत्र (9-9_1544
गाथा 27x12x14x38 | संपूर्ण 3 स्तोत्र (5,9,6/ 18वीं लालचंद
श्लोक) 20x9x9x22 | संपूर्ण नवमी पूजा तक | 19वीं
। (अंतिम पन्ना कम) 26 x 12x14x35 संपूर्ण 11 गा.
अत में श्रीहर्ष की
श्रावककरणी 26 x 12 x 17/15 x प्रथम पूर्ण द्वितीय अपूर्ण
सज्झाय 22 गा. की 40 26x11x10x36 संपूर्ण
20वीं
भक्ति यंत्र-मंत्र
प्रा.सं.
4
प्रा.
2
25x10x18x32
, 6 गाथा + 4 स्तु- 18वीं
तियां
17वीं
सिद्ध भक्ति व विभक्ति ,
26x11x14x40
"
13 गा.
,, 13 गाथा
साथ में यन्त्र
25x11x4x31
13 गाथा
1846लालचंद
24x12x17x42 |
, 7 ढालें
19वीं
24x12x10x36 अपूर्ण 21 से 98 गाथा । 19वीं
प्रथम पन्ना कम
गुटका
23x20x21X38 | संपूर्ण 30+11 श्लोक
1544
2
27x12x13x40 | अपूर्ण साथ में यंत्र
19वीं
जीर्ण
सं.
12*
28x11x11x39 संपूर्ण स्तोत्र
19वीं
तीर्थकर की भक्ति
24x11x11x33
, 18 गा.
19वीं
26x11x13x34
17वीं
तीर्थंकरभक्ति स्वा
ध्याय गुरुभक्ति
25x11 x 14x44
18वीं
भक्ति मंत्र
24x11x13x52 |
, 20 गा.
19वीं
मा.
27x 13x14x35
, 9 ढालें
19वीं
मुक्ति माराधना
भक्ति तीर्थकर भक्ति
9
16x13x13x20
,, 11 ढाल 3 68गा 1650
जिन व गुरु भक्ति व ,
8 मद सज्झाय तीर्थकर भक्ति गीत
22 से 25 x 11 से 13
, 3 पद (21 25, | 18/19वीं
19 गा.) 25x12x12x31 13 स्तवन 19वीं बीकानेर
बिरदीचंद 23x13x16x32 ।, 7 स्तवन 1940 (इसी वर्ष निर्मित
संघ में)
17x12x11x21 |
। 24 स्तवन
1972 .
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Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भाग/विभाग : 3 (प्रा)-जैन भक्ति व क्रिया
2721
3A
864 शिवामदिर 3 इ345| स्तवन स्तुति पत्र
Stavana Stuti Patra
संकलन
865
कुंथुनाथ 4/97| स्तुतिये
Stutiyen
866 |
कोलड़ी 918
(प.ग)
Stotra Sangraha
संकलन
867 | के नाथ 6/109 स्तोत्र-संग्रह 868 | के.नाथ 19/26 | स्त्रोत-स्तुति प्रादि संग्रह
| Stotra Stuti etc.
Snātra Puja Astaprakāri | देवचंद
3 copies
869- कोलडी 1327 | स्नात्र पूजा अष्टप्रकारी 710 353359
3 प्रतियां 872- | के.नाथ 16-31, 75 18-24,23-73
4 प्रतियां 26/88 876 कुंथुनाथ 28/5 | स्नात्र व नवपद पूजा
4 copies
Snātra & Navapada Pūjā
877
कथुनाथ 28/6/ स्नात्र सत्तरभेदी नवपद व | Snātra Sattarabhedi etc. | देवचंद, राजसरि, अष्टप्रकारी
यशोविजय प्रोसियां 3 1 234 , अष्टप्रकारी
, कीत्तिविजय
878
देवेन्द्र 3 इ 344 स्नात्र व अष्टप्रकारी पूजा | Saatra+ Astapral ari
| देवचंद
Püjā!
880
प्रोसियां 3 या 132
अज्ञात
AA
अज्ञात
समंतभद्र/प्रभाचंद्र
मू.वृ. (प.ग.)
पद्य
| के नाथ 15/143 स्नात्र पूजा
Snātra Pūja | कोलड़ी 402 , विधिसह . with Vidhi मुनिसुव्रत 3 इ 310/ स्नात्र पूजा प्रादि विधिसह
,, etc. कोलड़ी 936/ स्नात्र पूजा विधिसह
with Vidhi 783 | स्वयंभू-स्तोत्र (वृत्तिसह) Svayambhū Stotra
(with Vịtti) 886 के नाथ 26/103 हरिशष्टार्थ +नेमीस्तोत्र Harisastārtha+Nemi
Stotra 887 | के नाथ 19/66 | हनुमान स्तोत्र+मंगलाष्टक Hanumāna Stotra+Man
galāstaka Storta 888- | के नाथ 5/96 | स्फूट स्तवन स्तुति स्तोत्र | Stray Pages of Stavana 947 6/32.81-101, सज्झाय के पन्ने
Stuti Stotra etc 11/59, 14-42(60 प्रतियां)
60 copies 92-08-112142,15/77-8287 18/13, 13 43.68-6971, 89,92,93,86. 23/3, 19/14 66-69,71,8|| Cont. on Page 274 |
भिन्न-भिन्न
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स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य :
[273
11
16वीं
संगीतमय
6 7 | 8 8A
9 10 तीर्थंकर भक्ति गीत प्रा.सं. 4 25x11 x 15 x 45 | अपूर्ण पन्ने 4 से 7 अंत | 18वीं
| 24x9x 13 x 40 | संपूर्ण 8 श्लोक व्यंगात्मक भक्ति पर मा. | 25 x 11 x 3 x 28 संपूर्ण
19वीं जन भक्ति काव्य | प्रा.सं. 6 | 25 x 12 x 12 x 35 अपूर्ण
19वीं 26 x 12 x 13 x 42 | अपूर्ण त्रुटक सामान्य
20वीं पूजा भक्ति काव्य | मा. 32,9,11| 12 से 25 व 8 से 13 | संपूर्ण+स्तवन भी 19/20वीं
प्रतिसामान्य
5,4,6, 26 से 24 व 10 से 14
19वीं
अंतिम में नवपदपूजा यशोविजय की
10x8x6x10
20वीं
1945
9x8x7x11 24 x 11 x 12 x 35
" तीन पूजायें ..., 2 पूजये
19वीं
24x11x9x37
19वीं
26x12x12x47
19वीं
भक्ति क्रिया विधिसहप्रा.अ.मा. 10
26x12x7x35
1836
मा.
9
26x11x9x32
1842
प्रा.मा.
26x10x16x48
1844
मा.
3
26 x 12x16x40
19वीं
(देवचंदजी से अन्य)
तीर्थकर भक्ति ।
27x13x15x54 | अपूर्ण (द्वितीय परिच्छेद 1869
ग्रं. 150 25 x 12 x 20 x 56 | संपूर्ण ग्रंथान 50 18वीं
भक्ति स्तोत्र
सं.
111* | 22x12x14x26
भक्ति गीतादि
.सं.मा 1395 | 24 से 30 x 10 से 15 पूर्ण अपूर्ण
17/20वीं
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भाग विभाग : 3 (ग्रा)-जन भक्ति व क्रिया
__2
3
3A
4
104,126,21/ 85,23/90,93 24/63,76-78 81, 26/26-28, 26/30.31,36, 39,42,45,48, 51,52,83,86, 87,90,93,97, 28/5,10,19,78/
पद्य
948- कोलड़ी 25प्रतियें+ स्फूट स्तवन स्तुति स्तोत्र | Stray Pages of Stavana | भिन्न-भिन्न 72 बस्ता 70 कार्ड में सज्झाय के पन्ने
Stuti Stotra etc 25 प्रतियां
25 copies
973- कुंथुनाथ 1166
,
,
194 प्रतियां
194 copies
13 प्रतियां
13 copies
1167- प्रोसियां 3 इ 172793-8-97-9-205
6-17-21-41, 2/301,36-60,
351
,
12 प्रतियां |
,
12 copies
,
1180- महावीर 3 इ 6,1191 13,28,46,55. 58,59,115,
355,357
18 प्रतियां
18 copies
1192- मुनिसुव्रत 3 इ276120987-88-90 से 96,
98,99 301,12, | 17,20,23,26
1210- सेवामंदिर3 इ 343
15/45-49-50-69, |
,
6 प्रतियां
6 copies
80
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स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य :
[ 275
6
7
8 |
8A
9
10
11
भक्ति गीतादि
प्रा.सं.मा. 822
पूर्ण अपूर्ण
17/20वीं
,
55
,
179
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1
2
3
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5
6
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8
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11
12
13
14
15
16
17
18
19
20
21
2 24
22
23
2 23
276 1
24
25
1
2
कुंथुनाथ 56/6 अमरसत्तरी
कोलड़ी 811
ईर्यापथिक चर्चा
के. नाथ 23 / 38 ईर्यापथिक- विचार
महावीर 3 ई 18 उत्सूत्र खण्डन
सेवामंदिर 3 ई 41 उदरवेगानाछिद्र
11
39
3
31
21
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वृत्ति
3 A
Amara Sattari
के. नाथ 18 / 28 श्रीष्ट्रिकमत उघाटन कुलं
महावीर 3 ई 25
कुटमुद्गर ग्रन्थ
महावीर 3 ई 6
कुमत्ताहि विष जांगुली मंत्र Kumattāhi Visa Janguli
Mantra
महावीर 3 ई 22
कुमतिकंद कुद्दाल
Kumati Kanda Kuddāla
कोलडी
963
कुमतिचर्चा
महावीर 3 ई 30 कुमुदचन्द्र
के. नाथ 23 / 42 केवलीस्वरूप
के. नाथ 5/119
केशीगौतम - संधि
के. नाथ 6/45
केशी संधि
महावीर 3 ई 8
खरतरतपा मान्यामान्या
विचार
. 11 / 88 | गणधर सार्द्धशतक (वृत्ति -
सह
ओसियां 2 / 152
महावीर 3 ई 39
के नाथ 17/60
के. नाथ 15/84
महावीर 3 ई 3
गुरुतत्त्व प्रदीप दीपिका
के. नाथ 14 / 130 | (गुरुतत्त्व प्रदीपे ) उत्सूत्र कंद कुद्दाल
महावीर 3 ई 10 चाचिक ग्रन्थ
महावीर 3 ई 9 | चौथ संवत्सरी चर्चा
महावीर 3ई 22 जिन पूजा चर्चा
Iryapathika Carca
Vicara
39
Kumati Carcă
Kumudacandra
Utsutra Khaṇḍana
Udaravegana Chidra
Auştrika Mata Udyātana धर्मसागर ( दानसूरि
का शिष्य)
Kulam Kutamudgara Grantha
Kevali Svarupa
Kesi Gautama Sandhi
Kesi Sandhi
Kharatara Tapa Mānyamanya Vicara Ganadhara Sārddha Sataka (with Vrtti)
""
33
,,
91
भाग / विभाग : 3 (इ) - जैन भक्ति व क्रिया
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Vṛtti
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पार्श्व चंद ( रतनचंद्र का शिष्य)
4
विनय (जयसोम का शिष्य)
ग्रालमचन्द
माधव
रत्नचंद्रगरि
सौभाग्यविजय
मुक्तिसागर (लब्धसागर शिष्य ) उत्तराध्ययन वाली
कथा
31
Gurutattvā Pradipa Dipikā धर्मसागर ( स्वोपज्ञ )
Gurutattava Utsūtrakanda धर्मसागर Kuddāla
Carcika Grantha
Cautha Samvatsari Carcā इन्दोर से
Jina Pūjā Carcā
प.
ग.
37
35
प.
मू.अ. (पग.)
मू.वृ. (प.ग.).
ग.
"
"
प.
जिनदत्तसूरि / सर्वराज- मू.वृ. गणि
जिनदत्तसूरि
जिनदत्त / सुमतिगरि
जिनदत्तसूरि
ग.
प.
मू.वृ.
प.
मू + दी.
ग.
13
5
गद्य
ग.
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सांप्रदायिक खण्डन मण्डन :
[ 277
7
8
8A
9
__10
11
6 मूर्ति पूजा मण्डन
| 27X11 x 14x35| संपूर्ण 74 गा.
19वीं
33x13x12x38
सामायिक लेने की
विधि
1897 जोधपुर
गुलाबविजय 20वीं
27x13x14x36
28x12x14x45
, ग्रं. 1250
1968
1661 की कृत्ति
धर्मसागरीय उत्सूत्रो- सं. घटन कुलक का खंडन स्वाध्याय पर
26x11x19x82
, 63 गाथा
1882
अंत में चंदनबाला
सज्झाय
खरतरतपागच्छाक्षेप
26x11x11x40
17वीं
26x11x14x38
शरीर इंद्रिय विष
यक चर्चा सांप्रदायिक खंडन
मंडन
, 620 श्लोक ,, ग्रंथान 518
27x13x15x47
19वीं विषधरपुर
गगाविष्णु 1967 नागौर
नरोत्तम 20वीं
| 27x12x11x30 संपूर्ण
प्रतिमा पूजनादि पर
25x11x15x78
19वीं
30x16x14x37
1906
25x12x6x35
68 गा.
17वीं
सांप्रदायिक खंडन
मंडन सांप्रदायिक चर्चा
निराकरण पार्श्व महावीर
समन्वय
..
.
25x11 x 13 x 32 | संपूर्ण
19वीं
.
उत्तराध्ययन से भिन्न
सांप्रदायिक मान्यतायें मा.
प्रा सं.
कठिन प्रश्नों का शास्त्रीय समाधान
26x11x11x34 | संपूर्ण 73 गा.
19वीं 27 x 12x 14x52| , 30 प्रश्न + 20वीं सदाशंकर
जोशी 27x11x17x55 , पं. 2000 पहिला 1518 सुमतिगणिकृत
पन्ना कम
विवरणानुसारे | 26 x 12x11x40 संपूर्ण 150 गा. | 16वीं 26x11x15x53 |, ग्रं 12105 1661 जैसलमेर 1295 की कृति/
__ मणिकसूरि प्रशस्ति है 26 x 11x13 x 39 | |, 150 गा. 17वीं
26x10x13x36
खंडन मंडन दार्शनिक
सं.
26x11x21x59 अपूर्ण 16 श्लोक
18वीं
प्रथम दो पन्ने कम है
26x12x13x46 | संपर्ण 8 विश्राम ग्रं. 345) 1651
27x12x15x44 संपूर्ण
1967 नागौर ___ नरोत्तम 20वीं
26x12x18x49
,
मूर्तिपूजा-चर्चा | मा.
| 25 x 11 x 13 x 48 | , 36 अधिकार
1666 दीव
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278]
26
27
28
29
30
के. नाथ 26/54
जिनपूजा चर्चा
के. नाथ 14 / 22
जिनपूजाश्रित प्रश्नोत्तर
महावीर 3 ई 24 जिनप्रतिमा अधिकार रास
Jina Pratima Adhikara
Rasa
महावीर 3 ई 19 जिनप्रतिमा श्रात्रित विचार | Jina Pratima āśrita Vicāra
के नाथ 26/35 जिनप्रतिमा रास
के. नाथ 19/44
कोलड़ी
कोलड़ी
366 | ढुंढक-रास
34-35 महावीर 3 ई 11-12 तपोटमत कुट्टनशतक 2 प्रतियां
महावीर 3 ई 13 तपोट लघु विचार-सार
के. नाथ 23/39 तिथि उपधान विधि आदि चर्चा Tithi Upadhāna Vidhi
Carca
के. नाथ 18 / 81
दानस्वामी वात्सल्य चर्चा
Dana Svāmivātsalya
कोलड़ी
के. नाथ 21/62
महावीर 3 ई 7
महावीर 3 ई 40
महावीर 3 ई 2
के. नाथ 14 / 23 | पूजाधिकारे सूत्र उद्धरण
ओसियां 3 या 161 प्रतिमादि स्थापना
कोलड़ी 1354 प्रतिमापूजा-पत्र
महावीर 3 ई 5 प्रतिमा शतक + वृत्ति
के. नाथ 13 / 43, प्रतिमा सिद्धि स्तवन - बा. 5/59 2 प्रतियां के. नाथ 19 / 84 प्रतिमा स्थापना स्तवन
31
32
33
36
37
38
39
40
41
42
43
44
45
46
47
48-9
50
I
51
52
2.
3
11
11
"1
www.kobatirth.org
निर्णय
विचार ग्रंथ
3 A
Jina Pūjā Carca
Jina Pūjāśrita Praśnottara
287 जिनप्रतिमा हंडी स्तवन (रास) Jina Pratima Hundi
Stavana Dhundhaka Rasa
Tapota Mata Kuttana Śataka 2 copies
Tapota Laghuvicāra Sāra
के. नाथ 23 / 65
प्रश्न ग्रंथ
महावीर 3 ई 32 प्रश्नचिंतामणि
999 द्विजवचन चपेटा
Carca Dvija Vacana Capetā
धर्ममंजूषा
Dharma Mañjūṣā
पर्युषरणा दश शतक + वृत्ति Paryuşanā Daśa śatāka
+ Vrtti
99
',
"
Rasa
Pratima Pūjā Patra
39
35
"
रायचंद
हेमचन्द्रसूरि
मेघविजय ( प. )
धर्मसागर ( स्वो . )
Nirnaya
मणिसागर
Vicāra Grantha हर्ष भूषण
Pūjādhikāre Sūtra Uddha- संकलन
rana
Pratimadi Sthapanā
संकलन
भाग / विभाग : 3 (इ) - जैन भक्ति व क्रिया
Praśna Grantha
Cintamani
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जिन हर्ष
11
4
Śataka +Vṛtti
Siddhi Stavana + Bala. 2 copies Sthāpanā Stavana उ. यशोविजय
उत्तमविजय
जिनप्रभसूरि
उ. यशोविजय (स्वो)
मानमुनि (शांतिविजय शिव्य)
पार्श्वचन्दसूरि
वीरविजय ( शुभ विजय
शिष्य)
ग.
17
प.
ग.
प.
"
पद्य
ग.
11
"1
मूवृ. (प.ग.)
ग.
प.ग.
23
ग.
मू. वृ ( प.ग.)
मू बा. ( प. ग.)
प.
5
ग.
11
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सांप्रदायिक खण्डन मण्डन :
[ 279
8A
9
10
11
___ 6 7
पूजा चर्चा | मा.
8 2
23x11x18x52 |
19वीं
25x11x13x37
1856
28 x 12 x 8 x 25
| अपूर्ण 60 गा. तक
19वीं
28x12x15x48 संपूर्ण
18वीं
26x11x19x57
, 67 गा.+2
सज्झाय
1828
25* | 24x12x 17x32
20वीं
26x11x12x36
" 66 गा.
1834
सांप्रदायिक खंडन
25x11x15x45
19वीं
मंडन
28 x 13 x 12 x 50 | संपूर्ण 120 श्लोक
20वीं
सांप्रदायिक चर्चा
27x12x13x42
1968x
रामचन्द्र 17वीं
25x11x17x51
26x11x14x42 |
49 बोल
1848
28x14x14x40 संपूर्ण
19वीं
1770
26 x 12 x 15 x 42 | ,, प्रश्नोत्तरी | 27x12x12x46 110 श्लोक
20वीं
29x 14x15x46 | अपूर्ण
20वीं
27 x 13 x 15 x 49 | संपूर्ण 258 ग्रं.
1967 नागौर 1486 की कृत्ति
नरोत्तम 1711
मूर्ति पूजा संबंधी पा.सं.मा. 19
|
24x10x14x39
, 36 अधिकार
,
उद्धरण
मा.
16
24 x 11 x 14x40 | अपूर्ण (प्रथम 3 पन्ने कम) 20वीं
, संबंधी
25x12xभिन्न 2
प्रतिपूर्ण
20वीं
.. खंडन मंडन सं.
166
27x13x14x38
101 श्लोक की
| 20वीं
, 21 गा.
19वीं
26 x 13 x 18/22 x
43 28x12x12x40
,
7 ढालें
1904
सांप्रदायिक चर्चा |
26 x 11x15x42 | ,, 91 प्रश्न 17वीं
1869 राजकार | 28 x 13 x 14 x 38 , 202 प्रश्नोत्तर ।'
नित्यविज
विवादास्पद निर्णय सं.
63
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53
55
54
56
57
58
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60
61
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63
64
65
66
67
68
69
70
71
72
73
74
75
280 ]
76
77
1
2
के नाथ 23 / 15 प्रश्नोतर
के.नाथ 5/58
के नाथ 19/39
ओसियां 3 ई 27
के. नाथ 10/56
कोलड़ी
804
महावीर 3 ई 35
के. नाथ 21/97
महावीर 3 ई 36 प्रश्नोत्तर शार्द्धशतक भाषा
(उत्तरार्द्ध)
के. नाथ 23/49
भाषा
कोलड़ी 1157
कोलड़ी 1115
के. नाथ 21/56
के नाथ 19 / 28
Share 10/106 प्रश्नोत्तरावली
ओसियां 3 ई 28 बौटिक बोटन प्रकरण
"
कोलडी 304
के नाथ 26/ 24
""
"1
"1
11
"1
11
71
"1
11
"
3
""
बोल- विचार
रत्नाकर
सार्द्धशतक
""
11
शार्द्ध शतक
19
33
www.kobatirth.org
भाषा
"
बीजक
Prasnottara
"
35
39
"
"
3 A
Bola Vicara
33
Ratnakara
Sarddha Sataka
23
"
33
37
33
Praśnottaravali
Bhāṣa
35
Śataka
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Bhāṣa
33
Bautika Botana Prakarana
महावीर जिन विचार-स्तवन| Mahāvīra Jina Vicāra महावीर जिन स्तवन
Stavana
कोलड़ी 338 महावीर नय विचार-स्तवन Mahāvīra Naya Vicāra
Stavana कोलड़ी 305 महावीर मूर्ति मंडन -स्तवन Mahavira Mürti Mandana Stavana सेवामंदिर 3 इ345 मुखवस्त्रिका बोल सज्झाय Mukhavastrika Bola Sajjhāya विचार-स्तवन Mukhavastrika Vicära Stavana
के. नाथ 15 / 222 |
कुंथुनाथ 2/14 मुहपत्ति छत्तीसी
Muhapatti Chattisi
के. नाथ 26 / 103गु मूत्ति चर्चा (उद्धरण)
Mūrtti Carca
के नाथ 6 / 107 मूर्ति पूजा चर्चा
Bijaka
Stavana
Mürtti Puja Carca
भाग / विभाग : 3 (इ) - जैन भक्ति व क्रिया
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पार्श्व चंद सूरि
शुभ विजय (हीरविजय शिष्य)
क्षमाकल्याण
"
"
37
4
11
"
""
(स्वोपज्ञ)
11
(स्वोपज्ञ)
उ. यशोविजय
रामविजय
आनंदनिधान
पार्श्वचंद
ग.
17
17
11
17
21
ני
मू.ट. (प.ग.)
प.ग.
प.
पग.
मू.ट.+ प. ग.
प.
5
11
ग.
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सांप्रदायिक खण्डन मण्डन :
[ 281
11
8A
9 10 25 x 11 x 15 x 46 | संपूर्ण 13 प्रश्नों के उत्तर 1707
सांप्रदायिक प्रश्नो- मा.
तरी
26x11x15x50
19वीं
26x12x15x40
25x12x12x41
मूत्ति पूजा संबंधी
प्रश्नोत्तर सांप्रदायिक चर्चा |
1955बीकानेर ___ कंवलागच्छे 19वीं
27x12x9x30
xxxxx
विवाद प्रश्न निरा
106 | 30x11x15x46/ संपूर्ण
1725
26x13x14x40
, 150 प्रश्नोत्तर
| 1923
बीजकसह
26x13x16x52
19वीं
25 x 12x11x32 प्रश्न 76 से 151 तक
20वीं
मूलग्रंथ का स्वोपज्ञ संक्षिप्त अनुवाद
22x11x12x29 | संपूर्ण 151 प्रश्नोत्तर
25x13 x 13 x 31 | अपूर्ण 111 प्रश्नोत्तर 25 x 12 x 13 x 30 , 75+7 प्रश्न 23 x 11 x9x27 | संपूर्ण 151 प्रश्नोत्तर | 1853
ग्रंथ की विषय सूची
25x12x21x50 अपर्ण 72 प्रश्नोत्तर तक | 1869
सांप्रदायिक खंडन ,
मंडन दिगम्बर श्वेताम्बर
चर्चा मूर्ति व अन्य चर्चा
24 x 14 x 12 x 29 , (प्रथम 4 पन्ने कम) 19वीं 42 x 11 x 7x62 | संपूर्ण 50 गा. 1924बीकानेर
देवगुप्तसूरि 25 x 12x16x42 , (किंचित् अर्थ | 19वीं
उद्धरण सह 26x11x10x30 अपणे
19वीं
प्रभू पूजा की चर्चा
जिनपूजा स्थापना,
27x13x20x60
न्याय शैली से
x xxx
संपूर्ण 7 ढालें (कुछ | 19वीं
व्याख्या सह.) , 5ढालें
1884
जिनपूजा मंडन
27x12x5x48
खंडन मंडन
22x12x9x24
11 गा.
1894
प्रतिलेखनादि निर्णय
23x10x16x34
21 गा.
1756
खंडन मंडन
27x12x12x42
35 गा.
17वीं
, 18 गाथा
18वीं
25 x 12 x 20 x 56 | 25 x 11 x 11 x 34 | संपूर्ण
19वीं
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282 ]
भाग/विभाग : 3 (इ)-जन भक्ति व क्रिया
1
3A
2
3 महावीर 3 ई 21 | लोकाशाह मत-चर्चा महावीर 3 ई 20
Lonkāśāha Mata Carca
प्रोसियां 2-311 विचारविधि चौपई
Vicāra Vidhi Caupai
के.नाथ 24/84 | विचारसार
Vicara Sāra
पार्श्वचन्द
,
23/55 | बीर-स्तवन
Vicāra Stavana
जिनविजय
महावीर 3 ई31 | शास्त्र सम्बन्धी बोल
Šāstra Sambandhi Bola
3 ई 4 | श्रावक विधिविनिश्चय
Sravaka Vidhi Viniscaya | हर्षभूषण
सेवामंदिर 2/418 | श्रुतविचार Śruta Vicara
| कोलड़ी 1238 88 प्रोसियां 3 प्रा 170 श्लोक पत्र (स्फुट) Sloka Patra (Sphuta) कोलड़ी पुट्टा/69/8| षट्दर्शन के भेद-प्रभेद Şațdarśana ke Bheda
गद्यतालिका
Prabheda 90 | के.नाथ 10/79 षटपरीणां घटाघट-विचार | Sat Parvinām Ghatāghata
Vicara 91 | कोलडी 1096 | ईर्यापथिकी षड़त्रिशिका | Iryapathiki Sadtrimstka | स्वोपज्ञ
मू वृ. (प.ग.) + वृत्ति
+Vrtti प्रोसियां 2/157 सम्यक्त्व-सार
Samyaktva Sāra ,, 3 ई 26 | सम्यक्त्वसार-प्रद्योत
, pradyota जेठमल महावीर 2/129 | संघपट्टक सावचूरि Sanghapattaka with जिनवल्लभसूरि कीत्ति-मू.अ.+(प.ग.)
Avacūri
गरिण | ओसियां 2/224 . -
जिनवल्लभसूरि | मू.ट. (प.ग.) 96 | महावीर 3 ई 34 | , 333 , +वृत्ति
+Vrtti , जिनपति | मू.व. (प.ग.) | सेवामंदिर 2/368 , -
मू प. के.नाथ 10/80 संदेह-दोलावली
Sandeha Dolāvali जिनदत्तसूरि प्रोसियां 2-136 , +वृत्ति
" +vrtti | - मू व. (प.ग.) | के.नाथ 13/4 +वृत्ति
, +Vxtti | जिनदत्तसूरि प्रबोधचंद्र , 102 , 18/31 | साधुमार्गी-चर्चा Sadhu Mārgi Carca
"
Taru
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284 ]
भाग/विभाग : 3 (इ)-जैन भक्ति व क्रिया
5
| sāmāyika Grahanavicāra
103 - महावीर 3 ई 17| सामायिक ग्रहण-विचार
| महावीर 3 ई 16 , चर्चा
,
Carca
105
महावीर 3 ई 14
106
महावीर 3 ई 15
Sampradāyika Carcă
108
107 के.नाथ 9/35 | सांप्रदायिक ,,
के.नाथ 10/25 | ॥ ॥ 109 | सेवामंदिर 3 ई 29 , खंडन मंडन 110 महावीर 3 ई 9 | सीमन्धरस्वामी विनति 111 कोलड़ी 305
Sāmpradāyika Khandana
Mandana | Simandhara Svami Vinati| उ. यशोविजय
मू ट. (प.ग)
112-3| कोलड़ी 316-39
,
2 प्रतियां
2 copies
114-6 | के.नाय 10/39
, 3 प्रतियां
3 copies 49, 19/86 117-8| महावीर 3 ई 38, सेन प्रश्नोत्तर 2 प्रतियां | Sena Prasnottra
2-118 119 | के नाथ 9/38 | स्त्रीरजस्वला सूतक-विचार | Stri Rajasvala Sutaka
Vicāra 120 कुंथुनाथ 18/9 | स्थापना-बावनी Sthāpanā Bāvani
सेनसूरि (संग्राहक शुभ ग.
विज
पावचंद हीरविजय (संग्राहक
कीत्तिविजे)।
121 | महावीर 3 ई 37] हीर-प्रश्नोत्तर
Hira Praśnottara
भाग विभाग : 4 (अ)-इतिहास व वृत्तान्त
1
Aimanto Anagāra Gita
समयसुन्दर
Agadadatta Caupai
जिनदास
मुनिसुव्रत 3 इ 323| अइमन्तो अणगार-गीत | कोलड़ी 1345 | अगड़दत्त-चौपई | के.नाथ 11/105 | , रास | के.नाथ 6/48 | प्रजापुत्र-चौपई
»
Rāsa
हर्षशीश
Ajāputra Caupai
रूपभद्र
5
सेवामंदिर 44199/
सुमतिप्रभ
,
3 इ345| अठारह कथा श्लोक
Athāraha Kathā Śloka
लब्धिसूरि
कोलड़ी
277 | अठारह नातों की सज्झाय
।
,
Naton ki Sajjhaya
।।
मुनिसुव्रत 3 5 271
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साम्प्रदायिक खण्डन मण्डन:
[ 285
6
7
8
8A
9
___10
11
22 x 13x10x28 संपूर्ण
19वीं
सामायिक लेने की। विधि चर्चा
25x11 x 12x35
19वीं
28x13x 22x59
,
1921 अंजार.
कत्तिविजे 20वीं
28x12x13x38
27x11x4x46 | अपूर्ण-59 प्रश्नोत्तर | 19वीं
विवादों के बारे में प्रा.मा.
शास्त्र उद्धरण विवादास्पद प्रश्न | मा.
समाधान विवादास्पद चर्चा
26x11x17x40 अपूर्ण 32 ,
19वीं
26 x 12 x भिन्न 2
भिन्न 2 पन्ने (9,74,33] 19वीं
9)
23x12x5x30
19वीं
खंडन मंडन शैली
भक्ति
125 गा कूल
ग्रं.420 , 126 गा.
27x12x5x48
1884 19वीं
19वीं
26 x 11 व 25 x 12 | ,, 125 गा. 26 से 29 x 12 से 14 | संपूर्ण 125 गा. (ढाल
14-12) 26 x 12 व 24 x 12 | संपूर्ण चार उल्लास 28 x 12x15x44
92,1
19/20वीं
विवादास्पद प्रश्न
निराकरण विवादास्पद विवेचन मा.
1897
सांप्रदायिक मंडन
26 x 11-13x56
विवाद निराकरण | सं.
52_27 13 x 14 x 42 |
" 52 पद 19वीं , चार अधिकार 306 , वाराही- बीजकसह, 1653
प्रश्न | नगर की कृत्ति
जीवन चरित्र व कथानक :
26x11x16x33 | संपूर्ण 21 गा.
1875 मथुरा
गौतमस्वामी जीवन मा.
प्रसंग (रात्रि भोजन पर)
जीवनी जीवन चरित्र
27x 12x15x43 अपूर्ण 9 ढाल+3 गा. | 19वीं
(सत्य पर) जीवनी
25 x 11x17x44 | संपूर्ण 136 गा. 26 x 11x17x40 , 4 खंड 1873 23 x 11 x 11 x 25 |, 487 ढाल ग्रं 1895 भागचंद
1500/ यति 26 x 12 x 16 x 34 , 19 गा. (18 . 19वीं
कथायें 28 x 12 x 13 x 28 | संपूर्ण 30 गा. 25 x 10 x 12 x 42 | , 35 गा.
श्लोकों में सारांश
प्रौपदेशिक कथा
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286 ]
भाग/विभाग : 4 (अ)-इतिहास व वृत्तांत
5
___1
9
2
3 मुनिसुव्रत 4 9 126| अनाथीमुनि संधि । के.नाथ 26/91 ___, (कुलं) संधि के.नाथ 15/54
3A Anāthi Muni Sandhi ,, (Kulam) ,
4 | खेममुनि (चूहड़ शिष्य) प.
के.नाथ 19/12/ अनाथी साधु संधि
,, Sadhu
,
विमलविनय
,, Rsi Sajjhāya
मधुकर मुनिराम
के.नाथ 14/98 |, ऋषि सज्झाय कुंथुनाथ 13/37 , मुनि , महावीर 4 3 18| अभयकुमार-चरित्र
,,
Munj ,,
Abbayakumāra Caritra
चंतिलक (जिनेश्वर
शिष्य
16
| महावीर 4 4 59
के.नाथ 14/109| अभयकुमारादि 5 साधु चौपई| Abhayakumāradi 5 Sidhu साधुकीत्ति + साधुसुंदर
Caupai | कुंथुनाथ 15/5 अमरकुमार-चरित्र Amarakumāra Caritra | लक्ष्मीवल्लभ 19 मुनिसुव्रत 4 133 अमरदत्त मित्रानंद कथा Amaradatta Mitrānanda
Kathā 20 | के.नाथ 10/6 | अमरसेन जयसेन चौपई Amarasena Jayasena सुमतिहंस
Caupai के.नाथ 14/49, , रास 2 प्रतियां | ,, Rasa 2 copies
5/111 मुनिसुव्रत 4 4 114 अमरसेन वयरसेन चौपई ,,Vayarasena Caupai पुण्यकत्ति
| के नाथ 19/88
पा. पुण्य (कलश)
कीत्ति रूपविजय
Aramika Sajjhāya
Arjuna Mali Caudhaliya | अज्ञात
कुंथुनाथ 13/219 अरणिक-सज्झाय के.नाथ 19/67 | अर्जुनमाली-चौढालिया के.नाथ 19/90 के नाथ 24/40 | अर्हन्नकमुनि-चौपई | के.नाथ 19/77 | अर्हन्ना-चौपई मुनिसुव्रत 4 4 173) अवंति सुकमाल चौपई
| Arhannaka Muni Caupai | वा. राजहर्ष
Arhanna Caupai
उ. ललितकीत्ति
Avanti Sukamāla Caupai | जिनहर्ष
के.नाथ
5/79
32 | कुंथुनाथ 15/22
| कोलड़ी 1154 34-5 | कोलड़ी 951,266
2 copies
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जीवन चरित्र व कथानक :
[287
___6
7
8
__10
|
11
8A | 25 x 11 x 13 x 40 संपूर्ण
18वीं
प्रौपदेशिक जीवन
प्रसंग
उत्तराध्ययने 1745
की कृत्ति
गुटका
| 16x13x15x24 |, 63 गाथा
18वीं
26x10x15x38
26x11x11x37
13*
25x11x15x54
29 गा.
जीवनी
(अभय,सुव्रत,शिव मा. धन जोनकको जीवनी प्रोपदेशिक जीवन मा.
प्रसग (कषायपर) जीवनी सं.
"
25 x 12x5x40 अपूर्ण 4 गा. मात्र 20वीं 26 x 13 x 15 x 41 संपूर्ण 12 सर्ग ग्रं. 8964| 1954x
गोपीनाथ 27 x 13 x 12 x 36 | अपूर्ण (417 श्लोक तक) | 20वीं 27x13x18x54 | संपूर्ण 12 ढालें 19वीं अंत में समवसरण व
28 लब्धिस्तवन 26x11x19x54 , 18 ढालें 26x12x14x38
17वीं 26 x 12 x 12 x 34 | अपूर्ण 24वीं ढाल प्रा
अधूरी 19वीं 24 x 10 व 21 x 10_| संपूर्ण र्ण 24 ढाल 1824/19वीं 26 x 12 x 17x44
, 271 गा.
1862सुभटपुर| प्रशस्ति है/1666 हरिचंद्र
की कृत्ति 26x11x15x44 285 गा. 19वीं
प्रौपदेशिक जीवनी
मा.
तक
(दानपूजा पर)
जीवनी
26x11x12x36
मोपदेशिक जीवन
प्रसंग
,
8 गा.
22x11x10x28
सेठ सुदर्शन संबंध
23x11x11x25
,, (पिछली की
नकल)
25x11x13x41
1781
25x11x15x41
19वीं
23x12x15x43 ,, 105 छंद = 13ढाले 1817 नागपुर 26x11x11x37 , - , | 1821 25x11x12x44 ,, 102 छंद 1823 26 x 11 x 15 x 45||
| अपूर्ण (पहिला पन्ना कम)| 1833 | 4,5 | 27 x 12 व 23 - 12 | संपूर्ण 104 गा. 19वीं
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288 ]
भाग/विभाग : 4 (अ)-इतिहास व वृत्तान्त
3A
Añjanā Sundari Rāsa
अज्ञात
,
Caupai
पुण्यसागर
38
मुनिसुव्रत 4 9 112) अंजनासुंदरी-रास | के.नाथ 5/110
कोलड़ी 249 के.नाथ 5/58 मुनिसुव्रत 4 4 113
: :: :
, 2 प्रतियां
, 2 copies
के.नाथ 24/31,
10/107 के.नाथ 11/104
विनयचंद
मालमुनि
अज्ञात
के.नाथ 5/104 कुंथुनाथ 43/3 के,नाथ 10/29 के.नाथ 11/96 के.नाथ 26/20
:
अज्ञात
"
"
अज्ञात
| महावीर 448 | अंबड-चरित्र
Ambada Caritra
अमरसुन्दर
::
कोलड़ी 1081 महावीर 4 4 15 कुंथुनाथ 55/16
ओसियां 4 188 कोलड़ी 148 | आठ धर्मकृत्य कथानक | के.नाथ 22/48 | आठ साधुदान कथानक
विनयसमुद्र (पार्श्वचंद
शिष्य) क्षमाकल्याण
| Atha Dharma Krtya
Kathāpaka ,, Sidhudana ,
56 | के.नाथ 11/67 | " , व पाठ प्रवचन
माता कथानक 57-8 | के.नाथ 21/22,
, 2 प्रतियां 15/170 59 मुनिसुव्रत 4 146 आनन्द श्रावक संधि
, , +8Pravacana
Mata Kathanaki ,Sadhudina Kathanaka
2 copies Ananda Srāvaka Sandhi | मुनि श्रीसार (हेम-
कीर्ति शिष्य)
प.
के.नाथ 26/92
61 | कोलड़ी
268
कोलड़ी 269
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जीवन चरित्र व कथानक :
[ 289
__ 6
7
8
___10
8A
9 25 x 11 x 12 x 45 | संपूर्ण 160 गा.
जीवन-चरित्र
1728
कुंथु 34 के सदृश
पाठ
प्रौपदेशिक-जीवन
25x11x17x43
जावन।
..
| ,
3 खण्ड
1735
1689 की कृत्ति
26x11x13x40
1763
27x12 x 15 x 36
1823
23x10x12x35
1842 मेड़ता
शोभासागर 19/20वीं
25 x 11 व 27x13
25x11x14x40
, 11 ढालें
19वीं
27x12x15x42
, ग्रं. 200 , 156 गा.
20x13x15x30
1957 गणेश- इसका व अनंतर का चंद्र
पाठ एक 20वीं पिछली के सदृश
27x12x19x56 | अपूर्ण
धार्मिक जीवन चरित्र सं.
25 x 11 x 13 x 39 | संपूर्ण 142 गा. (प्र.500) 19वीं भिन्न पाठ 25 x 15 x 14x30 अपूर्ण
भिन्न पाठ 26 x 12 x 19 x 40 संपूर्ण 7 अादेश ग्रं. 1300 1806 x
विनयकीति 25x11x 13x38 | अपूर्ण (6 आदेश+186 19वीं
श्लोक) 27x13 x 13 x 36 संपूर्ण 7 आदेश नं. 1300 1961
26x11x17x44 |, 493 गा (पन्ना 5 16वीं तिंवरी प्रसल प्रति है संभवत:
व 6 कम है)
1592 की कृत्ति है 28 x 12 x 13x35 | संपूर्ण
20वीं 26x11x16x42 8 दृष्टांत कथानक 19वीं 26x11x16x51 8 दृष्टांत कथानक 16वीं
पूजा,दया दान,यात्रा जय,तप,ज्ञान व परो. बस्ती,शयन,ग्रासन, पाहार,पान,भेषज वस्त्र,पात्र दान पर 8दान, सामात, गुप्तिपरप्रसिद्धदृष्टांत साधु को 8 प्रकार के दानों पर दृष्टान्त जीवन चरित्र
26 x 11 x 12 x 31
1598
11,
7
26x11 व 25x10
, 8 दृष्टांत कथायें । 19वीं
ग्रं. 511 संपूर्ण 250 गा. 15 ढालें 1744 फलोदी
(दूसरी प्रति में 7
कथायें ही हैं)
26- 11x14x36
1767
20x16 x 18 x 20 , 240 गा. 26x11x11x34 | , 250
250 गा. 25 x 9 x 15 x 32 , 261 गा. "
1764
1770
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2901
भाग/विभाग : 4 (अ)-इतिहास व वृत्तान्त
3A
3 | के.नाथ 14/86 | अानन्द श्रावक-सन्धि
3A Ananda Sravaka Sandhi मुनि श्रीसार (हेमकीर्ति |
का शिष्य)
63
,
6/73
कोलड़ी 364
66
ओसियां 3 अ 186
Amala ki Krida
अज्ञात
के नाथ 26/10 3 गु. प्रामत्य की क्रीड़ा मुनिसुव्रत 4 9 160 प्रारमनंदन-कथानक कुंथुनाथ 21/4 पारामशोभा-कथा कोलड़ी 265 | आर्द्र कुमार धम्माल
Ārāma Nandana Katha
naka Ārāma Sobbá Katha
अज्ञात
Ardrakumāra Dhammala | कनकसोम
कुंथुनाथ 55/12
,
3 copies
§ādhai hūti Rása
धर्मसूरि का शिष्य
,
के.नाथ 15/69,
3 प्रयियां 7088 कुंथुनाथ 55/14 | प्राषाढ़भूति-रास कोलड़ी 9/9 , 267
चौपई
,
Caupai
मानसागर (जीवसागर ,
शिष्य)
78
प्रोसियां 4987
79-80 के.नाथ 14/88,99
, 2 प्रतियां
, 2 copics
प्रबन्ध
Prabandha
ज्ञानसागर
81 , 5/103 82 , 16/30 83 मुनिसुव्रत 4/165
कथा
Katha
ऋषि रूप
" धम्माल
Dhammala | कनकसोम (शुभवर्द्धन,
शिष्य)
84 | कोलड़ी 937
,, 2 copies,
,, 2 copies
,,
Bhasa
,
85-6 के.नाथ 2355,
, 2 प्रतियां 15/225/ 87-8 कुंथुनाथ 14/5,
, 2 प्रतियां 20/20 89-90 , 17/10, ,, भास 2 प्रतियां
47/4 91 मुनिसुव्रत 3 ई 243| इक्षुकार-संधि 92 , 3 ई 266 , 93 , 3 5 278 "
Ikşukāra Sandhi
मुनिखेम
ऋषिराज
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जीवन चरित्र व कथानक :
[ 291
6
7
8
11
जीवन-चरित्र
8A
9
10 26 x 11 x 13 x 44 | संपूर्ण 261 गा. 15 ढाले 1812 25x11x11x31
| 19वीं 24x13x9x32 , 240 गा. , 19वीं 19x 11x11x23 ,, 15 ढालें 1937x महा
त्मा विद्यालाल 25x12 x 20 x 56 21 गाथायें 18वीं 26x11x18x52 , 404 श्लोक
17वीं
(सम्यक्त्व शुद्धि पर) सं.
जीवन (जिनभक्ति पर)
जीवनी जीवन-चरित्र
1632
26x11x15x48 , 280 श्लोक
(ग्रथान भी) 27x11x12x40 संपूर्ण चार ढालें
1644अमरसर
25x11x12x39
17वीं
48 से 51 गा. 19वीं
25 x 11 x भिन्न 2 25 x 11 x 13 x 32 | संपूर्ण
(भावनापर) जीवनी
सपूर्ण 56 गा.
17वीं
16x13x13x18
25x11x15x46 |
, 7 ढालें
1834
1730 की कृति
15x10x13x20
19वीं
26x11 व 25x11
26 x 12x15x42
, 16 डालें
26x11x15x50 अपर्ण गाथा 165 तक
26x11x15x39
संपूर्ण
17वीं
25x11x14x46
63 गा.
19वीं
8*5 | 26 x 10 व 25x11 , 56/59 गा.
27x11 व 26x11 | , 55/59 गा. 26x11x1x41 अपूर्ण गा. 61 व 65
प्रौपदेशिक जीवनी
25x11x15x43 संपूर्ण 8 ढालें = 145 गा. 1750 अहिपुर 1747 की कृत्ति,
| रामसिंह उत्तराध्ययने 26 x 11 x 16 x59 , , = 143 गा 1769 अानंदपुर
- अंत में 8 गा. की 24x10x17x5464 गाथा
| 'शील सज्झाय'
19वीं
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Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भाग/विभाग : 4 (अ)-इतिहास व वृत्तांत
1
2
3
3A
4
प्रोसियां 49190 इक्षकार-कथा
Ikşukāra Katha
कोलड़ी
227 | इलाकुमार-चौपई
llākumāra Caupai
ज्ञानसागर
Jāyacikumāra Caupai
के नाथ 29/43 | इलायचीकुमार चौपई कुंथुनाथ 13/49 , -सज्झ'य के.नाथ 29/16
,
Sajjhāya
लब्धिविजय
भालमुनि
»
Caudhāliyā
अज्ञात
| के.नाथ 14/95
-चौढालिय के नाथ 21/29 | उत्तमकुमार-चरित्र
100
Uttamakumära Caritra
चारुचंद्र
101 मुनिसुव्रत 4 अ 139 102-3 महावीर 4 5 6/6:
, ,
2 प्रतियां 2 प्रतियां
,
2 copies
..
104 | कोलड़ी 225
, चौपई
,,
Caupai
तत्वहंस
105
1326 | उदयन चंडप्रद्योत-दृष्टांत
। Uddayana Candapradyota
Drstānta
कुंथुनाथ 33/6
107 | महावीर 4 9 27 ऋषभदेव-चरित्र
Rşabhadeva Caritra
जिनवल्लभ
foo
के.नाथ 6/29
,
+बा.
"
+Bala.
(कल्पसूत्र-प्राधारे)
109 |
के.नाथ
6/17
110 | | महावीर 3 अ67
111
के नाथ 22/30
ऋषभ शतक-चरित्र
Rşabha Sataka Caritra
हेमविजय
112
ऋषभदेव-चरित्र
RŠabhadeva Caritra
अज्ञात
| के.नाथ 10/10 कोलड़ी 334
113
,
Thagu
ज्ञानभूषण
, फागु , धवल प्रबन्ध
मुनिसुव्रत 4 अ 118
,
Dhavala Pra
bandha
अज्ञात
115 | के.नाथ
29/1
Rşabha Vivahalau
अज्ञात
| के.नाथ गुटका 6 | ऋषभ-विवाहलौ
| के.नाथ 19/41 118 | के.नाथ 14/68
ऋषभदास
अज्ञात
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जीवन चरित्र व कथानक :
[ 293 11
6
7
8
8A
9
प्रोपदेशिक जीवनी
26x12x9x35 |
संपूर्ण
10 | 1951 सिद्धक्षेत्र
हहीसिंह 1755
(भावविषये) जीवनी ,
27x10x14x44
,
267 ग्रं.
-
25x11x17x51
गा. 187
19वीं
-
17x14 x 13x18 संपूर्ण
-
31x34x75x35
20वीं
-
26x13x16x32 |, 4 ढालें
19वीं
साथ में 28 लब्धि
चौढलिया
सुपात्रदाने जीवनी सं.
16
26 x 11 x 13 x 41
1644
नोक, ग्रं.
596 , ,
25x11x13x44
,
18वींx
मतिसोम 20वीं
20,17| 27 x 12 x 12/14x
45
36 | 25 x 11 x 17 x 48 | संपूर्ण 51 ढाल
1767
क्षमापना पर प्रसंग सं.
26x11x17x48 | संपूर्ण
16वीं
26x12x13x40
19वीं
तीर्थकर जीवन चरित्र प्रा.सं.
35*
27x11x15x45
, 25 गा.
1951 अमदाबाद (लिपिक ने जिनभद्र
धर्मसेन कृत कहा है) चरित्र1668
पंचके
प्रा.मा.
26x11x13x45
,
प्रा.सं.मा. 13
26x11x15x43 |
19वीं
26x11x15x50
17वीं
26 x 11x13x41
, 100 श्लोक
19वीं
31x12x20x68
1428 श्लोक
| 18वीं
अंत में धन्नासार्थवाह
का दृष्टान्त
1636
ऋषभ विवाह
27x11x13x39 , 250 गाथा 25x11x13x44 , 44 ढालें 27x10x 11 x 56
56 अपूर्ण 22 ढालें
17वीं
चरित्र
22x15x19x38
गा.
1738
26 x 12 x 12x41
, 67 गा.
1758
26x11x11x32 | संपूर्ण
19वीं
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Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भाग/विभाग : 4 (अ)-इतिहास व वृत्तान्त
1
2
3
_3A
4
119. | के.नाथ 6/129, ऋषभदेव 13 पूर्वभव 20/ 15/72
2 प्रतियां 121 | के.नाथ 19/6 | ऋषदत्ता-चरित्र
Rsabhadeva 13 Purvabhaval
2 copies Rșidattā Caritra
विजयशेखर
122
के नाथ
5/6 कथा-कोश
Kathā Kosa
123
प्रोसियां 44104
अज्ञात
124 कोड़ी 264 | कनकावती-चौपई
Kanakāvati Caupai
Kayavannā Caupai
गुणसागर
126
125_ कोलड़ी 223 कयवन्ना-चौपई
कोलड़ी 221 | कयवन्नाशाह-चौपई 127 कोलड़ी 222
Kayavanna Shaha Caupai जयरंग (जयतसी)
3 प्रतियां
3 copies
128. के.नाथ 19/117,
30/ 15/50,29/15 131 कोलडी 211 करकण्डुः चौपई
Karakaņdu Caupai
समयसुन्दर
132
के.नाथ 21/95 | कलावती-कथा
Kalavati Katha
133
के.नाथ 14/101
, चौपई
"
Caupai
मानसागर (जीतसागर प.
शिष्य) कक्कसूरि शिष्य ? |
134
के.नाथ 18/26
, चरित्र
Caritra
135
कोलडी
240
कान्हड कठियारा का रास ! Kanhada Kathiyara ka
Rāsa
मानसागर (जीतसागर
शिष्य
136
तिवरी 49184
137
के.नाथ 15/26
के.नाथ 5-106 प्रोसियां 4 अ 187
140
कोलड़ी
241
की चौपई
, ki Caupai | अज्ञात
141
कोलड़ी 969 | कालिकाचार्य-कथा
Kālikācārya Katha
(कल्पसूत्रान्तर्गत)
142
के.नाथ 15/152
143
के.नाथ 11/7(2
भावदेवसूरि
144
कोलडी 10A
145
| कोलड़ी 10B कालड़ा ।
| कोलड़ी 1219
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जीवन चरित्र व कथानक :
[ 295
11
6 7 | 8 | 8A
9 ऋषभजिन के पूर्वभव मा. | 2,
3 25 x 11 x 15 x 42 | संपूर्ण 1 3 भव
10 19वीं
,
प्रौपदेशिक जीवन
चरित्र दृष्टांत कथानक
27x11x15x44 | ,, 3 अधिकार 492 ,
गा. 26x11 x 13x44 अपूर्ण (72 कथानक तक)| 16वीं
सं.
25x13x17x37 | संपूर्ण
1892 साधासर
पन्नालाल 1762
औपदेशिक जीवन | मा.
25x12 x 16x40 |
, 164 गा.
दानविषये-जीवनी |
26 x 11x 13x45 , 25 ढाल ग्रं. (गा.) 1786
281 25x12x15x40 संपूर्ण 31 ढाल 1820
अंतिम पन्ने पर प्रणि आयुष्मान
25 x 11x17x45
1834
24 से 34 व 10 से 21
19/20वीं
प्रौपदेशिक-जीवन
28x10x17x70
, 10 ढाल
19वीं
(प्रत्येक बुद्ध चौपई
का प्रथम खंड)
26x11x18x51
21x11x15x40
, 9ढालें
26x11X11x43
"
92 गा.
शीलविषये-जीवनी
21x12x16x35
, 9 ढालें
1833
26x11x13x42
1841 बडलु,
उम्मेदचंद , 162 गा. 1841
26x12x16x33
"
24x11 x 14x31
19वीं
25 x 11 x 14x46 | अपूर्ण (7वीं ढाल तक) | 20वीं 25x10x15x40 | संपूर्ण 8 ढाल 19वीं
साधुजीवन का एक प्रा. एतहासक प्रसा
29x10x7x39 त्रुटक (सचित्र) 13/14वीं । कुल 4 चित्र/सुन
हरी स्याही 26x11x9x30 संपूर्ण (सचित्र)+1 | 15वीं कुल 6 चित्र सुनहरें
कल्पसूत्र-पन्ना 26x14x6x29 | संपूर्ण 99 गा.
27 x 12 x 10 x 35 | संपूर्ण 65 श्लोक
16वीं
प्रथम पन्ने पर चित्र
26x11x7x28
कुल 5 चित्र
"
28x11x7x30
1684 -
-
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296
1
147
148
149
152
153
154
155
156
157
158
159
163
164
कोलड़ी II
नाथ 21 /59
ओसियां 4 x 120
के नाथ 16/9 की तधर सुकोशल-चरित्र
15/229
चौढालिया
11/22
160-1 | महावीर 4 अ 16
56
162
167
168
169
51
171
172
2
के. नाथ 11 / 34 कालिकाचार्य - कथा
ओसियां 4 99
के नाथ 17/58, 15/100-167 ओसियां 4 अ 101
4 अ 100
173
11
174
""
39
"3
165 मुनिसुव्रत 4 अ 123 कृष्ण - विवाह
166
4 124
11
"}
"
""
"
"
के. नाथ 19 / 101
सेवा मंदिर 4 179 कूलबालक कथा
के नाथ 29 65 कृष्णजी को ढाल
कोलड़ी
279 कौणिक - चौढालिया
के. नाथ 18 / 82 | कौरिक नृप-ढाल
के. नाथ 19/4 170 कुंथुनाथ 56 / 2 खंधक ऋषि-सज्झाय
के. नाथ 6/56
3
कुमारपाल - चरित्र
कूर्मापुत्र केवली - चरित्र
कुण्डरीक पुण्डरीक-ढाल
3 प्रतियां
2 प्रतियां
क्षुल्लकुमार ऋषि-प्रबंध
सेवामंदिर 4 अ 195
के नाथ 10/64-1 गजसुकमाल रास
37
14/110 खंधककुमार- चौढालिया
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3 A
Kalikācārya Katha
39
37
33
"
Kirttidhara Sukośala
".
3 copies
Caritra Caudhaliya
Kumarapala Caritra
Kürmaputra Kevali
Caritra 2 copies Cundarika Pundarikadhala
Külabalaka Katha
Kṛṣṇaji ki Dhāla
Kṛṣṇa Vivaha
Kauņika Caudhaliyā
Kaunika Nrpa Dhala
भाग / विभाग 4 ( अ ) - इतिहास व वृत्तान्त
Kṣullakumāra Ṛṣi
Prabandha Khandhaka Rşi Sajjhāya
Khandhaka Kumāra
Cauḍhaliya
Gajasukamāla Rasa
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जयकीत्ति
I
आनंदनिधान
सोमतिलक
विद्यारत्न (मुनिचंद्रसूरि शिष्य)
"
4
पद्मराज उपाध्याय
पार्श्वचंद
".
अज्ञात
जिनराजसूरि
ग.
पद्य
11
21
प.
प.ग.
प.
5
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जीवन चरित्र व कथानक :
[ 297
67 | 8
8A
__10
25x11x14x45 सपूर्ण
1764
साधु जीवन का एक सं.
ऐतिहासिक प्रसंग
26x11x14x45
1777
,
19वीं
|| 3,10, 425x11x 13/15x
35 13x37
25 x 127
1908 हमीरपुर ___ ऋषिसुंदर 17वीं
| 16x11x14x42
| 28x12x16x47
1812
27x12x15x41
19वीं
26x 12x13x35
1952
प्रोपदेशिक-जीवनी
26 x 8 x 10x51 107 गा. 1496 21 x 10x17x38 , 55 गा. 19वीं 26 x 11 x 15 x 45||
|, 730 श्लो ग्रं. 750|16वीं
जीवन चरित्र
प्रशस्ति है
70,91/ 27x13 व 28x14 संपूर्ण चार उल्लास ग्रं. 19वीं
3105/ 68* 26x12x20x50 | संपूर्ण
27x12x14x42
ऐतिहासिक जीवन | सं.
प्रसंग जीवन-प्रसंग
, 125 गाथा टब्बा- 1962 बालोत्रा
सह
| जुहारमल , 18 पन्नों में | 19वीं
21x11x16x22
अंत में छोटी सी मेघकुमार सज्झाय
जैन ऐतिहासिक प्रसंग ,
26x11x15x50
, 170 गा.
1735
25x11x15x40 संपूर्ण 147 गा.+2
तीर्थकर स्तवन 15x14x28x23 | , 4 ढालें
1764 मेड़ता.
भागुजी
जीवन-प्रसंग इतिहास
19वीं
125x11x18x44
, 13 ढालें
प्रोपदेशिक-जीवनी
26 x 11x15x48
141 गा.
1660 की कृति
25x11x13x37
102 गा.
18वीं
1600
,
26x10x12x39
,
,ग्रं. 225
| 19वीं 19वीं
26x11x12x33
, 4 ढालें
26x10x14x32
1931- कृष्ण
लाल
प्रोपदेशिक-जीवन
चरित्र |"
23x12x16x34 |
18वीं
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298]
1
175
कुंथुनाथ 55 / 25 | गजसुकमाल - गीत
53/4
29/16
के. नाथ 19/92
कुंथुनाथ 18/3
2/36
42/7
b. नाथ 14 / 45
183 मुनिसुव्रत 4 x 168
के. नाथ गुटका 1
185 मुनिसुव्रत 4 अ 129
176
177
178
179
180
181
182
184
186
187
189
191
188 मुनिसुव्रत 3 इ 325
कुंथुनाथ 9 / 121. 10/154
के नाथ 14 / 113 |
192 मुनिसुव्रत 3 इ 324
1938 कोलड़ी 254 से 58,
1128
199
90
200
201
205
""
57
2
ओसियां 3 इ 181
202
के नाथ 26/49
203 मुनिसुव्रत 4 अ 138
204
4 अ 43
महावीर 4 37
36
17
21
कुंथुनाथ 15 / 3 गौतम - रास
ओसियां 480
3 इ 282
""
"
""
""
27
गंडकथा - पंचक
गुणकरंड गुग्गावली- चोपई
12
"
1
"
17
""
27
"
3
-सज्झाय
22
- चौपई
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गौतमस्वामी - सज्झाय चतुर्विंशति- प्रबन्धकोश
चंदनबाला - गीत
2 प्रतियां
6 प्रतियां
2 प्रतियां
Gajasukamāla Gita
33
,, Sajjhāya
39
3 A
"
39
,, Caupai
Gaṇḍakatha Pañcaka
Gunakaranda Guṇāvali
Caupai
Gautama Rasa
39
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भाग / विभाग 4 ( अ ) - इतिहास व वृत्तांत
2 copies
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6 copies
2 copies
Candanabala Gita
परमानंद
"1
शुभवर्द्धनका शिष्य ऋषि बच्छराज
मुनिराज
ज्ञानमेरु
ऋषिदीप ( वर्द्धमान शिष्य)
विनयप्रभ
""
"1
11
"
11
31
"1
Gautama Svāmī Sajjhāya हरखचंद
Caturvimśati Prabandha | राजशेखरसूरि
Kośa
4
21
17
अजितदेवसूरि
प.
""
11
21
"
19
37
11
"1
17
11
11
11
21
ग.
33
प.
5
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जीवन चरित्न व कथानक :
[ 299
___ 6
7
| 8
____10
11
प्रौपदेशिक जीवन
चरित्र
16वीं चतरान
8A 25 x 11 x 13 x 33 | संपूर्ण 17 ढालें 24x11x12x40
, 16 ढालें
17वीं
25x11x11x36
,, केवल पहिला पन्ना कम 19वीं
| 26x11x13x44
,
92 गा.
26x11x13x39
26x12x15x40
,
36 गा.
26 x 11 x 18 x 51 |
बीच के 2 से 12
पन्न
प्रोपदेशिक दृष्टान्त प्रा.
27x11x17x56 संपूर्ण 5 कथायें
16वीं
(पुण्य पर) जीवन | मा.
25 x 11 x 18 x 52 |
180 गा. (पहिल, 1171 कंदडा | पांच व्रतों पर
पन्ना कम दुदाजी , 27 ढालें गा. 603 1814 1757 की कृति
22x19x27x32
25x11x14x41
जीवन-कीर्तन
27x12x9x34 | संपूर्ण 45 गा.
1849 मेड़ता
राजेन्द्रसागर 17वीं वीरजिणेसर चरण
कमल वाला 1805x
उद्योनरत्न 1840 सादड़ी
चतुरविजय
26x12x16x36
,
73 गा
26x12x13x34
60 गा.
27 x 13 x 25 x 12
45/58 गा.
19वीं
25x11 x 13 x 39
24x13x12x23
3,5,5, 22 से 26x11x भिन्न2 10,52 7,4 | 25x1!x9/13x |
29/42
, (गाथायें भिन्न 2/ , अंतिम प्रति अपूर्ण 47 से 77 तक)
23 गा. , 74/48 गा. 18/20वीं जोध
पुर सीताराम
25x11x11x26
,, 47 गाथा
1920
26x12x18x49
, 16 गा.
19वीं
प्राचार्यों व राजारों
के चरित्र
25 x 11x17x67
(प्रसिद्ध)
लगभग पूर्ण (अंतिम पन्ने | 16वीं वस्तुपाल चरित्र के कम हैं। संपूर्ण
27x11x15x51
18वीं
, /प्रशस्ति है
प्रौपदेशिक-जीवन
25x10x16x45 | संपूर्ण 25 गा.
1721
गाथा
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3A
206
Candanabala Caritra
रतनचंद
Caudhāliya
विनयचंद
Caupai
कवि देपाल
Rāsa
, गाथा
Galha
हापराज
अज्ञात
| के.नाथ 10/42 चंदनबाला-चरित्र
के नाथ 19/68 चौढालिया 208 के.नाथ 15/194 चौपई 209 | | के.नाथ 15/160 ,, रास 210 | कुंथुनाथ 35/8 211-2| महावीर 3 ई 62, , सज्झाय 2 प्रतियां
61 213मुनिसुव्रत 4 अ 127| चंदनमलयगिरि-चौपई
| कोलड़ी गुटका 3/2 वार्ता कुंथुनाथ 45/के नाथ 14/48 मुनिसुव्रत 4 अ ! 28/ कुंथुनाथ 14/6
प्रोसियां 2-249 | , चौपई 220 के.नाय 20/36 | चंदराजा-चरित्र
, Sajjhāya
2 copies Candana Malayagiri
Caupai
सुमतिहंत
»
Vārtā
भद्रसेन
, चौपई
Caupai
आनन्दविजय (कल्याण ___ कलश शिष्य ?) भद्रसेन
, वार्ता
Vārtā
219
___Caupai
Canda Raja Caritra
दर्शनविजय
221
प्रोसियां 49 185
-प्रबन्ध
,,
Prabandha
ज्ञानविमल
kā Rāsa
विद्यारुचि
223
222 कुंथुनाथ 45/5 | चंदराजा का रास
| कोलड़ी 218 224 मुनिसुव्रत 4 4 148/
मोहनविजय (रूप.
विजय-शिष्य)
225
कोलड़ी 20
226 | प्रोसियां 491
227 मुनिसुव्रत 4 अ 147]
228-9 के नाथ 19/118,
2 प्रतियां
2 copies 20/35 230-1| कोलड़ी 229,
2 प्रतियां
, 2 copies 1139 232 |
कंथुनाथ 33/4/ चंदराजा का सिलोका (श्लोक) Canda Raja ka sloka
कोलड़ी 1336 | चदराजा गुणावली पत्राचार ... Guyivali Patraoiral -
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जीवन चरित्र व कथानक :
[ 301
6
7
10
11
| 8 | 8A
9 24 x 12 x 14 x 38 संपूर्ण 14 ढालें
मा.
19वीं
प्रौपदेशिक जीवन
गाथा
24x10x15x32
, 4 ढालें
1906
25x11x13x36
137 गा.
19वीं
24x11x21x45
,, 143 गा.
26x11x13x35
20वीं
,
26x13 व 20x11 प्रथम पूर्ण 42 गा..द्वितीय
10 से 42 26x11x15x54 | संपूर्ण 267 गा.
(शील पर) जीवनी ,
9
18वीं
| 15x14x16x 22
,, 5वीं कली तक
1784
जनेत्तर-संस्करण
| 17x14x11x18
, 194 गा. 1828
छः कलिये , 148 गा.
| 19वीं
24x11x20x45
25x11x16x50
, 185 गा.6 कलिये
,
जनेत्तर-संस्करण
51 x 11 x 34 x 25 | अपूर्ण 68 गा.
25x11 x 12x35 | संपूर्ण 6 ढालें
20वीं
24x11x14x35
1332 गा.
1815
शील पर) जीवन
चरित्र
25 x 13 x 11 x 34
, 8600 ग्रं.
1913
19x13x13x27 |
13X13X27
,
2700 ग्रं.
1818
प्रशस्ति है।
27x11x12x40 संपूर्ण 4 उल्लास 108ढा| 1828
2665 गा. ग्रं. 4000 26x12x12x34
1829
25x11x15x42
1830
| 27x11 x 19x67
25x12x16x40
1836x
कनक सुंदर 1846,शुद्धदति,
ऋद्धिसागर 19वीं
138, | 25x12 व 26x11
27x13 व 25 x 14 | प्रथम पूर्ण, द्वितीय अपूर्ण |
1/11 तक 25 x 10 x 13 x 42 | संपूर्ण 52 गाथा । | 25 x 12 x 12 x 27 | संपूर्ण प्रति
अंत में पार्श्व-स्तवन
5
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302 ]
भाग/विभाग : 4 (अ)-इतिहास व वृत्तान्त
।
3A
4
5
2. | महावीर 3 अ 27 | चंद्रप्रभु-चरित्र
234
| Candra Prabhu Caritra
जिनेश्ववर सूरि
235
के नाथ 13/21
देवेन्द्रसूरि
236
,
5/92
चंद्रलेखा-चौपई
Candralekha Caupai
मतिकुशल
237
प्रोसियां 4 985
238 मुनिसुव्रत 4 अ 144|
239
के.नाथ 5/109
Campaka Sepha Caupai
समय सुन्द
240 241
कोलड़ी 69/4 | चंपकसेठ-चौपई कुंथुनाथ 24/5 चार प्रत्येक बुद्ध-चौपई
Cara Pratyeka Buddha
Caupai
242
के.नाथ 644
243-4 के.नाथ 9-30,10
2 प्रतियां
2 copies
245
कुंथुनाथ 14/8
, चौपई
,, Caupai
246 सेवामंदिर 4193 चित्तसंभूत-चौपई
Citta Sambhūta Caupai
ज्ञानसुन्दर
247 मुनिसुव्रत 3 ई 277
" सज्झाय
. Sajjhāya
248
4 अ 130 चित्रसेन पद्मावती-चरित्र
Citrasena Padmavati
Caritra
पाठक राजवल्लभ
249
250
| के.नाथ 9/40
, 19/19 , 10/35
मू.ट. (प.ग) मू (प.)
251
252
महावीर 4960
253 सेवामंदिर 4 अ 191
254
कोलडी 162
रत्नहर्ष
मू.ट. (प.ग.)
255 | के.नाथ 24/78
चेलगा-चौढालिया
Celana Caudhāliyā
ऋषिरायचंद
256 प्रोसियां 4884 चौबोलीसती-चौपई
Cauboli Sati Caupai
अभयसोम (जिनचंद
शिष्य) जिनहर्ष
257 मुनिसुव्रत 4 172
Jara Sindha ki Bāta
258 |, 4 अ 108 जरासिन्ध की बात 259 | कोलड़ी 143 | जंबू-चरित्र
Jamboo Caritra
मू.ट. (ग.)
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जीवन चरित्र व कथानक :
[ 303
6
7
8
11
तीर्थकर-चरित्र
A
9 10 27 x 11 x 15 x 45 | संपूर्ण 41 गाथा 11531अमदाबाद 26x11x18x48 ,, ग्रंथाग्र 5325 | 1731 25x11x17x54 .., ग्रं. 624, 29ढालें | 1776
(सामायिक पर)
जीवनी
25x11x18x56
25x11x12x36
1802 कर्णपुर,
रूपसुंदर 1843 जोधपुर
ऋद्धिसागर 1849
26x11x14x28
प्रौपदेशिक-चरित्र
स्वयं बुद्धों की जीव
25x11x13x32 | | अपूर्ण (त्रुटक)
19वीं 27x11 x 15 x 52 | लगभग पूर्ण (बीच में 3 1692
पन्ने कम) 26 x 11 x 16 x 40 संपूर्ण चार खण्ड 1775 25x11 x 17/15 x | लगभग पूर्ण 1110 गा. | 19वीं
42 26x10x18x65 | संपूर्ण चार खण्ड
25x10x12x38
, 1765 गा.
18वीं
1778 की कृत्ति
प्रौपदेशिक-जीवन
चरित्र
24x10x14x36
,
25+4 गा.
1783
(शील उपर) जीवनी सं.
| 26x11x13x25
506 श्लोक
1642 लाडाउल
|
"
24x10x14x44
508 श्लोक
1811
| 22x10x12x33
508 श्लोक
1867
26x11x12x35
508 श्लोक
19वीं
26 x 11 x 12x32 , 509 श्लोक 23 x 10 x 10x38 | अपूर्ण 418 श्लोक 27 x 12 x 6 x 40 | संपूर्ण 800 श्लोक
1880
25x12x17x39
, 4 ढालें
19वीं
जीवन चरित्र
देशिक ऐतिहासिक जीवन
प्रसंग
26 x 11
15x56 | , 16 ढाले
18वीं
X
(विक्रम प्रबन्धे) 1724 की कृत्ति
25x11x17x48
, 21 गाथा
19वीं
24x10x13x38 | संपूर्ण
19वीं - देवचंद
जीवन-चरित्र
| 25 x 11 x 7x45
, 21 उद्देशक पं.750| 1833 .
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भाग/विभाग : 4 (अ)-इतिहास व वृत्तान्त
3A
260
के.नाथ
9/16] जंबु-चरित्र
Jamboo Caritra
पद्मप्रभ
मू.ट. (ग.)
261 | कोलड़ी 144
262
के नाथ 6/69
सकलहर्ष
263
264
,
Caupai
| बुद्धिसार
5/19 , 11/79 | जंबू-चौपई कुंथुनाथ 35/41 | जबू पांच भव-चरित्र | के.नाथ 19/2 | जंपूरवामी-चौपई
| Jamboo 5 Bhava Caritra
266
Jamboo Svāmi Caupai
कमल विजय
267
|
26/91
बुद्धिसार
268
| कुंथुनाथ 17/19 |
" प्रबंध
,
Prabandha
| पद्मचंदररि
269 सेवामंदिर 49 194
, चौढालिया
»
Caudhāliyā
अज्ञात
| कोलड़ी 145 | जंबूस्वामी-कथा
,
Katha
।
271
के नाथ 29/44
।
कोलड़ी 1092
।
273 | के.नाथ
5/72
।
274
के नाथ 24/53
।
| के नाथ 15/58
।
276
के नाथ 6/130
।
277
के.नाथ 10/41 जांबवती-चौपई
Jāmbavati Caupai
सूरीसागर
278 सेवामदिर 49 183
4 प्रतियां
4 copies
279- के नाथ 24/45, गु
82|6,5/13,19/78|
283 मुनिसुव्रत 4 4 109| जिनपाल जिनराखी की चौपई, Jinapāla Jinarākhi ki
Caupai
वरजाग (भावसुंदर
शिष्य)
| प्रोसियां 4 988
, -चौढालिया
,Caudhaliya
| सुमतिसुख
285 | | के.नाथ 18/91 | जिनमुक्ति-सूरि बृहत्-भास | Jinamuktisuri Brhata
Bhasa 286 | कुंथुनाथ 10/136| जीरणसेठ (वीरपारणा) गीत Jirana Setha Gita -
मालमुनि
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जीवन चरित्र व कथान:
[305
8A
9
10
11
जीवन-चरित्र
प्रा.मा.
25x11x6x26
संपूर्ण 20 उद्देशक ग्रं.
1836
300
प्रा.
27x10x 13x32
19ीं
| 25x11x15x45
1785
| 25x11x11x42 | , 21 उद्देशक ग्रं.801 1824 (5 पन्ने तक टब्बार्थ
भी है) 26x11x15x43 178 गा. 1616 मुंदरड़ा
जीवा | 26x11x19x60
1642 1522 की कृति
27xJ2x14x34
1180 गा.
1729
18वीं
16 x 13 x15x24
., 180 गा. 27 x 12 x 17 - 54 | अपूर्ण 1385 गा. 26x12x13x34 , (41 गा. तक)
(शील विषये)
जीवन चरित्र
19वीं
20वीं
25x11x17x46 | संपूर्ण 19 कथासह
1793
14x10x9x 16 प्रथम चार पन्ने नहीं है
1830
अंत में 3 पन्ने गुरु
गीत के हैं
24 x 11x12x32 | अपूर्ण
19वीं
26x11x14x40 | संपूर्ण 19 कथासह
26x11x16x37
,
26x11x13x44
,,हरिनाथ
| 25x12x17x45
20वीं
श्रीकृष्ण जीवन प्रसंग,
25x11x10x32
, पहिला पन्ना कम
1695
22x11x12x27
1826
10,17
22 से 26 x 11 से 15
19वीं
प्रोपदेशिक-कथा
5
26x11x14x51
, 162 छंद
18वीं ऋषि
रूपजी
30*
15x10x12x20
18वी
21x11x9x25
|
,
गुरु जीवन-गाथा म. महावीर जीवन
प्रसंग |"
28 x 12 x 11 x 48 | , 31 गा.
19वीं
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3061
भाग/विभाग : 4 (अ)-इतिहास व वृत्तान्त
3A
287
सेवामंदिर 35345/ जीरण सेट (वीरपारणा) गीत Jirana Setha Gita
मालमुनि
288-9 कोलडी 323,
2 प्रतियां
2 copies 926 290 महावीर 6 इ 51 | जन कुमारसंभवमहाकाव्य
| Jainkumara Sambhava जयशेखरसूरि
Mahākavya के.नाथ 20/49 | झांझरिया मुनि-सज्झाय | Jhanjhariya Muni Sajjhāy: भावरत्न के.नाथ 5/5 हालसागर
Dhāla Sāgara
गुणसूरि
292
293 | कंथुनाथ 43/3
291
कोलड़ी 1140
295
के.नाथ 15-213 | तपोधनमुनि-स्वाध्याय
Tapodhana Muni Svā ih
yāya Tāṁbali Tāpasa Dhāla
296
के.नाथ 19-101 | तांबलीनापस ढाल
297 के.नाथ 24 त्रिभूवनकुमार-चरित्र Tribhuvana Kumāra
यतिसुन्दर
Caritra 298 | के नाथ 674 | विषष्ठी लक्षण महापुराण | Trisasthi Laksan Maha जिनसेन
Pudāna 299 | श्रोसिया 4 9 90 | विषष्ठी शलाका पुरुष चरित्र | Tris sthi Stlika Purust | हेमचन्द्राचार्य
प्रथम पर्व
Caritra Ist Parva 300 कोलडी 159
प्रथम पर्व
, Ist Parva
301
के नाय 11/18
7 से 9 पर्व
7th to 9th Parv
302 |
महावीर 4 570
पाठवां पर्व
8th Parva
303
के.नाथ 21/44
304 | के.नाथ 1/13
महावीर 4 428
दसवां पर्व
,
10th Parva
306
| महावीर 4 931
के नाथ 29/40
परिशिष्ट पर्व
Parisista Parva
308 | महावीर 4975
प्रोसियां 4 अ 10.
310 | महावीर 412
311 | महावीर 4 ।।
312 | महावीर 4415.
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जीवन चरित्र व कथानक :
[307
भ. महावीर जीवन
प्रसंग
20 x 12 x 9 x 22 | संपूर्ण 30 गाथा
19वीं पं. मुकन
चदजी
26x10व:6x12 | , 31 गाथा
26x12x14x49
.. 11 सर्ग ग्रं. 1500 18वीं
ऋषभदेव-चरित्र
जीवन चरित्र महा
काव्य जीवन-प्रसंग
21 x 12x11 x 26
1935
कृष्णपाण्डव इतिहास
26 x 11x11 x 36
,, ग्रंथाग्र 5812
1739
67
16x23x25x26 अपूर्ण (58 ढाल तक) | 19वीं
25x12x17x45
(27 ढाल तक)
जीवनो
26x12x13x50 संपूर्ण
प्रौपदेशिक-जीवन
| 26x12x20x50
26 x 13 x 16 x 42
, ग्रं. 800
29x13x12x33 अपूर्ण 21 से 25 पर्व
प्रोपदेशिक ऐति
हासिक ऋषभभरतादि
चरित्र
31 x 11 x 15 x 46| संपूर्ण 6 सर्ग ग्रं. 5000 | 15वीं (या उससे प्रति में दिक्रम | 145
पुरानी) संवत लिखा है 26x11x13x46
, 5017 17वीं
रावणजन्म से
पार्श्वप्रभु नेमि-चरित्र
26 x 11x15x48 सातवें के सर्ग 1 से नौ वें | 16वीं
सर्ग 4 तक 25x11x14x42 संपूर्ण 12 सर्ग 17वीं
26 x 11x17x47 अपूर्ण प्रथम से तृतीय सर्ग
,
25x12x13x28 तीसरा सर्ग
19वीं
भ. महावीर चरित्र
27x11x15x48 | संपूर्ण 1 सर्ग
1672 जैसलमेर
श्रेणिक चरित्र भाग
27x12x14x38 ग्रं. 1350
1887 अजीनगंज
कल्याणचंद 26x11x17 -60 संपूर्ण 13 सर्ग ग्रं. 3460 1619
स्थविर-चरित्र
25x11x14x42
,
, 1753पद्मविजय |
26x12x18x45
| 28x13x13x35
366419वीं विक्रमपुर
बखतसागर , 3895 1913 बालोचर
| इंद्रचंद्र , 3560 1959
26x13x13x36
27x13x13x37
,
, | 20वीं
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308 ]
भाग/विभाग : 4 (अ)-इतिहास व वृत्तांत
3A
5
Thāvaccă Suta Caupai
| समयसुंदर
पद्य
313_| के.नाथ 19/24 | थावच्चासुत-चौपई
., 14/74 | दमयंती-नलचम्पू-विवरण
314
Damayanti (Nalacampū) | चंडपाल
Vivarana Dayādi para Kathänaka
315
कोलड़ी
149 | दया यादि पर कथानक
316
150
317
के नाथ 15/134 दश आश्चर्य
Daśa Āścarya
(कल्पसूत्रान्तर्गत)
318
,
15/53
319
कोलड़ी 153 दस-दृष्टान्त
Dasa Drstänta
320 मुनिसुव्रत 41571
321
322
Daśārņabhadra Sambandha
,
Caudhāliya |
| के नाथ 15/145 ,
, 14/11 | दशार्णभद्र-सम्बन्ध कुथुनाथ 15 56 , चौढालिया कोलड़ी 1089 दान प्रादि चतुर्कुलक-कथा
का बालावबोध मुनिसुव्रत 4 111 दामनसेट की-चौपई। प्रोसियां 2-298 | दृष्टांत-शतक
Bälävabodha Damana Setha ki Caupai प्रतापविजय (वीर- प.
विजय शिष्य) | Drstānta Sataka
ट .
,
2/303
तेजसिंह गणि
सेवामंदिर 2/374 कुथुनाथ 54/2
, -संग्रह
Sangraba
330 सेवामंदिर 4 181
331
मुनिसुव्रत 4 161|
कुंथुनाथ 38/4 मेवामंदिर 4 9 177
334
के नाथ 29/17 | देवकी-रास
Devaki Rása
335
, 19/79 ,, 19/101 | देवदत्त-ढाल
Devadatta Dhīla
प्रोसियां 4992 द्रौपदी-रास
Draupadi Rāsa
शोभमुनि (मान्यसुंदर
शिष्य)"
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जीवन चरित्र व कथानक :
प्रोपदेशिक- जीवनी मा.
सं.
धर्मफल पर दृष्टांत मा.
अभूतपूर्व घटनायें
J1
31
6
31
=
11
प्रौपदेशिक कथानक सं.
"1
=
""
:
शीलविषयक
प्रौपदेशिक चरित्र
कथानक
"
}"
=
जीवन- प्रसंग प्र.
प्रोपदेशिक लघु कथानक शीलप्रमाद व क्रोध
पर
श्रौपदेशिक - कथानस
33
"
71
जीवन चरित्र - गज
सुकमाल-प्रसंग
39
श्री. जीवन प्रसंग
जीवन- प्रसंग
सं.
मा.
=
"
मा.
13
7
11
सं.
""
12
"
44
मा.
12
=
"
11
16
64
8
13
प्रा.सं.+13 मा. सं. मा. 10
8
10
10
22
23
15
2
3
121
32
15
40
20
8
16
20
72
3
17
68*
66
8 A
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26 × 11 × 15 × 46 संपूर्ण 447 गा.
28 x 9 x 13 x 40
26 x 13 x 14 x 34
24 x 12 × 12 x 32
26 x 11 x 15 x 32
24 × 12 x 10 x 18
27 x 10 x 14 × 45
27 × 11 × 15 x 44
25 × 11 × 19 × 50
26 × 10 × 12 × 51
43 x 11 x 5 x 51
"
21 x 11 x 4 x 24
33
"1
,, 7 उल्लास ग्रं. 1900 1660
19वीं
"
11
33
पूर्ण 8 कथायें
संपूर्ण
22 x 10 x 9 x 25
25 × 10 × 20 × 60 प्रतिपूर्ण दूसरे कुलक की
कथायें
25 × 1 1 × 12 × 39 संपूर्ण 17 ढालें
25 x 12 x 6 x 39
33
21
अपूर्ण 51 कथायें
संपूर्ण 102 श्लोक की
कथायें 26 × 11 × 16 × 72 संपूर्ण 100 से उपर
कथानक
24 x 10 x 16 × 41
26 × 11 × 18 × 61 अपूर्ण
26 x 11 x 18 x 56
23
9
11
"
4 ढालें
11
140 TT. 100 कथा
21
3 कथायें
20 × 11 × 13 × 34
34 × 21 × 65 × 34 संपूर्ण 19 ढाल
24 x 14 x 15 x 28
( बीच के पत्र )
"1
26 x 12 x 20 x 50
26 × 11 × 12 × 30 संपूर्ण 48 ढाल / गा. 1185
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1711
27
10
1858
1598
17at
19वीं
16वीं
19वीं
1762
1849
19वीं अंजार -
नगर
20वीं
49 से 121 कथानक 19वीं
1935
16at
17वीं
11
11
[ 309
11
1941 शांतिग्राम पूर्वोक्त का ही पाठ लक्ष्मीसागर
19वीं
1940 बीकानेर ग्रंथकार का अपरनाम विनय सुंदर सौजन्यसुंदर
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310 ]
भाग/विभाग : 4 (अ)-इतिहास व वृत्तान्त
3A
| 23 338 | के.साथ 6/3 | धनंजय-चौपई
Dhananjaya Caupai
भुवनसोम
339
ओसियां 31177| धन्ना ऋषि-सज्झाय
Dhannā ķşi Sajjhāya
अम्मा मुनि
, Caupai
मतिशेखर (कक्क सूर
शिष्य ।
के नाथ 26/91 , चौपई | ., 6/35
.. 195 | धन्ना-प्रबध
,, Prabandha
| यक्षसूरि शिष्य
343 मुनिसुव्रत 3332:| धन्नामुनि-सज्झाय
Dhani a Muni Sajjhaya
344
के नाथ 26/91 गू
संधि
, Sandhi
कल्याणतिलक
, 19/115| धन्नःशानिभद्र-रास
Dhanri Salibhadra Rāsa | रत्नसूरि शिष्य
जिनराज-सूरि
., 19109
348
कोलड़ी 365
349
के नाथ 593
350 सेवामदर 4 अ 201
351
मुनिसुव्रत 4 अ 150|
3 प्रतियां
3 copies
54
कोलड़ी 214-36,
गु. 9/12/ के.नाथ 24/80
356 | कोलड़ी 1088
जिनविजय
357
कुंथुनाथ 10/183|
-सज्झाय
Sajjhāya
उदयरत्न
358
के.नाय 14/13
Rása
जिनराजसूरि
359
,
13/34
-संबन्ध
Sambandha
प्रज्ञात
360
10/21
361
11/19
362
,
15/232
363
21/92 | धम्मिल-चरित्र
Dhammila Caritra
364 मुनिसुव्रत 4 9 160
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जीवन चरित्र व कथानक :
| 3:1
6
7
8
10
8A 26 x 11 x 21 x 53 | संपूर्ण
प्रोपदेशिक-जीवनी
1773
, जीवन-प्रसंग
25x11x9x31
,
22 पद
19वीं
जीवन चरित्र .,
16x13x15x24
333 गा.
18वीं
25x1x15x50
328 गा.
19वीं
N
26x11x13x42
332 गा.
18वीं
प्रोपदेशिक-प्रसंग
25 x 11 x 15 x 52
पाथ में गौतम कुलक'
गुटका
| 16x13x15x24 संपूर्ण 63 गा.
, जीवनी
37*
26 x 11x13x43
1723
(दान ऊपर)
37*
26 x 11 x 13x43
1668 की कृति
25x11x15x42
1778
26x11x14x39
1817
10
23x12x10x25
,, गा. 501
1832
23x IIX 13x33
, सचित्र
1834
कुल 31 चित्र
31
22x11x12x26
1841 नागपुर
, ग्रंथाग्र 600
19वीं
15 से 27x10 से 11 25 x 11 x 15 x 41
,
27x11x14x60 अपूर्ण द्वितीय उल्लास की
___337 गाथा तक) 25x12x14x40 | संपूर्ण 7 गाथा
25x11x13x31 , 29 ढाल (पहिला| 1720
पन्ना कम) 26 x 11x15x48 | अपूर्ण ढाल 36वीं तक |
गा. 682 27x12 x 13 x 44 | अपूर्ण
27x13x15x40
, 98 से 327 गा.
27x13x15x33
|
ढाल 6 तक
26 x 11 x 17x53
26x11x18x52
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312 j
भाग विभाग : 4 (अ)-इतिहास व वृत्तान्त
3A
365
महावीर 4478 धम्मिल-चरित्र
Dhammila Caritra
366
के.नाथ
6/53
367 | महावीर 4 44
जयशेखर (मानसूरि- |
पिष्य) ज्ञानसागर
368
के.नाथ 1964 धम्मिल-विलास
,
Vilāsa
369
Dharmadatta Katha
गुणसूरि
कुंथुनाथ 52/12 धर्मदत्त-कथा मुनिसुव्रत 4 5 163 , प्रबन्ध | कोनड़ी 224 | ,, धनवती-चौपई
.,
Prabandha
ग. (प)
371
कुशल ऋषि
, Dhanavati
Caupai Dharma Pariksa
372
कोलड़ी 1262 | धर्मपरीक्षा
मानविजय (जयविजय म.ट. (प.ग.
शिष्य
373 | कंथनाथ 16/9 धर्मबुद्धि मंत्री पापवृद्धि राजा Dharmabuddhi Mantri
कथा Papabuddhi Raja Katha 374-महावीर 4477,42|
2 प्रतियां
2 copies
5
376 | के.नाथ 19/54
चौपई
चन्द्रकीत्ति
| के नाथ 19/116
" कथा
,,
Katha
लाभवर्द्धन
378
के नाय 13:53 | नरदेव-चौपई
Naradeva Caupai
सहजकीति
379
को नही ।146 | नर्मदामंदरी-चरित्र
Narmada Sundari Caritra| मोहनविजय
| कोलड़ी 1079 | नल-चरित्र
Nala Caritra
नयसुंदर
381
के नाथ 19/48/नलदमयंती-चरित्र
Nala Damayanti Caritra
,, Caupai
समयसुंदर
382 383
| के.नाथ 14/65 | | कोलड़ी 217
, चौपई , ,
2 प्रतियां
,
2 copies
384-5 के.नाथ 13/6
5/46 386 | के.नाथ 14/135|
,
.,
ऋषिवर्द्ध नसूरि
387
के नाथ 29/13 | नंद-बहोत्तरी
Nanda Bahottari
जसराज
388
| के.नाथ 15/59 | नंदमणियार-सज्झाय
Nanda Maniyāra Sajjhāya| रामविजय
389
के नाथ 19/89 | नंदीषण-पोपई
Nandişeņa Caupai
ज्ञानसागर
| के.नाथ 26/57 | (मुनि) नाथूराम-चौढालिया Nathurama Caudhaliya
391
के.नाथ 19/101 निर्मोही-ढाल
Nirmohi Dhāla
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जीवन चरित्र व कथानक :
[ 313
6
6
7
8
8A
9
प्रोपदेशिक जीवनी| सं.
27x13x13x48 | संपू र 207 श्लोक
19वीं
संक्षिप्त संस्करण
25 x 12x15x33
, 240 श्लोक
30x14x15x51
, ग्रंथाय 3504
20वीं
26 x 11x15x34
, 1006 गा.
19वीं
(अतिथि संविभाग
1644
पर) चरित्र
27x11 x 21 x 60 27x11 x 17x44 अपूर्ण 88 अनुच्छेद
18वीं
उद्धरण पद्य में
26x11x13x42 संपूर्ण 32 ढाल
1821
प्रौपदेशिक-कथानक सं.मा.
1855
26 x 11 x 6 x 44 | , 367 श्लोक 27 x 12 x 13x38
19वीं
X
X38 | "
28x13 व 26 x 12
20वीं/ 1960 एक दूसरे की नकल
नागौर मुरलीधर 26x11 x 15x52 | , गा. 430 (अंतिम | 17वीं
पन्ना कम) 25x11x14x45 ,39ढालें 1750
चरित्र
25x12x16x60
, 321 गा.
19वीं
25 x 12 x 12 x 40 | अपूर्ण (12 ढाल तक)
जीवन चरित्र
25x11x15x50 प्र. 16 प्रस्ताव,2358गा. 18वीं
35004. 25x11x13x44 संपूर्ण
19वीं
प्रथम 5 व अंतिम
1 पन्ना नहीं
26x11x13x43 ., 6 खंड, 38 ढाल, 1696
| 913 गा., 1350ग्रं 27x11५15x45 |, 6 खंड. 38 ढाल, 1709 जैतारण
913 गा., ग्रं 1620 54,24| 25x11 व 26x11 | संपूर्ण ग्रंथान 1357/951 19वीं
27x12x11x39
,
331 गा.
19वीं
प्रोपदेशिक-कथानक
25x11x15x48
,
19वीं
, जीवन-प्रसंग
20x10x11x31
साथ में अन्य स्तवन स्वाध्याय
26x12x19x45
25 x 12 x 14 x 49 26 x 12 x 20 x 50
68*
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314 ]
भाग विभाग : 4 (प्र)-इतिहास व वृत्तान्त
3A
Neura Pandita Katha
392 | के.लाय 6/116 | नेउर पंडित-कथा 393 ., 5/60 | नेमिचंदसूरि-राम
Nemicandasūri Rāsa
गुगचंद
394 | महावीर 4 271 नेमिनाथ-चरित्र
+वृत्ति | Neminātha Caritra
जिनवल्लभ
मू.. (प.ग.)
395
|, 426
कमलप्रभ (रत्नप्रभ
शिष्य)
, 6 इ52
(काव्य)
397
के नाथ
6/49
जिन-स्तोत्र
Jina Stotra
| कीतिराज उपाध्याय
398 | कुंथुनाथ 2/39
राजुल-धमाल
Rājula Dta
māla
399
Rasa
400 | कोलडी
237
कनककोत्ति
401
335
"
फाग
,,
Phāga
विनयविजय
402 | के.नाथ 15/65
महिमामेरु मुनि
403
| कोलड़ी 336
,, Vyaha
ऋ जयमलजी
,
Rajamati Caritra
404 के.नाथ 14/94 ,, व्याह
(खडोरवली) 405 ,, 19/111
, राजमती-चरित्र 406 , 20/22
, चौढालिया 407 |, 20/29 || , नवरसा 408 | कोलडी 328 | नेमिनाथ-रास
,
Caudhaliya
रायचंद
,,
Navarasa
रूपचंद
Neminātha Rasa
पुण्यरत्न
2 प्रतियां
2 copies
409- | के.नाथ 19/18,
10 16/24 411 सेवामंदिर गुटका। ति
412
कोलड़ी 310
, चौक
» Couka
अमृतविजय
413 | के नाथ
गु. 14
414
,
19/76
विवाहलो
„
Vivāhalau
415
,
26/98
416
2042
चरित्र
»
Caritra
ऋ जयमलजी
417
8/14
। पंचकल्याण
,, Paricakalyāna | पू. नाथूरामजी
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जीवन चरित्र व कथानक :
[ 315
6
7
8
प्रोपदेशिक-जीवन । सं.
प्रसंग गच्छपति जीवन
गाथा तीर्थकर-चरित्र प्रा.सं. | 35*
8A
9 10 11 26 x 11 x 13 x 42 | संपूर्ण 183 श्लोक 19वीं । 26 x 11 x ! 6 x 44 |, 7 ढालें +दोहे आदि , 27x11x15x45] , 15 गा. 1531 अमदाबाद| चरित्र पंच के
धर्मसन 26x11x15x48 | अपर्णपाठ सर्ग तक 16वीं 26 x 11 x 19 x 62 | संपूर्ण 125 श्लोक ग्रं. 252| 17वीं मेघदूतपाद समस्या
पूर्तिरूप 27x11x17x50 , 12 सर्ग (पहिला 16वीं
पन्ना कम) 23 x 12 x 28 x 90 संपूर्ण 63 गा.
भक्ति
23x12x28x90
, 149 गा.
27x12x19x58 संपूर्ण 13 ढालें
1732
25x11x10x28
, 27 गाथा
1818
25 x 11 x 12 x 30 | , 65 गाथा
19वीं
25x10x12x35
26 x 11x16 x 64 | , 43 गाथा
1834
27x12x14x35
19वीं
25x11x14x32 |
25x11x16x44
, 9 ढाल+2 स्तवन
27x10x14x50
, 66 गा.
26 x 10
xxxx
x11
।, 61/64 गा.
दूसरी में पन्ना कम
है ।
16x11x13x20| अपूर्ण 59 गा.
26x12x17x50 संपूर्ण 96 गा.
1848 बगड़ी होली खेल वर्णन
16x14x12x12
1889
होली खेल वर्णन 1839 की कृति
26x 13x15x28
, 24 ढाल
1938
19वीं
26 x 11 x 10x38 | अपूर्ण (बीच के पन्न)
| संपूर्ण 33 ढाल | 26 x 12 x 17x57 , ग्रं. 400
1926 19वीं
प्रसंग
पुख्यतः यादव कथा
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316 ]
भाग/विभाग : 4 (अ)-इतिहास व वृत्तांत
3A
45
418 |
के.नाथ 19/74 | नेमिनाथ-अधिकार
Neminātha Adhikara
महावीर 4 4 29 | पउमचरियं
Paumacariyam
विमल सूरि
420
के नाथ 12/50
421
,
5/108 | पद्म-चरित्र
Padma Caritra
,
विनयसमुद्र (हर्षसमुद्र उपकेशगच्छीय शिष्य) रूपचंद
422 | कोलही 1133 पद्मरथ-चौपई
Padmaratha Caupai
423
के नाथ 21/92 | पद्मावती-कथा
Padmavati Katha
424
Paramhamsa Sambodha |नयरंग
Caritra Pancakumāra Caritra लक्ष्मीवल्लभ
425
Pancadaņda Caritra
, 11/97| परमहंस संबोध-चरित्र
___6/19 | पंचकुमार-चरित्र
_234 | पंचदण्ड-चरित्र , 233 | कुंथुनाथ 1717 पार्श्वचन्दसूरि-भास महावीर 4 अ 27 पार्श्वनाथ-चरित्र
427
428
Pārsvacandasūri Bhasa
Pārsvanātba Caritra
जिनवल्लभ/
430
के.नाथ 29/36
भावदेव
महावीर 4 20 , 4472 , 4954
ग.
उदयवीर (संघवीर
शिष्य)
के.नाथ 13/5
, व गणधर-संबंध
प्रोसियां 4 989
,,&GanadharaSambandha
(देवभद्राचार्य प्रसन्नचंद
शिष्य रचिते पार्श्वचरित्र Pāñcapramida Caudhā.
liya Pāñcāji Caudhaliya गुमान विजय
436 सेवामंदिर 4 194 पांचप्रमाद-चौढालिया
437
के.नाथ 26/34 पांचाजी
,
438
महावीर 4471 पांडव-चरित्र
Pāņdava Caritra
देवविजय (राजविजय ग.
शिष्य) लालचंद
',
Risa
के नाथ 10/81 | , रास , 211| पांडु-चरित्र
440
Pāņdu Caritra
देवप्रभ
441 मुनिसुव्रत 49155 पुण्यसार-चौपई
Puṇyasāra Caupal
अज्ञात
442
के नाथ गुटका-1 |
"
पुण्यकत्ति
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जीवन चरित्र व कथानक :
[ 317
6
7
___10
___ 11
8 | 8A
| 26 x 12 x 16 x 42 | संपूर्ण
तार्थकर-चरित्र | मा.
19वीं
26x11x23x63
सीताराम-चरित्र | महाकाव्य
26 x 11 x 12 x 60
38
25x11x17x43
,, ग्रं. 10550 (पहिला 1502,मंडपदुर्ग
पन्ना कम) | गुरणधीरगा। ,, ग्रं. 8655 , 1649 ,, 1494 गा., 1700 1654 (हेमचन्द्रानुसार) ,, 443 गा , ढाल 23 | 1766 ., 501 श्लोक 1690
शील पर जीवनी ।
25 x 11 x18x60
प्रोपदेशिक-जीवनी | सं.
19*
26x11x17x53
"
रूपक
प्रा.सं.
26x11x16x46 अपूर्ण 7 प्रस्ताव+56 19वीं
श्लोक
, जीवनी
26x12x15x53 संपूर्ण
1876
, जीवन-प्रसंग मा.
(विक्रमादित्य चरित्र)
26 x 10 x17x52 22 x 12 x 15 x 24
, 75 ढाल 6 खंड, 1842
ग्रं 3784 " , ग्रं. 3971 1855
जीवन गाथा
26x11x12x40
19वीं
तीर्थकर-चरित्र
27x11 x 15 x 45 , 15 गा. 1531 अमदाबाद चरित्र पंच के
धर्मसेन 27x11 x 11 x 42 | अ. अंतिम 3 सर्ग छठे से | 1558
पाठवां 27 x 12 x 12 x 40 | संपूर्ण पाठ सर्ग प्र. 6400 1950 मंगलपुर
जयानंद 26 x 11 x 13 x 41 , , ग्रं. 5500 (1454 ?)
, गणधर संबंधी
28x13x15x49 , , , 19वीं 26 x 11x11x36 | अपूर्ण (सात गणधर तक) 16वीं जीणं 42 x 11 x 12 x 61 | संपूर्ण ग्रं. 4556(5167) 1923 बीकानेर प्रशस्ति है खरतर
देवगुप्तसूरि गच्छीय 26 x 12x13x34
20वीं
"
"
| प्रा.
प्रोपदेशिक-संबंध | मा.
, 4 ढालें
गुरु-जीवनी
26x12x20x52
19वीं
पांडव-इतिहास
25x11x13x40 | , 18 सर्ग
17वीं
रत्नचंद द्वारा संशो
धित दूसरे खंड के प्रारंभ
| 10
27x12x17x65 अपर्ण 409 गाथा तक | 19वीं
1468
प्रारंभ में चित्र
धर्म पर प्रोपदेशिक
जीवनी
37x6x9x85 | संपूर्ण 18 सगं 26 x 11x16 x53 |, 213 छंद 22 x 19 x 27x32 , 202 गा.
| 1770 मेड़ता | 1662 की कृत्ति
सांगानेरे | 1814
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भाग/विभाग : 4 (अ)-इतिहास व वृत्तान्त
3 A
| 2. 3 443 | कोलड़ी गु. 12/8 | पुरंदर-चौपई
Purandara Caupai
मालदेव आनंद
3 प्रतियां
3 copies
444- | के.नाथ 6/80, ____46/ 10/61,19/21
447 | कुंथुनाथ 23/9 , 448 मुनिसुव्रत 4 4 171 पूजा-रास 449 | कोलड़ी 1132 | पृथ्वीचंद्र चरित्र
Pūja Rasa
फतेहसागर
Pșthvicandra Caritra
जयसागर
450
के.नाथ
6/67
लब्धिसागर
451
महावीर 4 64
रूपविजय (पद्मविजय ग.
शिष्य)
452
के.नाथ 19/10
,, Gunasagara Cau
, (गुणसागर) चौपई | , , बेलि
pai
कुंथुनाथ 25/7
.
Beli
454 सेवामंदिर 44180/
कथा
,
Katha
| महावीर 4 अ 17| प्रदेशी राजा का-चरित्र | Pradesi Raja ka Caritra | वाचक चरित्र (भंगसेन प.
शिष्य) के.नाथ 5/67 | , केशीकुमार-रास , Kesikumāra Rāsal अज्ञात के नाथ 16/18 | , चौपई
Caupai वाचक सहजसुंदर के.नाथ 26/73
459 | महावीर 4 31 प्रद्य म्न-चरित्र
Pradyumna Caritra
,
रत्नचंद्र (शांतिचंद्र
शिष्य)
460-1| महावीर 4 अ 19-1
,
2 प्रतियां
2 copies
65/
462
के.नाथ
9/25 प्रबन्ध-संग्रह
Prabandha Sangraha
463 | के.नाथ 15-174 प्रश्नोत्तरद्वार-कथानक
मू+व्या(प.ग
Praśnottara Dvāra Katha
naka Priyamelaka Caupai
464
के.नाथ 9/20 प्रियमेलक-चौपई
समयसुंदर
मुनिसुव्रत 4 9 164
466
के.नाथ 19/113 कुंथुनाथ 18/5
467
के नाथ 19/32
469 | के.नाथ 15/186
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जीवन चरित्र व कथानक :---
[ 319
11
6 7 | 8 | A
9 10 प्रोपदेशिक-चरित्र मा. । गुटका | 19 x 12 भिन्न संपूर्ण 366 गा. | 19वीं 12,12, 26 से 27 x 11 x भिन्न , गा. 354/384
ग्र. 500 26 x 11 x 13 x 49 | अपूर्ण गा. 223 तक
20
केवली जीवन-चरित्र सं.
25 x 12 x 14x38 अपूर्ण (तीसरी ढाल
___ अधूरी तक) 26x12x19x40 | संपूर्ण 11 प्रस्ताव ग्रं. 1564
2654 29x IIx15x50 , ग्रंथान 1000 से 1568
अधिक 27x13x15x46 , 11 सर्ग ग्रं 68831850
25x11x11x36
, 45 गा.
19वीं
24x 12x11x36 प्रथम पन्ना कम है
जीवनी, तात्त्विक
प्रसंग
26x12x27x55 संपूर्ण
| 1949 नागपुरे रूपरेखा सारसूचक
जुहारमल 25 x 12 x 13 x 44 | संपूर्ण 9 सगं 19वी प्रशस्ति है 22 x 11 x 20 x 50 , 16 ढालें ग्र. 600 1829 26 x 11 x 14 x 39 | अपूर्ण 138 गाथा तक | 19वीं | 26 x 11 x 13 x 42
20वीं | 26 x 11 x 15 x 50 | संपूर्ण 17 सर्ग ग्रं. 3569 1679 गांधार प्रशस्ति अकबर प्रसंग
जीवन चरित्र महा- सं.
काव्य
88,117 27x12 व 26x12
,
,
19वीं
उपरोक्त की नकलें
प्रोपदेशिक-चरित्र | मा. | 10
25x11x14x42 |
, 8 कथाये
प्रोपदेशिक कथानक प्रा.सं.
नागार्जुन नंद नागमोर भोज प्रादिप्रसंग (वीचे के पन्ने 55
से 82)
(साधु दान विषये) मा.
जीवनी
| 29 x 11 x 17x57| अपूर्ण श्लोक 32 से 63 |
कथासह 26 x 11 x 14 x 39 | संपूर्ण 11 ढाल ग्र. 400 1627 26 x 12 x 15 x 50 ,, ,, गा. 230 17वीं 26 x 11 x 13 x 42 | संपूर्ण 11 ढाल न. 305 ,
गा. 230 26x11x 17x44 " " "
1725 "
26x11x16x47 | " ॥
॥
"
1754
25x11x13x40
, पहिला पन्ना कम
1780
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470-1 के नाथ 19/30.
6/96
472-3 मुनिसुव्रत 4115
320 1
I
6
474 कोलड़ी 212
477
478
479
480
481
475-6 के नाथ 29/6,
14/117 9/19
के नाथ
कुंथुनाथ 40 / 79
मियां 481
के. नाथ 18/77
चौढालिया
कोलड़ी 152 बातों पर कथायें
कुंथुनाथ 17 / 13
के. नाय 15-81
482
483
484
485
486
487
488
495
439
2.
496
497
498
प्रियमेलक - चौपई 2 प्रतियां Priyamelaka Caupai
2 प्रतियां
"
"
"3
"
3
17
1
प्रियंकर नृप कथा
प्रीतिकर महामुनि-चरित्र
चूल चौपई
चरित्र
"
बाहुबली-सभा
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2 प्रतियां
39
39
3 A
""
33
39
Baraha Vraton Para
"
Caritra
33
Priyankara Nṛpakatha
जिनसूरि
Fritikara Mahāmuni Cari नेमीदत्त
tra
Bańkacula Caupai
Cauḍhēliā
Bahubali Sajjha a
बीसस्थान (पुण्य विलास ) रा Bisasthāna Rāsa
कुंथुनाथ 39/3
महावीर 439
के नाथ 6 / 118 भरत चरित्र
सेवामंदिर 4 अ 194 भरत चौढालिया
Cauḍhalia
कोलड़ी 155 भरतप्रादि- कथायें
Adi Kathayen
महावीर 474 भरहेसर बाहुबली टीका मात्र Bharahesara Bāhubali Tika) शुभशील ( मुनिसुंदर
शिष्य)
490
के नाथ 19/101 भवदत्त भवदेव दाल
Bhavadatta Bhavadeva
Dhala
20
491-2 के नाथ 15 / 219 | भानुमति कथा 2 प्रतियां Bhānumati Katha 2copies 493 मुनिसुव्रत 4 131 भुवनभानु (बलिमहानरेन्द्र ) Bhuvanabhānu Caritra चरित्र
494 महावीर 4 अ 13
कोलड़ी 1078
के. नाथ 23/43 भोच चरित्र
कोलड़ी 228
. नाथ 15 / 183 | मच्छोदर चौपई
Bharata Caritra
2 copies
2 copies
Bhoja Caritra
2 copies
Kathayen
39
भाग / विभाग : 4 ( अ ) - इतिहास व वृत्तान्त
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Macchodara Caupai
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समयसुंदर
अज्ञात
1
1
फतेचंद
1
"
"1
"1
I
T
रामविजय
जिन हर्ष
4
क्षमाकीति
पाठक राजवल्लभ
व्यास भवानीदास
ललितसागर
प.
ग.
प.
17
ग.
11
प.
13
"
ग.
11
५.
ग.
"1
"1
11
प.
ग. (प)
प.
5
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जीवन चरित्र व कथानक :
[ 321
6
7
8
8A
10
11
साधुदानविषये
जीवनी
26 x 11 x 13/15x | संपूर्ण पहली 11 ढाल | 19वीं 50
दूसरी अ 23 से 26x11x15 230 गाथा, ढाल
25 x 11x11x30
| 25 से 28x11 से 11
, 11 ढाल
19/20वीं
उबन्समहरंप्रभावे
25x11x15x46
ग्रं. 1000
19वीं
प्रो.
प्रो. जीवनी
28x13x14x34
साधुसंगति प्रो.
26x11x12x37
, 3 अधिकार 450 16वीं
श्लो. न.467 1, 95 छद
19वीं x ऋषि
शकर 1906
25x12x15x40
श्रावकाचार-दृष्टांत
28 x 12 x 15 x 50
1861
पर प्रतिज्ञा 18 पाप स्थान कहने की जीर्ण
26x12x20x80
एक ग्रं. 450
19वीं
भक्ति स्वाध्याय
24x11x15x36
,, 21 गाथा ,, 3 ढालें
जीवन-प्रसंग
22x16x12x32
1913
26 x 11x17x44
, 20 कथानक
1799
20 स्थानक पर
दृष्टांत जीवन-प्रसंग
25x11xllx35
19वीं
26x12x13x34
,, 4 ढालें
20वीं
26 x 11x 14x34
1894
प्रो. कथा जीवनी
| 27x13x15x40
, दो अधिकार
xx
1952x
जेठमल 19वीं
जीवन-प्रसंग
26x12x20x50
26x11x14x40
xx
मानित्य भावना
पर जीवनी
26x11x19x53 2707 ग्रंथाग्र 17वीं x धर्म
मित्र-सूरि 25 x 13 x 13 x 37
1914 25 x 13 x 14x38 | अपूर्ण पहिले 4 पन्ने कम| 19वीं 26 x 11x18 x 51 | संपूर्ण 5 प्रस्ताव 996श्लो | 17वीं 23 x 11 x 14x40
19वीं पन्द्रहवी विद्या अपूर्ण 7 वीं ढाल से 17
एहिले 5 पम्न कम हैं 26x11x15x58 |
वी (अत) तक
| शांतिनाथ चरित्र से)
जीवन-चरित्र
स्त्री-चरित्रे जीवन मा.
प्रसंग जीवन-कथा
1769
For Private and Personal Use Only
Page #339
--------------------------------------------------------------------------
________________
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322 ]
1
499
के नाथ 19/82 | मच्छोदर - रास
के. नाथ 18/79 मतिसार- प्रधान कथा
से मंदिर 4 अ 1971 मदनरेखा चौपई
मुनिसुव्रत 4158
503 कोलड़ी 271
500
501
502
507
508
509
510
511
512
513
517
महावीर 4 प्र 68 मल्लिजिन चरित्र
के. ना
4 / 20
के. नाथ 15/203
के. नाथ 24/56
त्रामंदिर 3 इ 366
514-5| कुंथुनाथ 17/15 17/3
516 चौसियां 3 इ 179
मुनिसुव्रत 3 इ270
कोलड़ी 1232
महावीर 4 अ 22
520 मुनिसुव्रत 4 अ 151
521
के नाथ 17/57
कोलडी 253
518
2
519
522
523-4 के नाथ 15/89,
5/105 कुंथुनाथ 18/4
526 मुनिसुव्रत 4107
525
31
504 6 के नाथ 18,67,
19/111.
24/59
महावीर 434 | ( महाबल) मलयसुंदरी - चरित्र (Mahābala) Malava Sun- जयतिलकसूरि महावीर 469
dari Caritra
माणिक्यसुंदर
प्रा. विनयचंद्रसूरि
21
""
11
"
11
महावीर उपसर्गाधिकार
महावीर चरित्र
73
"1
"
"
13
11
33
3
93
महिपाल चरित्र
चौढालिया
"
मंगलकलश - रास
"1
3 प्रतियां
- पूर्वभव 2 प्रतियां
27 भव-स्तवन
"
व अन्य स्तवन
"3
www.kobatirth.org
נ'
चौपई 2 प्रतियां
Machhodara Rāsa
Matisara Pradhana Katha
Madana Rekha Caupai
29
11
37
Mallijina Caritra
Mahavira Upasargādhikara
95
"
33
22
3 A
""
33
33
Caritra
Mahipala Caritra
ין
Caudhaliya
3 copies
Mangala Kalasa Rāsa
भाग / विभाग 4 ( अ ) - इतिहास व वृत्तान्त
Purvabhava 2 copies
99
27 Bhava Sta
vana
& Stavana
For Private and Personal Use Only
रुचिरविमल सुपरां
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
वा. मतिशेखर
प्रज्ञात
I
1
ऋ. रायचंदजी
I
1
4
जिन हर्ष
Caupal 2 copies वा. कनकसोम
संकलन
वीरदेवगfरण
11
33
लक्ष्मीहर्ष
प.
ग.
प.
ग.
प.
ग.
प.
11
ग.
प.
5
मू + ट (प.ग )
प.
Page #340
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जीवन चरित्र व कथानक :
प्रोपदेशिक- जीवन मा.
ऊपर दृष्टांत
शीलविषये
11
"
19
11
ज्ञानरत्नोपरव्याने प्रो. सं.
तीर्थंकर - जीवनी
17
"
"
93
13
17
11
33
6
जीवन- प्रसंग
जीवनी
:
चरित्र
=
"1
==
जी + भक्ति मा.
=
11
"
जीवन चरित्र
भक्ति + जीवन
31
=
दानपर- जीवनी
11
"1
महाकाव्य
13
#1
19
11
13
7
त्रा.मा.
मा.
11
प्रा.
प्रा.मा.
प्रा.
मा.
44
32
2
9
6
24 × 11 × 17 × 44
26 × 1 1 × 15 × 35
27 x 13 x 15 x 42
6,18,625 से 28 x 12 से 13
7
70
37
51
6
8
2
8
3
6,3
7
2
5
48
127
45
22
7,8
10
www.kobatirth.org
17
8 A
25 × 11 × 14 × 36 | संपूर्ण 33 ढालें
25 x 12 x 15 x 40
25 x 11 x 12 x 50
26 × 1 1 × 13 × 45
26 × 10 × 14 × 46
25 × 12 × 1 8 × 4 5
26x12 x 14 x 40
26/27 × 11
26 x 11 x 10 x 35
25 × 11 × 15 × 51
25 x 10 x 7 x 28
27 × 11 × 13 x 47
26×11x7x40
26 × 11 × 11 × 40
17
26 × 11 × 16 x 42
17
32
19वीं
अपूर्ण पहिले दो पन्न े कम 1678 द्रुनाटक
मोहनजी
संपूर्ण 160 छंद
18वीं
178 गा.
175/203 TT.
"
26 x 11 x 12 x 30
26 × 11 × 15 × 50 अपूर्ण छठे सर्ग से अंत तक 19वीं
17वीं
19वीं
39
19
11
|संपूर्ण
अपूर्ण गणधर वाद तक
संपूर्ण चार ढालें
"
11
31
93
9
"
11
"F
12
11
चार प्रकाश श्लोक 16वीं
2430
दूसरी पूर्ण 18
भव तक
85 छंद
1840 श्लोक ग्रं.
5059
पूर्ण 669 श्लोक तक
25 x 11 x 7 x 40
24 × 10 × 13 × 33 | संपूर्ण 21 ढालें
25 x 11 x 12 x 32
29 छद
19 पद
1816 श्लोक
142-3 गाथा
138 गाथा
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
[ 323
22 ढालें
10
1971
For Private and Personal Use Only
1874
1890/19वीं
1868 विक्रमपुरे धर्मविलास
"
1939 मार्तण्डपुरे दीपचंद 19वीं
17वीं
1793
19वीं
1761
11
कल्पसूत्रानुसार
1839 की कृति नागोर में
37
पहिली प्रति जीर्ण
नाप में भिन्नता है।
1768, 19वीं
19वीं
1849 सातसेण - राजेन्द्रसागर
ग्रं टब्बा सहित है
Page #341
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324 ]
भाग/विभाग : 4 (अ)-इतिहास व वृत्तांत
3A
के.नाथ 16/42 | मंगलकलश-चरित्र
Mangala Kalasa Caritra | विद्याकुशल
Madhavanala Caupai
पुरुषोत्तम
, ,
13/25 | माधवानल-चौपई 24/37 इ 42
कुशललाभ
| के नाथ गु. 6 532 , 5/97 533 | कोलड़ी 12/8 गु. । (कामकंदला) चौपई 534-5 कुंथुनाथ 14! 10
2 प्रतियां
2 copies , 41-2 536 | के.नाथ 4/26 | मनतङ्ग-मानवती रास Manatunga Mānavati Rāsal मोहनविजय
537 सेवामंदिर 44200
538 मुनिसुव्रत 4 अ 159
539
के नाथ 24/35
540
प्रोसियां 493
541 542-4
कोलड़ी 252 , 219,1102
1218
3 प्रतियां
3 copies
2 प्रतिया
2 copies
अनोपचन्द
545-6 | के.नाथ 19/103,
20/27
547
कोलड़ी 220
अज्ञात (तपगच्छ)
548
के.नाथ 19/17 मालवीऋषि-सज्झाय
Málavi Rşi Sajjhāya
मतिसागर
549
| कुंथुनाथ 42/4 | मुनिपति-चरित्र
Munipati Caritra
550
कोलड़ी 159
हरिभद्रद्वारा-उद्धरित | मू.ट. (प.ग.
551
के.नाथ 21/11
552 कुंथुनाथ 18/12 553 मुनिसुव्रत 3 5 242 | मृगापुत्र-सज्झाय 554 , 3 इ323 | , चौढानिया
Mļgāputra Sajjbāya
उदयसिंह
»
Caudbalia
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Page #342
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जीवन चरित्र व कथानक :
6
दान पर जीवनी
श्रौपदेशिक सहित्यिक
काव्य
श्रीलविषये प्रोप देशिक
"
18
"1
11
(सत्योपदेश) जीवनी
11
19
"
17
"
31
33
गुरुजीवन-गाथा
श्रोपदेशिक जीवनी
11
17
31
"1
31
7
मा.
"1
17
23
"1
""
17
"1
21
=
"
=
"1
31
"
"9
3
"3
STT.
प्रा.मा.
सं.
31
मा.
13
52*
19
8
19
22
16
25 x 11 x 15 x 45
22 x 15 x 16 x 30
26 x 11 x 15 x 44
गुटका
19 × 12 x भिन्न 2
1238 27 x 11 व 22 x 16
45
12800200
36
57
43
39
13
3
7
55
15
8 A
19
5
www.kobatirth.org
1
26 × 11 × 16 × 49 संपूर्ण 29 ढालें
27 x 10 x 13 x 52
321 गा.
27 x 11 × 15 x 45
25 × 11 × 13 × 44
22 × 1 1 × 1 3 × 25
25 x 11 x 14 x 41
11
25 x 10 x 11 x 34
26 × 11 × 14 x 40
26x11 x 16 x 40
11
26 x 11 x 6 x 40
11
26 x 12 x 15 x 44
"
19
"3
25 × 11 × 11 × 33 संपूर्ण 47 ढाल
24 × 11 × 16 x 40
12 *,626 × 12 व 24 x 11 संपूर्ण 8 ढालें
"1
550 गा.
31
557 T.
544 गा.
550 गा.
अपूर्ण 23वीं ढाल तक
संपूर्ण
25 x 11 × 14 x 42
40, 4, 22 24 से 27 x 11 x 15 प्रथम पूर्ण, बाकी की अपूर्ण 19 / 20वीं
"
19वीं
प्रथम संपूर्ण द्वितीय पूर्ण 18 / 18वीं
1783
"
"
#1
"
37
त्रुटक
संपूर्ण 648गा. 16
14 ढालें
50 गाथा
27 x 13 x 12 x 48
28 × 11 × 13 × 31 संपूर्ण 97 गा.
23 x 10 x 16 x 44
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
47 ढाल ग्रं. 14101836 राहसर
खुशाल सुंदर 1842
31
4 ढालें 25 गा.
For Private and Personal Use Only
1757
19वीं
1637 रत्नसागर जैनेत्तर कृत्ति
1728 श्रीरिणी कुंवर हरिराज विरविद्यालय | चिए सिणगाररस सातास कतूहल काज
1790
10
1809
11
18वीं
1802
1856
कथासह 16 कथानक सह 19वीं
20at
19वीं
1641
37
11
1767 मेडता, आर्याकिशनाजी 19वीं
325
प्रशस्ति है ।
Page #343
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326 ]
1
555 मुनिसुव्रत 4 110 मृगावती - चरित्र
556
के. नाथ 19/23
557 मुनिसुव्रत 4 109
558
के. नाथ 14/63
559
560
561
562
563
564
565
566
567
568
572
573
574
577
578
579
2
31
19
कुंथुनाथ 29/11
52/14
15/11 | मृगांक - कथा
10/15 | मेघकुमार गीत
17
11
1082
13
569 महावीर 4 अ 61
570
सियां 498
571
महावीर 441
सिंहकुमार राजा - कथा
के. नाथ 20/28 ( मुनि) रत्नकुमार - सज्झाय
मुनिसुव्रत 4 x 140 रत्नचूड़-चौपई
ओसियां 482
375-6 कोलड़ी 242-50
11
3
- प्राख्यान
यादव-रास
71
-सज्झाय
""
"1
www.kobatirth.org
3 A
Mrgavati Caritra
| मुनिसुव्रत 3 इ267
ओसियां 3 इ 209
कोनडी 154
मेघनाद कथा
Meghanāda Katha
कोली गु. 11/13 मोतीशाह सेठ का 7 ढालिया | Motiśāhe Setha ka 7 dhālia वीरविजय
के नाथ 29/19
के. नाथ 14 / 5 | यशोधर - कथानक
- चरित्र
सियां 3 इ 174 रत्नप्रभुसूरि-स्तवन
सेवा मंदिर 4 182 रत्नशेखर रत्नवती - कथा
29
Akhyāna
Mrgānka Katha
Meghakumara Gita
Sajjhaya
33
33
Yasodhara Kathanaka
Caritra
Yadava Rāsa
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भाग / विभाग 4 ( प्र ) - इतिहास व वृत्तान्त
Raṇasimha Kumāra Rājā Katha Ratnakumara Sajjhaya
Ratnacuda Caupai
समय सुंदर
For Private and Personal Use Only
"
कनक
"
(हीर विजयेर राज्ये तपगच्छीय)
4
जयसागर (जिनसागर
शिष्य)
11
क्षमा कल्याण (अमृत धर्म शिष्य)
पुण्य रत्न
कनकनिधान
"1
रत्नपाल- रास 2 प्रतियां | Ratnapāla Rāsa 2 copies मोहन विजय
Ratnaprabhu Suri Stavana ज्ञानसुंदर
Ratnasekhara Ratnavati Katha
चंपू कर्त्ता जिनहर्ष
प.
"
ग.
प.
11
ग.
प.
"1
मू. (पद्य)
गद्य
प.
ग.
प.
"
""
33
5
चंपू
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जीवन चरित्र व कथान::
[ 327
8A
|
10
।।
जीवन-चरित्र
25 x 11x15x46 | संपूर्ण 3 खंड 37 ढाल 1682 मेदनीपुर.
743 गा. ग्रं. 11011
धर्मसी 25x12x17x41 ,
1705
26x11x17x58 , , ग्रं. 1168 | 1716 देवीकर
पदमसी 26x10x13x40 | अपूर्ण द्वितीय खंड की | 19वीं
5वीं ढाल 26x11x16x60 , तीसरे खंड की ।
10वीं ढाल 27x10x11x32 सपर्ण गाथा 416 18वीं
प्रौपदेशिक-जीवनी| सं.
26x11x18x48
1646
26x11x13x48
, 43 छंद
1713
24x10x11x35
, 24 गाथा
1786
26x12x11x36
|
, 6 ढालें
20वीं
27x11 x 13 x 42
1574
(रावण पुत्र की
नहीं है)
जीवन चरित्र
20x13x14x27 |
, 7 ढालें
20वीं
34x21x23x32
प्रोपदेशिक-जीवनी | सं.
30x12x20x76
416 श्लोक
16वीं
28x12x13x49
|
, दसमें भव तक
19वीं दीपविजय
ऐतिहासिक-कथा | मा.
26x11x12x33
,
65 गा.
जीवन-चरित्र
29x 12x13x34
1865x राम
सुंदर 1828 तभन | उपदेशमाला के
गौतमविज उद्भव व मामा म्य 19वीं
की कथा
जीवन-प्रसंग
| 25 x 11 x 16 x 48
, 10 ढालें
प्रौपदेशिक-जीवनी
| 22x11x14x37 | ., 24 ढाले, ग्रं. 971 1945 सोजत
ऋद्धिसागर 15 | 22x11x14x45 | , 23 ढालें 19वीं कर्णपुर
अजबसुन्दर 25x12 x 14/15x ,, 4 खंड गा. 13300
ढाल 66, ग्रं 1700 19वीं
(दान पर)प्रौपदेशिक ,
40
"
15
भक्ति व इतिहास गीत ,,
27 x 11 x 12 x 50 | अपूर्ण दूसरे खंड की।
तीसरी ढाल 24x11 x 11x33 प्रतिपूर्ण
20वीं 24 x 10 x 15 x 60 | संपूर्ण 432 ग्रं., श्लो. 94| 1652 जोधपुर| संक्षिप्त संस्करण
तिथि विचार पर प्रा.सं.
प्रौपदेशिक |
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328 ]
भाग/विभाग : 4 (अ)-इतिहास व वृत्तान्त
2.
3A
___ 4
5
580
महावीर 4940 रत्न शेखर-रत्नवती-कथा
| Ratnasekhara Ratnavati जिनदर्ष
Katha
प्रोसियां 4 अ 189
Ratnavati Rasa
रत्नसुन्दरसूरि
कुंथुनाथ 52/13 रत्नवती-राम के.नाथ 24/64 राजमती पचढालिया कोलड़ी गु 9/9 रात्रिभोजन-चौपई
Rājamati Pancadhaliya
ऋषिरायचंद
Rātribhojana Caupai
समुद्रवाचक (चन्द्रसूरि
शिष्य) शुभचन्द्र भट्टारक
585
,
गु. 12/6
Ramakrişna Caupai
लावण्यकीति
587
के.नाथ 19,121 रामकृष्गा-चौपई ... 24/83 महावीर 4 30 राम-चरित्र
Rāma Caritra
देवविजय (रामविजय ग.
शिष्यतपगच्छीय मुनिकेशराज
589 | कुंथुनाय 12/215 रामयश-रसायन
Rāmayasa Rasāyana
590 | के नाथ 19/105
प्रौसियां 4 30 रामायण
Rāmīyaņa
शिवलाल
Rukmaņi Vivābalo
किसनदास
कुंथुनाथ 40/2_ रुक्मणी-विवाहलो | कोलड़ी 263 , -विवाह
,, Vivaha
के.नाथ 22/67 | रूपकमाला-चरित्र+वा.
595
सुव्रत 49141| रूपचंद अमरराय-रास
Rupakamālā Caritra+Bala| पुण्यनंदि/रत्नरंगो- |
पाध्याय Rūpacanda Amara Raya नयसुन्दर (भानमेरु | प. Rāsa
शिष्य ,, Rsi Rija Risa (मुनिटीकम)
596
, 44117 | रूपचंद ऋषिराज-रास
597
, 44162
कुंथुनाथ 55/2
चौपई
,, Caupai
केशर
मांडणो 2 प्रतिया
599- के नाथ 18-23.
600/ 14.9 601 | कोलडी 1341
,, Mandani | टीकममुनि
2 copies ., Mindani
,, मांडणी
602
कुंथुनाथ 16/3 | रूपचंद-चौपई
..
Caupai
केशर
603 मुनिसुव्रत 4 अ 170/ रूपसून्दरी-कथा+पांडव-कथा Rapasundari+Pandava
Katha 604 कोलडी 368
,, Katha
605 के नाथ
3/3 | रूपसेन-कथा
Rūpasena Katha
जिनसूरि
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जीवन चरित्र व कथानक :
| 329
6 7 8 तिथि विचार पर प्रा सं. | 17
प्रोपदेशिक
8A
9 10 28 x 12 x 14 x 49 संपूर्ण 219 श्लोक + गद्य 19वीं
।। विस्तृत संस्करण
27x13x11x33
20वीं निशाल.
रणछोड़ 19वीं 1635वीकृति
प्रौपदेशिक-जीवनी मा.
26x11x16x40
, 406 गा.
25x12x14x29 ।,
5 ढाल
16x13x13x18 0X11 X 15X18
, 264 गाथा
17वीं
तम्बा रोल x 13सेंटीमीटर
, 85 गाथा
19वीं
कृष्णचरित्र जैन
मान्यता
26 x 11 x 18 x 52 | ,, 6 खंड 1723 कुच उर
रत्नमुनि 26 x 11x14x45 अपूर्ण 5वें खंड की 8वीं । 19वीं
ढाल 26 x || - 13x39 | संपूर्ण 10 सर्ग ग्रं. 5000/ 17वीं
पद्मविजय द्वारा
संशोधित
हेमचन्द्रानुसार
रामायण जन मान्यता रा
कथा
24x11x10x34
, 62 ढाल ग्रं.4375 18वीं
25x13x15x48 |
1927
1680 की कृति
चार अधिकार
3413 गा. , 16 ढालें
25x11x19x47
1882
कृष्ण जीवन-प्रसंग
15x26 x 30x25
78 छद
1741
मा.
3
27x11x17x38
19वीं
प्रोपदेशिक-जीवनी प्रा.मा.
26x11x18x51
1582
जीवन-चरित्र काव्य मा.
।
प्रौपदेशिक जीवनी ,
25x11x15x47 |, 6 खंड गा. 1735 17वीं ऋषि
कुवरजी 26x12x16x61 , 11 ढाल,गा. 224 1702 मेड़ता | 1699 की कृति
पंचाइजी 25x12x11x41
| 18वीं
14x10x8x36
21 ढालें
1853
, 11 ढाल 224 गा 19वीं
26x11-16/18x
52 26x11x16x54
22x13x11x36 अपूर्ण 7 ढालों तक
26x11x17x54 संपुर्ण 2 कथायें
धर्मश्रवणे व विरक्ति- सं.
पर , जीवनी - मा.
1760 ग्रागरा (पांडवकथा भाग
वीरमजी वत स्कंधे 19वीं
26x10x15x46
प्रौपदेशिक-जीवनी सं.
25x11x17x36
1730
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Page #347
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330 ]
1
606
सियां 3 या 155 रोहाकथा-सम्बन्ध
4105
ललितांग- कथा
608 सेवामंदिर 4 178 लीलावती विक्रम - चौपई
के. नाथ 5/91
24/36
10/19
कुंथुनाथ 39/3गु
कोलड़ी
607
609
610
611
612
613
614
615
616
619
621
622
623
617
618 मुनिसुव्रत 4 149
624
625
627
628
"7
629
71
630
"
2°
11
238
23
2
"
11
11
वज्रकुमार ढाल
के. नाथ 19 / 101 वत्सराज देवराज रास
कोलडी 69/6
के. नाथ 15/151
23/68
"
"
17
620 मुनिसुव्रत 4165 वयरकुमार रास
के नाथ 15/47
19/3
15/210
महावीर 4 63 वस्तुपाल - चरित्र
के नाथ 19/34 | वासुदेव चौपई
626 महावीर 4 प्र / 9-10 वासुपूज्य चरित्र
ओसियां 4 153 विक्रम-चरित्र
महावीर 423
के नाथ 410
महावीर 45
11
11
3
"
37
17
"
33
के. नाथ 13/25 (सदय) वत्स - रास
सुमति - विलास
"
17
23
- चौपई
-रास
रास
प्रबन्ध
सज्झाय
विक्रमादित्य चरित्र
www.kobatirth.org
Rohakatha Sambandha
Lilauati Sumati Vilasa
Lalitanga Katha
Lilāvati Vikrama Caupai वाचनाचार्य श्रभय
יך
39
Vajrakumara Dhala
Vatsarāja Devaraja Rā a
23
3A
33
533
22
33
33
(Sadaya) Vatsaraja Rāsa
Vayarakumara Råsa
""
Caupai
Rasa
Rasa
Prabandha
Vastupala Caritra
Vasudeva Caupai
Vasupujya Caritra
Vikrama Caritra
Sajjhāya
"
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भाग / विभाग : 4 ( अ ) - इतिहास व वृत्तान्त
Vikramaditya Caritra
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"1
विनयचंद
लाभवजन
उदयरत्न
31
लावण्य समय
""
11
4
रत्नवल्लभ
सत्यसागर (भोजसागर शिष्य )
अज्ञात
अज्ञात
कुलसूरि
जिन हर्ष (जयचन्द्र शिष्य )
हर्ष कुल
वर्द्धमानसूर
रामचन्द्र (अभयदेव शिष्य )
""
प.
ग.
प
"
11
21
11
77
21
मू. ( प. )
ग.प.
31
( पंचदण्ड तपछत्रबंधे ) प.
शुभशील (मुनिसुन्दर शिष्य)
5
"
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जीवन चरित्र व कथानक :
[ 331
6
7
8
8 A
9
11
10 | 19वीं जिनसुंदर
26x11x13x48 | संपूर्ण 6 ढालें
प्रौपदेशिक-बुद्धि |
दृष्टांत जीवनी
26x11x21x56
1562 सिरोही
कुशलधर्म 19वीं
मा.
।
20x11x13x35
308 गाथा
1724 की कृति
.. विक्रम
जीवन-प्रसंग
25x11x13x31
26x10x14x37
29 ढाल,गा. 6000
जीवन-चरित्र ,
27x12 14x47
346 गा.
1840
22 x 16 x 12 x 32
. 21 ढालें
1913
, जीवनी
27 x 11 x 17 x 62
, 4 ढाल
19वीं
जीवन चरित्र,
| 26 x 12x20x50
..
6 खंड
1699
.. जीवनी
,
26x11x17x50
चुटक
19वीं
26x11x19x47 | केवल 2 पन्ने मात्र अपूरणं 20वीं
25 x || x37x116) संपूर्ण ढाल 45, गा.964 19वीं
23x10x11x39 |, 4 खंड
1799
,, जीवन-चरित्र ,
काव्य
प्रशस्ति है (मूल
प्रति?)
27x10x13x52
, 685गा. I.1011 1637
जीवन-चरित्र
26 x 11x15x52
89 गा.
17वीं
26x11x11x41
(पहिलापन्न 10 | 19वीं
गा. कम) ,, 146 गा.
पूर्ण में 89 गाथा
होती है
25x11x13x33
26x12x13x50
27x13x15x36
, 8 प्रस्ताव
प्रशस्ति
कृष्ण-जीवनी
25x11x17x52 |
,, 356 गा.
18वीं
तीर्थकर-चरित्र
191
4
27x13x12/13x
39/ | 31x11x15x53 |
सर्ग, श्लो.4330/1949प्रमदाबाद
नरोत्तम ग्रं.2550 | 1490
ऐतिहासिक-जीवनी
.,
| 26x11x17x52
1670
29x11x18x48 | अपूर्ण प्रस्ताव (ग्रं. । 17वीं
1928)+5वें के 37श्लो. | 30x14x11x55 | संपूर्ण 12 प्रकम 19वीं
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332 ]
भाग/विभाग : 4 (अ)-इतिहास व वृत्तान्त
1
3A
2
3 | महावीर 4 1 विक्रम-कालीदास-प्रबंध
(प्रबंधचितामणि से)
प.
Vikrama Kalidasa Pra-
bandha Vikramasena Caupai
632 मुनिसुव्रत 4 9 143 विक्रमसेन-चौपई
परमसागर (लावण्य
सागर शिष्य)
633 | कोलडी
232
634
___ 231
,
635 | के नाथ
गु. 8
636
के नाथ
गु । क्रिम-परचोर-कथा
Vikramakhipara Coraलाभवर्द्धन
Katla Vikramāditya Caupai
637
कोलड़ी 216 | विक्रमादित्य-चौपई
638 | के.नाथ 5/107
| कोलड़ी 1220 | विक्रम- कथा
Vikrama Katha
640 | के नाय 2186 | विक्रमचरित्र चौपई
Vikrama Caritra Caupai | हीरकलश
641
| महाबीर 4 976 | विक्रम-कथा
,
Katha
अज्ञात
642 | कोलडी 226 विक्रमसेन-चौपई
Vikramasena Caupai
मानसागर
643
के.नाय 587
644 | कोलड़ी
163 विजयचंद्र केवली-चरित्र
| Vijayacandra Kevali
Caritra
645
के नाथ 22/61
चंद्रप्रभुसूरि
646
| कोलडी 1216 |
(सागरचंद्र शिष्य) ?
647
कंथुनाथ 18/2 | विजयसेठ सेठानी-सज्झाय | Vijaya Sethe Sethani
रायचंद
Sajjhāya 648-9 के.नाथ 15/236,
2 प्रतियां
2 copies | हर्षकीत्ति 26/44 650 | कंथुनाथ 10/142 विद्यापति-कथा
Vidyāpati Katha
651
के.नाथ 6/92/ विद्याविलास सौभाग्यसंदरी- Vidyivilāsa Saubhagya
कथा
Sundari Kathā महावीर 4 455 विमलनाथ-चरित्र
Vimalanātha Caritra
652
ज्ञानसागर (रत्नसिंह) मू+प
653
के.नाथ 10/101 निमलवसही-प्रबंध
Vimalavasahi Prabandha
654
महावीर 4438
,
-रास
,,
Risa
लावण्यसमय
| कोलड़ी 847
"
-रास
"
Risa
656
मुनिसुव्रत 44 142
,,
Rasa
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जीवन चरित्र व कथानक :
ऐतिहासिक जीवन सं.
प्रसंग
"
11
11
6
97
"
जीवनी
प्रोपदेशिक कथानक पुण्यप्रसंगे - जीवनी
17
ऐतिहासिक जीवनी
31
""
11
,, जीवन-चरित्र
"1
11
71
जीवन-चरित्र
"1
#1
12
11
शीलपर प्रौपदेशिक
चरित्र
"1
जीवन-चरित्र
प्रोपदेशिक जीवनी
तीर्थंकर - चरित्र
जीवन-चरित्र
मा.
"
"
31
11
"1
"
11
11
31
सं.
मा.
71
प्रा.
:
=
मा.
75
सं.
11
13
मा.
13
13
3
31
42
8
46
80
20
23
13
54
34
10*
222 223
32
42
19
26
190
12
22
8
6
141
5
85
31
40
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8 A
30 × 14 × 17 × 42 प्रतिपूर्ण
25 × 11 × 19 × 51 संपूर्ण 64 ढाल, गा..
1311
24 x 10 x 15 x 45
,, TIT. 1315
26 x 10 x 16 x 50
26 × 11 × 13 × 48
25 × 11 × 14 × 34
28 x 11 x 17 x 62
16 x 14 x 17 x 16
त्रुटक
22 × 19 × 22 × 32 संपूर्ण 20 ढालें
22 x 11 x 13 x 34
27 ढालें
27 x 12 x 17 x 51
27 x 11 x 7 x 46
25 × 12 × 20 × 44 अपूर्ण 22वीं ढाल तक |
26 × 11 × 15 x 54
26 × 11 × 12 × 37 संपूर्ण 759 गा.
28 x 14 x 17 x 42
175 श्लो
52 ढाल
26 x 11 x 8 x 32
26 × 12 x 13 / 16 x 40 26 × 11 x 15 x 44
"1
25 × 11 × 16 x 46
""
25 x 10 x 16 x 43
"
"
"
31
11
11
19
"
21
39
9
"
13
अपूर्ण 2865 गा. संपूर्ण 89 गा.
11
"
1519 ar
1064 गा ग्रं.
ग्रं. 1400
28 x 13 x 16 x 43
25 × 11 × 13 × 38 अपूर्ण
25 × 11 × 11 × 34 संपूर्ण 9 खण्ड
32 x 11 x 21 x 54
21 गा.
ग्रंथात्र 504
37 अनुच्छेद
5 सर्ग 5650 ग्रं.
1330
9 खण्ड + 10वीं
चूलिका
17
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19at
1727 मंडल,
नरसागर
10
1762
1816
19वीं
1814
1832
19at
16वीं
19वीं
1852
1797
1818
1485
1863
71
19वीं
13
1695
19at
1958, राहेण सूरजूदास
19at
1662
1690 रामपुर
हंस विमल
18वीं
[333
11
1724 की कृति /
प्रशस्ति है
अंतिम 10 पंक्ति
पालक पुत्र कथा
Page #351
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334 J
भाग/विभाग : 4 (प)-इतिहास व वृत्तांत
3A
Viradhavala Caupai
देवराज
Viiāngada Caupai
पद्मविजय
Vaidarbhi Caupai
प्रेमराज
657 के नाथ 29/11 वीरधवल-चौपई
| कोलड़ी 235 | वीराङ्गद-चौपई 659 मुनिसुव्रत 4 अ 121 वेदर्भी-चौपई 660 | .. 4 120 661 | के नाथ गु. 6 ) 662 | मुनिसुव्रत4 में 122 ,
2 प्रतियां
2 copies
663-4 के.नाय 15-79,
24-60 665 | कोलड़ी 248 शंख-कलावती-दृष्टान्त
Sankhakalāvati Drstāntaपजसवंत
666 | कुंथुनाथ 39/3 | शालिभद्र-सिलोको (श्लोकाः) | Salibhadra Siloko
| रंगविसंघवी-सूत
667
मुनिसुव्रत 4 4 167
668 | कुंथुनाथ 55/10 ., चौढालिया
,, Caudhaliya पदमचदसूरि (पासचंद
वडतपगच्छी) महावीर 4 4 14 | शालिवाहन-चरित्र sālivāhana Caritra
शुभशील (मुनिसुन्दर
शिष्य) 670 पौसियां 49887 घासनदेवी-रोहिणी कथादि Sisanadevi Rohini Kathadi
महावीर 4 अ 27 | शांतिनाथ-चरित्र
śāntiñatba Caritra
जिनकल्लभ/--
मू.वृ. (प.ग.)
प्रोसियां 4 986
मुनिदेवसूरि
673 | महावीर 4925
जिनप्रभाचार्य
674
माणिकचन्द्राचार्य
,, 4 4 24
के.नाथ 4/22 676 मुनिसुव्रत 4 4 145
अजित प्रभसूरि
भावचद्रसूरि
677
के नाथ 23/48
महावीर 4 473
कोलड़ी 160
680
के नाथ 5-66
11-28 16-43
681
682
13-38
अजीतप्रभसूरि
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जीवन चरित्र व कथानक :
[ 335
6
7
8
8A
___10
।।
जीवन चरित्र
26x11x23x63 | संपूर्ण 8 ढाल
20वीं
|
|39
26x12x13x40
1875
रुक्मणी विवाह प्रसंग ,
25x11x15x43
,
ग्रं. 250
17वीं
26x11x15x40
17वीं बीकानेर
22x15x17x18
1742
26x12x16x41
,, ग्रं. 205
1704 लालचंद
22 x 12 व 25 x 11
20वीं
शील परजीवनी
26x11x13x45
194)
जीवन-प्रसंग
22x16x12x32
,
46 गा.
1913
25x11x14x28 | अपूर्ण
18वीं
23 x 11 x 13 x 44 | संपूर्ण 4 ढालें
1729x पृथ्वी
विमल 1961 सूर्यपूरे
28x13x13x42
, 1723 श्लोक
जीवन चरित्र महा- सं.
काव्य कथानक
| 15x10x12x20 प्रतिपूर्ण
19वीं
तीर्थंकर-चरित्र
27x11 x 15 x 45 | संपूर्ण 33 गा. 1531 अमदाबाद चरित्रपके
धर्मसेन 25 x 11 x 17x66 , ग्रं. 4845 1520 उज्जैन
झनकसुत 26x11x15x52 , ग्रं. 5000 प्रस्ताव | 16वीं
28x12x15x46 , पं. 50001612लालध्वज
कर्णगणि 26 x 11 x 15 x 42 , 8 प्रस्ताव ग्रं. 5001 1697 26 x 11 x 17x52 |, 6511 (पहिला | 1684 जोधपुर 1535 की कृति
पन्ना कम) मानसिंह | 25x11x17x51 संपूर्ण 6 प्रस्ताव 1763
25 x 12 x 15 x 48 26 x 12 x 15 x 55
1824 शुद्धदंति
नंदलाल 1882 फलोदी
गुलाबविजय 19वीं
25x11 x 15 x 35 | अपूर्ण
26 x 11 x 15 x 48| अपूर्ण (बिल्कुल)
26x12x17x48
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336 ]
683
684
1
685
686
687
688
689
690
691
692
693
695
696
694 महावीर 4 33
के नाथ 3/16
13/31
707
708
704-6 के नाथ
709
711
697 मुनिसुव्रत 4 136
698
के. नाथ 6/63. 701 11/98, 24/82 5/61 702-3 कोलडी 69/7
1099 11-5,
14-132, 6-15
के नाथ 10/94
सियां 483
के नाथ 14-131, 17-59
712
713
""
15
10
?
कोरड़ी
शांतिनाथ - रास
के नाथ 13 / 19 |शांन चौपई
कुंथुनाथ 23/11
कोमड़ी 213
महावीर 4 ग्र 76 शीलवती - कथा
के. नाथ 13/18
- चौपई
14/14
कोलड़ी 1332
368
शीलसेन - कथा
नाथ गुटका 5 पक्षी कृष्णपक्षी - चोवई Suklapakşi Krsnapaksī
Caupai
13-10
श्रीपाल - चरित्र
Ścipāla Caritra
"
251
कोलड़ी
1-34
142
सियां 1 97
"
"}
"
""
"1
"
"
"
11
3
33
"
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-रास
4 प्रतियां
2 प्रतियां
सावचूरि 3 प्रतियाँ
2 प्रतियां
3A
Santinath Rasa
śāmba Pradyumna Caupai समयसुन्दर
Silavati Katha
"
Caupai
""
33
Rasa
Šilasena Katha
भाग / विभाग 4 ( ) - इतिहास व वृत्तान्त
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4 copies
2 copies
ज्ञानगागर
17
सामजिक सूरि
दयासारमुनि
कुशलधीर
राजहंस
रत्नशेखर
"
"
11
i.
4
21
गुणसागर
ज्ञानविमल
जयकीर्त्ति
प.
""
का
प.
2 copies
3 copies | रत्नशेखर / क्षमाकल्याण मु . ( प.ग )
लब्धिसागर
सत्यराज गरिए
न. (५)
5
मू.ट (प.ग ) मू. (प.)
प.
71
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जीवन चरित्र व कथानक :
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[ 337
6
7
8
8A
10
तीर्थंकर-चरित्र | मा.
25x12x16x36 | संपूर्ण 66 ढाल गा. 1398/1888
ग्रं. 2200 27x12x15x38 , 21 ढालें (2 खंड)| 1671
जीवन-चरित्र
27x11 x 13x44
19वीं
26x11x15x44
, 2 खंड 21 ढाल,
542 गा. 222 श्लोक
शील विषये-जीवनी
28x14x17x42
1952x | शीलोपदेशमालागोकुलदास
वृत्ति 18वीं
26 x 12x17x52 |, 23 ढालें
26x11x17x63 | अपूर्ण 9वीं ढाल तक | 19वीं
126x11 x 17x42 | संपूर्ण 124 गा.
| 26x10x15x46
19x13x11x17
, 135 गा.
26
26x11x17x55
सिद्धचक्र माहत्म्ये | प्रा.
जीवनी
26x11x15x52
.. 1341 गा... | 1540 शिष्य हेमचन्द्र द्वारा 1674
1428 में लिपिबद्ध 1580x
रामविजय 1334 गा. 1674
26 x 11x13x38
26x11x15x43
प्रामा. | 133
26x13x7x29
,, 1343 गा., ग्रं. - 1676
1674 , 1343 गा., ग्रं.
| 1847 जोधपुर
5000 राजेन्द्र प्रथम 2 पूर्ण अंतिम 2
प्रथम प्रति प्रथाय 1853 लिखे हैं
प्रा.
21
53,21, 26x11x भिन्न 2 22,12
अपूर्ण | 19वीं
2,23 | 25x10 व 25x12 | अपूर्ण
16/20वीं
प्रथम प्रति में चित्र 1
120
12162
..
प्रा.सं.60,125. 26 से 32x11 से 15 | संपूर्ण ग्रंथान 3022 | 19/20वीं 30x12x13x53
, 505 श्लोक 16वीं 25 x 11 x 16 x 46 | , 491 श्लो. ग्रं.500/ 1869 विक्रम
पुर बखतसुंदर 18,1826x11325x12 | 475/90 श्लोक | 19वीं
19
25x11x 13x37
13X37
,
ग्र.500
26 x 12 x 17x52 | , | 25 x 11 x 16 x 33
1795 1873 विक्रमपुर
4 प्रस्ताव
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338 ]
3A
45
714 कोलड़ी 860 | श्रीपाल-चरित्र
Śripāla Caritra
जयकत्ति
"
,
2 copies
715-6 | म्हावीर 4932
66/ 717 | कुंथुनाथ 3/55 |
718 मिवामदिर 44176
3 प्रतियां
, -Caupai 3 copies | जिनहर्ष
719- के नाय 21-50-91 21
5-42
मू. (प.)
722
के नाथ 13-1
" -Rasa
विनयविज्य 30
यशोविजय
723 , 20/37 724 | कोलडी 208
725-7 | कुंथुनाथ 13-60
। 6-15, 18-13
,, 3 प्रतियां
3 copies
728-9 मुनिसुव्रत 4 135
2 प्रतियां
2 copies
37
130-
31
2 copies
के नाथ 10-109
14-133
, 2 प्रतियां
मू.बा. (प.ग.)
"
,4 प्रतियां
4 copies
मू.पद्य
2 copies
मू.ट. (प.ग.)
,,
Caritra
732- कोलड़ी 206 209
_ 3 10,1165/ 736-4, 205-7
,2 प्रतियां 738 | मुनिसुव्रत4 अ 174 , , 739 प्रोसिया 4 अ 94 , -चरित्र 740 मुनिसुव्रत 3 5323| श्रीपूज्य प्राचार्य-गीत 741 | के नाथ 19/101 श्रीमती-ढाल
मुनिसुव्रत 4 9 1 32 अकराज-कथा कोलड़ी 215 , -चौपई
| देवमुनि (जिनसौभाग्य
सूरि शिष्य) भिन्न 2
Śripūjya Ācārya Gita
Śrimati Dahla
Śrukarāja Kathā
माणिक्यसुंदर
,,
Caupai
शोभाचंद
744
के.नाथ 15/189 श्रेणिकराजा-चौपई
Śreņikarāja Caupai
भुवनसोम
745 | महावीर 4 ग्रः
षट्पुरुष चरित्र
Şațpuruşa Caritra
के नाथ 19/10 | सज्झाय ढाल-संग्रह
Sajjhāyadhila Sangraha | संकलन
747 सेवामंदिर 49 194| सतन कूमार-नौढालिया
Sanatkumāra Naudhaliya महानंद
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जीवन चरित्र व कथानक :
[339
6
8A
|
10
11
सिद्धचक्रमाहत्म्ये
जीवनी
सं.
26
25 x 12 x 15 x 60 | संपूर्ण 4 प्रस्ताव
19वीं
44,47| 27x11 x 12/11 - |
26x12 x 12x34
1825
23x10x9x27 |
20वीं
(मूल प्राकृतानुसार)
25 से 26 x 11 से 12 | संपूर्ण ढाल 21 से 49 तक 19वीं
34
26 x 12 x 15x40
, 4 खण्ड 41 ढाल | 1828 1270 गा.
1831
26x11x15x39
25x11x14x40
ग्रं. 1833 | 1831
"
10 103,48, 26 x 13x12/15x 68
361
.,
,
19/20वीं
| 56,24 24 x 11 x 13/8 x 40 प्रथम पूर्ण द्वितीय अपूर्ण 19वीं
(चौथा खंड) व टब्बार्थ 60,33 | 26 x 11 व 25 x 12 | अपूर्ण चौथा खंड मात्र | 20वीं
78,75, 24 से 27x11 से 13 | प्रथम तीन पूर्ण, चौथी | 19वीं 44,5
अपूर्ण | 25 x 12 व 27x13 | प्रथम पूर्ण द्वितीय चौथा | 19वीं जोधपुर
खंड मात्र 25x11x15x48 प्रपूर्ण
18वीं
72,45
24x12 x 20x48 | संपूर्ण चार प्रकाश
1937
1917 की कृति
गुरुभक्ति व इतिहास
जीवन-प्रसंग
जीवन-चरित्र
24 से 26 x 10 से 11 | 7 आचार्यों के कुल 13 | 18वीं | गीत संस्कृत में
गीत (1 बीसवीं का) 26 x 12 x 20 x 50 | संपूर्ण
19वीं 26 x 11 x 17x58
18वीं x धनजी शत्रुञ्जय माहत्म्ये 25 x 11 x 12 x 48 , 786 गा , ग्र. | | 19वीं
1179 26x11x15x50
1707
प्रोपदेशिक-कथायें
28 x 13 x 14x30 , लक्षण वर्णन कथा- 19वीं
सह | 26x12x20x50 | , 38 जीवनियां
:
जीवन-प्रसंग
6 प्रकार के धार्मिक
भेदों से रूपक प्रायः प्रसिद्ध (सात अप्रसिद्ध की अलग प्रविष्टियां करदी है)
*
मो. जीवन-प्रसंग
26x12x13x34
| 20वीं
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340 ]
भाग/विभाग : 4 (अ)-इतिहास व वृत्तान्त
1
.2
3
3A
4
5
748 | के.साथ 19/13- सनत्कुमार चक्रवर्ती-रास
- Sanatkumāra Cakravarti
Rāsa
पुण्य रत्न
749
कोलडी 245
अज्ञात
750-1 महावीर 4 32,57| समरादित्य-चरित्र 2 प्रतियां | Samarāditya Caritra प्रद्युम्नसूरि
2 copies 752 मुनिसुव्रत 3 इ323 | समुद्रपाल ऋषि चौढालिया | Samudrapala Rsi Caugha. उदयसिंह
liyā 753 | कुंथुनाथ 54/3 || सम्यक्त्व-कौमुदी Samyaktva Kaumudi
कोलड़ी 1077 , 812
मू.ट. (ग)
755
756 | महावीर 4 979/
757
के.नाथ 11/113
758
के.नाथ
4/15
शांतिसागर
मूल (पद्य)
759
के नाथ 23/53
मु.ट (पग)
760 | के.नाथ 6/106
761
के नाथ 21/81
पद्यानुवाद
विनयचंद
762
के.नाथ 21/13
763 | कोलडी
151 | सागरचंद्र राजर्षि-कथा
Sagara Candra Rajarsi | जिनहर्ष
Kathā Sayara Setha ki Caupai | (हेमनंदन)
के.नाथ 19/87 | सायरसेठ की चौपई
765 मुनिसुव्रत 4 169 सिकडाल-संधि
Sikadāla Sandhi
खेममुनि
कोलड़ी 147| सिंहासन-बत्तीसी
Simbāsana Battisi
क्षेमकरणमुनि
767
| औसियां 6 इ39
हीरकलश
768
के नाथ 21/86
।
कोनडी गु1/13/
।
770
।
सेवामदिर 4
196 कुंथुनाथ 41/5
771
।
772
।
, 19/2 773 | कोलड़ी गु. 3/2
।
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जीवन चरित्र व कथानक:
[ 341
8A
___10
11
प्रो. जीवन-प्रसग
मा.
26x12x13x44
1274 गाथा
18वीं
1637 की कृति
26x10x15x56
" 85 गा.
15वीं
1677 की कृति
जीवन चरित्र काव्य सं.
30x14 व 28x13
9 प्रकरण ग्रं. | 20वीं
4874 , 4 ढालें
प्रशस्ति व भूमिका है। हरिभद्रानुसार
जीवन-प्रसंग
26x11x14x52
1768
सं.
25x11x17x44
, 7 कथानक
17वीं
सम्यक्त्व ऊपर
कथायें
24 x 12 x 6 x 30
अपूर्ण पन्ने 10 से 94 | 1821
अंत
130x13x9x45
संपूर्ण
26X13x15x53 | , 7 कथायें
1883 पौहार्ण
गुलाबविज 1955 नागौर
नरोत्तम
26x11x15x45 | केवल 2 पन्ने प्रारंभ के
अपुर्ण 27 x 11 x 14 x 42 | अपूर्ण 1482 श्लोक
पहिला पन्ना कम
26x12x6x32
त्रुटक
| 26 x 12 x 5 x 35
| अपूर्ण केवल 5 पन्ने
प्रारंभ के 26 x 12 x 17x51 संपूर्ण 42 ढाल, ग्रं. 1 700 26x12x15x42
1856
1850 की कृति
23x13x13x32
, 8 ढालें, गा. 224 | 19वीं
अष्टादश स्थान ज्ञान,
पर दृष्टांत कथा जीवन-चरित्र
26x11x16x45
,
227 गा.
1804
25x11x17x54
| 1771 x ऋषि
मोटाजी 1485
विक्रमकथा,भोजदर
बार में
23x11x14x45
, 32 कथायें
26x11x19x70
1753 मनुदेश
की सिमलसेव 19वीं
26x11x12x37
15 x 13 x 15 x 20 अपूर्ण (24 कथा तक)
24x10x15x40 त्रुटक
18वीं
19वीं
अंत में चंद्र कुमार
कथा अधूरी
25x17x11x20| संपूर्ण 32 कथायें | 23 X 14 x 18 x 4 | अपूर्ण 3 कथा | 15 x 14 x 16 x 22 , 18 कथा
1784
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342]
1
774
779
775-6 के नाथ 9 32, 26/68 अ
777 मुनिसुव्रत 4 119
778
780
781
782
784
785
786
महावीर 4 58
के. नाथ 6/31
783 सेवामंदिर गु 5 दे
787-8
790
792
793
794
795
796
798
799
91
800
कोलडी 282 सिंहासन बत्तीसी-सज्झाय
801
11
2.
के नाथ 15/71 सीता -रास
15/73, 227
789 मुनिसुव्रत 3३275 सुभद्रासती गीत
"
18 29
27
""
सियां 2/249,
4 अ 96
के. नाथ 19/80
19/94
19/55
कोलडी 1175
30
"
17
1970 सुदर्शन सेठ-ढाल
चरित्र
13
Sajjhaya
सीताराम चौपई दो प्रतियां Sitarāma Caupai 2 copies समयसुंदर
Lakşamana Caritra अज्ञात
""
23
के नाथ 19 / 13 सुर्मास्वामी - रास
कुंथुनाथ 36 1
सुपय- रास
क्रम 36
के नाथ 29/91गु सुबाहु-संधि
3
33
- लक्षण - चरित्र
"
71
17
प्रबन्ध
11
13
सुरप्रिय चरित्र
सुरसुन्दरी - चरित्र
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2 प्रतियां
2 प्रतियां
3 A
Simhasana-batt|si
11 / 35 (स्थूली) थूलभद्र चंदाइए
39
S tā Rāsa
33
Sudarsana Setha Dhala
"
39
35
Caritra
""
33
Sudharmasvāmi Rāsa
Prabandha
Suppaya Răsa
Subahu Sandhi
22
कुंथुनाथ 20/18
797 मुनिसुव्रत 3323 सुरुपिऋषि - चौढालिया
के नाथ 9/43 सुसद- चरित्र
सेवामंदिर 4 175 सोमकथानक +5 व्यवहार Somakathanaka+5 Vyavahāra
के. नाथ 15 / 231 स्थूलभद्र - चरित्र
Subhadra Sati Gita
2 copies
Surapriya Caritra
Surasundari Caritra
भाग / विभाग 4 ( अ ) - इतिहास व वृत्तान्त
:
Surupi Rşi Caudhāliyā
Susaḍha Caritra
Sthulibhadra Caritra
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I
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सकलकीत्ति
कवि दीपौ
पुण्यरत्न
T
2 copies | विनयचंद
पुण्यसागर
!
19
4
वाचक जयनिधान
धर्मवर्द्धन
(,, ) धर्मंसी
(,,)
नय सुन्दर
प्रज्ञात
अज्ञात
"1
(,,) Sthūlibhadra Candaina गुण सौभाग्यसूरि (प्रसिद्ध नाम जयवंतर
प.
11
ग.
प.
11
मू. ( प. )
प.
13
"1
37
13
"
मू. प.
ग.
13
5
प.
Page #360
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जीवन चरित्न व कथानक :
[ 343
11
6 7 8 8A
9 10 विक्रम कषा, भोजदर मा. | 2 27x11 x 19 x 48 संपूर्ण 3 ढालें = 66गा. | 19वीं ।
बार म जीवन-चरित्र , 16,1025x11x15x35/| अपूर्ण
51 जन मान्यतानुसार, 26x11x19x54 | संपूर्ण
18वीं
सौता के जीवन प्रसंग
24x11x14x40
, 36 गा.पं.54 | 1744
26x11x15x45
, 35 गाथा
19वीं
जीवन चरित्र मोक्ष
25 x 12 x 15 x 29
1939
27x12x16x35
.8 परिच्छेद ग्रं.
1955
900
26x11x15x36
, 144 श्लोक
19वीं
पीलपर-जीवनी,
मा
17x12 x 12 x 14 6 से 8 व 22 से 120 | 1901
गाथा 26 x 12 x 13 x 44
18वीं
जीवन-चरित्र
प्रोपदेशिक-जीवनी प्रा
,
79 गा.
1544
16 x 13 x 15 x 24
18वीं
सुखविपाक 1
25x10 व 26x11 |
87 गा.
19वीं
जीवन-प्रसंग (शील
2
25x11x 13x35
, 36 गा.
, 5 ढालें
20वीं
5,12*26x11x12/14x
35/ 27x11x15x42
जीवन-चरित्र प्रो.
8
,
1709
शील व नवकार
माहत्म्य पर
26x12x15x42 |, 4 खंड-619 गा.|| 1825
25 x 11 x 15 x 54 | अपूर्ण 3 खंड-+-71 गा. 19वीं 25x11 x 12 x 48 लगभग पूर्ण (प्रथम व
अंतिम पन्ना कम 26x12x11x38 | | संपूर्ण 510 गा. 20वीं
जीवन-चरित्र मोक्ष ,
25x11x17x52
, 35 गा.
19वीं
प्रोपदेशिक-जीवनी प्रा.
25x11-13x44
,
,517 गा. (प्रथम
पन्ना कम)
26x12x16x46
, नियम ऊपर मा. बीवन-चरित्र
26x11x13x36
,
25x11x13x34
148 गा. (पहिला
पन्ना कम)
॥
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344
1
802
803
804
805
806
807
811
812
813
814
815
816
817
818
819
820
821
822
823
824
10
2)
कुंथुनाथ 2/39 स्थूलिभद्र रास
के नाथ 15 / 226
14/16
14/67
13/33
"
2*
,"
10-51, 18.0 19-66-102
कुंथुनाथ 18 / 14
के नाथ 14:73
कोलड़ी
264
गुटका 9/9
156
"
21
"
17
""
"
"
17
"
"
"
3
कवित्त
"
गुण-रत्नाकर
स्नात्र-पंचाशिका
नवरसौ 4 प्रतियां
सज्झाय
के नाथ 10/
महावीर 4 अ 3
हरिविक्रम चरित्र
सेवामंदिर गु. 2 दे हंसराज ( वत्स ) बच्छराज -
चौपई
के नाथ 19/119
5/98
कोलड़ी
9/2
कुंथुनाथ 55 / 24 हंसाउली- चौपई
के नाथ 13/25
सेवा मंदिर 4 198 हीरविजयसूरि चोपई
"}
प्रबन्ध
चौपई
11
77
"
"
+ बा.
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825 कुंथुनाथ 9 / 113 हीरसूरि कथा
826-7 के नाथ 15-46, हीरा रूपचंदऋषि-रास
45
2 प्रतियां
Sthūlibhadra Rasa
39
33
33
39
39
""
23
,
33
"1
3 A
Kavitta
Guna Ratna
kara
Snātrapañcāśikā
37
33
Navaraso 4 copies
Sajjhaya
دو
Harivikrama Caritra
Prabandna
Hamsaraja Vatsarāja
Caupai
25
Hamsauli Caupai
+Bala
भाग / विभाग 4 (प्र) - इतिहास व वृत्तान्त
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Caupai
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लालमोहन
"
भगवतीदास
सहजसुन्दर
उदयरत्न
11
Hiravijaya Suri Caupai
Hirasuri Kathā
Hira Rūpacanda Rsi Rāsa कान्ह
2 copies
17
शुभवीर
वीरविजय
शुभशील
4
32
जिबच्छराज
प.
19
21
"
"
"
ग.
आगमिक जयतिलकसूरि पद्य. (चरित्रसूरि शिष्य ) जिनोदयसूरि ( तिलक सूरि शिष्य )
मू.बा. (ग)
11
""
"
11
"
5
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जीवन चरित्र व कथानक :
6
जीवन-चरित्र
17
"
"
"
11
11
21
,, (शीलवेली)
"1
"
"1
11
11
प्रोपदेशिक जीवनी
11
जीवन- प्रसंग
मा.
11
पूजाफल पर दृष्टांत सं.
जीवनी प्राचार्य की
श्रौपदेशिक जीवनी
cho
सं. मा.
सं.
तीर्थे राज चरित्र
दानपर प्रो. जीवनी मा.
मा.
31
"1
11
=
11
71
=
"1
37
"1
7
11
"1
11
12
4*
5
2
17
8
19
7,2, 111*,9
2
3
12
गुटका
20
34
100
23
38
37
गुटका
18
52*
2
18
5,5
www.kobatirth.org
A
23 × 12 × 28 × 90 संपूर्ण 107 गाथा
25 x 11 x 13 x 34
108 गा.
26 x 11 x 14 x 37
26 × 12 x 17 x 45
26 x 12 x 15 x 43
22 से 27 x 12 से 14
25 x 11 x 19 x 50
26 x 11 x 13 x 42
25 x 12 x 12 x 36
16 x 12 x 13 x 20
27 x 10 x 13 x 32
28x12 x 11 x 37
25 x 12 x 12 x 42
26 x 10 x 11 x 29
21 × 1 3 × 11 × 25
26 × 11 × 13 × 40
27 x 10 x 13 x 52
23 × 11 × 17 × 42
26 × 13 × 11 × 36
26 × 10 × 14/13 ×
32
17
|
"3
13
""
"
11
11
21
27
93
11
"
9 पद
"
4 अधिकार
23
9 ढालें
""
ग्रंथा 108
11
17 ढाल
48 कथायें ग्रं. 775 1924
30 × 15 × 16 × 56 संपूर्ण 12 सर्ग ग्रं. 7450 20वीं
23 x 20 x 28 x 32
4 खंड
18वीं
"
11
=422 TT. 19at
अपूर्ण
संपूर्ण 413 गा. पर
46 ढालें 910 गा.
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"
प्रथम 2 पन्न कम
488 गा
अपूर्ण गा. 25 से 79
11 ढाल
19वीं
50 कथायें ग्रं. 431 1693
संपूर्ण 395 गा.
89 गा.
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
(345
10
अंत तक
17वीं
19वीं
1784
1800
19/20at
19वीं
1879
1839
1850
19af
1628 नवानगर
1637 रत्नसागर
19af
18वीं
19वीं
।।
Page #363
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346 ]
भाग/विभाग : 4 (प्रा)-ऐतिहासिक, भौगोलिक
1
3A 45
2
3 | के.नाथ गु.। | अडमठ तीर्थ-स्तवन | महावीर 3 अ 7 | अंगुलविचार-सत्तरी
68 Tirtha Stavana
सोमहर्ष
Angula Vicāra Sattari
मुनिचन्द्रसूरि
कुंथुनाथ 363 अंतरीक्ष पाश्व-स्तवन
Antariksa Parsva Stavana | लावण्यसमय
| के नाथ 17/29 | पाबूग्रादि लेख-संग्रह
Ābūādi Lekha Sangraha
के नाथ गुटका 10 प्राबू विमल शाह-छंद
Abūvimalašāha Chanda
कंथुनाथ 52: 2एकविंशति स्थानक-प्रकरण |
Ekavimšati Sthāraka
| सिद्धसेनसूरि
मू. (प) मू.ट (पग)
के.नाथ 14 138
के नाथ 11:26
9
के.नाथ 18/56
10 महावीर 447
मू.ट. (पग)
11
औसियां 2/236
के.नाथ 1199
4 प्रतियां
4 copies
13-6 के.नाथ 13729, 15/36,26/59
15/90
Osavamsa Utpatti
| कोलड़ी 1275 प्रोसवंश- उत्पत्ति 18 | के.नाथ 29/57 प्रोसवालों की उत्पत्ति
Osavālonki Utpatti
| के नाथ गु 22
,, के गोत्रों की उत्पत्ति |
,, ke Gotron ki Utpatti
कंथुनाथ 5/107 प्रोसवाल (भीलड़िया बोहरा)/ Osavala Gotrotpatti
गोत्रोत्पति
. गुटका
प.
गुटका 1 | कापड़हेडा अष्टक व स्तवन | Kāpadaheda Astaka हर्षकूशल+ग्रानंद-
Stavana
निधान ,, 15/224 , पार्वतीर्थ-रास
,, Parsva Tirtha Rāsa दयारत्न
43/7
, पार्श्व-रास
»
Pārśva Rasa
लक्ष्मीरत्न
24
के नाथ
गु ।
, पार्श्व-स्तवन
,,
, Stavana
वेणीराम
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Page #364
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व अन्य वृत्तान्त : -
6
तीर्थों की नामावली |
नापपद्धति
तीर्थभक्ति व इतिहास मा.
प्रावू, गोडवाड़ पंच
तीर्थी, शत्रुञ्जय, तारगा के शिला लेखों की नकलें
तीर्थ इतिहास
तीर्थंकर जानकारी
21 द्वारों से
11
11
11
19
11
"1
"
21
ऐतिहासिक, न्यात गोत्र का
- बापना व चौपड़ा गोत्र के
11 पत्र इतिहास
संवत् 535 से 1365 | तक 42 पीढ़ियों की
विगत
तीर्थ इतिहास
"
"
7
11
मा.
प्रा.
सं.
मा.
SIT.
प्रा.मा.
प्रा.
11
प्रा.मा
11
17
प्रा.
मा.
19
19
77
33
"1
11
13
2
3
2
48
6
3
42
5
4
9
6
8
5
8
13
16
187*
3
3
2
2
8A
www.kobatirth.org
→ 3 × 19 × 21 × 27 संपूर्ण 25 गा.
29 x 12 x 17 x 59
70 गा.
26 x 10 x 14 × 42
7.6,4,225 से 26 x 10 से 12
21 x 10 x भिन्न 2
20 x 12 x 16 x 25
25 x 10 x 14 x 39
25 ×11×5×31
24 x 11 x 5 x 31
27 x 13 x 7 x 42
25 x 11 x 5 x 35
22 × 15 × 18 × 15
23 × 15 × 12 × 14
"
"1
26 x 11 x 12 x 35
23
25 x 11 × 15 × 52
22 x 19 x 22 x 32
=
"1
25 x 11 × 7 x 36
26 × 12 × 13 × 35 संपूर्ण 65 गा.
66 गा.
11
"
70 गा.
अपूर्ण पन्न े 2 व 3 कम हैं
"1
11
9
52 छंद
17 x 13 x 17 x 24 afaqui
12 x 15 x 17 x 15
5 लेख
103 TT.
69 गा.
प्रथम 3 पूर्ण, अंतिम 52
गा.
11
69 गा.
11
"
67 IT.
अपूर्ण
प्रतिपूर्ण
22 × 19 × 22 × 32 | संपूर्ण 84 -34 गा.
43 TT.
+ 2 पत्र अलग हैं।
40 गा.
26 गा.
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1814
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1594
10
19 वीं
19वीं
"}
19वीं
16वीं
17at
1727
1893
=
1811विक्रमपुर अंत में 2 गाथायें भीमविजय
अन्य हैं
19वीं
31
1814
1797
19वीं
[347
1814
11
1695 की कृति
Page #365
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भाग/विभाग : 4 (प्रा)-ऐतिहासिक, भोगौलिक
3A
4
1 2 • 3
25 | के.नाथ 29/4 | केसरियाजी-छद
Kesariyaji Chanda
26-7 कोलड़ी 311/332 , रास 2 प्रतियां , Rasa 2 copies दीपविजय कुंथुनाथ 18/11 | क्षेत्र-विचार
Kșetra Vicāsa औसियां 2 अ 138 , महावीर 2/69 | क्षेत्रसमास (बृहत्)+वृत्ति | Ksetra Samāsa जिनभद्र मलयगिरी के नाथ 9/29
+वृत्ति
, +Vrtti , हरिभद्र
मू.व. (प.ग.)
मू..
औसियां 2/152
कोलडी 103
के.नाथ 13/26
+बा.
+Bala.
मू.बा. (प.ग.)
मू. (प.)
+
मू+अ (प.ग.)
मुनिसुव्रत 2/266 36 के नाथ 11/82
कोलड़ी 105 | कुंथुनाथ 38/3
मू.ट. (प.ग.)
के.नाथ 10/93
महावीर 2/67
+वृत्ति
+Vrtti
,,
हरिभद्र
मू..
के.नाथ 13/45
रत्नशेखर
1/14
+Vrtti
मू.व. (प.ग.) मू.ट. (प.ग.)
6/28
23/21
+
मू.अ. (प.ग.)
|,
21/13
106
+बा.
+Bala
पं. दयासिंह मू बा.
मुनिसुव्रत 2/267 | कोलड़ी 107 | , 1122
मू. (प)
मू. (प)
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1349
| 7
8 |
8A
|
10
।।
मा.
22x11x14x32 संपूर्ण 45 गा.
1939
तीर्थ इतिहास, मराठों के समय की घटना तीर्थ इतिहास
भक्तिरास जैन भौगोलिक
4,3 | 26x11425x12
19ों
25 x 11 x 10 x 30 अपूर्ण
25 x 11x9x41
1885 वाराणसी
कुशल सुंदर 16वीं
| मूल की गा 637
प्रा.सं.
26 x 11x15x54 संपूर्ण ग्रं. 7087
26 x 10 x 14 x 50 | अपूर्ण (ग्रं. 495 पूरे के)|
नमि. सजल गा 109
26x12x11x40 संपूर्ण
.. गा. 109
26 x 11x9 x30
1608
,, गा. 136
प्रा मा.
26x12x14x40
1654
गा. 188
प्रा.
प्रा सं. | 10
गा. 94
प्रा.मा.
18
गा. 153
26 x 12 x 6x42
1687णगढ 26 x 11 x 15 x 40
17वीं 26 x 11 x 5 x 35
1700 27x12 x 10 x 33 , (तीसरा पन्ना कम) 19वीं 26 x 12 x 7x42 अपूर्ण 163 गा. तक 26 x 13x15x37 संपूर्ण ग्र. 511 20वीं
प्रा.
,, गा, 246 ,,गा (अपूर्ण)
प्रा.सं. - 14
,, गा 109
30x12x19x86
, 160 गा.
16वीं
प्रा.सं.
17वीं
26 x 12 x 21 x 55 | 26 x 10x7x34
प्रा.मा.
261 गा.
प्रा.सं.
28x12x7x40
, (पहिला पन्ना कम
25x11x13x41
263 गा.
1742
25x11x16x54 265 गा. (ग्रं. 1783
270) प्रा.मा. | 128 | 26x12x16x45 , 262 गा. (ग्रं. 1803 जोधपुर नक्शे 194 ग्रं.
4117)
प्रमाण गिने हैं प्रा. 13 22x10x13x35
, 465 गा. 1832 प्रा.मा. | 41 | 25 x 11 x 4x32 | संपूर्ण (पहिला पन्ना कम) 1837
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भाग/विभाग : 4 (प्रा)-इतिहासिक, भौगोलिक
1
2 .
3A
प्रोसियां 1/140 क्षेत्रसमास
Kşetra Samāsa
रत्न शेखर
| मू.ट. (प ग.)
51 | कोलड़ी 104
+बा.
+Bala
, /पार्श्वचंद मू बा. (प.ग.)
प्रौसियां 2/141
मू (प)
कोलड़ी 1155
कुंथुनाथ 32/6
2 प्रतियां
2 copies
55-6| के.नाथ 21/19
10/32 |
18/5
कुंथुनाथ 42/8
के नाथ
9:34
+बा
+-Bala.
दयासिंह
मुनिसुव्रत 2/324
+वृत्ति
+Vrtti
के नाथ 15/173
मू ट. (प.ग.) मू. (प) मू. बा. (प.ग.) मू. वृ. (प.ग.) मू. (प) म् वृ. (प.ग.) मू (1) मू.व. (प ग) मू.ट. (प ग.) मू.व. (प.ग.)
6/52
11/69
सोमतिलक
23/8
+वृत्ति
+
,
,
देवसुंदर
6/55
5/47
26/76 | ,, 15/175
कुंथुनाथ 14/11
-चौपई
Caupai
मतिसागर (गुण मेरु
शिष्य)
महावीर 2/68
71
के.नाथ 23/13
Bālāvabodha
2 copies , Suca Yantra | सुमति वद्धन
ग. तालिका
72-3 | के.नाथ 13/49,
, बालवबोध 15/78
2 प्रतियां 74 | कुंथुनाथ 2/15 , सूचायंत्र 75 ... 25/5 | खंडाजोयण 76 | के नाथ गु. 16 | खंडेलवालों की उत्पत्ति
Khandājoyaņa
Khaņdelavalon ki Utpatti
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[ 351
6
7
8
8A
___10
जन भौगोलिक
प्रा.मा.
25x12x4x28
11869 महिमापुर
लक्ष्मीरम 1882
25x11x4x40
,
265 गा.
26x11x18x60
, 262 गा.
19वीं बीकानेर नक्शे सह
25 x 11 x 13x36 26 x 12 x 12 x 40
(पहिला 19वीं
पन्ना कम) 264 गा,
22,24] 29x12426x11
262 गा.
प्रा.मा.
2025x12x15x34
प्रा.
7
27x11x8x56
16वीं
प्रा.मा.
25x11x17x55 | अपूर्ण खंड 3 गा. 20 तक 17वीं
गा 389-1-20
प्रा.सं.
13
25x12x11x56
1782 कर्म वा
दालत सागर 18वीं
प्रा.
9
26x11x13x45 त्रुटक
प्रा.मा.
26x11x4x36 | अपूर्ण 128 गा. तक
19वीं
प्रा.
26x11x17x62 | संपूर्ण 384 गा.
1516
प्रा.सं.
27x11x15x42
17वीं
प्रा.मा.
| 23x12x4x26
|, 103 गा.
1844
(सिरिवीरजिणं
दिय
प्रा.सं.
26x11x15x50 | अपूर्ण बीच के पन्ने
16वीं
26x11x17x56
17वीं
26x11x11x40
19वीं
रचना संवत् 1594
| 27x10x16x52 | संपूर्ण 43 उल्लास गा. | 1639
636 | 26x12x17x47 578 गाथा 17वीं
9
26x11x23x72
19वीं
..
26 x 11 व 25 x 10 | अपूर्ण 27 x 12 - संपूर्ण नक्शों सह 1940 26 x 12 x 21 x 54 , नौ वां पन्ना कम | 18वीं 15 x 15 x 13 ~ 13 | प्रतिपूर्ण
1747
अंत में मांकित की 123 पमा 34 गोत्रों की उत्पत्ति
इतिहास
सह
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352 ]
भाग/विभाग : 4 (प्रा)-ऐतिहासिक, भौगोलिक
3A
के नाथ 29/23 | गांगाणी-स्तवन
Gāngāņi Stavana
समयसुंदर
Jasavilāsa
Jambūdvipa Vicāradi
Jambūdvipa Sangrabaņi
हरिभद्र
मू.अ. (ग.प.
78 | सेवामंदिर गु. 5 ति| जसविलास
| के.नाथ 15/41 | जंबूद्वीप-विचारादि कुंथुनाथ 18/7 | जंबूद्वीप-संग्रहणी +अ. सेवामंदिर 2 9 263 | नौ सया 2/245 सेवामंदिर 2/370
मू. (प.)
मू.ट. (प.ग)
84 | मुनिसुव्रत 2/261
| गौसिया 2/188
., 2/299
85 |
87-8| के.नाथ 10/37 व
2 प्रतियां
2 copies 21/5 89 | 15/192| जनबद्री (गोमटेश्वर) यात्रा | Jaina Badri Yatra
ग. (पत्र)
माणकचंद अग्रवाल
(गर्ग)
90 | प्रौसियां 4 पा7
के नाथ 15/85 तीर्थमाला-स्तवन
Tirthamala Stavana
92 सेवामदिर 4 या 15 तीर्थकर-कल्याणकादि
Tirthankara Kalyāṇakādi
ग. तालिका
93
के नाथ 18/83
3 प्रतियां
,
,
3 copies
94-6 महावीर 3 पा 104
10-13
,
, 8 प्रतियां |
,
, 8 copies
97- | कुंथुनाथ 4/94, 104 14/39-40,
34/7-9, 37/16, 13
105- | महावीर 4 9 44 |
से 4651
,, च्यवनादि 4 प्रतियां
, Cyavanidi
4 copies
107- मुनिसुव्रत 3 इ321
10]
,, नामावली 2 प्रतियां
,, Namavali
2 copies
111- | महावीर 771-2
12]
, राशि आदि
2 प्रतियां
,, Rasi Adi
2 copies
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[ 353
6
7
| 8 |
8A
10
11
तीर्थ इतिहास भक्ति मा.
25x11 x 13x33 | संपूर्ण
17वीं
प्राचीन नाम
अर्जुनपुरी बीकानेर से शत्रुञ्जय
यात्रा
तीर्थ यात्रा वर्णन,
15x10x28x28
61 पद
25x11x15x47 |
19वीं
जन भौगोलिक+
अंतरीक्ष जन भौगोलिक
प्रा.सं.
25x11x5x54
, 30 गा.
1778
26x11x15x43
18वीं
25x11x18x52
18वीं x
विनय विजय 11844 जैस नमेर बीजक-सह
26x12x4x33
, 29 गा.
20x10x4x22
1847
26x12x4x35
, 30 गा. ग्रं. 15019वीं मेघविजय
26x11x11x37
, पाणं नि
28x11 व 25x11
19वीं
24x12x17x35
1879
बाहबलिप्रादि दक्षिण हि. भारत तीर्थ मात्रा
वृत्तांत
43x11x12x48
1928विक्रमपुर
तीर्थ संबन्धी इतिहास मा.
26 x 11x14x50
19वीं
सं.मा.
26x11
-
भिन्न 2 पन्ने प्रतिपूर्ण
भिन्न-2 द्वारों से
__ जानकारी
17/18वीं
26 x11x10x28 | प्रतिपूर्ण
19वीं
4,2,5
25 से 28x11 से 13
19/20वीं
मा.सं.
1,1,1, 20 से 26x9 से 15 2,1,5, 12,1
| मा. | 2,5,9, 20 से 26 x 11 से 12 अप्रथम 3 पूर्ण, चौथी अपूर्ण| 19, 20वीं
| 22x10x भिन्न 2
प्रतिपूर्ण
19वीं
| 13,2 | 26x12x
,
तीर्थंकर ज्योतिष
जानकारी
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354 ]
3A
5
ग. तालिका
113 | महावीर 4 अ 48 तेवीस युगप्रधान-यंत्र
| सेवामंदिर 2/377 द्वीप-विचार कोलडी 1217 धनुपृष्ठाद्या नयनप्रकार
Tevisa Yuga Pradhana
Yantra Dvipavicāra
संकलन
मू.ट.
।
Dhanuprsthdāyā Nayana.
prakāraḥ Naraka kā Vsitānta Gaccha
116
सेवामंदर 4 या 13 नरक का वृत्तान्त
।
| के.नाश 5/81
पट्टावली-उपकेशगच्छ
Pattāvali-Upakeśa Gaccha
।
118
के.नाथ 15/240
, -पोसवाल-गच्छ
,
Osvāla Gaccha
।
-कडुवामति-गच्छ
-Kaduvāmati
।
के.नाथ 17/26 के नाथ 15/104
-खरतर-गच्छ
-Kharatara Gaccha
।
121ौसियां 29 152
।
122 | महावीर 4 या 3
।
123 सेवामदिर 4 या 14
।
124
के.नाथ
5/27
।
125 | महावीर 4 पा-2
।
126 सेवामंदिर 4 प्रा-100
ग. तालिका
।
।
127_ कुंथुनाथ 17/12 128.. 14/29
।
,
5 प्रतियां
, 5 copies
।
129- के नाथ 15/19933 221, 18/72,
19/106
29/55
134 | कुंथुनाथ 15/52
।
135
कोलड़ी 848
-Tapagaccha
।
" -तपगच्छ (बड़गच्छ
शाखा)
136
कोलड़ी 849
।
137 |
।
138
कोलड़ी 929
।
139
कुंथुनाथ 14/1
।
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व अन्य वृत्तान्त :
[355
6
9
10
11
7 | 8 | 8A प्राचार्य सम्बधी | मा. 2 26 x 12x -
जानकारी जंन भौगोलिक प्रा.मा.
24x11x4x25
प्रतिपूर्ण
19वीं
18वींx
पं. श्रीलाल 1477
26 x 11 x 24 x 62 संपूर्ण
नरकों की जानकारी
26x12x13x54 प्रतिपूर्ण
20वीं
प्राचार्य पाट-परंपरा
26 x 11x14x35संपूर्ण
1689के बाद की अंत में साधु समा
चारी भी है 19वीं
25x11x16x43 अपूर्ण
30 x 16 x 17 x 50 | संपूर्ण
26x10x15x48
1555
123* 26x12x11x40
, 10 श्लोक
26 x 11x19x56
16वीं युगप्रधानों के ही
विवरण 17वीं साथ में अन्य संलग्न
इतिहास 1701 के पास- 68 पाट तक
पास 1796
24x11x8x48
25x11x11x40
26 x 11x15x50 संपूर्ण 60वें पाट राजसूरि 18वीं
तक 26 x 13 x .- भिन्न 2 पन्ने 68वें पाट 1834 के पहले 26 x 10 x 16 x 50 अपूर्ण 40 पीढी तक 19वीं 26 x 11 x 15x65 संपूर्ण
तक
2,22, 24 से 28 व 10x14 16.9
25 x 11 x 12 x 40
, जिनराजसूरि तक 194)
30x12x13x30
1767 के लगभग
30x11x11x32
1814x
प्रमोदविजय 19वीं
कल्पसूत्र वाचनान्त
26x11x13x40
"
65 पाट तक
गत
24x11x -
69 पाट तक
11x24x -
, (दो बार लिखी हैं)
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Page #373
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356 ]
भाग/विभाग : 4 (प्रा)-ऐतिहासिक, भौगोलिक
।
2.
3
3A
4
5
140-
ग. तालिका
43
कथुनाथ 18/31 | पदावली-पार्श्वचदगच्छ | Pattāvali Parsvacanda 34/11-12
4 प्रतियां
Gaccha 4 copies 12:213/
,, -खरतरगच्छ
, -Kharatara Gaccnel
-
१.
धाबत (हावत)
,, -Dhābaita
लाभसूरिद
146
, Labhasuri | वाचक बिनयभक्ति
147
144 कुंथुनाथ 10/194
के नाथ 19/45 ..17/62
26/10 3गु ... 23/29 | 149 सेवामंदिर 4 या 13|
| कुंथुनाथ 33/5
,, -लाभरि धाबत
(द्वावत) , खरतर गच्छ अन्य
32 , -सामान्य
| संकलित
,, Kharatara Gaccha
etc General
148
-भिन्न 2
Different
150 |
, -मामान्य
Gen:ral
ग. तालिका
151- | महावीर 2/99 से परिचिउपाय-यत्र 3 प्रतियां Paridhi Upayayantra 53 101
3 copies
154
के नाथ 26/11037. पार्श्व ओंकारेश्वर तीर्थ
Pārsva Onkāreśvara Tirtha
155
ग्रौसियां 2/238 पांचमा यारानाभाव
Pancamā Ārānabhāva
ग.प.
156 | के.नाथ 17/40 प्राचीन जैन बौद्ध शिलालेख | Pracina Jaina Bouddha
प्रशस्ति आदि
epigrams etc
157
कोलड़ी
447 | बीसविरहमान 11 बोलादि |Bisa Viharamana 11 Boladi
158
महावीर 3 इ15
नामादि
,,
Namidi
159 सेवामंदिर 4 या 1 भंसालियों की वंशावली
Bhansaliyon ki Vamsavali
ग. तालिका
160
अज्ञात
| औमियां 2/172 | भूगोल व अंतरीक्ष विचार.
सग्रह के नाथ 1892 | भौगोलिक-तालिकायें
Bhugola & Antariksa
Vicăra Sangraha Baugolika Tālikāyen
161
संकलित
:
162
Mangala Paccisi
163
कुंथुनाथ 37/13 मंगल-पच्चीसी के.नाथ 10/50 | मनुषक्षेत्र-समास .. 29/56 | यतिकलह
Manuşakşetra Samāsa
164
Yati Kalaba
165 | महावीर 4 949
यूगप्रधान नाम प्रायू पर्यायादि Yuga Pradhana Yantra
यत्र
भद्रबाहुप्रगीत देवेन्द्र-| ग. तालिकायें
सूरियंत्रित
166
|,
4450
167 | प्रौसियां 2/230 | लोकनालि द्वात्रिंशिका+अ | Lokanali Dvātrinsika
मू+अ(प.ग.)
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व अन्य वृत्तान्त :
"
प्राचार्य पाट परंपरा सं.मा.
21
"1
11
11
6
,
जैन भौगोलिक
तालिका
भौगोलिक श्रागमा
नुसार भूगोल विविध बोल
"1
मा.
:
जैन लोक स्वरूप भूगोल
1=
तीर्थ इतिहास
सं.
युगन, भविष्य - मा. वाणी
इतिहास एवं भाषा- सं. लिपि विज्ञान (प्राचीन)
भिन्न 2 द्वारों से जानकारी
संद्धांतिक जानकारी मा
व प्रौपदेशिक विधि
गोत्र की पीढियां
सं.मा.
मा.
7
"
=
""
तीर्थंकरों के 5 कल्याएक
जैन भौगोलिक
पालीताणा की घटना मा. का वृत्तांत दुःख प्राभूते जैनाचार्यों की नामावली
31
प्रा.
"
प्रा.सं.
1
1, 13, 1 24 से 26 × 8 से 12
10
8
7
प्रा.सं.मा. 12
20
21
1
1
2
8
8
26 x 12 x 13 x 44
25 × 12 x 20 x 56
26 × 12 x 15 x 45
26 × 1 2 × 14 × 38 | प्रतिपूर्ण स्फुट पत्र
26x12x
अपूर्ण 20वें पाट तक
8,8,8 25 x 12 x
प्रतिपूर्ण
6
11
38
12
4
6
3
34
8 A
27
2
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26 × 11 x 11 × 34
25 x 12 x 15 × 35
30 x 16 x 16 x 40
•30 × 11 x 15 x 43
26 × 12 x 13 x 35
25 × 11 × 20 × 56 संपूर्ण
25 x 12 x 10 x 34
29 x 10 x 40 x 18
29 x 14 x 11 x 27
संपूर्ण नाम मात्र
37
भिन्न 2
24 x 11 × 14 × 42
23 x 10 x 11 x 42
21 x 11 x 15 x 32
27 x 12 x 14 x 41
11
"
11
11
27
11
13
17
11
"1
11
9
21
11
69 पाट तक
5 पट्टावलियां
20 जिनेश्वरों की
31
25 गा.
11
95 गा (पहिला पन्ना कम)
2 बार 17 गा,
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26x12x –
किंचित् अपूर्ण
27 × 11 × 11 × 39 संपूर्ण 32 गाथा की
"1
11
19वीं
18वीं
18/19वीं
19वीं
20वीं
"1
18वीं
19वीं
"1
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10
20 वीं
1924
""
19वीं
31
"
"
2004 युगप्रधान |1841 स्तंभन,
की
कीर्तिभुवन
[357
11
साथ में आत्मप्रबोध
सज्झाय
पट्टावलीमा वर्णन
चरित्र
च्छ विशेष की नहीं
भिन्न 2 गच्छों की
च्छ विशेष की नहीं
19वीं
15वीं देवसुंदर अंतिम गाथा की | ( सत्यमेरु शिष्य ) अवचूरि नहीं
Page #375
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358 ]
भाग/विभाग : 4 (प्रा)-ऐतिहासिक, भौगोलिक
4
5
मू.बा. (प ग.]
12.
3A 168 के.नाथ 5/74 | लोकनालि-द्वात्रिशिका+बा.| Lokanāli Dvāuimsika
+Bala. 169 | , 15/8
, +बा.
, +Bala. 170
कुथुनाथ 3/62
__
मू. (प) मू.बा. (प ग.)
171
औसियां 2/158
1,
+बा
"
+Bala
172
| के नाथ 11/72
173.4
, 18/49
6/79
+बा. । 2 प्रतियां
+Bala. 2 copies
175 |
"
,
+बा.
"
+Bala.
116
मू+ट (प.ग.)
प्रोसियां 2/225
सहजरत्न कुंथुनाथ 4/84 177 | के नाथ 18/51 , ,, की अवचूरि , ,ki Avacuri ज्ञानसागर
कोलड़ी 1238 लोकान्तिक देवस्तव +अ. | Lokāntika Devastava
कुंथुनाथ 42/16 | शत्रुजय-कल्पस्तोत्र - बा.| Satrunjaya Kalpa Stotra | पादलिप्ताचार्य 180 के.नाथ 10/60 , कल्पस्तोत्र
मू.अ. (प.ग.) मू बा. (प.ग.)
179
+Bala.
मू.ट. (प.ग)
181 | प्रोसियां 2/416
, लघकल्प
, Laghukalpa
,,उज्झयंत रेवतगिर-कल्प
जिनप्रभ (तीर्थकल्प) पद्य faasis
182 के नाथ 8/12 183 मुनिसुव्रत 3 इ-245
„ Ujjhayanta (R)
Kalpa , Uddhāra Rāsa
, उद्धार-रास
नयसुन्दर
184 | , 35316
185 | कुंथुनाथ 25/6 186 | के.नाथ 10/15
187-8
,
19-42, 21-40
,
2 प्रतियां
,, 2 copies
"
, 7 प्रतियां
,, 7 copies
189-कोनड़ी 361 से 63, 95/ 1097/8,
1127-41
196
वामंदिर 4 प्रा-12/
197 - कोलड़ी 415
, नाम
,
Nama
198
445
, -माहात्म्य
,,
Māhātmya
धनेश्ववसूरि
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व अन्य वृत्तान्त :
[ 359
____ 6
7
8
8A
____10
26x11x4x45
, 32 गा.
16वीं
जैन भौगोलिक प्रा.मा
लोकस्वरूप लोकस्वरूप-भूगोल |
27x11x17x60
1695
| 23x11 x 10x33
(31वीं नहीं) 1805
प्रा.मा.
25x11x13x39
1844 पाली
26x11x7x37
19वीं
27x12 व 26x11| प्रथम पूर्ण द्वितीय में।
20 गा.
26x12x17x5
20वीं मांडवी
बदर 19वीं
प्रा.मा.
26x12x4x34
27x11x19x67
, ग्रं 150
16वीं
अंतरीक्ष देववर्णन
26x11x15x42
,
16 गा.
19वीं
तीर्थभक्ति इतिहास | प्रा.मा.
27x12x14x42
39 गा.
भद्रबाहुरचित, वज्र
स्वामी उद्धारित
26x12x6x40
1928
13*
26x13x16x30
1953
26x11-17x48
16वीं
26x11x15x56
111 गा.
1769
24x10x13x36
107 गा.
18वीं
26x12x12x48
, 119 गा.
1821
अंत में दिवाली
सज्झाय गा.
27x11 x 15 x 43
. 124 गा.
1848
25x12 व 28x12
114/122 गा. | 19वीं
7,4,9, 24 से 27x11 से 12 प्रथम 3 पूर्ण शेष 4 5,2,5,
अपूर्ण
27x12x11x43 संपूर्ण 121 गा.
तीर्थ नामावली
| 26 x 12 x9x36 | , 99 नाम
तीर्थभक्ति इतिहास सं.
25x11x19x60
टक प्रथम खंड 9 सर्ग - 18वीं
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3601
1
199
महावीर 4 ग्रा 4
के. नाथ
13/2
कोलड़ी 1142
के नाथ 21 /50
19/124
15/124
कोलड़ी 261
कुंथुनाथ 16/12
2079 के नाथ 18-76,
18-12
200
201
202
203
204
205
206
21012
219
220
221
213- कोलड़ी 243, 15 259-60 216-7 कुंथुनाथ 14/3, 9/123 218 कोलड़ी 308
सेवामंदिर गुटका उति
कुंथुनाथ 56/4
कोलडी 1184 - D
222
223
224
225
226
227
228
11
229
11
23-88
ओसियां 4 श्रा 5-8, 3 इ 203
2.
11
11
17
312
शत्रुञ्जय माहात्म्य
"
33
31
19
"
"1
33
""
12
""
""
19
71
22
"1
"
"
31
"
3
11
37
"
"
"1
महिमा वर्णन
?"
-रास
37
- उल्लेख
- विचार
17
-रास
13
21
"1
कुंथुनाथ 36/1
-स्तोत्र
क्रम 31
महावीर 3 इ 355 शास्वत जिनबिंब-स्तवन
3 इ 42
के नाथ 19 / 131 |
14/106 नाथ 5/108 महावीर 2/57 सत्तरिसय ट्ठारण
संघवर्णन
-स्तवन
3 प्रतियां
3 प्रतियां
3 प्रतिया
2 प्रतियां
+ अ.
+ अ.
+ बा.
जिनप्रतिमा संख्या
कथन
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Satruñjaya Mahatmya
ין
39
""
23
"
39
""
33
37
39
,, Mahimā varnana
"
33
33
33
3A
"
"
:9
Rāsa
22
33
20
35
"
"
Stotra
भाग / विभाग : 4 (प्रा) - ऐतिहासिक, भौगोलिक
Rasa
Vicara
3 copies
3 copies
For Private and Personal Use Only
,, 3 copies
2 copies
Sangha Varnana ऋषभ
Stavana
पार्श्व चंद
+ Bālā,
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Pratima Sankhyā Kathana
Sattari Saya Thāṇa
धनेश्वरसूरि
हंस रत्न
जिन हर्ष
प्रानंदनिधान
गुलाल विजय ( शिष्य ? )
समयसुन्दर
17
37
4
"
"1
सोमसुन्दर शिष्य अमृतमुनि
पद्मनंदि
Śāsvata Jinabimba Stavana देवेन्द्रमूरि /
,,1
, / कनकसो गरि मु.बा. ( प. ग.)
"1
जिनेन्द्रसागर
प.
सौमति कसूर
ग.
प.
ग.
प.
13
"P
21
13
"1
5
मु. अ. (ग. प.)
प.
"1
मू.ट. (प.ग.)
मूल
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[ 361
6
7
8
11
तीर्थभक्ति इतिहास
सं.
8 A
9 ___10 27 x 13 x 13x48 | संपूर्ण 14 सर्ग 1961 27 x 12 x 15 x 40 मूल की व्याख्या अपूर्ण । 19वीं
27 x 13x15x40 अपूर्ण 22 ढाल तक
तीर्थ वृत्तांत
26 x 13 x 11 x 32 | संपूर्ण
1897
,, इतिहास
25x13x15x351
1940
तीर्थभक्ति इतिहास
26 x 12 x 16 x 29
, 4 ढालें
19वीं
अंत में 21 गा. का
पौषधस्तव
24x10x7x26
, 7 ढालें
1929
5
26x12x14x42
1846
5,6,7 | 23 से 27x10 से 13 |
102/7 गाथा
19वीं
8,5,6 | 23 से 27x10 से 12
, 6ढालें 108 गा.. ,
"
5.4,6 | 25 से 26x11 से 12
19/20वीं
24x11 व 23x15
24x11x11x32
19वीं
नेमीदास की तीर्थ
यात्रा का तीर्थभक्ति इतिहास
अंत में स्तवन प्रेमविजय रचित
16 x 13x13x 20
"
45 गा.
1651
26x11x13x42
42 गा.
18वीं
27x11 x 17x60
53 गा.
17वीं
26x12x14x46
207
10 ढालें
1847
__24 श्लोक
1544
प्रतिमाओं की जान- प्रा.सं.
26x11x13x44
24 गाथा
18वीं
कारी
25x11x18x52
19वी हेमविजय
प्रा.मा. 5
26x10x11x34
22 गाथा
16वी
मा.
26x12x15x38
ढाल दोहे आदि
| 19वीं
प्रा.मा. | गुटका
| 16 x 23 x 11 x 20
46गा.
170 द्वारों से तीर्थ
कर जानकारी
1797 1616 सौभाग्यगरिम
26x11x15x51
359 गा.
For Private and Personal Use Only
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भाग विभाग : 4 (प्रा) ऐतिहासिक, भौगोलिक
3A
5
Sattarisayathāņā
सोमतिलक रि
मू.ट
मू.ल.
230 | के.नाथ 6/1 | सत्तरिसय ट्ठाण 231 , 21/28 | , 232 | महावीर 2/102 , यंत्र
कुंथुनाथ 10/133| समवसरण-स्तव
,
Yantra
ग. तालिका
Samavasarana Stava
मूल पद्य
234 महावीर 3 इ355| 235 , 3 इ355 , ,
सोमसुन्दर 236 , 4 ग्रा। सम्मेतशिखर-माहात्म्य Sammetasikbra Mahā. | लोहाचार्य
tmya 237 | के नाथ गु. 29 , रास
, Rāsa
सौभाग्यसूरि कोलड़ी 452 | सातसमुद्घात
Sātasamudghāta 239 | कुंथुनाथ 55 | सुवर्णगिरि मंडन महावीर | svarnagiri Mandana सारंगवाचक
-स्तवन
Mahavira Stavana 240 | प्रोसियां 2/297 | सूर्यशतक +अ. Sūrya Sataka
| मुनिसुन्दर शिष्य | मू.अ (प ग)
भाग : 5-जनेत्तर धार्मिक :
| महावीर 5 अ 25 | अग्निहोत्र-विधान Agnihotra Vidhāna कुंथुनाथ 14/56 | अजपागायत्री
Ajapāgāyatri 3मवामंदिर दे गु. 20 | अनुभव-विलास Anubhava Vilása
रामचरण 4-5 कुंथुनाथ 25/3-4/ अपराजिता-स्तुति 2 प्रतियां Aparajita Stuti 2 copies | स्कन्दपुराणे 6 , 14/53 | अभयमुखीदान-प्रयोग । Abhayamukhi Dāna
Prayoga 7 , 11/20 1गु| अर्जुन गीता
Arjuna Gila सेवामंदिर 5 अ 39 | अष्टाध्यायी-रुद्री Aștādhyāyi Rudri
के.नाथ 29/90 / असिद्धसाधिनी-विद्या Asidha Sadhani Vidyā भगवतीपुराणे 10 | आँसियां 6/37 | ग्रानन्द समुच्चय Ananda Samuccaya 11 | कोलड़ी 1311 | ऋषभ अवतार-चरित्र Rşabha Avatāra Caritra
12 | के नाथ 25/22 | एकादशी-कथायें
Ekadasi Kathāyen
| पुराणोक्त
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व अन्य वृत्तान्त :
[ 363
11
8 A
9 10 26 x 11 x 6 x 30 संपूर्ण 360 गा., ग्रं. 2000| 1679
170 द्वारों से तीर्थ- प्रा.मा. |
कर जानकारी
26x11x19x 60 | , 360 गा.
19वीं
तीर्थंकर जानकारी
26x12x -
172 द्वारों से
1896कलकता
देवराज 16वीं
समवसरण-विधान
27x11x13x38 |
,
69 गा.
26x11x17x54
,, 35 श्लोक
18वीं x रूपाक
25x11x20x70
33 गा.
18वीं
तीर्थभक्ति इतिहास | सं.
26x12x19x46
, 1800 श्लोक
| 19वीं
12 x 12 x 14 x 12
1933
1907 की कृति
25x11x14x60
समुद्घात प्रक्रिया
- वर्णन तीर्थभक्ति इतिहास |, 4 सूर्य संबंधी स्तुति | प्रा.सं. 6
25x11x10x32
. 100 गा. (चाया। 15वीं
, 4 गा.=42 ढालें 1734x
| मनोज्ञचंद्र पन्ना कम)।
27x11x13x54
(विभाग अ से प्रो):
यज्ञविधि
28x12x10x39 संपूर्ण
19वीं
भक्तिस्तोत्र
125X11x18x63
, 7 श्वोक
26 x 20 x 17x 20
,
72 पद
1926
पापपुण्य विरक्ति
चिंतन भक्ति स्तुति ।
23x10 व 17x12 !
1836 व 19वी
धार्मिक
19वीं
21 x 10 x 9 x 26 22 x 17
, 106 श्लोक
पूजा क्रिया
26x12x12x42 | अपूर्ण
18वीं
प्रारंभ में अरिष्ट
नेमिकोवचन
भक्तिमंत्र
25x13x 13x50 संपूर्ण
17वीं
27x13x11x29
19वीं
योग सम्बन्धी |, वैष्णवाम्नायानुसार मा.
| 27
8
21 x 15 x 23 x 21
अंत में राठौड़ों के जीवनप्रसंग व अफीम . भांग संवाद कात्तिक शुक्ला अधूरी
व्रतकथा
| सं.
21
27x11 x 17x51_ लगभग संपूर्ण-24
| 20वीं
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364 ]
भाग : 5 जनेत्तर धार्मिक :
1
3A
2
3 कुंथुनाथ 19/3गु.| एकादशी-कथायें सेवामंदर 4916
Ekādasi Kathāyen
पद्यपुराणानुसार
14
►
Mähatmya
| प्रौसियां 5 अ 13 , माहात्म्य कोलड़ी 861 | करुणा-निवास
Karuņā Nivāsa
मूलचंद
औसियां 3 इ 351 कलंकीराजा की उत्पत्ति
| Kalanki Rija ki Utapatti अज्ञात
कोलड़ी 931 | कालिकादेवी स्तोत्र
Kalikādevi Stotra
19 सेवामंदिर गु. 5 ति | कालिका-शतक
Kalika Sataka
कोतिनंदा
Kulārņavasara
महादेवोक्त
Krşņa Bhajana
कृष्णदास आदि
कुंथुनाथ 319 | कुलार्णवसार सेवामंदिर गु. 23 दे. कृष्णभजन
के.नाथ गु. 3 | कृष्ण व राम भक्ति-पद | कोलड़ी 1003 | कैवल्य उपनिषद्-दीपिका
Krsna & Rāma Bhakti | ढाढी निसांगिया व
Pada
| ढाढी सूरदास आदि Kaivalya Upnisad Dipika शंकरानंद
ग. टीका
के.नाथ 23/21 | खंडप्रशस्ति सह-व्याख्या
| Khanda Prasasti with
Vyākhyā
मू+ टी.(प.ग.)
के.नाथ 18/7 | खंड-प्रशस्ति | कोलड़ी 527 | गजानन-सहस्रनाम
Gajanana Sahasranama | महादेव ऋषि
27 सेवामंदिर 5937| गरुड़-पुराण
Garuda Purāņa
कुंथुनाथ 14/54 | गंगाष्टक
Gangástaka
Gita Govinda
जयदेव
कोलडी 1244 | गीत-गोविन्द
परि. 7 अ कोलड़ी गु. 7/4
परि. 7 अ कोलड़ी 1135
परि. 7 अ. के.नाथ 7/26 ., की टीका
परि.7 अ. के.नाथ 9/27
| परि.7 अ. 34 सेवामंदिर 3 इ345| गोरख बोल-सह व्याख्या
A 35 सेवामंदिर 3 इ345
ki Tikā
जगद्धर
Gorakha Bola with
Vyākhyā
गोरखनाथ
36 | कोलड़ी 1253| घटस्थापन यक्षिणी-साधनादि Ghatasthāpana etc.
गद्य मंत्र
| कुधुनाथ 32/27 | चामुण्डा-अष्टक
Cāmundā Aştaka
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(विभाग अ से प्रो) :
[365
6
7
10
11
| 8 | A
9 18x15x 15 x 21 | संपूर्ण 24 गा.
व्रत कथा
1793
140 | 29x36x16x20
1936
"फल
18 x 12 x 20 x 32 24 x 12 x 17x49 | , 42 छंद
1877,पांचूग्रामें
राज न्दर 1893
देवीभक्ति
वृत्तान्त
26x 12x21x42
18वीं
देवीभक्ति
23x11 x 11x34
28 श्लोक
16x10x33x19
" 102 गा.
1767
1708 की कृति
मोक्षशास्त्र
21x16x14x38
,
5 खंड (17 तरंग) 1835
Xxxxxx xx
कृष्णभक्ति
29x14x27x15 अपूर्ण
भक्ति पद
| 23x16x15x22
15 x 22 | प्रतिपूर्ण
सूरदास "ढाढी"
कौन है ?
आध्यात्मिक
28x14x13x39 संपूर्ण
दशावतार कथा
26 x 12 x 17x51 | अपूर्ण 86 श्लोक
29x13x14x46
|
, छठे अवतार तक
गणेशभक्ति
प्राचीन धार्मिक
कथायें भक्ति स्तोत्र
32x14 x 14 x 34 | संपूर्ण 1000 नाम 24x10x9x 42 अपूर्ण तीसरे अध्याय तक 17वीं 25x10x13x40 | संपूर्ण 9 श्लोक 19वीं 25 x 11 x 15 x 52 | ,, 12 सर्ग 1707 23 x 15 x 11 x 23 | अपूर्ण 11वें सर्ग तक 1746
भक्ति गीत
24x11x11x344
सर्ग तक
19वीं
26x11x17x60 |
| संपूर्ण 12 सर्ग की
पहिला पन्ना कम है
25x10x13x42 | 2 से 9 सर्ग (पन्न 13
से 46) 26x10x14x64 | प्रतिपूर्ण
सारदीपिका नाम्नी टीका
प्राध्यात्मिक
17/वीं पं. ___ नयणसी
25x11x12x32
धार्मिक क्रिया कांड सं.
31x15x20x66 | त्रुटक
1868
देवी भक्ति
26 x 11 x 10 x 42 | संपूर्ण 8 श्लोक
19वीं
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366 ]
भाग : 5- जैनेत्तर धार्मिक
1 2
3
3A 38 के नाय 29/92 चामुण्डा व क्षेत्रपाल-छंद । | Camunda & Ksetrapāla
Chanda 39 सेवामंदिर 5928 चौथमाता-कवित्त Cauthamālā Kavitta | सेवक भवानीदास
,
| के.नाथ 29/61 | (केरड़ावाली) चौथमाता-कथा (Keradi) ,, | कोलड़ी 1305
कुंथुनाथ 43/10
चौवीस भिन्न-2 गायत्री मंत्र | 24 Gayatri Mantras
| 64 Yogini Stotra
शंकराचार्य
मल पद्य
| कोलड़ी 537 | चौसठयौगिनी-स्तोत्र |, 533 के नाथ गु. 9 जगन्नाथ रथ-लीला
Jagantā'ha Ratha Lila
| माधवदासP/0 जगन्नाथ
46 | कोलड़ी
857| जड़भरत-प्रश्नावली
Jadabharata Praśnavāli
जड़भरत
. 1274 जन्माष्टमी-व्रतकथा Janmāstami Viata Katha
ब्रह्माण्डपुराणे 48 के.नाय गु 9 | जय-जय
Jaya Jaya
माधवदास (जगन्नाथ
शिष्य) |
29/ जालन्धरनाथ स्तुति महिमाष्टक Jalandhara Naha Stutictc.| पीरचन्द्र
50 सेवामंदिर 5927 जानकी-रामायण
Jānaki Rāmāyaṇa
51 | के नाथ गुटका 9 तत्ववंशावली
Tatva Vaṁsāvali
रामचन्द्र
Tattvānusandhana
महादेव सरस्वती
मुनिसुव्रत 5 4 14 | तत्त्वानुसंधान | कुंथुनाथ 14/59 | त्रिपुरसुन्दरी-पूजा
Tripurasundari Pūjā
54
औसियां 4 9 10 दुर्गा-पाठ
Durga Patha
संकलित
, Saptasatika
मार्कण्डेयपुराणे
कुथुनाथ 29/12 | दुर्गापाठ-सप्तशति | कोलडी 1303 , " |, 1196 , ,
"
"
मूल गद्य
के नाथ 26/4 | देवीकवच-सप्तशतिका-न्यास | Devi Kavaca Saptasatika
Nyasa 59 | महावीर 598 |
Devi Kavaca
हरिहरब्रह्मा
मूल पद्य
+Argala Stotra
60 सेवामंदिर 5 3 34 , +अर्गला-स्तोत्र 61 मुनिसुव्रत 3 5 246 , + भवानी-स्तोत्र 62 | कोलड़ी गु 11/22 देवी+भैरव-छंद
,
+Bhavani ,
Devi+Bhairava Chanda
संकलन
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(विभाग अ से प्रो) :
[ 367
6
7
8
देवी व दव भक्ति
देवी भक्ति व्रत कथा ,
8A | | 9 10 11 24 x 11 x 14 x 40 | संपूर्ण 4 छंद कुल गाथा | 19वीं | 2 छंद देवी के 2
104
छंद क्षेत्रपाल 24 x 11 x 22 x 68 | अपूर्ण गाथा 41 से 73 | 1808 कनकपुर 1808 की कृति
भवानीदास 20x12x14x24 |
1882 14x11x10x15 अपूर्ण दो प्रतियों के त्रुटक 19वीं नापादि औसतन
लिया है 15x11x12x22 संपूर्ण 24 मंत्र
X24 | संपूर्ण
पत्र
धार्मिक मन्त्र
व्यतर भक्ति
30x11 x 13x30
, 11 श्लोक
1843
28 x 10 x 7x19
, 17 श्लोक
19वीं
"
भक्ति लीला
15x15x18x20
61 गा.
1716
तात्त्विक
31x11x9x30
,, 52 प्रश्नोत्तर
| 19वीं जोधपुर
स्वरूपचद 19वीं
धार्मिक क्रिया कथा
21x10x9x20
" 46 श्लोक
15x15x18x20
॥
77 छंद
1716
भगवद् भक्ति रा. 5 नाथ संप्रदाय भक्ति सं.रा. | 21
22x16x17x15
19वीं
9 पन्ने भजनों के हैं
, 5 स्तोत्र (कुल
54 गाथा)
सीताराम कथा
26x12x13x36
1959
1813 की कृति
15x15x18x20
70 गाथा
1716
नगत् उत्पत्ति विचार रा. ब्रह्मविद्या दार्शनिक सं,
31x14x12x37
1878x शिव
रामदास 19वीं
भक्ति स्तोत्र
देवी भक्ति काव्य
25x11x14x54 ,, 17 श्लोक 26 x 13x9x 22 अपूर्ण 10 कवच तक 21 x 11 x 7x 22 | संपूर्ण
18वीं
1798
15x10x12x20
19वीं
21 x 14 x 12 x 25 | अपूर्ण 2 अध्याय 32श्लो. 24 x 13 x 14 x 38 संपूर्ण
मंत्र
21x11x10x34
55 श्लोक
22 x 9 x 7x28 |; 53 +25 श्लोक 23 x 10 x 12 x 22 , 49+21 श्लोक 16 x 15 x 17 x 25 | प्रतिपूर्ण
देव देवी भक्ति | सं.मा. | गु.
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भाग/विभाग : 5-जनेत्तर धार्मिक
3A
1 63
2
3 कोलड़ी 1 184B देवी+भैरव-छद
Devi+Bhairava Chanda
कुंथुनाथ 10/157 देवीसूक्त
Devi Sukta
(वैदिक)
कोलड़ी 1308 | देवी-स्तोत्र
Devi Stotra
लध्वाचार्य
महावीर 2 427 | धर्मसर्वस्वाधिकार
|Dharma Sarvasva Adhikāral संकलित
59
के.नाथ
ग 9 ध्यान-लीला
Dhyāna Lila
माधवदास (जगन्नाथ |
शिष्य)
गु. 9 | ध्र व-चरित्र
Dhruva Caritra
,
गु. 3 |
,
कुंथुनाथ 46-3
15/23 | नर्मदा-स्तोत्र
Nar Madā Stotra
, |,
46/3 | नरसीमेहता की हुंडी
Narasi Mehata ki Hundi नरसीभगत
74 सेवामंदिर 5 936| नवरात्रि+शिवरात्रि-कथा Nava+Siva Ratri Katha | महादेवोक्त
Nanda Battisi
प. (संवाद)
Nāgadamana Chanda
चत्रिदास ?
| के नाथ 15/50 | नंद-बत्तीसी कुंथुनाथ 48/1 | नागदमन-छंद प्रोसियां 3 इ 19:/ , के.नाथ गु. 8 कोलड़ी 11/117
कुंथुनाथ 19/3/नचिकेत-यम-कथा
Naciketa Yama Katha
...
22
के नाथ
ग 2
83 सेवामंदिर 5 अ 18| निर्जला-व्रत
Nirjala Vrata
ब्रह्म वैवर्तपुराणे
Nindā Stuti
ईसरदास
कुंथुनाथ 40/2 | निंदा-स्तुति 85 सेवामंदिर गु दे 15 पद्म-पुष्पाञ्जली
Padma Puspāñjali
रामकृष्ण कवि
|
"
ग.ति. 2 | परशराम-गजल
Parasarāma Gajala
यतिजयचन्द्र
के.नाथ 29/69 | पश्चिमीधीश का-छंद
Paścimidhisa kā Chanda
#fafagt
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(विभाग अ से ओ) :
[ 369
__ 6
7
8
8A
9
___ 10
॥
देव देवी भक्ति
।
25x10x12x36 संपूर्ण
19वीं
देवी भक्ति स्तोत्र
16x11x8x16
, 8 श्लोक
पौराणिक-उद्धरण,
27x12x9x27 | , 22 श्लोक 30x14x16x56 , 148 श्लोक 21 x 13 x 11 x 19 प्रतिपूर्ण
1961 जयपुर जंनत्व से मिलते
जुलते
19वीं
कृष्ण रास-संबंधी
15x15x18x20 संपूर्ण 80 गा.
1716
भक्त जीवनी
23x16x17x27
18वीं
20वीं
23 x 16 x 17 x 27 | अपूर्ण 17x12x17x12 | संपूर्ण 92 छंद 16x7x6x20 |, 11 श्लोक
1919
देवी भक्ति
1875
प्रभु भक्ति
17x12x11x10
1919
व्रत कथा
24x11x10x32 | प्रथम पूर्ण द्वितीय अपूर्ण | 19वीं
प्रौपदेशिक
25 x 11x11x28 | संपूर्ण 32 श्लोक
कृष्ण जीवन प्रसंग
15x13x10x15
, 124 छंद
1770
भक्ति
26x12x16x37
,
__127 छंद
18वीं काकरग्राम मुक्तिबिज 1810
16x14x17x17
___128 छंद
14x11x10x11
1810
तात्त्विक विवेचन
18x15x15x21
1793
26x11x15x54
1795
22x18x14x27
, 18 अध्याय
1813
पर्व-कथा
26-11-17x48 अपूर्ण (1360 ग्रंकूल के) 17वीं
कृष्ण-लीला
15x26x30x35 संपूर्ण 304 गा.
1739
भक्ति गीत
1874
16 x 12 x 13 x 19 | . 32 श्लोक 18 x 13 x 22x37 , 888 | 24x11x13 x 45 , 23
परशुअवतार तीर्थ
वर्णन भक्ति
19वीं
1874 की कृति प्रत | में 4 देवी छंद
1773
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भाग 5-5 नेत्तर धार्मिक :
__3A
Pancadhyāya Rāsa
Pābūji ke Dohe
88 | के.नाथ गु. 9 पंचाध्याय-रास ।
| , 29/87 पाबुजी के दोहे | कुंथुनाथ 48/1 | पांडव-गीता
कोलड़ी 797 सेवामंदिर 5 4 23 पौराणिक श्लोक-संग्रह
Pāņdava Gita
महाभारत-शांतिपर्वे
Pauranika Sloka Sangrahal संकलन
93 | सियां 592
94 | के.नाथ 29/64 (देवी) प्रभाव-कथन
(Devi) Prabhāva Kathapa
Prasnottari Ratnamālā | शंकराचार्य (गोविंद ।।
शिप्य) Prahlada Caritra
| कोलड़ी 944 | प्रश्नोत्तरी-रत्नमाला कुंथुनाथ 46/3 प्रहलाद-चरित्र कोलड़ी 903 | बटुक गणपति-स्तुति कुंथुनाथ 14/61 , भैरव-सहस्रनाम के.नाथ 29/73 भैरव स्तोत्र
Batuka Ganapati Stuti
98 |
,,
Bhairava Sahasra-
nama Stotra
रुद्रयामले
100
कोलडी 526 कालडा -
| कुंथुनाथ 35/38
, 14/62
102
Mantra
103 |
कोलड़ी 1176
"
,व साधना
, & Sadhana] महादेवोक्त
104
के.नाथ गु. 9 बाल-लीला
Bala Lila.
माधवदास (जगन्नाथ
शिष्य) नरहर
Baudhāvatāra
Brahma Jijñāsāstotra
| कोलड़ी 9/14 | बौद्धावतार 106 के.नाथ गु. 9 | ब्रह्म जिज्ञासा-स्तोत्र
कोलड़ी 523| भगवतीमानस-पूजा । 108 | के.नाथ 27/27 | भगवद्गीता
कुंथुनाथ 49 , -सार्थ
Bhagavati Mānasa Pūjā
| शंकराचार्य
Bhagavad Gita
वेदव्यास
मूल पद्य
109
110
कोलड़ी 983
,, -सटीक
, /श्रीधर
मू+अनुवाद
(गद्य में) | मू.+ व्याख्या
(गद्य में) , कालूरामविप्र , ॥ , श्रीधर ॥ ॥
111
|
कुथुनाथ 6/109
सेवामंदिर 5 420
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(विभाग प्र से ओ) :
4371
6
78
8A
9
10
कृष्णा जीवन भक्ति रा.
15x15x18x20 | संपूर्ण 30 गा.
1716
देवता भक्ति
|1
भक्ति नमस्कार
| 28 x 10 x 15 x 50 | अपूर्ण 31 से 60 1849 | 15 x 13 ~ 10 x 15 | संपूर्ण 59 श्लोक 1770 25 x 11 x 12 x 45 , 101 श्लोक 1853 23x11 x 14x29 | अपूर्ण (पन्ना 3 व 8 कम) 18वीं हलाकड़ी
जिनदत्त 43x11x18x70 प्रतिपूर्ण
1924 बीकानेर
देवगुप्तसूरि 19x9x8x24 संपूर्ण 30+20 गा. 19वीं
जैनसम्मत-उद्धरण
देवी-स्तुति
प्राध्यात्मिक
26x10x -
, 32 प्रश्नोत्तर
भक्त-जीवनी
17x12x17x12
17x12
, 81 छंद
1919
देवता-भक्ति
० x xxxx
22x11x10x44
" 10 श्लोक
19वीं
22x10x10x40
, 66 श्लोक
26x11x11x30
,, 75 श्लोक
28x11x7x1976 श्लोक
13 x 11x10x8 | अपूर्ण
15 x 11x 8 x 24 संपूर्ण
1834 25 x 11 x 13 x 36 स्तोत्र-पूर्ण, विधि अपूर्ण | 19वीं 15x15x18x20 मंपूर्ण 61 छंद 1716
कृष्णजीवन-भक्ति | रा.
वैष्णवाम्नायानुसार
17x12x10x22
1800
तात्त्विक-भक्ति
15x15x18x20
1716
| अंत में 35 गा. का भक्ति छद
देवी-भक्ति
26x14x16x24
, 71 श्लोक
19वीं
धर्म-शास्त्र
26x10x12x35 |
18 अध्याय
17वीं
अंतिम पन्ना कम
| 31x23x27x26
1806
xxxxxx
32x15x12x62
1857
x 22
, 700 श्लोक
1877
33x17x15x46
1923
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372 ।
भाग : 5 जनेत्तर धामिक :
1
2 •
I
3A
कोल डी 3/3 | भगवदगीता का बालावबोध | Bhagavad Gita ka Bia
vabodha 114 | कोलड़ी गु. 10/6| भजन-संग्रह
Bhajana Sangraha
संकलन
115 | प्रौसियां 594 भवानी-छंद
Bhavāni Chanda
116 मुनिसुव्रत 5 9 43 भवानी-सहस्रनाम
,,
Sahasranama
रुद्रयामलतन्त्रे
117| कोलडी 1297
118
कोलड़ी
531
| नंदीकेश्वरसंवादे
रामकृष्ण
119- प्रोसिया 5 64 भवान्या-पूष्पांजली 2 प्रतियां Bhavanya Puspanjali 24
2 copies 121 | के.नाथ 28/7 भागवत
Bbāgavata
वेदव्यास
122
के.नाथ
28/8
123 | के.नाथ 28/9
124 |
कोलड़ी 506 भूवनेश्वरी वृद्ध-स्तोत्र
Bhuvanesvari Vrdha Stotra| पृथ्वीधराचार्य
125 | के.नाथ 1958
महावीर 3 इ 355 भैरवाष्टक
Bhairavāştaka
127 | कोलड़ी 825A 128 कुंथुनाथ 10/132
,
129
कंथुनाथ 45/3 मनसावाचा की कथा
Mapasāvācā ki Kathā
| महादेवोक्त
130
सेवामदर 5 अ 44
131
के.नाथ 17/18 | मरकतेश्वर-प्रशस्ति
Marakateśvara Prasasti
| जयवर्मदेव
132 | कोनड़ी गु 6/1 महादेव-लीला
Mahādeva Lilā
133
के.नाथ
गु. 3
, -ब्याह
,
Vyāha
जसकीत्ति
134सेवामंदिर 5 941 महान्यास
Mahānyasa
ग.प मंत्र
135
के नाथ 28.9A | महाभारत
Mahābhārata
वेदव्यास
प. मूल
136
137
..
28/4
138
के.नाय 286
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Page #390
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व अन्य वृत्तान्त :
[373
8A
___10
।।
धर्मशास्त्र
रा.
6018 x 10 x 12x31 संपूर्ण 18 अध्याय
1793
भक्ति व नैतिक पद
22 x 16 x 30 x 33 प्रतिपूर्ण
19वीं
देवी-स्तुति
21x11x11x28 | संपूर्ण 22 पद
20वीं
देवी भक्ति
25x11x9x37
1760
14x10x 13 x 27
103 श्लोक
19वीं
31x12x11x40/
203 श्लोक
24x11x 13x43
, 29 श्लोक
1858,1875
धर्म भक्ति शास्त्र
33x14x12x64 अपूर्ण 6 स्कंध 18 अध्याय 17वीं
| 27x13x15x34 | त्रुटक8वां स्कन्ध
32x15x19x56
, 9वां स्कन्ध
19वीं
देवी भक्ति
30x11x15x38 संपूर्ण 46 श्लोक
18वीं
5
26x13x12x35
__, 50 श्लोक
1845
(सिद्ध सारस्वत नाम)
देवता भक्ति
26x13x13x52
___10 श्लोक
18वीं
30x11x11x40
, 8 श्लोक
19ीं
26x12x14x36
,, 10 श्लोक
20वीं
व्रतकथा
18 x 13x10x21
1871
अंत में 1 पन्ना शृगारी कवित्त
16x11x9x18
20वीं
सं. 1019 व 1173 में उत्कीर्ण की हुई
30x16x17x43 | संपूर्ण
19वीं
उत्कीर्ण प्रशस्ति । सं.
की प्रति महादेव जीवन-भक्ति रा.
गुटका | 21x14x23x20
,, 18 छंद
1870
23 x 16 x 16 x 21
, 28 छंद
18वीं
रुद्र अर्चना विधि
22x10x7x32 | अपूरण
17वीं
धार्मिक इतिहास
29x13x12x62 | आदिपर्व-अपूर्ण
18वीं
27x12x10x38 प्रस्थानिकपर्व
1745
28x12x10x48 विराटपर्व
18वीं
29 x 13 x 10 x 44 | शल्यपर्व अपूर्ण
अध्याय 2 से 28तक
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Page #391
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________________
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374
1
139
140
143
144
145
के नाथ 11 / 12
कोलड़ी 525
141 मुनिसुव्रत 3इ 246
142
कोलड़ी 524
सेवामंदिर 5 अ 31
महावीर 3 इ 111
कुंथुनाथ 14 / 52 मंगलाष्टक
Manglaṣṭaka
कालीदास
के. नाथ 29/71 मातंगीकल्प + सर्वतः स्तोत्रादि Mītangi Kalpa + Sarvatah महादेवोक्त, स्वरतंत्रे
etc.
मानसी पूजा
Manasi Pūjā
शिवनाथ
Märkandeya Purāṇa
146
147
148
149
152
153
154
155
कोलड़ी 4/11
श्रौसियां 5 अ 1 मार्कण्डेयपुराण
सेवामंदिर 535
150 मुनिसुव्रत 4 श्रा 9
151
156
157
158
159
160
161
"
2
27
"
महाभारत
महालक्ष्मी सहस्रनाम
-स्तोत्र
"P
11
13
"
13
""
सेवामंदिर 5 अ ( ? ) मोक्ष- एकादशी
यज्ञादिविधि
यज्ञोपवीत-पद्धत्ति
योगवासिष्ठ-सार
(?)
(?)
कुंथुनाथ ( ? )
के नाथ
(?)
(?)
सेवामंदिर 532 राम-पद्धति
के. नाथ 29/76 | राम सहस्रनाम
31
"1
3
"1
"1
गु. 3
गु 9
162 सेवामंदिर 3 इ 345 लक्ष्मी-विचार
163 कुनाथ 10 / 186
"1
- भोगलपुराण
रघुनाथ - लीला
रामकृष्ण काव्य- सटीक
रामायण कथा
रुक्मिणी-ब्याह
- सूक्त
-स्वयंवर
www.kobatirth.org
Mahabharata
Mahalaksmi Sahasranama
33
"
3 A
"
33
""
Stotra
Mokṣa Ekadasi
Yjñādi Vidhi
Yjñopavita Paddhatti
Yogavasisthasara
Raghunatha Lilā
Rāmakṛṣṇa Kavya with
Tika
Rama Paddhatti
Rama Sahasranama
Rāmāyaṇa Katha
Rukmini Vyaha
Laksmi Vicara
"3
Svayamvara
Sūkta
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भाग : 5- जैनेत्तर धार्मिक
वेदव्यास
Bhogala Purana गौरी-शंकर-संवाद
ब्रह्मवैवर्त पुराणे
"1
रामचन्द्र
भैरवदत्त शर्मा
यजुर्वेदे
4
माधवदास (जगन्नाथ
शिष्य)
रामानुज
प्रज्ञात
T
कृष्णदास
माधोदास (जगन्नाथ
शिष्य)
प. मूल
21
"
प.
11
11
11
11
"
प.ग.
"1
५.
ज. प. मंत्र
प.
18
(मु.व्याख्या (प.ग.)
ग.
प.
5
21
ग.
प.
Page #392
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( विभाग असे प्रो) :
धार्मिक इतिहास
देवीभक्ति
"
"
6
11
भक्ति मंत्र-तंत्र
भक्ति काव्य
धार्मिक कथायें
"
कार्तिक एकादशी
व्रत कथा
धार्मिक क्रिया कांड
विधि उपनयन संस्कार
हात्त्विक प्रोपदेशिक
रामकथा
भक्ति कथा
अर्चना-विधि
भक्ति-स्तोत्र
राम सीता कथा
कृष्णजीवन- प्रसंग
11
वृत्तांत व भक्ति
भक्ति-स्तोत्र
--
सं.
17
11
"1
33
"1
""
19
मा.
सं.
11
रा.
सं.
=
17
"
23
रा.
सं
"1
""
रा.
31
11
सं.
"
12
11
6*
4
11
7
1
9
8
12
24
53
9
8
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9
7
14
18
10
6
41
5
11
1
3
8 A
www.kobatirth.org
28 × 12 × 10 × 26
26 × 10 × 10 × 34
23 x 10 x 12 x 22
26 x 10 x 11 x 16
22 x 13 x 8 x 28
20 x 10 x 7 x 18
25 x 10 x 18 x 42
25 × 1 1 × 1 3 × 42
14 × 10 × 12 × 23
27 × 13 × 11 × 42
21 x 10 x 7 x 30
28x14 x 18 x 54
स्वर्गारोहणपर्व
संपूर्ण 166 श्लोक
11
31
33
11
11
प्रतिपूर्ण
अपूर्ण 73 छंद
संपूर्ण 13 अध्याय 700 मंत्र 578 श्लोक अपूर्ण ( 2 से 10 अध्याय
पूरे)
26 × 11 × 15 × 40 संपूर्ण
26 × 11 x 17 x 66
24 × 1 3 × 10 × 2 8 श्रपूर्ण 7 से 268 श्लोक
20 x 10 x 9 x 34
संपूर्ण (केवल प्रथम पना
कम ) 10 प्रकरण
21
31
15 x 15 x 18 x 20
26 × 11 × 12 × 37
2 3 × 11 × 10 × 28
2 3 × 10 × 10 × 38
21 × 13 x 15 x 35
2 3 × 16 × 17 × 21 संपूर्ण
15 x 15 x 18 x 20
25 x 10 x 15 x 50
22 x 11 x 6 x 20
33
9
11
33
30 श्लोक
53 श्लोक
31 श्लोक
21 श्लोक
"1
11
229 छंद
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1745
31
18वीं
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10
19वीं
268 छद
अपूर्ण 37 श्लोक तक ही 19वीं
संपूर्ण
18वीं
अपूर्ण 79 श्लोक तक है 17वीं
छंद 24 से 100620वीं
1944
20वी
"1
19 T
"
17वीं
18वीं
19वीं
17वीं
19वीं
1859जोटवाड़ा
भूपतिराय
19वीं
1716
18वीं
1716
""
19वीं
"जीर्ण
[ 375
11
Page #393
--------------------------------------------------------------------------
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376 ]
1
164 मुनिसुव्रत 5 अ 15
सियां 3 इ 264
165
166
169
172
173
174
175
176
177
178
179
170 सेवामंदिर 5
171 कोलड़ी 1309
गु. 7/4
कुंथुनाथ 48 / 1
ओसियां 55
कोलडी 861
शक्ति-भक्ति
कुंथुनाथ 2/28
शिवा अष्टक
कोलड़ी 543 शिवमहिम्न स्तोत्र
मिवामंदिर 5 अ 42
कुंथुनाथ 12 /204
नाथ 29/70 व
81
83
182 कुंथुनाथ 12/216A शीतला-स्तोत्र
183
सेवामंदिर 5 30 श्राद्ध - प्रकरण
के नाथ 8/15
श्लोक संग्रह
180
184
185
186
187
68
188
189
190
कोलड़ी 511-3
"
ܐ
11
"
514
11
38
लघुप्रादित्य हृदय स्तोत्र
लघु-स्तोत्र
17
"
11
"
विष्णुनामापामार्जन स्तोत्र
विष्णुपंजर स्तोत्र
विष्णुसहस्रनाम सटीक
3
"
"
"
"
सह-बालावबोध
गु. 16 सगुण
महावीर 3 इ 156 सरस्वती स्तोत्र
कुंथुनाथ 16/10
सेवामंदिर 5 29
3 प्रतियां
-स्तोत्र
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2 प्रतियां
3 A
Laghu Aditya Hrdaya
Stotra
Laghu Stotra
Visnu Namāpāmārjana
Pañjara Stotra
"
22
Sahasranama
"1
Stotra
Śaktibhakti
Sivaṣṭaka
Śiva Mahimna Stotra
39
3 copies
Šitala Stotra
Śraddha Prakarana
Śloka Sangraha
Saguna
Sarasvati Stotra
Stotra
Sudama Caritra
2 copies
Sahasranama
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भाग / विभाग : 5 - जैनेत्तर धार्मिक
पद्मपुराणे
लध्वाचार्य
/
धर्मोत्तर पुराणे
ब्रह्माण्डपुराणे
पद्मपुराणे
महाभारत शांतिपर्व
मुंशी माधोराम
पुष्पदन्त
11
11
11
सहस्रनाम
b. नाथ 22/39 सिद्धसारस्वत भुवनेश्वरी स्तोत्र Siddha Sārasvata (B) Stotra पृथ्वीधर
गु. 3 सीताजू - व्याहलो
Sītāju Vyahalau
191 कुंथुनाथ 17/16 सुदामा चरित्र
1
1
4
संकलन
तुलसीदास
सनत्कुमार संहिता से
तदास
कवलानंद
प.
""
मू.बा. (प.ग
प.
11
मू X टी (प
प.
""
"7
13
सू. प.
11
19
19
प.
5
""
11
Page #394
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www.kob
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भाग 5- जैनेत्तर धार्मिक :
___378 ]
3A
192
| के.नाथ गु 3 सुदामा-चरित्र
Sudāma Caritra
कवलानंद
193 | कुथुनाथ 14/57 | सूर्य-उपस्थानादि
Sürya Upasthānādi
Sūrya Bhairava Stotras
Sürya Sahasranama
कोलड़ी 1302 | सूय भैरव शनि-स्तोत्राणि सेवामदिर 7 उ 3 | सूर्य-सहस्रनाम के नाथ 29/78 | सूर्य-स्तुति प्रासिया 5 अ 12 | मौन्दर्यलहरी सटीक
196
Surya Stuti
कृष्णोक्त
Saundarya Labari
प्राद्य शंकराचार्य
म. + व्या(प.ग.)
198 | के नाथ 29/82
Sneha Lilā
199 , गु. 265 स्नेह-लीला .. 200 |
कोलड़ी 869 | स्वस्तिवाचन
Svasti Vācana
दानखडोक्त
सेवामदिर 5 या 7 स्वात्मानंद-प्रकाशिका
Svātmānanda Prakasika
Harasiddhi Bhavani
Chanda Harirasa
ईश्वरदास बारहठ
204
के नाय 29/80 | हरसिद्धि भवानी-छंद कोलड़ी गु 10/7 हरिरम कुंथुनाथ 481
..311 कोलडी 864 | कोलड़ी 865 | हरिलीला
205
Hari Lia
भागवती-कथा
208-9| कोलड़ी बस्ता
Incomplete & Stray folios | भिन्न-2
स्फूट अपूर्ण व लघग्रंथ व
त्रुटक पन्ने (दो बस्ते)
210
के नाथ 28/24
211
के.नाथ 11/27 | सप्तपदार्थी
Saptapadārthi
शिवादित्य
212
,, 22/39 कुंथुनाथ 37/7 सेवामंदिर 2/361
,
-सटीक
+Tika
मू+
(ग)
के नाथ
7/32
,
-की टीका
+ki Tiki
माधव-सरस्वती
216 | महावीर 6 या 18 सिद्धान्त-मञ्जरी
Siddhānta Manjari
जानकीनाथ
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(विभाग प्र से ग्रो):
[ 379
6
7
8
8A
9
___10
11
सुदामा-जीवनी
23x16x15x21 | संपूर्ण 31 गा.
18वीं
सूर्य-भक्ति
20x10x11x24 |
5 श्लोक
19वीं
ग्रह व देवता-स्तुति | ,,
कुल 4 स्तोत्र
सूर्य-भक्ति
1410x10x16 , 8+8+8+50
श्लोक | 14 x 10 x 9 x17 , 104 श्लोक
21 x 10x8 x 32 ब्रटक 25 x 12 x 15 x 52 संपूर्ण 102 श्लोक 27x11x21x 67 अपूर्ण 97 श्लोक तक
देवी भक्ति-काव्य ।
1847
13x12x10x10
, 68 छंद
गोपीकृष्ण उद्धव
प्रकरण ब्राह्मणदान-सुपात्रता सं.
| 22x10x8x26
संपूर्ण
1858
प्राध्यात्मिक
21x22x7x44 | अपूर्ण 145 श्लोक
18वीं
देवी-माहात्म्य
- 32 x 54 | संपूर्ण 65 छद
1747
कृष्ण भक्ति-काव्य
19x15x14x27
, 186 छंद
1767
15x13x10x150 .. 164 छद
1770
| 21x11x13x55
203 छंद
1795
19वीं
24 x 11 x 18 x 58 , 162 27x11 x 20 x 34 | अपूर्ण 8 कला 24 से 30 x 10 से 15 | पूर्ण-अपूर्ण
विविध जनेतर-भक्ति सं.रा.
18/20वीं
| 23 से 21 x 10 से 16
"
,
वैषेशिक-न्यायग्रंथ | सं.
25x11x15x48 संपूर्ण
1733
24x11x15x46
1743
| 27x11x19x42
19वीं
24x11x17x48 | अपूर्ण
18वीं
25x11x15x54 संपूर्ण ग्रं. 1700
19वीं
व्याय
27x12x18x42 |
17वीं
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380 |
भाग : 5. जनेतर धार्मिक
3A
नोट :- प्रथम प्रविष्टि का प्रकारादिक्रम भंग है के.नाथ 2 तत्त्व-चिंतामणि
Tattva Cintamani गगेश्वर के.नाथ 21/101 तर्कपरिभाषा की टीका | Tarka Paribhasa ki Tiki | केशव चिन्न भट्ट
217
महावीर 6 प्रा 22
,
,
Tarka Bhāsā
केशवमिश्र
| प्रौसियां 6 या 27| तर्क-भाषा 221 | के.नाथ' 2/11 222-4, 14/70,
23/ 16/28
2 प्रतियां
2 copies
224
"
23/62
" की टीका
ki Tika
225
,,
kiVyikhya | गंगाधर (सुत ?)
, 15/115 ,, की व्याख्या कोलड़ी 1184A तर्क-वाद
126
Tarkavāda
| औसियां 6 प्रा 30| तर्क-संग्रह
Tarka Sangraha
अन्न भट्ट
| के नाथ 14/19
औसियां 6 या 24
-सटीक
,,
चंद्रजसिंह
मू+वृ (ग)
230
के.नाथ 14/55
-दीपिकासह
,
-
7 प्रतियां
7 copies
मू.ग.
23।- ., 22/14,10
99,11/10, 1114-56.
76,24/11 238- कोलडी 837,
40 1005-6 241- सेवामंदिर 6 मा 32 42]
35/ 243 | मौसियां 6 मा 25
3 प्रतियां
3 copies
2 प्रतियां
2 copies
-की दीपिका
ki Dipika
ग (टीका)
,,
2 copies
461
Fakkika
क्षमाकल्यास
244 | ., 6 या 28/29 245- | के.नाथ 9/31,
,, 2 प्रतियां 10/85 247 महावीर 6 प्रा17 " -फक्किका
के नाथ 11/52
औसियां 6 या 26 | तर्कामृत
| के नाथ 10/22 | ताकिक-रक्षा 251 ] , 29/95/ , -की व्याख्या
Tarkāmsta
जगदीश भट्टाचार्य
Tärkika Rakşa
बरदराज
„
„, ki Vyākhyā
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व अन्य वृतान्त :
[ 381
7 | 8
8A
9
10
॥
न्याय-ग्रंथ
26 x 11 x 16 x 45 संपूर्ण
19वीं 27x11 x 26 x 75 ,, ग्रंथाग्र 2000 17वीं x हर्ष | प्रकाणिका नाम्नी
__मंदिग्गणि 26 x 11x19x48 |
1750 रूप
सागर 25 x 11 x 8x29 ग्रंथाग्र 715 16वीं सुमति
विजय 25x11x13x45 |
17वीं 26 x 11 x 15 x 48/ प्रथम पूर्ण द्वितीय अपूर्ण | 19वीं
59 26 x 11 x 19 x 55 | संपूर्ण
| 26x11x17x58 |
ग्रं. 1274
| 25x11x18x46
25x ||xi1x41
करणाद-न्याय
25x11x14x45
26x11x13x 61
18वीं
26x IIXI1x44
1860
4.2,8, 25 से 26x11 से 13
,, (केवल अंतिम प्रति 1802 से 20वी
अपूर्ण
19/20वीं
8,5,6 | 21 से 28 x 12 से 13
25 x 11
1936-9पाली
26x11x17x54
1824विक्रमपुर मूल की टीका
बखतसुंदर 1895
25x11x10x43
Axx
26x14 व 26x11
19वीं
| 26x12x16x45 26 x 11x14.x55 अपूर्ण 26x11x15x49
18वीं 19वीं
16वीं
तर्क संग्रह की टीका
न्याय-ग्रंथ
127x11x16x43 , 3 परिच्छेद | 19वीं | 26 x 11x14x68| अपूर्ण बीच के पन्ने 24 से
36 तक। ॥
.
नघ दीपिका नाम्नी
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382 ]
भाग : 6
3A
Akadama Cakram
महावीर 3 इ 151 अकडम-चक्रम् . 3 इ354/ अदृश्यता-विधि व यंत्र
Adrśyatā Vidhi Yantra
ग तालि.
Amstadhuna
| कुंथुनाथ 13/| अमृत-धुन महावीर 3 इ354/ अष्टगंध विधि व मंत्र-यंत्र
| Astagandha Vidhi &
Mantra-yantra Anga-nyāsa-mantra
अंगन्यास मंत्र
प्राधाशिरनहरूवादि मंत्र-यंत्र | Adbasira Naharuvadi
Mantra-yantra कंथुनाथ 18/37 | प्राधाशीशी-कथा
Adhāśisi Katha
19/4
»
Maptra
., -मंत्र ____505 | इन्द्राक्षी-स्तोत्र
944
Indrākşi Stotra
10
,
।। | के.नाथ 22/34 | उद्धार-कोश
Uddbāra Kosa
| मुनि दाक्षिण्यमूत्ति
व.ग.
12 | महावीर 3 इ87 | ऋषिमंडल-स्तोत्र पाराधन | Rsimandala Stotra Ara
विधि-सह
dbanā Vidbisaha
,
3 इ83
.,
+मत्र विधि
,,
+Mantra-vidhi
bha
,
3 इ85
,
3 मा 48
, -स्तव यंत्र लेखन
, Stava Yantra Le
khana , -Pata (Two)
, 3 इ356
,, -पट दो
, 35345 | एकाक्षी नारिकेलकल्प
Ekākşi Nārikela Kalpa
ग. मंत्र
रा.प.
, 3 इ258 ॐनमो जल्लोसडी पचाणादि| Om Namo Jallosadi Paci
nam (etc.) कोलड़ी गु. 1/27 औषध मंत्र-तंत्र Ausadha, Mantra-tantra महावीर 7 इ8 | , मंत्र
, -Mantra , 3 इ 354 | कर्णपिशाचिनी मंत्र-यंत्र Karņapiśācini Mantra,, 3 इ 68 | कर्णपिशाच-कल्प Karnapiśāca-kalpa
मंत्र व तालिका
yantra
3579 | कल्याणवृष्टिभारती+ | Kalyānavrti+Bharati+ पद्मावती-स्तोत्र
Padmavati-stotra
, 3 इ354 | कष्ट निवारणार्थ-मंत्र
Kasta-nivāranartha-Mantra
मंत्र-गद्य-यंत्र
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मन्त्र-तन्त्र-यन्त्र :
[ 383
6
7
8
8A
9
_____10
|
11
मंत्र-यंत्र
25x IIx12x42
सपण
19वीं
ज्योतिष
यंत्र व तंत्र
27x12x5x-
प्रतिपूर्ण
मंत्र व कवित्त
17x13x14x26
21x12x10x30
यंत्र ; जाप विधि
साधना मंत्र
27x13x8x38
20वीं
मंत्र बिमारियों का
23x12x14x48
18वीं
कथा व मंत्र
24x11
12 x 40
19वीं
विमारी का मंत्र
23x16x8x22
मंत्रभक्ति
27x10x7x42
14 श्लोक ., 16 श्लोक
मंत्र व पटल
26 x 11--
मांत्रिक
25x11x17x51 |, 7 कल्प
जंन भक्ति मंत्र विधि
28x13x15x42 |, 85 श्लोक
26 x 11x11x41
, 90 पद मंत्रादि । 1960 माईदास
26x13x15x39
19वीं
25 x 11 x 14x50
36 श्लोक
1962
यंत्र व पट
63x63 52x33
,
2 पट
18वीं
मंत्र व विधि
25x12x15x52
1952 बंबई
जयविजय 20वीं
मंत्र तंत्र यंग
26x11x15x40 अपूर्ण
, प्रौषधनुस्खे
15x12x22x35
1702
___ xxxx
प्रौषधिनुस्खे व मंत्र मा.
25 x 12x17x42 | प्रतिपूर्ण
1929 अजीम
गंज गोपीचंद 19वीं
सं.
26x13x10x40
2 मंग व गद्य में
विधि यंत्र मंत्र साधना
सं.रा
26 x 12x15x40 | संपूर्ण
मांत्रिक भक्ति स्तोत्र सं.
18
20x11x7x18 |
16x6x34 | 20ों
स्तोत्र
4यंत्र तथा मंत्र
विधि सहित | "
27x12x
19वीं
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384 ]
भाग/विभाग : 6
1
2.
3
।
3A
कोनही 507 कंक बधन प्राचमनादि मंत्र | Kankana-bardhana Aca
___matadi-yantra 26 | कुंथुनाथ 32/2 | कालिका कवच Kalika Kavaca
कालिकातन्त्र
महावीर 3 इ354कालि-मंत्र
Kili-mantra
| कोलड़ी 1288 | कौतुक-रत्नावली
Kautuka Ratnāvali
ग.प.
| महावीर 3 इ354 क्षेत्रपाल-मंत्र
Ks.trapāla-mantra
मंत्र गद्य
गद्य
कुंथुनाथ 14}44 | खररावण यंत्र-विधि , 13/| गणेश-पूजा व मंत्र
Khara Ravaņa-yantra
vidhi Gaņeśa-pūjā & Mantra
,
19/6 गणेश-यंत्र
-
-yantra
| महावीर 3 इ354) गर्भ मत्र प्रौषधि व यंत्र
Garbha Mantra Ausadhi
& Yantra Graha-jāpādi & vidhi
ग्रहजापादि व विधि
35-9/
35 120 घंटाकर्ण-कल्प 1-2,45
5 प्रतियां | Ghantākarna Kalpa
5 copies
ग यंत्र
यंत्र चित्र
ग. यंत्र
o
" 3 इ 122/
, -लघुकल्प .
,, -Laghu-kalpa ,, 3 इ356 , पट
,, -Pata .. 35354 , प्रयोग
, -Prayoga 3 इ 127 , -मंत्र विधि
, -Mantra Vidhi | कुंथुनाथ 12/208 , -मंत्र 2 प्रतियां
2 copies 15/24 प्रोसियां 3 इ358 ,, -मंत्र कल्पावधि ,, -Kalpa Vidhi | महावीर 3 इ354 चतुविशंति जिनमंत्र Caturviņśati Jina-Mantra चितामणि चक्रेश्वरी ग्रादि मंत्र Cintamani Cakresvariadi
Mantra चोरी पता लगाने का मत्र यंत्र | Cori Pata Lagane ka
Mantra-yantra कोलड़ी 1322 चौरासी-त
Caurāsi Tantra | कुंथुनाथ 19/5 चौसठ योगिनी मंत्र Causatha Yogini Mantra
ग.मंत्र
ग प.मंत्र
ग.म. यंत्र
,
10/185
-स्तो
,, Stotra
53
,
3 इ356
, -यं पट
,,
Yantra-pata
यंत्र ग.
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मन्त्र-तन्त्र-यन्त्र :
[ 385
8A
9
10
11
6 7 मंत्र-तंत्र गृहस्थी के रा.
8 5
1x13x14x16] संपूर्ण
' मंत्र-तंत्र विज्ञान अ- सं. घोरी महाविद्या-कल्प
26 x 14 x 16 x 39 |
, 21 कवच
मांत्रिक-भक्ति
28 x 13x11 x 20 | प्रतिपूर्ण
मंत्र-तंत्र कौतुक
24x11x14x40 संपूर्ण
मांत्रिक भक्ति
+रा.
18x10x13x24 प्रतिपूर्ण
मंत्र-तंत्र-यंत्र
23x11x14x62 | संपूर्ण
भक्ति व मंत्र-तंत्र
22x12x14x42
यंत्र-मंत्र
30x44x
जीर्ण
24 x 11x
प्रतिपूर्ण
18वीं
1 चित्र सहित
25x12x14x66
मंत्र व होमविधि जैन मांत्रिक भक्ति सं.मा.
यत्र-तंत्र
, 23 से 25 x 11 से 12 | संपूर्ण
1871 से 20वीं
25 x 12x 13 x 47 34 x 19x -
, 91 गद्य सूत्र प्रतिपूर्ण
1934 जोधपुर साथ में विजया
अमरदत्त यंत्र-विधि 18वीं
जन भक्ति यंत्र-मंत्र , व जाप विधि
हिन्दी
21x13x .
19वीं
24 x 10 x 12 x 30 | संपूर्ण
20वीं
जैन मांत्रिक भक्ति- मा.
विधि , भक्ति मंत्र
स्तोत्र जन मांत्रिक भक्ति
यंत्र-तंत्र
12 x 9 व
19/20वीं
27x13x14x36
20वीं
विधि सहित
25x12x20x44
18वीं
28x11x13x42
19वीं
यंत्र-मंत्र सह विधि रा.
27x12x
तंग नुस्खे
मा.
3
xxx
x 12 x 40 | अपूर्ण 70 तक
20वीं
मंत्र-जन आम्नाय | संमा
23x16x17x44 सपूर्ण
19वीं
सं.
20वीं
मांत्रिक-भक्ति
आम्नाय
x 21 x 62 | , 13 श्लोक
प्रतिपूर्ण
जीर्ण अंत में 5 अनुच्छेद शकुन निमित्त
मंत्र-यंत्र ,
26 x 23
18वीं
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386 ]
भाग 6:
3A
54 | कोलड़ी
501 | जयपताका यंत्रोद्धार व पंच- Jayatra Pataki Yantroदश विधि dbāra & Pancadasa
Vidhi जयपताका विजययंत्र Jayapatākā Vijaya-yantra
500
मू + अ.
56 | कुथुनाथ 12/206/ जंजीरा व हनुमान मन्त्र
ग मंत्र
Janjira & Hanumāna
Mantra | Jaina Mantra kā Grantha
with Tikā Jvālāmālini Stotra
कोलडी बस्ता जैन मन्त्र का ग्रंथ सटीक
69/30 58 | महावीर 3 इ153 ज्वालामालिनी-स्तोत्र
मू + वृ गद्य
ग. मंत्र
ग, यन्त्र
, 3 5 68 | -कल्प
-Kalpa ,, 3 इ 354 | तिजयपहुत्त यन्त्र Tijaya Pahutta-Yantra 61 | कोलड़ी 1270ोलोक्यविजय गोपाल कवच Trailokya-Vijaya Gopala ब्रह्मसंहितायाम
Kavaca | महावीर 3 इ 143
यन्त्र कल्प
, -yantra-kalpa
Dattatrayi Padala
ईश्वरदत्तात्रेय संवादे | प ग.
, 716 दत्तात्रयी पडल , 3 इ 354 दुर्गाष्ट-चक्राणि
Durgāşta Cakrāņi
31।14वादश यन्त्रादि अधिकार | Dvādasa Yantrādi Adhi
kāra , 3 इ354(पाच) धरणेन्द्र पद्मावती (Parsva) Dharanendra
मन्त्र
Padmavati Mantra कुंथुनाथ 13/231 धान सड़ने अांख दूखने पर | Dhāna Sadane. Ankha
मन्त्र
Dukhane para Mantra महावीर 3 इ 354/ नगर-प्रवेशादि मन्त्र व विधि | Nagara-Pravesadi Mantra
Vidhi , 3 इ 106 नमुत्थुगंकल्प श्रुतबोध | Namutthunam-kalpa
Srutabodha 3563 नवकार-कल्प
Navakāra Kalpa
,
3 64
3 प्रतियां
,
3 copies
5-6
3 इ354
, -प्रयोग मन्त्र
, -Pryyoga Mantra
.. -मन्त्र व मंषज नुस्खा
Navakāra Mantra &
Bhaişaja-nuskha Navakārādbita Mantra
| नवकाराधित मन्त्र
| नारियल-कल्प
Náriyala-kalpa
, 3 इ 154
" -यन्त्र मन्त्र
I
, Yantra-Mantra
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मन्त्र यन्त्र-तन्त्र :
मन्त्र तन्त्र
मन्त्र-यन्त्र
11
"
6
मन्त्र - सामान्य
जैन ग्राम्नाय मांत्रिक सं.
जैनाम्नाय मांत्रिक भक्ति
33
मंत्र-तंत्र भक्ति स्तोत्र
"
"
13
"
तन्त्र - विद्या
मांत्रिक भक्ति यन्त्र
सह
"1
मन्त्र तन्त्र यन्त्र
सं.
75
सहित मंत्र-यंत्र सहित
मंत्र- तन्त्र - विधि
रा.
=
11
सं.मा.
सं.
11
प्रा.
सं.
==
"
जैन तन्त्र-यन्त्र
सविधि
जीव न पड़ने का व्याधि मिटानेका मंत्र विधि परक विघ्न प्रासं.
निवारणार्थ जंन मांत्रिक भक्ति
""
11
11
7
31
""
11
मन्त्र जाप विधि सह सं.मा.
भक्ति यंत्र व विधि सह भक्ति
प्रा.मा.
जैन मांत्रिक भक्ति प्रा.सं.
साधना विधि
सं.
सं.म.
3
7
2
5
2
10*
1
11
2
25
1
11*
1
1
1
3
8
8
3,4,3
1
1
1
1
6
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8A
32 × 13 × 16 × 42 संपूर्ण 48 + 28 श्लोक
31 x 13 x 13 x 38
21 x 18 x 15 x 17
23 × 1 1 × 26 × 50
29 × 14 × 12 × 40
26 x 12 x 15 x 40
27x12x -
13 x 10 x 7 x 14
24 x 12 x 14 x 30
11 x 10 x 12 x 8
27 × 13 × 12 × 40
26 × 12 × 16 × 46
28 x 15 x 10 x 33
27 x 12 x 14 x 44
26 x 11 x 10 x 38
25 × 1 2 × 15 x 32
26 × 11 x 11 × 44
28 x 12 x 7 x 32
26x11 x 11 x 36
13
अपूर्ण
संपूर्ण
"
:
28 x 15 x 10 x 42
25 × 11 × —
29 × 1 3 × 14 × 43 | संपूर्ण
25 × 11 x --
11
"
:
"1
33
31
19
.
पूर्ण अंत के 73 से 79 श्लोक, 7 पं.
"
"
19
प्रतिपूर्ण
संपूर्ण मूल पाठ +47 श्लोक
"1
11
23
9
2 मं.
2 मं.
52 श्लोक
23 गाथा
2 मंत्र
For Private and Personal Use Only
19वीं
1887
21
19वीं
"
11
1967 x पन्नालाल मुनि 18वीं
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11
10
19वीं
31
11
20 वीं
33
18वीं
"1
19वीं
19वीं
[387
11
एक ओर प्रति कटी
यंत्र व साधना विधि - सह
यंत्र पट चित्रनुम
अंतिम पृष्ठ मात्र
संक्षिप्त संस्करण
अंत में प्रौषधि नुस्खा
साथ में 3 पन प्रोपदेशिक पद
Page #404
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388 ]
1
79
80
85
86
87
81-2 कोलड़ी 495-7 पद्मावती अष्टक - वृत्ति
83-4 | महावीर 3115
108
88
89
90
91
92
93
94
95-6
97
98
99
104
105
37
106
10910
महावीर 3 147 नित्य वसुधारा महाविद्या
3 इ 11 नौली - विचार
2
•
सेवामंदिर 3 इ 345
"
3 इ 350
महावीर 3 इ355
कोलडी 496
"2
3 इ 354
महावीर 3 इ 110
कोलड़ी 1149
महावीर 3 इ 117 |
सेवा मंदिर 3 इ 350
कोलड़ी 1324
19
944,499
1181
498
17
"
"
11
33
11
31
31
"1
27
""
"
""
"1
""
"
3
-कल्प
12
17
- चौपई
- सटीक
2 प्रतियां
2 प्रतियां
-मंत्र का पत्रा
-मंत्र-यंत्र विधि
- व्याख्यान
-स्तव
विधान
- महामंत्र जाप विधि
- सहस्रनाम पूजा विधि
- साधना विधि
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"
- मंत्रगर्भित स्तोत्र
सावन विधिसह
-स्तोत्र 2 प्रतियां
विधि मंत्र यंत्र साधन
पूजा-पद्धति
-स्तोत्र 6 प्रतियां
3 A
Nitya Vasudhārā Mahā
vidya
Naulivicara
Padmavati Aṣṭaka Vṛtti
2 copies
""
.3
39
39
39
18
23
33
22
39
33
-Kalpa
23
with Tikā
महावीर 3 इ 111 79,109,112 113,116
सेवामंदिर 3 इ375
के. नाथ 19/66
व ज्वालादेवी स्तोत्र
107 मुनिसुव्रत 3 इ 314
स्तोत्र + भैरवी पद्मावती 108 नामादि पनरियादि यंत्र - विधि
Stotra+Bhaisavi Padmavati 108 Nāmadi Panariyadi Yantra-vidhi
108
महावीर 7 इ 5
कोलड़ी 519-20 | पंचदशीविद्या 2 प्रतियां Pañcadasi vidyā 2 copies
-Vyakhyāna
Caupai
Mantra's folio
"T
Yantra-Vidhi Vidhana
33
Mahamantra Japa Vidhi
Sahasranāma-pūja
Vidhi Sadhana Vidhi
Stava
MantragarbhitaStotra Sadhana with Vidhi
Stotra 2 copies
Vidhi Yantra Sā
dhana
Pūjā-paddhati
Stotra
For Private and Personal Use Only
6 copies
& Jvaladevi-stotra
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/ मल्लि से
जिणप्रभसूर
1
1
T
4
III
-
भाग : 6
ग. मंत्र
ग.
"
23
ग.
प.
मू+ वृ (प.ग.)
मन्त्र
प.
पग.मं यं.
ग थ.
ग.
प.
(वृत्ति मात्र
मत्र
प.
5
ग.प. मंत्र
प.
ग.प. मंत्र
प.ग.
प.
ग. यंत्र
Page #405
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मन्त्र-तन्त्र-यन्त्र :
[ 389
6
7
| 8 |
A
10
मंत्र-तंत्र भक्ति सह
20x10x9x27
| संपूर्ण
1924 मेड़ता
जैलाल 19वीं
| 25 x 11 x 14x51 | अपूर्ण
भूतपिशाचव्याधि के उपचार व इन्द्र
जाल कौतुक तंत्र देवी मांत्रिक भक्ति
जंन ग्राम्नाय
| 31 x 12 x भिन्न 2 | संपूर्ण 522 ग्रंथान 1884/19वीं 1273 की कृति | 26 x 12 व 29 x 14 | , 6 अध्याय 1960/20वीं | यन्त्र-तन्त्र सहित
25 x 12 x 12 x 60 | टीका अपूर्ण उद्धरण मात्र | 19वीं
21x10x14x28 | अपूर्ण
20वी
18वीं
10x6x7x16 | संपूर्ण 37 गा. 12 x 16 x 13x18 प्रतिपूर्ण 31 x 12 x 17x41 | संपूर्ण 25 श्लोक
साथ में लक्ष्मीमंत्र
सं मा.
6
1755
यन्त्र-तन्त्र सह
23x10x9x36
प्रतिपूर्ण
20वीं
24 x 12x13 x 57 | अपूर्ण 26 x 13 x8 > 26 | संपूर्ण
1921
10x6x7x16
, 8 श्लोक
18वीं
पालका विधि | 17वीं
जिनदत्तसूरिकृत
24x11x26x50 | ., दीपालिका विधि
कल्प सह 26 x 10 x 20 x 10 , 27 श्लोक
प्राम्नाय
19वीं
सं मा.
4
26 x 13 x 17 x 52 | अपूर्ण
यत्र-तंत्र विधि सहित 32 x 13 x 11 x 40 | संपूर्ण | 14 से 28 x 10 से 13 | प्रथम अपूर्ण शेष संपूर्ण | 19/20वीं | अंतिम प्रति में 27/35 श्लोक
किचित् विधि 26 x 12 x 10 x 36 | प्रथम 3 श्लोक कम 19वीं 22 x 12 x 14 x 26 | संपूर्ण दोनों स्तोत्र 25 x 10x9x37 , 26+15 श्लोक | 1859 24 x 11x- प्रतिपूर्ण
1943 जोधपुर
साध्वीलिछमा 32x12 व 26x11 | संपूर्ण
19/20वीं
मंत्र-तंत्र
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भाग/विभाग : 6
2
3A
45
ग प.मंत्र
ग मंत्र
,, , स्तोत्र
., Stotra
111 | कोलड़ी 518 पंचमुखी हनुमान मंत्र-कवच | Pancamukhi Hanumāna- | रामचन्द्र ऋषि
Mantra-kavaca महावीर 3 इ 126| पंचागुलि-वल्प
Pancānguli-kalpa , 3 इ 1 28 , बीज कल्प विधान ,, Bijakalpa-vidhāna , 3 इ21
,, Mantra 115 | .. 3 इ356 , , पट दो
" -yantra-pata(2|| कुंथुनाथ 31/7 117 | महावीर 3 इ92 | सहस्रनाम
., Sahasranama 118 , 3 इ354 पासाकेवली मंत्र-यंत्र Pasākevali Mantra-yantra 119 | कोलड़ी 521 पुरश्चरण विधि सहित Purascaraṇa with Vidhi 120
| कुंथुनाथ 15/26 | पैसठिया यंत्र-स्तोत्र Painsathiyā Yantra Stotra 121 | महावीर 3 इ354) फोफिड़ा कल्प + मंत्र-यंत्र |
| Phophida Kalpa+Mantral
Yantra 122 | बिच्छु आदि के मंत्र-तंत्र-यंत्र | Bicchuadi ke Mantra
Tantra-Yantra 123 3572 भक्तामर-कल्प
Bhaktamara Kalpa
मानतुङ्ग/
प. यंत्र
,, मंत्र
ग यंत्र
ग.म. यंत्र
पग.यं.
1246
3 प्रतियां
3 copies
-
3174, 67,69 3 इ 68
127
,
., -नमोत्थुण प्रादि कल्प
,. Namotthunam Adi
Kalpa , Pancavidhana
128 मेवामंदिर 3 इ372
, पचविधान
| कुंथुनाथ 39/2 | कोलड़ी 472
, हेमरतन | कुंथुनाथ 9/114
, 55/7 ,, ऋद्धि मंत्र सहित । , with Rddhimantra के नाथ 469 |
" मुनिसुव्रत 7 इ । भुवनेश्वरी कवच सहस्रनामादि| Bhuvanesvari-kavaca , - संकलित | पद्य
Sahasranāmādi महावीर 3 इ | 14/ भैरव पद्मावती कल्प विधि-सह Bhairava Padmavati- ... कविशेखर मल्लिशेण | ग.प.यं.
Kalpa with Vidhi
सूरि
, 3 इ 118
"
"
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यन्त्र तन्त्र मन्त्र :---
मांत्रिक भक्ति
"
11
11
मन्त्र-यन्त्र सह
मन्त्र तन्त्र
11
यंत्रपट चित्रमा सं.
मांत्रिक भक्ति-स्तोत्र मा.
यन्त्र विद्या
मन्त्र - यन्त्र
17
"
"1
6
11
"
सं.मा.
रा.सं उर्दू
जैन मांत्रिक भक्ति सं.मा.
11
17
11
=
नाम जाप सं.
31
-तन्त्र
31
सं.
11
मन्त्र व भक्ति स्तोत्र
जैन मांत्रिक भक्ति
11
मा.
सं.मा.
7
सं मा 10
37
सं प्रा.मा
सं मा.
=
"1
11
=
32
सं.
17
""
4
2
2
2
16
25*
1
8
2
2
10
37
16
22
25
6+1
6
1524 26 से 31 x 13 से 14 47
10*
14
11
www.kobatirth.org
8 A
25 × 1 2 × 10 × 24 संपूर्ण
27 x 12 x 13 x 40
25 x 11 x 16 x 55
17 x 8 x 8 x 22
25 × 25 व 37 x 40
18 × 22 × 13 × 14
27 × 11 × 14 x 58
21x11-
25 x 12 x -
प्रतिपूर्ण
30 × 1 1 × 11 × 36 संपूर्ण
(?)
26 x 12 x 15 x 40
22 x 10 x 7 x 22
20 x 15 x 19 x 32
21 × 13 × 11 x 25
26 x 13 x 16 x 22
25 x 14 x 17 x 40
24 × 11 × 18 x 35
24 x 11 x 8 x 27.
17
29 x 13 x 14 x 43
25 x 12 x 16 x 48
प्रतिपूर्ण
संपूर्ण 25 गा.
17
11
31
25 x 11 x -
प्रतिपूर्ण
26 × 11 × 24 × 60 संपूर्ण 48 काव्यपर्यंत
47/48
भक्तामर अपूर्ण, शेषटक 19वीं
संपूर्ण 48 श्लोकों का
"
31
"
7
11
9
3 यं
"
11
11
·
48 काव्य का
5 स्तोत्र
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19वीं
20वीं
1878
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10
1733
18वीं
20 वीं
"
18at
19at
11
18वीं
11
20वीं
+ साथ में 5 छोटे 1964 सांचौर प्रताप मेहना 19at
मंत्र
19वीं
17वीं जावद में यंत्र-तंत्र - विधि
सहित
1934 से 20वीं
1856
19वीं
यत्र तन्त्र विधि सह
1912 पुष्कर मूल + मंत्र + ऋद्धि किसनलाल + भाषा + यंत्र
विधि सह
"
( 391
19
11
27
11
"
11
11
"
#1
11
यंत्र विधि सहित
संक्षिप्त संस्करण
Page #408
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392 ]
भाग : 6 :
3A
45
137
कुंथुनाथ 15/25 | भैरव-मन्त्र
Bhairava-mantra
प.मं.
प ग.मं.
कोलड़ी 1296 | महाभैरव काली सरस्वती | Mahābhairava Kali Saraलक्ष्मीमंत्र सहस्रनाम svati Laksami Mantra
Sahasranama कथुनाथ 2/16 | महामन्यूजय मंत्र व जाप- | Mahamrtyunjaya Mantra
विधि
& Japa Vidhi महावीर 3 354| महासमोहिनीय विद्या Mabā Sammohiniya-vidyā
140
141
के नाथ 18/14 | मन्त्र-तन्त्र प्रौषध-संग्रह
Mantra Tantra Ousadha | संकलन
Sangraha . Muktavali
142 | कोलडी
944 |
-मुक्तावली
143 | ,,
765
-शास्त्र
Šāstra
144
"
1316
, -शकुनावली
, Sakunavali
,, -संग्रह
2 प्रतियां
गप.
145-6 कथुनाथ 13/230
34/10
, Sangraha 2 copies,
सालन
147
महावीर 3 इ 92 मंत्राधिराज
Mantrādhiraja
सिंह तिलक
148 सेवामंदिर 353500 मन्त्राक्षर न्यास | Mantrādhiraja Mantra
प्रभाव स्तवन
kşaranyāsa-prabhāva
stavana 149_ कोलड़ी 927 मन्त्राराधन विधि
Mantrāsādhana-vidbi 150 महावीर 3 इ 101 मायाबीज-कल्प Māyābija-kalpa
151
, 3 इ 146
., महाविद्या
,,
Mahavidya
152ौसियां 7 इ 11
,, व साधना विधि
„
& Sādhanā-vidhi
153 | महावीर 3 5 102| मायाबीज जाप विधि
,, Japa-vidhi
154-5
, 3 इ 355
,, -स्तोत्र
,, Stotra
2 copies
156
,
7 इ-3 यन्त्र और वस्तु प्रयोग
Yantra & Vastu-prayoga
ग.यं.
157
,
3 इ 107 यन्त्र-मन्त्र स्तोत्र
Yantra-mantra Stotra
संकलन
ग.प.
कोलड़ी गु. 4/9/ राखड़ी कणामूठादि मन्त्र
पद्य
Rākhadi Kaņāmuthadi
Mantra Rāma-padala
ग.प.
159 सेवामंदिर 519 रामपडल 160
, 5 21 रामरक्षा 161 कोलड़ी 1199 ,
Rāmaraksā
रामानन्द स्वामी
-स्तोत्र
,
Stotra
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मन्त्र-तन्त्र-यन्त्र :
[393
__ 6
7
| |
8A
9
___101 1
मंत्र-तंत्र भक्ति
2x10x9x30 | संपून
19वीं
15x10x16 x 30 प्रतिपूर्ण
1828
,
17x12x7x77 | संपूर्ण
1856
मंत्र-यंत्र जाप विधि
सहित मंत्र-तंत्र
सं.रा.
24x10x14x40 प्रतिपूर्ण
19वीं
26x14x19x27 |
26 x 11 x विभिन्न
मांत्रिक-तांत्रिक
वैद्यक विद्याए विविध मन्त्र व देवी
स्तोत्र दीक्षादि धार्मिक
मन्त्र विधि मन्त्र व निमित्त
31x13x11x46 | संपूर्ण
25x11x15x48 अपूर्ण
12 x 11 व 15 x 13 प्रतिपूर्ण
19/20वीं
विभिन्न डाकणी घूघरा आदि मन्त्रों
का संग्रह जैन भक्ति मन्त्र | सं. जन मन्त्र भक्ति
19वीं
25* | 27x11x14x58 संपूर्ण ग्रं. 559
10x6x7x16 अपूर्ण 27 श्लोक
18वीं
स्तोत्र
मन्त्र-तन्त्र
17x12x13x20| संपूर्ण
1940
मन्त्र-तन्त्र-यन्त्र
25x12x12x32
, 30 श्लोक
21x11x12x25
20वीं x
हीराचंद्र 20वीं x
अमृतचंद्र 1963 जोधपुर
मन्त्र विधि विधान
27x12x13x42
मंत्रपाठ साधनाविधि
28x12x12x34
20वी
मन्त्र-काव्य
26x12 व 28x13 |
, 15 व 9 श्लोक
19/20वीं
28x15x
प्रतिपूर्ण
19वीं
निमित्त व तांत्रिक
विद्या विभिन्न मन्त्र-यन्त्र
28x14x9x36
20वीं
,, मंत्र-तंत्र-यंत्र
मा.
15x11 x 14 x 23 अपूर्ण
19वीं
1955
मन्त्र भक्ति स्तोत्र
व विधि भक्ति मन्त्र-स्तोत्र
27 x 15 x 15 x 39 | प्रतिपूर्ण 27 x 14 x 11 x 32 | संपूर्ण 29 श्लोक
18वीं प्राध्यात्म रामायण
से उद्धरित | 1916 खारिक (प्रात्म रक्षा मन्त्र)
"
"
|
मा.
29x14x14x36
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162
महावीर 3 इ 354 रोगहरणादि-मन्त्र
163-4 कोलड़ी 1273, लक्ष्मीनारायणाख्यान
1265
1307 लक्ष्मीस्तोत्र + त्रिपुर
165
166
1
167
168
394
169
170
171
172
173
174
175
176-7
178
179
181
180
182
183
184
192
193
91
194
"I
30
महावीर 3 इ 119 लब्धिपद - रहस्य
3 इ 148 लोगस्स - कल्प
19
""
2
11
कोलड़ी 508
77
3 इ 354
13
3 T 48
महावीर 396
सेवामंदिर 3 इ345 (लघु),, आम्नाय
महावीर 3 इ92
3 इ 90
3 इ 356 | लौकिक अष्टतीर्थ-पट
वर्द्धमान विद्या
. नाथ 18 /57
| सेवामंदिर गु. दे. 17
कोलड़ी 493
די
940
के. नाथ 26/18
कोलडी 488 से, 92,94.1153
1348 महावीर 3 इ 145 |
श्रीसिया 4 154
के. नाथ 19 / 130
11
""
3
11
31
- मंत्राक्षर-फल
37
"
23
11
,, 3 इ91, 48 वर्द्धमान विद्या कल्प तृतीय स्थान विवरण 2 प्रतियां
3 इ 356 वर्द्धमान विद्या-पट
सौन्दर्याष्टक
11
2 प्रतियां
(यंत्र विधि सह )
-कल्प
www.kobatirth.org
- कल्प
( यंत्र लेखन विधि
सह)
-स्तवन
8 प्रतियां
3 A
Rogaharaṇādi-mantra
Lakṣminārāyaṇākhyāna 2 copies
देवी रहस्ये
Laksmi-Stotra+Tripura- पद्यपुराणे saundary aṣṭka
Labdhi-pada-rahasya
Logassa-kalpa
33
Laukika-aştaṭirtha Pata
Varddhamana-vidya
""
-Mantrakṣaraphala
""
(Laghu ) Varddhamāna
Amnaya Varddhamāna Vidyākalpa सिंहतिलक सूरि
(विबुधचंद्र शिष्य )
वशीकरणआदि नुस्खे व मन्त्र Vasikaranādi-nuskhe &
Tantra
वसुधारा स्तोत्र
Vasudhara-stotra
,, (Yantra-vidhi saha ) सिंहतिलकसूरि
30
(Yantra-Lekhanawith vidhi
-kalpa
Trtiya SthānaVivarana
2 copies
- Pata
-Stavana
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8 copies
11
4
वज्रस्वामी उद्धारित
T││T
1 1 1
भाग : 6
मंत्र ग.
ग. मंत्र
प. "
पद्य
प.ग.मं.यं.
प. गद्य
यन्त्र
ग.
प.
ग. मंत्र
प.
17
ग प.
ग.
यंत्र
पद्य
प.ग.
मू.ग.प.मं.
33
ور
=
"1
5
"1
11
23
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मन्त्र-यन्त्र-तन्त्र :
[ 395
___ 10
11
18वीं
6 7 8 8A मन्त्र व जाप विधि स.रा. 1 25x11x14x48 अपूर्ण
| सं. 10,16| 21 x 10 x 10 x 35 भक्ति मन्त्र-स्तोत्र
14 x 10 x 14 x 26 | | संपूर्ण 15+8 श्लोक
मन्त्र-तन्त्र
19वीं
मन्त्र-तन्त्र
27x12x11x42
, 51 श्लोक
जन मांत्रिक भक्ति प्रासं. | 8
25x11x17x69
यन्त्र-सह
प्रा.सं.मा
2
26 x 13x14x46
20वीं
दो बार लिखा है
, 6 मंडल प्रतिपूर्ण
जैन यन्त्र
हिन्दी
31x30x
18बी
जैन मन्त्र भक्ति
29x 13x15x44 | संपूर्ण
1881
मन्त्र-व्याख्या
30*
24 x 11x14x43
, 169 श्लोक
19वीं
मन्त्र जैनाम्नाय
|
प्रा.स.
26 x 12x11x34 ||
| प्रतिपूर्ण
अंत में 'गौतमयन्त्र'है
25*
जैनाम्नाय भक्ति
मन्त्र
27x11x14x58 संपूर्ण 177 श्लोक
40*
25x11x14x50
, 184 श्लोक
1962
26x12x11x42
20वीं
25 x 13 व 25x11 | , तीसरा अधिकार | 1967/1962|
ग्रं. 175 सोजत बलदेव
" यन्त्र
18वीं
, मन्त्र भक्ति अपभ्रंश | 2*
19वीं
अंत में 2 नवग्रह
31x31x-- प्रतिपूर्ण 26 x 11 x 18x 55||
| संपूर्ण 17 गा. 14 x 12 x 15 x 14 | लगभग पूर्ण 30x12x15x65| संपूर्ण
स्तुतियां
तांत्रिक कौतुक
विद्यायें मन्त्र भक्ति स्तोत्र | सं.
1702
बौद्ध ग्राम्नाय
25x11x18x72
1733
24x11x11x30
1746
4,7,6,5, 25 से 32x10 से 13 5,4,4,5
, (केवल 7वीं में ,
प्रथम पन्ना कम)
19/20वीं
26 x 12 x 16x37
26x11x11x34
1834x
रामवर्द्धन 1848 बांभरणवाड लायकसागर 1863
26x 11x16x46
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396 ]
भाग/विभाग : 6
1
2 .
3A
5
Vasudbārā Stotra
मूग.प.मन्त्र
195 कुंथुनाथ 52/17 | वसुधारा-स्तोत्र . 196 सेवामंदिर 2/372
197
मुनिसुव्रत 3 इ3231 (लघ) वसूधारा-स्तोत्र
(Laghu) Vasudhāra Stotral
198 | महावीर 7 इ9 विजयमन्त्र-कल्प व नौली- | Vijaya Mantra kalpa Naul
विचार
Vicăra 199 | के.नाथ 23/66 विजय-यन्त्र
Vijaya Yantra
200
कुंथुनाथ 29/18 कोलडी 1106
, जयपताका, विधि
प्रतिष्ठादि
, Jayapataka Vidhi
Pratisthādi
अंकतालिकाये
. +भरणविधि
,,
+Bharana-vidhi /
प.ग.
महावीर 7 5 (4) कुंथुनाथ 14/43 | | महावीर 3 5 149
, व उसका माहात्म्य
,
& Mābātmya
, विधि माहात्म्य
,
Vidhi ,
205 | कोलड़ी 1243 | विधानतन्त्र-दुर्गा
Vidhāna Tantra Durgā
206
| ,
1267 | विश्वसंमोहन विश्व वसु
गंधर्वराज-स्तोत्र 944 |वद्यक मंत्र-पत्र
Visvasammohana-Visvasu रुद्रयामलतन्त्रे
Gandharvarāja-stotra Vaidyaka-Mantra Patra
207
प.ग.
śāntidhārā
ग.मंत्र
Sarasvati-kalpa
"
-Mantra
रूपचन्द?
211
कुंथुनाथ 9/122 | शांतिधारा नहावीर 3 इ 129 | सरस्वती कल्प कुंथुनाथ 10/177 , -मन्त्र महावीर 3 इ 356, , , पट
, 3 इ354 , व बुद्धिवर्धक .. 3 इ354 | सर्प-मंत्र-यंत्र ,, 35137 | सर्वलोक-मोहनादि-यंत्र
,
-Mantra-pata
212
नुस्खा
, Mantra & Buddhi
vardhaka Nuskha Sarpa Mantra-yantra
213
ग.मं.
214
ग यंत्र
Sarva Lokamobanadi
Yantra Sankataro Mantra-stotra | शंकराचार्य
215
कुंथुनाथ 14/63 संकटारो मन्त्र-स्तोत्र
प.मंत्र
Sankalpa-vidhi
महावीर 3 इ 166] संकल्प-विधि ., 7 इ7 | मिद्धनागार्जुनीयकक्ष-पुट
217
ग.प.
Siddhanigarjuniya Kaksal सिद्धनागार्जुन
Pata Silpa Yantra-pata
218
35356 सिल्पयंत्रपट
ग.यं.
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मन्त्र-तन्त्र-यन्त्र :
[ 397
6
7
8
8A
10
11
मंत्र भक्ति स्तोत्र |
26x11x13x40संपूर्ण
19वीं
बौद्ध ग्राम्नाय
"
|10
24x12x9x27 | अपूर्ण
18वीं
21x11x14x34 | संपूर्ण
8
27x12x14x45
मंत्र-तंत्र कौतक- संरा
विधि मंत्र-यंत्र प्रसिद्ध सं.
1849 मेड़ता
धनसागर 1968 आजिकाजपुर,रामचंद्र 19वीं
23x12x15x59| ..
विधि-सह
मंत्र-तंत्र-यंत्र
26x11x19x78
21x16x
अटक
20वीं
(केवल अंकतालिकाये , प्रति पन्ने परि
वत्तित?)| यंत्र-तंत्र-मंत्र सं.मा.4
27x12X1440
19वीं
विधि-सहित
26 x 10 x 14 x 60 | मपूर्ण 27 श्लोक
मंत्र व उसका
माहात्म्य मंत्र-तंत्र
25x11x17x53
1889
मन्त्र-संग्रह
सं.मा.
27x14x11x32 | प्रतिर्ण
1917
तंत्र-मंत्र
1893
23 x 14x13x30 | संपूर्ण 21 श्लोक 25 x 11x विभिन्न प्रतिपूर्ण
निदान व ज्वर मंत्र सं.रा.
19वीं
भक्ति मन्त्र
27x15x12x24 अपूर्ण
20वीं
स्तुति-मन्त्र
19वीं
28 x 12 x 14 x 47 संपूर्ण 21x10x10x48 |, 9 श्लोक
1845
जीर्ण फटा हुआ
मन्त्र
38x22x
प्रतिपूर्ण
18वीं
मंत्र व औषध-प्रयोग स हि.
27x12 x 10 x 30
मंत्र-यंत्र उपचार
19x11x
19वीं
मंत्र-यंत्र-तंत्र
26x11x
18वीं
भक्ति-मंत्र
10x10x6x9
19वीं
मंत्र-स्तोत्र
19x10x4x12
20वीं
মগবগ।
28x13x13x58
,
19वीं
| 49 x 43 -
प्रतिपूर्ण
18वीं
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398 ]
भाग :6:
3A
219 | महावीर 3 198 | सूरिमन्त्र-स्तोत्र व स्तवन | suri Mantra-stotra & | जिनसूरि
Stavana , 3 इ 133 ,
3597
राजशेखरसूरि
" 35354
,
+लब्धि-मन्त्र
" +Labdhi Mantra
3593
स्तवन-सह
,, with Stavana
224
3 इ95
राजशेखरसूरि
225-6
,
,, कल्प 2 प्रतियां
,, -Kalpa
सिंहतिलक सूरि
पद्य
3 इ96
3 या 48 , 3 इ94
227
ग.प.
228
,
3 इ99
229
कोनड़ी 966
,, सविवरण
देवसूरि ,, ,, with Vivaranal - ,, Yantra Pata | वृद्धिसागरसूरि
ग मंत्र
| महावीर 3 इ 356
ग.यंत्र
, -यन्त्र पट सूर्य पताका-पट
,, Surya-Patika-Patall
स्त्री-पुरुष वशीकरण-मंत्र
ग मंत्र
| Stri-Purusavasikarana |
Mantra Sthāpānacārya-kalpa
7510
स्थापनाचार्य-कल्प
भद्रबाहुउक्त
ग.प.
235
3 इ354 स्वेताक-कल्प व अन्य |Sveta Aka-kalpa & Kau- |
कौतुक
tuka etc. कोलड़ी 1310 | हनुमत कवच स्तोत्र मंत्र-ध्यान Hanumat kavaca-stotra | श्रीरामचन्द्र ऋषि पग.मं.
Mantra-dhyāna | के नाथ 29/72 | , दिव्य कवच माला मंत्र | , Divya Kavacamala | रुद्रयामलेउमामहेश्वर | प.
स्तोत्र Mantra-stotra
संवादे महावीर 3 इ356 हनुमानपताका-पट Hanumāna-Patākā Pata
मन्त्र
237
मू+ट (प.ग)
पद्य
ग.प.
, 3 5 103 | ह्रींकार महास्तोत्र व विधि | Hrmkāra Mahā-stotra &
Vidhi , 3 इ 100 , जाप-विधि
, Jāpa Vidhi 240 | के नाथ 28/17 स्फुट लघु व अपूर्ण ग्रंथ तथा Sphuta Laghu & Apurna | भिन्न 2
अटक पन्ने | Grantha & Trutaka Ponnel 241- | कुंथु 11/197 से | , 52 प्रतियां , , 52 copies 92200, 12/210
13/222 से 29,32, 34,49,25/14 से 24,31/2-5,32/ 25 से 31
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यन्त्र-तन्त्रमन्त्र :
[ 399
6
7
8
8A
१
10
11
जैन मंत्र-स्तोत्र
| प्रा.
27x12x9x47 | संपूर्ण 30 गा.
| 1962 जोधपुर
गोपीकिशन | 1961
27-11x6x26
50 गा+मन्त्र
21x12x12x43
., विधि व
माहात्म्य
1878 जोधपुर पलधारी गच्छानुसार लक्ष्मीनारायण 18वीं
26x12x14x40
" भक्ति
24x11x7x34
19वीं जोधपुर
माईदास 1962
24x11x14x39
विधिसह जैनमंत्र
भक्ति
30,40*25x11 व 25x11
, 632 श्लो. ग्रं. 900/ 19वीं/1962 |
20x11 x 11x38
,, 20 अधिकार
20वीं
24x11 x 14 x 48
1962
साथ में देवतावसर
विधि भी पांचवा पन्ना कम है
25x11x15x58 प्रथम पीठ 84 पद
19वीं
जन मन्त्र यन्त्र
25x23x--
प्रतिपूर्ण
18वीं
यन्त्र-मन्त्र सह
25x22x
30 x 22 x -
17वीं
27x13x13x30
1955
जीर्ण
मन्त्र-यन्त्र चित्र
सहित स्थानापनाचार्य सबंधित निमित्त
शास्त्र नुस्खे प्रयोग व कौतुक रा.
तन्त्र विद्या मन्त्र भक्ति स्तोत्र
18वीं
25x11x20x52
16x11x12x18 अपूर्ण
19वीं
25x13x14x33 संपूर्ण
1899
/
24x30x
प्रतिपूर्ण
18वीं
मन्त्र-यन्त्र चित्र
सहित मन्त्र-तन्त्र
27x12x7x37 | संपूर्ण 23 श्लोक
19वीं रत्नावती
पुरी मानचंद्र 20वीं
25x12x8x35 | संपूर्ण
मंत्र व पाठ विधि
साधना विविध मन्त्र-यन्त्र-प्रा.सं मा 422
तन्त्र
24 से 32 x 10 से 16 | पूर्ण/अपूर्ण
17 से 20वीं
24 से 28x10 से 15
19/20वीं
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400 ]
भाग 6 :
2 . .
3A
4
प.ग
293-5| कोलड़ी 1508] स्फूट लघु व अपूर्ण ग्रंथ तथा | Sphuta Laghu & Apurna | भिन्न 2 गु 10/12/
अटक पन्न
grantha & Trutaka 69 (2 प्रतियां । बस्ता)
2 copies
2 copies
296-7| महावीर 3 इ354| स्फुट लघु व अपूर्ण ग्रंथ तथा
35 136/ त्रुटक पन्ने 2 प्रतियां
भाग 7 साहित्य व भाषा/विभाग (अ):
।
सेवामंदिर दे गु 20 अकबर की नसीयत
Akabara ki Nasiyata
अकबर बादशाह
कुंथुनाथ 46/3 | अजय सोलंकी अलाउद्दीन | Ajaya Solanki Allauddinaखीलजी की बात
khilaji ki Bāta के नाथ 26/92 | अजीतसिंहजी की निशाणी | Ajitasimhaji ki Nisani
यतिलालचन्द
,
18/62 | अनुभव-प्रकाश
Anubhava Prakasa
म. जसवन्तसिंहजी
प्रोसियां 2/287 | अन्यापदेश-शतक
Anyápadeśa Śataka
मैथिली मधुसूदन
(पद्मनाभसुत) अमहक कवि
सेवामंदिर 6 इ 35 अमरु-शतक
Amaru Sataka
औसियां 6 इ 19
के नाथ 27/42
प्रौसियां 6 इ 20
, -सटीक
+Tika
अमरुकवि नन्दलाल
| मू+वृ (प.ग.)
Avayavarga
,, 6 इ21 | अवयवर्ग महावीर 6 इ 49 अष्टलक्षी
Aşta Lakşi
समयसुन्दर
12 | कोलड़ी गुटका
प्राध्यात्मिक पद-संग्रह
Adhyatmika Pada San- | सुन्दरदास
107
graha
,
11/12/
कोलड़ी 140
के नाथ 29/96 | प्राभूषण-बत्तीसी
Ābhūşaņa Battisi
चन्द्रसेन
प/तालिका
कु थुनाथ 283 प्रासफखान की वार्ता व | Asaphakhina ki Varti &
सर्वये
Savaiye महावीर 6 इ 47 | पासिक-पच्चीसी Asika Paccisi
-
18
प्रोसियां 6 5 10 उंदर-रासा
Undara Rasa
लाभसुन्दर
19 | के नाथ 11/13 | ऋतु-संहार
Rtusamhāra
कालीदास
मू.+ट (प.ग.)
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यन्त्र-तन्त्रमन्त्र :
[401
10
11
6 7 8 | 8A विविध मंत्र-यंत्र-तंत्र प्रा.सं मा | 389 | 24 से 28 < 10 से 15 पूर्ण अपूर्ण
17120वीं
10,2
19/2017
महाकाव्य आदि साहित्यिक ग्रंथ :--
प्रशासनिक राजनीति हिं.
4
| 26 x 20 x 17x18 | संपूर्ण
1926
ऐतिहासिक वार्ता
17x12x17x12 | अपुर्ण
1919
" काव्य
20x16x15x21 | संपूर्ण
18वीं
साहित्यिक-काव्य
121x9x22x47
,
26 पद्य
19वीं
27 x 12 x 13 x 43
110 श्लोक
नैतिक साहित्यिक
26x11x15x60
101 श्लोक
19वीं बखत
सागरण 1706x
जिनहर्ष 18वीं
30x14 x 8x36
26XIIx10x31
100 श्लोक
19वीं
14
30x14x20x70
18वीं विक्रमपुर
साहित्यिक
30 x 15 x 9 x 43
| 21x11x12x52
1946 x जोशी प्रलंकारिक व्याख्यान
जेठमला
एक पद के 8 लाख
अर्थ भक्ति मय प्रौपदेशिक रा.
पद
19x15x14x27 |
,, 5 अध्याय शताधिक 1767
(अपरनाम ज्ञान
समुद्र)
16 x15x17x25
, 183 सर्वये
1773
गहनों के नाम व
काव्य ऐतिहासिक साहि
त्यिक श्रृंगारिक
25 x 11 x 17 x 37 प्रतिपूर्ण 16x12x- संपूर्ण 34 छंद 14 x 18 x 17x16 , 154 छंद 24 x 11 x 12 x 28 | , 25 पद
चूहों पर हास्य व्यंग ,
22x10x10x23
20वीं
काव्य
साहित्यक काव्य
26x12x11x43
शिशिर 5वेंसर्गतक
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402 ]
भाग : 7 साहित्य व भाषा विभाग (अ)
3A
| Aitihasika Varsavali
गद्य तालिका
कुंथुनाथ 19/3 | ऐतिहासिक वर्षावली के.नाथ 29/97
सेवामंदिर गुति.6 कथा-संग्रह
Kathā Sangraha
संकलन
कोलड़ी 854 | कबीर की साखियाँ
Kabira ki Sakhiyan
कबीरदास
कुंथुनाथ 10/178 कर-संवाद
Kara Samvāda
म. लावण्यसमय
के.नाथ 17/16 कर्कराज शासन-पत्र
Karkarāja Śāsanapatra
, 5/ITA कला-विलास
Kala Visasa
व्यासक्षेमेन्द्र
27-31 कथनाय 12/203 | कविता-संग्रह 8 प्रतियां | Kavita Sangraha 8 copies | भिन्न 2
1314/49. 51,33/44.|
45,3/72 35 कोलड़ी गु.10.7 कहावतों के दोहे
Kahāvaton ke Dche संकलन
सेवामदिर 6 इ24 कागड़ा बालोछ ढाणी की | Kagada Balecha Dhani
वार्ता
ki Vartā कोलड़ी गु. 2/1कासिक नीति-शास्त्र Kārpāsika Nitišsātra
Kavya Sūktāvali
तालिका
के नाथ 18/55 काव्य-सुक्तावली प्रीसियां 6 इ5 | किरातार्जुनीय-सटीक
Kirat a juniya +Tika
भारवि/मल्लिनाथ रिमू वृ. (ग.प.)
कोलड़ी 713
भारवि
मू.प.
के.नाथ 22/26
-सटीक
+Tika
भारवि
मू वृ. (प.ग.)
यौनियां 6 इ9
भारवि/मल्लिनाथ
के नाथ 7/45
मू प.
प्रौसियां 6 इ7
मू.ट (प.ग.)
-सटीक 2 प्रतियां
मू.व. (प.ग)
45-6 के.नाथ 25/26,
75 47 सेवामंदिर 6 514
+Tika
2 copies k. Tikā
-की टीका
मल्लिनाथ
प्रोसियां 6 इ 6
49
कोलड़ी 988
मल्लिनाथसूरि
50
के नाथ
2/17| कुमारसंभव-सटीक
Knmara Sambhava Tika | कालिदास/
मू.टी. (प.ग.) | मू.अ. ॥
51
, 10/104
, -सावचूरि
,
+with Avacāril
/
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महाकाव्य प्रादि साहित्यिक ग्रन्थ :
[ 403
8A
___ 10
1।
18x15x13 x 14 प्रतिपूर्ण
1793
मध्ययुगान
किलों शहरों राज्यो रा.
के संवत् राजा व नगरों के | ,
संवत् बोधकथायें
25x11x11x30
,
19वीं
1802 से 1180 गुजरात व राज. के पन्ने निा क्रम
14x15x17x22 त्रुटक
प्रौपदेशिक साहि- | हिन्दी
त्यिक बायें व दाहिने हाथ मा.
का वादविवाद ऐतिहासिक वृत्तांत
29x 12 x 21x48 | संपूर्ण 31 विषयसांग
591 दोहे 26x || x 13x42 | , 69 छंद
3
30x16x14x30
राजपुत्रदत्तिवर्मा द्वारा दिया गया पहिला पन्ना कम है
सुभाषितानि
27x11x21x66 |
10 सर्ग ग्रं. 676 17वीं
साहित्यिक रचनायें डि.
1,1,1,1 | भिन्न 2 21,11
प्रतिपूर्ण
| 19/20वीं
स्फुट लघु ग्रन्थ
नैतिक काव्य रा.
|
19x15x14x27 |
प्रर्याप्त
समस्यापूत्ति
1767 1856 जीवाण
लोककथा
22x15x15x33 | संपूर्ण
नीतिशास्त्र
14x9x9x16
8 अध्याय 135
1666
श्लोक
| 26x12x30x68 | प्रतिपूर्ण
19वीं
शोकों की प्रादि गा., थायें अकारादिक्रम से ऐतिहासिकमहाकाव्य
26 x 13x17x48 संपूर्ण 18 सर्ग
17वीं
1725
22 x 11 x 11 x 40 26 x 11 x 4x42
1785
: :
26 x 12x17x52
1854 विक्रमपुर
बखतसुन्दर 1854
| 25x11x13x33
, 19 सर्ग
:
| 28 x 13x10x46 | अपूर्ण 11वें सर्ग तक
16वीं
232,
29x13 425x11
, 16/17 सर्ग तक | 18/19वीं
29x14x17x40
, प्रथम सर्ग+मात्र | 16वीं
3326x12x17x64
17वीं
जीणं पन्ने चिपक
गये हैं
115
31x15x17x52 | संपूर्ण 18 सर्ग
19वीं
साहित्यिक महाकाव्य ,
1541 .
| 29 x 11 x 10 x 34 , 8 सर्ग | 26 x 12 x 10 x 31 |, 7 सर्ग
या 8वें सर्ग 16 श्लोक तक हैं
16वीं
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404
भाग : 7 साहित्यिक भाषा विभाग(अ):
___ 1
2.
3A
52-3 | कोलड़ी 716-7] कुमारसंभव
2 प्रतियां | Kunara Sambhava
2 copies
कालिदास
मू प.
54 | प्रौसियां 6 इ28/
4 copies
55-8| के नाथ 22/49,
4 प्रतियां 7/9,22/28,
7/27 59-60 के.नाथ 22/29,
, -सटीक 2 प्रतियां 6/99+
22/10 61 सेवामंदिर गुति-5 कृपण-दर्पण
,
+Tika 2 copies
मल्लिनाथ | मू+वृ (प.ग)
Kệpaņa Darpaņa
Keśava Subhasita
केशवदास
Kokasāra
प्रानन्द
62 मुनिसुव्रत 3 इ 318/ केशव-सुभाषित
के.नाथ 29/64 | कोक सार | कोलड़ी गु [1/4
| कुंथु 31/12 , 66 | कोलड़ी गु 9/7 | कोकमंजरी
768 | कोकशास्त्र
Kokamanjari Kokaśāstra
कोर देव
68-9 कुंथु 44/8,
2 प्रतियां , 2 copies 44/4 कोलड़ी 1315| खटमल व पोसती-रास | Khatamala & Posati Rasa
71
,
गु 6/1खुमाणसिंह बारहमासा
Khumanasimha Baraha-
खुमारण सिंह
māsā
Gābākosa
वीरभद्र ?
., पुट्टा 55 में
गाहाकोश बिना नम्बर | कुथु. 4/91 गांगातली-कथा
Gāngā Taili Katha
कोलडी 1262
Guņa Sāgara
दौलु
Goramji ki Gajala
कविप्रेम
के नाथ 29/85/ | सेवामंदिर 2/380 गुणसागर
,, ति. गु. 4 | गोरमजी की गजल | के.नाथ 9/41 | गोराबादल-चरित्र 79 | कुंथु 426 ,, -चौपई 80 , 40/2 | चन्द्रकुमार की वार्ता 81 मेवामंदिर ति गु 4 , ,
Gorā Bādala Caritra
वाचक हेमरत्न
, Caupai
Candrakumara ki Vārtā
"
"
. खुमाण रसक हंसकविराय ,
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महाकाव्य प्रादि साहित्यिक ग्रन्थ -
[ 405
8A
9
11
____ 10 1759/19वीं
साहित्यिक महाकाव्य सं.
| 26,27 | 25 x 10 x 13 x 36 | संपूर्ण 8/7 सर्ग
37 25x11x8x33 , 7 सर्ग
1801 विक्रम
पुर बखतसुन्दर 29,44| 24 से 26 x 11 से 12 अंतिम प्रति अपूर्ण शेष 1802 व 19वी| दूसरी प्रति में 35.13
संपूर्ण
____टब्बार्थ भी है 30,98| 25 से 28 x 11 से 12 प्रथम अपूर्ण द्वितीय पूर्ण | 19वीं/1823
कंजूस पर व्यंग
16x10x22x17मपूर्ण 44 गा.
| 17वीं
नीति विषयक भी
18वीं
24 x 11 x 15 x 38 | अपूर्ण 63 छंद 16 x 21 x 19 x 20 संपूर्ण
पुरुष-स्त्री रतीशास्त्र
1835
12x11x16 x 15 अपूर्ण
1758
16x23x22x19
,
106 गा.
19वीं
12x10x10x17 | ., 28 छंद
1915
26x 11x15x48
19वीं
18,17| 22x16 व 16x12 | अपूर्ण
पहिली प्रति में
औषधादि भी
|
25 x 11
+15 छंद ।,
साहित्यिक कवितायें
(दो) शृंगारकि कविता
21x14x23x20
, 28 छंद
1870
34x13x14x62 | , 40 गाथा ..
15वीं
लोककथा
26x11x14x56
19वीं
17x9xllx31 | अपूर्ण
1932
(साथ में 2 पन्न
रामायण के)
26 x 11 x 13 x 48
19वीं
सुभाषित संग्रह
16 x 13x9x 22 | संपूर्ण
1956 जोधपुर 1921 की कृति
प्रासकरण 1892 1837 की कृति
17x11x20x11
, 28 गा.
गोरमनाथ धाम व
यात्रा वृत्तांत ऐतिहासिक वार्ता
26x11x14x40
, 738 गा.
19वीं
26x11x14x32
लोककथा
15x26x30x25 संपूर्ण 87 गा.
1831
17x11x 22 x 10
, 89 गा.
1892
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406 ]
1
82
कोलड़ी 9/13 चन्द्रकुमार की वार्त्ता
कुंथुनाथ 54 / 1
की कथा
सियां 6 इ 38 चाणक्य नीति
6 इ 8
कोलडी 1093
सेवामंदिर 5 ग्रा 6
कुंथुनाथ 16/1
44, 1
33/9, 35/40
19/1
935 के नाथ 15/181
83
84
85
86
87
88
89
90-2
96
101
102
103
106
107
108
19
109
2
110
के नाथ गु. 2
104 मुनिसुव्रत 3 इ 32
105
978 के नाम 26/60.
92
99 मुनिसुव्रत 6 इ 43 जखड़ी
100
के. नाय 26/93
वामंदिर गुति 4
"
"
13
12
31
"
"
"
21
3
16/25. 15/138
सेवामंदिर 6 इ 45 चांपावत भाटियोरी कमाल
31
लघु व बृहत् नीति
शास्त्र
लघुनीति सानुवाद
3 प्रतियां
नीति
"
दे 4 जमाल - गार गु
11
जगदेव परमार की वार्त्ता
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13
Candrakumara ki Vārtā
"
Kamala
Campavata Bhatiyon Ri चित्तौड़गढ़ - गजल 2 प्रतियां Cittauda Gadha Gajala 2 copies
Jakhadi
3 A
Canakya Niti
33
"
ki Katha
Jagadeva Paramāra ki
3 copies
"3
Jamāla Śṛngāra
Jalāla Gahani ki Vārtā
जलाल गाहाणी की वार्ता
जीभ दांत विवाद
Jibha-danta Vivāda
shaha 11/10 डाकोर रणछोड़जी रोशिलोको Dākora Ranachodaji śiloko के. नाथ गुटका 10 ढोला-मारवणी - चौपाई Dhola Māravani Caupai
गु. 12/8 कुंथुनाथ 54/4
के. नाथ ग. 2
कोलड़ी गु6 / 1
भाग : 7 साहित्य व भाषा / विभाग ( अ )
Vårta
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ke Dohe
खुमार रसकहंस
चाणक्य
""
23
"1
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
,,
"
17
4
/ भावनादास
खेतलजनयति
"कविश्वर "
17
के दोहे दाढाला बाराह मूंडण की Dadhālā Bāraha Bhūndana " कवीश्वर"
वार्त्ता
ki Vārtā
कविराय
मोह-चन्द्र सेन
वाचक कुशललाभ
प.
ग.
मूट. (प.ग.)
मू. प.
मूट. (प.ग.)
मू प.
मूबा ( प. )
मु.प
पद्य
"
11
ग.
"
17
प.
ग.
प.
"
5
ग.
Page #423
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महाकाव्य श्रादि साहित्यिक ग्रंथ :
6
लोककथा
राजनीति शास्त्र
"
"
=
91
""
11
"
स्त्री श्रृंगार
ऐतिहासिक कथा
साहित्यिक कल्पना
लोककथा
प्रसिद्ध लोक गीत
31
19
7
रा.
11
11
सं.
"
सं.मा.
सं.
ऐतिहासिक काव्य
गढ-वृत्तान्त
कृष्ण-रुक्मिणी
व्याह
शौर्यसत्य पर जीवना रा.
सं.हि.
सं.
डि.
मा.
डि.
??
13
71
"
"1
मा.
:
साहित्यिक वीर कथा डि.
17
19
50
32
37
8
36
10
8
20
6
4,4
3
32
6,15,7 17 से 28 x 11 से 15
60
6
11,48 24 से 26 × 11 से 12
17 × 12 × 10 × 21
23 x 11 x 15 x 30
24
1
गु.
23
गु.
8 A
13
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गु.
15 × 11 × 10 × 1 6 अपूर्ण 54 छद
17 x 13 x 12 x 7
संपूर्ण
18 x 10 x 5 x 22
23 x 14 x 18 x 15
25 x 10 x 13 x 38
20 x 15 x 23 x 22
17 x 11 x 20 x 10
15×11×7x 21
534 श्लोक
2 2 x 11 x 5 × 33
पूर्ण पहिले 3 पन्नो कम
19at
22 × 11 × 10 × 42 | बृहत् के 4 अध्याय लघु पूरे 8
26 × 14 × 17 x 46
लघु के 7 व बृहत् के पूरे 1939 8 अध्याय 14 × 17 × 14 × 24 पहिल 2 पन्न कम / लगभग पूर्ण
प्रथम 2 पूर्ण अंतिम अपूर्ण 20वीं
22 x 18 x 14 x 27
23 x 10 x 10 x 28
15 x 13 x 9 x 19
20 x 12 x 20 x 31
11
19 x 12 x भिन्न 2
17 × 14 × 11 × 18
22 × 18 × 14 × 27
21 × 14 × 23 × 20
"1
13
अपूर्ण
संपूर्ण 29 छंद
"
12
9
==== R
8 अध्याय
31
16 गाथा
9 गाथा
819 छंद
अपूर्ण
संपूर्ण 454 दोहा
संपूर्ण
अपूर्ण
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10
19वीं
1922
16वीं
17वीं
1847
1936
1850 से 20 वी
19वीं x गेनचंद
19/20वीं
18वीं
1814
1892
1822
1813
19at
1834
1755
19वीं
1828
1814
1870
[ 407
11
1740 की कृति
अंत में गिंदोली वाला बिल्कुल अपूर्ण
12वीं सदी की धारा नगरी बीच 2 में दोहे
रजपूत विजैनंद की
कथा
1677 या 17 की
कृति
जीर्ण
Page #424
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408 ]
भाग 7 : माहित्य व भाषा विभाग (अ)
।
2 .
3A 11। सेवामंदिर गुति | दाढाला बाराह मुंडण की | Dādhā.ā bai āha Bhān. | 'कवीश्वर"
वार्ता
daņa ki varta 112 | के नाथ 29/88 | दिनदरवेश की कंडलिया | Dinadarvesa ki Kundali- | दिनदरवेश
ya 113 सेवामंदिर ग दे. देवीदास राजनीति-कवित्त |(Devidasa) Rajanitikavitta| देवीदास
114
Navaratnakávya Kavitta
मू बा. (प.)
| के नाथ 22/43 | नवरत्न काव्य कवित्त
सानुवाद , 10/55 | नन्दबत्तीसी के दोहे
115
Nandabattisi ke dohe
नरपति
116
| कुंथुनाथ 45/4 | नन्दबहुत्तरी
Nanda Bahuttari
जसराज
117
के नाथ 17/32 | नायिकाभेद व नीतिपद्य
Nayikabheda & Niti Pady:| संकलन
118
भत हरि
पौसियां 6 इ 40 नीति शृंगार वैराग्य-शतक | Niti Srngara Vairagya
Sataka , 5श्रा 2
119
120
के नाथ 22/17
121
,
16/44
-शतक सटीक
,, Sataka+Tika
|
व्यास पुक्कर- मू+व (प.ग.
दाम
122-3
2 प्रतियां
,,
, 21/491 नीति-शतक __22/508/2
, 2 copies
124
सेवामंदिर 5आ
125
अौसिय 5आ 3
,
126
के.नाय 27/4) | नैषधीय-चरित्र
Naişadhiya Caritra
श्रीहर्षकवि
मू ट. (प.ग)
127
| कोलड़ी 1246
के नाथ 26/66
129 | कोलड़ी 1249
,, -महाकाव्य की वृत्ति
, Mahikāvya ki .. जिनराजसूरि
Vrtti
130
,
996 | पत्र पारूप
Patra Prárūpa
कुथुनाथ 4/106
132
45/7
Paramārtba Sataka
चौधरो
133 कोलड़ी गु 10/5/ परमार्थ-शतक
, गु. 1/1 | पहेली-संग्रह 135 , गु. 11/6 ,
134
Paheli Sangraha
संकलन
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महाकाव्य प्रादि साहित्यिक ग्रन्थ
21
साहित्यिक वीर कथा डि.
व भक्ति
fa.
राजनीति साहित्य डि.
नीति विषयक श्लोक सं. हि.
साहित्य धार्मिक डि.
"
11
श्रृंगार व नीतिकाव्य हि
प्रसिद्ध शतक त्रय
सं.
"
11
11
31
יו
33
"1
6
33
राजा गुरु आदि को लिखने के नमूने उपमादि
12
रा.
11
7
"
"3
31
"
नैतिक साहित्यिक मा. साहित्यिक
""
17
3
8
50
4
4
16 × 12 x 9 x 13
23 x 12 x 10 x 28
26 x 12 x 16 x 45
17 x 14 x 11 x 18
31 × 16 × 13 × 34
26 × 10 × 16 × 55
27 × 1 1 × 13 × 43
26x12 x 4 x 37
26 × 11 × 13 × 29
17,20 28 x 13 x 7 x 32
गु..
30
16
18
77
51
9
5
101
102
81
195
3
1
1
गु.
30
8 A
गु.
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17 × 11 × 20 × 19 संपूर्ण
21 x 11 x 17 x 42
11
11
9
40 कुंडलिया
122 छंद
11
9 काठ
116 पद
73 छंद
105,102 109
श्लोक नीति संपूर्ण श्रृंगार 40
31
तक
संपूर्ण 109/108 लोक
26 × 11 × 10 × 28 अपूर्ण 22 से 95 श्लोक
25 x 11 x 15 x 51
17 श्लोक
11
"
26 × 11 × 10 × 30 संपूर्ण 22 सर्ग, श्लोक 5250
25 x 11 x 15 x 52
लगभग पूर्ण 22 / 140
प्रतिपू
संपूर्ण 107, 101, 1251641
श्लोक
तक
26 × 11 × 15 × 52 अपूर्ण बीच के 5 से 85 पन्न
25 x 11 x 13 × 48
6 सर्ग तक
31 × 15 × 1 4 × 52 पंपूर्ण 35 प्रकार के पत्रों के
26 × 13 × 12 × 44 प्रतिपूर्ण
लम्बारोल 15 से. चौड़ा
19 × 13 × 13 × 23 संपूर्ण 101 गा.
13 x 10 x 11 x 20
अपूर्ण शताधिक
15 x 9 x 7 x 14
16 पहेलियां
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1892
19वीं
1903
10
19वीं
1828
19वीं
1708 पाटण सोमगरिए
19वीं
27
"1
71
20वीं
1643
17वीं
18वीं
19वीं
11
1884
1783
19वीं
[ 409
11
देखें 'वैराग्यशतक
भी)
" सार्थ
टीका सुबोधिनी नाम्नी
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4101
भाग : 7 साहित्यिक भाषा विभाग(अ)::
3A
136
कोलड़ी
993 | पहेली-संग्रह
Paheli Sangraha
संकलन
137
1261 पंच-तन्त्र
Pancatantra
विष्णु शर्मा
138
1105
139 | के नाथ 15/188
" सहबालावबोध
,
+Bālāvabodha
मु.+बा.
140
, 16/2 कोलड़ी गु. 11/9
, का पद्यानुवाद , -भाषा
,, ka Padyanuvida| मेरुसूरि का शिष्य
,, Bhasa (मू. हितोपदेश से) Panca Saheli Vārttā
छीहल
142
के नाथ गु. 20 | पंचसहेली-वार्ता
143 कोलड़ी गु.2/3 144 ... 1319 145 के नाथ गु. 26/103 पुरुष 72 कला स्त्री 64 गुण| Purusa 72 kala Stri 64
Guņa 146 प्रोसियां 6 इ 12 पुष्करणों की उत्पत्ति । Puskaraņon ki Utpatti 147 सेवामदिर 6 इ 44 पोसती-रास
Posati Rasa
वखत
प.ग.
148
के.नाथ 17/4 प्रबोधचन्द्रोदय
Prabodha Candrodayā
कृष्णमिश्र
मूनाटक
149
9/42 प्रश्नषष्टि शतकम
Praśna Şasti Satakam
जिनवल्लभ
संकलन
जयदेव
150 सेवामंदिर गु.ति.5 प्रीत के दोहे, परिहा व पद Pritake Dohe Parihi&
Pada | कोलड़ी 1312 | प्रीत सखी के दोहे Prita Sakhi ke Dohe 152 के.नाथ 26/103 | पु.हड़ स्त्री रास Phūhadastri Rāsa | सेवामंदिर गु दे. 4 | बारहमासा
Baraha Masa 154 | कोलड़ी 272 155 | , गु. 7/7 | बाठनी (कुंडलिया+कवित्त) Bavani
काजीहमीद
मुनि धर्मसिंह
156
सेवामंदिर ग.दे.15 बांकीदास-ग्रंथावली
Bankidāsa Granthavali
कवि बांकीदास
157
,
गु.ति. 4 बिरद शृगार
Birada Sțngāra
कविया करणीदान
,
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महाकाव्य आदि साहित्यिक ग्रंथ :
[ 411
6
7 | 8 |
8A
9
|
10
11
27x 13x17x45 | प्रतिपूण 78 श्लोक
19थी
समस्या सुभाषित
श्लोक साहित्यिक बोध
22x16x17x32 | संपूर्ण 5 तन्त्र
1788
कथायें
24 x 12 x 14 x 36 | अपूर्ण 75 श्लोक मात्र | 19वीं 25 x 11 x 17 x 60 , 143 श्लोक तक | 18वीं 26 x 11 x 14 x 38 | X14X38 | बुटक (श्लोक 1902/. | 19वीं 1522 की कृति
4600 19x 14x14-20 संपूर्ण चारों विभाग 1784विक्रमपुर
शृगार प्रधान लोक- रा.
20x15x14x25
, 163 गाथा
1754
1575 की कृति
कथा
15x12x12x22
1762
25x11x15x28
, 63 गाथा
1802
प्रथम पन्ने पर राम सिलोको (श्लोक)
साहित्यिक
25x12x20x56
18वीं
जाति उत्पत्ति व्यंग
43x11x18-65
20वीं
साहित्यिक काव्य
26x11x10x36
19वीं
(देखें खटमल व
पोसतीरास)
, कृति
30x16 x 13x40
,
6 अंक
श्लोक में ही प्रश्नोत्तर
26x11x12x37 , 162 श्लोक (प्रथम
पन्ना कम) 16x10x33x19 प्रतिपूर्ण 256 कुल पद | 1764
प्रेमपत्री नीति व स्फूट
25x11x17x48
, 141+18 दोहे | 19वीं
स्त्री-लक्षण
25x12x20x56
, 33 गाथा कूल
18वीं
अंत में तंबाखू गीत
विगहिणी गीत
15x11x8x15
संपूर्ण 122 गाथा
1823
प्रथम 6 दोहे कम
26 x 11 x 22 x 58 | ,, 95 गा.
1732
साहित्यिक प्रौपदे
शिक सिंह छत्तीसी, सूरछत्तीसी, कृपरणपच्चीसी, वचनविवेक पच्चीसी, वणिकवार्ता, मोहमदन
22x16x20x30 52 कंडलिया । 19वीं
57 कवित्त 15x10x27x19 अपूर्ण 15 में से केवल | 1939
1.7 ग्रंथ क्रमांक 9 से 15
1892
ऐतिहासिक काव्य | डि. | 2117x11 x 18 x 10 | संपूर्ण 134 गा. महाराज अभयसिंह जोधपुर हेतु
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412 ]
भाग : 7 साहित्य व भाषा विभाग (अ) -
1
3A
Bihāri Satasai
कवि बिहारीलाल
158 159
2 . कोलड़ी गु. 10/7/ बिहारी सतसई सेवामंदिर गु.दे.21 कोलड़ी 1145
161
,
1272
के.नाथ 2963
" -सटीक
>
with Tikā
बिहारी सुरतिनिध
मु.टी (प.ग.
163
कोलडी 1256
,, -सटीक सानुवाद
164
के नाथ 27/50
बिहारी
,
Sūcanika
| Binja Saukhi ke dohe
कवि बिजा
Bikānera ki Gajala
उदेचंद
Bikā Soratha ki Vartta
Buddhā Rāsa
165ोसियां 6 इ 16
। ० इ , -सूचनिका के.नाथ गु. 26/103 दिजा सौखी के दोहे 167 कोलड़ी गु. 11/9/ बीकानेर की गजल 168 , गु. 6/1 | बीका सोरठ की वार्ता 169 के.नाथ 29/89 बुढ्ढा-रास
प्रौसियां 6 इ 17 बुढ्ढे का चौढालिया
कोलड़ी 1268 भट्टिकाव्य 172 , 1191 ,, -सटीक 173 प्रौलियां 6 इ 20 भामिनीविलास
, 6 इ30/ सेवामदिर गु दे.4 / भाषा ग्रन्थ
Buddbe kā Caudhaliyā
Bhatti Kāvya
भट्टिकवि
, with Tiki
भट्टिकवि/जयमंगल । मू.टी (प.ग.)
Bhamini Vilasa
जगन्नाथ
Bhāṣā Grantha
छाजुराम
176
के नाथ 17/33 | भाषा-मण्डन
Bhāṣā Mandana
, 17/15 | भूगोल व इतिहास Bhugola & Itihāsa कोलड़ी गु. 11/5| भोज, माघ व बुढिया की कथा Bhoja Magha & Budhiya
ki Katha कुंथुनाथ 13/221 180_ कोलड़ी गु 10/5 | भ्रमविहंडण Bhrama-vjhandana गौसिया 6 इ || मजालिस
Majālisa
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महाकाव्य ग्रादि साहित्यिक ग्रंथ :
[ 413
__ 6
7 | 8 |
8A
___10
11
शृगारिकसाहित्यिक हि.
19x15x14x27 दोहे 70 से 710 तक
1767
23x16x18x15 संपूर्ण 710 दोहे
1793
प्रत में कवि पालम
के 8 कवित्त रथम व अंतिम पन्ना
25 x 11
x 14 x 40 | लगभग पूर्ण 16 से 702 18वीं
तक
नहीं
20x15x18x21 संपूर्ण 699 दोहे
1869
21 x 13 x 20 x 14 अटक 3-4 प्रतियों के पन्ने 19वीं
टीका अमर चंद्रिका नाम्नी अकारादिकम
से सूची भी है संपूर्ण के ग्रंथाग्र
4505 थे
15 x 15 x 18 x 26 | अपूर्ण 349 से 709
अत तक 25 x 11 x 15 x 45 | बिल्कुल अपूर्ण 28 x 13 x 19 x 55 | संपूर्ण 25 x 12 x 20x56 , 62 दोहे
आलोचनात्मक
अध्ययन साहित्यिक-कृति
वृत्तान्त
17x14x14x23 | ,,
ऐतिहासिक-काव्य
21X14x23x20 अपूर्ण
1870
वृद्ध विवाह पर व्यंग ,
21 x 11 x 21 x 48 | संपूर्ण
19वीं
वृद्धावस्था दुःख
26 x 12x16x50
1836
गमकथा-साहित्यिक सं.
27x13x19x35 | अपूर्ण प्रकीर्ण काण्डे
19वीं
तृतीय सर्ग
33x14x13x50
,
साहित्यिक कृति
26x12x13x42 | संपूर्ण 4 विलास श्लो.283|1823बिक्रमपूर
वखतसुंद 27x13x10x39
19वीं
15x15x9x 18 | प्रतिपूर्ण 7 पद
1823
सात भाषा, सात | भिन्न 2 | 3
कवित्त भाषा उपयोगितादि
सिरोही, गुजराती, मेवाड़ी, पंजाबी,थली ढुढाडी, मारवाड़ी
30x16x15x38 | संपूर्ण
19वीं
30x16x18x82 प्रतिपूर्ण
वैष्णव शास्त्रों व
ग्राम्नायानुसार लोककथा-तात्त्विक
जंबूद्वीप राजा आदि
जानकारी
15x11x14x14 | संपूर्ण
26x11x11x48
साहित्यिक कृति | मा.
19 x 13 x 13 x 23 | अपूर्ण 75 गा.
1884
, वार्ता | हिं.
25x10x14x49 प्रतिपूर्ण
20वीं
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414 ]
भाग 7 : साहित्य व भाषा विभाग (अ) :
3A
182 | कुंथुनाथ 45/4 | मदनकुमार शतक-वार्ता ।
Madanakumāra Śataka
Värttā Madana Yuddha
183 | कोलड़ी गु2/1| मदनयुद्ध
184
कुथुनाथ 41/1 मधुमालती-चौपई
Madhu Mālati Caupai
| कायस्थ चतुर्भुज
,
Prabandha
180 के नाथ 29/66 , -प्रबन्ध
| कोलड़ी गु 9/2| , -चौपई 187 | कुथु 48/1 | मारवाड़ का इतिहास
,
Caupai
Māravada kā Itihāsa
188
कोलड़ी गु. 10/5
189 के नाथ 29/86 मारुवणी-मेवाड़ी संवाद Meruvaņi Mevādi Sam
vāda 190 | कोलड़ी 964 | मांधाताराजा-उत्पत्ति कथा | Māndhāti Raja Utpatti
Katha |, गु. 2/3 मूर्खप्रकार
Mūrkba Prakāra | के नाथ 16/3
Meghadūta
191
मेघदूत
कालिदास
193
औसियां 6 इ 32
194
के नाथ
1/35
195
,
14/82
196 | कोलड़ी 984
सावचूरी
with Avacūri
मूअ (प.ग)
197 | महावीर 6 इ21
मूट (प.ग.)
198 | कोलड़ी
714
सावचूरी
मू+अ (प.ग.)
199
201
3 प्रतियां
3 copies
मू.प.
के नाथ 24/18,
17,13/48 प्रौसिय 65 26
202
सटीक
with Tika
| कालिदास मल्लिनाथ | मू+टी(प.ग.)
203 कोलड़ी 1043
मू प.
204
715
की टीका
ki Tikā
मल्लिनाथ
| के.नाथ 14/79
,
पंजिका
Pañjikā
206 कोलड़ी 1241 | मेड़तिया जालमसिंह की कमाल Medatiya Jilamasimha ki चारण हेमराज
Kamala कुंथु. 13/220 , शेरसिंह का शिलोका , Serasimha ki Siloki
(श्लोकाः) 203 बोलड़ी गु 6/1 | मेवाड़-रास Mevāda Rāsa
जिनेन्द्र
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महाकाव्य प्रादि साहित्यिक ग्रन्थ :
(415
11
8A
- 10 17 x 14 x 11 x 18 संपूर्ण 1 10 बोहे सहित 1828
साहित्यिक वार्ता
14x9x9x16
1666
,, महाकाव्य
।
13 x 13 x 17x26
, 883 गा.
1825
22x10x15x60 प्रथमबंध पूर्ण
1764
19वीं
21 x 13 x || x 25 | अपूर्ण 69 छंद 15 x 13 x 10 x 15 | संपूर्ण
अपरनामरसिक
मालती
इतिहास भारतीय
1770
संदर्भ में
xxxx
19x13
13x23||
1884
दूल्हा-दुल्हिन संवाद डि.
25 x 10 x 20 x 84
19वी
गर्भ-संक्रमण पर
25x12x12x43
1874
कथा
साहित्यिक
15 x 12 x 12 x 22
1 90 प्रकार
1762
| 26x11x11x31
1597
26x11x13x52
..., 124 श्लोक
| 16वीं
| 26x11x7x37
,, 125
24x11x11x31
1637
भीगी हुई है
25x13x11x52
1642
24x11x10x29 124 श्लोक 1663x
कनकरत्न 31x11 x 15 x 35 , 127 श्लोक 1734 26 x 12 x भिन्न 2 प्रथम दो संपूर्ण अंतिम | !823 से 20वी प्रथम में टब्बार्थ भी
प्रति अपूर्ण 25 x 11 x 15 x 43 | संपूर्ण 121 श्लोक 19वीं विक्रमपुर
बखतसुंदर 25 x 11 x 12 x 45 अपूर्ण 23 श्लोक मात्र 19वीं 24 x 10 x 9 x 32 | संपूर्ण 121 श्लोक 1727 संजीवनी नाम्नी
24x10x13x44 | अपूर्ण 84 श्लोक तक
19वीं
1813
ऐतिहासिक वीर | डि.
काव्य
| मा.
26 x 16x13 x 26 संपूर्ण 26 x 11 x 16 x 44 | अपूर्ण 30 गा. | 21 x 14 x 23 x 20 | संपूर्ण 12 छद
19वीं
अंत में औषध+मंत्र
साहित्यिक ऐति
1870
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416 ]
I
209
कोलडी 1250 रघुवंश
के नाथ 2/10
14/81
कोलड़ी 711
के साथ 14/80
2/12
महावीर 6 इ 46
श्रौसियां 6 इ 3
कोलडी 709, 1084,1317, 710
221-3 के नाथ 16/33,
22/1,
24/12 27/60
210
211
212
213
214
215
216
21720
224
227
228
229
230
231
232
233
234
235
236
237
"
238
"1
2.
31
19
33
"
"
225-6 प्रौसियां 6 इ 31
53
कुंथुनाथ 25/4
कोलड़ी 712
के नाथ 29/58
कोलड़ी 1260
के नाथ 29/60
2/24
18/32
24/15
दुर्घटपदव्याख्या
7/24 + कुमारसंभव + मेघदुर्घटपदव्याख्या कोड़ी गु. 3 / 1 रतनाहमीर की वार्ता
कुंथुनाथ 31 / 10
31
71
"
"1
31
33
19
"
13
""
"1
"
"
"
"
""
3
- सटीक
43/4 | रस- मंजरी
- सटीक
13
रसप्रवाह - रस
33
-की टीका
-की पंजिका
-की टीका
"1
www.kobatirth.org
4 प्रतियां
"
3 प्रतियां
2 प्रतियां
Raghuvamsa
33
"
39
93
"
39
33
22
39
""
33
3 A
,
with Tika
ki Tikā
with Tikā
Pañjikā
Tikā
39
33
""
4 copies
Rasa Manjari
3 copies
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भाग : 7 साहित्य व भाषा / विभाग (प्र)
2 copies
Durghata Pada Vyakhyā
,, + Kumāra Sambhava+Meghadūta Ratana Hamira ki Vārttā
Rasa Pravaha Rasa
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कालिदास
33
"1
31
४ / मल्लिनाथ
;;
"
कालिदास
19
4
/ श्री विजयगरि
/ मल्लिनाथ
दिनकर मिश्र
वल्लभदेव
श्री विजयगरण
मल्लिनाथ
11
चरित्रवर्द्धन ( खरतर गच्छी)
गुण विनय
वैद्य कुंडराज
कविचंद
भानुदत्त कवि
मू. प.
मुटी. (प.ग
मू प.
19
ग.
"
मू टी. (प.ग.)
"
"1
"
"
"
5
प.
13
17
11
Page #433
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महाकाव्य प्रादि साहित्यिक ग्रंथ :--
साहित्यिक महाकाव्य सं.
साहित्यिक ऐतिहा सिक
17
6
"1
"
13
"1
"
„
11
"
"1
"1
""
11
""
17
13
पत्नी गुणलक्षण मनाविज्ञान
33
"1
=
13
"
7
93
"
31
22
"
मा.
,,
सं.
8
107
97
88
109
25
45
12
8
9
80
28x14 x 10 x 28
52,31, 23 से 25 x 11 से 12 5,12
119
330
246821 से 27 x 11 से 12
19
146
27 x 1 2 × 15 x 45
41,2825 x 11 व 28 × 1 3
26 × 1 1 × 17 × 60
17
75
9
8
15
8 A
75
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28
22 x 9 x 10 x 36
15
27 x 11 x 11 x 36
27 x 11 x 11 × 39
28 x 18 x 14 x 12
26 × 10 × 19
27 x 11 x 13 x 36
× 60
29 × 11 x 10 x 40
26 × 11 × 1 8 × 47 पूर्ण 3 / 22 तक
25 × 1 1 × 13 x 36
24 × 11 × 16 × 53
91
26 x 11 x 14 x 51
17
संपूर्ण 19 सर्ग ग्रं. 2200 1469
19वें के 56 श्लोक 1553
तव
1642
11
31
"
"
"1
27
11
"1
11
"
""
केवल 57 श्लो. तब
मात्र 1/2 सर्ग
प्रथम 6 पन्न े कम बाकी संपूर्ण
संपूर्ण 19 सर्ग की
31
26 x 12 x 15 x 48
22 × 11 × 12 × 36 श्रपूर्ण 2 सर्ग तक हो
24 x 10 x 17 x 52
"
9
19 स
11
19वीं
17वीं
सर्ग 16 से अंत तक 1730
18वीं
26 x 11 x 15 x 52
15 × 11 × 15 × 15 संपूर्ण
15 x 25 x 20 × 22
26 x 11 × 12 x 32
17
प्रथम सर्ग के 75
श्लोक
11
9
12 वें सर्ग तक
प्रथम 2 ग्रंथों की पूरी मेघदूत पूर्ण
"7
21
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21
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10
""
19/20at
19वीं
19/20at
17वीं
1762
| 1890 से 20 वी प्रथम प्रति सावचूरि
है
1819
1890 जोधपुर
1884
17वीं
19वीं
15वीं
19वीं
1895
10 विलास 307
गाथा
केवल पहिला पन्नाकम 1704
(417
1795
11
जीर्ण प्रति
पन्न 328 से 372
(अंत)
रामविजय तपगच्छीय का शिष्य
प्रथम पन्ना 14
गाथा का कम
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418 ]
भाग : 7 साहित्य व भाषा/विभाग (प्र) -
3A
239
Rasa Manjari
भानुदत्त कवि
2 • 3 | प्रौसियां 6 अ 96/ रसमंजरी 240
6 अ 98 6998
" -सटीक 241 , 6 अ 95/
| कोलड़ी गु. 9/14 रसावला गोगाजी का-रास 243 कुंथुनाथ 40/2 | रसिक प्रिया 244 कोलड़ी गु 11/12 .. 245 के.नाथ 10/46
.. wit hTika
, शेष
.., गोपालभट्ट | Rasāvala Gogaji ki Rāsa | विठू मेह
Rasikapriya
केशवदास
246
| कुंथु.
44/9 | राजाभोज की बात
Rājābhoja ki Bāta
व्यास भवानीदास
249
250
के नाथ 17/14 | राठौड़ों की प्रयावली व | Rathaudon ki Prayāvali | भट्रारक खूबचंद खरतर
उत्पत्ति
___& Utpatti कोलड़ी गु || 11 ,, की वंशावली
,, ki Vamsavali , गु. 7/3 | , व राजपूतों की पीढ़िये , & Rajapāton ki
Pidhiyen .. गु. 2/3 | राधाकृष्ण बारहमासा Rādbākrsna Bārahamāsā
चुतरा चारण | के.नाथ 26/103) रामचन्द्र नाटक रस Ramacandra Nataka कोलड़ी गु. 107 रामरासी
Rāma Rāsau
माधौदास दधाड़िया सेवामंदिर 5424
Rasa
254
कोलड़ी गु 11/9
257
ग. तालिका
255 ।, गु. 108+
10/7 256 , गु 1/6 रावरतनजी की वचनिका Rava[Ratanaji ki Vacanika| राठौड़ महशदास
, 876 | राष्ट्रकूट-वंशावली Rāştrakūta Vamśāvali सेवामंदिर गु.नि.4 रिसालू राजा की वार्ता Risalu Rajā ki Värttā के नाथ 20/25 कोलड़ी 272 | लाहौर वर्णन +-गजल Lahaura Varnana+Gajale| जट्टमल नाहर , 1321 | लुकमान हकीम की नसीयत | Lukamana Hakima ki | लुकमान हकीम
Nasiyata 262. महावीर 2/396 | वज्जालयं (छाया सह) Vajjālayam
261
मू अ. (प्रा.सं.)
263
कोलड़ी गु.7/4 वागरव्याल
Vāgara Vyala
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महाकाव्य आदि साहित्यिक ग्रन्थ -
[ 419
8A
___ 10
।।
पत्नी गुगा लक्षण
मनोविज्ञान
27 x 12 x 14x49 / संपूर्ण 139 श्लोक
19वीं
26x12x17x58 | "
"
| 24x10x14x53
, 138 श्लोक
17x12x10x22
, 16 छंद
1800
सर्प पूजा (शक्ति
भक्ति ) शृंगार रस प्रधान 9 रस पूर्ण ग्रंथ
xx xxxx
| 15x26x30x25
16 प्रभाव
1729
16x15x17x25
1773
29x14x10x28 | अपूर्ण चार प्रभाव
19वीं
16x22x17x22
साहित्यिक ऐति
हासिक
30 x 16 x 14 x 28 | संपूर्ण
1906 14x11x10x11 | प्रतिपूर्ण सिहाजी से राम- 1810
सिंह
| 24x17x16x23
19वीं
विरह गीत
15x12x12x22
14 छंद
1762
साहित्यिक
18वीं
अंत में 'चौबोली'
कथा
रामकथा साहित्यिक
| 1767
25 x 12 x 20 x 56 | संपूर्ण 19x 15 x 14 x 27, ,, 1094 छंद 25 x 11 x 15 x 55 , 2375 छंद 17x14x14x23 | , 1035 छंद
1773x
खेतसिंहमुनि 1784
15x11x21x27 | लगभग पूर्ण 1077 छंद | 19वीं
अंत में प्रौषध नुस्खे
राठौड़ महिमा इति | डि.
13x
x10x12 | संपूर्ण
1767 माडकी तीर्थ व राजधानियां
पूरणप्रभू स्थापना के संवत् भी 19वीं
25x11x
, 73 पीढी
राठौड़ वंशावली
पौराणिक लोककथा
17x11x20x10
1892
बीच 2 में दोहे भी हैं
20x12x14x25
19वीं
नारि व शहर वृत्तांत
26x11x22x58
1732
नैनिक शिक्षायें
हि.
26x12x12x32
सुभाषित संग्रह
27x12x14x42
1909 अंत में प्रताप
पच्चीसी के 6 दोहे 1653विक्रमपुर
धर्मस्नेह 1746
साहित्यिक
23x15x11x23
,
31 छंद
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420 ]
भाग : 7 साहित्य व भाषा/विभाग (अ)
3A
45
Vijayasiṁha Rajotpatti
पंडित केशव
264 के नाथ 17/30 | विजयसिंहराजोत्पत्ति 265 | कोलड़ी गु. 10/- विरह-बत्तीसी
Viraha Battisi
रसिकनाथ
266
1255 वीरमदेव-नारी (पन्ना) वार्ता | Viramadeva Nari Vārtta | शेरसिंह
267 | औसियां 6 ३ 15 वृन्द सत्सई
Vịnda Satsai
वृन्दकवि
268 | कोलड़ी
850
..
गु 1/12
270
के नाय
ग.7
271
| कोलड़ी गु 74 | वैताल-कथा
Vaitālakatha
272
श्रौसिया 6 इ9
, भट्ट कवित्त
,,
Bhatta Kavitta
-
| के नाथ
7/14 वैराग्य -शतक
Vairagya Sataka
भत रि
मूप.
274 |
औसियां 5 श्रा।
.. -सटीक
,
with Tikā
मू वृ. (प.ग.)
275
के नाय 22/51 वैराग्य शृगार शतक
Sțăgăra Sataka
276 ., गु 2 | वैहली मराहिब साहिब-वार्ता | Vaihali Marāhiba Sahiba
Vārtā 277 | महावीर 6 इ50/ शतार्थ वृत्तिकाव्य सावरि | Satārtha Vrtti Kavya
with A vacūri 278 | के नाथ 7/6 शिशुपाल वध
śiśupāla Vadha
सोमप्रभाचार्य
माघ
279
गौसियां 6 इ-1
| कोलडी 1247
719
281
-सटीक
,,
with Tika
" /मल्लिनाथ
मू+ वृ (प.ग.)
282 | ग्रौसियां 6 इ-27
-सावचूरि
, with Avacuri
मू+अ
,
| के नाथ
7/4
मूप
284
,
17/68
,
-सटीक
with Tikā
, मल्लिनाथ
+व (प.ग.)
285
प्रौसियां 6 इ33
समयसुंदर
के नाथ 22/53
, /वल्लभदेव
287 | औसियां 6 5 22
,
,
कुंथुनाथ 28/18
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महाकाव्य आदि साहित्यिक ग्रंथ :
[ 421
| 7 | 8 |
8A
9
|
10
11
ऐतिहासिक काव्य
30x16x13x35 | संपूर्ण 44 श्लोक
19वीं
22x16x30x33
, 33 छंद
साहित्यि विरहनी
वर्णन ऐतिहासिक काव्य
15x15x15x22
1868
नैतिक आदि
26- 13x20x52 |
, 700 दोहे
31x12x14x48
, 702 दोहे
11821 पालनपूर
जिनविजय 1860 धोलका
कनकराज 1885
14x14x12x17 |
,, 700 दोहे
23x16x21x15
,716 दोहे
1887
लोककथा
23x15x11x23 | अपूर्ण 49 छंद
1746
63 पद्य प्रतिपूर्ण
1706त्राणनगरे
विक्रम बेताल कथा
काव्य वैराग्य परक
साहित्यिक
23x11x11x24 | संपूर्ण 108 श्लोक
थोभा 1845
19वीं
विरक्ति व साहि
त्यिक वीर कथानक
26 x 12 x 17x65 | अपूर्ण 44 श्लोक तक 28 x 14x7x43 संपूर्ण 101+135 22 x 18x14x27 ||
|, 85 अनुच्छेद
1807
भाषा पांडित्य सा.
27x12x12x41 |
1946
ऐतिहासिक महा
26x11x13x45
,,
20 सर्ग
17वीं
काव्य
26x12x15x45
18वीं
27x13x11x42
1889
24x12x14x46
, मूल श्लोक 1684/ 1872
अंत में 3 पन्ने कम हैं
ऐतिहासिक टीका |
सर्वकंषा नाम्नी ऐतिहासिक महा
काव्य
26x11x13x40 | अपूर्ण 8 सर्ग तक
16वीं
26x12x13x38
5
,
19वीं
25x11x15x34
26 x 12 x 23 x75
18वीं
जीर्ण
26x11x17x51
, सर्ग 3/10 तक | 17वीं
27x12x22x70
, 2 सर्ग
18वीं
| 29 x 13 x 6 x 60 । , त्रुटक
19वीं
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भाग 7 : साहित्य व भाषा/विभाग (अ) :
3A
4
1 2
3 289 कोलड़ी 991 शिशुपाल वध सटीक
कुंथुनाथ 40/2 | शुक्र बहोत्तरी
| Sisupāla Vadha with Tiki| माघ वल्लनदेव
Sukrabahottari
भट्ट देवदत्त
291
महावीर 6548| शृगार वैशाग्य मुक्तावली | Sagara Vairagya Muktā- विमलाचार्य
vali
292
293
294
के.नाथ गू. 11 | सदयवच्छ-साब लिंगा-चौपई| Sadayavachha Savalinga | केशवमनि
Caupai कुंथुनाथ 52/21 कोलड़ी 272 , की वार्ता
ki Värttā , गु. 12/8 की चौपई
, Caupai केशवमुनि कुंथु. 28/15 सेवामंदिर 6 इ54
295
297
298 | के.नाथ 23/67 | सप्तशती
Saptašati
हाल विरचित गाथा व- मू+ट (प.ग. च्छल कवित्तद्वार कथित
299
महावीर 6 46 | संस्कृत भाषा मंतरी
Samskļia Bhāşa Manjari
300
कोलड़ी 895 |
, मंजरी
301
औसियां 6 इ36
302
Sahityaśāra
Sāhityika Dohe
जगन्नाथ
, 6 981 साहित्यसार
सेवामंदिर गु दे. 4 | साहित्यिक दोहे 304 कोलड़ी गु 6/1 | साहिबसिंह के दोहे 305 |, गु 21 सुभाषित-संग्रह
Sabibasimba ke Dohe
साहिबसिंह
Subhāṣita Sangraba
संकलन
2 प्रतियां
2 copies
306-7 सेमामंदिर 5926
35345
308 मुनिसुव्रत 3 इ315 309 | कोलड़ी 133 | (बृहत्) सुभाषित-संग्रह (Brhat) Subhasita Sangrahal 310- , गु. 12/5, | सुभाषित-संग्रह 3 प्रतियां | Subhasita Sangraha .. 12 132,985
3 copies
313
औसियां 2-310
314-5 सेवामंदिर 5 प्रा 4
गति. 2
2 प्रतियां
2 copies
316-7 कुंथु 26/12,13
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महाकाव्य प्रादि साहित्यिक ग्रन्थ :
[423
___ 6
7
8 |
8A
9
10
10
11
11
33x16x17x58 | अपूर्ण प्रथम सर्ग
18वी
ऐतिहासिक महा.
काव्य साहित्यिक कथायें
15 x 26 x 30x25 संपूर्ण 72 कथायें
1729
प्रारंभ 1-2 पन्ने कम
28x11x15x62
, 80 श्लोक
16वीं
पहिला पन्ना कम
लोककथा
14x11x15x21
, 48 गा.
1709 लगभग 1697 को कृति
25x8x14x54
437 गा.
1753वाधरण
वाडा अमीचंद 1732
26 x 11 x 22 x 58
, 1144.हे पद
गु. 15 | 19x 12x17x33
19वीं
- 15x14x13x24 | अपूर्ण
25 x 13 x 17 x 45 24 x 11 x 9 x 37 संपूर्ण 110 श्लोक
कामशास्त्र युक्ति
10*
16x11x11x20
संस्कृत में संवाद
शिक्षा ., चर्चा
26x13x11x38
23x12x11x27
साहित्यिक-संग्रह
28 x 13 x 14 x 48 | प्रतिपूर्ण 53 श्लोक 15x11x7x16 | संपूर्ण 51+4 कवित्त 21 x 14 x 23 x 20 , 64 दोहे
1823
1870
14 x9x9x16 | प्रतिपूर्ण 60 श्लोक
1666
20 x 12 व 26 x 12 , 120 --23 श्लोक | 18/19वीं 24 x 10 x 16 x 40 अपूर्ण
18वीं 27 x 11 x 13 x 40 | संपूर्ण 421 श्लोक 19वीं
39,2,3 11 से 32x9 से 14 | प्रतिपूर्ण 259+54-1 |
29 श्लोक 5 24x11x17x50
16वीं
प्रा.सं.मा.
18/19वीं
संमा | 6,10 | 26 x 13 व 18 x 13 | अपूर्ण/पूर्ण |" | 3,
1 26 x 12 व 27x14 | प्रतिपूर्ण
अंतिम 2 पन्नों में ऐ. वटना संवतावली
19वीं
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424 ]
भाग : 7 साहित्यिक भाषा/विभाग(अ):
3
3A
|
4
5
संकलन
Subbāșita Sangraha
, (Kavya)
मू.बा. (प.ग.)
4 copies
318 | के नाथ गु. 16 | सुभाषित-संग्रह 319 | कोलड़ी 1245 , काव्य समुदाय 320 , 862 321 औसियां 2/414 322 के नाथ गुटका 11 323-6 कुंथु. 17/4,19/3.
4 प्रतियां 18/36.
5/107 327 प्रौसियां 3 इ351 328-9 सेवामंदिर गु दे 6
2 प्रतियां व 13 330- | कोलड़ी 272,320/
8 प्रतियां 1293,1318
गु 1/14,24
गु.11/11,12/ 338 महावीर 2/391 ! सूक्तावली
2 copies
8 copies
Suktavali
339
के नाथ 11/49
सुन्दर-शृगार
Sundara Śrngara
सुंदरदास
340
कोलड़ी गु.9/1
341
के.नाथ 11/21
342
Hanumāna Nățaka
हनुमान/मिश्रदामोदर नाटक
कोलड़ी 718 हनुमान-नाटक | के.नाथ 27/45 , की दीपिका
,, ki Dipika
मिश्रमोहनदास
344
महावीर 3 इ56/ हालड़ा-फूलड़ा
Hāladā Phūlada
शुभवीर/वीरविजय
मूट.प.ग.
345
| प्रोसियां 3 इ210
संकलन
346
इ 13 हास्यादि कथा-संग्रह
Hasyadi Katha Sangraha | मलधारी राजशेखर | ग.
347
|,
6 इ25 | हितोपदेश भाषान्तर
सूरि
Hitopdeśa Bbāşantara
हीररंजा
| भिन्न-भिन्न
348 कोलड़ी गु. 6/1 हीररांजा के दोहे
Hira Ranjba ke Dohe 349 | के.नाथ 29/79 ,, का झूलणा
» kā Jbūlaņā 350 , 28/22 | स्फूट लघु व अपूर्ण ग्रंथ व | Incomplete Small stray
त्रुटक पन्ने
folios 351-2 कोलड़ी 900+ , 1 प्रति ! बस्त
बस्ता71 353 मुनिसुव्रत बस्ता 78 354ौसियां बस्ता 20
दुबारा
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महाकाव्य आदि साहित्यिक ग्रन्थ
[ 425
8A
9
10
11
1846
19वीं
साहित्यिक संग्रह । सं.मा.
15x15x13x13 प्रतिपूर्ण 27x11x11 x 40 | संपूर्ण 145 श्लोक
25x11x14x40 | प्रतिपूर्ण पा सं.मा.
26x11x11x38 शृंगारिक साहित्य रा. | 100 14x11x15x21
प्रादि साहित्य, 2,10,2 15 से 26 x 11 से 15
20वीं 1709-14 | अच्छा संकलन है 1761-93 व
19वीं
187
| 93* 26 x 12 x 18 x 43 गु., 63 | 14x11 व 16 x 12
, 20 सवैये , अपूर्ण
18वीं 1841/70
মিম্ব x মিল্ক
पूर्ण अपूर्ण
18/19वीं
24,6,22 4,27,5, गु. गु.
। सुभाषित | प्रा.सं.मा. 14 | 29x 13x7x44 | प्रतिपूर्ण 189 श्लोक
शृगारिक प्रौपदेशिक मा. | 15 | 26 x 11 x 18 x 53 | , 358 दोहे सर्वये | 1739
15 x 14x11 x 19 | अपूर्ण 340 छंद
19वीं
28x12x10x32
,
64 से 301 पद
बीच के पन्ने हैं
साहित्यिक धार्मिक सं.
25x12x11x30 | संपूर्ण 14 अंक
1869
कृति
25x11x17x51 किंचित अपूर्ण 14वां
17वीं
मूल की व्याख्या प्रथम पन्ना कम
अधूरा
पहेलियां
25 x 14 x 19 x 36 | संपूर्ण 8 गाथा
1937
27x12x4x29 |
19वीं
प्रौपदेशिक-दृष्टांत
43 x 11 x 18 x 98 | ., 82 कथायें
20वीं
बोध कथायें नैतिक रा.
7
25x12x13x31
18वीं
प्रेम संवाद साहित्यिक ,,
21x14x23x 20
1870
14
24x11x17x72
| , 25 दोहे
| अपूर्ण 10 से 16 पूर्ण/अपूर्ण
19वीं
साहित्यिक-विविध सं.मा.
23
18/20वीं
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426 ]
भाग 7 : साहित्य व भाषा विभाग (प्रा) :
3A
| Anitkarika
सोम मुनि
मू-अ (प.ग.)
| महावीर 6 अ 9 | अनिट्कारिका-सावचूरि
औसियां 6937 , सह-वृत्ति
+Avacuri
मू+वृ.(प.ग
कोलड़ी 947A
" -सटीक
"
+Tika
देवचन्द्र ?
मू+टी (प.ग
.
737
,, + उपसर्ग व प्रादि
+ व्या(प.ग.)
गरण
कुथुनाथ 2/33
के नाथ 24/62
सावरि
"
+Avacuri
मू+अ (प.ग.
कुंथुनाथ 42/10
व्याख्या सह.
"
+Vyakhya
मू-+व्या(प.ग.)
कोलड़ी 738
,, की अवचूरि
ki Avacūri
के.नाथ
2/22
, की वृत्ति
,, ki Vịtti
हर्षकीत्ति
कोलडी 740 अव्यय
Avyaya
13 अव्यय अर्थ प्रकाश
,
Artha Prakasa | पतंजलि
»
Avyayāni
-+
कोलड़ी 741 अव्ययानि+अव्यय अर्थ ।
प्रकाश औसियां 6 अ67 अष्टाध्यायी
13
Aştādhyāyi
14
कोलड़ी 1000
के.नाथ
9/45
कुंथु.
33/46 | इति की व्यरूया
Iti ki Vyākhyā
महावीर 6 अ 15| ऋजु व्याकरण
Rju Vyakaraņa
19
के नाथ 7/44 | कातन्त्र दौर्गसिंह वृत्ति
Kätantra
दुर्गसिंह
चारित्रसिंह
मू+म (प.ग.
मू+वृ. (ग)
10/86 , विभ्रमसूत्र सावचूरि 16/36 || , सिद्धोवर्ण समाम्नायः
पाठ-1 वृत्ति सह के नाथ 10/105 काशिका वृत्ति-सह
Kaśikā 7/34
___ ki Vxtti मुनिसुव्रत 6 अ 90कृदन्त प्रक्रिया Krdanta Prakriya
के.नाथ 17/61
अनिटकारिका(सारस्वतानुसार) |
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व्याकरण :
[ 427
6
7
|
10
11
| 8 | A
9 26 x 11x17x25 | संपूर्ण 11
व्याकरण धातु सेट, सं.
15वीं
26x11x14x46
19वीं विक्रमपुर
25 x 11x5x42
20वीं
पंचपाटी/साथ में 2
पन्न सारस्वत के
26x12x19x77
19वीं
26x12x8x36
, 11 श्लोक
25x11x13x45
25x11x20x54 | अपूर्ण 8वें श्लोक तक
26x12x12x32
संपूर्ण
24x12x11x44
21 श्लोक
1881
xxxxxx
व्याकरण
25x11x11x34
1853
26x12x18x72
19वीं
26x12x13x60
1820
व्याकरण-शास्त्र
26x12x13x47
8 अध्याय
19वीं
28x14x12x38
27x12 x 31 x 82 | अपूर्ण चौथे अध्याय के
तीसरे पाद तक 26x11x14x44 , तीसरे अध्याय के
दूसरे पाद तक 26x12x12x52 प्रतिपूर्ण
20वीं
शब्दार्थ रूपी व्याख्या
व्याकरण
25x11x13x56 संपूर्ण
17वीं
26x11x15x45
अष्टम पाद तक | 19वीं
27x11x17x46
, 21 श्लोक
वर्णशास्त्र प्रथमपाठ
21x11x16x31
1690
व्याकरण
पति रूपसिद्धिनाम्नी
28x12x11x30 अपूर्ण 5 अध्याय 2 से 4 1521
पाद मात्र 27x11x16x43
19वीं
26x11x10x34 | संपूर्ण
18वीं
| 26 x 11x15 x 50
, ग्रंथान 250
| 19वीं ।
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428 ]
भाग : 7 साहित्य व भाषा विभाग (प्रा)
3A
26 | के नाथ 21/102 | क्रिया-कलाप
Kriyā Kalapa
विदयानंद
मुनिमुव्रत 6991
पौसियां 6943
कोलड़ी
757
के.नाय 14/84
गण-दर्पण
Gana Darpana
भोजदेवार्थ
|
,
7/46- गणरत्न महोदधि-वृत्ति
Guna Ratna Mahodadhi-| वर्द्धमान (गोविन्दसूरि| गद्य
Vrtti
का शिष्य) Goñcādi sabda Siddhi
कोलड़ी 755 | गोञ्चादि शब्द सिद्धि
के.नाथ 27/28
त्याद्य प्रक्रिया
Tyádyant Prakriya
उपाध्याय सर्वधर
| मुनिसुव्रत 6 अ 8धातु-पाठ
Dbātu Patha
पाणिनी
महावीर 6 इ 18
के.नाथ
7/16
, स्वोपज्ञ वृत्ति
हर्षकोति
|
2/19
| महावीर 6 अ 11
तालिकायें
धातु-रत्नाकर स्वोपज्ञ वृत्ति | Dhatu Ratnākara
साधु सुन्दरगणि
मू+व (प.ग.
7/29
धातू-रूपावली
,
Ripavali
रूपतालिकायें
वृ. गद्य में
.,
5/57 धातु-वृत्ति
+ Vrtti
उज्ज्वलदत्त 7/40 नयसुन्दरीय व्याकरण वृत्ति | Nayasundariya Vyakarana| नय सुन्दर
Vrtti 1045 पंचसंधि प्रक्रिया
Pancasandhi Prakriya
| अंसियां 6 आ 66
,
,
6 या 700
-
46 | महावीर 6 917| पाणिनीय व्याकरण शिक्षा | Paniniya Vyākarana Siksa
, 6 अ 13 | प्रक्रिया कौमुदी Prakriyā Kaumudi
रामचन्द्राचार्य
647
49
कोलड़ी 758
(पाणिनी) अनुसारिणी
के.नाथ 23/52
, (मध्य) कौमुदी
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व्याकरण ग्रंथ :--
व्याकरण
"
11
""
"
गो आदि के शब्दार्थ |
"1
व्याकरण शास्त्र
"
"
11
91
11
11
31
31
"
31
11
11
11
6
11
13
33
सं.
13
13
"
"3
22
""
37
सं.मा.
"
7
"
"1
6
6
11
9
19
68
2
8
66
15
16
72
2
3
314
75
68
38
10
6
11
4
42
94
18
21
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8 A
26 × 11 × 19 × 57 संपूर्ण 4 अध्याय 267
श्लोक
27 x 11 x 20 × 58
25 x 11 x 13 x 39
27 x 11 x 15 x 60
27 x 11 x 13 x 49
25 × 11 × 17 × 60
26 × 11 × 13 × 48
27 x 12 x 17 x 51
26 × 11 × 11 × 39
32x16 x 14 x 36
26 x 10 x 15 x 48
26 × 1 1 × 19 × 63
26 × 11 x -
25 x 11 x 17 x 54
25 × 11 ×—
23 x 10 x 9 x 39
25 x 11 x 17 x 48
25 x 10 x 5 x 32
"1
33 × 16 × 11 x 36
26 × 11 × 13 × 38
26 × 11 × 13 × 34
28 × 11 × 11 × 36
25 x 11 x 13 x 41
""
22
""
अपूर्ण 432 पद तक
संपूर्ण
11
"1
11
"
17
"
"1
"1
25 × 11 × 10 × 40 संपूर्ण
25 x 12 x 13 x 38
प्रतिपूर्ण
अपूर्ण
37
3300 ग्रंथाग्र
11
377 श्लो (मूल ग्रंथाग्र 1822 )
3 अध्याय ग्रं 900 1518
19वीं
1632
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17वीं
1854
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1890
17
10
1759 नागौर
1906 अमदाबाद |
खूवचन्द
1603
19वीं
18वीं
1680
"
19at
35
द्वन्द्व समास प्रक्रिया
तक
( प्रथम 3 पत्र कम) 1763 बीकानेर में
61 पद
अपूर्ण समास प्रक्रिया
15वीं
पर्यन्त सुबंत प्रकरण तक संपूर्ण 17वीं
पूर्ण
1832 मालपुरा पं. फतेचंद 18वीं
""
"1
19वीं
[ 429
11
वृति क्रियाक्ल्पलता नाम्नी प्रशस्ति है । प्रथम 2 पन्न कम
कञ्चित् प्रर्थं सह
Page #446
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430]
भाग : 7 साहित्यिक भाषा विभाग(आ):
3
3A
PrakriyaKaumudi Tiki
नरसिंहसरि
विठ्ठलाचार्य
Prāksta Prakāśa
वररुचि
के नाथ 26/67 | प्रक्रियामौमुदी-टीका कुंथु. 38/2 | के.नाथ 17/2 | प्राकृतप्रकाश | कोलड़ी 763 , लक्षण | सेवामंदिर गु.दे. 7 , , महावीर 6 अ3, ..
»
Lakşaņa
Bbūsaņa Sára
57 मुनिसुव्रत 6 9 108| भूषणसार (कौशिकी
व्याकरण के.नाथ 16/19 | मध्य-मनोरमा
Madhya Manoramā
Madhavi Dhatu Vrtti
सायणाचार्य
जिन राजसूरि शिष्य
| , 2/28-29 माधवीवातु-वृत्ति
7/3 , 15/239 | लघु उपसर्ग दीपिका , 2/22 | लिंगानुशासन प्रौसियां 6/4/94
Laghu Upsarga Dipikā
Lingānusasana
भट्टोजी दीक्षित
, 6973
, 6456
अज्ञात
महावीर 6 9 118) वाक्यप्रकाश
Vákya Prakāśa
रत्नसूरि उदयधर्म
शिष्य धर्म संज्ञ
Vakya Vivecana
Vidva Cintamani
विनयसागर
| के.नाथ 23/60 | कोलड़ी 947B , | कुंथु. 18/40 वाक्य-विवेचन सेवामंदिर 6 9 112 विद्व-चिंतामणि
प्रौसियां 6 अ 72 | विभक्ति अर्थ | कोलड़ी 756 , प्रत्यय 73 | के नाथ 18/53 | , विस्मय प्रकरण 74 , 24/49 | विशंति उपसर्गादि 75 | कोलड़ी 1010 | वैयाकरण भूषणसार
Vibhakti Artha
Pratyaya
, Vismaya Praka- मुनिने तसिंह
rana Vimsati Upasargādi
Vaiyākarana Bhusanasāra] कोण्डभद्र
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व्याकरण :
[ 431
6
7 | 8 |
8A
9
10
11
व्याकरण
26x11x17x53
अपूर्ण (पन्ने 3 से 43)
10
27x11x15x44 | त्रुटक
31 x 16 x 14x32 | संपूर्ण 10 परिच्छेद
पं. 650 | 25x11x7x34 , 4 अध्याय(विधान) 1903
प्राकृत व्याकरण
10x8x8x9
1905
26 x 12x11x36
1937x
शिवचन्द 18वीं
व्याकरण
| 34x13x10x70
x13x 62
19वीं
276
25x11x17x52 | संपूर्ण 1400 ग्रंथाग
1702
26x11x17x55 अपूर्ण
19वीं
25 x 11 x 15 x 43 | संपूर्ण 24 x 12x11 x 44 ,,
पाणिनीय
1881
व्याकरण
25 x 11x 17x47 प्रतिपूर्ण
1821 विक्रमपूर
वखतसुंदर 1892
पाणिनीय
28x13x10x29
व्याकरण
30x13x10x37
, 28 श्लोक
19वीं
27x13x14x37
व्याकरण वाक्य
रचना
, 130 श्लोक , 125
26x11x9x38
1607 सिंहपुर 1652 19वीं
23x10x14x28
परनाम उदयमुनि)
26x11x 18x54
व्याकरण
26x 12x13x48 संपूर्ण 127 श्लोक
19वीं फतेचंद
26x12x18x46
18वीं
26 x 12x13x40 अपूर्ण
19वीं
26x11x13x38 / संपुर्ण
26x11x13x39
व्याकरणन्यायादि |
चर्चा भी
28x13x14x40
1904
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432 ]
भाग : 7 साहित्य व भाषा/विभाग (प्रा) -
4
5
ग. तालिका
1 2 . 3
3A 76-7 | के.नाथ 7/28,30 | शब्दरूपावली 2 प्रतियां | Sabda Rupāvali 2 copies
कोलड़ी 1114 , गौसियां 6 4 104 शब्द-संचय
Sabda Sancaya |, 6 अ 103| पट्कारक
Satkāraka मुनिसुव्रत 6 अ 92 , -प्रक्रिया , Prakriya कुंथु. 10/175 , -विवरण " Vivarana कोलड़ी 760 सकर्म-अकर्म धातु विवेचन | Sakarma Akarma Dhātu
Vivecana |, 914 | समास
Samāsa
अमरचन्द्र
85 सेवामंदिर 6 4110/
-चक्र
"
Cakra
Prakriya
वररुचि ?
के.नाथ 15/129 , -प्रक्रिया मुनिसुव्रत 6 7 86| संज्ञा प्रकरण-सटीक महावीर 6 4 5 | संधि-प्रकरण
Sanjña Prakarana with Tikā
Sandhi Prakarana
कोलड़ी 764
,
1271 | संधि-प्रक्रिया
,,
Prakriya
Samsksta Kaumudi
Sārasvata with Avacūri
अनुभूति स्वरूपाचार्य | मू+अ.(ग.)
विशालहंस मुनि |माधव भट्ट मू.टी +(ग.)
with Tikā
के.नाथ 15/131 संस्कृतकौमुदी कुंथुनाथ 52/3 | सारस्वत सावचूरि के.नाथ 17/12 , -सटीक प्रौसियां 6 948
-सह वृत्ति के.नाथ 7/33 -सह दीपिका प्रोसियां 6 अ 42 -सटीक कोलड़ी 749
with Vitti
with Dipikā
.. चन्द्रकीति
with Tikā
../पुंजराज अनुभूतिस्वरूप अनुभूति माधवभट्ट । मू+टी (ग.)
औसियां 6944
-सटीक
with Tikā
,
6454
अनुभूतिस्वरूप
कोलड़ी 730
-सह दीपिका
अनुभूति./चंद्रकीत्ति । मू+टी (ग)
101 महावीर 68
अनुभूतिस्वरूप
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व्याकरण ग्रंथ :
[433
678
8A
___10
1
1
व्याकरण
32,3 | 26x11
प्रतिपूर्ण
19वीं
26x11
अपूर्ण
रूपनियमावली
25x11x18x50 | संपूर्ण
15वीं
व्याकरण
25x11x17x45
, 75 श्लोक
19वीं
xxxx
23x11x12x37
1825
26x12x12x40
19वीं
26x11x16x64
26x12x13x40
23x11x13x37
1933
25x11x17x38
टक
1806
सं.रा.
25x12x17x42 संपूर्ण
1819
हेमचन्द्रानुसारिणी
27 x 12 x 13 x 38
18वीं
व्याकरण
30x12x11x34 अपूर्ण
19वीं
17x13x5x14 | मंपूर्ण
26x11x11x41 | अपूर्ण
26x11x15x56 | संपूर्ण
1629
25x11x19x 65 ग्रंथान 6600
17वीं
प्रथम 5 पन्ने कम है
,,(टीका सिद्धांतरत्नावली नाम्नी व्याकरण
26x11x13x45 प्रत्ययपर्यंत
25x11x17x52 संपूर्ण
1716
104 | 24x 11x15x42
1745बेसर
कनक पद्धन 1747
25x IIx15x42
26x12x13x35
18वीं
23 x 11 x 12 x 30 | प्रथम 7 पन्ने कम
25 x 11 x 16 x 42 संपूर्ण ग्रं. 7000
1841 मेदिनीपुर, बखतसुन्दर 1854 1866 x शांति
समुद्रमुनि ।
26x12x13x42
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434 ]
भाग : 7 साहित्य व भाषा विभाग (प्रा) -
3A
45
1 2 . 102मुनिसुव्रत 6 93 सारस्वत 103 | कुंथु. 17/14
Sarasvata
अनुभूतिस्वरूपाचार्य
भावार्य
ग.
मू+ट (ग.)
4 प्रतियां
4 copies
104-7| के.नाथ 24/27,
22/15,
7/36,7 108 कोलड़ी 752
109
प्रौसियां 6441
110
6446
4 प्रतियां
4 copies
1 6952
53.38.47 115- कुंथु. 27/1,3/75| 20/ 24/3,43.2
29/27,3
6 प्रतियां
6 copies
13 प्रतियां
,
13 copies
121- के.नाथ 22/7,
33/7/21,22-1,21 110/64-2,10/65, 111/914/7015/ 1163,18,25,48,
24/24,29
6 प्रतियां
6 copies
134- कोलड़ी 1043, 391 746,753-4,
1046,913
140 सेवामंदिर 6111
मू+ट (ग)
141 -
6
109
, -सटीक 5 प्रतियां
,, with Tika 5 copies
मू.+टी (ग.)
142-6 के.नाथ 22/2,
| 18/4,15/171,
16/29,15/165/ 147 | कुंथुनाथ 17/1
" -सह दीपिका
,, with Dipika
148 सेवामंदिर 6 4113
., -सटीक सवक्तव्य
,, with Tika
मू+ट (ग.प.)
149
के.नाथ
22/5
,, बालाववोध सह
with Balā
मू. ---बा (ग.
150
|,
11/76
धातुपाठ
Dhātupātha
151
29/59
, -सटीक
with Tikā
,, हर्षकीर्ति
| मू.+टी. (ग)
152-4
,
3 प्रतियां
3 copies
22/33, 16/4,10
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महाकाव्य आदि साहित्यिक ग्रंथ :
| 435
10
।।
व्याकरण
7 | 8 | 8A
9 99 | 25 x 11 x 11 x 34 | संपूर्ण
21 x 11 x 3x 22 | ,, प्रथम पन्ना कम
1872 पीराणपट्टन धनसागर
जीर्ण व खण्डित
46,52, 22 से 26x10 से 12 54,68
1806 से 20वी
24x11x11x30
1816
23x9x9x36
कृदन्त प्रत्यय तक
27
26x11x12x32 | तद्धित प्रक्रिया तक
1647 हरिपूर कल्याणगिरि 1782 फतेपुर,
सिद्धसूरि 1854 से 20वीं
119,25,
225 से 28x10 से 13 अपूर्ण
221 40.30 23 से 32x10 से 16 ,, 38,7 2225
1828 से 20वीं
36.31 22 से 30x10 से 13
,
11839 से 20वीं
21,22
21,10, 11,42 9,37,
3,14
11816 से 20वीं
41,23| 25 से 27x10 से 13 14,7, 40,3
संमा. | 21
27x12x12x52
16वीं
| 13
26x13x11x35
1877
18/20वीं
104,61, 21 से 26x11 41,9,21]
अंतिम टीका चंद्रकीत्ति की है।
123 | 26x11x17x80
19वीं
26 x 12 x 13 x 40
, श्लोक 226
1931
व्याख्या गद्य व पत्र
दोनों में
26x13x7x19
, संधि प्रकरण तक 19वीं
1756
25 x 11x13 x 42 संपूर्ण 23x10x10x36
1850
4,13,4 25 से 26x11 से 12 | प्रथम संपूर्ण शेष अपूर्ण | 19वीं
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436 ]
भाग 7 : माहित्य व भाषा विभाग (प्रा) :
3A
155-6 कोलडी 747981] सारस्वत धातु-पाठ
| Sarasvata Dhātupātha | अनुभूतिस्वरूपाचार्य । 2 प्रतियां
2 copies 157 | कुंथु. 24/6 158-9| कोलड़ी 745,742
,, Dhatu Prakriya 2 प्रतियां
2 copies 160 | महावीर 6 में 12 ,, की दीपिका
,, ki Dipika चन्द्रकीत्ति सूरि
., धातु प्रक्रिया
161 | कोलडी 1047
1042 162-3/ 1041
1044 164 के.नाथ 7/35
"
,2 प्रतियां
2 copies
165
कु थुनाथ 5516
,, की टीका
ki Tikā
सोनिगिरा मंडन
(बाहड़ का पुत्र) माधवभट्ट
166
कोलड़ी 748
167
के नाथ
2/21
168 |ौसियां 6 951
169
| के.नाथ
2/2
,
2/20
पुंजराज
गौसिया 6 949
वासुदेव
कोलड़ी 751
पद्माकरभट्ट
70
महीदासभट्ट
174 | के नाथ 22/23
तिलकभट्ट
744
1160
कुंथु. 52/16 के.नाथ 15/119 , 26/05 ||
लघभाष्य
,, Laghu Bhasya
182
, टिप्पण
, Tippana
क्षेमेन्द्र
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व्याकरण ग्रंथ :--
[ 437
___ 6
7
8
8A
9
10
11
व्याकरण
25x11434x13 | संपूर्ण ग्रं. 205
1807 व 19वीं
26- 12x12x20 | ,, (पन्ने 14 व 15
कम हैं) 8750/26x13 425x12
1890 व 19वीं
101
27x11x18x55
1646x
सोमविमल , (52वां पन्ना कम)| 19वीं
124 / 26x11x11x50
47,37/ 28x11 व 26x11 | अपूर्ण
1425x10x15x42
71.
| 31 x 12x17x52 सपूर्ण
17वीं
श्रीमाल गोत्र खरतर
गच्छीय (सिद्धांत रत्नावली)
26x10x15x44
,
ग्रं. 7500
1673
25 x 11 x 15 x 48
ग्रं. 6500
1712
26x13x17x47 अपूर्ण तद्धित प्रक्रिया तक 1891
25x11x15x47
19वीं
26xllx15x48 | संपूर्ण
17वीं
26x1x19x54
1753,समीनगरे
रत्नगणि 1840
25x12x17x38 / अपूर्ण प्रत्यय से
26x11x19x58
19वीं
26x12x18x51
25x1Ix9x35 | पूर्वाद्ध (प्रथम 4 पन्ने
कम) 26 x 11x18x51 अपूर्ण (विभक्ति से लिंग)
25x12x16x48
प्रथम वृत्ति
26x12x12x36
, (प्रत्यय भाग)
25x IIx16x60 ।, (संज्ञा प्रकरण)
19x11x9x24
26x11x13x45
26 x 11 x 14x48 | संपूर्ण
1634
संक्षिप्त टिप्पणियां
व रब्बे
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438 ]
भाग : 7 साहित्य व भापा/विभाग (प्रा
3A
| कोलड़ी 868 | सारस्वत-अर्थ
Sārasvata Artha
184
कुंथु. 55/21
, -सार
,,
Sara
हरिदेव
185
सियां 6850
, -व्याख्यान
,, Vyākhyāna
186
महावीर 6 अ 14 सिद्धान्त-चन्द्रिका
Siddhanta Candrikā
रामचन्द्राश्रम
मू+ट (ग.
187
प्रोसियां 6 965,
59 ॥ 64 64
188
189
6 963
"
सटीक
.,
with Tika
,, सदानन्द
मू. + टी. (ग.)
190
...
6 961
,उ रूपचंद
191 के नाथ 22/36 192 , 22/37 193-4 कोलड़ी 732.
729 195 कुंथु 9/117 196
168
2 प्रतियां
2 copies
197ौसियां 6958
198
।
6960
199
6462
" -सदीक
,
with Tika
/सनानन्द
| मू टी. (ग.)
8 प्रतियां
8 copies
ग.
.
200-71 के नाथ 22/681
1927,24/8,
9,13,16
208
कोलडी 1048
209
प्रौसियां 6 9 45
, की टीका
,, ki Tika
लोकेशकर
210
कोलड़ी
735
211
के नाथ 1007-8
., 24/14 213 कोलड़ी 734 214 "
सदानन्द
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व्याकरण:
[ 439
| 8 |
8A
9
|
10
।।
व्याकरण
26x12x11x30 | अपूर्ण प्रथम श्लोक मात्र
1917
27x11x11x40 संपूर्ण
1767
14
26x13x17x54 संवि प्रकरण मात्र
18वीं
192
26XIIx9x33
संपूर्ण
16वीं
115
25x11x9x36
17वीं विष्णु
गिरि 18वीं सचित्र
70
26x12x15x40
102
25x11x15x43 |, पूर्वाद्ध
18वीx
वखतसुंदर
118
25x11x15x40
207
25x11x14x39
19वीं
25x |1 x 15x47 |
1850
101,57 25x10 व 26x13 |
1848 व 20वी
25 x 13 » 11 x 30 | प्रतिपूर्ण द्वितीय वृत्ति तक 1938
24x12x12x36
26x11x11x37
18वींx
राजसुंदर
26x11x11x42 | अपूर्ण
16वीं
85
25x11x17x52 | उत्तराद्ध
18वीं
25 से 29x11 से 14 अपूर्ण
19/20वीं
35,58. 170,104
19.45. 17,15
27x14x9x29
19वीं
26x12x16x44 प्रतिपूर्ण
843 विक्रमपुर तत्व दीपिका नाम्नी
बखतसुंदर 1888
26- 12x 13x50 | संपूर्ण
27x12 x 13x50 |
25x11 x 14x45
19वीं
लघुदीपिका
26x10x13x46 अपूर्ण कृदन्त पर्यन्त
1840
सुबोधिनीनाम्नी
| 26 x 11 x 15 x 60 | पूवार्द्ध
1841
॥
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4401
भाग :7 साहित्यिक भाषा विभाग(प्रा):
3A
45
215 | के नाथ 24/10 | सिद्धांतचन्द्रिका की टीका | Siddhanta Candrika ki | सदानन्द
Tikā 216 | कोलड़ी 731
| , 736 | के.नाथ 22/22
| कोलड़ी 1170
220ौसियां 6 957
की वृत्ति
,,
ki Vrtti
221वामंदिर 6 9 120
,, Dhāturupa
nirnaya ,, Rupavali
,, तालिकायें
| कोलड़ी 739
" धातुरूप निर्णय 223 के.नाथ 7/37
, रूपावली 224 , 7/8 | सिद्धान्त-कौमुदी 225 महावीर 6 1114
Siddhānta Kaumudi
भट्टोजी दीक्षित
226-7 के नाथ 24/25
प्रतियां
2 copies
228-9/ प्रोसियां 6 अ69,
2 प्रतियां
2 copies
230
के नाथ 24/26
-भाष्य
kā bhāsya
231
,
24/20
-लघुभाष्य
kā Laghubhāşya
232
कोलड़ी 974
की व्याख्या
, ki Vyakhya
| ज्ञानेन्द्रसरस्वती
233
के नाथ 11/17
की टीका
... ki Tikā
236
| कोलड़ी 759 | के नाथ 24/54 | (मध्य) सिद्धांत-कौमुदी (Madhya) Siddhanta
Kaumudi ।,, 22/50-1 (लघ)
| (Laghu) , " | महावीर 6 34 सिद्धान्त रत्न शब्दानुशासन | Siddhātna Ratna Sabdanu- जिनेन्द्र
Śāsana | के.नाथ 15/154 | स्यादिशब्द समुच्चय सावचूरि Syādi Sabda Samuccaya | अमरचन्द्र (जिनदत्त | मू-+अ (ग)
शिष्य) | महावीर 6 अ। | हेमशब्दानुशासन | Hema Subdanusāsana | हेमचन्द्राचार्य
| मूल सूत्र गद्य
240
के नाथ 16/35
241 |, 7/20(-1)(2)
, बृहत्वृत्ति
,, Brhata Vrtti
, (स्वोपज्ञ) | गद्य
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व्याकरण ग्रंथ :--
[441
8A
___10
11
व्याकरण
24x12x21x41 अपूर्ण (उए से कृदन्त तक)
19वीं
सुबोधिनीनाम्नी
26x10x13x43 | पाख्यात काण्ड तक
1840
25x12x17x44
1883
(उपरोक्त की नकल)
27x12x14x30 | अपूर्ण
19वीं
xxxx
25x10x11x38
26x13x17x43
18वीं
30x11x15x55 त्रुटक
27x12x18x65 संपूर्ण
19वीं
अति सामान्य
लिखावट
26x11x13x46 अपूरण
| 26x 11 x 13x50| संपूर्ण ग्रं. 1250
1851
वैदिक प्रक्रिया
20वीं
32 x 34 x 10x16 25 x 11 व 26 x 20 27 x 12 व 26 x 12
चार खण्डों में,
बड़े अक्षर प्रथम में किञ्चित्
अवचूरि
19वीं
25x10x14x47
26x11x17x51
33x14x12x45 | पूर्वाद्ध
तत्वबोधिनीनाम्नी
29x13x14x40 | अपूर्ण
मनोरमा नाम्नी
28x12x19x64
26 x 11x17x51 |, धातु अधिकार
20वीं
26 x 12 x 11x37
,, प्रत्यय पर्यन्त
18वीं
21x10x9x33
संपूर्ण कृदन्त ,
1891
25x11x6x34
, चारों प्रकम
16वीं
28x12x13x48 , 7 अध्याय (28 20वीं
पाद) 26x11x13x58 अपूर्ण 4 अध्याय तक ही 17वीं
26 x 11x15x55 | , 4 अध्याय तक
1687
.
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442
॥
भाग 7 : माहित्य व भाषा विभाग (प्रा) :
__ 1
242
243
2 3
3A | कुथुनाथ 553 | हेमशब्दानुशासन बृहद्
Hema Sabdānusāsana
हेमचन्द्र कनकप्रभ मू वृ (प.ग.) वृत्तौन्यासोद्धार | Brhad Vrattaunyasoddhari
दवन्द्र सूर) कोलडी 762 , की बृहढुंढि का Hema Sibdānusāsana
मूल हेमचंद्र)-? | गद्य
ki Bịhada Dhundhikā के.नाथ 15/150 ., लधवृत्तिसह Hema Sabdánušāsana हेमचन्द्राचार्य स्वोपज्ञ(मू.वृ.)
with Laghu Vệiti महावीर 6 अ2
244
246
, 619
।, सह लघवृत्ति
,, Savacāri
-
--वृ+अ (ग)
सावचूरी
247 | के.नाथ
7/38
, लध वृत्ति सह
मू-+ वृ+अ (ग)
248 | " 7/39 , सावचूरी
, Sāva uni 249 .. 11/39 250 . 7/47 | हेमप्राकृत व्याकरण वृत्तिसह | Hema Prākrta Vyākārana
with Vịtti 251 महावीर 6 अ 16 | हेमलिंगानुशासन Henna Lingánuśasana 252 | औसियां 6 अ68
गद्य
मू पद्य
253 | कोलडी 979
, -वृत्ति
,,
Vrtti
,, स्वोपज्ञ
गद्य
सहवृत्ति
,
with Vrtti
मू.व (प.ग.)
, -वृत्ति
,,
ki Vrtti
जयानन्द
गद्य
Hema Dhấtu Grantha
| हेमचन्द्राचार्य
,
Patha
254 के नाथ 2/16 255 ... 22/13 256
24/28 प्रौसियां 6 अ 105) हेनधातु-ग्रन्थ के नाथ 22/32 , -पाठ महावीर 6 9 10 धातु-प्रकरण कोलड़ी 978 | हेमधातु-पाठ कुंथु. 23/5 उणादिसूत्र सविवरण
महावीर 6 अ 20 हेमव्याकरण लघुप्रक्रिया 263 | के.नाथ 2/26
कोलड़ी 1049 हेमसुबोध-प्रक्रिया
Dhātu Prakarana
हेमचन्द्राचार्यानुस्मृता | मू । वृ
Hema Dhātu Patha
शील विजयगणि
ग.
Unadi Sūtra
हेमचन्द्राचार्य स्वोपज्ञ म.. (प)
Hema Vyakarana Laghu | विनयविजय
Prakriya
Hema Subodha Prakriya
265 । मुनिसुव्रत बस्ता
78
स्फुट लघु व अपूर्ण ग्रंथ व | Incomplete Stray Folia
भिन्न 2
त्रुटक पन्न
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व्याकरण :
_ [ 443
6
7
8
11
व्याकरण
8A
___10 25 x || x 19x57 | अपूर्ण अध्याय 3/2 से | 16वीं
7/4 तक | 25x7x12x 66 , 3/2 तक 17वीं
अत में न्याय सूत्र वृत्तिसह (ग्रं 243)
26 x 10 x 12 x 55 |, 5 अध्याय तक
ग्रं. 6000 26x12x16x33 , 4/4 तक
18वीं
31x11x19x49 | केवल 5वां अध्याय ग्रं. | 1495,देवकुल
730
पाटक, उदय
धर्मगणि 26-11-17x56 अपूर्ण 2/2 तक
16वीं
26 x 11 x 10 x 555,
17वीं 26 x 11x15x55| , 1/4+213 श्लोक | 18वीं 26 x 11 x 15x50 | कुछ अपूर्ण
(शब्दानुशासन का आठवां अध्याय)
32x16x10x36 | संपूर्ण 139 श्लोक
27x11x11x42 , 183 ग्रंथाग्र 1809 जैसलमेर
पालमचंद 34 x 13x20x72 , 3384 ग्रंथान 1616x
भावचन्द्र 26 x 11 x 17 x 50 अपूर्ण स्त्रीलिंग समाप्त । 19वीं
+10 श्लोक 26x11x17x50 संपूर्ण
27x11x16x52
,
1664
20x7x8x35
अपूर्ण पन्ने 23 से 43 | 14वीं
26x11x13x41 संपूर्ण
1656
26 x 13x13x50 | ,, 10 गण
1479 डुंगरपुर
26x12x15x60
1686
24 x 11x20x60 _963 श्लोक 1765 29 x 14 x 13x37 ,, ग्रंथान 2500 1947 सरसपुर
मोतीविजय 26 x 11x17x55 अपूर्ण (17 से 52 पन्ने । 19वीं
अन्त) 27x13x13x37
प्रा.सं.रा. 12
23 से 32x10 से 16 पूर्ण अपूर्ण
17/20वीं
अति ामान्य .
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444 ]
1
268
466-7 औसियां 6 74 / स्फुट लघु व अपूर्ण ग्रन्थ व त्रुटक पन्ने 1 प्रति 1 बस्ता
20 दुवारा atarie. 6
269
27273
1
2
3
4
5
6
के नाथ 28/25
कोलडी 1058. 711257, बस्ता 71
कुंथु. 37/23-24/
7
8
9
10
11
12
13
14
15
16
2
17
सेवामंदिर दे गु
कोलड़ी गु. 12/12/
नाथ 19/52
महावीर 6 22
के. नाथ 5 / 52
7/41
ओसियां 6 31
6 अ 36
कोलडी 724
के. नाथ 2/13
कोलड़ी
के. नाथ 2/15
प्रतियां 6 30
के. नाथ 24/6
"
22
के. नाथ 6 / 103 | श्रनेकान्त-मंजरी
गु 9 अनेकार्थ-मंजरी
6
723
"
"
11
17
11
"
11
3
17
39
";
2 प्रति 1 बस्ता
www.kobatirth.org
"
वृत्त
सावरि
-संग्रह
Sangraha
प्रनेकार्थी - एकाक्षरीमाला
Anekarthi Ekākṣari Mālā
श्रभिधानचिंतामणी सहवृत्ति Abhidhāna Cintāmani
with Vṛtti
Incomplete stray folia
""
3 A
Anekanta Mañjari
Anekārtha Mañjari
"
33
33
भाग 7 साहित्य व भाषा / विभाग (प्रा)
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with Vṛtti
with Avacuri
भिन्न 2
""
भाग ( 7 ) साहित्य व भाषा / विभाग (३)
नन्ददास
हेमचन्द्राचार्य
13
हेमचन्द्राचार्य
11
4
37
हेमचन्द्राचार्य स्वोपज्ञ मू + वृ (ग. प.)
2:
11
""
ग प.
19
प.
ग.
5
मू. प.
12
मू+ वृ . (ग.) मू +श्र (प.ग.)
मू. प.
Page #461
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व्याकरण ग्रंथ :
व्याकरण
"
11
शब्दकोश :
शब्दकोश
"
11
"
=
""
शब्दार्थ संग्रह
शब्दकोश
11
11
"
"
6
19
"
""
"
व साहित्यिक
पद
11
22
सं.
सं.
11
रा.
11
7
सं.रा. 27,31 23 से 32 x 10 से 16
सं.
"
17
11
"1
102
20+ +96
8
2,1
5
5
29
72*
5
37
8
211
203
50
49
305
51
71
83
8 A
53
31
www.kobatirth.org
"
23 से 26 x 11
25 x 10 x 16 x 48
15 x 15 x 18 x 20
17 x 12 x 12 x 16
31 x 23 x 9 x 17
24 x 12 x 12 x 32
32x16 x 10 x 32
24 x 10 x 13 × 44
30 × 11 × 14 × 48
25 x 10 x 15 × 52
25 × 11 × 1 5 x 44
26 x 10 x 13 x 50
26 x 11 x 13 x 35
22 x 11 x 19 x 40
26 × 11 × 13 × 37
26 x 10 x 15 x 48
26x9x15 x 51
पूर्ण / पूर्ण
प्रतिपूर्ण
"
:
29
13
"}
37
पूर्ण 3 अध्याय 19 लो 19वीं
संपूर्ण 119 गा.
1716
लगभग पूर्ण गा. 9 से
से 116 अंत संपूर्ण 118 गा.
119 गा.
पूर्ण 22 कांड / 773 संपूर्ण
31
31
37
"
9
ग्रं. 10000
"
शेष संग्रह सम्मेत
6 काण्ड
ग्रं. 5719
6 काण्ड
""
पद
13
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17/20af
15
10
31
20वीं
1889
19वीं
17 at
19वीं
ग्रं. 10000 कांड 6 1641
1525
"1
16वीं
1622
11
1643
1694
17at
[ 44:
11
अति सामान्य
एक के अनेक अर्थ
अंत के 16 पन्नों में
कवित्त हैं एक के अनेक अर्थ
""
31
एक अक्षर अनेक
अर्थ
Page #462
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446 |
भाग : 7 साहित्यिक भाषा विभाग(इ) :
3A
|
5
Abhidhāna Cintamani
हेमचन्द्राचार्य
मू+ट (प.ग.)
मूप.
1 2 . 17 | के.नाथ 2/14 | अभिधानचिंतामणी
, 11/30 मुनिसुव्रत 6 7 83 के.नाथ 22/9 कुंथु. 22/1
मूट. (प.ग.)
औसियां 6 934
के.नाथ
7/19
, सबालावबोध
,, with Bala.
,
रामविजय
मू+बा (प.ग.)
24-7
4 प्रतियां
4 copies
मू प.
. 17/41, 166,29/26,
15/164 के.नाथ 7/1
28
सवृत्ति
,, with Vrtti
,, स्वोपज्ञ
मू+वृ (प.ग.)
मूप.
29 मुनि व्रत 6 अ 82,
84 30 औसियां 6 9351 31 | कुंथु. 52/19
,, सटीक
,, with Tika
मू+व (प.ग.)
श्रीवल्लभ-
गणि ,, स्वोपज्ञ
, सहवृत्ति
,, with Vrtti
7 प्रतियां
7 copies
33-9| कोलड़ी पुढा69/2.
725.1169,
1179-80,
12511269 40 | प्रोसियां 6 अ 32
के.नाथ 11/15
,, शेष संग्रह
,, Sesa Sangraha
42 मुनिसुव्रत 6 अ 85
43
, 6987
, -बीजक
,, Bijaka
गद्य तालिकायें
44 | कोलड़ी
726 | अमरकोश सटीक
Amara Kośa Tika
अमरसिंह/भानुजी | मू+टी (प.ग.)
दीक्षित
5 प्रतियां
5 copies
के नाथ 22/25, 3. 7/4311/ 111, 22/52/
50
कुंथु. 26/1 51-5, कोलड़ी 728-27
1051-3
5 प्रतियां
5 copies
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शब्दकोश :
[ 447
8A
9
10
11
25x11x11x38
26x11x15x38
संपूर्ण 6 कांड (पन्न 60 17वीं पर्याय सहित
61 कम) , , (पहिला पन्ना 1708
कम)
1737 जोधपुर
विजयमुनि 1752 क्वचित् बीजक सह
26x11x13x36
26x11x15x45
26x11x11x55
1775
26 x 11x11x32
18वीं
| 104 | 25x11x18x50
1836
86,71, 24 से 32 x 11 से 16 प्रथम पूर्ण शेष तीन अपूर्ण 1893/20वीं 62,25|
27 x 11 x 13 x 45 | ,, ग्रं. 9987
19वीं
18वीं
25x11x15/11x | अपूर्ण तीसरे काड तक
401 26x10x20x65 , मात्र षष्ठकांड 27| 1678
से अंत 26 x 11 x 15 x 58
17वीं
| ग्रंथ के अतिम पन्न
13
26x IIx13x54 त्रुटक
18/19वीं
8,20, 24 से 26x10 से 11 | अपूर्ण 38,12, 22,33,
14 47 26x12x12x32
18वीं
जीर्ण चिपकी हुई | परिवर्द्धन सूची
26x11x14x48 | संपूर्ण 6 कांडों के 1641
(पहिला पन्ना कम) 26x11-13x38 | 6 कांडों के 17वीं 26x11x- ,, दो बार लिखी हुई
अनुक्रमणिका
7
शब्दकोश
357 | 26x12x14x50 |
, 3 कांड
19वीं
5540. 25 से 30x11 से 14 8249,
,,
,
1806 से 19वी
25x13x11x32
1874
23 से 27x11 से 13 | प्रथम 2 पूर्ण, शेष 3 अपूर्ण 1843 से 20वीं
40.12.
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448 ]
1
56
62
63
64
65
66
68
69
70
71
122
कुंथु. 55/13 | देशी नाम - माला
67 महावीर 6 21 देशीशब्द-संग्रह सहवृत्ति
6 प्र 23 नामाङ्कित नाममाला
72
गु. 9
19/35
सेवामंदिर दे गु. 14
73 कोलड़ी 725A
74
75
76
77
61
78
79
के नाथ 7/25, अमरकोश
10/102,
11/6,
11/7(1) 11/12, 26/77
सियां 6 33
के नाथ 18 / 46 एकाक्षर अभिधानमाला
महावीर 6 x 24 | एकाक्षरी-कोश
कोड़ी 723
1
2
17
मुनिसुव्रत 6 88 पारस-कोश
के नाथ
मानमञ्जरी
"}
कोलड़ी
"}
"
722
721
33
""
सियां 6 106 शब्दकोश
नाथ 14 / 65 | शब्दरत्नाकर कोश
18 / 63 सर्वादि शब्दार्थ
3
"
नाममाला सावचूरि
11
शारदीयनाममाला
6 प्रतियां
के. नाथ 15/169 सुन्दर - विलास
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Amara Kosa
3 A
39
Ekakṣara Abhidhana Māra
Ekākṣari Kośa
Nāmamaa
Parasa Kosa
Desināma Mālā
Desi Sabda Sangraha with Vrtti Namankita Nāmamālā
Manamañjari
99
Śabda Kośa
Sabda Ratnakara Kosa
Sarvadi Sabdartha
Śaradiya Namamālā
6 copies | अमरसिंह
Sundara Viläsa
भाग : 7 साहित्य व भाषा / विभाग (ई)
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महाक्षरणकवि
हेमचन्द्राचार्य
नन्ददास
"1
"
4
महीप
I
हेमचन्द्राचार्य स्वोपज्ञ मू. + वृ.
मू प.
हरि
गद्य
मू + अ (प.ग.)
ग.प.
ग.
प.
".
11
"3
ग.
प.
ग.
5
प.
23
Page #465
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शब्दकोश :
[ 449
___10
11
67 8 8A शब्दकोश स. 17,100 / 24 से 30 x 11 से 15 अपूर्ण
31,4,3
19/20वीं
42
शब्दकोश
29x14x7x35 |
प्रथम काण्ड मात्र | 19वीं
28x11x18x61 / संपूर्ण 20 श्लोक
18वीं
एक अक्षर वाले शब्द
| 25x12x12x33
39 अक्षरों के
अनेक अर्थ
19वीं
51* | 22x11x19x40
1664
| 24x10x19x58 प्रतिपूर्ण
1765
मा सं. | 72
31x16x12x46 संपूर्ण ग्रं. 3320
18वीं
26x12x15x60 | अपूर्ण
17वीं
26x12x13x35
16वीं
संपूर्ण 126 श्लोक , 259 छंद
, (पर्यायवाची) रा. | 10
| 15 x 15 x 18 x 20
1716
26- 12x15x36
1873
15x11x12x17
, 263 छंद
19वीं
xx
26x12x13x48 अपूर्ण
11.24x10x7x38
16वीं
नाम का पता नहीं
पड़ता है (अपरनाम महीप
कोश)
24xllx15x43 | संपूर्ण 4 काण्ड,
1622
शब्दार्थ सामान्य
25 x 12x11x33
19वीं
शब्दकोश
17x10x15x42
, 3 काण्ड
1750
19x11x16x30
1835
26 x 11x16x44 | अपूर्ण श्लोक 30 से 1200/ 19वीं
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450
भाग : 7 साहित्य व भाषा विभाग (ई) -
3A
1 | कुंथु.
45/2 कविप्रिया
Kavipriya
केशवदास
के.नाथ 29/62
मम्मट-/वंशलोचन/- |
मू+व+म
के.नाथ 20/39/ काव्यप्रकाश -सटीक सावरि| Kavyaprakasa
with Avacūri कोलड़ी 976
मम्मट
के.नाथ 22/12
" -सहवृत्ति
मू+ वृ (ग.)
, -संकेत
with Vịtti
/माणिकचन्द्रसूरि | गद्य
महावीर 6 अ 26 के.नाथ 27/48 ., 17/13
-दीपिका
ki Dipiki
जयंतभट्ट पुरोहित
ओसियां 6939
,
Vetti
गुणरत्नगणि
के.नाथ
7/31
, -मौक्तिक विवरण
हर्ष कुल
, Mauktika Viva.
rana Kavya Raksasa Tikā
कालिदास
मू-वृ (प.ग.)
" 22/20 काव्य राक्षस सटीक , 11/38 | काव्य साहित्यिक ग्रंथ कोलड़ी गु 9/14 | गीतजाति 48 सटीक
Kavya Sahityika Grantha
Gita Jāti 48 with Tikā
| शेषनाग
पग.
के.नाथ
6/86
छंदकोश
Chandakosa
,
with Avacuri
मू.+प्र.(प.ग)
|, 22/24 , -सावचूरि
, 14/69 | छंद कौस्तुभ भाष्य कुंथुनाथ 52/11 छंद ग्रंथ (?) को प्रवचूरि
Chandakaustubha Bhasya| विद्याभूषण
Chandagrantha ki Avacūri
-
| के.नाथ 29/81 | छंदरत्नावली
Chandaratnāvali
19 |ौसियां 6 477 छंद-सार
Chanda Sāra
सूरतिमिश्र
कोलड़ी गु. 11/10
21
के.नाथ
26/2
की टीका
ki Tikā
(मूल सूरतिमिश्र का)
, 19/51 पौसियां 6 4101
24 | के.नाथ 10/45
छंदो-विभूषण
Chando Vibbūşaņa
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छन्द व काव्यशास्त्र :
साहित्यिक अलंकार हि.
काव्य शास्त्र
11
काव्यालंकार - शास्त्र सं.
31
"
17
11
19
"
काव्य-लक्षण
काव्य शास्त्र
छंद शास्त्र
अलंकार शास्त्र
"1
"1
"1
31
""
"
33
6
"
93
"1
77
19
"3
11
17
रा.
प्रा.
प्रा.सं.
सं.
"1
रा.
"1
11
"
7
"1
"1
"1
60
90
100
53
12
77
43
32
237
16
5
10
गु.
8
4
7
6
6
6
8
गु.
21
9
5
35
8 A
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21 × 17 × 19 × 25 संपूर्ण 17 प्रस्ताव
14 × 20 × 17 × 15
प्रपूर्ण 13 प्रस्ताव
26 × 11 × 16 × 42
संपूर्ण 10 उल्लास
26 × 11 x 15 x 55
26 × 12 × 17 × 53
28 × 13 × 14 × 49
26 × 11 × 14 × 45
26 x 12 x 13 x 35
33 x 16 x 16 × 48
26 × 1 1 × 17 × 54 अपूर्ण 4 उल्लास
27 x 12 x 15 x 49
23 x 11 × 15 × 50
27 × 13 × 14 × 55
15 x 13 x 9 x 19
"
25 x 13 x 10 x 30
37
"
साढ़े छ उल्लास तक
संपूर्ण
अपूर्ण - त्रुटक
संपूर्ण
26 × 11 × 13 × 42
17 × 12 × 10 × 2 2
25 x 11 x 15 × 34
25 x 13 x 9 x 33
27 × 1 1 × 15 x 54
27 × 11 × 17 × 60 संपूर्ण 6 अध्याय की
ग्रंथाग्र 340
11
20 श्लोक
अपूर्ण बीच के पन्न े 2 से
11
संपूर्ण लगभग 48 गीत
76 गा.
75 गा.
5 प्रभायें
11
9
11
11
"
23 x 13 × 13 x 35
25 × 11 × 11 × 36
29 × 14 × 10 × 28 संपूर्ण
अपूर्ण
संपूर्ण 273 छंद
121 छंद
273 पद
"1
10 उल्लास के /
ग्रं. 3244
27
2130 ग्रंथाग्र 1870 कृष्णगढ
19वीं
60 पद
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1767
19वीं
15वीं
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1540
11
17वीं
19वीं
18वीं
19at
"
10
1800
20वीं
19वीं
11
16वीं
19वीं
18वीं
1834
19at
11
[ 451
11
प्रतिम 3 पन्न श्रौषध मंत्र के
33
मूल की व्याख्या
मूल की व्याख्या बीच में प्राधे पन कम हैं मूल की व्याख्या
नामादिका पता नहीं पड़ता है
प्राचीन प्राकृत या सं. में किसी मूल ग्रंथ की अवचूरि है ।
बीच में पन्न कट्ट हुए हैं ।
Page #468
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भाग 7 : माहित्य व भाषा विभाग (ई) -:
3A
45
-25ौसियां 6 इ 34 | नलोदय
Nalodaya
जीवदास
प.
के.नाथ 17/38 | नवरस-विचार
Navarasa Vicăra
कवि भूषण ?
| कोलड़ी 1248 | नंदिताढ्य छंद सावचार
(नन्दिताढ्य)/रत्नचंद्र मूअ (प.ग.)
Nanditādhya Chanda
with Avacūri Paribhāṣā
28ौसियां 6497: परिभाषा ।।
ग मूल
,, +Slokayojana | नीलकंठ/सूरिसुनु
Nirnaya , ki Vrtti
सिरदेव
, 6478 / +श्लोकयोजन
निर्णय - के नाथ! 7/15 , की वृत्ति ।
.., 14/71 | पंचवर्गपरिहार - कुंथु. 55/16 पिंगल ग्रन्थ पौसियां 6 975|', -ज्ञान
Pancavarga Parihāra
जिनभद्रसूरि
Pingala Grantha
क्षेमराज का शिष्य ? | ग.
» Jnāna
34.--, '6979
,, -सार
,
Sāra
हरिप्रसाद
| महावीर 6 4 27 प्राकृत छंद-कोश Praksta Chanda Kosa 36 6 1 29 भाषा-पिंगल
Bhaşa Pingala | औसियां 6 955/-,, -भूषण
, Bhūşaņa
हरिचरणदास |, 5 11 वृदावन, घटकपूर, मेघाभ्युदय Vrndivana. Ghatakarpura| मानांक (3) जंबूक(1)
चन्द्रदूत, शिवभद्र।
Meghábhyudaya शिवभद्र 1
Candradūta, Śivabhadra 39 | के.नाथ 17/23 रसतरङ्गिणी
Rasatarangiņi
भानुदत 40 कोलड़ी 1304 रसरत्न Rasaratna
सुरतिमिश्र 41 कोलड़ी गु. 10/6 "
सूरतमिश्र
Rūpadipa
जयकृष्ण
|, 839 रूपदीप | के.नाथ 18/92 ,
के नाथ 14/83| वृत्तरत्नाकर
Vștta Ratnākara
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छन्द व काव्य शास्त्र:
[ 453
6
7
8
8 A
१
___10
11
काव्य ग्रन्थ
28x 13x9x32 |
19वीं
| किञ्चित् टब्बार्थ
भी 5 पन्ने स्फुट अन्य हैं
काव्यलक्षण-शास्त्र
31x15x15x30 प्रतिपूर्ण
छंद-शास्त्र
27x10x14x58 | संपूर्ण 99 गा.
1511
पंचपाठ
वाक्य रचना छंद
योजना
27x12x13x51
, 8 अध्याय/ग्रं. 66 19वीं
25x10x15x47
XXXXXXXXX
.,
, +30 श्लोक 18वीं
26x10x15x52
1677
| 27x11x17x40
दो खंड 346 श्लो. 19वीं
शब्द व्यंजन स्वर
शास्त्रकोश छंदशास्त्र
(अपरनाम= अपवर्ग
नाम माला)
27x11x22x62
, 84 छंद सोदाहरण 16वीं
काव्य छंद शास्त्र
26x11x13x50
अजितशांतिस्तव'
के छंदों पर
28x13x18x52
प्रतिपूर्ण
26x11x10x46
छंद काव्य भाषा
शास्त्र काव्यालंकार शास्त्र
25 x 11 x 11 x 33 | संपूर्ण 152 छंद 19वीं | 28x12x9x39 ,, 212 छद 1866 सुखराम 25 x 12 x 11 x 40 , 5 काव्य 229 श्लो. 18वीं म क प्रधान 5 काव्य
चंद्रदूत प्रादि
लघकाव्य 31x15x9x40
19वीं
साहित्यिक काव्य
,
8 तरंग
22x15x20x19
शृगार रसों का |
वर्णन
"
1831
64 पद
22x16x30x33
, 66 पद
19वीं
शृंगार रस वर्णन
15x14xllx19
,
26 छंद
छंदशास्त्र
31x12x14x43
22 जाति के कवित्त 1868
Xxxxxxxxxx
25x13x16x31
" 52 छंद
19वीं
| 16x13x12x19
, 75 छंद
21x12x13x27
18वीं
25x11x12x40 |
, 6 अध्याय
1663
25x11x14x40
1717
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454]
भाग : 7 साहित्यिक भाषा विभाग(ई) :
1
3A
2 . प्रौसियां 6 4 2 | वृत्तरत्नाकर सटीक
vrttasatnākara with Tika भट्टकेदार/समयसुन्दर | मू-वृ (प ग.)
|, 6 4 102
मू पद्य
महावीर 6 इ28
3 प्रतियां
3 copies
के.नाथ 29/91,
20/45, 17/65
22/4
" -सटीक
,
with Tiki
, शिवचरण
| मू+व (प.ग.)
कोलड़ी 987
,, की टीका
,, ki Tiki
सुल्हणकवि
गद्य
के.नाथ
7/42
सोमचन्द्र
9/36 | विदग्धमुखमंडन
Vidagdha-mukhmandana | धर्मदास
|
,
2 copies
|
, Tika
,
| , 14/78,21 , 2 प्रतियां 59- | प्रौसियां 6 1 99 , -सटीक
1001 6! | कोलड़ी 1054 | , -की टीका 62 मुनिसुव्रत 64 107 श्रुतबोध-सटीक
., दुर्गकवि(पूर्वाद्ध | मू + वृ (ग.)
ताराचंद (उत्तराद्ध) मेरुसुन्दर गरिण
,, ki Tiki
Śrutabodba with Tikā
कालिदास/वररुचि
। मू टी. (प.ग.)
के.नाथ 22/35
, हर्षकीति
64 , 22/18
, माधवदैवज्ञ 65 सेवामंदिर 6 इ 55| शृगारतिलक
Śrgara Tilaka
कालिदास 66 | के.नाथ 17/34 | शृगारसार-संग्रह सावचूरि | , Sara Sangraha .. | समरसिंह
with Avacūri
मूप.
मू+अ (प.ग.)
भाग : 7 साहित्यिक भाषा विभाग (उ):
Alankara Kõrikā
, Karikávali
कोलड़ी 897 | अलंकार-कारिका 2-3 | प्रोसियां 6 अ 40 , कारिकावली 4 कोलड़ी गु. 11/10 , -माला 2 प्रतियां
842 के.नाथ 19/53
,, Mili 2 copies | सूरतिमिश्र
5
|
6 |ौसियां 6 480
नयाँ 6 80
-लक्षण
, Laksana
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छन्द व काव्य साहित्य : --
[ 455
सम्म
6
7
8
8A
9
11
____ 10 18वीं
छंद-शास्त्र
- 12
।
26x12x17x55 अपूर्ण
26x12x14x46 | संपूर्ण 6 अध्याय
26x11x11x33
19वीं
17 से 26 x 11 से 12
1886 व 20वीं
26 x 12 x 18 x 51
19वीं
34x13x19x80
17वीं
व्याकरण साहित्यिक
काव्यशास्त्र
| 29x10x15x55 , 6 अध्याय की
ग्रं. 1219 26 x 11 x 12 x 40 , 4 परिच्छेद
17वीं 26 x 11 व 27 x 12 | प्रथम संपूर्ण द्वितीय अपूर्ण 19वीं 28 x 12 x 20 x 57 पूर्वाद्ध 2 परिच्छेद(2+2) 18वीं 28x13x12x50 उत्तरार्द्ध 2 26x11x17x55 | अपूर्ण
19वीं
छन्द-शास्त्र
25 x 12 x 22 x 66 सं 40 पदों में 37 छंदों 17वीं ।
के लक्षण 26x11x15x47 , 40 श्लोक 1729 मेदिनीतटे
ज्ञानसागर 26- 13x12x37 , 42 श्लोक 19वी 25 x 11 x 14 x 42 | , 27 श्लोकः ।
1822 22 x 16 x 6 x.43 | अपूर्ण श्लो. 182 से 754/ 18वीं
काव्य-शास्त्र
अलंकार :
अलंकार-शास्त्र
10 | 24x11 x 9 x 46 | संपूर्ण 172 श्लोक
1890
26x12x13x45
18वीं
25x 13 व 29x14 | , 262 छंद
19वीं
| 1766 की कृति
27x13x14x52
19वीं
26x12x17x55 अपूर्ण
19वीं
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456 ]
भाग : 7 साहित्य व भाषा विभाग (उ)
3A
+
7-8| कोलड़ी 840-1 ||
Kavikula Kanthābharana | कविदूलहमिश्र
2 प्रतियां
9 | महावीर 6 925 कुवलयानंद
Kuvalayānanda
अप्पय्य दीक्षित
| ग.प.
| ,
27/47
अंककार चंद्रिका-टीका
, Aikakāracandrika | अप्पय्यदीक्षित वैद्यनाथ व.गद्य में
Tikā Candrāloka
जयदेव
प्रोसियां 6 इ18 | चन्द्रालोक
Vägbhațālankāra
औसियां 6 76 | वाग्भटालंकार
कुंथु. 42/15 14सेवामंदिर 6 4119/
15 | के.नाथ 18/45
16 | ,
गु. 22 | समुच्चयालंकार
Samuccayālankara
भाग/विभाग : 8
कोलड़ी 693 अजीर्णमञ्जरी-सावचूरी
Ajirņa Manjari Sāvacūri
मू+अ (प.ग.)
पीताम्बर
मू+ट (प ग.)
3 , 1291, अनुपानमञ्जरी 2 प्रतियां | Anupana Manjari 699
2 copies 4 | के.नाथ 15/153| अश्वचिकित्सा
Asva Cikitsa
शालीहोत्रऋनकुल
पद्य
,, (Salihotra)
2 copies
माल शालहोत्र ऋषि | गद्य
कृतनकुल वार्ता
5-6 कोलड़ी 794, , (शालिहोत्र) 795
2 प्रतियां 7 | कुंथु. 14/48| ॥ ॥
कोलड़ी 1287 | अश्विनी संहिता
Asvipi Samhita
ग.प.
9 | मुनिसुव्रत 7 ई 23] अष्टाङ्ग हृदय संहिता
Astānga Hțdaya Samhita
वाग्भट
10
प्रोसियां 7ई 10-9/
11
सेवामंदिर 7 ई 21
" टीका
,
Tika
/रुणदत्त
सुख
| के.नाथ 16/39 13 | कोलड़ी 696 | आयुर्वेद महोदधि Ayurveda Mahaudadhi | के.नाथ 26/63 | उत्तरनिबन्ध-संग्रह सटीक Uttaranibandha Sangraha
Satika , गुटका 6, | औषधिनुस्खा-संग्रह 2 प्रतियां Ausadhi Nuskhi Sangrahati 24/44
2 copies
मू.+टी
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छन्द व काव्य साहित्य :
अलंकार - शास्त्र
अलंकार - शास्त्र
"
अलंकार - शास्त्र
काव्यालंकार - शास्त्र
"1
11
अलंकार व काव्य शास्त्र
अजीर्ण रोग के बारे में विपविकार चिकित्सा
श्रायुर्वेद वैद्यक :--
$1
31
वैद्यकशास्त्र
11
31
11
रा.
सं.
घोड़ों की चिकित्सा सं.
व अन्य ज्ञान
11
"
"
रा.
7
सं.मा.
""
:
रा.
सं.
आहार द्रव्यगुण पथ्य पर वैद्यकविज्ञान
चिकित्सा दवाइयां मा.
10,8
59
74
9
8
14
11
8
16
23
14*
12,6
10
3,6
3
5
71
117
38
77
23
276
!
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8A
31 × 12 × 1 2 × 45
24 × 1 2 × 1 4 × 42
26 × 12 × 1 5 × 47
28x13 × 11 × 54
26 × 1 1 × 11 × 33 संपूर्ण 5 परिच्छेद 266
श्लोक
26 × 11 x 11 x 54
26 × 1 1 × 13 × 41
27 × 12 × 1 1 × 33
22 × 15 × 24 × 17
25 × 12 × 11 × 40
29 × 13 व 27 × 13
2 5 × 1 1 × 15 × 37
27 × 11 × 10 × 32
26 x 12 x 17 x 55
23 x 11 × 9 x 34
25 × 11 × 11 × 41
27 × 12 × 13 × 45
28 x 12 x 12 x 46
संपूर्ण 60 छंद
संपूर्ण
अपूर्ण प्रमाणालंकार
"1
""
27 x 10 व 29 x 10
26 × 1 2 × 12 × 40 अपूर्ण
24 x 12 x 14 x 33
"
पूर्ण (पत्र 7 से 17 )
संपूर्ण 5 परिच्छेद
अपूर्ण 44 से 133 छंद
11
अपूर्ण 38 श्लोक
संपूर्ण 5 उद्देशक
श्लोक 350
33
9
"
51
4 मयूख
प्रकरण तक
"
(केवल कुमाराक्ष चिकित्सा
13 से 18 व 23
त्रुटक
अपूर्ण 411 अध्याय
17,12| 25 × 15 व 22 x 11 प्रतिपूर्ण
| संपूर्ण 600 ग्रंथा
लगभग पूर्ण (प्रथम दो पन्न कम
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10
|1881 फलोदी इंद्र भानु (हीर विजय ) 1854, सूर्यपुर विनयचंद
19वीं
18वीं
16वीं x
चंद्रसूरि
1678
1877
1944
19वीं
से 38 प्र. 2 से 6 स्थान तक 1734
18वीं
1899
1848/19at
20वीं
19af
17 at
19at
1886 / 1916 द्वितीय प्रति में
1751
1864
1677
457
17/18वीं
11
मूल की टीका है
बार्थ नहीं हैं
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458 ]
1
17
4849
50
51
52-3
54
55
35- कुंथु. 14/ 45-47 प्रोपधिनुस्खा-संग्रह 12/111,37/
47
25-27,40/3,
56
57
58
59
60
61
62
63
कोलडी
692
34 701 877,912, 1266, गुटके 1/7 9/4-8,10,10/5
64
65
66
67
89 12,12/2 13,8,9,10
"1
17/5
सेवामंदिर गु दे. 18 7 ई 12
कोलड़ी
697
"
"
"
2
21
"}
"
35/32-33
2/35,26/2
"2
""
706
औषधि नुस्खा-संग्रह
704
"
"
श्रोषधि नुस्खा-संग्रह
703,705 | कालज्ञान
17
के नाथ 18/10
सियां 7 ई 13
7 ई 19
7 ई 18
के नाथ 24/36
काशिनाथ- पद्धति
कोलड़ी 707 कुमुद्गर सावचूरि
मुनिसुव्रत 7 ई 16 गर्भ चिकित्सा
कोलड़ी 693 गुणरत्नमाला
3
"
"
18 प्रतियां
,
13 प्रतियां
"1
निर्माण यन्त्र
रसायन-विधि
2 प्रतियां
भाषान्तर
के. नाथ 25 / 27 चिकित्सासार-संग्रह
25/38
26/3 ज्वर द्विशत
26/13 | ज्वरत्रिणी
698 चंद्रोदयपारदादि श्रौषधियां
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3 A
Auşadhi Nuskha Sangrah संकलन 18 copies
Auṣadhi Nuskha Sangraha 13 copies
Ausadhi Nuskha Sangraha 2 copies
Nirmana Yantra
Rasayana Vidhi
2 प्रतियां Kalajñāna
"
"
Bhāṣantara
Kasinatha Paddhati
Kuthamudgara Săvacuri
Garbha Cikitsā
Gunaratnamālā
Candrodaya Paradadi
Auṣadhiyan Cikitsa Sara Sangraha
Cikitsasara
32
Jvara Dvisati
Trisati
2 copies
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17
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शभुनाथ
"
माधव
4
( मू शंभुनाथ ) लक्ष्मी
वल्लभ
काशीनाथ
धन्वन्तरी
प्रात्रेयभाषित
क्षेमेन्द्रमित्र
भाग / विभाग 8 -
ठाकुरप्रसाद
यतिशाङ्गधर
ग.
"7
12
11
प.
प.
मू+ट (उ.ग.)
मू ट.
ग.
प.
ग.
"1
(पग.) मू+अ
प.
ग.
प.
मू.ग.
5
प.
चित्र
मू प.
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आयुर्वेद वैद्यक :
[ 459
8A
9
10
चिकित्सा दवाइयां | मा.
प्रतिपूर्ण/अपूर्ण
19/20वीं
14,101 11 से 18 x 7 से 13 927,5 (गु. 12)
,
19/20वीं
1111 13 से 28x10 से 13 1112 2,1,39 876
19,20 22x16 व 12x12
,
,
18/19वीं
उपकरण विवरण
8x10
संपूर्ण 37 उपकरण
19वीं
बनाने की प्रक्रिया | मा.
25x11-11-28
1863/19वीं
रोगी की उम्र का व सं. 16,12 22x14 व 25x12 चिकित्सा का समय ज्ञान आदि
सं.मा. 15 25x12x8x42
, 221 श्लोक
19वीं
सं.
1024x11x11x38
, 7 उद्देशक 88
. श्लोक | , 5 उद्देशक 1894विक्रमपुर
21 x 12
21x12x8x33
13240
27x12x13x40
,
"
18वीं
26x ||x10x37
xxxxxxxx
26x11x15x47 अपूर्ण
17वीं
23x11x4x24 | संपूर्ण 20 श्लोक
19वीं
वैद्यकशास्त्र (अपर- सं. नाम प्रायुर्वेदसार) 6 रस व 3 दोष
संबन्ध वैद्यक+मांत्रिक
चिकित्सा वैद्यक द्रव्य गुण
औषधादि रसायन-प्रक्रिया
| 25x11x16x59 अपूर्ण
15वींx
यशकीत्ति | 25x12x11x40 , 20 से 254 श्लोव | 1899
(अन्त
26 x 10 x 10 x 42 | संपूर्ण
19वीं
वैद्यकशास्त्र
152
26x12x16x54 | अपूर्ण छढि चिकित्सा तक 18वीं
28x14x27x51 संपूर्ण
19वीं
28x13x14x32
1852
26 x 11 x 11x33 | , 327 श्लोक
1753
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460
भाग विनाग 8 :
3A
| महावीर 3 इ54 धूणी की औषध
Dhūņi ki Auşadha
कोलड़ी
708 नाड़ी परीक्षा व मूत्र परीक्षा | Nadi Pariksa & Mitra
pariksa
के.नाथ 24/30
व वैद्य उल्लास
,, & Vaidya Ullāsa | श्रीधर
प्रौसियां 7 इ8 नाडी-प्रकाश
Nādi Prakasa
शंकरसेन
के.नाथ 27/58 नाम-रत्नाकर
Nāma Ratnākara
कयदेव
|
25/43
74
औसियां 7 ई5 निघद्र
Nighantu
7ई 6
:
76
के नाथ 17/53
धनवन्तरी
:
,
16/40
:
78
कोलड़ी
720
:
1254| नेत्ररोग-यत्न
Naitra Roga Yatna
| के नाथ 17/21थ्या -पथ्याविनिश्चय
Pathyāpathya Viniscaya
8।
महावीर 3 इ 354 बांझपन
Bānjhapana
4तिया | Bhavaprakasa 4 copics | भाव मिश्र
82-51 के.नाथ 25/28, भावप्रकाश
___30.31,33
86 कोलड़ी 702 | भिवचक्रचित्रोत्सव
Bhisak Cakra Citrotsava
हंसराज
मुनिसुव्रत 7 ई 2 | मतिभद्र
Matibhadra
के नाथ 17/10 मदन विनोद
Madana Vinoda
मदननृप
प्रौसिया 7 ई 14 मनोरमयोग
Manoramā Yoga
| के नाथ 26/10 मातृकावर्ण-निघंटु Māışkāvarņa Nigbantu महीधरदास |, 26/16 | माधवनिदान (रोगविनिश्चय, Madhava Nidāna (Roga- | माधव भट्ट
___Viniscaya) 26/1
93
औसियां 737
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आयुर्वेद वैद्यक :
| 461
___678
8A
___10
11
धूप का नुस्खा
23x12x19x
प्रतिपूर्ण
19वीं
25 x 10 x 13 x 34
सपूर्ण
निदान प्रक्रिया योग रत्नाकर, राम विनोद
ग्रादि से)
"
वैद्यककोश
21 x 12 x17x 34 अपूर्ण वैद्य उल्लास के
प्रथम उद्देशक तक 26 x 11 x 12x39 | संपूर्ण 3 उद्योत 16वीं 26 x 11 x 16 x 45 अपूर्ण 53 वर्ग तक 17वीं 26 x 12x16x51 , 488 श्लोक तक | 19वीं 26 x 11 x 13 x 39 संपूर्ण
17वीं
26x11xllx33
.
1768,किराड
दिनकर 1787
25x11x17x46
,
7 वर्ग
26x11x13x38 अपूर्ण
19वीं
26x 13x12x25
,
चक्षुचिकित्सा ।
18x24x26x24 संपूर्ण
30x15x18x:0
1794
प्रायुर्वेद (विभिन्न सं. रोगों) म हिताहित
आहारादि कारण निदान व रा. 1
औषध वैद्यक शास्त्र पाठ्य | सं.
पुस्तकनुमा
25x12x10x44 प्रतिपूर्ण
18वीं
27 x 14 x 12/16 x अपूर्ण
19/20वीं
___36
25 x 13 x 21 x 42 | संपूर्ण
1894
औषधिनुस्खे
24x11x15x40
1723 केशर- प्रथम पन्ना कम है
विमल 1898
वंद्य कोश
30x16x19x48
XXXXX
, 14 सर्ग
26x12x12x48 |
वैद्यक औषधि
विज्ञान वैद्यक-कोश
1882 नेपाल
मध्ये 19वीं
11 x 24
, 59 श्लोक
(अकारादिक्रम से)
26x11x13x42
1763
वैद्यक निदान व
चिकित्सा ग्रंथ
33x15x7x28
1856
केवल ज्वर निदान,
| 25 x 11 x 12 x 39 अपूर्ण 190 श्लोक
18वीं
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462 ]
भाग/विभाग : 8
12 .
3A 94 | कोलड़ी 694 माधवनिदान (रोगविनिश्चय) Madhava Nid āna (Roga- माधव भट्ट
viniscaya) 95 | के नाथ 25/35 , सावचूरी
,, with A vacuri
मू (प.ग) 96 |, 27/51 97 | कोलड़ी 1068 98- | के.नाथ 25/32, -सटीक 3 प्रतियां ,, with Tika 3 copies माधव भट्ट वैद्यवाचस्पति मू । वृ (प ग.) 100
___42, 26/7 101 | , 25/34
, कर्मचन्द्र 102
25/25
,, ki Tika 3 copies | बंद्यवाचस्पति
103-5 , 25/41,
, की टीका ___26/8, 12
3 प्रतियां 106 | पौसिया 7 ई 4 योगचितामणि सहबाला.
Yoga Cintamani with
Bālāvabodha
हर्षकीति सूरि
मू बा. (प ग.)
107
108
मुनिसुव्रत 7 ई ।
109 | के.नाथ 26/15
मू.प.
,, ka Balavabodha हर्षकीत्ति
| कोलड़ी गु. 3/2
, -का बालावबोध | ., गु. 7/2
1252 | योगतरङ्गिगी
112
Yoga Tarangiņi
विमल भट्ट
113
कंथ.
37/8 योगशतक-सटीक
Yoga Sataka with Tikā
-
-
मू+ वृ (प ग)
के नाथ 27/30
सप
115 | कोलड़ी
700
| के नाथ 26/11
, सहबालावबोध
, with Bālāvabodha
मू+बा
117
कोलड़ी 1069 योगसंग्रह
Yoga Sangraha
शाधर
118
प्रौसियां 7 ई 15 योगसार
Yoga Sāra
Rama Vinoda
मुनिरामचन्द्र
119 | कोलड़ी 695 रामविनोद 120 | के.नाथ 27/53 121 | कुंथु. 40/4
. . .
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आयुर्वेद वैद्यक :
[ 463
8A
9
10
।।
निदान व चिकित्सा सं. 188
25x12x12x40 |
संपूर्ण ग्रं.5575
19दी
25xllx13x36
1772
26x12x16x52 | अपूर्ण 211 से 1574
श्लोक (अंत) 26x Ilxllx30 टक
21
17वीं
25 से 26 x 10 से 13 | अपूर्ण
19/20वीं
टीका 'पातक दपण' नाम्नी)
18
26x12x11x35
,
ज्वराधिकार मात्र 19ों
| 27x
13 x 17x51
,, 105 श्लो मात्र
| 22 से 25x11
1857 से 20वीं पातंक दर्पण'नाम्नी
औषधिविज्ञान
10
सं.मा. | 4126x11x15x49 संपूर्ण 7 अध्याय 1720 हाजीपाल
मानसूरि 26xJ1x17x50
1739बीकानेर
सबलसिंह 26x11x8x41
1844श्रीभटपुर
धनसागर 19 26x13x6x33 अपुर्ण बीच के 76 से 94 19वीं पांचवा व छठा
अध्याय मात्र 15x14x16x22 संपूर्ण संपूर्ण
1784 (वैद्यकसार संग्रह)
.
पन्न
21x15x19x26
टक
19वीं
30x15x11x32
संपूर्ण 81 सर्ग तक
17वीं
25 x 11 x 20 x 52 | ,, 135
ग्रं. 685 26x12x6x43 , 271 श्लोक
1790सवाईजै
27x10x13x55
1848
26x11x18x42
, 107 श्लोक
19वीं से त्रावा
29x 14 x 13x50 अपुर्ण
20वीं
26x11x17x52 प्रतिपूर्ण
18वीं
वैद्यक ग्रंथ सामान्य
| 27x10x13x56 संपूर्ण 28 अध्याय
ग्रं. 3367 | 23x11x11x33 | अपूर्ण 301 पद
19वीं
27x27x28x38
टक
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464 ]
भाग/विभाग 8 :
3A
Laghu Samhita
122_| सेवामंदिर 7 ई 22 लघसंहिता 123 | के नाथ गु. 31, वैद्यकग्रन्थ (नाम रहित) 124 , 25/40 |
| कुंथु. 40/2 | वैद्यमनोत्सव पद्यानुवाद
Vaidyaka Ms. (without | सकलित
name)
125
Vaidya Manotsava Pady-
ānuvāda
नयनसुख केशवसूत)
म.
126
127
के.नाथ गु. 16 , 27/55 , , 25/37 | नद्यविनोद (शाङ्गधर का | Vaidya Vinoda (Sirriga-निरामचंद्र (पद्यरंग
अनुवाद) dharas Trans)
शिष्य कुंथु. 25/1
Vaidya Vipoda
अनंत भट्ट प्रात्म न कर
128
,
130
| .,
2010 | वैद्यसंजीवन
,, Sanjivana
लोल्लिम्बराज
131
के नाथ 26/14
प्रौसियां 7 ई 17
के नाय 28/11
मूट. (प ग.)
,
with Tika
, गो हरिनाथ
मू+व (प ग..
,,
with Dipika
,, रूद्रभट
मु.ट (प.ग )
कोलडी 1285
, -मटीक के नाथ 26/6 ., -सहदीपिका कुंथु 46 | के नाथ 17/19 वैद्यक सार
कोलड़ी 836 139 | के नाथ 7.2 शब्दरत्न-प्रदीप 140 |, 25/29, शाकवर्ग
Vaidyaka Sāra
Sabda Ratna Pradipa
कल्याणदास
sāka Varga
nit
141 सेवामंदिर 7 ई 20 शाङ्गधरयोगप्रदीपिका
| कुंथु. 3/53 | सन्निपातकलिका सटीक
Sirrigadharayoga Pradi
pikā Sannipāta Kalikā Saţika
मू । वृ (प ग.
143 | सेवामंदिर गु दे.16
, ज्वरचिकित्सा
,
Jvara Cikitsa
,
Cikitsa
144 145
कुंथु. 28/1 | ., -चिकित्सा सेवामंदिर गु दे. 16 सालोत्तर-सार
Salottara Sāra
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प्रायुर्वेद वैद्यक :
[465
8 |
8A
____ 10
|
11
वैद्यक ग्रंथ सामान्य
21 x 16 x 14 x 30 अपूर्ण
18वीं
12x11x11x13 | प्रतिपूर्ण
19वीं
साथ में नुस्खे व तंत्र के 20 पन्ने अतिरिक्त
26x11x15x47
,
1784
15x26x30x25 | संपूर्ण 302 गा.
1738
15x15x13x13 | , 327 गा.
1847
26x11x13x39 | अपूर्ण 344 गा.
18वीं
28x12x13x39 | संपूर्ण
19वीं
22 x 10 x 15 x 54 अपूर्ण त्रुटक
रामविनोद कर्ता का यह दूसरा ग्रंथ है रामसिंह राजा के व हने पर निम्बा
25 x 10 x 15 x 45
25 x 11x10x30
संपूर्ण 5 विलास 1736 , ,+22 श्लो. 1852
, 221श्लो. 1857
25x || x 12x50
23x |1x4x65
1877
27x13 x 13 x 40
1905
25x12x12x34
19वीं
26x12x7x37 | अपूर्ण
सं.
।
वैद्यक-रोगनिदान
औषधि
31x15x9x25
,, -औषधि
24 x 12x14x42 | ॥
25x12x13x40 संपूर्ण 'अ' से 'ह'
वैद्यक-औषधि नाम सं. |
वर्ग शब्द कोश वैद्यक-द्रव्यसार
पदार्थादि
1803 जपूर । (अकरादिकम से)
दीपचंदगणि प्रशस्ति है 19वीं
28 x 14x13x41 | अपूर्ण
., औषधि विज्ञान
,
32x17x17x46
17वीं
सन्निपात चिकित्सा 13 प्रकारी की
27x12x16 x54 | संपूर्ण
1748
20 x 16 x15x33 | लगभग पूर्ण
19वीं
15x11 x 11 x 20 संपूर्ण
अश्वचिकित्सा
| 20 x 16 x 20 x 30
, 3 खंड
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466 ]
1
146
147
148
150
1
2
3
4
5
7
8
9
10
11
121
13
14
15
16
9
17
महावीर 3354 स्वर व बुद्धि प्रौषध
के. नाथ 28/20 स्फुट अपूर्ण व लघु ग्रंथ व
त्रुटक प
कोलड़ी ब. 71+
69
मुनिसुव्रत ब 78
2
"1
कुंथु. 10/156
कोलड़ी 986 अरिष्ट - परिहाराध्याय विवृत्ति Arista Parihārādhyāya
6 मुनिसुव्रत 790
के नाथ 25/24
कोलड़ी 565
1279
=
:
31
नाथ 26 / 19 | अक्षरचितामणि
कोलड़ी 995
अब्दारिष्ट विचार
11
महावीर 7 6
महावीर 75
कोलड़ी 1172
11
691
प्रौसि 784
मुनिसुव्रत 761
गु. 1 / 21 अयनांश - ज्योतिष
"
689 अहर्गण
690
"
11
31
11
3
17
2 बस्ते
कर्त्तव्यता
आरंभसिद्धि वृत्तिसह
सावचूरि
प्रशाधर- ज्योतिष
11
करणकुतूहल
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इष्ट-कष्ट -बल-साधन
3 A
Sarva & Buddhi Auşadha
Stray incomplete & Small भिन्न 2 works & loose folios
2 Baste
Ayanamśa Jyotisa
( बिलाड़ा नगर के ) Ayanāmśa (of Bilādāna
gara)
Akşara Cintamani
Abdāriṣṭa Vicara
23
Vṛtti अरिष्टाध्याय - जातकाभरण | Aristādhyāya Jatakābha- ढुंढिराज rana प्रादि जन्मपत्री ग्रंथ Adi Janmapatri संकलन grantha अष्टोतरिदशा मुक्तभोग्य विधि Astottaridaśa Bhukta bhogyavidhi
अस्तोदय ग्रहस्पष्टकरणम्
Astodaya Grahaspaṣṭakaraṇam
""
33
Aharggana
23
"
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Asadhara Jyotiṣa
Iṣṭa-kaṣṭa Balasadhana
Karana Kutuhala
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शिव
4
भाग ( 9 ) ज्योतिष व निमित्त विभाग ( अ )
भाग / विभाग 8 -
ग.
उदयप्रभ
प.ग.
मू प.
(देवज्ञनीलकंठ ) गोविन्द ग.
भास्कराचार्य
13
( नीलकंठ सुत गोविन्द) ग.
31
अंकतालिका
प.
Karttavyata ārambhasiddhi with Vrtti उदयप्रभ / हेमहंसगरि मू + वृ ( प.ग.)
with Avacuri
पग. (म.प्र.)
11
ग.
प.ग.
5
गद्य
ग.
प. मूल
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आयुर्वेद वैद्यक :--
1467
___ 6
7
8
8A
9
10
11
उपचार
27x13x8x30
प्रतिपूर्ण
19वीं
नुस्खेनादि
सं.मा.
457
20 से 28x10 से 16 पूर्ण अपूर्ण
17/20वीं
| 127 |
25 से 30 x 10 से 14
36 |
,
"
"
ज्योतिष :
निमित्त ज्योतिष | सं.
21x11x11x32
1709
32x14 x9x42
19वीं
वर्षफल मथा अरिष्टकल्पादि (अरिष्ट
परिहार) ज्यौतिष फलावट | मा.
15 x 11 x 11x18 | अपूर्ण
गणित ज्योतिष |
सारिणी वर्षफल मुंथारिष्ट सं.
योगफल अभावादि
विषयक सामान्य संकलन
25x11x - संपूर्ण 12 राशि का लग्न! 20वीं
पत्र 32x14x11x36 , 15 श्लोक 19वीं मनोहरपुर
रामनारायण 26 x 11x15x46 , 318 श्लोक ..
18वीं जोधपुर.
तखतसागर 23 x 10x7x21 अपूर्ण (14 श्लोक कम हैं | 1850
3 पन्नों के) 29x12x16x40 संपूर्ण
19वीं
ज्योतिष
24x16 x 14 x 20
1865
3
| 26x12x16x68
"
19वीं
चंद्रग्रहण पर्व(1895, आसोज सुद 15)
साधनं ग्रहस्पष्ट-विधि | सं. ज्यो. (मुजसंज्ञा) | सं+रा मुहूर्त-ज्योतिष
23x10x12x50
,, 20 श्लोक
26x11x12x42 ,, (6075 श्लोक 1954राजनगर
टीका) 5 विमर्श | जीवनसिंह 27x13x16x50 , 5 विमर्श 1952,अहिपुर
किसनकिरण 26x12x12x48 | अपूर्ण
19वीं
2000
फलित (ग्रहफल)
रा.
28 x 12x11x48 | संपूर्ण
24x10x13x32
, 11 अधिकार
गणित ज्योतिष | सं. ब्रह्मतुल्य सिद्धांत
1798x
26x11x13x42
10
,
सत्यसाग
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468
]
भाग (9) ज्योतिष व निमित्त भाग/विभाग (प्र)
3
3A
___18 | मुनिसुव्रत 7 अ60 करणकुतुहल
Karaņa Kutūbala
भास्कराचार्य
19-
काल
5 प्रतियां
5 copies
कोलड़ी 671, 23/ 5911137,
598,1151 कोलडी 586
,
सहवृति
,,
with Vrtti
25 | .,
646
की सोदाहरण वृत्ति
» ki Sodābarana
Vstui ., ki Vrtti
26, कुंथु. 10/145
की वृत्ति
सुमतिहर्षगणि
कोलड़ी 587
_30/
., 590.589 , ग्रहसाधन 2 प्रतियां , Grahasādhana
2 copies । .. 597 596] करगाकौतहले ग्रहगतिस्थानम Karana Kautihale Graha- हर्षरल गणि
2 प्रतिया gatisthānam 2 copie: के नाय 27/67
ग.अंकतालिका
7
कोलड़ी 1210
613
., (मध्यम प्रकार) ,, (Madhyama Praग्रहफलं
___kara) Grahaphalam | कर्मप्रकाश (ताजिकतंत्रसार) Karma Prakasa (Tajika | समरसिंह स्वोपज्ञम
सहवृत्ति Yantrasāra)with Vrtti , -की वृत्ति
--तु (प.ग.)
1067
1174 कर्मप्रकाश की वृत्ति
Karma Prakasa ki Vștti
कर्मविपाक
Karma Vipaka
महादेवोक्त
3 प्रतियां
3 copies
39- | कोलड़ी 688 87 41 ग 9/1
सेवामदिर 7100/ कापिड पत्र
Kākapindas atra
नन्दकिशोर
कोनड़ी 1284 | कामधेनु सविवरण
Kamadhenu with Vivarana| महादेव ।
.,
989 | कालचक्र (जातक)
Kalacakra (Jataka)
ईश्वर पार्वती संवादे
661 कालीन
कुण्डली-विचार
Kundali Vicāra
ग. कुंडलियें
16 | प्रौसियां 7483 || केशव-ज्योतिष
Keśava Jyotisa
केशवाचार्य
मूट (ग.)
7956 | केशवजातक पद्धति की वत्ति
, Jataka Paddhatti ki| विश्वनाथदवज्ञ
Vrtti
ग. तालिका सह
कोलड़ी 641
666
खेचरमञ्जरी
Khecara Manjari
सागरेन्दुशिष्य
अंक तालिकायें
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ज्योतिष :
[ 469
6
7 8
8A
10
।।
25x11x13x86 सपूर्ण 10 अधिकार
18वीं
गणित ज्योतिष ब्रह्म- स.
तुल्य सिद्धांत
| 25 से 27 x 10 से 13 | प्रथम दो पूर्ण, शेष 3
अपूरण
1863 से 20वी
42 | 26 x 12x13x49 | संपूर्ण (संभवाधिकार तक)1880 श्रीपतिका
11 अधिकार गुलाबविजय 26x13x15x48 | 11 अधिकार ग्रं 19वीं
2184 27x11x15x45
1856
19वीं
अंतिम 2 पन्नों में
गुरचार
गणित ज्योतिष
1878 व 19वी
24x9x 13 x54 | अपूर्ण 5 अधिकार 24 x 11x15x30 , 10 , 28 x 13 व 27 x 12 | संपूर्ण 2} x 13 व 26 x 13 25 x 11 x 16 x 45 18 x 23 x 28 x 25 संपूर्ण
1871 व 19वी
19वीं
ज्योतिष मनुष्य
जातक
26x11x12x42
1909 जोधपुर | वृत्ति 'अणुदीपिका'
नाम्नी 20वीं
25 x 12 x 12 x 32| अपूर्ण 13 अधिकार
27x12x14x40
, पितगंडानाधिकार 19वीं
पूर्वभव प्राधारित | रा. ज्योतिष कथासह
18 x 11 x 11 x 20 संपूर्ण
1782
1846 से 1915
| 25 x 12 व 12 x 10
ज्योतिष-मन्त्र
26x13x13x40
,, 11 श्लोक
19वीं
गणितज्योतिष (तिथि रा.
सारणी सहित ज्योतिष पाराशरी | सं.
पद्धति प्रश्नज्योतिष
०७२
26x13x13x40
30x15x15x48
1905 जयदुर्ग
गुलाबचद 19वीं
27 x 13x भिन्न 2
कुण्डलिये 25x11x5x41
अपूर्ण
17वीं
ज्योतिष गणित - सं.रा. (जातक पद्धति)
सं.
26 x 11 x 18x45| संपूर्ण
1675
25x13x16x32
1876
ज्योतिष गणित
(सारिणियां, "
30x13x
1890
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4701
भाग (9) ज्योतिष व निमित्त भाग विभाग(अ) :
1
2
3
3A
कुथुनाथ 16/18
गोरखपत्र
Gorakha Patra
1. अंकतालिकायें
कोलडी 1209 ग्रह उदयास्त-साधनम्
Graba Udayāsta Sädha
nam , सोदाहरण
, with Udaharana ग्रहकरण आम्नाय
Grabakarana Āmpāya | (करणकौतूहले) 655 | ग्रहफलादि (वीरोज्योतिष) | Grahaphaladi (Virojyo
tisa)
फल
56
कुंथु. 44/2 | ग्रह बलस्वप्न वर्षेश अरिष्टादि|Grahabala Svapna Varsesal
Aristādi Phala के.नाथ 27/59 ग्रहभावप्रकाश सटीक Grahabhāva-prakasa
witb Tika मुनिसुव्रत 7 अ69 ग्रहभावफल
Grahabhāva Phala
मू+ वृ (प.ग.)
मू.प.
, 7470
59
महावीर 7 अ15
2 copies
2 copies
प्रौसियां 7 4 36 61-2 कोलड़ी 1215/
2 प्रतियां 648 63-4 कुथु 14/66,
2 प्रतियां 35/10 65-8 के नाथ 23/81,
4 प्रतियां 25/9,27/19,
27/46 69 कोलड़ी 649 ग्रहभावफल-भाषा
4 copies | (चमत्कारचितामरणो)
,, Bhasa
|
554 ग्रहभूषण
Graha Bhūsaņa
अंकतालिकायें
687 | ग्रहरेखा प्रतिदिनफलं
प.ग.
Graharekhā Pratidina
Phalam Grahalagna Vicara
.
3719 ग्रहलग्न-विचार
कोलडी
555
ग्रहलाघव
Grabalāghava
गणेशदेवज्ञ
मू.प.
,
551
मू.ट. (प ग)
,
with Vrtti
"
विश्वनाथ | मूव. (प ग.)
76 सेवामंदिर 73103/
मकरन्द
कुथु. 14/64 78 | कोलड़ी 552
ग्रहण अहर्गरणादि | Grahalāghava Grahana
Aharggaņādi , टिप्पणकं
,, Tippaņakam
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ज्योतिष :
[ 471
8A
मुहूर्त ज्योतिष
25x12x
संपूर्ण
19वीं
गणित ज्योतिष
सं रा.
6
18 x23 x 23 x 22 | अपूर्ण
1852
26 x 11 x 12 x 29
19वीं
ग्रह-स्पष्टकरण विधि रा.
6
27x11x15x45 संपूर्ण
28x10x16x50
1717
ज्योतिष, ग्रहराशि | सं.रा.
फल संबंधी
फलित ज्योतिष | सं.
23x12x13 x 40 | अपूर्ण (बीच के 8 से 22| 19वीं
पन्न) 27x11x17x51 , (पन्न 9 व 10 17वीं
कम हैं) 25x11x14x45 संपूर्ण
16वीं
फलित (9 ग्रहों की
12 भावनायें)
26x 11x13x38
1870 पाटण
19वीं
25x11x17x39 | , 141 श्लोक 26 x 12 x 14 x 38 अपूर्ण 120 श्लोक
33x23 व 27-10 | प्रथम अपूर्ण द्वितीय संपूर्ण ,
113 श्लोक 26 x 11 x भिन्न 2 प्रथम पूर्ण 115 श्लोक
द्वितीय अपूर्ण 84 श्लोक 5,26, | 24 से 25x10 से 12 ] अंतिम अपूर्ण प्रथम तीन | 19/20वीं
संपूर्ण
| दूसरी व चौथी में
टब्बार्थ भी है
26 x 12x16x52 | संपूर्ण
19वीं
26x10x
1879
गणित ज्योतिष
सारणियां फलित ज्योतिष
19वीं
26 x 12 x 12 x 30 प्रतिपूर्ण 22x11 x 9 x 22 संपूर्ण 44 श्लोक
25x11x17x51
,
1859
सं.रा. | 13
26x11x3x42 | अपूर्ण 3 अधिकार
1664
ग्रहगतिफल स्फुटि
करणादि
25x10x13x50 संपूर्ण 15 ,,
1822
25x11x12x54
प्रथम पन्ना कम
1870
ज्योतिष गणित
सिद्धांत
सं रा. | 23
19वीं
सारणियों सहित
X
10 x 30 | अपूर्ण 17x10 x 12 x 17 | संपूर्ण
X
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472 ]
भाग (9) ज्योतिष व निमित्त भाग/विभाग (अ) :
3A
। 2 . 3 79 | मुनिसुव्रत 7 9 67 ग्रहलाघव सिद्धान्त रहस्य
Grahalāghava Siddhanta | गणेशदैवज्ञ
Rahasya Graha Varga Phala
के नाथ 27/29 ग्रहवर्ग-फल
पग, मन्त्र
।
कोलडी 560 ग्रहवार लग्न सक्रांति फल | Graha Vāra Lagna Sank
व मन्त्र
Biz rānti Phala & Mantra | , 557 | ग्रहसाधन स्पष्टीकरणादि Graba Sadhana Spasti
Karaņādi , 679 ग्रहसिद्धि
Grabasiddhi 84 मुनिसुव्रत 7 3121ग्रहस्पष्ट-विधि
Graha Spaşta Vidhi
ग-तालिका
कोलड़ी 1299 | ग्रहस्पष्टीकरण जातकमारो- | , Spastikarana Jataka
द्वारादि
Saroddbarādi कुथु. 10/193 ग्रामप्रवेश-विचार Grāma Praveśa Vicāra | कोलड़ी 1286 - चक्र-चूडामणि
Cakra Cndamani मुनिसुव्रत 7 8 95 चन्द्रकुण्डलीफल
Candra Kundali Phala कोलड़ी 1212 | चन्द्रग्रहण-साधनादिगणित ,, Grahana Sadhanadi
Ganita , 960D चन्द्र लग्न-स्पष्टीकरण ,, Lagna Spastikarana
1060 चन्द्रसाधन
» Sadhana
कुंथु
32/26 | चन्द्र-सूर्य ग्रहण
, Surya Grahana
प्रोसियां 7934/ चन्द्रार्की
Candrārki
तालिकायें
कोलडी 579
प.ग.
,
581
चन्द्रोदयज्ञान
Candrodaya Jñana
तालिका
Camatkāra Cintāmaņi
मू+ट (पग
मू.प.
मूट (प ग.
97 | के.नाथ 7/11 चमत्कार-चिंतामणि
प्रोसियां 7 955
कुथु. 376 00 के.नाथ 28/13
कोलड़ी 627 , सावचूरि 02-3 , 628/1185
2 प्रतियां
मू.प.
with Avacūri
मू-अ (प.ग.
2 copies
मू.प.
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ज्योतिष :
[ 473
6
7
| 8 |
8A
9
__10
11
ज्योतिष गणित
सिद्धात
श्लोक
फलित ज्योतिष
25x11 x 12 x 40 | संपूर्ण 3 अधिकार 45 1849x
शोभसागर 22x10x17x53
19वीं
, 42
, विविध
25x11x13x39
"
सामान्य
गणित ज्योतिष
26 x 11x12x42
1877
27x10x10x35
, 39 श्लोक
1864,जोधपुर अंत में चरखंडा
साधन 4 लकीरें 18वीं
22x11x17x36
19वीं
ज्योतिष विविध- सं.रा. 52 विश्वोत्पत्तिविचार
25x23xभिन्न 2+ | अपूरण
तालिकायें
20वीं
मुहूर्त ज्योतिष,
निमित्त ज्योतिष गणित
19वीं
फलित ज्योतिष
25 x 11x- प्रतिपूर्ण 24x16x - संपूर्ण | 25 x 11 x19x56 | प्रतिपूर्ण 28 x 20 28 x 30 अपूर्ण 25 x 12x15x45 | संपूर्ण
1793
ज्योतिष
19वीं
, गणित
28x13x14x52 |
अपूर्ण
(1831 माघ
पूणिमा पर्व)
ज्योतिष ग्रहस्पष्टी- सं.
करण ग्रहणसूची 1917
से 1934 गणित ज्योतिष
18वीं
22 x 39 x 28 x 42 | संपूर्ण 26 x 12x - प्रतिपूर्ण 28x11 x 14x38 | संपूर्ण 26 x9x10x42 | , 31 श्लोक
1850
मुथा वर्षेशमासेश | सं.रा.
फलं
फलावट
1815 1731
गणित ज्यो.
22x11x -
अपूर्ण
ग्रहभावफल
25 x 11x6 x 39 | संपूर्ण 110 श्लोक
1791
21x10x10x26
,
18वीं
27x12x6x36
. 96 श्लोक
1845
26 x 10x11x55| अपूर्ण भाव अध्याय
19वीं
25x12x8x36 | संपूर्ण
1879
24x11 व 22x11
112 श्लोक
11799/1844
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474 ]
भाग (9) ज्योतिष व निमित्त भाग विभाग (अ) :
4
5
1 | 2. 3
3A 104 मुनिसुव्रत 7 9 59 / चमत्कार चिंतामणि-भाषा | Camatkāra Cintamani .
Bhāşa 105 | महावीर 799 चूडामणिमार
Cūdamani Sára
106
, 7999
, गाथायन्त्र
,
Gathi Yantra
107-8|, 7 18, | चौघड़िये दिशा शूलादि 19
2 प्रतियां 109 | कुंथु 3/66
Caughadiye Diśá Śülādi
2 copies
तालिका
ग. तालिया
110
के नाथ 25/21
जनिपद्धति
Jani Paddbatti
गगान्वयअनन्त
1।1
112-3
, 25/5 .. 25/87 | जन्मकुण्डली-ग्रहयोगफल | Janmakundali Grahayoga
2 प्रतियां ___ phala 2 copies कोलड़ी 660 जन्मनिषेक-काल
Janma Nişekakāla
115
के नाथ 25/17 | जन्मपत्री
Janmapatri
जातकाभरणे
116
कोलड़ी 640
, -गणित
,,
Ganita
श्रीपति पद्धतिमार्गेण ग.
117
1064
केशवपद्धतिमार्गेण
118 | महावीर 7 48
Grantha
119ौसियां 7 343
, -पद्धत्ति
,, Paddhati
हर्षकीतिसूरि
., 7447
लब्धिचन्द्र
कोलड़ी 800
Phala
।
,
1204
।
123
के नाथ 29/84
। ।
124
कोलड़ी 683
-योगफल
,, Yogaphala
...
615
615
-विचार
Vicāra
।
।
म.प.
126 के नाथ 25/6 127 सेवामदिर 79100/ जन्मारिष्ट योग मृत्युज्ञान |
Janmārişta Yoga Mrtyu
jñana 128 कोलड़ी 637 | जातककर्म-पद्धति Jätaka Karma Paddhatti
केशव
ग.प.
129
638
,
,
श्रीपतिभट्ट
मू.प.
130
के.नाथ 27/32
केशव
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ज्योतिष :
[ 475
__ 6
7 | 8 |
8A
10
ग्रहभाव फल
25x12x9x26
संपूर्ण 144 दोहे
19वींx
समयसागर 18वीं
प्रश्न ज्योतिष
सं रा.
20x1x8x28
प्रतिपूर्ण
25x11x तालिकायें
27x13 व 26x13
ज्योतिष सामान्य ,
गणित
25x11x
संपूर्ण
गणित ज्यो (नीलं सं. कंठ) पत्रिका विधि जन्मपत्रिका बनाने
की विधि फलित ज्योतिष
26 x 13x15x44 | अपूर्ण 2 प्रकरण ।
21 श्लो. 25x13x10x30
25 x 12 व 26 x 12 | प्रथम अपूर्ण द्वितीय पूर्ण | 1822,1868
26 x 13x12 x 40 संपूर्ण
19वीं
ज्यो. इष्ट दर्पण,
सोदाहरणं ज्योतिष सामान्य
24x11x15x45 | अपूर्ण
गणित ज्योतिष
26x13x19x56 संपूर्ण
1823
26 x 12x19x52
अपूर्ण
19वीं
लेखन व फलादेश
,
25x15x17x40
:
26x11x14x42
27x11x17x60
1751 सात्व। जीर्ण पन्ने चिपक
गये है 1784विक्रमपुर
पद्मसुन्दर 19वीं
:
फलित ज्योतिष
सं.रा. | 87
25x11x20x48
26x12x18x48 | अपूर्ण प्रथम पन्ना कम
xxxxxxxxxxx
सक्रांति व ग्रहफलं
24x10x16x46 त्रुटक
फलित ज्योतिष
28x12x18x42 | संपूर्ण
1846
26x13x12x 60
1852
22x13x8x35
, 78 श्लोक
19वीं
27x13x13x46
, 14 श्लोक
18वीं
26x12x10x33
गणित ज्योतिष
व सिद्धांत
, 44 श्लोक
1895जोधपुर (जातक पद्धत्ति)
गुलाबविजय 1863
26x13x13x39
8 अध्याय
25x11x14x45 |, 41 श्लोक
1743
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476 ]
भाग (9) ज्योतिष व निमित्त विभाग (अ)
2.
3
3A
131
के नाथ
27/2
जातकक्रम पद्धत्ति सटीक
|Jataka Karma Paddhati
Satika
श्रीपतिभट्ट
मू+ वृ (प.ग.)
औसियां 7 432
केशव
132 133
कोलड़ी 642
134
..
636
Satika
श्रीपति/कृष्ण दैवज्ञ(?)
मू-+व (प.ग.) ,, खुशालसुन्दर
135ौमियां 79 33
136
जातकपद्धत्ति
Paddbati
कुंथु. 21/3 137 |
| कोलड़ी 639
,, -दीपिका
Dipikā
138
| के नाथ 27/52
" -सार
, Sara
हर्ष विजय/ (सुखविजय |
शिष्य) (कामधेनु) ढुढिराज (लूसिंह का
महाबीर 7 9 29 जातकाभरण
Jätakābharaṇa
कोलड़ी 1138
Jātakālankāra
गणेशदेवेज्ञ
महावीर 7 आ 30/ जातकालंकार योलड़ी 632
143
633
, की टीका
, ki Tika
जयगोपाल
144
1104 | मनीय उपदेश-सूत्र
Jaimaniya Updesa Sūtra
Gafaat
145 | प्रोसिया 7
81
, -सूत्र की वृत्ति
,,
Sutra ki Vrtti
146
कोलड़ी 1002
147
ग. तालिका
J48
कोष्ठक
मुनिसुव्रत 7 5 65 | जोधपुर-लग्नपत्रम् | Jodhapura Lagna Patram 1 6/4 ,. नरेशादि की कुंडलियां , Naresidi ki
Kundaliyan 69/1 | ज्योतिषगन्थ 2 sfaui Jyotişa Grantha 2 copies 1323
149.
5
151
1063
152
के.नाथ 2/22 ज्योतिष-नाममाला
Jyotisa Nāmamālā
हरदत्त
153
,
25/18
,, (श्रीपतिसुत)
154
कोलड़ी 676/ ज्योतिष-रत्नमाला
Jyotisa Ratnamala
श्रीपतिभट्ट
के नाथ 7/18
" सबालावबोध
,, with Bālāvabodhal
-
मू+बा (प.ग.)
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ज्योतिष :
[477
6
7
8
8A
9
10
11
सं.
गणित ज्योतिष
सिद्धांत
26 x 11x17x51 अपूर्ण 7वें अध्याय तक | 19वीं 26 x 12 x 11x38 | संपूर्ण 41 श्लोक 1827 27x13 x 11x35 | , 43 श्लोक 19वीं
27x13x15x38
॥ 8 अध्याय
1881
25 x 11 x 15 x 43 | प्रतिपूर्ण
19वीं
29x14x5x44
,,
अपूर्ण मंत्री चक्र तक
77 श्लोक संपूर्ण 93 श्लोक
26 x 12 x7x33
1765 की कृति
26x11x15x45 | अपूर्ण चन्द्रयोग तक
फलित ज्योतिष
17वीं
26 x 11 x 15 x 38 | संपूर्ण ग्रं. 7978 26 x 11 x 12 x 48 | अपूर्ण (पंचाङ्गफल तक)
20x10x9x24 | संपूर्ण 7 अध्याय
19वीं
26 x 13x10x40
16वीं
25x11x10x40
,
"
19वीं
24x12 x 13x52 | अपूर्ण 3 अध्याय 2 पाद | 16वीं
तक 26x11x17x52 , प्रथम 5 पन्ने कम । 18वीं
28 x 14x11x42
, 2 अध्याय 4 पाद | 1905 अजमेर
तक सालगराम प्रतिपूर्ण
19वीं
25x11x
पंचाङ्ग, चंद्रस्पष्ट
विधिसह राव जोधाजी से
सामान्य फलित
ज्योतिष
सं.
18x16x- अपूर्ण 105 कुडलियां
| साथ में मुगल बाद
शाहों की भी 27x11 व 25 x 11 | दोनों त्रुटक द्वितीय में | 18/19वीं
236 श्लो. 24 x 13 x 21 x 105| अपूर्ण
19वीं 24 x 12 x 11 x 44 | संपूर्ण
1881 अपरनाम (गरिणत
नाममाला) 23x11 x 12 x 37 , 131 श्लोक (पहिले 1893 सूरत
8 कम)| गुलाबचंदमुनि 26x11x14x42 | संपूर्ण 21 अध्याय
1711
ज्योतिष गणित
शब्दकोष
मुहूर्त ज्योतिष
सं रा.
40
26x11x15x43 | अपूर्ण 18वें प्रकरण तक 19वीं
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भाग (9) ज्योतिष व निमित्त भाग/विभाग (प्र)
3
3A
156 | कोलड़ी ।208 | ज्योतिष-रत्नमाला की टीका | Jyotisa Ratnamala.महादेव
ki Tika | के नाथ 7/10 , का बालावबोध , ka Balavabodha हेमभित्ति ?
158व मंदिर 79100| ज्योतिष-यन्त्र .
Jyotişa Yantra
तालिका
159
.. 7100
160 पौसियां 752
161 | कोलड़ी
684 | ज्योतिष विषयक संकलन | Jyotsia Visaya Sankalana
7/13
ज्योतिषशास्त्र बालबोध
Jyotişa Šāstra ka | मुजादित्य
Bālabodha Jyotişa Sāra
163
27/9 | ज्योतिषसार
164
कुथु.
46॥
165
लघुजातकानुसारे
166
मुनिसुव्रत 7 अ
, -संग्रह
, Sangraha
शिव
मू+ट (प.ग.
167
| महावीर 7 32: ज्योतिष स्फुट विषय
Jyotişa Sphuţa Vişaya
गद्य
168
Jūāna Mañarikā
ऋषिशर्मा
ग.
169 |
कोलड़ी 665 | ज्ञानमंजरिका के नाथ 27/17 | ताजिक ज्योतिष कोलड़ी 616 , वर्ष तन्त्र सटीक
Tājika Jyotisa
नीलकंठ
मू पद्य
, Varsa Tantra Satikal
, विश्वनाथ
मू+व (प.ग.
171
मुनिसुव्रत 7973 ।
, 16 Yoga Vicāra,
16 योगविचार
सटीक योग+अरिष्टहर्ता
172
,, Yoga+Arista Harta
-
173
कोलड़ी 1285|| मुनिसुव्रत 7 अ66 | कोलड़ी 1283
, वर्षफल
,, Varsaphala
नीलकंठ
174
पद्मकोश
,, Padmakosa
गोवर्द्धन
175
| कथू.
33/४
176-7 के नाथ 27/15
28/14
,
, 2 प्रतियां
,,
,
2 copies |
178 कोलडी 678
179
कुथु
35/2
प्रश्नावली
,,
Prasnavali
180 सेवामंदिर 7 9 10: , समुच्चयादि ।
, Samuccayadi
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ज्योतिष :
[ 479
6
7
8 .
8A
____10
11
मुहूर्त ज्योतिष
26x 11x18x66
अपूर्ण 6/17 तक
18वीं
26 x 10x16 x 43 | संपूर्ण 20 प्रकरण
19वीं
मुहूर्त निकालके का सं.
24x12x
17वीं
ग्रह नक्षत्र वेध यात्र,
27x 12x -
18वीं
24x 13x
प्रतिपूर्ण
19वीं
27x9x13x43
योगतिथि केन्द्र
चक्रादि स्फुट ज्योतिष विषय रा.
सामान्य सामान्य ज्योतिष
ग्रन्थ
26x11x15x40 संपूर्ण ग्रं. 739
प्रश्नफलमुहूर्तादि
26 x 12x14x42 अपूर्ण 18 x 14 x 14 x 21 | संपूर्ण 1089 छंद दोहे | 18वीं 16 x 13x11x15
, 511 दोहे 24x11x6x41 | , 341 श्लोक 1810
फलित ज्योतिष
ज्योतिष-सामान्य
25x12x14x44 | अपूर्ण
32x12 x 13 x 50 | संपूर्ण
निमित्त मुहूर्त 50 | सं.
प्रकरण फलित ज्योतिष
26x11x13x41 अपूर्ण मास प्रवेशादि ।
____49 श्लोक 26x13x11x30 संपूर्ण
24 x 11x15x40
22 x 11x15x49
17वीं
24x11x16x44 | संपूर्ण
Xxx
1847 जोधपुर
सौभाग्यसागर 1859
25x12x17x44
श्लोक
1862
X
27x13 x 14x61 26x11 व 23x11
1875-6
25x12x14x34
| 19वीं
N००
| 2
26 x 11 x 13 x 50 | 24x11 x 9 x 34
, 33 श्लोक अपूर्ण
, 1869
साथ में मुंथाफलम्
मंत में हंस केवली ..
4 गाथा
वर्षसम्बन्धी
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480]
भाग (9) ज्योतिष व निमित्त भाग/विभाग(प्र):
1
2
3A
4
5
181 कोलड़ी 620 | ताजिकसहम ....
Tajika Sahama....
182
के.नाथ 25/12 ताजिकसंज्ञातन्त्र-सटीक
| Tajika Sajhja Tantra Satika) नीलकंठ/विश्वनाथ | यू टी. (प ग)
183 | ., 27/37
| कालड़ी 10 0 ताजिक सार-सटीक
Tājika Sāra Satika
हरिभट्ट
मू वृ. (प ग.)
185 | प्रौसियां 6 966
186
, 753
187 | कोलडी
619
की वृति
,,
ki Vrtti
188
677
189
617
की वृत्ति
»
ki Vrtti
190
के नाथ 27/25
सबाला.
..
with Ba āva
मू+वा (प.ग.
bodba
191
कोलडी 618
, की वृत्ति
"
ki Vrtti
प्रौसियां 7 952
सोदाहरण
, Sodaharana
त्रिविक्रम
कोलड़ी 992
,
Viveka Vrtti
विवेकवृत्ति विवृत्ति
के नाथ 27/36
,
Vivrtti
गोविन्दज्योति
_ (नीलकंट सूत) (नीलकंठ) भट्टमाधव (पू. नीलकंठ)
195 | कोलड़ी 1134
भाषा
,, Bhisa
Tithi Adi Siddhi
मुनिसुव्रत 7 989 , , | कोलड़ी 594 | तिथि आदि सिद्धि |, 1050 | तिथिनिर्णय
, 681 | त्रिषष्ठी
Tithi Nirņaya
अनंतदैवज्ञ .
Trişastbi
के.नाथ 2/22 त्रैलोक्य दीपिका
Trailokya Dipika
महावीर 7 9 20 | दग्धासूर्य-तिथि
Dagdha Sürya Tithi
202
कोलड़ी 1192 दशाक्रम-विवरण
Daśākrama Vivarana
| के.नाथ 25/4 | दशाफल
Dasāphala
204सेवामंदिर 73 100 दिनकर सारिणीसूत्र
Dinakara Sāriņi Sūtra
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ज्योतिष :
[481
6
7
8
8A
9
10
11
फलित ज्योतिषादि
19वीं
| 26 x 11x14x50/ संपूर्ण
25x12x12x24 | , ग्रं. 800
1890
25x10x11x44
ग्रहअध्याय-+13 श्लो.तक 19वीं
25 x 11 x 12 x 42 | अपूर्ण
25x10x12x46 संपूर्ण 438 श्लोक
25x11x15x45
1782 फतेहपुर
उदयसुंदर 1792 मंडारण
सिंहविजय | 1794
26x11x15x45
, पहिला पन्ना कम
वर्षेशनिर्णय फलादि
25x10x13x37 प्रतिपूर्ण ग्रं.714(प्रकरण 1813
श्लोक 97 से प्रारंभ
फलित ज्योतिष
1839
25 x 11 x 12 x 40 | संपूर्ण 25 x 11 x 20 x 57 | अपूर्ण
19वीं
सं. 1028x12x14x40
26 x 11x16 x 45 | संपूर्ण
1885विक्रमपुर
व तसुंदर 1912 जयपुर
32x14x10x35
सहमवर्ष फल निर्णय
(रसाला) फलित ज्योतिष
25 x 10 x 12 x 40 अपूर्ण
19वीं
26x11x12x350
,, बीच के पन्ने
26x11x15x50
25x12x15x48 | संपूर्ण
तिथिनक्षात्रादि
गणनानिर्णय
25 x 11 x 8 x 38
अपूर्ण
मुहूर्त चिंतामणि के
अनुसार
ग्रह भाव-फल
23x11x12x38 संपूर्ण
1859
24 x 12x11x44
1881
28x12x12x36
1955 फलोधी
मारणकलाल 19वीं
ग्रहदशामादि
32x15x10x36 अपूर्ण
फलित ज्योतिष
25x11x7x51
संपूर्ण
गरिणत ज्योतिष
26x11x15x40
, 25 श्लोक
18वीं
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482]
भाग (9) ज्योतिष व निमित्त भाग/विभाग(प्र) :
3A
205 | कोलड़ी 603 | दिनादिवार ध्र व उत्पातकरण| Dinādi-vāra-dhruva Utpa-|
takarana 206 मुनिसुव्रत 7993 दिनेश दिनफल
Dinesa Dina Phala 207 कंथ 2/30 | दीक्षासंबन्धी ज्योतिष-विचार Diksa Sambandhi Jyotisa | वर्द्धमानोक्त
Vicara 208 मुनिसुव्रत 7 अ 114) दुघडियाज्ञान-सारिणी। Dughadiyā Jñāna Sāriņi 209 के.नाथ 28/16 | | दृष्टिअष्टक चन्द्रार्की प्रादि Dịști Așțaka Candrārki
Adi 210 ., 27/44 दोषावली
Doşāvali
अंकतालिका
-
2 प्रतियां
,
2 copies
211-2 कोलड़ी 672,
960
21 3-4| कथ.
2/21,
13/
द्वादश भाव मुथाफल
2 प्रतियां
Dvādaśabhāva Munthā
Phala 2 copies
215
कोलड़ी 994
-विचार
Vicāra
(मू.नीलकंठ) गोविन्द ग.
216
887 | द्वादसराशि वर्ग
Dvādaśasāśi Varga
ग. तालिका
217
,
998
द्विकोटि
Dvikoți
श्रीपति प्राचार्य
| के नाथ 37/43 नक्षत्रनिर्णय
Nakşatra Nirņaya
219
कुथु. 9/128 नक्षत्रयोग धानरस-ध्र वांक
ग अंक
, Yoga Dhana Rasal
Dhruvānka ,, Yogadi
| महावीर 3 या 47 नक्षत्रयोगादि
पद्य
221वामदिर 7 अ 100 नक्षत्रध्यान-जप
, Dhyāna Japa
ग. तालिका
|, 7497 | नरपति जयचर्या-सटीक
Narapati Jayacarya Saţikal
मू वृ. (प ग.)
थु. 14/58| नवग्रह-जाप
Nava Graha Jāpa
,
2/40
, -दान
Nava Graba Dāna
दिनदशा प्रमाण
चरखडा , -वाहन
, Dina Dasa Pra- |
māņa Carakhand ,Vābana
226
कुथु 14/55
ग प.
नवांशादि विधि+हीनांदपा | Navamsadividhi+Hinām
dasā Phala 1314 नष्ट जन्माध्याय ज्योतिष- Naşta Janmādhyāya Jyoसारादि
tisa Särādi नष्टजातक
Nasta Játaka
थु.
3/64 | नाडीवेध
Nādi Vedha
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ज्योतिष :
गणित ज्योतिष
ज्योतिष वर्षफल ताजिकानुसारे दीक्षा हेतु ग्रहफल
फलित ज्योतिष
गणित
नक्षत्र कष्टावली
ग्रहफल
ग्रहवर्षफल
प्रगतिफल सारिरि
सूर्यचंद्रपर्व साध
33
नादि
नक्षत्र - मरणनानियम
तेजीमंदी विचार
प्रतिष्ठा संबन्धी मुहूर्त विचार गणन जपयोगध्यान के लिये
नक्षत्र विचार
"1
6
"1
"
19
"
व उपशमन
विधि
"
गणित
स.
ار
37
11
;;
"1
7
रा.
11
सं.
24.
ज्योतिष शास्त्र
ग्रहभक्ति
वारानुसारदेय वस्तु मा.
ज्योतिष स्फुट
भक्ति
"
17
"1
""
"
11
13
रा.
11
सं. रा.
सामान्य ग्रंथ व सं. प्रश्ननिमित्त
गणित
=
11
19
14
3
6
5
9
5
4,2
4,15
58
3
4
8
5
1
8
1
7
1
1
2
1
2
6
2
1
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8 A
26 × 11 × 13 × 38
सपूर्ण
25 × 11 × 19 × 52
प्रतिपूर्ण
26 × 11 × 17 × 52 संपूर्ण
27x12x –
2 3 × 11 × 10 × 40 संपूर्ण 67 श्लोक
17 x 13 x 10 x 24
27 अनुच्छेद
25 x 11 व 26 x 13
22 x 11 व 27 x 12
28 x 15 x 17 x 44
20 x 10 x 13 x 37
27 x 14 x 14 x 44
26 x 12 x 9 x 32
31 × 11 × 10 × 33 संपूर्ण 12 भावविचार
25 x 13 x -
25 x 12 x 14 x 56
"
10 x 9 x 9 × 10
11
1778
अपूर्ण (प्रथम पन्ना कम है) 20वीं
91
31
"
"1
26 × 11 × 17 x 45
25 x 11x -
प्रतिपूर्ण
25 × 11 × 14 × 69 पूर्ण 101 श्लोक
2 3 × 11 × 9 × 24
संपूर्ण 9 श्लोक
"1
प्रथम संपूर्ण 108 श्लोक 1761 /,, द्वि. 103 श्लोक
"
1
9
19
27 x 11 x 19 x 57
21 × 12 × 11 × 26 अपूर्ण
26 × 13 × 15 × 42 संपूर्ण
24 x 11 x 17 x 70
21
17
52 अनुच्छेद
194 श्लोक
9 ग्रहों के
9 श्लोक
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33
For Private and Personal Use Only
19वीं
10
1876
1860
1899/19at
19वीं
1880
19वीं
11
18वीं
19वीं
16वीं
19वीं
91
18 at
19वीं
1847
19at
"1
18वीं
11
483
द्वितीय में राजस्थानी टब्बार्थ भी
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484 ]
भाग (9) ज्यातिष व निमित्त विभाग (अ)
3A
4
5
231
Nādi Vedha Phalayantra
-
ग. तालिका
वामदिर 7 9 100/ नाडीवेध फलयंत्र
(15) | कुंथु. 31/6_ नाम ज्योतिष | मुनिसुव्रत 7 अ63| नारचन्द्र
232
Nāma Jyotişa
233
Nāra Candra
नारचन्द्रसूरि
234
,
7962
235
के नाथ 13/45
236
27/3 |
प. तालिकायें
237
4 प्रतियां
4 copies
40/
25/1, 26/5. 27/22
4 प्रतियां
4 copies
241-4 कोलड़ी 623
5-9 1205
245-6] कोलड़ी 624,
2 प्रतियां
2 copies
मूट+ (प.ग.
622
247 | कुथु.
248
महावीर 7 अ10
टिप्पणकं
1, Tippaņakam
.. 7 27 , 7 अ11
251 | कोलडी 960B निषेक
Nişeka
,,
650 पंचाङ्ग प्रानयनम्
Pancānga Anayanam
1276
, -फलादि
Pancānga Phalādi
,
गु.7/6 | पंचाशिका
Pancāśikā
श्रीपति (जातकत्व)
255 सेवामदिर 79100/ पंथाराह
Panthā Rāhu
256 मुनिसुव्रत 7 9 106 पाराशरी-जातक
Pārāśari Jataka
पराशर
कोलड़ी 1278
, -सटीक
,, Satika
,
परमसुख
मू+व (प.ग.
990 पाराशरी-पद्धति
Pārāsari Paddhati
ग.
1195
, होराटीकासह
,
Hora-tikāsaha
मू+टी (प.ग.
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ज्योतिष :
[ 485
8A
___10
11
ज्योतिष गणित | स.
1
26x11x -
18वी
आद्यक्षर नामनिर्णय रा.
4
| 16x12x11x19
19वीं
ज्योतिष-शास्त्र
25 x 10 x 14 x 43 | , ग्रं. 320
1543
25x11x17x45
16वीं
30 x 12 x 19 x 86 | अपूर्ण श्लोक 37 से 100 ,
(अंत) 26 x 11 x 15 x 45 | संपूर्ण 536 श्लोक 2 | 1694
प्रकीर्णक 33,5, 25 से 27x11 से 13 | अपूर्ण
1920 34,3
सागरचंद्र कृत
टिप्पण सह दूसरी प्रति में किचित् अनुवाद कवि जोशी द्वारा
| 12,28, 24 से 26 x 11 से 12 | दो पूर्ण दो अपूर्ण
8,14
1797 से
1905
सं.रा.
55,45| 25 x 11 x 6 x 30 | संपूर्ण ग्रंथाग्र ट 800 | 1899/20वीं
13x17x13x14 अपूर्ण
19वीं
|
26x13x14x34
17वीं
,, पंचांग
यंत्रोद्धार
20x10x12x31
1690सागरचंद
गोगुदा 1825
26x11x16x48
सं.रा.
3
26x12x15x42 संपूर्ण
1863
25x11x17x45
19वीं
फलित ज्योतिष
25x13x14x35 | अपूर्ण
| 21x17x11x27 संपूर्ण
प्रश्नज्योतिष
28x12x15x46
,, 10
फलित ज्योतिष
27x13x13x37
|, 41
(मुहर्त चिंतामणि
का भाग) 1873 जोधपुर (लघ पाराशरी) 1905
30x15x4x44
१
| 31x16x5x22
19वीं
कुण्डली निर्माण | सं.
गणित ज्योतिष फलित ,
30 x 15 x 18x44 | अपूर्ण 39 श्लोक तक
,
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486 ]
भाग (9) ज्योतिष व निमित्त भाग/विभाग (प्र)
3A
1 2
3 260 | कुथु 26/13 | पुत्र-पुत्री ज्ञान
Putra Putri Jñana
261 सेवामंदिर 79100/ पुरुष-स्त्री जन्मकुण्डलीज्ञान | Pruusa Stri Janmakundali 13/
Jñana 262 कोलड़ी 611 संबन्धी ग्रहफल | Purusa Stri Sambandhi
Grahaphala
ग.प अंकता
लिका
, ,
651 , . 685, पृथुयश ज्योतिष
Pșthuyasa Jyotisa
Prayāna Gamana uhuria
265 के नाथ 13/45 प्रतिष्ठा दीक्षा कुण्डलीकानंद | Pratistha Dikya Kundli- | नारचन्द्र
kānanda 266वामंदिर 7 3100 प्रयाणगमन प्रवेशमुहूर्त
(2) | के नाथ 29/67 | प्रश्नचूडामणि Praśna Cudāmaņi
ग. तालिका
मू.प+ग.
268ोलडी 770
269
, -सार
,
Sära
के नाथ 27/34 | .. 24/33
सटीक
"
,
with Tiki
मू+ट (प ग.
271
प्रौसियां 7 985
प्रश्न ज्ञान
Praśna Jñana
ज्योतिब्रह्मकवि
| कोनड़ी 793
ब्रह्मादित्य
| के नाथ 18/56| प्रश्नतन्त्र
Praśna Tantra
दुर्योधन
| कोलड़ी 1202 प्रश्नध्वज
Prasna Dhvaja
275
प्रौसियां 7337/ प्रश्न निधि-टीका
Paasna-nidhi-tika
276
महावीर 7 अ22 प्रश्नप्रकाशिका+बा.
मू+बा (प.ग
Praśna Prakāśika+
Bālāvabodha " , Bhasa
वाचक वल्लभगणि/
जीवरणदास (मू.पथुयश)--
277
कोलड़ी 566
" -भाषा
के नाथ 25/15 प्रश्न प्रदीप
Praśna Pradipa
काशीनाश
| कुथु.
2/20
2968 प्रश्न भैरव
Praśna Bhairava
281
कोलडी
773 प्रश्न-रत्न
Praśna Ratna
हयग्रीव
(केरलीय) मू. रुद्रोक
..., 792
26/3 कोलड़ी 774
.
ले. मिश्रनंदराम
, सटीक
, Satika
स्वोपज्ञ
मू.+ टी.(प.ग.
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ज्योतिष :--
[ 487
6
7
8
9
10
11
8A 12 x 16 x 30 x 40 प्रतिपूर्ण
ज्योतिष निमित्त |
19वीं
24x11x
18वीं
मुहूर्त ज्यो. एवं
शीर्षकानुसार वैवाहिक ज्योतिष सं.
24x11x14x37| अपूर्ण
19वीं
25x11x11x38 | संपूर्ण
ज्योतिष-सामान्य
26x11x10x34
406 श्लोक
1659
मुहूर्त ज्योतिष
16वीं
30 x 12 x 19 x ४6 , 111 श्लोक 27x12x- प्रतिपूर्ण 25 x 10 x 13 x 54 | संपूर्ण
19वीं
प्रश्न ज्योतिष
1848
| व्याख्या निञ्चित
21x13x14x48
19वीं
1824
26 x 12 x 15 x 47 ] , 138 श्लोक 25 x 11 x 11x35 , 25 x 10 x 15 x 45 अपूर्ण, 9 प्रकरण
19वीं
16वीं
27x12x13x30 संपूर्ण 16 प्रकरण
19वीं
25x11x17x51
, 77 श्लोक
23 x 11 x 10 x 35 | अपूर्ण (पन्ना 1 व 3)
पद्य 1 से 18 39
से 16 अत
26x11x15x44
18वीं
27 x 12 x 17 x 40
, 6 अध्याय 46श्लो| 19वीं
षट्पंचाशिका के
प्राधार पर
26x13x15x42,
30x14 x 15 x 45
25 x 11x10x42
1810
22x11x14x32
1880
27x11x14x60 |, 24 अधिकार | 1882 26 x 12x14x34 | 5 अध्याय 239 | 1808 27x12x8x34 - 57 श्लोक | 1913
श्लोक
25x11x21x78 |, 85 श्लोक
19वीं
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भाग (9) ज्योतिष व निमित्त भाग/विभाग (प्र) :
3A
45
285
के.नाथ 24/54 | प्रश्नविनोद
Praśnavinoda
286
कोलडी 769 | प्रश्नवैष्णव
कालड़ा।
Praśna Vaişnava
नारायणदास
287
मुनिसुव्रत 7 976
288
, 7101 प्रश्नसार
Praśna Sāra
हयग्रीव
बादरायण
289 | कोलडी 612 | प्रश्नाक्षर श्रेणी- नष्ट |Prasnaksarasreni+Nasta
जन्मपत्रनयनम्
Japmapatra Nayanam 290 .., 1001 प्रश्नाध्याय
Praśnādbyāya के नाथ 25/16 प्रश्नाधिकार
Praśnādhikära 292 | कुथु 37/22 बारहभाव-विधि Bāraha Bhāva Vidhi 293 कि 44 बालबोजोटिक
Bālabodha Jotikam
294 | कोलड़ी 599 | बुधउदय-साधनःदि विधियां | Budha Udaya Sidhanādi |
Vidhiyan 295 | .. गु. 9/11 भटोत्पल काव्य
Bhatotpala Kavya भट्टोत्पल
296-7/ महावीर 7 14.| भद्रबाह-सहिता 2 प्रतिया | Bhadrabāhu Samhiti
| भद्रबाहु 3
2 copies
298 | के नाथ 5/116
299 सेवामदिर 79100भयाभय-यन्त्र
Bhayābhaya Yantra
300 | कोलड़ी 9634 भड्डलीवाक्य
Bhaddli Vākya
भडली
| कुथु 4/103 भुक्तभोग्यदा-विधि
Bbukta Bhogya Dasa
Vidhi Bhuvana Dipaka
302
कोलड़ी 1207 भुवनदीपक
पद्मप्रभसूरि
मू+ट (प.ग.
प्रोसियां 7 946 । कुथु. 462
305 |ौसियां 748
306
के नाथ
25/2
307 | कोलड़ी 576
मू ट (प ग.)
308
महावीर 7 अ 16
ढुंढिका
,, Dhundhiki
(मू पद्मसूरि की)
309 | मुनिसुव्रत 7994 मध्यम ग्रहकरण विधि
Madhyama Craba Karaña
Vidhi
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- ज्योतिष :
[ 489
6
7
8
8A
8A
9
10
11
प्रश्न ज्योतिष
25x11x15x36
1901
27x14x18x44
15 अध्याय
| 19वीं
25x12x ||x34
1841
23- 11x16x51
1903
27x12x9x45
19वीं
32x14x13x48 |
| " 75 श्लोक
1912
30x14x13x42
., 218 श्लोक
19वीं
अंत में षोडश योग
गणित ज्योतिष
25x11x16x65
113 श्लोक
1544
मुहूर्त , गणित ,
मा.
26x11x10x25
20वीं
| 14 x 10 x 10 x 18 प्रतिपूर्ण 78,32| 24 x 13 व 21 x 13 | संपूर्ण 26 अध्याय । | 19वीं/1950
ग्रं 1780
ज्णेतिष शास्त्र | सं.
26 x 11x14x45
1 26 अध्याय ग्रं
1943
1764
ज्योतिष तन्त्र-यन्त्र | मा.
20x10x14x34
8 पद
18वीं
निमित्त ज्योतिष रा.
24x11x11x22
1877
गणित ज्योतिष
25x11x13x58
19वीं
फलित ज्योतिष
25x11x6x36
16वीं
(ग्रह भाव प्रकाश)
, 175 श्लोक |, 173 श्लोक
26x11x6x41
17वीं मेदिनीपुर
18x11x4x16
अपूर्ण
1782
7
18वीं
| 26x11x13x41 | संपूर्ण 173 श्लोक,
ग्रं. 220 25 x 11 x 10 x 25
.. 174 श्लोक
1838
सं मा.
29* | 26x10x5x37
171 श्लोक
19वीं
26x11x15x60
157 गाथा
16वीं
25x11x19x 66
18वीं
गणित ज्यो.सारिणि सं.
सिद्धान्तसह
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490 ]
भाग (9) ज्योतिष व निमित्त भाग/विभाग (अ)
3A
5
1 2. 3 310 सेवामंदिर 7 अ 100 मरणज्ञान-यंत्र 311-2| कोलड़ी 607-8 | महादेवी-दीपियावृत्ति
2 प्रतियां
(11)
Marana Jhāna Yantra | (उपदेशमाला गाथा | ग. अंकतालिक
पर) Mahadevi Dipiki Vrtti मणिभोजराज शिष्य | ग.प. अंक ता. 2 copies
धनराज
313
Mahādevisāraṇyāṁ Gra. स्पष्टनयनम | Danam Spasta Nayanam
314
, 7992 माशेषफल
Māśeşa Phala
Mubūrta Caughadiya
गोरखपत्रानुसार
ग. अंकतालिक
315 सेवा मंदिर 74 100 मुहर्त-चौघड़िया
(18) के नाथ 27/46 मुहूर्त-चितामणि
Muhūrta Cintamani
रामदेवज्ञ
मू.प.
सेवामंदिर 7498
के नाथ 27/1
मू+व (प ग.)
319
कोलड़ी 645 |
,, (रामचन्द्र)
| मू + ट (पग)
320
| मुहूर्त ज्योतिष ग्रंथ
Mubūrta Jyotişa Grantha
321
1065
322
799
323
669 | मुहर्ततत्व
Muhūrta Tattva
केशव देवज्ञ
मू+वृ (प.ग)
324-5 के नाथ 27/24. मुहर्तदीपक-सटीक 18
2 प्रतियां 326 मुनिसुव्रत 7 9 74 मुहूर्तमुक्तावली
Muhurta Dipaka Satika | महादेवोक्त/
2 copies Muburta Muktavali
-
327 | महावीर 7
12)
हरिभट्ट
328
के.नाथ 25/19
329- कोलड़ी 670___300
68
2 प्रतियां
2 copies | परमहंसपरिवाञका
चार्य
331
,
25/20
,
हरिभट्ट
Muhūrta Vicāra
| कुथु 18/39 मुहूर्तविचार कोनड़ी 1289 यन्त्रचितामणि-सटीक
333
Yantra Cintamani Satika | चक्रधर/रामदैवज्ञ
मू+वृ.प.ग.
334
पौसियां 7954 यन्त्रराज
Yantrarāja
मलयसूरि
पद्य
के.नाथ 27/33
-सटीक
»
Sattka
मू+व (प.ग.)
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ज्योतिष :
ज्योतिष यंत्र-तंत्र
गणित ज्योतिष सारणी सिद्धांतसह
11
मुंबाफल
ज्योतिष मुहूर्त मुहूर्त ज्योतिष
11
"
2.
11
99
11
"
19
"1
31
""
#1
6
" तन्त्र
こ
"
मन्त्र
गणित ज्योतिष
ज्योतिष ग्रन्थ
रा.
सं.
37
सं.मा.
सं.
संमा.
सं.
"
7
"
13
सं.मा.
21
सं.
"
8 A
25 x 11 x -
34,3025 x 11 व 24 x 13
1
2
3
1
40
12
111
98
8
3
8
51
14
5
3
7
24 × 11 × 12 × 33
24 × 12 × 11 × 42
23,25 29 x 12 व 26 × 11
25 x 11 x 15 x 54
6,7
10
1
11
8
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28
21 x 11 x 11 x 35
23× 11 × -
22 × 10 × 12 × 37
28 × 13 × 13 × 37
25 x 11 x 15 x 40
24 x 11 x 4 x 40
25 × 11 × 19 × 52 प्रतिपूर्ण
27 x 13 x 5 x 33
26 x 13 x 7 x 38
25 x 11 x 13 × 49
25 x 11 x 7 x 41
26 x 10 व 24 x 11
26 x 10 x 4 x 33
8 x 5 x - तालिका
33 x 14 x 18 x 46
26 x 11 x 13 x 42
संपूर्ण
25 × 11 × 17 x 54
21
13
21
संपूर्ण ग्रह प्रवेश प्रकरण
तक
प्रपूर्ण
31
11
17
"
11
12
""
"
9
;)
नक्षत्र 2/49 से वास्तु 6 तक संपूर्ण 9 अध्याय
अपूर्ण
1880
त्रुटक बीच के पन
19वीं
अपूर्ण ( 56 से 106 पन्न े ) 20वीं
संपूर्ण 176 श्लोक
16at
19वीं
17वीं
19af
19वीं
55,42 अनुच्छेद 1843-62
31
57/58 श्लोक
92 श्लोक
47 श्लोक
"1
47 श्लोक
4 अध्याय
5 अध्याय
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10
18वीं
1723,1822
17वीं
1807
19वीं
1769
18वीं
19at
1842
1771
19af
1863
1852 विक्रमपुर
18वीं
[ 491
11
प्रथम प्रति में 10 अनुच्छेद अतिरिक्त
प्रति में कर्त्ता का नाम परिव्राजकाचार्य लिखा है
Page #508
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492 ]
भाग (9) ज्यातिष व निमित्त विभाग (अ)
3A
336
कोलड़ी 1242 | यन्त्र-संग्रह
Yaptra Sangraha
ग+अंक
तालिका
337
621
यवनती ताजिक+भावफल Yavana Turki Tajika+
Bhāvaphala यात्रा-प्रकरणम्
Yātrā Prakaraṇam
338
ग.
मुहूर्तचिंतामरिण-
टीकायाम्
339
कोष्ठक
कुंथु. 10/150 योगकोष्ठक
Yogakoşthaka के नाथ 25/10 योगिनीदशा
Yoginidaśa , 27/57 | योगिनीदशान्तर्दशा सिद्धांक | Yoginidas antardasi
सारिणी
Siddhānka Sāriņi
मू प.
341
ग अंकतालिका
342
18/8 | रत्नदीपक
Ratna Dipaka
343
कोलड़ी 675 | रत्नावली
Ratnāvali
लक्ष्मीवर
344
, -पद्धत्ति
,, Paddhati
345
रमल प्रश्नतन्त्र
Ramala Pra na Tantra
| चितामणि पंडित
346
, संज्ञा-तन्त्र
,, Sanjna Tantra
347 | के नाथ 17/70
। 70 | , शास्त्र
,, Sastra
सोमनाथ
शिव
प. अंकतालिका
महावीर 7 अ14 | रविवादि रात्रिघटिमान | Ravi Adi Ratri Ghati
यंत्रादि
Māna Yantrādi मेवामंदिर 7 9 100 (17)| राशिपत्र-प्रश्नज्ञान प्रदीपिका | Rati Patra-Prasna Jhana
Pradipikā |, 74 100| राशि-विचार
Rasi Vicāra
350
351
,
79100/ राहुअष्टोतरी-दशादि
Rābu Astottaridaśādi
352
के नाय 27/14 | लग्न-अधिकार
Lagna Adbjkāra
J
-
353 | कोलड़ी 680 | लग्न कर्तव्यता अल्पेटादि
विधि 354 | महावीर 79 17/ लग्न-कुण्डलिका
, Karttavyata Alpetādi
Vidbi ,, Kundalika
हरिभद्रोक्त
,, Candrika
काशीनाथ
356
कोलड़ी 643 | लग्न-चन्द्रिका | के.नाथ 26/9/ , | कोलड़ी 662 | लग्नदशाफल
,, Dasiphala
/24 | लग्नविचार
,
Vicāra
ग. तालिका
359 | महावीर 7 अ 21 |
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ज्योतिष :
[ 493
6
7
8 |
8A
___ 10
ज्योतिष यंत्र-मंत्र
मा.
28x11x
प्रतिपूर्ण
19वीं
27x12x6x38 | संपूर्ण 10+9 गाथा
1865
" ग्रहफल | सं.उर्दू+ 2 निमित्त मुहूर्त ज्यो. सं. 6
20x11x14x45
19वीं
25x10x
|, 28 योगों का
सारिणियां-परि
भाषाएं ग्रहफल
25x12x12x32
गणित ज्यो. (ग्रह- अन्तर्दशा-सारिणी
,
26 x 11x10x37 अपूर्ण
एक पन्ना अन्य
ग्रहफल
5
26x11x17x56| संपूर्ण
भावदशादि विषय
28x12x15x50
गणित ज्योतिष
27x12x17x44 ||
प्रश्न ,
24 x 12x10x
25x12x10x56 | अपूर्ण श्लोक 123 से 249
25x15x13x30 शकलपद्धति पूरी+3 पन्ने
25x10x --
- प्रतिपूर्ण
मुहर्त व गणित
ज्योतिष प्रश्न ज्योतिष
प्रथमपत्र जीर्ण व
त्रुटित 1738+
गंगासुन्दर 19वीं विसलपुर
जसरूप
23 x 11x18x40 संपूर्ण 28
गणित ज्योतिषि
26x11x16x46
18वीं
23x9x15x30
ज्योतिष
23x10x5x34
, 132 पद्यानुच्छेद | 1876
27x10x16x50
19वीं
29x13x16x38
, 129 गा.
गणित ज्योतिष व
मुहूर्त विवाह संबन्धी
ज्योतिष
1943 नागौर
बंगीधर व्यास 1848
24x11x13x35
27x11x17x41 | अपूर्ण 746 श्लोक
19वीं
गणित ज्योतिष
24x13x12x38 संपूर्ण
1905
124xIx
प्रतिपूर्ण
19वीं
17x13x15x23
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494 ]
भाग (9) ज्योतिष व निमित्त भाग विभाग (अ) :
3A
45
कोलड़ी 1066 लग्नसाधन
Lagna Sadhana
Laghu Jataka
वराहमिहिर
के.नाथ 27/5_ लघजातक औसियां 7 अ 42 , -सटीक ,, 7441
,,
-Satika
मू+व (प.ग.)
./भट्टोत्पल
364
महावीर 7931
365ौसियां 7 940
वराहमिहिर
2 प्रतियां
2 copies
366-7 के नाथ 25/13,
16/41 368 , 7/12
.. -सटीक
-सटीक
Satika
,,/मतिसागर ,, /भट्टोत्पल
मू वृ. ,, (प.ग.)
369 | कोलड़ी 635 370
634
371
औसियां 351
की टीका
___-ki Tiki
भट्टोत्पल
372
कोलड़ी 1059
Vadbu Praveśa Muhurta
Varna Bala Yantra
Varșa Ganita Paddhati दिवाकर
Bhusaņa , Tantra (Tajika) | नीलकण्ठ
| के नाथ 27/35 | वधप्रवेश मुहूर्त सेवामदिर 79100 | वर्ण बल यन्त्र
कोलड़ी 652 | वर्षगरिणतपद्धति भूषण मुनिसुव्रत 7 अ 108| वर्षतन्त्र-ताजिक कोलड़ी 1313 | वर्षफलोपयोगी योम कुंथु 10/189 | वर्षप्रवृत्ति के.नाथ 27/66 | वर्षप्रतिअक्षय कोष्टका
___42/3 | बर्षभविष्य
Phalopayogi
Yoma Pravștti
,
ग.तालिका
ग. अंतालिका
Varga Prati Akşaya
Kostaka Varşa Bhavişya
381 | कोलड़ी
654 वर्षेशदशा व मुंथाफल
Varsesa Dasa & Muntha
phala Varseśa Phala with
Munthāphala Vāztu Prakarana
,, 653 | वर्षेशदशाफल मुंथाफलसह के.नाथ 27/68 | वास्तुप्रकरण
मुनिसुव्रत 7 8 91| विदशाफल 385 कुथु. 46/2 | विवाह अधिकार काव्य ।
Vidaśā Phala
Vivāba Adhikāra Kävya
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ज्योतिष :--
[ 495
6
7
8
8A
9
10
11
गणित ज्योतिष
26x11x16x451 अपूर्ण
19वीं
फलित ज्योतिष । सं.
26x11x17x51 | संपूर्ण ग्रंथान 172
1649
26x12x5x38
, 13 अध्याय
17वीं x अणंद
सुन्दर 1721x घण
26x11x16x49
सुन्दर
21x10x9x27
18वीं
25x11x16x36 अपूर्ण 10 अध्याय तक | 1874x
दौलतसुन्दर 28x13 व 27x11 संपूर्ण 13 अध्याय 71पद 19वीं
12,
5
25 x 10 x 14x48
| लिपि गुजराती है
26x13x13x42
1902
28x13x6x28
1910
25 x 11x15 x 35
1875x
दौलतसुन्दर 19वीं
25x12x6x36
अपूर्ण 8वें अध्याय तक
मुहूर्त ज्योतिष
19x 10 x 14 x 32 संपूर्ण
ज्योतिष गणित
26 x 11x तालिका | प्रतिपूर्ण
18वीं
गणित ज्योतिष
25x9x6x30
| , 8वां पन्नाकम
1856
फलित ज्योतिष
जीर्ण
27x11x12x37 | अपूर्ण (11 से 27 अंत 1875
के पन्ने) 25 x 12 x 17 x 45 संपूर्ण 197 श्लोक 19वीं
अंत में शहरों के प्रक्षांश देशांतर वग्रहभावफल विषय सूची
21x7x
प्रतिपूर्ण
वर्षफल निर्णय व
विधान गणित सारिरिणयां
23x11x20x58 संपूर्ण
25x10x19x82 | लगभगपूर्ण
वर्षफल निर्णय
ग्रहानुसार फलित ज्योतिष
28 x 12 x 14 x 62 | संपूर्ण 69 श्लोक
वर्षफल
24x11x16x48
20x10x115x35/
मुहूर्त ज्योतिष फलित ज्योतिष
26x11x19x59
वैवाहिक ज्योतिष | रा.
18 x 11 x 4x16
, 59 छंद
1782
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496
भाग (9) ज्योतिष व निमित्त भाग विभाग(अ) :
3A
386 कोलड़ी 578 विवाहदोषारिण
Vivāha Doșāņi
,, Guņa Dosa
387 सेवामंदिर 7 9 100 विवाह-गुणदोष
(8) 388 महावीर 7923 विवाह-पडल
Vivāba Padala
389 | कोलड़ी 575
के नाथ 2717
सबालावबोध
,, with Balavabodhal
अमरसाधु
मू+बा (प.ग.
391 | कोलड़ी
667
392 मुनिसुव्रत 7 अ64
मू-ट (प.ग.
393 | कोलड़ी 577
मू.प.
394
395
मुनिसुव्रत 7 88 महावीर 7 9 24 कोलड़ी 576
सबालावबोध
,, with Balāvabodha
मू- बा (प.ग.
396
मू+ट (..)
397
के नाथ 24/68
, -सावचूरि
,, with Avacāri
मू+अ (..)
398
400
,
26/17, 25/23,10
सबालावबोध
3 प्रतियां
,, with Bālāvabodha
3 copies
मू+बा (..)
401
कोलड़ी 1280
,, -भाषा
,, Bhāsā
रूपचन्द
प्रौसियां 7 अ 35
Vivāba Muhūrta
,, (Desa-nivarana)||
ग. अं.तालिकाए
303 | कोलड़ी 960E | विवाह-मुहूर्त 304 " 658 , (दोष-निवारण) 305 कुंथु. 13
कोलड़ी 673 वृतशत
Vsta Sata
महेश्वराचार्य
307
कुथु.
23/1 -
वृहत् जातक व अन्य लेख
| Vrhat Jataka & ther
articles
वराहमिहिरादि
पग.
कोलड़ी 631
वराहमिहिर
मू.प.
308 309 310
309
1290
-सटीक
Satika
मू+वृ (प.ग.)
महावीर 7 9 28
म प.
311 | कोलडी 1171
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ज्योतिष :
[ 497
8A
9
___10
11
विवाह दूषण निवा- सं रा.
8
25x12x11x30 सपूर्ण
1836
विवाह नक्षत्र समीक्षा सं.
1
27x12x 13x38 | अपूर्ण
18वीं
वैवाहिक ज्योतिष | सं मा. |
25x12x18x38
25x11 x 13x39 | संपूर्ण
1818
xxx x
24x12x13x33
, ग्रं 650
1842
26x IIx16x70
1846
26x12x8x37
, 114 श्लोक , 232 श्लोक अपूर्ण 265 श्लोक
| 1877सालावास
वृद्धिचंद 1878
25 x 10 x 10 x 25 25 x 11
19वीं
सं मा. - 10
2712x13x53 प्रतिपूर्ण
संपूर्ण 104 श्लोक | 26 x 11 x 12 x 41 | , 90 श्लोक
मा. 3,14,1724 से 27-12 से 13
1867 से 20वी
16x13x14x30
| ,
32 गा.
19वीं
26x13x12x41
(नौवां पन्ना कम) 1915 बीकानेर
19वीं
25 x 12 x 20 x 48 | ,, 62 दोहे 25x12x- प्रतिपूर्ण
वैवाहिक दस दोष
निवारण यंत्र वैवाहिक ज्योतिष
21x13x19x34
,
मुहुर्तादि प्रकरण
25x12x13x42 | संपूर्ण 108 श्लोक
25x11x19x44
1799
फलित सामान्य
संकलन फलित सर्व विषय
26x11x12x40
26 अध्याय
1864
30x15x9x50
,, 25 ,,
1902
27x12x12x48
1909पवन
कासमपुर शिवचंद्र 26x13x14x38 लगभग पूर्ण 25 अध्याय 19वी .
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498 1
भाग (9) ज्योतिष व निमित्त भाग विभाग(अ) :
2
3
3A
1 412
कोलड़ी 1206
बृहत् जातक
VļbatJataka
म् +ट (प.ग.)
413
"
630
, की टीका
, -ki Tika
414 के नाय 29/93 | शतसंवत्सरी (महामा: वाक्य) Sata Samvatsari (Maha
maivākya) 415 | कोलड़ी 656 416 मुनिसुव्रत 7 71 417-8 | कोलड़ी 657,
2 प्रतियां
2 copies गु. 12/8
419 | कुथु. 32/23
अहर्धपुराणे
कोलड़ी गु 10/10 ,, + भड्डली पुराण +Bhaddli Puranal के नाथ 29/94
, 1925 | कोलड़ी 1292 424 | कथु 15/15 (षष्ठी) शतसंवत्सरी की टीक? (Sasthi) Sata Sarivatsari
ki Tika
425
49
,
"
4 प्रतियां | Sani Katha
4copies | जोरावरमल कायस्थ
426-9| कोलड़ी गु 105| पानिकथा
866-7 1306
430 | कुथु
,
46/3|| 28/2 शनि-छद
431
Sani Chanda
432वामदिर 5922
गणेशचन्द्र
433 | के नाथ 28/95/
434
| कुथु 37/20 | शनि-स्तवन
Sani Stavana
435
महावीर 646 शनि-स्तुति
Sapi Stuti
436
ग्राम
प्रौसियां 53 शनि-स्तोत्र
Sani Stotra
(अग्निपुराणे)
Sani (Guru) Stotrāni
437 | कुथु. 10/171 शनि (गुरु) स्तोत्राणि 438 | कोलड़ी 600 शिवा- मुहूर्त
Sivā Muhūrta
शिव
प.ग. अं. तालिका
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ज्योतिष :
[ 499
6
8A
___101
फलित सर्व विषय
19वीं
26x12x6x42 | केवल भाव अध्याय
(18वां) 11 श्लो. 28x13x14x39 | संपूर्ण
1865
मा.
25x11x15x54
वर्षफल भविष्य
वाणियां
,, 199 गा.
1718
1225 से 2172
23x11x19x 62
1630
1651 से 1700
25x10x13x42
1762,मुछाला 1701 से 1800
सुजाणरुचि 19वी
| 25 x 12 व 19 x 12 |, 74 गाथा
21x11 x 17x44 | प्रतिपूर्ण
1774
1770 से 1800
19 x 14x18x33 | अपूर्ण
19वीं
1801 से 1845
25x11x22x44 संपूर्ण
1840
1801 से 1900
26x 11x17x44
19वीं
16x12x12 x 20 प्रतिपूर्ण
19वीं
1942 से 2000
25x10x20x55 | संपूर्ण 60 वर्षों की
| 1703
नाम सहित 60 प्रकार के वर्षों की
31x23x27x26 ।
1800 से 1860
1806
गु. 8,8. 16 से 25x12 से 13 |
19
, 167/75 छंद
1844से 20वी प्रतिम प्रति में 15वां
पन्ना कम
60*
17x12x17x12 | अपूर्ण 45 से 352 (अंत) 1919
17x13x13x19 | संपूर्ण
19वीं
21x10x9x 25
1850 वीरमपुर अंत में स्वप्न विचार
गणेशचन्द्र
भी
23x12x11x24
17 गाथा
1870
25x11x8x62
___10 श्लोक
19वीं
16 x 11x11-20
___45 श्लोक
18वीं
16x8x7x18 |
, 54 श्लोक
18वीं
27x11x13x44
, दो 7-45 श्लोक | 19वीं
मुहूर्त ज्योतिष
27x13x15x44
, 46 श्लोक
1881
For Private and Personal Use Only
Page #516
--------------------------------------------------------------------------
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500 1
1
439
440
441
442
448
443 कुथु. 37/17
444-5 के नाथ 25/14,
28/12
449
446-7 के नाथ 7 / 17,
27/41
ओसियां 782
कोलड़ी 570
452
453
454
455
456
457
458
459
51
450
462
463
464
465
2.
61
कालड़ी
महावीर 7 13
मुनिसुव्रत 7 109
के. नाथ 23/61 शीघ्रबोध
567 शिवा मुहूर्त
"
569 1190B
कोलड़ी
के. नाथ 27/10
कोलड़ी 777
महावीर 7 अ 26
ओसियां 739
38
775
23
""
776
"
17
17
सेवामंदिर 7100 | शुभकार्य - मुहूर्त
(22) मुनिसुव्रत 7 58 षट्पंचाशिका सहबाला.
के नाथ 10/17
27/8
33
29
11
"1
91
29
11
3
कोलड़ी
सेवामंदिर 7 x 101
ओसियां 7 अ 78 | पोडश-योगाध्याय
कोलड़ी 573
71
91
2 प्रतियां
2 प्रतियां
3 प्रतियां
- सटीक
सहबाला.
11
www.kobatirth.org
सहबाला.
- सटीक 2 प्रतियां
का बालावबोध
3 A
Śiva Muhurta
39
Śighrabodha
""
59
13
Subhakarya Muhurta
Şaṭpañcasika with
"
"
39
23
भाग ( 9 ) ज्योतिष व निमित्त भाग / विभाग ( प्र ) :
2 copies
2 copies
Bālavabodha
Satika
Şaṭpañcaśikā kā
3 copies
with Balavabodhal
with Balavabodha
Satika 2 copies
33
Balavabodha
Şoḍaśa Yogadhyaya
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शिव
"1
"
काशीनाथ
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13
"
23
13
19
I
"1
पृथुयश / भट्टोत्पल
/
1
काशीनाथ भट्टाचार्य मू.प.
12
1
4
'
भट्टोत्पल
"
32
31
प.ग. अं तालिक
प.
मू+ट (प.ग.)
5
ग.
11
ग. तालिका
मू बा. (पग.)
मूवॄ. (,, )
मू.बा. (प.ग.)
मू प.
11
मू.ट. (प.ग.)
मू.बा. (प.ग )
मू.वृ. (प.ग.)
मू. प.
"
"1
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ज्योतिष :--
मुहूर्त ज्यो.पंथाराहु सं.
सह
सारिणियें सह
"
#1
"1
सामान्य पाठ्यपुस्तक नुमा
"
=
11
"
91
11
मुहूर्त ज्योतिष
प्रश्न ज्योतिष
19
31
11
"1
11
31
6
31
=
31
11
फलित ज्योतिष
"1
13
=
11
=
सं.मा
सं.
"
सं.मा.
सं.
सं.मा
सं.
44
सं मा
सं.
7
मा.
=
सं.
-
11
8
6
5
25 x 11 x -
26 × 12 × 16 × 4 8 संपूर्ण
26 x 11 x 12 x 36
29, 11 27 x 15 व 25 x 11
14
29
22
8
1
47,10825 x 11 व 23 x 12
10
8
8,29,10 25 x 11 12
8
4
6
11
17
10,4
18
www.kobatirth.org
11
3
8 A
26 × 12 × 11 × 40 संपूर्ण 65 श्लो.
25 x 12 x -
प्रतिपूर्ण
13
26 x 12 x 17 x 42
31 x 11 × 12 x 40
23 x 11 × 8 x 25
"
26 × 13 x --
प्रतिपूर्ण
25 × 11 × 15 × 44 संपूर्ण 57 श्लोक
26 x 11 x 24 x 52
56 श्लोक
27 x 10 x 4x44
25 x 11 x 12 x 36
26 x 12 x भिन्न 2
429 श्लोक
1825
प्रथम संपूर्ण 508 श्लोक 1847 व 20वीं प्रथम प्रति में विवाह द्वितीय अपूर्ण पडल भी संपूर्ण है ।
प्रथम पूर्ण द्वितीय
पूर्ण 1828 व 20वीं
25 × 10 × 13 × 41 संपूर्ण 4 प्रकरण
23
17
"
11
प्रथम संपूर्ण शेष 2 अपूर्ण 19/20वीं
11
9
"3
28 × 13 x 15 x 45
27 × 1 1 × 12 × 42 संपूर्ण
21
21
58 श्लोक
27 × 11 × 10 × 30 संपूर्ण 56 श्लोक का
20 x 9 x 7 x 16
अपूर्ण 52 श्लोक
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10
अपूर्ण
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19वीं
1953 रतलाम |
1815
1716
56 श्लोक
1807
57 श्लो. ग्रं. 505 1846
53 श्लोक
प्रथम संपूर्ण, द्वितीय
1854 विक्रमपुर बखत सुंदर
18वीं
17वीं
1782
1785
1802
19वीं जालोर
त्रिभुवनराय 1846/19वीं
1863
1868
9 से 75 श्लो. अंत 19वीं
1860
[ 501
11
21
योगलक्षण सहो दारण
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502 ]
भाग (9) ज्योतिष व निमित्त भाग विभाग (प्र.)
12 •
3
3A
466-9 कोलडी 572-4-1| पोडश योगाध्याय की व्याख्या Sodasa Yogadhyaya ki 1320
4 प्रतियां
Vyakhya 4 copies
470 । प्रोसियां 7 480
, की टीका
ki Tika
गोविन्द
471
कुथु 46/1 | षोडशयोग सोदाहरण Şodaśa Yoga with
Udāharana | कोलड़ी 960F | सपुच्छसशिखा केतुतारोदय | Sapuccha Sasikha-ketuta
rodaya 473 सेवामदिर 79100 सर्वतोभद्रयंत्र
Sarvatobhadra Yantra (19) 474-5 कोलड़ी 626, | सर्वार्थचिंतामणि 2 प्रतियां | Sarvārtha Cintamani 1281
2 copies
ग. अंकतालिक
वेंकटेशदेवज्ञ
मू.प.
476
Sahama Vicāra Vidhi
नीलकंठानुसार
417
»
Vidhi
ग. अंक ता.
478
, 997 | सहमविचार व विधि कुंथु 10/129 | सहमविधि कोलड़ी 1203 | संकेतकौमुदी के नाथ 2/22 | संक्रान्तिफलम्
___ 17/2 , विचार
Sanketa Kaumudi
हरिश्रीनाथाचार्य
479
Sankranti Phalam
480
,
Vicāra
अंककोष्ठक
481
|
नीलकंठ
मूलपद्य
32/22 | संज्ञाविवेक तंत्र (ताजिक) | Sanjnaviveka Tantra
(Tajika) के नाथ 27/40 सार-संग्रह
Sāra Sangraha
482
भट्टमहादेव
483
कोलड़ी 602 । सारिणी-पाशाधर
Sāriņi Āsādhara
अंकतालिका
484-6
592-3, 595,1300
, -कामधेनु
3 प्रतियां
, -Kamadhenu
3 copies
,
, Rohinicakradi
487 के नाथ 27/64 488 | कुथु. 14/65
, ,, रोहिणी
चक्रादि 489- कोलड़ी 550
, -ग्रहलाधव 90/ 1282
2 प्रतियां 491- ,583,582, | सारिणी चन्दार्की 3 प्रतियां |
93580
,, -Grahalāghava
2 copies " -Candrarki
3 copies
494
के.नाथ 27/39
» Jayacandra
495 | कोलड़ी 60+ सारिणी जयचन्द्र 496 | के नाथ 27/62 | सारिणी-मकरंद 497 | कोलड़ी 601
जयचंद सुमतिसूरि का
शिष्य हरिकर्णशर्मा
,,
Makaranda
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ज्योतिष :
[003
11
78 8A
9 | 24 से 27 x 10 से 12 प्रथम 3 पूर्ण अंतिम
10 1850-3-5,
20वीं
फलित ज्योतिष
अपूर्ण
27x11x15x47 | संपूर्ण
20वीं
मूल ग्रंथ नील
कंठ का
16x13x11x15
18वीं
25x11x13x44
19वीं
मुहूर्त ज्योतिष
25x11x--
सूर्यचन्द्र कालानल
सह
फलित ज्योतिष
27 x 11 व 29 x 13 | प्रथम संपूर्ण द्वितीय अपूर्ण 1878
2/159 तक
ज्योतिष कर्मकाण्ड
27x14x16x36 संपूर्ण
19वीं
सारिरिग सह
गणित ज्योतिष
26 x 13x
,, 7 वारों की
20वीं
28x13x13x36
1906
फलित ग्रहप्रव
स्थायें फलित ज्योतिपि
24x12x11x44 |
, 12 राशिका
1881
संक्रातिफल
26x19x
1914
फलित ज्यो. (योग)
24x12x12x38
173 श्लोक
1659 19वीं
ज्योतिष मामान्य
23x13x9x23
, 249 श्लोक
गरिणत-ग्रहगति फल
26x11x
,, ग्रह तिथि अादि
1876 से 20वीं
325 से 27x11 से 20 प्रथम 2 पूर्ण अंतिम
अपूर्ण
26x12x21x64 संपूर्ण
17वीं
25x11x
19वीं
,, ग्रह भ्रमणादि
5, 5
26 x 12 व 27x12 | प्रथम पूर्ण द्वितीय अपूर्ण | 1850 जोधपुर
अरणदाजी 20वी 25 से 26 x 11 से 12 | संपूर्ण
|1841 से 1871
,, मंदफलमासादि
23 X13x18x55
19वीं
पंचाङ्ग इष्ट
तिथियादि
27x12x
पन्ना नं. 2 कम है | 1861
26x11x
1878
पंचाङ्ग चन्द्र शृगोन्नतसाधन
26 x 13x--
19वीं
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504
भाग (9) ज्यातिष व निमित्त विभाग (प्र)
3A
-
अंकतालिका
498- | कोलडी 606 - सारिणी-महादेवी5 प्रतियां Sarini-Mahadevi 5 copies 5021605 609.
610.1056
» Mahādevokta
महादेवोक्त
503 | कोलड़ी 8/1.. 504 | के नाथ 27/6 ,
ग+अंक
तालिका
, की वृत्ति
,
, ki vrtti
505
मुनिसुव्रत 7 अ 72
,,
Mrganka
भोजराज
, -मृगांक , ,
9 प्रतियां
,
,
9 copies राजामृङ्गाक
506- | कोलड़ी 545-9, 14801,1136
1211, 1301
515
के नाय 27/12/
516
कोनड़ी 663
1. ग्रहदशा-उपदशाकाल
ग्रहसिद्धि
,, Grahadasa Upadasa
kala ,, Grahasiddhi
517
559
518
1277
519
1213
520
1062
, चन्द्रपर्व ग्रहलाघवादि , Candra Parva. Gra
halāghavādi तिथिवार घटी. , Tithivara Ghati निक्षेपादि
Niksepādi ., पचवर्गी बालसाधनार्थ | , Pancavargi Bala
Sadhanārtha , बुध पंक्ति भ्रमण , Budha Pankti Bhra
maņa त्रिकर्म मध्याखेटनादि । , Trikarma Madhya | ब्रहातल्ये
Khetanādi .. मंगलायावत् | , Mangalāyāvat
521
1295
522
1214
523
558
,
भिन्न 2
524-2
28
, 647.556 10571061
1294
. रवि पक्ति प्रादि
5 प्रतियां
Ravi Panktyadi
5 copies
529 | के नाथ 27/20
.. ध्र दक्षेपादि
, Dhruva Ksepādi
530
, राशिवर्गादि
9 प्रतियां
., Rasi Vargadi
9 copies
भिन्न 2
38
, 27/13,
38,61-3-5. 27/11.21
26,56
539 मुनिसुव्रत 74110 , ग्रहप्रदीप त्रिधयोति |, Grahapradipa Tri
dhayoti |, 7 11:,, जगदूषण , Jagadūşaņa 541 , 7 112 , केंद्र राशि कोष्ठक | , Kendra Rasikostakhal -
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ज्योतिष :
[ 505
11
8A
9 10 92,77, 24 से 28 x 10 से 13 | चार संपूर्ण, अतिम अपूर्ण | 1845 से 20वी 53,75
गणित ग्रहगति | सं.
कोष्ठक
27x18 x 31 x 28 | संपूर्ण
19वीं
,,पंचाग 1814-, ____73 साथ में ,, ग्रहगति स्थिति
आदि
26x11 x 19x 61
19वीं
| 22
24x11x
17वीं गंगाराम
45,2,7| 26 से 30 x 10 से 20 प्रथम 5 अपूर्ण शेष 4 पूर्ण| 19/20वीं 93,7,7 4,22,62|
26 x 12x18x50 अपूर्ण
1845
27x10x
19वीं
26x12x
19वीं
,, ग्रह संदोच्य
फलादि ,, ग्रहगति आदि
33x16x
19वीं
सूत ज्ञान साथ में
| 28x19x
1917
rxxx
26x12x
1854
27x11x
19वीं
29x27x
19वीं
19वीं
संकटाष्ट दशा विचार
25 x 11x- | संपूर्ण 90,6, | 24 से 29x11 से 13 | पूर्ण/अपूर्ण 152,2
19/20वीं
9
24x10x24x71 अपूर्ण
19वीं
| 60,56. 26 से 28 x 11 से 12 प्रथम 5 पूर्ण शेष 4 अपूर्ण 19/20वीं
21,86, 76,11, 14,101
60
26x11x
1784
26x12x
20वीं
26 x 12x
20वीं
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506 ]
भाग (9) ज्योतिष व निमित्त भाग/विभाग (अ)
3A
542 मुनिसुव्रत 7 4 113 सारिणी अष्टोत्तरी
Sāriņi Astottari
ग. अंकतालिका
543
, 74115 | , फल अंशादि
, Phala Amsadi
544
१. विभिन्न
,,
Vibhinna
भिन्न-2
545
, 7 अ 120 कुथु 32/21 |
10/191
, वार घटि
,, Vāra Ghati
546
अन्तर्दशा अष्टोत्तरी
,, Antardas Asto
ttari ,, Yoga Kendra
547 सेवामंदिर 74117 , योग केन्द्र
548
|
, 7 अ 119
,, मासप्रवेश
,,
Māsa Pravesa
549
|
, 7 118 |, राशि ज्ञान
,, Rasi Jñana
मुनिसुव्रत 7 9 87 | सादाविचार
Sāvā Vicāra
मोतीराम
551
, 7 15 सादाविधि
Sāvā Vidhi
गद्य
5:2
| कुंथु
26/4 | सावाविधि-मुहूर्तादि
Sāvā Vidhi Muhurtādi
ग. तालिका
553
मिशिश सभाष्य | Siddhanta Siromani with भास्कराचार्य (महेश्वर प.ग.
Bbāsya
उपाध्य य सुत)
554
औसियां 7949
मू.प.
555
, 7445
, -सटीक
,, Satika
556 | कोलडी 1194
मू : वृ (पग)
ग.अंकतालिका
559
कोलड़ी 664 सिरोही महाराज रायसिंह । Sirohi Maharaja Raya-
जन्मपत्रिका simha Janma Patrika के नाथ 27/23/ सूर्य चन्द्रोद्भव ग्रहस्पष्टादि Surya Candrodbhava Gra
haspastādi कुंथु 32/25 सूर्य चन्द्र पाठ ग्रह महादशा Surya Canda Atha Graha
Mahādaśā | कोलड़ी 1163 सूर्य पर्व स्थापन Sūrya Parva Sthapana कोलड़ी 585, सूर्य सिद्धान्त
Surya Siddhanta
भास्कराचार्य कोलड़ी 584 , की वृत्ति
., Ki Vrtti
563
कोलड़ी 682 | स्त्रीजातक (जन्मपत्री)
|
Stri Jataka (Janma Patri)
रामचन्द्र
गौरीजातके
| कोलड़ी 18/381, सूर्य-चन्द्र अन्तर्दशा 565_कोलड़ी 614 हायनरत्न
, (Surya Candra...
Antardasa Hāyana Ratna
बलभद्र
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योतिष :
1
गति ग्रहगति आदि सं.
,
"
,
17
"
11
6
17
"
व्हे ज्योतिष
33
"
13
जयंतष शास्त्र
"
"
11
12
स्फलित ज्योतिष
"1
फत ज्यो. वर्षफल ताजिक
"
"
31
"
"
पत्रिका विस्तृत गात ज्योतिष
विसहित
शुग्रह गरिणत
सूत्रारित गरिणत सं.
मा.
7
रा.
३
सं.
13
"
रा.
=
11
"1
11
9
160
81
150
7
8
18
136
15
7
5
4
299
40
56
44
14
10
1
9
13
58
22.
2
181
8 A
22 x 12 x -
14 x 13 x -
27 x 12 x -
26×11x
25×11×
27 × 18 x -
19 × 11 x -
33 × 21 x -
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25 x 12 x 10 x 25
25 x 11 x 11 x 33
18 x 12 x 16 x 32
31 x 12 x 9 x 36
33 x 16 x 19 x 52
27 × 11 × —
23 x 11 x 10 x 34
26 x 11 x 12 x 42
24 x 21 x 25x39
26 x 12 x 16 x 54
24 x 12 x 20 x 50
26 × 11 × 11 x 34
23 x 10 x 9 x 46
संपूर्ण
अपूर्ण
24 x 10 x 9 x 36
26 × 12 × 15 × 45 संपूर्ण 16 अध्याय
27 x 13 x 11 x 35
11
संपूर्ण
प्रपूर्ण
त्रुटक
अपूर्ण
संपूर्ण
17
"1
लगभग पूर्ण (प्रथम 2
अपूर्ण
31
संपूर्ण
11
"
"
11
"1
9
27
66 छंद
12
पन कम )
13 अध्याय
14 अधिकार
16 श्लोक
8 अध्याय
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19वीं
17वीं
11
18/20वीं
19वीं
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[ 507
"1
10
20वीं
19वीं
19
1876 कापरड़ा गुलाब विजय
19वीं
18वीं
1823 विक्रमपुर बखत सुंदर
20 वीं
19वीं
1632
19वीं
20 वीं
1777
1882
1883
1853
31
19at
11
जिल्दबंधी पंजिका
1776 व 77 के
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508 ]
भाग (9) ज्योतिष व निमित्त विभाग (अ)
1
2 .
3A
566
ग.प.
पोसियां बस्ता 20/ स्फूट, लघु व अपूर्ण ग्रंथ व | Stray. Small & Incomplete भिन्न 2 दुबारा है
works & Loose Folios
त्रुटक पन्ने
567 मुनिसुव्रत 7 9 122)
Stray, Small works
1341
-4
ग्रन्थ
व अपर्ण ग्रन्थ व
त्रुटक पन्ने
Stray, Small & Incomplete | works& Loose Folios
,, वस्ता 78
के नाथ 28/26 570
, 28/23 कुंथु 2/12, 13/ 98 14/67-70,
15/27-31, 33/55-43 34/11-14, 35/34-37]
571
, 28 प्रतियां
,
28 copies
" 8 प्रतियां
8 copies
599- | कोलड़ी 546. 606 563,881-3,
1058, 879,876, बस्ता 71
भाग (9) ज्योतिष व निमित्त/विभाग (प्रा)
Avayadi Sakunávali
सतीदास पंडित
गद्य
1 | कोलड़ी 772 | अवयदी शकुनावली 2 सेवामंदिर 7 आ 21| इन्द्रजाल कौतुकादि
Indrajāla Kautakādi
प.ग.मंत्र
| ग, तालिका
3-4| के.नाथ 23/76, I उपदेशमाला शकुनावली |Updesamāla Sakunāvali 21/64 2 प्रतियां
2 copies
5 | महावीर मा 8 | कागबोली परीक्षा
Kāga Boli Pariksā
|,
7 आ5 काग-शकुन
Käga Sakuna
काग शकुनादि विचार
2 प्रतियां |, 7पा 19 | घरोलीविचार
Kāga Sakun ādi Vicāra
2 copies Gharoli Vicāra
7 या 18
चोरज्ञानादि-पत्र
Cora Jñānādi Patra
के नाथ 11/107| चौदह स्वप्न विचार
Caudala Svapna Vicāra
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ज्योतिष :
विविध ज्योतिष
"1
11
1-1 पन के
ग्रंथ
ज्योतिष
""
"
31
6
31
"
21
पक्षी शकुन
21
7
निमित्त शकुन
संकलन
सं.रा.
27
"
19
"1
शकुन शास्त्र
मंत्र तंत्र निमित्त सं.
शकुन नक्शा
""
31
aho
प्रा.
शकुन सामुद्रिक व अन्य निमित्त शास्त्र -
༣
सं.रा.
=
"1
रा.
=
13
त्रिशला स्वप्न फल मा.
40
75
8
27 x 11 x भिन्न 2
प्रतिपूर्ण
22 से 30 x 10 से 15 पूर्ण अपूर्ण
23 से 28x13 से 16
23 से 28 x 13 से 16
15 कुल 23 से 28 × 13 से 16
60
190
50
534 कुल 23 से 28 x 13 से 16
14
31
3,4
2
5
2,9
3
3
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8 A
20 से 28 × 10 से 15 पूर्ण अपूर्ण
5
22 x 8 x 9 x 42
27 x 12 x 14 x 46
25 x 10 व 27 × 12
27 × 13 × 1 2 × 36 | संपूर्ण 64 अनुच्छेद
21 x 10 x 8 x 22 त्रुटक
26 × 12 व 28 × 13 संपूर्ण 544 कोष्ठक
23 x 11 x 11 x 35
25 x 10 x 14 x 42
17
26 x 11 x 12 x 40
31
11
E
31
91
"
"
11
9
12
14 छंद
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10
17/20वीं
16/19वीं
16/20वीं
11
"1
"
31
1873
18वीं
19वीं
19वीं
19at
19वीं/1968
19वीं
19वीं
18वीं
11
सामान्य
"
[ 509
"1
"P
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5101
भाग (9) ज्योतिष व निमित्त विभाग (मा):
।
2
3
3A
3A
4
12-4 कथू. 20/19, चौदह स्वप्न विचार Caudaba Svapna Vicára
131,16/ 2 3 प्रतियां |
3 copies 15 मुनिसुव्रत 7 या 16 | केवली प्रकुनावली Kevali Sakupāvali 16 कोलड़ी 901तुर्की प्रश्नावली Turki Praśnávali
, 784 | दारिद्र विद्रावणं (?) Daridra Vidrāvanam (?) | वसंतराज (?) 18 कुंथु. 37/21 | दोष केवली
Dosa Kevali
ग कोष्ठक
प.तालिका
19 सेवामंदिर 7 4 105 निमित्त प्रकाशनी ग्रन्थ
Nimitta Prakāśani Granth
20 कोलड़ी 771 पक्षी बोली विचार
Paksi Boli Vicāra
Palli Vicára
|, |,
785 पल्लीविचार 786
779 पल्ली विसमरा विचार
Palli Vismara Vicāra
कुंथु.
16/5 पवनविजय स्वरोदय
Pavana Vijaya Svarodya
कोलड़ी
923 पचाश सपन
Pancāsa Srapana
महारुद्र
प. कोष्ठक
Pasākevali Sakunávali
| गर्गऋषि
के नाथ 27/31 पासाकेवली शकुनावली 27 कुंथु 36/14 , 28 महावीर 7 या 10 ,
29.
31
3 copies
कोलड़ी 788-9,
1162
3 प्रतियां
32-3 ओसियां 7 पा 12,
" -भाषा 2 प्रतियां
, Bhasa 2 copies | (मूल गर्ग ऋषि)
14
34 | के.नाथ 6/113
(,)
35
मुनिसुव्रत 7 प्रा 25
(..)
Praśna Sakunāvali
| कोलड़ी 787 प्रश्न शकुनावली |, 778 | भूमि-रीक्षा महावीर 7 प्रा 9 मातृका शकुनावली
Bhūmi Pariksa
Matrkā Sakunāvali
39
के नाथ 25/39 मेषादि पुत्र शकुन कथायें।
Meşādiputra Śakuna
Kathāyen
ब्रह्माजीबाय (?)
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शुक्रन सामुद्रिक व अन्य निमित्त शास्त्र
[ 511
11
6 7 | 8 8A त्रिशला स्वप्न फल | सं.मा. | 5,1,7 | 25 से 27 x 11 से 13 | संपूर्ण
___ 10 1750 से 19वी
निमित्त शकुन
25 x 11 x 9 x 32
19वीं
| 22x12x14x35
27x11 x 1 3 x 62 | ,, 20 वर्ग
1676
21x11x --
अपूर्ण
19वीं
| 28x10x14x46
,
1872
निमित्त विद्या स्वप्न
विचार शकुन निमित्त
29x11x11x16 | संपूर्ण 16 पक्षियों के
19वीं
25x11x13x39
, 27 श्लोक
124x11x9x40 |
, 44 श्लोक+20
वाक्य ,, 46 श्लोक
24x12 x 18x40
स्वरोदय निमित्त
27x13x16750 |
,, 180 श्लोक
शकुनावली निमित्त
26x11x11x39
, 50 श्लोक
1899
निमित्त शकुनावली
25 x 10 x 12 x 36 | प्रतिपूर्ण तुने हुये श्लोक | 15वीं
एक पन्न जीव स्वरूप
444
23x20x21x38 | संपूर्ण
1544
| 25 x 11 x 13 x 42
, 186 श्लोक
1676x
कीतिसागर 1759 से 20वी/
6,6,
5
24 से 26 व 10 से 13 | दो संपूर्ण अंतिम त्रुटक
| 25 से 26 x 11 से 12 | संपूर्ण
18वीं x वासुदेव
25 x 11x14x34 |
19वीं
17x13x12x19
, (पहिला पन्ना कम) 1907
शकुन के
26x11x -
19वीं
निमित्त वास्तु शास्त्र
26x11x14x48 | ., 40 श्लोक
निमित्त शास्त्र
26x12x14x41 प्रतिपूर्ण
1877 रेणुवर
क्षमारत्न 1947
निमित्त लग्न प्रश्न | मा.
26 x 13x16x26 | संपूर्ण
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512 ]
भाग (9) ज्योतिष व निमित्त भाग/विभाग (आ) :
3 A
45
1 2
3 40 मुनिसुव्रत 7 आ 15रमलशकुनावली
Ramala Sakunāvali
41
कोलड़ी
791
ग, कोष्ठक
2 प्रतियां
2 copies
42-3/ के.नाथ 24/32,
29/75
44-5/ कुथु.
2 प्रतियां
2 copies
ग.तालिका
39/3, 26/5
Rijavali Bhaddli Dihā विभिन्न संकलन
| पद्य
| कोलड़ी गु. 9/8 | राजावली भड्डली दूहा सेवामंदिर 7717शकुन नक्शे ।
Śakuna Nakse
कोष्ठक
48
गद्य
, 3 इ354 | शकून पशु पक्षी बोली व यंत्र Sakuna Pasu Paksi boli | अज्ञात
& Yantra , 7 पा 22 | शकुन प्रश्नावली Śakuna Praśnávali
।
ग. तालिका
50
महावीर 7 या 11| शकुन विचार
Sakupa Vicāra
।
Śakunāvali
।
तालिका
| कुंथु. 14/2 | शकुनावली
46/2 , चित्रित 53 | के.नाथ 19/37
,, (illustrated)
।
।
ग+64कोष्टक
54 | कोलड़ी 790
।
ग. कोष्ठक
,
1264
।
ग. यंत्र
56-7
,
2 प्रतियां
गु 1/2,
6/3
2 copies
।
पद्य
| के.नाथ गु. 10 | शकुन मंत्र तंत्र यंत्र
।
ग. यंत्र
Sakuna Mantra Tantra
Yantra Sāmudrika
।
59 | कुंथु. 36/1 सामुद्रिक
(क्रम 50)
36/1 ,
(क्रम 51) औसिया 7 पा 13
।
।
मू.ट. (प.ग.)
62
महावीर 7 या 2
,, सबालावबोध
,, with Balāvabodha
-
मू.बा. (प.ग.)
|
,
7 आ 3
, लक्षण
,, Laksana
शास्त्र
3 प्रतियां
, Sastra 3 copies
64-6 के.नाथ 19/36,
24/34,
17/69 67 | कुथु. 23/2
" "
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शकुन सामुद्रिक व अन्य निमित्त शास्त्र
[ 513
10
11
6 7 | 8 | 8A
9 निमित्त तन्त्र रा. 3 | 23x11x14x43 | संपूर्ण 16 गा. निमित्त शकुनावली | उर्दू रा. 3 27 x 10 x 13 x45| ,
25 x 13 व 21x11 ||
1811जोधपुर
ईश्वरसागर 19वीं
1890/1932
| 22 x 16 व 26 x 10 | प्रथम पूर्ण द्वितीय अपूर्ण | 1913/20वीं
| 16 x 12 x 13 x 20 | प्रतिपूर्ण
19वीं
निमित्त भविष्य निमित्त शकुनावली
33x11x
18वीं
26x11x
संपूर्ण 8 जानवरों के 80
शकुन
25x11x
संपूर्ण
17वीं
22x9x11x56
19वीं
25y 10x
18x11x
1782
सामान्य 2 चित्र
25x11x15x28
19वीं
Ax
पारसी निमित्त
25x10x12x36
1873-77
निमित्त शकुन
18x14x-
अपूर्ण 21 कोष्ठक
19वीं
16x10 व 18x10
,
पक्षी आदि पर
20x12x
संपूर्ण
निमित्त स्त्री-पुरुष
शरीर लक्षण
23x20x21x38
, 53 श्लोक
23x20x21x38 , 6 अध्याय+
7 श्लोक 25x11x5x80
1728 मेदिनी
पुर शिवसुन्दर 25x11x15x36 | ,, पहिला पन्ना कम 18वीं,मुजनगर
समुद्रगणि 25 x 11x15x56 | अपूर्ण
18वीं 21 से 26 x 11 से 12 | संपूर्ण 187 श्लोक | 1851-63/ प्रथम में टब्बार्थ भी
19वीं | राजस्थानी में
| 30 x 11 x 12 x 60 | किंचित् अपूर्ण 185 श्लो. 19वीं
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भाग (9) ज्योतिष व निमित्त भाग/विभाग (प्रा)
3
3 A4
Samudrika Sastra
| कोलड़ी गु. 1/17 सामुद्रिक शास्त्र 69 कुंथु. 11/196
महावीर 7 या 1
71 सेवामंदिर 7 4100
(10) | के.नाथ 25/45 स्वप्नाध्याय आदि
Svapnādhyāya Ādi
कुंथु.
33/1
, विचार फलसह
,, with Vicāra Phala
के.नाथ 10/48 स्वप्नविचार
Svapna Vicāra
ब्रह्म रायमल
कुथु
स्वरोदय
Svarodaya
36/1 क्रम 45
कोलड़ी 796
,, (हंस चार)
,, (Harisacāra)
जीवनाथ
| कोलड़ी 11/7
"
चरणदास
78
कोलड़ी 782
अखैराम
महादेवोक्त
(चिदानन्द) मु कपूरचंदजी
, (चिदानंदीय)
,
कोलड़ी ___781 80 मुनिसुव्रत 7 या 24
| महावीर 7 आ 20 | कोलड़ी 783 सेवामंदिर 7 में 100
(12)
(Cidānandiya)
०
, विचार
,
Vicārc
84 | महावीर 7 पा 4 हस्तसंजीवन
Hasta-sanjivana
मेघविजयगणि
85 | कोलडी
780
86
कोलडी 1143
87 सेवामंदिर 7 आ 23 हेमाद्रिप्रयोग+स्वरोदय
Hemadri-prayoga+
Svarodaya
| Stary, Small & Incomplete| भिन्न-2
works & loose folios
88 | कोल डी बस्ता 71| स्फूट लघव अपूर्ण ग्रन्थ
तथा त्रुटक पन्ने 89 के.नाथ 28/21
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ज्योतिष :
निमित्त स्त्री पुरुष शरीर लक्षण| हस्तरेखा विज्ञानादि
13
"
21
""
"1
निमित्त शरीर श्वासादि पर
निमित्त स्वप्न विचार,
11
"
#1
21
"1
"1
#1
11
सामुद्रिक ज्योतिष
निमित्त
6
1:5
"1
=
व अन्य विज्ञान
11
मा.
"
=
सं.
"1
मा.
सं.
11
हिंदी
रा.
"
"1
"
"
सं.
7
""
16
सं मा.
""
84*
124
6
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9
3
3
गुटका
3
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9
18
1
8
51
30
4
11
19
66
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8 A
16 × 11 × 19 × 31 सपूर्ण
25 x 11 × 13 x 35
26 × 12 × —
26 x 12 x 10 x 35
26x12x12 x 36
25 x 12 x 9 x 22
23 x 20 x 21 × 38
25 × 11 × 15 x 40
13 x 10 x 7 x 13
25 x 12 x 14 x 46
27 x 11 x 12 × 34
27 × 13 × 13 × 4 1
20 x 11 x 9 x 26
71
11
11
"
"
13
13
17
13
37
"1
29 × 13 × 19 × 5 7
24 x 12 x 13 x 40
28 × 13 × 10 × 44 प्रतिपूर्ण
11
अपूर्ण 424 छंद
25 x 13 x 12 x 40
26 × 12 × 16 × 52 पूर्ण
19 x 9 x 7 x 32
58 श्लोक
26 गा.
107 श्लोक
संपूर्ण 550 छंद
443 छंद
73
9
121 श्लोक
227 छंद
108 छंद
संपूर्ण ग्रंथा 782
"1
25 से 30 × 10 से 12 पूर्ण / पूर्ण
248 श्लोक
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31
19वीं
"
17वीं
18वीं
19वीं
"1
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1544
10
1768
"
19वीं
1913
17वीं
19वीं
1932
1861 अजमेर छत्रीलजी
19वीं
19वीं
1920
"
[ 515
हस्त चित्रसह
17वीं से 20 वी सामान्य
11
अंत में 7 श्लोकी गीता, भागवत. संकट स्तोत्र, 28 विष्णुनाम
17
Page #532
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भाग (9) ज्योतिष व निमित्त विभाग (इ)
3A
5
Wanita Papne
सेवामंदिर 7 4104 गणित पन्ने | कुंथु 9/126 | गिनतो जैन-पद्धति
Ginti Jaina-padhaiti
अंकतालिका
3 | प्रोसियां 7957| पट्टि पहाड़े
Patti Pahāde
2 प्रतियां
2 copies
4-5 | कोलड़ी 1298,
1004 प्रोसियां 7977 भागानुबंध
Bhāgānūbandha
कोलडी 1201 लीलावती-सटीक
Lilāvati with Tikā
भास्कराचार्य
मू.वृ.(प.ग) अंक
| महावीर 7 47
लक्ष्मीदास
कोलड़ी 1167
प्रौसियां 7 344
, 750
की वृत्ति
,, ki vrtti
लक्ष्मीदास
के नाथ 27/16
" ki Vivarana
परशुराम
, का विवरण , भाषा
13 | कुंथु. 39/1
,
Bhasa
लालचंद
15
सेवामंदिर गु दे. 3
16 | कथु. 47/8 | लेतों की उपरवाडियें |Lekhon ki Upara Vidiyen
(फारमूले)
(Formula 17 | कोलड़ी 1263 | .. की गुणाणी (,.) | , Gunāni (,)
भाग (10)
1
Jäāna Copada Khela
नक्शा
के नाथ 26/74 | ज्ञान चौपड़ खेल . मुनिसुव्रत 7 4 116| जीवछाया सारिणि
Jiva Cbāyā Sāriņi
अंकतालिका
3
सेवामंदिर 7 उ]] दशक (दश श्लोकी)
Dasaka (Dasa Sloki)
4
के नाथ 17/35| प्राचीन लिपि यन्त्र
Prācina Lipi Yantra
ग.प.
पं. श्री विल्हण
| ,
,
17/28 17/36 | भवदेव-प्रशस्ति
Bhavadeva Prasasti
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गणित विद्या :
गणित शास्त्र
गणित
गणित पहाड़े
"}
गणित
गणित शास्त्र
=
31
31
21
#1
6
11
11
गणित विधि
गणित विधि व्यापा
रिक हिसाब
प्रवर्गीकृत शेष :
सांप सीढीनुमा खेल
7
प्रशस्ति / अंतिम पन्ना लिपि विकास का
सं.
T
सं.
"
""
39
12
17
मा.
31
21
मा.
-
"
सं.
।।
1
19 × 1 2 × 11 x 50
26 × 13 x --
20 x 10 x -
29,13 25 x 16 x -
9
4
14
8
219
17
34
161
59
35
13
63
5
11
1
सूतक विचार
सं.
बौद्ध प्रशस्तियों का सं. पाली 12
देवनागरी में रूपान्तर
30
2
121
4
8 A
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अपूर्ण
प्रतिपूर्ण
28 × 13 × 1 3 × 35 संपूर्ण
26 × 11 x 1 8 x 50
14 x 21 x 17 x 22
26 x 11 x 15 x 36
25 × 11 × 15 × 40 प्रपूर्ण
32 x 12 x 10 x 38
26 × 12 × 15 × 44 संपूर्ण
27 x 11 x 13 x 37
25 × 10 × 10 × 48
13 × 10 × 14 × 11
15 x 11 × 9 x 13
त्रुटक
प्रतिपूर्ण
19 x 10 x 8 x 18
11
27 x 13 x 8 x 24
"1
17
13
18
अपूर्ण
संपूर्ण
प्रतिपूर्ण
अपूर्ण
270 काव्य वृ.
ग्रं. 800
प्रतिपूर्ण
23 x 16 x -
अपूर्ण
28 × 13 × 10 × 3 8 संपूर्ण 10 श्लोक
30 x 16 x 7 x 20
प्रतिपूर्ण
9
#1
30 x 16 x 7 x 25
30 × 16 × 15 × 40 संपूर्ण 34 श्लोक
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1871
17
19वीं
20वीं
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18aft
10
1648
1685
18वीं
19वीं
1899
19वीं
31
1740
19at
11
1865
17वीं
19वीं
B
[ 517
11
1736 की
संपूर्ण 16 श्रध्याय
किंचित् पद्य भी
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518]
भाग (10)
।
2.
3A
-
५. वृ(प ग.)
7 | के.नाथ 17/6 | मितानार व्यवहार (दायभाग) Mitāksara-vyavahare(Daya/
सटीक
Bhaga) with Tikā
,
-
17/9 | मिताक्षरा व्यवहारे (वाक्दण्ड | Mitāksara-vyavahāret Vak-
पारुष्य) सटीक | dandaPārāsya) with Tika
| , 17/8 मिताक्षरा व्यवहारे (संभूय | Mitiksara-vyavahare
समुत्थान) सटीक
(Sambhūya Samuthāna)
with Tikä | , 17/7 | मिताक्षरा व्यवहारे (स्तेय व | Mitiksara-vyavahāre
स्त्री संग्रह
(Steya & Stri Sangraha) 11 कोलड़ी गु. 2/1 | रत्नपरीक्षा
Ratna Pariksa 12 सेवामंदिर गु.दे. 16
रत्नवोह | , , 21 | राग-बत्तीसी
Rāga Baitisi 14 | के नाथ 9/39 | राग-गाला
Rāgamah
जोगीश 15 | कुंथु. 10/140 | राग-संग्रह
Rāga Sangraha 16 | के.नाथ 6/114 | वास्तुशास्त्र
Vāstu Sastra
क्षेत्रात्मज सूत्र भृन्मंडन ग.
17 सेवामंदिर 7.ड 2 वास्तुसार
Vastu Sára
चन्द्रागज ठक्कुर फेरु प
,
7-ड-4 | विज्ञप्ति-पत्र
Vijāapti Patra
पालीश्री संघ
19 | कुंथु.
55/1 |
,
| संगीतरत्नाकर
Sargita Ratnākara
Hatha Ratrāvali
शाङ्गदेव
21 कोलड़ी 1130 | हठरत्नावली 22 , 767
| प्रोसियां 3 इ 351 हियहुलास
श्रीनिवास योगीश्वर |
Hiyahulasa
अज्ञात
24-5 कोलडी 944, | स्फूट लघु व अपूर्ण ग्रन्थ तथा| Stray, Small & Incomplete भिन्न 2
1164 त्रुटक पन्ने 2 प्रतियां works & loose folios
26-8| के.नाथ 28/3, | स्फुट लघु व अपूर्ण ग्रन्थ तथा Stary Small & Incomplete
26/102, I त्रुटक पन्ने 3 प्रतियां works & loose folios | 17/72
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अवर्गीकृत शेष: :
संपत्ति अधिनियम
विवाद व दंडविधान
दंडविधान
जवाराहात की परीक्षा
;
संगीत - शास्त्र
31
6
"
प्रतिमा विज्ञान
मंदिर निर्माण विधान
चातुर्मास विनती कागज
11
"
"
संगीत - शास्त्र
विविध
सं.
11
"1
मा.
39
सं.
"
संगीतशास्त्र ( दोष सं गुणादि
हठयोग
प्रा
मा.
31
7
11
11
मा.
33
31
8
10
11
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गु.
7
54*
14
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28
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20
9**
प्रा.सं.मा. 73
1401
8 A
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30 × 16 × 14 × 3 4 | संपूर्ण 152 श्लोक
30 x 16 x 13 x 31
30 x 16 x 13 x 30
30 x 16 x 12 × 29
14 x 9 x 9 x 16
20 x 16 x 20 x 24
23 x 16 x 18 x 15
26 x 11 x 15 x 50
25 × 12 × 16 × 42
26 × 12 × 17 × 57
25 × 10 × 17 × 64
चौड़ाई 25 से.मी. 100 x 30
26 x 11 x 9 x 45
|
11
11
"
"
"
77
11
9
31 छंद
384 पद्य
प्रतिपूर्ण 24 श्लोक
अपूर्ण चौथा अध्याय
अपूर्ण प्रथम अधूरे से अध्याय तृतीय अंत संपूर्ण स्क्रोल
206 से 232
17
233 से 267
21
118 श्लोक
160 छंद
अपूर्ण (अध्याय 3 व 4
मात्र )
25 x 12 x 5 x 24
63 श्लोक
25 × 13 × 11 × 30 संपूर्ण 4 उपदेश
28 x 13 x 26 x 72
70 दोहे
25 से 27 x 10 से 12 | पूर्ण / अपूर्ण
268 से 293 श्लो19वीं
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10
19वीं
19वीं
19af
1666
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1766
19वीं
19वीं
14वीं
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1883
11
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19वीं
1847
19वीं
18/20at
(519
11
मूल संस्कृत का
अनुवाद है
भरतवाद ग्रन्थे
1372 की कृति
सचित्र है
11
| साधारण
चित्र है
रागों का वर्णन
अति सामान्य
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परिशिष्ट लेखकों की अकारादिक्रम से सूची--
2
3
पृष्ठ
पृष्ठ
पृष्ठ
314
18,298
316
412
88
अमृत चन्द्राचार्य 156,158 उत्तमविजय
38,278 अमृतमुनि 400 360 | उदय कीति
212 अकबर बादशाद
514 अमृतवल्लभ
198 अखैराम
उदयनाचार्य
176 अचल कीति अमृत विजय
उदय प्रभसूरि 258
136,446,466 अजीत देव सुरि
अम्मा मुनि
310 | उदयरत्न 140,212,218,226
236,310,330,344 अजीत प्रभ मूरि
334 प्रा
उदयविजय अनन्त देवज्ञ 480
56,246 आत्रेय भाषित ___458 उदयवीर अनन्त भट्ट प्रात्मजशङ्कर 464
प्रानन्द 220,248,404 | उदयसागर
196 अनुभूतिस्वरूपाचार्य 432,434,436
प्रानन्द कीर्ति
236 | उदयसिंह 80,324,340 अनोपचंद (क्षमाप्रमोद) 244,324 प्रानन्द धन
| उदे चन्द अप्पय दीक्षित
456 प्रानन्द तिलक
उद्योत सागर गणि
138 (वाचनाचार्य) अभय 330
आनन्द निधान 166,206,260,280
उमास्वाति
116,118 अभयदेव (प्रधुम्न शिष्य) 178
296,346,360 अभयदेवसूरि 2,4,6,8,12 प्रानन्द विजय 28,220,300
ऋ 14,16,18,20 प्रानन्द विमल
360 | ऋषभ
220 132,144,156,178
226
(कवि) ऋषभ प्रानन्द सार
120,236 184,228,256,
(श्रावक) ऋषभ
276
पालमचन्द अभयसोम
ऋषभदास प्राशकरण
56,82,124 अमरकीर्ति 164,166,242,256
ऋषिराज
290 (पण्डित) आशाधर 112 अमरचंद 430,440
ऋषिवर्द्धन सूरि
312 अमरप्रभ 248,250,252
ऋषिशर्मा
478 अमरसाधु
496 इन्द्रदेव योगी
132 अमरसिंह
446,448 | ईश्वर दत्तात्रय संवादे अमर सुन्दर 288 ईश्वर पार्वत्ति "
| कक्कसूरि शिष्य
294 अमरु कवि 400 ईश्वराचार्य
326 अमितगति
कनककीर्ति
314 अमृत कुशल 192 | उज्जवलदत्त
428 | कनककुशल 202,296,252,262
236
302
292
क
386 /
468
| कनक
122
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522 ]
[ परिशिष्ट
4
6
पृष्ठ
430
320
248
518
30
" व्यास
पृष्ठ
पृष्ठ कनक निधान
326 | कीर्ति विजय 176,182,272, | कोण्ड भट्ट कनक प्रभ 442
284,326 | क्षमा कल्याण 108,180,182,190 कनक सुन्दर 10 | कीर्ति सूरि
232
196,199,204,208 कनक सोम 262,290,360 कुण्डराज वैद्य
416
222,224,228,262 कपूरचन्द 514 | कुन्दकुन्दाचार्य 118,136,156,158 ]
280,288,326,336 कबीरदास 402,404,416 | कुमुदचन्द्र 216,218 क्षमाकीति (वाचक) कमल 214 कुम्भकर्ण (पार्वचन्दगच्छ) 100 क्षमा विजय
250 कमल कलश शिष्य कुलमण्डन सूरि
क्षेत्रात्मज सूत्रभन्मंडन कमलप्रभ (रत्न प्रभ शिष्य)230,314 कुशल (नागौरीगच्छ) 268 क्षेमकरण मुनि
340 कमल प्रभाचार्य 228 कुशल ऋषि
312
क्षेमकोनि कमल विजय 304 कुशलधीर 336 क्षेमेन्द्र
436 कमल हर्ष 52,214 कुशल पण्डित
268 क्षेमेन्द्रकीति
1180 कयदेव 460- (वाचक) कुशललाभ 232,246
| " मित्र 458 कर्मचन्द 462 324,406
402 कर्मसागर 210 कुशलसूरि
330 कल्याण तिलक
310 कुरजी कल्याण दास 464 कृष्ण देवज्ञ 476 खुमाणरसक
404 कल्याणवर्द्धन 184 | कृष्णा मिश्र
खुमाण सिंह
404 कविश्वर 404,408 केशर
328/ खुशाल सुन्दर
244,476 काजी हमीद 410 | केशर धीर
254 खेतल यति
406 कान्ति विजय 114,200,212 | केशर मुनि
खेतलस (राजसूरि शिष्य) 234 36
222 कान्ह
344 | केशर विमल 172,174 कामधेनु 476
खेममुनि
328 | केशराज मुनि
286,340 कालिदास 400,402,404,414
118,474,476 खेमराज
222 416,450,454 केशवदास
418,450 काशीनाथ 458,486,492,500 केशवदास मुनि 144,404,422 काशीनाथ भट्टाचार्य 500
गगान्वयअनन्त
474 केशव दैवज्ञ
490 किसनदास 326 केशव पण्डित
150 गजकुशल
420 किस्तूर सेवग 220| केशवाचार्य
गजराज 102,110,112,130 कीर्ति गणि 282 | कोकदेव • 404 | गणेशचन्द्र
498
268
410
खेम
केशव
468
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परिशिष्ट ]
[ 523
7
पृष्ठ
पष्ठ
गर्ग
518
194
" "शिष्य
330 194
160
318 |
गणेश दैवज्ञ 470,472,476 | चन्द महत्तरा महासति 82 गम्भीरविजय 244 चन्दर्षि 96,98,100,132
जगन्नाथ
412,422 96
225,233 जट्टमलनाहर
418 गर्गऋषि
510 | चन्द्रकीति 270,312,432,436
जयकीर्ति 152,296,336,338 गुणचन्द्र
248,314 चन्द्रगज
जयकृष्ण
452 गुणरत्न (गणि)सूरि 156,216,450
चन्द्रतिलक
282 जयचन्द
152,220,502 गुणविजय 30,32,192,204 चन्द्रप्रभ 118,160,332
जय चन्द्र गणि गुणविनय 120,222,276,416
चन्द्र मुनि
230 गुणविमल
192 चन्द्रशेखर
जयचन्द्र सूरि गुणविलास
226 चन्द्रसूरि 28,72,78,98,258| जयतसी
52,294 गुणसागर 124,294,336
चन्द्रसेन
400 जयतिलक सूरि 306,312 गुणमूरि
322,344 चरणदास
514 | " " शिष्य गुण सौभाग्य सूरि 342
240 (वाचक) चरित्र (भंग सेन शिष्य)
जयदेव
456 गुमान विजय
जय देवमुनि
144,410 गुलाल विजय
360 (") चरित्रनंद
230 जयदेव सूरि शिष्य (तपगच्छ) 114 गोपाल भट्ट
चरित्र नंदि गोरखनाथ पत्रानुसार
234 (वाचक) जयनिधान 342
चरित्र रत्न गोवर्द्धन
118,120 जयन्त भट्ट पुरोहित
450 चरित्र वर्द्धन
416 गोविन्द
जयमङ्गल 466,482,502
412 चाणक्य
406 (ऋषि) जयमलजी 82,152,222 गोविन्द ज्योति
चारण चतुरा
418 गोहरिनाथ
268,314
251,426| जयविनय गौतमऋषि चारित्रसिंह
224 चारुचन्द्र
जयशेखर 90,124,126,164 चिदानन्द 514
_166,306 चक्रधर चैनजी
जयसागर 220,254,318 चण्ड
चौधरी 408
326 चण्डपाल 308
जयसिंह सूरि
176 चतुर्भुज 236
जय सोम गणि 138,268 चतुर्भुज कायस्थ 414 | छाजुराम 412 जयानन्द
230 (कवि) चन्द 416 | छौं हल
410 | जयानन्द सूरि - 40,228,442
418
106
490
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परिशिष्ट
-
10
12
जिनेन्दु
पृष्ठ
पृष्ठ जसराज 160,312,408 | जिनसुन्दर 188,208
84,108,192,200 400 (महाराजा) जसवंतसिंहजी जिन सूर (तपगच्छ) 108
208,212,218,220 जिनकोति 82,238 जिन सूरि 320,328,398
226,232,234,238, जिनचन्द्र सुरि 222,228,240
जिन सेन 185,306
262,300,336 जिनदत्त सूरि 150,212,220 जिन हर्ष 90,140,150,214,248
339,358 278,286,302,320" " (देवसुन्दर शिष्य तपगच्छ) 276,280,282
322,326,328,330 100,243,290,292,312 जिनदास 256,284
338,340,360 | " " (रत्नसिंह शिष्य) 332 जिनपति
240,282 जिन हंससूरि
40 जानसार 110,114,116,128 जिनपद्मसूरि 220
440
130,140,212,224, जिन प्रभमूरि 32,40,204,220
जिनेन्द्र 414
226,232 222,224,230,234 जिनेश्वर सूरि 82,132,146,302 ज्ञानसुन्दर
302,326 238,240,242,266
ज्ञानेन्द्र सरस्वती
400 जिनोदय मूरि(तिलकसूरिशिष्य) 344 278,334,358,388 जिबच्छराज
344 ट, ठ, ड, ढ, रणजिनभद्र 44,66,348,452 | (वाचक) जीवणदास 486
टीकम मुनि जिन मण्डन
जीवदास
452
ठक्कर फे जिन महेन्द्रसुरि
226 जीवनाथ
ठाकुर प्रसाद जिन रङ्ग जेठमल
ढाढसी मुनि
116 जिन राज सूरि 224,248,296
जैनेन्द्रसागर 192,360 द्रुढीराज
466,476 310,408,430 जैमिनी
476 जिनलाभरि
292 जोगीश
तत्वहंस जिन वल्लभ सूरि
ताराचन्द
454 80,96,168, | जोगेन्द्राचार्य
436 180,182,240,254 | जोरावरमल कायस्थ (पंचोली) 246,
तिलक भट्ट
तिलकाचार्य 44,66,68,76,160 256,258,260,
तेजसिंह गणि
308 262,282,292,3141 | ज्योति ब्रह्मकवि
त्रिविक्रम
480 316,334,410 | ज्ञानतिलक
106 जिनविजय 62,192,282,310 ज्ञान भूषण
186,292 | दयारत्न
346 जिनसमुद्र 176 ज्ञानमेरु
298
(वाचक) दयासागर 138 जिनसागर 248 | ज्ञान विमल (नयविमल) 44,74 | दयासारमुनि
336
328
122
518
458
o
122
N
82
S18/
486
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परिशिष्ट ]
(पण्डित) दयासिंह
दर्शनविजय
दानचन्द्र गणि
दानविजय
13
दासानन्द
दिनकर मिश्र
दिनदनवेश
दिवाकर
(ऋषि) दीप
दीप मुनि
दीपविजय (कवि ) दीपौ
दुर्गवि
दुर्गसिंह
दुर्योद्धन
(कवि ) दूलहमिश्र
(कवि ) देपाल
देवदत भट्ट
देवनन्दी
देवप्रभसूरि
देवभद्र
पृष्ठ
348,350
202,348
342
454
426
486 दौलु
456
300
धनपाल
देव ( विनीत विजय शिष्य )
212
(वाचक) देव
धनराज
222
(संवेगी ) देवगण
66 धनवन्तरी
देवगुप्तसूरि
130
देवचंद 108, 210,212, 226,234
238,248,260,270,272
408
494
298
192
भद्राचार्य (प्रसन्नचन्द्रशिष्य ) देवमुनि (जिनसौभाग्य शिष्य) देवराज
www.kobatirth.org
देववाचक
300 देवविजय
198 | देवसुन्दर
156 देवसुन्दर शिष्य
156
देवसूरि
देवसेन
416
देवाचार्य
देवीचन्द्र
देवीदास
देवेन्द्रमुनि
देवेन्द्रसागर
aaraf 68,74,96,98,100,120
धनेश्वर मुनि
धनेश्वरसूरि
धर्मघोष
धर्मचन्द
14
पृष्ठ
44, 46 धर्मवर्द्धन
120,246,316,328 धर्मसागर 30,32, 160,276,278
422
258 162,316
118
316
धर्मप्रमोदगणि
338 (पाठक) धर्म मन्दिर 334 | धर्म रत्न
350
44
84,86,132,150,234
ध
200,230,398
116,150,176
धर्म तिलक
धर्मदासगण
धर्मनन्दन उपाध्याय
178
225,233,270,302,356,360
408 138,148 144
122,124,136,154, 156, 168 नन्दकिशोर
नन्ददास
नन्दलाल
नन्दसूरि
नन्दिरत्नशिष्य
नन्दीषण
404
धर्मसूरि
11
धर्मसिंह ( धर्मसी ) 106,114
122,152
246,342,410
222,240
290
430
140
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"
काशिष्य
धर्मज्ञ ( उदयधर्म का शिष्य )
(कवि ) धर्म हस
90,92,454 नरपति
15
242 नरसिहरि
258 नवविजय
132,184 नाथूराम
132,212 | नारचन्द्र
214
490
110
नयनसुख 458,460 नमुद ( भावसुन्दर शिष्य ) नयरङ्ग 190,358,360 नयविजय 94102,252 | नयविमल 236,454 नयसुन्दर
258
[525
न
पृष्ठ
342
468
444,448
400
148
106
210
464
258
316
208,262
(देखें ज्ञान विमल )
312,328,342,358
428
408
430
196
314
484,486
Page #542
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[ परिशिष्ट
16
17
18
340
282
516
256
_320
244
86
पृष्ठ पृष्ठ
पृष्ठ नारायणदास
488 परमसुख
484 | प्रद्युम्नसूरि नीलकण्ठ 452,460,478 | परमहंस परिव्राजकाचार्य 490 प्रबोधचन्द्र 480,494,502 | परमान्नद
96,298
प्रभाचन्द्र 116,152,160,272 (मुनि) नेतृसिंह 430 पर शिक्षित सुन्दर
240 प्रभाचार्य
266 नेमीचन्द भण्डागारिय 156,158 | परशुराम
प्रभानन्द
260 नेमीचद (रामजी का पुत्र) 82,136 |
पराशर
484
प्रमोदसूरि नेमीचंद्रसूरि 52,122,136 पाणिनि
426,428 प्रीतविमल
244 नेमीदत्त
पादलिप्ताचार्य
358 (कवि) प्रेम
404 नेमीविजय
पायचन्द
112 प्रेमराज
196,334 प पार्श्वचन्द 2,18,112,140,236
प्रेमविजय
86,260 256,264,266,268 पतञ्जलि
426
270,276,278;280 पदमचन्द
128 पदमचन्द सूरि 304,334
282,284,296,360 फतेचन्द
320 138,296
पार्श्वनाग पदमराज
फतेन्द्र मूरि
208 (वाचक) पदमराज 106 पार्श्वनाथ
212 फतेह सागर
318 पदम विजय 180 पीताम्बर
456 पद्मजिनेश्वर सूरि
92,99 (व्यास) पुक्करदास पद्मनंदी 114,132,142,230 | पुञ्जराज मुनि 226,432,436
(ऋषि) बच्छराज
298 240,262,270,360 (पाठक)पुण्यकीति (कलश) 286,316
बनारसीदास 108,124,138,150 पद्मप्रभ सूरि 304,488 पुण्यनन्दी
328 पद्म मन्दिर गणि
पुण्य महोदय
260
158,172,218 पद्म राज 146 पुण्य रत्न 314,326,340,342 |
वप्प भट्टसरि
222,266 पद्मविजय 222,224,226,270,334
बलभद्र
208 पुण्यराज
506 पद्मसागर 56,226
140,288,342 पुण्यसागर
410
(कवि) बाकीदास पद्मसुन्दर 178 पुरुषोत्तम
बादरायण पद्मसूरि
बालचन्द 488 पूज्यपाद 88,160
138 पद्माकर भट्ट
___486,500 | बालेन्द्र कवि पन्नालाल
228 प्रतापविजय (जिन विजय-शिष्य) 160 | बिहारीलाल (कवि) 412 परम सागर 332 | प्रपातविजय (वीरविजय-शिष्य) 308 J (कवि) बीजा
412
408
94
488
436
पृथुयश
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[ 527
19
20
21
पृष्ठ
510
36
436
पृष्ठ
पृष्ठ बुद्धिसार 304 | भावचन्द्र सूरि 334 मयलसूरि
490 ब्रह्म 82,90,142 भावदेव
200,294,316 | मल्लिनाथ 402,404,414 ब्रह्म रायमल 514 भावनादास
406
416,420 ब्रह्मरूप संवेगी 102,146 | भावमिश्र
460 | मल्लिषेण 156,388,390 ब्रह्मर्षि 244 भावरत्न 306 | महनोतचन्द्र सेन
406 ब्रह्मा जीवाय | भावविजय 54,56,124,226,244 | महाक्षण कवि
448 ब्रह्मा दित्य 486 | भावसूरि
270 | महादेव
468,478 भाव हर्ष सूरि
268 महादेवोक्त 462,490,504,514 भास्कराचार्य 466,468,506,516] महानन्द
216,338 भक्तिलाभ
30,240,270 भुवन रत्नाचार्य 180] महारुद्र
510 " " शिष्य
202 भुवन सोम 310,338 | महिमा मेरू
314 भक्तिविलास
(कवि) भूषण
450
महिमा सुन्दर 154,216 भगवतीदास
110,344 भोजदेव
महीदास भट्ट भट्ट केदार
452,454 भोजराज
महीधरदास
460 भट्ट महादेव
502 भोजसागर
महीप
448 भट्टारक खूबचन्द (खरतर) 418
महेन्द्र प्रभ सूरि
148 भट्टिकवि
412 मकरन्द
महेशदास राठौड़
418 भट्टोसी दीक्षित 430,440 मणिरत्नसूरि
महेश्वर सूरि
116,148 भट्टोत्पल 488,494,500
शणिसागर
278 महेश्वराचार्य
496 488 मतिकुशल
302 माघकवि
420,422 भतृहरी
408,420 मतिचन्द्र 96,98,130,144
माघनन्दि
246 भद्रबाह 30,32,34,36,38,58
| मतिवर्द्धन
106,107 माणकचन्द गर्ग अग्रवाल
352 66,212,220,230,258
मति शेखर
310,322 488,356,398
माणकचन्द्राचार्य
334 मति सागर 200,322,494,850 भद्रसेन 300
माणिक चन्द्र सूरि
450 मति हंस
244 भवानीदास व्यास 320,418
माणिक शेखर
48 मदननृप भानुजी दीक्षित 446
माणिक्य सुन्दर 322,338 मधुकर मुनिराम
286 (कवि) भानुदत्त 416,418,452
माशुर नन्दि
270 मम्मट्ट
450 भारती 402 मलयगिरि 22,24,26,46,78,
276,458 भालमुनि
292
96,102,132,348 | माधवदास दधाडिया' 418
भडुली
460
माधव
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]
[ परिशिष्ट
22
23
24
454
मेरुतुङ्ग
176
178
90
278
518
N
66
00
पृष्ठ
पृष्ठ माधव देवज्ञ
90,240,242,250 रत्नचन्द्र (नन्दिताइय) 452 माधव भट्ट 432,436,460,462 | मेरुनन्दन (मुनिमेरु) 210,240,242
रत्नचन्द्रगणि
276 480 | मेरु मनोहर मुनि
246
रत्नपुरि भट्टारक मानतुङ्ग 238,248,250,252 | | मेरुसुन्दर गरिण 146,152,250,
रत्नप्रभाचार्य 254,266,390
454
रत्न मन्दिर मानदेव 258 | मेरुसमन्त
236 रत्न रङ्गोपाध्याय
328 मानमुनि
मैथिली मधुसूदन
400 रत्नवल्लभ
330 मानविजय 10,222,244,312 | मोतीराम
506, रत्नविजप
246 मानसर्वज्ञ
176
मोहन विजय 226,300,312,324 रत्नवोह मानसागर 208,290,294,332
रत्नशेख र (हेमतिलक शिष्य) 104 मालदेव आनन्द 318
रत्नशेखर (जयशेखर शिष्य) 68,86 मालमुनि 288,304,306
यक्षसूरि शिष्य
310
104,106,154,336, मालशालहोत्र ऋषि 456
यतिसुन्दर 306
348,350 भित्र दामोदर
यशकीर्ति
124] " " शिष्य मिश्र नंदन राम
486 यशोदेवसूरि 68,180 रत्न सुन्दर सूरि
328 मिश्र मोहनदास
424 यशोभद्र 68,70,72,80
रत्नसूरि 124,126,230,430 मुक्ति सागर यशोविजय 84,90,108,136,144
310 मुजादित्य
रत्नसोम
152,160,166,176,178 मुनिचन्द्रमूरि 72,74,90,148,346
214,220,224,226,234
रत्न हर्ष 124,126,230 मुनिदेव (ज्ञानचंद-शिष्य) 268
238,244,248,256,262
रत्नाकर 146,242,258 मुनिदेवमूरि
334 272,278,280,284 रविसागर
198 मुनिमेख 114,290
रसिकनाथ
420 मुनिराज 298
राज कवि 144,226,286 मुनि सुन्दर 82,94,222 | (पाठक) रघुपति
राजकीर्ति
148 " (रत्नचन्दगणि शिष्य) रङ्गविजय
244 | राजवल्लभ (पाठक) 302,320 मेघऋषि | रङ्ग विसङ्घ विसुत
राजशील
168,170 मेघनन्द
रतनचन्द
300 राज शेखर सुरि 298,398 मेधमुनि
230 / रतन मुनि 226,246 (मलधारी) राज शेखर सूरि 424 (वाचक) मेघराज
22 | रत्नचन्द्र (शान्तिचन्द्र शिष्य तपगच्छ) | राज समुद्र ___152,214 मेघ विजय 174,278,514
118,318 | राज सूरि 52,112,262,272
N.
276
"
शिष्य
478
218
94
334
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[
529
25
26
27
पृष्ठ
पृष्ठ
438
346
पृष्ठ (पाठक) राजसोम 154 316,396,438,496 | लालमोहन
344 राज हर्ष 256,286 | रूपचंदगणिशिष्य
198 | लावण्यकीति
212,328 राजहंस 336 रूपभद्र 284 लावण्य विजय
122 राजागाङ्क
504 | रुपविजय 200,238,286,318 | लावण्यसमय 108,118,224,270 राणीदानकव या 410
330,332,346,402 गमच'द्र 118,122,196,330,506
लुकमान हकीम
418 रामचन्द्रशृषि 390'398 लक्ष्मण
256 लोकेशकर रामचन्द्रमुनि 462,464 | लक्ष्मीदास
516] लोलिम्बराज
464 रामचन्द्राचार्य 428 लक्ष्मीधर
492 रामचन्द्राश्रम 438 लक्ष्मीरत्न
| वखत
410 रामद वज्ञ
लक्ष्मीरुचिकर
138 वज्रस्वामि 490
220,394 रामविजय 280,312,320,446 लक्ष्मी वल्लभ 34,36,74,102,226 | वरजाग
304 " (जिनलाभशिष्य)
वररुचि 246,286,316,458 224
430,454 लक्ष्मी सूरि 202,256 वराहमिहिर " (जिनवल्लभशिष्य) 104,176
494,496 लक्ष्मीहर्ष
वर्द्धमान " (विमलविजयशिष्य)
428 लब्धिचन्द्र
474 वर्द्धमानसूरि 122,180,330 " (सुमतिविजयशिष्य) लब्धिरुचि
| वर्द्धमानोक्त
482 (वाचक) रामविजय
लब्धि विजय
292 वाचक वल्लभ गणि रामानन्द स्वामी 392 लब्धिसागर
वल्लभदेव 416,420,422 (ऋषि) रायचंद 140,278,302 | लब्धिमूरि
| वल्लभ सुन्दर
244 314,322,328,332 ललितकीर्ति
286 | वल्लभ सूरि
180,238 रुचिरविमल 322 ललितसागर
वसन्तराज
510 रुणदत्त 456 लाभगणि
वाग्भट्ट
456 रुद्र भट्ट 464 लाभवर्द्धन 312,330,332 वादिदेवसूरि
178 रुद्रयामले उमामहेश्वरसंवादे 396,398 लाभविजय
258 वादिराज
216 रुद्रोक्त
लाभसुन्दर
400 वासुदेव
436 रूडऋषि
लाभसूरि 232,356 वासुनन्दि
88 रूपऋषि
लालचंद 316,516 विजयगणि
416 रूपकवि
82,152,258 विनयतिलक 212,214 रूपचंद 108,238,258,314 | " यति
400 विजयदेव
256
322
246
486
336
320
172
486 262
258
82
| " ऋषि
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530 ]
विजयदेवसूरि
विजयप्रभ
विजयभद्र
विजय लक्ष्मी मुनि
विजय लक्ष्मी सूरि
28
विठमेह
विठ्ठलाचार्य
विद्या कुशल
विद्यानन्द
विद्यापति
विद्याभूषण
विद्यारत्न
विनयचंद्रसूरि
विनयप्रभ
पृष्ठ
जिजयविमल 76,88,144,148,190
विजय शेखर
रिजयसिंह
विजयसिंह - शिष्य
152,256
248
232
206
238,248
विनय भक्ति वाचक विनय विजय
किद्यारुचि
विद्याबर्द्धन
विद्याविलास
विनयचंद 114,188,210,226
236,248,288,300,
152,428
240
450
296
300
232
242
31
विनोदोलाल
विमलकीति
विमल गरिए
विमल भट्ट
विमल विनय
294
विमल सूरि
218
विमलाचार्य
176
418 विशालहंस
430
324
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( हर्ष समुद्र शिष्य )
विनय सागर
विश्ननाथ दैवज्ञ
विष्णु शर्मा
वीरदेव गणि
वीरभद्र
वीर विजय
वीर सागर
वृद्धिविजय
वृद्धिसागर सूरि
वृन्द कवि
330,340,342 वैंकश दैवज्ञ
188,322 वेणीराम
298 वैद्यवाचस्पति
356 वंशलोचन
32,36,148,174
182,222,246,256
270, 314,338,442 शङ्करसेन विनय समुद्र (पार्शचंद शिष्य ) 288 | शङ्कराचार्य
29
श
138,316
पृष्ठ
316
शम्भुनाथ
430 | (वाचक) शान्तिचन्द्र
252
70
118
462
286 | शाङ्ग देव
शाङ्गधर
422 शार्ङ्गधर ति
432 शिव 466,478,492,498,500
468,470,478, शिवचरण
शान्त्याचार्य
शिवलाल 76,78,262,404 शिवशङ्कर 212,226,236,238 शीलगणि
246,248,278,326
480 शिवनिधानगणि
410
322
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460
शान्ति सागर
42,340 शान्ति सूरि 114; 116,122,130
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344,424
198
शुभचन्द्र 52,116 शुभवर्द्धन
398 27 ' शिष्य 236,420 शुभविजय 502 शुभवीर 228,346 शुभशील 462(कवि) शेखर 450 | शेरसिंह
शेष
शेषनाग
शोभन मुनि 396शोभमुनि
शील विजय
शीलां काचार्य
30
[ परिशिष्ट
पृष्ठ
458
26
252
54,56
518
462
458
454
42,164,186
188,206
328
240
56
86
2,4
110,328
148
299
236,280 260,344,424 320,330,334,344
390
420
418
450
222,224,270
308
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परिशिष्ट ]
[ 531
31
32
33
518
सुमति
पृष्ठ पृष्ठ
पृष्ठ शोभाचंद
338 182,184,194,208 सिद्धसूरि
246 श्यामाचार्य
24,26
214,226,248,250 | सिद्धसेन 118 232,254,260,346 श्रीचन्द्र 28,160,162,164
266,268,284,294 सिद्धसेनदिवाकर 178,228 श्रीधर
460 302,310,312,318 सिरदेव
452 श्री निवास योगीश्वर
320,326,336,342 | सिंह तिलक सूरि 190,238,392 श्री पति 474,476,482,484
352,360,400,420
394,398 श्री पति (मुनि) 156 454 मिहमूरि
174 श्रीवल्लभ गणि
446 समरचंद 94,106,244,264 | 1106244.264 | सिंहात्मज
108 श्रीमार मुनि 84,88,90,98,164 समरमुनि
230 सुख
456 168,202,288 समरसिंह 88,454,468 | सुधास्वामी 2,40,
| सुधर्मास्वामी 2,4,6,8,10,12,14 समुद्र गणि 106
16,18,20,28 समुद्रवाचक
328 | सुन्दरदास .
400,424 सकलकीर्ति 158,342 | सयंभव सूरि
46,48,50
82,238,266 सकलचंद उपाध्याय 212,264 1(उपाध्याय) सर्वधर 428 सुमति गणि
276 सकलचंद (हीरविजयशिष्य) 256 ! सर्व राज गरिण
276 सुमतिप्रभ
284 सकल हर्ष
304 | सहजकोति 68,262,312 | सुमति वर्द्धन 100,116,350 संघतिलक (सङ्घतिलक) 118
सहज रत्न
358 | सुमतिविजय
58,226 संघदास क्षमा श्रमण (सङ्घदास क्ष.) (वाचक) सहज सुन्दर
सागरचन्द्र
188,332 सुमतिसूरि
52 संघाचार्य (सङ्घाचार्य) 186
सागरेन्दु-शिष्य
468 सुमति हर्ष गणि
468 (पण्डित) सतीदास साधुकीर्ति 104,210,218,248
सुमति हंस 34,132,286,300 सत्य राज गणि 336 264,286 सुमुखोनसूरि
258 सत्य मागर 330 साधुरङ्ग
सुरिसुनु
452 सदानन्द 438,440 साधुराज
230 सूरत मिश्र 412,450,452,454 सदासागर
118 साधुसुन्दरगणि 286,428 सूरीसागर
304 88,272
साधुसोमगणि समन्तभद्र
134,254
सोनिगिरा मण्डन सायणाचार्य " शिष्य
430 210
सोमचन्द्र
96,150,454 समय मुन्दर 36,40,88,102,104 साहिबसिह
422 | सोमतिलक
296 (समय राज उपाध्याय) 120,132, | सिद्धनागार्जुन
सोमतिलकसूरि 336,360 134,144150,154,156,164 | सिद्धसाधु
92 | सोमनाथ
492
318 | सुमतिसुख
304
__508
436
296 | सोम
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532 ]
[ परिशिष्ट
34
35
36
पृष्ठ
पृष्ठ
ho
424
सोमप्रभ 44,156,168,170 118,132,144,148,152 | हेम
112,498 172,420
156,176,268,324 | (मलधारी) हेमचन्द्र 134,142,192 सोमसुन्दर 74,146,244
348,352,492
262,442 शिष्य 360 हरिश्रीनाथाचार्य
502 | हेमचन्द्राचार्य 66,144,146,178 सोमसूरि 76,78 कवि)हर्ष
408
260,262,306,440 सोमहर्ष
346 || 168,170,216,218
442,444,446,448 सौभाग्यनंदसूरि
198 230,252,258,260 हेमनन्दन
340 सौभाग्यनदि
198 332,426,428,434 हेमभित्ति
340 सौभाग्यविजय
276
454,462,474 हेमरत्न
404 हर्षकुल
4,330,450 हेमरत्नवाचक
390 हनुमान
हर्षकुशल
246,346 हेमराज
252 हयग्रीव
486,488 हर्षचन्द
हेमराजचारण
414 हरकीतिमूरि 448 हर्षनन्दन
हेमविजय 102,230,292 हरखचंद 212,226,298 हर्षभूषण
278,282 हेमविमलशिष्य
212 हर्षरत्नगणि
हेमशीश
134 हरि 95,150 हर्षवर्द्धनगणि
हेमसोमसूरि
68 हरिकर्णशर्मा हर्षशीश
हेमहंसगणि 62,176,446 हरिचरणदास 452 हर्षसागर
हेमाचार्य
188 हरिदेव हर्षसुन्दर
हंस कवि
404 हरिप्रभसूरि हापराज
हंसमुनि
146 हरिप्रसाद 452 हीरकलश
332,340 हंसरत्न
360 हरिभट्ट 480,490 हीररजा
424 हंसराज
460 हरिभद्र 50,66,72,82,84,90/ हीरविजय 284,326
142
94
476
468
206
300
卐
For Private and Personal Use Only
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31
129
सूत्र
11
"
43
For Private and Personal Use Only
- शुद्धि पत्रक - पृष्ठ अनुक्रमांक स्तंभ अशुद्ध
शुद्ध | पृष्ठ अनुक्रमांक स्तंभ अशुद्ध प्राक्कथन पंक्ति 18 किवे किये | 33 31
पांचवी समाचारी तक है , 23 पटक त्रुटक
कठिन पद भंजि कठिन पद-मञ्जिका 27/4
274 35 10 नेयमूर्ति
नेममूर्ति 132
8A 17 13/13 1 अ 13 11
सूरि 66/13 166/13
अस्थ व्यस्थ
अस्त व्यस्त महा/95 महा० 1 अ 5 38 78
52/54
52/4 (अंत में जोड़े) श्याम कायस्थ 39 80
जन्महोत्सव
जन्म महोत्सव प्रणहिलपुर नागरदास 40 112
विषौबधिनाम्नी विषौषधिनाम्नी अमय
अमयदेव 122 2/26
2/216 205 255
सपूण....'कथा संपूर्ण.."कथा सह 62 904 404 45 154
जिनचन्द्रका
जिनभद्र का 75 जवाली
जमाली 13 माहित्ण
साहित्य 105 वि
विश्लेषण 49 40
7470
7970 121 142 1922
1846
1896 120
10 51 50 10 नाग
नागौर 135 11ली,
पाली 69
संपूर्ण सञ्झाय संपूर्ण 12 सञ्झाय 16 156
10/5
1015 98
पाईय 159 -(अंत में जोड़े)
अमयदेव 100 100
110 186 9/94
944 57 119
1137
1657 11 "प्रथम 3 पन्ने कम'' (यह टिप्पणी नीचे
58 129
1324 अनु. 7 के लिये है।
मंपूर्ण 23 14 11
अपूर्ण सुर्यादेव सूर्याभदेव
4 1664
1646 25 309
60 23-4 2 पा 24
3 424 25 46 6 विभ
विभक्तियां 61 1787
71 30 14,17,27 5 अन्तर्वाच्य
अन्तर्वाच्य सह 63 608
107
100 से 55,66,71
64 88 2 1 अ 17
3 4 17
www.kobatirth.org
15
12
स
पाई
54 56
1342
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Page #550
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2 शुद्धि पत्रक ]
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,
191
11
पृष्ठ अनुक्रमांक स्तंभ 65 968
" " 8A 67 1095
128 143
195 73 196 74
233 75 240
261 __11
की
__31
www.kobatirth.org
46 से 54 46 10 7,113 4 11
अशुद्ध
शुद्ध पृष्ठ अनुक्रमांक स्तंभ क्रम गुटका 6
गुटका-क्रम-6 । 95 182 11 23x20x21X38
96 190 3 पौष
पौषध लगभग
लगभग है)
97 190 वदित्
वंदितु क्षामण
क्षमापरणा
102 283 3 क्षामरगा
क्षमापणा | 104 290 3/281
2/281
294
| 106 308 वृतिये
वृत्ति के को
330 ग्रंथाय
ग्रंथान
107 310 पिंड विशुद्धि
पिंड वशुद्धि
110
358 1775
1475
112 388 अध्यात्मक.
अध्यात्म
410 से 17 1 14
24 पुङ्गल
पुद्गल
388 (...422)
ग्रं.422
409-11 10
17 114 440 2 नियुक्तिकार
नियुक्ति की
119
490 8A देवता
देशना 23x20x21x38
524 10/95
19/95 122 ब्रह
ब्रह्म 124 53 गुकित
गुफित 127 604 8A (12 प्रक्षिप्त) (ये शब्द हटा दें) 128 633 2 दीपाविजय
दीपविजय 131 663 6 उठायणा
उठामणा | 132 670
अशुद्ध
शुद्ध
उठामरणा सूक्ष्म विचार सार सूक्ष्मार्थ सार्द्धशतक विचारसार
आगमिक वस्तु प्रागमिक वस्तु
विचारसार +देखे पन्ना 168/
प्र० 1168 केशी दिपंताशि का केशी द्विपंचाशिका गरणधरावद
गरणधरवाद जिन बल्लभ
जिन लाभ गुणस्धान
गुणस्थान समुन्द्रगणि
समुद्रगणि शिव्य
शिष्य गुरणस्थाय
गुरणस्थान प्रोसियां
प्रोसियां 3 इ 191 19/99
19/97 10,11-13,14, 11,12-14,15,
15,16,17 16.17,18 सं.मा.
प्रा.मा. 19/2वीं
19/20वीं 2/336
2/331 16 65
650 344
345 253
553 53
573 19
39 5/133
15/133 ()
दार्शनिक व प्राचार इन्द्रदेव
इन्दुदेव
For Private and Personal Use Only
7 18
57
21
26
"
8A
77 60 80 111 117 155 157 168
93
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
10
, 94
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For Private and Personal Use Only
पृष्ठ
132
17
133
""
142
"
अनुक्रमांक स्तंभ
134
703
135
701
137
728
138
740
139 749
141
"
676
"3
182
193
"1
680
681
674
680
808-9
819-20
146
858
152 947
154
976
158
1018-20
161
1046
168 1167
1179
169 1168
177
17
178
27
28
781-2
34 43
221-2
1
4
19
,,
9
79
3
10
11
2 11
8 A
2
2
2
2
2
4
6
2
4
6
11
2
2
A WANI
3
6
प्रशुद्ध
576
जिनेश्व सूरि हरिभद्र ? स्वोपज्ञ
(,, ?)
67 ढाले
पां सूत्र
वृत्ति
1993
13 से 47
11/35
स्थाय
141
521
10/56
14/42
33/7
भंडारी नेमीचंद
दज्ञानादि
26+13×17 / 26 × 13 × 17 /
51 x 43
15 x 43
14/1
5/21
10/96
14/12
23/7
भंडारी नेमीचंद
ज्ञानादि
101
संग्रगृही
कठिन निराकरण
"
""
शुद्ध
676
जिनेश्वर सूरि अज्ञात (हरिभद्र ? )
,,/ हरिभद्र
2/18
14/39
मद्ममेरु
दीप
शस्त्र
6 ढाले
पांच सूत्र लघुवृत्ति 1593
13 से 478
11/45 रचनायें
141
संग्रहीत
कर्म सिद्धान्त
नामादि का पता नहीं पड़ा
महावीर 6 आ. 4 के. नाथ 14/39
पद्ममेरु
टीप
शास्त्र
पृष्ठ
199
201
203
204
206
207
208
"
209
217
218
219
220
229
230
دو
232
233
234
235
237
238
241
"1
243
244
245
""
"1
अनुक्रमांक
325
355
375
394
435
468
472
457
81-6
136
123
154
277
294
303
323
324-5
350
351
384
404
423
437-8
449
464
479
482
489
स्तंभ
10
9
6
3
2
11
2
37
10
9
2
11
7
11
2
""
2
8 A
2
11
11
3
11
9
II
2
11
9
10
अशुद्ध
1762
154 गा.
शमन विधि
विधिप्रभा
11/39
द
9/18
16
1833
भिन्न
345
1 । रंभ
प्र.
336
6/12
3 इ 223
17 x 47
24/ 0
जयति
-
स्वव
मणिभद्रचंद
94
प्रशक्ति महारीर
दो
डाल
लाभद
शुद्धिपत्रक 3
शुद्ध
1716
145 गा.
शयन विधि विधिप्रपा
11/31
दो 9/118
163
1883
भिन्न भिन्न 63/93
354
प्रारंभ
प्रा.
देखे पृष्ठ 259
536 6/112
3 इ 323
26 x 11
54/10 जयतिहुश्ररण
कवि जैन धर्मी है ।
स्तव
मणिभद्र छंद
45
प्रशस्ति महावीर
दोनों ढाल
लाभचंद
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Page #552
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________________
4 शुद्धि पत्रक ]
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पृष्ठ अनुक्रमांक स्तंभ 246 4933 515
2 247 503
507 8A
873
अनुक्रमांक स्तंभ 847 853 885 886 888-947 948-72 973-1166 16
248
250
21
233
252 254
279
www.kobatirth.org
515 529 550 563 582 610 623 624 623 682 697 738 743 736
अशुद्ध
शुद्ध | पृष्ठ शंखेश्वव
शंखेश्वर |
270 16/187
15/187 | एकादश का
एकादशी की | 13
23 गागा
गाथा - अंत में सचित्ताचित्त सज्झाय
274 असल
असल (प्रथमादर्श) 348
248
276 21 से 24
21 से 44 235
277 पार्श्वदेव
,,/पार्श्वदेव (,)
, 3 पा 48 15/33
____15/233 1662
1962 282
देखें पृष्ठ 228 वृहत नवकार नमस्कार वृहत् नवकार
284 हेमचन्द्राचार्य हेमचन्द्राचार्य 285 वीरभद्र/हेमचन्द्र (वीरभद्र ?) हेमचन्द्र मूलहेमचन्द्राचार्य (ये शब्द हटा दें)
286 का है
288 18वीं
18वीं देखें पृष्ठ 262,
396, 376 भक्तिभर
मत्तिभर
16
53 देखें पृष्ठ 256/ 292
प्र. 656-9 | 293
255
For Private and Personal Use Only
अशुद्ध 15/82
15/182 323
223 783 26/10
26/103 14-42; 86% 14/42-796; 70 कार्ड में 70 (बीगत कार्ड में)
(बीगत कार्ड में) 11/88
21/88 दीपिका
दीपिकासह कठिन...समाधान साधुजीवनियाँ (अंत में जोड़े) 4 अविभाग का
ग्रंथ है। पूत्तिपूजा
मूर्तिपूजा 120
102 22 स्वोपज्ञ धर्मसागर (स्वोपज्ञ) सेनसूरि
विजयसेनसूरि 487 ढाल
48 ढाल 12
15 (G) (अंत में लिखें) 2 प्रति. 5/58
5/88 43/3
34/3 जय
जप 1) G)
संपूर्ण 16 दृष्टांत
कथानक प्रामत्यकी क्रीड़ा आमलकी क्रीड़ा प्रयियां
प्रतियां
6,62 हहीसिंह
हछिसिंह
12
6 34-5 48-9 91 117-8
5 8 34-5 39 45
258 260 262
8A
263
265 267
768 786-91
11
269 813 •, 8158A
827 835
26 35
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67
72-4 102-3 94
6/6
10
Page #553
--------------------------------------------------------------------------
________________
[ शुद्धि पत्रक 5
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अशुद्ध
पृष्ठ 294
30
| पृष्ठ
328 329 329
अनुक्रमांक स्तंभ 591 590 598
3413 14
296
95 3313
24 26 156
"
602
297 298
330
36 165 80
331
10
299 302
620 621 653 632 641 642
निमलवसही
विमलवसही जीवनी, विक्रमादित्य पुत्र
जीवनी
सं.
,, विक्रमादित्य पुत्र
52
303 304
मा.
644 647
(..) ()
For Private and Personal Use Only
अनुक्रमांक स्तंभ अशुद्ध 124 264
246 128-30 15/50
14/50 156 120
102 164 29/65
19/65 1538A 16
26 181 व 3
गणधर साद्ध शतक देखें 182 के बीच में
पृष्ठ 276 183 1171
1711 234 3927
4 427 241 24/5
42/5 247
25 274 24/53
24/43 283 109
106 260 ग्रं. 300
ग्रं. पूरे के 3000 261 () ()
सं. 21 उद्देशक 263
मा 264
मा 293 43/3
41/3 297 2 /4
23/4 कथानस
कथानक 463 487 488
ग. दाल
ढाल 496 भोच चरित्र
भोज चरित्र 534-5 10 18/18 वीं
18/19 वीं 569 10 19 वीं दीप विजय 19 वीं जैनापुर
दीपविजय 573 1945
1845
305
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प्रा. मा.
सं. शासनदेवी
650
670
सनदेवी
प्रा
682
698
306
1853 सत्नकुमार 34
1835 सनत्कुमार
14
331
48
42
309 319 320
28
342
प.
337 338 747 339 719-218
739 8A
7862 343 785
785 8A 344816 346 350 50 2 351
11
2
490
10/3
saad
29/91
61/91 23x20x21x38 10/ 18/56
18/65 1/140
2/140 सिरिवीर जिणंदिय सिरिवीर
जिवंदिय 123 पमा
123 उपमा
325 327
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6 शुद्धि पत्रक ]
शुद्ध
पृष्ठ
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शुद्ध
पृष्ठ अनुक्रमांक स्तंभ 35281 356 149 2
, 151 3
2/363
अशुद्ध । 2 अ 263 4 प्रा 13 परिविउपाय बीसविरहमान
403
4 या 16 परिधिउपाय बीसविहरमान
404
157
7
मा.
प्रा.
361
229 3628
405
32
364
408
अनुक्रमांक स्तंभ 42 2 51 11 75 व 76 3 ___ के बीच 67 83 104 108 113 124 111 142 153 157 173 203 208 224
365
19
अरिष्टनेमि को वचन अरिष्टनेमी को
नमन सेवा मंदर 41 6 सेवा मंदिर 5416 23/21
22/21 भक्ति गीत
साहित्यिक काव्य
भाग 7 (अ) का ग्रंथ है 4 9 10
5 अ 10 1882
1822 गु 9 35 के नाथ (?) के. नाथ गु 9 गु 26
गु 26/8 80
30
409 410 411
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40 69
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हेतु
अशुद्ध 6 इ9 सर्ग श्लोक सर्ग 50वें श्लोक
गीत गोविन्द देखें
पृष्ठ 364
प्रतिपूर्ण 54/1
45/1
323 54/4
45/4
गु. दे. 5 5ग्रा
3 मा 5
10 छीहल
छीहल (विव्हल) विगहिणी गीत विरहिणी गीत
__ काल 6 इ2 ए
9 इ29 1043
1083 ऐति
ऐतिहासिक [उपर से मू.टी.(प.ग)"
शब्द यहाँ लाकर पढे] मनावज्ञान
मनोविज्ञान विठमेह
विठुमेह राठौड़ महशदास राठौड़ महेशदास?
(खड़ियाजगा) पौराणिक पौराणिक काल से नैनिक
नैतिक गु. 10 सोमप्रभाचार्य सोमप्रभाचार्य (स्वोपज्ञ) वैरुग्य
वैराग्य
369
84
25
366 367 368
8A 374 1552 378 199 , 384 30 1
50,52,53 3 385 160 . 6 388 874 390 1225 391 1219 392 154-5 400 64 401 5 10 402 203
412 414 415 416
417 418
,
238 242 256
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आम्नाय जिण प्रभसूरि ग. मं.. त्र 3 यं स्तोत्र अमरुक बखत सागरण ऐतिहासक
जैन आम्नाय जिन प्रभसूरि ग. मं. यंत्र
3 यंत्र स्तोत्र 2 प्रति
अमरु बखतसागरण ऐतिहासिक
261 265 277
गु. 10/6
291
Page #555
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| शुद्धि पत्रक 7
पृष्ठ
अनुक्रमांक स्तंभ
अशुद्ध
9
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4
अशुद्ध शाई घर भाग/विभाग
| पृष्ठ अनुक्रमांक स्तंभ 462 117
468 से शीर्षक 1514 तक 468 47 474 117
शाङ्गधर विभाग
423 292 424319
330-7 347 348
338 426 25 428 429
48 गा. समुदाय गु 11/11 हितपदेश हीर रांजा
दैवज्ञ
425
148
अनिटकारिका 698
476 479
481
484
कश्चित् अर्थ स रत्लसूरि...धर्मसंज्ञ
430
486
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74 151 199 466-7
233 265 278 301
448 गा.
सानुवाद गु. 11/12 हितोपदेश हीररंजा
19 वीं (अनिटकारिका व)
6 अ89
व्याकरण किञ्चित् अर्थ सह
उदयधर्म (रत्नसूरि शिष्य) उपसर्ग कारकादि धातु पाठ सटीक
सटीक
266-7 महाक्षपण कवि
1643
छंदशास्त्र सं. 4 आश्वास
1886 यमकप्रधान 1834 व 19 वी के. नाथ 27/47 शाल होत्र ऋषि
कृतन कुल
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434 438 444 448 449 451
488
दूवज्ञ केभव पद्धत्ति
केशव पद्धत्ति मार्गेण
मार्गे । 6/4
कोलड़ी 6/4 निकालके का निकालने का व तसुन्दर
बखत सुन्दर नवामन्दिर
सेवामन्दिर नारचन्द्रसूरि
नरचन्द्रसूरि नारचन्द्र
नरचन्द्रसूरि काशीनाश
काशीनाथ मुक्तमोग्यदथा मुक्तभोग्यदशा विधि
विधि 23x20x21x38 वधु प्रवेध
वधु प्रवेश बर्ष भविष्य
वर्ष भविष्य (,)
वराह मिहिर ज्यातिष
ज्योतिष उपाध्यय
उपाध्याय भूमि शिक्षा
भूमि परीक्षा पन्न
पन्ना भरतवाद
भरतनाट्य
उपसर्गादि सटीक सदीक 466-7 महाक्षण कवि 1664 अलंकार शास्त्र संपूर्ण 1866 1मकप्रधान 19 वीं (,) 27/47 शाली होत्र ऋन
64
65 14
453
25
489 293 494 331
380 498 412 504
शीर्षक 506 553 51037 3 511 26 1 519 1411
37 38
3-4
455 456
0
कुल
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12
457 459
411
64
तव
तक
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380 वें पन्ने के अन्त में जोड़कर पढावें क्रमांक | स्रोतपरिचयाङ्क । ग्रन्थ का नाम
3
भाग :5 जैनेतर धार्मिक-न्यायदर्शन नाम रोमन लिपि में ग्रन्थकार का नाम व | स्वरूप 3A
परिचय 4 5
252 कोलड़ी 1009 न्याय सूत्र सहवृति Nyava Sutra with Vril गौतम ऋषि/? + (ग 253-4 महा.6प्रा 14,7 | न्याय दीपिका 2 प्रति | Nyaya Dipika 2 अभिनव धर्म भूषण | ग
255| केनाथ 29/65 | न्याय बोधिनी (तर्क संग्रह) Nyaya Bodhini 256 , 29/74 | न्याय सिद्धान्त दीप , Sidhanta Dipa
शशधर शर्मा 257 , 29/77 | , , मंजरी | ., Manjari
जानकीनाथ शर्मा 258| महावीर 6प्रा20 भाषा परिच्छेद Bhasa Paricebeda
विश्वनाथ पंचानन भट्ट मू. प 259 कोलड़ी 975 260/ 1259 | भाषा परिच्छेद की टीका
स्वोपज्ञ
|" , ki Tikal 261-2 केनाथ 2/9;2/25 ! ,, ,, 2 प्रति 263|कोलड़ी 838 / मुक्तावली
Muktavali
दिनकर 264/i, 1117 | मुक्तावली प्रकाश
महादेव Prakās'a
381वें पाने के अन्त में जोड़कर पढ़ावें
भाग 5 जैनेतर धामिक-प्याय दर्शन विषय संकेत भाषा| पन्ने । नाप पंक्त्याक्षर
परिमाण । प्रतिलेखन | विशेष ज्ञातव्य 7 8 लंxचोxxअ.8AI
संवतादि 101 षट् दर्शन में एक
26x11x25x57 | संपूर्ण 5 अध्याय 18वीं
11
न्याय ग्रंथ
12,4526x12 व 28x13
19/20वीं
गौतम सूत्र टीका
| 30x14x11x35 शब्द खंड पूरा
1879
न्याय सूत्र दार्शनिक
| 26xiix 13x50 | अपूर्ण
19वीं
न्याय ग्रन्थ
4 | 24x13x13x44
,
19वीं
न्याय खंडन मंडन
X
25 x 11 x 14 x 33 | संपूर्ण 160 श्लो. 1801 33 x 14x 13 x 45 ,, 167 ,, | 19वीं
X
126x12x13x44 | संपूर्ण
1796 उदयपुर सिद्धांत्तमुक्तावली 19वीं
| 25x12 व 23x10
नाम्नी
न्याय ग्रन्थ |, 78 | 26 x 11 x 12 x 45 | , ग्रं. 2 300 | 1868 जोधपुर
मानकचंद 68 | 26x IIx12x38 ] अ. प्रत्यक्षखंड 19वीं बीच के त्रुटक ग्रं.2000
पन्ने ( कृपया पृष्ठ 378-79 की प्रविष्टियां क्रमांक 211 से 216 उपरोक्त प्रविष्टि 264 के बाद पढावें)
19वीं
बीच
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