Book Title: Jodhpur Hastlikhit Granthoka Suchipatra Vol 01
Author(s): Seva Mandir Ravti
Publisher: Seva Mandir Ravti
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Page #1 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 77 USA नाम भण्डार जोधपुर (राज हस्तलिखित ग्रन्थों का सूची-पत्र प्रथम खण्ड सेवामंदिर रावटी, जोधपुर-342 024 (भारत) For Private and Personal Use Only Page #2 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra जैन मन्दिरों के ज्ञान भण्डार जोधपुर हस्तलिखित ग्रन्थों का सूची पत्र प्रथम खण्ड संकलन कर्त्ता : कार्यकर्तागण : www.kobatirth.org जिनदर्शन प्रतिष्ठान ग्रन्थ क्रमांक २ सेवा मंदिर रावटी, जोधपुर 342 024 राजस्थान (भारत) Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir -- Jñana Bhandaras of Jaina Temples JODHPUR CATALOGUE - कृतज्ञता ज्ञापन भारत सरकार के राष्ट्रीय अभिलेखागार ने इस सूची पत्र के मुद्रण व्यय की 75% राशि के अनुदान की स्वीकृति प्रदान की है जिस कारण इसका मूल्य लागत का चौथाई मात्र ही रखा है। Handwritten Manuscripts' समर्पण राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान जोधपुर के प्रथम निदेशक स्वर्गीय पुरातत्त्वाचार्य मुनि श्री जिनविजयजी को समर्पित जिन्होंने पूरे जीवन पर्यन्त पुरातत्त्व की अथक सेवा की । For Private and Personal Use Only Vol. I Compiled by :Inmates of Seva Mandir Raoti, JODHPUR 342 024 Rajasthan, India Page #3 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रकाशक संचालक सेवा मंदिर रावटी, जोधपुर 342 024 वितरक सत्साहित्य वितरण केन्द्र सेवा मन्दिर रावटी, जोधपुर 342 024 (राजस्थान) भारत मुद्रक राजश्री प्रिन्टिग प्रेस, नागौरी द्वार के अन्दर जोधपुर 342 002 प्रथम प्रवेश संस्करण विक्रम संवत् 2045, वीर संवत् 2514, शक संवत् 1910, ईस्वी सन् 1988 500 552 प्राकार रॉयल ऑक्टेव (20 x 30 आठ पेजी) रु० 8,000 मूल्य 13,000 कागज (20 x 30 मेपलीथो 13.6 Kg) 37 रीम कंपोजिंग, छपाई व प्रूफरीडिंग 69 फर्मे जिल्द बंधाई व भाड़ा तोड़ा कुल व्यय 5000 26,000 1 प्रति की लागत 52.00 विक्रय मूल्य चौथाई रु. 13.50 निवेदन 1. पुस्तक विक्रेता अपना नफा खर्चा अतिरिक्त लेगा। प्राक्कथन में दिये संकेत अवश्य पढ़ें। 3. पुस्तक के अन्त में प्रशुद्धियों का शुद्धि पत्र छपा है । 4. इस पुस्तक पर किसी भी प्रकार का अधिकार प्रकाशक ने स्वाधीन नही रखा है। 5. पात्रता देखकर हो पुस्तक दी जावेगी। For Private and Personal Use Only Page #4 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir -विषय सची भाग विभाग विवरण राजकीय प्रति विषय क्रम संख्या (1) जन प्रागम :(अ) अंग सूत्र : आचाराङ्ग सूत्र कृताङ्ग स्थानाङ्ग समवायाङ्ग व्याख्या प्रज्ञप्ति (भगवती) ज्ञाताधर्मकथाङ्ग उपासकदशाङ्ग अन्तकृतदशाङ्ग अनुत्तरोपपातिकदशाङ्ग प्रश्न व्याकरण विपाक (प्रा) अंग बाह्य सूत्र : (i) उपाङ्ग : प्रोपपातिक राजप्रश्नीय जीवा जीवाभिगम प्रज्ञापना जंबू द्वीप प्रज्ञप्ति चन्द्र प्रज्ञप्ति सूर्य प्रज्ञप्ति निरियावलियादि पञ्चोपाङ्ग (ii) छेद सूत्र : निशीथ 13 21 बृहत्कल्प 140 व्यवहार दशाश्रुत स्कन्ध (कल्प सूत्र सह) पंचकल्प महानिशीथ जीतकल्प (iii) चूलिका व मूल : नंदी अनुयोगद्वार दशवकालिक उत्तराध्ययन श्रोध नियुक्ति (iv) आवश्यक सूत्र व पाठ: (v) प्रकीर्णक : (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार : (अ) तात्त्विक प्रौपदेशिक दार्शनिक (आ) न्याय 270 62 1289 42 82 176 For Private and Personal Use Only Page #5 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir | राजकीय प्रति विषय क्रम संख्या पृष्ठ भाग विभाग विवरण (3) जैन भक्ति व क्रिया : (अ) धार्मिक विधि विधान व पर्व-व्रत कथायें (आ) स्तवन, स्तुति स्तोत्रादि भक्ति रचनायें (इ) सांप्रदायिक खण्डन-मण्डन (4) जैन इतिहास व वृतान्त : (अ) जीवन चरित्र व कथानक (ग्रा) ऐतिहासिक, भौगोलिक व अन्य वृतान्त (5) जैनेतर धार्मिक : (अ) वेद 482 1215 121 180 210 276 , 827 240 284 346 4 स्मति 362 362 364 368 374 380 (6) 382 354 273 इतिहास व पुराण दर्शन व न्याय भक्ति (ऐ) तन्त्र मन्त्र, तन्त्र, यन्त्र साहित्य व भाषा : (अ) काव्यादि साहित्यिक ग्रन्थ (आ) व्याकरण शब्दकोश छन्द, काव्य व भाषा शास्त्र (उ) अलंकार आयुर्वेद (वैद्यक) :-- (9) ज्योतिष व निमित्त :(अ) ज्योतिष-(i) फलित (ii) संगणना (iii) मूहूर्त (iv) प्रश्न शूकन, सामुद्रिक व अन्य निमित्त विद्या (इ) गणित शास्त्र (10) अवर्गीकृत शेष : कला, सामाजिक ज्ञान, जड़ विज्ञान, ज्ञान कोशादि 400 426 444 450 19 454 23 ___456 24 24 24 606 466 _____508 17 516 89 17 से 22 व 25 28 516 कुलप्रतियां 7,350 520 परिशिष्ट :- 1 प्रन्थकारों की सूची (अकारादिक्रम से) शुद्धिपत्रक For Private and Personal Use Only Page #6 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ० प्राक्कथन ० सेवामन्दिर जोधपुर के रावटी स्थित जिनदर्शन प्रतिष्ठान द्वारा देश के इस भू-भाग में आये जैन ज्ञान भण्डारों में और यत्र तत्र बिखरे पड़े हस्तलिखित ग्रन्थों के बारे में कुछ वर्षों से एक परियोजना क्रियान्वित की जा रही है जिसके कतिपय पहलू निम्न प्रकार है (i) प्राधुनिक ढंग से इन ग्रंथों का पूर्ण बीगतवार सूचीकरण और उन सूची पत्रों का मुद्रण; (ii) ग्रन्थों का संग्रहण मौर भण्डारों का विलीनीकरण; (iii) प्रतिप्राचीन, जीर्ण, प्रथम प्रादर्श, अद्यावधि प्रमुद्रित, दुर्लभ, सचित्र प्रत्यन्त शुद्ध संशोधित या अन्यथा महत्वपूर्ण ग्रन्थों का फोटु प्रतिबिम्ब या फील्मीकरण; (iv) ग्रन्थों के वैज्ञानिक ढंग से भण्डारीकरण एवं संरक्षण हेतु आवश्यक सलाह, सहायता व साधन सामग्री का वितरण । इस परियोजना के अन्तर्गत अब तक निम्न ज्ञान भंडारों से लगभग एक हजार चार सौ हस्तलिखित ग्रन्थ रावटी भण्डार में आ गये हैं (i) यशोसूर व केशरगणि ज्ञान भण्डार श्री महावीरजी जैन मन्दिर पुरानी मण्डी जोधपुर 833 प्रतियां (ii) श्री मुनिसुव्रत स्वामी जैन मन्दिर क्षेत्रपाल चबूतरा पुरानी मण्डी जोधपुर 317 प्रतियां (iii) श्री तिवरी मन्दिरजी, श्री देवेन्द्र मुनि श्री प्रकाशजी बाफरणा व अन्यों से भेंट/क्रय 238 प्रतियां 19 129 86 4 योग 1388 प्रतियां सूचीकरण व सूची पत्रों के मुद्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रथम ग्रन्थ के रूप में जैसलमेर के पांच ज्ञान भण्डारों का सूचीपत्र मुद्रित होकर प्रकाशित किया जा रहा है और द्वितीय ग्रन्थ के रूप में जोधपुर शहर के निम्न जैन मन्दिरों के ज्ञान भंडारों का यह सूचीपत्र तैयार होकर प्रकाशित किया जा रहा है । (i) श्री केशरियानाथजी मन्दिर दफ्तरियों का मोहल्ला मोती चौक जोधपुर (ii) श्री चिंतामणि पार्श्वनाथजी मन्दिर कोलड़ी, नवचौकिया जोधपुर (iii) श्री कुंथुनाथजी का मन्दिर सिधियों का मोहल्ला जोधपुर (iv) श्री वर्द्धमान जैन मन्दिर तीर्थ यां जिला जोधपुर तथा उपरोक्तानुसार रावटी में स्थानान्तरित (v) श्री महावीर स्वामी मन्दिर पुरानी मण्डी जोधपुर (vi) श्री मुनिसुव्रत स्वामी मन्दिर क्षेत्रपाल चबूतरा पुरानी मण्डी जोधपुर (vii) श्री सेवामन्दिर रावटी भण्डार के अन्य ग्रन्थ For Private and Personal Use Only सूचीपत्र में स्रोत संकेत के०— को० कुं० प्रो० म० मु० - से० इस सूची पत्र में 7,350 ग्रन्थों का सूचीकरण किया गया है और जैसा कि सूची पत्र के अवलोकन से स्पष्ट है अधिकतर ग्रन्थ पन्द्रहवीं शताब्दी के बाद के ही है । इसका कारण है कि जोधपुर शहर विक्रम संवत् 1516 में ही बसाया गया था और उसके बाद ही ये भंडार स्थापित हुवे हैं । श्रोसियां मन्दिर का भण्डार भी Page #7 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अधिक पुराना नहीं है । इन भण्डारों की स्थापना का विशेष कोई इतिहास प्राप्य नहीं है। श्री महावीर स्वामी मन्दिर के भण्डार खरतर गच्छ के प्राचार्य श्री यशसूरिजी व उनके शिष्य श्री केशरमरिण द्वारा विक्रम की 20वीं शताब्दी में व्यवस्थित रूप से संकलित किये गये थे । केवल श्री कुंथुनाथजी के मन्दिर के भण्डार को छोड़कर ( जो कि पायवन्द गच्छ के प्राचार्य श्री पार्श्वचन्दजी द्वारा स्थापित किया हुम्रा प्रतीत होता है ) बाकी के सब भण्डार जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ की ग्राम्नाय वालों द्वारा स्थापित व व्यवस्थित है और इसी कारण प्रायः करके सभी भण्डारों के ग्रन्थ एक सरीखे ही है । यह सूची पत्र किस प्रकार बनाया गया है तत्सम्बन्धी जानकारी व स्पष्टीकरण निम्नलिखित " संकेत" में दिये जा रहे हैं इस सूची पत्र का सही रूप में उपयोग हो सके उस वास्ते उस लेख को ध्यान पूर्वक पूरा पढ़ लेना अनिवार्य है । उस पर भी यदि मुद्रित जानकारी व सूचना से किसी ग्रन्थ के बारे में पाठक वृन्द को संतोष न हो, शंका हो या विशेष जिज्ञासा हो तो प्रार्थना है कि हमसे सम्पर्क करें | प्रति आदि उपलब्ध कराने में और उन्हें हर प्रकार से सहयोग देने में हम हमारा अहोभाग्य समझेंगे | • संकेत ● मोटे तौर पर यह सूचीपत्र प्रचलित केटेलोगस केटेलोगोरम (Catalogus Catalogorum) पद्धति व भारत सरकार द्वारा निर्धारित प्रपत्रानुसार बनाया गया है । ग्रन्थों का विभागीकरण विषय सूची के अनुसार है । वह भी लगभग सरकारी विषय विभाजन से मेल खाता है । चूंकि यह सूची पत्र जैन ज्ञान भण्डारों का है इसलिये इसमें जैन ग्रन्थों की बहुतायत है । यद्यपि सरकारी प्रपत्र के अनुसार सभी प्रकार के जैन ग्रन्थों को केवल एक ही भाग नम्बर सातवें में डाला जाता है परन्तु हमने आवश्यक समझकर इन जैन ग्रन्थों को चार भागों (1 से 4 ) में बांटा है जिनके पुनः क्रमश: 2+2+3+2 कुल मिलाकर 9 विभाग किवे हैं और पहिले भाग के दूसरे विभाग के पांच उपविभाग किये हैं । अत भाग 1 से 4 तक सभी विभाग व उपविभाग मिलकर सरकार द्वारा निर्धारित सातवें भाग केही अन्तर्गत प्राते है । भाग 5 जैनेत्तर धार्मिक ग्रन्थों का है जिसमें सरकार द्वारा निर्धारित भाग 1 से 10 (केवल उपरोक्त भाग 7 छोड़कर) इन 9 भागों के ग्रन्थों का समावेश है और उन्हें क्रमश: (प्र) से (प्रो) तक विभाजित कर दिया है। इसी प्रकार इस सूची पत्र के भाग 6, 7, 8 और 9 में क्रमश: सरकारी निर्धारित भाग 11, 12 से 16, 23 व 24 के ग्रंथों को अलग-अलग दिखा दिया है। और चूंकि भाग 17 से 22 व 25 तक के ग्रन्थ बिल्कुल थोड़ हैं अतः उन्हें इसे सूचीपत्र के प्रन्तिम भाग 10 में अवर्गीकृत शेष रूप में दिखा दिया गया है । I जैन ग्रन्थों के भाग विभाग व उपविभाग के शीर्षकों को देखने से सारा विभाजन लगभग स्पष्ट हो जावेगा | हम आगमों की संख्या के विवाद में नहीं पड़ना चाहते है और जो कोई भी ग्रन्थ किसी भी सम्प्रदाय द्वारा आगम माना जाता है वह हमने ग्रागम में ले लिया है। चूंकि सांप्रदायिक खण्डन मण्डन विशेषकर धार्मिक क्रिया काण्ड से सम्बन्ध रखते हैं अतः इसे उस भाग का ही एक विभाग बना दिया है । तथा अमुक ग्रन्थ किस विभाग में डाला जाना चाहिये इस बारे में कई बार एक से अधिक मत संभव होते है अथवा एक ही ग्रन्थ में विविध प्रकार की विषय वस्तु होती है अतः एक दम निर्विवाद शुद्ध विभाजन असंभव हैं। और जो विभाजन किया गया उसके लिये एकान्त रूप से हमारा प्राग्रह भी नहीं है । For Private and Personal Use Only Page #8 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सूचीपत्र के स्तम्भों में दी गई सूचना को मुख्यतः दो भागों में बांट सकते है--कुछ स्तम्भों की बीगत तो उस ग्रन्थ से सम्बन्ध रखती है और कुछ स्तम्भों की बीगत उस प्रति विशेष से ही सम्बन्धित है। अब हम प्रत्येक स्तम्भ का थोड़ा विश्लेषण करना उपयुक्त समझते हैं स्तम्भ 1-क्रमांक : इसमें हमने विभागीय, या जहाँ है वहाँ उपविभागीय क्रमांक दिया है। सामान्य अनुक्रमांक सारे ग्रंथ तक एक ही चालू रखा जा सकता था परन्तु हमारी गय में विभागीय संख्या का महत्व अधिक है और मुद्रण आदि में सुविधाजनक भी है । वैसे विषय सूची में कुल प्रतियों की संख्या का योग आ ही गया है। साधारणतया हर प्रति की अलग प्रविष्टि करके विभागीय क्रमांक दे दिया गया है। परन्तु कई ग्रंथों की अर्वाचीन प्रतियाँ जो अति सामान्य हैं और पाठ भेद प्रादि दृष्टियों से महत्वहीन हैं उनकी प्रविष्टि एक साथ कर दी गई है लेकिन वहां भी जितनी प्रतियां हैं उतने क्रमांक दे दिये है । (देखिये पृष्ठ 170 सिंदूर प्रकर सात प्रतियें एक साथ में क्रमांक 120! से 1208) । इस तरह सूची पत्र को अनावश्यक रूप से बड़ा नहीं होने दिया है। इसके विपरीत जिस संयुक्त प्रति में एक से अधिक उल्लेखनीय ग्रन्थ हैं उन सभी ग्रन्थों की अलग अलग प्रविष्टियां विभागानुसार अकारादिक्रम से बीगतवार यथा-स्थान कर दी है और क्रमांक दे दिये है। और चुकि ऐसी प्रत्येक प्रविष्टि में पन्नों की संख्या पूरी प्रति की ही लिखी है, जो भ्रमोत्पादक न हो जाए इसलिये पन्नों की संख्या पर* तारे का चिन्ह लगा दिया है। तथा जहाँ अावश्यक समझा गया है वहाँ संयुक्त प्रति के प्रथम ग्रन्य की प्रविष्टि देखने की सूचना कर दी गई है । इसके अतिरिक्त कई प्रतियाँ विशेषतः स्तवन मंत्रादि एक दो पन्नों के प्रति लघु ग्रन्थ होते हैं । तथा प्रत्येक भण्डार में कई सारे पन्ने स्फुट और त्रुटक भी होते हैं और कई गुटके भी होते हैं जिनमें बहुत सी छोटी-मोटी कृतियों का संकलन होता है। हमने इन सब लघु ग्रन्थों, स्फुट व त्रुटक पन्नों और गुटकों की पूरी छानबीन करके जो मुख्य या संकलनीय रचनायें प्रतीत हुई उनकी तो अलग अलग प्रविष्टियां कर दी है; तथा बाकी बचे हुए इन अमहत्वपूर्ण व अनुल्लेखनीय लघु गन्थों व पन्नों को मिलाकर एक ही क्रमांक पर विभागानुसार अंत में प्रविष्टि कर दी है। कदाचित् विषय की अधिक गहराई में जाने वाले के लिए इन लघुकृतियों व स्फुट त्रुटक व अपूर्ण पन्नों की उपयोगिता हो सकती है। इसी प्रकार गूटकों को भी क्रमांक देकर अलग से भी प्रविष्टि कर दी है। इस तरह हमने भण्डार की समस्त प्रतियों पूर्ण या अपूर्ण, गुटकों तथा स्फूट पन्नों व घटक या लघ ग्रन्थों आदि सबको सूची पत्र में ले लिया है -बाहिर कुछ भी नहीं छोड़ा है। स्तम्भ --2-स्रोत परिचयाङ्क : चूकि यह सूचीपत्र केटे लोगस केटे लोगोरम पद्धति से बनाया गया है अत: इस स्तम्भ की आवश्यकता है ताकि ग्रंथ उपलब्धि प्रासानी से की जा सके। भंडारों के सूचक अक्षरों का स्पष्टीकरण सुगम्य है-यथा प्रो0--1 अ 16 = प्रोसियां के भण्डार की इस नम्बर की प्रति कं0-47/3 श्री कथूनाथजी के मन्दिर के भण्डार की पोथी सैंतालीस प्रतिसंख्या तीन के0-2/4 श्री केशरियानाथजी के भण्डार की 2 नम्बर की पेटी की चौथी प्रति को0--1 कोलडी श्री पार्श्वनाथजी मन्दिर के भण्डार की एक नम्बर की प्रति म0-11 श्री महावीर स्वामी मंदिर के भण्डार की इस नम्बर की प्रति मु०--1946 श्री मुनिसुव्रत स्वामी मंदिर के भण्डार की इस नम्बर की प्रति से0-1958 सेवामन्दिर रावटी भण्डार की इस नम्बर की प्रति स्तम्भ 3-ग्रन्थ का नाम : जैन आगम भाग को छोड़कर प्रत्येक विभाग के ग्रन्थों को अकारादिक्रम से लिखा गया है और इसलिये सूचीपत्र में उल्लेखित ग्रन्थों को पुनः परिशिष्ट में अकारादिक्रम से सजाने की विशेष आवश्यकता नहीं समझी गई है। For Private and Personal Use Only Page #9 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जन प्रागम ग्रन्थों को जैन मान्यतानुसार अंगसूत्र और अंगबाह्य सूत्र (पांच उप विभागों में विभाजित) का जो क्रम नियत है तदनुसार लिखा गया है और यह विषयसूची से स्पष्ट हो जाता है। लेकिन विभागीकरण की तरह नामकरण में भी एकरूपता नहीं हो सकती क्योंकि भिन्न-2 अक्षर संयोजना से ग्रन्थ नाम का प्रथम प्रक्षर भी भिन्न हो जाता है। उदाहरण स्वरूप "गौड़ी पार्श्व स्तोत्र" और "चिंतामरिण पार्श्व स्तोत्र" को हमने क्रमश: "पार्श्व (गौड़ी) स्तोत्र' और पार्श्व (चिंतामणि) स्तोत्र ऐसा नाम देकर दोनों स्तोत्रों को अक्षर “पा" के नीचे संकलित करना अभीष्ट समझा है। कई बार एक ग्रन्थ विद्वत् जगत् में एक से अधिक नामों से प्रचलित होता है जैसे 'दर्शन-सत्तरी' को 'सम्यक्त्व सत्तरी' भी कहते हैं और विचार षटत्रिशिका "चविशंतिदण्डक' "चौवीसदण्डक' या केवल "दण्डक" के नाम से भी प्रसिद्ध है। उपरोक्त कठिनाइयों से उत्पन्न समस्याओं के निराकरण हेतु पाठकों से और विशेषतया शोधार्थी पाठकों से हमारा निवेदन है कि अभिलषित ग्रन्थ की प्रविष्टि के बारे में निराम होने के पहले संभावनीय विविध विकल्पों के अनुसार सूचीपत्र को अच्छी प्रकार से ढूंढें तथा लेवक परिशिष्ट की भी मदद लें । इस वास्ते पूरी विषय सूची को हृदयंगम करके तथा प्रविष्टि के सभी स्तम्भों को देखना व इस प्राक्कथन संकेत' को भी ध्यान पूर्वक पढ़ना आवश्यक है। सूची पत्रों में विभागी करण, विषय सूची, अकारादिक्रमणिका इत्यादि सुविधा के हेतु हैं परन्तु प्रमादवश उसे ही एक मात्र प्राधार या बहाना बना लेंगे तो विद्यमान होते हुवे भी ग्रन्थ हाथ नहीं लगेगा। स्तम्भ 3A: इसमें ग्रन्थ का नाम रोमन लिपि में दे दिया है ताकि देवनागरी लिपि न जानने वालों को कुछ सुविधा हो जाय । तथा उनकी सहलियत के लिये ही सूनी पत्र में सर्वत्र भारतीय अंकों का अन्तर्राष्ट्रीय रूप ही प्रयोग में लिया गया है। स्तम्भ 4-ग्रन्थ कर्तादि का नाम: इस स्तम्भ में ग्रन्थकार का नाम व उसके गुरु या पिता का नाम और उसकी प्राम्नाय भी दे दी गई है ताकि पूरा नाम परिचय हो जावे। यदि ग्रन्थ वृति आदि सहित होने से दो अथवा दो से अधिक लेखकों की कृति है तो उन दोनों या सबका नाम व परिचय दिया गया है। उनमें क्रमानुसार प्रथम नाम मूल लेखक का है और करके आगे वृत्तिकार आदि का नाम लिखा गया है । जहाँ लेखक का नाम प्रति में नहीं है वहाँ स्तम्भ को खाली ही रखा है। लेकिन जहाँ पक्का निश्चय हो गया है कि लेखक का नाम मिलने वाला नहीं है वहाँ 'अज्ञात' शब्द लिख दिया है। कहीं-कहीं साथ में ग्रन्थ की रचना के वर्ष का उल्लेख भी किया है यद्यपि अच्छा यह रहता कि रचना समय की जानकारी एक स्वतन्त्र स्तम्भ में दी जाती। स्तम्भ 5-स्वरूप : इस स्तम्भ में सूचना दो दृष्टिकोणों से दी गई है। प्रथमतः यह बताया गया है कि ग्रन्थ गद्य या पद्य या चंपू या नाटक या सारिणी या तालिका या यंत्र आदि किस प्रकार का है तथा दूसरे में यह बताया गया है कि ग्रन्थ का स्वरूप क्या है-मूल, नियुक्ति चूरिंग, भाष्य, वृत्ति, दीपिका, अवचूरि, टब्बा (स्तबक), बालाविबोध, वाचना, अन्तर्वाच्य, व्याख्यान, टीका, विवरण, स्वोपज्ञ विवृत्ति प्रादि किस किस्म या जाति का है। प्रायः करके प्रकार या स्वरूप को दर्शाने वाले उपरोक्त शब्दों के प्रथम अक्षर को लिख दिया है जिसका तात्पर्य उस शब्द से लगा लेना चाहिये । बहुधा एक ही प्रति में दो किंवा दो से अधिक स्वरूप साथ में हैं तो वहाँ उतने संकेत दे दिये हैं तथा ग्रन्थ का नाम लिखते हुवे भी कहीं-कहीं यह उल्लेख कर दिया है। उदाहरण:-"प्रवचन सारोद्धार सहवृत्ति" म् (प)+तु (ग)= अर्थात् मूल पद्य में तथा वृत्ति सहित जो गद्य में है। सामान्य पाठक की सुविधा के लिये ग्रन्थों के स्वरूप का स्पष्टीकरण दे देना उचित होगा जो निम्न प्रकार है। For Private and Personal Use Only Page #10 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मू= मूल (Bare Text) अर्थात् ग्रन्थ का मूल पाठ मात्र है । fao = fag'fii (Explication) जो निश्चित रूप से समग्रता व अधिकता को लिये हवे, सूत्र में अभिहित, अन्तनिहित सकेतित या स्थित हैं उन जीव अजीव प्रादि विषयों के अर्थों को भली प्रकार परस्पर वाच्य वाचक सम्बन्ध पूर्वक प्रकट करने के उपाय को (युक्ति योजना या घटना को) नियुक्ति कहते हैं । यद्यपि सूत्र में अर्थ बीज रूप में वर्तमान हैं तो भी शिष्यों के लिए उसक | रहस्योद्घाटन या विश्लेषगा करना द्विभाषण नहीं है; तथापि नियुक्तिकार अधिकारक विद्वान हैं । सभी नियुक्तियाँ प्राकृत भाषा की पथ मय रचनाये हैं । निक्षेप. उपोद्घात व सूत्रस्पशिक ये तीन इसके प्रकार हैं। नियुक्ति निरुक्त से भिन्न होती है और कई माचार्य इसके दो भेद भी करते हैं---स्पर्श निर्यक्ति व निश्चयेन उक्ति । HT0 = 3164 (Treatise) मूल ग्रन्थ पर वह विशद रचना जिसमें प्रायः भाष्यकार का स्वयं का भी अर्थपूर्ण योगदान होता है भाष्य कहलाता है। यह प्रायः पद्य शैली में लिखा जाता है और मूल ग्रन्थ की संपूर्ण विषय वस्तु की विभिन्न दृष्टियों से समीक्षा भी की जाती है। चू0 = चूणि (Exegesis) मूल सूत्र की जो गद्य शैली व सरल भाषा में विस्तार सहित अध्येता को हृदयंगम कराने के लिये अभिव्यक्ति की जाती है उसे चूर्णी (या चूणि) कहते हैं । चूर्ण धातु 'पेषण' के अर्थ में है अर्थात् सूत्रों का चूरा करके सुबाह्य व सुपाच्य बना दिया जाता है । वृ० = वृत्ति (Exposition) वृत्ति एक वह उपयोगी व महत्त्वपूर्ण विवेचन है जिसके माध्यम से शब्दार्थ सह अनुगामिनी व्याख्या द्वारा मूल लेखक का संपूर्ण अभिनाय निष्ठापूर्वक हेतू नय, शंकासमाधान प्रादि सम्मेत स्पष्ट कर दिया जाता है। यद्यपि वृत्ति व चूणि शब्द का प्रयोग एक दूसरे के लिये कर दिया जाता है तो भी सामान्य पाठक के लिये यह सूचना है कि समस्त चूणि साहित्य (अल्प संस्कृत मिश्रित) प्राकृत भाषा में ही उपलब्ध है जबकि मारी प्रचलित वृत्तियां संस्कृत में हैं। दी0=दीपिका (Illuminant) यथानाम दीपक की तरह मूल प्रत्य पर लघ प्रकाश डालने वाली रचना को दीपिका कहते हैं । प्रायः करके वृत्ति की पश्चात्वर्ती होती है और भावानुवाद द्वारा उसमें रही हुई जटिलता का यह निराकरण व सरलीकरण भी करती है । For Private and Personal Use Only Page #11 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 40 -- अवचूरि (Elucidatory Version) मूल ग्रन्थ के उस (प्रायः करके संस्कृत) रूपान्तर को प्रवरि कहते हैं जिसमें बिना विस्तार के भी भावार्थ फुल की तरह खिल जाता है । अव शब्द अनुगामी के अर्थ में है मोटा चूर्ण ही किया जाता है। वाo= वाचना (Discourse) शास्त्र सिवाने हेतु स्वाध्यायी को पाठ रूप में जो वनमा गुरु द्वारा दी जाती है उसे वावना कहते हैं। इसे देशी भाषा में 'बाबा' कह सकते हैं जिसमें व्याख्या व प्रशंसा दोनों का समावेश हो जाता है। व्या0 = व्याख्यान (Lecture) तदर्थ बुलाई गई संगोष्ठी में उस विषय पर ज्ञान कृत ढंग से दिये गये भापगण को व्याख्यान कहते हैं। टिo=टिप्पणक (Annotation) ग्रन्थ का खुलासा करने के लिये जो पद-टिप्पणियां की जाती है उन्हें टिप्पणक कहते हैं । चू0 = चूलिका (या चूड़ा (Excursus) सुत्र सम्बन्धित या सुचित अर्थ की विशेष प्ररूपणा के लिए विशिष्ट संग्रह जो बहुधा ग्रन्थ के अन्त में जोड़ा जाता है, चूलिका या चूड़ा कहा जाता है । पहाड़ की चोटी के सहश मानो ग्रन्थ पर कलश हो। पं0=पजिका (Expansion) मूल ग्रन्थ के कतिपय अंशों का सारयुक्त विवेचन पंजिका कहलाता है। पंजिका पदभंजिका । टी0-टीका (Commentary) अालोचना समालोचना करते हुए किसी भी ग्रंथ के तात्पर्य को बीगतवार व विस्तृत रूप से प्रकट करने वाले प्रबन्ध को टीका कहते हैं। ato= alaraala (Vernacular) साहित्यिक भाषा में लिखे गये मूल ग्रन्थ का वह संस्करण जो देशी बोलचाल की भाषा में व्यक्त किया जाता है बालाविबोध (बालामिबोध. बालावबोध, बाल बोध) कहलाता है ताकि सामान्य जन भी उसका लाभ उठा सके। 20= टब्बार्थ (Gloss) पुरानी हस्तलिखित प्रतियों में अल्पपरिचित शब्दों या पदों के निर्वचन या भावार्थ की बहुधा उस प्रति में ही मुल इबारत के ऊपर सरल भाषा में (या देशी बोली में) की गई संक्षिप्त लिखावट को टब्बार्थ कहा जाता है। ऐसे स्पष्टीकरण को स्तबक भी कहते हैं । स्वो०= स्वोपज्ञवृत्ति (Own Dilation) अपने ग्रन्थ को और अधिक सूबोध बनाने के लिये जब मूल लेखक स्वयं उस पर वृत्ति (या भाष्य प्रादि) लिखकर विस्तार करता है तो उसे स्वोपज्ञ वृत्ति (या भाष्यादि) कहते हैं। दु० = दुर्ग पद पर्याय (या विषम पद बोध आदि) (Terminology Made-easy) ग्रन्थ में पाये हुवे कठिन या दुर्गम्य शब्दों या पदावली का सरल भाषा में निर्वचन, परिभाषा अथवा अर्थ कथन, दुर्ग पद पर्याय कहा जाता है। For Private and Personal Use Only Page #12 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra अन्त० = www.kobatirth.org अन्तर्वाच्य ( Intervenient ) वाचना में पूरक रूप से बाह्य वस्तु का समावेश कर परिवर्द्धन करना प्रन्तर्वाच्य है । "प्रक्षिप्त " तो मूल पाठ का भाग ही बना दिया जाता है - अन्तर्वाच्य उससे भिन्न है । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अनु० = अनुवाद (Translation) ग्रन्थ की मूल भाषा को न जानने वालों के लिए भाषान्तर द्वारा ग्रन्थ के शुद्ध स्वरूप का उनकी भाषा में प्रस्तुतिकरण अनुवाद कहलाता है । व्याख्या = (Explanation) मूल कृति के मर्म को आसानी से समझा देने वाली ग्रन्थ पद्धति की सामान्य संज्ञा व्याख्या है । शास्त्रीय दृष्टि से इसके 6 अंग होते है:-संहिता पदच्छेद, पदार्थ, पदविग्रह, चालना और प्रत्यावस्था । विo = विवरण (Narration) विवरण शब्द सामान्य न कि विशेष पारिभाषिक अर्थ में ही प्रचलित है। अलबत्ता वृत्ति के लिए इसका प्रयोग अधिक होता है । यद्यपि उपरोक्त परिभाषायें दी गई हैं तो भी वे कोई कठोर निश्चयात्मक नहीं हैं एक ग्रन्थ एक से अधिक परिभाषायों के अन्तर्गत आा सकता है । अतः हमने भी ग्रन्थकार ने जैसा अपने ग्रन्थ को कहा है वैसा ही मान लिया है। स्तम्भ 6- विषय संकेत --- यद्यपि मोटे रूप में विभागानुसार विषय संकेत हो जाता है तो भी इस स्तम्भ में ग्रन्थ की विषय वस्तु का प्रति संक्षिप्ततम सारांश परिचय रूप में दिया है जो पाठकों के लिए लाभप्रद सिद्ध होगा । स्तम्भ 7 - भाषा: -- ग्रन्थ प्राकृत, संस्कृत प्रपभ्रंश आदि जिस भाषा में लिखा गया है उस भाषा को या तो प्रथम अक्षर से दर्शाया गया है और नहीं तो भाषा का पूरा नाम लिख दिया है । इस प्रकार -- प्रा० = प्राकृत सं० = संस्कृत डिo = डिङ्गल हि० = हिन्दी गु० = - गुजराती प्र० = प्रपत्र श जहाँ ग्रन्थ (मूल + वृत्ति प्रादि) एक से अधिक भाषा में है वहाँ उन सभी भाषाओंों को बता दिया है। मिश्रित होने से कई बार ग्रन्थ की भाषा क्या है इस बारे में मतभेद भी हो सकता है जैसे 'जयतिहुप्ररण' स्तोत्र को कई लोग प्राकृत की रचना कहते हैं तो कई उसे अपभ्रंश की। जिन ग्रन्थों की भाषा को हमने 'मारु गुर्जर' की संज्ञा दी है उस बारे में स्पष्टीकरण करना चाहेंगे । For Private and Personal Use Only |रा० = राजस्थानी मा० = = मारुगुर्जर के बोधक हैं । पश्चिमी राजस्थान व गुजरात इस भू-भाग की भाषा विक्रम की लगभग 18वीं शताब्दी तक प्रायः एक सी ही रही है और उसमें विपुल साहित्य रचा गया है। अपभ्रंश भाषा के काल के बाद, प्रदेश की इस भाषा को क्या नाम दिया जावे इस बारे में विद्वान एक मत नहीं है। चूंकि विगत दो ढाई शताब्दियों से राजस्थानी व Page #13 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir गुजराती भिन्न-भिन्न भाषाओं के रूप में उभरी है अत: उस प्रभाव में आकर प्रादेशिक व्यामोह के कारण 13वीं से 18वीं इन 5-6 शताब्दियों में रचे गये ग्रन्थों की भाषा को कई लोग तो गुजराती या प्राचीन गुजराती कहते हैं और कई लोग राजस्थानी कहते हैं। उदाहरण स्वरूप अहमदाबाद (गुजरात) से छपे सूचीपत्रों में श्री समय सुन्दर जी के ग्रंथों की भाषा को स्व. आगमप्रभाकर मुनि पुण्यविजयजी ने गुजराती बताई है, जबकि जोधपुर (राजस्थान) से छपे सूनी पत्रों में उन्हीं ग्रन्थों की भाषा स्व. पद्म श्री मुनि जिनविजयजी ने राजस्थानी बताई है। इस समग्र भु-भाग में विचरण करने वाले होने के कारण जैन साधुनों द्वारा रचित जैन साहित्य में तो यह भाषा एक्यता व साम्य इतना अधिक है कि भाषा भेद की कल्पना ही हास्यास्पद लगती है। ग्रन्थकर्ता ने स्वयं की बोली में रचना की, उस बोनी को पराई संज्ञा देकर अन्याय नहीं करना चाहिये, अत: इस भाषा विवाद में न पड़कर हमने मध्यम मार्ग का अनुसरण करना ही श्रेयस्कर समझा है और कुवलयमाला नामक प्रसिद्ध ग्रन्थ में सुझाये गये 'मारु गुर्जर' नाम से इस भाषा को बताया है जिसमें 19वीं शताब्दी से पूर्व की लगभग 5-6 शताब्दियों की इस भु-भाग की बोलचाल किंवा साहित्यिक भाषा का समावेश हो गया है। इस प्रकार उपरोक्त सात स्तम्भों में ग्रंथ संबधी जानकारी के संकेतों का स्पष्टीकरण के बाद अब उन स्तम्भों का विवेचन किया जाता है जो मुख्यतः प्रस्तुत प्रति से ही सम्बन्धित हैं। स्तम्भ 8- पन्नों की संख्या इस स्तम्भ में प्रति के कूल पन्नों की शुद्ध संख्या जो है वह लिख दी गई है जिसको द्विगुणित करने से पृष्ठों की संख्या आ जाती है । यथा सं नव पन्नों को गिनकर सही संख्या लिखी गई है और बीच में जो पन्ने कम हैं अथवा अतिरिक्त हैं उन क्रमांकों की टिप्पणी दे दी गई है। अधूरी या अपूर्ण तथा कहीं-कहीं अटक प्रति के भी पन्नों के क्रमांक नो उपनब्ध है अथवा कम है वीगतवार लिख दिये हैं। जहां एक से अधिक प्रतियों की प्रविष्टि एक साथ की गई है वहा प्रत्येक प्रति के पन्नों की संख्या अलग-प्रलग लिखी गई है जिनका क्रम विभागीय क्रमांकानुसार है. ऐसा समझ लेना चाहिये। स्तम्भ 8A- नाप: इस स्तम्भ में प्रति के बारे में चार प्रकार से सूचना दी गई है। पहिली संख्या प्रति को लम्बाई और दूसरी संख्या प्रति की चौड़ाई दर्शाती है जो दोनों सेन्टीमीटरों में है। तीसरी संख्या प्रतिपृष्ठ (न कि प्रति पन्ने में) कितनी पक्तियां है, यह बताती है और चौथी संख्या प्रति पंक्ति औसतन कितने अक्षर हैं. यह दिखाती है। चारों संख्यात्रों को इसी क्रम से लिखा है और उन्हें अलग-2 करने हेतु सुविधा के लिये बीच में 'x' निशान लगा दिया है। जहां ग्रन्थ केवल यन्त्र तालिका स्वरूप ही है वहां लकीरों व अक्षरों को संख्या नहीं दी है। तथा जहां प्रति पंचपाठी (अर्थात् बीच में मून ग्रंथ व उसके चारों ओर वत्ति प्रादि लिखी हुई) या टब्बार्थ सहित है यहां पंक्तियों व अक्षरों की संख्या मूल को ही दी है। जहां एक से अधिक प्रतियों की प्रविष्टि एक साथ में की गई है वहाँ केवल प्रतियों की लम्बाई चौड़ाई ही दी है और वे भी जब प्रति प्रति भिन्न है तो लम्बाई व चौड़ाई दोनों की लघुतम व दीर्घतम दो-दो संख्यायें लिख दी गई है। दृष्टांत:-भाग 3 (प्रा) भक्तामर स्तोत्र 5 प्रतियों की प्रविष्टि के सामने 24 से 27x12 से 13 लिखने का तात्पर्य यह है कि इन पाचों प्रतियों की लम्बाई भिन्न-भिन्न हैं जो नीचे में 24 और ऊचे में 27 सेन्टीमीटर है और इसी प्रकार चौड़ाई भी भिन्न-2 है जो नीचे में 12 और ऊचे में 13 सेन्टीमीटर है। चूकि सेन्टीमीटर भी कोई बहत विस्तार वाली दूरी नहीं है अतः हमने मीलीमीटरों में जाना श्रेयस्कर नहीं समझा है - आधे से अधिक को पूरा सेन्टीमीटर गिन लिया है और आधे से कम को छोड़ दिया है। स्तम्भ 9- परिमाण इस स्तम्भ में भी सूचना दो दृष्टिकोणों में दी गई है For Private and Personal Use Only Page #14 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (i) ग्रन्थ के स्कन्ध (खण्ड) पर्व, सर्ग, अध्याय, प्रकाण, परिच्छेद, अधिकार, प्रकरण, उद्देशक, ढाल, पद, छन्द, गाथा, श्लोक आदि की संख्या द्वारा उसका परिमारण बताया गया है । जहाँ उपलब्ध है वहाँ ग्रंथान [ग्रन्थ के कुल अक्षरों की संख्या को 32 (प्राचीन अनुष्टभ् छंद का अक्षर परिमारण) से भाग देने पर आने वाला भजनफल ग्रंथान कहलाता है। संख्या भी लिख दी है। परन्तु कभी-कभी यह ग्रंथान संख्या वास्तविकता से मेल नहीं भी खाती है क्योंकि लिपिक इस संख्या को अनुमान से अथवा बढ़ा चढाकर अथवा परंपरागत शास्त्र वणित परन्त वर्तमान में अनुपलब्ध है, वह लिख देते हैं। सचीपत्र में दी हई पन्नों की संख्या को दुगना करने से पष्ठों की संख्या या जाती है और उसे पंक्ति प्रतिपष्ठ को संख्या से गुणा करने पर ग्रंथ के कुन पंक्तियों की संख्या प्रा जाती है और उसे औसतन अक्षरों की संख्या से गुणा करने पर ग्रन्थ के कुल अक्षरों की संख्या या जाती है जिसमें 32 का भाग देने से ग्रंथान की संख्या प्रा जावेगी -इस प्रकार पाठक स्वयं ग्रंथान अनुमानित कर सकते हैं। (ii) साथ में यह भी बताया गया है कि प्रति संपूर्ण है या अपूर्ण या त्रुटक और यदि अपूर्ण है तो कितनी अपूर्णता है। यदि प्रति पूरे ग्रंथ के एक अंश हेतु ही लिखी गई है और वह अंश पूरा है तो उसे 'प्रतिपूर्ण' कहा गया है। प्रथम या अन्तिम पन्ना बहधा नहीं होते हैं तो प्रति को अपूर्ण न कहकर वैसी टिप्पणी लिव दी गई है कि पहला या अन्तिम पन्ना कम है । उपरोक्त परिमाण सूचक शब्दों के प्रथम अक्षर ही बहुधा सूची पत्र में लिखे हैं अतः तदनुसार अर्थ लगा लेना चाहिये - जैसे सं. = संपूर्ण, अ. = अपूर्ण, ग्रं = ग्रन्थान । स्तम्भ 10- प्रतिलेखन वर्ष, स्थल व लिपिक : इस स्तम्भ में प्रति के बारे में तीन प्रकार से सूचना दी गई है-- (i) सर्व प्रथम प्रस्तुत प्रति जिस वर्ष में लित्री गई है वह विक्रम संवत दिया गया है। कदाचित् कहीं पर शक या वीर संवत् या अन्य साल है तो वैसा विशिष्ट उल्लेख कर दिया गया है। विक्रम संवत् से शक संवत् व ईस्वी सन् क्रमश: 1 35 और 56 कम होता है जबकि वीर सम्वत् 470 अधिक होता है, परन्तु बहुत सी प्रतियों में उनका प्रतिलेखन संवत् लिखा हुअा नहीं मिलता है। ऐसी अवस्था में अनुमान से वह प्रति जिस शताब्दी में लिखी प्रतीत हई वह विक्रम की शताब्दी लिख दी गई है। यद्यपि अनुमान लगाते हुए हमने पर्याप्त अनुदार दृष्टि से काम लिया है (अर्थात संदेहास्पद मामलों में प्रति को प्राचीन की अपेक्षा अर्वाचीन ही बताने की ओर झुकाव रहा है) तो भी अन्दाज तो अन्दाज ही है । अतः पाठकों को सलाह है कि हमारे इस अन्दाज को ठोस आधार न मान लें। भिन्न-भिन्न वर्षों में लिखित प्रतियों की प्रविष्टि जब एक साथ ही की गई है वहाँ कालावधि की सीमायें व यथा योग्य सूचना दे दी गई है। (ii) दूसरी सूचना प्रति किस स्थल में लिखी गई हैं उसकी है और (iii) तीसरी सूचना लिपिक के नाम की है स्तम्भ 11- विशेषज्ञातव्य उपरोक्त सब के अलावा ग्रन्थ अथवा प्रति के बारे में जो भी सूचना देन। उपादेय या आवश्यक समझा गया है उस वास्ते इस स्तम्भ की शरण ली गई है । यह तरह-तरह की जानकारी से भरा गया है और इसका अवलोकन किये बिना प्रविष्टि पूरी देख ली है ऐसा नहीं कहा जा सकता। इस स्तम्भ में दी गई जानकारी के कतिपय उदाहरण हैं-चित्रित , संशोधित, अपठनीय, जीर्ण, प्रथम प्रादर्श, ताड़पत्रीय या वस्त्र पर, देवनागरी से भिन्न लिपि, स्वाक्षरी, ग्रन्थ का दूसरा प्रचलित नाम, प्रशस्ति है, वत्ति ग्रादि का नाम जो अक्सर वृत्तिकार अपनी कृत्ति को देते हैं, साथ में गौण वस्तू जो संलग्न हो प्रादि 2 । For Private and Personal Use Only Page #15 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir उपरोक्त स्तम्भों के अतिरिक्त सरकारी निर्धारित प्रपत्र द्वारा चार अन्य स्तम्भों की अपेक्षा की निम्न प्रकार है: गई है (1) प्रति किस पर लिखी गई है :- कागज, ताड़पत्र, भोजपत्र, कपड़ा आदि । (2) प्रति किस लिपि में लिखी गई है :- देवनागरी, मोड़ी, अरबी, गुजराती। (3) प्रति जीर्ण है या ठीक है या अपठनीय है इत्यादि सूचना । (4) ग्रन्थ अद्यावधि मुद्रित हो चुका है अथवा अाज तक अमुद्रित ही है। परन्तु इस सूची-पत्र में इन चार स्तम्भों को नहीं रखा है और इसका स्पष्टीकरण निम्न प्रकार लगभग सारी की सारी प्रतियां कागज पर हैं और देवनागरी लिपि (अक्षर अधिकतर जैन मोड़ दिये हुए) में लिखी हुई है अत: अलग स्तम्भ बनाकर सर्वत्र ,, का निशान लगाने में कुछ सार नहीं प्रतीत होता। इसी प्रकार इस सूची-पत्र में उल्लेखित प्रायः सभी प्रतियों की अवस्था ठीक है, पठनीय है अतः उसका भी स्वतन्त्र स्तम्भ बनाना उपयुक्त नहीं लगा। हाँ, कदाचित यदि कोई प्रति कागज पर नहीं है, अथवा देवनागरी लिपि में नहीं लिखी हई है अथवा जीर्ण व अपठनीय है तो वैसा उल्लेख अवश्य "विशेष ज्ञातव्य" स्तम्भ में कर दिया गया है। विशेष उल्लेख के अभाव में पाठक झ लें कि प्रति देवनागरी लिपि में कागज पर लिखी हुई है और उसकी दशा ठीक है। तथा ग्रन्थों के अद्यावधि मुद्रित या अमुद्रित होने की जानकारी का संकलन करने में हम असमर्थ रहे हैं। अतः अपूर्ण किंवा असत्य जानकारी देने की अपेक्षा मौन रहना ही श्रेयस्कर समझा है। इसका पता शोधार्थी या प्रकाशक हमारी अपेक्षा प्रासानी सेलगा सकते हैं। तथा इस बारे में एक और निवेदन है। अतिरिक्त परिशिष्ट तथा और कई स्तम्भ सूची-पत्र में जोड़े जा सकते हैं और उससे शोधार्थियों को अवश्य कुछ सुविधा हो जाती है । परन्तु साथ में हमें यह भलना चाहिये कि सची-पत्र की अपनी मर्यादायें होती हैं और सूची-पत्र बनाने वाले की योग्यता सीमित नहीं होती। ग्रन्थ के बारे में प्रावश्यक सूचना सम्मेत सूची बना देना पर्याप्त है, बाकी सब ढेर सारी सामग्री पचाकर शोधार्थी को देने से उसमें प्रमाद पनपता है, अन्वेषण की जिज्ञासा कुण्ठित हो जाती है जो ज्ञान के विकास के लिये घातक सिद्ध होती है। सूची-पत्र कितना भी विस्तृत हो, शोधार्थी के लिये तो असल प्रति या फोटो फिल्म प्रतिबिम्ब देखने के अलावा गत्यन्तर नहीं है, यह हमारा निश्चय मत है अन्यथा शोध-कार्य के प्रति न्याय नहीं होगा। केवल सूची बनाने वाले पर ही अधिक भार लादने से यह श्रम-साध्य कार्य और इतना गुरुतर हो जावेगा कि साधारण मनुष्य इस को हाथ में लेने से ही घबरा जावेगा - उसका उत्साह मारा जावेगा। सूची-पत्र सूचना है - जांच के लिये आमन्त्रण है - निर्णय का आधार नहीं । For Private and Personal Use Only Page #16 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org आभार प्रदर्शन (1 ) i. मुनि श्री जयानन्दजी महाराज साहिब को वन्दना करते हैं जिनकी प्राज्ञा से खरतरगच्छ समुदाय जोधपुर के अध्यक्ष महोदय ने श्री महावीर स्वामी मन्दिर के यशोसूरि व केशरगरिण भण्डारों के ग्रन्थ यहाँ रावटी में स्थानान्तरित कर दिये हैं । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ii श्रीमान् मिलापचन्दजी साहिब ढढ्ढा धन्यवाद के पात्र हैं जिन्होंने श्री भोसियां तीर्थ के रत्नप्रभ ज्ञान भंडार के सूचीकरण हेतु सम्पूर्ण सुविधायें उपलब्ध की थी । iii. श्रीमान् सम्पतराजजी साहिब भंसाली धन्यवाद के पात्र हैं जिनकी प्रेरणा से मुनिसुव्रत स्वामी मन्दिर भण्डार के ग्रन्थ यहाँ रावटी में स्थानान्तरित कर दिये गये हैं । iv. श्रीमान् स्व. भोपालचन्दजी साहिब दफ्तरी की श्रात्मा को शान्ति मिले जिन्होंने श्री केशरीयानाथजी के मन्दिर के भंडार के सूचीकरण हेतु सम्पूर्ण सुविधायें उपलब्ध की थी । V. श्रीमान् सायरमलजी साहिब पटवा धन्यवाद के पात्र हैं जिन्होंने श्री चिन्तामणि पार्श्वनाथ मन्दिर कोलड़ी भंडार के सूचीकरण हेतु सम्पूर्ण सुविधायें उपलब्ध की थी । vi. श्रीमान् कल्याणमलजी साहिब भंसाली धन्यवाद के पात्र हैं जिन्होंने श्री कुंथुनाथजी के मन्दिर के भंडार के सूचीकरण हेतु सम्पूर्ण सुविधायें उपलब्ध की थी । (2) स्व. श्रगरचन्दजी नाहटा बीकानेर, श्रीमान् भंवरलालजी नाहटा बीकानेर एवं महामहोपाध्याय श्री विनयसागरजी जयपुर वालों को धन्यवाद दिया जाता है कि उन्होंने इस सूची पत्र की भूलों का परिमार्जन व संशोधन किया है । ( 3 ) सेवा मन्दिर के परिवार में से श्री बंशीधरजी पुरोहित बी.ए.एल.एल.बी., श्री सुशीलकुमार मुथा एम. ए. एवं श्री रामलालजी घाड़ीवाल के नाम विशेषरूप से उल्लेखनीय है जिन्होंने इस सूची - पत्र को बनाने में पूरा सहयोग दिया है । जोधपुर 2044, होलिका रजपर्व दिनांक 3 मार्च 1988 तथा पुस्तक प्रकाशित करने का मुझे बिल्कुल अनुभव नहीं था- यह प्रथम प्रयास है अतः कई भूलें हुई हैं। उदाहरण स्वरूप प्रूफरीडिंग का काम मैंने पूर्णतः कर्मचारियों पर छोड़ देने की भयंकर भूल की अतः इस सूची पत्र में अनेक अशुद्धियां गई है । इन सब के लिये एक मात्र दायित्व व दोष मेरा है और तदर्थं क्षमा प्रार्थी हूं । For Private and Personal Use Only जौहरीमल पारख का प्रणाम Page #17 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org For Private and Personal Use Only Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Page #18 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir राजस्थान के जैन ग्रंथ भंडारों के हस्तलिखित ग्रंथों का सची-पत्र प्रथम खण्ड (जोधपुर नगर) Rajasthan Jain Granth Bhandars CATALOGUE OF Hand-Written Manuscripts Volume I (JODHPUR CITY) For Private and Personal Use Only Page #19 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 2 1 क्रमांक स्रोत परिचयाङ्क 1 2 1 2 3 4 6 7 8 10 5 प्रोसि. 1 16 1 अ 17 156 महा. 1 अ 2 9 के नाथ 29 / 38 ,, 29/39 13/22 11 16 17 के. नाथ 2/4 1/20 20/34 18 27 19 "1 11 " 12 | कुन्थु 47/3 13 | के. नाथ 9/10 14 म 1 श्र 1 15 के नाथ 18 /58 " 1 22 11 ** 1/11 ग्रन्थ का नाम 3 29/34 आचाराङ्ग सूत्र " " 37 19 19 11 17 11 15 11 " 11 71 "J " " +ar. 9/15 | सूत्रकृताङ्गसूत्र 14 30 17 + बा. + वृत्ति सह की वृत्ति की विषय सूचीं www.kobatirth.org नाम रोमन लिपि में 3A Acă rănga Sutra 35 " "" "" " 22 " " " " "" "" + Bala " + Bālā (with Vrtti) Sutrakṛtānga Sūtra Ki Vrtti ki Visaya-suct For Private and Personal Use Only ग्रन्थकार का नाम व परिचय 4 37 सुधर्मा + + " "" Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 27 सुधर्मा भाग विभाग : 1 (श्र) सूधर्मा + सुधर्मा 33 सुधर्मा + सुधर्मा 73 + पार्श्वचद्र मू. ट., शोलांकाचार्य + पार्श्व चंद्र मू. + बा.,, मू. ट.,, शोलांकाचार्य स्वरूप 5 सुधर्मा + + मू. (ग. प.) 11 मु. बा.,, मु. ट., " " 73 मू. (ग.) मू. + वृ. बृ. (ग.) गद्य मु.ट. ( प.ग.) 57 मु. ( प.ग.) · Page #20 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जैन आगम-अंग सूत्र [ 3 विषय सकेत भाषा पन्ने नाप पंक्त्याक्षर ल- चौxx अ. 8A परिमाण प्रतिलेखन सं. आदि 10 विशेष झातव्य प्रा. 27x11x15x50सं.दोनों स्क.ग्र.2644] 17वीं प्रथम अंग (आचरण) 26x11x13x40 1749 प्रा. 25x11x18x44 सं.प्र. स्कंध 18वीं 26x11x17x58 18, 24x11x7x33 1833 विक्रमपुर मनरंग 24x11x6x33 " " 26x11x15x58 26x12x5x36 , प्र. , 19वीं 1936 ,,,,, ग्रं. 1817 जरगगढ़ लक्ष्मी विजय ,,,,4000/20वीं 27x12x4x32 27x12:5x32 ,, द्वि ,, ,,8500/ 20वीं 27x11x4x42 प्र. छठे अध्य. तक 19वीं | 27x12x13x 35 अपूर्ण बुटक .. लकीरों की संख्या भिन्न भिन्न अंग साहित्य | सं. 25x12x20x64 19 ,, | 26x12 x 13x40 | सं. दोनों स्कंधों की 1847 | ग्र. 1222527x11xllx 68 | संपूर्ण 19वीं 26x11x6x35 सं.प्र. अध्य. 16 1574 द्वितीय अंग प्रा.मा. 60 | 26x11x6x27 16वीं | 26x11x15x54,, दोनों स्कंध 23 अध्य) 1653 30x11x13x56 17वीं For Private and Personal Use Only Page #21 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भाग विभाग :-1 (4) 1 2 3A कोलही.23 सूत्रकृताङ्गसूत्र Sūtrakstānga Sutra मू. (प.) महा. 194 "(ग. ) मु.सुव्रत 1946 ,, 1947 , 1445 | के. नाथ 29/9 प्रोसि. 1918 | के.ना. 131 28 | कुन्थु. 29/2 मू.+ट. (प.ग.) मू. (प.) मू +बा. (प.ग.) +हर्षकुशल | मू.+दी., +दीपिका , +Dipika " + + " , + " ,, - साधुरंग | " " महा. 143 " ,, +वृत्ति + +Vrtti , -न-शीला- मु.+ वृ. काचार्य | + , + +,, सुधर्मा स्वामी सुधर्मा स्वामी | के. ना.18/40 31 मुनि सु.352714 32 के.नाथ 10/77 33 , 15/132 34 कोलडी 872 35 | के.नाथ 29/99 , की वृत्ति | मुनि सु.1944 स्थानाङ्गसूत्र 37 | प्रोसि. 1 4 19 , ,, ki Vrtti शीलांकाचार्य गद्य Sthậnanga Sutra सुधर्मा स्वामी मू. (ग.) | महा. 196 +वत्ति " +Vrtti सुधर्मा- अभयदेव मू.वृ.(ग). 39 के. नाथ 4/3 सुधर्मा स्वामी मू + (ग.) For Private and Personal Use Only Page #22 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जैन प्रागम-अंग सूत्र [ 5 | 7 | A 9 10 10 11 द्वितीय अंग 27x 11xllx42 सं.प्र. स्कं. 10 अध्य. 17वीं 26x11x13x44 126x11x11x41 26x IIx11x41, द्वि. स्क.7 अध्य 1696/ 26x18x6x32 , प्र. स्क. ग्र. 5000/ 1701 धमदास 1 26x10x11x33 प्र. स्कं. कुछ त्रुटक 17वीं 51 26 x 11x15x35/प्र. 12 अध्य. प्र. स्क18वीं 26x11x17x45 20XIXIIm4 19वीं " " " 89 | 26x11 x 18x72 प्र. 13वें से 23 अध्या 17वीं 346 | 26 x 12x 15 x 48 सं.दोनों स्कं.ग्र.16950| 20वीं 26x11x19x59 | द्वि. अध्य-मात्र 17वीं ., महावीर स्तुति प्रा. | 25x10x14x44 | छठा अध्या. मात्र | 1783 का 1 अध्या. , 1026-12-19x55 क्रियानाम अध्य. मात्र 18वीं 317x9x9x30 छठा अध्या. मात्र 1897 अंग-साहित्य सं. प्रा. तीसरा अग (ठाणांग) 2 20 x 12 x 16 x 34 1901 | 27x12x15x52 | अ.13वें से 23 अध्या. 1867 128x11x 13 x 42 | सं. ग्रं. 3800 16वीं 26 x 11x:5x46, 3750 241 | 32 x 13x15x 63., 18000 16वीं 16वीं 137 27x11x12x39,3750 17वीं For Private and Personal Use Only Page #23 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 6 ] भाग विभाग :- 1 (अ) 3A सुधर्मा-+-अभयदेव मू.-- वृ.(ग.) सुधर्मा स्वामी । मू.(ग.) सुधर्मा + अभयदेव मु.+ वृ.(ग.) 40/ महा.13/13 | स्थानाङ्ग सूत्र ---वृत्ति | Stbānanga Sutra + Vrtti 41 | के.नाथ 66/13 42 महा./अ 5 वृत्ति , +Vrtti 43 के.नाथ 11/80/ | मुनि सु. 1955 , कोलडी 973 स्थानाङ्ग-वति .. -Vrtti सूधर्मा स्वामी । मू (ग.) मु.+ट.(ग.) अभयदेव व.(ग.) 18 | के नाथ 15/11/ समवायाङ्ग-सूत्र - वृत्ति Samavayaiga Sutra+Vrtti | सुधर्मा - अभयदेव मू. + वृ.(ग.) प्रोमियां 1420 सुधर्मा स्वामी मू.(ग.) | के.नाथ 1/17 |., 10/91 " वृत्ति +Vrtti सुधर्मा+अभयदेव म.+व.(ग.) 51 मुनि सु.1941 सुधर्मा स्वामी मु.(ग.) | के.जाथ 20/9 मू. नट.(ग.) 53., 153 मू.(ग.) मू.-1-ट.(ग.) ---Vrtti अभयदेव व.(ग.) महा. 17 | कोलडो 19 58, 970 Bhagavati Sūtra सुधर्मा स्वामी म (ग.) 59 के.नाथ 24/7| ॥ For Private and Personal Use Only Page #24 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जैन श्रागम-अंग सूत्र [ 7 6 8 8A 10 तीसरा अंग प्रा.सं. 27x11x17x64 स.न. 18000 17वीं प्रा. 26 x 11 x 7x42 | प्र. 8वें स्थानक तक | 10वीं 30 x 15x 20 x 54 | सं.ग्र. 18000। 1914 प्रा.सं. 526x11x13x40 3-4 स्थान के बोल | 18वीं मात्र प्रा.मा. अंग-साहित्य सं. संशोधित 1665 चौथा अग प्रा.सं. प्रा.सं. 26 x 11 x 8x57 अ. 3रे स्थान तक 19वीं 34 x 14 x 17x70 | अ. 8वें ,, ,, 15वीं 27x11 x 15x 52 संग्र. 1425) 26 x 11x11 x 40 , 5417 15वीं 26x11x11x45 16वीं 35 26 x 11 x 15x55 प्र. 24वें समवाय तक 16वीं 38 34 x 13 x 22 x 60 , 17वें से अंत तक | 1649 26x12x15x43 / संपूर्ण 1659 121 25x11 x 12 x 551 ,, ग्र. 1667 1751 25 x 10x 14x38,, , . 1783 76 26 x 11x7x50 प्र. 8वें समवाय तक 18वीं 9826 x 11 x 13 x 52संपूर्ण 16वीं 25x11x13x41 , ग्र.3775 17वीं जीर्ण वति संक्षेप में है। प्रा. प्रा मा. प्रा. प्रा.मा. अंग-साहित्य 6. 27x11x15x55 19वीं प्रा. पांचवां अंग (व्याख्या प्रज्ञप्ति) 244 | 26 x 13 x 17x64 , ग्र. 15775 1568 27x11x11x51 प्र.जमाली दीक्षा तक 16वीं 188 से 199 पन्ने कम For Private and Personal Use Only Page #25 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 1 8 J 60 61 62 63 64 65 66 67 68 72 73 69 कुन्थुनाथ 2/6 70 कोलडी COL 2 71 | कुंभुनाथ 52 / 18 प्रोसि 2408 के नाथ 10/41 74 76 मुनि 1 / 57 75 हुन्थुनाथ 52/22 77 78 कोलडी 20 के साथ 5/3 79 2 ओसिया 1 अ 2 | महावीर 128 मुनिसु. 140 महावीर 1 14 कोलडो 1012 महावीर 19 के. नाथ 17/50 के नाथ 6 / 108 6761 9/11 कोलडी 21 17 17 भगवती सूत्र " 51 11 7 " "2 " 17 37 17 17 "' 17 " 17 "" " 17 3 - वृत्ति 7 75 7 वृत्ति की वृत्ति 38 का बीजक www.kobatirth.org Bhagavati Sūtra " 17 99 20 " " 35 59 "" " " 3A و" + Vriti + Vetti ki Vṛtti " kā Bijaka For Private and Personal Use Only " Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सुधर्मा स्वामी 13 भाग विभाग :- 1 (अ) "7 सुधर्मा / प्रभयदेव मू. + वृ. (ग.) 11 सुधर्मा स्वामी 11 37 31 11 31 4 11 12 37 37 77 अभयदेव मु. (ग.) "1 79 11 + प्रभय मू. + वृ . ( ग . ) पू. + ट. (ग.) मू. (ग.) मू. ( ग . ) 11 11 मू. + ट. (ग.) 11 5 =. 11 मू. ( ग . ) गद्य "1 "" Page #26 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra जैन प्रागम अंग सूत्र पांचवां अंग ( व्याख्याप्रज्ञप्ति) 21 " " " "1 11 " 13 11 "3 "" 27 "" " "1 6 17 33 विषय सूची प्रा. "" 31 प्रा.सं. 77 27 प्रा. 13 प्रा.सं. 7 प्रा.मा. प्रा. प्रा. श्रागम साहित्य | सं. 11 प्रा.मा. 37 8 401 205 904 971 27 × 1 1 × 13 × 52 सपूर्ण *26 x 11 x 17x54 सं. प्र. 15875 26 x 12 x 13 x 41 27 x 13 x 15 x 47 715 | 33 × 19 × 17 x 45 681 31 x 15 x 14 x 64 27 x 11 x 11 x 40 त्रुटक 26 × 12 × 13 × 38 प्रपूर्ण शतक 8 / 8 तक 25 x 12 x 15 x 44 केवल शतक 1/7 तक 25 x 12 x 5 x 30 ,, प्र.,, का 7वां उद्दे. 1859 26 x 13 x 6 x 40 पूर्ण मात्र 19वीं 26 x 11 × 15 x 45 13 मालापक मात्र 17वीं 26 x 11 x 6 x 35 केवल जयंती प्रश्नोत्तरी 1763 26 × 11 × 11 × 38 18वीं 27 26×11 x 11x41 13 | 25 x 11 x 12 x 40 6 26x11 × 12 x 44 423 168 94 5 15 53 11 20 424 468 www.kobatirth.org 12 8A 27 29 33 17 33 "" " 9 41 शतक ऋषभ जयपाली प्रधिकार 9/36 16/5,6 17 9/33 जवाली अधिकार For Private and Personal Use Only Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 37 1670 प्र. 18616 1965 जोधपुर 19वीं 10 1698 |1887 रतल म, मनोरदास 1894 1900 तखतराम 17 77 17 कुछ उद्धररण मात्र 26 × 11 × 15 x 45 सं. प्र. 18616 1663 26 x 11 x 15 x 45 1667 27 × 11 × 18 × 54 सं. 138 शा. 1925 उद्दे! 1658 19वीं [ 9 11 बीच में कई पत्र कम देवलीये, शतक 2/1+3/1,2 +7/9,10,9/ 33.60+11/ 11.124-12/ 1,2,9, जमालि प्रधिकारादि Page #27 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 10 ] भाग विभाग :-1 (प्र) 3A 80 | मुनि सु 2 | भगवती सूत्र की सज्झायें , Bhagavati Sutra ki मानविजय 320 Sajjhāyen 81 | कोलडी 22 | , यन्त्राणि Yantrāņi तालिकार्य | के.नाथ11/9:| ज्ञाता धर्म कथाङ्ग सूत्र Jñātādharma kathānga सुधर्मा स्वामी मू. (ग.) Sutral तुषमा स्वामा । 83 | मुनि सु 1453 , 84 | के. नाथ 1/31/ | मुनि सु.1954 मोसियां 1435/ | के. नाथ 4/1 प्रोसियां 1437 के. नाथ 14/ 25 , 5/2 से. मं.14 58 | के. नाथ 4/14/ | ,, 5/102 मू.+ट(ग.) मू. (ग.) से. मं. 1959 मू.+-ट(ग.) 95 | कोलडी 24 | के. नाथ 1/26 97 कु. नाथ43/9 98 , 23/6/ 99 के ना 13/36 मू. (ग.) ,, कनक सुदर मू +ट(ग.) सुधर्मा स्वामी मू. (ग.) For Private and Personal Use Only Page #28 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जन प्रागम-अंग सूत्र [ 11 6 7 8 8 9 10 11 मागम साहित्य मा. 9/27x12x12x31 प्र. 12वीं सज्झाय तक 17वीं शांति विजय शिष्य 28x11x5x65 | त्रुटक 19वीं अंग सूत्र/धर्म | 29x 11x18x63 | सं. दोनों स्कंध 1522 | पहिला पन्ना कम कथायें 30 x 12x14x52 1570 25x11x11x48 , प्र.5834 16वीं 1597 26x11xllx47 28x12x10x32 16वीं पहिला पन्ना कम 27x11x11x32 ग्रं.5464 1601 33x13x13x64 " 17वीं 25x11x13x41 .द्वि.स्कं.के 7वर्ग तक , 26x11x13x44 पाठी कथा से द्वि. की 1 26x11+11x42 सं दोनों स्कंध छठा अंग सूत्र प्रा.मा. 2 18वीं 18वीं प्रा.मा. 25x11x7x40 | सं. दो. स्कंध ग्र. 14000 | 26 x 10 x 11x44 | अपूर्ण दूसरी कथा से प्रत तक | 26x12x7x43 | त्रुटक द्वि.स्क.8वें वर्ग तक 25x12x15x37 | संपूर्ण दोनों स्कंध 25 x 11x5x35. | अपूर्ण 18वीं जीर्ण 19वीं 7x11x16x44 | ., 16वीं कया तक 19वीं प्रा.मा. 106 | 26 x 12x5x46 / त्रुटक 19वीं प्रा. 149/ 26x12x12x381 20वीं For Private and Personal Use Only Page #29 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 12 ] माम विभाग :- 1 (4) 3 ЗА सुधर्मा स्वामी 100 के के.नाथ 11/24/ ज्ञाताधर्म कथाङ्गसूत्र | Jhatadharma Kathanga. sutra 101 कोलडो 1014 मू.+ट. (ग) मू. (ग) मू +-ट. (ग) . " ,, 1013 103 | के. ना.5/114 +Vrtti | , अभयदेव | मू.+वृ. (ग) मू.+प्र.(म) 105 Jñatopapaya 104 | महा. 1415 प्रोसि.2/312 ज्ञातोपनया | कोलडी972 | ज्ञाताधर्म कथांग की। 107 | प्रोसि.1436 | Jiatadharma kathanga ks| अभयदेव Vrtti गद्य वृत्ति गद्य 108 | से. मं. ति.गु. 3| ज्ञाताभास Jñātābhāsa पद्य मेघऋषि (पासचंद . गच्छ) 109 के. ना.14/59| ज्ञाताधर्म कथा पर्याय गद्य |Jhatādharmakatha Paryaya . Bola 110 | ,, गु. 27 | , बोल गद्य 111 प्रोसि. 14261 उपासक दशांग सूत्र Upāsakadaśānga Sūtra सुधर्मा स्वामी । मू. (ग.) 112 | 113 मू.+ट(ग) 114] के. 115 | मुसु प्र43 ,, 1 9 42 के. नाथ 4/6 ,, 11/20 ,, 14/34 प्रोसि.14 38 118 | के.नाथ 6/21 119 ,, 5/49 116 .: : : : For Private and Personal Use Only Page #30 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra जैन आगम अंग सूत्र छठा अंग सूत्र 11 "1 19 14 अंग साहित्य कथा | शिक्षा व रूपक वि भागम-साहित्य 6 " = 35 : 11 " " 11 01 प्रा.मा. प्रा. प्रा.मा. B कठिन शब्दार्थ भा मा. आगम-साहित्य मा. सार तालिका सातवां अंग सूत्र प्रा. श्राद्धाचार प्रा.सं. 11 सं. 7 सं. मा. 33 प्रा.मा. प्रा. "1 8 4 88 22 25 x 11 x6x36 157 | 26 x 10 x 11 × 45 147 25 × 11 × 5 × 48 20 | 25 × 11 × 7 x 34 61 | 25 × 12 × 14 x 44 पूर्ण पहली कथाभी प्रधूरी 26 × 11 × 22 × 34 सं. 19 कथानों के 39 www.kobatirth.org 19 8A 17 58 34 x 14 x 17 x 72 सं. ग्रं 7300 33 x 13 x 13 x 63 16 x 13 x 13 x 17 20 125 x 11 × 19 × 50 15 x 10 x 14 x 10 28 x 11 x 15 x 58 30 27 x 11 x 11 x 50 49 | 26 × 11 × 7× 42 39 26 x 11 x 13 x 47 24 25 x 11 x 13 x 39 35 26 x 11 x 11 x 40 " 23 26 x 11 x 13 x 44 अपूर्ण पहली कथा भी 18वीं अधूरी पाँचवीं से अंत तक 19वीं 11 त्रुटक केवल 17वीं 18वीं कथा 19वीं 19वीं 15aff 17 "1 17 12 31 19 कथासार 1721 ,, प्र. सं. के शब्दार्थं 19वीं 113 अनुच्छेद 1929 9 71 11 " " 10 प्रध्ययन 10 Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 10 18 For Private and Personal Use Only 19at 10 ग्रं. 9761613 " 10,, . 812 1679 17वीं 921 17aff 17 | 26 × 11 × 15 x 54 प्रपूर्ण 8 वें प्रध्य तक 18वीं 13 27 x 11 x 16 x 56 2 से 10, 18वीं 1629 " 17at 1598 मोभाग्यसुन्दर ग्रं. 886 16वीं 10,, ग्रं. 1986 16वीं [ 13 11 बीच में कई पन्ने कम Page #31 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 14 ] भाग विभाग :- 1 (अ) 3 ЗА | 5 के.नाथ 3/21 उपासकदशांगसूत्र Upāsakadaśānga Sutra सुधर्मा स्वामी मू.+ट.(ग.) 121 | ओसियां 42 122 के.माथ 15/211 ,, 414 , 26 प्रोसि.1439 126] के.नाथ 99 मू.+ट.(ग.) 7 . 1/36 मू.ग. 5/22 मू.+ट.(ग.) " 1/2 " की वृत्ति " Ki Vrtti अभयदेव Antakstānga Sūtra सुधर्मा स्वामी । ,, 15/216 131 से.म. 1460/ पन्तकृताङ्गसूत्र 132 | मु.सु. 1449 | से.म. 161 134 प्रोसि. 1927 ,, 1434 के नाथ1517 . 137 कोलडी 25 138 कोलडो 26 +वृत्ति " +Vitti प्रभयदेव मू.+व.(ग.) 139 | महावीर10 For Private and Personal Use Only Page #32 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra जैन ग्रागमं - अंग सूत्र सातवां प्रग सूत्र प्रा. मा. श्राद्धाचार "1 "; "1 " 11 11 97 22 19 6 " " 11 "1 ." धागम - साहित्य सं. = 11 "" 13 आठवां अंग सूत्र प्रा. धर्म कथायें "1 STT. -- 17 प्रा. मा. STT. प्रा.मा. 7 = : प्रा. सं. " 8 61 116 27 22 23 23 60 11 11 24 30 19 21 30 16 25 24 19 24 23 8A www.kobatirth.org 26 x 11 x 13 x 43 25 x 10 x 13 x 33 25 x 11 x 15 x 50 26 x 11 x 6 x 38 27 x 12 x 4 x 30 25 x 10 x 15 x 43 26 x 11 x 14 x 50 26 × 11 × 13 × 43 सं. 10 प्रध्याय प्र.912 19वीं 28 x 12 x 13 x 54 प्र 8 वें अध्याय तक 19at 26 × 11 × 5 × 42 . 9 a,; 26 x 11 x 16 x 50 я, 3 26 × 11 × 6 × 32 26 x 10 x 14 x 44 27 x 11 x 15 x 47 25 x 13 x 15 x 38 संपूर्ण 12 अध्याय " 17 ;; 25 x 11 x 13 x 40 26 x 11 x 15 x 53 10 26 x 12 x 13 x 48 27 x 11 x 11 x 40 28 x 11 x 15 x 58 स. 10 प्रध्या की 31 19 "1 9 20at 20af प्र. पहिला श्रध्या भी 20वीं अधूरा सं. ग्रं. 944 प्राध्या. 10 19वीं 20at 16वीं पोभाजीत 16at 16वीं 1589 पौभाग्य सुन्दर 1654 गली, जयंत 1746 18वीं 21 17 97 "" 79 890 ;; "" For Private and Personal Use Only *. 790 #'. 795 92 कथाये ग्र. 800 5. 10 प्रध्या #.800 10 मध्या. Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 10 अध्या. 10 1863 19at 19वीं 19at 18af 19at [ 15 11 पहला पन्ना कम अंतिम पृष्ठ नहीं Page #33 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 1 16 ] 141 140. नाथ 15/96 प्रन्तकृत ङ्गसूत्र मु. सुव्रत 148 142 के. ना. 10/69 147 148 149 11 2 93 27 33 "} 143 सि. 128 प्रनुत्तरोपपालिकदशाङ्गसूत्र Anuttaropapatika daśaga Sutra 144 कु. ना. 52/15 145 37/11 146 के नाथ 17/44 15/7 ;, 15/98 7 g.1952 न 150 के. ना. 11 /66 151 aifa. 1#32 152 से मं. 162 153 कोलडी. 27 154 मु.सु. 151 155 कु. ना. 3/48 156 कोलडी 10/5 157 f. 133 158 130 159 के नाथ 11/46 77 17 17 ۳۲ 17 17 ۲۲ 17 17 n 17 ア 17 3 "D "T www.kobatirth.org +afer Antakṛtānga Sutra " 99 " 38 グラ 39 97 17 18 17 "Y 59 57 39 3A 19 35 + Vetti For Private and Personal Use Only Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भाग विभाग :- 1 (a) सुधर्मा स्वामी 73 11 11 71 "1 11 71 "" TO 13 TI 71 13 ". 10 "3 4 11 5 भू. ग. मू. +ट (ग.) (T.) "7 19 17 11 17 11 मू. +ट (ग.) "" मू ग. मू. +ट (म.) " .. मू. ग. 11 मू. + वृ . ( ग . ) Page #34 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra जैन श्रागम अंग सूत्र आठवां अंग सूत्र प्रा. धर्मकथायें "1 i, 11 नवमां अंग सूत्र," धर्मकथायें 71 11 " ;; 6 13 " 11 " "" ;; "" وز .; ", 13 प्रा. मा. ST. 11 11 19 10 प्रा. मा. " प्रा. 7 प्रा.मा. "1 : प्रा. ;; प्रा. सं. 8 23 4 8 8 31 | 24× 11 × 13 x 32 | सं. 10 प्रध्याय ग्रं. 892 19af 67 25 x 12 x 6×31 ग्रं.8801897 फलोदी भीमराज 27 x 11 x 14 x 34 19at 28 x 11 x 15 x 58 8 8 13 9 www.kobatirth.org 9 8A 40 26 x 11 x 11 x 48 8 26 x 11 x 11 x 35 9 26 x 11 x 11 x 34 14 26 × 11 × 6 × 34 25 x 12 x 8 x 30 25 x 11 x 10 x 37 12 25 x 12 x 14 x 40 14 25 x 11 x 7 x 33 30 26 x 12 x 3 x 38 26 x 11 x 13 x 44 5 25 x 12 x 16 x 47 9 24 x 14 x 11 x 30 26 × 11 × 11 × 48 26 × 11 × 11 × 46 26 x 10 x 13 x 38 31 सं. 10 प्रध्या. ग्रं. 190 11 37 "1 71 "1 "1 "" "1 " "1 "1 9 "1 39 31 For Private and Personal Use Only 11 ग्रं. 191 ग्रं. 196 ग्रं. 192 }} संपूर्ण 10 अध्याय "? "1 "" 73 72 17 ور "; 26 × 13 × 14 × 33 | मू. सं. वृत्ति अपूर्ण Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 10 1598 सौभाग्य सुन्दर 16at 16वीं 16at 1638 1646 17वीं 1700 18at 18at 1839 1898 गोपालसागर 19af 19at 19at 19at 19at [ 17 11 | पहिला पन्ता कम sui Page #35 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 18 ] भाग विभाग :- 1 (अ) 1 | 2 | ЗА 4 5 160 मू.(ग.) प्रोसियां 1931| अनत्तरोपापतिकदशांगसुत्र | Anuttaropapatika-dasangal सुधर्मा स्वामी Sütia 1939 प्रश्नव्याकरणसूत्र Praśnavyākarana Sūtra | 162 के नाथ6/64 3 से.मं. 1963 | कु.नाथ 54/4 165 के.नाथ 29/33/ " +बाला. +Bala. /पार्श्वचंद म.-- बा.(ग) 10/13 सुधर्मा स्वामी मू.(ग.) , 14/290 , 1/24 महा. 1911 , +Vrtti , अभयदेद मु.व. (ग.) सुधर्मा स्वामी +ट.(ग.) .., ki Vrtti अभयदेव प्रोसि.1424/ 25 171 के.नाथ ! 5/176 172 के नाथ 29/37 की वति 173 | के.नाथ 10/26/ 174 के.नाथ 5/50 ,, दीपिका 175 मु.सु. 14:0 विपाकसूत्र 176 कोलडो 813 Dipika अजीतदेवमूरि Vipaka Sutra सुधर्मा स्वामी 1771 से मं. 1964 178| के. नाथ 4/9 179 कोलडो 28 For Private and Personal Use Only Page #36 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जैन आगम-अंग सूत्र [ 19 6 7 8 9 10 11 नवमां अंग धर्म प्रा. कथाय दसवां अंग पाश्रव संवर 25x12x7x42 | संपूर्ण 10 अध्याय | 1927महा त्मा गुजलाल 28x11x15x58 , 10 अध्याय । ग्रं. 1250 सौभाग्यसुन्दर 27x IIx11x37 | 1616 27x12x9x26 ,,, ग्र. 1500 17वीं | 26 x 12 x 13x 52 " ,, ग्र. 1250/ 17वीं | 26 x 11 x 11x54 | ,, ,, ग्र. 7450 17वीं 1944 " , ग्र.5400 20वीं पागम साहित्य व्याख्या 28x13x13x50 | अपूर्ण 3रे से 7वें 17वीं अध्या. 48 26 x 11 x 13x42 | संपूर्ण 10 अध्याय | 19वीं 38 / 26x11 x 13x42 | ,, ,, ग्र. 1200 19वीं 26x12x15x44 5880 19वीं 91 25 x 13x7x32 6/26 x 11x5x30 | अपूर्ण 105 | 26 x 11 x 15 x 41 | संपूर्ण 10 अ...... 17वीं ग्र. 4630 23 | 26 x 11 x 17x45 | अपूर्ण दूसरे अध्या. तक 19वीं | 26x11 x 19x 47,, प्राश्रव 2 से 5 19वीं 126x11x11x38 सं. दोनों स्कंध 1596 33 | 31 x 11x13x35 | 1597 127x11x1ix38 16वीं 58 | 26 x 11x11 x 34 ,, ,, ग्र. 1316 1605 ग्यारवां अंतिम प्रा. अंग धर्मकथायें 24/27x11 x 15x54 , 1677 पहिला पन्न! कम For Private and Personal Use Only Page #37 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 20 ] भाग विभाग :- 1अ+1 प्रा (i) ЗА Vipaka Sutra सुधर्मा स्वामी मू. (ग.) 180| के. नाथ 2/3 | विपाकसूत्र 181 " 17/43 महा.1412 | +वृत्ति 183 | के.नाथ/14/33 विपाकसूत्र | प्रोसि. 1423 , +Vrtti ,, अभयदेव मू.+व (ग.) Vipäka stūra सुधा स्वामी मू. (ग.) 185 के. नाथ 3/5 मू.+ट.(ग.) .. की वृत्ति Ki Vịtti प्रभा 186 " 9/94 187 के. नाथ 1/23 , 188 कोलडी 29 भाग विभाग 1पा (i) जैन | आगम अङ्ग बाह्य-उपाङ्ग सूत्र 1 महा.प्रा.! | प्रौपपातिकसूत्र Aupapātika Sutra +मभयदेवमू+व.(ग.) कोलही 30 मू. (ग.) के. नाथ 2/2 कु. नाथ 52/9 5 के. नाथ 24/1 6 से.मं.मा 128 मू.ट. (ग.) | के.नाथ 17/25 प्रोसि. 192 के.नाथ 15/19 For Private and Personal Use Only Page #38 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra जैन श्रागम अंग सूत्र + जैन श्रागम अंग बाह्य उपाङ्ग-सूत्र 6 ग्यारवां अंतिम प्रा. अंग/धर्मकथायें 11 19 "1 "D " "7 प्रथम उपांग fafauza 33 وز श्रागम साहित्य सं. व्याख्या ग्यारवें श्रंग की व्याख्या / धर्म क 35 "1 ;; "" 31 ני प्रा.सं. STT. 33 प्रा.मा. "1 "3 प्रा.स. яı. 7 33 "" : प्रा.मा. प्रा. 11 8 22 20 28 29 47 29 3 11 17 23 10 83 28 34 32 42 36 82 355 35 95 www.kobatirth.org 31 8A 25 × 12 × 15 × 50 संपूर्ण दोनों स्कंध ग्र. 1250 26 x 11 x 13 x 53 25 x 13 x 17 x 36 26 x 11 x 16 x 41 11 31 ". 17 .. 38 26 x 12 x 15 x 56 fa 24 x 10 x 5 x 29 केवल सुबाहु अध्य. 26 × 10 × 16 × 50 सपूर्ण दोनों स्कंध 26 x 11 x 15 x 46 #.6800 26 x 11 x 15 x 52 30 37 अपूर्ण संपूर्णं 11 27 x 11 x 17 x 38. 7125 22 x 11 x 15 x 48 gm 26 x 11 x 13 x 48 26 x 10 x 13 x 41 27 × 11 × 11 × 44 26 x 11 x 13 x 41 25 x 11 x 5 x 40 27 x 11 x 5 x 41 25 x 10 x 15 x 47 33 " For Private and Personal Use Only 9 प्र. 1316 ... 1334 31 Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 10 17at 1719 19at 19af 19वीं 19at 1617 1649 1677 16af 1665 T. 1167 1669 ग्र. 1175 17वीं . 1250 17at प्र. 1300 17वीं 17at 18at . 1167 19at [ 21 11 प्रथम 3 पन्ने कम Page #39 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 22 ] भाग विभाग :- 1पा (i) ЗА 5 Aupapātika Sūtra मू. (ग.) मू.---ट.(ग.) मू. (ग.) 10 के.नाथ 15/97| औपपातिकसूत्र |, 11/78 12 | कोलडी 1017 , 13, 1016 के.नाथ 15/12 राजप्रश्नीयमूत्र | ., 5/64 16, 1/28 17.सु 14.116 18 4.म. 1प्रा.127 Rājapraśniya Sutra 19ोसियां प्रा.90% वा. मेघराज मू+ट.(ग.) , प्रा.91 21 के.नाथ 10/16 |,, 913 23 " +Vrtti मलयगिरि म.+-वृ.(ग.) , 11 109 कोलडी 31 , +वृत्ति राजप्रश्नीयसूत्र Rajapraśniya sutra मु.-+-.(ग.) | के.नाथ 14/31 कोलडो 32 ,, 1012 28., 1020 29 के.ना. 16/16 मू.+-ट. (ग.) -वृत्ति मू. + वृ.(ग.) For Private and Personal Use Only Page #40 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जैन आगम-अंग सूत्र [ 23 8A ___11 . प्रा. प्रथम उपांग विविधत 39 | 25 x 11 x 13 x 48 | संपूर्ण ग्र. 1167 11 | 26x11x6x42 अपूर्ण अंतिम पन्ने 10 19वों 1786 प्रा.मा. , प्रा. 26x11x5x30 | अपुर्ण 19वीं 25x11x15x55 25x11x15x42 संपूर्ण द्वितीय उपांग 2 कथाये 19वीं 1598 1668 1681 (सुर्यादेव+ प्रदेशी के शी) 26x11x13x47 X 13x47 , प्र.2100 27x11 x 13x36 28 x 12 x 14x40 ,, प्र. 2579 17वीं 26x11x13x46 17वीं 17वीं अंतिम पन्ना कम 27x11x13x41 ग्र. 2179 प्रा.मा. 24x11x5x40 ,, प्र. 6500 18वीं 26x11x13x47 प्रपूर्ण 17वीं प्रा.सं. प्रथम व अंतिम पन्ना कर 126x11 x 13x48 सपूर्ण ग्र. 2121 18वीं | 31 x 13x13x58 लगभग पूर्ण 18वीं. 27x11 x 13x52 संपूर्ण ग्र. 2079 | 18वीं | 26 x 11 x 13x42 अपूर्ण बीच के पन्ने | 19वीं 27x 11 x 16x48 | सं.ग्र. 2117+-5000/ 1921 3826 x 11 x 11 x 42 18वीं 8427x12x7x37 अपूर्ण 18वीं 30 26 x 11 15x53 त्रुटक 19वीं प्रा.मा. त्रुटक प्रा.मा. प्रा.सं. For Private and Personal Use Only Page #41 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 24 ] भाग विमाग :-1 (अ) 3A 4 5 Rāja praśniya Sutra म.ट. (ग.) मू.ग. , ks Vrtti मलयगिरि गद्य | Jivajivābhigama Sutra मू.अ. (ग.) मू.ग. 1 2 3 301 कु. ना.53/1 राजप्रश्नीयसूत्र कोलडी 1021 | महा. 14.2 , को वृत्ति | , 143 34 के.नाथ 10/47 35 | से मं. 1प्रा129 जीवाजीवाभिगमसूत्र 36/ के. नाथ 4/11/ , 9/21 38 कोलडी 33 39 प्रोसियां 1486 40 के. नाथ 6/14 41 कोलडी 1027 42 | के. नाथ 16/7 43 कोलडी 34 | , 35 45 कु. नाथ25/8 , 46 मु.सु 1111 प्रज्ञापनासूत्र 47 के. नाथ 1/6 48 / के.नाथ24/4 मट. (ग.) म.गा मू.ट. (ग.) मू.ग. " की वृत्ति , k. Vrtti मलयगिरी गद्य Prajnapana Sutra श्यामाचार्य 497 , 15/13 For Private and Personal Use Only Page #42 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जन पागम-अंग बाह्य-उपाङ्गसूत्र [ 25 । 8 11 8A 27x12x6x33 10 पूण सूर्यादेव भी अपूर्ण| 19वीं द्वितीय उपाग/ 2 कथायें 24x13x6x42 | अपूर्ण 20वीं किंचित टब्बार्थ भी प्रगम साहित्य व्याख्या 27x11x17x50 | पूर्ण ग्र. 4300 44 | 26 x 11 x 15 x 60 प्रपूर्ण बीचके पन्ने 17वीं 18वीं 27x12x16x43 | अपूर्ण 19वीं 27x11x11x42 ततीय उपांगविभक्तियां 17वीं 26x11x11x37 17वीं | 26x11x15x50 | सपूर्ण प्र. 4700 1720 90 25x10x17x52 , ग्र.4750 | 1721 जोधपुर 291 | 26 x 12x7x43 त्रुटक 18वीं 24x12x7x4) | अपूर्ण 19वीं 28x15x6x40 19वीं बीच के पन्ने कम है 19वीं 28x11x14x48 | केवल विजयदेव पूजा प्रकरण | 28x11x17x54| सं. प्र. 14000 भागम साहित्य सं. व्याख्या 1561 चतुर्थ उपांग जीव प्रा. प्रजीव विभ.. 30x11x 19x 80 1599 | 25x10x14x50/त्रुटक 16वीं | 29x 12 x 15x49 सं. ग्र. 8980 16वीं 299 | 26x11 x 11x43,, ग्र. 7788 | 17वीं 223 | 28 x 12 x 13x41 |,, 36 पद ग्र. 8300| 18वीं | 26x11 13x 52 | , प्र. 7787| 18वीं For Private and Personal Use Only Page #43 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 26 ] भाग विभाग :- 1(i) ЗА 45 50 प्रोसि.1 प्रा99 | प्रज्ञापनासूत्र Prajñāpana Sutra श्यामाचायं | महा. 1प्रा4 " +वृत्ति +Vrtti ,, मलय गिरि म.व. (ग) म.ट. (ग) श्यामाचार्य 52 के.ना. 13/20 53 पोसि. 14T100/ | , 1180 महा. 1 प्रा52 + +वृत्ति +Vrtti ,, मलयगिरि मू.व.(म) ,, 1प्रा61 प्रोसि प्रा141 श्यामाचार्य । मू.ट.(ग) मु.अ. (ग) ., कुलमंडनगणि । Vrtti मलयगिरि 58 के. ना. 6/82 59 | कोलडी 36 की वृत्ति 60 | के. ना. 1/2 51 प्रोसि.14871 | के.ना.17 63 | प्रज्ञापना 63 प्रोसि.1 प्रा.101| जंबूद्वीप-प्रज्ञप्ति 64 | के.ना. 1/10 , +वृत्ति 88 Prajña pana ki Vịtti Jambūdvipa Prajñapti + Vrtti मलयगिरि मूव. (ग) महा. 1 प्रा 5 | 1 प्रा6 +वृत्ति +Vrtti शांतिचद्र वाचक तपागच्छीय मू व (ग) कुना,54/9 मू ग. मुग. नाथ 9/12 , वृत्ति मह with Vpiti मू.व. (ग) कांतिचद्र सपाग- | च्छीय ,,45 मु.ग. For Private and Personal Use Only Page #44 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जन प्रागम-अंग बाह्य-उपाङ्ग सूत्र [ 27 8A 11 67 | 9 | 10 | | 1854 उदचतुर्थ उपाग जीव प्रा. 183 | 26x 13x15x42 | सं. 36 पद ग्र. 7787| रामसर मजीव विभक्तियः मारिणकमुनि प्रा.सं. 25x11x16x57 |.,ग्र.7786--16000/ 1885 प्रा.मा. | 27x 12x7x45 अपूर्ण 12वीं 27x 12x13x50संपूर्ण ग्र. 26000 1908ोडा गुमानीगम 25x11x9x36 1931 प्रा.सं. 27x 12 x 14x56 , ग्र. 23787 | 1964 केशरमुनि 31x 15 x 15x54 1975 केशरमुनि 25x12x6x30 | अपूर्ण त्रुटक 20वीं प्रा.मा. जीर्ण प्रा.सं. 26x11x16x45 मात्र ततीय पद की 20वीं प्रागम-साहित्य व्याख्या 161 31 x 11 x 19x 80 | अपूर्ण 16वीं 17वीं | 26 x 11 x 15x36 26 x 12 x 15x47| संपूर्ण 19वीं | 26 x 11x13x48| अपूरण 19वीं पांचवां उपांग | प्रा. भूगोल प्रा.सं. प्रासं. 1 26x11x23x74) संपूर्ण 16वीं 26 x 11 x 15 x 50 अपूर्ण 16वीं 27x11 x 11x31 संपूर्ण ग्र. 4154 1646 देवदास 26 x 12x15x46 17वीं धनचंद्र | 26 x 11x11x43 , ग्र. 4445 17वीं 25 x 11 x 15x54 प्रपूर्ण ग्र. 127 12 तक 17वीं 146 | 27x11 x 13x 50 संपूर्ण प्रशस्ति 2 पन्नों में प्रा.सं. 18वीं For Private and Personal Use Only Page #45 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 28 ] भाग विभाग :-1 पा(i) 1 2 ЗА गद्य 70 | के. नाथ 1572 जबूद्वोप-प्रज्ञप्ति Jambūdvipa Prajñapti मू. (ग.) , 14/32| , 10/9 कोलडी 37 मू.ट.(ग.) | के.ना. 5/65 मू. (ग.) कोलडी 971 ki Vrtti हीरविजय (दान सूरिका शिष्य) 76 | के.ना. 9/13 77 | मुसु.11114/ चन्द्रप्राप्ति Candra Prajñapti मू. (ग.) 78 प्रोसि.141102| सूर्यप्रज्ञप्ति Surya 79 | के.नाथ 9/14/ |, 11/36 | निरयावलिका-पञ्चोपाङ्ग | Niryavalika-palicopānga |पुधर्मा/श्रीचन्द्रसूरि | मु.व.(ग.) सूत्र | कु. ना. 29/7 सुधर्मा के.ना. 1514 | मु.सु. 1मा112 के.नाथ 14/28/ Sutra प्रोसि. 16891 के. ना.17/64 मुट.(ग.) मू.अ.(ग.) निरयावलिका की वृत्ति | Niryavalika ki Vrtti श्री चन्द्रमूरि गद्य For Private and Personal Use Only Page #46 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra जैन ग्रागम अंग बाह्य उपाङ्गपुत्र पांचवां उपांग प्रा. भूगोल " 11 "1 " "1 छठा उपांगअतरीक्ष सातवां उपांग अंतरीक्ष : मागम व्याख्या सं. साहित्य #1 11 #7 6 "1 "1 " 14 11 प्रा. मा. प्रा. 8 से 12 उपांग / प्रा.स. कथायें 19 प्रा. 17 11 प्रा. " 7 प्रा.मा. प्रा.सं. प्रा. प्रागम व्याख्या सं. साहित्य 8 29 27 21 148 26 × 11×11 × 42 18वीं 81 | 23 × 11 × 19 × 49 संपूर्ण 19वीं 83 | 29 × 11 × 15 x 60 19वीं 22425 x 12 x 14 x 56 1908 35 | 30 × 12 × 15 x 58 अपूर्ण (44 से 78 अंत) 17वीं 198 | 32 × 14 × 22 × 54 संपूर्ण प्र. 14252 1639 77 | 26 × 11 × 15 x 50 प्रपूर्ण 17at 37 30 × 14 × 19 × 50 संपूर्ण 18वीं 43 | 27 × 11 x 16 x 57 15वीं 76 | 27 x 11 x 11 x 45 17वीं 32 | 26 × 11 × 12 x 45 प्र. 1209+637| 16वीं " 16 27 x 12 x 19 x 78 17 at 17वीं 17at 1691 1845 नाग पर टीकमदाह 19वीं 19वीं 1928 8 www.kobatirth.org 27 8A 11 लगभग पूर्ण लगभग पूर्ण 26 × 11 × 13 × 43 | सपूर्ण ग्र. 1319 26 x 11 x 13 x 52 प्र. 1109 26 x 11 x 18 x 45 12 | 27 x 12 × 21 x 64 105 | 25 x 12 × 7× 28 26 × 11 × 35 × 70 25 x 13 × 17 x 37 25 x 13 x 19 x 40 "} 11 ; 11 11 11 33 प्र. 1319 " 52 उद्देशक #. 3600 77 "1 9 "3 प्र. 2200 प्र. 1050 प्र. 1161 For Private and Personal Use Only प्र. 801 Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 10 1928 बालूवर, पं जीवन [ 29 11 प्रथम दो पन कम प्रचलित लेखक से भिन्न किचित प्रवचूरि संस्कृत में प्रमथ व अंतिम पत्रा कम Page #47 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 30 ] भाग विभाग :- 1 प्रा (ii) ЗА भाग विभाग 1 पा (ii) जनप्रागम-अंग | बाह्य-छेद सूत्र Nisitha Sūtra भद्रबाहु स्वामी मू. (ग.) मू.ट.(ग.) 1 से.मं.1 प्रा 131fशीथसूत्र 2 प्रोसि. 1982 | महा. प्रा9 | प्रोसि 14185 ,, | प्रा83 कु. ना.42 1 निशीथ की चूणि Nisitha ki Cūrni गद्य महा.प्राी) | बृहत्कल्पसूत्र + वृत्ति | Vrhatkalpa Sutra +vrttil भद्रबाह/क्षेमकीर्ति | मू.व (ग.) " प्रा। व्यवहारसूत्र Vyavahāra Sutra भद्रबाह मू.प्र.(ग.) ग्रोसि.1481 दशाश्रुतम् कधसूत्र Daśāśrutaskandha Sūtra! मू (ग.) 10 | कोलडी 968 | कल्पमूत्र Kalpa Sutra मू.ट.(ग.) के. ना. 24/791 महा 1436 मू.अ.(ग.) के.ना. 8/24 --किरणावला ../धर्मसागरमरिण म.व. (ग.) ,,/ भक्तिलाभ | अन्तर्वाच्य , 1/4 15 कु.ना. 20/1 भद्रबाहु म.ट. (ग.) | महा. 1प्रा64 +किरणावली +Kiranavali , धर्मसागर मू.व. (ग.) 17 | के. ना. 20/6 , गुण विजय अन्तर्वाच्य For Private and Personal Use Only Page #48 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जैन आगम-अंग बाह्य-छेदसूत्र [ 31 8 | 8A । 10 11 छेदसूत्र साधु । प्रा. समाचारी 28 | 27x11 x 13 x 40 | संपूर्ण 20उद्दे ग्र.815 16वीं प्रा.मा. 25x12x6x55 " , ग्र.825 19 5x11x5x38 19वीं 25 x 12 x 8x37 | 25 x 13 x 8 x 35 20 | 30 x 12x 15 x 56 त्रुटक 164 | 33 x 12 x 17x76 | तृतीय खंड संपूर्ण 23/27 11x16x57 | संपूर्ण 10 उद्देशक 1933 विक्रमपुर 944 विक्रमपुर 19वों प्रागम व्याख्या साहित्य छेदसूत्र साध्वा- प्रा.सं. चार नियम 16वीं | 17वीं प्रा. 26x11x15x52 96| 35x14x7x36 .. न. 1216 16वीं टीकम दास ऋषि 1485. नागपुर हेमसागर दशाश्रत ग्राठवां अध्याय तीर्थकर प्रा.मा. कल्याणक, साधु समाचारी व स्थिरावली 38 चित्र हैं 821 28x11x8x38 1536 प्रा सं. 131 27x11x7x25 1548 201 26x11 x 13x41 5200 1628 12 चित्र हैं संभवत: रचना वर्ष प्रशस्ति है विस्तृत | 26x11x 13x50 134 26 x 11x5x40 प्रा.मा. " ग्र.5000 1645 1658 1664 प्रा.सं. 127 | 26 x 11 x 18 x 52 | , ग्र. 4814 प्रशस्ति है विस्तृत पा.सं मा. 138| 26x11x15x44 | 1687 For Private and Personal Use Only Page #49 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 32 ] 1 18 | के. नाथ 15 / 57 कल्पसूत्र 19 atfa. 170 20 कोलडी 1030/ 220 21 1230 22 महा. 1 भा63 23 ife. lat 8 24 के नाथ 8 / 10 25 i 8/4 6/62 26 28 29 27 कोलडी 12 महा. 1भा33 1137 30 31 32 " 3333 2 17 37 33 34 .14/8 35 से मं.1 मा 133 36 के . नाथ 8 / 13 कोलडी 15 " " " " "1 #7 "9 27 " "3 + कल्पलता + सुबोधिका " + किरणावली " 71 5 " 23 3 22 "1 + बालावबोध www.kobatirth.org + कल्पलता Kalpa Sutra " 19 35 1श्रा 35 भोलि 165 | कोलडी 1237 कल्पसूत्र + संदेहविषौषधि | Kalpa Sūtra + Sandeha Viṣauṣadhi 13 "" " " 39 20 73 "2 23 3A "" "" + Kalpalata + Subodhika + Kiranāvalī + Bālāvabodha + Kalplata For Private and Personal Use Only भद्रबाहु 31 " "1 Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भाग / विभाग :- 1 या (ii) " 11 " " " ܪ 11 11 " 5 भद्रबाहु / गुण विजय प्रन्तर्वाच्य / समय सुन्दर मूवृ . ( ग . ) / विनयविजय / धर्मसागर "3 5 " मु. ट . ( म. ) मू. (ग.) मूट. (ग.) " "" भद्रबाहु मूट. बा. ट (ग.) भद्रबाहु / जिनप्रभ मूवृ ( प्र . ) मू. (ग.) मू. ट. (ग.) मू. (ग.) मूट. (ग.) 1 33 5 "" 17 मू. ट. व्या. कथा मू. (ट.) / समयसुन्दर मू.वृ. (ग.) मू.ट. व्या. Page #50 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra जैन श्रागम अंग बाह्य छेद सूत्र " दशांश्रुत प्राठवा प्रा. मा. अध्याय तीर्थंकर कल्याणक, साधु समाचारी व स्थविरावली "1 17 11 37 17 " 21 " "" " "1 = "1 6 " " " " प्रा. प्रा.मा. " प्रा. 7 प्रा. मा. प्रा. प्रा. मा. 13 प्रासं मा. " प्रा. सं. 73 प्रा. मा. प्रा. सं. 31 प्रा. मा. प्रा. सं. प्रा, मा. 8 141 59 116 | 26x11 × 6x32 43 26 × 11 × 13 × 39 25 × 10 × 14 × 46 26 × 11 × 5 × 40 28 × 12 × 9 x 33 124 25 x 11 x 6 x 25 71 26 × 11 x 11 x 25 95 | 25 x 11 × 7x 34 25 x 11 x 6 x 38 27 x 12 x 12 x 60 26 x 11 x 15 x 50 210 28 x 13 x 10 x 46 26 x 11 x 10 x 31 25 x 12 x 17 x 48 72 24x11x7 x 36 95 | 24 x 10 × 11 × 58 135 25 x 11 x 6 x 32 145 26 x 11 x 8 x 40 लगभग पूर्ण ग्र. 1216 154 | 26 × 11 × 14 x 43 अपूर्ण (कुल 1 3 पन्न े कम हैं) सं. ग्र. 1216 का 243 25 x 11 × 13 x 35 76 137 133 184 299 www.kobatirth.org 153 8A लगभग पूर्ण संपूर्ण पूर्ण संपूर्ण " 1 17 33 " " " 9 23 11 For Private and Personal Use Only #.1250 1758 1766 9 वाचनायें 18वीं 18af प्र. 4814 18वीं अपूर्ण ग्र. 1000 तक 18वीं संपूर्ण 1216 ग्र. की | 18वीं ग्र. 1216 18वीं 18वीं 1793 गुढा, नेयमूर्ति 1793 1807 "1 1689 17at 17वीं 17वीं प्र. 1216 1719 1722 " "" Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 10 कथासह 1747 1757 [ 33 11 4 पन्न कम हैं 3 चित्र मामूली 31 चित्र हैं व्याख्यान भी है व्याख्यान भी है कठिनपदभजि विवृत्ति नियम 2पन वम Page #51 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 1 34] 38 | के. ना. 20/32 कल्पसूत्र 39 कोलडी 17 40 41 42 33 43 43 45 46 44 कोलडी 6 48 49 50 51 54 47 कोलडी 4 55 1035 के ना. 8/22 8/8 ओसि. 1 श्र.67 11 56 27 57 27 2 कु. ना. 22/2 37 कोलडी 5 52 f.1196 53 महा. 1प्रा.34 | .ar. 18/1 17/45 15/109 15/103 11 14 1: 13 " "" " ;; "1 31 33 + 17 12 " ,,+- कल्पद्रुमकलिका ;; 3 1=4 महा. 162 1 प्रा. 65 कल्पसूत्र + कल्पद्रुमकलिका Kalpa Sutra - Kalpadruma - kalika 132 कल्पसूत्र Kalpa Sutra 31 + वृत्ति 67 - किरणावली + कल्पचंद्रिका www.kobatirth.org Kalpa Sutra " " 38 " " "> "" " ,, + Kalpadrumakalika " 3A 39 23 33 + Vrtti +Kiranavali +Kalpacandrikā For Private and Personal Use Only भाग विभाग :- 1 प्रा (ii) भद्रबाहु "" 33 "3 11 11 " 13 23 13 Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir "1 "2 19 4 मू. व्याख्यान मू.ट. व्या. / धर्मसागर / सुमतिहंस " मू. ग. 14 5 मू.ट. व्या. कथा मूट. कथा / लक्ष्मीवल्लभ | मू.वृ. (ग.) 12 मू. ग. (मु.ट. व्या. कथा मू.ट . व्या. मू. ग. " मु. ग. / लक्ष्मीवल्लभ मू.वृ. (ग.) म. ग. मू.वृ. (ग.) अन्तर्वाच्य सू.वृ. (ग.) 73 Page #52 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.kobatirth.org जैन प्रागम-अंग बाह्य-छेद सूत्र [ 35 6 7 8A दशाशुत का | प्रा. मा. पाठवा अध्याय 118 | 25 x 11x15x45 | स. न. 1216 का । 1810 106 | 25 x 11x5 x 38 सं.ग्र.12162-2500 1816 +825 | 24x11x6 x 32 | सं. 1825 26x12x11x38 1216 1831 5x12x11x34 1843 प्रा. मा. | 26 x 12 x 17x40 72 | 27 x 13x11 x 30 129 | 27x14x17x38 1845 सत्यसुन्दर 1851 1865 5x10x5x46 1869 61 25x14x12x34 , 1216 प्रा. मा. 160 27x13x13x31 9वाचनायें 1875 विजयचंद 9व्याख्यान 1876 विगतवार गुलाबविजय प्रशस्ति ग्र. 12161 | प्रारंभ में कुछ सुभटपुर प्रवचूरि भी 1883 11885 26- 11 x 13 x 43 26x12x8 x 35 26 x 31 x 12x32 26 x 13x 15 x 44 26 x 12 x 10 x 26 10026 x 13 x 16x51 72 25x11 x 13x36 126, 25 x 10 x 17x60 20.50 रुपयों में खरीदी गुणचद से 19वीं मिद्धचंद्र 8वाचना तक 19वौं प्रा. सं. | रत्नसार अन्तवर्वाच्य का उल्लेख प्रा.सं.मा. ग्र.2500 | 19वीं 19वीं 10325x11x15x47 19वीं For Private and Personal Use Only Page #53 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 36 ] माग विभाग :-1 पा (ii) 1 2 3 3A 58| कोलडी 16 | कल्पसूत्र Kalpa Sutra भद्रबाहु म.ट. व्या. मू.ग. मू.ट.व्य.क मू.ग. 63 | कोलडी 2 64 के ना. 29/35 भद्रबाहु अन्तर्वाच्य ,,+सुबोधिका 5, +Subodhika , विनयविजय | मू.व. (ग.) 2 प्रतियां „ 2 Copies म.ग. 1 /भक्तिविलास अन्तर्वाच्य 65 , 29/30/ 66 | कु. नाथ30/2 67 , 4/80 68 महा. 15.61 69-70, 14159/60 | के. नाथ 8/20 ,, 8/26 ,, 20/43 ,, 5/7 75 महा. 17140 76 के.नाथ29/102 7 , 10/82 , , +कल्पद्रुमलिका +Kalpadrumkalika , लक्ष्मीवल्लभ म.व. (ग.) मू.ग. , , , +कल्पार्थबोधिनि मू.ट. कथा 1,+Kalpārthabodbini ,, केशर मुनि | मू.व. (ग.) , For Private and Personal Use Only Page #54 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जैन प्रागम-अंग बाह्य-छेदसूत्र [ 37 6 7 | 8 | BA 10 11 175 25x10x12 x 30 | संपूर्ण 19वीं दशाश्रुत 8वां | प्रा.मा. प्रध्य. जिनकल्या. मक स्थविगवली प्रा. +समाचारी , ग्र. 1216 | 19वीं 26x11x7x35 | 26 x 11x9x22 19वों 19वीं 25x 17x7x24 26 x 11x6x37 प्रा.मा. 19वीं प्रा. 27x12x9x37 | स्थविरावली तक 19वीं समाचारी नहीं हैं 144 | 27x 13x7x22 संपूर्ण ग्र. 1216 1919 27x12x13x32 , 1927 प्रा.सं मा. 26x12x4x54 1939 1955 26x 13x6x34 प्रा.सं. 27x12x10x43 प्रा. | 26 x 13 x7x35 152 | 25x 11x11x42 प्रा.सं.मा. 1955 अहमदाबाद, श्रीकृष्ण 20वीं चित्रों की खाली जगह है 20वीं जिनकीति सूत्र शिष्य 20वीं पन्ने प्रस्थव्यस्थ लिखावट 20वीं प्रा सं. 926x11x7x32 25x11x13x27 123 | 27x 12 x 13x36 , ग्र. 4000 20वीं प्रा.सं. 11030x 13 x 18x72 ,, ग्र. 1216+2010 जोध | 1993को कृति 7443 पर शिवदत्त - 18925x11x16 x 48 12008नागौर | शिवदत्त प्रा.मा. | 7| 26x12x6x44 केवल अच्छेरा अधिकार 16वीं 10प्राश्चर्यवत्तांत For Private and Personal Use Only Page #55 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 38 ] भाग विभाग :-15(ii) 1 2 3A Kalpa Sūtra भद्रबाह/ मू.ट. मू. व्या. +Vrtti मु.व.ग.) मु.ग. मू.ट व्या. 78 कु ना. 52/54 कल्पसूत्र के.ना. 8/16 ,, 20/19 , +वृत्ति ,, 16/5 | कोलडी 1033 83 | के.ना. 11/37 84 | कोल डी 871 85 | महा. 1 प्रा58 86-87/पासि.1 प्रा66) 32 प्रतियां 126 88|से म. 1मा139/ +वृत्ति +Vrtti मू.व.(म.) मू.बा. मू.ग. 2 Copies 2 प्रतियां 2 Copies 2 ॥ 89-90 कु. ना. 24/5, 13/56 91-92| कोलडी1037 39 93-95/के.ना.18/6,141 1/123,11/871 96 क.ना. 10/100 +Vrtti मू.व.(ग) मू.ट. (ग.) 97 , 20/12 98 | कोलडी 1032 | ,, 1038 | कु. ना. 24/2 101 के.नाथ 8/6 102 | .. 15/110 मू.ट. व्या. मू.ट.(ग.) , /उत्तमविजय मू. व्या. For Private and Personal Use Only Page #56 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जैन प्रागम-अंग बाह्य-छेवसूत्र [ 39 ___ 6 7 8 | 8A 8A 9 10 ___11 16| 25x10x6x40 | केवल साधु समाचारी | 17वीं दशाश्रुत 8वां प्रा.मा. प्रध्य. जिनकल्यारणक स्थविरावली +समाचारी प्रा.सं. बटक प्रा. 127x12x7x39 , जिनचरित्र का 19वीं कुछ भाग 44 20x10x7x43 अपूर्ण जन्महोत्सव तक | 19वीं 48 / 27x11 x 8x67 , प्र. 550 तक | 19वीं 23 | 25x11xkx 33 19वीं | 26x11x18x50 केवल स्थविरावली । 19वीं व्याख्यान 26x11x16x52 केवल साधुसमाचारी 19वीं प्रा.मा. त्रुटक प्रा.सं प्रा.मा अपूर्ण 30x13x9x34 | त्रुटक |1963नागौर बीच में भी पन्न रामनाथ कम हैं 26 x 12 x भिन्न2 अपूर्ण 20वीं प्रति सामान्य प्रतियां 26 | 25x 11x7x27 केवल 350 ग्र. तक | 20वीं 73, 125,28 x 13x भिन्न 20वीं " | 415/27,25 x 13,11,. 20वीं 31,41:3/ 23से 26 x 11से 15 20वीं ___ 14, 25x5x15x 40 | केवल चौयो वाचना | ___9928 x 13 x 12 x 33 | अपूर्ण महावीर गर्भ | वर्णन तक | 26x11x6x46। त्रुटक 20वीं 18 26x11x6x38 अपूर्ण 20वीं 59 26 x 14x7x 30 , 27 भव तक प्रा.सं. प्रा.मा. प्रा.मा. 25x12x भिन्न केवल 8वां व्याख्यान 20वीं ऋषभ कल्याणक प्रा.सं.मा. 1226x10x14x42 अपूर्ण 20वीं For Private and Personal Use Only Page #57 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 40 ] भाग विभाग :- 1 प्रा (ii) 3A 103 के.ना.५/9 | कल्पसूत्र व्याख्यान Kalpa Sutra Vyākhyāna अन्तर्वाच्य 104 ,, 4/19 105 ,, 82 कल्पलतानाम्नी वृत्ति Kalpalata Namni Vrtti | समयसुन्दर 106 प्रोसि. 1997 के. ना. 8/11 ,, 8/1 108 109 ,, 18/42 110 मु.स. 17124 111 | के.ना. 11/71 जिनप्रभसूरि 112 18/17 | सन्देह विषौवधिनाम्नी | Sandeha Visausadhi पंजिका Nāmani Pañjikā 113 | कोलडी 7 | कल्पान्तः वाच्यानि Kalpantaḥ Vācyāni जिनहंससूरि 114 .. 9 कल्पद्रुमकलिकानाम्नी वृत्ति | के.ना. 5/18 | कल्पसूत्र की वृत्ति कोलडो 8 Kalpadrumakalika Namni| लक्ष्मीवल्लभ Vrtti Kalpa Sūtra ki Vrtti 117 | कू.ना. 24/1 | कल्पसूत्र-भाषान्तर Kalpa Sütra Bhāṣāntara " वाचना " Vacana , 3/77 119 के.ना. 6/97 ! कल्पव्याख्यान , 9/37 | कल्पान्तः वाच्यानि Kalpa Vyākhyāna जयानदसूरि Kalpantaḥ Vācyāni | प्रोसि. 4ग्रा6 / (स्थविरावली) कल्पसूत्र | (Sthavirāvali) Kalpa Sutral (कल्पसूत्रे) 122 , 2/2 6] (समाचारी) , (Samācāri) , , For Private and Personal Use Only Page #58 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जैन प्रागम-अंग बाह्य-छेदसूत्र [ 41 8A | 10 11 19वों पागम व्याख्या प्रा.स. __88 | 26xllx13x36/ संपूर्ण साहित्य प्रा.सं.प्र. 55 26 x 11 x 5 x 30 19वीं मा. 25x11x15x50 प्र.1216की | 16वीं कल्पसूत्र की व्याख्या कल्पसूत्र के व्याख्यान | महावीर निर्वाण तक ऋषभचरित्र मात्र कल्पसूत्र की दुर्गपद विवृत्ति कल्पसूत्र की 85/26 x 11x15x48 , 8व्याख्यान 18वीं | 25 x 11 x 15x47| अपूर्ण 5 ., 1732 66.25x11 x 15 x 36 ,, महावीर जन्मो-18वीं त्सव तक 27x11x15x45 ,6ठो वाचना तक 9वीं 25x11x16x50 ,, केवल 11 19वीं व्याख्यान मात्र | 25 x 11x19x 44 | ,,7वां व्याख्यान 20वीं 54 26x11x16x56 | संपूर्ण प्र.3041 | 1638 28x11x15x44 1662 | 25 x 10 x 13x45 ,, प्र. 1216 को 1899 26x11x13x45 अपूर्ण (कुछ समाचारी 17वों 77/24x11x14x36 ,, 7वीं वाचना तक 1850 26x14x1] x 35 ,, स्वप्नाधिकार तक 19वीं ,,, केवल चौथी - 19वीं 1364 की रचना प्रथम पन्ना कम प्रारभ ॐ श्रुत्रा पंचमति-श्रुता वपि.... वाचना 26x11x17x50 , स्वप्नो से अंत तक 19वीं प्रथम 4पन्न कम है प्रा.मा. | 26 x 11x19x48 ,, स्थविरावली का 20वीं ग्रंश 25x13x13x33 केवल स्थविरावली 20वीं बीका नेर कंवलगच्छे 26x12x16x32 , समाचारी 1914 " समाचारी . For Private and Personal Use Only Page #59 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 42 1 129 123 मुसु. 1 प्रा119 कल्पसूत्र व्याख्यान 124 | के. ना. 8/3 बालावबोध 125 से.मं. 1 138 126 प्रोसि. 171 127 कु. ना. 55/1 128 कोलटी 1031 132 138 130.1.20/20 131 fa. 1195 कु. नाथ 55/8/ 133 के. नाथ 15 146 134 प्रोसि. 1श्रा 125 135 | के. नाथ 5/63 136 10/57 137 37 141 142 22 2 139 के. ना. 8/25 140 17:67 1029 से मं. 1 1 132 alfa 1198 71 "3 कु. ना. 44/3 24/10 17 37 21 i1 1: 73 17 14 11 17 77 77 17 71 ۲۱ 19 77 17 3 $2 व्याख्यान वाचना भाषा टीका 2015017 12 बालावबोध دو HIST बालावबोध व्याख्यान 17 अन्तर व्याख्याना वायना 7: बालावबोध जाना 7: " www.kobatirth.org Kalpa Sutra Vyakhyāna 20 21 ,, Vyakhyāna 25 "" 27 57 "" 23 " 77 22 39 #3 3A 33 Bālavabodha 23 Väcanā Bhāṣā Tika Vyakhyāna ور Balavabodha 30 Bhasa Bälävabodha Vyakhyāna J Antara Vyakhyāna Vācana ,, Balavabodha 70 Vacanā 55 For Private and Personal Use Only Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भाग / विभाग :- 1 ur (ii) 4 शांतिसागर शिवनिधान गण 5 गद्य 19 11 12 19 17 17 12 "1 18 "" 11 11 17 9: Page #60 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जंन प्रागम-अंग बाह्य छेवसूत्र [43 | 10 11 कल्पसूत्र की | मा. व्याख्या प्रथमव प्रतिम पन्ना कम कथा 19वीं 19वीं 29x 13x 12 x 40/ संपूण लगभग कालक 16वीं 174 | 25 x 12 x 13 x 41 , प्र. 1216/1608 | 26x 12 x 1 x 28 लगभग पूर्ण (स्थ.प्र.) 1616 | 25 x 12 x 20 x 37 मं. 9वाचनायें कथासह 19वीं 212 27- 13 x 13 x 27 संपूर्ण 19वीं 194 26x11 x 15x48 , 9वाचना 14625x11 x 16x 32 लागभग पूर्ण कालक- 19वीं कथा अपूर्ण 26 x 13x14x 39 संपूर्ण | 26 x 12 x 14x37 , 9वाचनायें 1913 विक्रमपुर 126x14x15x38 1934 25 x 11x14x36 ग्र.1216 का 1935 5x13x20x39 9वाचनायें । 1942 26xllx13x46 20वीं 20 28 x 12x16x51 120वीं | 26x11*12 x 43 5वीं वाचना प्रचूरी: 17वीं 25 x 11x13x40 1.2,4.प्रौर 6 ठी | 18वीं वाचना 26x11x15x42 प्र. प्रादिनाथचरित्र तक Lवीं स्थविरावलीविधि व प्रचलनच्छ को जीर्ण प्रारम में 25x10x14x465से 8वीं वांचनायें 19वीं 82 21x14x11 x 24 अपूर्ण | 19वीं 726x11x12x401 केवल 5बों वाचना। 19वीं . अधूरी For Private and Personal Use Only Page #61 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 44] भाग/विभाग :- 1 आ (ii) 2 ЗА 143 कोलडी 446 कल्पसूत्र-वाचना Kalpa Sūtra Vācanã |, 158 , 1034 " व्याख्यान Vyakhyana प्रोसि. 3ई185 147 कोलडी 1040/ " वाचना Vācapa के.नाथ 19/57 , व्याख्यान भाषघोल | ,. Vyakhyāna Bhasaghola| ज्ञानविमल संघदास क्षमाश्रमरण , 11/1 | पंचकल्पभाष्य (महत्) | Paicakalpa Bhasya.. (Mahat) , 11/2 , चूणि , Cūmi महा. 14113) महानिशीथसूत्र Mabā piśitha Sūtra , 1आ12 | के.नाथ 29/3 महा. 1740 पतिजीतकल्प Yati Jitakalpa , 1438 +वृत्ति +Vrtti , आ39 157| कोलडी 38 जीतकल्प+वृत्ति Jitakalpa+ , जिनभद्रक्षमाश्रमण सोमप्रभ ,,, /देवसुन्दर शिष्य तिलकाचार्य भाग | विभाग 1 मा (ii) जैन प्रागम-अंग बाह्य-चूलिका व मूल सूत्र : Nandi Sutra देववाचक 1 कोलडो 39 नंदीसूत्र 2 के.नाथ 14/26 3 महा.!प्रा28 मुट.(ग.) For Private and Personal Use Only Page #62 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra जैन श्रागम अंग बाह्य तथा चूलिका व मूलसूत्र कल्पसूत्र - व्याख्यान ". "" C " कल्पसूत्र का सारांश " छेद सूत्रागम साहित्य 27 छेट सूत्र 11 33 6 -- " "" D "" = 17 וי साहित्य मा. " . "3 - " STT. प्रा.सं. STT. 12 " प्रा. मा जैनागम ज्ञान पर प्रा. 7 प्रा.सं. "3 ". 1) प्रा.मा. 8 14 22 84 61 26 x 10 x 13 x 50 केवल 3री वाचना 19वीं 5 27 × 11 × 17 x 44 | केवल 9वीं वाचना भी अधुरी 19वीं 59 | 26 × 12 × 10 × 32 पूर्ण 19वीं 17 25 × 11 x 13 x 33 महावीर पूर्व भव 19वीं तक 3 26 × 11 × 10 × 33 3री वाचना भी अधूरी 20वीं 28 × 13 × 12 × 36 संपूर्ण 10 व्याख्यान 1935 30 x 16 x 15 x 40 प्र. 3218 1940 www.kobatirth.org 139 8A 129 26 x 13 x 15 x 44 27 x 13 x 19 x 51 551 24 x 14 x 13 × 38 "" 17 29 x 16 x 18 x 41 160 27 x 11 x 13 x 38 99 126 × 12 × 13 × 55 40 26 × 11 × 7 x 46 अपूर्ण6, 7वां मध्य मात्र 19वीं 37 26 x 11 x 7 x 27 संपूर्ण 306 गाथायें 17वीं 19वीं " की ग्र. 6602 20 वीं शहरदान 19वीं 31 31 71 33 " " 29 | 27 × 11 × 11 x 40 | संपूर्ण 41 | 27 × 11 ×6 x 45 38 | 26 × 11 × 7×51 9 37 For Private and Personal Use Only प्र. 3125 प्र. 4504 27 " Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 17 105 गाथा की 10 1940 1784 चतुर हर्ष 19वीं 17वीं 1724 18वीं [ 45 11 मूल संक्षिप्त जिनचंद्र का Page #63 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 46 ] : माग/विमाग :-1 प्रा (ii) 3A देव वाचक म् बा.(ग कोलडी 40 | नदीसूत्र+बालावाध | Nandi Sutra+Bala vabodha मु सु. 11117 , मू.ट. (ग.) मट. कथा 6 | प्रोसि. 14773 | महा. 19756 8 प्रोसि. 1975 - वृत्ति +Vrtti , मलयगिरि |, 1474 10 | के ना. 13/37 -वृत्ति +Vrtti , मलयगिरि मू.व. (ग.) 11-12/ . कु.ना. 3/70. प्रालपक 2 प्रतियां » Aläpaka 2 Copies म.ग. ki Vrtti मलयगिरि Anuyogadvara Sūtra मू. + Vrtti मू.व (प.ग.) 540/] 13 | महा. 1प्रा. 29| की वृत्ति 14 | के. नाथ 1/18/ , , कोलडी 1166 , , मु.सु. 1 1 13 अनुयोगद्वारसूत्र के. नाथ 3/4 ,, 11/103 +बत्ति , 14/35 ,, 2/1 21 प्रोसि. 1472 , बालावबोध 22 | मु.सु.1 प्रा118 दशवकालिक सूत्र 23 | के.नाथ 1/30 24 प्रोसि. 1105 , मू.प. .. +Balāvabodha +Dalani मू.बा. Daśavaikälika Sutra सयंभवसूरि म.ट. For Private and Personal Use Only Page #64 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जैन प्रागम-अंग बाह्य-चूलिका व मूलसूत्र [ 47 8A जैनागम-ज्ञान प्रा.मा. 104 26 x 13x15x28 | संपूर्ण | 1888 25x12x8x44 19वीं | 25x 12 x 6x 35 27 x 13x12x 61 1943,x, वासुदेव 1963 प्रा.सं. प्रा. 24x12x16x59 1957 प्रा.मा. 24x11x19x50 1985 नागौर 1607 प्रा.सं. पन्ने 78से147 18/19वीं 29x 12 x 16x63 अपूर्ण (प्राधाभाग पिछला) | 26 x 11 व 11x9 मूल के उद्धरण | 26 x 11x15x50 संपूर्ण प्र.8105 26 x 11 x 13x42 | अपूर्ण नैनागम व्याख्या सं. साहित्य 18वीं 19वीं 26x12x15x37 19वीं जैनागम व्यारुवान पद्धति जीगर्ग 81 26x11x9x30स गा.1604/7 2005 17वीं गली,भागचंद्र 36 26 x 1 x 13x47 संपूर्ण प्र. 1399 1519 27x10x13x54 लगभग पूर्ण . 51 28 - 12 x 13x41, संपूर्ण अ. 160417 प्रा.सं 160 27x11x15x50 प्रा.मा. 83 26 x 12 x 5 x 64 जैनागम-प्राचा- प्रा. 27x9x8x54 1704 किचित् प्रवचुरि भी है , प्र. 1417 का 1836 पाली | जीर्ण टीकमदास सं. 10 अध्य-21 15वीं बीच में कुछ . चूलिका पन्न कम हैं , 1620 , 700 ,, 17वीं रादि 1 1626 x 11 x 16x50 प्रा मा. 49 26 x 1 x 6x44 For Private and Personal Use Only Page #65 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 1 48 ] 28 25 | के. ना. 15/ 107 दशर्त कालिकसूत्र 26 20/5 27 कोलडी 1024 29 30 31 32 33 34 39 40 41 42 43 13 44 21 "" 17 "" 35 36 37 38 प्रोसि. 1 प्रा. 107 1106 महा. 1पा22 कोलडी 45 47 2 के. ना. 3/23 24/2 17 "3 50 15/5 कु. ना. 17/9 केना. 1/3 कोलडी 51 1 1025 "1 46 49 48 कु. ना. 24/8 17 77 17 TP 17 17 وز 27 27 ;; 77 "1 "+afu,afa, दीपिका 3 3 71 ,,+ बालावबोध ་་ www.kobatirth.org Daśavaikälika Sütra دو 38 38 "1 " 37 "P " " "" 27 "" 99 20 .. 39 3A 33 + Cürni, Vrtti, Dipika +Bālavabodha For Private and Personal Use Only भाग / विभाग :- 1 या (iii) "" "1 12 .. 37 23 "" 21 "; Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 18 13 4 Hayfe म. म. ट म. प्र. मू. ट. "} मू. मू. ट. मू. 5 मू. ट. मू. "3 सयंभव / हरिभद्र / मू. चू.वृ.दी. माणिक शेखर सयंभव म. ट. ཏྭཱཡ 11 मु. बा. मू. ट. Page #66 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जैन प्रागम-अंग बाह्य-चूलिका व मूल सूत्र [49 7 8A ___ 6 . जैनागम-प्राचा 8 8A | 16 26x 10 x 14x 60 स 10अध्य.+2चूलिका 17वीं प्रा. अंत में 10श्लोक अतिरिक्त रादि प्र. 700 प्रा. मा. 26x11x16x41 | 17वीं प्रा. सं. प्रथम व अंतिम पना नहीं प्रा. मा. 10वें अध्या. की 20गा. कम प्रा. मा. 26 25 x 11x13x34 | लगभग संपूर्ण | 17वीं | 24 x 10 x 5 x 44 संपूर्ण 1754 24x11x6x42 लगभग संपूर्ण | 18वीं 20 | 26 x 11 x 10x38 | संपूर्ण चूलिकासह | 18वीं 31 | 25x11x7x53 , ग्र. 1924 18वीं 25x12x11x33 , चूलिकासह 18वीं 6424x10x5x37 ,, 10प्रध्या. 1807 39 25 x 12 x 10 x 26 1810 24x11x11x32 ,, ,, चूलिकासह | 1812 प्रा. मा. " ,, प्र. 700 प्रथम पन्ना कम 6x10x5x42 1820जोधपुर गुणविजय 1827 67 | 25 x 11x5x33 68 | 25 x 13x5x32 54 26 x 12x5 x 35 112 | 27x13x16x54 1876 बीकानेर 1889विक्रम नगर प्रखवि. , वृ.प्र. 7470 | शाल 19वीं प्रा. सं. 28x13x7x46 1846 19वीं 20 25x11 x 13x45 | संपूर्ण 10अध्या. 83 25 x 12 x 13x45 19वीं 27X13x5x56 पूर्ण विनयसमाधि | 19ीं 12 उद्दे. तक For Private and Personal Use Only Page #67 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.kobatirth.org 50 ] भाग/विमाग:-१ प्रा(iii) ЗА Daśavaikälika Sūtra | शयंभव मू.ट. +Vrtti , हरिभद्र +Bala. मू.बा. +Vrtti ,, हरिभद्र 45 | के.ना. 1/21 | दशवकालिक सूत्र 46 |, 4/18 47 | प्रोसि.11104 48 , 141108 49 | महा. 1प्रा21 +वृत्ति 50 प्रोसि.141103 , +बाला. 51 | महा. 1प्रा24] , +वृत्ति 52 | कु. ना. 43/5/ दशवकालिक सूत्र 53 | कोलडी 52A 54 | महा. 14123 55 | कु.ना. 25/10/ के.ना.15/200/ | . 11/102 58 .. 6/83 , +वत्ति म.ट. +Vrtti 24/3 | दशवकालिक सूत्र , 13/23 2 प्रतियां 2 Copies 61-2 कोलडी 1023 1026 63 | प्रोसि.3431 | महा. मा54 प्रोसि.1पा134/ , की प्रवचूरि Avacuri For Private and Personal Use Only Page #68 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra जन प्रागम अंग बाह्य - चूलिका व मूल सूत्र 6 जैनागमप्राचाराधि " .ܶ 5, + " رز 11 13 "" 22 33 " "" 11 "1 21 71 , जैनागम व्याख्य साहित्य $1.41. , " 7 प्रा. प्रा. सं. प्रा.मा. प्रा. स. प्रा.मा. 17 प्रा. प्रा.मा. प्रा. प्रा.सं. प्रा. प्रा.मा. प्रा. प्रा.मा. स. 8 46 46 171 25 x 10 × 6 × 40 25 x 11 x 7 x 37 69 25 x 13 x 19 x 38 7 27 x 12 x 28 x 65 250 26 x 11 x 11 × 47 54 | 25×11× 6 × 47 26 x 13 x 15 x 44 69 | 26 × 12 × 5 × 32 27 x 11 x 5 x 34 पूर्ण 4 मध्य तक 25 × 12 × 12 × 34 केवल 2रा प्रध्य. 26 x 11 x 7 x 60 26 × 11 x 13 × 46 26 x 11 x 13 x 40 24 x 10 x 13 x 48 21 25 x 11 x 9 x 27 57 | 27 × 12 × 6 × 35 16,10 27 x 13a25 × 12 5 27 x 13 x 8 x 50 28 x 13 x 4 x 33 27 × 11 × 25 × 62 सपूर्ण 17 2 22 41 18 46 3 www.kobatirth.org 17 8A सपूर्ण चूलिकासह "" 33 17 "" 17 11 17 17 1 1 9 1941 10 अध्य. प्र. 1500 19वीं त्रुटक " " 19 त्रुटक प्रपूर पिण्डेषणा से अत तक 5 वें से 10 वें अध्य तक For Private and Personal Use Only i, चूलिकासह 37 33 "} 3रे से अन तक 5 वें अध्य. तक 5 वें से विनय अपूर्ण 4थे मध्य तक केवल 2 अध्ययन Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir चूलिकासह 20वीं, x, यशसूरि समाधि तक 10 1943 1952 मालेर कोटला, लछमनदास 1961, x, भ्रमरदत्त 1965 नाग 20वीं 1763 18वीं 18af 18at 18-7 187 19त्रीं 19वीं 19वीं 19वीं 20वीं 16at [ 51 11 साथ में पक्खी सूत्रावरि Page #69 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 52 ] भाग/विमाग :-1 प्रा (iii) 3 3A कु.ना. 55/5/ दशवकालिकसूत्र का बालावबोध 67 के.ना. 13/32 , की वृत्ति Daśavaikälika Sutra kā Balavabodha ki Vrtti राजसूरि (खरतर) सुमति सूरि | , 18/37 | मु.सु.2/328 , की सज्झाय ki Sajjhāya जयतसी | ,, 2/329 ,2 Copies कमलहर्ष वृद्धिविजय Uttarādhyayana Sūtra +Vrtti महा. 3:164 72-3 के.ना. 20/26 2 प्रतियां 19/43 74 , 15/133 75 , 21/89 76 | कोलडी 1156 , " | से मं.11109 उत्तराध्ययनसूत्र | के. ना. 1/5 +वृत्ति कुना 38/1 | +बाला. कोलडी 52B +, के. ना.14/27| उत्तराध्ययनसूत्र 82 | कोलडी 54 +बाला. 83 | के.ना. 412 | , +वृत्ति पोसि. 14776उत्तर ध्ययनसूत्र ,, 1प्रा93 + Bala. +Bala. +Vrtti - नेमिचद्रसूरि Uttaradhyayana Sūtra , 19179 For Private and Personal Use Only Page #70 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जन प्रागम-अंग बाह्य-वृलिका व मूल सूत्र 153 ___ 8 8A 8A 9 10 11 मा. जैनागम-व्या- ख्यान साहित्य माथा सहित 79 / 27x11 x 13x45 किंचित् प्रारंभ में अपूण 17वी 5 पन कम 61 | 26 x 12x15x 48 सं.10प्रध्य ग्र.2600/ 1785 15 | 27x11 x 15x38 अपूर्ण 4थे प्रध्य. तक 19वीं 325 x 11 x 15 x 49 / संपूर्ण 12 सज्झाय | 1763 पद्य मय सारांश मा. 25x1x10x36/ लगभग पूर्ण 18वीं अतिम पन्ना कम 25 x 12 x 13x34 सपूर्ण 11 सज्झाय 19वीं 23x11 व 25x13 , 11 20वीं " ,, 11 प्रथम पत्रा कम प्रा. जैनागम-ग्रंति उपदेश 1426x11 x 15 x 40 , 12 , 1850 728x12 x 12x39 1904 8 26 x 12 x 13x32 लगभग पूर्ण | 1828 27x11x15x35 सं.प्र. 21944.36 1484मूली ग्राम,भट्ट शिवाणी 26x11 x 11x35 , 8260 18वीं | 28x12x6x36 लगभग पूर्ण (36वां। 16वीं कुछ कम) 26x11x6x40 | संपूर्ण 36 अध्ययन 1619 27x11x14x43 1623 26 x 11x 13 x 50 , 5 6250 1657 25x11 x 15 x 45 , प्र. 14000 1666 26 x 11 x 15 x 50 | सं.प्र. 2000प्रध्य 36 17वीं 33 x 13 x 13x 61 अपर नाम देवेन्द्र गरण सुखबोत्रीनाम्नी पत्ति 17वीं जीर्ण | 26x11x4x33 | सं. 36 प्रध्य, 1767,x | जेठाखीमसी For Private and Personal Use Only Page #71 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 54] भाग/विभाग :-1 प्रा (iii) ЗА 4 5 Uttaradhyayana Sutra 87 के.ना. 5/115| उत्तराध्ययनसूत्र | ,, 20/2 |, 131 मू. टं. +बाला. +Bala. -/ मू. बा. उत्तराध्ययनसूत्र मू.ट. मू.ट. कथा | प्रोसि.प्रा.78 96 कोलडी 55 97 प्रोसि 1.136 म. ट. म.ट. कथा | के.ना. 11/4 + +वृत्ति +Vitti -शांत्याचार्य + + ,, -/भावविजय + + Dipika -/लक्ष्मीवल्लभ 1, 51 +vrtti -- +Bala. -/ | महा. 14153 100 के ना. 5/48 +दीपिका " +वृत्ति , 13/17 i +बाला. ... 10/8 , +वृत्ति 104 | पोसि. 14777 उत्तरायनसूत्र | के. ना. 9/8 , +वत्ति 106 कोलडी 61 , +दीपिको | +vrtti +Vrtti |-/मावविजय +Dipika - लक्ष्मीवल्लभ । For Private and Personal Use Only Page #72 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जन प्रागम-अंग बाह्य चूलिका व मूल सूत्र [ 55 8A - 10 11 जैनागम-अतिम प्रामा उपदेश 1787 26x11x7x38 | संपूण 36 अध्य. 133 27x11 x 13x45 17वीं 21 27x12x9x32 17वीं 25x11x5x35 1753162 26x11x13x45 | लगभग पूर्ण 36वें का 18वीं 265 श्लोक 26 x 11x5x38 | पूर्ण36प्रध्य.ग्र.2205| 18वीं | 25 x 12x16 x 50 | संपूर्ण 36 अध्य. | 1839 302 | 26 x 11x5x34 1892 126x11x16x54 | , प्र. 2000 | 19वीं 125x11x5x36 | , प्र. 2205 19वीं रब्बार्थ 18वें प्रध्य. तक ही म 1 26 x 13x17x53 | सं.प्र.2000-1-8000/1900 बीका- जीर्ण, प्रथम +4000नेर,छोटुलाल पन्ना कम है | 29x 16x17x38 | सं 36 अध्य. 1941 (टोका पाई नाम्नी) | 27x 13 x 13x41 सं. प्र. 16255 11958जामन- प्रशस्ति है। पर खूबकुशल संशोधित 33 | 26 x 11x18x48 प्रपूर्ण32/70से प्रत तक 16वीं 26x11x15x49 ,, 42 से 11वें अध्य. 16वीं तक 26 x 12 x 13x35 25वें प्रध्य तक| 17वीं प्रथम पृष्ठ पर चित्र | 27-11x15x58 ,, 23वें , प्रा.सं.मा. - 2 125x11x5x47 | अपूर्ण 26वें अध्य.तक 18वीं 26x11 x 12x43 | अपूर्ण 25 x 13x17x50 | ., 2 अध्या. तक | For Private and Personal Use Only Page #73 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 56 ] भाग/विमाम :-1 पा(iii) 107 के.ना. 125 | उत्तराध्य नसूत्र Uttarādhyayana Sätra 108 कु. ना. 17/11] , 109 के.ना.26/96 +Vrtti -भावविजय 100 महा.14726 __, +वृत्ति | कोलडो 814 | उत्तराध्ययनसूत्र 112, 1019 , +बाला. के.ना. 16/22 उत्तराध्ययनसूत्र+अव. 14/24,26 , 2 प्रतियां +Bala. + Avcūri 2 Copies 72 ,, की चूणि ki Cūrni , को बृत्ति ki Vrtti शांत्याचार्य ki Kathayen शीलगणि की कथायें वृहृवृत्तिको कथायें पद्मसागर kiVrhad Vrtti, Karbāyen पद्मसागर महा. 14125 ., 1755 118 | कोलडो 60 119, मु.सु.11123 120 | कु.ना. 47/7/ 121 कोलडो 54 122 कुना. 25/94 123 | के.ना. 23/80/ 124 योमि. 1113 125 | के. ना.21/84 126 | कोलडी4/7गु. 127 ,, गु. 10/5 की कथायें kr Kathayen की सज्झायें ki Sajjhayen वाचक रामविजय पछ प्रासकरणजी उदयविजय For Private and Personal Use Only Page #74 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra जैन श्रागम अंग बाह्य चूलिका व मूल सूत्र जनागम-प्रतिम उपदेश ور "" "1 "" 31 " 14 प्रागम व्याख्या साहित्य 17 " " „ ;. "" 6 " प्रा.मा. प्रा. 13 प्रा.सं. प्रा.मा. 7 प्रा सं प्रां. "" प्रा.सं. सं. "1 मा. 8 17 139 25 x 11 x 17 x 41 6 27 x 12 x 17 x 42 2 26 x 11 x 13 x 40 28 x 12 x 15 x 42 30 x 10 x 5 x 36 22 25 x 10 x 12 x 30 3 | 26 × 11 × 9 x 40 4,7 27 x 12 x 9 × 30 130 417 | 28x13 x 14 × 52 40 27 × 10 × 16 × 48 संपूर्ण 105 27 x 18 x 17 x 48 26 x 11 x 15 x 48 अपूर्ण 25 × 11 × 14 x 42 सं. 25 वें प्रध्याय तक 9 60 92 46 23 www.kobatirth.org 124 86 26 × 11 x 15 x 80 4 8A 41 15 × 9 x 9 × 48 गुटका 19 x 13 x 13 × 23 प्र केवल 32 अध्य. " 28 13 1 "1 "1 9 19वीं 19वीं नमिप्रव्रज्या, 19वों 6ठे अध्य. तक 20वीं मृगापुत्र प्र. 99गा. 19वीं " 36at 27 × 13 × 15 × 44 सं. मूल व नियुक्ति पर ग्र5990 36 मध्य की ?? अध्या. 3/14 तक 20वीं प्रनायी मुनि श्रध्या 20वीं त्रुटक 9मोर 36 ग्रध्य 20वीं 19वीं 1964 नागौर जीवराज 1581 Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir For Private and Personal Use Only 25 वें अध्या. तक की त्रुटक उदयन कथा तक 19वीं 19 × 11 × 11 × 31 संपूर्ण 36 प्रध्या की 26 × 12 × 11 × 26 अपूर्ण 5 से 36 तक 1847 प्रातर| मुवागुलाबचढ केवल नमिराजर्षि की 1847 7 ढालें 24 x 11 x 17 x 36 सं. 36 श्रध्य. की 10 1713 सिणोरापाटक प्राकृत को सस्कृत विवेकरुचि की गई 1137 की रचना 18at 1926 1811 1878 1884 [ 57 11 पन्ना सं. 4 नहीं है Page #75 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 58 ] भाग/विभाग:-1आ (iv) 3A S/II उत्तराध्ययन की सउझायें| Uttaradhyayana सुमतिविजय (लक्ष्मो पद्य ki Sajjhâyen विजयशिष्य) |, 1324 130 के.नाथ 29/29/ उत्तराध्ययन-वात्तिक | Uttaradhyayan Varttika | पाश्वचंद भद्रबाहु/ 131 |, 1/9| योधनियुक्ति + वृत्ति | Oghaniryukti + Vrtti 132 | महा.!मा27 प्रोधनियुक्ति . Oghaniyukti के.नाथ 14/36 . 134 , 9/26 का बालावबोध kā Bālāvabodha माग | विभाग 1 मा (iv) जैन मागम-अंग | बाह्य-प्रावश्यक सूत्रः | प्रोसि. 2/152| मावश्यकसूत्र + गाथायें Avasyaka Sutra+Gathayen | के.नाथ 26/69 | कु. ना. 15/14 | के.ना. 13/41 कु. ना. 4/98 के.ना. 24/23 ,, 15/196 . 21/60 .. 15/157 10 , 16/34 1 , 1/27 For Private and Personal Use Only Page #76 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जन प्रागम-अंग एवं बाह्य-चूलिकावमूलसूत्र आवश्यक सूत्र [ 59 6 7 | 11 प्रागम व्याख्या मा. साहित्य साथ में प्रत्येक बुद्ध गीत भी 8A 9 10 48 | 12x10x17x 10 लगभग पूर्ण | 19वीं | 25 x 10x 13x31 | संपूर्ण नमि मध्य. तक 1980 25 x 11xllx 33, 9वे मध्य तक। 19वीं 25x11x15x45 अपूर्ण | 16वीं | 26 x 11x15x48 | संपूर्ण 1164 गाथा | 17वीं 30 27-13x15x45 / 974 गाथा तक 19वीं 6 27 x 13x14x39 | अपूर्ण 20वीं जैनामम विकल्पसे प्रा.सं. सधु प्राचार पर नौंवे पूर्व से नि! प्राभूत20ममाचारी तीसरी षडावश्यक मागम-सूत्र प्रा. 16वीं । 123 | 26 x 12x11x40 प्रति पूर्ण ____13 | 26 x 11x5x36 अपूर्ण 727x11 x 10x33 | प्रति पूर्ण 16वीं 1623 18 | 26x11x7x37 1664 26x12x11x38 1656 | 26 x 11x14x45 , 525x11 x 15 x 40 प्रपूर्ण | 26 x 11x5x37 प्रति पूर्ण 10/29x 11x17x50 , 26x11 x 12x43 | अपूर्ण । 1659 साथ में सप्त स्मरणादि भी 177 17वीं 726x11x38x11 प्रति पूर्ण 17वीं For Private and Personal Use Only Page #77 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 60 ] भाग/विभाग:-1 मा(iv) 3A 3A कोलडो 1074 प्रावश्यक सूत्र--गाथाएँ Avasyaka Sutra+Gathayen 13 | , 441 के.ना. 20/3 कु.ना. 5/107A 16 | कु.ना. 5/108| +स्तोत्र सज्झायादि 17 | के.ना. 23/9 18, 5/24 , +वंदनक 19 प्रोसि.14184 | प्रावश्यक गाथाएँ , Stotra Sajjhāyādi मू.(ग.प.) , +Vandanakal मू.ट. Āvaśyaka Gathayen | से.म. 3456 , +स्मरणादि । ., +Smaranādi मू (प.ग.) 21 | महा. 1प्रा15 22 | प्रोसि. 363 23-4/, 2/1674124 मू. अर्थ , गाथाएं 2 प्रतियां Gathayen 2 Copies मू (ग.प.) ,, गाथाएं ,, Gathayen मू.ट. 25| कु.ना. 10/ 129A 26-30| कोलडी384.7, 430-40,10751 कोलडी 43 " ,5 प्रतियां ,, 5Copies मू-(ग.प.) ,, Gathayen मुट. " , Adi मू. (प.ग.) मू (ग.प.) महा. 1ग्रा14 " , पादि 33 प्रोसि 3722 | ,, गाथाए 34 कोलडी बस्ता70| आवश्यक-+-स्तवनादि 35-51 के ना.5/80.1171 ,, 17 प्रतियां 16/2040.15/40. 152,185,16/11 117/51,18/01 //100.21/3371 198,23/2,24/61 Avasyaka+ Stavanādi ., 17 Copies 185 For Private and Personal Use Only Page #78 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra जंन ग्रागम-अंग बाह्य आवश्यक सूत्र बडावश्यक आगमसूत्र 71 7 87 " " ,,+ भक्त्ति प्रा.सं.मा. " 21 11 " " 71 "I 6 षडावश्यक प्रागमसूत्र " "1 बडावश्यक 18 भक्ति प्रादि प्रामा "3 + भक्ति प्रासं मा. " प्रा. मा 7 17 11 प्रा.मा. "" प्रा.स. 34 8 11 26 × 11 × 4 × 20 26 × 9 × 11 × 40 26 × 11 × 18 x 40 15 x 22 x 8 x 16 ' 6×23×11x 20 25 × 11 x 11 × 36 26 x 11 x 7 x 38 25 x 11 x 5 x 35 74 26 × 11 x 13 x 52 25 x 11 × 13 x 40 27 x 13 x 4 x 22 16,16 | 25 × 12 27 x 12 26 x 11 x 6 x 42 9,13,21 24 से 26 x 10 से 13 10 12 12 | 25 × 12 x 15 x 30 56 | 27 x 12 x 4 x 29 25 x 12 x 15 x 31 14 10 13 177 7 16 18 50 69 10 10 www.kobatirth.org 8A 3.7.49. 52.41,58 47 123 25 से 30 x 10 से 14 10 10,75 10,12,15 24 से 28 x 10 से 13 4.4.11. अपूर्ण प्रतिपूर्ण 27 " "? " " >7 33 13 पूर्ण प्रतिपूर्ण "" 9 स्फुट पन भिन्न 2 पूर्ण, अपूर्ण For Private and Personal Use Only Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 10 17वीं 17at 1735 1781 1797 1799 18वीं 1823 1855 11863 बीकानेर, लक्ष्मीरंग 1888 अजमेर जवान कुशल 19वीं 19at 19बों 19वीं [ 61 11 साथ में स्तवनादि साथ में चंद्रसूरि को संग्रहणी 39 |19वीं राजन गर, जेठमल 20वीं 19 / 20 वीं सामान्य प्रतिय 19/20at 7: Page #79 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 62 ] माग/विभाग :-1 प्रा (iv) 3 3A 4 5 के. ना. 13/46 प्रावश्यक-गाथायें | Avasyaka Gathayen , 1961 , +चैत्यवंदन , +Caityavandana ,, 11/40 | पडावश्यक-1-बालावबोध | Sadavasyaka+Balava bodha -/हमहंस गरिण | कोलडी 42 -/जिनकीर्ति ... 2011 -/जिनविजय म ट. बा. |, 27/61 कोलडी1071 73 | के.ना.21/48 " 5/21 63 , 11/32 .. 11/41 ,, 21/105 , 5/20 कोलडी 439 2 0 -..- - . कु.ना.3 110 साधु-अतिक्रमणसूत्र Sadhu Pratikramana Sutra कोलडो 438 ! महा. 3016 71 के.ना. 19/31] For Private and Personal Use Only Page #80 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जन भागम-अंग बाहा-मावश्यक सूत्र [ 63 8A | 10 ॥ षडावश्यक 1826 x 11x 6x 38 प्रतिपूर्ण 20वीं बागम-मूत्र +भक्ति 5 26 x 12xlx 40 अपूर्ण 20वीं यावश्यक 25x12x6x45 प्रतिपूर्ण 20वीं प्रा.सं.मा. 6226 x 11 x 14x52 | संपूर्ण प्र. 3100 1526 125x12x 11x38 18वीं 86 27x11x13x50 , . 2200 11603 11525x11x18x46 1751 80 | 26 x 12 x 15x41) अपूर्ण (67 से 146 पत्र ग्रंथ) 107 25 x 12x5x36 | संपूर्ण 26/25x 1 x 1 x 42 , 26x11 x 13 x 42| अपूर्ण बीच के पन्ने | 16वीं | 26 x 11 x 1 x 49 | संपूर्ण लगभग | 26 x 11 x 8x40 अपूर्ण 22 24x12x15x47, (संसारदावा. तक) 16 25xllx 17x54 संपूर्ण 79 | 25 x 13x17x48 , 4 27x 12 x 13x36 | संपूर्ण (पगामसम्झाय) 5 20 x 11x6x40 त्रुटक 7/19x 11x7x39 संपूर्ण 6 | 25 x 11 x 25 x 55 18वीं प्रथम पन्ना कम साधु प्रावश्यक 1762 1764 For Private and Personal Use Only Page #81 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 1 64 ] 72 मु. सु. 3 35 73 कोलडी 436 74 के. ना. 18/36 75 18/39 5/54,10/75, 7 6-81 76,11/63,15/ 128,16/32 82-85 कोलडी 435. 37,1187A,B 86 | मु. सु. 336 87 से. मं. 3345 88 महा. 1 17 कु. ना. 2/9 89 90-92 93 བྱཱ 2 "1 " 2/24,10/ 167 13/43 a. 1. 6/17 94 से. मं. 357 aife. 39.51 97 100-1 3130,46 102-4 कु. ना. 17/17, 37,37,34/4 साघुप्रतिक्रमण सूत्र 37 77 77 P 37 77 "> 77 27 27 "" 3 95 #agfi 96 कु. ना गु.36/1 लघुवृत्ति प्रतिक्रमणसूत्र 97 | के. ना. 15/95 श्राद्धप्रतिक्रमणसूत्र 98 , 13/39 37 99 प्रोसि. 347 12 91 6 afaqi 4 रात्रि संधारा A3414 39fa 3 37 arar. 2 प्रतियां 9 www.kobatirth.org Sadhu Pratikramaṇa Sūtra ;, T 3A 25 23 Rätri Santhārā Sajjhaya 3 Copies " Laghu Vṛtti Pratikramana Sutra Śradha Pratikramana 33 6 Copies +3 د. For Private and Personal Use Only +Bālā. + A vacuri 3 Sutra 2 Copies .. Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भाग/ विभाग : - I श्रा (iv) 4 "" म ट 17 मू.ट. मु. 37 ग. 5 मू.बा. ग. प. पा मू.ट. म. (ग. प.) 17 Page #82 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जैन आगम-अंग बाह्य-प्रावश्यक सूत्र : [65 10 11 7 8 प्रा.मा. | 6 प्रा. 4 8A | 26 x 11x16 x 46 | प्रतिपूर्ण साधु आवश्यक 18वीं 26 x 11 x 14 x 40 संपूर्ण 1843 27x12x4x36 20वीं 25x12x24x48 20वीं 19/20वीं सामान्य प्रतियां 122,2,8, 23से 29x10से 12 | 24 54,3,3/25से 26x11से13 19/20वीं 6 24x12x13x40 1854 25x11x4x34 19वीं अप्रचलित पाठ 26 x 13x15x51 19वीं पाक्षिक अतिचार सहित 23x12x11x19 19वीं |1,1,2 26से 27 x 11से 12 से 18 गाथा 19वीं 22 x 10x10x30 20वीं 12 23x11x18x60/ संपूर्ण 16वीं | 26x11x16x57 19वीं मूल प्राकृत सूत्रों की संस्कृत दिगम्बर अाम्नाय श्रावक आवश्यक प्रा.सं.क्रम गुटका 1544 प्रा. 5* 26x11-11x40 , वंदित्त सूत्र 50 गाथा| 17वीं प्रा.मा. 27x11x5x56 1726 26x12x12x36 1870,विक्रमपुर अतिचार सहित जिनमुदर 19वीं | 5,1024x11427x12 |14,5,18| 19से 26x11से 13 19/20वीं For Private and Personal Use Only Page #83 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भाग/विभाग :-1 प्रा (iv) ___66 ] ___ 1 | 2 3A 5 | के. नाथ 11/54 | श्राद्ध प्रतिक्रमण सूत्र | Srādh Pratikraman Sutra 106 | कोलड़ी 443 107 , 385 108 , 1108 मू.+अर्थ 109 386 मू.+ट. प्रोसियां 3929 111-7 7 प्रति ,, 7 Copies मू. (प) के नाथ 6/124. 15/3964,67 75.16/26.26 /81 | के. नाथ 13/51 +बाला. .. +Bala मू बा. 119 , 1/29 अावश्यक सूत्र निर्यक्ति Avasyak Sutra Niryuktti भद्र दाह 120 महा. । प्रा 16 121 के.नाथ 15/111 महा. प्रा 17 123 के नाथ 5/16 124 126 , 3/18 | अावश्यक नियुक्ति सह बाला .../सवेगी देवगणि| मू बा. with Bālā. प्रोसियां 3437 ,, रत्न शेखर शिष्य . with Bālā के नाथ 11/75 | आवश्यक प्रतिक्रमण संग्रहणी Avasyak Pratikraman Sangrahội | महा. 1 प्रा 20 विशेषावश्यक भाष्य वत्ति सह Visesavasyak Basya with जिन भद्र/म. हेमचंद्र +व. Vsti के नाथ 15/112 | अावश्यक वृत्ति Āvasyak Vști म. (प) 127 128 हरिभद्र ,, Brhat Vrti -हरिभद्र ., ,. Laghu Tiki -तिलकाचार्य महा. 1 या 18 | प्रावश्यक बृहत् वृत्ति 130 , 1 या 19 ,, ,, लघ टीका | के नाथ 21/96 | प्रावश्यक वृति सह 132 , 10/53 133 कोलडी 1072 | आवश्यक वृति , with Vrti ,, Vrti For Private and Personal Use Only Page #84 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org जैन आगम-अंग बाह्य आवश्यक सूत्र : [ 67 678 8A ____10 श्रावक आवश्यक प्रा.मा. 25x12x5x38 | 1842 प्रा. 26 x 11x12x38 19वीं 25 x 11x5x32 19वीं 19वीं 19वीं पौष सूत्र सह 26 x 12 x 10 x 30 | अपूर्ण 6 गाथा तक 25 x 11 x 5 x 33 | संपूर्ण ग्रंथाग्र 995 ,,+भक्ति प्रा.सं.मा 8 26 x 12 x 14 x 34 प्रतिपूर्ण प्रा. | 23,3, 25,26 x 10,11 पूर्ण अपूर्ण 4,33,4 1895 विक्रमपुर स्मरण सह दौलतसिंह 19/20वीं | प्रा.मा. | 4 26x11x13x40 अपूर्ण गा.24 से 50 (अंत) 1619 तक । 8x11x15x54 संपूर्णगाथा25253130/ 1524 पन्न 15 से 19 (अंत) तक आवश्यक+व्याख्या प्रा 65 साहित्य 26x11x11x40 , ग्रं.3375 16वीं 26 x 11x17x60 1628 ,, | 19वीं पावश्यक क्रिया संबंधी प्रावश्यक व्याख्या प्रा.सं. | 569 26 x 11x13x49 | लगभग पूरी (अंतिम पन्ना 17वीं कम) 26x 11x13x44 अपूर्ण (पन्न 32 से अत | 17वीं 78 तक) 26x11x11x42 केबल पीठिका व्याख्यान का 1514 गाथा 81 तक का संपूर्ण 22x11x15x36 गाथा 78 तक का संपूर्ण 25x10x 13 x 50 संपूर्ण 169 गाथायें 16वीं 26 x 12 x 17x43 अपूर्ण 3622 गाथा--714/19वी विक्रमपुर | पहिले 36 पन्ने कम नारायण 26 x 11x16 x 64 त्रुटक | 15वीं जीर्ण (पन्नों की संख्या लगभग 26 x 12 x 13 x 40 संपूर्ण ग्रं. 22000 1951वृति शिष्य हिता नाम्नी 25x11x15x43 अपूर्ण (लोगस्स से अंत तक 1672 जहांगीर | पन्ने 250 से 359 अंत | 25 x 11 x 11 x 35,, (करेमिभते तक) | 1870 प्रा.सं 26x11x13x32 19वीं 28X 13x15x26 | 19वीं For Private and Personal Use Only Page #85 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 68 ] 134 135 1 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 156 157 158 78 कुंथुनाथ 42 / 14 के. नाथ 21/34 18/19 महावीर 3 12 साधु प्रतिक्रमण वृति सह 31 कोलडी 2 11 34 " 3 श्र 11 859 श्रावश्यक वृति आवश्यक बालावबोध 17 3413 31 कुंथुनाथ 3 / 76 साधु प्रतिक्रमण के बोल प्रोसियां 3 23 के. नाथ 23 / 85 महावीर 3 1 के नाथ 3/31 कोलडी 41 के नाम 14 / 140 महावीर 35 के नाथ 13 / 24 कुंथुनाथ 54 / 8 11 " "" " 3 " 11 " की वृति की वृति श्राद्ध प्रतिक्रमण + वृति 12 11 27 + ओसिया 3 52 पाक्षिक सूत्र के नाथ 5/73 श्राद्ध प्रति कमरण की वृति श्राद्ध प्रतिक्रमण + अवचूरी Srādh Pratikraman+ Avacuri Sradh Pratikraman /Avacuri śrādh Pratikraman + Vrti | वृदारुवृति "" + वृति " * नाथ 15/121 श्राद्ध प्रतिक्रमण + श्रवचूरि | Srādh Pratikraman --- Avacuri प्रोसियां 349 + +” के. नाथ 23/6 |श्राद्ध प्रतिक्रमण + वृति + Vrti 18/2 155 महावीर 36 www.kobatirth.org " Avasyak Vṛti 3 A 33 Bālavabodha तरुण प्रभ सूरि सहज कीर्ति |Sādhu Pratikraman with Vrti / तिलकाचार्य 553 ke Bol Pākṣik Sūtra + For Private and Personal Use Only 21 ki Vṛti +Vrti Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir -? -? + वृति पाक्षिक (पक्खी) सूत्र + वृति | Pāksik (Pakhi) Sūtra + Vrtu – / यशोदेवसूरि + अवचूरि +Avacūri / यशोभद्र भाग / विभाग " 4 / हेम सोमसूरि +," ki Vrti | - ? -? ? / कुल मडन सूरि देवेन्द्रसूरि (वृदारुवृति) - / रत्नशेखर T :--1 श्रा (iv) ग. मू.वृ. 21 ग. मु. अ. ग. मू वृ मूवृ ट. 31 27 5 ग. मूवृ. ( ग प ) "" मु. अ. (प.ग ) मूवृ. ( ग ) मूवृ. कथा मु.वृ. (ग.) मू.अ. (ग.) मू ( ग ) Page #86 -------------------------------------------------------------------------- ________________ www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra जैन आगम-अंग बाह्य-प्रावश्यक सूत्र [ 69 6 7 8 8A 9 ___10 | 11 प्रावश्यक व्याख्या 26x11x7x64 त्रुटक 19वीं | 196 | 26 x 11 x 13 x 41 | संपूर्ण कथा सह ग्रं.7110 1499 27x14x33x46 संपूर्ण ग्रं. 2700 1928 , , प्रा सं. 6 24 x 10 x 21 x 43 | संपूर्ण ग्रंथान 396 1645 20वीं पगाम सज्झाय पर 27x12 x 13x28 26 x 11 x 26 x 57 संपूर्ण 1645 25x10x7x50 17वीं " मा. 26x12x11-37 19वीं पगाम सज्झाय व राइ संथारे पर पगाम सज्झाय के थोकड़े " " प्रासं. 26x11x16x49 1480 26x11x9x41 |, वदित् की 50 गाथा 16वीं 26x13x14x37 प्रतिपूर्ण ग्रं 2720 | 19वीं प्रा.सं.मा. 167 | 28x12x7x39 | संपूर्ण ग्रं. 6000 19वीं प्रशस्ति वीगतवार 27x11 x 15 x 48 | , ग्रं. 2728 19वीं 25x11x17x44 | अपूर्ण 19वीं 26 x 12 x 16 x 42 संपूर्ण 5 अधिकार ग्रं.6744 19वीं 27x11x15x48 | 19वीं x15x60 अपूर्ण (संपूर्ण के ग्रंथान | 16वीं ___2700) 26x11x17x60 संपूर्ण 16वीं 26x11 प्रति अटक है 25x11x19x56 |, 43 गाथा 1665 मेडता ऋषिवीका 17वीं 26 x 11x17x51 त्रुटक अपूर्ण 27x12x12x35 | अपूर्ण 19वीं साधु पाक्षिक प्राव 37 28x12-18x55 | संपूर्ण ग्रं. 2700 15वीं अमर- जीर्ण प्रशरित है। सिंह सूरि 1180 की रचना 15वीं 26x11x22x55 25x11x15x53 16वीं शिवनिधान गरिण 5x11x13x45 ग्रं. 360 1605 For Private and Personal Use Only Page #87 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 70] भाग/विभाग :-1 या (iv) 1 3A 5 159 के. नाथ 5138 पाक्षिक सूत्र Pākşik Sūtra मू. (ग) 160 कोलड़ी 433 161 मुनि सुव्रत 3 अ 39 , 3 अ 40 163 महावीर 3 420 -+-वृति +Vrti यशोदेव मू.व. (ग) कुंथुनाथ 42/13 पाक्षिक सूत्र ... 10/188 165 166 सेवामदिर 3 अ60/ -बालावबोध +Balāvabo- | -विमल कीत्ति dha म.बा. (ग) 167 | महावीर 3 पाक्षिक सूत्र 168 | प्रोमिया 3 9541 मुनि सुव्रत 3 अ 41 | , 3 अ 38 के. नाथ 21/73 भोमिया 3 953 कम 4 1 173 | के. नाथ 6/4 महावीर 3 अ2 +वृति +Vrti -यशोदेव मू वृ. (ग) 7 Copies 175- मेलडी 430A-31 पाक्षिक सूत्र 7 प्रतिय 810 32-34-1103 68,1200 5 प्रतियें 5 , 182-6/ के. नाथ 5/23. | 2174.24146 ___-48-500 187 सेव मंदिर 3 अ61 188-9 | कुंथुनाथ 10/1800 2 प्रतियें 2 Copies 2 प्रतिये 2 , 190-1ोसिया 3 अ23. 50 192-महार 3 19 2 प्रतियें 194 39 14 पाक्षिक क्षमापणा Kșamāpanā मू अ. (ग) For Private and Personal Use Only Page #88 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org जन प्रागम-अंग बाह्य-पावश्यक सूत्र [71 8A ___ 10 11 25x11x13x40 | 1643 खमासणा महित साधु पाक्षिक प्राव श्यक 27x11x11x38 1690 26x11x12x41 17वीं | अंत में पाव लघ स्तोत्र प्रा. में 7 गाथा 26x11x13x33 17वीं 26x11x15x56 , ग्रं. 2700 17वीं 27x11x13x44 अपूर्ण 17वीं 26x11x13x37 | संपूर्ण 1715 प्रा.मा. 18 26x12x6x53 25x11x13x50 1727x | जीर्ग हर्ममुनि 1776. मत्यपुर पुण्योदय 1787x रामकृष्ण 1793 ग्रहीपुर 26x11x6x39 26x11x15x45 26x11x9x46 1798 उकारपुर दयालसागर 1806 25x12x13x39 25x11x13x33 1840x सत्यसुंदर 19वीं 27x11x5x40 25 x 11x15x46 , ग्रंथाग्र 270019वीं प्रा. 8,14,12 24से27 x 11से 13 124,4,6, , अपूर्ण 19वीं 91 20,9,14/ 20से 26 x 9से12 9,7 संपूर्ण 19/20वीं 38 26x13x7x19 1897 देशनोंक बीरदीचंद 19वीं 3.16 | 26x13 x भिन्न 2 9.1326x12425x11 12,82/ 26x12421x11 19वीं (विक्रमपुर आनंदसुंदर 120वीं (1 रतलाम दूसरी प्रति बहुत बड़े सीताराम 1953 अक्षर | 1931 राजगृह पुनमचद प्रा.सं. | 2 28x12x15x40 , ग्रं.75 For Private and Personal Use Only Page #89 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 72 ] 1 195 196 197 198 199 207 210 211 200-4 लड़ी 389-9496 922-24 212 205-6 के नाथ 18/75, 21/104 मुनि सुव्रत 3 ग्र33 208-9 महावीर 3 अ 3,33 के नाथ 15 142 213 214 215 216 " 217 2 कुंथुनाथ 10,143 पाक्षिक क्षामण महावीर 38 पाक्षिक पाक्षिक प्रतिक्रमण सत्तरी 3 श्र 7 229 ओसियां 1 134 पाक्षिक सूत्र की अवचूरी मुनि सुव्रत 3 34 पाक्षिक (साधु) प्रतिचार सेवामंदिर गुटका 3 ति के नाथ 11 /81 मुनि सुव्रत 3 अ 42 बोड़ी 199 11 कुंथुनाथ 15/16 29/9 कोलड़ी 390 218-2 कोलडी 388-8182-83,1161 2238 के नाथ 6/6, 11/8, 18/9, 19/ 62, 19/75,24! 52 31 " 13 " 11 सूत्र 13 " 93 31 की अवचूरि 3 "1 31 पाक्षक (श्राद्ध) प्रतिचार " 33 71 1 31 "1 "} "1 " "3 71 23 39 93 17 www.kobatirth.org 5 प्रतियें 2 प्रतिय 2 प्रतिये T / यशो भद्र | Pakşik Pratikraman Sattari चन्द्र सूरि ? Sūtra ki Avacuri /-? (Sādhu) Aticār 5 प्रतिय 3 A Pakşik Kṣamāpanā ki Avacuri 6 प्रतियें। 19 "" 33 "" 33 29 5 copies (ŚāJh) Aticār 39 For Private and Personal Use Only 2 2 copies प्रोसियां 348 अतिचार 230-1 | महावीर 2 / 278-9 ललित विस्तरा (चंत्यनंदनादि) Lalit Vistara 2 copies सूत्र ) दो प्रति ,, 5 copies ,, 6 Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भाग / विभाग : - 1 प्रा (iv 4 पार्श्व चंद सूरि T हरिभद्र / मुनिचंद्र मू (ग.) ग. मू ( प ) ग. " "1 प. ग. पञ्च (चातुर्मासिक व्याख्याने) मू.ट. 5 ग. प. ग. मू.+वृ.+१ Page #90 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra जैन आगम अंग बाह्य आवश्यक सूत्र साधु पाक्षिक प्राव- प्रा. श्यक आवश्कक व्याख्या सं. साहित्य 11 = " = 27 97 14 " साघु पाक्षिक श्राव - प्रा.मा. श्यक = " 35 37 = 11 17 6 "1 " " 1=5 " 27 1:4 "" = 35 श्राद्ध पाक्षिक प्राव- मा. श्यक " " ܙܝ "3 11 13 "1 - 3 प्रा. सं. 12 = 3 " : "1 37 = 11 प्रा.मा. मा. 7 11 14 11 19 " चैत्यवंदनादि वृति प्रा.सं. 1 7 3 17* 4 2,2 4 3, 3, 5, 23 से 25 x 10 से 13 3,3 3,9 8 13 7 5 4 8 5 5 9 A 10 www.kobatirth.org 141, 141 24 x 11 x 9 x 31 26 x 11 x 25 x 65 29 × 12 × 17 × 59 संपूर्ण 72 27 x 11 x 25 × 62 26 x 12 x 11 x 36 25 x 12 x 15 x 48 5,10,7, 25 से 28 x 11 से 13 8,6 26 × 11 × 4 x 42 24 × 11 × 15 × 46 26 × 11 × 12 × 48 25 × 11 × 13 × 37 7, 11, 7, 23 से 26 x 11 से 16 9,6,7 संपूर्ण 11 28 × 12 × 12 × 28 27 × 13 × 11 × 37 39 17 13 24 x 11 x 11 × 31 28 x 13व 22 × 11 26 x 12 x 10 x 42 16 × 13 × 13 × 18 संपूर्ण 156 गाथा 37 27 " 26 × 11 × 13 × 46 | संपूर्ण ग्रंथाग्र 235 26 x 11 x 13 x 35 94 गाथायें 25 गाथायें "1 "1 11 9 क्षामरणा सहित 19 27 लगभग सभी Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir For Private and Personal Use Only 20 वीं 16वीं 1594 गुणलाभगरिण 16at 10 1818 नागपुर 19वीं 19वीं 19वीं 20 वीं 20 वीं 1651 संपूर्ण अपूर्ण गाथा 12 से 144 19वीं संपूर्ण 19वीं 19/20वीं 1724 1764 1856 1875 19वीं संपूर्ण 19वीं संपूर्ण ग्रं. 3400-3600 | 19वीं [ 73 बीच की प्रति में पक्खी विधि 11 सामान्य से भिन्न पाठ प्रचलित से भिन्न पाठ "1 प्रचलित से भिन्न पद्य में कुल 124 अतिचार प्रचलित से भिन्न पाठ 13 , पद्य में " पाठ Page #91 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 74] भाग विभाग :-1 आ (iv) 3 3A 232 महावीर 2/280 | ललित विस्तरा की पंजिका | Lalitvistara ki Panjika | मनिचंद ग. , 3/281 | चैत्यवंदनादि भाष्यत्रय+बा. | Caityavandanādi Bhāsya | देवेन्द्र सूरि ज्ञान विमल म.बा. ___Traya+Bala. 234 मुनि सुव्रत 2/257| चैत्यवंदनादि भाष्यत्रय | caityavandanādi Bhasya Traya 235 के. नाथ 15/2 | चैत्य गुरु वंदन व प्रत्याख्यान Caitya, Guruvandan & मू.+बा. भाष्य +बा.Pratyakhyan Bhasya+Bala. सेवामंदिर 2/364 | Caitya, Gurāvandan & मू.+ट. Pratyākhyan Bhasya+Bali, 237 | के. नाथ 15/48 | प्रत्याख्यान भाष्य Pratyākhyān Bhāşya मू. (प) 238 , 3/12 | चैत्यवंदनादि भाष्यत्रय + Caityavandanadi Bhasatrya सोमसुंदर मू.अ. अवचूरि + Avacūri कोलडी 829 देवेन्द्र सूरि 240 के. नाथ 23/17 241 , 11/90 मू. (4) 242 -, 11/29 , 1929 243 +बा +Balil मू.बा. 244 कोलड़ी 108 | चैत्यवंदनादि भाष्यत्रय मू.ट. के. नाथ 6/8 | चैत्य --- गुरुवंदन भाष्य मू व्या. | Caitya Guru Vandan Bhāşya Caitya Vandanādi Bhāsya Traya 246 20/16 | चैत्यवंदनादि भाष्यत्रय 247 , 22/42 ,, 21/100 | प्रत्याख्यान भाष्य 248 Pratyākhyān Bhāşya | देवेन्द्र सूरि सोमसुंदर 249 , 24/5 चैत्यवंदनादि भाष्यत्रय Caitya Vandanadi Bhasya| देवेन्द्र सरि Traya मू (प) 250 कोलडी 1340 " 109 +बा. 251 1-बा. ,,+Bala | देवेन्द्र रिज्ञान विमल मू.बा. के.नाथ 15/136 ,,+Bala. देवेन्द्र सूरि/253 | महावीर 2/282 | चैत्यवंदन भाष्य सावरी Caitya Vandan Bhāsya with ,,ज्ञान सूरि ? | मूअ. Avacūri | 2/283-4 गुरु व प्रत्याख्यान भाष्य , Guru& Pratyakhyan ,, सोमसुंदर Bhāşya with Avacūri 255 मुनि सुव्रत 3 अ64/ चैत्यवदन भाष्य अवचूरि | Caityavandan Bhāsya. Avacūri 256 के. नाथ 10/78 - For Private and Personal Use Only Page #92 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir * जन प्रागम-अंग बाह्य आवश्यक सूत्र : [ 75 6 8 8A 9 10 11 चैत्यवंदनादि वृति | सं. । आवश्यक क्रिया सूत्र प्रा.मा. 6 27x11x17x65 संपूर्ण ग्रं. 2130 1505x कमल सयम 26 x 11 x 18 x 55 | लगभग संपूर्ण (अंतिम पन्ना 15वीं कम) 26 x 10 x 14x42 संपूर्ण (63+42+48| 16वीं गा.) 26x11x9x33 16वीं प्रा. 6 प्रामा. - 10 28x11x7x54 , 152 गा. 1697 23x10x12x30 , 60 गा. 1698 प्रा.सं. 26x11x18x54 | 153 गा. 1711 प्रा.मा. 31x11x5x35 1756 प्रा.मा 9 26x11x5x37 | अपूर्ण (पहिले के 38 गा| 1788 . कम) 25 x 11 x 12 x 40 संपूर्ण 155 गा. 28 x 12 x 0 x 40 अपूर्ण अंत की 20 गा कम) 18वीं 26 x 13 x 17x52 | संपूर्ण 1849 26x11x6x45 ... (152 गा.) 1841 26x13x15x39 | , (63+41 गा.का) 1897 25 x 12 x 20 x 52 19वीं 25 x 11x9x35 19वीं 25 x 12x16x50 , 48 गाथा प्रा.सं 19वीं प्रा. 24x 13x11x39 , 152 गाथा 25x11x14x40 लगभग पूर्ण (अंतिम पन्ना कम)। x16 x 65 | संपूर्ण 152 गाया का प्रा.मा. 27x13x13x44 1929 +A 20वीं 30 x 15 x 15 x 50 | संपूर्ण 63 गाथा की 30x15x15x36 संपूरी 42 27 x 12 x 23 x 80 | संपूर्ण 62 गाथा की 26 x 11x15x48 अपूर्ण प्रावश्यक व्याख्या | सं. साहित्य 16वीं 19वीं साथ में अन्य किचित विवेचन For Private and Personal Use Only Page #93 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 76] भाग विभाग :-1 आ (iv) 1 2 3 3A 4 5 57 258 के. नाथ 24/42 | गुरु. प्रत्या. भाष्य का बा. | Guru. Pratya. Bhāsya ka Bala. , 20/38 | चैत्यादि भाष्यत्रय का बा. | Caityadi Bhasya Traya ka Bala. ओसियां 2/152 | वन्दनक भाष्य Vändanak Bhasya 259 के. नाथ 26/103 261 , 11/47] भाष्यत्रय+वंदितू-+वृति | Bhāsya Traya+Vanditu+ -/तिलकाचार्य म.न. (प.ग. Vsti 262 |, 5/35 , " " 263 महावीर 3 अ 15 | सेवामंदिर 2,376 भाष्यत्रय-- वंदितू की वृति मात्र ,,ki Vrth) तिलकाचार्य only कुंथुनाथ 42/9 266 कोलड़ी 318 | चैत्य वंदन भाष्य गाथायें | Caitya Vandan Bhasva Gāihãyen 267 कुंथुनाथ : 4/90 प्रत्याख्यान सूत्र Pratyakhyān Sūtra 268 | के. नाथ 5/55 269 | कोलड़ी 917 270 प्रोसिया 3 पा 146 भाग/विभाग :-1 आ (v) Ātur Pratyākhyān के. नाथ 10/7 | अातुर प्रत्याख्यान ,, 6/39 कोलड़ी 44 प्रोसिया | प्रा 42 महावीर 1 प्रा 41| गच्छाचार प्रकीर्णक+ वृति | Gachācār Prakirnak+Vrti -विजय विमल लि , 1 प्रा 30/ चउशरण (अवचूरी सह) | Causaran (with Avacāri) | के. नाथ 15/106 8 मू. (4) , 6/25 मुनि सुव्रत 1 या 21 For Private and Personal Use Only Page #94 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जैन आगम-अंग बाह्य-पावश्यक सूत्र : [ 77 6 7 8 9 10 8A | 27x11 x 13 x 49 संपूर्ण 18वीं आवश्यक व्याख्या | मा. साहित्य 24x11x16x42 19वीं आवश्यक क्रिया सूत्र प्रा. 26 x 12 x11x40 , 27 गाथा 16वीं देवेन्द्र सूरि का नहीं है 276* 25x12x20x56 18वीं प्रा.सं. | 16 25 x 11 18x60 ग्रंथान 800 वृतिये 1829 26- 12x17x40 1750 1900 19वीं 30x16x16x43 | " ,750 26 x 11 x 14x46 | संपूर्ण ग्रंथान 800 16वीं आवश्यक व्याख्या साहित्य 26 x 11x21x86 , 750 19वीं अावश्यक क्रिया सूत्र 20x12x9x22 20वीं 25x11x13x40 प्रतिपूर्ण 19वीं 25x11x11x42 , 19वीं 25x11x10x38 | 19वीं 26x11x11x38 19वीं 14 नियम के भी पाठ माथ मे जैन आगम-अंग बाह्य-प्रकीर्णक : प्रकीर्णक पागम सूत्र प्रा. 26 x 12 x 11 x 40 | संपूर्ण 83 गाथायें | 17वीं .. 25x11x11x36 18वीं 27x11x13x50 19वीं सार में भक्त परिज्ञा गा. 145 27x12x10x30 79 गाथा.. 20वीं संघ व्यवस्था प्रा.सं. | 140 26 x 11 x 15 x 37 26 x 11 x 18 x 52 भक्ति 137 गाथा की ग्रं 18वीं 3 पन्नों में प्रशस्ति है 5850 , 63 गाथा की 1524,श्री पट्टन धन्ना ,, 62 ,, की 17वीं 26 x 11x7x 32 26x11x11x50 66 गाथा 26 x 11 x 10 x 33 | , 63 गा. 17वीं 17वींमहिमावती उत्तम ऋषि For Private and Personal Use Only Page #95 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 78 ] भाग विभाग : -1 आ (v) 3A 1 | 2 10 | के. नाथ 5/45 चउशरण (अवचूरी सह) | Causaran (with Avacāri) | वीर भद्र 11 प्रोसियां 1 प्रा137 म (५) | कुंथुनाथ 52/7 महावीर 1 9 57 मुनि सुव्रत 1 प्रा120 +बालावबोध ,, +Balāvabodha , 1ा 130 चउशरण | महावीर 1 आ 31 कोलड़ी 815 , 1184 F के नाथ 10/90 | , 5/26 215 1, 14/96,15/ 37,17/5 3 प्रतियें 3 Copies __ 5/86 मुनि सुव्रत ! या 122 | के. नाथ 26/50 | चउशरण का बालावबोध ,, kā bālāvabodha 29 | महावीर 1 44 | ज्योतिष करडकी वृति | Jyotish Karandak ki Vrti | मलयगिरी , 1 45| ॥ Tandul Vaiyatiya | के. नाथ 3/17 तंदुल वयालीय |, 5/84 | तित्थोग्गालि पइन्ना Titthoggāli Painna मू. (प.) महावीर 1 पा 43 दीव सागर प्रज्ञप्ति Div Sāgar Prajnāpti प्रोसियां 2/223 | पर्यन्त आराधना Paryant Arādhanā सोम सूरि " 3 अ 26 मू. (प.) 36 | कुंथुनाथ 10/184 , For Private and Personal Use Only Page #96 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra जैन आगम अंग बाह्य प्रकीर्णक : भक्ति 19 "1 37 "1 11 11 " " 33 11 " 11 " " आगम व्याख्या 13 二 6 , साहित्य 27 = A 23 प्रा.मा. प्रा. "1 प्रा.मा. 17 प्रा. "1 " प्रा.मा. प्रासं. प्रा.मा. = 11 = "1 प्रा. 7 प्रा.मा. 31 मा. सं. 1: प्रा.मा. प्रा. "1 पंत समय आराधना प्रामा. प्रा. = 5 4 3 5 7 5 3 9 6 12 8 7 11 2,3,2 6 10 2 8 188 2 33 37 8 6 3 1 8A www.kobatirth.org 25 x 11 x 15 x 57 25 x 11 x 6 x 40 27 x 11 × 9 x 38 26 × 11 × 12 × 46 संपूर्ण 63 गाथा 26 x 11 x 6 x 44 25 x 11 x 9 x 34 26 × 11 × 18 x 60 30 x 11 x 6 x 28 25 × 11 × 6 × 31 26 x 12 x 18 x 55 25 x 11 x 5 x 35 25 × 11 × 4 x 38 21 x 12 x 5 x 26 25 से 30 x 11 से 16 25 x 11 x 7 x 33 26 x 12 x 4 x 33 26 × 12 × 17 × 47 25 × 11 × 11 × 40 26 × 11 × 18 × 65 26 × 11 × 6 × 33 26 × 11 × 15 x 44 26 x 12 x 14 x 43 26 x 11 x 6 x 37 26 × 11 × 13 x 34 26 x 10 x 21 x 68 11 संपूर्ण 60 गा. 17वीं पहिले पन के 8 गाथा कम 17वीं 17वीं "" "3 " : : : 19 " 39 91 " " 15 "1 17 9 " " " 63 T. 13 63 गाथा का की संपूर्ण का संपूर्ण ग्रं. 5000 प्रतिपूर्ण संपूर्ण ग्रंथाय 1188 1260 गाथा 223 70 का " 63 गाथाये 68 11 " For Private and Personal Use Only का " 62 गाथा का 63 गाथा का 62 से 64 गाथाये 19वीं 20वीं 20वीं जोधपुर उदयसागर 20वीं "1 "1 Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir "1 17 10 1700 1844 x 19वीं 19वीं 19वीं 19वीं 18वीं 18af 18aff 'जयपुर साथ में पर्यंत श्राराधना 70 गा सूर रत्न भारणचंद्र 1893 19वीं 1957 1691 11 19वीं 20वीं 1596, सुल्तान पुर, जोगोबल 17वीं 17at (79 चन्द्र सूर्य मंडल विचर Page #97 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 80] भाग/विभाग :--1 आ (v) 3A 4 5 Paryant Aradhana सोम मू.अ.ट. 37 | कोलडी 382 | पर्यन्त आराधना 38 | के. नाथ 15/125 39-40 कोलड़ी379,1112 दो प्रतियां मू.ट. 2 copies मू (प) 41-3 ,तीन प्रतियां 3 के. नाथ 6/78,10/ 38,15/105/ मू.ट. मू.प्र. Pindvisudbi+Vrti जिन बल्लभ/उदयसिंह मू वृ. ___॥ | - | मू.अ. + Bālāvabodha सोमसुंदर मू.बा. 33 जिन वल्लभ 4 4 4 , 15/223 महावीर 1 पा 49 के. नाथ 10/98 | पिऽविशुद्धि+वृति प्रोसियां 1 पा 94| पिंऽविशुद्धि के. नाथ 3/25 | , - बाला. प्रोसिया 2/152| - | के. नाथ 5/10 | पिऽविशुद्धि , 15/238 महावीर 1 आ 46 , 1 पा 47 , +वृति , 1 पा 48 | पिंऽविशुद्धि के. नाथ 6/22 मुनिसुव्रत 1 प्रा 115 , के नाथ 20/11 | महावीर 1 आ 50 बंगचूलिया सूत्र कुंथुनाथ 4/82 | संस्तारक के. नाथ 2/7 महावीर 3 अ 42| सिद्ध प्रामृत मुनिसुव्रत 1 प्रा 110 प्रकीर्णक संग्रह प्रति , +Vrti यशोदेव 4 जिन वल्लभ 4 4 24 Bangcūliya Sutra यशोभद्र म.(प.. Sanstárak Sidh Prabhịt 62 Prakirnak Sangrah Pratiभिन्न 2 For Private and Personal Use Only Page #98 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जैन पागम-अंग बाह्य-प्रकीर्णक :-- [81 11 6 7 8 अंत समय अाराधना | प्रा.सं.मा. 5 प्रा.मा. | 9 8A 9 10 | 26 x 10 x 6 x 36 | संपूर्ण 70 गाथा 1713 | 25 x 11x5x32 ,, 70 ,, ग्रं. 300 1716 26 x 12425 x 12 प्रथम पूर्ण द्वितीय में 38 गा| 1861/19वीं 24से25 x 11से13 | संपूर्ण 70 गाथा 19/20वीं प्रा.मा. 8 19x11x7x24 , 19वीं प्रा.सं. 5 27x12x17x50 संपूर्ण 69 गाथा की ग्रं.325| 20वीं आहार नियम साधुनों | 26 x 11 x 13 x 45 संपूर्ण 103 गा. की । | 1775 27x11 x9x37 अपूर्ण 97 गा. की अंतिम 15वीं पन्ना कम 53 | 27x11x9x36 | संपूर्ण 1580 123* | 26 x 12 x 11x40 | 103 गाथा 16वीं प्रा.मा. प्रा.मा. 26x11x5x28 ,, 104 गाथा/ग्रं.925 1684 प्रा.सं. 6 26x11x11x36 104 गाथा अवचूरी 17वीं 40 तक प्रा. 26x11x12x39 , 103 गाथा/ग्रं.131 17वीं प्रा.सं. | 50 26x11x17x56 ,, ,, की/ग्रं.2800 18वीं 26x11x14x50 19वीं ___xx x 26x11x13x40 | अपूर्ण 28 गाथा का प्रा.मा. | 19वीं X प्रा.सं. 7 26 x 52 103 गा. की | 19वीं प्रा.मा. 127x11x14x43 | संपूर्ण 103 गाथा का 19वीं प्रा. 129x 13x10x30 ,, 109 गाथा 19वीं अजमेर | अपर नाम सुयहील गुप्पाति | 26x11x11x34 17वीं 26x11x14x42 19वीं 28x14x16x44 , 120 गाथा की | 20वीं चन्द्र वेध्यक, देवेन्द्र स्तव,च उसरणा,अजी वकल्प. गच्छाचार, तंदुल वैचारिक गणि विद्या महाप्रत्याख्यान वीर स्तव, प्रारंभ के 4 अपठनीय | 23x12x15x29 | कुल 13 प्रकीर्णक | 20वीं x भीम सागर For Private and Personal Use Only Page #99 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 82 ) भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग:-- (अ) 3A 45 852 प्रक्षर बत्तीसियें व अक्षर बावनी Aksar Battisiyen & Aksar रुप कबि कोलडी Bāvani के. नाथ 6/121 | अक्षर बत्तीसी ,, Battisi सेवामंदिर 2/420| अठारह पापस्थान Athārah Pāpsthān ऋषि लालचंद कुंथुनाथ 23/8 | अठारह पापस्थान निवारण | , , Nivaran, ब्रह्म के. नाथ 26/89 गु. अठारह पापस्थान सज्झाय | , , Sajjhāya | प्राशकरण कोलड़ी 1335 | अट्ठाइस लब्धि व जलविचार | Athais Labdhi ar Jalvicar कुंथुनाथ 52/25 | अध्यात्मक कल्पद्रुम Adhyātm Kalpdrum मुनि सुन्दर मू. (प.) कोलड़ी 896 के नाथ 11/56 कोलडी 893 +वृति , +Vrti मुनि सुंदर रत्नचंद्र गणि म.व. (प.ग.) , 851 | अध्यात्मक कल्पद्रुम भाषा महावीर 2/29 , , Vrti मुनि सुंदर रत्नचंद गणि मू.वृ. (प.ग.) के नाथ 26/56 | अध्यात्म बत्तीसी ,, Battisi सुमति कोलड़ी 954 अध्यात्म शैली ,, Saili " Bhasa , -वृति ,, Sārmāla नेमीचंद(रामजी का पुत्र) प. | के नाथ 1 5/137 अध्यात्म सार माला , 24/44 | अनुकम्पा चौपई Anukampā Caupai | ऋषि जयमलजी प्रोसियां 2/243 | अनुकम्पा ढाल ___, Dhal प्रज्ञात 18 महावीर 2/18 -आनंदविजय गणि मुव. (प.ग.) नाय उछगहरण कुलक-वृति Annāy Uchgahankulak+ Vști अन्यमत समन्वय Anyamat Samanvaya 19 कोलडी 894 20 प्रोसिया 2/416| अभव्य कुलक Abhavya Kulak मू. (प.) ,, 2/151 | अर्थ सत्तरी+बाला. Arth Sattari+Bala. चन्द महत्तरा महासती/- मू बा. 2/293 | अवधि जान का विस्तार | Avadhi Jhān ka Vistar अज्ञात मुनि सुव्रत 2/332| अवधि ज्ञान गुणस्थान चर्चा ,, Gansthan Carcal कोलड़ी 1334 अष्टक सूत्र Aştak Sütrā | हरि भद्र | के. नाथ 14/43 | , , For Private and Personal Use Only Page #100 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जैन तात्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक :-- [ 83 6 7 8 8A नैतिक प्रोपदेशिक पद मा. 30x11x11x40 10 11 संपूर्ण (40+50+821802,सप्तछंदी 2 बत्तीसियां +1 छंद) मतिविज बावनी , 32 गा. 1781 अक्षरानुसारी 125x11x11x35 औपदेशिक 21x11x10x35 टक 19वीं पन्ने 13 से 14 27 x 12 x 11 x 42 | पहिले की अपूर्ण 17 की 1704 पूर्ण सज्झायें 22 x 16 x 17 x 25| 17 सज्झाये है 18वीं कम 20वीं 26 x 11 x 15 x 54 | संपूर्ण 16वीं 27 x 12 x 16 x80 ,, श्लोक 278(सं.422) 16वीं सैद्धान्तिक साथ में पुङ्गल परि वर्तन चर्चा आध्यात्मिक विवेचन 26x11x17x82 117वीं 26x ||x17x45 17वीं Xxxxxx 15 x 45 ,, 16 अधिकार 18वीं प्रशस्ति है 22x12x14x36 29x 13x14x39 , 16 अधिकार (ग्रं. 2459) 32 गाथा 1882 x प्रेम विमल 1947 जोधपुर वति अध्यात्म कल्प गोपीनाथ लता नाम्नी 20वीं 25x12x14x44 26x12x16x48 संपूर्ण 1896 1765 की कृति प्रौपदेशिक दया पर 26 x 12x13 x 60 | संपूर्ण 111 पद (ग्रं.235) 19वीं 26 x 11 x 21 x 63 | संपूर्ण 303 गाथा । 19वीं 25 x 12 x 11 x 34 | आपूर्ण 19वीं 26 x 11x57x58 संपूर्ण 31 गाथा की (ग्रं. | 16वीं 26 x 13 x 17 x 45| संपूर्ण 1880 आहार शुद्धि पर प्रा.सं. 296) धार्मिक समाधान प्रौपदेशिक सिद्धांत प्रा. प्रा. 13* 26x13x16x30 1953 कर्म सैद्धान्तिक प्रा.मा. 27 x 11 x 13 x 52 पंपूर्ण 93 गाथाका यंत्र सह 16वीं 25 x 12 x 9 x 39 | प्रतिपूर्ण 19वीं मूल 70-1-19 निर्य क्तिकार+4 क्षेपक = 93 गाथा) मा. ज्ञान लाक्षणिक वर्णन ज्ञान सैद्धांतिक प्रश्नोत्तरी भक्ति सिद्धान्त 26x11x17x63 संपूर्ण प्रश्नोत्तर 19वीं 26 x 10 x 19 x 63 संपूर्ण 32 अष्टक +2 श्लोक 16वीं ग्रं.266. 17x9x9x24 , 33 अष्टक 1818 For Private and Personal Use Only Page #101 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 84 ] भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग :-(अ) 3A महावीर 2/37 | अष्टक सूत्र+वृति Astak Sutra+Vrti हरिभद्र जिनेश्वर मू.व. (प.ग.) , 2/43 | अष्टक सूत्र हरिभद्र मू.प. प्रोसिया 2/229 अष्ट गुण सज्झाय Astagun Sajjbāya ज्ञान विमल म.ट. कोलडी 835 अष्ट प्राभूत Aşta Prabhrt प्रा. कदकंद मू.---अर्थ Aștārth ślok मू.+ट. । , 892| अष्टार्थ श्लोक | के. नाथ 6/90 अस्थिर भावना Asthir Bhāvana | सेवामंदिर 35 345/ अहिंसा धर्म Ahinisa Dharm ,, Prakaran अज्ञात | महावीर 2/22 | अहिंसा प्रकरण , 2/28 , के. नाथ 15/127 प्रहिंसा--- रात्रि भोजन विरमण , 15/198 | अग सज्झाय ,, 15 208-9 .. + Ratri Bhojan (महाभारत शांति पर्व से , Viraman Ang Sajjhāya उ यशोविजय 38 | कोलडी 283 | कुंथुनाथ 52/1| अागम पालापक Agam Alapak , 44/6 महावीर 2/277 के. नाथ 15/117 प्रोसियां 2/152 | प्रागम उद्धार गाथा Agam Udhar Gatha 44 सेवा मंदिर 3 इ350 प्रागम चर्चा Carca Chattisi श्री सार मुनि मुनि सुव्रत 3 इ 302 अागम छत्तीसी | कुंथुनाथ 9/127 | पागम सार Sär देवचन्द्रजी 47-51 5 प्रतियां , , 5Copies के. नाथ 4/28, 10/66, 21/31 2190, 23/23 | प्रोसिया 2/162 53 | कोलड़ी 1159 For Private and Personal Use Only Page #102 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जैन तात्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक : [85 8A 9 10 11 भक्ति सिद्धान्त धार्मिक गुणस्वाध्याय मा. 28x13x17x41 सपूर्ण 32 अष्टक ग्रं.3700 19वींx प्रशस्ति है छबीलजी 27x13x10x36, 32 अष्टक 1950 शत्रुजय नगरे 24 x 12 x 4x33 - संपूर्ण 15 गाथा 17वीं 30 x 11 x 10 x 37 | 6 प्रामृत पूर्ण 18वीं (दर्शन बोध.श्रुत भाव चरित मोक्ष) 24x13x3x23 संपूर्ण 19वीं 1 दोहे के पाठ अर्थ है तात्विक प्रौपदेशिक प्रा.सं. तात्विक वैराग्योपदेश 23x11x13x32 19वीं औपदेशिक 26- 12x17x54 , 75 गाथा 20वीं अजमेर अहिंसा का विवेचन सं. 26x11x6x28 - 16वीं 28x13x10x38 1961 प्रौपदेशिक उद्धरण , 24x12x9x25 19वीं अग सूत्रोंपर स्वाध्याय मा. 26x12x17x40 ,, पांच ढालें 1859 | पांच सूत्रो पर 25x11x17x47 19वीं 26x13x19x 60 19ीं संपूर्ण । | अंगों पर अहिंसा संबन्धी प्रा | 17वीं प्रागम उद्धरण 28 x 12 x 11 x 40 | प्रतिपूर्ण 15 x 12 x 17 x 24 | अपूर्ण भक्ति तत्व , 17वीं 26x 11x13x27 प्रतिपूर्ण 17वीं छेद सूत्र , " अनेक वस्तु तात्विक , 6 26xllx15x42 19वीं तात्विक 16वीं ,, बिचार निर्णय सं 26 x 12 x 11 x 40 संपूर्ण 71 गाथा 10x6x7x16 ! अपूर्ण 25 श्लोक 24 x 11 x 13 x 33 संपूर्ण 36 पद 18वीं मा. 19वीं प्रागम भक्ति-- तात्विक शास्त्र सारांश 28x13x15x64 संपूर ग्रंथान 2100 19वीं 19वीं 58,28, 23से 31x12से 16 58,38 40 22 23x12x18x46 20वीं 24x12x10x37 अपूर्ण 20वीं For Private and Personal Use Only Page #103 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 54 57 55-6 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 171 77 86] 78 1 79 के. नाथ 22/56 31 2 " "" कुंथुनाथ कोलड़ी 886 सेवा मंदिर 3इ 345 आचार प्रदीप 21 /83, ग्राठ बोल उपदेश 2 प्रति 23/72 19/96 ओसियां 2/410 ग्रात्म गीता + वाला. 3 इ 193 आत्म गीता 36 / 1 श्रात्मध्यान + श्राध्यात्माश्रव ātmdhyānādhyātmā आत्म निन्दा 11 3 17 महावीर 2/382 ओसियां 2 / 231 महावीर 2/7 के. नाथ 18 / 34 महावीर 2/34 सेवा मंदिर गुटका 3 ति. ग्रात्म शिक्षा के. नाथ 10/108 ग्रात्म शिक्षा भावना कुंथुनाथ 13,233 प्रात्म शिक्षा सज्झाय कोलडी 884 आत्म स्वरुप श्लोक कंथुनाथ 36/2 ग्रात्म स्वरुप स्तोत्र + अध्यात्म 63 गीत 71 ग्रात्म बोध ग्रात्म प्रबोध छत्तीसी कॉलड़ी 273 ग्रात्म हित शिक्षा 12 / 7 गुटका | आत्मा की आत्मता "" www.kobatirth.org | सेवा मंदिर 2 / 365 ग्रात्मानुशासन के नाथ 11/83 2268 आदिनाथ देवता 11/42 कुंथुनाथ 36/1 क्र.33 आदि निधन स्तवन Acar Pradip āth Bol Upde's 2 Copies "" Atmnindā 23 3 A " ātm Gītā + Balavabodha देवचंदजी Ātmprabodh Atmsikṣā भाग (2) जैन सिद्धान्त व ग्राचार विभाग : - (अ) Chattisi Bhāvanā cajjhāya Ātmsvarūp Ślok Atmhit Sikṣā Atma ki Atmata Ātmānusāsan Adinath Desanā Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir śrava Adinidhan Stavan For Private and Personal Use Only रत्न शेखर 3N ज्ञान सार 11 "" सं. जिन लाभ सूरि ज्ञान सार Stotra +ādhy | अज्ञात atm Git पार्श्व चन्द 4 प्रेम विजय लावण्य कीर्ति - शील विजयादि पार्श्व नाग ग. 19 प.ग. मू. बा. मू. ( प. ) प. ग. "1 "1 प. मू व्या. प " मू.ट. " 5 प. Page #104 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जैन तात्विक प्रोपदेशिक व दार्शनिक : [ 87 __ 6 7 जैनाचार अपूर्ण प्रौपदेशिक सामान्य मा. 8 8A 9 10 11 | 98 | 26 x 11 x 13 x 45 चार माचार पूर्ण वीर्याचार 17वीं | 25 x 11426 - 12 | संपूर्ण प्रथम, द्वितीय अपूर्ण 19वीं (मर्त्य जन्मफलाष्टकं 27x11x13 x 40 | अपूर्ण 19वीं 28 x 13 x 13x33 | संपूर्ण गाथा 49 का 1882 पाली (अध्यात्म गीता अपरनाम) 26 x 11x10x35 | ,, 49 गाथा 19वीं ,, 60+10 श्लोक | 1544 जैन प्राध्यात्मिक प्राध्यात्मिक धार्मिक सं. प्रौपदेशिक प्रायश्चित मा. 24x11x13x42 , ग्रंथान 80 19वीं 25x12x12836 26x12x14x28 19वींx मुकनचंद 11930 अजीमगंज आ सुंदरजी 1967,फलोदी गणेश सपूर्ण 4 प्रकाश कथा सह 19वीं प्रशस्ति व बीजक है 22x11x11x22 26 x 12 x 14 x 38 जैन दार्शनिक सं. प्राध्यात्मिक ज्ञान क्रियाभ्याम् मोक्ष मा. 27x11-12 x 36 36 पद 19बीं 25 x 11x11 x 33 तात्विक गुटका | 16x13x13x20 20वीं, जयपुर , 23 गाथा 17वीं ., 185 दोहे/ग्र.215 19वीं रत्न हर्ष सानिध्य में 1662 की कृति 27 गाथा 19वीं प्रोपदेशिक 27x14x13x42 25x11x24x60 दार्शनिक | 19वीं 25x10x14x48 ,, 1 श्लोक मात्र 25 x 20 x 15 x 28 |, 8 . 8 श्लोक | 1 श्लोक की अनेक व्याख्या प्राध्यात्मिक 1794 सज्झाय संग्रह 27x10x15x55 अपूर्ण 19वीं तात्विक जन्मपत्री रोल लम्बा । 19वीं प्रोपदेशिक प्राचारदि सं. 26x11x19x62 , 77 गाथा 16वीं अंत में शव॑जय स्तवन 10 श्लो की 26x11-13x48 19वीं प्रोपदेशिक 26 x 11 x 6 x 33 पूर्ण 287 गा.काम.1812 16वीं 27 x 11x6 x 36 | , 288 गा. 17वीं 23 x 20 x 21 x 38 | , 23 श्लोक पहिला पन्ना 7 गा. का कम तात्विक 1544 For Private and Personal Use Only Page #105 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 881 भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग :-(अ) 3A 4 5 80 के. नाथ 10/95 | अानन्द तिलक रास Anand Tilak Rās आनन्द तिलक ? , 3/9 | प्राप्त मीमांसा Ātm Mimāṁsā संमतभद्र +Vrti ,, वसुनंदि मू.वृ. महावीर 2/404 | , , + वृति के.नाथ 15/114 | प्राप्त मीमांसा की वृति Aptmimaṁsā ki Vsti वसुनंदि महावीर 2/134 प्राभाण शतक Abhan Satak वाचक धन विजय Ārādhana पार्श्वचंद कुंथुनाथ 20/15 आराधना सेवामंदिर गुटका 3 ति | कुंथुनाथ 18/35 ,, 56/8 | आराधना के 84 बोल समरसिंह । ___ke 84 Bol | के. नाथ 26/23 | पाराधना प्रकरण बालावबोध , Prakaran Bāla vabodha Sār कोलडी 1339 अाराधना सार , जय शेखर सुरि के. नाथ 15/60 | पालोचना छत्तीसी Alocana Chattisi समयमुंदर , , 26/55 प्रालो वना विचार व सामायिक लाभ | प्रोसियां 3 इ240 अालोचना विनति Vicar & Samayik Labb Vinati समयसुंदर कुंथुनाथ 44/6 गु., इन्द्रिय जय सज्झाय Indriya Jay Sajjāya के. नाथ 15/49 | इन्द्रिय पराजय यतक „ Parājay Satak , 5/76 ट. (प.ग.) ... 666 ,, 15/139 ओसियां 2/416 मू (प.) Iriyāpathik Kulak विजय विमल मू.ट. (प.ग., Iriyāpatbik Kulak | मू.प. महावीर 2/16 | इरिया पथिक कुलक के. नाथ 26/103गु इरियापथिक कुलक इरियावई कुलक 103 कुंथुनाथ 36/1 गु| इष्टोपदेश 104 प्रोसियां 3 इ 240| उत्पति बहोत्तरी Iriyāvai Kalak iștopdes पूज्य पाद मू (प.) Utpati Bahottari मुनि श्रीसार For Private and Personal Use Only Page #106 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.kobatirth.org जैन तात्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक : [ 89 ___ 6 7 8 प्राध्यात्मिक 8A 9 26 x 12 x 15 x 42 | संपूर्ण 42 गा. 25 x 12x3 x 27 , 113 26x 13x11x50 | , 115 जैन सिद्धांत मंडन | सं. व मीमांसा 10 1 19वीं 19वीं अपर नाम देवागम स्तोत्र | 1946 जयपुर देवकृष्ण 1904 25x12x11x30 " xxxx जैन संद्धान्तिक उपदेश, 18वीं 1699 की कृति धर्म साधना प्राचार मा. | 16वीं 25x10x13x35 ., 108 श्लोक 24x10x15 x 40 16x13x13x20 | , 360 26 x 11x13x52 , 40 गाथा 1651 धर्माचार साधु श्रावक 17वीं प्रा.मा. 25x11x तालिकायें प्रतिपूर्ण 17वीं पाप पालोचना (क्षमापना) प्रौपदेशिक 19वीं 26 x 12 x 11 x 33 | संपूर्ण 26 x 10 x 13 x 50 | अपूर्ण 24 x 10 x 15 x 40 | संपूर्ण 36 पद 17वीं तपस्यायों के यंत्र भी है प्रायश्चित उपदेश | मा. 1744 प्रोपदेशिक 25x13x13x24 xxx 19वीं गर्दा स्तवन 25x12x14x38 32 पद 19वीं साथ में आत्मनिंदा प्रौपदेशिक |15x12x17x24 54 गाथा 17वीं 20x11x11x25 101 17वीं प्रा मा. 8 26 x 11x7x40 100 से 17वीं 25x11x5x30 18वीं 24x11x5x30 19वीं 26 x 13x16x30 1953 नागौर कर्मचंद 18वीं धार्मिक क्रिया उपदेश प्रा.मा. 26 x 13 x5 x 34 10 गाथा प्रोपदेशिक क्रिया | 10 गाथा 18वीं 25 x 12 x 20 x 56 25 x 15 x 20 x 56 | 23 x 20 x 21x38 | , 10+8%3D18गा. 18वीं उपदेश , 51 श्लोक 1544 विरक्ति उपदेश 25x12x14x38 18वीं For Private and Personal Use Only Page #107 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 90 भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग:-- (अ) 1 2 3 3A 105 | कोलडी 290 उत्पत्ति बहोत्तरी Utpati Bahottari मुनि श्रीसार 106 कुंथुनाथ 15/13 | उत्पत्ति (उपदेश) सत्तरी | Utpatti (Updesh Sattari 107 के. नाथ 18/87 ,, व दस बोल सज्झाय , +Dasbol Sajjhāya कोलड़ी 276 उत्पत्ति बहोत्तरी , Bahottari के. नाथ 13/45 | उपदेश कंदली Updes Kandali महावीर 2/2 , , + वृति __, , +Vrti | प्रासड बालेन्द्र कवि कुंथुनाथ 35/5 | उपदेश कुलक ,, Kulak ब्रह ऋषि प्रासड मू वृ. (प.ग.) 112 के नाथ 13/45 उपदेश चितामणी के.नाय । ,, Cintamani मू.प. 113 ... .. +Vrti जयशेखर मेरुतुङ्ग मूव , 1/16 | कोलड़ी 830 +वृति +अवचूरी 114 । , +Ava- जयशेखर --- मूअ.कथा curi 115. महावीर 2/113 , +वृति +Vrti - स्वोपज्ञ. 116 कोलडी 955, उपदेश छत्तीसी । ,, Chattisi जिन हर्ष 117 ., Tarangini | रत्न मंदिर द्वारा गकित प.ग. 118 Patra 119 Pad हरिभद्र मुनि चन्द्र म.वृ. (प.ग.) 120 Māla धर्मदाम गणि. Ե | मू.प. 121 महावीर 2/25 उपदेश तरङ्गिणी |, 2/23 उपदेश पत्र , 2/3 उपदेश पद मुनि सुव्रत 2/254/ उपदेश माला |, 2/256 प्रोसिया 2/152 | के नाथ 15/14 ,, 9/1 कुंथुनाथ 52/24 के नाथ 17/47 , 14/2 444 Խ Ե 124 मू.ट. 127 128 कथूनाथ 3/52 129 के. नाथ 5/40 For Private and Personal Use Only Page #108 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जा तात्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक : [ 91 6 6 7 8 8A ___ 10 विरक्ति उपदेश 25x11x16x34 | गं 69 गाथा 19वीं 27x 11x11x36 , 70 19वीं पूर्वोक्त ग्रंथ ही है प्रौपदेशिक---चाचिक , 24x10x15x45 |, 70--20 गाथायें 19वीं ग्रौपदेशिक विरक्ति , 125x13x13x34 72 छंद 1905 24* 30x12x19x86 .. 125 गाथा 16वीं प्रौपदेशिक शास्त्र | प्रा सार प्रवचन सार उपदेश प्रा.सं. 27x13x15x45 बीगतवार प्रास्ति है 125 गाथा की 13 19वीं विश्राम 29 गाथा 1686 प्रौपदेशिक 26 x 10 x 13x40 पन्ने 75 से 213 (प्रत) 30 x 12 x 19 x86 । चार अधिकार - 16वीं 384 गा. 26 x 11 x 19 x 50 31 x 11 x 19 x 54 | संपूर्ण कथा सह ग्रं 4:05| 17वीं जीर्ण दुर्ग 28 x 13 x 15 x 44 | संपूर्ण चार अधिकार गा| 19वीं 458 की 25x11x17x42 22xTIX17x42 36 सवये 1828 मा. 3 धर्म दान पूजा यात्रा प्रा.सं. उपदेश व्याख्यान परिपाटी 25 x 12 x 14 x 45 , 5 तरङ्ग ग्रं. 35391960,विक्रमपुर कृष्णकरण 23x11x10x19 प्रतिपूर्ण 1917X अमृत विजय 312 | 27x12x14x56 संपूर्ण, मूल गा. 1040 ग्रं 19वीं 14000/ 22 26 x 11 x 13 x 39 | 16वीं प्रौपदेशिक प्रा.सं. प्रा. 26 x 11x8x32 16वीं 3* | 26x12x11x40 16वीं 25x10x11 x 38 , 543 ,, | 16वीं प्रा मा । 52 26x11x6x30 अंतिम पन्नाम 540 , प्रक्षिप्त । 16वीं गाथा 544 गाथा 1600 27x12x13x37 26x10x12x42 , 1049 26 x 11 x 13 x 45 , 544 ,, 1658 28x12 x 11 x 40 , 17वीं 25 x 11 x 15 x 36 अपूर्ण(प.2 पन्ने 50गा.कम) 1698 For Private and Personal Use Only Page #109 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 92 ] 1 130 मुनि सुव्रत 2 / 255 उपदेश माला . नाथ 15/15 23/26 3/26 134 कोलड़ी 1076 131 132 133 135 136 137 138 139 140 141 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 " " 11 142 कुंथुनाथ 17/6 उपदेश माला 143-7 के . नाथ 4 / 12,6/7, 15/101,23/45 15/159 11 11 "1 2 " 31 21 1144 के. नाथ 14 / 121 3/15 ओसियां 2 / 286 महावीर 2 / 111 | उपदेश माला + वृति 2/1 ओसियां 2/409 उपदेश माला कथा सह " 11 ओसियां 2/235 11 उपदेश माला 13 27 13 13/3 कुंथुनाथ 15 / 57 के. नाथ 21 /26 10/24 महावीर 2 / 112 उपदेश माला की वृति के. नाथ 6 / 54 | उपदेश माला की कथायें 26/79 | उपदेश माला यन्त्र 11 / 51 उपदेश रत्न कोश " 3 "" 21 + विवरण " 11 5 प्रतियां ( सज्झाय भाग) ( 2 / 309 | उपदेश रत्न कोष 17 - बाला. www.kobatirth.org Updeśmālā 33 35 23 "" 33 3A 53 + Vivaran भाग ( 2 ) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग :- (अ) +Vrti with kathā 5 Copies (Sajjhāya bhag ) | ki Vrti ki Kathayen Yantra Updeś Ratnakoś For Private and Personal Use Only Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir + Bala. धर्मदास गरिण 11 91 धर्मदास / सिद्ध साधु धर्मदास गरिण 72 "3 4 11 -1" -1" -1" धर्मदास गरिण 17 पद्म जिनेश्वर सूरि मू. ट . ( प.ग ) मू. ( प. ) मू.वृ. मू.ट. " मू. प. सू.ट.. मू.ट. कथा मू. बृ. (प.ग.) " मू.ट. कथा मूट. मू ( प ) मू प्र. मू प "3 5 मूट. ST. गद्य तालिका मु.प्र. मू बा. म. ट. Page #110 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जन प्रागम-अंग बाह्य-प्रकीर्णक : [93 b 11 औपदेशिक | 78 8A 9 10 प्रा.मा. | 45 26 x 11x5x42 संपूर्ण 544 गा ग्रंथान मूल | 1716, बिल्हा 700 टब्बा 1400| 26 x 11x13x36 | संपूर्ण 543 गा. 1724 बाम 25x11x11x35 103 गा प्रतिपूर्ण 1773 तो भी लिपिक ने "पूर्ण" लिखा है | 26 x 11 x 13 x 40 संपूर्ण 538 गा. ग्रं 3852| 18वीं 24 x 11x7x35 लगभग पूर्ण 18वीं प्रा.मा. प्रथम व अतिम पन्ना कम अंतिम पन्ना कम 25x10x8x52 18वीं 25x11x11x38 | अपूर्ण गा. 404 तक ही है। 18वीं प्रा.डि. 25x11x18x60 | संपूर्ण 544 गा 1819 25x11x7x44 | ,, 544 गा. 1840, बाहडमेर कीत्तिगणी 27x13x14x43 544 गा.कथा सह 19वीं पूर्वोक्त की नकल 27 x 13 x 16 x 43 | अपूर्ण 439 तक ही 19वीं प्रा.मा. | 160 26 x 11 x 3x36 संपूर्ण 544 की ग्रं 6375| 19वीं 26x Ilx6x38 | | लगभग पूर्ण 532 गा.तक | 19वीं | 31,25 | 21से26 x 9से 12 संपूर्ण-अंतिम प्रति अपूर्ण 19वीं 200 गा | 39 26 x 11x17x50 प्रपूर्ण 38 से 544ग्रं.1716 18वीं 26 x 12x12x42 मज्झाय की 33 गा. 18वीं 26x12x13x42 19वीं प्रा.मा. 25 x 11x7x48 | अपूरी 253 से 544 तक 19वीं 26 x 13x12x | बिल्कुल अपूर्ण, प्रारंभिक | 20वीं मात्र 25 x 11 x 12 x 34 लगभग पूर्ण-पहिलापन्ना कम 1674 29x14x17x50 प्रकारादिक्रम में प्रारंभिकपद 19वीं प्रा.सं. प्रा.मा. 26x11x4x40 | संपूर्ण 36 गाथा (121698 | 169811 गाथाय प्रक्षिप्त है प्रक्षिप्त) 26 x 11 x 11 x 43 , 25 गाथा का 17वीं 18वीं x दीपा26x11x7x44 .. 26 गाथा विजय। For Private and Personal Use Only Page #111 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 940 भाग (2) जैन सिद्धान्त व आचार विभाग :- (अ) 3A 4 | पद्मजिनेश्वर सूरि 5 । मू. (प) 58 कोलडी 828 / उपदेश रत्न कोष Updes Ratnakos 159 के. नाथ 15/74 +बाला. -+-Bala. मूबा. 161 म. (प) 160 प्रोसियां 2/304 उपदेश रत्न कोष , 2416 162 सेवामंदिर 2/430 महावीर 2/5 | उपदेश रत्नाकर-वृति 163 | Updes Ratnakar+Vrti मुनि सुंदर (सोम सुंदर मू व. __ का शिष्य) पाठक र पति 164 सेवामंदिर 3 इ349 उपदेश रसाल बत्तीसी ., Raal Battisi ., Rahasya पावचंद ,, Sar Ratnakosa 165 कुंथुनाथ 44/6 | उपदेश रहस्य 166 सेवामंदिरगुटका 3 ति उपदेश सार रत्न कोप कुंथुनाथ 10/133 | उपसर्ग विचार कोलड़ी 428 | उस्मानोपदेश समर चद (पार्श्वचद का शिष्य Upsarg Vicar Usthāuopdes 169 429 170 । कंथुनाथ 15/54 उस्थानोपदेश श्लोक Slok 171 के. नाथ 15/10 ऋधि मंडल Rşimandal धर्म घोष 172 .. 10/4 173 174 175 23/25 176 कोलडी 858 कुंथुनाथ 3/54 +Vrti 3 copies धर्म घोष हरी नंदन | म वृ. (प.ग ) 178- | महावीर 2/119- , + वृति 3 प्रतियें 80 20-21 181 के. नाथ 24/47 ऋधि मंडल धर्म घोग 182 महावीर 2/122 ऋषि मडल की अवचुरी। kj Avacūri 183 ki Vști ,, 4/प्र.35 ऋषि मंडल की वृति के. नाथ 7/49 184 पद्म मंदिर गणि For Private and Personal Use Only Page #112 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org जैन तात्त्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक :-- [ 95 ___ 6 7 8 8A ____10 1 1 प्रोपदेशिक 31x11x8x40 19वीं 25x11x11x42 , 44 गाथा 19वीं 26 x 11x7x44 , 26 गाथा 19वीं . 26 x 13 x 16 x 30 संपूर्ण 1953 25 x 11 x 6 x 33 आपूर्ण 1 1 से 26 अंत तक 17वीं 27x 12 x 15x47 संपूर्ण ग्रंथाग्र 7657 | 20वीं बालुकड- स्वोपज्ञ वृति | 186 पुर | 27x14x9x30 | 19वीं गुटका 15x12x17x24 39 गा. 17वीं 12 पन्ने 16x13x8x13 | 1716 27* __ 27x11x13 x 38, 16वीं +सैद्धा- | प्रा. न्तिक मृत्यु उठायगा उपदेश मा. 26x10x13x48 संपूर्ण 19वीं 23x13x13x26 19वीं 25x11x11x38 ,, 10 श्लोक 19वीं 26x11x11x38 भक्ति प्रौपदेशिक तत्व प्रसंग ,, 220 गाथा 1595 ,, 208 गाथा/ग्रं.450, 1 6वीं 27 x 12 x 15 x 62 | 26 x 11 x 1 x 35 235 संपूर्ण 1608 गर्ण-प्राय अपठनीय 26x11x11x45 , 229 गा. 17वीं 26x11x13x41 208 गा. 18वीं 21x11x7x42 220 गा. 18वीं 27x12x12x547 221 गा. 19वीं 25से29x12से 14 ,, कथा सह ग्रं.4750/ 19वीं इसमें 163 गाथा का ही अंत समझा है 26 x 11x11x37 | अपूर्ण पहिला पन्ना 10 | 19वीं गाथा का कम 27x11 x 17x60 अपूर्ण 32 से 1 63 (अंत) 16वीं तक 33 ! 27x11x15x55 , आदि अंत रहित । 16वीं 26-11-13x41 संपूर्ण 224 गा. की कथा सह 19वीं For Private and Personal Use Only Page #113 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 96 ] भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग :-(प्र) 3 187 3A 45 185 प्रोसियां 2/228 | प्रौपदेशिक गाथायें Aupdesik Gathāyen संकलन 186 के. नाथ 13/16 | कर्पूर प्रकरण (कथा सह) |KarpurPrakaranwith Katha हरि/सोमचंद | महावीर 2/20 | कोलड़ी 131 कपूर प्रकरण 189 | के. नाथ 21/45| कर्म विपाक (प्राचीन)+वृति Karmvipāk (Pracin)+Vrti| गर्गपरमानंद | मू.व. (प.ग.) कुंथुनाथ 14/7 | कर्म ग्रंथ 1-4 (प्राचीन)+ Karmgranth 1-4 (Pracin)+ गर्ग x x जिनवल्लभ 2 म प. सूक्ष्म विचार सार Suksam Vicar sar 191 के. नाथ 3/20 कर्म ग्रंथ चौथा/(विचार सार Karmgranth 4th (Vicār sai जिनवल्लभ प्रागमिक वस्तू) + वृति | Agamik Vastu +Vrti| 192 52/8 | कर्म ग्रंथ 1 से 6 नवीन | Karmgrant 1-6 (Navin) देवेन्द्र (1 से 5)+ म.प. चन्द्रषि (6) मूव. , वृति , ki vrti 193 | के. नाथ 18 194 / महावीर 2/65 देवेन्द्र (1-5) चंदषि/6 | मू वृ. मलयगिरी 195 के नाथ 5/100 कर्म ग्रन्थ 1 से 6 नवीन ... (Navin) देवेन्द्र (1-5) चंदषि (6) मू प | मू ट. (प ग. 196 | कोलडी 117 197 प्रोसियां2/173-76/ मू. अ. 198 | के. नाथ 23/37 199 , 3/1 | कर्म ग्रन्थ 1 से 6 + बा. ,,+Bali देवेन्द्र + चंदषि / मतिचंद मू.बा. ,, (Navin) देवेन्द्र (1-5)+ चंदर्षि मू.प. 200 कोलड़ी 116 कर्म ग्रन्थ 1 से 6 नवीन ,, 2 copies 201-2 | के. नाथ 5/99, , ,2 प्रति 21/25/ 203 | , 3/13 | कर्म ग्रन्थ 1 से 6 नवीन | Karmgranth 1-6 (Navin) देवेन्द्र (5) चं 204 23/36 कर्म ग्रन्थ 1 से 5 , , 1-5 देवेन्द्र - म.ट.बा. 205 3/11 म.प्र. मू कोलड़ी 1189 | के. नाथ 21/9 , 21/18 | 208 For Private and Personal Use Only Page #114 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जैन तात्त्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक :-- [ 97 ____ 6 8 8A 9 10 11 जैन धार्मिक शोक प्रासं मा. 12 1 26x11x6x34 भिन्न 2 पन्ने 18/19वीं ग्रोपदेशिक दृष्टांत सं. | 27 x 12 x 15 x 55 संपूर्ण 157 कथानक - 1569 26 x 11 x 15 x 55 | अपूर्ण 69 काव्य-कथायें 18वीं 26 x 11 x 17 x 54 संपूर्ण 52 श्लोक 18वीं प्रौपदेशिक प्राचीन कर्म ग्रन्थ । कर्म सैद्धान्तिक साहि- प्रा.सं. 20 27x11x15x43 . 168 गाथा की 1580 922 प्रा. " 27 x || x 22 x 66 | , (168 4:6 --- | 19वीं 241-86+15 गा प्रा.स 1826x11x17x46 संपूर्ण 86 गाथा ग्रं 850 17वीं .., ., 1-4+ अंतिम पन्ना कम प्रा. 1826x12x13x38 ., (61+34+24 1592 +86-1-100+ 93 गाथा) | 2 3 (विपाक, स्तव, बध स्वामित्व पड़गीति, 56 शतक, सप्तति) प्रा.नं. 17226x 11-17x50 संपण अतिम पन्ना कम) 16वीं 26 x 11 x 16x66 , ग्रंथा. 101 37 (1| 1621 से 5 के) ,3880 छठे के 26 x 11x13x44 | संपूर्ण 396 गा. 1756 प्रा.मा. 25x12x4x42 1818 प्रा.सं. 46 | 25x11 x 11 x 37 | ,, यंत्रतालिका सह | 1820 विक्रम- अचूरि देव गुप्त पुर बखतसुदर शिष्य की है ? 26x12x || x33 | संपूर्ण 1825 प्रा29 प्रा.मा 318 25x13x15x37 . 396 गाथा का 1858 प्रा. 1896 22 26 x 13 x 12 x 40 | 45.17 28 x |426 x 11 20 x 12x4 x 36 19वीं 19वीं 11 x 26x5x41 19वीं प्रास 26 x 11 x 10 x 53 1481 प्रथम पन्ना कम है 20 गाथा प्रा. 29x15x11x27 | चार पूरे पांचवां 73 तक 19वीं प्रा.मा. | 31 24x12x9x31 संपूर्ण 19वीं |.. 47 28 x 14x7x21 19ीं बार्थ प्र ग्रं. तक ही For Private and Personal Use Only Page #115 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 981 भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग:--- (अ) 3A 209 | के. नाथ 3/2 | कर्मग्रन्य 1 से 4-+-बा. | Karmgrantha 1-4+Bala. देवेन्द्र -- बा. " " +बा. " , + , देवेन्द्र/मतिचंद्र 210 प्रोसियां 2/139 244 211-2 के नाथ 29/98 कर्मग्रन्थ 1 से 4 नवीन दो प्रति 5/14 , 15/16 कर्मग्रन्थ 1 से 3 नवीन Ly (Navina) | देवेन्द्र " 2 Copies 213 1-3 (Navina) 214 , 3/10 , , +वृत्ति 1-3 Vrtti देवेन्द्र/चन्द्रसूरि मू.+वृ. 215 कोलडी 114 | कर्मग्रन्थ 1 से 3 नवीन 1-3 (Navina) देवेन्द्र 4 216 के नाथ 18/20 4 217 , 21/10 | कर्मग्रन्थ 1 से 2 नवीन 4 218 | प्रोसियां 2242 के. नाथ 23/30 | कर्मग्रन्थ 1 नवीन 92 0 ,, 21/14 222 कोलडी 115 , 1+बाला. 1+Bala. देवेन्द्र श्रीसार मुनि । मू बा. 21/99 , 1 नवीन 1 (Navina) देवेन्द्र 4 44 224 , 21/63 ,, 1 , 2033 कर्मग्रन्थ 2 से 6 नवीन देवेन्द्र (5तक) चंदर्षि (छठा) ., 17/49 | , 2 से 5 ,, 2/149 ,, 2 व 3 , 228 ..., 2/174 | कर्मग्रन्थ 2 नवीन + बा. 229 | के. नाथ 23/12 | कर्मग्रन्थ 2 नवीन ,,+Bala - म.बा. ट 230 प्रोसियां 2/246 कर्मग्रन्थ 3 व 4 नवीन , 3-4 , देवेन्द्र 231 के. नाथ 36 कर्मग्रन्थ 3 नवीन 232 F ,, 15/184 ,3 , ... 23/20 | कर्मग्रन्थ 4 से 6 नवीन 233 देवेन्द्र (4,5) चंदधि (6) मू.ट. +Bali देवेन्द्र/मतिचंद 234 3/8 कर्मग्रन्थ 4 नवीन-बा. , 4 मूबा. For Private and Personal Use Only Page #116 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जैन अागम-अंग बाह्य-प्रकीर्णक - [ 99 11 11 6 7 8 | 8A 9 10 कर्म सैद्धांतिक साहित्य प्रा.मा. | 1325x11 x 17x58 अपूर्ण पहिला व चौथा दोनो 17वीं 7 से 19 बीच के पन्ने 106 | 25x12x15x38 संपूर्ण 18वीं 28,11| 33x17426x11 19वीं 25x10x13x3: 1736 साथ में सोधसत्तरी 91 . ग्रंथाग्र 1882 प्रा.सं. 89 18वीं 26x11x13x45| अपूर्ण प्रथम के 48 से अंत तक | 25x12x3x36 | संपूर्ण 119 गाथा का प्रा.मा. 1873 प्रा.सं. | 15 26x11x20x66 संपूर्ण 19वीं प्रा.मा. 20 1853 26 x 13 x 3x33 | संपूर्ण 94 गाथा 25 x 12 x 9 x 34 | , 87 ,, 19वीं प्रा.सं. 196XIIx15x44 | सपूर्ण 60 गाथा की 1421 प्रा. 3 26x11x IIX37 .60 गाथा 17वीं प्रा.मा. । 25x12x5x32 1825 25x11x18x48 1834 19वीं 25 x 1 3 x 11 x 35 | 25 x || x 3 x 35 अपूर्ण 52 गाथा तक प्रा.मा. | 19वीं 25x1x18x47 संपूर्ण 17वीं 26x11x13x42 ,259 गाथा 19वीं 19वीं 28 x 13 x 11 x 34 | 26 x 12 x 17x58 19वीं 26 x 11x5x51 19वी प्रासं ।।। 26x13x9x3|| 174 26x11x4x27 25x11x11x31 24 , 19वीं 26x12x3x35 ... केवल पांचवे की। 19वीं गा. व.म 86 गाथा 25x11x16x63 For Private and Personal Use Only Page #117 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 100 ] भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग :-(अ 3A 235 armgrantha 4 (Navina) | देवेन्द्र 236 मुनिसुव्रत 2/263 | कर्म ग्रन्थ 4 नवीन K के.नाथ 23/34 | , 4 , , 1/33 कर्मग्रन्थ चौथा (नवीन)।-बा. प्रोसियां 2/175 कर्मग्रन्थ पांचवां (..) +बा. 237 VI (N.) देवेन्द्रसूरि/-- मू.+बा. V (N.) 239 | के.नाथ 17/54 , नवीन V (N.) देवेन्द्र मू.+ट. VI Saptati चंदषि/मलयगिरि महावीर 2/135 | कर्मग्रन्थ छठा सप्तति + वृत्ति कुंथुनाथ 55/17 कर्मग्रन्थ छठा-बाला. VI Bālā .. कुंभकर्ण(राजचंद्र म बा. का शिष्य)पावचंद गच्छ 242 , 215 VI , " | मुनिसुव्रत 2/335) कर्मग्रन्थ 1से6 की अवचूरि को बड़ी 1226 कर्मग्रन्थ 4 का व्याख्यान महावीर 2/82 | कर्मप्रन्थ प्रथम (नवीन) का " Je IR VIAvacāri ज्ञानसागर(देवमंदर का ग. शिष्य) तपागच्छ IV Vyākhyāna ,, I (N.) Suca yantra समतिवर्द्धन (विनीत- गद्य तालिक सुन्दर का शिष्य) सूचा यंत्र 246 प्रोमियां 2/147 247 महावीर 2/81 248 ... 2/83 कर्मग्रन्थ द्वितीय(नवीन) सूचा II(N.) 249 250 | प्रोसिया 2/145 251 ., 2/146 ,, III(N) .., तृतीय (नवीन) सूचा ,, चतुर्थ 252 .. 2/144 ,, IV(N.) , 253 | महावीर 2185 , 445 (नवीन) सूचा ., IV&VIN.),, ,, V (N.) प्रोसियां 2/148 , 5 (नवीन) , महावीर 2/86 प्रोसियां 21412 | कर्म उदय प्रकृति 256 । Karma Udaya Prakrti 257 महावीर 2/103 महावार 2/103 , स्वामी यंत्र .. Svāmi Yantra सुमतिवद्धन ग. तालिका .. 2/87 ! कर्म ग्रोधबंध प्रकृति आदि यंत्र | Karma Oghadi Yantra For Private and Personal Use Only Page #118 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra जैन तात्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक : कर्म सैद्धान्तिक J " 11 11 " " 1 11 6 " " 31 " 11 " साहित्य = = S प्रा. - 7 प्रामा. प्रासं बोलनुमा मा. प्रामा स. : 7 5 25 29 18 47 21 39 3 16 23 21 21 6 9 8 9 13 8 73 45 39 14 11 8 A 25 × 11 × 12 × 33 सपूर्ण 86 गाया 26 x 11 x 13 x 41 30 x 14 x 13 x 36 www.kobatirth.org 22 x 13 x --- 27 x 12 x --- 25 x 12 x 25 × 12 x 25 × 11 × 17 × 48 26 × 11 × 18 × 56 संपूर्ण 100 गाथा का 25 x 12 x 4 x 34 19 त्रीं संपूर्ण 100 गाथा का ग्रंथाग्र 350 27 × 1 1 × 15 × 60 अपूर्ण, पूरी 89 गाथा की 1624 ग्रं. 3880 26 × 11 × 19 × 64 संपूर्ण 93 गा. ग्रं. 1500 17वीं x ऋषि शारणा 2, x 13 x - 26 × 11 × 23 x 76 त्रुटक सिर्फ 3 पन्न हैं 24,29 व प्रतिम 26 × 11 × 18 × 56 संपूर्ण 86 गाथा का 25 x 12 x --- संपूर्ण 25 × 13 x --- 26x12x 26 × 13 × -- 28 × 14 x --- 27 x 13 x 10 x 28 26 x 13 x 15 x 43 25 × 12 x --- 26 X 12 X 18वीं 18वीं अपूर्ण गाया 70 तक ही 19वीं लगभग पूर्ण अंतिम पन्ना कम " : = : : 9 पूर्ण आदि अंत रहित 13 37 Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ग्रंथाग्र 1005 त्रुटक प्रतिपूर्ण For Private and Personal Use Only 10 1727 19वीं 18वीं 18वीं 1890, इच्छावर सेवाराम 20वीं संपूर्ण 20 त्रीं अपूर्ण प्रारंभ के 2 पन्नो कम 20वीं सपूर्ण 1907, अजमेर. रिबलाल 20 वीं 19वीं x पोखर दत्त 1932 1890. अजमेर, रिखलाल 1902 1932 19वीं 20वीं 20 त्रीं त्रुटक [ 101 ।। गत प्रति की ही नकल (1875 की कृति यां हैं) Page #119 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 102 ] भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग :- (अ) 3A 5 मू +बा 259 | सेवा मदिर 2/353/ कर्मा कर्मादि प्रकरण - बा. | Karmakarmādi Prakarana गजसार | कोलडी । 238 कर्मबध हेतु रचना Karma bandha Hetu racana 261 के नाथ 3/22 कम प्रकृति Karma Praksti 260 मू. (प) मू.ट. 262 +Vrtti मू व. (प.ग ) | ., 2931 ,, 29/32 + वृत्ति की टीका 263 , , Tikā मयलगिरि 264 मेवा मदिर 2:353/ कर्म का बंध व जीव भेद विचार + बा. Karma bandha & Jiva bh- अज्ञात eda vicara मू बा. (प.ग. 265 के नाथ 1612 कर्मों की पाठ मुल प्रकृति | Karmon kiAtha Mala Pr aksti , 158 उत्तर प्रकृति , 158 Uttara Pr. aksti 266 - मुनिसुव्रत 2/204 | कोलडी ।।3 | गोमियां 2/177. 78 19/92 , , 2 प्रति ,प्रकृति विचार , Prakrti Vicāra 271 14/1|| कर्मछत्तीसी Karma Chattisi समयसुन्दर 272 ... 14/10 273 26 103 गृ कर्मवत्तीय Karma Battisi 274 ... 2945 | कवित्तबावनी Kavitta Bāvani लक्ष्मीवल्लभ गणि महावीर 2/130 कस्तुरी करण Kastūri Prakarana हेमविजय कथनाथ 36/1 कानाताप नाशिका Kāmaksā Pancasına 277 प्रोमियां 2/189 कायस्थितिविचार । बा | Kayasthiti Vicāra-+-Ba a मूबा. महावीर 2/12 . स्तोत्र Stotra कुनमंडन मु अ (प ग.) श्रा यां 2 214 कालमत्तरी Kala Sattari धर्मघोष देवेन्द्र सूरि । मु. पद्य का शिष्य महावीर 260 के नाथ 18/35 मू. ट. (प.ग.) 282 महावीर ?/005 केवलसतावनी Kevala sa rāvani ब्रह्मरूप संवेगी 283 सवा मदिर गुटका के शीदिपनगगिका Kesi Dvi Pancasika पार्श्वचंद For Private and Personal Use Only Page #120 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra जैन तात्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक : कर्म सैद्धान्तिक साहित्य "1 6 " Y "1 " = श्रीपदेशिक सैद्धान्तिक श्रौपदेशिक साहित्य लोक स्वरूप व प्रकृति तात्विक व स्वरूप काल स्वरूप समय स्वरूप प्रोपदेशिक अध्यात्म दार्शनिक तात्विक प्रा मा. प्रा. प्रा मा. प्रा.सं. सं. प्रा.मा. 7 मा. सं. प्रा. प्रा.मा. प्रा स. प्रा. " प्रा मा. मा. JJ 7* 13* 71 3 122 7* 1 11 8 6,5 11* 3* 3 1 5 8 23 गुटका 7 3 5 7 4 21* गुटका www.kobatirth.org 8A 26 x 11 x 17 x 60 26 x 1 x 15 x 42 25 x 11 x 20 x 56 25 x 11 x 14 x 50 26 x 14 x 12 x 24 23 x 20 x 21 × 38 27 x 11 x 9 x 35 26 × 11 × 18 x 54 26 x 1 x 9 x 31 26 × 11 × 13 × 48 35 × 11 × 18 × 65 संपूर्ण 25 x 11 x 11 x 33 23 x 11 × 12 x 24 25 x 12 22 × 11 26 x 11 x 13 x 44 26 × 11 × 23 × 66 संपूर्ण 36 गाथा 26 x 12 x 14 × 29 26 x 11 x 8 x 47 25 x 11 x 4 x 30 26 × 13 × 16 × 62 पूर्ण केवल छटी गाथा तक | 19वीं 27 x 11 x 17 x 66 संपूर्ण ग्रं. 14000 16वीं 26 x 11 x 17 x 60 अपूर्ण 29 गाथा 17वीं 25 x 13 x 13 x 35 संपूर्ण 29 गाथा 34 "1 16 x 13 x 13 x 20 " 31 " 31 33 = 11 15 "I 27 11 31 476 13 9 32 गाथा 61 कवित्त + 1 देवीगीत 24 182 श्लोक " 86 गाया 73 74 11 24. 74 For Private and Personal Use Only " " "" 58 सवैया 75 गाथा Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 17वीं 19 1838 19वीं 17वीं x साध्वी लाला 19वीं 19वीं 19वीं 19वीं सदी 19at 18वीं 19वीं 20 वीं 10 1544 16वीं सदी 17वीं पाटण रविवर्द्धन 16at 17वीं 19वीं 1876 17वीं [103 11 Page #121 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 104] 1 286 289 284 Share 23/35 | केशी प्रदेशी प्रश्नोत्तर सार 285 सेवामंदिर 3345 क्षमाछत्तीसी कोलडी 898 287-8 के नाथ 15/83, 23/95 महावीर 2/53 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 2 "י के. नाथ 29/25 कुंथुनाथ 52 / 27 गणधरावद 10/133 | गणहरावली कोलड़ी 1173 32 2/97 के नाथ 18/3 महावीर 2/78 2/40 के नाथ 6/98 महावीर 2 / 128 | गुणमाला ., 26/103 गु 19 44 कोलडी 1333 महावीर 2/66 बोलडी 112 थुनाथ 29/5 महावीर 2/79 कोलडी 1343 2 प्रति क्षुल्लक भव विचार स्तवन गायत्रीमंत्र (जैन परक) 11 परवाड़ी+बा. "" " 17 17 3 " गुणस्थान अल्पबहुत्व 'बोल क्रमारोह + वृत्ति 17 " "1 " भग www.kobatirth.org चौपाई जीवभेदवर्णन व्याख्या + लेश्याद्वार वर्णन विचार " Keśi Pradesi Praśnottara såra Kṣamā Chattisi 2 copies Kṣullaka Bhava Vicara Stavana Gaṇadhara Vada Gaṇaharavali 3 A Guna Parivādi + Bala. Guna Mālā 23 33 19 Gāyantri Mantra Vyākhya | अज्ञात (Jain) 33 भाग ( 2 ) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग :- (अ) 33 33 Karmaroha Caupai Jivabheda Va rnana Bhnaga + Leśyādvāra Varnana Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Vicara 7" For Private and Personal Use Only समय सुन्दर 1. Gunasthana Alpabahuttva Bola Karmāroha+ | रत्नशेखर (हेमतिलक | मूवृ. (प.ग. Vrtti का शिष्य) " गुणरत्न सूरि 4 " 11111 ग. स्वोपज्ञ साधु कीर्ति प. मू प्र. (प.ग ) ग. रामविजय (जिनवल्लभ ग. का शिष्य) प. ग. मूबा. मू. ( प. ) प. ग. " 5 "" 13 21 11 Page #122 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जैन तात्विक प्रोपदेशिक व दार्शनिक : [105 ___ 6 7 8 10 10 11 दार्शनिक तात्विक A 9 30 x 14 x 13 x 39 | संपूर्ण 20x11 x 12 x 30 | संपूर्ण 36 गाथा 19वीं प्रोपदेशिक 1847बालजी 26x11x15x42 19वीं 25x11426 x 10 19वीं 26x11x13x46| संपूर्ण 25 गाथा 16वीं पायुकर्म सम्बन्धी कल्पसूत्रग्रन्तर्वाच्य | सं. 19वीं 26 x 11 x 17x50 | संपूर्ण 27x11x13 x 38 | , 25 गाथा तात्विक जीवन 16वीं मातृकापद समन्वय सं. 27x15x15x34 20वीं साथ में सामायिक व्याख्यान भी है संथारा संबन्धी | प्रा.मा. | 4 | 25 x 11 13 x 52 | अपूर्ण 42 गाथा 17वीं | (गुरण की जगह पुण भी पढ़ा जा सकता है) पंचपरमेष्ठी गुणादि. सं. 54 | 26 x 12 x 17 - 44 | संपूर्ण 1851 व्यारान- प्रशस्ति है। 1817 गर+ सुवर्ण गढ़ जैसलमेर की रच । 26x11x16x45 19वीं संद्धान्तिक-संख्या विचार प्रात्मस्तर विचार 26 x 12 x 12 x 66 | 1703 वृत्तिस्वोपज्ञ 26x12x15x40 " 137 , , 1799 27 x 13x14x41 19वीं 27x11x19x43 19वीं 47.X X43 120 18वीं 25 x 12 x 20 x 56 24 x 12 x 17x32 | संपूर्ण 19वीं 25x11x28x60 19वीं 25x11x9x37 20वीं 27x11 x 18 x 60 संपूर्ण 14 गुणस्थानों का | 20वीं 27x12 x 23x78 अपूर्ण 17वीं 26 x 12x12 x 29 | संपूर्ण 18वीं 25x11x14x45 , 19वीं For Private and Personal Use Only Page #123 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 106 ] 1 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 321 322 323 324 325 326 327 328 329 331 330 320 मुनिसुव्रत 2 / 325 कोलड़ी 824 कुंथुनाथ 20/22 कोलड़ी 825 332 के. नाथ सेवामंदिर 2/433 21 "1 कुंथुनाथ 54 / 7 सेवामंदिर 2/362 | के. नाथ 15 / 193 महावीर 3 ई. 10 19 21 2 37 " 6 / 5 गुणस्थान विचार " के नाथ 10/67 मुनिसुव्रत 2 / 326 कोनड़ी 1086 ओसियां 2416 के नाथ 10/87 कोलडी 1329 के नाथ 21 /61 गुटका 3 ति गुणस्थान स्तवन 11 2 /46 गुरुगुणपत्रिशिका + वृत्ति 2/47 गुरुतत्वनिश्चय । वृत्ति 2/126 गौतमकुलक + वृत्ति के नाथ 26 / 103 गौतमकुलक गु. 5/25 3/27 3/29 "1 "1 "" " " 12 J7 27 17 3 गौतमपृच्छा 11 17 13 11 11 tar. + वृत्ति + बा. www.kobatirth.org 3 A Gunasthana Vicara Gunasthana Stavana Gurutatva Niścaya Gautama Kulaka Gautama Kulaka 39 भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्रचार विभाग :- (अ) 33 35 33 Guru Gunasat Trimśikā रत्नशेखर 35 Gautama Prccha Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir For Private and Personal Use Only समुन्द्रगरि समरचंद (पार्श्वचंद का शिष्य) " 13 वाचक पदमराज धरमसी 21 4 "1 21 " 23 1) ग. -i "1 मूवृ. (प.ग. उ. यशोविजय मू.वृ. गौतम ऋषि / ज्ञानतिलक मू.वृ. (प.ग गौतम ऋषि मू ( प ) मूट. (प.ग प. ܕ ܐ मू. ट. प. "1 "1 " " "F 5 - / (नंदिरत्न | मू.वा. का शिव्य) - / मतिवर्द्धन | मू.वृ मू.बा. 11 11 37 11 "3 13 मू. (प.) मू. ( प. ) मू.ट. (पग.) Page #124 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जैन तात्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक : [ 107 678 8A 9 10 मात्मस्तर विचार मा. 21 26x11x15x45 संपूर्ण ग्रंथान 800 19वीं 24x11x12x50 19वीं 14 गुणस्थाय गुटका संपूर्ण 53 गाथा 1650 गभित 16 x 13 x 13 x 20 26 x 11 x 5 x 40 19वीं 26x11x6x48 संपूर्ण 21 पद 19वीं 25x11x14x44 । 34 गाथा 19वीं 1729 की कृति 25x12x13x31 20वीं गुरु की योग्यतादि 27x12x14x39 , 40 श्लोक की 20वीं 26x11 x 17x50 1949 वृत्ति स्वोपज्ञ ,, 903 श्लोक (चार उल्लास) संपूर्ण 69 गाथायें प्रोपदेशिक प्रा.सं. 26x11x16 x47 | 18वींx रामचन्द्र प्रा. 25x11x15x38 , 20 गाथा 18वीं दो नकलें प्रा.मा. 26 x 12x4x40 1831 25x12x5x34 30x11x7x42 1842 मेडता ईश्वरसागर 1846x भक्तिसागर 19वीं 26x11x10x42 30x10x5x45 19वीं 26x11x7x40 19वीं 23x11x5x29 19वीं 25 x 11x1x36 पूर्ण 11 गाथा तक | 19वीं 1953 26 x 13 x 16 x 30 26 x 12 x 11 x 32 तात्विक 48 प्रश्नोत्तरी संपूर्ण 64 गाथायें - 16वीं भगवान महावीर के उत्तर प्रा.मा. 17 25x10x5x35 17वीं प्रा.मा. 3 25x11x9x30 17वीं प्रा.सं. 1824 24x10x13x28 64 गाथा की ग्रं 1682 26 x 11 x 16x52 | , 64 गाथा की | 18वीं For Private and Personal Use Only Page #125 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 108 भाग (2) जन सिद्धान्त व आचार विभाग:-- (अ) 3A 333 कोलड़ी 146 गौतमपृच्छा-- वृत्ति Gautma Ppccha+Vrtti मतिवर्द्धन महावीर 2/127 , +,, + , मतिवर्द्धन 335 कोलड़ी 831 कथासह with katha मू+कथा 336 वृत्तिसह with Vịtti मतिवर्द्धन । मु.वृ. 337 +बा. +Bala मू.बा. 338 मूट. 339 340 महावीर 2/14 के.नाथ 14/139 , 13/12 ,, 5/68 कुंथुनाय 25/2 प्रोसियां 2/165 कोलड़ी 823 के.-Tथ 15'172 कोलड़ी 1085 +बा +Bala मूडा. +वृत्ति +Vrtti मू वृ. , +कथा +Katha मू.+व्या.+ कथ म.ट. +कथा +Katha मू.x कथा .. 1087 की वृत्ति ki Vrtti के नाथ 15/168 का पद्यानुवाद Padyānuvāda 347 | कोलडी 239 चौपई , Caupai लावण्यसमय 348 के नाथ 19/73 पद्यानुवाद Padyānuvāda 349 मुनिसुव्रत 2/251 " का बालावबोध Balavabodha 350 प्रोसियां 2/164 जिनसूर तपागच्छ 351 मूवृ. महावीर 2/406 गौतमीय महाकाव्य+वत्ति | Gautamiya Mahakavya | रूपचंद/क्षमाकल्याण +Vrtti 352 कोलडी 953 ज्ञानक्रियावाद Jnānakriyāvāda 353 पद्य Jhana Deva Dharma Guru सिंहात्मज Sruta Bodha jñānadvāra Jivaprarupaņā 354 ग.तालिका के.ना4 21/58 | ज्ञानदेव धर्मगुरु श्रुतबोध मुनिसुव्रत 2/321 | ज्ञानद्वार से जीवप्ररूपणा के नाथ 26/56 | ज्ञानपच्चीसी महावीर 2/407 | ज्ञानसार अष्टक-+-वृत्ति । , 2/12 , अष्टक Jñana Paccisi बनारसीदास | Jhanasāra Astaka+Vxtti | यशोविजय देवचंद | मू वृ (प.ग.) __, जीतविजय मू ट. 357 For Private and Personal Use Only Page #126 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जैन तात्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक : [ 109 8A ।। १ 26 x 13 x 17x46_| संपूर्ण 64 गाथा की तात्विक 48 प्रश्नोत्तरी 10 1834 1868 नागपुर 26x11x13x40 31x12x15x42 72 कथायें 26x13x19x57 , 65 कथायें 1876 काल इना कथायें उपदेशमाला वृद्धिसागर परकी 1880भागनर चैन नीत 1880 26 x 12x14x50 62 पद 26 x 11x6x42 64 पद 19वीं 26x11x17x40 19वीं 26x11x17x70 टक 19वीं 26 x 12 x 19 x 49 | संपूर्ण 64 गाथा की 1902 32 x 12x13x50 1902पासोप प्रतापविजे 26 x 11x18 x 56 | अपूर्ण 29 से 57 प्रश्न | 18वीं तक | 25x12x11x32 , 37 गाथा तक | 19वीं 25x11x12x38 केवल 48वां प्रश्न 19वीं 26x11x20x54 | संपूर्ण 104 गाथा चौपई। 19वीं छन्द 26 x 11 x 9 x 40 ., 115 गाथा 1763 25 x 11x13x 40 , 46 गाथा 19वीं 25 x 11 x 11 x 37 ., ग्रंथान 2500 1676 खींमाड़ा| कथासह तेजकुशल 27x13x13x35 , 64 गाथा का ग्रं. | 1784राजनगर 1500 27x13x14x52 ,, 11 सर्ग 19वीं महावीर गणधर- | संस्कृत | 92 वाद ज्ञान व क्रिया का समन्वय सर्व धर्म समन्वय 26x12x16x48 19वीं 26x12x16x480 .. 6 अध्याय -2:1 | 19वीं श्लोक 26x12x--- प्रतिपूर्ण 19वीं सैद्धान्तिक बोल प्रोपदेशिक 25x12x14x44 संपूर्ण 25 गाथा 19वीं साथ में वर्म छत्तीसी तात्विक आध्यात्मिव | सं 26 x 12 x18x51 टक ग्रंथाग्र 289 (68| 19वीं में से केवल 12 पन्न हैं)। | 26 x 13x3 x 23 संपूर्ण 32 अष्टक ग्रं. 1500/ 1927 वृति ज्ञानमंजरी नाम्नी " . | म.मा. 60 For Private and Personal Use Only Page #127 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 358 110 ] 359 1 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371-3 374 375 376 379 80 384 385 387 सेवामंदिर 2/349 | के. नाथ 21 /7 377-8 कोलड़ी 83,82 के. नाथ 19/63, 20/48 386 2 ओसियां . नाथ 4 / 24 कुंथुनाथ 36 / 1 गुरु क्रम 40 . नाथ 18/34 कोलड़ी गुटका 381 - 3 कुंथुनाथ 15 / 8, 13/58,15/17 2/34547-48 कोलड़ी 822 3 मुनिसुव्रत 2/333 सेवामंदिर 2/351 महावीर 2/73 ओसियां 2/193 ज्ञानसार बहोत्तरी ज्ञानार्णव ज्ञानांकुश चरित्र- छत्तीसी चरित्र मनोरथमाला "" 13 4/12 महावीर 2 / 388 कोलड़ी 853 चेतनकर्म-चरित्र सेवामंदिर 2/353 चौवीस दण्डक ( विचारषट् - Cauvisa Dandaka त्रिशिका) ओसियां 2 / 192 महावीर 2 /110 के. नाथ 5/82 ओसियां 2 / 179 सेवामंदिर 2/419 चौवीस दण्डक + वृत्ति "" " 33 17 11 " 3 22 "1 19 11 + बा. www.kobatirth.org 3 प्रतियां 2 प्रतियां 2 प्रतियां 3 प्रतियां I 2 प्रतियां Jñanasara Bohottari Jñānāṛṇava Jñānānkūśa Caritra-chattisi Caritra Manorathamālā "3 " "" Cetanakarma Caritra "" "" 99 "" 22 33 "" 3 A 39 33 " "" " Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भाग ( 2 ) जैन सिद्धान्त व आचार विभाग : - (श्रं "" 39 For Private and Personal Use Only + Bala + Vrtti 3 Copies 2 Copies 2 Copies 3 Copies I 2 Copies ज्ञानसार शुभचन्द्र 1 T धनेश्वरमुनि भगोतीदास गजसार / - S 31 ,,,/ गजसार " 27 "1 21 11 13 " "1 4 11 "1 | प. मू प पद्य "1 मू. पद्य " पद्य मू. बा. मू.ट. こ मु. बा. मू.ट. मूवृ ( प. ग मूट. 19 " "" 5 मु पद्य 33 11 मू. ट. ( प ग . ) Page #128 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जैन आगम-अंग बाह्य-प्रकीर्णक :---- 11 11 ___ 6 7 8 माध्यात्मिक काव्य | मा. | 3 जनयोग विषयक 8A 9 10 | 24x 12 x 24 x 42 | (28 पद मात्र) अपूर्ण | 19वीं 27x11x9x37 अपूर्ण योगीप्रशंसा सूत्र 5 17वीं से मोक्ष तक 23 x 20 x 21x38 संपूर्ण 41 श्लोक 1544 प्रथम 23पने कम है प्रौपदेशिक गुटका 27x11x16x36 , 36 गाथा 20वीं तात्विक-ग्रौपदेशिक प्रा. 15x7x10x23 1499 । ,, 30 गाथा ,, 30 गाथा 23x10x8x26 19वीं तात्विक रूपक | हिन्दी 12 33x14x15x36 ,298 छन्द 19वीं 1736 श्री कृति जैन तात्विक 26 x 11x17x 60 | 38 गाथायें 17वीं 26x10x5x34 संपूर्ण 39 गाथा जीर्ण 1780x रजित सागर 1887 सूरत 24 x 11x5x29 |, 46 गाथा का 25x11x16x33 1791 124x11x3x36 | संपूर्ण 43 गाथा 1800जालोर 25x11x15x50 , 38 गाथा 18वीं | 9,5,7 26x11x भिन्न 2 , 44,38,41 गाथा 18वीं 30x11x3x36 , 40 गाथा 26x12x4x38 46 गाथा 1821x पद्म विजय 1823 X अानंद विजय 1832 -- 27 x 12x5x42 ,, 39 गाथा 25x11x7/9 30 38,41 गाथा ,, 38,40 गाथा | 1862,19वीं 19/20वीं 26x12424x13 2,24 | 23से 26x 10से 13 11 38,39,39 गा | 19/20वीं | 25x11x11x32 | , 43 गा. 19वीं ग्रह नादरपुर, कुंजरविज 1898 28x14x4x24 , 46 गा. 26x11x5x37 19वीं 19वीं विक्रमपुर ववतमना 25x11x3x34 For Private and Personal Use Only Page #129 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 112] 1 388 392 393 394 395 के. नाथ 19 / 99, चौबीस दण्डक 91 20/15,15/123 6/95 396 397 398 399 400 401 402 403 404 40910 414 कुंथुनाथ 3/51 के. नाथ 21 /6 सेवामंदिर 2/350 ओसियां 2 / 191 405 कोलडी 89 406-8 महावीर 2/70 95-96 सियां 2/190, 415-17 415 416 2 417 कोलड़ी 86 महावीर 2 / 74 कोलड़ी 87 . नाथ 14/119 5/39 सेवामंदिर 2/352 | 21 कोलड़ी 84 411-3 के नाथ 18/27 5/11,15/179 . नाथ 11/85 कोलडी 85 ओसियां 2/195 कोलड़ी 88 कुंथुनाथ 57/7 कोलड़ी 309 " "" "" "1 11 "2 + बा. +ar. चौबीस दण्डक का बालावबोध "1 21 " 3 "2 = 33 चौबीस दण्डक टब्बा "} 17 " + वृति + श्याख्या tar. + बा. "" बोल उप्रति 3 प्रति 21 3 A 4 प्रति Cauvisa Dandaka 4 copies गजसार www.kobatirth.org स्तवन 3 प्रति यंत्र विचार वीर स्तवन "" 99 33 "" 39 39 35 "" 33 23 39 39 32 39 23 33 "1 33 भाग (2) जैन सिद्धान्त व आचार विभाग :- (अ) + Vrtti +Vyākhyā +Bala 33 + Bala Bālāvabodha 39 + Bala + Bālā Tabbā 33 Bola 3 copies 3 copies "" For Private and Personal Use Only 3 copies Yantra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Stavana "1 = 31 31 1=5 13 "1 11 4 Vicara Vira Stavana |पार्श्व चन्द / राजसूरि पायचन्द / स्वोपज्ञ (हेम) । मूट. ( प. ग. "" मू.अ. (प.ग.) मू.वृ. (प.ग.) मू बा. 31 " " 11 5 गद्य ग. तालिका ग. पद्य "1 11 ग. तालिका मू.ट. (प.ग.) Page #130 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जैन तात्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक : [113 ।। 8 A म.मा. 6,11, | 25से26 x 10से 13 5,4 जन तात्विक 9 पहिली 3 पूर्ण, चौकी अपूर्ण 24 गाथा 10 19/20वीं 25 x 11x4x32 संपूर्ण 40 नाया 19वीं 25x11x18x42 , 38 गाथा 1874 बीकानेर अंत में 9 श्लोक छाया पुरुष-लक्षण 1879 25 x 10 x 15 x 58 26 x 11 x 11x37 25 x 12 - 14x50 19वीं | संग्रहणी-व्याख्यान जैसा 1880 27x13x17x39 | संपूर्ण 1895 x पुण्य- अंत में सम्यक्त्व 67 -विलास बोल + अल्पबहुत्व स्तवन 1890 24 x 11 x || x 40 , 41 गाथा का 26 x 10 x 20 x 54 अपूर्ण (किंचित्) 24 x 10 x 17 x 52 | संपूर्ण 20वीं 1792 27x12x12x32 1796 26x11x11x36 18वीं 26x11 x 13x46 19वीं 25 x 12 x 12 x 31 20वीं 13 26x11x 17वीं 30,6,625से 27x12+ - - 15,20, 21से 26 x 11से 12 20 19Xx (1 का भिन्न भिन्न द्वारों से लक्ष्मीविज) 19/2वीं भिन्न भिन्न जगह 19वीं 16,84,| 24से 29 x 10से 15 ___ 12, 27x12x ~~ 19वीं 26 द्वारों से विविक्षा ,, 26x11x17x38 1882 26 द्वार गभित 17 | 25x11x4x41 संपूर्ण 91 गा. ग्रंथाग्र 5951 1692, वसुम (मूल 1 65 ट. 430)| तिनगर, वीरमजी | 27x11x15x42 संपूर्ण 23 गाथा 1765 तात्विक भक्ति रूप में, 2 For Private and Personal Use Only Page #131 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 114 भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग:-- (अ) 5 1 2 3 419 | के.नाथ 11/114 | चौवीस दण्डक स्तवन 3A 4 | Cauvisa Dandaka Stavana | धर्मसी वाचक विजय- पद्य हर्ष शिष्य 420 | महावीर 2/72 धर्मसिंह 421 के.नाथ 15/125 422-3 ,2 प्रतियां 2 copies 424 कोलड़ी गुटका 2/7,7/7 प्रोसियां 2/194 कोलड़ी गुटका 2/6/ मुनिसुव्रत 3इ311 ज्ञानसार (रत्नराज का शिष्य मुनिखेम 427 महावीर 3इ30 जयदेवसूरि का शिष्य तापगच्छ कुंथुनाथ 19/10 मू.ट. (प.ग.) 430 के.नाथ 18/74 Chah Mahāvrata Sajjhāya] कांतिविजय अतिचार विचार Aticāra & Vicāra कुंथुनाथ 5/108 | जंबूस्वामी पृच्छारास Jambāsvami Prcha Rāsa | वीरमनि के नाय 26/47 | जिनबारष (गाफिलगीत) | Jinabārasa (Gifilagina) विनयचंद 431 432 Jinavara-darsana Stava पद्मनंदि | कुंथुनाथ 36/ 1 जिनवरदर्शन-स्तव क्रम 12 433 | के नाथ 1/15 - जीवाजीव-विचार+वृति | Jivajiva Vicāra शांतिसूरि मेघनंदन । मू वृ. (प.ग.) 434 , 6/105 शातिसूरि मू.प. 435 437 .., 14/10 मुनिसुव्रत 2/330 प्रौसियां 2/209 के.नाथ 6/38 सेवामंदिर 2/357 मुनिसुव्रत 2/336 441 कोलड़ी 66 442-3/ ., 68,69 444 प्रोसियां 2/207 440 ., वृत्ति +Vrtti ईश्वराचार्य मूवृ. (प.ग.) 2 प्रतियां 2 copies For Private and Personal Use Only Page #132 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra जिन तात्त्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक :-- तात्विक भक्ति रूप में " 17 " "1 " 73 " 6 39 प्राचार व दण्ड विधान तात्विक प्रोपदेशिक दार्शनिक 11 17 जैन तात्विक "1 13 " 21 " 37 13 - 11 मा. "1 11 " 39 सं. अ. मा. मा. " 11 7 प्रा. प्रा.सं. प्रा. " 13 प्रा.मा. प्रा. प्रा.मा. प्रा. प्रा.सं. प्रा. = 1 4 3 गुटका 7 गुटका 3 3 7 4 गुटका 2 गुटका 12 3 2 2 8 8 5 5 2 4 3 www.kobatirth.org 8 A 26 × 11 × 17 × 58 संपूर्ण 34 गाथा 34" 24 x 11x9x 32 23 x 13 x 11 x 37 15 x 12व22 x 16 24 x 10 x 11 × 32 15 x 12 × 11 x 20 22 x 7 x 9 x 38 27 x 13 x 12 x 50 26 x 12 x 4 x 42 27 x 12 × 21 x 64 25 x 11 x 11 × 38 26 × 11 × 11 x 42 25 x 11 x 17 x 41 26 × 11 × 4 × 32 25 x 11 x 9 x 28 25 x 11 × 6 x 36 28 × 11 × 6 × 50 4, 53 | 27 x 11 x 10 x 30 26x12x12 x 42 26 × 11 x 13 × 45 : ," 33 = "1 "1 23 71 " पूर्ण 37 गाथा तक 26 × 13 × 15 × 32 संपूर्ण 6 सज्झायें + गद्य 16 x 23 x 11 x 20 13 ढालें 25 x 12 x 17 x 48 23 x 20 x 21 x 38 " 31 93 23 11 11 11 17 91 19 34 37 34 9 2 गीत (26+ 27 गाथा 91 श्लोक " "1 43 गाथा 33 स्तव 11 51 गाथा की 51 गाथा 6 58 33 गाथा "" "2 52 गाथा 51 गाथा For Private and Personal Use Only 52 गाथा की 51 गाथा "1 Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 10 1792 1880, मुंबई, अमर सिंदूर 1897 1903 19वीं 1903 19वीं 1961. 19वीं 1909 1797 19वीं 1544 1613 1666 17वीं 1752 x नरेन्द्र 1758 1764 18वीं 18वीं प्रकबराबाद 1800 19वीं 1870. विक्रमपुर, जिनसुंदर [ 115 11 1728 की कृति Page #133 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 116 ] भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग :- (अ) 3A 445-8) के.नाथ 14/124 जीवाजीव-विचार 4 प्रतियां | JivaJiva Vicāra 4 copies | शांतिसूरि 21/20,23/27, 24/67 कुथुनाथ 37/15, 3 प्रतियां , 3 copies 51 15/18,15/20 452 प्रोमियां 2/210 ट. (प.ग.) 3 प्रतियां 3 copies 453-5| कोलड़ी 71,72, 820 456-7 | सेवामंदिर 2/354, 356 458 | महावीर 2/106 2 प्रतियां 2 copies 4 प्रतियां 4 copies 459- | के नाथ 13/9, 62 | 23/28-69 26/22 463 | प्रोसियां 2/208 " +बा. +Bali. ., अज्ञात मू.बा. (प.ग. के.नाथ 18/30 +बा. +Bala, , जीवविचार Jiva Vicara 464 465 466 467 कुंथुनाथ 18/11 के.नाथ 9/17 " का बालावबोध , kā Bālāvabodha महावीर 2/94 " बोल , Bola म.तालिका 468 | ओसियां 2/314 " सूचा यंत्र , Suca Yantra सुमतिवर्द्धन 470 , -स्तवन , Stavana ज्ञानसार के.नाथ 21/103 कोलड़ी गुटका2/6 मुनिसुव्रत 2/318 कोलड़ी 882 471 वृद्धिविजय 472 जीवस्वरूपबोल Jiva Svarūpa Bola महेश्वरसूरि अज्ञात ढाढसीमुनि के नाथ 19/95 | जोगीरास Jogi Rāsa | कुथुनाथ 36/1 | ढाढसी गाथा Dhādhasi Gathā क्रम 7 कथुनाथ 36/1 | तत्वसार Tattvasara क्रम 37 | कोलड़ी 836 तत्वार्थ सूत्र+वृत्ति (रत्नप्रभा) Tattvārtha Sutra+Vxti देवसेन 477 | देवेन्द्र 2/360 उमास्वाति प्रभाचंद्र मूवृ. (ग.) (धर्मचंद्र शिष्य) उमास्वाति मू.कंडिका+ व्याख्या मू.ट. (ग.) के.नाथ 5/85 For Private and Personal Use Only Page #134 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जन तात्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक : [117 6 7 8 8A ___ 9 10 11 जैन तात्विक प्रा. | 3,4,3. | 25 से 26 x 11 से 12 | संपूर्ण 50/51 गाथा | 19वीं 22 से 25x10 से 12 , 51 गाथा 194120वीं 1873 विक्रम प्रा.मा. | 9 | 24 x 10 x 4 x 32 | ,, 51, 5,5,5/25/29 x | 1426 x 13 , 51/53 गाथा 19वीं 8 26x13411xभिन्न , 52/51 ,, 19वीं 28x13x4x28 , 51 गाथा 19वीं 9,5,2, 26से 28x11से13 | , 50/51 गाथा 19वीं 26x12x14x32 .. 52 गाथा का |1899 विक्रमपुर, प्रानंदसुंदर 20वीं 24x11x15x45 अपूर्ण 24 गाथा तक 19वीं 25 x 11 x 10 x 30 | संपूर्ण 27 x || x 13 60 , ग्रं. 750 1940 16x9x 25 x 13x - 1874,श्रीकृष्ण- भिन्न 2 द्वारों से गढ़, हीरनंद मथेन (पहिला पन्ना कम) 1877 x केश रीचद 19वीं " भक्तिमय , 1903 1902 26 x 12 x 10 x 33 15 x 15 x 11 x 20 21 x 12 x 13 x 25 21 x 11 x 18 x58 26 x 12 x 1 5 x 42 23 x 20 x 21 x 38 तात्विक विवेचन | प्रा. 85 गाथा 1573 (?) योग विषयक 19वीं प्रौपदेशिक ? 1544 तात्विक 22x20x21x38 1544 | 9425 x 11 x 9/13 x 400 1770 उदयपुर संग्रामसिंह राज्ये पितांबर श्रीचंद द्वारा 1774, हुगली 26x12x5x39 | 26x11x4x33 1888 For Private and Personal Use Only Page #135 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 118 ] भाग (2) जैन सिद्धान्त व आचार विभाग :-(अ) ___ 1 2 3 3A । 4 5 2 graui Tattvārtha Sūtra 2 copies garrafa 479- | के.नाथ 13/8, | तत्वार्थत्रसू 21/94 80 " +वृत्ति मूव , ___, , , +Vrtti +vrtti , सिद्धसेन , 9/18 ओसियां 2/241 , +, , 2/416 | तपकूलक ., 2/161 तेरहकाठिया 483 Tapa-kulaka 484 Teraba kāthiya रामचंद 485 | महावीर 2/383 | तेवीसपदवी-यंत्र Tevisapadavi Yantra ग तालिका 486 Varnana गद्य Vicāra 488 Sajjhāya केशव , 2/384 , -वर्णन | के.नाथ 5/8 , -विचार कुंथुनाथ 10/149 ,, -सज्झाय , 10/192 दया-स्वाध्याय के नाथ 5/11 दप्पंदलन कुंथुनाथ 29/4 | दर्शनमार्ग+वृत्ति 499 Dayā Svādhyāya लावण्यसमय 490 | Darppadalana सदासायर क्षेमेन्द्र कृति प. कुदकुदचार्य/- मू वृ. 491 Darsana Marga+vrtti 492 के नाथ 11/68दर्श (सम्यक्त्व) शुद्धि Darśana Suddhi चन्द्रप्रभ मू.प. महावीर 2/26 +वृत्ति +Vrtti । , मू.व. (प.ग.) विमलगणि देवभद्र +Vrtti के नाथ 13/14 , +, महावीर 21390 ,,+, के.-ाथ 22/46 | दर्शन (सम्यक्त्व) सत्तरी +Vrtti 496 Darśana Sattari हरिभद्र 497 , 15/76 कुथुनाथ 9/15 दर्शनसत्तरी+वृत्ति +Vrtti |, संघतिलक । मू वृ. (प.ग.) 499 के.नाथ 8/7 , +बा. कुंथुनाथ 2/34 दश-श्रावक व बंध-वर्णन +Bah. - रत्नचंद्र(शां-| मू.बा. (,) तिचद तपागच्छ का शिष्य | Dasa Sravaka+Bandha ग. Varnana Dasa Pantrisa प्रोसियां 2/413 दस-पांत्रिस 502 महावीर 2/13 दानप्रदीप Dāpapradipa चरित्ररत्न (सोमसुन्दर प. का शिष्य For Private and Personal Use Only Page #136 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जैन तात्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक : [ 119 6 10 11 7 सं. 8 | 8A 9 21,6 26 x 12 x 4/13 441संपूर्ण 10 अध्ययन तात्विक 19वीं दूसरी प्रति में उमा स्वाति पट्टावली 24x12x15x30 | अपूर्ण 19वीं 27x13 x 14 x 50 | त्रुटक 1969 बीच में कई पन्ने कम हैं प्रौपदेशिक 26x13x16x30 | 1953 अध्यात्म शत्रुवर्णन 25x12x11x35 | 1910 , 27x13x दो नकलें 20वीं चक्रवर्ती रत्न व महापदवी 27x12x14x43 20वीं 25x12x12x33 1872 25x11x14x42 21 गाथा 19वीं प्रोपदेशिक 26x11x10x40 , 14 ,, 19वीं 16x11x22x63 , 7 विचार ग्रं. 65 | 18वीं दार्शनिक 27x11 x 17 x 385 समय पूरे छठा अधूरा 16वीं 74 तक | 27x11 x 15 x 65 | संपूर्ण 4 तत्व (265 गाथा) 16वीं प्रा. 6 1 2 3 4 | 26 x 12x16 x 61 | संपूर्ण(देव,मार्ग,साधु जीव) 18वीं ग्रं. 4250 | 27 x 13 x 19 x 54 , ( , ) ग्रं.4000 1907 | 27 x 12 x 14 x 41 |,, ( , ) ग्रं.3800 1958 26 x 12 x 11 x 37 | संपूर्ण 70 गाथाएं । 16वीं विगतवार प्रशस्ति है 26x11x11x47 19वीं प्रा.सं. प्रा.मा. सैद्धान्तिक ऐतिहा- मा. सिक 10-10 के 35 बोलताविक प्रौपदेशिक 27x5x13x48 19वीं कथासह प्रशस्ति में 26x12x14x37 | अपूर्ण 29 गाथा तक 19वीं रत्नचद के 10 अन्य ग्रन्थ नाम 25x11x35x24 संपूर्ण 18वीं चेटक की 7 पुत्रियों का वर्णन भी 22x12x14x24 प्रतिपूर्ण 1970,फलोदी, गणेशलाल 27x 12 x 12x37 | संपूर्ण 12 प्रकाश ग्रं.6675 1958 जोधपुर| विगतवार प्रशस्ति __छैलाराम || For Private and Personal Use Only Page #137 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 503 120 ] 504 505 506 1 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 524 525 526 527 528 27 महावीर 2/4 दानप्रदीप वे नाथ 26/103 दानमाहात्म्य गुटका ओसियां 2 / 152 दानविधि के. नाथ 15 / 130 | दानशील गीत ओसियां 2 / 234 दानशील तप-भाव कुलक 91 2 ओसियां 2 / 211 कोलड़ी 826 31 मुनिसुव्रत 2/270 521 3 के नाथ 15/42. 18/18.24/72 2/226 कुंथुनाथ 37 / 1 महावीर 2 /120 दानशील- तप-भाव कुल + वृत्ति 2/123-25 "" के नाथ 14/61 19/60 5/94 " " सेवामंदिर 3 ई 344 कुंथुनाथ 4/104 ओसियां 3ई 211 11 "1 ओसियां 2 / 137 मुनिसुव्रत 3ई 244 | दानशील- तप-भावनाकुलक 3 ई 304 संवाद 3 33 दानशील तप-भाव कुल 21 " 11 मुनिसुव्रत 3ई 308 के. नाथ 18 / 78 दिशारणवाईना बोल "" "" 31 "1 "1 "" 21 11 39 " " www.kobatirth.org 3 प्रति Dānapradipa 3 A Dana Mahatmya Danavidhi Danasila Gita Danasila Tapa Bhāva भाग ( 2 ) जैन सिद्धान्त व प्रचार विभाग :- (अ) "" Danasila Tapa Bhāva 02 Danasila Tapa Bhāva Kula+Vrtti Kulaka For Private and Personal Use Only " Danasila Tapa Bhāvanā Kulaka Danasila Tapa Bhāvanā Samvada "" 32 Disaṇavainā Bola 33 Kula ,, 3 copies Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir चरित्ररत्न (सोमसुन्दर का शिष्य) गुणविनय अशोकमुनि " देवेन्द्र / देवविजय देवेन्द्र 37 "" 11 37 4 आनंदसार ( बुधकीत्ति का शिष्य) समयसुन्दर 31 17 " " 33 प. 12 "" ग. मू.ट. (प.) " 11 12 19 19 मू.वृ. ( प. 11 5 "" मू.ट. (प.ग. "1 मू. प. मू.ट. (प.ग प. 11 71 Page #138 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जैन तात्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक : [ 121 10 11 6 प्रौपदेशिक 78 8A 9 स. | 206 / 27x12 x 14x41 संपूर्ण 12 प्रकाश 1962 नागौर ,, उद्धरण | प्रा.सं. 1 25x12x20x56 | , 18 गाथा/श्लोक 18वीं प्रौपदेशिक प्रा. | 123* | 26 x 12 x 11x40 | 25 गाथा 16वीं 26x10x12x42 50 गाथा लगभग 19वीं प्रा.मा 26x11x7x47 , 49 गाथा 17वीं 26x12x7x47 18वीं 25x12x4x30 प्रा.सं. | 241 | 26x11x13x31 50 गाथा 1813 (अपर नाम पंचाशिका भी) , 40 गा.(20/20) 17वीं द्वितीय व तृतीय कथासह वक्षकार की . 40 गाथा की,, |19 - हर्षचंद प्रथम व चतुर्थ वक्षकारकी प्रशस्ति है ,81,,(20x4+ 18वीं 26 x 11x15x39 || प्रा.मा.-4 26x11x7x52 प्रा. 31x11x15x52 19वीं प्रा.मा. 43x11x9x76 26x11x15x50 " 4 कुल 1927 बीक नेर देवगुप्त क(22+4)| 19वीं x रत्नहर्ष 135 ग्रंथाग्र 1668 24x11x15x50 24x11x11x32 1671 25x11x15x42 107 गाथा 1712 24x11x15x38 , 135 ग्रंथाग्र 1834 23x11x13x40 1843 9,3,4 | 20 से 25x10 से 12 , 4 ढालें 19वीं 14 x 11 x 13 x 26 1854X गणेश कीर्ति 19वीं 25x12x14x45 | 25x11x15x39 , 104 गाथा 19वीं 24x11x11x45 , 135 ग्रंथान 20वीं दिशानुसार जीव दंडकाल्प बहुत्व | " 26x12x17x35 For Private and Personal Use Only Page #139 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 122 ] भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग :- (अ) 1 2 3 3A Deva Guru Dharma 529 | कोलड़ी 885 देव गुरु धर्म | के नाथ गुटका 6 | दोहा बहोत्तरी Dohã Bahottari जिनरंग 531 लावण्यविजय स्वोपज्ञ मू वृ महावीर 2/39 | द्रव्य सप्ततिका (सत्तरी) | Dravya Saptatika वृति (Sattariy+Vrtti के.नाथ 16/8 द्रव्य संग्रह वृत्तिसह | Dravya Sangraha With Vrtti कोलड़ी 1229 , +बा. +Bala. नेमिचंद्रसूरि/- , (प.ग.) मू.बा. (प.ग महावीर 2/49 मूट (प.ग. 535 प्रोसियां 2/222 536. +Bia नेमिचंद्र रामचंद्र 537 538 के.नाथ 3/30 " +-बाला. कोलड़ी 833 ., 832 +भाषान्तर ., 1095 | (लघ) द्रव्य-संग्रह कुंथुनाथ 36! | क्रम द्वात्रिंशभावना ,, +Bhāsāntara | नेमिचंदसूरि (Laghu) Dravya-sangraha मू ट. (प.ग.) 540 Dvātrisa Bhāvanā 541 | प्रोसियां 2/227 | धर्म ध्यान बोल बा. (पागमोक्त) बा. Dharma-dhyāna-bola + Bālā. | के.नाथ 23/58 धर्म ध्यान बोल 543 | कोलड़ी 977 धर्म-परीक्षा Dharma Pariksa अमितगति 544 महावीर 2/15 | कोलड़ी 967 जिनमंडन (सोमसुंदर , का शिष्य) मू.बा. | धर्मफल+बाला. Dharma-phala+Bala 546 प्रोसियां 4 988 धर्म-बावनी Dharma Bāvani धर्मसी मुनि 547 548 मू वृ. (प.ग.) daka 550 | के नाथ 29/51 , 3/7 धर्मरत्न करंडक Dharma Ratna Karan. वर्द्धमानसूरि महावीर 2/114 ., 2/115 | धर्मरत्न-प्रकरण Prakaraņa zifagft , 26 , शांतिसूरि/देवेन्द्रसूरि कुंथुनाथ 23/4 | धर्मरत्न-प्रकरण की दृत्ति Ki Vști | के.नाथ 15/237 धर्मामृते उक्तः सागार धर्म टीका Dharmāmrte Vktah Sāgaral पं. प्राशाधर Dharma Tika 551 पा 552 253 For Private and Personal Use Only Page #140 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra जैन तास्विक प्रोपदेशिक व दार्शनिक :-- " 3 तत्वों का विवेचन मा. तात्विक प्रोपदेशिक जैन तात्विक 71 " 11 31 " 11 11 श्रौपदेशिक जन ध्यान योग 6 श्रौपदेशिक " 17 " " कथासह "1 12 37 1: श्रावकाचार प्रा.सं. 11 जैन संद्धांतिक श्रोपदेशिक कथासह प्रा.सं. सामान्य श्लोक सं मा श्रीपदेशिक पद प्रा.मा. C प्रा.स. 7 प्रा मा. सं. प्रा.मा. मा. सं. मा. सं. " प्रा.सं. प्रा.सं. सं. = 3 4 23 61 16 7 9 34 15 7 8 12* गुटका 5 6 40 63 3 30* 3 158 237 34 183 8 189 8 A www.kobatirth.org 23 × 12 × 15 × 48 22 × 15 × 14 × 26 27 x 13 x 16 x 49 25 x 13 × 13 x 54 26 × 11 x 10 x 42 26 × 11 × 5 × 35 26x11 × 4 x 41 23 x 10 x 13 x 43 28 x 10 x 13 x 32 25 x 12 x 12 x 36 26 x 11 x 13 x 44 15 × 10 × 12 × 20 25 × 10 × 20 × 50 26 11 x 17 x 52 अपूर्ण संपूर्ण 67 दोहे "1 11 21 29 11 11 11 11 13 93 17 71 गाथाएं ग्रं. 2700 62 गाथा का 61 गाथा का 59 3 31 × 11 × 5 × 36 26 × 11 × 6 x 44 23 × 20 × 21 × 38 | संपूर 33 श्लोक 26 × 12 × 13 × 38 प्रतिपूर्ण 27 × 1 2 × 13 × 3 8 संपूर्ण 30 x 13 x 15 x 56 9 तीन अधिकार 25 8 "1 11 59 गाथा अधिकार For Private and Personal Use Only " 20 परिच्छेद 13 11 afagni संपूर्ण अपूर्ण 11 से 57 (अंत) तक .. 8700 27 x 13 x 15 x 44 संपूर्ण ग्रंथाग्र 10000 लगभग 26 × 12 × 15 × 5 1 |पूर्ण ( 17वें प्र तक ) 78 गाथा 68 काव्य कथा तक संपूर्ण 145 गाथा की, 28 × 13 × 15 × 60 ग्रं. 9682 टक स्फुट पन्ने (12 27 × 11 × 17 x 75 व्रतवाले) 27 × 12 × 11 × 31 | अपूर्ण चौथे अध्याय से Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 10 20वीं 1738 1954 1672 1726 18वीं 18वीं X क्ष ेममूर्ति 1877 19वीं जैसलमेर उम्मेदविज * 19वीं 19वीं 1544 [ 123 11 विद्याविजय द्वारा संशोधित 18at 19at 16at 1899 उदयपुर उदयचद 20वीं 18वीं 19वीं 18at 19वीं 1643x ज्ञानसुंदर 1954, नागौर बृहत् वृति है । प्रशस्ति हेमकलश वाचक देवकृष्ण द्वारा सशोषित 17वीं 19वीं मूल ग्रंथाग्र 335 की स्वोपज्ञ ? लघवृत्ति है। Page #141 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 124 ] 1 554 555 556 557 558 559 560 561 562 563 564 565 566 567 568 569 570 571 572 53 574 575 576 577 578 19 सियां 2 /133 धर्मोपदेश-बिन्दु महावीर 2/30 मुनिसुव्रत 2/275 ध्यान बत्तीसी कोलड़ी गु. 10/5 कुंथुनाथ 36/2 महावीर 2 / 389 ध्यानस्वरूप के. नाथ 29/14 ध्यानावली 2 11 31 ध्यानपत्र 31 "" 26/89गु. मुनिसुव्रत 3 इ323 | नरक - चउढालिया के नाथ 1/1 ध्यानसार 20 / 31 नमि विदेह सज्झाय महावीर 2/33 नरक चित्र व दोहे Ph. 15/228 कविचार ओसियां 2/206 के. नाथ 21 / 93 कुनाथ 3/60 सेवामंदिर 2/340 2/337 2/338 नवतत्व बाला. नवतत्व " " " 15/30/नवतत्व महावीर 2/76 ओसियां 2 / 203 मुनिसुव्रत 2 / 258 | नवतत्व . नाथ 15/86 मुनिसुव्रत 2 / 253 " 3 " "" + " " " + + वृत्ति + बाला. + बालावबोध + वृत्ति www.kobatirth.org + वृत्ति Dharmopadeśa Bindu Dhyanapatra Dhyana Battisi Dhyana Sāra Dhyana Svarupa Dhyānāvai Nami Videha Sajjhaya Naraka Caudhaliya Narka Citra va dohe Naraka vicara 11 15 3 A Navatattva + Bāla. 33 35 27 " 99 भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्रचार विभाग :- (अ) + Vrtti+ Bālā, + Bālāvabodha + Vrtti L." + +Vrtti For Private and Personal Use Only Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संकलन बनारसीदास यशकीर्ति भावविजय (विमलका शिष्य ) आसक " गुणसागर 4 - / जयशेखर हर्षवर्द्धन गरि - / रत्नसूरि T T - देवेन्द्रसूरि पद्य गद्य पद्य "1 प. " 17 ग. मू. बा. 11 5 मू. प. मूट. (प.ग.) मू वृ. बा मू बा. मू प. मू.वृ. (प.ग.) 11 मूट. ( प.ग.) मू. (पद्य) मू.वृ. (प.ग.) Page #142 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra जैन तात्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक : धार्मिक सुभाषित सं.मा. संग्रह जैन ध्यान योग "1 "1 - " 11 तात्विक दार्शनिक चर्चा श्रौपदेशिक 11 तात्विक धार्मिक तात्विक " " 11 91 11 11 11 6 "" " 11 " "1 मा. " सं हिदी 2 मा. 93 11 " 17 "" " 7 प्रा मा. " प्रा. प्रा.मा. "1 प्रा.स. मा प्रा.मा. प्रा. प्रा स. 22 प्रा.मा प्रा. प्रा.स. 55 12 गुटका 1 13 4 1 16* 21 3 10 63 8 29 4 5 4 14 2 23 6 10 7 2 8 www.kobatirth.org 8A 27 × 14 × 11 × 34 | प्रपूर्ण 28 x 14 x 7 x 17 संपूर्ण 25 x 11 x 12 x 31 19 x 13 x 13 x 23 26 × 11 x 1 4x44 26 x 12 x 5 x 30 25 × 20 × 15 × 28 संपूर्ण 162 श्लोक 26 × 12 x 10 x 38 26 x 13 × 11 x 36 25 × 12 × 15 × 39 संपूर्ण 7 ढालें 22 × 16 × 17 x 25 25 × 11 × 17 x 55 27 × 11 × 48 x 30 25 x 11 x 18 x 47 25 × 11 × 6 × 38 26 x 11 x 15 x 40 28x12 x 11 x 40 25 x 10 x 13 x 48 25 × 10 × 14 × 37 संपूर्ण 25 x 11 × 16 × 47 26 × 11 × 16 × 52 26 × 11 × 23 × 52 26x11 x 4 × 33 11 25 x 11 x 11 x 41 "1 26 x 11 x 17 x 44 सं. 163 गा. (10 ढालें) ग्रं. 265 अंतिम पन्ना मात्र (गा. 64 से 72) ========== ེརྨ 34 छंद 11 "1 "? 4 27 80 दोहे 46 30 गाथा 43 9 46 31 29 54 11 47 11 For Private and Personal Use Only 11 11 " संपूर्ण 31 गा. ग्रंथाग्र 600 संपूर्ण 26 गाथा 41 गाथा 17 " 17 11 71 27गा. / ग्रंथा 477 Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 10 20वीं 1924 X विनयचंद्र 17at 1884 1794 1912 x रविसागर 20वीं 19वीं 19वीं 19वीं 19वीं 19वीं 1469 ? 1480 16वीं 16at 16वीं 1641 1648 1692 1699 x ज्ञानविजय 1706 1710 जोधपुर रत्नसुन्दर 1713 1721 पीपाड़. भोजराज जीर्ण [ 125 11 1696 की कृति 21 चित्र हैं । Page #143 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 126 भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग :-(अ) 3A Navatattva 579 मू. (प.) 580 |जयशेखर मू.ट. (प.ग.) | के.नाथ 14/105 | नवतत्व कुंथुनाथ 15/9 581 | के नाथ 11/16 582 , 11/58 583 मुनिसुव्रत 2/259 सेवामंदिर 2/339 , 585 | प्रोसियां 2/199 , मू. (प) +Vrtti + मू.व. (प.ग.) + , + | रत्नसूरि 586 सेवामंदिर 2/373| नवतत्व + Vļtti कोलड़ी 67 , + वृत्ति | सेवामंदिर 2/423 नवतत्व 588 मू ट. (प.ग.) मू.वृ. (प.ग.) मू ट. (प ग. मू बा. (प.ग मू.ट. (प.ग.) 589 | कोलडी 77 , +बाला. ,, +Bals. 590 के नाथ 20/18 | नवतत्व 591 प्रोसियां 2/202 | कोलड़ी 79 592 5 प्रतियां ,, 5 copies 593-7 के.नाथ 6/87,14/ नवतत्व 40,15/34,15/1 235,14/54 598. | प्रोसियां 2/200 196-97 3 प्रतियां , 3 copies 600 3 . 1, 3 copies 601-3 | कोलड़ी 75,76, 915 महावीर 2/107 605 कुन्थुनाथ 15/19/ , | देवेन्द्र 2/344 नवतत्व Navatattva 607 , 2/341 मू ट. (प.ग.) , 3 प्रतियां , 3 copies 608- कोलडी 821, 10 | 1118,118491 611- | के.नाथ 21/35, I 12 10/891 , 2 प्रतियां , 2 copies For Private and Personal Use Only Page #144 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जैन तात्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक : [ 127 6 7 8 8A 23x12x11x37 | संपूर्मा 44 गाथा 1748 26x10x14x40 1753 25x11x3x37 1756 25x11x5x34 1760 24x11-12x33 1785 25 x 12 x 17x50 18वीं 26x12x17x43 18वीं 26x12x5x26 18वीं 29x 11x5x5) 1800 26x11x6x36 1811 25x12x4 x 40 , 50 गाथा 1817 24x12x13x36 1819 25x10x3x30 1823,रावला नगर विनयसुंदर 1832 25x11x3x34 2 3,2 | 21027 x 10से 13 ___3,4 पूर्ण, अंतिम | 19/20वीं अपूर्ण 2,10, 922 मे 26x11से 12 संपूर्ण 48,48,50 गाथा 19वीं 3,7, 3 25x10से 11xभिन्न2/ ., 53,52,48, , 19/20वीं 23x12x9x19 1901 5 24x10x8x34 1955 जैन तात्विक 25x12x12x40 19वीं आ.मा 25 x 11x3 x 32 1856 x हंस- प्रतिम पत्रा कम कृशलगणि 49,49,41 गाथा। 19वीं | 10,5,6/21से 25x11xभिन्न2 , 7.19 | 26x11 27x12 , 49,78 गाथा 19वीं दूसरी प्रति का अतिम पन्ना कम For Private and Personal Use Only Page #145 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 128 ] भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग:-- (अ) 3 3A 4 5 613- प्रोसियां 2/201, नवतत्त्व 2 प्रतियें Navatattva 2 copise मू.ट. (प.ग. 198 मणिरत्नसूरि ? महावीर 2/108 के.नाथ 23/10 मू वृ. (प.ग + + +Vitti 617 , 11/25 + + 618 , 11/21 + + 619 15/43 + + 620 + + 621 +Bils. मू ब. (प.ग.) + + + 623 + + , अज्ञात + +Vriti कुंथुनाथ 32/3 के.नाथ 20/17 +बाला. कोलड़ी 78 कुंथुनाथ 2/18 ,, , औसियां 2/204 नवतत्त्व की वृत्ति के नाथ 18/92 कोलड़ी 73 नवतत्त्व का बालावबोध महावीर 2/71 सेवामंदिर 2/343 | कोलड़ी 1110 | के नाथ 13/13 Navatattva Balavabodha | पदमचंद सौभाग्चंद । । । । 631- | कोलडी 80-81 | नवतत्व का टब्बा 2 प्रतियां Navatattva ka Tabba 32 2 copies 633 | के.नाथ 5/133 | नवतत्त्व के बोल Navatattva ke Bola । । 634 कोलड़ी 1131 635 | महावीर 2/98 , , । | ग. तालिका 636- | कोलड़ी गु 10/4, नवतत्त्व स्तवन 2 प्रतियां | Navatattva Stavana 2 copies ज्ञानसार (रत्नराज का शिष्य 37 26 638 प्रोसियां 2/300 For Private and Personal Use Only Page #146 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जैन तात्त्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक : [ 129 11 | 788 A 9 - 10 25 - 11/12 x भिन्न2 | पहिली पूर्ण 48 द्वितीय | 19वीं(विक्रमपुर अपूर्ण 42 | आनंदसुंदर) जैन तात्त्विक 27x12x4x32 संपूरग 53 गाथा 1902खेरनगर अतिम गाथा भी मणिरत्न ने बनाई है 27 x 12 x 14x39 1877 25x12x4x35 | ,, 44गा. ग्रंथान 959 1855 25x11x17x52 ,, 22 गा. ,, 386 19वीं प्रथम पन्ना कम 26x12x11x33 19वीं 26x12x13x50 19वीं 26x12x16x44 1862 25x10x4x25 19वीं 27x12x17x48 19वीं 26x12x14x54 19वीं 23x20 x 21 x 38 | अपूर्ण 19वीं 26x13x17x55 संपूर्ण 1881 29 x 12 x 12 x 58 , 2900+250ग्रंथाग्र 1961 जयनेर, देवकृष्ण 1937 नागपुर | 21x12x12x29 19वीं 25 x 10 x 21 x 80 त्रुटक | 26 x 11x15x47 | संपूर्ण 44, गाथा 20वीं | 20 x 13418 x 10 | संपूर्ण 19वीं 26x11x15x40 1850 भिन्न2 तेरह द्वार से 25x11x16x36 | अपूर्ण 19वीं उत्तर प्रकृति 276 भेद से 21x11x संपूर्ण 20वीं , 33 गाथा गुटका | 15x12x9/11x 14/20 19वीं,1907 24x10x11x29 20वीं For Private and Personal Use Only Page #147 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 130 ] भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग :- (प्र) 3A 39 | कोलड़ी 90 नवतत्व-+-चौवीस दंडक +बाला Navatattva-Cauvisadandal x/गजसार ka+Bala | मू बा. , 65 नवतत्त्व-+चौवीस दंडक मूट. (प.ग.) मू प. 641 के.नाथ 6/51 , कुंथुनाथ 20/16 के.नाथ 18/22 | +, स्तवन | ., +Stavana ज्ञानसार मुनिसुव्रत 2/262| नवतत्त्व, चौवीसदंडक | Nattva+Cauvisa जीवविचार Dandaka-Jivavicara गजसार x शांतिसूरि | मू. (प ) , 2/322 कोलड़ी 63 सेवामंदिर 2/342 कोलड़ी 70 सेवामंदिर 2/346 मूट (प ग.) कोलड़ी 64 के नाथ 21/43 कोलडी 62 " का बाला. Bālāvabodha Navatattva+Jivavicrāa 654 +Bala. ४ शांतिसूरि | मू ट. (प.ग.) x ./ मतिचंद | मू. बा. (प ग) x शांतिसूरि मू ट (प.ग.) 655 656 657 658 60 के.नाथ 11/33 | नवतत्त्व + जीवविचार ओसियां 2/205 +बा. , 2/248 | नः तत्व+जीव विचार मुनिसुव्रत 2/327 सेवामंदिर 2/355 , " कंथुनाथ 20/14, 3 प्रतिया 14/15,29/8 ,,3 copies मू (प.) 661 कोलड़ी ।।19 662 सेवामदिर 2/422) मू.ट. (प.ग) 663 दृत्ति | Navapada Prakarana के नाथ 10/20+ नवपदप्रकरण 16/15 Prakaraya | देवगुप्तसूरि देवगुप्तसूरि मू.वृ. (प.ग.) For Private and Personal Use Only Page #148 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org जैन तात्त्विक प्रोपदेशिक व दार्शनिक : [ 131 6 7 10 11 8 8A 146 | 23x11 x 11 x 45 | संपूर्ण 52,39 गाथा जन तात्त्विक 1883 27x12x7x52 , 48,46, 19वीं 26 x 12 x 4 x 35 | संपूर्ण 19वीं 26 x 11x16 x54 | ,, 49,38 19वीं 26 x 12 x 17x51 ,, दो (294-25 गा.) 1880 23x11x11x32 संपूर्ण 277 गाथा 18वीं साथ में अन्य सूत्र भी हैं 26 x 11 x 13x37 1845 सोजत 26x12x12x37 25x11x 8 x 26 ,, (49,40,51 गा.) 1867 , 141 गाथा 1876 जैसलमेर भीखा 1884 26x11x6x40 26 x 12x5 x 39 , 140 गाथा 1994,राजिया पुण्यविलास 19वों 23x 11x13x35 21x11x7x15 19वीं 27x11x13x40 1880 25x10x5x34 17वीं 25x10x17x52 1763 जैसलमेर मारणक्य मूत्ति 1766 15x22x6x16 26x11x8x47 18वीं 26x12x4x32 1825,गुढा, अनोपकीर्ति 19वीं 4.11,425से 26x10से 11 दो पूर्ण 100 गा. तीसरी त्रुटक बीच वाली के साथ गौतम पृच्छा है 6 25x11x14 x 40 | संपूर्ण 96 गाथा 19वीं | 11 25x11x5x38 लगभग पूर्ण 19वीं प्रा सं. 94 26x11x15x54 अपूर्ण पन्ने 6-69,77 | 17वीं से 106 आदि अंत रहित बीच के पन्ने For Private and Personal Use Only Page #149 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 132] भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग :-(अ) 3A 5 664 Nirvāņa Kāṇda मू. (प.) कुंथुनाथ 361 निर्वाण काण्ड क्रम 35 महावीर 2/93 | पच्चीस क्रिया 665 Paccisa Kriya ग. तालिका Padmāvati Aradhana समयसुंदर 666 के.नाथ 18/73 पद्मावती आराधना , 15/43 । (पद्मावती) आलोचना सज्झाय 668 कोलड़ी 289 पद्मावती पालोचना (..) Alocanā Sajjhāya 669 कुंथुनाथ 13/38 | ., आलोचना जीव राशि ,, Jivarati,, सज्झाय के.नाथ 23/51 परमात्माप्रकाश+त्ति । Parmātmā prakāsa 670 योगी इन्द्रदेव/ ? Dhala Bhāsā धर्ममदिर 671 29/28 | परमात्माप्रकाश ढाल भाषा बंध 672 | प्रोसियां 3ई 263| परमानंद ग्तोत्र Parmananda Stotra मू ट. (प.ग. 673 कोलड़ी गुटका 9/9/ पचइद्रिय-संधि Panca Indriya Sandbi धर्मरत्न (कल्याण धीर का शिष्य देवचदजी 674 कुंथुनाथ 36/2 पंच भावना panca Bhavana 675 | के.नाथ 6/119 पंचमहावत-सज्झाय Panca Malāvrata Sajjhāya Pancalingi Prakarana 576 प्रोसियां 2/152 पंचलिंगी-प्रकरण सुमतिहंस जिनेश्वसूरि हरिभद्र (स्वोपज्ञ) महावीर 2/104 पंचवस्तुक + वृत्ति Panca vastuka + Vrtti मू.व. (प.ग.) 678 कुंथुनाथ 8/112 पंचविंशति । Panca Vṁsati पद्मनंदि मू. (प) मू.व. (प ग.) 679 | महावीर 2/64 पचमं ग्रह -- वृत्ति Panca Sangraba+Vịtti चंदपि मलयगिरी 680 के नाथ 22/45 | पंचत्र Panca Sūtra हरिभद ? (स्वोपज्ञ) मू (प) मू.. महावीर 2/41- ,--वृत्ति 2 प्रतियां | ., ,+Vrtti 2 copies 48 , 3 आ 32 पंचाचार विचार ढाल Pancācāra vicāra Dhāla 683 ज्ञानविमल | के नाथ 9/6 पंचाशक + वृत्ति Pan.asaka-Vruti हरिभद्र अभयदेव । मू वृ. (प.ग.) , ,, 15/6 पंचाशक हरिभद्र ,-Vrtti हरिभद्र अभय देव | मू.वृ. (प ग.) 686 | महावीर 2/38- पनाशक +वत्ति 105 687 | के नाथ 13/35पचास्तिकाय-भाषा Pancāstikāya Bhāṣā टो.प हीरानंद पद्य 688 | सेवामंदिर 2/424 पांच दकार श्रावककतव्य Pancadakāra Śāvaka Kirtlavya For Private and Personal Use Only Page #150 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जैन तात्त्विक प्रौपदे शक व दार्शनिक : .. [ 133 10 11 6 तात्त्विक 7 प्रा 8 8 A 9 । गुटका | 23 x 20 x 21x38 | संपूर्ण 27 गाथा 1544 तात्त्विकतालिका | मा. 25x12x प्रतिपूर्ण 25 क्रिया 20वीं 18वीं मारणांतिक अतिसार अालोचना 27x13 x 8 x 24 | संपूर्ण 41 गाथा 25 x 13 x 13 x 35 17x21x15x44 |, 42 , 19वीं 19वीं 26x12x5x32 , 33 1949 तात्त्विक मूल का पद्य सारांश अात्मविषयक 27x12x9x27 संपूर्ण 2 अधिकार,345 1767 श्लोक 25x11 x 13x46 संपूर्ण 2 खंड-32 ढाल | 1819 ग्र. 1125 25x11x5x37 र्ग 25 श्लोक 19वीं म.मा. 3 प्रौपदेशिक गुटका | 16x13x13x18 , 108 गाथा 17वीं 25x20x15x28 , 67 ढालें । 1794 प्राचार विषयक 26x11x15x36 ,, 5 सज्झायें 1788 जैन साधु प्रकार | प्रा. 26 x 12 x 11 x 40 , 102 गाथा 16वीं जैनदार्शनिक प्रा.स. | 19128x13x15x40 | संपूर्ण 1714 गा वत्ति ग्रं 19वीं वृत्ति शिष्य 7275 हितानाम्नी भति, तत्त्व, उपदेश में 7 4 29x14x13x48 , 25+1 ग्रंथाग्र 17वीं 1743 प्रा.सं | 32331x12x14x54 16वीं-1-1956 | 232 पन्ने 1956 पाटण,परसा- में लिखे गये हैं। दीराम प्राचार , प्रा. 27x14x12x51 .. पां. सूत्र 19वीं , ,, प्रा.सं. | 39,39/27x11x10x42 प्रा.सं ,, ग्रंथान 880 20वीं साधु आचार मा. 5 27x21x12x38 | संपूर 46 पद 19वीं जैन सैद्धांतिक विधियां प्रा.स. 26x11x19x43 अपूर्ण तीसरे से 19 अंत 17वीं तक 26x11x15x50 तपोविधि प्रकरण तक 19वीं ग्रथाग्र 1100 x14x48 संपूर्ण 19 पंचाशक की 19वीं ग्रंथान 9750 26x12x16x42 संपूर्ण 1093 छंद 1769 सैद्धांतिक ताविक | हिन्दी (मूल कृति कुंदकुंदा चार्य की) प्रौपदेशिक 20x10x15x39 18वीं For Private and Personal Use Only Page #151 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 134 ] भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग :- (अ) __1 5 3A | 500 Tresastha Jiva Bheda| 689 2 3 के.नाथ 14/126 | पांच सौ षष्ठ जीवभेद | कोलड़ी 827 पुण्यकुलक ओसियां 2/416 690 Punya kulaka मू ट. (प.ग.) मू. (प.) 691 692 Punya Chattisi 2 copies | समयसुन्दर के.नाथ 14/111, पुण्य छत्तीसी 2 प्रतियां 26/103गु. 3 694 Punya Papa Kulaka मू. (प) 695 ,, 26/103गु. | पुण्य-पाप कुलक ओसियां 2/416 , 2/159 पुण्यप्रकरण के.नाथ 10/40 पुण्यप्रकाश-स्तवन 696 Panya Prakaraņa अज्ञात 697 Punya Prakasa Stavana | विनयविजय 698 , 29/13 पुण्यफल-कुलक Punyaphala Kulaka जिनकीत्ति 699 कुंथुनाथ 44/ पुद्गल परावर्ती विचार | Pudgalaparivartti vicāra | हेमशीश 700 | के.नाथ 19/49 ! पुद्गल षट्त्रिंशिका निगोद , sattrimsika+Nigoda | अभयदेव/रत्नसूरि विचार +वृत्ति Vicāra+Vitti । म ब. 701 कुथुनाथ 52/23 | पुष्पमाला Puspamaa म. हेमचन्द्र (अभयदेव | मू (प.) शिष्य) 702 के.नाथ 13/40 703 + वृत्ति , +vrtti म. हेमचंद/ मू.व. (प.ग.) . पुष्पमाला 704 मू (प.) 705 706 _ + वृत्ति +Vrtti मू वृ. (प ग) .., साधु सोमगणि (जिनभद्र का शिष्य) म. हेमचंद्र 707 पुष्पमाला 708 +बाला. +Bali. मू बा. (प.ग.) मू (प.) 709 म. हेमचंद्र 710 Puspamala Ki Avacuri अज्ञात , 15/9 | पुष्पमाला मुनिसुव्रत 2/294/ पुष्पमाला की प्रवचूरि , 2/295 | पुष्पमाला की वृत्ति कुथनाथ 10/133/ पेढिया 711 " +Vrtti साधु सोमगणि Pedhiya For Private and Personal Use Only Page #152 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra जैन तात्विक प्रोपदेशिक व दार्शनिक : "" संद्धांतिक तात्विक मा. श्रीपदेशिक दार्शनिक, उपदेश उपदेश तात्त्विक 6 श्रौपदेशिक 17 〃 31 " 33 सैद्धांतिक 17 प्रा.मा. प्रा. मा. 7 प्रा. " मा. "" प्रा. अ. प्रा.सं. प्रा. 11 प्रा.सं. प्रा. 11 प्रा. सं प्रा. प्रामा. प्रा. सं. 17 प्रा. 3 2 13* 3,1 1 13* 2 8 6 1 गुटका 7 18 23 141 34 9 15 147 13 141 18 6 108 27* 8 A www.kobatirth.org 26 × 11 × 17 x 51 31 x 12 x 6 x 45 26 x 13 x 16 x 30 26 x 11 व 25 x 12 25 x 12 x 20 x 56 26 x 13 x 16 x 30 25 × 11 × 14 x 42 26 x 13 x 13 x 30 25 x 11 x 11 x 36 15 x 12 x 17 x 24 26 × 11 × 25 x 55 26 × 11 × 12 x 40 26 x 12 x 19 x 64 26 × 11 x 18 x 64 26 x 11 x 19 x 60 25 x 11 x 11 × 39 26 × 1 1 × 13 × 48 26x11x15 x 48 29 × 11 × 13 × 43 25 × 11 × 15 x 35 27 × 11 × 17 x 68 26×11 ×14 x 54 27 x 11 x 13 x 38 संपूर्ण ور "1 " 27 ::::: " 11 " "1 " " ני 19 गाथा 17 36 गाथा 9 16 गाया 95 गाया 16 संपूर्ण 36 + 36 गाथा ग्रंथाग्र 600 62 " 19 496 गाथा 505 " 500 गा. ( बीस 505 गाथा अपूर्ण 314 गाथा संपूर्ण 503 गा. 20 अधिकार 505 पहिला पन्ना 35 गा कम अपूर्ण 364 गाथा तक संपूर्ण 505 गाथा For Private and Personal Use Only अधिकार) 503 गाथा की किंचित् पूर्ण प्रथम 5 पन्ने कम पूर्ण 19 से 82 (त) गाथा Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 10 1836 194 1953 18at 18वीं 1953 20वीं 19वीं 17वीं 17वीं 18वीं 1993 16at 17वीं 17वीं 17वीं 18at 18वीं [135 11 भगवतीसूत्र 11/ 10 19 T 19वीं 16at 1684 प्रागरा, प्रशस्ति है । जहागीर राज्ये 16वीं Page #153 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 136 ] 1 713 714 715 716 717 718 719 720 721 722 723 724 725 726 727 728 729 730 731 732 733 734 735 736 के. नाथ 18/21 महावीर 2/32 कुंथुनाथ 37/2 42/18 कोलड़ी 882 11 2 33 कुंथुनाथ 10 181 प्रत्याख्यान चतुस्सप्ततिका के. नाय 6/109 प्रवचनसार + वृत्ति 23/50 प्रवचनसार की वृत्ति 9/4 प्रवचन - सारोद्वार 23/44 मुनिसुव्रत 2/250 के नाथ 14 / 136 31 "} पैंतीस बोल का थोकड़ा पौषधकुलकादि पौषध- प्रत्याख्यानफल प्रतिबोध - गाथा प्रत्याख्यान - कुलक कुन्थुनाथ 53/2 श्रीसियां 2/296 के. नाथ 15/18 10/5 + वृत्ति 13/42 प्रवचन सारोद्वार विषम पदार्थ अवबोध कोलडी 387 17 "3 महावीर 2/392-3 " 15 / 157 प्रव्रज्या कुलक "" 3 "1 महावीर 2 / 17 के नाथ 6/122 कोलड़ी गु. 10 / 5 | प्रास्ताविक श्लोक संग्रह कुंथुनाथ 10 / 158 प्रव्रज्याविधान कुलक 27 "1 " दो प्रतियां www.kobatirth.org 3 A Paintisa Bolaka Thokaḍā Pausadha Kulakādi Pauṣadha Pratyakhyāna Phala Pratibodha Gāthā Pratyakhyāna Kulaka Pratyakhyana Catu Pravacana Sara+Vṛtti 33 Pravacana Saroddhāra 23 भाग ( 2 ) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग:-- (अ) 33 22 ssaptatikā 99 Pravrajya Kulaka Visama Padartha Avabodha Vidbana Kulaka For Private and Personal Use Only Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ,, 2 Copies देवेन्द्रसूरि चैनजी (पार्श्व चंद का शिष्य) कुन्दकुन्दाचार्य नेमिचंद्रसूरि 33 11 " 11 11 Prāstāvika Sloka Sangraha संकलन 4 नेमिचंद्र / - उदयप्रभसूरि "2 : गद्य तालिका मू. ट. मू. ट. (प.ग.) मू. ( प ) प. मूवृ. ग. मू. (प.) मूट (प.ग.) 5 मू. (प.) मू.वृ. (प.ग ) ग. मू. ( प. ) प. प. प. Page #154 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जन तात्त्विक औपदेशिक व दार्शनिक : [ 137 6 7 8 11 6 सैद्धान्तिक संख्या - मा. परक सार प्रौपदेशिकादि | प्रा.मा. 8A ____ 10 25 x 12 x 9 x 27 | संपूर्ण 19वीं 25 x 11x9x43 त्रुटक 18वीं 25 x 12x4x30 | संपूर्ण 12 +7 = 19 गा. 19वीं 27 x 10x13 x 40 अपूर्ण 26 गा. ही 19वीं सामान्य प्रकरण सम्यक्त्वादि प्रा. 26x11x18x507+15 %3D22 गाथा | 1573? (चत्तारि अटू दसदो स्तवन साथ में) प्रत्य ख्यान स्वरूपादि| मा. . प्रौपदेशिक सिद्धांत | प्रा.मा. 25 x 11 x 14 x 45 | संपूर्ण 74 गाथा 17वीं 25 x 11 x 15 x 44 अपूर्ण; 27वीं गाथा तक ही 19वीं 26 x 12 x 11x37 | संपूर्ण 311 गाथा की 1546 26 x 11 x 11x45 | ,1616 गा.(ग्रं.2050) 1555 शास्त्र-सारांश 26 x 11 x 13x44 , 1542 गा. 16वीं 26 x 1112 x 41 , 1614 गा. 1640 26 x 11x7x38 ,,1580 गा.(ग्रं.5000) 1693 128 | 27x11x6x44 ,.1613 गा.(I.8000)| 1710 26 x 12x6x36 ,,1631 गा (ग्रं 6800 18वीं 25x10x11x35| ,,1618 गा.(ग्रं.2100) 19वीं 27 x 12 x 16 x 30 अपूर्ण, 271 गा. तक | 19वीं 26 x 11 x 19 x 68 | संपूर्ण ग्रं. 3203 1515 29 x 11 x17x50 17वीं 13 से 47 बीच के कठिन शब्दार्थ सं. प्रौपदेशिक 24x12x12x42 19वीं दीक्षा सिद्धान्त 24x10x13x42 , 34 गाथा 1758 बिलाड़ा 26x11x13x40 19वीं साथ में आवश्यक गाथायें प्रौपदेशिक सुभाषित 1884 19 x 13 x 13 x 23 | प्रतिपूर्ण 18x11 x 14 x 32 , 13 श्लोक 192 प्रा.सं.मा | 2,3 | 26 x 13 x 13 x 40 | अपूर्ण कुल 116 श्लोक | 20वीं For Private and Personal Use Only Page #155 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 138] 741 1 3 A 738-9 के नाथ 14/51, प्रस्ताविक श्लोक संग्रह दो प्रति Prastāvika Sloka Sangraha संकलन 6/59 740 11/35 अर्थ सह कोलड़ी गु. 4 / 12 प्रश्नोत्तर - रत्नमाला सेवामंदिर 2/365 कुंथुनाथ 18 / 8 . नाथ 6/68 742 743 744 745 746 747 748 749 750 751 752 753 754 755 758 सेवामंदिर गुटका 8 दे के नाथ 14 / 100 महावीर 2 / 288 मुनिसुव्रत 2 / 273 756-7 के नाथ 15/61 19/73 कोलड़ी 1235 759 761 760 763 762 19 13 "1 2 " " कुंथुनाथ 10/130 . नाथ 15/155 कोली के. नाथ 19/47 बनारसी- विलास 23/64 18/52 20 / 4 प्रश्नोत्तर - रत्नमाला " 11 "1 31 बारह भावना "1 33 802 प्रश्नोत्तर रत्नमाला का विवरण " के नाथ 15 / 28 बारह भावना-गीत सियां 2 / 243 बारहव्रत- चीपई के नाथ 23 /55 बारहव्रत- सज्झाय 17/3 9/33 764 host गुटका 2/6 बालचंद -बत्तीसी "1 3 "" 97 "" वृत्ति www.kobatirth.org दो प्रतियां Praśnottara Ratnamālā 33 39 33 39 33 Banarasi Vilasa 33 23 Baraha Bhāvanā 22 Gita भाग (2) जन सिद्धान्त व प्राचार विभाग- ( श्र) Baraha Vrata Caupai Baraha Vrata Sajjhaya Balacanda Battisi Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir For Private and Personal Use Only " kā Vivarana / देवेन्द्रसूरि बनारसीदास विमलसूरि " 11 विमलसूरि / देवेन्द्र विमलसूरि "1 अज्ञात जयसोम गरिए "1 अज्ञात "1 4 17 17 पदमराज लक्ष्मीरुचिसार उद्योतसागर गरिए वाचक दयासागर बालचंद प. प.ग. प. पद्य मू. ट. ( प.ग.) मू + वृ . ( प. ग मू. + ट . ( प. ग. मू. ( प ) मूट (प.ग.) ग. कथासह प.ग. मू. ( प ) प. 11 11 5 " 71 Page #156 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra जैन तात्त्विक, प्रौपदेशिक व दार्शनिक : प्रोपदेशिक सुभाषित सं. तारिवक प्रोपदेशिकादि प्रश्नो त्तर विविध 22 "3 29 11 33 6 }} वैराग्य-चितन 12 21 == 11 11 11 " 31 "" श्रावकाचार श्रौपदेशिक 53 · 7 सं.मा. सं. सं.मा. सं. सं.मा. सं. हि. "" प्रा. मा. = 19,8 10 गुटका 2 3 31 m 3 8 1 2 121 63 11 3 10 3 8* 4 4 2 46* 8* 37 5 8 A www.kobatirth.org 415 x 7 x 10 x 23 गुटका 26 × 11 x 12 x 26 4,11* 25×11×12 / 13 x 38 25 × 11 × 13 × 50 26 × 11 × 13 × 41 25 x 12 x 11 x 34 26 x 10 x 13 × 41 31 × 16 × 11 × 37 26 × 12 × 15 × 45 15 × 12 × 11 x 20 18 x 826 x 11 25 × 10 × 20 × 46 प्रतिपूर्ण अपूर्ण 26 × 11 × 19 × 62 संपूर्ण 29 श्लोक 27 × 11 × 6 x 42 25 × 11 × 18 x 56 26 x 11 x 15 x 40 25 x 12 x 15 x 40 26 x 11 x 7 x 40 28 x 11 x 17 x 68 25 × 1 2 × 15 × 53 25 × 11 × 16 × 41 27 x 12 x 17 x 59 11×9 ×11 x 16 26 x 11 x 14 x 44 23 x 1 1 × 12 x 31 संपूर्ण (द्वितीय में 196 श्लोक ) 18 / 19वीं 19वीं 19 29 " ::: 21 " संपूर्ण श्रपूर्ण == 11 31 "" " "" " 31 9 संपूर्ण 72 गा. 29 श्लोक 27 72 29 " 23 " 19वीं 19वीं 19at 64 प्रश्न 83 उत्तर 1492 ग्रं. 7560 74 गा. 72 गा. For Private and Personal Use Only Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 32 TT. प्रपूर्ण पांचवें व्रत तक संपूर्ण 153 गा. 29 सर्वये 10 1499 16at 67 गा. 72/73 गा. अपूर्ण 11वीं भावना तक 19वीं | संपूर्ण 12 गाथा 19वीं 12 ढालें 19वीं 19वीं 19वीं 19वीं 1903 16at 1702 1826 19वीं 19वीं 1676 1698 18वीं 18वीं 19/20af [139 11 पद्य का अर्थ संस्कृत गद्य में जीर्ण अंत में शत्रुंजय स्तवन संस्कृत 10 श्लोक वृत्ति कल्पलतिका नाम्नी / प्रशस्ति हैं। कवि की 31 अन्य लघु स्थायें "1 साथ में दानशीलत तप भाव संवाद 1834 की कृति गुंदोज में Page #157 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 140] 1 765 766 767 768 769 770 774 775 776 777 778 779 780 789 790 791 792 73 793 494 795-6 797 33 कोलडी 1116 कुंथुनाथ 39 / 4 बावनी के. नाथ 20 / 23 बावीस- परिषह ढाल कोलड़ी 783-4 | के नाथ 26/78, 15/120 7858 कोलड़ी 449,111 798 +3 2 21 17 कुंथुनाथ 52/10 ओसियां 2/306 बुद्धरास कोलड़ी 247 बुद्धिरास 781-2 | ओसियां 2 / 215 | बोलविचार दो प्रतियां 85 दो प्रतियां चार प्रतियां 911 110 1 r बालाविबोध-वार्ता 33 सेवामंदिर गुटका 3-ति 3 इ 345 के. नाथ 6/42 29/47, 14 128 कोलडी 288 . नाथ 18 / 95. 800 9/21, 14/87 बासमार्गणा यंत्र के नाथ 18 / 84 बुढापे की सज्झाय " 17 99 35 1239,946 सेवामंदिर 2 / 378 | बोल- संग्रह मुनिसुव्रत 2/336 कोलड़ी 451 "" 3 महावीर 2/88, 190 से 92 2,432 2/403 श्रादि पन 2/89 यंत्र रचना स्तवन Bāsatha Margana - Yantra ज्ञानसार ( राजगरिएका Racana Stavana शिष्य ) " + बारह भावना 11 11 4 प्रतियां 12 www.kobatirth.org 2 प्रतियां 3 प्रतियां Bavani 3A Bālāvibodha-Vārtā 33 Bāvisa Pariṣaha Dhala + Barahabhāvanā Bāsatha-Mārgana - Yantra "1 Budhape ki Sajjhāya 73 Buddha Rasa Buddhi Rasa भाग ( 2 ) जैन सिद्धान्त व प्रचार विभाग- ( अ ) Bola Vicara Bola Sangraha 99 22 For Private and Personal Use Only दयासागर रायचंद Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ब्रह्मचर्यकुलक व शीलदीपक Brahmacarya ulaka + Sila - पार्श्वचंद dipaka Brahmacarya Navavāḍa ब्रह्मचर्य नव-वाड़ भिन्न भिन्न अज्ञात 1:4 भिन्न-भिन्न = संकलन 13 4 उदय रत्न 11 पुण्य सागर धर्महंस कवि जिन हर्ष ग. प. "1 गद्य तालिका पद्य 11 "1 27 ग. " "" 5 प. ग. तालिका 23 " Page #158 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जैन तात्त्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक : [ 141 6 6 7 8 8A 9 10 11 सद्धान्तिक विवेचन मा. 26x12x13x52 संपूर्ण पहिला पन्ना कम है) 17वीं प्रौपदेशिक गुटका 20x16x14x26 , 58 पद 19वीं , साधु प्राचार , 25x13x15x45 | 22 ढालें 1927 प्रौपदेशिक ॥ 25x12 x 13x50 , 22+15 छंद । 19वीं तात्त्विक 27xllx 19वीं 62 द्वारों से जीव विभक्तिय 19/20वीं 26से28 x 11 से 13 लंबा रॉल 31 से. चौड़ा 28 x 13x 1958 भिन्न 2 16/20वीं 26x12x14x42 | 112 गाथा 19वीं प्रौपदेशिक 25x11x14x33 , 17 गाथा 19वीं 43x15x24x40 1931 25x11x11x33 64 गाथा 1759 राजनगर, मेरुचंद 19वीं गुरुउपदेश 125x11x15x38 , 60, तात्त्विक संख्या परक सार 6,15_26+13x17/51 x 43 प्रतिपूर्ण 19/20वींविषय वस्तु भिन्न 2 प्रकार की 17,11 25 x 12 x 12 x 26/40 पहिली पूर्ण, द्वितीय अपूर्ण 19/20वीं 6,5,19 22से 26 x 11से17 प्रतिपूर्ण 19/20वीं 23/ 28x13x 16 से 19वीं 68 25x11x 18वीं 27x13x 19वीं प्रौपदेशिक 16x13x13x20 संपूर्ण 39+29 गा. 17वीं 23x13x15x32 | संपूर' 10 ढाले 19वीं 26x11x11x52 19 गा. 19वीं 24x11426 x 11 , 10 अनुच्छेद,5ढाले 19वीं 26 x 11 x 15 x 451 , 97 गा. 1823 38*,4,3| 23से 25 x 11से 14 , 11 ढालें | 19वीं |, पहिली प्रति के साथ अन्य चौपई For Private and Personal Use Only Page #159 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 142 ] 1 801 कुंथुनाथ 36/1 ब्रह्मचर्य - रक्षावृत्ति क्र. 22 महावीर 2 / 405 | ब्रह्मबावनी सेवामंदिर 2/421 804-5 कोलड़ी 965,1223 भले का अर्थ 2 प्रतियां 806 के. नाथ 5/89 17/48 808-9 ,141, 6/24 802 803 807 810 811 812 813 814 815 816 817 818 819 821 822 824 825 826 827 20 829 23 12 33 13 2 33 कोलड़ी ओसियां 2 / 217 के. नाय 521, 16/27 कुंथुनाथ 4715 कोलड़ी 686817 17 19 भवभावना " कुंथनाथ 52/20 के. नाथ 1/9B मुनिसुव्रत 2 / 315 | भववैराग्य शतक 2/316 कुंथुनाथ 52/5 के. नाथ 5/101 10/14 816 53 11 "1 भवभावना की कथायें " 11 "1 37 3 71 2 प्रतियां "1 828 मुनिसुव्रत 3 इ 323 | भावनाकुलक महावीर 2/381 ओसियां 2/416 भाव्याभव्य-कुलक 2/416 भावकुलक के. नाथ 11/70 भावत्रिभंगी 2 प्रतियां 2 प्रतियां + वृत्ति ओसियां 3 इ 204 भावना बासठियो www.kobatirth.org 3 A Brahma Bavani Brahmacarya Raksa Vrtti पद्मनंदि Bhale ka Artha Bhavabhāvanā 33 Bhavavairagya Sataka 99 "" ki Kathayen भाग ( 2 ) जैन सिद्धान्त व आचार विभाग - (अ) Bhavyabhavya-kulaka Bhava-kulaka Bhava-tribhangi Bhavana-kulaka Bhavana-Basathiyo For Private and Personal Use Only Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मुनि हर्ष चंद (ब्रह्म) म. हेमचंद्र "" अज्ञात 4 "1 1 अज्ञात / गुणविनय अज्ञात = / प. 19 33 ग. 5 मू ( प. ) मु. प्र. कथा मू. ( प. ) मू.ट. (प.ग.) मू. ( प ) मूट. ( प.ग.) 33 मू.वृ. ( प ग . ) मू. ( प. ) मू.ट. (पग.) यंत्र तालिका Page #160 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जन तात्त्विक प्रोपदेशिक दार्शनिक : [ 143 6 7 8 8A 9 10 11 प्रौपदेशिक 1544 ॥+अध्यात्म मा. 1876 23 x 20 x 21 x 38 | संपूर्ण 22 श्लोक 25 - 13 x 13 x 35 , 52 सवैये 26 x 13 x 12 x 32 | त्रुटक 25 x 12424 x 11 | 19वीं सामान्य 19वीं बारहभावना पा 26x11x15x52 | , 53 गा; ग्रं. 664/ 17वीं (वैराग्य अंत में जिनवल्लभक प्राकृत स्तवन 12 गा 27x11x11x401 528 गा. 174 28,2326x11427x11 531/32 गा. | 19वीं 1627x11x15x45 531 गा. 19ीं | प्रा.स. 13/14वीं जीवन चरित्र व कथानक प्रोपदेशिक (वैराग्य) प्रा. | 26 x 11 x 15x58 | , 65 कथायें 25 x 11 x 11 x 39 | संपूर्ण 104 गाथा 16वीं प्रा.मा. 26x11x9x43 17वीं प्रा. 26 x 12 x 13x40 (लगभग) 17वीं प्रा.मा. 25x11x4x31 1705 27x12x5x30 105 , 1840 31x12x6x32 1848 24x11x7x52 19वीं 26 x 11 x 5/4x30 प्रथम संपूर्ण 104, द्वितीय | 19वीं 33 ही 26x11x6x34 | अपूर्ण बीच में 2 पन्ने कम 19वीं 26 x 10427x11 | संपूर्ण 104 गाथा 20वीं प्रा.सं. 26 x 13x19x48 , 104 की ग्रं. 995 | 1944 सैद्धान्तिक तात्त्विक प्रा. | 26 x 13 x 16 x 30 | संपूर्ण 1953 प्रोपदेशिक , 26x13x16x30 , 1953 तात्त्विक भाव विचार प्रा.मा. | प्रोपदेशिक 27 x 13x7x25 अपूर्ण 14 से 105 (अंत)गा. 17वीं 25 x 11 x 11 x 46 | संपूर्ण 22 गाथा 19वीं 26 x 12- संपूर्ण 20वीं 62द्वारोंसे भावस्वरुप मा. For Private and Personal Use Only Page #161 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 144 ] भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग--(अ) 3A ___ 4 5 राजकवि 830- | कोलड़ी 843-44 भावनाविलास 3 प्रतियां | Bhavana-Vilasa 32 1344 कुंथुनाथ 43/13 | भावनासंधि Bhāvana-Sandhi - 833 जयदेव मुरिण मू.प. 834 Bhava-Prakarana विजयविमल (ग्रानंद- मू.अ. (प ग. विमल का शिष्य) मू.ट. (प.ग. 836 | महावीर 2/54 | भावप्रकरण ओसियां 2/212 ,, 2,237 | कोलड़ी 1080 | भावसंग्रह | कुंथुनाथ 45/4 | भ्रमरबत्तीसी Bhāva-Sangraha अज्ञात Bhramara-battisi | केशवदास मुनि 839 प्रोसियां 3 इ 171 मणिचन्द्र-स्वाध्याय Maņicandra-Svädhyāya मणिचंद्र के.नाथ 15/132| महादण्डक Mahädandaka महावीर 2/15 | महादण्डक अल्प बहत्व स्तवन |MahādandakaAlpabahutvia| अभयदेव Stavana मुनिसुव्रत 2/276 प्रोसियां 2/243 , 2/307 | माईशास्त्र Mãi Sastra संकलन के.नाथ 26/103 गु मानपच्चीसी Māna Paccisi 844 846 | कोलडी 450 मार्गणाद्वार Märgaņādvāra ग. तालिका 847 के नाथ 29/46 / मोती-कपासिया संवाद Moti Kapasiya Samvada | मुनि श्रीसार सेवामंदिर 2/366| यति-पाराधना Yati-Aradhana समयमुंदर 849 महावीर 2/31 850 851 852 853 कंथनाथ 361 यति भावना+सम्यक्त्व प्रष्टक Yati Bhāvana+Samyaktval - 227 Astaka | के नाथ 29/52 | युगल उत्पत्ति विचार स्तवन Yugala Utpatti Vicāra देवेन्द्रसागर Stavana ... 26/103 गु| योग पाठ दृष्टि सज्झाय | Yoga Atha Drsti Sajjhāya उ यशोविजय | प्रोसियां 2,153 . , | महावीर 2/45 | योगदृष्टि समुच्चय , . | Yoga Dasti Samuccaya हरिभद्र यशोविजय? | मू वृ.(प.ग.) 2/9 | योगशास्त्र+वृत्ति Yoga Sastra+Vrtti हेमचद्राचार्य (स्वोपज्ञ) , 2/116. 855 856 For Private and Personal Use Only Page #162 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जन तात्त्विक प्रोपदेशिक दार्शनिक : [ 145 11 6 7 बारहभावना. मा. (वैराग्य) भावना प्रौपदेशिक प्रा. 8 8A 9 10 4,4,3*/ 26से29 x 11 x भिन्न | संपूर्ण 52 छंद | 20वीं 26 - 11 x 15 x 75 अपूर्ण 34 से 62 (अंत) गा. 19वीं 25x11x18x50- संपूर्ण 30 गा. 1742 कटारिया, रामदास 23x12x5x37 1826 x शुभ मात्म भाव विश्लेषण प्रा.सं. मुनि 24x11x4x33 19वीं प्रोपदेशिक भक्ति स्वाध्याय 25 x 10 x 11 x 40 | अपूर्ण 507 श्लोक तक 19वीं 17x14x11x18 | संपूर्ण 47 गा. 1828 27 x 11 x 14 x 36 | , 21 ढालें 1861 26 x 11 x 13 x 45 | अपूर्ण 19वीं भिन्न भिन्न 30 द्वारों से जीव-विभक्ति 25 x 11x17x46 | संपूर्ण 20 गाथा 18वीं 26 x 12 x 19x43 | ,, 20 गा अवचूरि 98| 19वीं, पाटण, तात्त्विक । गा 25x12x12x35 19वीं धार्मिक श्लोक संग्रह सं.मा. 174 25 x 11 x 13x38 | प्रतिपूर्ण 148 श्लोक 25x11x15x38 संपूर्ण 25 गा. अहंकार पर मा. 18वीं तात्त्विक बोल 30x12x संपूर्ण 18वीं भिन्न भिन्न 161 द्वारों से जीव-विभक्ति प्रौपदेशिक 23x11x14x44 18वीं 24x11x11x35 19वीं प्रायश्चित्त साधु प्राचार xx 25x14x12x32 1933 ग्रं. 360 ,, ग्रं. 351 ।, (8+9 श्लोक) , 4 डालें प्रौपदेशिक दार्शनिक मं. 23x20x21x38 1544 2 अष्टक लोकस्वरूप 26 x 11x11x33 19वीं नयोग-ग्रंथ 25x12x20x56 अपूर्ण पाठ ढालें 19वीं 25 x 12 x 12x35 | 84 गा. पूरी 20वीं 28 x 12 x 14x46 | संपूर्ण 225 श्लोक की ग्र| 19वीं 27 x 11 x 15 x 43 | संपूर्ण 12 प्रकाश 1465x पुण्य प्रभसूरि 26x12x14x55 | 1960 रायचंद्र प्रारंभके44पन्ने जीर्ण 117:] जैन योग (गृहस्थ भी) , For Private and Personal Use Only Page #163 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 857 858 859 146 1 860 861 1 862 863 868 870 871 872 873 14 / 44 | योगशास्त्र 14/5 864 सेवामंदिर 2/369 874 875 876 877 878 879 880 883 884 865 मुनिसुव्रत 2/334 | योगशास्त्र 866-7 के नाथ 15/33-62 कुंथुनाथ 15/12, 43/3 महावीर 2 / 8 योगशास्त्र की अवचूरि के. नाथ 14/6 | योगशास्त्र की वृत्ति 5/44 | योगसार 2 / 23 रत्न कोश ? 26/85 गुटका रत्नत्रय - विधि महावीर 2/80 | रत्न - संचय कुंथुनाथ 20 / 12 रत्नाकर - पच्चीसी के. नाथ 29 / 100 योगशास्त्र 10'56 69 22/63 tast 1184C के. नाथ 4/23 " " 11 33 2 37 "" " " " 29 ,,+ वाला. " 3 ,,+बाला. 23 " 2 प्रतियां 2 प्रतियां 881-2 | नाथ 21 /69, 21/36 ओसियां 2 / 142 लघुदण्डक महावीर 2/405 लघु ब्रह्मबावनी www.kobatirth.org Yoga Sastra 99 33 33 ,,+Bāla, 35 33 3 A ,,+ Bāla, "" #3 39 2 copies Yoga astra ki Avacuri 2 copies Yogasāra Ratnakośa " Ratnatraya-vidhi Ratna Sañcaya भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्रचार विभाग - (प्र) Viti Ratnakara Paccisi ना. 26/91 रात्रि भोजन चौपई (अंतिम | Ratri Bhojana Caupai (Antim) Ratri Bhojana Sajjhaya 26/43 रात्रि भोजन सज्झाय सेवामंदिर 2/431 | रुचितरुचिदंडक स्तुति + वृत्ति Rucitarucidandaka Stuti +Vrtti महावीर 6 34 लघु प्रनीतिशास्त्र लघुदण्डक 2 प्रतियां Laghu Arhanniti-śāstra Laghudaṇḍaka 2 Copies For Private and Personal Use Only Laghu Brahma Bāvani Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir हेमचंद्राचार्य - 37 11 हेमचंद्राचार्य / सोमसुंदर मू.बा. (पं.ग हेमचंद्राचार्य मू. ( प. ) ,,/ मेरुसुंदर हेमचंद्राचार्य 4 "1 प्रज्ञात हेमचंद्राचार्य स्वोपज्ञ संकलन रत्नाकर ब्रह्मरूप संवेगी मू. ( प. ) मू.बा. (पग मू. (प.) " " ग. 11 5 मू. (प.) ग. तालिका प. मूट. (प.ग.) प. हंसमुनि जिनेश्वरसूरि / पद्मराज पू.बृ. (प.ग.) हेमचंद्राचार्य मू ( प ) ग. प. Page #164 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जन तात्त्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक : [ 147 6 7 | 8 | 8A 9 10 11 (गृहस्थ भी) सं. 34x16x8x70 | संपूर्ण 12 प्रकाश 19वीं 27x10x16x50 अपूर्ण 4 प्रकाश तक 1459 26x10x8x46 16वीं 25x12x11x32 अपूर्ण प्रथम प्रकाश 56 श्लो. 1694 26 x 11x13x42 अपूर्ण दूसरे 41 से अंत तक 17वीं प्रकाश 27 x 11 x 13 x 40 अपूर्ण चार प्रकाश 17वीं 24 x 11 x9x32 | ., पांच से 12 (अंत) 1845 27 x 13 x 19x 66 | केवल पांचवां प्रकाश । | 19वीं 24 x 11 x 11x39 | , पहिले 55 श्लोक मात्र 19वीं 24x11x11/12 x 300 ,, पहिला प्रकाश मात्र 19वीं 27 - 11426 x 11 | बिल्कुल अपूर्ण 19 27 x 11x22 x 73 चार प्रकाश तक 462 श्लोक 1499 26 x 11x15x48 | अपूर्ण द्वितीय प्रकाश तक 19वीं 23 x 11x10x23 | संपूर्ण 108 गाथा. 19वीं 25x11x13x32 | संपूर्ण 1652 भिन्न भिन्न100 द्वारों से जीविभक्ति 12x11x9x13 | | अपूर्ण 10 पन्ने खंरित हैं 26 x 12 x6 x 36 प्रतिपूर्ण 545 गा. 11825,मागवंड धनरूप 25x11x9x30 | संपूर्ण 25 श्लोक 19वीं तात्त्विक बोल |सं. तात्त्विक भक्ति 19वीं धार्मिक श्लोक संग्रह प्रा.मा. प्रोपदेशिक गुटका | 16x13x15x24 अपूर्ण 18वीं 19वीं सात्त्विक, भक्ति । जनसिद्धान्त | संपूर्ण 29 गाथा 25 x 10 x 21x53 , चार स्तुति 1644 26 x 12 x 9 x 30 18वीं 26 x 12421 x 12 संपूर्ण 19/20वीं 26 x 12 x 16 x 33 संज्ञी मनुष्य द्वार तक 21 बोल 20वीं 25 x 13 x 13 x 35 | संपूर्ण 54 सर्वये 1876 11,13 24डक विचारवृत्ति मा. जीवगति पर्यायादि प्रोपदेशिक For Private and Personal Use Only Page #165 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 148 ] 1 885 886 887 888 889 890 891 892 895 महावीर 2/10 सियां 2/150 893-4 | कोलड़ी 1109. 1158 898 899 900 901 902 903 904 905 906 11 907 महावीर 2/61 लोकतत्त्वनिर्णय 2/36 लोकप्रकाश के नाथ 23/31 वनस्पति-सप्ततिका 1/19 कुंथुनाथ 33 / 10 वन्दन पूजा बोल 10/133 वरचरिया 31 कुंथुनाथ 33/3 896 सेवामंदिर 3 इ345 897 मुनिसुव्रत 2/260 विचार-ठाणावली 21 2 के. नाथ 10/36 कोलड़ी 1238 " 11 वर्द्धमान-देशना 805 3 13 31 महावीर 2/55 विचार- पंचाशिका कोलड़ी 1238 2 प्रतियां विचार- चौसठी 14 / 103 विचार- पंचाशिका - अवचरी विचार-प्रकरण विचार- रत्नसार ओसियां 2 / 160 विचार-वार्त्ता के. नाथ 13/45 विचार-सत्तरी 17 5/71 कोलड़ी 1095 विचार-सत्तरी + श्रवचूरी www.kobatirth.org 3 A Lokatattva Nirnaya Lokaprakasa Vanaspati Saptatikā Vandana Puja Bolā Varacariyā Vardhamana Desanā 22 Vicara Causathi 2 copies Vicara Thaṇavali Vicara Pañcasikā. भाग ( 2 ) जैन सिद्धान्त व प्रचार विभाग - - (अ) " Vicara Prakarana "P Avacuri Vicara Ratnas āra Vicāra Vārttā Vicara Sattari +Avacuri For Private and Personal Use Only Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir हरिभद्र विनयविजय मुनिचंद्रसूरि -1" T 1 शुभवर्द्धन राजकीर्ति (रत्नलाभ का शिष्य नन्दसूरि 4 13 11 महेश्वरसूरि देवेन्द्रमुनि / महेन्द्रप्रभसूर प. " 21 मू. ( प. ) मू.अ. (प.ग. ग. तालिका मू. ( प. ) पद्य गद्य 11 विजयविमल (स्वोपज्ञ) मू.अ. ( प ग . ) प. " ग. तालिका 5 ग. मूट. (प.ग.) प. ग. 11 मूल (प.) मू अ. ( प.ग ) मूट. (प.ग.) Page #166 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जन तात्त्विक प्रोपदेशिक व दार्शनिक : [ 149 6 7 लोकस्वरुप मान्यतायें सं. 8 8 तात्त्विक व भूगोल | वनस्पति जीवविज्ञान प्रा. 4 8A 9 10 11 26 x 12 x 10 x 43 | अपूर्ण 141 श्लोक 20बीं 30x15x17x44 | संपूर्ण ग्रं. 17621 1953 मुंबई नक्शों सहित 26 x 1 x 11 x 35 | संपूर्ण 76 गा. 15वीं 26 x 11x9x35 , 77 गा. 15वीं 11x - प्रतिपूर्ण 19वीं 27 x 11x13x38 संपूर्ण 537 गा. 16वीं | 26 x 11 x 13x46 ,, 10 उल्लास ग्रं 5535| 17वीं प्रशस्ति है चैत्यवंदनादि संबंधी मा. जन सैद्धान्तिक | प्रोपदेशिक , कथा सह 27x11x18x55 ,, ,, ग्रं 5000 19वीं | 35,40| 26 x 11425x11 अपूर्ण 19वीं श्रावकाचार 26x11x15x54 संपूर्ण 63 गा.(ग्रंथान 93) 19वीं 26 x 12x11 x 40 | , 64 गा. 1947 22x16x तात्त्विक 4 से 8 | संख्या के बोल , ग्रं. 900 1611 , प्रौपदेशिक | प्रा.सं. | 6 26x12x18x52 , 51 गाथा 18वीं 13* | 26x11x15x42 19वीं 28x13 x5x41 19वीं 25 x 13x14x50 19वीं 19वीं 26 x 11x15x42 | संपूर्ण 31x12x17x45 संपूर्ण ,, आदि विविध मा. 1883 पोहकर्ण विनयचंद्र 16वीं , बोल-संग्रह 29x 11x15x71 विवेचन | 16वीं 30 x 12 x 19x86 | संपूर्ण 70 गाथा .. 26 x 11 x 11 x 39 | ,, ,, की | 1683 प्रा.मा. 12* | 26x11x6x44 , 76 गाथा 19वीं For Private and Personal Use Only Page #167 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 150 ] भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग-(प्र) 3A 3 मुनिसुव्रत 2/274 | विचार-संग्रह 908 Vicāra Sangraha संकलन 909 कोलड़ी 74 910 1330 911 808 912 946 913 810 914 1238 917 918 920 921 कुंथुमाथ 10/163 महावीर 2/63 | विचार-सार Vicāra Sāra देवचंद प्रोसियां 2/171 महावीर 2/50 | विचारसार रत्नाकर Vicārasara Ratnakara संकलन प.ग. . ___5/4 | विचार-सारोदार (सिद्धांत) | Vicira+Saroddhira गजकुशल द्वारा उद्धरित ग. तालिका (Siddhanta) गुटका 1 विचार-स्तवन Vicára Stavana प्रानंदनिधान 22155 | विचारामृतसार-संग्रह Vicirimrta Sara Sangraha कुलमण्डनसूरि ., 29/20 | विनय-पच्चीसी Vinaya Paccisi _13/45 | विवेक-मंजरी Vivekamanjari पासड मू. (प) कंथूनाथ 55/4 | विवेक-विलास+बाला. Viveka Vilasa (Bālā.) जिनदत्तसूरि/- मू बा. (प ग.) के नाथ 22/58 | पिव:-विलास जिनदत्ससूरि मू. (५) ... 14/137 , 1/12 , +बाला. + Bala /सोमचंद मू.बा. (प.ग.) कोलड़ी 1094 विवेक विलास कुशलाजी 922 923. 924 | 925 926 927 929 | महावीर 2/11 | विशति स्थानक विचारामत | Vimsati Sthanakavica a. | जिनहर्षगणि संग्रह | mpta Sangraba 930 ., 2/42 विशेष-संग्रह Višesa Sangraha समयसुंदर कुंथुनाय 36/1 वृद्ध पाराधनासार Vpddha Arādbanāsára | देवसेन क्र. । कोलड़ी 1344 | वेदपंचाशिका Veda Pancasika बनारसीदास For Private and Personal Use Only Page #168 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra जैन तात्त्विक, श्रोपदेशिक व दार्शनिक : विविध धार्मिक विषय प्रा.सं. " "" 6 = 11 " 27 " "" " "1 33 „ = "" लौकिक धर्म जैन दर्शन सारांश व प्रा.मा. कर्मसिद्धान्त 11 विविध धार्मिक विषय प्रा.सं. बोल जीव ग्रायु विचार | प्रोपदेशिकादि श्रीपदेशिक मा. श्रौपदेशिक जैन प्रा.मा. 11 चार अनुयोग प्रा.सं.मा 4 7 मा. " मा. 13 प्रा.सं.मा 56 * सं. सिद्धान्त प्रा. मा. स.मा. सं. = 23 23 मा. विधि विचार कथा सं. संग्रह तात्त्विक पारिभाविक प्रा.सं. उद्धरण श्रीपदेशिक यति प्राराधना 111 9 8 15 6 13 78 56 150 83 8* 59 1 24* 117 40 सं.मा. 13 42 4 117 30 प्रा. गुटका हि. 3* 8 A www.kobatirth.org 26 × 11 × 21 × 60 प्रतिपूर्ण 26 × 11 × 10 × 25 26 x 10 x 20 x 54 31 x 11 x 20 x 60 26x11 x 6 x 48 31 x 11 x 19 x 44 28 x 13 x 4 x 32 26 x 11 x 17 x 51 24 x 10 x 16 × 48 30 x 12 x 19 x 86 25 x 11 x 14 x 34 30 × 11 x 16 x 44 26x11 x 15 x 42 त्रुटक 27 × 12 × 16 × 50 संपूर्ण 25 x 12 x 3 x 28 26 x 11 x 15 × 33 26 × 11 x 15 × 51 25 x 12 x 16 x 32 28 x 13 x 13 x 31 11 26 × 11 × 15 x 50 प्रतिपूर्ण 27 × 12 × 1 4 × 42 संपूर्ण 22 x 19 x 22 x 32 91 37 33 31 संपूर्ण 304 गा. 207 TT. " 33 11 " 37 31 9 46 गा. 25 अध्याय 25 HT. 144 गा. 13 अपूर्ण पांच उल्लास तक अपूर्ण 52 छंद संपूर्ण ग्रं. 2800 140 विचार Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 19वीं 16at , 12 उल्लास ग्रं. 4321 1698 सोनगिरि, विमल संपूर्ण 12 उल्लास 17वीं For Private and Personal Use Only 10 16at 1766 19वीं 19वीं 19वीं 19at 19at 19वीं 18वीं 1892 राधनपुर वल्लभविजय 17 at 1733 1814 1671 1745 26 x 13 x 13 x 31 2 3 × 20 × 21 × 38 लगभग पूर्ण (7 से 115 गा | 1544 (अत) 26 × 11 × 23 x 55 अपूर्ण 22 गा. 20वीं [ 151 11 अंतिम 2 पन्ने शास्त्र उद्धरण शास्त्रों के उद्धरण 19वीं 19वीं 1933 मुंबई 1502 की कृति, नानचंद्र प्रशस्ति है 1873 बीकानेर बीजक सह कुशल मुनि Page #169 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 152 ] भाग (2) जन सिद्धान्त व प्राचार विभाग-(प्र 3A 45 933 Vairāgya-bivani लालचंद कोलड़ी 956 वैराग्य-बावनी कुंथुनाथ 36/2 | वैराग्य-मणिमाला Vairāgya Manimālā विद्यानंद ta.. के.नाथ गु 28 ] व्यवहार निश्चय क्रियाकवित्त Vyavahira Niscaya Kriya संग्रह kavitta Sangraha कोलड़ी 806 | व्याख्यान-चर्चा Vyikhānya Carca Vratasāra Sangraha प्रभाचन्द्र क्र.16 Sastravārtti Samuccayaहरिभद्र यशोविजय | Śişya Battisi जयचंद Mila Kulaka मू (प) sila Kekade ऋषि जयमल sila Gita कुंथुनाथ 36/1 | व्रतसार-संग्रह महावीर 2/291 शास्त्रवार्ता समुच्चय के.नाथ 26/92 | शिष्यबत्तीसी औसियां 2/416 | शीलकुलक के.नाथ 24/44 | शीलकेकड़े 942 | सेवामंदिर 2/429 , 943 कुंथुनाथ 54/1 | शीलगीत सेवामदिर गु. 3 ति शीलबत्तीसो के नाथ गुटका 1 946 , 14/90 | शीलरास (नेम-राजुल) 947 , 14/42 948- कोलड़ी 244,270 2 प्रतियां 491 950-2 | के.नाथ 6/77,14 3 प्रतियां 89 16/14 953 सेवामंदिर 4 9 192 Fila-battisi राजसमुद्र | Sila Rāsa (Nema-Rijula) | विजयदेवसूरि ,, 2 copies 3 , 954 | कोलड़ी गु 2/5 शी नगस Sila Rāsa धर्मसिंह मुनि संकलित ग तालिका 955- महावीर 385 से 87 शीलांगरथ silānga Ratha 57 958 | कुंथुनाथ 12/216 शीलोपदेशमाला बाला. | Silopadesamāla + Bala. 959 , 18/6 / शीलोपदेशमाला जयकीत्ति/मेरुसुंदर मूबा. (प. जय कीत्ति (जयसिंहसूरि मू. (प) शिष्य " +वृत्ति +Vrtti 960 961 के नाथ 3/28 , 13/28 शीलोपदेशमाला , 4/17 , +बाला. जयकीत्ति मू ट (प. | मू.बा. (प. 962 +Ba.. For Private and Personal Use Only Page #170 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जैन तात्त्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक : [ 153 ___ 8 A 9 10 11 प्रौपदेशिक 19वीं 25 x 11 x 15x42 संपूर्ण 52 पद 25 x 20 x 15 x 28 , 33 श्लोक 1794 14 17x13x13x 13 प्रतिपूर्ण 1712 19वीं धार्मिक उपदेश 31x11x15x56 | संपूर्ण 1876x वनेचंद औपदेशिक (तप) गुटका 23x20x21x38 , 33 श्लोक 1544 जनन्याय व अन्य 347 27x13x15x46 700 श्लोक की | 20वीं विद्यार्थी-गुण 20x16x22x18 , 33 गाथा 1761 प्रोपदेशिक (ब्रह्मचर्य) प्रा. 13* 26x13x16x30 1953 ब्रह्मचर्य-उपदेश 12* | 26x11x21x63 16 पद 19वीं 25x11x13x30 19वीं 26x 11x7x30 | 31 गा. 19वीं 16x13x14x17 34 गा. 17वीं 22x19x22x32 32 गा. 1814 26x11x11x42 70 गा. 1611 26x11x17x55 1795 9,11 19वीं 27x11424x21 | | संपूर्ण 76/69 गा. 26 x 10से 12 x भिन्न |, 76,77,68 गा 5 25x11x13x48 | अपूर्ण गा. 24 से 80 19वीं "सह दृष्टांत , ब्रह्मचर्य व संयम के प्रा. बोल प्रोपदेशिक कथा सह प्रा.मा गुटका | 15x11x11x22 | संपूर्ण 64 गा. 1823x राम सागर 2,2,11 26x11412- । प्रतिपूर्ण (अतिम में अधिक 19वीं | यंत्र चित्रनुमा नकल) 26 x 11 x 15 x 50 | संपूर्ण 115 गा.की कथासह 16वीं 26 x 11 x 13 x 42 | संपूर्ण 115 गा. 1608 26 x 11 x 13 x 45 | संपूर्ण ग्रं 6655 कथासह 1659 वृत्ति शीलतरङ्गिणी नाम्नी 26x11x5x25 , 114 गा प्रोपदेशिक 18वीं | 11 | 26x11x13 x 47 | , 117 गा. 18वीं For Private and Personal Use Only Page #171 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 154 ] भाग (2) जन सिद्धान्त व प्राचार विभाग-(प्र) 3A 963 | के.नाथ 4/16 | शीलोपदेशमाला Silopadeśa Mäla जयकीति मू. (प) , 3 प्रतियां , 3 copies 964 , 6/18,19, 965a/b/ 125-29 966 | कथूनाथ 53/5 970 " +वृत्ति 967 , 29/1 , +बाला. +Bali. म बा. (प.ग. 968 | मुनिसुव्रत 2/269 श्राद्धदिनकृत्य Śrāddha Dinakstya देवेन्द्रसूरि मू. (प) 969 | के नाथ 17/43 कोलड़ी 803A +Vrtti | .,- देवेन्द्रसूरि स्वोपज्ञ मू वृ (प.ग. 971-3 | के.नाथ 6/9-71, 3 प्रतियां 3 copies मू. (प.) 15/23 974 , 5/112 " +वृत्ति +Vrtti मू वृ. (प.ग. 975 , 14/57 | श्राद्धदिनकृत्य का बालावबोध , ki Baliva bodba 976 कुंथुनाथ 33/7| श्राद्ध वि (धि ?) Sraddha Vi........ 977 महावीर 3 प्रा123| श्राद्धविधिप्रकरण---वृत्ति | Sraddhavidhi Prakarana रत्नशेखर रत्नशेखर| मु.वृ. + +Vrtti स्वोपज्ञ 978 , 3 या 36 + 979 ,, 3 या 122 , + , + ,, 980 के नाथ गू 26/91 श्रावकाराधना Śrávaka Årādhana प्रज्ञात 981 प्रोसियां 3 443 प्रोसिया के.नाथ 14/3 महिमासुंदर 983 | प्रोसियां 3 444 | अज्ञात 984 | के.नाथ 21/1 समयसुंदर 985 कुंथुनाथ 25/3 986-7 कोलड़ी 378,380| 2 प्रतियां 2 copies 988 375 989 381 देवेन्द्रगणि 990 377 पाठक राजसोम 991 प्रोसियां 3 अ 45 For Private and Personal Use Only Page #172 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जन तात्त्विक प्रोपदेशिक दार्शनिक : [ 155 6 7 8 | 8A 9 10 11 प्रौपदेशिक 26x11x11x40/ संपूर्ण 116 गा. 18वीं (कहीं जयवल्लभ भी नाम है) 6,3, 923से 25x11 x भिन्न ,, 116/125/116 गा. 19वीं 26 x 11 x 12 x 40 |, 116 19वीं 26 x 11 x 11x44 अपूर्ण गाथा 10 से 116| 19वीं प्रत ता| | 26 x 12x11x38 | संपूर्ण 325 गा. (I.360) 15वीं | 25x10x9x31 ,, 342 गा. 16वीं श्रावकाचार 13वां पन्ना कम 269 | 28x11x15x54 1, 8 प्रस्ताव ग्रं.12820 1676 को वह- 17वीं शताब्दी की राई गई ही लगती है 16,12/ 26x11x13x35 ,344 गा. 19वीं 14 | 28 x 17x17x 36 | अपूर्ण 247 गा तक ही | 20वीं 30x12x17x55 | संपूर्ण 19वीं प्रा.सं.मा| 382 26 x 12 x 15 x 56 | त्रुटक 16वीं 25 x 11 x 14 x 40 | संपूर्ण 6 प्रकाश ग्रं.6761 1658, वासा, प्रशस्ति है वृत्ति विधि लक्ष्मण कौमुदी 26x11x7x43 , 1802,सिवाणा, टब्बाकार ऋषिविजय । विद्याविजय 27x13 x 13 x 53 | , , ग्रं.6760 1964 जोधपुर गोपीकिशन 16 x 13 x 15 - 24 , 50 गाथा 18वीं 26 x 11 x 17x53 | , 16वीं मूल प्राकृतानुसार 26 x 11 x 13 x 44 , ग्रं. 166 17वीं 27 x 12 x 14 x 49 | संपूर्ण 1846 उर्जपुर की नकल बखतसुंदर 25x11x11x35 ,. 19वीं 23 x 11x9x34 अपूर्ण (पन्ने 3 से 11 अंत, 19वीं 27x12xभिन्न 2 संपूर्ण 19वीं 26x13x13x42 1903 27x12x16x42 1859 24x10x12x35 1888 जैसलमेर मूल प्राकृतानुसार 1906,सुभटपुर उपकेशगच्छे 24x11x15x36 For Private and Personal Use Only Page #173 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 156 ] भाग (2) जैन सिद्धान्त व आचार विभाग-(प्र) । 23 3A 992 कोलड़ी 376 श्रावकमाराधना Śrāvaka Ārādhana 993 के.नाथ 15/31 श्रावकगुण-चौपई Śrāvaka Guna Caupai समयराज उपाध्याय 994 | कोलड़ी 1347 श्रावक-नित्यकर्त्तव्यानि Śrāvaka Nitya Karttvyāni Śrāvaka Manorathamāla 995 | कुंथुनाथ 55/20 श्रावक-मनोरथमाला 996 | प्रोसियां 2/152 | श्रावक-वक्तव्यता Śrāvaka Vaktavyatā मू. (प) 997 के.नाथ 22/70 श्रावकव्रत Śrāvaka Vrata दासानंद (सेनसूरि का शिष्य) देवेन्द्रसूरि 998 | श्रोसियां 3 5 226 श्रावकव्रत भंग-प्रकरण | Srāvaka Vrata Bhanga ,, ki Avacūri | महावीर 3 पा 38 , की अवचूरि 1000 | के.नाथ 9/28 श्रावकवतभंग -22 अभक्ष्य 1001 | कोलड़ी 855 श्रावकाचार ,,+22 Abhaksya - मू.अ. Srāvakācāra जोगेन्द्रावार्य 1002 | कंथुनाय 54/6 शृंगारवैराग्य मुक्तावली Srigāra Vairagya Muktavali सोमप्रभाचार्य 1003 के.नाथ 19/22 पडावश्यक-चौपई Şadāvasyaka Caupai दानविजय मू (प) ट. 1004 | कोलड़ी 982 | षड्दर्शन-समुच्चय Şaļdarśana Samuccaya हरिभद्रसूरि मू.अ.-(प. 1005 | कथूनाथ 36/1 मू प. क्र.28 1006 महावीर 2/289 1007 | कोलड़ी 1221 " +टीका +Tika हरिभद्र गुणरत्नसूरि | मू वृ. (प ग + हरिभद्र/ 1008 | महावीर 2/290 , +, 1009 .. 2/44 | षड्द्रव्य का प्रश्न 1010 2135/ षोडशक+वृत्ति Şaddravya kā Praśna Sodasaka+Vrtti हरिभद्र/अभयदेव मू.वृ. (प.ग 1011 सेवामदिर 3 इ345/ सचित्ताचित्तस्वादिमादि Saciitacitta Svadimadi | श्रीपति मुनि Sajjanacitta-vallabha मल्लिषेगा 1012 | कुंथुनाथ 36/1 | सज्ज नचित्तवल्लभ क्र.38 1013-| महावीर 2/394-5 , 2 प्रतियां , 2 copies 4 1015 | प्रोसियां 2/308 , +बाला. , +Bala. मल्लिषेण मू.बा. (प. Sattharisaya भंडारी अनेमीचंद मू. (प) 1016 | के.नाथ 915 सरिसय (षष्टीशतक) 1017 | , 11/73 | For Private and Personal Use Only Page #174 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जंन तात्त्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक : [ 157 ____ 6 ___1011 श्रावकाचार 78 8A 9 प्र.मा. 4 26 x 10 x 15 x 50 | संपूर्ण मा. 26x11x13x36 |, 46 गाथा 19वीं 19वीं 25 x 1 x 12 x 35 अपूर्ण 78 19वीं 26x11x15x52 | संपूर्ण 17वीं , 103 गा. 16वीं 26 x 12 x 11 x 40 26 x 12 x 11 x 35 ,, 12 गा. 18वीं 26x11x19x56 , 40 गा. 1505, पाटकनगर, जयवीर 18वीं 26 x 11 x 25 x 66 , 40 गाथा की 26 x IIx 16x60 , 41+7 गा. 16वीं x शिव- अंत में 25 गा. बाला निधान सम्यक्त्व स्तवन 19वीं गृहस्थ धार्मिक कर्त्तव्य प्र. 29x11x10x34 संपूर्ण औपदेशिक 27x ||x15x70 , 47 श्लोक 18वीं 26 x 12x20x40 18वीं 1730 की कृति प्रावश्यक का महत्व पादि दार्शनिक 34x13x10x43 1537 गुटका | 23x20x21x38 1544 3 26x11-13x46 18वीं 26x12x12x32 87 श्लोक की 19वीं वृत्ति-तर्क रहस्य दीपिका नाम्नी 29x14x17x46 2010 तात्त्विक प्रश्नोत्तर 27 x 13 x 10 x 28 प्रतिपूर्ण 20वीं दार्शनिक 36 | 30x14x18x48 | संपूर्ण 297 श्लोक की 1915 महिमद पुरे अभयविज 18वीं 26 x 12 x 14 x 34 | संपूर्ण 18 गा. संद्धान्तिक प्रौपदेशिक मा. सुभाषित प्रौपदेशिक सं. गुटका 23x20x21x38 , 25 श्लोक। 1544 25x13/12 x भिन्न 2 , 20वीं सं मा. 7 | 27x14x13x38 | , 25 श्लोक का 20वीं प्रोपदेशिक तात्त्विक प्रा. 26x11x9x36 | 161 गाया 16वीं 26 x 11x11 x 34 , , (पहिलापन्नाकम) 16वीं For Private and Personal Use Only Page #175 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir _158 ] भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग-(अ) 3 A Satharisaya भंडारी अनेमीचंद 1018 | सेवामंदिर 2/425| सट्टरिसय 1019 | प्रोसियां 2/152 ,, +Bala. भंडारी अनेमीचंद मू बा. (प ग. 1020 | के.नाथ 20/41 , +वाला. 1021- ,, 4/13,6/37, सटुरिसय (पांच प्रतियां) 10/59,15/ 25,19/123/ ,, 5 copies मू. (प.) " +Vrtti 1028 1026 , 6/2 | सटुरिसय+वृत्ति मू.व (प.ग.) 1027 | ,, 23/32 | , का बालावबोध , kā Bālāvabodha 5/77 | सद्भाषितावली Sadbhāṣitāvali सकलकत्ति 1029 | प्रोसियां 2/240 संकलित 1030 | कोलड़ी 1101 1031 के.नाय 17/24 | समयसार प्रात्मख्यातिसह | Samayasāra+Atmakhyati| कुंदकुंद अमृतचंद्राचायं मू.व. (प.) 1032 | महावीर 2/56 कुंदकुंद , 1033 | कोलड़ी 1228 ,, तात्पर्यवृत्तिसह Samayasāra-+Tatparyavrtti , जिनसेन | , (प.ग.) 1034| के.नाथ 15/99 समयसार की प्रात्मख्याति टीका . kiAtmakhyati | प्रमतचंद्राचार्य Tikā Samayasāra-Kalasa Samayasära Nataka बनारसीदास 1035 कोलड़ी 834 | समयसार-कलश 1036 | पोसियां 2/166 | समयसार-नाटक 1037 कुंथुनाथ 3/50 1038 | कोलड़ी गु.11/12 1039 1040 __, गु. 10/5 1041 845 1042 | के नाथ 14/72 1043 कंथुनाथ 11/201 | सेवामंदिर 2/358 1045 359 | समयसार की समालोचना |Samayasara ki Samālocana For Private and Personal Use Only Page #176 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir बन तात्त्विक, प्रौपदेशिक व दार्शनिक : [ 159 11 6 7 8 8A 9 10 प्रौपदेनिक तात्त्विक प्रा. | 24 x 11 x 11x42 | अपूर्ण 53 से 160 गाथा ही 16वीं , 123* | 26 x 12 x 11 x 40 | संपूर्ण 161 मा. 16वीं प्रा.मा. | 29 25x11x11x38 . , गा. का 19वीं | 27,5, | 25से 28 x 10से 12 | , 161 गा./157 गा. 19/20वीं 26 x 11 x 15 x 50 अपूर्ण 45 गा तक 19वीं 27x11x17x51 | संपूर्ण 160 गा. . 17वीं प्रौपदेशिक सुभाषित सं. 17वीं जैन धार्मिक , , 26 x 11 x 11 x 30 | संपूर्ण 388 श्लोक 30 x 15 x 12 x 32 26 x 11x16 x 49 | अपूर्ण 123 श्लोक ., 495 . 18वीं 19वीं प्राध्यात्मिक तात्विक प्रा.सं. | 20x11x16x491 1703 26x12x13x35 417 श्लोक 1714 26x11x13x36 443 गाथा 1761 सलमेर संशोधित कान 19वीं 25x10x11x34 280 श्लोक 32x11x10x33 | , 260 पद 19वीं हिन्दी 26x11x19x44 | संपूर्ण 1713 26x11x15x45 अपूर्ण त्रुटक 1758 1773 16 x 15 x 17x25 | 31x11 x 11x36 अंत में 33 सर्वये प्राध्यात्मिक 1815, सलूंडा प्रसिद्धविजय 1884 19x 13x 13x23 32x12x13x36 19वीं पद) 26 x 11x9x31 | अपूर्ण (अजीव द्वार + 28| 19वीं 22x17x भिन्न 2 | संपूर्ण 19वीं 26 x 12 x 26 x 68 | , 727 1919 31x11x17x46 19वीं For Private and Personal Use Only Page #177 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 160 ] भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग-(प्र) उ. यशोविजय 1 2 3 3A 1046 | महावीर 2/402 | समाधितन्त्र Samadhi-tantra 1047-| पोसियां 2/292,| , दो प्रतियां , 2 copies 153 1049 | कुंथुनाथ 14/14 |समाधितन्त्र (प्रात्मबोध प्रात्म- , (Atmabodha) रक्षिता) 1050 | कोलड़ी 1197 | , +बाला. , +Balavabodha 1051 | के नाथ 11/94 | समाधिशतक+वृत्ति Samadhi-sataka+vrtti मू.बा. (प.ग. पूज्यपाद/पं. प्रभाचंद मू वृ. (प.ग) 1052 सेवामंदिर 3 इ345| सम्यक्त्व-अधिकार Samyaktva-adhikara 1053 | महावीर 2/117 सम्यक्त्वरत्न महोदधि-वृत्ति Samyaktva Ratna Maho dadhi+Vrtti 1054 | प्रोसियां 2/305 सम्यक्त्वविचार+वृत्ति | Samyaktva-Vicāra+Vrtti चन्द्रप्रम/चन्द्रेश्वर, तिलकाचार्य मू.वृ. (प.ग.) मू.व. 1055/ के.नाथ 11/14 | सम्यक्त्वविचार का बाला. I kā Bālāvabodha 1056/प्रोसियां 3 4 50 सम्यक्त्व सडसठ बोली सज्झाय Samyaktva 67 Boli Sajjhāya| उ. यशोविजय 1057_ महावीर 3 इ 60 1058 के.नाथ 19/7 , 4 copies 1059- कोलड़ी 284 से , 4 प्रतियां 62 6.305 1063 | कंथुनाथ 3/47 | सम्यक्त्वस्तव+बा. Samyaktva-stava+Bala. मू.बा. (प.ग. मू.अ. (प ग. 1064 कोलड़ी 118 | सम्यक्त्वस्तव-प्र. + Avacūri 1065 | महावीर 2/75 सम्यक्त्वस्तव+अ. मू. (प.) 1066 के.नाथ गु.26/103 | सम्यक्त्वस्तव Samyaktva-stava 1067- ,, 11/74,6/75 , +बा. 2 प्रतियां | , +Bali 2copies, 1069 | सेवामंदिर 2/427| सम्यक्त्व-स्वरूप Samyaktva-svarūpa मू.ब. (प.ग.) Sarvajña-śataka धर्मसागर मू. (प.) Savaiya-bavani जसराज 1070 कोलड़ी 448 1071 के.नाथ 10/28 | सर्वज्ञशतक 1072 | मुनिसुव्रत 3 इ 306/ सर्वयाबावनी | कोलड़ी 98 संग्रहणी + बाला. 1074 | के.नाथ 22/62 संग्रहणी 1075 , 1058 , 1073 Sangrahani+Bala. म.हेमचंद्र शिष्य/श्रीचंद मू.बा. (प ग. श्रीचंद For Private and Personal Use Only Page #178 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra जैन तात्त्विक, श्रोपदेशिक व दार्शनिक :--- आत्मभेद दज्ञानादि मा. 11 योगतात्विक 17 प्राध्यात्मिक दार्शनिक 19 "" 11 " "1 37 6 11 "1 : " ज्ञानविषयक पद लोकस्वरूप 21 सं. सं.मा. सं. 7 मा प्रा. सं मा. 23 प्रा. मा प्रा.सं. " प्रा. प्रा.मा मा. " STT. मा. प्रा मा. प्रा 6 5 9* *, 19 * 25 × 11 व 12 x भिन्न 26 × 12 x 13 x 42 27 × 13 × 17 × 38 29 × 1 3 × 10 × 31 25 × 11 × 14 × 50 50 29 2 248 5 4 5 6 7 8 11 6 7* 1 +1 4,5 3 4 8 3 70 www.kobatirth.org 16 8 A 25 × 13 × 1 2 × 34 संपूर्ण 105 दोहे 105 दोहे 104 श्लोक 3,3,5, 26 से 29 x 10 से 12 26* 22 x 12 x 15 x 48 26 x 10 x 16 x 42 25 × 11 × 17 x 46 25 x 12 x 20 x 56 26 x 12 व 25 x 11 25 × 10 × 16 × 60 24 × 12 × 12 × 28 26 x 11 x 10 x 33 25 x 10 x 18 x 50 27 × 1 2 × 13 × 40 संपूर्ण 26 × 11 × 11 x 37 14 27 x 13 x 14 x 36 31 31 26 x 11 x 11 x 47 अपूर्ण 49 श्लोक संपूर्ण " 11 26 × 11 x 10 x 34 27 × 13 × 16 × 48 25 × 11 × 11 × 50 28 x 12 x 11 x 34 25 × 10 × 10 × 34 संपूर्ण 68 गा /ग्रं 125 68/70 TT. 25 गा. " " अपूर्ण संपूर्ण 68 गाथा 1 37 21 21 31 39 अपूर्ण संपूर्ण 31 9 17 पांच अधिकार ग्रं. 8000 11 " 24 TTT. 25 गा 25 गा. का 124 TT. 56 सर्वये 310 गा. 312 गा. For Private and Personal Use Only Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 1,875, सोजत, भनीदास 19/20at 19वीं 19वीं 19at 1904 10 1753 पाटण अबादत्त 19वीं x तलजा राम 19वीं 19वीं 19वीं रागपुर, प्रमस्ति / वृत्तिकार जयसिंह गुरु शिवप्रभ शास्त्र उद्धरण 18वीं 19वीं 1730 18at 18वीं 18वीं 19वीं 17वीं 1882 19at 1783 1580 16at 16at [ 161 11 अंत में पुद्गलपरावर्त्त सावचूरिप्रास 11 गा दो बार लिखा है त्रैलोक्यदीपिका नाम्नी Page #179 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 162] 1 1076 1078 1077 मुनिसुव्रत 2 / 260 ओसियां 2 /182 1079 कुंथुनाथ 15 /4 के. नाथ 1/7 23/40 5/53 14/7 11/55 1080 1081 1082 1083 1084 1085 1088 1089 1090 1091 1092 1093 1094 के. नाथ 13 / 45 संग्रहणी 1086 कोलड़ी 1121 1087 महावीर 2/109 के. नाथ 6/27 23/33 20/13 सियां 2 / 143 कोलडी 100 ओसियां 2 / 183 कोलडी 97 ओसियां 2 / 185 1096 कोलड़ी 383 1097 के नाथ 20/14 1098 प्रोसियां 2 / 180 1099 कोलड़ी 94 1100 कोलड़ी 96 1095 17 " 39 31 13 2 ") "" 10'18 "" "" "} ,,+ वृत्ति संग्रहणी 21 "1 "" 37 " 31 " "" " 11 19 37 17 17 23 "} 12 3 " + वृत्ति + बाला. + वाला. + बाला. - बाला. www.kobatirth.org Sangrahani 39 "3 "" 95 23 " 33 "" " 11 י, 3 A 93 +Vrtti +Vṛtti +Bālā, + + 35 33 + Bala. For Private and Personal Use Only भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्रचार विभाग- ( प्र ) श्रीचद्र 11 19 27 " श्रीचंद्र / देवभद्रसूरि श्रीचंद्र Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir " श्रीचंद्र देव भद्रसूरि / x "" 4 / -? / -? श्रीचंद्र "1 " मू. ( प. ) मुट. (प.ग.) मू. (प.) 21 5 मू.वृ. (प.ग.) मूट. (प.ग.) मू ( प. ) मू.वृ. (प.ग.) मू.बा. (पग.) मू. "" 77 བ मू. ट. (प.ग.) = "1 मू बा. (प.ग.) मू. ( प. ) मू.ट. ( प.ग.) मू. ( प. ) Page #180 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जंन तात्त्विक प्रोपदेशिक दार्शनिक : [ 163 ___ 6 8A 10 11 7 8 प्रा. | 24* लोकस्वरूप 30 x 12 x 19x86| संपूर्ण 16वीं प्रा.मा. 26x11x8x48 , 277 गा. 16वीं 26x11x13x42 , 286 गा. 16वीं 25x12x11x37 , 311 गा. 16वीं 26X11x15x48 , ग्रं. 3500 1642 26x11x8x37 ग्रं. 1757 1651 प्रा. प्रा.सं. प्रा.मा. 26 x 11 x 11x38 289 गा. 1678 26 x 11 x 15 x 54 , 273 गा./ग्रं.3500/ 17वीं 25x10x15x50 , ग्रंथान 1700 17वीं 26 x 11 x 15 x 53 , 280 गा (अंतिम | 17वीं पन्ना कम) 26 x 10 x 16 x 50 संपूर्ण केवल अंतिम पन्ना कम 17वीं 26x11x11x36 ,279 गा प्रथम 17वीं 25 x 11 x 11x28, 3255 गा. (299) 26 x 11 x 13x41 संपूर्ण 298 गा. 27x12 x 14 « 39 1700 प्रा.मा. 1702 27x12x6x33 344 गा. 1792,चौबारी जसविजय 1795 25x11x26x52 | , 279 गा. 26x11x11x34 ,, 283 गा. 18वीं | 23x10x13x36 , 323 गा. 18वीं 26 x 11x11x34 , 378 गा. 1800,विक्रमपुर नरसुंदर 1807 25x10x12x48 , 313 गा. प्रा.मा. 26x12x17x35 345 गा. 1816 26x12x5x38 , 357 गा. 1817,भटपद्र, लीलाधर 1825 25x11x14x42 , 313 गा. , 323 गा. | 25 x 10 x 16 x 50 1833 For Private and Personal Use Only Page #181 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 164 ] 1 1101 प्रोसियां 2 / 184 1102 सेवामंदिर 2/426 1103 कोलड़ी 69/5 1104 के. नाथ 14/60 20/10 14/141 1107 कुंथुनाथ 42/2 1108 | के नाथ 17/66, 13 23/24, 6/16, 21/82, 6-23, 15-202 1114 कुंथुनाथ 4 / 88 1105 1106 " " 1115- प्रोसियां 2 / 181-87 17 -86 1118 कोलड़ी 95-1-3-2, 22 1120 1123 मुनिसुव्रत 2 / 319 1139 2 1124 के नाथ 6-30,208, 13-52 1127 कुंथुनाथ 4/87 26 1128 . नाथ 15/21 1129 कोलड़ी 101,99 30 1131 | के. नाथ 10/1 2 1133 10/70 1/32 1134 महावीर 2/77 1135 कोलड़ी 102 " " संग्रहणी + बाला. 17 11 11 11 "1 21 11 "1 11 11 12 31 21 , 27 3 12 + वृत्ति " 6 प्रतियां 3 प्रतियां 5 प्रतियां 3 प्रतियां + बा. संग्रहणी की चूरि संग्रहणी के टब्बे (नोट्स ) 1136 के नाथ 14 / 111 संतोषछत्तीसी 1137 | कुंथुनाथ 36/1 संबोध - पंचाशिका क्र. 6A 1138 के. नाथ 16 / 20 संबोधसत्तरी 10/54 + वृत्ति + बा. 2 प्रतियां + बा. 2 प्रतियां + वृत्ति www.kobatirth.org 3 A Sangrahani + Bāla. 35 " 39 25 33 "" 23 29 + Vrtti भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग - (अ) 6 copies 39 3 copies 5 copies 3 copies + Vrtti + Balā 2copies +Bala,2copies + Bālā. Santosa-chattisi ki Avacuri ke tabbe Sambodha Pañcāśikā Sambodha-sattari + Vrtti For Private and Personal Use Only "1 श्रीचन्द्र / प्रतापविजय ( जिनविजय का ) श्रीचन्द्र "1 " Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ,,/ – ? श्रीचन्द्र "1 39 "" 4 "" ,/? ,,/? ..!? ,,/ शिवनिधान समय सुंदर मू.बा. (प.ग.) मू. ( प ) " "1 मूवृ. (पग.) मू प. "1 5 मूट. (पग.) ग. मू.वृ. (प.ग.) मू.बा. (प.ग.) 13 प. "" " ग. तालिका मू. ( प. ) जयशेखर मूट. (प.ग.) जयशेखर / अमरकीति | मू.वृ. (पग.) Page #182 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जैन तात्त्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक : [ 165 7 | 8 | 8A 10 11 6 लोकस्वरूप 28x13x15x52 | संपूर्ण 367 गा./ग्रंथाग्र | 1847,अाद्रि- प्रशस्ति है 3520+यंत्रों के 2700/याणा,जिनविजय 25x11x12x44 16वीं त्रुटक 24x10x11x40 अपूर्ण 16वीं 26x11x11x40 टक 1670 26x [1x7x24 8 अपूर्ण(131 से 286 गा.) 17वीं 35 25 x 11x4x48 ।। (176 गाथा तक)| 17वीं 26 x 12 x 13 x 35 ,, (204 से 358 गा.) 1794 23,13, 25से 27 x 11से 12 पांच पूर्ण छठी अपूर्ण 97 गा| 19/20वीं । पूर्ण प्रतियों की गा. 16,17, 278/323 13.11 22 26x13x13x36 | संपूर्ण 393 गा. 1938 151 16,161 12,11 23से 27x11से 12 , 283/378 गा. 19वीं 116,20,16, 25से 27x11से13 | चार पूर्ण, पांचवी अपूर्ण | 19/20वीं । पूर्ण प्रतियों की गा. 222 गा. | भिन्न 2 जगह 317/326 प्रा.मा. 51 | 25 x 11x5x33 | संपूर्ण 313 गा. | 20वीं 46,47,8| 25से28 x 10से 13 प्रथम पूर्ण अंतिम दो अपूर्ण| 19/20वीं , 29 26 x 13x11 x 40 संपूर्ण 317 गा. 1887 प्रा.सं. 22 26x11x15x43पूर्ण गा.206 से 273 तक 19वीं 57,30/25 x 12 x 5/18 x 45| संपूर्ण 393, 370 गा. का 19/20वीं | 97,33 26 x 11 x 9/13 x 40| प्रथम संपूर्ण 217, द्वितीय 19वीं अपूर्ण 11 | 25 x 11x18 x 50 | अपूर्ण 49 गा. तक ही 19वीं 26x11x19x64 पूर्ण 276 गाथा की 16वीं देवभद्र की वृत्ति के अनुसार संपूर्ण प्रति 17वीं प्रौपदेशिक 18वीं 29 x 11x26 x 11 x 23 x 66 | संपूर्ण 36 गाथा 23 x 20 x 21 x 38 | , 50 गाथा 1544 26 x 11 x 11 x 41 | अपूर्ण 25 से 73 (अंत)गा| 1552 | 27 - 11 x 15 x 47 | सपूर्ण 76 गा./. 800 | 16वीं For Private and Personal Use Only Page #183 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 166 ] 1 1140 मुनिसुव्रत 2 / 323 | संबोधसत्तरी 1141 कोलड़ी 1184E 1142 | मुनिसुव्रत 2 / 252 1143 प्रोसियां 2 / 232 1144 के. नाथ 6/36 1145 | कोलड़ी 1146 ओसियां 2/169 1147 के नाथ 21 /16 1148 कोलड़ी 130 8/19 1149 1151 1150 ओसियां 2 / 168 2/233 1152 | कुंथुनाथ 14/9 1153 कोलड़ी 129 11:4 56 1157 1158 " 1163 1164 22 1166 2 "1 के नाथ 31 818 " "" "" " " 128,1234, 1331 5/83 15/55 1159 18/47 1160 | सेवामंदिर 2/379 1161 कोलड़ी 278 संवेळी कसौटी 1162 सेवामंदिर 3 इ345 | "" " "" " 27 " "1 3 " + वृत्ति + बाला. 3 प्रतियां + वृत्ति www.kobatirth.org 31 Sambodha-sattari "1 "" 93 35 33 3 A 33 +Vrtti +Bālā. के. नाथ 5/32 सप्तव्यमन - परिहार Saptavyasana Parihāra कुंथुनाथ 2/5 | साधु-प्रचार - दोष Sadhu Acara-dosa 1165 सेवामंदिर 3 इ 345 साधु श्रावक बोलपर व्याजेई | Sadhu Srāvaka Bola Vyājei के नाम 15 / 241 | सामायिक (दोष) विचार Samayika Dosa Vicara भाग ( 2 ) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग- ( प्र 3 copies + Vrtti Samvegi Kasauți For Private and Personal Use Only Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जयशेखर "" "1 "" " "" 11 11 32 33 जयशेखर " 19 " 4 उ. यशोविजय == श्रानन्दनिधान मू. ( प. ) 11 मू.ट. (प. ग "1 जयशेखर / अमरकीति मू बृ. (प.ग.) मू.बा. (पग.) मू. ट . (,, ) मू. ( प. ) जयशेखर अमरकीर्ति मू बृ. (प.ग ) जयशेखर भू. (प.) " 5 मू. ट. (प.ग.) प. ग. 11 ग. " मू. (प.) मू.ट. (प.ग.) मू. (प.) प. 13 "1 ग. तालिका Page #184 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जैन तात्त्विक औपदेशिक व दार्शनिक : [167 ____ 6 7 8 8A 9 | 10 11 प्रौपदेशिक 25x11x10x32 | संपूर्ण of 78 गा. 16वीं अंत में 83 गा. 'उपदेशमाला' की 25x11x6x31 , 73 गा. 16वीं 26- 11x10x37 71 गा. 1667 25x IIx9x32 116 गा. 17वीं, चाहा, केशरविजय 17वीं 26 x 11 x 13 x 39 72 गा 31xllx13x43 " 75गा 1753x सुविधिसागर 1715 प्रा मा | 32 26x12x2x43 ___124 गा. प्रा.सं. | 3 25x11x9x56 72 गा. 1779 प्रा.मा. | 24 26x10x4x26 126 गा. 1822 Xxxx 30x Ilx7x40 , 72 गा. . 26x12x7x43 , 75 गा. 1837 कोसारणा मनोहरविज 1894 लघ पौषधशाला 19वीं वृत्तिकार रत्नशेखर को कर्त्ता मानते हैं 19वीं 26x11x16x41 | ., 76 गा. की 26x11x15x65 72 गा. की 76 गा. 19वीं 72,89,85 गा. 19वीं 25 x 10x5 x 38 | 23 से 27 व 10 से 12 | 26 x 11x4x38 | 24x11 x 13 x 25 26 x 12 x5x40 76 गा. की 19वीं 19वीं प्रा मा. | 7 19वीं 23x12x14x38 124 गा. 1956 25x11x11x36 , 40 गा. 19वीं शिथिलाचारी-साधु जीवन पर व्यंग 26x11x17x54 | पूर्ण ढाल 3 20वीं (मंत में 16 स्वप्न चंद्रगुप्त) प्रोपदेशिक 26x11x12x32 19वीं साधु के 47 दोष 25 x 11x- संपूर्ण 19वीं 6 बोलों पर टिप्पणी ,, 26x11x15x44 18वीं (विधिवाद, चरितानुवाद प्रादि पर) प्राचार 27 x 12 x 16 x 27, , 23 गा. 19वीं For Private and Personal Use Only Page #185 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 168 ] भाग (2) जन सिलन्त व प्राचार विभाग-(प्र) 3A 45 Sāra Bāvani श्रीसार Sārddha Sataka जिनवल्लभ Siddl a Caturdasi Siddha Pañcāśikā देवेन्द्रसूरि मू. (प.) 1167 | कोलड़ी 101 | सारबावनी 1168 के.नाथ 22/59 | सार्द्धशतक + वृत्ति 1169 कोलड़ी 856 | सिद्धचतुर्दशी 1170 प्रोसियां 3 5 226| सिद्धपंचाशिका 1171 महावीर 2/58 __, सावचूरि 1172 के.नाथ 10/2 1173 | महावीर 2/62 1174 , 59 , +बाला. 1175 के नाथ 19/20 | सिद्धान्त-प्रतिबोध , Sārcūri देवेन्द्रसूरि (स्वोपज्ञ) देवेन्द्रसूरि मू अ. (प.ग. मू.ट. (प ग. मू. (प) " +Bala. देवेन्द्रसूरि/ मू बा. (ग.प Siddhanta Pratibodha भरूदास 1176 कोलड़ी 809 , बोल Bola 1177 | प्रोसियां 2/313 Sāra संकलन मू.ट. (प.ग. 1178 , 2/213 प.ग. 1179 कोलडी 807 ,, मारोद्धार , Saroddhāra | संग्रगृही 1180 प्रोसियां 2/218 1181 महावीर 2/51 सिद्धान्तोद्धार हंडि Siddhāntoddhara Hundi | सकलन 1182 सोमप्रभ/-- मू वृ. (प.ग. के.नाथ 11/43 | सिंदरप्रकर (सूक्तमुक्तावली) | Sindura Prakara+Vrtti +वृत्ति कुंथुनाथ 14/13 | सिंदूरप्रकर के.नाथ 23/1 सोमप्रभ 1185 | , 6/91 1186 |, 21/15 +Vrtti हर्षकीत्ति । मू व (प.ग. 1187 15/118 मू. (प) ,, + वृत्ति +Vrtti हर्षकीत्ति म वृ. (प.ग. " +बा. +Bi'. मू बा. प.ग. कुंथुनाथ 436 1189 के नाथ 5170 1190 1191 प्रोसियां 2/219 6/26 +बा. " +Bila. , राजशील For Private and Personal Use Only Page #186 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra जैन तात्त्विक, प्रोपदेशिक व दार्शनिक : प्रोपदेशिक कठिन प्रश्नों का शास्त्रीय निराकरण तात्त्विक दार्शनिक " 19 "3 6 " आगम उद्धरण (मंडनार्थ) ( " )" ,, ( शास्त्र सारांश 17 33 " तात्त्विक बोल संग्रह मा. "1 11 "1 " 1 11 "" 93 मा. प्रा.सं. मा. प्रा. प्रा.सं. प्रा.मा. भागम उद्धरण श्रीपदेशिक सुभाषित सं. 7 SIT. प्रा.मा 11 ) प्रा मा. 11 प्रा.मा. 17 13 21 सं.मा. " सं. 6 प्रामा. 48 112 2 2* 6 17 4 8 12 43 17 13 43 34 49 13 5 18 9 27 10 19 27 59 7 www.kobatirth.org 8A 28 × 11 × 13 × 50 संपूर्ण 56 पद 25 x 11 × 15 x 45 32 x 12 x 15 x 40 26 x 11 x 19 x 56 30 x 11 x 17 x 48 28 x 13 x 15 x 42 26 × 12 × 15 × 40 26 × 11 × 5 × 56 26 × 11 × 16 × 54 24 × 1 1 × 10 × 29 25 × 11 × 11 × 42 17 13 26 x 11 x 17 x 55 27 x 12 x 3 x 32 26 x 11 x 13 x 40 27 × 12 × 15 × 39 22 × 10 × 13 × 29 प्रतिपूर्ण 30 x 11 × 21 × 46 27 x 12 x 3 x 25 26x12 x 16 x 42 25 x 10 x 13 x 40 )" " "" 11 "2 31 19 19 17 "" 37 33 "1 == 152 गाथायें 13 छंद "1 50 गा. 11 9 31 50 TT. #1 50 11 98 26 x 11 x 15 x 45 26x11x9x40 26 × 12 × 13 x 40 त्रुटक 25 × 11 × 13 × 36 संपूर्ण 97 श्लोक 26 x 11 x 17 x 56 99 की 100 अपूर्ण 17वीं संपूर्ण 99 श्लोक की ग्रं. 215 1665 संपूर्ण 99 श्लोक 1692 104 11 100 श्लोक 12 For Private and Personal Use Only 97 श्लोक 19 Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 11 10 1839 1467 19वीं 1505 16at 19वीं 19वीं 19वीं 1877 19वीं 18वीं 1803 1803, जूणपुर मनरूप 1911 1691 17at 1701 1706 1731 1747 1759 1776 [ 169 11 16 श्लोक तक टब्बा Page #187 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir _170 ] भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग-(प्र) 3A 45 मूट. (प.ग. Sindūra Prakara सोमप्रम 1192 | कोलड़ी 1236 | सिंदूरप्रकर 1193 | के.नाथ 22/64 1194 मुनिसुव्रत 2/265| 1195 | के.नाथ 21/53 , +वृत्ति 1196 | , 21/54 मू. (प.) मू.व.(प.ग.) +Vrtti हर्षकोत्ति मू. (प) 1197 | महावीर 2/21 +Bala. " +बा. मू.बा. (प.ग. 1198 " +बा. +Bala. ../राजशील | कोलड़ी 125 1199 | के.नाथ 23/5 1200 | कोलड़ी 127 मू. (प.) मू ट. (प.ग.) मू. (प.) , 8 प्रतियां 8 copies 1201- के.नाथ 10/30, 8/21/22,21/46, 22/58,23/18, 24.22,27,51, 6/120 1209-| महावीर 2-133, 131 , 2 प्रतियां 2 copies 10/ , 4 प्रतियां , 4copies 1211- ओसियां 2/154-| 145-6,220 1A , 3 प्रतियां 3 copies 1215- कुंथुनाथ 4/93, 37/4,41/4 6 प्रतियां 6 copies 1218- कोलडी 119 से ___23,1186 1224 | सेवामंदिर 2/375 1225 प्रोसियां 2 9411 1226 | कुंथुनाथ 33/2 3 प्रतियां 1227- के.नाथ 14-18, 29/ 21-2,20-10 3 copies , +वृत्ति +Vrtti ./हर्षकीत्ति मू.व. (प.ग.) 1230 | के.नाथ 13/44 1231- कोलड़ी 124, ___32 1349 , +वृत्ति 2 प्रतियां * Scopics| " " +Vrtti 2 copies , For Private and Personal Use Only Page #188 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जन तात्त्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक : [ 171 6 7 8 8A | 10 1778 प्रौपदेशिक सुभाषित्व सं.मा. 18 24x11x6x46 संपूर्ण 98 श्लोक 27x12x8x42 18वीं 27x11 x 13x40 18वीं 26x11x14x42 , 100 श्लोक 1811 26x11x13x40 1813 26x12x10x39 कथासह 1840 राजनगर 53 27x11x16x44 1847 26x11x13-47 1847 | 100, 1850 26 x 11x5 x 32 16 16, 22 से 28 x 9 से 13 9.9.10 20,8 13 सात पूर्ण पाठवीं, अपूर्ण| 19/20वीं |, 9,7 | 27 x 11 व 14 x भिन्न | संपूर्ण 99, 100 19वीं 6,8,9, 25x12 26x11 . 100 से 103 19वीं 26,9,10 25 से 27 x 11 से 14 | , 100 श्लोक 19/20वीं 17,11. 23 से 27 x 10 से 13 पांच संपूर्ण, अंतिम अपूर्ण | 19वीं 11,12 सं.मा. | 15 24x13x6x42 पूर्ण 99 श्लोक 1877.वल्लभी दर्शनविनय 26x 13x4x40 , 101, 1956,जोधपुर फतेकरण 25x13x10x45 |, 100 , 1941 11,19, 25 x 11 x भिन्न 2 | प्रथम 2 संपूर्ण अंतिम अपूर्ण 19वीं 21] | 7 27x12 x 15 x 48 | अपूर्ण, गुरु भक्ति द्वार तक 19वीं 30, 426x11x15/11 | प्रथम पूर्ण द्वितीय अपूर्ण 6] 19वीं श्लोक 35 For Private and Personal Use Only Page #189 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 172 ] भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग--(प्र 3 3A 4 | Sindura Prakara+Avacāri सोमप्रभ 5 मू.अ. (प ग. - 1234 , + बनारसीदास मू.पद्यअनुवाद। 1235 Sindūra Prakara Bhāsā | बनारसीदास 1233 | कोलड़ी 126 | सिंदूरप्रकर+अवचूरि , 135 | , +पद्यानुवाद | प्रोसियां 2/221 सिंदूरप्रकर-भाषान्तर कुंथुनाथ 11/201 ॥ 1237 | सेवामंदिर 2/428 1238 | के.नाथ 19/95 | सिंधुचतुर्दशी आदि 1239 | मुनिसुव्रत 2/272 | सुकृतमुक्तावली Sindhuchaturdasi etc. अज्ञात Sukstamuktavali संकलन मू.ट. (प.ग. Sūktāvali 3 copies 1240- महावीर 2/397- | सूक्तावली 3 प्रतियां 42 8,401 1243 के नाथ 17/22 सुख-दुःख पद्यसंग्रह 1244/ प्रोसियां 2/302 | सूपद्धतिलता Sukha Duhka Padyasang. raha Supaddhati Lata वादिहर्षनंदि (समयसुंदर ग. का शिष्य) Subhāşita Kosa सकलन 1245 | महावीर 2/400 | सुभाषितकोश Subhāşita Ratnasāra संकलनकर्ता मेवचंद मुनि , 1246 कुंथुनाथ 20/23 | सुभाषित-रत्नसार 1247 भुनिसुव्रत 3 इ 303 सुभाषित-श्लोकसग्रह 1248- के.नाथ 6/12, 2 प्रतियां 49 19/72 Subhāsita Sloka Sangraha | संकलन 2 copies Subhāşita Sangraha पद्य-गद्य 1250- कोलड़ी 134,1148, सुभाषित-संग्रह 2 प्रतियां 51 1252 सेवामदिर गुटका 6दे. सुमति-बत्तीसी Sumati Battisi लाभगणि Sūktamála केशरविमल 1253 मुनिसुव्रत 2/317 सूक्तमाला 1254 | कोलड़ी 136 1255 के नाथ 5/33 1256 | महावीर 2/399 1257 सेवामंदिर 2/367 1258 प्रोसियां 2/239 1259 | के.नाथ 11/93 कोलड़ी 137-8, 1260 1190A , 3 प्रतियां , 3 copies For Private and Personal Use Only Page #190 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra जैन तात्त्विक प्रोपदेशिक व दार्शनिक : पदेशिक सुभाषित सं = "" " 21 "" जैन सुभाषित श्रौपदेशिक 6 17 "" श्रीपदेशिक सुभाषित मा. सिद्धान्त उपदेश सं. कथासह "" " "1 " 31 11 ध्यान योग विषयक मा. धार्मिक सुभाषित प्रा.सं.मा 9 39 हि सं. हि 12 व्रतों पर उपदेश मा. चार पुरुषार्थ उपदे प्रा.सं. he 7 प्रा.सं. 11 (जैन) संमा. " "3 "1 "1 8 17 गुटका 13 6 10* 13,3, 9 प्रा.सं.मा. 13,9 181 65 73 6 4,6 4 8 8 9 11 8 13 10 15 www.kobatirth.org 8 A 30 × 11 × 14 × 45 लगभग पूर्ण अंतिम पन्ना कम 19वीं 24 x 9 x 14 x 60 संपूर्ण 100 श्लोक का 19वीं 101 छंद 24 x 1 x 15 x 48 22 x 17 - 23 x 13 x 11 × 39 त्रुटक 26 × 12 × 15 × 42 संपूर्ण 14 गा. 23 x 12 x 5 x 38 संपूर्ण 63 श्लोक 26 × 12 × 13 × 36 प्रतिपूर्ण 161,53,243 20वीं श्लोक "1 " 3 1 × 15 × 12 × 40 संपूर्ण 187 दोहे 25 x 1 x 12 x 41 ग्रं 6001 26 × 11 × 17 x 58 25 × 11 × 18 x 66 24 x 10 x 7 x 34 26x1125 x 12 11 13 "1 11 27 x 10 व 25 x 11 14 × 11 × 12 × 20 संपूर्ण 36 पद 2 5 × 1 1 × 16 x 40 23 × 10 × 15 × 48 संपूर्ण 26 x 11 x 13 x 38 " 9 2806 श्लोक 2170 श्लोक 68 श्लोक 19वीं प्रथम पूर्ण, द्वितीय पूर्ण 19वीं וי 100 "1 11 187 गा. चारों पुरुषार्थ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 177 गा. 198 गा. For Private and Personal Use Only 25 x 12 x 15 x 46 25 x 12 x 16 x 40 27 x 14 × 15 x 43 20 वीं 25 x 11 x 15 x 30 19वीं 8,13,1025 से 27 x 11 से 13 प्रथम दो पूर्ण, तीसरी अपूर्ण 19वीं 1861 19वीं 19वीं 19वीं 19वीं नागौर 19वीं 20वीं 16at 1767 19वीं 1841 10 1805 1812 1832 19वीं 1866 [ 173 11 साथ में अन्य स्तवनादि भी हैं प्रशस्ति है 81 श्लोक ज्योतिष है 1754 की कृति Page #191 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 174 ] भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग-(अ) 3A 1 2 3 3A 45 1261 | कोलड़ी 139, | सूक्त.माला+बाला. 2 प्रतियां Suktamala+Baa. 2 copies ,,/ म.वा. (प.ग.) 1100 मू. (प.) 1262 | कुंथुनाथ 10/146| सूत्रप्राभृत Sutra-prabhrta 1263 | के.नाथ गुटका 14| स्याद्वादसूचक महावीर स्तवन Syadvāda Sucaka Maha-| वा. विनयविजय ____vira, Stavana 1264 प्रोसियां 2/292 | स्याम्यशतक Syāmya Sataka सिंहमूरि मु वृ. (प.ग.) 1265 कुंथुनाथ 36/1| स्वरूप संबोधन पंचविंशत्ति+ Svarāpa Sambodhana क्रम 26 वृत्ति Pancaviisati+ Vrtti 1266 | के.नाथ 18/15 | स्वाध्याय-संग्रह Svadhyāya Sangraha मेघविजय 1267 Hiyali 3 | सेवामंदिर गुटका | हियाली 3 6दे. |Hingula Prakarana2copies विनयसागरोपाध्याय | म. (प.) 1268-| महावीर 2/132,| हिंगलपकरण 2 प्रतियां 691 19 ग प. 1270. | कुंथुनाथ 14/34-फूट अपूर्ण व लघ ग्रंथ व टक | Stray Pages of Incompleteभिव 7838, 18/32-34, पन्न 9 प्रतिया works etc. (9 copies) 10/187 1279 | महावीर 1098, 1102.1812 14-16-17 1280 | ओ सयां बस्ता 20| दुबारा 1281 मुनिसुव्रत बस्ता 7 1282 | सेवामंदिर यस्ता 19212) 125) 1283-| कोलड़ी बस्ता 69 87 70/ (5 प्रतिया 2 बस्ते) (5 copies + 2 Baste) 1288-| के नाथ 881-3, 89 900, 1028-58 28/27,30 (2 प्रतियां) (2 copies) For Private and Personal Use Only Page #192 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अन तात्त्विक प्रोपदेशिक दार्शनिक : [ 175 ___ 10 11 ___ 6 7 | 8 | 8A र पुरुषार्थ उपदेश मा. 19, 9 25 x 11 x 11/14 x | दोनों प्रतियें अपूर्ण 30/45 19वीं तात्त्विक 27x11x13x48 | संपूर्ण 26 गा. 17वीं दार्शनिक 16x14x11x18 , 3 ढालें 19वीं भोपदेशिक 19वीं 25x11 x 15 x 31 गुटका | 23 x 20 x 21 x 38 , 105 दोहे ,, 26 श्लोक यशोविजयजी द्वारा संपादित तात्विक 1544 मोपदेशिक सज्झाये मा. । 26x11x15x47 ., 8 सज्झायें + कलश 18वीं मानोपकरणों पर , 14x11x13x20 | " 3 गीत 1841 भोपदेशिक सं. | 15,9 | 29 x 14 व 27 x 12 | , 35 उपक्रम 19वीं तात्त्विक प्रौपदेशि- प्रा.सं.मा. कुल 11| 24 से 30 x 10 से 15 पूर्ण अपूर्ण पन्न 17/20% 1-1 पन्ने के 8 ग्रंथ 1 ग्रंथ 3 पन्नों का कादि ,241, 24 से 30x10 से 15 17/20वीं | बस्ता. 80 35 | 24 से 30x10 से 15 17/20वीं ,,200 | 24 से 30x10 से 15 17/20वीं 17/20वीं 1,337 | 24 से 30x10 से 15 ,683 24 से 30x10 से 15 17/20वीं 1,2328| 24 से 30x10 से 15 17/20वीं For Private and Personal Use Only Page #193 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 122 14 15 16 17 18 19 20 21 22 16/46 | नयरहस्य 13 सेवामंदिर 6 ग्रा 32 नयस्वरूप के. नाथ 16/46 नयोपदेश 23 176] 24 1 25 के. नाथ 22 /21 16 / 46 16/46 जिनस्तोत्राणि महावीर 6 प्र 8 देवधर्मं- परीक्षा h. नाथ 15 / 116 द्रव्यपदार्थ (किरणावत्यां ) महावीर 6 10 द्रव्यानुयोग तर्करगा 6 श्री 21 11 ." 13 "" 17 2 " के. नाथ 4 / 27 | सेवामंदिर 3 इ345 नयनिक्षेप वीरस्तवन महावीर 6 ग्रा 13 नयप्रदीप के नाथ 11 /110 " अपशब्द खण्डन प्राध्यात्मिक मतपरीक्षा नयचक्र 26/ 104 निमित्त उपादान कारण 26/68 न्याय ग्रन्थ ( ? ) 29/27 महावीर 6 ग्रा 6 न्यायप्रवेश के नाथ 10/95 न्यायसार - सटीक महावीर 6 ग्रा 15 न्यायसार की टीका के. नाथ 29/8 महावीर 6 12 न्यायार्थ - मंजूषा 6 या 19 के. नाथ 5/56 " 3 "} "1 की वृत्ति (? ) 31 परसमय- विचार 14 / 93 | पंचनयविचार-स्तवन www.kobatirth.org Jina Stotrāņi Deva Dharma Parikṣā 3 A Apa Sabda Khandana मान सर्वज्ञ Adhyatmika Mata Pariksā उ. यशोविजय "" Naya Rahasya Naya Svarupa Dravya Padārtha (Kirana. उदयन श्राचार्य valyām) Dravyanuyoga Tarkaṇā भोजसागर Nayacakra देवसेन Nayanikşepa Vira Stavana रामविजय Nayapradipa Nayopadeśa Nimitta Upadana Kāraṇa Nyāya Grantha ( ? ) "" भाग ( 2 ) जैन सिद्धान्त व प्राचार / विभाग (प्रा) 37 23 Nyaya Pravesa Nyayasara+Tikā ki Vrtti (?) Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ki Tikā Nyāyārtha Mañjūṣā Parasamaya Vicara Pañca Naya Vicara For Private and Personal Use Only " 11 4 विजयसिंह शिष्य उ. यशोविजय उ. यशोविजय हरिभद्र जिनसमुद्र / श्रीमद् रत्नपुरि भट्टारक ? / जयसिंहसूर 32 11 हेमहंसगरि स्वोपज्ञ ग. 31 प. ग. 11 प. ग.प. ग. 21 "1 " " वृ. गद्य में मू. + टी. (ग ग. 33 वृ. ग. "1 ग. 5 कीर्तिविजयवाचक शिष्य प. Page #194 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जैन न्याय : [ 177 6 7 8 9 ___ 10 11 8A 26 x 11x17x57 | संपूण न्याय ग्रंथसं. 2 19वीं खंडनवृति | 26x13x16x44 | 19वीं न्याय शैली भक्तिगीत, 19वीं 26 x 13x16 x 44 |, 4 स्तोत्र 27x13x15x53 || संपूर्ण खंडन मंडन स्वपर , 19वीं समय न्याय ग्रन्थ 26xllx13x43 , ग्रंथान 2000 19वीं 26x12x14x42 किरणावली में से; पन्ने 10 व 11 कम मूल ग्रंथ की टीका प्रशस्ति है 15 अध्याय 18वीं 21x11x7x20 19वीं 29x14x11-28 19वीं जैन-न्यायानुसार 27 x 12 x 16x56 , 33 गाथा 19वीं 25 x 12 x 14 x 42 | संपूर्ण 18वीं 30x15x7x23 19वीं * | 26x 13x16 x 44 19वीं 25x11x18x57 18वीं 46* | 26 x 13x16x44 19वीं 26x11x13x37 19वीं न्याय ग्रन्थ अपूर्ण (पन्ने 4 से 9) बीच के नामादि का पता नहीं पड़ा मूलग्रंथ की वृत्ति है, 26 x 11x15x64 | , (पन्ने 10 से 15)बीच के 17वीं न्याय ग्रन्थ | 29x13x10x39 संपूर्ण 18वीं गौतमसूत्र पर टीका 27x11x17x60 19वीं 28x12x16x63 15वीं 24x10x17x72 | अंतिम पन्ना मात्र प्रागम | 16वीं परिच्छेद का 26 x 12 x 13 x 47 | संपूर्ण ग्रं. 1400 17वीं न्याय तात्पर्य दीपिका नाम्नी परेके ग्रंथान 3035 तीन परिच्छेद मूल ग्रंथ की टीका न्याय ग्रन्थ वपर सिद्धांत न्याय 26 x 11 x 17x61 | अपूर्ण 17वीं 26 x 11 x 17 x 55 | संपूर्ण ग्रं. 200 19वीं 37x13 x 17x35 संपूर्ण 6ढाले+कलश+दोहे| 19वीं भक्ति/नयविचार For Private and Personal Use Only Page #195 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 178] 1 के. नाथ 16/46 11 पातञ्जलयोग दर्शन टीका 2/18 प्रमाणनयतत्वालोकालंकार 14/39 11/3 महावीर 6 23 ओसियां 6 या 31 19 "1 91 "1 2 महावीर 6 प्रा 16 | c. नाथ 26/99 प्रमाणशास्त्र ( ? ) 21 / 27 | प्रमाणसुन्दर 7/48 वर्द्धमान इन्दु महावीर 6 ग्रा 5 विप्रवक्त्रमुद्गर " "1 1) 3 15 6 मा 3 के. नाथ 16 / 45 स्याद्वादमंजरी महावीर 6 ग्रा 9 11 6 प्रा 12 सन्मति तर्क सवृत्ति Patanjala-yoga Tikā Pramānanaya Tatvāloka देवाचार्य lankara मू. प. प्रमाणनयतत्व लोकालंकार Pramānanaya Tatvālokāla- वादिदेवसूरि / रत्नप्रभा मू. + बृ. सटीक nkāra चार्य " www.kobatirth.org सटीक स्याद्वाद पुष्पकलिका 3 A 11 "1 39 39 Pramana Sastra 33 ,, भाग ( 2 ) जैन सिद्धान्त व प्राचार / विभाग - (प्रा) Sundara Vardhamana Indu Sy advada-mañjarī Vipravaktra Mudgara Sanmati Tarka + Tikā 6 या 12 सप्तनय विवरण रास बाला. स Saptanaya Vivarana Rāsa + Bā ā Saptabhañgi Naya Pradipa उ. यशोविजय 16 / 46 सप्तमंगी नयप्रदीप हेमचन्द्राचार्य Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir For Private and Personal Use Only +Tika ,, Puspakalikā उ. यशोविजय 11 23 4 बलभद्र पद्मसुंदर (ममेरु का शिष्य) 31 39 " सिद्धसेन / अभयदेव ( प्रद्य ुम्नसूरि शिष्य मानविजय ) वाचक संयम ग "1 31 39 ग. "1 " ग.प. मू. + बृ. (प.ग.) 5 मू. + बा. (पग.) ग. मू. प. मु.वृ. पञ्च Page #196 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जैन न्याय : [ 179 6 7 8 A 9 10 11 11 स्याद्वादमतानुसार सं. 26x13x16x44 संपूर्ण 19वीं न्याय ग्रन्थ 30 x 14 x 16 x 53 , 8 परिच्छेद 19वीं जैन न्याय 26 x 11x19x59 लगभग संपूर्ण (किञ्चित् | 16वीं कम) पाठवां परिच्छेद 28 x 17x16x41 संपूर्ण 8 परिच्छेद ग्रं.5000| 19वीं रत्नाकरावतारिका नाम्नी लघु टीका 30x14x15x61 | 1943 x अमर 27x11x13x42 1967 जोधपुर वीरचंद 24x12 x 24 x 72 | अपूर्ण 6ठे परिच्छेद तक | 17वीं न्याय शास्त्र 26x11x13x44 अटक 25 x 11 x 15 x 50 | संपूर्ण ग्रं. 825 17वीं | सही नाम का पता नहीं 1725 x शांति- पहिला पन्ना कम विजय 1666 26x11x15x60 , ग्रंथान 3436 ब्राह्मण निर्णय 30x14x 15x46 | संपूर्ण 18वीं जैन न्याय ग्रन्थ 1964 28 x 13x16 x 48 | , ग्रं. 25000 27x12 x 11 x 42 | , 90 पद 18वीं x कवीन्द्र सागर 19वीं 19वीं 26 x 13x16 x 64 21x11x11x32 ,, 24 श्लोक 27x13x12x41 | , 32 श्लोकों की | 30x14x9x40 272 श्लोक 17वीं 1946 For Private and Personal Use Only Page #197 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 180 ] भाग/विभाग : 3 (अ)-जैन भक्ति व क्रिया-पर्वव्रत 3A 1 | Aksaya Trtiya Katha etc. | महावीर 3 आ 126| अक्षयतृतीया-कथादि | , 3 प्रा 2 | अक्षयतृतीया-व्याख्यान | Aksaya Trtiya Vyākhyānal - क्षमाकल्याण सेवामंदिर 3ा 173 प्रोसियां 3 आ 168 के.नाथ 18/59 -क्षमाकल्याण , 2 प्रतियां ,, 2 copies | कोलड़ी 180,945 । , 945 9 प्रोसियां 3 पा 137) कुंथुनाथ 32/4 11-2 महावीर 3 प्रा114 अक्षयनिधितपविधि 2 प्रतियां Aksaya Nidhi Tapa Vidhi| पदमविजय 3 इ29 2 copies , 3 5 167 अधिवासना-विधि Adhivāsanā Vidhi वल्लभसूरि कुंथुनाथ 45/6 | अष्टोत्तरीस्नात्र व प्रतिष्ठा | Astottari Snātra & Prati. विधि ştha Vidhi कोलड़ी 403-4-6 " ,3 प्रतिया 3 copies के.नाथ 6/89 | असज्झायविचार Asajjhāya Vicāra " 11/108 | प्राचारदिनकर Ācāradinkara वर्द्ध मानसूरि | कोलड़ी 766 | महावीर 3 आ 23 , ,, 3 आ 100 | पालोचना 2 प्रतियां Alocanã 2 copies 102 , 3 या 103/ पालोचना-तप , Tapa Dāna भुवनरत्नाचार्य Vicara के नाथ 19/127 पालोचना-दान महावीर 3 या 101 आलोचना विचार कोलड़ी 373 ,, 374,372 | 2 प्रतियां 30-1 | महावीर 3 आ 97. 2 प्रतियां , 2 copips 98 32 | कुंथुनाथ 24/4 | पालोचना-विधि ,, Vidhi For Private and Personal Use Only Page #198 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कथा धार्मिक विधि विधान : [ 181 6 7 8 8A 10 1875 19वीं पर्वव्रतकथा सं. | 25* | 25 x 12 x 14 x 35 | संपूर्ण चार गाथा पार्मिकपर्व-व्याख्यान प्रा.सं. | 2 | 25x12x17x48 26 x 11 x 15 x 45 25 x 11 x 20 x 41 1859 19वीं साथ में चैत्री पुनम व्याख्यान जीवराजका पर्वव्याख्यान 27x11x16x36 19वीं ,3 19वीं 25x10/12x11x 44 26x11x17x35 19वीं 24x11x15x38 1940 बीकानेर कंवलागच्छे 1944 24x12x12 x 28 प्रक्षयतृतीया कथा मा. विधि स्थापनाविधि-विधान सं. 28x13x16/13x ,, ग्रं 188 (पांच ढालें 20वीं व स्तव) 20x10x11x35 | संपूर्ण 38 श्लोक 18वीं मा. लबा रॉल 19 से. चौड़ा | संपूर्ण लंबा रॉल 1946 प्रतिष्ठा संलग्न विधियां प्रतिष्ठा बिम्बस्नात्र 19वीं स्वाध्याय समय नियम 25 से 29 x 12 से 13 | संपूर्ण 26 x 11x11x39 30 x 12 x 15 x 47 , 14000 ग्रं. 19वीं जनाचारविधि-पास्त्र सं. 1894 14065 व्रत भंग दंड विधान मा. 26x13x11x37 | अपूर्ण-प्रतिष्ठा विधि अधि- 19वीं कार 28 x 13 x 15 x 38 संपूर्ण 41 अध्याय ग्रं. | 20वीं बीजक व प्रशस्तिसह 21x11 व 27x12 | संपूर्ण 20वीं(1 गोपीचंद द्वारा) | प्रतिपूर्ण तालिकासह | 20वीं x सुमति मण्डन 26x10x15x44 सं | संपूर्ण 40 श्लोक+गद्य | 19वीं 24 x 12 X श्रावक प्रायश्चित्त ,, विधान प्रायश्चित्त विधि | प्रा.सं. टिपण्णक प्रायश्चित्त विवेचन मा विधि । 25x10x16x48 ,, यंत्रसह 16वीं 28x12x14x44 | संपूर्ण 1786 मा. 3, 3 25x11 व 26x12 19वीं 20वीं श्रावक " , " अतिचार दंड विधान सं. 27x13x12/15x 48/36 25x13x16x42 19वीं For Private and Personal Use Only Page #199 -------------------------------------------------------------------------- ________________ www.kobatirth.org www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 182 ] भाग/विभाग : 3 (अ)-जैन भक्ति व क्रिया-पर्ववत 3A 4 5 Alocană Vidhi क्षमाकल्याण 1 33 34 35 2 3 के.नाथ 23/16 | आलोचना-विधि , 23/7 कोलड़ी 371 , 3 copies Āvasyaka Pañcāśikā Āvaśyaka Vidti जिनवल्लभ Indriyajaya Ādi Tapa 36-8 | महावीर 3 पा 96 3 प्रतियां 99,166 | कुंथुनाथ 16/13/ 40 , 55/20 अावश्यक-पंचाशिका । प्रोसियां 2/152 | आवश्यक विधि महावीर 3 प्रा 117 इन्द्रियजय प्रादि तप , 7479 | उत्कालिककालिकदीप | के.नाथ 23/70 | उपकरणानि सेवामंदिर प्रा 172| उपधान अादि विधियां | महावीर 3 प्रा 82 कोलड़ी 399 | Utkálikakālika Tipa Upakarņāni Upadhāna Adi Vidhiyan 48-9 | महावीर 3 आ 59/ , 2 प्रतियां ,, 2 copies 91 , 3 पा 94 | उपधान पालोचनाविधि | Upadhāna Alocana Vidhi उपधान-क्रिया Kriya | - Nitya Kartavya| समयसुंदर etc. Vidhi , 3 प्रा 85 उपधान नित्य कर्त्तव्य व तपो विधि आदि 53 कोलड़ी 400 | उपधान-विधि 54-6 महावीर 3 प्रा 89. 3 प्रतियां 84,83 57 , 3 या 92 उपधान सम्बन्धी प्रावधान , 3 copies , Sambandhi Pravadhāna Upadhāna Stavana 2 copies| समयसंदर 58-9 | के.नाथ 11/115| उपधान स्तवन 2 प्रतियां 23/94/ , 26/40 कीतिविजय प्रोसियां 3 इ 190/ महावीर 3 ई 27 विनयविजय | कोलड़ी 204 | कार्तिक पूर्णिमा व्याख्यान Kārtikapārnimavyākhyānal - For Private and Personal Use Only Page #200 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कथा धार्मिक विधि विधान : [ 183 9 10 11 6 7 8 अतिचार दंड विधान मा. | 11 8A 25 x 13 x 13x37 | संपूर्ण 19वीं 27x13x15x41 |, ग्रंथान 94 19वीं संपूर्ण सूतकविचारसह | 19वीं 25 से 27 x 12 से 13 | तीनों प्रतियां पूर्ण श्रावक अतिचारदंड, विधि 20वीं अजमेर, अजीमगंज मे 1945 नित्यकर्मविधिविधान 17वीं 24 x 13 x 17x44 | संपूर्ण 26 x 11 x 15 x 52 | , 50 गाथा 26 x 12 x 11 x 40 , 40 गाथा 27 x 12 x 13 x 48 | संपूर्ण 16वीं तप विधियां 19वीं स्वाध्याय कालनियम , 26x10x 18वीं 19वीं साधु परिग्रह मर्या- प्रा.मा 26x12x5x29 दादि चामिक क्रियाविधियां प्रा.सं.मा 34 | 27x13x13x38 | प्रतिपूर्ण 18वीं 24x13x21x38 1829, वासा भीमसागर 1872 R 27x11x15x62 23,22 27x12x12x39 20वीं उपधान तप-भंग दंड ,नित्य कर्त्तव्य 25 x 11 x 18 x 49 लगभग पूर्ण (पहिला पन्ना 1802 राजदुर्ग कम) 25 x 12 x 14x36 20वीं x नरेन्द्र सागर 26x11x20x48 18वीं " सं+मा 3. क्रिया विधि मा. 3 27x10x19x 65 19वीं | 19/20वीं 20वीं उपधान तप के निय मादि भक्ति विधि काव्य 19वीं 23 से 28 x 11 से 13 ,, विस्तार सहित 26 x 12 x 12 x 44 | प्रतिपूर्ण 24 x 11 x 17/13x पूर्ण 17/18 गा. 38 25x12x13x47 ,26 गा. 26x11x12x38 संपूर्ण 27 गा. 25x14x12x30 , 26 गा. 19वीं 19वीं 20वीं पर्व व्याख्यान शत्रुजय 25x13x12x30 19वीं परक " For Private and Personal Use Only Page #201 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 184 ] भाग विभाग : 3 (अ)-जन भक्ति व क्रिया-पर्वत 3 3A 64-8 महावीर 3 आ55/ कालग्रहणादि योग विधि से 57,74, 61 5 प्रतियां Kalagrahanādi Yogavidhi 5 copies 69 | महावीर 3 प्रा 25 खरतर समाचारी व तिथिपइन्नो Kharatara Samācāri & | अभयदेवसरि Tithi Paindo Gaccha-samācāri Gamesa Caturthi Kathā कल्याणवर्द्धन Gunane-ki-Tipa यंत्र तालि सेवामंदिर 3 प्रा142| गच्छ-समाचारी के.नाथ 23/82 गणेश चतुर्थीकथा | महावीर 3 आ 17 गुणने की टीप के.नाथ 21/24 चतुपर्वी-कथानकम् सेवामंदिर 3 प्रा174 चातुर्मासिक-व्याख्यान प्रोसियां 3 प्रा 152 ,, 3 प्रा 151 Catuparvi Kathānakam Caturmāsika Vyākhyāna मु. व्याख्य समयसुंदर कोलडी 185 367 181 पाठक धर्ममंदिर 80 सेवामंदिर 3 आ173/ | के.नाथ 2 प्रतियां 2 copies 5/36, 24/53 4 प्रतियां , 4 copies 83-6 | कुंथुनाथ 10/170 *32/1, 29/15 42/42 87 कोलड़ी 187 महावीर 3 आ3 मू +व्यार 4 प्रतियां 4 copies 89-92 | प्रोसियां 3 आ 27, 3 पा 150, 1491 1481 93-4 के.नाथ 21/4-76 2 प्रतियां , 2 copies 7प्रतियां , 7 copies 95. | कोलड़ी 182-3___101 4-6, 1090-1 1126 For Private and Personal Use Only Page #202 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कथा धार्मिक विधि विधान : [ 185 | 8A 9 10 10 11 11 साधु धार्मिक व अंतिम मा. क्रिया 2,2,4, 25 से 28 x 12 से 13 संपूर्ण 20वीं 7,6 | 28x13x15x47 ग्रं. 1500 दैनिकचर्या के विधि | प्रा.सं. 36 विधान 1967, नागौर, नरोत्तम साधु जीवनचर्या 17वीं नियम पर्व कथा मा. 1912 31x10x 30 x 17 | , 70 गाथा 25 x 11x15x47| संपूर्ण 27x12x- | , ग्रं. 785 26x11x17x51 | संपूर्ण धार्मिक क्रिया पाठपद प्रा सं.मा | 18 19वीं पर्व कथा 19वीं (मास में 4 या 6 पर्व चर्चा भी है) पर्व व्याख्यान पद्धति प्रा.सं + 19 25x12x14x42 18वीं 25x10x13x37 , ग्रंथाग्र 2101748,बीकानेर. महिमासुंदर 26x11x13x40 , 1848, सिंहाम सर,लक्ष्मीसुंदर 26 x 10 x 15 x 44 | संपूर्ण 1797 25x11x13x32 1804 1825 25 x 11 x 19 x 60 , ग्रं. 528 प्रा.सं. | 30* 26 x 11 x 15 x 45 11,10/25 - 11 x 11/14x | , दृष्टांत सहित 321 1859x मति-कुछप्राकृत गाथा साथ कुशल में 5अन्यपर्वव्याख्यान | 19वीं 12,9, | 25 से 26 x 11 से 13 प्रथम 2 पूर्ण अंतिम 2 अपूर्ण| 19वीं 7,4 26x10x16x52 | संपूर्ण 19वीं 25x12x15x40 20वीं | 9,22, | 25 से 26 x 10 से 12 | 139 19/20वीं प्राकृत मूल के अनुसार 18,16/26 x 14 व 26 x 12 | प्रथम पूर्ण दूसरी अपूर्ण | 19/20वीं 10,14 | 24 से 27 x 10 से 13 प्रथम 4 पूर्ण अंतिम 3 अपूर्ण 19/20वीं 10,11, 5,10, For Private and Personal Use Only Page #203 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir _186 ] भाग/विभाग : 3 (अ)-जन भक्ति व क्रिया-पर्ववत 1 2 3 3A 102 | ओसियां 3428चातर्मासिक संवत्सरी प्रति- | Caturmasika Samvatsari क्रमण विधि Pratikramaņa Vidbi 103 | के.नाथ 26/75 | चैत्यवन्दन-विधि Caityavandana Vidhi | कोलड़ी 416 | चैत्र पूणिमा देववंदन विधि | Caitrapurnima Devavan dana Vidhi 105 , 95 चैत्र पूर्णिमा व्याख्यान Caitrapurnima Vyakhyāna| संघाचार (वृत्ती) 106-7 | महावीर 3 आ1, , 2 प्रतियां ,, 2 copies 126 108 | कोलड़ी 179 109 प्रोसियां 3 प्रा 147 के.नाथ 19/27 चौदहनियम स्वरूप Caudaba-niyama Svarūpa 111 मुनिसुव्रत 3 या 162| छप्पन दिशाकुमारी जन्म | Chappana Disakumari महोत्सव Janma Mah. tsava 112 | , 3 अ 134 छप्पन दिशाकुमारी जन्म । Chappana Diśākumari महोत्सव Janma Mahotsava 113 | कोलड़ी 1351 | जलगालण विधि रास Jalagālaņa Vidhi Rasa मू ट. (ग.) ज्ञान भूषण 114 | के नाथ 16/37 जिनबिंब प्रवेशादि विधि | Jinabimba-pravesadivdhi 115-8 कोलड़ी 424 से 27 4 प्रतियां , 4copies 119- 422-3 | तप विधियां 2 प्रतियां Tapa Vidhiyān 2 copies । 20/ 121 महावीर 3 या 107तिलक तपस्या स्तवन Tilaka Tapasyā Stavana 122 , 3 पा 105 | तेहत्तर तप विधियाँ Tehattara Tapa Vidhiyān 123 सेवामंदिर 2/371| दसकल्पार्थ Dasakalpārtā Dikpāla Grahapūja (मंत्र) Diksadi Vidhāna 124 कंथुनाथ 13 | दिकपाल ग्रह पूजा के नाथ 1991 | दीक्षादि विधान 126-7| कोलड़ी 958-9 | दीक्षा विधि 2 प्रतियां 128 कुंथुनाथ 35/9 Diksa Vidhi 2 copies विधिप्रपानुसार 2 प्रतियां 2 copies 129- कोलड़ी 401,8 30/ 131 | कुंथुनाथ 12/202 3 copies 132-4 महावीर 3 या 51 3 प्रतियां 2,120 135 | , 3 प्रा 54 (बड़ी) दीक्षा विधि (Baid) Diksa Vidhi शिवनिधानगणि For Private and Personal Use Only Page #204 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra कथा धार्मिक विधि विधान : आवश्यक क्रियाविधि प्रा.मा. 11 11 6 पर्व क्रिया पर्व व्याख्यान व्रतकथा सं. 21 31 " श्रावक दिनचर्या व्रत जिन जन्माभिषेक परंपरा 11 21 विभिन्न तपस्यानों की विधिपरक पद्य विभिन्न तपस्याओं की " 11 "1 31 11 पानी छानने बाबत मा. प्रतिष्ठा पूर्व क्रिया विधि " उपस्थापन विधि मा. मा. 21 प्रा. प्रा.मा. " साधु आचार समा चारी प्रतिष्ठा पूर्व विधि. दीक्षा विवेचन दीक्षा देने की क्रिया सं. "1 31 71 7 11 " प्रा.मा. मा 11 39 13 5 2 3 2 4 7 5 8 25 * x 25 × 12 x 14 × 45 / 34 11* 25 x 10 x 13 x 50 6 1 4 11,7 2 5 7 3 9 8 3, 4, 8, 25 से 27 x 11 से 12 11 2,2 4 4,2 8 A 1 www.kobatirth.org 5 26 × 12 × 10 × 32 संपूर्ण 26 x 13 x 10 x 23 25 x 1 x 14 x 40 24 x 12 x 14 x 48 25 x 1 1 x 15 x 40 26 x 13 x 13 x 39 27 x 12 x 14 x 48 ور 23 x 11 x 10 x 28 115 x 17 x 122 x 76 3,3,4 26 से 27 x 12 से 13 26 × 11 x 23 x 69 "1 22 × 12 व 24 × 11 11 19 26 x 11 x 7 x 36 26 x 11 x 17 x 46 26 × 11 × 14 × 59 संपूर्ण 31 11 "" " " 25 x 12 x 10/12 x 40 25 × 11 × 11 × 33 प्रतिपूर्ण 27 x 12 x 15 x 42 17 25 x 12 x 14 x 38 26 × 13 × 1 3 × 28 संपूर्ण 26 × 11 × 13 x 40 27 x 13 x भिन्न 2 " " 17 " 31 11 11 11 17 33 गाथा 9 For Private and Personal Use Only Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 10 19वीं 19वीं 19वीं 19वीं 19/20वीं 19वीं 19वीं 1877 1771 मेडता वीरमजी 16वीं x चतुरजी 19af 19वीं 19वीं 20 वीं 19वीं 18वीं 20 वीं X दान विजय 19वीं 19वीं 19वीं 1951 19वीं 1948 20वीं 17at [ 187 11 साथ में अन्य पर्वो के व्याख्यान साथ में अन्य स्फुट विधि भी Page #205 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 188 1 1 137 136 महावीर 3 या 167 (बड़ी) दीक्षा विधि 3 T 67 138 139 141 सेवामंदिर 3 179 दीक्षा विधि व योग विधि महावीर 3 प्रा 50 53 ओसियां 3 आ 144 दीपावलीकल्प के. नाथ 22/69 कोलड़ी 144 महावीर 3 प्रा 11 145-6 | कोलड़ी 192, 201 147 के. नाथ 11/235092.21-52, 18-38 ओसियां 3 प्रा143 कोलड़ी 194 | सेवामंदिर 3 प्रा 173 142 143 151 152 153 156 157 40 154 महावीर 3 126 | 155 प्रोसियां 3 श्र 145 | कोलड़ी 195 के. नाथ 18/41 158 161 163 164 165 2 11 166 60 200 6/13.21/ 67-8 17 91 "1 33 " 27 39 33 11 3 23 कोलड़ी 193 162 ओसियां 3 32 देववन्दन गाथायें कोलड़ी 957 बोल ओसियां 3 श्री 157 देववंदन विधि दीपावली व्याख्यान "3 39 " 2 प्रतियां 2 प्रतियां 4 प्रतियां 3 प्रतियां www.kobatirth.org 3 A (Baḍi) Dikṣa Vidhi Diksā Vidhi + Yogavidhi शिवनिधान गरिण 2 copies Dipavali Kalpa 13 "" 22 33 33 39 39 " 39 "2 Dipavali Vyakhyān 33 33 39 " 23 "" Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भाग / विभाग : 3 ( प्र ) - जंन भक्ति व क्रिया पर्व व्रत 39 2 copies 4 copies Devavandana Gāthāyen 3 copics Bola Vidhi के. नाथ 5/62 प्रोसियां 3 श्र 160 नवपद खमासरणा विधिसह Navapada Khamasaṇā For Private and Personal Use Only " 4 हेमाचार्य जिनसुंदर 37 जिनसुंदर (सोमसुंदर प. का शिष्य ) विनयचन्द्रसूरि विनयचंद्र ( रत्नसिंह का शिष्य) (जिनसुंदर ) ग. - सागरचन्द्र 11 11 11 "1 मूट. (प.ग. " प. "" ग. 11 19 11 12 11 5 ग. तालिक प.ग. ग. गद्य मंत्र Page #206 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कथा धार्मिक विधि विधान : [ 189 6 7 8 11 उपस्थापन विधि || 18वीं 20वीं उपस्थापन व स्वा-, ध्याय 8A 9 10 26 x 11 x 16 x 33 | अपूर्ण (अंतिम 5 पन्ने) | 27x13x14 x 45 संपूर्ण 24 x 11 x 13 x 30 1954,अहिपुर. बंशीलाल 25 x 14x9x 22 1961 जयपुर ऋद्धिकुमारी 26 x 11 x 13 x 43 ., 435 श्लोक 1672 26 x 11 x 15 x 43 1700 पर्वकथा(महा. जीवन सं. पर)चन्द्रगुप्तस्वप्न भी ., 437 , ... 347 , | 19x11x14x32 1828 42 434 सं. 26 x 11x5 x 33 1845 1 3 गुटका 27 x 11 व 25 x 12 , 180श्लोक दूसरी में 19वीं 12,7. 25 से 27 x 11 x भिन्न तीन संपूर्ण चौथी अपूर्ण | 19वीं 13,5 संपूर्ण 128 श्लोक | 19वीं 27 x 12 x 15 x 48 पूर्ण प्रति के श्लोक 262/78 25x10x14x46 1345 की कृति पर्व व्याख्यान कथा संपूर्ण 1845 30* 26x11x15x45 1859 25 x 12 x 14 x 35 24 x 11x16 x 42 1875 1888 1897 1899 25x12x17x45 22x13x13x32 | 14,19, 24 से 25 x 10 से 13 19वीं मूल का बालावबोध जसा 10 27x11x15x40 1902 जिननमस्कार क्रिया प्रा.मा 25x11x13x37 20वीं पाठ पाठ पद " मा. 24x11x 20वीं ,,विधि स्तोत्र सं.मा. 3 24x11x17x60 19वीं अंत में 'जिन स्तोत्र' __25 श्लोक " , मा. 5 26x12x13x28 19वीं भक्ति क्रिया पाठ पद सं. 3 24 x 11x19x46 | प्रतिपूर्ण 19वीं For Private and Personal Use Only Page #207 -------------------------------------------------------------------------- ________________ www.kobatirth.org Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 190] Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भाग विभाग : 3 (प्र)-जन भक्ति व क्रिया-पर्ववत 3A 167-9 महावीर 3 आ 116- नवपद खमासणा 3 प्रतियां | Navapada Khamāsana 8-9 3 copies गद्य मंत्र 170 | कोलड़ी 413 | नवपद जाप Navapada Jāpa 171 के.नाथ 21/57 | नवपद सिद्धचक्र प्रतिष्ठा पूजा | Navapada Siddhacakra विधि Pratistha etc. महावीर 3 या 93 | नंदी उपधान विधि Nandi Upadhāna Vidhi , 3 आ 81 3 या 49 | नंदी दीक्षा विधि Nandi Diksă Vidhi 173 174 175 3 या 176| नित्य पूजन विधि Nityapūjana Vidhi 176 , 3 या 48 निर्वाणकलिका(प्रतिष्ठापद्धति) Nirvana Kaliki सिंहतिल कसूरि Nivitān Balabodha के.नाथ 18/88 | निविता वालबोध कोलड़ी 196 | पडिलेहणा कुलक Padilehaņā Kulaka | विजयविमल (आनंद- मू.ट. (प.ग.) विमल शिष्य 179 सेवामंदिर 3 इ345) 180 महावीर 2/16 181 प्रोसियां 2/170 182 | कोलड़ी 188 | पर्यषण अष्टाह्निका व्याख्यान | Paryusana Astahnika Vya | khyāna 183 के.नाथ 20/42 क्षमाकल्याण ,, 3 प्रतियां , 3 copied मू ट (प.ग.) ..3 प्रतियां j copies 184-6 | , 8/27-23; 18/54 187 | कोलड़ी 191 188- ., 189,1036 900 157 191-21 ., 190-98 193 कुंथुनाथ 337 194 , 13/47 195-6 महावीर 3 प्रा125,8/ , 2 प्रतियां 2copies| क्षमाकल्याण धनेश्वर सूरि मू ट. (प.ग.) क्षमाकल्याण ,, 2 प्रतियां 2 copies 197 . 3 प्रा6 | मू.ट (प.ग.) मू.ट. (ग) 198 , 3 आ 5 For Private and Personal Use Only Page #208 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कथा धार्मिक विधि विधान : [ 191 1 1 ____ 6 7 भक्ति क्रिया पाठ पद सं. | 8 | 8A 4,13,7/ 20 से 26 x 11 से 12 | प्रतिपूर्ण ____10 19/20वीं 28x10x14x50 | संपूर्ण 19वीं सिद्धचक्र प्रोली मा. पाराधना विधि धार्मिक क्रिया की , विधियां 25x11x11x35 1875 24x11x18x44 18वीं 27x11x15x52 1940. पाली, अमरदत्त 20वीं श्रुत अध्ययन विधि 27 x 13 x 15 x 37 अपूर्ण (त्रुटक पाठ मात्र) पाठ 27x14x7x23 | 204 प्रभु पूजादि दैनिक मा.. कर्तव्य प्रतिष्ठा पद्धति सं. 25x11x14x50 , ग्रं. 200 1962 जिन वर्ण राशि आदि 24x11 x 10 x 34 | संपूर्ण 19वीं विकृति भक्ष्याभक्ष्य मा. विचार प्रतिलेखन विधि | प्रा.मा. 26 x 10x5 x 44 | , 34 गा. 1808 25x15x5x30 1862, लुणावा, अर्जुन 19वीं 26x13x5x34 पर्यषण पर्व प्रथम 2| सं. 26x11x5x37 , 27 गा. 19वीं राधिका नगर 25 x 12 x 16 x 48 | संपूर्ण 18वीं | 21 25 x 13 x 12x39 , 1900 1433,9| 24 से 28 x 12 से 13 प्रथम दो पूर्ण तीसरी अपूर्ण 19वीं . सं.मा. 41 25x11x6x38 ] संपूर्ण 19वीं 19वीं 25 से 26 x 11 से 13 प्रथम पूर्ण, द्वितीय व . " तीसरी अपूर्ण 25 x 12 > 13/20x 49 29x 14x8x52 संपूर्ण 19वीं सं.मा 30 1911 1944 18 | 25x13x12x34 | 24,10 | 27x13x24 x 22 26 x 12x6x40 19/20वीं ,, 189 श्लोक , 149 प्रबन्ध 11943X ज्ञान विजय | 1957 | |35 28 x 12x5 x 38 For Private and Personal Use Only Page #209 -------------------------------------------------------------------------- ________________ www.kobatirth.org Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 192 ] Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भाग/बिभाग : 3 (अ)-जन भक्ति व क्रिया-पर्वव्रत 3A 199- प्रोसियां 3 आ 134, पर्युषण अष्टाह्निका व्याख्यान | Paryusana Astahnika Vya- मतिमंदिर 200/133| 2 प्रतियां khyāna 2 copies 201-2 , 3 पा 135, 2 प्रतियां 158/ 169 Parvne 203-4 कुंथुनाथ 16/6.10/ 2 प्रतियां 205-6 | कोलड़ी 1150-78] 2 प्रतियां 207-8 | के.नाथ 21/75, " 2 प्रतियां 15/206 209 पोसियां 3 आ 169 पर्यषणाकल्पादि सूचना Paryusaņākalpādi Sücana 210-2 महावीर 3 प्रा 124| पर्युषणाचिंतामणि 3 प्रतियां Paryusana Cintamani | अमृतकुशल 3 copies 213 के.नाथ 11/61 | पंचमी उद्यापन विधि Pancami Udyāpana Vidbi ज्ञानविमल कुंथुनाथ 15/2 , कथा , Katha . दीपमुनि 215 के.नाथ 6/88 | , तप स्तवन । Tapastavana जिनविजय कुंथुनाथ 37/12 | देववंदन विधि व स्तव Devavandana Vidhi 217 के.नाथ 10/12 | ., स्तवन Stavana गुणविजय कोलड़ी 417 | पुंडरीक अाराधन विधि Puņdarika Ārādhana Vidhi 219 मुनिसुव्रत 3 प्रा 165 पूजा विधि Pūjā Vidhi 220 सिवामंदिर 3 आ345 , स्तवन , Stavana गुण विमल 221-2 महावीर 3 आ 111- पंतालीस प्रागम का गुणना | 45 Agama Gunani 2 प्रतियां 223 | कोलड़ी 945/पौष दशमी कथा Pausa Dasami Katha जैनेन्द्रसागर | के.नाथ 21/87 तालिका 225 | महावीर 3 प्रा 19 226 सेवामंदिर 3 आ173/ व्याख्यान Vyakhyāna - 3 प्रतियां , 3copies 227-9महावीर 3 ग्रा 126, 20,1 230-1| कोलड़ी 173,172 2 प्रतियां ,,2copies 232 सेवामंदिर 3 आ178| | (हेमचन्द्रानुसारे) 233 मुनिसुव्रत 3 पा 171| पौषध प्रतिक्रमणादि विधि | Pausadha Pratikramanadi Vidhi 234 | कोलड़ी 395 | For Private and Personal Use Only Page #210 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.kobatirth.org कथा धार्मिक विधि विधान : [ 193 _10 11 ___6 7 8 8A पर्युषणप्रथम2दिनका मा. | 26,15 26 x 12x9/15 x 34| संपूर्ण | 95 26 x 12 x 14 x 44 | अपूर्ण 1907-16 20वीं 20वीं 12,42| 26 x 12 व 28 x 12 संपूर्ण 3,19 25x11426x12 | 20वीं 17,17 26 x 14 व 25 x 11 पहिली पूर्ण, दूसरी अपूर्ण 20वीं 25x11x16 x 34 | अपूर्ण 20वीं साधुपर्व प्राचार विधि , पर्व विधि विधान 27 से 29x12 से 13 | संपूर्ण 19/20वीं 181 तिथि पर्व भक्ति विधि सं.मा. 25x12x16x47 | 1875 " कया मा. 26x11x15x45 , 11 ढालें 1907 19वीं 25 x 11x10x29 | , 6 ., 25 x 12 x 9 x 36 | संपूर्ण 26 x 13x11x29 , 5 ढालें : 1943 " काव्य , 19वीं भक्ति (गणधर) विधि, 27x13x12x34 19वीं 23 X11 x 10 x 28 प्रतिपूर्ण 19वीं प्रभु पूजाविधिविधान , , काव्य 26x12x17x46| संपूर्ण 27 गा. 19वीं शस्त्र भक्ति पाठ पद संस्कृत 28x12x-- , 310 मंत्र पद | 19वीं पर्व व्याख्यान कथा सं. 25x10x विभिन्न 19वीं | 25x12x11x35 4 xxx x x x x x संपूर्ण 75 श्लोक , 73 , , 75 ,, 19वीं 28 x 13 x 11 x 36 20वीं 30* 26x11x15x45 | संपूर्ण 1859 25.10 25 से 29x12 से 14 19/20वीं 28 x 12 व 25 x 12 | 19/20वीं 25x11x8x45 1934 मावश्यक क्रिया विधि प्रा.सं.मा 29 | 26x12x15x35 प्रतिपूर्ण भिन्न 2 पन्ने | 1846 " मा. |3 |23 x 12 x 14x40 | प्रतिपूर्ण 19वीं For Private and Personal Use Only Page #211 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org www.kotetien art Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भाग/विभाग : 3 (प्र)-जैन भक्ति व क्रिया-पर्ववत 194 ] 1 2 3 3A 4 235 | के.नाथ 14/46 पौषध प्रतिक्रमणादि विधि Pausadha Pratikramanadi Vidhi Pausadha Vidhi 2 copies 236-7| कोलड़ी 397-8 | पौषध विधि 2 प्रतियां 238 | महावीर 3 पा 39 , 239- के.नाथ 14/47-41 , 2 प्रतियां 40% 241 ,, 11/106 | पौषध विधि स्तवन 242 | , 19/93 | प्रति आलोचना विधि 2 copies Pausadha Vidhi Stavana समयसुंदर Prati Ālocană Vidhi 243-5] कंथुनाथ 3/13. प्रतिक्रमण विधि 3 प्रतियां Pratikramana Vidhi3 copies 10-174,15-53 246-7 के.नाथ 5/69,21/ 2 प्रतियां 2 copies 55 248 कोलडी 961 (पंच) प्रतिक्रमण विधि (Panca) ,, । । । । " 2 प्रतियां , , 2 copies - 249- कंथूनाथ 10-159. 50/ 3.79A | महावीर 3 अ 18 प्रतिक्रमण हेतु गर्भ P ratikramana Hetu Garbha जयचन्द्रमरि 252 के.नाथ 10/83 253 | 26/58 क्षमाकल्याण 254 , 10/68 प्रतिक्रमाक्रम विधि सार्थावगम Pratikramākrama Vidhi जयचन्द्रगणि Sārthāvagama 255 महावीर 3 या 43 प्रतिष्ठाकल्प Pratisthā Kalpa प्रज्ञात(संगृहीतसंपादित प.ग. 256 | , 3 आ 46 251 अज्ञात(संगृहीतसंपादित) प ग. Pratisthā Kundali etc ग. यंत्र ,, 3 या 42 ,, 3 या 45 | प्रतिष्ठा कुंडली अादि | के.नाथ 17/37 प्रतिष्ठा के टब्बे | | , 23/22 | प्रतिष्ठाधिकार 259 Pratistha ke Tabbe 260 Pratisthādhikara 261 | कोलड़ी 1240 प्रतिष्ठा विधि Pratişthā Vidhi 2 copies 262-3 के नाथ 21 42-72 2 प्रतियां 264-5 महावीर 3 या 40- , 2 प्रतियां 266 | के.नाथ 23/91 प्रतिष्ठा सामग्री 267 - कुंथुनाथ 4/81 | प्रत्याख्यान कोष्ठक 41 Sāmagri Pratyākhyāna Koşthaka तालिका For Private and Personal Use Only Page #212 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कथा धार्मिक विधि विधान : [ 195 7 8 8A 9 | 10 11 6 प्रावश्यक क्रिया विधि 24x12x13x30 x30 प्रतिपूर्ण 20वीं 19वीं 25 x 10 व 26 x 13 25 x 12 x 12x35 20वीं | 25x12 व 26x11 19/20वीं " काव्य 25x11 x 11x31 | संपूर्ण 37 गाथायें 19वीं प्रायश्चित विधि 26 x 12x15x41 | संपूर्ण 19वीं अावश्यक क्रिया विधि , 20वीं 26 से 27 x 11 से 12 25 x 11 व 26 x 12 , 20वीं | 26x12x15x35 1873 26 x 11 व 12 x भिन्न? 20वीं आवश्यक विधि 26x12x22x46 संपूर्ण ग्रंथान 1506 चन 1842,सूरत क्षमाप्रभा 19वीं 27x12x15x55 25x13x13x48 20वीं 25 x 12x11 x 40 ,, 150 श्लोक 1934 मूत्ति प्रतिष्ठा 28 x 12 x 20 x 43 18वीं 25x12xllx33 1828 27x13x14x32 20वीं अंत में प्रतिष्ठासामग्री सूची 27x12 प्रतिपूर्ण 20वीं तीर्थंकरों की राशि प्रादि ज्योतिष पक्ष मुद्देवार टिप्पणिय 31x15 19वीं प्रतिष्ठा विधियां । सं. | 27- 13x13x47 संपूर्ण 1893 1906 नवीनप्रासाद से 25x12x15x48 ध्वजातक प्रतिष्ठा विधियां प्रा.सं.मा. 16,241 27x12 व 24x12 19/20वीं मा 42,34/ 27x13 व 25x13 19वीं (1पालीमें) 20x10x10x33 | 19वीं किरियाणा की सूची , प्रागार छायादि विधान 24x10x 17वीं For Private and Personal Use Only Page #213 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org 196 ] Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भाग विभाग : 3 (अ)-जन भक्ति व क्रिया-पर्वव्रत 3A Pratyākhyāna Kosthaka तालिका ,, Stavana रामचन्द्र , ,, 2 copies 12. 3 268 | कुंथुनाथ 9/125 प्रत्याख्यान कोष्ठक 269 कोलड़ी 938 | प्रत्याख्यान स्तवन 270-1| के.नाथ 19/107; , 2 प्रतियां 26/33 कुंथुनाथ 42/17 | प्रारम्भना 273 | , 37/14 | बारह व्रत अति चार 274 | के.नाथ 26/82गु , |, 19/50 वारह व्रत अालोचना 276-7 के.नाथ 3-24,5-30 बारह व्रत टीप 2 प्रतियां Prärambhana मू. व्याख्या Bāraha Vrata Aticāra Alocanã प्रेमराज Tipa 2copies 278 | कोलड़ी 1198 Leneki Vidhi के.नाथ 26/53 | बारह व्रत लेने की विधि | कोलड़ी 370 | बारह व्रत विचार पद्धति Vicāra Pad dhati Vivarana 281 , 369 | बारह व्रत विवरण ,, उदयसागर 282 | महावीर 3 आ 18 बीसस्थानक गुणना Bisa Sthanaka Gunana ग. मंत्र पद 283-4 ,, 3 या 106-9/ तप विवि 2 प्रतियां ,, Tapavidhi 2 copies , Tapastavana| नवविजय 285 ,, तप स्तवन ., 3 आ 87 | ब्रह्मचर्यादि व्रत विधि Brahmacaryadi Vrata Vidhi 287-9, ,, 3 प्रा 126. मेहत्रयोद की कथा 3 प्रतियां 201 290- कोलड़ी 175,174 2 प्रतियां Merutrayodasa Katha 3 copies 2 copies क्षमाल्यारण 292 प्रोसियां 3 ग्रा 138/ 293 के.नाथ 19/56 294 कुंथुनाथ 4/85 295 | के.नाथ 15/144 296-7 कोलडी1 76,1125 व्याख्यान Vyākhyānā 2 प्रतियां 298 महावीर 3 प्रा 175/ मोक्ष टिप्पणिका Moksa Tippanikā 299 | के.नाय 22/38 | मौन एकादशी कथा Mauna Ekādasi Katha For Private and Personal Use Only Page #214 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra कथा धार्मिक विधि विधान : आगार, छायादि विधान तपफल वर्णन विधि काव्य व्रत भंग विचार 11 17 प्रतिचार विचितन व्रत विधान विवरण कल्पसूत्र की पीठिका प्रा.सं. वाचन प्रतिज्ञापाठादि 71 6 11 तप सूत्र व क्रिया 11 " " #7 श्रावकाचार किया विधान पर्व व्रत कथा " " 17 श्रावकाचार व्रत मा. विवरण 13 काव्य मा. 11 तप पूजा क्रिया पाठ सं. पद 15 विभिन्न तप विधियां पर्व व्रत कथा प्रामा मा. " 17 "" प्रा.मा. 11 मा. 33 11 सं. 7 31 13 मा. "1 प्रा. 1 3 7,2 2 4 16 13 35,5 8 2 100 78 10 2 8 9 6,5 5 7 7 8 851126 × 12 व 27 x 12 19,6 11 8A 7 www.kobatirth.org 23 x 14 x --- 27 x 10 x 10 x 27 25*10* 25 से 29 x 12 से 14 11* 25 x 13 x 14 x 48 27 x 12 x 17 x 39 26 × 11 x 15 x 40 26 × 13 x 13 x 36 25 × 11 × 13 × 34 संपूर्ण 16 × 9 x 9 x 20 अपूर्ण 26 × 1 3 × 1 6 × 32 संपूर्ण 151 गाथा 23 x 12 व 25 × 12 संपूर्ण 29 × 12 × 14 × 47 26 × 12 × 18 × 50 | संपूर्ण 27 x 13 x 12 x 32 25 × 11 व 26 × 12 ( तीन ढालें) 19 / 20वीं 26 × 11 × 1 2 × 52 प्रपूर्ण (बीच का । पन्ना कम) 17वीं 19at 19वीं 26 x 12 a 29 x 13 25 x 11 x 14 x 34 25 × 1 1 × 11 x 40 संपूर्ण 24 x 13 x 12 x 35 33 25 x 12 x 13 x 42 17 37 17 अपूर्ण (पहिला व्रत भी अधूरा ) "1 17 : " " 11 9 33 T 11 25 x 13 व 21 × 13 26 × 12 × 14 × 40 संपूर्ण 26 x 12 x 13 x 47 31 ور 25 गा. ग्रं. 165 Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 155 TT. For Private and Personal Use Only 10 19वीं 1890 1940 19वीं 19वीं 1829 1826 1903 19वीं प्रथम संपूर्ण द्वितीय प्रपूर्ण 20वीं 17at 19वीं 19वीं 20वीं 20वीं 19/20वीं 19वीं 1900 19वीं 1945 1802 [ 197 11 अंत में 3-4 स्फुट स्तवन | मकसुदाबाद के सुगालचंदजी की टीप अंत में जयवर्मा जय | माल की । अनु मात्र पिंगलराय का कथा नक भी है Page #215 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 198] 1 300 301 302-3 304 305 306 309 310 311 312 313 307 मुनिसुव्रत 4 166 308 के नाथ 10/110 314 315 316 317 318 319 320 321 कोलड़ी 324 325 19 2 164 11 167 11 22/41 कुंथुनाथ 52/6 ओसियां 3 प्रा 139 166,165 के. नाथ 5/37 महावीर 3 ग्रा 13 कुंथुनाथ 9 / 124 मोन एकादशी व्याख्यान 3 ЯT 154 322 कुंथुनाथ 10 / 153 323 कोलड़ी कुंथुनाथ 16/11 कोलड़ी 169 171 170 मौन एकादशी कथा 11 के . नाथ 23/46 33 11 के.नाथ 10/33 महावीर 3 श्री 12 कोलड़ी 168 ओसियां 3 या 153 मौन एकादशी व्रत कथा महावीर 3 या 14 सेवा मंदिर 3 ग्रा 173 महावीर 3 या 126 17 11 11 3 "" 27 , 17 "" " " " " www.kobatirth.org 2 प्रतियां मौन एकादशी कथानक 3 A Mauna Ekadasi Katha 32 35 22 " | Mauna Ekadaśī Vyākhyāna सौभाग्यनंदसुरि 53 33 33 " Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भाग / विभाग : 3 ( प्र ) - जैन भक्ति व क्रिया-पर्वव्रत 37 33 2 copies For Private and Personal Use Only 4 रविसागर सौभाग्यनंदि 11 Mauna Ekadasi Vrata Katha रूपचंदगरण शिष्य वीरसागर रविसागर दानचंद्र गरिए वीरविजय (प्राकृतानुसार) |Mauna Ekādaśī Kathānaka (प्राकृतानुसार) (मु. सौभाग्यनंदि) अमृत वल्लभ मू.ट. (प.ग.) पद्य मू ( प. ) " "1 प. मू.ट (प.ग.) ग. 11 5 "" " "" "1 " Page #216 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra कथा धार्मिक विधि विधान : पर्व व्रत कथा 11 11 11 21 11 رو 11 33 13 رو 11 31 " 11 33 11 27 11 11 33 11 "1 33 6 93 प्रा.मा. प्रा. सं. 11 7 सं.मा. सं. मा 15 11 11 27 × 11 × 14 × 44 | सपूर्ण 156 गा. 26 × 11 × 6 × 50 128 25 से 27 x 13 x भिन्न 2 26 x 12 x 6 x 30 17 6 5 3 20 5 6 7 31 18 3 8 8 20 30* 25* 4 3 1 2 5 9 8 A www.kobatirth.org 24 x 12 x 15 x 44 25 x 14 x 14 x 33 25 x 11 x 15 x 49 26 x 12 x 5 x 37 25 x 14 x 14 x 27 26 x 11 x 12 x 38 24 x 10 x 14 x 57 26 x 12 x 19 x 35 27 x 13 x 5 x 27 27 x 13 x 6 x 30 26 x 11 x 15 x 45 25 x 12 x 14 x 35 24 x 13 x 12 x 48 26 x 11 x 11 x 50 26 x 11 x 13 x 40 11. 26 x 11 x 15 x 45 26 x 11 x 12 x 42 ور .. "1 33 13 ". 11 39 31 9 31 11 "" 73 26 x 11 x 4 x 24 26 × 11 × 14 × 52 | अपूर्ण 109 श्लोक (अंतिम पन्ना नहीं, 26 x 12 x 19 x 45 118 श्लोक 200 श्लोक 116 118 113 201 221 "1 109 #. 202 ور For Private and Personal Use Only 11 ور 11 11 11 Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 10 1828 1845 19at 19 at 1944 1576 1733, लूणकर रासर, दयासागर 1829 19at 19वीं 19at 19at 19af 19वीं 1682 28 × 13 × 15 × 47 संपूर्ण (बीच में नौवां पन्ना कम) 1762 19at 20at 1859 1858 19वीं रांने, गौतमसागर 19वीं 1896, जंसलद्वि 1884 की कृति पुर, शिवचंद्र 1875 1945 [ 199 11 1576 की कृति 1774 की कृति Page #217 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भाग/विभाग : 3 (अ)-जैन भक्ति व क्रिया-पर्ववत 200 ] 5. 1 | 2. 3A 326 | के.नाथ 23/84 | मौन एकादशी कथानक Mauna Ekādasi Kathānaka 327 | , 19/108 328-9 प्रोसियां3ा140-1 2 प्रतियां ,, 2 copies 330-1| के.नाथ 15/180; 24/191 332-3/ कुंथुनाथ 351, 24/9 334 | के नाथ 23/87 | मौन एकादशी क्रिया विधि , Kriyavidhi| रूपविजय 335 | कोलडी 948 | मौन एकादशी का गुणना ,, ka Gunana ग. मंत्र 336 | महावीर 3 आ 15 337 | , 3 पा 120 2 प्रतियां 338-9| कुंथुनाथ 4/102, 13/54 340 | के नाथ 24 65 , 4 प्रतियाँ 341-4 कोलड़ी 418,949 889419 345 | महावीर 3 या 16 4 copies ,, Stavana | कांतिविजय 346-7| के.नाथ 18/11, मौन एकादशी स्तवन 2 प्रतियां 20/30 348 | कोलड़ी 307 349 | प्रोसियां 3 इ 190/ 350 | कोलड़ी 1225 यतिदिनचर्या + वृत्ति Yatidinacarya +Vịtti | भावदेवसूरि/मतिसागर मू व (प.ग ) 351 , 891 भावदे वसूरि मू ट. (प.ग.) 352 | महावीर 3 ग्रा 30 अवचूरि + Avacūri मू.अ. (प.ग) 353 | के.नाथ 13/15 14/52 देवमूरि 354 " 355 | कोलड़ी 890 | यति (दसविध) धर्म सज्झाय | Yatidharma Sajjhāya ज्ञानविमल 356 , गु. 1/8 यति सज्झाय Yati Sajjhāya 357-8 महावीर 3 प्रा 70 योग खमाषणा आदेश 2 प्रतियां Yoga Khamasan Adesa 71 2 copies 359 | , 3 या 80 | योगदिन आदि Yogadina etc. For Private and Personal Use Only Page #218 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कथा धार्मिक विधि विधान : [ 201 6 8A 10 11 पर्व व्रत कथा 25 x 11 x 15 x 27 संपूर्ण 1811 25x11x15x42 1844 अंत में 'स्तवन' समय सुंदर का 1869,19ीं 26x11x15/11x 38 26 x 11 x 12 x 42 19वीं 26 x 13 व 26 x 12 | प्रथम संपूर्ण ग्रं 200 द्वितीय 20वीं 23x14x16x36 | संपूर्ण 1936 पर्व व्रत पाठ स्मरण 26x11x संपूर्ण 150 1749 25x11x13x39 1779,शाहजहांबाद,मगलसागर 18वीं 26x11x 25x12 व 24x13 19वीं 25x12x15x51 19वीं 25 से 27x10 से 12 19/20वीं 26x12x12x32 1902, अजमेर रिखीलाल 19वीं पर्वव्रत क्रियाकाकाव्य 29x 13 व 25x11 | संपूर्ण 3 ढालें 25x11x10x30 1879 25 x 11 x 12 x 44 | , ,, (27 गा.) | 19वीं साधु समाचारी विधि 26x11x15x56 | संपूर्ण 154 गा. 16वीं कालिकसूरि-वंथ ज. 26x13x7x39 | 151 गा. 1901 27x128x41 । 154 गा. की 1957,राजनगरे| 28x13x15x41 , 420 श्लोक ग्रं 500 19वीं 26x11x20x40 , 389 पद 19वीं 24x13x13x32 , 10 ढालें= 154गा. 19व 14 x 11 x 10 x 15 | अपूर्ण 19वीं 28 x 13 x भिन्न 2 | | प्रतिपूर्ण 20वीं 26 x 11x20x48 19वीं आवश्यक क्रिया विधि स्वाध्यायमुहूर्तवविधि - 0 4-07 " For Private and Personal Use Only Page #219 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भाग/विभाग : 3 (प्र)-जन भक्ति व क्रिया-पर्वव्रत 202 ] 3 3A 5 360 | महावीर 3 आ 66| योगदूहन विधि Yogadūhana Vidhi 361 ,, 3 मा 60 योगप्रवेशादि विधि Yogapraveśādi Vidhi 362 ,, 3 आ 69 | योग मोटी (बड़ी) विधि Yoga Moți Vidhi 363 , 3 आ 76 | योग यंत्र विधि Yogayantra Vidhi 364 , 3 या 62 365 , 3 मा 77 366 | , 3 पा 75 योग विधि Yoga Vidhi 361 , 3 या 72 368 , 3 पा 73 369 , 3 आ58 370 , 3 आ 68 371 3 आ79 372 , 3 पा 64 65 | योगानुष्ठान विधि Yogānuşthāna Vidhi 374 | , 3 या 63 Raisanthā à Bhāṣādi Rohini (Tapa) Katha 375 ., 3 पा 34 | राइ संथारा भाषादि 376 ,, 3 प्रा 127 | रोहिणी (तप) कथा 377 के नाथ 21/32 378 |, 5/95 " महात्म्य ,, (,) , कनककुशल ,, (Mahatmya) Katha 379- कंथुनाथ 15-61, रोहिणी(चौढालियो)तप स्तवन Rohini Tapa Stavana मुनि श्रीसार 8120-11, 4-83 3 प्रतिया 3 copies 382-6 | कोलड़ी 314-5-7, , तप स्तवन 5 प्रतियां __, , , 5 copies 928-32 387-8 / के.नाथ 15/218 , 2 प्रतियां „ „ „ 2 copies 19/112 389 } , 15/191 | रोहिणि (वासुपूज्य) स्तवन |Rohini(Vasupujya)Stavana लक्ष्मीरि 390 , 15/38 भक्तिलाभ का शिष्य , 391 कोलड़ी 1352 दीपविजय For Private and Personal Use Only Page #220 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कथा धार्मिक विधि विधान : [ 203 ___ 6 7 8 | 8A 9 ___10 11 स्वाध्याय विधि | 26 x 11 x 13 x 34 | प्रतिपूर्ण धार्मिक क्रियाविधिया ,, | 16 28x12x15x31 | 1635x ठाकरसी 1916,पालिप्त नगरे, 19वीं 25x11x12x50 26x11x14x43 अंगोपाङ्ग अध्ययन | प्रा.मा. विधान 16वीं " तप मा. 25x12x10x37 | 1890, पाटण, भक्ति विलास 19वीं 26x11 अध्ययन विधि तालिकायें धार्मिक स्वाध्याय विधि विधान 26x11 16वीं x कुल तिलक 1658 26 x 11x14x55 26x11x19x56 1705 सिद्धपुर कल्याणसागर 18वीं 26 x 12x14x37 25x11x15x47 18वीं तपादिविधिविधान 26x11x16x58 18वीं .. स्वाध्याय धार्मिक | क्रिया विधि मक 20वीं 27x13 x 12 x 42 26x11x13x49 16वीं x इन्द्र विजय 18वीं 25x11x12x47 पौषध शमन विधि 24x 12x12x33 1858 तप व्रत कथा प्रा+मा| 9 | मा. 5 25x12x6x28 | 1901, रगोज नगर, रंग सक्त 26x1x14x45 | 202 श्लोक 1657 (अशोकचंद्रनृप कथा) 26 x 12 x 16 x 35 | संपूर्ण 1826 25 से 26 x 8 से 12 4 ढाल+कलश | 1862, 19वीं =26गाथा,23 गा. 22 से 26 x 11 से 12 , 26 गा. 19वीं तप व्रत विधि काव्य 24x 12 व 18x12 19वीं 25x12x11x32 | 1883 25x11x11x35 , 24 गा. 19वीं 25x12x11x28 , छः ढाल 19वीं For Private and Personal Use Only Page #221 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भाग/विभाग : 3 (प्र)-जन भक्ति व क्रिया-पर्ववत 204 ] 3A 5 1 .2 3 392 महावीर 3 आ 108| रोहिण्यादि तप विचार Rohiņyādi Tapa Vicāra 393 , 3 0 31| विधिपक्ष समाचारी Vidhipaksa Samācāri 394 | , 3 आ 35 | विधिप्रभा Vidhiprapā जिनप्रभ कोलड़ी 1177 | विधि संग्रह Vidhi Sangraha 396-7 | कुंथुनाथ 14/41-| विधि स्फुट लघु ग्रंथ दो प्रतियां Vidhisphuta Lagu Grantha 2 copies | के.नाथ 6/34 | वृद्ध स्नात्र विधि Vpdha Snätra Vidhi 42 398 399 प्रोसियां 3 इ229 शांति और अष्टोत्तरी स्नात्र | Santi & Astottari Snatra 400 कुंथुनाथ 13/217| शांति स्नात्र पूजा विधान | Santi Snaira Puja Vidhāna | महावीर 3 या 44| शांति स्नात्र विधि , , Vidhi 402 प्रोसियां 3 प्रा 156| शुक्ल पंचमी माहात्म्य स्तवन Suklapancami Mahatmya गुणविजय (कंवरविज प. Stavana शिष्य | , 3 प्रा 37 | श्रमणोपासक विश्रामस्थान | Sramanopasaka Visrāma sthāna 404 | कुंथुनाथ 3/61 | श्रावक पालोचना Śrāvaka Ālocanã 405 | के.नाथ 20/51 | श्रावक प्रावश्यक विधि | Sravaka Avasyaka Vidhi 406- 1, 6/46, 11/| श्रावक विधि प्रकाश 5 प्रतियां Sravaka Vidhi Prakasa क्षमाकल्याण ___1060 17/1,23/14, 5 copies |20/47 411 | प्रोसियां 2/247 412 सेवामदिर 3 आ 62| षडावश्यक विधि Şadāvaśyaka Vidhi 413 महावीर 3 आ78 सज्झायः पढावणादि विधि Sajjhāya Padhāvanādividhi कुंथुनाथ 37/18 | सनाथ विधि Sanātha Vidhi 415 महावीर 3 पा 88 | सम्यक्त्व उच्चारणादि विधि Samyaktva Uccāranadi Vidhi 416 सेवामंदिर 3 ग्रा177 सर्व तप विधि Sarva Tapa Vidhi 95/ 417.8 महावीर 3 पा 90 संघपति मालारोपण 2 प्रतियां Sanghapati Mālāropana 2 copies 419 , 3 या 26 | साधु विधि प्रकाशादि Sadhu Vidhi Prakasādi 420 , 3 आ 27 | (मूल क्षमाकल्याण) - 421 प्रोसियां 3 पा 130 साधु श्राद्ध पालोचना | sadhu Sraddha Alocana For Private and Personal Use Only Page #222 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कथा धार्मिक विधि विधान : [ 205 8 ___ 10 11 6 7 तप व धार्मिक क्रिया विधि साधु दिनचर्या नियम, 8A 9 27x11 x 21 x 70 | संपूर्ण 27 x 11 x 22x75 | ,. ग्रं. 395 16वीं 25x11x11x47 |, ग्रं. 3574 जैन धार्मिक विधि शास्त्र धार्मिक विधियां 1525, श्रीपत्त नगर, जयरत्न 1962,जोधपुर लिपिक ने ग्रं 4672 शेरमल लिखे है। 19वीं 26 x 12x14x52 | प्रतिपूर्ण अष्टोत्तरी स्नात्र, 26x11024x11 19वीं मांडला पूजा धार्मिक क्रिया 26x11x15x55 19वीं 26x13x12x28 1969,जोधपुर फाउलाल 19वीं 26x11x10x40 27x12x10x29 20वीं 26 x 11 x 10 x 31 | संपूर्ण 5 ढालें 19वीं पर्व विधि माहात्म्य काव्य श्रावकाचार विधि 26x11x18x55 प्रतिपूर्ण 18वीं 17वीं अतिचार प्रायश्चित प्रा सं.मा. 4 27x11x16x33 | संपूर्ण परिमाण प्रतिक्रमणकी विधियां मा. 4 23x11 x 17x43 1825 श्रावकावश्यक की ,, ,, 13,7,9 | 24 से 30 - 12 से 15 | 4 = संपूर्ण, अंतिम अपूर्ण 19/20वीं 19,11| 26x12x13x35 संपूर्ण 1927 आवश्यक क्रियाविधि, 26x12x8x34 प्रतिपूर्ण 20वीं बीकानेर दीपविजय 20वीं धार्मिक , " " 26x11x10x39 26x11x14x60 19वीं जिन जन्मोत्सव विधि प्र. वर्णन धार्मिक क्रिया विधि मा. | 26x11x16x49 19वीं 62 प्रकार के तपों की | 26x1x15x72 18वीं सांवल दास 20वीं धार्मिक क्रियाउपधान 26x12 व 25x11 साधु अावश्यकादि 28 x 12 x 14x46 20वीं १५ | 26x12x10x30 1896 नागौर चरित्रसागर प्रायश्चित परिमाण विचार" 42x11x23x68 20वीं . For Private and Personal Use Only Page #223 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 206 ] भाग/विभाग : 3 (अ)-जन भक्ति व क्रिया-पर्वव्रत __ 1 | 2 . 3A 4 5 422-3 | महावीर 3 प्रा 28// साधू श्रावक विधि प्रकाश | Sidhu Srāvaka Vidhi Pra29 2 प्रतियां kāśa 2 copies , 3 प्रा 24 | साधु समाचारी Sadhu Samācāri हरिप्रभसूरि 425 426 शिवनिधान के.नाथ 21/47 | सामायिक के बोल व अतिचार Samayika ke Bola & Ati cara " 6/50 | सामायिक ग्रहण विधान | Samayika Grahana Vid- hāna 26/29 सामायिक प्रतिक्रमणादि विधि Samayika Pratikramanadi Vidhi 5/51 (पंचाजी) विचार , Pancingi Vicāra 427 428 429 16/38 | सामायिक विधि Vidhi 430 ग. मंत्र ,, गुटका 1 | सामायिकादि दोष स्तवन । , Dosa Stavanaetc| अानंदनिधान कोलड़ी 411-12 | सिद्धचक्र गुण ना दो प्रतियां | Siddhacakra Gunana 2 copies कुंथुनाथ 17/8 | सिद्धान्त विधि Siddhanta Vidhi के.नाथ 22/16 | सौभाग्य (ज्ञान) पंचमी कथा | Saubhagya Pancami Katha) कना कुशल , 11/39 महावीर 3 आ 9 435 437 कोलड़ी 202 मू.ट. (प.ग.) 438 | के.नाथ 15/161 पद्य 439 मू ट (प.ग.) , 10/34 कुंथुनाथ 4/86 440 पद्य 441 कोलड़ी 201 (प.ग) 442 | महावीर 3 ग्रा 10| 443 सेवामदिरा 173 सौभाग्य पंचमी व्याख्यान Saubhāgya Pancami Vyākhyāna 444 ग्रोसियां 3 या 136 445-6 कोनडी 197-2031 ..2 प्रतियां 2 copies Kathāpaka 447 के.नाथ 23/74 कथानक .. 15/17 448 449 देववंदन विधि ,,2प्रतियां Devavandana Vidhi विजयलक्ष्मी मुनि 2 copies | 50/ कोलड़ी 407-8 For Private and Personal Use Only Page #224 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कथा धार्मिक विधि विधान : [ 207 11 10 18 धार्मिक , , 6 7 8 | 8A 9 | 10 आवश्यक धार्मिक | सं.मा. | 65,31 26 x 13 व 25 x 12 | मंपूर्ण 20वीं विधि साधु देनिकचर्या | सं. | 422 पद संपूर्ण 20वीं नियम विश्लेषण व दृष्टांत मा. | 27x11 x 14 x 39 संपूर्ण 20वीं श्रावकावश्यक विधि , 26 x 11 x 17 x 52 , 16 विधियां 20वीं 26x13x14x40/ अपूर्ण 20वीं पावश्यक विधि 25 x 12 x 11x33 संपूर्ण 1891 26 x 13 x 12x41 20वीं पावश्यक विधि 22 x 19 x 22 x 32 संपूर्ण 5 स्तवन कुल 120गा. 1814 विधान पूजा पाठ जपनाम 27x12 x 12/13 x संपूर्ण 19वीं स्मरण 38 पागम उद्धरणों से 26x10x13x48 अपूर्ण 16वीं निर्णय पर्व व्रत कथा 26x12x12x37 | संपूर्ण 152 श्लोक 1655 25x10x13x32 | 152 श्लोक | 1709 वरदत्त गुणमंजरी कथा प्रथम द पन्ने कम 26x11x13x38 संपूर्ण 148 श्लोक 18वीं सं मा. 11 26 x 12 x 7x38 1829 सं. 25x12x15x40 1838 सं.मा. 27x12x10x35 1858 सं. 25x13x1x30 19वीं सं.मा. 25x12x8x44 19वीं सं. 6 । 26 x 12 x 14 x 44 1944 जोधपुर देवकृष्ण 1859 30* 26x11x15x45 संपूर्ण 26x12x19x46. 1893 24 x 11 व 25 x 10 19वीं 23x10x11x31 19वीं पर्व क्रिया चैत्यवंदन 27x12x13x45 19वीं ..सज्झाय,,आदि| | 26 x 11 व 25 x 12 प्रथम संपूर्ण, दूसरी अपूर्ण| 19वीं For Private and Personal Use Only Page #225 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 208 ] भाग/विभाग : 3 (अ)-जैन भक्ति व क्रिया-पर्ववत 3 3A 3A 4 SaubhagyaPaicamiStavana समयसुंदर 5 1| 2 | 3 451 | मुनिसुव्रत 3 5 280/ सौभाग्य पंचमी स्तवन 452 | के.नाथ 20/46 453 कोलड़ी 360 मानसागर (जीतसागर, शिष्य) 454 | प्रोसियां 2/152 | स्नात्र प्रादि विधियाँ Snātrādi Vidhiyān 455 के.नाथ 6/115 | स्नात्र महोत्सव विधि Snātra Mahotsava Vidhi | नयविमल Snātra Vidhi मू. व्याख्या 456 | कोलड़ी 962 | स्नात्र विधि 457 | , 405 नगविजय 2 प्रतियां ,, 2 copies 458-9 के नाथ 15/217. 17/53 460 | , 23/54 . +Kalasa Puja 462 Holi Katha फतेन्द्रसूरि , 2 copies 461 कोलड़ी 354 | स्नात्र विधि व कलश पूजा | के.नाथ 20/21 | होली कथा 463-4 | कोलड़ी 178,453 2 प्रतियाँ 465 | के नाथ 660 | होली पर्व कथा 466 । कोलड़ी 945 कोलड़ी 945 .. कुंथुनाथ 20/13 | होली रज पर्व कथा , 9/18 | " Heli Parva Katha पुण्यराज 466 | 467 Holi Raja parva Katha जिनदर 468 मू ट. (प.ग.) 469 मुनिसुव्रत 3मा 164 470-1| कोलड़ी 201.196 2 प्रतियां 2 copies Kalpa अज्ञात मू ट (प.ग ) 472 मुनिसुव्रत 3 पा 163होली रज पर्व कल्प 473 प्रोसियां 3 या 159 474 | महावीर 3 पा 22 कुंथुनाथ 52/26 | के.नाथ 21/37 मूट. (प.ग) कोलड़ी 177 | होली रज पर्व व्याख्यान Vyakhyana| क्षमाकल्यारण 478 महावीर 3 प्रा 21/ For Private and Personal Use Only Page #226 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra कथा धार्मिक विधि विधान : पर्व विधि काव्य "1 " विविध क्रियायें भक्ति क्रिया मेरु जन्माभिषेक सं. जिनभक्ति क्रियाविधि मा. पर्व व्रत कथा " 17 "1 #: " 27 19 31 13 "" 6 31 " 21 12 11 11 17 मा. " मा. 29 11 "" प्रा.सं.मा. 123* सं. " 17 सं.मा 2 11 7 37 11 सं. सं.मा. सं. 2 3 3 5 2 5 3.4 11 9 7 11,5 2 10* 2 5 5 4 8 2 3 2 9 2 2 8 A www.kobatirth.org 20 x 10 x 10 x 28 26 x 13 x 12 x 26 26 x 11 x 13 x 38 26 x 12 x 13 x 24 18* 8 * 25×12 व 26 × 10 25 x 10 x 9 × 28 26x12 × 11 x 40 24 x 10 x 15 x 45 27 x 11 x 13 x 55 24 × 1 2 × 13 × 44 संपूर्ण 26 x 13 x 15 x 40 26 × 11 × 13 × 44 26 × 11 × 14 x 40 22 x 11 x 14 x 50 27 x 13 x 6 x 37 25 x 11 x 6 x 33 24 x 11 x 7 x 42 25 x 11 x 14 x 47 संपूर्ण 20 गा. 28 x 13 x 12 x 44 33 18वीं 19aft 19वीं संपूर्ण चौथा पर्व ( 10 पन्ने 16वीं +23 TT.) संपूर्ण 13 " " 26 × 11 × 16 × 42 संपूर्ण 139 श्लोक 25 x 11 व 24 x 13 138-9 श्लोक 34 श्लोक 33 31 21 11 17 19 ==== 11 25 x 10 x 14 x 36 26x14 x 5 x 28 24 × 13 × 13 × 44 संपूर्ण 26x13 x 17 x 45 21 31 11 3 ढालें 4 श्लोक पूजा " 51 9 50 11 51 संपूर्ण 69 श्लोक 64 64 33 51 /49 श्लोक For Private and Personal Use Only 13 33 11 " Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir "1 10 1266 19वीं 1833 19at 1933 19वीं 1824 19at 19वीं 19वीं 19वीं 19वीं 19वीं 19af 1828 ईश्वर 1832 19वीं 19वीं 19वीं 19वीं 19वीं अहमदा बादा [ 209 11 (देवचंदजी से अन्य ) Page #227 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 210] भाग/विभाग : 3 (अ)-जन भक्ति व क्रिया-पर्ववत 3A 479 सेवामंदिर 30 173) होली रज पर्व व्याख्यान Holi Rajaparva Vyakhyānal - 480 महावीर 3 प्रा 126 481 | महावीर 3 प्रा1 482 | के.नाथ 24/58 | होली व्रत कथा Holi Vrata Katha विनयचंद भाग/विभाग : 3 (प्रा)-जन भक्ति व क्रिया मू वृ. (प.ग.) मुनिसुव्रत 3 इ257| अजित शांति स्तव -+-वृत्ति | Ajita Sinti Stava+Vrtti | नंदीषेण कर्मसागर कुंथुनाथ 10/173| अजित शांति स्तव नंदीषण के.नाथ 6/123 मू. (प) कुंथुनाथ 15/6 मू ट. (प.ग) कोलड़ी 461 सेवामंदिर 3 इ337 +बा. +Bala. मू.बा. (प.ग 4 प्रतियां 4 copies | नंदीषण मू. (प.) 7-10 | कुंथुनाथ 14-4,1. 8-10, 37-5.! 14-12 11-2 | के.नाथ 6/127 2 प्रतियां 2 copies 11/87 कोलड़ी 1338 सेवामंदिर 3 इ 365/ के नाथ 15/68 अजित शांति स्तवन (मंगल | Ajita anti Stavana कमला) कोलड़ी 530 अर्हन सहस्र नाम समुच्चय | Arhan Sahasra Nama Samuccaya के.नाय 14/116 मेरुनंदन समंतभद्र के शिष्य | , 14/134 अल्प-बहुत्वादि स्तवन संग्रह | Alpa-Babutvadi Stavana | साधुकीति Sangraha 26/85 गु अष्टक संग्रह Astaka Sangraha संकलन कोलड़ी 1222 अष्टप्रकारी पूजा Astaprakari Puja 4 प्रतियां 4 copies देवचंद 21-4 | के.नाथ 24/69, 14/114, 19/1 128, 9/22 For Private and Personal Use Only Page #228 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कथा धार्मिक विधि विधान : [ 211 8A ___ 10 1859 पर्व व्रत कथा 26 x 11 x 15 x 45 | संपूर्ण 25x12x14x35 1875 25x12x14x45 1944 25x11x18x45 19वीं स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य : भक्ति स्तोत्र प्रा.सं. 27x12x11x27 संपूर्ण 40 गा. 16वीं उपकेशगच्छ देवकुमार का शिष्य 26x11x12x40 16वीं 25x11x7x35 1696 प्रा.मा. 25x11x8x46 , 42 ,, 1770 26 x 11x5x40 , 40 , 1851 17 | 25 x 11x5 x 35 |, 42, |1884,जैसलमेर अंत में 5 गाथा उप ज्ञानधर्म संहार और 4,4,7,3| 23 से 26 x 10 से 11 | तीन संपूर्ण 43/44 गा. | 19वीं अंतिम अपूर्ण प्रा. 19वीं 24 x 11 x 13 x 30/| संपूर्ण 39 गा. 38 26x11x10x33 | 40 गा. 19वीं 25x11x11x32 | संपूर्ण 19वीं- मिद्धि- साथ में सामान्य स्तोत्र सागर 4 18वीं 26x11x14x43 | , 31 गा. जिन स्तुति 31 x 13 x 15 x 48 | संपूर्ण 10 प्रकाश 19वीं 25x11x19x64 19वीं भक्ति काव्य 26x11x13x48 , 3 स्तवन 19वीं 12 x 11x9x 13 , 7 अष्टक (56 | 19वीं मगलाष्ट(Lसिद्ध(IN नदीश्वर(4)दसल.(11 " (दिगंबर) जिन भक्ति (द्रव्य+ भाव) काव्य श्लोक) मा. 14 | 22x11x15x44 1775 2, 21 से 26 x 9 से 12 19वीं For Private and Personal Use Only Page #229 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 212 ] भाग/विभाग : 3 (प्रा)-जन भक्ति व क्रिया 3A 25 1 | 2 . | के.नाथ 21/39 अष्टप्रकारी पूजा | Astaprakāri Puja वीरविजय , 1998 देव. (विनीतविजय विष्य) 27 । कोलड़ी 355 देवचंद " 919 अज्ञात कुंथुनाथ 43/1 | अष्टप्रकारी पूजा कथानक व Kathānaka विवेचन मुनिसुव्रत 3 5 256| अष्टप्रकारी पूजा रास Puja Rāsa | उदयरत्न के.नाथ 15/148/ कोलडी 340 अष्टमी मौन एकादशी स्तवन Astami Mauna-ekadasi | कांतिविजय Stavana प्रोसियां 3 5 188| अष्टोत्तरी जिन पूजा स्तवन |Astottari Jina Puja Stavanal नयविमल महावीर 3 इ 163| आत्मनिन्दा अष्टक Ātmanindā Astaka के.नाथ 15/32 | प्रात्मानुशासनादि स्तवन | Atmānusāsanadi Stavana उदयकीति लावण्यकी । काला कोलडी 327 | आध्यात्मिक पद बहोत्तरी Adhyatmika PadaBahottari आनंदघन , .. गु. 7/7 | आध्यात्मिक पद संग्रह 326 आध्यात्मिक स्तवन ,, Sangraha प्रानंदवन,ज्ञान,राजमुनि प्रा. ,, Stavana | हरखचंद के.नाथ 14/85 | ग्रानन्दघन पद Anandaghana Pada आनंदघन ,, 15/135 | इक्कीसप्रकारी पूजा Ikkisaprakāri Pūjā उ. सकलचंद कोलड़ी गु. 9/9 | (साधु बन्दना) इसामुनिवंदउ | (Sadhu Vandanā) Isāmu- | धर्मरत्न (कल्याणधीर प्रार्थना ni Vandau का शिष्य) 1332 | उज्जैन मंडन पार्श्व स्तवन | Ujjaina Mandana Parsva | हेमविमल शिष्य Stavana महावीर 3 5 105/ उवसग्गहरस्तोत्र-+ वृत्ति | Uvasaggahara St. tra भद्रबाहु/पार्श्वदेव मूव. (प.ग. ,, 3 इ 104 ., । - ,, 3 इ 355 , विधि सह भद्रबाहु प.ग. 1 प्रोसिया 2/152 | उसरणे जिरणपूर स्तोत्र ? | Usarne Jinapura Stotra जिनदत्तसूरि के नाय 26/103 | ऋषभ + जिनेन्द्र स्तोत्र | Rsabha+Jinendra Stotra महावीर 3 इ 355 ऋषभ + वीर स्तुति Rşabha+Vira Stuti | के.नाथ 10/71 ऋषभ(पहिलउपणमिय)स्तवन| Rsabha Stavana अज्ञात विजयतिलक मू. (प.) For Private and Personal Use Only Page #230 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य : [ 213 8A 1 1 ____10 19वीं 27x12x13x41 जिन भक्ति (द्रव्य+ भाव) काव्य 27x13x13x28 | 19वीं 29x 12x12x40 xxxxx 19वीं पूजामीमांसावदृष्टांत 23x11x12x42 1914 29 x 12 x 17x60 अपूर्ण (चौथी से अंत तक)| 19वीं पन्ने संख्या 9 से 23 अंत 25 x 11 x 18 x 40 | संपूर्ण 78 ढालें | 18वीं जोधपुर 1755 की कृति दृष्टान्त कथानक 27x11x13x53 1821 भक्ति पर्व तिथि 26x11x11x40 19वीं भक्ति काव्य 25 x 11x15x50 , 81 गा. 1849 पाटण कुशालचंद 19वीं , स्वाध्याय 28 x 14 x 17x47 | संपूर्ण 10 श्लोक भक्ति गीत 25x11x11x31 , 3स्तदन 19वीं भक्तिमय पद 27x12x16x48 , 78 पद 19वीं गुटका | 22x16x20x30 प्रतिपूर्ण 19वीं अंत में 34 छंदों की रागमाला x 11 x 34 संपूर्ण 22 स्तवन छंद 1869 X x15x45 अपूर्ण 4 पद मात्र 19वीं जिन भक्ति काव्य 28x13x11x30 1926 xx साधु भक्ति काव्य गुटका | 16x13x13x18 , 69 छंद 17वीं जिन भक्ति गीत x17x42 , 84 गा. 19वीं भक्ति स्तोत्र 27x13x14x41 संपूर्ण ग्रं 230 19वीं स्तोत्र जाप विधि सह प्रा.मा. भक्ति स्तोत्र 26 x 13 x 13 x 42 अपूर्ण पांचवीं गाथा तक ही 19वीं 25 x 11 x 15 x 50| संपूर्ण 11 गा. 20वीं 26 x 12 x 11 x 40 , 13 गा. 16वीं 25 x 12 x 20 x 56 संपूर्ण 2 स्तवन 28 श्लोक 18वीं 21x12x8x24 4-4 श्लोक की दो 20वीं | 28 x 12 x 16 x 58 संपूर्ण 29 गा. 15वीं भक्ति काव्य सं.प्रा. | 1 शत्रुजम ऋषभ भनि For Private and Personal Use Only Page #231 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 214 ] भाग/विभाग : 3 (अ)-जैन भक्ति व क्रिया __1 | 2 . | 3 3A के.नाथ 24/22 | ऋषभस्तवन Rşabha Stavana विजयतिलक मू. (प.) मू बा. (प.ग.) | महावीर 3 इ 17 __ +बा. +Bali. +अवचूरि +- Avacūril मूअ. (,) , + , + , मू अ. (,) के.नाथ 11/77 , 23/11 , 6/33 .. 15/108 कोलड़ी 333 +वृत्ति +Vrtti +अवचूरि +Avacāril मू वृ. (प.ग) मू अ. (,) मू. (प.) मू.अ. (प ग.) के.नाथ 11/62 ऋषभस्तव सावचूरि | Rsabha Stava + , | धनपाल , गु. 1 | ऋषभस्तवन Rşabha Stavana कमलहर्ष , 19/59 ऋषभ (पालोयणा) स्तवन Rsabha Aloyana Stavana | समयसंदर; राजसमुद्र , मुनिसुव्रत 3 इ289| ऋषभस्तवन Rşabha Stavana वाचककमल 61 सेवामंदिर 3 इ 345 , यशोविजय मू.ट. (प.ग ) 62-3 | के नाथ 15/29, ऋषभ (बहद) स्तवन 2 प्रतियां Rsabta Stavana 2 copies | समयसंदर 14/58 | मुनिसुव्रत 3 इ305| ऋषभ (विनती) स्तवन | Rsabha Stavana सेवामंदिर 3 इ 350| ऋषभ (शत्रुजय मंडन) स्तोत्र Rsabha Stotra | के नाथ ।1/44| ऋषभादि जिन स्तवनानि | Rsabhadi Jina Stavanāni | सोमसुन्दर प्र. (प.ग.) Rşi Battisi जिनहर्ष , गुटका 1 | ऋषि-बत्तीसी ., 26/100 | कोलड़ी 477 | ऋषि मंडल स्तोत्र Rși Mandala Stotra 2 प्रतियां 2 copies 70-1 सेवामंदिर 3 इ367 -8 72-3 | कोलड़ी 1107, | 934 , 2 प्रतियां 2 copies 4 प्रतियां 4 copies - 74-77| के.नाथ 22/40, 16.111 21/8,6/1 1100 78-80 कुंथुनाथ 13/40, ऋषि मण्डल स्तोत्र 3 प्रतियां Rsi Mandala Stotra 3copies 20/21,26/8 - For Private and Personal Use Only Page #232 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.kobatirth.org स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य : [ 215 ___10 | 11 8A |25 x 11 x 8 x 33 | संपूर्ण 21 गा. 15वीं 6 7 8 शत्रुजय ऋषभ भक्ति प्रा. |3 प्रा.मा. | 14 2 25x11x13x48 16वीं 25x11x10x44 16वीं 26x12x5x51 |, 29 1687 26x11x13x36 संपूर्ण 19वीं 25x11x17x55 29 गा. 19वीं 22x12x11x34 19वीं ऋषभ भक्ति काव्य | प्रा.सं. 26x11x7x40 1554 भक्ति काव्य 22 x 19 x 22 x 32 | 1814 26 x 13 x 17 x 36 | संपूर्ण दोस्तवन 30+27 18वीं 24 x 10 x 14 x 51 | संपूर्ण 2 ढालें (32 गा.) 18वीं 26 x 15x5x36 , 1904 25 x 11 x 11/9x35| , 31 गा. अंत में 2 लघ पद पार्श्व ऋषभ के 19वीं भक्ति जन्मोत्सव का 24x11x11x24 , 53 गा. 19वीं भक्ति काव्य 10x6x7x16 संपूर्ण 13 श्लोक 18वीं 26x11x11x40 संपूर्ण 19 स्तवन 16वीं अंत के 9 स्तवन बहुव्रीही सामासिक जिनमुनि भक्ति गीत | मा. 22x19x22x32 संपूर्ण 32 गा. 1814 25x11x12x32 20वीं भक्तिमय प्रार्थना 18वीं 27x11x11x30 संपूर्ण 65 श्लोक 24 x 11 व 25 x 12 ,, 82 , | 27/24 x 13/11 x 13 ,, 63 ,, x44/ गौतम रचित ऐसी प्राम्नाय दूसरा फटा हुआ है 19वीं 1897 4,9* | 24 से 26x10 से 13 | 64/से 103 श्लोक 19वीं 3,3, 3 25 से 26x11 से 12 | संपूर्ण 91,107,67 श्लोक 19वीं For Private and Personal Use Only Page #233 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 87 81-6 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 216 ] 99 1 100 101 102 103 104 105 106 109 15 "" 2. कुंथुनाथ 23/3 नाथ 22/65 14/20 कोलड़ी महावीर 3 इ 53, ऋषि मण्डल स्तोत्र 6 प्रतिय Rsi Mandala Stotra 6 copies 84-8,162,82,81 3 इ 89 कोलड़ी 1328 सेवामंदिर 3 इ340 कुंथुनाथ गु36 / 1 एकीभाव-स्तवन क्र 9 नाथ 19 / 120 | कल्याणक - चौवीसी कोलडी 1337 कल्याण मंदिर - स्तोत्र 478 481 के नाथ 21 / 17 कुंथुनाथ 15/21 के. नाथ 5/15 सेवामंदिर 3 इ336 के नाथ 21 /77 मिवामंदिर 3334 कोलडी 479 107 8 कंथुनाथ 15/7. 19/6 क. नाथ 5/28 10 333. 3 ड 373 "1 88 11/91 15/1 197.21/66 21 80, 26-32 37 " 31 31 : "1 " 3 31 ', + वृत्ति + वृत्ति + बा. tar. www.kobatirth.org + वृत्ति 3 A 2 प्रतियां 7 प्रतियां Ekibhāva Stavana Kalyāṇaka Cauvisi Kalyana Mandira Stotra ," 33 " 39 " " 93 93 99 39 भाग / विभाग : 3 ( अ ) - जन भक्ति व क्रिया For Private and Personal Use Only + Vrtti + Bālā. + Bālā. +Vrtti 2 copies 7 copies वादिराज महानंद (सोमचंद शिष्य) कुमुदचंद्र 39 ,,/ गुणरत्न कुमुदचंद्र " Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir = +Vrtti कुमुदचंद्र / कुमुदचंद्र "1 37 97 4 ../ महिमासुंदर कुमुदचंद्र 33 ,,/ हकीर्ति = "1 प. मूट. (प.ग.) प. 13 13 प. 5 मू.ट. (प.ग.) मू.वृ. ( प.ग.) प. 31 11 मुट ( प ग ) प. = 73 मू.वृ. ( प ग . ) मू.ट. (प.ग.) "1 मू.बा. (प.ग.) : "" मू.ट. (प.ग.) मू. बृ ( प.ग.) मू. ट. (प.ग.) Page #234 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य : (217 __ 6 7 भक्तिमय प्रार्थना | सं. 8 8A 9 10 6,3,2,4 | 24 से 28 x 11 से 13 | संपूर्ण श्लोक संख्या भिन्न | 19/20वीं 6,171 11 अंतिम 2 में पाठ व साधना विधि भी है 93 25 x 13 x5x33 X 19वीं 30x13x3x27 81 में 1904 XXX. 26x12x4x26 1964 21 x 38 पूर्ण 26 श्लोक 1544 X तीर्थकर भक्ति 26x 14 x 39 तवन+कलश 19वीं X भक्ति स्तोत्र (पाल) सं. 25x10x11x44 | स 44 श्लोक 16वीं सं.मा. 26 x 11x 5x54 16वीं 26x11x5x37 1663 25x11x11x35 1697 24x12x6x33 1702 25x12x5x34 1718 24x11x7x21 1727 26x10x4x60 1756 सं.मा. | 26x11x5x46 1766 25x11x6x31 1802 24x11x12x36 श्लोक का 1809 26x11x12x25 1816, उदेपुर राजसुंदर 26 x 11x4x36 | 41 श्लोक तक अंतिम पन्ना 1818 कथा सह कम 26x12x18x64 | संपूर्ण 1829,विक्रमपुर 26 x 11x4x38 | , 44 श्लोक 1846 5,7 26 x 11/12 x भिन्न 2)पहिली पूर्ण,दूसरी 20 श्लोक 19वीं 5,5,3, 21 से 26 x 11 से 12 | संपूर्ण 44 श्लोक 19वीं 244 सं. For Private and Personal Use Only Page #235 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 218 ] 1 116 121 122 117 कोलड़ी 1227 1189 सेवामंदिर 3 इ335 32 120 कोलडी 1152 ओसियां 3 इ 175 के. नाथ 6/43 ओसियां 3 इ 183 महावीर 3 इ 80 3 इ 78 के. नाथ 18 / 61 कल्याणमंदिर - भाषा ओसियां 3 इ 196 | कोलड़ी 538 के. नाथ 6/58 महावीर 3355 ) कुशल सूरि- अष्टक के. नाथ 18/97 6/126 18/66 26/103 23/83 3 इ 345 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 के. नाथ 23-18 | कल्याणमंदिर स्तोत्र " 2 "1 " 23 11 11 13 31 12 3 31 33 2 प्रतियां +बृ. + वृ. + वृ. +ar. कल्प 11 श्रष्टकारी पूजा आरती व स्तवन गीत गणधर स्तव छद व अष्टक निशाणी मंत्र कोलड़ी 904 के. नाथ 14 / 102 क्षेत्रपाल छंद कोलड़ी 930 क्षेत्रपाल पूजा विधिसह | के. नाथ 26 / 85 गु. क्षेत्रपाल अचलमणि विजय भद्र, भैरव पूजा कोलड़ी 295 सज्झाय स्तवन www.kobatirth.org 3 A Kalyana Mandira Stotra " 33 " 27 23 "" 37 23 27 " 39 39 99 Kuśalaśüri Aṣṭaka "" 99 , 93 35 5% 99 Gita Mantra 2 copies + Vrtti +Vrtti + Vrtti Aṣṭaprakāri Pūjā Arati & Stavana भाग / विभाग : 3 (प्रा) - जंन भक्ति व क्रिया +Baa Kalpa " Kṣetrapala Chanda Gaṇadhara Stava For Private and Personal Use Only Sajjhāya & Sta vana Puja Vidhisaha +4 others Puja कुमुदचंद्र " 31 Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 37 Bhāsā | बनारसीदास साधुक Chanda & Aş- विजयसिंह taka Nisani [ 4 रत्नसोम / हर्ष कीर्ति उदयरत्न प्रादि ज्ञानविमल मू.ट. (पग. प. "1 मू बा. (पग.) / बनारसीदास मू अनुवाद ( पह में) ट. मंत्र सह केवल मंत्र मू.वृ. (प.ग.) प. 12 19 मंत्र प. 5 " पद्य 31 प. 21 ग. मंत्र Page #236 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य : [219 7 8 8A | 10 11 6 भक्ति स्तोत्र (पाश्व) 19वीं 25x11x6x44 | | संपूर्ण 44 श्लोक 15x10x11x 20 | , , 19वीं 4,6 | 22x11024x11 19/20वीं 26x11x21x66 | अपूर्ण 26वें श्लोक तक | 18वीं 26 x 12 x 18 x 54 संपूर्ण 44 श्लोक 19वीं 25x11x13x50 | ., 44श्लोककी..727| 19वीं 25x11x22x52 |, 44 श्लोकोंका 1887 पारंभमें सिद्धसेन कथा 28x14x6x36 | संपूर्ण 44 श्लोक 19वीं 26 x 13 x7x32 | अपूर्ण बाकी जगह खाली है| 1928 मेडता हुकमविजय 26 x 11 x 13 x 61 | संपूर्ण 44 श्लोकों का पद्या- 1748 पार्श्व जिन भक्ति नुवाद 24x11x14x45 1826 विक्रमपुर __ बखतसुंदर 30x11x11x37 , 40 ,, | 19वीं 25x11x12x31 19वीं 28 x 12 x 12 x 50 | संपूर्ण 9 श्लोक 1964 x दुर्लभ16 x 12 x 13 x 21 | संपूर्ण 1897 दादा गुरु की भक्ति सं. 26x11x13x35 19वीं 26x13x11x35 ,दो गीत गा.15+42 19वीं 25x11x15x38 | , 30 गा.+8 श्लोक 1784 22x13x13x26 है साथ में अन्य दादा 19वीं स्तवन , साथ में जाप विधि 19वीं 28x12x14x40 26x ||x1x48 अन्य स्तव- 19वीं नादि भी 22x12x11x23 |, 18 पद 19वीं सम्यग्दृष्टि देवस्तुति, , भक्ति , 26x12x13x36 19वीं 12x11x12x15 19वीं , पांचों की 5 पूजा अर्घ्य जयमाला सम्मेत दिगम्बर माम्नायकी 11 गणधरों की स्तुति वचैत्यवंदन व स्तवन 19वीं . पहिला पन्ना कम गणधरों की भक्ति मा. 4 26 x 13 x 15 x 45 | For Private and Personal Use Only Page #237 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 220] 1 142 143 144 145 146 147 148 150 151 152 153 श्रोसियां 3 इ 222 गुरु सज्झाय मुनिसुव्रत 3 इ323 गौतम अष्टक कुंथुनाथ 2/31 149 सेवामंदिर 3 इ350 गौतम स्वामी स्तोत्र 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 कोलड़ी गु. 9 /9 गुरु गीत सेवामंदिर गु. 20 दे " के. नाथ 15 / 5 13 2. 71 21 " (उम्मेद पच्चीसिका) 3 इ 353 | गुरुनाथ दिव्याष्टकम् + वृत्ति 3 इ 347 33 920 3 इ 345 गौतम स्तोत्र ( महामंत्र ) 343 कुंथुनाथ 4/99 ओसियां 3 इ 262 के नाथ 14 / 15 गुरु पारतन्त्र्य स्मरण व सिग्धर्मावर स्तोत्रादि + वृत्ति " कुंथुनाथ 44 / 5 महावीर 3 इ48 ओसियां 2 / 152 | महावीर 3 इ 134 के. नाथ 19/40 महावीर 3 इ 133 कुंथुनाथ 36 / 1 क्र चतुविशति जिनस्तवन 10,11,23 कोलड़ी 515 महावीर 3 प्रा 48 कोलड़ी 510 11 13 ग्रह गर्भित 24 जिन स्तुति ग्रह शांति + बृहत शांति 3 घूमावली व ज्ञानवृत चक्रेश्वरी स्तोत्र "3 31 शांति आदि यंत्रबद्ध स्तोत्र विधिसह "" 12 1 11 "" 11 22 + वृति www.kobatirth.org स्तोत्र स्तवन ,,(at) 37 छंद बावनी स्तवन Guru Gita 39 3 A Gurunātha Divyāstaka Gurupāratantrya & 2 other Stotra Guru Sajjhaya Gautama Aṣṭaka Gautama Svami St. tra Gautama Stotra " Grahagarbhita 24 Jina Graha Santi+B Santi Ghūmavali & Jñānavṛta Cakreśvari Stotra 39 "" "" 39 32 ,, etc. 93 भाग / विभाग : 3 (प्रा)- जैन भक्ति व क्रिया Yantrabaddha Stotra etc, Caturvimśati Jina Stavana भूपाल जिनप्रभ For Private and Personal Use Only Stuti Stotra "" Stavana Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Chanda Bāvani Stavana 4 किस्तूर सेवग पद्मसूरि जिनदत्तसूरि / जयसागर ( प्रथम की ) यशोविजय वज्रस्वामी वज्रस्वामी / - भद्रबाहु + सागरचन्द्र श्रानन्दविजय जयचंद्र व आनंद ग्रानंदविमल नयविमल प. मूवृ. (प.ग.) (,,) प. 33 " 21 11 मूवृ (प.ग ) प. " 11 13 "" "1 5 " Page #238 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य : भक्ति काव्य 33 दादा कुशल भक्ति काव्य भक्ति स्तोत्र गुरु गुरण स्वाध्याय भक्तिश्लोक 27 11 31 6 14 भक्ति "1 व्याख्या 31 99 " "1 "" " 13 13 21 भक्ति व ज्ञान संबन्धी प्र सम्यग्दृष्टिदेवी स्तुति सं. 71 31 ,,+ मंत्र सर्व तीर्थंकर सामान्य सं. भक्ति "1 = "1 27 31 मा. 12 सं. प्रा.सं. मा. सं. 31 33 " 77 "" 1: 7 प्रा.सं. 18 "3 "1 मा. " 17 13 गुटका 3 5 14* 5 1 1 5+1 1 5 गुटका 7 123* 4 13 8 12* गुटका 6 3* 3 3 2 5 3 5 8 A www.kobatirth.org 16 × 13 × 13 × 18 संपूर्ण चार गीत 26 x 20 × 29 × 28 25 x 15 x 18 x 50 25 x 12 x 12 x 60 26 x 13 x 12 x 37 12 x 9 x 9 x 18 21 x 9 x 7 x 32 26 × 12 × 11 x 40 20 x 10 x 7x14 21 x 10 x 9 x 30 25 x 10 x 15 x 54 तीन स्तोत्र गा. 26,21,14 27 × 12 × 11 × 34 संपूर्ण दो सज्झाय = 80 गाथा | 23 x 10 x 12 x 35 27 × 12 × 11 × 25 संपूर्ण 10 x 6 x 7 x 16 27 x 11 x 6 x 26 64 d 24 x 11 x 17 x 60 " 26x13 x 12 x 24 23 x 10 x 10 x 24 27 x 10 x 18 x 58 " 13 × 1 1 × 12 × 12 13 " "1 31 "" " 73 संपूर्ण " "1 "" 17 9 17 26 × 11 × 14 x 38 25 × 1 1 × 11 × 43 संपूर्ण 25 कवित्त +4 गीत 37 9 छंद 9 श्लोक 11 श्लोक 12 श्लोक की 12 श्लोक 948 श्लोक 2 3 × 20 × 21 × 38 संपूर्ण 3 स्तवन (25,24 1544 25 श्लोक) संपूर्ण 8 श्लोक + 22 श्लोक 1762 25 x 10 x 8 x 20 25 18वीं 14 - 13 गा. 9 पद 1973 2 स्तोत्र 11 +8 18वीं श्लोक Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 31 24+7 श्लोक 29 श्लोक गाथा 2 स्तवन 27 व 30 T. 10 19वीं 1829 जोधपुर चमनमल 18वीं 9 श्लोक + शांति- 19वीं पुरी 16वीं 20वीं x 29 गाथा ग्रंथाग्र 90 For Private and Personal Use Only 17वीं 1926 1955 सुभटपुर 16वीं 1836 18वीं विनयचंद्र 19 aff 1961 1913 19वीं 19वीं 1956 20वीं जोधपुर छबील 16at [ 221 जी‍ 11 1926 की कृति / जीर्ण अंत में लघु स्तोत्र है अंत में लघु जिनपंजर स्तोत्र Page #239 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 222] 1 167 168 169 170 177 178 179 180 181 182 183 186 कोलड़ी 322 कुंथुनाथ 43 / 12 4/95 सेवामंदिर 3 इ345 184-5 के नाथ 17 / 71, गु. 14 ओसियां 3 इ 225 के नाथ 6/85 चन्द्राउला 171 मुनिसुव्रत 3 इ 323 चरित्र मनोरथमाला 172-3 के. नाथ 24/44-39 चार मंगल दो प्रतियां Cāra Mangala 15 / 126 | चार मंगल आदि स्तवन 175 मुनिसुव्रत 3 इ 323 174 चैत्यपरिपाटी स्तव 176 कुंथुनाथ 16 / 16 चैत्यवंदन महावीर 3 इ7 के. नाथ 10/73 189 190 191 192 " 193 . नाथ 14/97 चतुर्विंशतिजिन-स्तुति कोलड़ी 484 194 37 1878 के नाथ 19 / 83. 23/57 कुंथुनाथ 17/20 प्रोसियां 3 इ 359 महावीर 3 इ 52 3 इ 54 कोलड़ी 503 2 11 1 504 11 1129 11 15 / 141 चौमासी देववन्दन चौवीस चैत्यवंदन संग्रह चैत्यवंदन | स्तवनादि 21 21 "" "" 13 13 " 3 31 39 19 "" नमस्कार 2 प्रतियां पूजा 2 प्रतियां सवैये स्तुति मंत्र स्तुतियें + श्रवचूरि + + वृत्ति स्तुतियें + प्रवचूरि www.kobatirth.org 11 Caturvimśati Jina Stuti Candraulā Caritra Manorathamālā 33 Cara Mangala & other Stavans Caityaparipați Stava Caityavandana " 9" 33 33 3 A 27 Caumasi Devavandana 29 39 Cauvisa Caityavandana " " "" 35 33 91 " भाग / विभाग : 3 (प्रा) - जन भक्ति व क्रिया Namaskara ד 39 Sangraha विनयविजय + Stavanādi ज्ञानविमल पद्मविजय मानविजय 93 33 2 copies ऋषिजय मल गुणविनय धर्मसूरि ,, 2 copies For Private and Personal Use Only Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जिनप्रभसूरि - " वाचक देव खेमराज 4 T | Puja 2 copies जिनचंद्रसूरि Savaiye खेम Stuti Mantra क्षमा कल्याण 37 प. 21 11 "1 " 14 17 Stutiyen+Avacūri मुनिसुंदर (सोमसुंदर मू श्र. (प.ग.) + का शिष्य) भट्टसूरि मू अ. (प.ग.) + Vrtti मू. बृ ( प.ग.) Stutiyen+Avacūri शोभनमुनि मू.अ. (प.ग.) 11 13 5 Page #240 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य : [ 223 6 7 8 8A 9 10 11 सर्व तीर्थंकर सामान्य सं. 1 भक्ति 26 x 12 x 11 x 35 | संपूर्ण 9 श्लोक 19वीं 26 x 11 x 13 x 34 , 34-1-9+7श्लोक 19वीं अंत में 2 ग्रह छंद हैं 30x12x13x36 | संपूर्ण 19वीं साथ में ग्रह राशि नक्षत्र जिनों के भक्ति गीत 25x11x12x37 19वीं 24 x 11 x 14x42 | अपूर्ण 27 से 52 अंत तक 1694 पासारा 12*11| 26x11x26x13 संपूर्ण 4 ढालें=147 गा. 19/20वीं 26x11x13x46 19वीं 25 x 12x14x35 । ,, 16 श्लोक 19वींx श्रीविजय 19वीं 20 x 13x10x24 ,, 8 श्लोक 27x13x8x18 | , 3 चैत्यवंदन 1910 अजमेर नरेन्द्रसागर 19वीं 27x13x14x55 | संपूर्ण 27x12x11x38 ,, तीर्थ तीर्थंकरों के | 19वीं स्तवनस्तुति नमस्कार प्रत्येक तीर्थंकर भक्ति 26x11x11x36 | संपूर्ण 24 चैत्यवंदन 19वीं 26 x 11 x 12 x 38 अपूर्ण 11वें तीर्थंकर तक ही 19वीं 25x11x11 x 45 संपूर्ण 24नमस्कार 11 श्लोक 1827 26x11x10x32 अपूर्ण 12वें तीर्थंकर तक ही 20वीं सदी 26x11 व 14x16 | संपूर्ण 24+1 नमस्कार | 1859/89 x6 गा 26x11x14x47 | 1869x अमत सदर 26 x 13 x भिन्न 2 1. 24 पूजायें 25 x 11 x 14 x 42 अपूर्ण 21 तीर्थंकरों तक 21 19वीं 19वीं 24x12x11x36 संपूर्ण 24 तीर्थंकरों की कुल 20वीं 27 26 x 12 x 15 x 52,, , ,--28 अन्य 15वीं 26 x 11 x 28 x 65 संपूर्ण 24 x 4= 96 पद 15वीं | प्रत्येक तीर्थंकर के 22 पद हैं 31x11x20x50 संपूर्ण 24 तीर्थकरोंकी28श्लो 16वीं 26 x 12 x 14 x 60 अपूर्ण22वेंतीर्थकरतक89, 17वीं For Private and Personal Use Only Page #241 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 224 ] 1 195 196 197 198 199 201 202 203 204 207 208 . नाथ 29/22 205-6 | महावीर 3 इ4, 158 3 इ 5 209 210 211 212 215 216 217 218 219 220 221 222 कोड़ी 1188 | सेवामंदिर 3 इ 342 कोलड़ी 487 1113 223 ,,485-86-88 महावीर 3 इ 51 | सेवामंदिर 3 इ345 11 33 "1 2. 31 "1 ओसियां 3 इ363 . नाथ 18 / 86 19/99 329 कोलड़ी "" 27 3 इ 49 कोलड़ी 1/9 गु. मुनिसुव्रत 3254 के. नाथ 26/92 ओसियां 3 इ 189 मुनिसुव्रत 3 इ253 महावीर 3 इ 20 चौवीस जिन स्तुतियें 37 "" " "3 213-4 गुटका 2/8, 2 प्रतियां 10/4 के. नाथ 23 /56 | चोवीस स्तुतियें चंत्यवंदन 23/89 चैत्य नमस्कार | 26 / 103 चोवीस जिनस्तवन " 17 11 " "" " + वृत्ति 11 #3 "" "1 13 3 11 27 3 प्रतियां + वृत्ति 11 www.kobatirth.org स्तुति पंचाशिका स्तुतियें 2 प्रतियां 3 A Cauvisa Jina Stutiyen " 23 39 29 ” +Vrtti " 35 27 33 39 33 33 "" 32 3 copies " भाग / विभाग : 3 (प्रा) - जैन भक्ति व क्रिया 2 copies +Vrtti Cauvisa Jina Stavana Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir For Private and Personal Use Only शोभनमुनि 31 "3 शोभनमुनि / जय विजय शोभनमुनि (Pañcāsikā) रामविजय (जिनलाभ का शिष्य) 11 17 2 copies ,, Caityavandana लावण्यसमय Namaskāra पद्मविजय क्षमाकल्यारण 31 क्षमाकल्यारण पद्मविजय जिन राजसूरि यशोविजय ज्ञानसार 4 "" जनप्रभसूरि जिनराजसूरि ( जिनसिंह सूरि शिष्य ) 11 11 ( स्वोपज्ञ ? ) 13 "1 प. 11 मू.ट. (प.ग.) प 13 11 "1 17 27 21 "3 5 "" Page #242 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य : [ 225 8A 10 11 प्रत्येक तीर्थंकर भक्ति सं. 24 x 11 x 13 x 32 | संपूर्ण 24 स्तुतियें 96 पद 125x11x15x38 , 18वीं 25x11x11x34 1840 24x11x9x25 1842 5,4,5 | 25 से 27x10 से 11 19वीं सं. 4. 27x12 x 14 x 43 संपूर्ण 96 पद की ग्रं. | 1925 वृत्तिकार देव विजय 2350 का शिष्य 25x12x3x34 अपूर्ण अंतिम 3 स्तुतियें 1814 मात्र 25 x 11 x 13 x 38 | संपूर्ण 50+9 = श्लोक | 1885 कुल 27 से 28 x 13 से 14 | ,, 24 x 3 = 77 श्लोक (1)1950पाली ग्रं. 148 ताना, (2)20दी 27x11x12x37 , 77 श्लोक 1957, अमदा __ बाद, नरोत्तम 28x13x15x48 | अपूर्ण 12 की ही कुल | 20वीं (तीर्थकर 1 से 11, 48 पद्य 13 की है) 24x13x11x38 | संपूर्ण 24 की 77 श्लोक 20वीं 26x11x12x34 | , 24 की 19वीं 26 x 11 x 18 x 45 , 25 स्तुतियें ।- 2 | गीत 26 x 13 x 13 x 52 | अपूर्ण 16वें तीर्थकर तक 13x11 व 15 x 11 संपूर्ण 24 स्तुतियें 19वीं 30 - 14x14x38 | संपूर्ण 24 स्तुतियें, 24 | 19वीं चैत्यवंदन 20x11x15x41 | . | संपूर्ण 24 स्तुतिवें, 24 | 19वीं चैत्य., 24 नमस्कार 25x12x20x56 संपूर्ण 24 पद 18वीं 12 x 11 x 18 x 22 | अपूर्ण 1721 | 25 x 11 x 17x42 | संपूर्ण 24 स्तवन +2 | 1728, पाली, यशोलाल 20 x 16 x 22 x 18 | संपूर्ण (24 x 5)= 120| 1767 पद्य गाथा कुल 26 x 11x15x44 | संपूर्ण 24 स्तवन 18वीं सूर्यपुर, मेरुलाभ 24x10x13x36 18वीं 22x11x11x32 1897 For Private and Personal Use Only Page #243 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 226 ] 1 224-5 | के. नाथ 10 / 31, 26/84 19/122 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 242 243 244 245 246 गु. 7/7 के नाथ 19/11 24/73 240-1 कोलड़ी 302, गु 2/6 गु. 7/7 247 248 249 "1 250-1 19/1 6/41 महावीर 3 इ 33 कुंथुनाथ 36/2 के. नाथ 19/8 19/16 10/72 13 17 23 कोलडी " 17 2. 37 गु. 1 10/62 मुनिसुव्रत 3 इ 252 कोलड़ी 1350 330 " 421 33 गु. 2/8 कुंथुनाथ 54 / 11 कोलड़ी गु7/7 कोलडी 330 349-48 " 3 A चौबीस जिनस्तवन 2 प्रतियां Cauvisa Jina Stavana 2 copies 37 " " "1 : 11 11 31 11 "} 31 11 19 21 11 3 + बा. + बा. (अतीत ) www.kobatirth.org (बावनी) + स्तुति + चैत्य. चौसठ पूजायें 2 प्रतियां 33 97 23 33 33 भाग / विभाग : 3 (श्रा ) - जैन भक्ति व क्रिया For Private and Personal Use Only Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 4 (Atita) जिनराजसूरि उदय रत्न + Bālā | देवचंद / - देवचंद ग्रानन्दधन + Bālā. आनंदधन ( ज्ञानसार मू.बा. व ज्ञानविमल कविऋषभ यशोविजय लक्ष्मीवल्लभ (राजकवि ) ( Bāvani) नयविमल पद्मविजय पूंजराजमुनि भावविजय जिन महेन्द्रसूरि 2 copies मोहनविजय (रूप विजय का शिष्य) रतन मुनि पद्मसागर (मंगल सागर का शिष्य) सुमतिविजय रामविजय (सुमतिविजय का ) रामविजय + गुणविलास विनयचंद समयसुंदर हरखचंद 2 प्रतियां Causatha Pūjāyen 2 copies वीरविजय प. प. प. मू. बा. प. 13 11 17 39 33 " "3 "1 5 11 11 Page #244 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य : [ 227 6 7 | 8 8A 10 11 प्रत्येक तीर्थकर भक्ति मा. | 26 x 12 व 13x12 प्रथम में पहिला और द्वितीय| 19वीं में पहिले चार स्तवन कम हैं 25x11x11x28 | संपूर्ण 24 स्तवन 1874 26x13x11x43 1866 24x13x14x31 19वीं 26x12x14x54 " , पं. 4224 1892 मेडता. पुण्य सुंदर 25 x 20 x 15x28 , 24 स्तवन 1794 26x11x11x33 अपूर्ण 21 तीर्थकर तक 1888 26 x 12 x 14 x 34 | संपूर्ण 24 स्तवन तीन | 19वीं 2 छंद के 24x12 x 11x25 1877 22x19x22x32 1814 30x14x11x42 , 26 पद (2-2 गा) 19वीं 25x12x10x40 , 24-24 स्तवन स्तुति, चैत्य. 24 स्तवन 22x16x20x30 25x11x16x44 25x12x14x38 , +1 छंद 19/20वीं 12,गुटका 27x11 व 15 x 12 22x16 x 20 x 30 19वीं 26x12x12x37 25x10x17x35 | अपूर्ण (17 वें तीर्थकर तक ही है) 26x12x12x36 संपूर्ण 24 स्तवन 1867 13x11x16x27] , , 19वीं 6x6x8x12 22x16x20x30 1861 23x11x7x26 | अपूर्ण 21 स्तवन 14,33 | 28 x 13 x 27x11 | संपूर्ण 64 पूजायें विधिसह | 1894,1887| 1874 की कृति तीर्थकर पूजा भक्ति , For Private and Personal Use Only Page #245 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 228 ] भाग/विभाग : 3 (प्रा)-जन भक्ति व क्रिया 1 । 2. 3 3A 252 महावीर 3 इ355| चौसठ प्रकारी पूजा विधि मंत्रादि 253 | के.नाथ 15/124 | छिन्न जिनस्तवन | Causatha Prakāri Pūjā Vidhi etc. Chinnū Jina Stavana | जिनचन्द्रसूरि 254 , 26/103 जगजीवन चन्द्रर रि-अष्टक | Jagajivanacandra Astaka पन्नालाल 255 Jayti Huana Stotra अभयदेव मूअ (प.ग) | , , 5/75 | जयतिहुअण-स्तोत्र 22/47 -वृत्ति ---बा. 256 , +Vrtti+Bala. मू.वृ.बा. + वृत्ति +Vrtti , - मूवृ (प.ग.) अभयदेव सेवा मदिर 3 इ 374 258 मुनिसुव्रत 3 इ 268 259- के.नाथ 14-75, 63 15-162 22-71. 15-51,14-64 5 प्रतियां 5 copies 264_ कुंथु. 2/27 265 के नाथ 24/74 वृत्तिसह +with Vrtti मू.वृ. (प.ग.) 2 copies 266 | महावीर 3 51 267-8 ,, 3 इ2,159 2 प्रतियां 269 | सेवामंदिर 3 इ । जयतिहुप्रण-भाषा 345 270 , 3 इ341 जिनगुणरस Bhāṣā क्षमाकल्याण Jina Guņa Rasa वेणीराम 271 के.नाथ 15/204 272 कोलड़ी 341 273 274 सेवामंदिर 3 इ 346 महावीर 3 इ 1351 जिनदत्त-कूशलमूरि-स्तोत्र | Jinadatta+Kusalasuri Stotra | के.नाथ 26/83 | जिनपिंजर-स्तोत्र Jina Piñjara Stotra 275 कमलप्रभाचार्य 276 , 18/94 जिनपूजाप्रसंग Jina Pūjā Prasanga 277 | कोलडी 529 | जिन सहस्रनाम Jina Sahasra Nāma 278 | , , 910 | 528 | जिनसहस्रनाम-स्तोत्र 279 | , Stotra | सिद्धसेन दिवाकर 280 | महावीर 3 इ21] जिनस्तवन Jina Stavana जयानंद For Private and Personal Use Only Page #246 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य : [ 229 11 ____ 6 7 | ४ | 8A 9 10 तीर्थकर पूजा भक्ति सं.मा. | 1 26 x 12 x 15 x 52 | संपूर्ण 8 दिनों की 19वीं मा. 4 26x12x16x29 | अपूर्ण 23 गाथा 19वीं गुरु भक्ति मंत्र सं. 2 25x12x20x56 | संपूर्ण 11+12 श्लोक | 18वीं पार्श्व जिन भक्ति 26x11x12x57 , 30 गा. 30 गा 16वीं पहिला पन्ना कम अंत में ऋषि मंडल का मामूल मंत्र प्रा.सं मा 4 26x11x5x59 17वीं 26 x 11x17x63 | , 30 गा. की ग्रं | 19वीं 300 25x10x14x51 | , 30 गा.+16 श्लोक 18वीं स्तुति के संस्कृत में 3,4,2,3, 24 से 28 x 11 से 15 | प्रथम चार पूर्ण अंतिम | 19वीं अपूर्ण , , 4 25 x 11 x 9 x 36 | संपूर्ण 30 गा 19वीं प्रा.सं. 4 26x10x21-65 | 19वीं 27x13x13x47 1942 पालनपूर नरेन्द्रसागर 20वीं 21 x 12 व 26 x 14 25x11x16x32 40 गा. 1876 उदयपुर तीर्थंकर भक्ति 25x11x15x47 186 गा. 1847 थोभ, | 1769 की कृति मारगक उदय 1851 21x15x19x50 27x11x21x50 191 गा. 19वीं 17x13x11x13 " 193 गा. 1930 दादा गुरु भक्ति । अ.मा. 23x 11x13x34 .. 2 पद 9-1919 गाथा+4 सवैया भगवानचंद 17x12x13x16 | संपूर्ण 24 श्लोक 19वीं तीर्थकर भक्ति सं. भक्ति विधान अर्चना मा. 21x13x14x25 19वीं भक्ति स्मरण पद | सं. 31x11x16x44 1805 26x12x11x36 , 41 श्लोक 19वीं 31x13x20x62 19वीं तीर्थंकर भक्ति 17x8x8 x 22 , 9 श्लोक | 1733 For Private and Personal Use Only Page #247 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 230] 1 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 2. | सेवामंदिर 3 इ350 जिनस्तवन (चन्द्र प्रभु व अन्य ) मुनिसुव्रत 3 इ323 सेवामंदिर 3 इ345 महावीर 3 इ41, 355 कुंथुनाथ 2/43 के. नाथ 11/23 कुंथुनाथ 26/9 जिनस्तुतियाँ 17/18 ओसियां 3 इ 194 कुंथुनाथ 36 / 1 क्र. जिनस्तोत्र 25,24,18,17 कोलड़ी 1224 "2 27 13 11 17 "" 29 ". 33 17 जुहार भट्टारक कुंथुनाथ 44/5 जैनमहिम्नस्तोत्र महावीर 3 इ355 | जंनरक्षास्तोत्र कोलड़ी 336 मुनिसुव्रत 3 इ 313 जोजासमणी के. नाथ 15 / 201 |तिजयपहुत्त स्तोत्र महावीर 3 इ 47 | सेवामंदिर 3 इ 345 ओसियां 3 इ213 3 जनरक्षा + जिनपिंजरस्तोत्र 39 सावचूरि व मत्र 17 11 + वृत्ति www.kobatirth.org + कल्पविधि महावीर 2/24 के. नाथ 6 / 12 महावीर 3 इ 355 त्रिषष्ठीशला कापुरुष-स्तवन के. नाथ 10/43 | दस लक्षणी पूजा Jina Stavana 33 Jina Stutiyan 33 39 Jina Stotra 33 33 "3 3 A Juhara Bhaṭṭāraka 15 Savcüri Jaina Mahimna Stotra Jaina Rakṣa Stotra Jina Piñjara Jauja Samaņi Tijayapahutta Stotra "" 99 2 / 152 | तीर्थंकरों की बोली तीर्थंकरों के कलश तीर्थंमाला - प्रकरण Tirthamālā Prakarana त्रिजगत् शास्वत त्रिव स्तवन | Trijagat Śāsvata Bimba Stavana Trisasthi Salakā Purusa Stavana Dasa Lakṣaṇi Pūjā Tirthankaron ki Boli भाग / विभाग 3 (प्रा) - जन भक्ति व क्रिया For Private and Personal Use Only ke kalasa Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जिनप्रभ आदि I समरमुनि वाचक चरित्रनंद पद्मनंदि जयानंद / मेघमुनि " -- साधु राजगणि भद्रबाहु " 4 विजय देवसूरि + कमलप्रभ चन्द्रमुनि रत्नसूरि पद्य 13 33 "" 33 सू.अ. (प.ग. प. "1 ग. ५. 19 19 "" मू.ट. ( प.ग.) + हर्षकीत्ति मू.वृ. (प.ग.) मू (प) मू.ट. (प.ग.) मू. (पद्य) "" प. 13 5 31 "1 11 Page #248 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य :-- भक्ति तीर्थंकर भक्ति सं. 11 27 11 6 11 11 " 11 11 " 11 19 31 17 11 11 13 11 सं.मा. भक्ति भक्ति व औपदेशिक मा. 7 सं. "1 महावीर भक्ति गीत प्राकृत भक्ति तीर्थंकर की प्रा.मा. प्रा.सं. प्रा.सं. सं. प्रा. सं. तीर्थंकर भक्ति स्तव प्रा. प्रा. 11 " 11 गुटका 1 I 5 1 4 गुटका 7 3 1 12* 1 1 11* 3 प्रा.सं.मा. 8 1 8 14* 1 तीर्थंकर नमस्कार अपभ्रंश 7 काव्य भक्ति व वृत्तांत मा. 3 123* 1 21 6 8 A www.kobatirth.org 10 x 6 x 7 x 16 25 × 10 × 15 × 44 कुल 3 स्तवन + 1 स्तुति / 26 श्लोक कुल 2 स्तवन संपूर्ण 20 श्लोक 25 x 10 x 11 x 48 प्रतिपूर्ण कुल 7 स्तुतियें 27 x 13 x 8 x 30 25 × 11 × 15 × 44 कुल 12 स्तुतियें 27 x 11 × 12 x 53 10 25 से 27 x 12 X भिन्न 2 25 x 11 × 18 x 36 26 x 11 x 13 x 45 25 × 11 × 13 × 36 संपूर्ण 12 x 9 x 9 x 18 25 x 12 x 13 x 35 22 x 10 x 10 x 30 25 x 11 x 4 x 29 26 x 12 x 11 x 40 कुल 4 स्तवन (पूर्ण अपूर्ण) 18वीं 1 2 "1 26 × 12 x 11 x 40 25 x 11 x 11 × 31 25 x 11 x 13 x 40 23 x 11 x 13 x 34 23 × 20 × 21 × 38 संपूर्ण 4 स्तोत्र ( कुल 66 1544 श्लोक ) 26 x 10 x 1 x 33 संपूर्ण 9 श्लोक 1766 29 x 13 x 8 x 27 77 25 × 11 × 13 × 42 | पूर्ण 21 श्लोक | 30 × 12 x 12 x भिन्न 2 संपूर्ण 2 स्तोत्र ( 18 +24 श्लोक 21 x 11x7x21 संपूर्ण 23 गाथा 14 गाथा 11 " अपूर्ण (संपूर्ण के 41 श्लोक) 27 " 9 "3 "1 37 }; 18 संपूर्ण "1 ,, 4+7 गा. (2 11 तीर्थंकरों की 72 T. (5 ateकरों के 109 गा. ,, 45 गाथायें 4 पद कुल 16 गाथा 18/20वीं 12 श्लोक 19वीं 18वीं For Private and Personal Use Only " + अन्य गद्य 17 11 11 Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 19af 11 "1 10 19वीं त्रिभुवन कुशल 19वीं 1812 मेड़ता श्रार्यामुजी 1658 19वीं 77 11 16वीं 13 1722 1759 18वीं 1903 सूरत 231 11 केवल चार श्लोक हैं तीर्थों का भी उल्लेख है दिगम्बर आम्नाय Page #249 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 232 ] भाग/ विभाग : 3 (प्रा)-जन भक्ति व क्रिया 5 लाभसूरि + ज्ञानसार प. __1 | 2 . 3 3A 306 | महावीर 3 5 23 दादा गुरु की पूजा व स्तवन | Didaguru ki Puja c& Stavana 307 कुंथुनाथ गुटका | धरणोरुगेन्द्र-स्तवन Dharaņogendra Stavana 36/क्र. 52 308 के.नाथ 23/75 +अवचूरि " +Avacuri - मू.अ. (पग 309 310 के नाथ 14/127 धर्मजिगन्दस्तवन+सज्झाय | Dharma Jinanda Stavana विजयभद्र +Sajjhaya के.नाथ 26/64 धूलेवा केशरियानाथ प्रादि | Dhuleva Kesariyānātha सवैया Ādi Savaiya महावीर 3 इ 160 नमस्कार फल-दृष्टान्त Namaskāra Phala Drstānta 311 312 | महावीर 3 5 161 , माहात्म्य Mābātmya | सिद्धसेन 313 कंथुनाथ 37/19 __Stava_ कीतिसूरि " - मू वृ. (प.ग | के नाथ 22/70 | नमस्कारस्तव 315 सेवामंदिर 3 इ346 , +वृत्ति के.नाथ 11/89 | नवकार अर्थ (बा.) 317 | मुनिसुव्रत 3 इ279/ Artha (Bala) अज्ञात 318 कोलड़ी 905 319 के.नाय 24/38| नवकारअर्थ व कथा Navakára Artha & Kathā 320 Kathāyen | कोलड़ी 1231 | नवकार-कथायें मूनिसुव्रत 3 इ 323| नवकार-जाप 321 Jāpa के.नाथ 4/21 नवकार-प्रबन्ध Prabandha विद्यावर्द्धन 323 मुनिसुव्रत 3 इ223| नवकार फल व स्तोत्र ,, Phala+Stotra 324-5 के.नाथ 15/156. नवकार बालावबोध 2 प्रतियां 24/55 326 मुनिसुवत 3/271 | नवकार महिमा Ba avabodha 2 copies Mahima Māhātmya 328 327 | कुंथुनाथ 24/7 | नवकार-माहात्म्य |, 26/6 329 मुनिसुव्रत 3 इ297 नवकार रास प्रोसियां 3 इ 170 नवकार (पांचपद) सज्झाय प्रोसियां 3 इ 351 नवकार-स्तवन (रास) Rāsa अज्ञात Sajjhāya ज्ञानविमल ,, Stavana (Rāsa) | वाचक कुशललाभ For Private and Personal Use Only Page #250 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य : [ 233 ___ 6 7 8 8A ___10 1 1 (जिन कुशलसूरि- | मा. 16 | 25 x 12 x 11x27 | संपूर्ण 19वीं भक्ति स्तव 23x20x21x38 | , 39 श्लोक 1544 16 x 11 x 12x41 1626 भक्ति स्वाध्याय 27x13x14x40 | संपूर्ण 3 स्तवन 1 हितो- 19वीं पदेश सज्झाय 31x16x14x42 संपूर्ण 91 सवैये | 19वीं भक्ति न्यायचर्चा व उपदेश भक्तिमाहात्म्य क्रमश: 31229 26 सर्वये, 26x13x15x40 | , 325 श्लोक 1960 28 x 14 x 17x41 , 217 श्लोक 8 प्रकाश 19वीं नवकार माहात्म्य 25x12x15x56 अपूर्ण 19वीं भक्ति 26x12x11x35 संपूर्ण 32 गा. 18वीं 27x12 x 22 x 78 | अपूर्ण (18 से अंत तक) 25x10x13x36 संपूर्ण 1785 25x10x19x46 18वीं 26x10x13x55 19वीं 22x13x11x23 19वीं माहात्म्य दृष्टान्त 25x10x17x50 1756 भक्ति स्मरण 25x11x15x58 ,, 13 अनुच्छेद | 1765 जट्टमल्ल 1683 माहात्म्य वृत्तांत 26x11x13x38 (पंचपरमेष्ठी रास) भक्ति , 24x10 व 26x11 |, दो 23 व 12 गाथा 17/19वीं भक्ति मंत्र विवेचन मा. भक्ति महात्म्य 25 x 10 व 17x47 | संपूर्ण 19वीं 25 x 12 x 17x47 , 6 कथासह 19वीx शिव चंदजी 27x12x12x36 अपूर्ण-जिनदास कथा तक 19वीं 26x12x12x44 अपूर्ण-हडिक चोर कथा- 19वीं तक 24 x 10 x 13x31 संपूर्ण 21 छंद । 18वीं " काव्य अंत में पास्तव (लघ) भक्ति स्वाध्याय 25 x 11 x 11 x 26 , 8 सज्झायें 20वीं भक्ति माहात्म्य 25 x 11 x 18 x 43 | , 17 गाथा 19वीं For Private and Personal Use Only Page #251 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 234] 1 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 सेवामंदिर 3 इ 345 2. नवग्रह शांति विधिसह . नाथ 23 /75 | नवग्रह स्तुति पार्श्वस्तव + प्रवचूरि कोलड़ी 1353 कोलड़ी 11 के. नाथ 26 / 103 | नवग्रह स्तोत्र + ग्रहशांति (2) महावीर 3 इ47 नवग्रह स्तोत्र वृत्तिसह कुंथुनाथ 45/4 (15 दिन) स्तोत्र कोलड़ी 534 ओसियां 3 131 के नाथ 16/47 के. नाथ 9/24 ओसियां 3 इ 218 कुंथुनाथ 20/17 21/6 319 410 353-8 कोलडी 455 से 59,1123 17 359कुंथुनाथ 26/7, 60 21/2 नवग्रह स्तोत्र नत्रपद ग्रनानुपूर्वी नवपद चैत्यवंदन स्तुति नवपद पूजा 37 " "" 19 23 37 " "1 महावीर 38 कुंथुनाथ 21 /7 नवपद बास क्षेप पूजा व श्रारती के. नाथ 26/37 नवपद शरण स्तव कुंथुनाथ 24 / 10 | नवपद स्नात्र वृद्ध स्तवन के. नाथ 14 / 122 | नवस्मरण + 2 स्तोत्र कोलड़ी 535 +2 स्तोत्र 13 "" 3 + + www.kobatirth.org "1 " 6 प्रतियां 2 प्रतियां 3 A Navagraha Santi with Vidhi Navagral a Stuti د. "3 with Vṛtti Navagraha Stotra 29 23 " 55 Navapada Ananupūrvi Cetyavandana 33 39 "" 55 33 " + Avacuri " 33 Stotra Pūjā " ן, Vāsakṣepa Pūjā Navapada Sarana Stava भाग / विभाग : 3 ( आ ) - जन भक्ति व क्रिया Snātra Vrddha Stavana Nava Smarana + 2 Stotra For Private and Personal Use Only + 29 6 copies +2 copies Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जिनप्रभ 11 भद्रबाहु जिनप्रभ खेतलस ( राजसूरिशिष्य ) चारित्रनंदि यशोविजय, देवचंदज्ञानविमल 4 देवचंद यशोविजय 33 देवचंद " " यशोविजय संकलन 37 "1 37 "1 #1 प. ग. मंत्र मूत्र (प.ग.) प. 33 मू.वृ. (प.ग.) ग.प. प. ग. मंत्र प. = "" 11 "" 5 प. ग. मंत्र प. पद्य 11 Page #252 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य : [ 235 8A 9 ___101 ग्रहभक्ति सं.मा. | 3 24x11x11x35 | संपूर्ण 20वीं उम्मेद भक्ति ग्रहों की भी सं. 26x11x12x41 संपूर्ण 10 श्लोक 1626 26x12x11x28 19वीं साथ में कल्याण मंदिर स्तोत्र 25 x 12 x 20 x 56 | संपूर्ण 3 स्तोत्र (कुल 39 18वीं श्लोक 25 x 12 x 13 x 35 | संपूर्ण 11 गाथा की 9वीं , ज्योतिष | मा. 17x14x11x18 1828 , जैन 28x13x12x33 ।, 9 स्तोत्र 19वीं स्मरण अंक मंत्र | मा. 42x11x13x47 , अंक तालिकायें । 20वी , काब्ध जीर्ण 27x12x17x51 सपूर्ण 9-9 चैत्य. स्त.स्तु 19वीं कुल 27 25x11x11x40 | संपूर्ण नौ पूजा (12 ढाल) , 24 x 11 x 10 x 20 , (12 ढाल) चार खंड 25 x 11x10x34 | संपूर्ण 1872 25 x 13 x 13 x 40 अपूर्ण चौथे खंड की 11 19वीं वीं ढाल 28x12x12x38 अपूर्ण 46 गा. चौथे खंड 1870 की 11वीं ढाल 24 x 12 x 13 x 30 | संपूर्ण 19वीं 23x13x6x17 | अंतिम पन्ना कम 20वीं 25x13x13x30 19वीं 16x12x10x19 10x8x7x8 20वीं | 25x11x11x44 | संपूर्ण सप्त स्मरण 2 शांति 18वीं भक्त मर+कल्पारण || 30x12x भिन्न 2 अपर्ण 4 स्मरण 2 शांति 1836 भक्तामर कल्याण यहाँ शांति की जगह जयति व वीरस्त वन है। 16,11 23 से 26x11 से 22| संपूर्ण-7 स्मरण शांति - 19वीं 19,12, 912 स्तोव भक्ता12,24 मर व कल्याण 17,1426x12426x14 20वीं For Private and Personal Use Only Page #253 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 236 ] 1 361 362 363 366 3645 कोलड़ी 351,350 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 कुंथुनाथ 33/34 के. नाथ 15/207 18/85 15/92 378 सेवामंदिर 3 इ 348 379 380 381 382 383 384 385 386 के. नाथ 14 / 120 नवस्मरण + 2 स्तोत्र ओसियां 3 इ 238 + के. नाथ 21 / 41 नवाणुप्रकारी पूजा 2 37 11 . नाथ 26 / 85. नंदीश्वरद्वीप पूजा मंत्र कोलडी 356 मुनिसुव्रत 3 इ 244 महावीर 3 इ 50 मुनिसुव्रत कुंथुनाथ 36/1 क्रम 21,39 के. नाथ 14 / 62 | नेमीनाथ - स्तवन 3 इ 300 के. नाथ 24/70 26/41 कोलड़ी 1265 73 "" महावीर 4 27 नंदीश्वर स्तव + वृत्ति . नाथ 15/56 15/211 नाटक पूजा स्वाध्याय सेवामंदिर 3 इ352 नित्यनियम पूजा वचनिका निरंजन - स्तोत्र + जिन मंगलाष्टक "1 י 939 , 3 "1 " स्तवन 17 "1 29 "3 2 प्रतियां www.kobatirth.org व पोषणा के. नाथ 26 / 71 नेमी - राजुल - संवाद स्तुति + श्रवचूरि मी- राजुल बारह मासा Navaņu Prakāri Pūjā Nava Smarana+2 Stotra संकलन 3 A 2 copies Nandiśvara Dvipa Pūjā Mantra & Poşana Nadiśvara Stava + Vriti 23 " 3 32 33 Nataka Pūjā Svādhyāya Nityaniyama Pūjā Vacanikā Niranjana Stotra etc. Neminatha Stavana 22 " Nemi Rajula Bārahamāsā भाग / विभाग : 3 (प्रा) - जैन भक्ति व क्रिया For Private and Personal Use Only Samvada Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir "3 धर्मचद पूर्वाचार्य Stavana सुमन्त "" वीरविजय संकलन 4 शुभविजय पासचद शुभ विजय प्राणदसूरि (हेमविमल का ) आनन्दकीर्ति श्रावक ऋषभ श्रानन्दसार (बुद्ध चतुर्भुज विनयचंद वृन्दकवि उदयरत्न कीर्ति का ) पद्य " प. 31 "3 37 मू. प. " प.ग. प. 11 " "3 "" 31 "1 17 मू.अ. (प.ग.) प. "" 11 5 प.ग. Page #254 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य : [ 237 __ 6 7 | ४ 8A 10 __ 11 भक्ति काव्य 25x11x12x32 भक्तामर व कल्याण 20वीं 24x10x12x37 अपूर्ण स्मरण 4 ही हैं | 20वीं 29x13x12x37 संपूर्ण 11 अभिषेक+ | 19वीं अंतिम ढाल 7,2527x13 व 27x12 | संपूर्ण 11 अभिषेक 19वीं 200 गा. गुटका 12x11x9x13 | संपूर्ण 52 श्लोक 19वीं भक्ति व विवाह वर्णन मा. 26x12x12x35 19वीं भक्ति व द्वीप वर्णन प्रा.सं. 27x11x15x45 " 25 गाथा 1531 अहम- अंत में श्री सिद्धांत दाबाद, धर्मसेन | पृष्ठ में 19वीं " , मा. 23x11x12x34 भक्ति स्वाध्याय 26x12x13x50 20वीं प्रा.सं.मा. 7 | 33x14x10x36 | अपुर्ण 19वीं दैनिक पूजा पाठ भक्ति भक्ति | सं. 1544 गुटका | 23x20x21x38 संपूर्ण 2 स्तोत्र 9+9 श्लोक के 25x11x17x37संपूर्ण 81 गाथा तीर्थकर भक्ति 2 1699 2-2 | 26x12x9x42 गाथा 17वीं दो बार लिखा है 25x11x17x50 77 गाथा 1749 अत में जंबू सज्झ'य' 25x11x15x41 80 गाथा 19वीं 26x11x13x46 23 गा. 19वीं 24x 13x9x27 68 गाथा 19वीं अत में 5 गाथा का शांति स्तवन 26x11x15x50 " 62 गाथा 26x12x13x45 , 9 पद 19वीं रत्न हर्ष गणि 1927 बालूचर सदासुख 1825 भक्ति विरह गीत 24 x 10x13x42 संपूर्ण 28 गा. 24x10x11x27 संपूर्ण 19वीं 24x12x16x49 , 13 गा. 19वीं 16* 21x11x10x30 , 13 सवैया 19वीं xxxx 19वीं X 19x70 | , ग्रं. 125 | 26 x 11 x 13 x 32 | अपूर्ण 1 X 19वीं For Private and Personal Use Only Page #255 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 2381 1 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 2. महावीर 338 परमज्योति पच्चीसी मुनिसुव्रत 3323 परमेष्ठी रक्षा स्तोत्र महावीर 348 परमेष्ठी विद्याकल्प कोलड़ी 352 पंचकल्याणक पूजा कुंथुनाथ 31/8 कोलडी 1183 11 31 321 प्रोसियां 3 इ 202 संग्रह ओसियां 3 इ 198 पंचदस तिथि स्तुतियें कोलड़ी के. नाथ 6/94 कुंथुनाथ 20 / 17 पंचपरमेष्टी गुण | मुनिसुव्रत 3281 प्रोसिया 3 इ 261 71 पचज्ञानपूजा 17 21 "1 "" " 3 " मंगलस्तव "1 नमस्कार स्तवन स्तवन स्वव व स्तोत्र स्तोत्र - सावचूरि www.kobatirth.org कुंथुनाथ 55/11 कोलड़ी 925 | पंचमी महिमा स्तवन कोलडी 442 | पाक्षिक चैत्यवन्दन महावीर 3 इ 43 पाक्षिक नमस्कार नेमी शांति स्तोत्र कोलड़ी 502 पाक्षिकादि जिन चैत्यवंदन 803 / 3 पाठपूजन चोपड़ी पूजा . नाथ 20 / 44 पंचपरमेष्ठी महानमस्कार स्तव Pañcaparamesthi Mahānamaskara Stava महावीर 3 इ4C महास्तव + वृत्ति Mahāstva सेवामंदिर 3 इ350 Paramajyoti Paccisi Paramesthi Rakṣā Stotra 3 A 33 Pañca Kalyāṇaka Pūjā Panca Kalyānaka Mang ala Stava Pañca Jñana Pūjā 33 29 Vidyā Kalpa सं. सिंहतिलकसूरि 35 भाग / विभाग : 3 (प्रा) - जंन भक्ति व क्रिया Sangraha सुमति (क्षमाकल्याण शिष्य) Pañcadasa Tithi Stutiyen ज्ञानविमल नयविमल Pañcaparamesthi Guna देवचंद Pūjā Stavana Pañca Mahima Stavana Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Namaskāra | वल्लभसूरि Pakşika Catyaivandana Namaskara etc. यशोविजय Pakṣikadi Jin Chaityavandana pāṭhapuiana Copadi 4 For Private and Personal Use Only वीरविजय रूपचंद मुनि रूपविजय 11 Stava & Stotra जिनप्रभसूरि Srotra with Avacūri मानतुङ्गसूरि विजयलक्ष्मीसूरि 13 सुमति (क्षमाकल्याण शिष्य जिनकीर्तिसूरि ( स्वोपज्ञ ) प. 17 31 " 21 21 ग प. 31 मू.वृ. ( प. ग.) मू ( प. ) प. 5 मू.अ. ( प ग . ) प. पद्य Page #256 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य : [ 239 6 7 8 8A 9 | 1011 प्रात्म स्वरूप भक्ति सं. 2 20वीं भक्ति 18वीं 28x12x15x48 | संपूर्ण 50 श्लोक (2 पच्चीसियां) 25x11 x 8 x 32 , 8 श्लोक 25x11 x 14 x 50 , 77 श्लोक 27x11 x 12 x 36 | संपूर्ण भक्ति (मंत्रमय) 1962 जिन भक्ति काव्य | 1902 भक्ति तीर्थकर गुटका | 24x22x15x12 , 25 गा. 20वीं श्रुत भक्ति काव्य | 26x13x9x30 19वीं 24x11x10x37 ,, 5 पूजायें 1958 तिथि भक्ति काव्य 25x11x15x36 , कुल 17 स्तुतियें । 19वीं 25 x 11 x 14x38 | ,, कुल 16 स्तुतियें 25 x 12 x 13 x 44 | ,, कुल 16 स्तुतियें 25 x 11 x 10 x 34 संपूर्ण 67,51,70,50भेद | 1872 भक्ति आधार 25x10x13x44 25 गाथा 18वीं 24 x 11 x 10 x 32 संपूर्ण 1958 27x13x11 x 33 | , 2 स्तवन (दूसरा | 19वीं अपूर्ण) 27x 12 x 22x 69 संपूर्ण 32 पद साथ में व-त शांति 10x6x7x16 , 34 गा 18वीं विधान व विवरण भक्ति नमस्कार 10x6x7x16 , 2 पद (8 श्लोक , 5 अनु.) 10x6x7x16 संपूर्ण 2 स्तोत्र (33x5 श्लोक) 25x10x15x53 | संपूर्ण 34 गाथा 15वीं भक्ति तिथि माहात्म्य भक्ति 19वीं 25x12x7x30 | , 5 ढालें 27 x 13 x 11 x 32 | , 49 श्लोक | 1841 27x12x11x40 , तीन स्तोत्र 49, ___11,13 श्लोक 31 x 12 x 13 x 44 | संपूर्ण 5 चैत्यवंदन कुल | 1862 94 श्लोक 5x8x5x10 | संपूर्ण 1937 भक्ति क्रिया काण्ड | सं.मा. For Private and Personal Use Only Page #257 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 240 ] भाग/विभाग : 3 (ग्रा)-जन भक्ति व क्रिया 3A 411 | के.नाथ 14/17 | पारणक वृद्ध लघु आदि | Pāranaka Sajjhaya सज्झाय संग्रह 412 कुंथुनाथ 2/44 पावस्तव Pārsva Stava जिनप्रभसूरि के.नाथ 29/54 413 414 के.नाथ 18/44 | (सहस्रफरणा) पार्श्वस्तोत्र | Parsva Stotra 415 भक्तिलाभ (रतनचंद्र शिष्य) विद्यापति,राजसेन, पद्म, नंदि, जिनपति | ,, Stotrani कुंथुनाथ 36/1 क्रम पार्श्वस्तोत्राणि 13,15,29, 30,32,48, के नाथ 19/46 416 जिनचंद्र 411 महावीर 3 इ21 पार्श्वस्तोत्र जिनचंद्र सूरि ,, with Vrtti परशिक्षित सुन्दर । मू.वृ. (प.ग. 418 सेवामंदिर 3 इ345/ पाच लघ व वृहत स्तोत्राणि वृत्तिसह 419 | के.नाथ 26/103 | पार्श्वस्तवनानि ,, Stavanāni जिनवल्लभ, शिवशंकर प. अज्ञात धर्मसूरि मेरुनंदन व 420 सेवामंदिर 3 इ350 , स्तवनानि स्तोत्राणि अन्य Stotra etc, Stotrāni 421 | महावीर 3 इ355/ ,, स्तोत्र ध्यान व मंत्र 422 कुंथुनाथ 44/5 , स्तोत्राणि मुनिसुव्रत 3 इ 307 ,, व मणिभद्र स्तोत्र 424 | कोलड़ी 13255 , स्तोत्राणि Stotra etc. , Sts tuani 425 | मुनिसुव्रत 3 इ323/, स्तवनानि Stavanāni 426 कुंथुनाथ 10/138 पार्श्व-+-पचपष्ठी स्तोत्र ,, Stotra etc. मेरुतुङ्ग+जयतिलक शिष्य? के नाथ 11/64 | पार्श्वस्तव , Stava मेरुतुङ्ग 428 | के नाथ 11/100 429 महावीर 3 इ 150/ पार्श्व व अन्य स्तोत्राणि । ,, Stotrāni etc. जिनप्रभ आदि 430 सेवामंदिर 3 इ379, स्तव ,, Stava 431-2 | प्रोसियां 3 इ237/ स्तवनानि 2 प्रतिया ,, Stavanāni 2 copies 2651 433-5 कुंथुनाथ 10/144-, स्तवनानि 3 प्रतियां ,, , 3 copies 139,2/23 436 के.नाथ 18/64 , , ,, Stavanāni 437-8| महावीर 3 इ260,/, स्तोत्राणि 2 प्रतियां 25 , Stotrāni 2 copies For Private and Personal Use Only Page #258 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य : [ 241 ___6 7 8 8A ____10 11 भक्ति क्रिया 19वीं 25x11x12x40 | संपूर्ण 6 सज्झायें = कूल 99 गाथा 25 x 11-12 x 36 | संपूर्ण तीर्थकर भक्ति , 16वीं 25 x 11x17x50 , 36 गा. कलशसह | 16वीं 26x11x8x32 | , 15 17वीं 23 x 20 x 21 x 38 | संपूर्ण 6 स्तोत्र कुल 101 1544 श्लोक 25x11x13x35 संपूर्ण 2 स्तोत्र 7-+-5 | 1806 श्लोक 16x8x8x24 संपूर्ण 10 श्लोक - पंचा 1773 x हित चन्द्र 24x10x18x72 | संपूर्ण 18वीं गुली मंत्र 25 x 12x20x56 संपूर्ण 4 स्तवन कुल 39, 18वीं श्लोक 10x6x7x16 | मंपूर्ण 8 स्तवन कुल 116 18वीं शब्द 'सकला' पर 1 परा स्तोत्र तीसरा फलवी व चौथा वरकाणा का अतिम स्तोत्र 3 गा. का प्राकृत में शोक मंत्रमय भक्ति 25x11x11x30 संपूर्ण 18वीं तीर्थंकर भक्ति 12x9x9x18 , 3 स्तोत्र कुल 63 | 18वीं श्लोक 21x10x9x42 |, दो, सं. 7 श्लोक | 1808/10 मणिभद्रचंद 21 गा. मारु में 14x10x10x17 | संपूर्ण 7 स्तोत्र कूल श्लोक 1814 अतिम 2 स्तोत्र 69 प्राकृत में 24x10 व 17x9 संपूर्ण 11 श्लोक-1-7श्लोक (प्रथम)1818 अहिपुर कर्मठ 24x11x15x44 , 2 स्तोत्र 11+81877 श्लोक 26x11x13x49 , 14 श्लोक 16वीं 25x12x11x20 , 33 श्लोक 19वीं | 26x12x17x50 संपूर्ण 4 स्तोत्र कुल 51 | 19वीं श्लोक 23x10x14x45 अपर्ण 33 श्लोक तक 18वीं सूर्य सरस्वती के भी श्लोक हैं अंत में नंदीश्वरस्तवन 13 24 x 11 x 14 x 35 | संपूर्ण 6 स्तवन कुल 19वीं 1,1,1] 21 से 26 , 10 स्तोत्र 18/19वीं 25 x 12 x 11 x 30 , 2 स्तव 13-3 | 19वीं श्लोक 20x11 व 28x15 , 4 स्तोत्र कुल 94 | 20वीं अंत में शारदा स्तोत्र भी है अंत में अट्ट मट्टे मंत्र श्लोक For Private and Personal Use Only Page #259 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 242 ] भाग/विभाग : 3 (प्रा)-जैन भक्ति व क्रिया 3A 439 | मुनिसुव्रत पार्श्व अष्टोत्तर पद्मावती | Parsva Astottara Padma. | हर्षसागर 35323 स्तोत्र vati Stotra सेवामंदिर 3 इ350 पार्श्व अष्टोत्तर पद्मावती । स्तोत्र 441 | महावीर 3 इ354 पार्श्व मंत्र पद्मावती स्तोत्र | Parsva Mantra Padmavati Stotra सेवामंदिर 3 इ 350 ,, (करहेटक) स्तवन , Stavana मेरुनंदन ,, Stotrani के.नाथ 6/574, (..) स्तोत्राणि 444 सेवामंदिर 3 इ 350 .. (कलिकुंड) स्तोत्र ,, Stotra , 445-6 | महावीर 3 इ 152. पार्श्व (कलि कुंड) मंत्र स्तोत्र355 कल्प 2 प्रतियां ग.प. मंत्र Mantra etc. 2 copies 447 | के. नाथ 19/46/ पार्श्व (गौड़ी) स्तुति ,, (Gaudi) Stuti विद्याविलास 448 सेवामंदिर इ350/ पाव (चितामणि) स्तोत्राणि Parsva Cintamani) Stotrāņi 449 | महावीर 3 इ355 , (..) , 450 कोलडी 516 ,) मंत्रकल्प धर्मघोष | Parsva (Cintamani) Mantrakalpa , (,) Stotra 451 333 .) स्तोत्र महावीर 3 5 138 मुनिसुव्रत 3 5 285 मु.अ. (प.ग.) | , (..) , 453 सेवामंदिर 3 इ345/ (..) स्तोत्राणि । , ,) Stotrani | कोलड़ी 1233 | रत्नाकरसूरि 455 | महावीर 3 इ53 | पार्श्व (चितामणि) पद्मावती , (,) Padmavati स्तोत्र Stotra 456 के.नाथ 23/59 | पार्श्व (जीरापल्ली) स्तोत्र | Parsva Jirapalli Stotra | धर्मनंदन उपाध्याय सावचूरि with Avacūri मेरुतुङ्ग 457 |, 29/53 पार्श्व (जीरापल्ली) स्तोत्र " (..) , , | मेरुतुङ्ग/अमरकीत्ति सावचूरि 458 के नाथ 26/103गु गर्व (जीरापल्ली) चक्रबंधमंत्र (,,) Stotra Cakra स्तव etc. 459 महावीर 3 इ 355 पार्श्व (.) स्तवन । () Stavana 460 | के.नाथ 29/48 | ., (..) स्तोत्र (..) Stotra मेरुनंदन (मुनि मेरु) । 461 कोलड़ी 542 पार्श्व , शखश्वर) „ (.) Stotrāņi स्तोत्रारिण 462 सेवामदिर 3 इ350 पार्श्व (फलवर्णी) स्तोत्राणि | Parsva (Phalavarddhi) | जिनप्रभ Sotrāņi 463 | के.नाथ 6/125 ) स्तोत्र (..) Stotra For Private and Personal Use Only Page #260 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य : [ 243 6 8 11 6 7 तीर्थक र भक्ति+ | सं. शासनदेवी भक्ति अतिम छंद मा. में 8A 8A ___ 10 26 x 11 x 14 x 64 | संपूर्ण 3 स्तोत्र (16,9, 18वीं हर्ष- 9)| सागर | 10x6x7x16 प्रथम संपूर्ण (12) द्वितीय 18वीं ___अपूर्ण (15) 27x12x8x28 | संपूर्ण 20वीं 10x6 x 7x16 , 9 श्लोक 18वीं तीर्थंकर तीर्थ भक्ति , 26x13x12x25 , 3 स्तोत्र 19वीं 18वीं 10 - 6 x 7x16 अपूर्ण 28 x 12 x 8/11 x 35 संपूर्ण मंत्र, विधिसह 2, 1 20वीं दादागुरु पूजा मंत्र विधि साथ में संपूर्ण 24 श्लोक 1806 10 x 6 x 7x16 , 3 स्तोत्र 11-11 | 18 वीं श्लोक के 25 x 11x17x50 संपूर्ण 2 स्तोत्र । मंगला- 1810/10 x प्रशक्ति है । ष्टक | रूपचंद 29x 12x14x30 1880 25x12x7x35 ., 11 श्लोक 19वीं 25x10x9x37 , 32 श्लोक 27x10x21x72 , 6 स्तोत्र 22x13x9x24 , 2,, (11+25/20वीं श्लोक) 24 x 12 x 14 x 35| संपूर्ण 2 स्तोत्र 27--11 , श्लोक | संपूर्ण 45 श्लोक 16वीं 22 x 10x15x52। , 3 श्लोक 1886 25x12x20x56 , 24 श्लोक 18वी 22x11x12x34 , 14 श्लोक 19वीं तीर्थ भक्ति 25x11x14x44 29x13 x 11x45 , 4 स्तोत्र | 10x6x7x16 3 स्तोत्र (211 | 18वीं __12+9 श्लोक 25 x 11 x 12 x 31_| संपूर्ण 21 श्लोक 19वीं ,2 For Private and Personal Use Only Page #261 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 2441 भाग/विभाग : 3 (प्रा)-जन भक्ति व क्रिया 3A 465 466 | महारीर 3 इ355/ पार्श्व (शंखेश्वर) यत्रबंध स्तव | Parsva (Sankhesvara) Yantra etc. मुनिसुव्रत 3 इ323 " , Stotra कुंथुनाथ 55/15 ,, (स्तंभन) स्तवन Pārsva (Stambhana) सोमसुंदर (देवसुंदर Stavana | का शिष्य) सेवामंदिर 3 इ , , स्तोत्र " , Stotra 350 महावीर 3 इ 133 467 468 469 के नाथ 10,92 ___स्तवन Pārsva Stavana मानविजय कुंथुनाथ 35/6 समरचंद्र 471 ... 357 ब्रह्मषि 472 के.नाथ 19/15 यशोविजय 473 कोलडी 899 मतिहंस 74 । प्रोसियां 35239 अन्य) " etc. वल्लभसुंदर खुशालसुंदर 475 कोलड़ी गुटका 1। 6 907 476 , (अतरीक्ष), ,, (Antariksa) Stavana| भावविजय 477 , 324 478 | के नाथ 14/98 योसियां 3 इ 214 480 सेवामंदिर गु 6 दे. , (गौड़ी) (Gaudi) रंगविजय 481 के.नाथ 26/86 482 के.नाथ 29/18 नेमविजय 483 कोलडी 342 गंभीरविजय 484 के.नाथ 26/70 " , स्तवनादि Stavanādi 485 कोलड़ी 297 " , स्तवन Stavana | प्रीतविमल 486 महावीर 3 5 14 | 12 प्रतियां , ,, ,,2 copies 487-8 के.नाथ 5,118, 26/62 489 | प्रोसियां 3 इ 230| , , , अनोपचंद (क्षमाप्रमोद) , For Private and Personal Use Only Page #262 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य : [ 245 10 11 11 तीर्थकर तीर्थ भक्ति 18वीं 8A 9 25 x 11 x 11 x 30 | संपूर्ण 2 स्तोत्र 23x11 x 8 x 27 , 5 श्लोक 26 x 11 x 13 x 48 | ,, 25 श्लोक 1863 17वीं 10x6x7x16 | सपूर्ण 18वीं 27x11x6x26 1961 तीर्थकर भक्ति मा. 26x11x14x46 संपूर्ण 51 गा. 19वीं 26x10x10x36 ., 49 गा. 19वीं 25x10x15x541 19वीं 26x12x12x44 | " 25 गा. 19ीं 13x10x13x24 19वीं 25 x 10x10x36 | अपूर्ण 14 स्तवन पहले 1901 सुभट्टपुर पन्ने 7 से 12 ही हैं। 6 पन्ने कम सहजसुंदर गुटका 15x9x7x14 संपूर्ण 46 गाथा+ कलश 19वीं तीर्थ तीर्थकर भक्ति, 26 x 11x14x48 संपूर्ण 1812 29x12x12x30 1888 25x11x15x54 19वीं 10x25 X 18वीं विजयदेव व प्रभ सूरि दो गुरुभ्राता 24 x 11 ,, 5! गा. 14 x 11 x 12x18 संपूर्ण ग्रंथाग्र 129,16 ढालें 74* | 13x12x10x10 अपूर्ण 1841 : 1845 21x34x23x35 संपूर्ण 16 डालें 1940 26x11x20x54 19वीं 21x10x9x26 अपुर्ण 1840 25x12x10x21 संपूर्ण 19वीं 25x11x14x40 , 56 छंद 19वीं 25x11x11x48/ से 54 गा. 19वीं 36 27x14x16x35 ,, ग्रथाग्रं 140 1967 फलोदी लाभद For Private and Personal Use Only Page #263 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 246 ] भाग/विभाग : 3 (ग्रा)-जन भक्ति व क्रिया 3A ___ 4 5 490 | कुंथुनाथ 55/19 | पार्श्व (तिमी) स्तवन | Parsva (Tinvari) Stavana रत्नमुनि 491-2| के.नाथ 23/77.. , (देशतरी छंद 26/93/ 2 प्रतियां 493 | कोलड़ी 941 पार्श्व (शंखेश्वव) स्तवन ,, (Desantari) Chanda | लक्ष्मीवल्लभ 2 copies ,, (Sankhesvara) लब्धिरुचि Stavana सिद्धसूरि प्रोसियां 3 5 207 495 | कुंथुनाथ 39/3 .. श्लोक Sloka देवविजय 496 | महावीर 3 इ24 स्तवन ,, Stavana रत्नविजय मू.बा. (प.ग.) 497 | प्रोसियां 3 इ220 उदयविजय 498 | के.नाथ 15/63 | (स्तंभन) फाग ., (Stambana) Phāga | मेरुमनोहर मुनि " कुश नलाभ 499. | के.नाथ 15/94, 500/ 18/16 501 प्रोसियां 3 इ219/ , स्तवन 2 प्रतियां स्तवन , Stavana 2 copies , Stavana " " 502 | के.नाथ 6/100 ,, (स्वयंभू) , ,, (Svayambhā) Stavana हर्षकुशल के.नाथ 26/92 | , (व अन्य) निशारिणयां Parsva & other Nisaniyan जिनहर्ष 504 कुंथुनाथ 15/60 , निशाणी ,, Nisani 505 अोसियां 3 इ361 , " 506 सेवामंदिर 3 इ371 , सिलोका (श्लोका) । Silokā पंचोली जोरावरमल के.नाथ 29/5 | , 508 कोलड़ी-गुटका 9/12 ,, , , 11/13 | पार्श्वनाथ फारसी छंद 509 Pārsvarā ha Phārasi Chanda Punya Prakāśa Stavana 510 महावीर 3 इ 165] पुण्यप्राश-स्तवन विनयविजय Puspañjali Pancami etc. माघनंदि | पुष्पाञ्जली पंचमी व अन्य जयमालायें 512 के.नाथ 29/24 पूजा-संग्रह Pūjā Sangraha संकलन 513 महावीर 3 आ 121 पैतालीस आगम दोहे 45 Agama Dohe | प्रोसियां 3 5 227 , , पूजा , Puja 515 | के.नाथ 16/187 | पैतालीस प्रागमादि स्तवन | 45 Agamādi Stavana वीरविजय (शत्रु विजय, शिष्य) धर्मसी पाठक For Private and Personal Use Only Page #264 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य 6 तीर्थ तीर्थंकर भक्ति मा. 11 11 11 11 31 - = 35 + तालिका " 17 11 तीर्थंकर गुरु भक्ति 11 तीर्थंकर भक्ति "1 " "} " भक्ति स्वाध्याय " भक्ति काव्य 37 श्रुतशास्त्र कीर्तन काव्य काव्य 11 19 33 " "1 "" = 31 "1 11 "1 "} 23 मा. सं. 7 मा. 11 " "" 1 5.3 3 2 गुटका 44 4 2 4,3 4 3 गुटका फारसी गुटका गुटका 3 6 3 8 2 5 गुटका 39 3 8 3 : 8 A www.kobatirth.org 26 × 11 × 1 1 × 40 संपूर्ण 21 × 12 व 20 x 15 25 x 12 x 10 x 36 26 x 12 x 16 x 37 22 x 16 × 12 x 32 32 × 16 × 25 × 44 24 × 11 × 16 × 47 26 x 11 x 10 x 35 25 x 10 व 25 x 12 25 × 12 × 10 × 32 25 × 11 × 15 × 40 20 × 16 × 22 × 18 12 x 11 x 9 x 13 25 x 12 x 9 x 39 " 27 x 12 25 x 12 x 12 x 29 25 x 11 x 1 x 44 ". - " 11 12 12 संपूर्ण 4 ढालों का ग्रं. 3100 संपूर्ण 135 छंद 17 गाथा 26 × 12 × 11 × 40 संपूर्ण 45 गाथा 20 x 10 x 9 x 28 56 गाथा 24 x 11 × 13 x 52 13 x 10 x 19 x 42 31 " 9 39 गाथा 32 गाथा 2 पद 26+13 गाथा 40 गाथा 15 x 10 x 9 x 17 अपूर्ण 48 गाथा 20 × 13 × 14 × 27 संपूर्ण 6 छद 25 x 12 x 14 x 34 7 दालें 77 18 पद सपूर्ण 35 गा. संपूर्ण 2 स्तवन 38 + 33 1737 गा. " 11 संपूर्ण 3 (पार्श्व की 1767 112 छद 53 गाथा 57 गागा Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 5 पद For Private and Personal Use Only 10 1913 1919 महीद पुर धर्मसी 20 वीं 17वीं 19वीं 17 at 19/20वीं 1865 1880 मेड़ता दूसरा छंद सरस्वती दौलत सुंदर का है 1964 19वीं 1857 x लब्धि रुचि 19वीं संपूर्ण 3 जयमालायें 17+8+6 श्लो संपूर्ण 5 पूजायें ( स्नात्र 20वीं 17 भेदी, 20 स्थान अष्टप्रकारी पांचज्ञान संपूर्ण 45 आठ पूजायें 19वीं 20वीं 1918 20वीं 1885 "1 [ 247 1922 फलोदी विन्यसुन्दर 19वीं 11 1686 की कृति दूसरा स्तवन पंचतीर्थी का है । अन्य निशानी कुशलसूरि व एकादश का | भाषा में पंजाबी का पुट दिगम्बर श्राम्नाय | क्रमश: देवचंद, साधुकीर्ति, विजयलक्ष्मी, ज्ञानसागर, रूपविजय Page #265 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 248 ] भाग/विभाग : 3 (प्रा)-जैन भक्ति व क्रिया ___ 1 | 2. 3A 45 के.नाथ 18/57 | प्रत्यंगिरा अंबिका स्तोत्र |Pratyangir Ambika Stotra मुनिसुव्रत 3 इ 247 प्रत्येक बुद्ध संलग्न गीत Partyeka Buddha Samlagna समयसन्दर Gita Battisa Rāga Gita प्रानन्द के नाथ 29/24 | बत्तीस राग गीत कोलड़ी 906 बंभरणवाड महावीर स्तवन Bambhanavada Mahavi- ra Stavana कमलकलश शिष्य 520 सेवामंदिर 3 इ377 | के.नाथ 18/80 कोलड़ी 358 | बारह व्रत की पूजा Bāraha Vrata ki Pūjā वीरविजय 522 523 523 के.नाथ 15/158| बीस विहरमान' स्तवन के.नाथ 15/15 | Bisa Viharamana Stavana जिनराजसरि 3 प्रतियां 3 copies 524-6| के.नाथ 5-90, 13-30,19-73 527 | ओसियां 3 5 200 528 महावीर 3 इ 16 जिनहर्ष 529 प्रोसियां 3 इ201 विनयचंद (ज्ञानतिलक , शिष्य) 3 यशोविजय 530 कोलड़ी 298 2 प्रतियां 2 copies 13 जिनसागर 531-2 | के.नाथ 23/63गु. 533 कुंथुनाथ 43/11 534-5 | महावीर 3 इ 32 18 536 प्रोसियां 2/153 2 प्रतियां 2 copies | देवचंद , स्तवन 537 के.नाथ 24/66 542 538-9| कोलड़ी 346-47/ बीस स्थानक पूजा 2 प्रतियां | Bisa Sthanaka Puja विजयलक्ष्मीसूरि 2 copies 540-1] के.नाथ 9/23, 2 प्रतियां 2 copies 15/140 प्रोसियां 3 5 184 बीस स्थानक व सतरभेदी पूजा ,, Sattarabhedi Puja | जिनहर्ष · साधुकीत्ति | प. कोलड़ी 980 भक्तामर tafa Bhaktámara + Vrtti मानतुंग/अमरप्रभ मू.व. (प ग.) 544 कुंथुनाथ 55/18 | , + वृत्ति +Vriti , विजयप्रभ । मू वृ. (प.ग.) 545 सेवामंदिर 3 इ329 +बा. +Bali. | मू.बा (प ग.) 546 के नाथ 22/72 , + Vļlti 543 +वृत्ति .गुरणचंद्र शिष्य अभयदेव / मूवृ. (प.ग.) For Private and Personal Use Only Page #266 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य : [249 8A 9 10 11 शासनदेवी भक्ति 19वीं 26 x 11x18x55| संपूर्ण 25x11 x 12 x 32 , 29 गाथायें गुणकीर्तन वृत्तांत | मा 1783 किसनाजी 25x11x23x72 , 32 गीत 19वीं जिनभक्ति गीत 32,, रागों पर तीर्थ तीर्थकर भक्ति 24x11x10x34 , 21 गा. 1770 25x11x12x44 18वीं 26x11x14X42 " " 19वीं श्रावकव्रत भक्ति 26x11x11x38 संपूर 1902 महाविदेह तीर्थंकर 26 x 11 x 13 x 34 ,, 20+2 स्तवन 1688 8,7,11*25x11x भिन्न 2 | 20 स्तवन 19/20वीं 25x11 x 13 x 47 24x11x15x54 , 21 स्तवन 19वीं मुनि लालचंद 20+1 स्तवन 1753. पाटन, जिनहर्ष 20 स्तवन | 1754 कात्तिक 1754 की असल शुक्ल 8 | प्रति प्रशस्ति है 20 स्तवन ग्रं 200/ 19वीं 25x12x15x45 27x12x14x45 | | 27 x 14 व 14 x 11 | ,, 20 स्तवन 19वीं 19वीं 26x11x17x60 अपूर्ण 12 से 20 = " अंतिम 9 तीर्थंकर 14,1726x12 x 11/9x31 संपूर्ण 21/20 स्तवन 1833 पाली, 1887 20वीं 19* | 25x12x12x35 , 20 स्तवन X 10x41 | कपूर्ण 3 स्तवन मात्र 20वीं भक्ति काव्य 27x12 व 24x12 | संपूर्ण 19/20वीं 6,12 | 25x11 व 27x13 Xxxxxxx | 27x11x15x38 , 2 पूजायें 1940 बीकानेर वासुदेव । 1251 ऋषभदेव भक्ति काव्य 31x12x9x35 | संपूर्ण 44 श्लोक की प्रति इतनी पुरानी लगती नहीं हैं X 25 x 11x18 x 52 | संपूर्ण केवल अंतिम पन्ना | 16वीं नहीं 26 x 11 x 15 x 58 | संपूर्ण 44 श्लोक का | 16वीं 26 x 11 x 13 x 41 | संपूर्ण 44 कथासह 16वीं For Private and Personal Use Only Page #267 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 250 ] भाग/विभाग : 3 (प्रा)-जन भक्ति व क्रिया 1 2 . 3 3A +अ. Bhaktamara+Avacuri | मानतुंग | के.नाथ 21/78 भक्तामर | मुनिसुव्रत 3 इ249/ . कुंथुनाथ 55/22 , मू.अ. (प.ग.) मू (प.) 548 +बा. >> + Bala 549 +बाला. मेरुसुंदर मू बा. 550 मुनिसुव्रत 3 इ348., 551 कोलड़ी 798 | + +Bala मेरुसुंदर मू बा. +वृ. +Vrti + अमरप्रभ मू.वृ. मू. (प) 552 | कोलड़ी 466 के नाथ 24/75 554 , 22/60 555 .. 26/93 कोलडी 480 +Vrtti 1. क्षमाविजय + मू.व. +-Bala मु.बा. + +Vrtti " अमरप्रभ । म.वृ. मू.ट. (प.ग.) 557 | सेवामंदिर 3 इ 327 प्रोसियां 35236 + +वृ. +Vrtti मू.व. 559 के.नाथ 6/47 मू (प.) 560 + + Avacūri के.नाथ 13/47 कोलड़ी 468 465 + +Vrtti अमरप्रभ मू.वृ. 562 मू ट. (प.ग) 563 सेवामंदिर 3 इ328/ 564 | , 35331 +बा + +Bala मूबा. मू.ट. (प.ग.) + +व. +Vrtti समयसुंदर मू.वृ. मूट. (प.ग.) 565 | कोलड़ी 475 महावीर 3 इ71 567 कोलड़ी 471 के.नाथ 17/42 मुनिसुव्रत 3 इ250 कोलड़ी 474 571 , 473 | + +बा. +Bala मू.बा. + मू.ट. (प.ग.) + +बा. +Bala ,, मेरुसुंदर मू.बा. For Private and Personal Use Only Page #268 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Acharya Shri Kaila स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य :-- [ 251 8 8A 10 ।। 26x12x6x30 पूर्ण 44 श्लोक की 1655 ऋषभदेव भक्ति काव्य 23x11-11x32 , 44 श्लोक की 1670 राजधर | 25x11x12x42 , 44 श्लोक+28 17वीं काल्या कथा | द्रह, कनकमेर 25x12x10x30 संपूर्ण 44 श्लोक 1718 साथ में कल्याण मंदिर मूल' 26x11x21x58 ,, ,+28 कथा 1720 26x11x15x42 , 44 श्लोक 1744 सिरोही 26 x 11 x 15 x 45 1747 साथ में 2 स्तवन 27 x 12x3x39 1763 20x15x26x19 1793 25x11x23x60 1799 साथ में 'कल्याण मंदिर' सटीक 25x11x3x37 , 43 श्लोक अंतिम 18वीं पन्ना कम 25x11x13x47 अपूर्ण 14 से 44 तक | 18वीं 25x10x10x37 | संपूर्ण 44 18वीं श्लोक 23x11 x 14 x 46 18वीं 26/11x4x50 18वीं 26x10x5x40 , , का 18वीं | 21x12x3x33 अपूर्ण 21 से 24 1806 25x12x12x28 44शोक 1816 जोगनी पुर राजसुंदर 1822 26x11x4x46 , 21x11-13x33 | |1823 अजीमगंज वृत्तिसुबोधिका नाम्नी 1833 25x11x5x36 26 x 11 x 13x38 , 46 श्लोक कथा सह 1835 25x12x18x43 , , 44 श्लोक 1836 25x11x5x40 1842 , 44 श्लोक कथा सह| 1867 | 25 x 11 x 15 x 45 For Private and Personal Use Only Page #269 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 252 ] 1 572 573 574 575 576 577 578 579 580 581 582 583 584 585 59193 594 603 604 605 606 ओसियां 3 इ 168 ओसियां 3 इ 182 ओसियां 3 इ 180 के नाथ 21/30 24/71 के. नाथ 5/17 के नाथ 18/33 कोलड़ी 467 के. नाथ 14/8 के. नाथ 5/29 ओसियां 3 इ235 महावीर 3 इ76 ओसियां 3 इ 169 के नाथ 5/78 90 10/84, 17/17 17/27, 21/65 23/21-1 607 2* 31 99 कोलडी 470-6. 1124 भक्तामर 11 13 11 " 21 "1 11 17 "1 13 11 11 31 कुंथुनाथ 3 - 78, 4-89,9-116, 13-35, 32,5, 27-2 600-2 | महावीर 3इ 70, भक्तामर भण्डारित काव्य 73,75 3 प्रतियां के. नाथ 6/10 सेवामंदिर 3 इ 330 कोलड़ी 464 भक्तामर की कथायें कुंथुनाथ 11 / 201 भक्तामर - भाषा h. नाथ 26/86 | भक्ति-पद 31 3 "1 + वृत्ति + बा. + वृत्ति + वृत्ति + वृत्ति + वृत्ति 11 + श्र. + वृत्ति + वृत्ति भक्तामर की वृत्ति www.kobatirth.org 6 प्रतियां 3 प्रतियां 6 प्रतियां 3 A Bhaktamara + Vṛtti + Bāna +Vrtti + Vrtti +Vrtti +Vrtti + Avacūri + Vrtti 3. 39 33 33 " 39 "" "3 Bhakti Pada +Vrtti +Vrtti भाग / विभाग : 3 (प्रा)- जैन भक्ति व क्रिया Bhaktamara Bhaṇḍārita Kaya 3 copies Bhaktamara ki Vṛtti For Private and Personal Use Only 6 copies 3 copies Bhaktamara ki Kathayen Bhāṣā 6 copies मानतुङ्ग リ 27 "1 22 "" = 12 "1 Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir = 21 " 4 हर्ष की ति शांतिसूरि अमरप्रभ कनककुशल I हेमराज विनोदीलाल 1 T T मू.वृ. मू. बा. मू.वृ. 33 "1 = मू.अ. मू बृ. मू.ट. = म.व. मू.ट. मूप. "2 "1 ग. " 19 प. 27 5 Page #270 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य ऋषभदेव भक्ति काव्य सं. 19 11 " 6 "1 11 19 "} "1 "1 "1 " 93 " 11 11 11 "" श्रौपदेशिक भक्ति कथायें भक्ति काव्य सं.मा. सं. "" 27 " "" 33 सं.मा. "1 सं. 7 सं मा. सं 4. मा. हि. मा. 17 23 15 8 8 9 30 8 10 15 10 6 43 22 -- 5,4,3, 24 से 31 x 11 से 15 9,66 11 www.kobatirth.org 9, 5, 2 24 से 27x12 से 13 10 8A 25 × 12 × 12 × 26 संपूर्ण 44 श्लोक 26 x 12 x 23 x 55 24 x 11 x 13 x 49 26 × 11 × 17 x 54 25 × 12 × 13 × 31 25 × 11 × 15 × 48 27 x 12 x 15 x 60 स 25 × 12 × 17 × 35 संपूर्ण 26 x 13 x 5 x 26 4, 5, 6, 15 से 29 x 11 से 14 8,3,9 13 23 x 11 × 4 x 40 26 × 12 × 18 × 53 26 × 12 × 13 × 48 27 × 12 × 5 x 43 4, 4,214 × 9 व 27 x 12 (2) 26 × 11 × 13 × 39 26 × 11 × 19 × 47 24 × 12 × 12 × 34 22 x 17 x विभिन्न 13 x 12 x 10 x 10 गुटका गुटका け 11 11 अपूर्ण ( 24 श्लोक तक ) प्रपूर्ण (41 श्लोक तक ) कथासह 17 44 श्लोक कथासह 44 श्लोक 44 श्लोक 9 सभी संपूर्ण 19at 19वीं संपूर्ण 48 श्लोक 19वीं 44 श्लोक 19वीं अपूर्ण (10वें श्लो. तक ही) 19वीं संपूर्ण 44 श्लोक 28 20वीं संपूर्ण 44 श्लोक 20वीं प्रथम अपूर्ण शेष पूर्ण 19/20वीं अंतिम प्रति अपूर्ण शेषपूर्ण 11 "1 कथासह For Private and Personal Use Only Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 10 1884 कुचामरण दौलत सुंदर 1887 19वीं 19वीं 19वीं 19वीं 4 काव्य, अंतिम में अन्य भी 19/20वीं संपूर्ण ग्रं. 400 19वीं संपूर्ण ग्रं. 758 संपूर्ण 28 कथायें 49 छंद 27 सर्वये 19वीं 19/20वीं 1714 1910 19वीं 1845 [ 253 11 पहिले दो पन्न भी कम हैं प्रथम में श्रावश्यक गाथा व द्वितीय में कल्याण मंदिर है । प्रतिमप्रति में कल्यारण मंदिर नवतत्व व 24 दंडक हैं। अंतिम चन्द्रसूरि की सही प्रतिलिपि 1652 की कृति Page #271 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 254 ] भाग/विभाग : 3 (प्रा)-जन भक्ति व क्रिया 3A 5 मानतुङ्ग 608 | के.नाथ 11/64 | भयहर-स्तोत्र Bbayabara Stotra 609 | कुंथुनाथ 21/9 , 610 महावीर 3 इ 144 , वृत्ति , +Vrtti 611-2 मुनिसुव्रत 3 इ246| मरिण भद्रादि स्तोत्र व छंद | Manibhadrādi Stotra etc. 323 2 प्रतियां 2 copies मू.ट. (प.ग.) मू.वृ, (प.ग.) पार्श्वदेव पद्य 613-5/ कोलडी 536A, मणिभद्राष्टक वत्ति व छंद | Manibhadradi Astaka etc (1 छंद शांतिसूरि | प.ग. 517,908 3 प्रतियां ____3copies 1 लालकुशल) 616 | महावीर 3 इ 142 मणिमद्र भैरुपद Maņibbadra Bherupada 617 | के.नाथ 15/59 | मनकमुनि सज्झाय व पार्श्व- Manaka Muni Sajjhāya | केशरधीर etc. 618 के. नाथ 26/84 महार्थ जयमाला Mahārtha Jayamālā स्तव 619 | के नाथ 5/41 | महावीरचरियंस्तोत्र + वृत्ति | Mahavira Cariyam- Vrtti| जिनवल्लभ साधु- | मू.वृ. (प.ग.) सोमगणि 620 | कोलड़ी 541 1 , +afa Mahāvira Cariyam--Vịtti , 621 मुनिसुव्रत 4 अ 125) मू.ट. (प.ग.) 622 | महावीर 4 9 271 +वृत्ति , -Vrtti , - --(प.ग. 623 | . ? +वृत्ति -Vrtti] जिनवल्लभ साधु सोमगणि 624 | के.नाथ 15/33 | महावीरचरियंस्तोत्र | Mahāvira Cariyam Stotra | जिनवल्लभ कुंथुनाथ 23/10 | महावीर चरिय स्तोत्र+-बा. -Bali मू.बा. 2 copies| 626-7| के नाथ 15/93 2 प्रतियां 230 628 , 29/21 | महावीरद्वात्रिशिका Mahavira Dvātrinsika सिद्धसेन 629 सेवामदिर 3 इ350 महावीरनाम-संग्रह , Nama Sangraha 630 मू.बा. के नाथ 10/97 | महावीरसम संस्कृतस्तव | Malavira Sama Samskrta| जिनवल्लभ +बा. Stava मुनिसुव्रत 3 इ284 म.प. 632 क.नाथ 29/50 , 11/57 633 634 , 23/75 मू.ट. (प.ग.) मू.प. -Vrtti | जिनवल्लभ/जयसागर मू.व. 635 22/44 +वृत्ति , For Private and Personal Use Only Page #272 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य : भक्ति काव्य "1 21 देवी-देवताओं की स्तुति मणिभद्रदेव स्तुति 11 भक्तिस्वाध्याय = भक्ति भक्तिमय चरित्र कीर्तन 31 6 1=3 " 11 11 ,, तीर्थंकर भक्ति 11 " " " 容 " " "1 प्रा. प्रा.मा. प्रा.सं. सं.मा. " 7 मा. " सं. प्रा.सं. प्रा.मा. प्रा. सं, " प्रा. प्रा.मा. STT. सं. सं.मा. सं. "" सं.मा. सं. "1 2* 2 15 6,1 2 3* गुटका 9 11 5 8 35* 40* 2 7 4.2, 3, 27 से 31 x 11 से 12 मंपूर्ण 3 छंद व 1 अष्टक वृत्ति संपूर्ण 2 पद 11+ 8गा 20वीं 19वीं 19वीं 16वीं 2,2 1 6 14 2 2 5 6* 9 www.kobatirth.org 8 A 26 × 11 × 13 × 49 संपूर्ण 25 गाथा 23 x 10 x 6 x 40 23 गाथा 25 x 13 x 18 x 40 21 गाथा 23 × 10 व 25 × 11 संपूर्ण 5 स्तोत्र + 21 गाया का छंद 20 x 12 x 8 x 16 26 x 11 x 16 x 57 32 × 11 × 17 x 54 26 × 11 × 5 × 41 27 x 11 x 15 x 45 25 x 11 x 14 x 50 21 × 10 × 11 × 31 संपूर्ण 2 पद 12 x 11 x 9 x 13 22 x 11 x 14 x 31 37 27 × 12 × 15 × 70 26 × 12 व 24 × 10 25 × 11 × 16 × 43 10 x 6 x 7 x 16 19 25 x 10 x 11 × 48 25 × 11 × 5 x 43 26 × 11 × 12 × 41 26 × 11 × 15 × 49 11 12 21 " "1 31 9 17 11 93 53 श्लोक 71 44 गाथा 44 गाथा 44 गाथा संपूर्ण अंतिम पन्ना कम 3 लकीरों का संपूर्ण 44 गाथा 44 गाथा 44 गाथा 44 गाथा Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 1806 19वीं 19वीं संपूर्ण 32 श्लोक 19वीं अपूर्ण 29 श्लोक 18वीं 26 × 11 × 13 × 42 संपूर्ण 30 श्लोक 15वीं 25 x 10 x 11 x 45 30 श्लोक 16वीं 30 श्लोक 16वीं 30 श्लोक 16वीं पूर्ण 10 से 30 श्लोक 1626 संपूर्ण 30 श्लोक 10 For Private and Personal Use Only 16वीं 1656 20 वीं 19वीं जोधपुर धनसागर व ईश्वर 19/20वीं 1700 [ 255 11 1762 मेदनीपुर हरीदास 1531 अमदाबाद चरित्रपंच के धर्मसेन 1697 दिगम्बर आम्नाय सोमगरण के गुरु जिनभद्र 1662 |पन 12 ( 19 से 30 तक ) Page #273 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 256 ] भाग विभाग : 3 (मा)-जैन भक्ति व क्रिया 1 2 3 3A 5 मू.अ. 636 के.नाथ 23/47 महावीरसमसंस्कृत स्तव+अव. Mahāvira Sama Samskrta| जिनवल्लभ/ Avacuri 637 सेवामंदिर) इ378| जिनवल्लभ मू.प. | के नाथ 15/234 | के.नाथ 15/66 के.नाथ 29/53 | महावीरस्तवन +वृत्ति | Mahavira Stavana+Vrtti | पादलिप्त अमरकीति म वृ. (प.ग. (मानकीत्ति का शिष्य) (2) | अभयदेव+जिन वल्लभ म.प. 641 के.नाथ 26/103गु. महावीरस्तवन (2) 642 | के.नाथ 19/46 अभवदेव 643 | महावीर 3 144 644 कुंथुनाथ 9/119 विजयदेव 645 के.नाथ 15/212 अज्ञात 646 | सेवामदिर गुटका | महावीर (26 द्वार 34 अति- Mahavira (26 Dvāra 34 पावचन्द 3 ति शय) स्तवन Atisaya) Stavana 647 कोलड़ी 296 (5 कल्याणक) स्तवन Mahavira (5 Kalyanaka) | सकलचंद (हीरविजय । शिष्य) कुंथुनाथ 44/6 | महावीरस्तवन Mahavira Stavana जिनदास के.नाथ 5/12 लक्ष्मण 650 . 14/118 प्रमोदसूरि 651 . 19/85 विजयदेवसूरि 652 प्रोसियां 3 5 192 लक्ष्मीसूरि 653 | महावीर 3 इ31 रामविजय (विमलविजय, शिष्य) 654 | के नाथ गु. 14 वा. विनयविजय 655 , 10/63 वा यशोविजय 656 | मुनिसुवत 3 5323/ महासंत सती कूल सज्झाय | Mahasanta Sati Kula Sajjhāya 657 ,, 3 इ 323 मुख-वंदनदर्पण + वृत्ति Mukhavandana Darpaņa मू वृ. (प.ग.) +Vrtti 658 के.नाथ 26/21 | मुनिमालिका Munimālika चारित्रसिंह 659 | कोलड़ी 275 660 के नाथ गुटका 1 | यादवों की धमाल Yādavon ki Dhamala राजहर्ष For Private and Personal Use Only Page #274 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य : [ 257 -- 6 6 7 8 - 10 11 8A 26 x 11 x 4 x 43 संपूर्ण 30 श्लोक तीर्थकर भक्ति 1714 24x10x10x44 अपूर्ण 18वीं 22 x 11 x 15 x 36 संपूर्ण 30 श्लोक 1806 26x11x13x37 19वीं 22x10x15x52 , 6 गाथा 1686 25x12x20x56 | संपूर्ण (22 गाथा व 39, 18वीं श्लोक 25x11 x 13x35 संपूर्ण 22 गाथा 1806 (जिनबल्लभ का समसंस्कृत) 26x12x13x35 19वीं साथ में लघ शांति 27x13x 14x42 , 23 श्लोक 19वीं 26x12x13x50 संपर्ण 21 गा. 20वीं गुटका | 16x13x 13x20 , 94-1-24 गाथा | 1650 4 27x11x11x37 , 3 ढालें = 66 गा. 17वीं गुटका | 15x12x17x24 , 38 गा. 17वीं 26x10x13x34 98 गा. 1744 27x12x12x42 48 गा. 19वीं 28x14x18x42 121 गा. 19वीं रत्नत्रयमयी भक्ति | 27x12x18x52 ,, 8 ढालें , 52 छंद 19वीं, पादलिप्त तीर्थ, रत्नचंद्र 19वीं तीर्थकर भक्ति 26 x 13 x 12 x 26 16x14x11x18 , 8 ढालें 19वीं 27x13x17x28 , 6 ढालें 1917 साधु भक्ति स्मरण | प्रा. 26x11x14x33 | संपूर्ण 13 गा. 19वीं भक्ति 19वीं साधुवंदना भक्ति | मा. 19वीं 25 x 11x14x48| संपूर्ण 26 x 13x10x30 , 37 गा 26 x 12 x 13 x 40 | , 34 22 x 19 x 22 x 32 | संपूर्ण 60 गा. 19वीं कृष्णरानीहोलीभक्ति , 2 1814 For Private and Personal Use Only Page #275 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 258 ] 1 661 662 663 664 665 666 667 668 669 670 671 672 673 674 681 679 683 682 78 684 686 685 687 688 689 2 श्रोसियां 3 इ 351 रत्नप्रभसूरि-स्तोत्र महावीर 3 इ157 कोलड़ी 540 के. नाथ 26 / 61 राजुल पच्चीसी कुंथुनाथ 55 / 26 राणपुर मंडन ऋषभ स्तवन ओसियां 3 इ 215 रोहिणी स्तुति प्रादि के. नाथ 11 / 50 | लघु प्रजितशांति वृत्तिसह महावीर 3 या 48 लघु नमस्कार चक्रम् ओसियां 2 / 152 लघु नवकार फल कुंथुनाथ 4 / 105 लघु शांति महावीर 3 इ47 के. नाथ 15/190 कुंथुनाथ 15/1 कुंथुनाथ 2/8, 15/62, 21/10 कुंथुनाथ 36/1 कोलड़ी 420 . नाथ 6/128 रत्नसागर ग्रन्थ रत्नाकर पंचविंशतिका 11 37 26 10, 26/11 80 के नाथ 6-93 15/205 महावीर 3 इ 155 लघु शांति की वृत्ति कुंथुनाथ 44 / 5 लघु सहस्रनाम स्तोत्र सेवामंदिर 3 इ345 31 3 " + वृत्ति + वृत्ति + बा लघु स्वयंभू स्तोत्र वर्षीतप स्तवन विज्ञप्ति द्वात्रिंशिका 31 27 कुंथुनाथ 36 / 1क्रम विद्यापहार स्तव समग्र) 14 के. नाथ 26/25 महावीर 3 इ 39 5 प्रतियां " www.kobatirth.org 2 प्रतियां स्तवन 3 A Ratnaprabhasüri Stotra Ratnasagara Grantha संकलन | Ratnākara Pañcavirmśatika रत्नाकरसूरि Rajula Paccisi लालचंद Rāṇapura Mandana Rṣabha Stavana Rohini Stuti etc. Laghu Ajita Santi with Vṛtti Laghu Namaskara Cakram Laghu Navakara Phala Laghu Santi 33 33 33 +Vrtti +Vrtti +Bala. ki Vṛtti Laghu Sahasra Nama 33 भाग / विभाग : 3 (प्रा) - जैन भक्ति व क्रिया 5 copies 2 copies " For Private and Personal Use Only Stotra Stavana "" Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 22 13 "" " Laghu Svayambhū Stotra | देवनंदी Varşi Tapa Stavana रूप ऋषि Vijñapti Dvātrimśikā रूपचंद 4 नयमुद (भावसुंदर चन्द्रसूरि जिनवल्लभ / धर्मतिलक मू. + वृ. Visāpahāra Stava Samagra सुमुखोनसुरि अचलकीत्ति हर्षको भद्रबाहु लाभविजय शिष्य) प. पग. मानदेव मानदेव धर्म प्रमोदगरि मू.वृ. ( प.ग.) मू. ट. (प.ग ) प. "" पद्य 11 11 मू.बा. (प.ग.) मू. प. ग. प. 13 5 11 11 "1 12 13 Page #276 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य : [ 259 6 7 8 8A 9 ___ 10 11 गुरुभक्ति 125x11x13x36 संपूर्ण 1755 26x15x20x12 1945 जैन भक्ति काव्य- प्रा.सं.मा. 484 संग्रह सर्वजिनभक्ति | सं.मा. 5 38x12x10x32 , 25 श्लोक 19वीं भक्तिमय गीत 22 x 12 x 10x29 | 19वों तीर्थ तीर्थकर भक्ति , 26x11x14x35 |, 17 गाथा 17वीं जैन भक्ति काव्य 1902 फलोदी. पं हसा 16वीं भक्ति काव्य | 14 24x11 x 11x32 , 9 स्तुतियें 25x10x15x54 संपूर्ण 17 गाथा की ग्रं. 320 25 x 11 x 14 x 50 | संपूर्ण 117 श्लोक 26 x 12x11 x 40 | 23 गाथा जैन भक्ति मंत्र 1962 भक्तिफल 16वीं भक्ति स्तोत्र 24x11x11x40 , 19 श्लोक 16वीं 25 x 12 x 13x35 ,, 19 19वीं 26 x 11 x 13 x 35 | अपूर्ण 13 श्लोक तक | 19वीं 25x10x4x32 | संपूर्ण 17 श्लोक 17वीं 22 से 26 x 9 से 12 | , 17/18/21 श्लोक 20वीं 2.2.2. भक्ति नाम स्मरण गुटका भक्ति स्तोत्र 25 x 12 व 25 x 11 | , 19/19 श्लोक | 20वीं 27 x 14x15x48 | संपूर्ण 1928 12x9x9x 18 संपूर्ण 41 श्लोक 18वीं 23 x 10 x 21 x 72 | , 39 श्लोक । 1667x मालचंद गुटका 23x20x21x38 20X21X38 | , 25 श्लोक 1544 29 x 11 x 10 x 40 संपूर्ण 4 ढालें 19वीं | 26 x 10 x 13 x 44 संपूर्ण 32 श्लो.+ 3तीर्थंकर 19वीं ऋ.शा.नेमी,स्तवन 5-5 श्लोक के 23 x 20 x 21 x 38 | संपूर्ण 40 श्लोक 1544 भक्ति गीत गूटका भक्ति काव्य 25x13x17x29 , 41 गाथा 19/वीं 26 x 13 x 14x43 | संपूर्ण 40 गाथा+4स्तवन 20वीं दो स्तवन संस्कृत में For Private and Personal Use Only Page #277 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 260 ] भाग/विभाग : 3 (प्रा)-जन भक्ति व क्रिया. 3A 4 5 1 2 3 690 | के.नाथ 18/17 वीतराग-वदना Vitarāga Vandana - 691 | 11/84 | वीतराग-स्तोत्र सावचरी | Vitarāga Stotra with Avacūri 692 | मुनिसुव्रत 3 इ309 हेमचन्द्राचार्य प्रभानंद मू.अ. (प.ग.) हेमचन्द्राचार्य मू. (प.) म् (प.) 693 प्रोसियां 2/154 694 के.नाथ 21/12 695 , 10/23 +वृत्ति +Vrtti म् वृ. (प.ग.) 696 29/42 वीतराग स्तोत्र की प्रवचरी | Vitarāga Stotra ki Avacāri ग्रोसियां 3 5 232 वृहत् नवकार नमस्कार । Vịhat Navakāra जिनवल्लभ 698 के नाथ | 1/101 699 | Vrhat Navakāra etc. के.नाथ 26/103गु वृहतनवकार+नमस्कार माहात्म्य Vrhat śānti 700 मुनिसुव्रत 3 इ273| बृहत् शान्ति 701 | के.साथ 15/24 702-3 , 14/125, 2 प्रतियां 2 copies | 23/78 704 महावीर 3 इ 45 +वृत्ति +Vrtti | - हर्षकीति (चंद्र कीत्ति का शिष्य) 705-6 कुंथुनाथ 2/3.21/6 2 प्रतियां 2 copies 707-8 कोलड़ी 463,462 वृहत्शांति की टीका ., ki Tika 2 copies | हर्षकीत्ति 2 प्रतियां 709-महावीर 3 इ 139- शक्रस्ताव 2 प्रतियां | Sakrastava 2 copice| सिद्धसेन 40 711 | वोलड़ी 414 | शत्रजय ख मासणा व दोहे | Satrunjaya Khamāsana +Dohe 712 के नाथ 23/92 खमासणा , 18/90 , खमासणा+दोहे पुण्यमहोदय (कल्याण सागर शिष्य सेवामंदिर 3 इ 345| शत्रुजयनामकहा Satrunjaya Nāmakahā शत्रुञ्जय-स्तवन Stavana के.नाथ 23/79 ., गुटका-1 , 23/86 प्रेमविजय + शुभवीर आनंदनिधान प्रेमविजय 718 महावीर 3 इ22 देवचंद For Private and Personal Use Only Page #278 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य : [ 261 6 7 8 8A 9 ___ 10 11 भक्ति काव्य 23x1x7x36 | पूर्ण 11 पद 1900 26x11x16x40 | 20 प्रकाश 1505 123* 25x10x22x57 16वीं 26 x 12 x 11 x 40 , , 187 श्लोक | 16वीं 26 x 11 x 15x43 17वीं 25 x 12 x 16 x 42 | अपूर्ण 12वें प्रकाश तक | 19वीं 26x11x15x60 16वीं भक्ति मंत्र अपभ्रंश 2 25x11x11x31 | संपूर्ण 27 पद 1898 26x11x11x34 | , 13 पद 19वीं भक्ति मंत्र व फल 18वीं 25x12x20x56 | दोनों अपूर्ण (2 प्रकाश 18 श्लोक) 25x10x13x46 संपूर्ण भक्ति स्तोत्र 16वीं (संक्षिप्त पाठ) 25x10x11x34 1681 3.6 25x12 व 31x11 19वीं 5 26x12x18x50 1950 2,3 25 x 11 व 25 x 12 19/20वीं व्याख्या 7.6 22x11 व 24x13 भक्ति मंत्र स्तोत्न 5.8 27x14 व 28 x 14 25 x 12 x 10 x 30 19वीं अजमेर | (न नत्थुण से भिन्न) नरेन्द्र 19वीं भक्ति पद पाठ 97 नाम+114 दोहे 26x13x15x43 | संपूर्ण 22x12x14x33 | ,, 96 नमस्कार+ 113 दोहे 27x13 x 12 x 35 | संपूर्ण ग्रंथान. 160 तीर्थ भक्ति नाम प्रा.सं.मा. 6 1950अमरदत्त मेवाड़ा भक्ति गीत सामान्य मा. 11 तीर्थ माहात्म्य गीत , 3 23x12x10x23 दो स्तवन 41 गा| 1953 +12 ढाल 22 x 11x22 x 32 | संपूर्ण 45 छंद 1814 24 x 14 x 13 x 24 संपूर्ण + ढंढणऋषि सज्झाय 19वीं तीर्थ गीत व वर्णन , | 12 25x12x10x31 , 34+64 गाथायें| 20वीं . For Private and Personal Use Only Page #279 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 262] 1 719 720 मुनिसुव्रत 4 इ 323 शत्रुञ्जय स्तुति के. नाथ 26 / 85 शांतिनाथ भ्रष्टक व जय मालायें 15/95 शांतिनाथ - नेमिपार्श्व स्तोत्र 722 महावीर 3355 शांतिनाथ - महावीर स्तुति 723 सेवामंदिर 3 इ350 शांतिनाथ -स्तवनानि कुंथुनाथ 36/1 क्र. 41,5 18 / 1 शांतिनाथ स्तवन 721 724 725 726 727 728 729 730 731-2 733 734 735 736 738 741 742 743 744 745 40 31 746 "" 2 मुनिसुव्रत 3272 ओसियां 3 इ 212 के नाथ 15/35 कुंथुनाथ 36 1 क्रम 54 33 10 / 165, 13/218 महावीर 3 इ 26 " 15/68 गीतलनाथ - स्तवन 737 मुनिसुव्रत 3 इ 319 कोलड़ी 539, 482-3 कोलड़ी 444 महावीर 3 इ3 सेवामंदिर 3 इ 345 ओसियां 3 इ 176 महावीर 3 इ57 सज्झाय-संग्रह सेवामंदिर 3 इ370 सती-सज्झाय 77 "1 श्रुत्-देवतास्तुति श्लोक संग्रह प्रार्थना के 3 षडावश्यव तवन 71 3 इ 187 | सलार्हत् 11 11 21 www.kobatirth.org 2 प्रतियां व शांति स्तोत्र श्रादि 3 प्रतियां + वृत्ति + वृत्ति 3 A Śatruñjaya Stuti Santinatha Aṣṭaka etc. 39 सहजकर्त पद्मनंदि Sloka Sangraha 2 copies संकलन Şaḍāvasyaka Stavana नयविजय मुनिसुव्रत 3 इ269 सकल कुशलवल्ली चैत्यवंदन Sakalakuśalavalli Caitya ओसियां 3228 vandana +Bālā. + बा. 23 39 & other Stotras & Mahavira Stuti Stavanāni Santinatha Stavana 33 "2 33 Sitalanatha Stavana Śrutadevată Stuti 33 Sakalarhat " भाग / विभाग : 3 ( श्रा ) - जैन भक्ति व क्रिया + Vrtti +Vrtti Sajjhaya Sangraha Sati Sajjhaya For Private and Personal Use Only Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जिनवल्लभ राजसूरि व अन्य पद्मनंदि व अन्य रूडऋषि 4 यशोविजय कन सोम हेमचंद्र / नयविमल संकलन 3 copies |हेमचन्द्राचार्य " 17 11 वीरभद्र / हेमचन्द्र 39 क्षमाकल्याण प. 31 33 " "1 11 13 "1 "1 11 11 23 मू. ट. ( प.ग.) मू.बा. (प.ग.) मू.ट. (प.ग.) पद्य / कनककुशल | मू.वृ, (प.ग.) प. प. 5 33 33 11 Page #280 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य : [ 263 6 तीर्थ भक्ति | 7 | 8 8A 9 10 45 x 11x17x5- संपूर्ण 9 श्लोक +2 पद | 19वीं x तखत सागर गुटका | 12x11x9x 13 संर्ण 8,9,9,श्लोक 19वीं तीर्थंकर भक्ति 26 x 11 x 11 x 40 संपूर्ण 3 स्तोत्र (33 + | 17वीं ___ 15--15) गा. 27 x 13x 20 x 29 संपूर्ण 4-4 श्लोक की 19वीं 10x6x7x16 अपूर्ण 27 श्लो. द्वितीय- 18वीं पूर्ण 5 श्लोक 23 x 20 x 21 x38 संपूर्ण 2 (11+9 श्लोक) 1544 25x11x11x33 | संपूर्ण 69 छंद 16वीं 24x10x13x41 1696बीकनयर 24x11x12x39 19वीं 26x11x13x31 29 गाथा 19वीं 18वीं 26 x 11 x 14x43 ,, 15 गाथा 23 x 20 x 21 x 38 | , 31 श्लोक ज्ञानदेवी की भक्ति सं. 1544 प्रार्थना के श्लोक प्रा.स.मा | 22x12 व 23x11 प्रतिपूर्ण 19वीं आवश्यक भक्ति काव्य मा. 1914 27 x 13 x 12 x 37 | संपूर्ण 6 ढालें 22 x 9 x 4x40 |, 7 श्लोक भक्ति स्तोत्र स.मा. 19वीं 25x12 x 12x28 26x12x4x32 , 28 श्लोक 1763 मूल हेमचन्द्राचार्य __ का है। 24x10x12x37 कुल 5 स्तोत्र (सामान्य) 1840 नागौर, ईश्वरसागर संपूर्ण 36 श्लो. 27 27 27x13x11x49 , 26 श्लोक की | 1903 28x12x12x54 | ,, 28 श्लोक ग्रं. 282 1942 जयपुर | व्याख्या 26 श्लोक देवकृष्ण तक ही , 30 श्लोक 20वीं 21x10x11-21 25x11x11x32 ____31 श्लोक भक्ति स्वाध्याय 25x13 x 10 x 24 सती गुण कीर्तन , 24x11x11x44 , 29 गा. 19वीं For Private and Personal Use Only Page #281 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 264 ] भाग/विभाग : 3 (प्रा)-जन भक्ति व क्रिया 23 3A 748-9 के.नाथ 14/115. सत्तरभेदी पूजा 3 प्रतियां | Sattarabhedi Puja 3 copies| साधुकीत्ति 21/79, 6/102 750-1 कोलड़ी 357,952 2 प्रतियां _2 copies 752-3 , 345,344 2 प्रतियां 2copies | सकलचन्द्र 754 प्रोसियां 3 इ 184 समरचंद 755 | कुंथुनाथ 15/10 | सत्तरभेद पूजा प्रबन्ध Sattarabheda Pūjā Prabandha 756 , 15/59 | सत्तरभेदी पूजा विचार स्तवन| Sattarabhedi Puja Vicāra Stavana 757 | | के.नाथ 10/52 सप्तदश प्रकार पूजा Saptadaśa Prakāra Pūjā पासचंद 758 महावीर 3 इ37 सप्तस्मरण वृत्तिसह Saptasmarana with Vrtti | भिन्न 2 आचार्य 759 " +बा. , +Bala मू बा. (प.ग.) | के.नाथ 5/9 प्रोसियां 2/152 " व स्तवन „ & S a ani 761 के नाथ 15/124 762 कुंथुनाथ 29/13 के.नाथ 15/91 763 764 के.नाथ 5/34 765 सेवामंदिर 3 इ338 वृत्तिसह with Vịtti 766 मुनिसुव्रत 3 इ251 मू.ट. (प.ग.) | कोलड़ी 1111 768 , 454 वृत्तिसह with Vịtti 769 सेवामंदिर 3 इ339 --बा. +Bala. मूट बा. 770 प्रोसियां 3 इ 362 3 प्रतियां 3 copies 771-3| महावीर 3 इ34, 36.35 174-8| के.नाथ 11/65, 20/40, 24/57, 26/101, 16/11/ 5 प्रतियां 5 copies 779 | कोलड़ी 460 For Private and Personal Use Only Page #282 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य : [ 265 67 | 8 8A | 10 11 भक्ति काव्य 1 से 26x9 से 13 | 17 पूजायें तीसरी 19वीं में 6 ही 25 से 11 व 27 से 12 | दोनों पूर्ण 13,21/ 26x12 व 26x13 1940 19वीं पूजाका व 17 प्रकार का विवेचन भक्ति पूजा विधान) 27x11 x 15 x 38 | संपूर्ण 26 x 11 x 13 x 49 , 24 पद्यानुच्छेद 25 x 11 x 13 x 42 , 29 गाथा 26 x 12 x 13 x 42. संपूर्ण दिगम्बर ग्राम्नाय भक्ति काव्य व विधि भक्ति स्तोत्र 16वीं प्रा.मा. 25x9x 13x49 छठे स्मरण की नहीं । __ बाकी छ है। 26 | 26 x 11 x 13 x 44 | अपूर्ण 123* | 26 x 12 x 11 x 40 संपूर्ण 16वीं "आदि प्रा.सं. 16वीं 25x10x12x48 16वीं 26x10x13x40 त्रुटक 16वीं 26 x 11 x 13 x 41 संपूर्ण 1868 25x11x11x34 17वीं 27 x 12 x 13 x 45 अपूर्ण-1 व 6 नहीं 2 व 7 17वीं अधूरे 23x11x6x384 व 5 नहीं बाकी 5 1753,कारणाणा स्मरण | विद्याविशाल 26x10x13 x 42 छठा अधूरा व सातवां नहीं 18वीं | 26 x 11x11x44 पांच स्मरण व तीन अन्य | *18वीं (2 शांति 1 भक्तामर साथ में) | 21x12x5x31 1851 जोधपुर भीमराज 24x12x5x30 संपूर्ण 1880 12/ 17,28. 24 से 26 x 12 से 13 , 19/20वीं 9,10 25 से 26 x 11 से 13 चार पूरी और अन्तिम | 19वीं 14,11, अपूर्ण 17 | 13 27x 13x 12 x 44 संपूर्ण 1889 For Private and Personal Use Only Page #283 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 266 ] 780 781 782 गुरुपारतन्त्र्य विग्धापहर उवसग्गहरं लघुशांति वृहत्शांति 783 " प्रजितशांति लघुशांति (उल्लासिका) भयहर-स्तोत्र तंजयउ (सर्वाधिष्ठायक) 784 2 सियां 3 इ 216 सप्तस्मरण-स्तुति प्रादि के. नाथ 785 6 / 65 सप्तस्मरण आवश्यक व अन्य ग्रंथ 21/51 सप्तस्मरण की वृत्तियें 798- कुंथुनाथ 35/39, 804 16/17, 36/1 20/8-9, 44/5, 14/60 मूल मानतुङ्ग मूल जिनदत्तसूरि 11 3 मूलनंदीषेण प्राकृत गाथा 40 मूल जिनवल्लभ प्राकृत गाथा 15-18 19 मूल भद्रबाहु मूल मानदेव संस्कृत मूल अज्ञात संस्कृत " 11 " 11 " "" के. नाथ 26/103गु सप्तोपधानादि-स्तवन सेवामंदिर गुटका 30 सरदहरणा-स्तवन ति महावीर 3 इ 77 "1 www.kobatirth.org "" 21 26 21 14 5 Saptasmarana Stuti etc. 19 3 प्रतियां 2 प्रतियां Saptopadhānādi Stavana Saradahana Stavana सरस्वती भक्तामर + वृत्ति Sarasvati Bhaktamara +Vrtti 786- महावीर 3131 सरस्वती - स्तोत्राणि 6 प्रतियां Sarasvati Stotrāni 86,130,132. 55,79 91 792-4 मुनिसुव्रत 3 इ 286 246 323 795 सेवामंदिर 3 इ 350 796-7 के नाथ 26/103. 19/38 7 प्रतियां "" 3 A و 39 " ki Vṛttiyen 11 13 "} भाग / विभाग : 3 (प्रा) - जन भक्ति व क्रिया " For Private and Personal Use Only वृत्तिः - ( 1 ) गोविन्दाचार्य संस्कृत गद्य ग्रंथाग्र 350 (1) धर्मतिलक (1) जिनप्रभ ( 1 ) जयसागर ( वर्धमान शिष्य ) गद्य संस्कृत (1 ) सागरचन्द्र संस्कृत गद्य (1) अज्ञात (1) जिनप्रभ (1) धर्मप्रमोदगरण संस्कृत गद्य (1) हर्षकीत्ति Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 6 copies 3 copies 7 copies भिन्न 2 प्राचार्य " भिन्न 2 वृत्तिकार 31 4 " 17 , - समय सुन्दर पार्श्व चंद 39 31 " 33 मू प. ( सप्तस्मरणादि मू. ग्रंथा 271 जिनप्रभ व अन्य 2 copies | बप्पभट्टसूरि व अन्य ग. 320 300 अभिप्राय चंद्रिका मानतुङ्ग (स्वोपज्ञ ) प्रभाचार्य सुमति व अन्य प प. 5 मूवृ. (प.ग.) 33 Page #284 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य 6 भक्ति स्तोत्र " · व्याख्या 13 प्रा.मा. श्रादि प्रा.मा स सं. "3 7 भक्ति क्रिया सह मा. भक्ति श्रद्धा (दर्शन) सरस्वती जैन भक्ति सं. सरस्वती भक्ति 11 " 7 वृत्तियों की विगत ) (2) जिनप्रभाचार्य संस्कृत गद्य ग्रंथाग्र 740 बोधिदीपिकानाम्नी (2) पार्श्वदेवगण संस्कृत गद्य (2) हर्ष कीति ( चन्द्रकीर्ति का शिष्य) संस्कृत गद्य सं.मा. सं. 96 8 31 5 8 25 8 A 25 × 11 × 11 x 25 25 x 11 x 11 × 34 26 x 11 x 15 x 54 40 www.kobatirth.org 6'4 2 2,22, 20 से 27 x 11 से 13 1,1 26 x 12 x 12 x 40 2,6* 23 से 24 x 10 से 11 18* अपूर्ण 25 × 11 × 15 × 3 8 संपूर्ण 5 स्तवन 49 गा. 16 × 13 × 13 × 20 44 श्लोक 9 स्तोत्र कुल (80 श्लोक ) 10 x 6 x 7 x 16 1, 2, 1, 2 भिन्न-भिन्न 1 (गुटका 31 संपूर्ण 11 39 "" 17 9 11 4 स्तोत्र (संस्कृत में 3) Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 10 For Private and Personal Use Only 20वीं 20वीं ( 3 ) कर्मसागर संस्कृत गद्य 1637 18वीं संपूर्ण 11 स्तोत्र (150 18वीं श्लोक) 25 × 11 व 26 × 13 संपूर्ण 9 स्तोत्र (70श्लो. ) 18 / 19वीं 1651 20वीं 19/20वीं "" 16 स्तोत्र ( 195 | 16 / 19वीं श्लोक ) [267 11 (सामान्य संकलन ) Page #285 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 268 ] भाग/विभाग : 3 (प्रा)-जन भक्ति व क्रिया 4 5 1 2 | 3 3A 805-6 | कोलड़ी 522-532 सरस्वती स्तोत्राणि 2 प्रतियां Sarasvati Stotarani 2 copies 807 सेवामंदिर 3 इ 345 , स्तोत्र , Stotra कुशल पंडित व अन्य प. 808 | , 35 345/ संति करनाम-स्तोत्र Santikaranāma Stotra 809 | कुंथुनाथ 3/68 | सवेग व दान गीत Saṁvega & Dāna Gita 810 सेवामदिर 3 इ376 संसार दावानल-स्तुति Samsāra Dāvānala Stuti ., with Avacuri | के.नाथ 15/80/ मुनिसुव्रत 3 इ283/ , सावचूरी , वृत्तिसह मू.अ. (प.ग.) मू वृ. (प.ग.) , with Vrtti | हरिभद्र 813 के.नाथ 13/45 | साधुवन्दना Sadhuvandara भावहर्ष सूरि 815 2 प्रतियां 2 copies पार्श्वचन्द्र 814 , 19/9 | सेवामंदिर गु. 3 ति 816 के.नाथ 20/50 817-8 मुनिसुव्रत 3 5 255 364 819 | के नाथ 15/22 2 प्रतियां 2 copies कुंअरजी पार्श्वचंद 820-1 ,, गु 1,14-104 822 मुनिसुव्रत 3 इ 259 823 | कुंथुनाथ 39/4 824 | कोलड़ी 274 समयसुंदर 2 प्रतियां 2 copies 825-6 के.नाथ 6/12, 26/80 827 कोलड़ी गु. 9/12| ऋषि जयमलजी 2 copies 828-9 | के.नाथ 23/71, 2 प्रतियां 24/44 830- , 14/129, | (आगमोक्त) साधुवंदना 31/ 24/41| 2 प्रतियां 832 कुंथुनाथ 54/11 2 copies | मूनिदेव (ज्ञानचंद का शिष्य) , 833 के नाथ 26/46 साधुवंदना कुशल (नागौरी गच्छ), जयसोम 834 835 , , 15/27 14/91 , अज्ञात For Private and Personal Use Only Page #286 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य : [269 8A 11 6 सरस्वती भक्ति 7 8 8A 10 सं.मा. | 3,2 | 30x10x भिन्न 2 | संपूर्ण 2 स्तोत्र (संस्कृत 19वीं में 1) 27x10x21 x 72 | संपूर्ण 19वीं माथ 2 स्तोत्र 64 योगिनी साथ में 64 योगिनी बीज मंत्र अंत में आनंदघन का 1 पद जिनभक्ति 24x11x12x33 , 13 गाथा 1881x हर्षचन्द्र श्रद्धा भक्ति उपदेश मा. 25x11x17x38 , 25 गा.(16+97 19वीं भक्ति 25x11x10x40 | संपूर्ण 17+2 श्लोक 18वीं 26x11x11x40 |, 4 श्लोक 19वीं 21x10x11x32 19वीं साधु भक्ति व नाम- प्रा. स्मरण 30x12x19x86 | अपूर्ण 150 गा. 16वीं भक्तिभर नमिसुखर 26x11x12x36 | संपूर्ण 110+50 गाथा| 1622 26x13x13x20 , 83 गाथा 1651 25x11x13x44 ,87 गाथा 1660 25x11 व 26x12 | " " 17वीं 26x11x14x437 संपूर्ण 14 ढालें 1706 22x19 व 28x12 , 7ढाले 387 गा. 1814, 1849 26x12x13x50 1821 गढवाहा सांवलदास 19वीं 20x16x14x26 ग्रंथाग्र 750 27x11x15x65 , 18 ढाल = 516 | 19वीं । गाथा 23,15/22x11 व 26x11 | प्रथम संपूर्ण 18 ढाल | 19वीं दूसरी 14 गुटका 15x10x9x17 | संपूर्ण 35 गाथा 1885 6,12* | 26x12 व 26x11 7,8 | 25x12x15x50 (1) (2) 19वीं संपूर्ण 111 गा. 55 गा. , 161 गा. = 13 | 19वीं ढाल 19वीं गुटका 6x6x8x12 26x12x17x48 | 35 गा. 19वीं 25x11x11x38 , 27 गा. [9वीं 25x11 x 11x33 19वीं For Private and Personal Use Only Page #287 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 270 ] भाग/विभाग : 3 (प्रा)-जन भक्ति व क्रिया 3A 836 837 कुंथुनाथ 36/1 सारंग काष्ठ संघ जयमाला महातीर 3 इ355 सिद्ध चक्र नमस्कार | Sarangakāstha Sanga | माथूरनंदि Jayamālā Siddhacakra Namaskāra 838 शोसियां 3 इ235 प्रासिया नवपद पूजा , Navapada Puja देवचंद 839 | के.नाय 15/195 , नवपद वर्णन ,, ,, Varnana , पूजा 2 प्रतियां , Pija 2 copies, ग मंत्र 840.1 कोलडी 409, 1346 कुंथुनाथ 2/19 | मू.वृ, (प.ग.) यंत्रोद्धार गाथा | Siddhacakra Yantroddhara (श्रीपालचरित्रे) +वृत्ति Gatha++Vrtti| विवरण चंद्रकीत्ति स्तदन+यंत्र , Stavana+Yantral - 843 मुनिसुव्रत 3 इ323 , 844 | प्रोसियां 3 190 सिद्धदण्डिकका स्तवन Siddha Dandika Stavana | देवेन्द्रसरि 845 | महावीर 3 इ355 | प्रोसियां 3 186/ मू ट. (प ग.) 847 के नाथ 15/82 पद्मविजय 848 कोलडी 1147 सिद्धमुक्तिमाला Siddha Mukti Mala | कुंथुनाथ 361 सिद्धस्तुति व सिद्धचकस्तव 850 सेवामंदिर 3 इ345 सिद्धपार्थिवसूत्र व यत्र नवृत्ति | कोलड़ी 509 | सिद्धिलक्ष्मी-स्तोत्र Siddha Stuti & Siddhaca-| पद्मनंदि kra Stava Siddha Parthiva Sūtra etc +Vrtti Siddhi Lakşmi Stotra के.नाथ 29/49 सीमन्धर-स्तवन Simandhara Stavana | उ. भक्तिलाभ „ Svādhyāya लावण्यसमय Suguru Chattisi हर्षकुशल | प्रोसियां 3 इ 323 , स्वाध्याय | मुनिसुव्रत 3 323) सुगुरु-छत्रीसी | महावीर 3 इ355 सुरिमंत्र-स्तवन 856 कोली 204 सोमवार-स्तवन Sūrimantra Stavana भावसूरि Somavāra Stavana वा. विनयविजय 857 सवा मंदिर 3 गु ति. स्तवन (सामान्य) Stavana (general) पार्श्वचन्द , Sajjhāya 3 copies 758- कुंथुनाथ 56/1-3-5 स्तवन-सज्झाय 3 प्रतियां 60 प्रोसियां 3 5 208 स्तवन-संग्रह 861 , Sangraha शोभमुनि 862 के.नाथ 18/70 पा. हर्षसंदर (कनक विजय शिष्य) गयवरमुनि 863 प्रोसियां 3 इ231 For Private and Personal Use Only Page #288 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य : [ 271 6 7 8 भक्ति भक्ति काव्य 8 A 9 10 11 23 x 20 x 21 x 38 | संपूर्ण 2 स्तोत्र (9-9_1544 गाथा 27x12x14x38 | संपूर्ण 3 स्तोत्र (5,9,6/ 18वीं लालचंद श्लोक) 20x9x9x22 | संपूर्ण नवमी पूजा तक | 19वीं । (अंतिम पन्ना कम) 26 x 12x14x35 संपूर्ण 11 गा. अत में श्रीहर्ष की श्रावककरणी 26 x 12 x 17/15 x प्रथम पूर्ण द्वितीय अपूर्ण सज्झाय 22 गा. की 40 26x11x10x36 संपूर्ण 20वीं भक्ति यंत्र-मंत्र प्रा.सं. 4 प्रा. 2 25x10x18x32 , 6 गाथा + 4 स्तु- 18वीं तियां 17वीं सिद्ध भक्ति व विभक्ति , 26x11x14x40 " 13 गा. ,, 13 गाथा साथ में यन्त्र 25x11x4x31 13 गाथा 1846लालचंद 24x12x17x42 | , 7 ढालें 19वीं 24x12x10x36 अपूर्ण 21 से 98 गाथा । 19वीं प्रथम पन्ना कम गुटका 23x20x21X38 | संपूर्ण 30+11 श्लोक 1544 2 27x12x13x40 | अपूर्ण साथ में यंत्र 19वीं जीर्ण सं. 12* 28x11x11x39 संपूर्ण स्तोत्र 19वीं तीर्थकर की भक्ति 24x11x11x33 , 18 गा. 19वीं 26x11x13x34 17वीं तीर्थंकरभक्ति स्वा ध्याय गुरुभक्ति 25x11 x 14x44 18वीं भक्ति मंत्र 24x11x13x52 | , 20 गा. 19वीं मा. 27x 13x14x35 , 9 ढालें 19वीं मुक्ति माराधना भक्ति तीर्थकर भक्ति 9 16x13x13x20 ,, 11 ढाल 3 68गा 1650 जिन व गुरु भक्ति व , 8 मद सज्झाय तीर्थकर भक्ति गीत 22 से 25 x 11 से 13 , 3 पद (21 25, | 18/19वीं 19 गा.) 25x12x12x31 13 स्तवन 19वीं बीकानेर बिरदीचंद 23x13x16x32 ।, 7 स्तवन 1940 (इसी वर्ष निर्मित संघ में) 17x12x11x21 | । 24 स्तवन 1972 . For Private and Personal Use Only Page #289 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भाग/विभाग : 3 (प्रा)-जैन भक्ति व क्रिया 2721 3A 864 शिवामदिर 3 इ345| स्तवन स्तुति पत्र Stavana Stuti Patra संकलन 865 कुंथुनाथ 4/97| स्तुतिये Stutiyen 866 | कोलड़ी 918 (प.ग) Stotra Sangraha संकलन 867 | के नाथ 6/109 स्तोत्र-संग्रह 868 | के.नाथ 19/26 | स्त्रोत-स्तुति प्रादि संग्रह | Stotra Stuti etc. Snātra Puja Astaprakāri | देवचंद 3 copies 869- कोलडी 1327 | स्नात्र पूजा अष्टप्रकारी 710 353359 3 प्रतियां 872- | के.नाथ 16-31, 75 18-24,23-73 4 प्रतियां 26/88 876 कुंथुनाथ 28/5 | स्नात्र व नवपद पूजा 4 copies Snātra & Navapada Pūjā 877 कथुनाथ 28/6/ स्नात्र सत्तरभेदी नवपद व | Snātra Sattarabhedi etc. | देवचंद, राजसरि, अष्टप्रकारी यशोविजय प्रोसियां 3 1 234 , अष्टप्रकारी , कीत्तिविजय 878 देवेन्द्र 3 इ 344 स्नात्र व अष्टप्रकारी पूजा | Saatra+ Astapral ari | देवचंद Püjā! 880 प्रोसियां 3 या 132 अज्ञात AA अज्ञात समंतभद्र/प्रभाचंद्र मू.वृ. (प.ग.) पद्य | के नाथ 15/143 स्नात्र पूजा Snātra Pūja | कोलड़ी 402 , विधिसह . with Vidhi मुनिसुव्रत 3 इ 310/ स्नात्र पूजा प्रादि विधिसह ,, etc. कोलड़ी 936/ स्नात्र पूजा विधिसह with Vidhi 783 | स्वयंभू-स्तोत्र (वृत्तिसह) Svayambhū Stotra (with Vịtti) 886 के नाथ 26/103 हरिशष्टार्थ +नेमीस्तोत्र Harisastārtha+Nemi Stotra 887 | के नाथ 19/66 | हनुमान स्तोत्र+मंगलाष्टक Hanumāna Stotra+Man galāstaka Storta 888- | के नाथ 5/96 | स्फूट स्तवन स्तुति स्तोत्र | Stray Pages of Stavana 947 6/32.81-101, सज्झाय के पन्ने Stuti Stotra etc 11/59, 14-42(60 प्रतियां) 60 copies 92-08-112142,15/77-8287 18/13, 13 43.68-6971, 89,92,93,86. 23/3, 19/14 66-69,71,8|| Cont. on Page 274 | भिन्न-भिन्न For Private and Personal Use Only Page #290 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य : [273 11 16वीं संगीतमय 6 7 | 8 8A 9 10 तीर्थंकर भक्ति गीत प्रा.सं. 4 25x11 x 15 x 45 | अपूर्ण पन्ने 4 से 7 अंत | 18वीं | 24x9x 13 x 40 | संपूर्ण 8 श्लोक व्यंगात्मक भक्ति पर मा. | 25 x 11 x 3 x 28 संपूर्ण 19वीं जन भक्ति काव्य | प्रा.सं. 6 | 25 x 12 x 12 x 35 अपूर्ण 19वीं 26 x 12 x 13 x 42 | अपूर्ण त्रुटक सामान्य 20वीं पूजा भक्ति काव्य | मा. 32,9,11| 12 से 25 व 8 से 13 | संपूर्ण+स्तवन भी 19/20वीं प्रतिसामान्य 5,4,6, 26 से 24 व 10 से 14 19वीं अंतिम में नवपदपूजा यशोविजय की 10x8x6x10 20वीं 1945 9x8x7x11 24 x 11 x 12 x 35 " तीन पूजायें ..., 2 पूजये 19वीं 24x11x9x37 19वीं 26x12x12x47 19वीं भक्ति क्रिया विधिसहप्रा.अ.मा. 10 26x12x7x35 1836 मा. 9 26x11x9x32 1842 प्रा.मा. 26x10x16x48 1844 मा. 3 26 x 12x16x40 19वीं (देवचंदजी से अन्य) तीर्थकर भक्ति । 27x13x15x54 | अपूर्ण (द्वितीय परिच्छेद 1869 ग्रं. 150 25 x 12 x 20 x 56 | संपूर्ण ग्रंथान 50 18वीं भक्ति स्तोत्र सं. 111* | 22x12x14x26 भक्ति गीतादि .सं.मा 1395 | 24 से 30 x 10 से 15 पूर्ण अपूर्ण 17/20वीं For Private and Personal Use Only Page #291 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 274 ] भाग विभाग : 3 (ग्रा)-जन भक्ति व क्रिया __2 3 3A 4 104,126,21/ 85,23/90,93 24/63,76-78 81, 26/26-28, 26/30.31,36, 39,42,45,48, 51,52,83,86, 87,90,93,97, 28/5,10,19,78/ पद्य 948- कोलड़ी 25प्रतियें+ स्फूट स्तवन स्तुति स्तोत्र | Stray Pages of Stavana | भिन्न-भिन्न 72 बस्ता 70 कार्ड में सज्झाय के पन्ने Stuti Stotra etc 25 प्रतियां 25 copies 973- कुंथुनाथ 1166 , , 194 प्रतियां 194 copies 13 प्रतियां 13 copies 1167- प्रोसियां 3 इ 172793-8-97-9-205 6-17-21-41, 2/301,36-60, 351 , 12 प्रतियां | , 12 copies , 1180- महावीर 3 इ 6,1191 13,28,46,55. 58,59,115, 355,357 18 प्रतियां 18 copies 1192- मुनिसुव्रत 3 इ276120987-88-90 से 96, 98,99 301,12, | 17,20,23,26 1210- सेवामंदिर3 इ 343 15/45-49-50-69, | , 6 प्रतियां 6 copies 80 For Private and Personal Use Only Page #292 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य : [ 275 6 7 8 | 8A 9 10 11 भक्ति गीतादि प्रा.सं.मा. 822 पूर्ण अपूर्ण 17/20वीं , 55 , 179 For Private and Personal Use Only Page #293 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 2 24 22 23 2 23 276 1 24 25 1 2 कुंथुनाथ 56/6 अमरसत्तरी कोलड़ी 811 ईर्यापथिक चर्चा के. नाथ 23 / 38 ईर्यापथिक- विचार महावीर 3 ई 18 उत्सूत्र खण्डन सेवामंदिर 3 ई 41 उदरवेगानाछिद्र 11 39 3 31 21 www.kobatirth.org वृत्ति 3 A Amara Sattari के. नाथ 18 / 28 श्रीष्ट्रिकमत उघाटन कुलं महावीर 3 ई 25 कुटमुद्गर ग्रन्थ महावीर 3 ई 6 कुमत्ताहि विष जांगुली मंत्र Kumattāhi Visa Janguli Mantra महावीर 3 ई 22 कुमतिकंद कुद्दाल Kumati Kanda Kuddāla कोलडी 963 कुमतिचर्चा महावीर 3 ई 30 कुमुदचन्द्र के. नाथ 23 / 42 केवलीस्वरूप के. नाथ 5/119 केशीगौतम - संधि के. नाथ 6/45 केशी संधि महावीर 3 ई 8 खरतरतपा मान्यामान्या विचार . 11 / 88 | गणधर सार्द्धशतक (वृत्ति - सह ओसियां 2 / 152 महावीर 3 ई 39 के नाथ 17/60 के. नाथ 15/84 महावीर 3 ई 3 गुरुतत्त्व प्रदीप दीपिका के. नाथ 14 / 130 | (गुरुतत्त्व प्रदीपे ) उत्सूत्र कंद कुद्दाल महावीर 3 ई 10 चाचिक ग्रन्थ महावीर 3 ई 9 | चौथ संवत्सरी चर्चा महावीर 3ई 22 जिन पूजा चर्चा Iryapathika Carca Vicara 39 Kumati Carcă Kumudacandra Utsutra Khaṇḍana Udaravegana Chidra Auştrika Mata Udyātana धर्मसागर ( दानसूरि का शिष्य) Kulam Kutamudgara Grantha Kevali Svarupa Kesi Gautama Sandhi Kesi Sandhi Kharatara Tapa Mānyamanya Vicara Ganadhara Sārddha Sataka (with Vrtti) "" 33 ,, 91 भाग / विभाग : 3 (इ) - जैन भक्ति व क्रिया Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Vṛtti For Private and Personal Use Only पार्श्व चंद ( रतनचंद्र का शिष्य) 4 विनय (जयसोम का शिष्य) ग्रालमचन्द माधव रत्नचंद्रगरि सौभाग्यविजय मुक्तिसागर (लब्धसागर शिष्य ) उत्तराध्ययन वाली कथा 31 Gurutattvā Pradipa Dipikā धर्मसागर ( स्वोपज्ञ ) Gurutattava Utsūtrakanda धर्मसागर Kuddāla Carcika Grantha Cautha Samvatsari Carcā इन्दोर से Jina Pūjā Carcā प. ग. 37 35 प. मू.अ. (पग.) मू.वृ. (प.ग.). ग. " " प. जिनदत्तसूरि / सर्वराज- मू.वृ. गणि जिनदत्तसूरि जिनदत्त / सुमतिगरि जिनदत्तसूरि ग. प. मू.वृ. प. मू + दी. ग. 13 5 गद्य ग. Page #294 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सांप्रदायिक खण्डन मण्डन : [ 277 7 8 8A 9 __10 11 6 मूर्ति पूजा मण्डन | 27X11 x 14x35| संपूर्ण 74 गा. 19वीं 33x13x12x38 सामायिक लेने की विधि 1897 जोधपुर गुलाबविजय 20वीं 27x13x14x36 28x12x14x45 , ग्रं. 1250 1968 1661 की कृत्ति धर्मसागरीय उत्सूत्रो- सं. घटन कुलक का खंडन स्वाध्याय पर 26x11x19x82 , 63 गाथा 1882 अंत में चंदनबाला सज्झाय खरतरतपागच्छाक्षेप 26x11x11x40 17वीं 26x11x14x38 शरीर इंद्रिय विष यक चर्चा सांप्रदायिक खंडन मंडन , 620 श्लोक ,, ग्रंथान 518 27x13x15x47 19वीं विषधरपुर गगाविष्णु 1967 नागौर नरोत्तम 20वीं | 27x12x11x30 संपूर्ण प्रतिमा पूजनादि पर 25x11x15x78 19वीं 30x16x14x37 1906 25x12x6x35 68 गा. 17वीं सांप्रदायिक खंडन मंडन सांप्रदायिक चर्चा निराकरण पार्श्व महावीर समन्वय .. . 25x11 x 13 x 32 | संपूर्ण 19वीं . उत्तराध्ययन से भिन्न सांप्रदायिक मान्यतायें मा. प्रा सं. कठिन प्रश्नों का शास्त्रीय समाधान 26x11x11x34 | संपूर्ण 73 गा. 19वीं 27 x 12x 14x52| , 30 प्रश्न + 20वीं सदाशंकर जोशी 27x11x17x55 , पं. 2000 पहिला 1518 सुमतिगणिकृत पन्ना कम विवरणानुसारे | 26 x 12x11x40 संपूर्ण 150 गा. | 16वीं 26x11x15x53 |, ग्रं 12105 1661 जैसलमेर 1295 की कृति/ __ मणिकसूरि प्रशस्ति है 26 x 11x13 x 39 | |, 150 गा. 17वीं 26x10x13x36 खंडन मंडन दार्शनिक सं. 26x11x21x59 अपूर्ण 16 श्लोक 18वीं प्रथम दो पन्ने कम है 26x12x13x46 | संपर्ण 8 विश्राम ग्रं. 345) 1651 27x12x15x44 संपूर्ण 1967 नागौर ___ नरोत्तम 20वीं 26x12x18x49 , मूर्तिपूजा-चर्चा | मा. | 25 x 11 x 13 x 48 | , 36 अधिकार 1666 दीव For Private and Personal Use Only Page #295 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 278] 26 27 28 29 30 के. नाथ 26/54 जिनपूजा चर्चा के. नाथ 14 / 22 जिनपूजाश्रित प्रश्नोत्तर महावीर 3 ई 24 जिनप्रतिमा अधिकार रास Jina Pratima Adhikara Rasa महावीर 3 ई 19 जिनप्रतिमा श्रात्रित विचार | Jina Pratima āśrita Vicāra के नाथ 26/35 जिनप्रतिमा रास के. नाथ 19/44 कोलड़ी कोलड़ी 366 | ढुंढक-रास 34-35 महावीर 3 ई 11-12 तपोटमत कुट्टनशतक 2 प्रतियां महावीर 3 ई 13 तपोट लघु विचार-सार के. नाथ 23/39 तिथि उपधान विधि आदि चर्चा Tithi Upadhāna Vidhi Carca के. नाथ 18 / 81 दानस्वामी वात्सल्य चर्चा Dana Svāmivātsalya कोलड़ी के. नाथ 21/62 महावीर 3 ई 7 महावीर 3 ई 40 महावीर 3 ई 2 के. नाथ 14 / 23 | पूजाधिकारे सूत्र उद्धरण ओसियां 3 या 161 प्रतिमादि स्थापना कोलड़ी 1354 प्रतिमापूजा-पत्र महावीर 3 ई 5 प्रतिमा शतक + वृत्ति के. नाथ 13 / 43, प्रतिमा सिद्धि स्तवन - बा. 5/59 2 प्रतियां के. नाथ 19 / 84 प्रतिमा स्थापना स्तवन 31 32 33 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48-9 50 I 51 52 2. 3 11 11 "1 www.kobatirth.org निर्णय विचार ग्रंथ 3 A Jina Pūjā Carca Jina Pūjāśrita Praśnottara 287 जिनप्रतिमा हंडी स्तवन (रास) Jina Pratima Hundi Stavana Dhundhaka Rasa Tapota Mata Kuttana Śataka 2 copies Tapota Laghuvicāra Sāra के. नाथ 23 / 65 प्रश्न ग्रंथ महावीर 3 ई 32 प्रश्नचिंतामणि 999 द्विजवचन चपेटा Carca Dvija Vacana Capetā धर्ममंजूषा Dharma Mañjūṣā पर्युषरणा दश शतक + वृत्ति Paryuşanā Daśa śatāka + Vrtti 99 ', " Rasa Pratima Pūjā Patra 39 35 " रायचंद हेमचन्द्रसूरि मेघविजय ( प. ) धर्मसागर ( स्वो . ) Nirnaya मणिसागर Vicāra Grantha हर्ष भूषण Pūjādhikāre Sūtra Uddha- संकलन rana Pratimadi Sthapanā संकलन भाग / विभाग : 3 (इ) - जैन भक्ति व क्रिया Praśna Grantha Cintamani Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir For Private and Personal Use Only जिन हर्ष 11 4 Śataka +Vṛtti Siddhi Stavana + Bala. 2 copies Sthāpanā Stavana उ. यशोविजय उत्तमविजय जिनप्रभसूरि उ. यशोविजय (स्वो) मानमुनि (शांतिविजय शिव्य) पार्श्वचन्दसूरि वीरविजय ( शुभ विजय शिष्य) ग. 17 प. ग. प. " पद्य ग. 11 "1 मूवृ. (प.ग.) ग. प.ग. 23 ग. मू. वृ ( प.ग.) मू बा. ( प. ग.) प. 5 ग. 11 Page #296 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सांप्रदायिक खण्डन मण्डन : [ 279 8A 9 10 11 ___ 6 7 पूजा चर्चा | मा. 8 2 23x11x18x52 | 19वीं 25x11x13x37 1856 28 x 12 x 8 x 25 | अपूर्ण 60 गा. तक 19वीं 28x12x15x48 संपूर्ण 18वीं 26x11x19x57 , 67 गा.+2 सज्झाय 1828 25* | 24x12x 17x32 20वीं 26x11x12x36 " 66 गा. 1834 सांप्रदायिक खंडन 25x11x15x45 19वीं मंडन 28 x 13 x 12 x 50 | संपूर्ण 120 श्लोक 20वीं सांप्रदायिक चर्चा 27x12x13x42 1968x रामचन्द्र 17वीं 25x11x17x51 26x11x14x42 | 49 बोल 1848 28x14x14x40 संपूर्ण 19वीं 1770 26 x 12 x 15 x 42 | ,, प्रश्नोत्तरी | 27x12x12x46 110 श्लोक 20वीं 29x 14x15x46 | अपूर्ण 20वीं 27 x 13 x 15 x 49 | संपूर्ण 258 ग्रं. 1967 नागौर 1486 की कृत्ति नरोत्तम 1711 मूर्ति पूजा संबंधी पा.सं.मा. 19 | 24x10x14x39 , 36 अधिकार , उद्धरण मा. 16 24 x 11 x 14x40 | अपूर्ण (प्रथम 3 पन्ने कम) 20वीं , संबंधी 25x12xभिन्न 2 प्रतिपूर्ण 20वीं .. खंडन मंडन सं. 166 27x13x14x38 101 श्लोक की | 20वीं , 21 गा. 19वीं 26 x 13 x 18/22 x 43 28x12x12x40 , 7 ढालें 1904 सांप्रदायिक चर्चा | 26 x 11x15x42 | ,, 91 प्रश्न 17वीं 1869 राजकार | 28 x 13 x 14 x 38 , 202 प्रश्नोत्तर ।' नित्यविज विवादास्पद निर्णय सं. 63 For Private and Personal Use Only Page #297 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 53 55 54 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 280 ] 76 77 1 2 के नाथ 23 / 15 प्रश्नोतर के.नाथ 5/58 के नाथ 19/39 ओसियां 3 ई 27 के. नाथ 10/56 कोलड़ी 804 महावीर 3 ई 35 के. नाथ 21/97 महावीर 3 ई 36 प्रश्नोत्तर शार्द्धशतक भाषा (उत्तरार्द्ध) के. नाथ 23/49 भाषा कोलड़ी 1157 कोलड़ी 1115 के. नाथ 21/56 के नाथ 19 / 28 Share 10/106 प्रश्नोत्तरावली ओसियां 3 ई 28 बौटिक बोटन प्रकरण " कोलडी 304 के नाथ 26/ 24 "" "1 "1 11 "1 11 71 "1 11 " 3 "" बोल- विचार रत्नाकर सार्द्धशतक "" 11 शार्द्ध शतक 19 33 www.kobatirth.org भाषा " बीजक Prasnottara " 35 39 " " 3 A Bola Vicara 33 Ratnakara Sarddha Sataka 23 " 33 37 33 Praśnottaravali Bhāṣa 35 Śataka For Private and Personal Use Only Bhāṣa 33 Bautika Botana Prakarana महावीर जिन विचार-स्तवन| Mahāvīra Jina Vicāra महावीर जिन स्तवन Stavana कोलड़ी 338 महावीर नय विचार-स्तवन Mahāvīra Naya Vicāra Stavana कोलड़ी 305 महावीर मूर्ति मंडन -स्तवन Mahavira Mürti Mandana Stavana सेवामंदिर 3 इ345 मुखवस्त्रिका बोल सज्झाय Mukhavastrika Bola Sajjhāya विचार-स्तवन Mukhavastrika Vicära Stavana के. नाथ 15 / 222 | कुंथुनाथ 2/14 मुहपत्ति छत्तीसी Muhapatti Chattisi के. नाथ 26 / 103गु मूत्ति चर्चा (उद्धरण) Mūrtti Carca के नाथ 6 / 107 मूर्ति पूजा चर्चा Bijaka Stavana Mürtti Puja Carca भाग / विभाग : 3 (इ) - जैन भक्ति व क्रिया Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पार्श्व चंद सूरि शुभ विजय (हीरविजय शिष्य) क्षमाकल्याण " " 37 4 11 " "" (स्वोपज्ञ) 11 (स्वोपज्ञ) उ. यशोविजय रामविजय आनंदनिधान पार्श्वचंद ग. 17 17 11 17 21 ני मू.ट. (प.ग.) प.ग. प. पग. मू.ट.+ प. ग. प. 5 11 ग. Page #298 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सांप्रदायिक खण्डन मण्डन : [ 281 11 8A 9 10 25 x 11 x 15 x 46 | संपूर्ण 13 प्रश्नों के उत्तर 1707 सांप्रदायिक प्रश्नो- मा. तरी 26x11x15x50 19वीं 26x12x15x40 25x12x12x41 मूत्ति पूजा संबंधी प्रश्नोत्तर सांप्रदायिक चर्चा | 1955बीकानेर ___ कंवलागच्छे 19वीं 27x12x9x30 xxxxx विवाद प्रश्न निरा 106 | 30x11x15x46/ संपूर्ण 1725 26x13x14x40 , 150 प्रश्नोत्तर | 1923 बीजकसह 26x13x16x52 19वीं 25 x 12x11x32 प्रश्न 76 से 151 तक 20वीं मूलग्रंथ का स्वोपज्ञ संक्षिप्त अनुवाद 22x11x12x29 | संपूर्ण 151 प्रश्नोत्तर 25x13 x 13 x 31 | अपूर्ण 111 प्रश्नोत्तर 25 x 12 x 13 x 30 , 75+7 प्रश्न 23 x 11 x9x27 | संपूर्ण 151 प्रश्नोत्तर | 1853 ग्रंथ की विषय सूची 25x12x21x50 अपर्ण 72 प्रश्नोत्तर तक | 1869 सांप्रदायिक खंडन , मंडन दिगम्बर श्वेताम्बर चर्चा मूर्ति व अन्य चर्चा 24 x 14 x 12 x 29 , (प्रथम 4 पन्ने कम) 19वीं 42 x 11 x 7x62 | संपूर्ण 50 गा. 1924बीकानेर देवगुप्तसूरि 25 x 12x16x42 , (किंचित् अर्थ | 19वीं उद्धरण सह 26x11x10x30 अपणे 19वीं प्रभू पूजा की चर्चा जिनपूजा स्थापना, 27x13x20x60 न्याय शैली से x xxx संपूर्ण 7 ढालें (कुछ | 19वीं व्याख्या सह.) , 5ढालें 1884 जिनपूजा मंडन 27x12x5x48 खंडन मंडन 22x12x9x24 11 गा. 1894 प्रतिलेखनादि निर्णय 23x10x16x34 21 गा. 1756 खंडन मंडन 27x12x12x42 35 गा. 17वीं , 18 गाथा 18वीं 25 x 12 x 20 x 56 | 25 x 11 x 11 x 34 | संपूर्ण 19वीं For Private and Personal Use Only Page #299 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 282 ] भाग/विभाग : 3 (इ)-जन भक्ति व क्रिया 1 3A 2 3 महावीर 3 ई 21 | लोकाशाह मत-चर्चा महावीर 3 ई 20 Lonkāśāha Mata Carca प्रोसियां 2-311 विचारविधि चौपई Vicāra Vidhi Caupai के.नाथ 24/84 | विचारसार Vicara Sāra पार्श्वचन्द , 23/55 | बीर-स्तवन Vicāra Stavana जिनविजय महावीर 3 ई31 | शास्त्र सम्बन्धी बोल Šāstra Sambandhi Bola 3 ई 4 | श्रावक विधिविनिश्चय Sravaka Vidhi Viniscaya | हर्षभूषण सेवामंदिर 2/418 | श्रुतविचार Śruta Vicara | कोलड़ी 1238 88 प्रोसियां 3 प्रा 170 श्लोक पत्र (स्फुट) Sloka Patra (Sphuta) कोलड़ी पुट्टा/69/8| षट्दर्शन के भेद-प्रभेद Şațdarśana ke Bheda गद्यतालिका Prabheda 90 | के.नाथ 10/79 षटपरीणां घटाघट-विचार | Sat Parvinām Ghatāghata Vicara 91 | कोलडी 1096 | ईर्यापथिकी षड़त्रिशिका | Iryapathiki Sadtrimstka | स्वोपज्ञ मू वृ. (प.ग.) + वृत्ति +Vrtti प्रोसियां 2/157 सम्यक्त्व-सार Samyaktva Sāra ,, 3 ई 26 | सम्यक्त्वसार-प्रद्योत , pradyota जेठमल महावीर 2/129 | संघपट्टक सावचूरि Sanghapattaka with जिनवल्लभसूरि कीत्ति-मू.अ.+(प.ग.) Avacūri गरिण | ओसियां 2/224 . - जिनवल्लभसूरि | मू.ट. (प.ग.) 96 | महावीर 3 ई 34 | , 333 , +वृत्ति +Vrtti , जिनपति | मू.व. (प.ग.) | सेवामंदिर 2/368 , - मू प. के.नाथ 10/80 संदेह-दोलावली Sandeha Dolāvali जिनदत्तसूरि प्रोसियां 2-136 , +वृत्ति " +vrtti | - मू व. (प.ग.) | के.नाथ 13/4 +वृत्ति , +Vxtti | जिनदत्तसूरि प्रबोधचंद्र , 102 , 18/31 | साधुमार्गी-चर्चा Sadhu Mārgi Carca " Taru For Private and Personal Use Only Page #300 --------------------------------------------------------------------------  Page #301 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 284 ] भाग/विभाग : 3 (इ)-जैन भक्ति व क्रिया 5 | sāmāyika Grahanavicāra 103 - महावीर 3 ई 17| सामायिक ग्रहण-विचार | महावीर 3 ई 16 , चर्चा , Carca 105 महावीर 3 ई 14 106 महावीर 3 ई 15 Sampradāyika Carcă 108 107 के.नाथ 9/35 | सांप्रदायिक ,, के.नाथ 10/25 | ॥ ॥ 109 | सेवामंदिर 3 ई 29 , खंडन मंडन 110 महावीर 3 ई 9 | सीमन्धरस्वामी विनति 111 कोलड़ी 305 Sāmpradāyika Khandana Mandana | Simandhara Svami Vinati| उ. यशोविजय मू ट. (प.ग) 112-3| कोलड़ी 316-39 , 2 प्रतियां 2 copies 114-6 | के.नाय 10/39 , 3 प्रतियां 3 copies 49, 19/86 117-8| महावीर 3 ई 38, सेन प्रश्नोत्तर 2 प्रतियां | Sena Prasnottra 2-118 119 | के नाथ 9/38 | स्त्रीरजस्वला सूतक-विचार | Stri Rajasvala Sutaka Vicāra 120 कुंथुनाथ 18/9 | स्थापना-बावनी Sthāpanā Bāvani सेनसूरि (संग्राहक शुभ ग. विज पावचंद हीरविजय (संग्राहक कीत्तिविजे)। 121 | महावीर 3 ई 37] हीर-प्रश्नोत्तर Hira Praśnottara भाग विभाग : 4 (अ)-इतिहास व वृत्तान्त 1 Aimanto Anagāra Gita समयसुन्दर Agadadatta Caupai जिनदास मुनिसुव्रत 3 इ 323| अइमन्तो अणगार-गीत | कोलड़ी 1345 | अगड़दत्त-चौपई | के.नाथ 11/105 | , रास | के.नाथ 6/48 | प्रजापुत्र-चौपई » Rāsa हर्षशीश Ajāputra Caupai रूपभद्र 5 सेवामंदिर 44199/ सुमतिप्रभ , 3 इ345| अठारह कथा श्लोक Athāraha Kathā Śloka लब्धिसूरि कोलड़ी 277 | अठारह नातों की सज्झाय । , Naton ki Sajjhaya ।। मुनिसुव्रत 3 5 271 For Private and Personal Use Only Page #302 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir साम्प्रदायिक खण्डन मण्डन: [ 285 6 7 8 8A 9 ___10 11 22 x 13x10x28 संपूर्ण 19वीं सामायिक लेने की। विधि चर्चा 25x11 x 12x35 19वीं 28x13x 22x59 , 1921 अंजार. कत्तिविजे 20वीं 28x12x13x38 27x11x4x46 | अपूर्ण-59 प्रश्नोत्तर | 19वीं विवादों के बारे में प्रा.मा. शास्त्र उद्धरण विवादास्पद प्रश्न | मा. समाधान विवादास्पद चर्चा 26x11x17x40 अपूर्ण 32 , 19वीं 26 x 12 x भिन्न 2 भिन्न 2 पन्ने (9,74,33] 19वीं 9) 23x12x5x30 19वीं खंडन मंडन शैली भक्ति 125 गा कूल ग्रं.420 , 126 गा. 27x12x5x48 1884 19वीं 19वीं 26 x 11 व 25 x 12 | ,, 125 गा. 26 से 29 x 12 से 14 | संपूर्ण 125 गा. (ढाल 14-12) 26 x 12 व 24 x 12 | संपूर्ण चार उल्लास 28 x 12x15x44 92,1 19/20वीं विवादास्पद प्रश्न निराकरण विवादास्पद विवेचन मा. 1897 सांप्रदायिक मंडन 26 x 11-13x56 विवाद निराकरण | सं. 52_27 13 x 14 x 42 | " 52 पद 19वीं , चार अधिकार 306 , वाराही- बीजकसह, 1653 प्रश्न | नगर की कृत्ति जीवन चरित्र व कथानक : 26x11x16x33 | संपूर्ण 21 गा. 1875 मथुरा गौतमस्वामी जीवन मा. प्रसंग (रात्रि भोजन पर) जीवनी जीवन चरित्र 27x 12x15x43 अपूर्ण 9 ढाल+3 गा. | 19वीं (सत्य पर) जीवनी 25 x 11x17x44 | संपूर्ण 136 गा. 26 x 11x17x40 , 4 खंड 1873 23 x 11 x 11 x 25 |, 487 ढाल ग्रं 1895 भागचंद 1500/ यति 26 x 12 x 16 x 34 , 19 गा. (18 . 19वीं कथायें 28 x 12 x 13 x 28 | संपूर्ण 30 गा. 25 x 10 x 12 x 42 | , 35 गा. श्लोकों में सारांश प्रौपदेशिक कथा For Private and Personal Use Only Page #303 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 286 ] भाग/विभाग : 4 (अ)-इतिहास व वृत्तांत 5 ___1 9 2 3 मुनिसुव्रत 4 9 126| अनाथीमुनि संधि । के.नाथ 26/91 ___, (कुलं) संधि के.नाथ 15/54 3A Anāthi Muni Sandhi ,, (Kulam) , 4 | खेममुनि (चूहड़ शिष्य) प. के.नाथ 19/12/ अनाथी साधु संधि ,, Sadhu , विमलविनय ,, Rsi Sajjhāya मधुकर मुनिराम के.नाथ 14/98 |, ऋषि सज्झाय कुंथुनाथ 13/37 , मुनि , महावीर 4 3 18| अभयकुमार-चरित्र ,, Munj ,, Abbayakumāra Caritra चंतिलक (जिनेश्वर शिष्य 16 | महावीर 4 4 59 के.नाथ 14/109| अभयकुमारादि 5 साधु चौपई| Abhayakumāradi 5 Sidhu साधुकीत्ति + साधुसुंदर Caupai | कुंथुनाथ 15/5 अमरकुमार-चरित्र Amarakumāra Caritra | लक्ष्मीवल्लभ 19 मुनिसुव्रत 4 133 अमरदत्त मित्रानंद कथा Amaradatta Mitrānanda Kathā 20 | के.नाथ 10/6 | अमरसेन जयसेन चौपई Amarasena Jayasena सुमतिहंस Caupai के.नाथ 14/49, , रास 2 प्रतियां | ,, Rasa 2 copies 5/111 मुनिसुव्रत 4 4 114 अमरसेन वयरसेन चौपई ,,Vayarasena Caupai पुण्यकत्ति | के नाथ 19/88 पा. पुण्य (कलश) कीत्ति रूपविजय Aramika Sajjhāya Arjuna Mali Caudhaliya | अज्ञात कुंथुनाथ 13/219 अरणिक-सज्झाय के.नाथ 19/67 | अर्जुनमाली-चौढालिया के.नाथ 19/90 के नाथ 24/40 | अर्हन्नकमुनि-चौपई | के.नाथ 19/77 | अर्हन्ना-चौपई मुनिसुव्रत 4 4 173) अवंति सुकमाल चौपई | Arhannaka Muni Caupai | वा. राजहर्ष Arhanna Caupai उ. ललितकीत्ति Avanti Sukamāla Caupai | जिनहर्ष के.नाथ 5/79 32 | कुंथुनाथ 15/22 | कोलड़ी 1154 34-5 | कोलड़ी 951,266 2 copies For Private and Personal Use Only Page #304 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जीवन चरित्र व कथानक : [287 ___6 7 8 __10 | 11 8A | 25 x 11 x 13 x 40 संपूर्ण 18वीं प्रौपदेशिक जीवन प्रसंग उत्तराध्ययने 1745 की कृत्ति गुटका | 16x13x15x24 |, 63 गाथा 18वीं 26x10x15x38 26x11x11x37 13* 25x11x15x54 29 गा. जीवनी (अभय,सुव्रत,शिव मा. धन जोनकको जीवनी प्रोपदेशिक जीवन मा. प्रसग (कषायपर) जीवनी सं. " 25 x 12x5x40 अपूर्ण 4 गा. मात्र 20वीं 26 x 13 x 15 x 41 संपूर्ण 12 सर्ग ग्रं. 8964| 1954x गोपीनाथ 27 x 13 x 12 x 36 | अपूर्ण (417 श्लोक तक) | 20वीं 27x13x18x54 | संपूर्ण 12 ढालें 19वीं अंत में समवसरण व 28 लब्धिस्तवन 26x11x19x54 , 18 ढालें 26x12x14x38 17वीं 26 x 12 x 12 x 34 | अपूर्ण 24वीं ढाल प्रा अधूरी 19वीं 24 x 10 व 21 x 10_| संपूर्ण र्ण 24 ढाल 1824/19वीं 26 x 12 x 17x44 , 271 गा. 1862सुभटपुर| प्रशस्ति है/1666 हरिचंद्र की कृत्ति 26x11x15x44 285 गा. 19वीं प्रौपदेशिक जीवनी मा. तक (दानपूजा पर) जीवनी 26x11x12x36 मोपदेशिक जीवन प्रसंग , 8 गा. 22x11x10x28 सेठ सुदर्शन संबंध 23x11x11x25 ,, (पिछली की नकल) 25x11x13x41 1781 25x11x15x41 19वीं 23x12x15x43 ,, 105 छंद = 13ढाले 1817 नागपुर 26x11x11x37 , - , | 1821 25x11x12x44 ,, 102 छंद 1823 26 x 11 x 15 x 45|| | अपूर्ण (पहिला पन्ना कम)| 1833 | 4,5 | 27 x 12 व 23 - 12 | संपूर्ण 104 गा. 19वीं For Private and Personal Use Only Page #305 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 288 ] भाग/विभाग : 4 (अ)-इतिहास व वृत्तान्त 3A Añjanā Sundari Rāsa अज्ञात , Caupai पुण्यसागर 38 मुनिसुव्रत 4 9 112) अंजनासुंदरी-रास | के.नाथ 5/110 कोलड़ी 249 के.नाथ 5/58 मुनिसुव्रत 4 4 113 : :: : , 2 प्रतियां , 2 copies के.नाथ 24/31, 10/107 के.नाथ 11/104 विनयचंद मालमुनि अज्ञात के.नाथ 5/104 कुंथुनाथ 43/3 के,नाथ 10/29 के.नाथ 11/96 के.नाथ 26/20 : अज्ञात " " अज्ञात | महावीर 448 | अंबड-चरित्र Ambada Caritra अमरसुन्दर :: कोलड़ी 1081 महावीर 4 4 15 कुंथुनाथ 55/16 ओसियां 4 188 कोलड़ी 148 | आठ धर्मकृत्य कथानक | के.नाथ 22/48 | आठ साधुदान कथानक विनयसमुद्र (पार्श्वचंद शिष्य) क्षमाकल्याण | Atha Dharma Krtya Kathāpaka ,, Sidhudana , 56 | के.नाथ 11/67 | " , व पाठ प्रवचन माता कथानक 57-8 | के.नाथ 21/22, , 2 प्रतियां 15/170 59 मुनिसुव्रत 4 146 आनन्द श्रावक संधि , , +8Pravacana Mata Kathanaki ,Sadhudina Kathanaka 2 copies Ananda Srāvaka Sandhi | मुनि श्रीसार (हेम- कीर्ति शिष्य) प. के.नाथ 26/92 61 | कोलड़ी 268 कोलड़ी 269 For Private and Personal Use Only Page #306 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जीवन चरित्र व कथानक : [ 289 __ 6 7 8 ___10 8A 9 25 x 11 x 12 x 45 | संपूर्ण 160 गा. जीवन-चरित्र 1728 कुंथु 34 के सदृश पाठ प्रौपदेशिक-जीवन 25x11x17x43 जावन। .. | , 3 खण्ड 1735 1689 की कृत्ति 26x11x13x40 1763 27x12 x 15 x 36 1823 23x10x12x35 1842 मेड़ता शोभासागर 19/20वीं 25 x 11 व 27x13 25x11x14x40 , 11 ढालें 19वीं 27x12x15x42 , ग्रं. 200 , 156 गा. 20x13x15x30 1957 गणेश- इसका व अनंतर का चंद्र पाठ एक 20वीं पिछली के सदृश 27x12x19x56 | अपूर्ण धार्मिक जीवन चरित्र सं. 25 x 11 x 13 x 39 | संपूर्ण 142 गा. (प्र.500) 19वीं भिन्न पाठ 25 x 15 x 14x30 अपूर्ण भिन्न पाठ 26 x 12 x 19 x 40 संपूर्ण 7 अादेश ग्रं. 1300 1806 x विनयकीति 25x11x 13x38 | अपूर्ण (6 आदेश+186 19वीं श्लोक) 27x13 x 13 x 36 संपूर्ण 7 आदेश नं. 1300 1961 26x11x17x44 |, 493 गा (पन्ना 5 16वीं तिंवरी प्रसल प्रति है संभवत: व 6 कम है) 1592 की कृत्ति है 28 x 12 x 13x35 | संपूर्ण 20वीं 26x11x16x42 8 दृष्टांत कथानक 19वीं 26x11x16x51 8 दृष्टांत कथानक 16वीं पूजा,दया दान,यात्रा जय,तप,ज्ञान व परो. बस्ती,शयन,ग्रासन, पाहार,पान,भेषज वस्त्र,पात्र दान पर 8दान, सामात, गुप्तिपरप्रसिद्धदृष्टांत साधु को 8 प्रकार के दानों पर दृष्टान्त जीवन चरित्र 26 x 11 x 12 x 31 1598 11, 7 26x11 व 25x10 , 8 दृष्टांत कथायें । 19वीं ग्रं. 511 संपूर्ण 250 गा. 15 ढालें 1744 फलोदी (दूसरी प्रति में 7 कथायें ही हैं) 26- 11x14x36 1767 20x16 x 18 x 20 , 240 गा. 26x11x11x34 | , 250 250 गा. 25 x 9 x 15 x 32 , 261 गा. " 1764 1770 For Private and Personal Use Only Page #307 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir i Mahavir Jain Aradhana Kendra 2901 भाग/विभाग : 4 (अ)-इतिहास व वृत्तान्त 3A 3 | के.नाथ 14/86 | अानन्द श्रावक-सन्धि 3A Ananda Sravaka Sandhi मुनि श्रीसार (हेमकीर्ति | का शिष्य) 63 , 6/73 कोलड़ी 364 66 ओसियां 3 अ 186 Amala ki Krida अज्ञात के नाथ 26/10 3 गु. प्रामत्य की क्रीड़ा मुनिसुव्रत 4 9 160 प्रारमनंदन-कथानक कुंथुनाथ 21/4 पारामशोभा-कथा कोलड़ी 265 | आर्द्र कुमार धम्माल Ārāma Nandana Katha naka Ārāma Sobbá Katha अज्ञात Ardrakumāra Dhammala | कनकसोम कुंथुनाथ 55/12 , 3 copies §ādhai hūti Rása धर्मसूरि का शिष्य , के.नाथ 15/69, 3 प्रयियां 7088 कुंथुनाथ 55/14 | प्राषाढ़भूति-रास कोलड़ी 9/9 , 267 चौपई , Caupai मानसागर (जीवसागर , शिष्य) 78 प्रोसियां 4987 79-80 के.नाथ 14/88,99 , 2 प्रतियां , 2 copics प्रबन्ध Prabandha ज्ञानसागर 81 , 5/103 82 , 16/30 83 मुनिसुव्रत 4/165 कथा Katha ऋषि रूप " धम्माल Dhammala | कनकसोम (शुभवर्द्धन, शिष्य) 84 | कोलड़ी 937 ,, 2 copies, ,, 2 copies ,, Bhasa , 85-6 के.नाथ 2355, , 2 प्रतियां 15/225/ 87-8 कुंथुनाथ 14/5, , 2 प्रतियां 20/20 89-90 , 17/10, ,, भास 2 प्रतियां 47/4 91 मुनिसुव्रत 3 ई 243| इक्षुकार-संधि 92 , 3 ई 266 , 93 , 3 5 278 " Ikşukāra Sandhi मुनिखेम ऋषिराज For Private and Personal Use Only Page #308 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जीवन चरित्र व कथानक : [ 291 6 7 8 11 जीवन-चरित्र 8A 9 10 26 x 11 x 13 x 44 | संपूर्ण 261 गा. 15 ढाले 1812 25x11x11x31 | 19वीं 24x13x9x32 , 240 गा. , 19वीं 19x 11x11x23 ,, 15 ढालें 1937x महा त्मा विद्यालाल 25x12 x 20 x 56 21 गाथायें 18वीं 26x11x18x52 , 404 श्लोक 17वीं (सम्यक्त्व शुद्धि पर) सं. जीवन (जिनभक्ति पर) जीवनी जीवन-चरित्र 1632 26x11x15x48 , 280 श्लोक (ग्रथान भी) 27x11x12x40 संपूर्ण चार ढालें 1644अमरसर 25x11x12x39 17वीं 48 से 51 गा. 19वीं 25 x 11 x भिन्न 2 25 x 11 x 13 x 32 | संपूर्ण (भावनापर) जीवनी सपूर्ण 56 गा. 17वीं 16x13x13x18 25x11x15x46 | , 7 ढालें 1834 1730 की कृति 15x10x13x20 19वीं 26x11 व 25x11 26 x 12x15x42 , 16 डालें 26x11x15x50 अपर्ण गाथा 165 तक 26x11x15x39 संपूर्ण 17वीं 25x11x14x46 63 गा. 19वीं 8*5 | 26 x 10 व 25x11 , 56/59 गा. 27x11 व 26x11 | , 55/59 गा. 26x11x1x41 अपूर्ण गा. 61 व 65 प्रौपदेशिक जीवनी 25x11x15x43 संपूर्ण 8 ढालें = 145 गा. 1750 अहिपुर 1747 की कृत्ति, | रामसिंह उत्तराध्ययने 26 x 11 x 16 x59 , , = 143 गा 1769 अानंदपुर - अंत में 8 गा. की 24x10x17x5464 गाथा | 'शील सज्झाय' 19वीं For Private and Personal Use Only Page #309 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org 292 ] Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भाग/विभाग : 4 (अ)-इतिहास व वृत्तांत 1 2 3 3A 4 प्रोसियां 49190 इक्षकार-कथा Ikşukāra Katha कोलड़ी 227 | इलाकुमार-चौपई llākumāra Caupai ज्ञानसागर Jāyacikumāra Caupai के नाथ 29/43 | इलायचीकुमार चौपई कुंथुनाथ 13/49 , -सज्झ'य के.नाथ 29/16 , Sajjhāya लब्धिविजय भालमुनि » Caudhāliyā अज्ञात | के.नाथ 14/95 -चौढालिय के नाथ 21/29 | उत्तमकुमार-चरित्र 100 Uttamakumära Caritra चारुचंद्र 101 मुनिसुव्रत 4 अ 139 102-3 महावीर 4 5 6/6: , , 2 प्रतियां 2 प्रतियां , 2 copies .. 104 | कोलड़ी 225 , चौपई ,, Caupai तत्वहंस 105 1326 | उदयन चंडप्रद्योत-दृष्टांत । Uddayana Candapradyota Drstānta कुंथुनाथ 33/6 107 | महावीर 4 9 27 ऋषभदेव-चरित्र Rşabhadeva Caritra जिनवल्लभ foo के.नाथ 6/29 , +बा. " +Bala. (कल्पसूत्र-प्राधारे) 109 | के.नाथ 6/17 110 | | महावीर 3 अ67 111 के नाथ 22/30 ऋषभ शतक-चरित्र Rşabha Sataka Caritra हेमविजय 112 ऋषभदेव-चरित्र RŠabhadeva Caritra अज्ञात | के.नाथ 10/10 कोलड़ी 334 113 , Thagu ज्ञानभूषण , फागु , धवल प्रबन्ध मुनिसुव्रत 4 अ 118 , Dhavala Pra bandha अज्ञात 115 | के.नाथ 29/1 Rşabha Vivahalau अज्ञात | के.नाथ गुटका 6 | ऋषभ-विवाहलौ | के.नाथ 19/41 118 | के.नाथ 14/68 ऋषभदास अज्ञात For Private and Personal Use Only Page #310 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जीवन चरित्र व कथानक : [ 293 11 6 7 8 8A 9 प्रोपदेशिक जीवनी 26x12x9x35 | संपूर्ण 10 | 1951 सिद्धक्षेत्र हहीसिंह 1755 (भावविषये) जीवनी , 27x10x14x44 , 267 ग्रं. - 25x11x17x51 गा. 187 19वीं - 17x14 x 13x18 संपूर्ण - 31x34x75x35 20वीं - 26x13x16x32 |, 4 ढालें 19वीं साथ में 28 लब्धि चौढलिया सुपात्रदाने जीवनी सं. 16 26 x 11 x 13 x 41 1644 नोक, ग्रं. 596 , , 25x11x13x44 , 18वींx मतिसोम 20वीं 20,17| 27 x 12 x 12/14x 45 36 | 25 x 11 x 17 x 48 | संपूर्ण 51 ढाल 1767 क्षमापना पर प्रसंग सं. 26x11x17x48 | संपूर्ण 16वीं 26x12x13x40 19वीं तीर्थकर जीवन चरित्र प्रा.सं. 35* 27x11x15x45 , 25 गा. 1951 अमदाबाद (लिपिक ने जिनभद्र धर्मसेन कृत कहा है) चरित्र1668 पंचके प्रा.मा. 26x11x13x45 , प्रा.सं.मा. 13 26x11x15x43 | 19वीं 26x11x15x50 17वीं 26 x 11x13x41 , 100 श्लोक 19वीं 31x12x20x68 1428 श्लोक | 18वीं अंत में धन्नासार्थवाह का दृष्टान्त 1636 ऋषभ विवाह 27x11x13x39 , 250 गाथा 25x11x13x44 , 44 ढालें 27x10x 11 x 56 56 अपूर्ण 22 ढालें 17वीं चरित्र 22x15x19x38 गा. 1738 26 x 12 x 12x41 , 67 गा. 1758 26x11x11x32 | संपूर्ण 19वीं For Private and Personal Use Only Page #311 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org 294 ] Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भाग/विभाग : 4 (अ)-इतिहास व वृत्तान्त 1 2 3 _3A 4 119. | के.नाथ 6/129, ऋषभदेव 13 पूर्वभव 20/ 15/72 2 प्रतियां 121 | के.नाथ 19/6 | ऋषदत्ता-चरित्र Rsabhadeva 13 Purvabhaval 2 copies Rșidattā Caritra विजयशेखर 122 के नाथ 5/6 कथा-कोश Kathā Kosa 123 प्रोसियां 44104 अज्ञात 124 कोड़ी 264 | कनकावती-चौपई Kanakāvati Caupai Kayavannā Caupai गुणसागर 126 125_ कोलड़ी 223 कयवन्ना-चौपई कोलड़ी 221 | कयवन्नाशाह-चौपई 127 कोलड़ी 222 Kayavanna Shaha Caupai जयरंग (जयतसी) 3 प्रतियां 3 copies 128. के.नाथ 19/117, 30/ 15/50,29/15 131 कोलडी 211 करकण्डुः चौपई Karakaņdu Caupai समयसुन्दर 132 के.नाथ 21/95 | कलावती-कथा Kalavati Katha 133 के.नाथ 14/101 , चौपई " Caupai मानसागर (जीतसागर प. शिष्य) कक्कसूरि शिष्य ? | 134 के.नाथ 18/26 , चरित्र Caritra 135 कोलडी 240 कान्हड कठियारा का रास ! Kanhada Kathiyara ka Rāsa मानसागर (जीतसागर शिष्य 136 तिवरी 49184 137 के.नाथ 15/26 के.नाथ 5-106 प्रोसियां 4 अ 187 140 कोलड़ी 241 की चौपई , ki Caupai | अज्ञात 141 कोलड़ी 969 | कालिकाचार्य-कथा Kālikācārya Katha (कल्पसूत्रान्तर्गत) 142 के.नाथ 15/152 143 के.नाथ 11/7(2 भावदेवसूरि 144 कोलडी 10A 145 | कोलड़ी 10B कालड़ा । | कोलड़ी 1219 For Private and Personal Use Only Page #312 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जीवन चरित्र व कथानक : [ 295 11 6 7 | 8 | 8A 9 ऋषभजिन के पूर्वभव मा. | 2, 3 25 x 11 x 15 x 42 | संपूर्ण 1 3 भव 10 19वीं , प्रौपदेशिक जीवन चरित्र दृष्टांत कथानक 27x11x15x44 | ,, 3 अधिकार 492 , गा. 26x11 x 13x44 अपूर्ण (72 कथानक तक)| 16वीं सं. 25x13x17x37 | संपूर्ण 1892 साधासर पन्नालाल 1762 औपदेशिक जीवन | मा. 25x12 x 16x40 | , 164 गा. दानविषये-जीवनी | 26 x 11x 13x45 , 25 ढाल ग्रं. (गा.) 1786 281 25x12x15x40 संपूर्ण 31 ढाल 1820 अंतिम पन्ने पर प्रणि आयुष्मान 25 x 11x17x45 1834 24 से 34 व 10 से 21 19/20वीं प्रौपदेशिक-जीवन 28x10x17x70 , 10 ढाल 19वीं (प्रत्येक बुद्ध चौपई का प्रथम खंड) 26x11x18x51 21x11x15x40 , 9ढालें 26x11X11x43 " 92 गा. शीलविषये-जीवनी 21x12x16x35 , 9 ढालें 1833 26x11x13x42 1841 बडलु, उम्मेदचंद , 162 गा. 1841 26x12x16x33 " 24x11 x 14x31 19वीं 25 x 11 x 14x46 | अपूर्ण (7वीं ढाल तक) | 20वीं 25x10x15x40 | संपूर्ण 8 ढाल 19वीं साधुजीवन का एक प्रा. एतहासक प्रसा 29x10x7x39 त्रुटक (सचित्र) 13/14वीं । कुल 4 चित्र/सुन हरी स्याही 26x11x9x30 संपूर्ण (सचित्र)+1 | 15वीं कुल 6 चित्र सुनहरें कल्पसूत्र-पन्ना 26x14x6x29 | संपूर्ण 99 गा. 27 x 12 x 10 x 35 | संपूर्ण 65 श्लोक 16वीं प्रथम पन्ने पर चित्र 26x11x7x28 कुल 5 चित्र " 28x11x7x30 1684 - - For Private and Personal Use Only Page #313 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 296 1 147 148 149 152 153 154 155 156 157 158 159 163 164 कोलड़ी II नाथ 21 /59 ओसियां 4 x 120 के नाथ 16/9 की तधर सुकोशल-चरित्र 15/229 चौढालिया 11/22 160-1 | महावीर 4 अ 16 56 162 167 168 169 51 171 172 2 के. नाथ 11 / 34 कालिकाचार्य - कथा ओसियां 4 99 के नाथ 17/58, 15/100-167 ओसियां 4 अ 101 4 अ 100 173 11 174 "" 39 "3 165 मुनिसुव्रत 4 अ 123 कृष्ण - विवाह 166 4 124 11 "} " "" " " के. नाथ 19 / 101 सेवा मंदिर 4 179 कूलबालक कथा के नाथ 29 65 कृष्णजी को ढाल कोलड़ी 279 कौणिक - चौढालिया के. नाथ 18 / 82 | कौरिक नृप-ढाल के. नाथ 19/4 170 कुंथुनाथ 56 / 2 खंधक ऋषि-सज्झाय के. नाथ 6/56 3 कुमारपाल - चरित्र कूर्मापुत्र केवली - चरित्र कुण्डरीक पुण्डरीक-ढाल 3 प्रतियां 2 प्रतियां क्षुल्लकुमार ऋषि-प्रबंध सेवामंदिर 4 अ 195 के नाथ 10/64-1 गजसुकमाल रास 37 14/110 खंधककुमार- चौढालिया www.kobatirth.org 3 A Kalikācārya Katha 39 37 33 " Kirttidhara Sukośala ". 3 copies Caritra Caudhaliya Kumarapala Caritra Kürmaputra Kevali Caritra 2 copies Cundarika Pundarikadhala Külabalaka Katha Kṛṣṇaji ki Dhāla Kṛṣṇa Vivaha Kauņika Caudhaliyā Kaunika Nrpa Dhala भाग / विभाग 4 ( अ ) - इतिहास व वृत्तान्त Kṣullakumāra Ṛṣi Prabandha Khandhaka Rşi Sajjhāya Khandhaka Kumāra Cauḍhaliya Gajasukamāla Rasa For Private and Personal Use Only Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जयकीत्ति I आनंदनिधान सोमतिलक विद्यारत्न (मुनिचंद्रसूरि शिष्य) " 4 पद्मराज उपाध्याय पार्श्वचंद ". अज्ञात जिनराजसूरि ग. पद्य 11 21 प. प.ग. प. 5 Page #314 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जीवन चरित्र व कथानक : [ 297 67 | 8 8A __10 25x11x14x45 सपूर्ण 1764 साधु जीवन का एक सं. ऐतिहासिक प्रसंग 26x11x14x45 1777 , 19वीं || 3,10, 425x11x 13/15x 35 13x37 25 x 127 1908 हमीरपुर ___ ऋषिसुंदर 17वीं | 16x11x14x42 | 28x12x16x47 1812 27x12x15x41 19वीं 26x 12x13x35 1952 प्रोपदेशिक-जीवनी 26 x 8 x 10x51 107 गा. 1496 21 x 10x17x38 , 55 गा. 19वीं 26 x 11 x 15 x 45|| |, 730 श्लो ग्रं. 750|16वीं जीवन चरित्र प्रशस्ति है 70,91/ 27x13 व 28x14 संपूर्ण चार उल्लास ग्रं. 19वीं 3105/ 68* 26x12x20x50 | संपूर्ण 27x12x14x42 ऐतिहासिक जीवन | सं. प्रसंग जीवन-प्रसंग , 125 गाथा टब्बा- 1962 बालोत्रा सह | जुहारमल , 18 पन्नों में | 19वीं 21x11x16x22 अंत में छोटी सी मेघकुमार सज्झाय जैन ऐतिहासिक प्रसंग , 26x11x15x50 , 170 गा. 1735 25x11x15x40 संपूर्ण 147 गा.+2 तीर्थकर स्तवन 15x14x28x23 | , 4 ढालें 1764 मेड़ता. भागुजी जीवन-प्रसंग इतिहास 19वीं 125x11x18x44 , 13 ढालें प्रोपदेशिक-जीवनी 26 x 11x15x48 141 गा. 1660 की कृति 25x11x13x37 102 गा. 18वीं 1600 , 26x10x12x39 , ,ग्रं. 225 | 19वीं 19वीं 26x11x12x33 , 4 ढालें 26x10x14x32 1931- कृष्ण लाल प्रोपदेशिक-जीवन चरित्र |" 23x12x16x34 | 18वीं For Private and Personal Use Only Page #315 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 298] 1 175 कुंथुनाथ 55 / 25 | गजसुकमाल - गीत 53/4 29/16 के. नाथ 19/92 कुंथुनाथ 18/3 2/36 42/7 b. नाथ 14 / 45 183 मुनिसुव्रत 4 x 168 के. नाथ गुटका 1 185 मुनिसुव्रत 4 अ 129 176 177 178 179 180 181 182 184 186 187 189 191 188 मुनिसुव्रत 3 इ 325 कुंथुनाथ 9 / 121. 10/154 के नाथ 14 / 113 | 192 मुनिसुव्रत 3 इ 324 1938 कोलड़ी 254 से 58, 1128 199 90 200 201 205 "" 57 2 ओसियां 3 इ 181 202 के नाथ 26/49 203 मुनिसुव्रत 4 अ 138 204 4 अ 43 महावीर 4 37 36 17 21 कुंथुनाथ 15 / 3 गौतम - रास ओसियां 480 3 इ 282 "" " "" "" 27 गंडकथा - पंचक गुणकरंड गुग्गावली- चोपई 12 " 1 " 17 "" 27 " 3 -सज्झाय 22 - चौपई www.kobatirth.org गौतमस्वामी - सज्झाय चतुर्विंशति- प्रबन्धकोश चंदनबाला - गीत 2 प्रतियां 6 प्रतियां 2 प्रतियां Gajasukamāla Gita 33 ,, Sajjhāya 39 3 A " 39 ,, Caupai Gaṇḍakatha Pañcaka Gunakaranda Guṇāvali Caupai Gautama Rasa 39 Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भाग / विभाग 4 ( अ ) - इतिहास व वृत्तांत 2 copies For Private and Personal Use Only 6 copies 2 copies Candanabala Gita परमानंद "1 शुभवर्द्धनका शिष्य ऋषि बच्छराज मुनिराज ज्ञानमेरु ऋषिदीप ( वर्द्धमान शिष्य) विनयप्रभ "" "1 11 " 11 31 "1 Gautama Svāmī Sajjhāya हरखचंद Caturvimśati Prabandha | राजशेखरसूरि Kośa 4 21 17 अजितदेवसूरि प. "" 11 21 " 19 37 11 "1 17 11 11 11 21 ग. 33 प. 5 Page #316 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जीवन चरित्न व कथानक : [ 299 ___ 6 7 | 8 ____10 11 प्रौपदेशिक जीवन चरित्र 16वीं चतरान 8A 25 x 11 x 13 x 33 | संपूर्ण 17 ढालें 24x11x12x40 , 16 ढालें 17वीं 25x11x11x36 ,, केवल पहिला पन्ना कम 19वीं | 26x11x13x44 , 92 गा. 26x11x13x39 26x12x15x40 , 36 गा. 26 x 11 x 18 x 51 | बीच के 2 से 12 पन्न प्रोपदेशिक दृष्टान्त प्रा. 27x11x17x56 संपूर्ण 5 कथायें 16वीं (पुण्य पर) जीवन | मा. 25 x 11 x 18 x 52 | 180 गा. (पहिल, 1171 कंदडा | पांच व्रतों पर पन्ना कम दुदाजी , 27 ढालें गा. 603 1814 1757 की कृति 22x19x27x32 25x11x14x41 जीवन-कीर्तन 27x12x9x34 | संपूर्ण 45 गा. 1849 मेड़ता राजेन्द्रसागर 17वीं वीरजिणेसर चरण कमल वाला 1805x उद्योनरत्न 1840 सादड़ी चतुरविजय 26x12x16x36 , 73 गा 26x12x13x34 60 गा. 27 x 13 x 25 x 12 45/58 गा. 19वीं 25x11 x 13 x 39 24x13x12x23 3,5,5, 22 से 26x11x भिन्न2 10,52 7,4 | 25x1!x9/13x | 29/42 , (गाथायें भिन्न 2/ , अंतिम प्रति अपूर्ण 47 से 77 तक) 23 गा. , 74/48 गा. 18/20वीं जोध पुर सीताराम 25x11x11x26 ,, 47 गाथा 1920 26x12x18x49 , 16 गा. 19वीं प्राचार्यों व राजारों के चरित्र 25 x 11x17x67 (प्रसिद्ध) लगभग पूर्ण (अंतिम पन्ने | 16वीं वस्तुपाल चरित्र के कम हैं। संपूर्ण 27x11x15x51 18वीं , /प्रशस्ति है प्रौपदेशिक-जीवन 25x10x16x45 | संपूर्ण 25 गा. 1721 गाथा For Private and Personal Use Only Page #317 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org 3001 Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भाग/विभाग : 4 (अ)-इतिहास व वृत्तान्त 3A 206 Candanabala Caritra रतनचंद Caudhāliya विनयचंद Caupai कवि देपाल Rāsa , गाथा Galha हापराज अज्ञात | के.नाथ 10/42 चंदनबाला-चरित्र के नाथ 19/68 चौढालिया 208 के.नाथ 15/194 चौपई 209 | | के.नाथ 15/160 ,, रास 210 | कुंथुनाथ 35/8 211-2| महावीर 3 ई 62, , सज्झाय 2 प्रतियां 61 213मुनिसुव्रत 4 अ 127| चंदनमलयगिरि-चौपई | कोलड़ी गुटका 3/2 वार्ता कुंथुनाथ 45/के नाथ 14/48 मुनिसुव्रत 4 अ ! 28/ कुंथुनाथ 14/6 प्रोसियां 2-249 | , चौपई 220 के.नाय 20/36 | चंदराजा-चरित्र , Sajjhāya 2 copies Candana Malayagiri Caupai सुमतिहंत » Vārtā भद्रसेन , चौपई Caupai आनन्दविजय (कल्याण ___ कलश शिष्य ?) भद्रसेन , वार्ता Vārtā 219 ___Caupai Canda Raja Caritra दर्शनविजय 221 प्रोसियां 49 185 -प्रबन्ध ,, Prabandha ज्ञानविमल kā Rāsa विद्यारुचि 223 222 कुंथुनाथ 45/5 | चंदराजा का रास | कोलड़ी 218 224 मुनिसुव्रत 4 4 148/ मोहनविजय (रूप. विजय-शिष्य) 225 कोलड़ी 20 226 | प्रोसियां 491 227 मुनिसुव्रत 4 अ 147] 228-9 के नाथ 19/118, 2 प्रतियां 2 copies 20/35 230-1| कोलड़ी 229, 2 प्रतियां , 2 copies 1139 232 | कंथुनाथ 33/4/ चंदराजा का सिलोका (श्लोक) Canda Raja ka sloka कोलड़ी 1336 | चदराजा गुणावली पत्राचार ... Guyivali Patraoiral - For Private and Personal Use Only Page #318 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जीवन चरित्र व कथानक : [ 301 6 7 10 11 | 8 | 8A 9 24 x 12 x 14 x 38 संपूर्ण 14 ढालें मा. 19वीं प्रौपदेशिक जीवन गाथा 24x10x15x32 , 4 ढालें 1906 25x11x13x36 137 गा. 19वीं 24x11x21x45 ,, 143 गा. 26x11x13x35 20वीं , 26x13 व 20x11 प्रथम पूर्ण 42 गा..द्वितीय 10 से 42 26x11x15x54 | संपूर्ण 267 गा. (शील पर) जीवनी , 9 18वीं | 15x14x16x 22 ,, 5वीं कली तक 1784 जनेत्तर-संस्करण | 17x14x11x18 , 194 गा. 1828 छः कलिये , 148 गा. | 19वीं 24x11x20x45 25x11x16x50 , 185 गा.6 कलिये , जनेत्तर-संस्करण 51 x 11 x 34 x 25 | अपूर्ण 68 गा. 25x11 x 12x35 | संपूर्ण 6 ढालें 20वीं 24x11x14x35 1332 गा. 1815 शील पर) जीवन चरित्र 25 x 13 x 11 x 34 , 8600 ग्रं. 1913 19x13x13x27 | 13X13X27 , 2700 ग्रं. 1818 प्रशस्ति है। 27x11x12x40 संपूर्ण 4 उल्लास 108ढा| 1828 2665 गा. ग्रं. 4000 26x12x12x34 1829 25x11x15x42 1830 | 27x11 x 19x67 25x12x16x40 1836x कनक सुंदर 1846,शुद्धदति, ऋद्धिसागर 19वीं 138, | 25x12 व 26x11 27x13 व 25 x 14 | प्रथम पूर्ण, द्वितीय अपूर्ण | 1/11 तक 25 x 10 x 13 x 42 | संपूर्ण 52 गाथा । | 25 x 12 x 12 x 27 | संपूर्ण प्रति अंत में पार्श्व-स्तवन 5 For Private and Personal Use Only Page #319 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 302 ] भाग/विभाग : 4 (अ)-इतिहास व वृत्तान्त । 3A 4 5 2. | महावीर 3 अ 27 | चंद्रप्रभु-चरित्र 234 | Candra Prabhu Caritra जिनेश्ववर सूरि 235 के नाथ 13/21 देवेन्द्रसूरि 236 , 5/92 चंद्रलेखा-चौपई Candralekha Caupai मतिकुशल 237 प्रोसियां 4 985 238 मुनिसुव्रत 4 अ 144| 239 के.नाथ 5/109 Campaka Sepha Caupai समय सुन्द 240 241 कोलड़ी 69/4 | चंपकसेठ-चौपई कुंथुनाथ 24/5 चार प्रत्येक बुद्ध-चौपई Cara Pratyeka Buddha Caupai 242 के.नाथ 644 243-4 के.नाथ 9-30,10 2 प्रतियां 2 copies 245 कुंथुनाथ 14/8 , चौपई ,, Caupai 246 सेवामंदिर 4193 चित्तसंभूत-चौपई Citta Sambhūta Caupai ज्ञानसुन्दर 247 मुनिसुव्रत 3 ई 277 " सज्झाय . Sajjhāya 248 4 अ 130 चित्रसेन पद्मावती-चरित्र Citrasena Padmavati Caritra पाठक राजवल्लभ 249 250 | के.नाथ 9/40 , 19/19 , 10/35 मू.ट. (प.ग) मू (प.) 251 252 महावीर 4960 253 सेवामंदिर 4 अ 191 254 कोलडी 162 रत्नहर्ष मू.ट. (प.ग.) 255 | के.नाथ 24/78 चेलगा-चौढालिया Celana Caudhāliyā ऋषिरायचंद 256 प्रोसियां 4884 चौबोलीसती-चौपई Cauboli Sati Caupai अभयसोम (जिनचंद शिष्य) जिनहर्ष 257 मुनिसुव्रत 4 172 Jara Sindha ki Bāta 258 |, 4 अ 108 जरासिन्ध की बात 259 | कोलड़ी 143 | जंबू-चरित्र Jamboo Caritra मू.ट. (ग.) For Private and Personal Use Only Page #320 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जीवन चरित्र व कथानक : [ 303 6 7 8 11 तीर्थकर-चरित्र A 9 10 27 x 11 x 15 x 45 | संपूर्ण 41 गाथा 11531अमदाबाद 26x11x18x48 ,, ग्रंथाग्र 5325 | 1731 25x11x17x54 .., ग्रं. 624, 29ढालें | 1776 (सामायिक पर) जीवनी 25x11x18x56 25x11x12x36 1802 कर्णपुर, रूपसुंदर 1843 जोधपुर ऋद्धिसागर 1849 26x11x14x28 प्रौपदेशिक-चरित्र स्वयं बुद्धों की जीव 25x11x13x32 | | अपूर्ण (त्रुटक) 19वीं 27x11 x 15 x 52 | लगभग पूर्ण (बीच में 3 1692 पन्ने कम) 26 x 11 x 16 x 40 संपूर्ण चार खण्ड 1775 25x11 x 17/15 x | लगभग पूर्ण 1110 गा. | 19वीं 42 26x10x18x65 | संपूर्ण चार खण्ड 25x10x12x38 , 1765 गा. 18वीं 1778 की कृत्ति प्रौपदेशिक-जीवन चरित्र 24x10x14x36 , 25+4 गा. 1783 (शील उपर) जीवनी सं. | 26x11x13x25 506 श्लोक 1642 लाडाउल | " 24x10x14x44 508 श्लोक 1811 | 22x10x12x33 508 श्लोक 1867 26x11x12x35 508 श्लोक 19वीं 26 x 11 x 12x32 , 509 श्लोक 23 x 10 x 10x38 | अपूर्ण 418 श्लोक 27 x 12 x 6 x 40 | संपूर्ण 800 श्लोक 1880 25x12x17x39 , 4 ढालें 19वीं जीवन चरित्र देशिक ऐतिहासिक जीवन प्रसंग 26 x 11 15x56 | , 16 ढाले 18वीं X (विक्रम प्रबन्धे) 1724 की कृत्ति 25x11x17x48 , 21 गाथा 19वीं 24x10x13x38 | संपूर्ण 19वीं - देवचंद जीवन-चरित्र | 25 x 11 x 7x45 , 21 उद्देशक पं.750| 1833 . For Private and Personal Use Only Page #321 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 304 ] भाग/विभाग : 4 (अ)-इतिहास व वृत्तान्त 3A 260 के.नाथ 9/16] जंबु-चरित्र Jamboo Caritra पद्मप्रभ मू.ट. (ग.) 261 | कोलड़ी 144 262 के नाथ 6/69 सकलहर्ष 263 264 , Caupai | बुद्धिसार 5/19 , 11/79 | जंबू-चौपई कुंथुनाथ 35/41 | जबू पांच भव-चरित्र | के.नाथ 19/2 | जंपूरवामी-चौपई | Jamboo 5 Bhava Caritra 266 Jamboo Svāmi Caupai कमल विजय 267 | 26/91 बुद्धिसार 268 | कुंथुनाथ 17/19 | " प्रबंध , Prabandha | पद्मचंदररि 269 सेवामंदिर 49 194 , चौढालिया » Caudhāliyā अज्ञात | कोलड़ी 145 | जंबूस्वामी-कथा , Katha । 271 के नाथ 29/44 । कोलड़ी 1092 । 273 | के.नाथ 5/72 । 274 के नाथ 24/53 । | के नाथ 15/58 । 276 के नाथ 6/130 । 277 के.नाथ 10/41 जांबवती-चौपई Jāmbavati Caupai सूरीसागर 278 सेवामदिर 49 183 4 प्रतियां 4 copies 279- के नाथ 24/45, गु 82|6,5/13,19/78| 283 मुनिसुव्रत 4 4 109| जिनपाल जिनराखी की चौपई, Jinapāla Jinarākhi ki Caupai वरजाग (भावसुंदर शिष्य) | प्रोसियां 4 988 , -चौढालिया ,Caudhaliya | सुमतिसुख 285 | | के.नाथ 18/91 | जिनमुक्ति-सूरि बृहत्-भास | Jinamuktisuri Brhata Bhasa 286 | कुंथुनाथ 10/136| जीरणसेठ (वीरपारणा) गीत Jirana Setha Gita - मालमुनि For Private and Personal Use Only Page #322 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जीवन चरित्र व कथान: [305 8A 9 10 11 जीवन-चरित्र प्रा.मा. 25x11x6x26 संपूर्ण 20 उद्देशक ग्रं. 1836 300 प्रा. 27x10x 13x32 19ीं | 25x11x15x45 1785 | 25x11x11x42 | , 21 उद्देशक ग्रं.801 1824 (5 पन्ने तक टब्बार्थ भी है) 26x11x15x43 178 गा. 1616 मुंदरड़ा जीवा | 26x11x19x60 1642 1522 की कृति 27xJ2x14x34 1180 गा. 1729 18वीं 16 x 13 x15x24 ., 180 गा. 27 x 12 x 17 - 54 | अपूर्ण 1385 गा. 26x12x13x34 , (41 गा. तक) (शील विषये) जीवन चरित्र 19वीं 20वीं 25x11x17x46 | संपूर्ण 19 कथासह 1793 14x10x9x 16 प्रथम चार पन्ने नहीं है 1830 अंत में 3 पन्ने गुरु गीत के हैं 24 x 11x12x32 | अपूर्ण 19वीं 26x11x14x40 | संपूर्ण 19 कथासह 26x11x16x37 , 26x11x13x44 ,,हरिनाथ | 25x12x17x45 20वीं श्रीकृष्ण जीवन प्रसंग, 25x11x10x32 , पहिला पन्ना कम 1695 22x11x12x27 1826 10,17 22 से 26 x 11 से 15 19वीं प्रोपदेशिक-कथा 5 26x11x14x51 , 162 छंद 18वीं ऋषि रूपजी 30* 15x10x12x20 18वी 21x11x9x25 | , गुरु जीवन-गाथा म. महावीर जीवन प्रसंग |" 28 x 12 x 11 x 48 | , 31 गा. 19वीं For Private and Personal Use Only Page #323 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 3061 भाग/विभाग : 4 (अ)-इतिहास व वृत्तान्त 3A 287 सेवामंदिर 35345/ जीरण सेट (वीरपारणा) गीत Jirana Setha Gita मालमुनि 288-9 कोलडी 323, 2 प्रतियां 2 copies 926 290 महावीर 6 इ 51 | जन कुमारसंभवमहाकाव्य | Jainkumara Sambhava जयशेखरसूरि Mahākavya के.नाथ 20/49 | झांझरिया मुनि-सज्झाय | Jhanjhariya Muni Sajjhāy: भावरत्न के.नाथ 5/5 हालसागर Dhāla Sāgara गुणसूरि 292 293 | कंथुनाथ 43/3 291 कोलड़ी 1140 295 के.नाथ 15-213 | तपोधनमुनि-स्वाध्याय Tapodhana Muni Svā ih yāya Tāṁbali Tāpasa Dhāla 296 के.नाथ 19-101 | तांबलीनापस ढाल 297 के.नाथ 24 त्रिभूवनकुमार-चरित्र Tribhuvana Kumāra यतिसुन्दर Caritra 298 | के नाथ 674 | विषष्ठी लक्षण महापुराण | Trisasthi Laksan Maha जिनसेन Pudāna 299 | श्रोसिया 4 9 90 | विषष्ठी शलाका पुरुष चरित्र | Tris sthi Stlika Purust | हेमचन्द्राचार्य प्रथम पर्व Caritra Ist Parva 300 कोलडी 159 प्रथम पर्व , Ist Parva 301 के नाय 11/18 7 से 9 पर्व 7th to 9th Parv 302 | महावीर 4 570 पाठवां पर्व 8th Parva 303 के.नाथ 21/44 304 | के.नाथ 1/13 महावीर 4 428 दसवां पर्व , 10th Parva 306 | महावीर 4 931 के नाथ 29/40 परिशिष्ट पर्व Parisista Parva 308 | महावीर 4975 प्रोसियां 4 अ 10. 310 | महावीर 412 311 | महावीर 4 ।। 312 | महावीर 4415. For Private and Personal Use Only Page #324 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जीवन चरित्र व कथानक : [307 भ. महावीर जीवन प्रसंग 20 x 12 x 9 x 22 | संपूर्ण 30 गाथा 19वीं पं. मुकन चदजी 26x10व:6x12 | , 31 गाथा 26x12x14x49 .. 11 सर्ग ग्रं. 1500 18वीं ऋषभदेव-चरित्र जीवन चरित्र महा काव्य जीवन-प्रसंग 21 x 12x11 x 26 1935 कृष्णपाण्डव इतिहास 26 x 11x11 x 36 ,, ग्रंथाग्र 5812 1739 67 16x23x25x26 अपूर्ण (58 ढाल तक) | 19वीं 25x12x17x45 (27 ढाल तक) जीवनो 26x12x13x50 संपूर्ण प्रौपदेशिक-जीवन | 26x12x20x50 26 x 13 x 16 x 42 , ग्रं. 800 29x13x12x33 अपूर्ण 21 से 25 पर्व प्रोपदेशिक ऐति हासिक ऋषभभरतादि चरित्र 31 x 11 x 15 x 46| संपूर्ण 6 सर्ग ग्रं. 5000 | 15वीं (या उससे प्रति में दिक्रम | 145 पुरानी) संवत लिखा है 26x11x13x46 , 5017 17वीं रावणजन्म से पार्श्वप्रभु नेमि-चरित्र 26 x 11x15x48 सातवें के सर्ग 1 से नौ वें | 16वीं सर्ग 4 तक 25x11x14x42 संपूर्ण 12 सर्ग 17वीं 26 x 11x17x47 अपूर्ण प्रथम से तृतीय सर्ग , 25x12x13x28 तीसरा सर्ग 19वीं भ. महावीर चरित्र 27x11x15x48 | संपूर्ण 1 सर्ग 1672 जैसलमेर श्रेणिक चरित्र भाग 27x12x14x38 ग्रं. 1350 1887 अजीनगंज कल्याणचंद 26x11x17 -60 संपूर्ण 13 सर्ग ग्रं. 3460 1619 स्थविर-चरित्र 25x11x14x42 , , 1753पद्मविजय | 26x12x18x45 | 28x13x13x35 366419वीं विक्रमपुर बखतसागर , 3895 1913 बालोचर | इंद्रचंद्र , 3560 1959 26x13x13x36 27x13x13x37 , , | 20वीं For Private and Personal Use Only Page #325 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 308 ] भाग/विभाग : 4 (अ)-इतिहास व वृत्तांत 3A 5 Thāvaccă Suta Caupai | समयसुंदर पद्य 313_| के.नाथ 19/24 | थावच्चासुत-चौपई ., 14/74 | दमयंती-नलचम्पू-विवरण 314 Damayanti (Nalacampū) | चंडपाल Vivarana Dayādi para Kathänaka 315 कोलड़ी 149 | दया यादि पर कथानक 316 150 317 के नाथ 15/134 दश आश्चर्य Daśa Āścarya (कल्पसूत्रान्तर्गत) 318 , 15/53 319 कोलड़ी 153 दस-दृष्टान्त Dasa Drstänta 320 मुनिसुव्रत 41571 321 322 Daśārņabhadra Sambandha , Caudhāliya | | के नाथ 15/145 , , 14/11 | दशार्णभद्र-सम्बन्ध कुथुनाथ 15 56 , चौढालिया कोलड़ी 1089 दान प्रादि चतुर्कुलक-कथा का बालावबोध मुनिसुव्रत 4 111 दामनसेट की-चौपई। प्रोसियां 2-298 | दृष्टांत-शतक Bälävabodha Damana Setha ki Caupai प्रतापविजय (वीर- प. विजय शिष्य) | Drstānta Sataka ट . , 2/303 तेजसिंह गणि सेवामंदिर 2/374 कुथुनाथ 54/2 , -संग्रह Sangraba 330 सेवामंदिर 4 181 331 मुनिसुव्रत 4 161| कुंथुनाथ 38/4 मेवामंदिर 4 9 177 334 के नाथ 29/17 | देवकी-रास Devaki Rása 335 , 19/79 ,, 19/101 | देवदत्त-ढाल Devadatta Dhīla प्रोसियां 4992 द्रौपदी-रास Draupadi Rāsa शोभमुनि (मान्यसुंदर शिष्य)" For Private and Personal Use Only Page #326 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra जीवन चरित्र व कथानक : प्रोपदेशिक- जीवनी मा. सं. धर्मफल पर दृष्टांत मा. अभूतपूर्व घटनायें J1 31 6 31 = 11 प्रौपदेशिक कथानक सं. "1 = "" : शीलविषयक प्रौपदेशिक चरित्र कथानक " }" = जीवन- प्रसंग प्र. प्रोपदेशिक लघु कथानक शीलप्रमाद व क्रोध पर श्रौपदेशिक - कथानस 33 " 71 जीवन चरित्र - गज सुकमाल-प्रसंग 39 श्री. जीवन प्रसंग जीवन- प्रसंग सं. मा. = " मा. 13 7 11 सं. "" 12 " 44 मा. 12 = " 11 16 64 8 13 प्रा.सं.+13 मा. सं. मा. 10 8 10 10 22 23 15 2 3 121 32 15 40 20 8 16 20 72 3 17 68* 66 8 A www.kobatirth.org 26 × 11 × 15 × 46 संपूर्ण 447 गा. 28 x 9 x 13 x 40 26 x 13 x 14 x 34 24 x 12 × 12 x 32 26 x 11 x 15 x 32 24 × 12 x 10 x 18 27 x 10 x 14 × 45 27 × 11 × 15 x 44 25 × 11 × 19 × 50 26 × 10 × 12 × 51 43 x 11 x 5 x 51 " 21 x 11 x 4 x 24 33 "1 ,, 7 उल्लास ग्रं. 1900 1660 19वीं " 11 33 पूर्ण 8 कथायें संपूर्ण 22 x 10 x 9 x 25 25 × 10 × 20 × 60 प्रतिपूर्ण दूसरे कुलक की कथायें 25 × 1 1 × 12 × 39 संपूर्ण 17 ढालें 25 x 12 x 6 x 39 33 21 अपूर्ण 51 कथायें संपूर्ण 102 श्लोक की कथायें 26 × 11 × 16 × 72 संपूर्ण 100 से उपर कथानक 24 x 10 x 16 × 41 26 × 11 × 18 × 61 अपूर्ण 26 x 11 x 18 x 56 23 9 11 " 4 ढालें 11 140 TT. 100 कथा 21 3 कथायें 20 × 11 × 13 × 34 34 × 21 × 65 × 34 संपूर्ण 19 ढाल 24 x 14 x 15 x 28 ( बीच के पत्र ) "1 26 x 12 x 20 x 50 26 × 11 × 12 × 30 संपूर्ण 48 ढाल / गा. 1185 For Private and Personal Use Only Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 1711 27 10 1858 1598 17at 19वीं 16वीं 19वीं 1762 1849 19वीं अंजार - नगर 20वीं 49 से 121 कथानक 19वीं 1935 16at 17वीं 11 11 [ 309 11 1941 शांतिग्राम पूर्वोक्त का ही पाठ लक्ष्मीसागर 19वीं 1940 बीकानेर ग्रंथकार का अपरनाम विनय सुंदर सौजन्यसुंदर Page #327 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 310 ] भाग/विभाग : 4 (अ)-इतिहास व वृत्तान्त 3A | 23 338 | के.साथ 6/3 | धनंजय-चौपई Dhananjaya Caupai भुवनसोम 339 ओसियां 31177| धन्ना ऋषि-सज्झाय Dhannā ķşi Sajjhāya अम्मा मुनि , Caupai मतिशेखर (कक्क सूर शिष्य । के नाथ 26/91 , चौपई | ., 6/35 .. 195 | धन्ना-प्रबध ,, Prabandha | यक्षसूरि शिष्य 343 मुनिसुव्रत 3332:| धन्नामुनि-सज्झाय Dhani a Muni Sajjhaya 344 के नाथ 26/91 गू संधि , Sandhi कल्याणतिलक , 19/115| धन्नःशानिभद्र-रास Dhanri Salibhadra Rāsa | रत्नसूरि शिष्य जिनराज-सूरि ., 19109 348 कोलड़ी 365 349 के नाथ 593 350 सेवामदर 4 अ 201 351 मुनिसुव्रत 4 अ 150| 3 प्रतियां 3 copies 54 कोलड़ी 214-36, गु. 9/12/ के.नाथ 24/80 356 | कोलड़ी 1088 जिनविजय 357 कुंथुनाथ 10/183| -सज्झाय Sajjhāya उदयरत्न 358 के.नाय 14/13 Rása जिनराजसूरि 359 , 13/34 -संबन्ध Sambandha प्रज्ञात 360 10/21 361 11/19 362 , 15/232 363 21/92 | धम्मिल-चरित्र Dhammila Caritra 364 मुनिसुव्रत 4 9 160 For Private and Personal Use Only Page #328 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जीवन चरित्र व कथानक : | 3:1 6 7 8 10 8A 26 x 11 x 21 x 53 | संपूर्ण प्रोपदेशिक-जीवनी 1773 , जीवन-प्रसंग 25x11x9x31 , 22 पद 19वीं जीवन चरित्र ., 16x13x15x24 333 गा. 18वीं 25x1x15x50 328 गा. 19वीं N 26x11x13x42 332 गा. 18वीं प्रोपदेशिक-प्रसंग 25 x 11 x 15 x 52 पाथ में गौतम कुलक' गुटका | 16x13x15x24 संपूर्ण 63 गा. , जीवनी 37* 26 x 11x13x43 1723 (दान ऊपर) 37* 26 x 11 x 13x43 1668 की कृति 25x11x15x42 1778 26x11x14x39 1817 10 23x12x10x25 ,, गा. 501 1832 23x IIX 13x33 , सचित्र 1834 कुल 31 चित्र 31 22x11x12x26 1841 नागपुर , ग्रंथाग्र 600 19वीं 15 से 27x10 से 11 25 x 11 x 15 x 41 , 27x11x14x60 अपूर्ण द्वितीय उल्लास की ___337 गाथा तक) 25x12x14x40 | संपूर्ण 7 गाथा 25x11x13x31 , 29 ढाल (पहिला| 1720 पन्ना कम) 26 x 11x15x48 | अपूर्ण ढाल 36वीं तक | गा. 682 27x12 x 13 x 44 | अपूर्ण 27x13x15x40 , 98 से 327 गा. 27x13x15x33 | ढाल 6 तक 26 x 11 x 17x53 26x11x18x52 For Private and Personal Use Only Page #329 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 312 j भाग विभाग : 4 (अ)-इतिहास व वृत्तान्त 3A 365 महावीर 4478 धम्मिल-चरित्र Dhammila Caritra 366 के.नाथ 6/53 367 | महावीर 4 44 जयशेखर (मानसूरि- | पिष्य) ज्ञानसागर 368 के.नाथ 1964 धम्मिल-विलास , Vilāsa 369 Dharmadatta Katha गुणसूरि कुंथुनाथ 52/12 धर्मदत्त-कथा मुनिसुव्रत 4 5 163 , प्रबन्ध | कोनड़ी 224 | ,, धनवती-चौपई ., Prabandha ग. (प) 371 कुशल ऋषि , Dhanavati Caupai Dharma Pariksa 372 कोलड़ी 1262 | धर्मपरीक्षा मानविजय (जयविजय म.ट. (प.ग. शिष्य 373 | कंथनाथ 16/9 धर्मबुद्धि मंत्री पापवृद्धि राजा Dharmabuddhi Mantri कथा Papabuddhi Raja Katha 374-महावीर 4477,42| 2 प्रतियां 2 copies 5 376 | के.नाथ 19/54 चौपई चन्द्रकीत्ति | के नाथ 19/116 " कथा ,, Katha लाभवर्द्धन 378 के नाय 13:53 | नरदेव-चौपई Naradeva Caupai सहजकीति 379 को नही ।146 | नर्मदामंदरी-चरित्र Narmada Sundari Caritra| मोहनविजय | कोलड़ी 1079 | नल-चरित्र Nala Caritra नयसुंदर 381 के नाथ 19/48/नलदमयंती-चरित्र Nala Damayanti Caritra ,, Caupai समयसुंदर 382 383 | के.नाथ 14/65 | | कोलड़ी 217 , चौपई , , 2 प्रतियां , 2 copies 384-5 के.नाथ 13/6 5/46 386 | के.नाथ 14/135| , ., ऋषिवर्द्ध नसूरि 387 के नाथ 29/13 | नंद-बहोत्तरी Nanda Bahottari जसराज 388 | के.नाथ 15/59 | नंदमणियार-सज्झाय Nanda Maniyāra Sajjhāya| रामविजय 389 के नाथ 19/89 | नंदीषण-पोपई Nandişeņa Caupai ज्ञानसागर | के.नाथ 26/57 | (मुनि) नाथूराम-चौढालिया Nathurama Caudhaliya 391 के.नाथ 19/101 निर्मोही-ढाल Nirmohi Dhāla For Private and Personal Use Only Page #330 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जीवन चरित्र व कथानक : [ 313 6 6 7 8 8A 9 प्रोपदेशिक जीवनी| सं. 27x13x13x48 | संपू र 207 श्लोक 19वीं संक्षिप्त संस्करण 25 x 12x15x33 , 240 श्लोक 30x14x15x51 , ग्रंथाय 3504 20वीं 26 x 11x15x34 , 1006 गा. 19वीं (अतिथि संविभाग 1644 पर) चरित्र 27x11 x 21 x 60 27x11 x 17x44 अपूर्ण 88 अनुच्छेद 18वीं उद्धरण पद्य में 26x11x13x42 संपूर्ण 32 ढाल 1821 प्रौपदेशिक-कथानक सं.मा. 1855 26 x 11 x 6 x 44 | , 367 श्लोक 27 x 12 x 13x38 19वीं X X38 | " 28x13 व 26 x 12 20वीं/ 1960 एक दूसरे की नकल नागौर मुरलीधर 26x11 x 15x52 | , गा. 430 (अंतिम | 17वीं पन्ना कम) 25x11x14x45 ,39ढालें 1750 चरित्र 25x12x16x60 , 321 गा. 19वीं 25 x 12 x 12 x 40 | अपूर्ण (12 ढाल तक) जीवन चरित्र 25x11x15x50 प्र. 16 प्रस्ताव,2358गा. 18वीं 35004. 25x11x13x44 संपूर्ण 19वीं प्रथम 5 व अंतिम 1 पन्ना नहीं 26x11x13x43 ., 6 खंड, 38 ढाल, 1696 | 913 गा., 1350ग्रं 27x11५15x45 |, 6 खंड. 38 ढाल, 1709 जैतारण 913 गा., ग्रं 1620 54,24| 25x11 व 26x11 | संपूर्ण ग्रंथान 1357/951 19वीं 27x12x11x39 , 331 गा. 19वीं प्रोपदेशिक-कथानक 25x11x15x48 , 19वीं , जीवन-प्रसंग 20x10x11x31 साथ में अन्य स्तवन स्वाध्याय 26x12x19x45 25 x 12 x 14 x 49 26 x 12 x 20 x 50 68* For Private and Personal Use Only Page #331 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 314 ] भाग विभाग : 4 (प्र)-इतिहास व वृत्तान्त 3A Neura Pandita Katha 392 | के.लाय 6/116 | नेउर पंडित-कथा 393 ., 5/60 | नेमिचंदसूरि-राम Nemicandasūri Rāsa गुगचंद 394 | महावीर 4 271 नेमिनाथ-चरित्र +वृत्ति | Neminātha Caritra जिनवल्लभ मू.. (प.ग.) 395 |, 426 कमलप्रभ (रत्नप्रभ शिष्य) , 6 इ52 (काव्य) 397 के नाथ 6/49 जिन-स्तोत्र Jina Stotra | कीतिराज उपाध्याय 398 | कुंथुनाथ 2/39 राजुल-धमाल Rājula Dta māla 399 Rasa 400 | कोलडी 237 कनककोत्ति 401 335 " फाग ,, Phāga विनयविजय 402 | के.नाथ 15/65 महिमामेरु मुनि 403 | कोलड़ी 336 ,, Vyaha ऋ जयमलजी , Rajamati Caritra 404 के.नाथ 14/94 ,, व्याह (खडोरवली) 405 ,, 19/111 , राजमती-चरित्र 406 , 20/22 , चौढालिया 407 |, 20/29 || , नवरसा 408 | कोलडी 328 | नेमिनाथ-रास , Caudhaliya रायचंद ,, Navarasa रूपचंद Neminātha Rasa पुण्यरत्न 2 प्रतियां 2 copies 409- | के.नाथ 19/18, 10 16/24 411 सेवामंदिर गुटका। ति 412 कोलड़ी 310 , चौक » Couka अमृतविजय 413 | के नाथ गु. 14 414 , 19/76 विवाहलो „ Vivāhalau 415 , 26/98 416 2042 चरित्र » Caritra ऋ जयमलजी 417 8/14 । पंचकल्याण ,, Paricakalyāna | पू. नाथूरामजी For Private and Personal Use Only Page #332 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जीवन चरित्र व कथानक : [ 315 6 7 8 प्रोपदेशिक-जीवन । सं. प्रसंग गच्छपति जीवन गाथा तीर्थकर-चरित्र प्रा.सं. | 35* 8A 9 10 11 26 x 11 x 13 x 42 | संपूर्ण 183 श्लोक 19वीं । 26 x 11 x ! 6 x 44 |, 7 ढालें +दोहे आदि , 27x11x15x45] , 15 गा. 1531 अमदाबाद| चरित्र पंच के धर्मसन 26x11x15x48 | अपर्णपाठ सर्ग तक 16वीं 26 x 11 x 19 x 62 | संपूर्ण 125 श्लोक ग्रं. 252| 17वीं मेघदूतपाद समस्या पूर्तिरूप 27x11x17x50 , 12 सर्ग (पहिला 16वीं पन्ना कम) 23 x 12 x 28 x 90 संपूर्ण 63 गा. भक्ति 23x12x28x90 , 149 गा. 27x12x19x58 संपूर्ण 13 ढालें 1732 25x11x10x28 , 27 गाथा 1818 25 x 11 x 12 x 30 | , 65 गाथा 19वीं 25x10x12x35 26 x 11x16 x 64 | , 43 गाथा 1834 27x12x14x35 19वीं 25x11x14x32 | 25x11x16x44 , 9 ढाल+2 स्तवन 27x10x14x50 , 66 गा. 26 x 10 xxxx x11 ।, 61/64 गा. दूसरी में पन्ना कम है । 16x11x13x20| अपूर्ण 59 गा. 26x12x17x50 संपूर्ण 96 गा. 1848 बगड़ी होली खेल वर्णन 16x14x12x12 1889 होली खेल वर्णन 1839 की कृति 26x 13x15x28 , 24 ढाल 1938 19वीं 26 x 11 x 10x38 | अपूर्ण (बीच के पन्न) | संपूर्ण 33 ढाल | 26 x 12 x 17x57 , ग्रं. 400 1926 19वीं प्रसंग पुख्यतः यादव कथा For Private and Personal Use Only Page #333 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 316 ] भाग/विभाग : 4 (अ)-इतिहास व वृत्तांत 3A 45 418 | के.नाथ 19/74 | नेमिनाथ-अधिकार Neminātha Adhikara महावीर 4 4 29 | पउमचरियं Paumacariyam विमल सूरि 420 के नाथ 12/50 421 , 5/108 | पद्म-चरित्र Padma Caritra , विनयसमुद्र (हर्षसमुद्र उपकेशगच्छीय शिष्य) रूपचंद 422 | कोलही 1133 पद्मरथ-चौपई Padmaratha Caupai 423 के नाथ 21/92 | पद्मावती-कथा Padmavati Katha 424 Paramhamsa Sambodha |नयरंग Caritra Pancakumāra Caritra लक्ष्मीवल्लभ 425 Pancadaņda Caritra , 11/97| परमहंस संबोध-चरित्र ___6/19 | पंचकुमार-चरित्र _234 | पंचदण्ड-चरित्र , 233 | कुंथुनाथ 1717 पार्श्वचन्दसूरि-भास महावीर 4 अ 27 पार्श्वनाथ-चरित्र 427 428 Pārsvacandasūri Bhasa Pārsvanātba Caritra जिनवल्लभ/ 430 के.नाथ 29/36 भावदेव महावीर 4 20 , 4472 , 4954 ग. उदयवीर (संघवीर शिष्य) के.नाथ 13/5 , व गणधर-संबंध प्रोसियां 4 989 ,,&GanadharaSambandha (देवभद्राचार्य प्रसन्नचंद शिष्य रचिते पार्श्वचरित्र Pāñcapramida Caudhā. liya Pāñcāji Caudhaliya गुमान विजय 436 सेवामंदिर 4 194 पांचप्रमाद-चौढालिया 437 के.नाथ 26/34 पांचाजी , 438 महावीर 4471 पांडव-चरित्र Pāņdava Caritra देवविजय (राजविजय ग. शिष्य) लालचंद ', Risa के नाथ 10/81 | , रास , 211| पांडु-चरित्र 440 Pāņdu Caritra देवप्रभ 441 मुनिसुव्रत 49155 पुण्यसार-चौपई Puṇyasāra Caupal अज्ञात 442 के नाथ गुटका-1 | " पुण्यकत्ति For Private and Personal Use Only Page #334 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जीवन चरित्र व कथानक : [ 317 6 7 ___10 ___ 11 8 | 8A | 26 x 12 x 16 x 42 | संपूर्ण तार्थकर-चरित्र | मा. 19वीं 26x11x23x63 सीताराम-चरित्र | महाकाव्य 26 x 11 x 12 x 60 38 25x11x17x43 ,, ग्रं. 10550 (पहिला 1502,मंडपदुर्ग पन्ना कम) | गुरणधीरगा। ,, ग्रं. 8655 , 1649 ,, 1494 गा., 1700 1654 (हेमचन्द्रानुसार) ,, 443 गा , ढाल 23 | 1766 ., 501 श्लोक 1690 शील पर जीवनी । 25 x 11 x18x60 प्रोपदेशिक-जीवनी | सं. 19* 26x11x17x53 " रूपक प्रा.सं. 26x11x16x46 अपूर्ण 7 प्रस्ताव+56 19वीं श्लोक , जीवनी 26x12x15x53 संपूर्ण 1876 , जीवन-प्रसंग मा. (विक्रमादित्य चरित्र) 26 x 10 x17x52 22 x 12 x 15 x 24 , 75 ढाल 6 खंड, 1842 ग्रं 3784 " , ग्रं. 3971 1855 जीवन गाथा 26x11x12x40 19वीं तीर्थकर-चरित्र 27x11 x 15 x 45 , 15 गा. 1531 अमदाबाद चरित्र पंच के धर्मसेन 27x11 x 11 x 42 | अ. अंतिम 3 सर्ग छठे से | 1558 पाठवां 27 x 12 x 12 x 40 | संपूर्ण पाठ सर्ग प्र. 6400 1950 मंगलपुर जयानंद 26 x 11 x 13 x 41 , , ग्रं. 5500 (1454 ?) , गणधर संबंधी 28x13x15x49 , , , 19वीं 26 x 11x11x36 | अपूर्ण (सात गणधर तक) 16वीं जीणं 42 x 11 x 12 x 61 | संपूर्ण ग्रं. 4556(5167) 1923 बीकानेर प्रशस्ति है खरतर देवगुप्तसूरि गच्छीय 26 x 12x13x34 20वीं " " | प्रा. प्रोपदेशिक-संबंध | मा. , 4 ढालें गुरु-जीवनी 26x12x20x52 19वीं पांडव-इतिहास 25x11x13x40 | , 18 सर्ग 17वीं रत्नचंद द्वारा संशो धित दूसरे खंड के प्रारंभ | 10 27x12x17x65 अपर्ण 409 गाथा तक | 19वीं 1468 प्रारंभ में चित्र धर्म पर प्रोपदेशिक जीवनी 37x6x9x85 | संपूर्ण 18 सगं 26 x 11x16 x53 |, 213 छंद 22 x 19 x 27x32 , 202 गा. | 1770 मेड़ता | 1662 की कृत्ति सांगानेरे | 1814 For Private and Personal Use Only Page #335 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 318 ] भाग/विभाग : 4 (अ)-इतिहास व वृत्तान्त 3 A | 2. 3 443 | कोलड़ी गु. 12/8 | पुरंदर-चौपई Purandara Caupai मालदेव आनंद 3 प्रतियां 3 copies 444- | के.नाथ 6/80, ____46/ 10/61,19/21 447 | कुंथुनाथ 23/9 , 448 मुनिसुव्रत 4 4 171 पूजा-रास 449 | कोलड़ी 1132 | पृथ्वीचंद्र चरित्र Pūja Rasa फतेहसागर Pșthvicandra Caritra जयसागर 450 के.नाथ 6/67 लब्धिसागर 451 महावीर 4 64 रूपविजय (पद्मविजय ग. शिष्य) 452 के.नाथ 19/10 ,, Gunasagara Cau , (गुणसागर) चौपई | , , बेलि pai कुंथुनाथ 25/7 . Beli 454 सेवामंदिर 44180/ कथा , Katha | महावीर 4 अ 17| प्रदेशी राजा का-चरित्र | Pradesi Raja ka Caritra | वाचक चरित्र (भंगसेन प. शिष्य) के.नाथ 5/67 | , केशीकुमार-रास , Kesikumāra Rāsal अज्ञात के नाथ 16/18 | , चौपई Caupai वाचक सहजसुंदर के.नाथ 26/73 459 | महावीर 4 31 प्रद्य म्न-चरित्र Pradyumna Caritra , रत्नचंद्र (शांतिचंद्र शिष्य) 460-1| महावीर 4 अ 19-1 , 2 प्रतियां 2 copies 65/ 462 के.नाथ 9/25 प्रबन्ध-संग्रह Prabandha Sangraha 463 | के.नाथ 15-174 प्रश्नोत्तरद्वार-कथानक मू+व्या(प.ग Praśnottara Dvāra Katha naka Priyamelaka Caupai 464 के.नाथ 9/20 प्रियमेलक-चौपई समयसुंदर मुनिसुव्रत 4 9 164 466 के.नाथ 19/113 कुंथुनाथ 18/5 467 के नाथ 19/32 469 | के.नाथ 15/186 For Private and Personal Use Only Page #336 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जीवन चरित्र व कथानक :--- [ 319 11 6 7 | 8 | A 9 10 प्रोपदेशिक-चरित्र मा. । गुटका | 19 x 12 भिन्न संपूर्ण 366 गा. | 19वीं 12,12, 26 से 27 x 11 x भिन्न , गा. 354/384 ग्र. 500 26 x 11 x 13 x 49 | अपूर्ण गा. 223 तक 20 केवली जीवन-चरित्र सं. 25 x 12 x 14x38 अपूर्ण (तीसरी ढाल ___ अधूरी तक) 26x12x19x40 | संपूर्ण 11 प्रस्ताव ग्रं. 1564 2654 29x IIx15x50 , ग्रंथान 1000 से 1568 अधिक 27x13x15x46 , 11 सर्ग ग्रं 68831850 25x11x11x36 , 45 गा. 19वीं 24x 12x11x36 प्रथम पन्ना कम है जीवनी, तात्त्विक प्रसंग 26x12x27x55 संपूर्ण | 1949 नागपुरे रूपरेखा सारसूचक जुहारमल 25 x 12 x 13 x 44 | संपूर्ण 9 सगं 19वी प्रशस्ति है 22 x 11 x 20 x 50 , 16 ढालें ग्र. 600 1829 26 x 11 x 14 x 39 | अपूर्ण 138 गाथा तक | 19वीं | 26 x 11 x 13 x 42 20वीं | 26 x 11 x 15 x 50 | संपूर्ण 17 सर्ग ग्रं. 3569 1679 गांधार प्रशस्ति अकबर प्रसंग जीवन चरित्र महा- सं. काव्य 88,117 27x12 व 26x12 , , 19वीं उपरोक्त की नकलें प्रोपदेशिक-चरित्र | मा. | 10 25x11x14x42 | , 8 कथाये प्रोपदेशिक कथानक प्रा.सं. नागार्जुन नंद नागमोर भोज प्रादिप्रसंग (वीचे के पन्ने 55 से 82) (साधु दान विषये) मा. जीवनी | 29 x 11 x 17x57| अपूर्ण श्लोक 32 से 63 | कथासह 26 x 11 x 14 x 39 | संपूर्ण 11 ढाल ग्र. 400 1627 26 x 12 x 15 x 50 ,, ,, गा. 230 17वीं 26 x 11 x 13 x 42 | संपूर्ण 11 ढाल न. 305 , गा. 230 26x11x 17x44 " " " 1725 " 26x11x16x47 | " ॥ ॥ " 1754 25x11x13x40 , पहिला पन्ना कम 1780 For Private and Personal Use Only Page #337 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 470-1 के नाथ 19/30. 6/96 472-3 मुनिसुव्रत 4115 320 1 I 6 474 कोलड़ी 212 477 478 479 480 481 475-6 के नाथ 29/6, 14/117 9/19 के नाथ कुंथुनाथ 40 / 79 मियां 481 के. नाथ 18/77 चौढालिया कोलड़ी 152 बातों पर कथायें कुंथुनाथ 17 / 13 के. नाय 15-81 482 483 484 485 486 487 488 495 439 2. 496 497 498 प्रियमेलक - चौपई 2 प्रतियां Priyamelaka Caupai 2 प्रतियां " " "3 " 3 17 1 प्रियंकर नृप कथा प्रीतिकर महामुनि-चरित्र चूल चौपई चरित्र " बाहुबली-सभा www.kobatirth.org 2 प्रतियां 39 39 3 A "" 33 39 Baraha Vraton Para " Caritra 33 Priyankara Nṛpakatha जिनसूरि Fritikara Mahāmuni Cari नेमीदत्त tra Bańkacula Caupai Cauḍhēliā Bahubali Sajjha a बीसस्थान (पुण्य विलास ) रा Bisasthāna Rāsa कुंथुनाथ 39/3 महावीर 439 के नाथ 6 / 118 भरत चरित्र सेवामंदिर 4 अ 194 भरत चौढालिया Cauḍhalia कोलड़ी 155 भरतप्रादि- कथायें Adi Kathayen महावीर 474 भरहेसर बाहुबली टीका मात्र Bharahesara Bāhubali Tika) शुभशील ( मुनिसुंदर शिष्य) 490 के नाथ 19/101 भवदत्त भवदेव दाल Bhavadatta Bhavadeva Dhala 20 491-2 के नाथ 15 / 219 | भानुमति कथा 2 प्रतियां Bhānumati Katha 2copies 493 मुनिसुव्रत 4 131 भुवनभानु (बलिमहानरेन्द्र ) Bhuvanabhānu Caritra चरित्र 494 महावीर 4 अ 13 कोलड़ी 1078 के. नाथ 23/43 भोच चरित्र कोलड़ी 228 . नाथ 15 / 183 | मच्छोदर चौपई Bharata Caritra 2 copies 2 copies Bhoja Caritra 2 copies Kathayen 39 भाग / विभाग : 4 ( अ ) - इतिहास व वृत्तान्त For Private and Personal Use Only Macchodara Caupai Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir समयसुंदर अज्ञात 1 1 फतेचंद 1 " "1 "1 I T रामविजय जिन हर्ष 4 क्षमाकीति पाठक राजवल्लभ व्यास भवानीदास ललितसागर प. ग. प. 17 ग. 11 प. 13 " ग. 11 ५. ग. "1 "1 11 प. ग. (प) प. 5 Page #338 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.kobatirth.org जीवन चरित्र व कथानक : [ 321 6 7 8 8A 10 11 साधुदानविषये जीवनी 26 x 11 x 13/15x | संपूर्ण पहली 11 ढाल | 19वीं 50 दूसरी अ 23 से 26x11x15 230 गाथा, ढाल 25 x 11x11x30 | 25 से 28x11 से 11 , 11 ढाल 19/20वीं उबन्समहरंप्रभावे 25x11x15x46 ग्रं. 1000 19वीं प्रो. प्रो. जीवनी 28x13x14x34 साधुसंगति प्रो. 26x11x12x37 , 3 अधिकार 450 16वीं श्लो. न.467 1, 95 छद 19वीं x ऋषि शकर 1906 25x12x15x40 श्रावकाचार-दृष्टांत 28 x 12 x 15 x 50 1861 पर प्रतिज्ञा 18 पाप स्थान कहने की जीर्ण 26x12x20x80 एक ग्रं. 450 19वीं भक्ति स्वाध्याय 24x11x15x36 ,, 21 गाथा ,, 3 ढालें जीवन-प्रसंग 22x16x12x32 1913 26 x 11x17x44 , 20 कथानक 1799 20 स्थानक पर दृष्टांत जीवन-प्रसंग 25x11xllx35 19वीं 26x12x13x34 ,, 4 ढालें 20वीं 26 x 11x 14x34 1894 प्रो. कथा जीवनी | 27x13x15x40 , दो अधिकार xx 1952x जेठमल 19वीं जीवन-प्रसंग 26x12x20x50 26x11x14x40 xx मानित्य भावना पर जीवनी 26x11x19x53 2707 ग्रंथाग्र 17वीं x धर्म मित्र-सूरि 25 x 13 x 13 x 37 1914 25 x 13 x 14x38 | अपूर्ण पहिले 4 पन्ने कम| 19वीं 26 x 11x18 x 51 | संपूर्ण 5 प्रस्ताव 996श्लो | 17वीं 23 x 11 x 14x40 19वीं पन्द्रहवी विद्या अपूर्ण 7 वीं ढाल से 17 एहिले 5 पम्न कम हैं 26x11x15x58 | वी (अत) तक | शांतिनाथ चरित्र से) जीवन-चरित्र स्त्री-चरित्रे जीवन मा. प्रसंग जीवन-कथा 1769 For Private and Personal Use Only Page #339 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 322 ] 1 499 के नाथ 19/82 | मच्छोदर - रास के. नाथ 18/79 मतिसार- प्रधान कथा से मंदिर 4 अ 1971 मदनरेखा चौपई मुनिसुव्रत 4158 503 कोलड़ी 271 500 501 502 507 508 509 510 511 512 513 517 महावीर 4 प्र 68 मल्लिजिन चरित्र के. ना 4 / 20 के. नाथ 15/203 के. नाथ 24/56 त्रामंदिर 3 इ 366 514-5| कुंथुनाथ 17/15 17/3 516 चौसियां 3 इ 179 मुनिसुव्रत 3 इ270 कोलड़ी 1232 महावीर 4 अ 22 520 मुनिसुव्रत 4 अ 151 521 के नाथ 17/57 कोलडी 253 518 2 519 522 523-4 के नाथ 15/89, 5/105 कुंथुनाथ 18/4 526 मुनिसुव्रत 4107 525 31 504 6 के नाथ 18,67, 19/111. 24/59 महावीर 434 | ( महाबल) मलयसुंदरी - चरित्र (Mahābala) Malava Sun- जयतिलकसूरि महावीर 469 dari Caritra माणिक्यसुंदर प्रा. विनयचंद्रसूरि 21 "" 11 " 11 महावीर उपसर्गाधिकार महावीर चरित्र 73 "1 " " 13 11 33 3 93 महिपाल चरित्र चौढालिया " मंगलकलश - रास "1 3 प्रतियां - पूर्वभव 2 प्रतियां 27 भव-स्तवन " व अन्य स्तवन "3 www.kobatirth.org נ' चौपई 2 प्रतियां Machhodara Rāsa Matisara Pradhana Katha Madana Rekha Caupai 29 11 37 Mallijina Caritra Mahavira Upasargādhikara 95 " 33 22 3 A "" 33 33 Caritra Mahipala Caritra ין Caudhaliya 3 copies Mangala Kalasa Rāsa भाग / विभाग 4 ( अ ) - इतिहास व वृत्तान्त Purvabhava 2 copies 99 27 Bhava Sta vana & Stavana For Private and Personal Use Only रुचिरविमल सुपरां Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir वा. मतिशेखर प्रज्ञात I 1 ऋ. रायचंदजी I 1 4 जिन हर्ष Caupal 2 copies वा. कनकसोम संकलन वीरदेवगfरण 11 33 लक्ष्मीहर्ष प. ग. प. ग. प. ग. प. 11 ग. प. 5 मू + ट (प.ग ) प. Page #340 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra जीवन चरित्र व कथानक : प्रोपदेशिक- जीवन मा. ऊपर दृष्टांत शीलविषये 11 " 19 11 ज्ञानरत्नोपरव्याने प्रो. सं. तीर्थंकर - जीवनी 17 " " 93 13 17 11 33 6 जीवन- प्रसंग जीवनी : चरित्र = "1 == जी + भक्ति मा. = 11 " जीवन चरित्र भक्ति + जीवन 31 = दानपर- जीवनी 11 "1 महाकाव्य 13 #1 19 11 13 7 त्रा.मा. मा. 11 प्रा. प्रा.मा. प्रा. मा. 44 32 2 9 6 24 × 11 × 17 × 44 26 × 1 1 × 15 × 35 27 x 13 x 15 x 42 6,18,625 से 28 x 12 से 13 7 70 37 51 6 8 2 8 3 6,3 7 2 5 48 127 45 22 7,8 10 www.kobatirth.org 17 8 A 25 × 11 × 14 × 36 | संपूर्ण 33 ढालें 25 x 12 x 15 x 40 25 x 11 x 12 x 50 26 × 1 1 × 13 × 45 26 × 10 × 14 × 46 25 × 12 × 1 8 × 4 5 26x12 x 14 x 40 26/27 × 11 26 x 11 x 10 x 35 25 × 11 × 15 × 51 25 x 10 x 7 x 28 27 × 11 × 13 x 47 26×11x7x40 26 × 11 × 11 × 40 17 26 × 11 × 16 x 42 17 32 19वीं अपूर्ण पहिले दो पन्न े कम 1678 द्रुनाटक मोहनजी संपूर्ण 160 छंद 18वीं 178 गा. 175/203 TT. " 26 x 11 x 12 x 30 26 × 11 × 15 × 50 अपूर्ण छठे सर्ग से अंत तक 19वीं 17वीं 19वीं 39 19 11 |संपूर्ण अपूर्ण गणधर वाद तक संपूर्ण चार ढालें " 11 31 93 9 " 11 "F 12 11 चार प्रकाश श्लोक 16वीं 2430 दूसरी पूर्ण 18 भव तक 85 छंद 1840 श्लोक ग्रं. 5059 पूर्ण 669 श्लोक तक 25 x 11 x 7 x 40 24 × 10 × 13 × 33 | संपूर्ण 21 ढालें 25 x 11 x 12 x 32 29 छद 19 पद 1816 श्लोक 142-3 गाथा 138 गाथा Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir [ 323 22 ढालें 10 1971 For Private and Personal Use Only 1874 1890/19वीं 1868 विक्रमपुरे धर्मविलास " 1939 मार्तण्डपुरे दीपचंद 19वीं 17वीं 1793 19वीं 1761 11 कल्पसूत्रानुसार 1839 की कृति नागोर में 37 पहिली प्रति जीर्ण नाप में भिन्नता है। 1768, 19वीं 19वीं 1849 सातसेण - राजेन्द्रसागर ग्रं टब्बा सहित है Page #341 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 324 ] भाग/विभाग : 4 (अ)-इतिहास व वृत्तांत 3A के.नाथ 16/42 | मंगलकलश-चरित्र Mangala Kalasa Caritra | विद्याकुशल Madhavanala Caupai पुरुषोत्तम , , 13/25 | माधवानल-चौपई 24/37 इ 42 कुशललाभ | के नाथ गु. 6 532 , 5/97 533 | कोलड़ी 12/8 गु. । (कामकंदला) चौपई 534-5 कुंथुनाथ 14! 10 2 प्रतियां 2 copies , 41-2 536 | के.नाथ 4/26 | मनतङ्ग-मानवती रास Manatunga Mānavati Rāsal मोहनविजय 537 सेवामंदिर 44200 538 मुनिसुव्रत 4 अ 159 539 के नाथ 24/35 540 प्रोसियां 493 541 542-4 कोलड़ी 252 , 219,1102 1218 3 प्रतियां 3 copies 2 प्रतिया 2 copies अनोपचन्द 545-6 | के.नाथ 19/103, 20/27 547 कोलड़ी 220 अज्ञात (तपगच्छ) 548 के.नाथ 19/17 मालवीऋषि-सज्झाय Málavi Rşi Sajjhāya मतिसागर 549 | कुंथुनाथ 42/4 | मुनिपति-चरित्र Munipati Caritra 550 कोलड़ी 159 हरिभद्रद्वारा-उद्धरित | मू.ट. (प.ग. 551 के.नाथ 21/11 552 कुंथुनाथ 18/12 553 मुनिसुव्रत 3 5 242 | मृगापुत्र-सज्झाय 554 , 3 इ323 | , चौढानिया Mļgāputra Sajjbāya उदयसिंह » Caudbalia For Private and Personal Use Only Page #342 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra जीवन चरित्र व कथानक : 6 दान पर जीवनी श्रौपदेशिक सहित्यिक काव्य श्रीलविषये प्रोप देशिक " 18 "1 11 (सत्योपदेश) जीवनी 11 19 " 17 " 31 33 गुरुजीवन-गाथा श्रोपदेशिक जीवनी 11 17 31 "1 31 7 मा. "1 17 23 "1 "" 17 "1 21 = " = "1 31 " "9 3 "3 STT. प्रा.मा. सं. 31 मा. 13 52* 19 8 19 22 16 25 x 11 x 15 x 45 22 x 15 x 16 x 30 26 x 11 x 15 x 44 गुटका 19 × 12 x भिन्न 2 1238 27 x 11 व 22 x 16 45 12800200 36 57 43 39 13 3 7 55 15 8 A 19 5 www.kobatirth.org 1 26 × 11 × 16 × 49 संपूर्ण 29 ढालें 27 x 10 x 13 x 52 321 गा. 27 x 11 × 15 x 45 25 × 11 × 13 × 44 22 × 1 1 × 1 3 × 25 25 x 11 x 14 x 41 11 25 x 10 x 11 x 34 26 × 11 × 14 x 40 26x11 x 16 x 40 11 26 x 11 x 6 x 40 11 26 x 12 x 15 x 44 " 19 "3 25 × 11 × 11 × 33 संपूर्ण 47 ढाल 24 × 11 × 16 x 40 12 *,626 × 12 व 24 x 11 संपूर्ण 8 ढालें "1 550 गा. 31 557 T. 544 गा. 550 गा. अपूर्ण 23वीं ढाल तक संपूर्ण 25 x 11 × 14 x 42 40, 4, 22 24 से 27 x 11 x 15 प्रथम पूर्ण, बाकी की अपूर्ण 19 / 20वीं " 19वीं प्रथम संपूर्ण द्वितीय पूर्ण 18 / 18वीं 1783 " " #1 " 37 त्रुटक संपूर्ण 648गा. 16 14 ढालें 50 गाथा 27 x 13 x 12 x 48 28 × 11 × 13 × 31 संपूर्ण 97 गा. 23 x 10 x 16 x 44 Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 47 ढाल ग्रं. 14101836 राहसर खुशाल सुंदर 1842 31 4 ढालें 25 गा. For Private and Personal Use Only 1757 19वीं 1637 रत्नसागर जैनेत्तर कृत्ति 1728 श्रीरिणी कुंवर हरिराज विरविद्यालय | चिए सिणगाररस सातास कतूहल काज 1790 10 1809 11 18वीं 1802 1856 कथासह 16 कथानक सह 19वीं 20at 19वीं 1641 37 11 1767 मेडता, आर्याकिशनाजी 19वीं 325 प्रशस्ति है । Page #343 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 326 ] 1 555 मुनिसुव्रत 4 110 मृगावती - चरित्र 556 के. नाथ 19/23 557 मुनिसुव्रत 4 109 558 के. नाथ 14/63 559 560 561 562 563 564 565 566 567 568 572 573 574 577 578 579 2 31 19 कुंथुनाथ 29/11 52/14 15/11 | मृगांक - कथा 10/15 | मेघकुमार गीत 17 11 1082 13 569 महावीर 4 अ 61 570 सियां 498 571 महावीर 441 सिंहकुमार राजा - कथा के. नाथ 20/28 ( मुनि) रत्नकुमार - सज्झाय मुनिसुव्रत 4 x 140 रत्नचूड़-चौपई ओसियां 482 375-6 कोलड़ी 242-50 11 3 - प्राख्यान यादव-रास 71 -सज्झाय "" "1 www.kobatirth.org 3 A Mrgavati Caritra | मुनिसुव्रत 3 इ267 ओसियां 3 इ 209 कोनडी 154 मेघनाद कथा Meghanāda Katha कोली गु. 11/13 मोतीशाह सेठ का 7 ढालिया | Motiśāhe Setha ka 7 dhālia वीरविजय के नाथ 29/19 के. नाथ 14 / 5 | यशोधर - कथानक - चरित्र सियां 3 इ 174 रत्नप्रभुसूरि-स्तवन सेवा मंदिर 4 182 रत्नशेखर रत्नवती - कथा 29 Akhyāna Mrgānka Katha Meghakumara Gita Sajjhaya 33 33 Yasodhara Kathanaka Caritra Yadava Rāsa Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भाग / विभाग 4 ( प्र ) - इतिहास व वृत्तान्त Raṇasimha Kumāra Rājā Katha Ratnakumara Sajjhaya Ratnacuda Caupai समय सुंदर For Private and Personal Use Only " कनक " (हीर विजयेर राज्ये तपगच्छीय) 4 जयसागर (जिनसागर शिष्य) 11 क्षमा कल्याण (अमृत धर्म शिष्य) पुण्य रत्न कनकनिधान "1 रत्नपाल- रास 2 प्रतियां | Ratnapāla Rāsa 2 copies मोहन विजय Ratnaprabhu Suri Stavana ज्ञानसुंदर Ratnasekhara Ratnavati Katha चंपू कर्त्ता जिनहर्ष प. " ग. प. 11 ग. प. "1 मू. (पद्य) गद्य प. ग. प. " "" 33 5 चंपू Page #344 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जीवन चरित्र व कथान:: [ 327 8A | 10 ।। जीवन-चरित्र 25 x 11x15x46 | संपूर्ण 3 खंड 37 ढाल 1682 मेदनीपुर. 743 गा. ग्रं. 11011 धर्मसी 25x12x17x41 , 1705 26x11x17x58 , , ग्रं. 1168 | 1716 देवीकर पदमसी 26x10x13x40 | अपूर्ण द्वितीय खंड की | 19वीं 5वीं ढाल 26x11x16x60 , तीसरे खंड की । 10वीं ढाल 27x10x11x32 सपर्ण गाथा 416 18वीं प्रौपदेशिक-जीवनी| सं. 26x11x18x48 1646 26x11x13x48 , 43 छंद 1713 24x10x11x35 , 24 गाथा 1786 26x12x11x36 | , 6 ढालें 20वीं 27x11 x 13 x 42 1574 (रावण पुत्र की नहीं है) जीवन चरित्र 20x13x14x27 | , 7 ढालें 20वीं 34x21x23x32 प्रोपदेशिक-जीवनी | सं. 30x12x20x76 416 श्लोक 16वीं 28x12x13x49 | , दसमें भव तक 19वीं दीपविजय ऐतिहासिक-कथा | मा. 26x11x12x33 , 65 गा. जीवन-चरित्र 29x 12x13x34 1865x राम सुंदर 1828 तभन | उपदेशमाला के गौतमविज उद्भव व मामा म्य 19वीं की कथा जीवन-प्रसंग | 25 x 11 x 16 x 48 , 10 ढालें प्रौपदेशिक-जीवनी | 22x11x14x37 | ., 24 ढाले, ग्रं. 971 1945 सोजत ऋद्धिसागर 15 | 22x11x14x45 | , 23 ढालें 19वीं कर्णपुर अजबसुन्दर 25x12 x 14/15x ,, 4 खंड गा. 13300 ढाल 66, ग्रं 1700 19वीं (दान पर)प्रौपदेशिक , 40 " 15 भक्ति व इतिहास गीत ,, 27 x 11 x 12 x 50 | अपूर्ण दूसरे खंड की। तीसरी ढाल 24x11 x 11x33 प्रतिपूर्ण 20वीं 24 x 10 x 15 x 60 | संपूर्ण 432 ग्रं., श्लो. 94| 1652 जोधपुर| संक्षिप्त संस्करण तिथि विचार पर प्रा.सं. प्रौपदेशिक | For Private and Personal Use Only Page #345 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 328 ] भाग/विभाग : 4 (अ)-इतिहास व वृत्तान्त 2. 3A ___ 4 5 580 महावीर 4940 रत्न शेखर-रत्नवती-कथा | Ratnasekhara Ratnavati जिनदर्ष Katha प्रोसियां 4 अ 189 Ratnavati Rasa रत्नसुन्दरसूरि कुंथुनाथ 52/13 रत्नवती-राम के.नाथ 24/64 राजमती पचढालिया कोलड़ी गु 9/9 रात्रिभोजन-चौपई Rājamati Pancadhaliya ऋषिरायचंद Rātribhojana Caupai समुद्रवाचक (चन्द्रसूरि शिष्य) शुभचन्द्र भट्टारक 585 , गु. 12/6 Ramakrişna Caupai लावण्यकीति 587 के.नाथ 19,121 रामकृष्गा-चौपई ... 24/83 महावीर 4 30 राम-चरित्र Rāma Caritra देवविजय (रामविजय ग. शिष्यतपगच्छीय मुनिकेशराज 589 | कुंथुनाय 12/215 रामयश-रसायन Rāmayasa Rasāyana 590 | के नाथ 19/105 प्रौसियां 4 30 रामायण Rāmīyaņa शिवलाल Rukmaņi Vivābalo किसनदास कुंथुनाथ 40/2_ रुक्मणी-विवाहलो | कोलड़ी 263 , -विवाह ,, Vivaha के.नाथ 22/67 | रूपकमाला-चरित्र+वा. 595 सुव्रत 49141| रूपचंद अमरराय-रास Rupakamālā Caritra+Bala| पुण्यनंदि/रत्नरंगो- | पाध्याय Rūpacanda Amara Raya नयसुन्दर (भानमेरु | प. Rāsa शिष्य ,, Rsi Rija Risa (मुनिटीकम) 596 , 44117 | रूपचंद ऋषिराज-रास 597 , 44162 कुंथुनाथ 55/2 चौपई ,, Caupai केशर मांडणो 2 प्रतिया 599- के नाथ 18-23. 600/ 14.9 601 | कोलडी 1341 ,, Mandani | टीकममुनि 2 copies ., Mindani ,, मांडणी 602 कुंथुनाथ 16/3 | रूपचंद-चौपई .. Caupai केशर 603 मुनिसुव्रत 4 अ 170/ रूपसून्दरी-कथा+पांडव-कथा Rapasundari+Pandava Katha 604 कोलडी 368 ,, Katha 605 के नाथ 3/3 | रूपसेन-कथा Rūpasena Katha जिनसूरि For Private and Personal Use Only Page #346 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जीवन चरित्र व कथानक : | 329 6 7 8 तिथि विचार पर प्रा सं. | 17 प्रोपदेशिक 8A 9 10 28 x 12 x 14 x 49 संपूर्ण 219 श्लोक + गद्य 19वीं ।। विस्तृत संस्करण 27x13x11x33 20वीं निशाल. रणछोड़ 19वीं 1635वीकृति प्रौपदेशिक-जीवनी मा. 26x11x16x40 , 406 गा. 25x12x14x29 ।, 5 ढाल 16x13x13x18 0X11 X 15X18 , 264 गाथा 17वीं तम्बा रोल x 13सेंटीमीटर , 85 गाथा 19वीं कृष्णचरित्र जैन मान्यता 26 x 11 x 18 x 52 | ,, 6 खंड 1723 कुच उर रत्नमुनि 26 x 11x14x45 अपूर्ण 5वें खंड की 8वीं । 19वीं ढाल 26 x || - 13x39 | संपूर्ण 10 सर्ग ग्रं. 5000/ 17वीं पद्मविजय द्वारा संशोधित हेमचन्द्रानुसार रामायण जन मान्यता रा कथा 24x11x10x34 , 62 ढाल ग्रं.4375 18वीं 25x13x15x48 | 1927 1680 की कृति चार अधिकार 3413 गा. , 16 ढालें 25x11x19x47 1882 कृष्ण जीवन-प्रसंग 15x26 x 30x25 78 छद 1741 मा. 3 27x11x17x38 19वीं प्रोपदेशिक-जीवनी प्रा.मा. 26x11x18x51 1582 जीवन-चरित्र काव्य मा. । प्रौपदेशिक जीवनी , 25x11x15x47 |, 6 खंड गा. 1735 17वीं ऋषि कुवरजी 26x12x16x61 , 11 ढाल,गा. 224 1702 मेड़ता | 1699 की कृति पंचाइजी 25x12x11x41 | 18वीं 14x10x8x36 21 ढालें 1853 , 11 ढाल 224 गा 19वीं 26x11-16/18x 52 26x11x16x54 22x13x11x36 अपूर्ण 7 ढालों तक 26x11x17x54 संपुर्ण 2 कथायें धर्मश्रवणे व विरक्ति- सं. पर , जीवनी - मा. 1760 ग्रागरा (पांडवकथा भाग वीरमजी वत स्कंधे 19वीं 26x10x15x46 प्रौपदेशिक-जीवनी सं. 25x11x17x36 1730 For Private and Personal Use Only Page #347 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 330 ] 1 606 सियां 3 या 155 रोहाकथा-सम्बन्ध 4105 ललितांग- कथा 608 सेवामंदिर 4 178 लीलावती विक्रम - चौपई के. नाथ 5/91 24/36 10/19 कुंथुनाथ 39/3गु कोलड़ी 607 609 610 611 612 613 614 615 616 619 621 622 623 617 618 मुनिसुव्रत 4 149 624 625 627 628 "7 629 71 630 " 2° 11 238 23 2 " 11 11 वज्रकुमार ढाल के. नाथ 19 / 101 वत्सराज देवराज रास कोलडी 69/6 के. नाथ 15/151 23/68 " " 17 620 मुनिसुव्रत 4165 वयरकुमार रास के नाथ 15/47 19/3 15/210 महावीर 4 63 वस्तुपाल - चरित्र के नाथ 19/34 | वासुदेव चौपई 626 महावीर 4 प्र / 9-10 वासुपूज्य चरित्र ओसियां 4 153 विक्रम-चरित्र महावीर 423 के नाथ 410 महावीर 45 11 11 3 " 37 17 " 33 के. नाथ 13/25 (सदय) वत्स - रास सुमति - विलास " 17 23 - चौपई -रास रास प्रबन्ध सज्झाय विक्रमादित्य चरित्र www.kobatirth.org Rohakatha Sambandha Lilauati Sumati Vilasa Lalitanga Katha Lilāvati Vikrama Caupai वाचनाचार्य श्रभय יך 39 Vajrakumara Dhala Vatsarāja Devaraja Rā a 23 3A 33 533 22 33 33 (Sadaya) Vatsaraja Rāsa Vayarakumara Råsa "" Caupai Rasa Rasa Prabandha Vastupala Caritra Vasudeva Caupai Vasupujya Caritra Vikrama Caritra Sajjhāya " Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भाग / विभाग : 4 ( अ ) - इतिहास व वृत्तान्त Vikramaditya Caritra For Private and Personal Use Only "1 विनयचंद लाभवजन उदयरत्न 31 लावण्य समय "" 11 4 रत्नवल्लभ सत्यसागर (भोजसागर शिष्य ) अज्ञात अज्ञात कुलसूरि जिन हर्ष (जयचन्द्र शिष्य ) हर्ष कुल वर्द्धमानसूर रामचन्द्र (अभयदेव शिष्य ) "" प. ग. प " 11 21 11 77 21 मू. ( प. ) ग.प. 31 ( पंचदण्ड तपछत्रबंधे ) प. शुभशील (मुनिसुन्दर शिष्य) 5 " Page #348 -------------------------------------------------------------------------- ________________ www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra जीवन चरित्र व कथानक : [ 331 6 7 8 8 A 9 11 10 | 19वीं जिनसुंदर 26x11x13x48 | संपूर्ण 6 ढालें प्रौपदेशिक-बुद्धि | दृष्टांत जीवनी 26x11x21x56 1562 सिरोही कुशलधर्म 19वीं मा. । 20x11x13x35 308 गाथा 1724 की कृति .. विक्रम जीवन-प्रसंग 25x11x13x31 26x10x14x37 29 ढाल,गा. 6000 जीवन-चरित्र , 27x12 14x47 346 गा. 1840 22 x 16 x 12 x 32 . 21 ढालें 1913 , जीवनी 27 x 11 x 17 x 62 , 4 ढाल 19वीं जीवन चरित्र, | 26 x 12x20x50 .. 6 खंड 1699 .. जीवनी , 26x11x17x50 चुटक 19वीं 26x11x19x47 | केवल 2 पन्ने मात्र अपूरणं 20वीं 25 x || x37x116) संपूर्ण ढाल 45, गा.964 19वीं 23x10x11x39 |, 4 खंड 1799 ,, जीवन-चरित्र , काव्य प्रशस्ति है (मूल प्रति?) 27x10x13x52 , 685गा. I.1011 1637 जीवन-चरित्र 26 x 11x15x52 89 गा. 17वीं 26x11x11x41 (पहिलापन्न 10 | 19वीं गा. कम) ,, 146 गा. पूर्ण में 89 गाथा होती है 25x11x13x33 26x12x13x50 27x13x15x36 , 8 प्रस्ताव प्रशस्ति कृष्ण-जीवनी 25x11x17x52 | ,, 356 गा. 18वीं तीर्थकर-चरित्र 191 4 27x13x12/13x 39/ | 31x11x15x53 | सर्ग, श्लो.4330/1949प्रमदाबाद नरोत्तम ग्रं.2550 | 1490 ऐतिहासिक-जीवनी ., | 26x11x17x52 1670 29x11x18x48 | अपूर्ण प्रस्ताव (ग्रं. । 17वीं 1928)+5वें के 37श्लो. | 30x14x11x55 | संपूर्ण 12 प्रकम 19वीं For Private and Personal Use Only Page #349 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 332 ] भाग/विभाग : 4 (अ)-इतिहास व वृत्तान्त 1 3A 2 3 | महावीर 4 1 विक्रम-कालीदास-प्रबंध (प्रबंधचितामणि से) प. Vikrama Kalidasa Pra- bandha Vikramasena Caupai 632 मुनिसुव्रत 4 9 143 विक्रमसेन-चौपई परमसागर (लावण्य सागर शिष्य) 633 | कोलडी 232 634 ___ 231 , 635 | के नाथ गु. 8 636 के नाथ गु । क्रिम-परचोर-कथा Vikramakhipara Coraलाभवर्द्धन Katla Vikramāditya Caupai 637 कोलड़ी 216 | विक्रमादित्य-चौपई 638 | के.नाथ 5/107 | कोलड़ी 1220 | विक्रम- कथा Vikrama Katha 640 | के नाय 2186 | विक्रमचरित्र चौपई Vikrama Caritra Caupai | हीरकलश 641 | महाबीर 4 976 | विक्रम-कथा , Katha अज्ञात 642 | कोलडी 226 विक्रमसेन-चौपई Vikramasena Caupai मानसागर 643 के.नाय 587 644 | कोलड़ी 163 विजयचंद्र केवली-चरित्र | Vijayacandra Kevali Caritra 645 के नाथ 22/61 चंद्रप्रभुसूरि 646 | कोलडी 1216 | (सागरचंद्र शिष्य) ? 647 कंथुनाथ 18/2 | विजयसेठ सेठानी-सज्झाय | Vijaya Sethe Sethani रायचंद Sajjhāya 648-9 के.नाथ 15/236, 2 प्रतियां 2 copies | हर्षकीत्ति 26/44 650 | कंथुनाथ 10/142 विद्यापति-कथा Vidyāpati Katha 651 के.नाथ 6/92/ विद्याविलास सौभाग्यसंदरी- Vidyivilāsa Saubhagya कथा Sundari Kathā महावीर 4 455 विमलनाथ-चरित्र Vimalanātha Caritra 652 ज्ञानसागर (रत्नसिंह) मू+प 653 के.नाथ 10/101 निमलवसही-प्रबंध Vimalavasahi Prabandha 654 महावीर 4438 , -रास ,, Risa लावण्यसमय | कोलड़ी 847 " -रास " Risa 656 मुनिसुव्रत 44 142 ,, Rasa For Private and Personal Use Only Page #350 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra जीवन चरित्र व कथानक : ऐतिहासिक जीवन सं. प्रसंग " 11 11 6 97 " जीवनी प्रोपदेशिक कथानक पुण्यप्रसंगे - जीवनी 17 ऐतिहासिक जीवनी 31 "" 11 ,, जीवन-चरित्र "1 11 71 जीवन-चरित्र "1 #1 12 11 शीलपर प्रौपदेशिक चरित्र "1 जीवन-चरित्र प्रोपदेशिक जीवनी तीर्थंकर - चरित्र जीवन-चरित्र मा. " " 31 11 "1 " 11 11 31 सं. मा. 71 प्रा. : = मा. 75 सं. 11 13 मा. 13 13 3 31 42 8 46 80 20 23 13 54 34 10* 222 223 32 42 19 26 190 12 22 8 6 141 5 85 31 40 www.kobatirth.org 8 A 30 × 14 × 17 × 42 प्रतिपूर्ण 25 × 11 × 19 × 51 संपूर्ण 64 ढाल, गा.. 1311 24 x 10 x 15 x 45 ,, TIT. 1315 26 x 10 x 16 x 50 26 × 11 × 13 × 48 25 × 11 × 14 × 34 28 x 11 x 17 x 62 16 x 14 x 17 x 16 त्रुटक 22 × 19 × 22 × 32 संपूर्ण 20 ढालें 22 x 11 x 13 x 34 27 ढालें 27 x 12 x 17 x 51 27 x 11 x 7 x 46 25 × 12 × 20 × 44 अपूर्ण 22वीं ढाल तक | 26 × 11 × 15 x 54 26 × 11 × 12 × 37 संपूर्ण 759 गा. 28 x 14 x 17 x 42 175 श्लो 52 ढाल 26 x 11 x 8 x 32 26 × 12 x 13 / 16 x 40 26 × 11 x 15 x 44 "1 25 × 11 × 16 x 46 "" 25 x 10 x 16 x 43 " " " 31 11 11 19 " 21 39 9 " 13 अपूर्ण 2865 गा. संपूर्ण 89 गा. 11 " 1519 ar 1064 गा ग्रं. ग्रं. 1400 28 x 13 x 16 x 43 25 × 11 × 13 × 38 अपूर्ण 25 × 11 × 11 × 34 संपूर्ण 9 खण्ड 32 x 11 x 21 x 54 21 गा. ग्रंथात्र 504 37 अनुच्छेद 5 सर्ग 5650 ग्रं. 1330 9 खण्ड + 10वीं चूलिका 17 For Private and Personal Use Only Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 19at 1727 मंडल, नरसागर 10 1762 1816 19वीं 1814 1832 19at 16वीं 19वीं 1852 1797 1818 1485 1863 71 19वीं 13 1695 19at 1958, राहेण सूरजूदास 19at 1662 1690 रामपुर हंस विमल 18वीं [333 11 1724 की कृति / प्रशस्ति है अंतिम 10 पंक्ति पालक पुत्र कथा Page #351 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.kobatirth.org 334 J भाग/विभाग : 4 (प)-इतिहास व वृत्तांत 3A Viradhavala Caupai देवराज Viiāngada Caupai पद्मविजय Vaidarbhi Caupai प्रेमराज 657 के नाथ 29/11 वीरधवल-चौपई | कोलड़ी 235 | वीराङ्गद-चौपई 659 मुनिसुव्रत 4 अ 121 वेदर्भी-चौपई 660 | .. 4 120 661 | के नाथ गु. 6 ) 662 | मुनिसुव्रत4 में 122 , 2 प्रतियां 2 copies 663-4 के.नाय 15-79, 24-60 665 | कोलड़ी 248 शंख-कलावती-दृष्टान्त Sankhakalāvati Drstāntaपजसवंत 666 | कुंथुनाथ 39/3 | शालिभद्र-सिलोको (श्लोकाः) | Salibhadra Siloko | रंगविसंघवी-सूत 667 मुनिसुव्रत 4 4 167 668 | कुंथुनाथ 55/10 ., चौढालिया ,, Caudhaliya पदमचदसूरि (पासचंद वडतपगच्छी) महावीर 4 4 14 | शालिवाहन-चरित्र sālivāhana Caritra शुभशील (मुनिसुन्दर शिष्य) 670 पौसियां 49887 घासनदेवी-रोहिणी कथादि Sisanadevi Rohini Kathadi महावीर 4 अ 27 | शांतिनाथ-चरित्र śāntiñatba Caritra जिनकल्लभ/-- मू.वृ. (प.ग.) प्रोसियां 4 986 मुनिदेवसूरि 673 | महावीर 4925 जिनप्रभाचार्य 674 माणिकचन्द्राचार्य ,, 4 4 24 के.नाथ 4/22 676 मुनिसुव्रत 4 4 145 अजित प्रभसूरि भावचद्रसूरि 677 के नाथ 23/48 महावीर 4 473 कोलड़ी 160 680 के नाथ 5-66 11-28 16-43 681 682 13-38 अजीतप्रभसूरि For Private and Personal Use Only Page #352 -------------------------------------------------------------------------- ________________ www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra जीवन चरित्र व कथानक : [ 335 6 7 8 8A ___10 ।। जीवन चरित्र 26x11x23x63 | संपूर्ण 8 ढाल 20वीं | |39 26x12x13x40 1875 रुक्मणी विवाह प्रसंग , 25x11x15x43 , ग्रं. 250 17वीं 26x11x15x40 17वीं बीकानेर 22x15x17x18 1742 26x12x16x41 ,, ग्रं. 205 1704 लालचंद 22 x 12 व 25 x 11 20वीं शील परजीवनी 26x11x13x45 194) जीवन-प्रसंग 22x16x12x32 , 46 गा. 1913 25x11x14x28 | अपूर्ण 18वीं 23 x 11 x 13 x 44 | संपूर्ण 4 ढालें 1729x पृथ्वी विमल 1961 सूर्यपूरे 28x13x13x42 , 1723 श्लोक जीवन चरित्र महा- सं. काव्य कथानक | 15x10x12x20 प्रतिपूर्ण 19वीं तीर्थंकर-चरित्र 27x11 x 15 x 45 | संपूर्ण 33 गा. 1531 अमदाबाद चरित्रपके धर्मसेन 25 x 11 x 17x66 , ग्रं. 4845 1520 उज्जैन झनकसुत 26x11x15x52 , ग्रं. 5000 प्रस्ताव | 16वीं 28x12x15x46 , पं. 50001612लालध्वज कर्णगणि 26 x 11 x 15 x 42 , 8 प्रस्ताव ग्रं. 5001 1697 26 x 11 x 17x52 |, 6511 (पहिला | 1684 जोधपुर 1535 की कृति पन्ना कम) मानसिंह | 25x11x17x51 संपूर्ण 6 प्रस्ताव 1763 25 x 12 x 15 x 48 26 x 12 x 15 x 55 1824 शुद्धदंति नंदलाल 1882 फलोदी गुलाबविजय 19वीं 25x11 x 15 x 35 | अपूर्ण 26 x 11 x 15 x 48| अपूर्ण (बिल्कुल) 26x12x17x48 For Private and Personal Use Only Page #353 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 336 ] 683 684 1 685 686 687 688 689 690 691 692 693 695 696 694 महावीर 4 33 के नाथ 3/16 13/31 707 708 704-6 के नाथ 709 711 697 मुनिसुव्रत 4 136 698 के. नाथ 6/63. 701 11/98, 24/82 5/61 702-3 कोलडी 69/7 1099 11-5, 14-132, 6-15 के नाथ 10/94 सियां 483 के नाथ 14-131, 17-59 712 713 "" 15 10 ? कोरड़ी शांतिनाथ - रास के नाथ 13 / 19 |शांन चौपई कुंथुनाथ 23/11 कोमड़ी 213 महावीर 4 ग्र 76 शीलवती - कथा के. नाथ 13/18 - चौपई 14/14 कोलड़ी 1332 368 शीलसेन - कथा नाथ गुटका 5 पक्षी कृष्णपक्षी - चोवई Suklapakşi Krsnapaksī Caupai 13-10 श्रीपाल - चरित्र Ścipāla Caritra " 251 कोलड़ी 1-34 142 सियां 1 97 " "} " "" "1 " " " 11 3 33 " www.kobatirth.org -रास 4 प्रतियां 2 प्रतियां सावचूरि 3 प्रतियाँ 2 प्रतियां 3A Santinath Rasa śāmba Pradyumna Caupai समयसुन्दर Silavati Katha " Caupai "" 33 Rasa Šilasena Katha भाग / विभाग 4 ( ) - इतिहास व वृत्तान्त For Private and Personal Use Only Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 4 copies 2 copies ज्ञानगागर 17 सामजिक सूरि दयासारमुनि कुशलधीर राजहंस रत्नशेखर " " 11 i. 4 21 गुणसागर ज्ञानविमल जयकीर्त्ति प. "" का प. 2 copies 3 copies | रत्नशेखर / क्षमाकल्याण मु . ( प.ग ) लब्धिसागर सत्यराज गरिए न. (५) 5 मू.ट (प.ग ) मू. (प.) प. 71 Page #354 -------------------------------------------------------------------------- ________________ www.kobatirth.org Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra जीवन चरित्र व कथानक : Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir [ 337 6 7 8 8A 10 तीर्थंकर-चरित्र | मा. 25x12x16x36 | संपूर्ण 66 ढाल गा. 1398/1888 ग्रं. 2200 27x12x15x38 , 21 ढालें (2 खंड)| 1671 जीवन-चरित्र 27x11 x 13x44 19वीं 26x11x15x44 , 2 खंड 21 ढाल, 542 गा. 222 श्लोक शील विषये-जीवनी 28x14x17x42 1952x | शीलोपदेशमालागोकुलदास वृत्ति 18वीं 26 x 12x17x52 |, 23 ढालें 26x11x17x63 | अपूर्ण 9वीं ढाल तक | 19वीं 126x11 x 17x42 | संपूर्ण 124 गा. | 26x10x15x46 19x13x11x17 , 135 गा. 26 26x11x17x55 सिद्धचक्र माहत्म्ये | प्रा. जीवनी 26x11x15x52 .. 1341 गा... | 1540 शिष्य हेमचन्द्र द्वारा 1674 1428 में लिपिबद्ध 1580x रामविजय 1334 गा. 1674 26 x 11x13x38 26x11x15x43 प्रामा. | 133 26x13x7x29 ,, 1343 गा., ग्रं. - 1676 1674 , 1343 गा., ग्रं. | 1847 जोधपुर 5000 राजेन्द्र प्रथम 2 पूर्ण अंतिम 2 प्रथम प्रति प्रथाय 1853 लिखे हैं प्रा. 21 53,21, 26x11x भिन्न 2 22,12 अपूर्ण | 19वीं 2,23 | 25x10 व 25x12 | अपूर्ण 16/20वीं प्रथम प्रति में चित्र 1 120 12162 .. प्रा.सं.60,125. 26 से 32x11 से 15 | संपूर्ण ग्रंथान 3022 | 19/20वीं 30x12x13x53 , 505 श्लोक 16वीं 25 x 11 x 16 x 46 | , 491 श्लो. ग्रं.500/ 1869 विक्रम पुर बखतसुंदर 18,1826x11325x12 | 475/90 श्लोक | 19वीं 19 25x11x 13x37 13X37 , ग्र.500 26 x 12 x 17x52 | , | 25 x 11 x 16 x 33 1795 1873 विक्रमपुर 4 प्रस्ताव For Private and Personal Use Only Page #355 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भाग/विभाग : 4 (अ)-इतिहास व वृत्तांत 338 ] 3A 45 714 कोलड़ी 860 | श्रीपाल-चरित्र Śripāla Caritra जयकत्ति " , 2 copies 715-6 | म्हावीर 4932 66/ 717 | कुंथुनाथ 3/55 | 718 मिवामदिर 44176 3 प्रतियां , -Caupai 3 copies | जिनहर्ष 719- के नाय 21-50-91 21 5-42 मू. (प.) 722 के नाथ 13-1 " -Rasa विनयविज्य 30 यशोविजय 723 , 20/37 724 | कोलडी 208 725-7 | कुंथुनाथ 13-60 । 6-15, 18-13 ,, 3 प्रतियां 3 copies 728-9 मुनिसुव्रत 4 135 2 प्रतियां 2 copies 37 130- 31 2 copies के नाथ 10-109 14-133 , 2 प्रतियां मू.बा. (प.ग.) " ,4 प्रतियां 4 copies मू.पद्य 2 copies मू.ट. (प.ग.) ,, Caritra 732- कोलड़ी 206 209 _ 3 10,1165/ 736-4, 205-7 ,2 प्रतियां 738 | मुनिसुव्रत4 अ 174 , , 739 प्रोसिया 4 अ 94 , -चरित्र 740 मुनिसुव्रत 3 5323| श्रीपूज्य प्राचार्य-गीत 741 | के नाथ 19/101 श्रीमती-ढाल मुनिसुव्रत 4 9 1 32 अकराज-कथा कोलड़ी 215 , -चौपई | देवमुनि (जिनसौभाग्य सूरि शिष्य) भिन्न 2 Śripūjya Ācārya Gita Śrimati Dahla Śrukarāja Kathā माणिक्यसुंदर ,, Caupai शोभाचंद 744 के.नाथ 15/189 श्रेणिकराजा-चौपई Śreņikarāja Caupai भुवनसोम 745 | महावीर 4 ग्रः षट्पुरुष चरित्र Şațpuruşa Caritra के नाथ 19/10 | सज्झाय ढाल-संग्रह Sajjhāyadhila Sangraha | संकलन 747 सेवामंदिर 49 194| सतन कूमार-नौढालिया Sanatkumāra Naudhaliya महानंद For Private and Personal Use Only Page #356 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जीवन चरित्र व कथानक : [339 6 8A | 10 11 सिद्धचक्रमाहत्म्ये जीवनी सं. 26 25 x 12 x 15 x 60 | संपूर्ण 4 प्रस्ताव 19वीं 44,47| 27x11 x 12/11 - | 26x12 x 12x34 1825 23x10x9x27 | 20वीं (मूल प्राकृतानुसार) 25 से 26 x 11 से 12 | संपूर्ण ढाल 21 से 49 तक 19वीं 34 26 x 12 x 15x40 , 4 खण्ड 41 ढाल | 1828 1270 गा. 1831 26x11x15x39 25x11x14x40 ग्रं. 1833 | 1831 " 10 103,48, 26 x 13x12/15x 68 361 ., , 19/20वीं | 56,24 24 x 11 x 13/8 x 40 प्रथम पूर्ण द्वितीय अपूर्ण 19वीं (चौथा खंड) व टब्बार्थ 60,33 | 26 x 11 व 25 x 12 | अपूर्ण चौथा खंड मात्र | 20वीं 78,75, 24 से 27x11 से 13 | प्रथम तीन पूर्ण, चौथी | 19वीं 44,5 अपूर्ण | 25 x 12 व 27x13 | प्रथम पूर्ण द्वितीय चौथा | 19वीं जोधपुर खंड मात्र 25x11x15x48 प्रपूर्ण 18वीं 72,45 24x12 x 20x48 | संपूर्ण चार प्रकाश 1937 1917 की कृति गुरुभक्ति व इतिहास जीवन-प्रसंग जीवन-चरित्र 24 से 26 x 10 से 11 | 7 आचार्यों के कुल 13 | 18वीं | गीत संस्कृत में गीत (1 बीसवीं का) 26 x 12 x 20 x 50 | संपूर्ण 19वीं 26 x 11 x 17x58 18वीं x धनजी शत्रुञ्जय माहत्म्ये 25 x 11 x 12 x 48 , 786 गा , ग्र. | | 19वीं 1179 26x11x15x50 1707 प्रोपदेशिक-कथायें 28 x 13 x 14x30 , लक्षण वर्णन कथा- 19वीं सह | 26x12x20x50 | , 38 जीवनियां : जीवन-प्रसंग 6 प्रकार के धार्मिक भेदों से रूपक प्रायः प्रसिद्ध (सात अप्रसिद्ध की अलग प्रविष्टियां करदी है) * मो. जीवन-प्रसंग 26x12x13x34 | 20वीं For Private and Personal Use Only Page #357 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 340 ] भाग/विभाग : 4 (अ)-इतिहास व वृत्तान्त 1 .2 3 3A 4 5 748 | के.साथ 19/13- सनत्कुमार चक्रवर्ती-रास - Sanatkumāra Cakravarti Rāsa पुण्य रत्न 749 कोलडी 245 अज्ञात 750-1 महावीर 4 32,57| समरादित्य-चरित्र 2 प्रतियां | Samarāditya Caritra प्रद्युम्नसूरि 2 copies 752 मुनिसुव्रत 3 इ323 | समुद्रपाल ऋषि चौढालिया | Samudrapala Rsi Caugha. उदयसिंह liyā 753 | कुंथुनाथ 54/3 || सम्यक्त्व-कौमुदी Samyaktva Kaumudi कोलड़ी 1077 , 812 मू.ट. (ग) 755 756 | महावीर 4 979/ 757 के.नाथ 11/113 758 के.नाथ 4/15 शांतिसागर मूल (पद्य) 759 के नाथ 23/53 मु.ट (पग) 760 | के.नाथ 6/106 761 के नाथ 21/81 पद्यानुवाद विनयचंद 762 के.नाथ 21/13 763 | कोलडी 151 | सागरचंद्र राजर्षि-कथा Sagara Candra Rajarsi | जिनहर्ष Kathā Sayara Setha ki Caupai | (हेमनंदन) के.नाथ 19/87 | सायरसेठ की चौपई 765 मुनिसुव्रत 4 169 सिकडाल-संधि Sikadāla Sandhi खेममुनि कोलड़ी 147| सिंहासन-बत्तीसी Simbāsana Battisi क्षेमकरणमुनि 767 | औसियां 6 इ39 हीरकलश 768 के नाथ 21/86 । कोनडी गु1/13/ । 770 । सेवामदिर 4 196 कुंथुनाथ 41/5 771 । 772 । , 19/2 773 | कोलड़ी गु. 3/2 । For Private and Personal Use Only Page #358 -------------------------------------------------------------------------- ________________ www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra जीवन चरित्र व कथानक: [ 341 8A ___10 11 प्रो. जीवन-प्रसग मा. 26x12x13x44 1274 गाथा 18वीं 1637 की कृति 26x10x15x56 " 85 गा. 15वीं 1677 की कृति जीवन चरित्र काव्य सं. 30x14 व 28x13 9 प्रकरण ग्रं. | 20वीं 4874 , 4 ढालें प्रशस्ति व भूमिका है। हरिभद्रानुसार जीवन-प्रसंग 26x11x14x52 1768 सं. 25x11x17x44 , 7 कथानक 17वीं सम्यक्त्व ऊपर कथायें 24 x 12 x 6 x 30 अपूर्ण पन्ने 10 से 94 | 1821 अंत 130x13x9x45 संपूर्ण 26X13x15x53 | , 7 कथायें 1883 पौहार्ण गुलाबविज 1955 नागौर नरोत्तम 26x11x15x45 | केवल 2 पन्ने प्रारंभ के अपुर्ण 27 x 11 x 14 x 42 | अपूर्ण 1482 श्लोक पहिला पन्ना कम 26x12x6x32 त्रुटक | 26 x 12 x 5 x 35 | अपूर्ण केवल 5 पन्ने प्रारंभ के 26 x 12 x 17x51 संपूर्ण 42 ढाल, ग्रं. 1 700 26x12x15x42 1856 1850 की कृति 23x13x13x32 , 8 ढालें, गा. 224 | 19वीं अष्टादश स्थान ज्ञान, पर दृष्टांत कथा जीवन-चरित्र 26x11x16x45 , 227 गा. 1804 25x11x17x54 | 1771 x ऋषि मोटाजी 1485 विक्रमकथा,भोजदर बार में 23x11x14x45 , 32 कथायें 26x11x19x70 1753 मनुदेश की सिमलसेव 19वीं 26x11x12x37 15 x 13 x 15 x 20 अपूर्ण (24 कथा तक) 24x10x15x40 त्रुटक 18वीं 19वीं अंत में चंद्र कुमार कथा अधूरी 25x17x11x20| संपूर्ण 32 कथायें | 23 X 14 x 18 x 4 | अपूर्ण 3 कथा | 15 x 14 x 16 x 22 , 18 कथा 1784 For Private and Personal Use Only Page #359 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 342] 1 774 779 775-6 के नाथ 9 32, 26/68 अ 777 मुनिसुव्रत 4 119 778 780 781 782 784 785 786 महावीर 4 58 के. नाथ 6/31 783 सेवामंदिर गु 5 दे 787-8 790 792 793 794 795 796 798 799 91 800 कोलडी 282 सिंहासन बत्तीसी-सज्झाय 801 11 2. के नाथ 15/71 सीता -रास 15/73, 227 789 मुनिसुव्रत 3३275 सुभद्रासती गीत " 18 29 27 "" सियां 2/249, 4 अ 96 के. नाथ 19/80 19/94 19/55 कोलडी 1175 30 " 17 1970 सुदर्शन सेठ-ढाल चरित्र 13 Sajjhaya सीताराम चौपई दो प्रतियां Sitarāma Caupai 2 copies समयसुंदर Lakşamana Caritra अज्ञात "" 23 के नाथ 19 / 13 सुर्मास्वामी - रास कुंथुनाथ 36 1 सुपय- रास क्रम 36 के नाथ 29/91गु सुबाहु-संधि 3 33 - लक्षण - चरित्र " 71 17 प्रबन्ध 11 13 सुरप्रिय चरित्र सुरसुन्दरी - चरित्र www.kobatirth.org 2 प्रतियां 2 प्रतियां 3 A Simhasana-batt|si 11 / 35 (स्थूली) थूलभद्र चंदाइए 39 S tā Rāsa 33 Sudarsana Setha Dhala " 39 35 Caritra "" 33 Sudharmasvāmi Rāsa Prabandha Suppaya Răsa Subahu Sandhi 22 कुंथुनाथ 20/18 797 मुनिसुव्रत 3323 सुरुपिऋषि - चौढालिया के नाथ 9/43 सुसद- चरित्र सेवामंदिर 4 175 सोमकथानक +5 व्यवहार Somakathanaka+5 Vyavahāra के. नाथ 15 / 231 स्थूलभद्र - चरित्र Subhadra Sati Gita 2 copies Surapriya Caritra Surasundari Caritra भाग / विभाग 4 ( अ ) - इतिहास व वृत्तान्त : Surupi Rşi Caudhāliyā Susaḍha Caritra Sthulibhadra Caritra For Private and Personal Use Only I Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सकलकीत्ति कवि दीपौ पुण्यरत्न T 2 copies | विनयचंद पुण्यसागर ! 19 4 वाचक जयनिधान धर्मवर्द्धन (,, ) धर्मंसी (,,) नय सुन्दर प्रज्ञात अज्ञात "1 (,,) Sthūlibhadra Candaina गुण सौभाग्यसूरि (प्रसिद्ध नाम जयवंतर प. 11 ग. प. 11 मू. ( प. ) प. 13 "1 37 13 " मू. प. ग. 13 5 प. Page #360 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जीवन चरित्न व कथानक : [ 343 11 6 7 8 8A 9 10 विक्रम कषा, भोजदर मा. | 2 27x11 x 19 x 48 संपूर्ण 3 ढालें = 66गा. | 19वीं । बार म जीवन-चरित्र , 16,1025x11x15x35/| अपूर्ण 51 जन मान्यतानुसार, 26x11x19x54 | संपूर्ण 18वीं सौता के जीवन प्रसंग 24x11x14x40 , 36 गा.पं.54 | 1744 26x11x15x45 , 35 गाथा 19वीं जीवन चरित्र मोक्ष 25 x 12 x 15 x 29 1939 27x12x16x35 .8 परिच्छेद ग्रं. 1955 900 26x11x15x36 , 144 श्लोक 19वीं पीलपर-जीवनी, मा 17x12 x 12 x 14 6 से 8 व 22 से 120 | 1901 गाथा 26 x 12 x 13 x 44 18वीं जीवन-चरित्र प्रोपदेशिक-जीवनी प्रा , 79 गा. 1544 16 x 13 x 15 x 24 18वीं सुखविपाक 1 25x10 व 26x11 | 87 गा. 19वीं जीवन-प्रसंग (शील 2 25x11x 13x35 , 36 गा. , 5 ढालें 20वीं 5,12*26x11x12/14x 35/ 27x11x15x42 जीवन-चरित्र प्रो. 8 , 1709 शील व नवकार माहत्म्य पर 26x12x15x42 |, 4 खंड-619 गा.|| 1825 25 x 11 x 15 x 54 | अपूर्ण 3 खंड-+-71 गा. 19वीं 25x11 x 12 x 48 लगभग पूर्ण (प्रथम व अंतिम पन्ना कम 26x12x11x38 | | संपूर्ण 510 गा. 20वीं जीवन-चरित्र मोक्ष , 25x11x17x52 , 35 गा. 19वीं प्रोपदेशिक-जीवनी प्रा. 25x11-13x44 , ,517 गा. (प्रथम पन्ना कम) 26x12x16x46 , नियम ऊपर मा. बीवन-चरित्र 26x11x13x36 , 25x11x13x34 148 गा. (पहिला पन्ना कम) ॥ For Private and Personal Use Only Page #361 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 344 1 802 803 804 805 806 807 811 812 813 814 815 816 817 818 819 820 821 822 823 824 10 2) कुंथुनाथ 2/39 स्थूलिभद्र रास के नाथ 15 / 226 14/16 14/67 13/33 " 2* ," 10-51, 18.0 19-66-102 कुंथुनाथ 18 / 14 के नाथ 14:73 कोलड़ी 264 गुटका 9/9 156 " 21 " 17 "" " " 17 " " " 3 कवित्त " गुण-रत्नाकर स्नात्र-पंचाशिका नवरसौ 4 प्रतियां सज्झाय के नाथ 10/ महावीर 4 अ 3 हरिविक्रम चरित्र सेवामंदिर गु. 2 दे हंसराज ( वत्स ) बच्छराज - चौपई के नाथ 19/119 5/98 कोलड़ी 9/2 कुंथुनाथ 55 / 24 हंसाउली- चौपई के नाथ 13/25 सेवा मंदिर 4 198 हीरविजयसूरि चोपई "} प्रबन्ध चौपई 11 77 " " + बा. www.kobatirth.org 825 कुंथुनाथ 9 / 113 हीरसूरि कथा 826-7 के नाथ 15-46, हीरा रूपचंदऋषि-रास 45 2 प्रतियां Sthūlibhadra Rasa 39 33 33 39 39 "" 23 , 33 "1 3 A Kavitta Guna Ratna kara Snātrapañcāśikā 37 33 Navaraso 4 copies Sajjhaya دو Harivikrama Caritra Prabandna Hamsaraja Vatsarāja Caupai 25 Hamsauli Caupai +Bala भाग / विभाग 4 (प्र) - इतिहास व वृत्तान्त For Private and Personal Use Only Caupai Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir लालमोहन " भगवतीदास सहजसुन्दर उदयरत्न 11 Hiravijaya Suri Caupai Hirasuri Kathā Hira Rūpacanda Rsi Rāsa कान्ह 2 copies 17 शुभवीर वीरविजय शुभशील 4 32 जिबच्छराज प. 19 21 " " " ग. आगमिक जयतिलकसूरि पद्य. (चरित्रसूरि शिष्य ) जिनोदयसूरि ( तिलक सूरि शिष्य ) मू.बा. (ग) 11 "" " 11 " 5 Page #362 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra जीवन चरित्र व कथानक : 6 जीवन-चरित्र 17 " " " 11 11 21 ,, (शीलवेली) "1 " "1 11 11 प्रोपदेशिक जीवनी 11 जीवन- प्रसंग मा. 11 पूजाफल पर दृष्टांत सं. जीवनी प्राचार्य की श्रौपदेशिक जीवनी cho सं. मा. सं. तीर्थे राज चरित्र दानपर प्रो. जीवनी मा. मा. 31 "1 11 = 11 71 = "1 37 "1 7 11 "1 11 12 4* 5 2 17 8 19 7,2, 111*,9 2 3 12 गुटका 20 34 100 23 38 37 गुटका 18 52* 2 18 5,5 www.kobatirth.org A 23 × 12 × 28 × 90 संपूर्ण 107 गाथा 25 x 11 x 13 x 34 108 गा. 26 x 11 x 14 x 37 26 × 12 x 17 x 45 26 x 12 x 15 x 43 22 से 27 x 12 से 14 25 x 11 x 19 x 50 26 x 11 x 13 x 42 25 x 12 x 12 x 36 16 x 12 x 13 x 20 27 x 10 x 13 x 32 28x12 x 11 x 37 25 x 12 x 12 x 42 26 x 10 x 11 x 29 21 × 1 3 × 11 × 25 26 × 11 × 13 × 40 27 x 10 x 13 x 52 23 × 11 × 17 × 42 26 × 13 × 11 × 36 26 × 10 × 14/13 × 32 17 | "3 13 "" " 11 11 21 27 93 11 " 9 पद " 4 अधिकार 23 9 ढालें "" ग्रंथा 108 11 17 ढाल 48 कथायें ग्रं. 775 1924 30 × 15 × 16 × 56 संपूर्ण 12 सर्ग ग्रं. 7450 20वीं 23 x 20 x 28 x 32 4 खंड 18वीं " 11 =422 TT. 19at अपूर्ण संपूर्ण 413 गा. पर 46 ढालें 910 गा. For Private and Personal Use Only " प्रथम 2 पन्न कम 488 गा अपूर्ण गा. 25 से 79 11 ढाल 19वीं 50 कथायें ग्रं. 431 1693 संपूर्ण 395 गा. 89 गा. Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (345 10 अंत तक 17वीं 19वीं 1784 1800 19/20at 19वीं 1879 1839 1850 19af 1628 नवानगर 1637 रत्नसागर 19af 18वीं 19वीं ।। Page #363 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 346 ] भाग/विभाग : 4 (प्रा)-ऐतिहासिक, भौगोलिक 1 3A 45 2 3 | के.नाथ गु.। | अडमठ तीर्थ-स्तवन | महावीर 3 अ 7 | अंगुलविचार-सत्तरी 68 Tirtha Stavana सोमहर्ष Angula Vicāra Sattari मुनिचन्द्रसूरि कुंथुनाथ 363 अंतरीक्ष पाश्व-स्तवन Antariksa Parsva Stavana | लावण्यसमय | के नाथ 17/29 | पाबूग्रादि लेख-संग्रह Ābūādi Lekha Sangraha के नाथ गुटका 10 प्राबू विमल शाह-छंद Abūvimalašāha Chanda कंथुनाथ 52: 2एकविंशति स्थानक-प्रकरण | Ekavimšati Sthāraka | सिद्धसेनसूरि मू. (प) मू.ट (पग) के.नाथ 14 138 के नाथ 11:26 9 के.नाथ 18/56 10 महावीर 447 मू.ट. (पग) 11 औसियां 2/236 के.नाथ 1199 4 प्रतियां 4 copies 13-6 के.नाथ 13729, 15/36,26/59 15/90 Osavamsa Utpatti | कोलड़ी 1275 प्रोसवंश- उत्पत्ति 18 | के.नाथ 29/57 प्रोसवालों की उत्पत्ति Osavālonki Utpatti | के नाथ गु 22 ,, के गोत्रों की उत्पत्ति | ,, ke Gotron ki Utpatti कंथुनाथ 5/107 प्रोसवाल (भीलड़िया बोहरा)/ Osavala Gotrotpatti गोत्रोत्पति . गुटका प. गुटका 1 | कापड़हेडा अष्टक व स्तवन | Kāpadaheda Astaka हर्षकूशल+ग्रानंद- Stavana निधान ,, 15/224 , पार्वतीर्थ-रास ,, Parsva Tirtha Rāsa दयारत्न 43/7 , पार्श्व-रास » Pārśva Rasa लक्ष्मीरत्न 24 के नाथ गु । , पार्श्व-स्तवन ,, , Stavana वेणीराम For Private and Personal Use Only Page #364 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra व अन्य वृत्तान्त : - 6 तीर्थों की नामावली | नापपद्धति तीर्थभक्ति व इतिहास मा. प्रावू, गोडवाड़ पंच तीर्थी, शत्रुञ्जय, तारगा के शिला लेखों की नकलें तीर्थ इतिहास तीर्थंकर जानकारी 21 द्वारों से 11 11 11 19 11 "1 " 21 ऐतिहासिक, न्यात गोत्र का - बापना व चौपड़ा गोत्र के 11 पत्र इतिहास संवत् 535 से 1365 | तक 42 पीढ़ियों की विगत तीर्थ इतिहास " " 7 11 मा. प्रा. सं. मा. SIT. प्रा.मा. प्रा. 11 प्रा.मा 11 17 प्रा. मा. 19 19 77 33 "1 11 13 2 3 2 48 6 3 42 5 4 9 6 8 5 8 13 16 187* 3 3 2 2 8A www.kobatirth.org → 3 × 19 × 21 × 27 संपूर्ण 25 गा. 29 x 12 x 17 x 59 70 गा. 26 x 10 x 14 × 42 7.6,4,225 से 26 x 10 से 12 21 x 10 x भिन्न 2 20 x 12 x 16 x 25 25 x 10 x 14 x 39 25 ×11×5×31 24 x 11 x 5 x 31 27 x 13 x 7 x 42 25 x 11 x 5 x 35 22 × 15 × 18 × 15 23 × 15 × 12 × 14 " "1 26 x 11 x 12 x 35 23 25 x 11 × 15 × 52 22 x 19 x 22 x 32 = "1 25 x 11 × 7 x 36 26 × 12 × 13 × 35 संपूर्ण 65 गा. 66 गा. 11 " 70 गा. अपूर्ण पन्न े 2 व 3 कम हैं "1 11 9 52 छंद 17 x 13 x 17 x 24 afaqui 12 x 15 x 17 x 15 5 लेख 103 TT. 69 गा. प्रथम 3 पूर्ण, अंतिम 52 गा. 11 69 गा. 11 " 67 IT. अपूर्ण प्रतिपूर्ण 22 × 19 × 22 × 32 | संपूर्ण 84 -34 गा. 43 TT. + 2 पत्र अलग हैं। 40 गा. 26 गा. For Private and Personal Use Only 1814 Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 1594 10 19 वीं 19वीं "} 19वीं 16वीं 17at 1727 1893 = 1811विक्रमपुर अंत में 2 गाथायें भीमविजय अन्य हैं 19वीं 31 1814 1797 19वीं [347 1814 11 1695 की कृति Page #365 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 348 ] भाग/विभाग : 4 (प्रा)-ऐतिहासिक, भोगौलिक 3A 4 1 2 • 3 25 | के.नाथ 29/4 | केसरियाजी-छद Kesariyaji Chanda 26-7 कोलड़ी 311/332 , रास 2 प्रतियां , Rasa 2 copies दीपविजय कुंथुनाथ 18/11 | क्षेत्र-विचार Kșetra Vicāsa औसियां 2 अ 138 , महावीर 2/69 | क्षेत्रसमास (बृहत्)+वृत्ति | Ksetra Samāsa जिनभद्र मलयगिरी के नाथ 9/29 +वृत्ति , +Vrtti , हरिभद्र मू.व. (प.ग.) मू.. औसियां 2/152 कोलडी 103 के.नाथ 13/26 +बा. +Bala. मू.बा. (प.ग.) मू. (प.) + मू+अ (प.ग.) मुनिसुव्रत 2/266 36 के नाथ 11/82 कोलड़ी 105 | कुंथुनाथ 38/3 मू.ट. (प.ग.) के.नाथ 10/93 महावीर 2/67 +वृत्ति +Vrtti ,, हरिभद्र मू.. के.नाथ 13/45 रत्नशेखर 1/14 +Vrtti मू.व. (प.ग.) मू.ट. (प.ग.) 6/28 23/21 + मू.अ. (प.ग.) |, 21/13 106 +बा. +Bala पं. दयासिंह मू बा. मुनिसुव्रत 2/267 | कोलड़ी 107 | , 1122 मू. (प) मू. (प) For Private and Personal Use Only Page #366 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अन्य वृत्तान्त : 1349 | 7 8 | 8A | 10 ।। मा. 22x11x14x32 संपूर्ण 45 गा. 1939 तीर्थ इतिहास, मराठों के समय की घटना तीर्थ इतिहास भक्तिरास जैन भौगोलिक 4,3 | 26x11425x12 19ों 25 x 11 x 10 x 30 अपूर्ण 25 x 11x9x41 1885 वाराणसी कुशल सुंदर 16वीं | मूल की गा 637 प्रा.सं. 26 x 11x15x54 संपूर्ण ग्रं. 7087 26 x 10 x 14 x 50 | अपूर्ण (ग्रं. 495 पूरे के)| नमि. सजल गा 109 26x12x11x40 संपूर्ण .. गा. 109 26 x 11x9 x30 1608 ,, गा. 136 प्रा मा. 26x12x14x40 1654 गा. 188 प्रा. प्रा सं. | 10 गा. 94 प्रा.मा. 18 गा. 153 26 x 12 x 6x42 1687णगढ 26 x 11 x 15 x 40 17वीं 26 x 11 x 5 x 35 1700 27x12 x 10 x 33 , (तीसरा पन्ना कम) 19वीं 26 x 12 x 7x42 अपूर्ण 163 गा. तक 26 x 13x15x37 संपूर्ण ग्र. 511 20वीं प्रा. ,, गा, 246 ,,गा (अपूर्ण) प्रा.सं. - 14 ,, गा 109 30x12x19x86 , 160 गा. 16वीं प्रा.सं. 17वीं 26 x 12 x 21 x 55 | 26 x 10x7x34 प्रा.मा. 261 गा. प्रा.सं. 28x12x7x40 , (पहिला पन्ना कम 25x11x13x41 263 गा. 1742 25x11x16x54 265 गा. (ग्रं. 1783 270) प्रा.मा. | 128 | 26x12x16x45 , 262 गा. (ग्रं. 1803 जोधपुर नक्शे 194 ग्रं. 4117) प्रमाण गिने हैं प्रा. 13 22x10x13x35 , 465 गा. 1832 प्रा.मा. | 41 | 25 x 11 x 4x32 | संपूर्ण (पहिला पन्ना कम) 1837 For Private and Personal Use Only Page #367 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 350 ] भाग/विभाग : 4 (प्रा)-इतिहासिक, भौगोलिक 1 2 . 3A प्रोसियां 1/140 क्षेत्रसमास Kşetra Samāsa रत्न शेखर | मू.ट. (प ग.) 51 | कोलड़ी 104 +बा. +Bala , /पार्श्वचंद मू बा. (प.ग.) प्रौसियां 2/141 मू (प) कोलड़ी 1155 कुंथुनाथ 32/6 2 प्रतियां 2 copies 55-6| के.नाथ 21/19 10/32 | 18/5 कुंथुनाथ 42/8 के नाथ 9:34 +बा +-Bala. दयासिंह मुनिसुव्रत 2/324 +वृत्ति +Vrtti के नाथ 15/173 मू ट. (प.ग.) मू. (प) मू. बा. (प.ग.) मू. वृ. (प.ग.) मू. (प) म् वृ. (प.ग.) मू (1) मू.व. (प ग) मू.ट. (प ग.) मू.व. (प.ग.) 6/52 11/69 सोमतिलक 23/8 +वृत्ति + , , देवसुंदर 6/55 5/47 26/76 | ,, 15/175 कुंथुनाथ 14/11 -चौपई Caupai मतिसागर (गुण मेरु शिष्य) महावीर 2/68 71 के.नाथ 23/13 Bālāvabodha 2 copies , Suca Yantra | सुमति वद्धन ग. तालिका 72-3 | के.नाथ 13/49, , बालवबोध 15/78 2 प्रतियां 74 | कुंथुनाथ 2/15 , सूचायंत्र 75 ... 25/5 | खंडाजोयण 76 | के नाथ गु. 16 | खंडेलवालों की उत्पत्ति Khandājoyaņa Khaņdelavalon ki Utpatti For Private and Personal Use Only Page #368 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org व अन्य वृत्तान्त : [ 351 6 7 8 8A ___10 जन भौगोलिक प्रा.मा. 25x12x4x28 11869 महिमापुर लक्ष्मीरम 1882 25x11x4x40 , 265 गा. 26x11x18x60 , 262 गा. 19वीं बीकानेर नक्शे सह 25 x 11 x 13x36 26 x 12 x 12 x 40 (पहिला 19वीं पन्ना कम) 264 गा, 22,24] 29x12426x11 262 गा. प्रा.मा. 2025x12x15x34 प्रा. 7 27x11x8x56 16वीं प्रा.मा. 25x11x17x55 | अपूर्ण खंड 3 गा. 20 तक 17वीं गा 389-1-20 प्रा.सं. 13 25x12x11x56 1782 कर्म वा दालत सागर 18वीं प्रा. 9 26x11x13x45 त्रुटक प्रा.मा. 26x11x4x36 | अपूर्ण 128 गा. तक 19वीं प्रा. 26x11x17x62 | संपूर्ण 384 गा. 1516 प्रा.सं. 27x11x15x42 17वीं प्रा.मा. | 23x12x4x26 |, 103 गा. 1844 (सिरिवीरजिणं दिय प्रा.सं. 26x11x15x50 | अपूर्ण बीच के पन्ने 16वीं 26x11x17x56 17वीं 26x11x11x40 19वीं रचना संवत् 1594 | 27x10x16x52 | संपूर्ण 43 उल्लास गा. | 1639 636 | 26x12x17x47 578 गाथा 17वीं 9 26x11x23x72 19वीं .. 26 x 11 व 25 x 10 | अपूर्ण 27 x 12 - संपूर्ण नक्शों सह 1940 26 x 12 x 21 x 54 , नौ वां पन्ना कम | 18वीं 15 x 15 x 13 ~ 13 | प्रतिपूर्ण 1747 अंत में मांकित की 123 पमा 34 गोत्रों की उत्पत्ति इतिहास सह For Private and Personal Use Only Page #369 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 352 ] भाग/विभाग : 4 (प्रा)-ऐतिहासिक, भौगोलिक 3A के नाथ 29/23 | गांगाणी-स्तवन Gāngāņi Stavana समयसुंदर Jasavilāsa Jambūdvipa Vicāradi Jambūdvipa Sangrabaņi हरिभद्र मू.अ. (ग.प. 78 | सेवामंदिर गु. 5 ति| जसविलास | के.नाथ 15/41 | जंबूद्वीप-विचारादि कुंथुनाथ 18/7 | जंबूद्वीप-संग्रहणी +अ. सेवामंदिर 2 9 263 | नौ सया 2/245 सेवामंदिर 2/370 मू. (प.) मू.ट. (प.ग) 84 | मुनिसुव्रत 2/261 | गौसिया 2/188 ., 2/299 85 | 87-8| के.नाथ 10/37 व 2 प्रतियां 2 copies 21/5 89 | 15/192| जनबद्री (गोमटेश्वर) यात्रा | Jaina Badri Yatra ग. (पत्र) माणकचंद अग्रवाल (गर्ग) 90 | प्रौसियां 4 पा7 के नाथ 15/85 तीर्थमाला-स्तवन Tirthamala Stavana 92 सेवामदिर 4 या 15 तीर्थकर-कल्याणकादि Tirthankara Kalyāṇakādi ग. तालिका 93 के नाथ 18/83 3 प्रतियां , , 3 copies 94-6 महावीर 3 पा 104 10-13 , , 8 प्रतियां | , , 8 copies 97- | कुंथुनाथ 4/94, 104 14/39-40, 34/7-9, 37/16, 13 105- | महावीर 4 9 44 | से 4651 ,, च्यवनादि 4 प्रतियां , Cyavanidi 4 copies 107- मुनिसुव्रत 3 इ321 10] ,, नामावली 2 प्रतियां ,, Namavali 2 copies 111- | महावीर 771-2 12] , राशि आदि 2 प्रतियां ,, Rasi Adi 2 copies For Private and Personal Use Only Page #370 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अन्य वृत्तान्त : [ 353 6 7 | 8 | 8A 10 11 तीर्थ इतिहास भक्ति मा. 25x11 x 13x33 | संपूर्ण 17वीं प्राचीन नाम अर्जुनपुरी बीकानेर से शत्रुञ्जय यात्रा तीर्थ यात्रा वर्णन, 15x10x28x28 61 पद 25x11x15x47 | 19वीं जन भौगोलिक+ अंतरीक्ष जन भौगोलिक प्रा.सं. 25x11x5x54 , 30 गा. 1778 26x11x15x43 18वीं 25x11x18x52 18वीं x विनय विजय 11844 जैस नमेर बीजक-सह 26x12x4x33 , 29 गा. 20x10x4x22 1847 26x12x4x35 , 30 गा. ग्रं. 15019वीं मेघविजय 26x11x11x37 , पाणं नि 28x11 व 25x11 19वीं 24x12x17x35 1879 बाहबलिप्रादि दक्षिण हि. भारत तीर्थ मात्रा वृत्तांत 43x11x12x48 1928विक्रमपुर तीर्थ संबन्धी इतिहास मा. 26 x 11x14x50 19वीं सं.मा. 26x11 - भिन्न 2 पन्ने प्रतिपूर्ण भिन्न-2 द्वारों से __ जानकारी 17/18वीं 26 x11x10x28 | प्रतिपूर्ण 19वीं 4,2,5 25 से 28x11 से 13 19/20वीं मा.सं. 1,1,1, 20 से 26x9 से 15 2,1,5, 12,1 | मा. | 2,5,9, 20 से 26 x 11 से 12 अप्रथम 3 पूर्ण, चौथी अपूर्ण| 19, 20वीं | 22x10x भिन्न 2 प्रतिपूर्ण 19वीं | 13,2 | 26x12x , तीर्थंकर ज्योतिष जानकारी For Private and Personal Use Only Page #371 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org www.kobatith.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भाग विभाग : 4 (प्रा)-ऐतिहासिक, भोगौलिक 354 ] 3A 5 ग. तालिका 113 | महावीर 4 अ 48 तेवीस युगप्रधान-यंत्र | सेवामंदिर 2/377 द्वीप-विचार कोलडी 1217 धनुपृष्ठाद्या नयनप्रकार Tevisa Yuga Pradhana Yantra Dvipavicāra संकलन मू.ट. । Dhanuprsthdāyā Nayana. prakāraḥ Naraka kā Vsitānta Gaccha 116 सेवामंदर 4 या 13 नरक का वृत्तान्त । | के.नाश 5/81 पट्टावली-उपकेशगच्छ Pattāvali-Upakeśa Gaccha । 118 के.नाथ 15/240 , -पोसवाल-गच्छ , Osvāla Gaccha । -कडुवामति-गच्छ -Kaduvāmati । के.नाथ 17/26 के नाथ 15/104 -खरतर-गच्छ -Kharatara Gaccha । 121ौसियां 29 152 । 122 | महावीर 4 या 3 । 123 सेवामदिर 4 या 14 । 124 के.नाथ 5/27 । 125 | महावीर 4 पा-2 । 126 सेवामंदिर 4 प्रा-100 ग. तालिका । । 127_ कुंथुनाथ 17/12 128.. 14/29 । , 5 प्रतियां , 5 copies । 129- के नाथ 15/19933 221, 18/72, 19/106 29/55 134 | कुंथुनाथ 15/52 । 135 कोलड़ी 848 -Tapagaccha । " -तपगच्छ (बड़गच्छ शाखा) 136 कोलड़ी 849 । 137 | । 138 कोलड़ी 929 । 139 कुंथुनाथ 14/1 । For Private and Personal Use Only Page #372 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir व अन्य वृत्तान्त : [355 6 9 10 11 7 | 8 | 8A प्राचार्य सम्बधी | मा. 2 26 x 12x - जानकारी जंन भौगोलिक प्रा.मा. 24x11x4x25 प्रतिपूर्ण 19वीं 18वींx पं. श्रीलाल 1477 26 x 11 x 24 x 62 संपूर्ण नरकों की जानकारी 26x12x13x54 प्रतिपूर्ण 20वीं प्राचार्य पाट-परंपरा 26 x 11x14x35संपूर्ण 1689के बाद की अंत में साधु समा चारी भी है 19वीं 25x11x16x43 अपूर्ण 30 x 16 x 17 x 50 | संपूर्ण 26x10x15x48 1555 123* 26x12x11x40 , 10 श्लोक 26 x 11x19x56 16वीं युगप्रधानों के ही विवरण 17वीं साथ में अन्य संलग्न इतिहास 1701 के पास- 68 पाट तक पास 1796 24x11x8x48 25x11x11x40 26 x 11x15x50 संपूर्ण 60वें पाट राजसूरि 18वीं तक 26 x 13 x .- भिन्न 2 पन्ने 68वें पाट 1834 के पहले 26 x 10 x 16 x 50 अपूर्ण 40 पीढी तक 19वीं 26 x 11 x 15x65 संपूर्ण तक 2,22, 24 से 28 व 10x14 16.9 25 x 11 x 12 x 40 , जिनराजसूरि तक 194) 30x12x13x30 1767 के लगभग 30x11x11x32 1814x प्रमोदविजय 19वीं कल्पसूत्र वाचनान्त 26x11x13x40 " 65 पाट तक गत 24x11x - 69 पाट तक 11x24x - , (दो बार लिखी हैं) For Private and Personal Use Only Page #373 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 356 ] भाग/विभाग : 4 (प्रा)-ऐतिहासिक, भौगोलिक । 2. 3 3A 4 5 140- ग. तालिका 43 कथुनाथ 18/31 | पदावली-पार्श्वचदगच्छ | Pattāvali Parsvacanda 34/11-12 4 प्रतियां Gaccha 4 copies 12:213/ ,, -खरतरगच्छ , -Kharatara Gaccnel - १. धाबत (हावत) ,, -Dhābaita लाभसूरिद 146 , Labhasuri | वाचक बिनयभक्ति 147 144 कुंथुनाथ 10/194 के नाथ 19/45 ..17/62 26/10 3गु ... 23/29 | 149 सेवामंदिर 4 या 13| | कुंथुनाथ 33/5 ,, -लाभरि धाबत (द्वावत) , खरतर गच्छ अन्य 32 , -सामान्य | संकलित ,, Kharatara Gaccha etc General 148 -भिन्न 2 Different 150 | , -मामान्य Gen:ral ग. तालिका 151- | महावीर 2/99 से परिचिउपाय-यत्र 3 प्रतियां Paridhi Upayayantra 53 101 3 copies 154 के नाथ 26/11037. पार्श्व ओंकारेश्वर तीर्थ Pārsva Onkāreśvara Tirtha 155 ग्रौसियां 2/238 पांचमा यारानाभाव Pancamā Ārānabhāva ग.प. 156 | के.नाथ 17/40 प्राचीन जैन बौद्ध शिलालेख | Pracina Jaina Bouddha प्रशस्ति आदि epigrams etc 157 कोलड़ी 447 | बीसविरहमान 11 बोलादि |Bisa Viharamana 11 Boladi 158 महावीर 3 इ15 नामादि ,, Namidi 159 सेवामंदिर 4 या 1 भंसालियों की वंशावली Bhansaliyon ki Vamsavali ग. तालिका 160 अज्ञात | औमियां 2/172 | भूगोल व अंतरीक्ष विचार. सग्रह के नाथ 1892 | भौगोलिक-तालिकायें Bhugola & Antariksa Vicăra Sangraha Baugolika Tālikāyen 161 संकलित : 162 Mangala Paccisi 163 कुंथुनाथ 37/13 मंगल-पच्चीसी के.नाथ 10/50 | मनुषक्षेत्र-समास .. 29/56 | यतिकलह Manuşakşetra Samāsa 164 Yati Kalaba 165 | महावीर 4 949 यूगप्रधान नाम प्रायू पर्यायादि Yuga Pradhana Yantra यत्र भद्रबाहुप्रगीत देवेन्द्र-| ग. तालिकायें सूरियंत्रित 166 |, 4450 167 | प्रौसियां 2/230 | लोकनालि द्वात्रिंशिका+अ | Lokanali Dvātrinsika मू+अ(प.ग.) For Private and Personal Use Only Page #374 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra व अन्य वृत्तान्त : " प्राचार्य पाट परंपरा सं.मा. 21 "1 11 11 6 , जैन भौगोलिक तालिका भौगोलिक श्रागमा नुसार भूगोल विविध बोल "1 मा. : जैन लोक स्वरूप भूगोल 1= तीर्थ इतिहास सं. युगन, भविष्य - मा. वाणी इतिहास एवं भाषा- सं. लिपि विज्ञान (प्राचीन) भिन्न 2 द्वारों से जानकारी संद्धांतिक जानकारी मा व प्रौपदेशिक विधि गोत्र की पीढियां सं.मा. मा. 7 " = "" तीर्थंकरों के 5 कल्याएक जैन भौगोलिक पालीताणा की घटना मा. का वृत्तांत दुःख प्राभूते जैनाचार्यों की नामावली 31 प्रा. " प्रा.सं. 1 1, 13, 1 24 से 26 × 8 से 12 10 8 7 प्रा.सं.मा. 12 20 21 1 1 2 8 8 26 x 12 x 13 x 44 25 × 12 x 20 x 56 26 × 12 x 15 x 45 26 × 1 2 × 14 × 38 | प्रतिपूर्ण स्फुट पत्र 26x12x अपूर्ण 20वें पाट तक 8,8,8 25 x 12 x प्रतिपूर्ण 6 11 38 12 4 6 3 34 8 A 27 2 www.kobatirth.org 26 × 11 x 11 × 34 25 x 12 x 15 × 35 30 x 16 x 16 x 40 •30 × 11 x 15 x 43 26 × 12 x 13 x 35 25 × 11 × 20 × 56 संपूर्ण 25 x 12 x 10 x 34 29 x 10 x 40 x 18 29 x 14 x 11 x 27 संपूर्ण नाम मात्र 37 भिन्न 2 24 x 11 × 14 × 42 23 x 10 x 11 x 42 21 x 11 x 15 x 32 27 x 12 x 14 x 41 11 " 11 11 27 11 13 17 11 "1 11 9 21 11 69 पाट तक 5 पट्टावलियां 20 जिनेश्वरों की 31 25 गा. 11 95 गा (पहिला पन्ना कम) 2 बार 17 गा, For Private and Personal Use Only 26x12x – किंचित् अपूर्ण 27 × 11 × 11 × 39 संपूर्ण 32 गाथा की "1 11 19वीं 18वीं 18/19वीं 19वीं 20वीं "1 18वीं 19वीं "1 Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 10 20 वीं 1924 "" 19वीं 31 " " 2004 युगप्रधान |1841 स्तंभन, की कीर्तिभुवन [357 11 साथ में आत्मप्रबोध सज्झाय पट्टावलीमा वर्णन चरित्र च्छ विशेष की नहीं भिन्न 2 गच्छों की च्छ विशेष की नहीं 19वीं 15वीं देवसुंदर अंतिम गाथा की | ( सत्यमेरु शिष्य ) अवचूरि नहीं Page #375 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 358 ] भाग/विभाग : 4 (प्रा)-ऐतिहासिक, भौगोलिक 4 5 मू.बा. (प ग.] 12. 3A 168 के.नाथ 5/74 | लोकनालि-द्वात्रिशिका+बा.| Lokanāli Dvāuimsika +Bala. 169 | , 15/8 , +बा. , +Bala. 170 कुथुनाथ 3/62 __ मू. (प) मू.बा. (प ग.) 171 औसियां 2/158 1, +बा " +Bala 172 | के नाथ 11/72 173.4 , 18/49 6/79 +बा. । 2 प्रतियां +Bala. 2 copies 175 | " , +बा. " +Bala. 116 मू+ट (प.ग.) प्रोसियां 2/225 सहजरत्न कुंथुनाथ 4/84 177 | के नाथ 18/51 , ,, की अवचूरि , ,ki Avacuri ज्ञानसागर कोलड़ी 1238 लोकान्तिक देवस्तव +अ. | Lokāntika Devastava कुंथुनाथ 42/16 | शत्रुजय-कल्पस्तोत्र - बा.| Satrunjaya Kalpa Stotra | पादलिप्ताचार्य 180 के.नाथ 10/60 , कल्पस्तोत्र मू.अ. (प.ग.) मू बा. (प.ग.) 179 +Bala. मू.ट. (प.ग) 181 | प्रोसियां 2/416 , लघकल्प , Laghukalpa ,,उज्झयंत रेवतगिर-कल्प जिनप्रभ (तीर्थकल्प) पद्य faasis 182 के नाथ 8/12 183 मुनिसुव्रत 3 इ-245 „ Ujjhayanta (R) Kalpa , Uddhāra Rāsa , उद्धार-रास नयसुन्दर 184 | , 35316 185 | कुंथुनाथ 25/6 186 | के.नाथ 10/15 187-8 , 19-42, 21-40 , 2 प्रतियां ,, 2 copies " , 7 प्रतियां ,, 7 copies 189-कोनड़ी 361 से 63, 95/ 1097/8, 1127-41 196 वामंदिर 4 प्रा-12/ 197 - कोलड़ी 415 , नाम , Nama 198 445 , -माहात्म्य ,, Māhātmya धनेश्ववसूरि For Private and Personal Use Only Page #376 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir व अन्य वृत्तान्त : [ 359 ____ 6 7 8 8A ____10 26x11x4x45 , 32 गा. 16वीं जैन भौगोलिक प्रा.मा लोकस्वरूप लोकस्वरूप-भूगोल | 27x11x17x60 1695 | 23x11 x 10x33 (31वीं नहीं) 1805 प्रा.मा. 25x11x13x39 1844 पाली 26x11x7x37 19वीं 27x12 व 26x11| प्रथम पूर्ण द्वितीय में। 20 गा. 26x12x17x5 20वीं मांडवी बदर 19वीं प्रा.मा. 26x12x4x34 27x11x19x67 , ग्रं 150 16वीं अंतरीक्ष देववर्णन 26x11x15x42 , 16 गा. 19वीं तीर्थभक्ति इतिहास | प्रा.मा. 27x12x14x42 39 गा. भद्रबाहुरचित, वज्र स्वामी उद्धारित 26x12x6x40 1928 13* 26x13x16x30 1953 26x11-17x48 16वीं 26x11x15x56 111 गा. 1769 24x10x13x36 107 गा. 18वीं 26x12x12x48 , 119 गा. 1821 अंत में दिवाली सज्झाय गा. 27x11 x 15 x 43 . 124 गा. 1848 25x12 व 28x12 114/122 गा. | 19वीं 7,4,9, 24 से 27x11 से 12 प्रथम 3 पूर्ण शेष 4 5,2,5, अपूर्ण 27x12x11x43 संपूर्ण 121 गा. तीर्थ नामावली | 26 x 12 x9x36 | , 99 नाम तीर्थभक्ति इतिहास सं. 25x11x19x60 टक प्रथम खंड 9 सर्ग - 18वीं For Private and Personal Use Only Page #377 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 3601 1 199 महावीर 4 ग्रा 4 के. नाथ 13/2 कोलड़ी 1142 के नाथ 21 /50 19/124 15/124 कोलड़ी 261 कुंथुनाथ 16/12 2079 के नाथ 18-76, 18-12 200 201 202 203 204 205 206 21012 219 220 221 213- कोलड़ी 243, 15 259-60 216-7 कुंथुनाथ 14/3, 9/123 218 कोलड़ी 308 सेवामंदिर गुटका उति कुंथुनाथ 56/4 कोलडी 1184 - D 222 223 224 225 226 227 228 11 229 11 23-88 ओसियां 4 श्रा 5-8, 3 इ 203 2. 11 11 17 312 शत्रुञ्जय माहात्म्य " 33 31 19 " "1 33 "" 12 "" "" 19 71 22 "1 " " 31 " 3 11 37 " " "1 महिमा वर्णन ?" -रास 37 - उल्लेख - विचार 17 -रास 13 21 "1 कुंथुनाथ 36/1 -स्तोत्र क्रम 31 महावीर 3 इ 355 शास्वत जिनबिंब-स्तवन 3 इ 42 के नाथ 19 / 131 | 14/106 नाथ 5/108 महावीर 2/57 सत्तरिसय ट्ठारण संघवर्णन -स्तवन 3 प्रतियां 3 प्रतियां 3 प्रतिया 2 प्रतियां + अ. + अ. + बा. जिनप्रतिमा संख्या कथन www.kobatirth.org Satruñjaya Mahatmya ין 39 "" 23 " 39 "" 33 37 39 ,, Mahimā varnana " 33 33 33 3A " " :9 Rāsa 22 33 20 35 " " Stotra भाग / विभाग : 4 (प्रा) - ऐतिहासिक, भौगोलिक Rasa Vicara 3 copies 3 copies For Private and Personal Use Only ,, 3 copies 2 copies Sangha Varnana ऋषभ Stavana पार्श्व चंद + Bālā, Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Pratima Sankhyā Kathana Sattari Saya Thāṇa धनेश्वरसूरि हंस रत्न जिन हर्ष प्रानंदनिधान गुलाल विजय ( शिष्य ? ) समयसुन्दर 17 37 4 " "1 सोमसुन्दर शिष्य अमृतमुनि पद्मनंदि Śāsvata Jinabimba Stavana देवेन्द्रमूरि / ,,1 , / कनकसो गरि मु.बा. ( प. ग.) "1 जिनेन्द्रसागर प. सौमति कसूर ग. प. ग. प. 13 "P 21 13 "1 5 मु. अ. (ग. प.) प. "1 मू.ट. (प.ग.) मूल Page #378 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir व अन्य वृत्तान्त : [ 361 6 7 8 11 तीर्थभक्ति इतिहास सं. 8 A 9 ___10 27 x 13 x 13x48 | संपूर्ण 14 सर्ग 1961 27 x 12 x 15 x 40 मूल की व्याख्या अपूर्ण । 19वीं 27 x 13x15x40 अपूर्ण 22 ढाल तक तीर्थ वृत्तांत 26 x 13 x 11 x 32 | संपूर्ण 1897 ,, इतिहास 25x13x15x351 1940 तीर्थभक्ति इतिहास 26 x 12 x 16 x 29 , 4 ढालें 19वीं अंत में 21 गा. का पौषधस्तव 24x10x7x26 , 7 ढालें 1929 5 26x12x14x42 1846 5,6,7 | 23 से 27x10 से 13 | 102/7 गाथा 19वीं 8,5,6 | 23 से 27x10 से 12 , 6ढालें 108 गा.. , " 5.4,6 | 25 से 26x11 से 12 19/20वीं 24x11 व 23x15 24x11x11x32 19वीं नेमीदास की तीर्थ यात्रा का तीर्थभक्ति इतिहास अंत में स्तवन प्रेमविजय रचित 16 x 13x13x 20 " 45 गा. 1651 26x11x13x42 42 गा. 18वीं 27x11 x 17x60 53 गा. 17वीं 26x12x14x46 207 10 ढालें 1847 __24 श्लोक 1544 प्रतिमाओं की जान- प्रा.सं. 26x11x13x44 24 गाथा 18वीं कारी 25x11x18x52 19वी हेमविजय प्रा.मा. 5 26x10x11x34 22 गाथा 16वी मा. 26x12x15x38 ढाल दोहे आदि | 19वीं प्रा.मा. | गुटका | 16 x 23 x 11 x 20 46गा. 170 द्वारों से तीर्थ कर जानकारी 1797 1616 सौभाग्यगरिम 26x11x15x51 359 गा. For Private and Personal Use Only Page #379 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 362 ] भाग विभाग : 4 (प्रा) ऐतिहासिक, भौगोलिक 3A 5 Sattarisayathāņā सोमतिलक रि मू.ट मू.ल. 230 | के.नाथ 6/1 | सत्तरिसय ट्ठाण 231 , 21/28 | , 232 | महावीर 2/102 , यंत्र कुंथुनाथ 10/133| समवसरण-स्तव , Yantra ग. तालिका Samavasarana Stava मूल पद्य 234 महावीर 3 इ355| 235 , 3 इ355 , , सोमसुन्दर 236 , 4 ग्रा। सम्मेतशिखर-माहात्म्य Sammetasikbra Mahā. | लोहाचार्य tmya 237 | के नाथ गु. 29 , रास , Rāsa सौभाग्यसूरि कोलड़ी 452 | सातसमुद्घात Sātasamudghāta 239 | कुंथुनाथ 55 | सुवर्णगिरि मंडन महावीर | svarnagiri Mandana सारंगवाचक -स्तवन Mahavira Stavana 240 | प्रोसियां 2/297 | सूर्यशतक +अ. Sūrya Sataka | मुनिसुन्दर शिष्य | मू.अ (प ग) भाग : 5-जनेत्तर धार्मिक : | महावीर 5 अ 25 | अग्निहोत्र-विधान Agnihotra Vidhāna कुंथुनाथ 14/56 | अजपागायत्री Ajapāgāyatri 3मवामंदिर दे गु. 20 | अनुभव-विलास Anubhava Vilása रामचरण 4-5 कुंथुनाथ 25/3-4/ अपराजिता-स्तुति 2 प्रतियां Aparajita Stuti 2 copies | स्कन्दपुराणे 6 , 14/53 | अभयमुखीदान-प्रयोग । Abhayamukhi Dāna Prayoga 7 , 11/20 1गु| अर्जुन गीता Arjuna Gila सेवामंदिर 5 अ 39 | अष्टाध्यायी-रुद्री Aștādhyāyi Rudri के.नाथ 29/90 / असिद्धसाधिनी-विद्या Asidha Sadhani Vidyā भगवतीपुराणे 10 | आँसियां 6/37 | ग्रानन्द समुच्चय Ananda Samuccaya 11 | कोलड़ी 1311 | ऋषभ अवतार-चरित्र Rşabha Avatāra Caritra 12 | के नाथ 25/22 | एकादशी-कथायें Ekadasi Kathāyen | पुराणोक्त For Private and Personal Use Only Page #380 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir व अन्य वृत्तान्त : [ 363 11 8 A 9 10 26 x 11 x 6 x 30 संपूर्ण 360 गा., ग्रं. 2000| 1679 170 द्वारों से तीर्थ- प्रा.मा. | कर जानकारी 26x11x19x 60 | , 360 गा. 19वीं तीर्थंकर जानकारी 26x12x - 172 द्वारों से 1896कलकता देवराज 16वीं समवसरण-विधान 27x11x13x38 | , 69 गा. 26x11x17x54 ,, 35 श्लोक 18वीं x रूपाक 25x11x20x70 33 गा. 18वीं तीर्थभक्ति इतिहास | सं. 26x12x19x46 , 1800 श्लोक | 19वीं 12 x 12 x 14 x 12 1933 1907 की कृति 25x11x14x60 समुद्घात प्रक्रिया - वर्णन तीर्थभक्ति इतिहास |, 4 सूर्य संबंधी स्तुति | प्रा.सं. 6 25x11x10x32 . 100 गा. (चाया। 15वीं , 4 गा.=42 ढालें 1734x | मनोज्ञचंद्र पन्ना कम)। 27x11x13x54 (विभाग अ से प्रो): यज्ञविधि 28x12x10x39 संपूर्ण 19वीं भक्तिस्तोत्र 125X11x18x63 , 7 श्वोक 26 x 20 x 17x 20 , 72 पद 1926 पापपुण्य विरक्ति चिंतन भक्ति स्तुति । 23x10 व 17x12 ! 1836 व 19वी धार्मिक 19वीं 21 x 10 x 9 x 26 22 x 17 , 106 श्लोक पूजा क्रिया 26x12x12x42 | अपूर्ण 18वीं प्रारंभ में अरिष्ट नेमिकोवचन भक्तिमंत्र 25x13x 13x50 संपूर्ण 17वीं 27x13x11x29 19वीं योग सम्बन्धी |, वैष्णवाम्नायानुसार मा. | 27 8 21 x 15 x 23 x 21 अंत में राठौड़ों के जीवनप्रसंग व अफीम . भांग संवाद कात्तिक शुक्ला अधूरी व्रतकथा | सं. 21 27x11 x 17x51_ लगभग संपूर्ण-24 | 20वीं For Private and Personal Use Only Page #381 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 364 ] भाग : 5 जनेत्तर धार्मिक : 1 3A 2 3 कुंथुनाथ 19/3गु.| एकादशी-कथायें सेवामंदर 4916 Ekādasi Kathāyen पद्यपुराणानुसार 14 ► Mähatmya | प्रौसियां 5 अ 13 , माहात्म्य कोलड़ी 861 | करुणा-निवास Karuņā Nivāsa मूलचंद औसियां 3 इ 351 कलंकीराजा की उत्पत्ति | Kalanki Rija ki Utapatti अज्ञात कोलड़ी 931 | कालिकादेवी स्तोत्र Kalikādevi Stotra 19 सेवामंदिर गु. 5 ति | कालिका-शतक Kalika Sataka कोतिनंदा Kulārņavasara महादेवोक्त Krşņa Bhajana कृष्णदास आदि कुंथुनाथ 319 | कुलार्णवसार सेवामंदिर गु. 23 दे. कृष्णभजन के.नाथ गु. 3 | कृष्ण व राम भक्ति-पद | कोलड़ी 1003 | कैवल्य उपनिषद्-दीपिका Krsna & Rāma Bhakti | ढाढी निसांगिया व Pada | ढाढी सूरदास आदि Kaivalya Upnisad Dipika शंकरानंद ग. टीका के.नाथ 23/21 | खंडप्रशस्ति सह-व्याख्या | Khanda Prasasti with Vyākhyā मू+ टी.(प.ग.) के.नाथ 18/7 | खंड-प्रशस्ति | कोलड़ी 527 | गजानन-सहस्रनाम Gajanana Sahasranama | महादेव ऋषि 27 सेवामंदिर 5937| गरुड़-पुराण Garuda Purāņa कुंथुनाथ 14/54 | गंगाष्टक Gangástaka Gita Govinda जयदेव कोलडी 1244 | गीत-गोविन्द परि. 7 अ कोलड़ी गु. 7/4 परि. 7 अ कोलड़ी 1135 परि. 7 अ. के.नाथ 7/26 ., की टीका परि.7 अ. के.नाथ 9/27 | परि.7 अ. 34 सेवामंदिर 3 इ345| गोरख बोल-सह व्याख्या A 35 सेवामंदिर 3 इ345 ki Tikā जगद्धर Gorakha Bola with Vyākhyā गोरखनाथ 36 | कोलड़ी 1253| घटस्थापन यक्षिणी-साधनादि Ghatasthāpana etc. गद्य मंत्र | कुधुनाथ 32/27 | चामुण्डा-अष्टक Cāmundā Aştaka For Private and Personal Use Only Page #382 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (विभाग अ से प्रो) : [365 6 7 10 11 | 8 | A 9 18x15x 15 x 21 | संपूर्ण 24 गा. व्रत कथा 1793 140 | 29x36x16x20 1936 "फल 18 x 12 x 20 x 32 24 x 12 x 17x49 | , 42 छंद 1877,पांचूग्रामें राज न्दर 1893 देवीभक्ति वृत्तान्त 26x 12x21x42 18वीं देवीभक्ति 23x11 x 11x34 28 श्लोक 16x10x33x19 " 102 गा. 1767 1708 की कृति मोक्षशास्त्र 21x16x14x38 , 5 खंड (17 तरंग) 1835 Xxxxxx xx कृष्णभक्ति 29x14x27x15 अपूर्ण भक्ति पद | 23x16x15x22 15 x 22 | प्रतिपूर्ण सूरदास "ढाढी" कौन है ? आध्यात्मिक 28x14x13x39 संपूर्ण दशावतार कथा 26 x 12 x 17x51 | अपूर्ण 86 श्लोक 29x13x14x46 | , छठे अवतार तक गणेशभक्ति प्राचीन धार्मिक कथायें भक्ति स्तोत्र 32x14 x 14 x 34 | संपूर्ण 1000 नाम 24x10x9x 42 अपूर्ण तीसरे अध्याय तक 17वीं 25x10x13x40 | संपूर्ण 9 श्लोक 19वीं 25 x 11 x 15 x 52 | ,, 12 सर्ग 1707 23 x 15 x 11 x 23 | अपूर्ण 11वें सर्ग तक 1746 भक्ति गीत 24x11x11x344 सर्ग तक 19वीं 26x11x17x60 | | संपूर्ण 12 सर्ग की पहिला पन्ना कम है 25x10x13x42 | 2 से 9 सर्ग (पन्न 13 से 46) 26x10x14x64 | प्रतिपूर्ण सारदीपिका नाम्नी टीका प्राध्यात्मिक 17/वीं पं. ___ नयणसी 25x11x12x32 धार्मिक क्रिया कांड सं. 31x15x20x66 | त्रुटक 1868 देवी भक्ति 26 x 11 x 10 x 42 | संपूर्ण 8 श्लोक 19वीं For Private and Personal Use Only Page #383 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 366 ] भाग : 5- जैनेत्तर धार्मिक 1 2 3 3A 38 के नाय 29/92 चामुण्डा व क्षेत्रपाल-छंद । | Camunda & Ksetrapāla Chanda 39 सेवामंदिर 5928 चौथमाता-कवित्त Cauthamālā Kavitta | सेवक भवानीदास , | के.नाथ 29/61 | (केरड़ावाली) चौथमाता-कथा (Keradi) ,, | कोलड़ी 1305 कुंथुनाथ 43/10 चौवीस भिन्न-2 गायत्री मंत्र | 24 Gayatri Mantras | 64 Yogini Stotra शंकराचार्य मल पद्य | कोलड़ी 537 | चौसठयौगिनी-स्तोत्र |, 533 के नाथ गु. 9 जगन्नाथ रथ-लीला Jagantā'ha Ratha Lila | माधवदासP/0 जगन्नाथ 46 | कोलड़ी 857| जड़भरत-प्रश्नावली Jadabharata Praśnavāli जड़भरत . 1274 जन्माष्टमी-व्रतकथा Janmāstami Viata Katha ब्रह्माण्डपुराणे 48 के.नाय गु 9 | जय-जय Jaya Jaya माधवदास (जगन्नाथ शिष्य) | 29/ जालन्धरनाथ स्तुति महिमाष्टक Jalandhara Naha Stutictc.| पीरचन्द्र 50 सेवामंदिर 5927 जानकी-रामायण Jānaki Rāmāyaṇa 51 | के नाथ गुटका 9 तत्ववंशावली Tatva Vaṁsāvali रामचन्द्र Tattvānusandhana महादेव सरस्वती मुनिसुव्रत 5 4 14 | तत्त्वानुसंधान | कुंथुनाथ 14/59 | त्रिपुरसुन्दरी-पूजा Tripurasundari Pūjā 54 औसियां 4 9 10 दुर्गा-पाठ Durga Patha संकलित , Saptasatika मार्कण्डेयपुराणे कुथुनाथ 29/12 | दुर्गापाठ-सप्तशति | कोलडी 1303 , " |, 1196 , , " " मूल गद्य के नाथ 26/4 | देवीकवच-सप्तशतिका-न्यास | Devi Kavaca Saptasatika Nyasa 59 | महावीर 598 | Devi Kavaca हरिहरब्रह्मा मूल पद्य +Argala Stotra 60 सेवामंदिर 5 3 34 , +अर्गला-स्तोत्र 61 मुनिसुव्रत 3 5 246 , + भवानी-स्तोत्र 62 | कोलड़ी गु 11/22 देवी+भैरव-छंद , +Bhavani , Devi+Bhairava Chanda संकलन For Private and Personal Use Only Page #384 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (विभाग अ से प्रो) : [ 367 6 7 8 देवी व दव भक्ति देवी भक्ति व्रत कथा , 8A | | 9 10 11 24 x 11 x 14 x 40 | संपूर्ण 4 छंद कुल गाथा | 19वीं | 2 छंद देवी के 2 104 छंद क्षेत्रपाल 24 x 11 x 22 x 68 | अपूर्ण गाथा 41 से 73 | 1808 कनकपुर 1808 की कृति भवानीदास 20x12x14x24 | 1882 14x11x10x15 अपूर्ण दो प्रतियों के त्रुटक 19वीं नापादि औसतन लिया है 15x11x12x22 संपूर्ण 24 मंत्र X24 | संपूर्ण पत्र धार्मिक मन्त्र व्यतर भक्ति 30x11 x 13x30 , 11 श्लोक 1843 28 x 10 x 7x19 , 17 श्लोक 19वीं " भक्ति लीला 15x15x18x20 61 गा. 1716 तात्त्विक 31x11x9x30 ,, 52 प्रश्नोत्तर | 19वीं जोधपुर स्वरूपचद 19वीं धार्मिक क्रिया कथा 21x10x9x20 " 46 श्लोक 15x15x18x20 ॥ 77 छंद 1716 भगवद् भक्ति रा. 5 नाथ संप्रदाय भक्ति सं.रा. | 21 22x16x17x15 19वीं 9 पन्ने भजनों के हैं , 5 स्तोत्र (कुल 54 गाथा) सीताराम कथा 26x12x13x36 1959 1813 की कृति 15x15x18x20 70 गाथा 1716 नगत् उत्पत्ति विचार रा. ब्रह्मविद्या दार्शनिक सं, 31x14x12x37 1878x शिव रामदास 19वीं भक्ति स्तोत्र देवी भक्ति काव्य 25x11x14x54 ,, 17 श्लोक 26 x 13x9x 22 अपूर्ण 10 कवच तक 21 x 11 x 7x 22 | संपूर्ण 18वीं 1798 15x10x12x20 19वीं 21 x 14 x 12 x 25 | अपूर्ण 2 अध्याय 32श्लो. 24 x 13 x 14 x 38 संपूर्ण मंत्र 21x11x10x34 55 श्लोक 22 x 9 x 7x28 |; 53 +25 श्लोक 23 x 10 x 12 x 22 , 49+21 श्लोक 16 x 15 x 17 x 25 | प्रतिपूर्ण देव देवी भक्ति | सं.मा. | गु. For Private and Personal Use Only Page #385 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 368 ] भाग/विभाग : 5-जनेत्तर धार्मिक 3A 1 63 2 3 कोलड़ी 1 184B देवी+भैरव-छद Devi+Bhairava Chanda कुंथुनाथ 10/157 देवीसूक्त Devi Sukta (वैदिक) कोलड़ी 1308 | देवी-स्तोत्र Devi Stotra लध्वाचार्य महावीर 2 427 | धर्मसर्वस्वाधिकार |Dharma Sarvasva Adhikāral संकलित 59 के.नाथ ग 9 ध्यान-लीला Dhyāna Lila माधवदास (जगन्नाथ | शिष्य) गु. 9 | ध्र व-चरित्र Dhruva Caritra , गु. 3 | , कुंथुनाथ 46-3 15/23 | नर्मदा-स्तोत्र Nar Madā Stotra , |, 46/3 | नरसीमेहता की हुंडी Narasi Mehata ki Hundi नरसीभगत 74 सेवामंदिर 5 936| नवरात्रि+शिवरात्रि-कथा Nava+Siva Ratri Katha | महादेवोक्त Nanda Battisi प. (संवाद) Nāgadamana Chanda चत्रिदास ? | के नाथ 15/50 | नंद-बत्तीसी कुंथुनाथ 48/1 | नागदमन-छंद प्रोसियां 3 इ 19:/ , के.नाथ गु. 8 कोलड़ी 11/117 कुंथुनाथ 19/3/नचिकेत-यम-कथा Naciketa Yama Katha ... 22 के नाथ ग 2 83 सेवामंदिर 5 अ 18| निर्जला-व्रत Nirjala Vrata ब्रह्म वैवर्तपुराणे Nindā Stuti ईसरदास कुंथुनाथ 40/2 | निंदा-स्तुति 85 सेवामंदिर गु दे 15 पद्म-पुष्पाञ्जली Padma Puspāñjali रामकृष्ण कवि | " ग.ति. 2 | परशराम-गजल Parasarāma Gajala यतिजयचन्द्र के.नाथ 29/69 | पश्चिमीधीश का-छंद Paścimidhisa kā Chanda #fafagt For Private and Personal Use Only Page #386 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (विभाग अ से ओ) : [ 369 __ 6 7 8 8A 9 ___ 10 ॥ देव देवी भक्ति । 25x10x12x36 संपूर्ण 19वीं देवी भक्ति स्तोत्र 16x11x8x16 , 8 श्लोक पौराणिक-उद्धरण, 27x12x9x27 | , 22 श्लोक 30x14x16x56 , 148 श्लोक 21 x 13 x 11 x 19 प्रतिपूर्ण 1961 जयपुर जंनत्व से मिलते जुलते 19वीं कृष्ण रास-संबंधी 15x15x18x20 संपूर्ण 80 गा. 1716 भक्त जीवनी 23x16x17x27 18वीं 20वीं 23 x 16 x 17 x 27 | अपूर्ण 17x12x17x12 | संपूर्ण 92 छंद 16x7x6x20 |, 11 श्लोक 1919 देवी भक्ति 1875 प्रभु भक्ति 17x12x11x10 1919 व्रत कथा 24x11x10x32 | प्रथम पूर्ण द्वितीय अपूर्ण | 19वीं प्रौपदेशिक 25 x 11x11x28 | संपूर्ण 32 श्लोक कृष्ण जीवन प्रसंग 15x13x10x15 , 124 छंद 1770 भक्ति 26x12x16x37 , __127 छंद 18वीं काकरग्राम मुक्तिबिज 1810 16x14x17x17 ___128 छंद 14x11x10x11 1810 तात्त्विक विवेचन 18x15x15x21 1793 26x11x15x54 1795 22x18x14x27 , 18 अध्याय 1813 पर्व-कथा 26-11-17x48 अपूर्ण (1360 ग्रंकूल के) 17वीं कृष्ण-लीला 15x26x30x35 संपूर्ण 304 गा. 1739 भक्ति गीत 1874 16 x 12 x 13 x 19 | . 32 श्लोक 18 x 13 x 22x37 , 888 | 24x11x13 x 45 , 23 परशुअवतार तीर्थ वर्णन भक्ति 19वीं 1874 की कृति प्रत | में 4 देवी छंद 1773 For Private and Personal Use Only Page #387 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 370 ] भाग 5-5 नेत्तर धार्मिक : __3A Pancadhyāya Rāsa Pābūji ke Dohe 88 | के.नाथ गु. 9 पंचाध्याय-रास । | , 29/87 पाबुजी के दोहे | कुंथुनाथ 48/1 | पांडव-गीता कोलड़ी 797 सेवामंदिर 5 4 23 पौराणिक श्लोक-संग्रह Pāņdava Gita महाभारत-शांतिपर्वे Pauranika Sloka Sangrahal संकलन 93 | सियां 592 94 | के.नाथ 29/64 (देवी) प्रभाव-कथन (Devi) Prabhāva Kathapa Prasnottari Ratnamālā | शंकराचार्य (गोविंद ।। शिप्य) Prahlada Caritra | कोलड़ी 944 | प्रश्नोत्तरी-रत्नमाला कुंथुनाथ 46/3 प्रहलाद-चरित्र कोलड़ी 903 | बटुक गणपति-स्तुति कुंथुनाथ 14/61 , भैरव-सहस्रनाम के.नाथ 29/73 भैरव स्तोत्र Batuka Ganapati Stuti 98 | ,, Bhairava Sahasra- nama Stotra रुद्रयामले 100 कोलडी 526 कालडा - | कुंथुनाथ 35/38 , 14/62 102 Mantra 103 | कोलड़ी 1176 " ,व साधना , & Sadhana] महादेवोक्त 104 के.नाथ गु. 9 बाल-लीला Bala Lila. माधवदास (जगन्नाथ शिष्य) नरहर Baudhāvatāra Brahma Jijñāsāstotra | कोलड़ी 9/14 | बौद्धावतार 106 के.नाथ गु. 9 | ब्रह्म जिज्ञासा-स्तोत्र कोलड़ी 523| भगवतीमानस-पूजा । 108 | के.नाथ 27/27 | भगवद्गीता कुंथुनाथ 49 , -सार्थ Bhagavati Mānasa Pūjā | शंकराचार्य Bhagavad Gita वेदव्यास मूल पद्य 109 110 कोलड़ी 983 ,, -सटीक , /श्रीधर मू+अनुवाद (गद्य में) | मू.+ व्याख्या (गद्य में) , कालूरामविप्र , ॥ , श्रीधर ॥ ॥ 111 | कुथुनाथ 6/109 सेवामंदिर 5 420 For Private and Personal Use Only Page #388 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (विभाग प्र से ओ) : 4371 6 78 8A 9 10 कृष्णा जीवन भक्ति रा. 15x15x18x20 | संपूर्ण 30 गा. 1716 देवता भक्ति |1 भक्ति नमस्कार | 28 x 10 x 15 x 50 | अपूर्ण 31 से 60 1849 | 15 x 13 ~ 10 x 15 | संपूर्ण 59 श्लोक 1770 25 x 11 x 12 x 45 , 101 श्लोक 1853 23x11 x 14x29 | अपूर्ण (पन्ना 3 व 8 कम) 18वीं हलाकड़ी जिनदत्त 43x11x18x70 प्रतिपूर्ण 1924 बीकानेर देवगुप्तसूरि 19x9x8x24 संपूर्ण 30+20 गा. 19वीं जैनसम्मत-उद्धरण देवी-स्तुति प्राध्यात्मिक 26x10x - , 32 प्रश्नोत्तर भक्त-जीवनी 17x12x17x12 17x12 , 81 छंद 1919 देवता-भक्ति ० x xxxx 22x11x10x44 " 10 श्लोक 19वीं 22x10x10x40 , 66 श्लोक 26x11x11x30 ,, 75 श्लोक 28x11x7x1976 श्लोक 13 x 11x10x8 | अपूर्ण 15 x 11x 8 x 24 संपूर्ण 1834 25 x 11 x 13 x 36 स्तोत्र-पूर्ण, विधि अपूर्ण | 19वीं 15x15x18x20 मंपूर्ण 61 छंद 1716 कृष्णजीवन-भक्ति | रा. वैष्णवाम्नायानुसार 17x12x10x22 1800 तात्त्विक-भक्ति 15x15x18x20 1716 | अंत में 35 गा. का भक्ति छद देवी-भक्ति 26x14x16x24 , 71 श्लोक 19वीं धर्म-शास्त्र 26x10x12x35 | 18 अध्याय 17वीं अंतिम पन्ना कम | 31x23x27x26 1806 xxxxxx 32x15x12x62 1857 x 22 , 700 श्लोक 1877 33x17x15x46 1923 For Private and Personal Use Only Page #389 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 372 । भाग : 5 जनेत्तर धामिक : 1 2 • I 3A कोल डी 3/3 | भगवदगीता का बालावबोध | Bhagavad Gita ka Bia vabodha 114 | कोलड़ी गु. 10/6| भजन-संग्रह Bhajana Sangraha संकलन 115 | प्रौसियां 594 भवानी-छंद Bhavāni Chanda 116 मुनिसुव्रत 5 9 43 भवानी-सहस्रनाम ,, Sahasranama रुद्रयामलतन्त्रे 117| कोलडी 1297 118 कोलड़ी 531 | नंदीकेश्वरसंवादे रामकृष्ण 119- प्रोसिया 5 64 भवान्या-पूष्पांजली 2 प्रतियां Bhavanya Puspanjali 24 2 copies 121 | के.नाथ 28/7 भागवत Bbāgavata वेदव्यास 122 के.नाथ 28/8 123 | के.नाथ 28/9 124 | कोलड़ी 506 भूवनेश्वरी वृद्ध-स्तोत्र Bhuvanesvari Vrdha Stotra| पृथ्वीधराचार्य 125 | के.नाथ 1958 महावीर 3 इ 355 भैरवाष्टक Bhairavāştaka 127 | कोलड़ी 825A 128 कुंथुनाथ 10/132 , 129 कंथुनाथ 45/3 मनसावाचा की कथा Mapasāvācā ki Kathā | महादेवोक्त 130 सेवामदर 5 अ 44 131 के.नाथ 17/18 | मरकतेश्वर-प्रशस्ति Marakateśvara Prasasti | जयवर्मदेव 132 | कोनड़ी गु 6/1 महादेव-लीला Mahādeva Lilā 133 के.नाथ गु. 3 , -ब्याह , Vyāha जसकीत्ति 134सेवामंदिर 5 941 महान्यास Mahānyasa ग.प मंत्र 135 के नाथ 28.9A | महाभारत Mahābhārata वेदव्यास प. मूल 136 137 .. 28/4 138 के.नाय 286 For Private and Personal Use Only Page #390 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir व अन्य वृत्तान्त : [373 8A ___10 ।। धर्मशास्त्र रा. 6018 x 10 x 12x31 संपूर्ण 18 अध्याय 1793 भक्ति व नैतिक पद 22 x 16 x 30 x 33 प्रतिपूर्ण 19वीं देवी-स्तुति 21x11x11x28 | संपूर्ण 22 पद 20वीं देवी भक्ति 25x11x9x37 1760 14x10x 13 x 27 103 श्लोक 19वीं 31x12x11x40/ 203 श्लोक 24x11x 13x43 , 29 श्लोक 1858,1875 धर्म भक्ति शास्त्र 33x14x12x64 अपूर्ण 6 स्कंध 18 अध्याय 17वीं | 27x13x15x34 | त्रुटक8वां स्कन्ध 32x15x19x56 , 9वां स्कन्ध 19वीं देवी भक्ति 30x11x15x38 संपूर्ण 46 श्लोक 18वीं 5 26x13x12x35 __, 50 श्लोक 1845 (सिद्ध सारस्वत नाम) देवता भक्ति 26x13x13x52 ___10 श्लोक 18वीं 30x11x11x40 , 8 श्लोक 19ीं 26x12x14x36 ,, 10 श्लोक 20वीं व्रतकथा 18 x 13x10x21 1871 अंत में 1 पन्ना शृगारी कवित्त 16x11x9x18 20वीं सं. 1019 व 1173 में उत्कीर्ण की हुई 30x16x17x43 | संपूर्ण 19वीं उत्कीर्ण प्रशस्ति । सं. की प्रति महादेव जीवन-भक्ति रा. गुटका | 21x14x23x20 ,, 18 छंद 1870 23 x 16 x 16 x 21 , 28 छंद 18वीं रुद्र अर्चना विधि 22x10x7x32 | अपूरण 17वीं धार्मिक इतिहास 29x13x12x62 | आदिपर्व-अपूर्ण 18वीं 27x12x10x38 प्रस्थानिकपर्व 1745 28x12x10x48 विराटपर्व 18वीं 29 x 13 x 10 x 44 | शल्यपर्व अपूर्ण अध्याय 2 से 28तक For Private and Personal Use Only Page #391 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 374 1 139 140 143 144 145 के नाथ 11 / 12 कोलड़ी 525 141 मुनिसुव्रत 3इ 246 142 कोलड़ी 524 सेवामंदिर 5 अ 31 महावीर 3 इ 111 कुंथुनाथ 14 / 52 मंगलाष्टक Manglaṣṭaka कालीदास के. नाथ 29/71 मातंगीकल्प + सर्वतः स्तोत्रादि Mītangi Kalpa + Sarvatah महादेवोक्त, स्वरतंत्रे etc. मानसी पूजा Manasi Pūjā शिवनाथ Märkandeya Purāṇa 146 147 148 149 152 153 154 155 कोलड़ी 4/11 श्रौसियां 5 अ 1 मार्कण्डेयपुराण सेवामंदिर 535 150 मुनिसुव्रत 4 श्रा 9 151 156 157 158 159 160 161 " 2 27 " महाभारत महालक्ष्मी सहस्रनाम -स्तोत्र "P 11 13 " 13 "" सेवामंदिर 5 अ ( ? ) मोक्ष- एकादशी यज्ञादिविधि यज्ञोपवीत-पद्धत्ति योगवासिष्ठ-सार (?) (?) कुंथुनाथ ( ? ) के नाथ (?) (?) सेवामंदिर 532 राम-पद्धति के. नाथ 29/76 | राम सहस्रनाम 31 "1 3 "1 "1 गु. 3 गु 9 162 सेवामंदिर 3 इ 345 लक्ष्मी-विचार 163 कुनाथ 10 / 186 "1 - भोगलपुराण रघुनाथ - लीला रामकृष्ण काव्य- सटीक रामायण कथा रुक्मिणी-ब्याह - सूक्त -स्वयंवर www.kobatirth.org Mahabharata Mahalaksmi Sahasranama 33 " 3 A " 33 "" Stotra Mokṣa Ekadasi Yjñādi Vidhi Yjñopavita Paddhatti Yogavasisthasara Raghunatha Lilā Rāmakṛṣṇa Kavya with Tika Rama Paddhatti Rama Sahasranama Rāmāyaṇa Katha Rukmini Vyaha Laksmi Vicara "3 Svayamvara Sūkta For Private and Personal Use Only Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भाग : 5- जैनेत्तर धार्मिक वेदव्यास Bhogala Purana गौरी-शंकर-संवाद ब्रह्मवैवर्त पुराणे "1 रामचन्द्र भैरवदत्त शर्मा यजुर्वेदे 4 माधवदास (जगन्नाथ शिष्य) रामानुज प्रज्ञात T कृष्णदास माधोदास (जगन्नाथ शिष्य) प. मूल 21 " प. 11 11 11 11 " प.ग. "1 ५. ज. प. मंत्र प. 18 (मु.व्याख्या (प.ग.) ग. प. 5 21 ग. प. Page #392 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra ( विभाग असे प्रो) : धार्मिक इतिहास देवीभक्ति " " 6 11 भक्ति मंत्र-तंत्र भक्ति काव्य धार्मिक कथायें " कार्तिक एकादशी व्रत कथा धार्मिक क्रिया कांड विधि उपनयन संस्कार हात्त्विक प्रोपदेशिक रामकथा भक्ति कथा अर्चना-विधि भक्ति-स्तोत्र राम सीता कथा कृष्णजीवन- प्रसंग 11 वृत्तांत व भक्ति भक्ति-स्तोत्र -- सं. 17 11 "1 33 "1 "" 19 मा. सं. 11 रा. सं. = 17 " 23 रा. सं "1 "" रा. 31 11 सं. " 12 11 6* 4 11 7 1 9 8 12 24 53 9 8 19 9 7 14 18 10 6 41 5 11 1 3 8 A www.kobatirth.org 28 × 12 × 10 × 26 26 × 10 × 10 × 34 23 x 10 x 12 x 22 26 x 10 x 11 x 16 22 x 13 x 8 x 28 20 x 10 x 7 x 18 25 x 10 x 18 x 42 25 × 1 1 × 1 3 × 42 14 × 10 × 12 × 23 27 × 13 × 11 × 42 21 x 10 x 7 x 30 28x14 x 18 x 54 स्वर्गारोहणपर्व संपूर्ण 166 श्लोक 11 31 33 11 11 प्रतिपूर्ण अपूर्ण 73 छंद संपूर्ण 13 अध्याय 700 मंत्र 578 श्लोक अपूर्ण ( 2 से 10 अध्याय पूरे) 26 × 11 × 15 × 40 संपूर्ण 26 × 11 x 17 x 66 24 × 1 3 × 10 × 2 8 श्रपूर्ण 7 से 268 श्लोक 20 x 10 x 9 x 34 संपूर्ण (केवल प्रथम पना कम ) 10 प्रकरण 21 31 15 x 15 x 18 x 20 26 × 11 × 12 × 37 2 3 × 11 × 10 × 28 2 3 × 10 × 10 × 38 21 × 13 x 15 x 35 2 3 × 16 × 17 × 21 संपूर्ण 15 x 15 x 18 x 20 25 x 10 x 15 x 50 22 x 11 x 6 x 20 33 9 11 33 30 श्लोक 53 श्लोक 31 श्लोक 21 श्लोक "1 11 229 छंद For Private and Personal Use Only 1745 31 18वीं Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 10 19वीं 268 छद अपूर्ण 37 श्लोक तक ही 19वीं संपूर्ण 18वीं अपूर्ण 79 श्लोक तक है 17वीं छंद 24 से 100620वीं 1944 20वी "1 19 T " 17वीं 18वीं 19वीं 17वीं 19वीं 1859जोटवाड़ा भूपतिराय 19वीं 1716 18वीं 1716 "" 19वीं "जीर्ण [ 375 11 Page #393 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 376 ] 1 164 मुनिसुव्रत 5 अ 15 सियां 3 इ 264 165 166 169 172 173 174 175 176 177 178 179 170 सेवामंदिर 5 171 कोलड़ी 1309 गु. 7/4 कुंथुनाथ 48 / 1 ओसियां 55 कोलडी 861 शक्ति-भक्ति कुंथुनाथ 2/28 शिवा अष्टक कोलड़ी 543 शिवमहिम्न स्तोत्र मिवामंदिर 5 अ 42 कुंथुनाथ 12 /204 नाथ 29/70 व 81 83 182 कुंथुनाथ 12/216A शीतला-स्तोत्र 183 सेवामंदिर 5 30 श्राद्ध - प्रकरण के नाथ 8/15 श्लोक संग्रह 180 184 185 186 187 68 188 189 190 कोलड़ी 511-3 " ܐ 11 " 514 11 38 लघुप्रादित्य हृदय स्तोत्र लघु-स्तोत्र 17 " 11 " विष्णुनामापामार्जन स्तोत्र विष्णुपंजर स्तोत्र विष्णुसहस्रनाम सटीक 3 " " " " सह-बालावबोध गु. 16 सगुण महावीर 3 इ 156 सरस्वती स्तोत्र कुंथुनाथ 16/10 सेवामंदिर 5 29 3 प्रतियां -स्तोत्र www.kobatirth.org 2 प्रतियां 3 A Laghu Aditya Hrdaya Stotra Laghu Stotra Visnu Namāpāmārjana Pañjara Stotra " 22 Sahasranama "1 Stotra Śaktibhakti Sivaṣṭaka Śiva Mahimna Stotra 39 3 copies Šitala Stotra Śraddha Prakarana Śloka Sangraha Saguna Sarasvati Stotra Stotra Sudama Caritra 2 copies Sahasranama For Private and Personal Use Only Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भाग / विभाग : 5 - जैनेत्तर धार्मिक पद्मपुराणे लध्वाचार्य / धर्मोत्तर पुराणे ब्रह्माण्डपुराणे पद्मपुराणे महाभारत शांतिपर्व मुंशी माधोराम पुष्पदन्त 11 11 11 सहस्रनाम b. नाथ 22/39 सिद्धसारस्वत भुवनेश्वरी स्तोत्र Siddha Sārasvata (B) Stotra पृथ्वीधर गु. 3 सीताजू - व्याहलो Sītāju Vyahalau 191 कुंथुनाथ 17/16 सुदामा चरित्र 1 1 4 संकलन तुलसीदास सनत्कुमार संहिता से तदास कवलानंद प. "" मू.बा. (प.ग प. 11 मू X टी (प प. "" "7 13 सू. प. 11 19 19 प. 5 "" 11 Page #394 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org www.kob Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भाग 5- जैनेत्तर धार्मिक : ___378 ] 3A 192 | के.नाथ गु 3 सुदामा-चरित्र Sudāma Caritra कवलानंद 193 | कुथुनाथ 14/57 | सूर्य-उपस्थानादि Sürya Upasthānādi Sūrya Bhairava Stotras Sürya Sahasranama कोलड़ी 1302 | सूय भैरव शनि-स्तोत्राणि सेवामदिर 7 उ 3 | सूर्य-सहस्रनाम के नाथ 29/78 | सूर्य-स्तुति प्रासिया 5 अ 12 | मौन्दर्यलहरी सटीक 196 Surya Stuti कृष्णोक्त Saundarya Labari प्राद्य शंकराचार्य म. + व्या(प.ग.) 198 | के नाथ 29/82 Sneha Lilā 199 , गु. 265 स्नेह-लीला .. 200 | कोलड़ी 869 | स्वस्तिवाचन Svasti Vācana दानखडोक्त सेवामदिर 5 या 7 स्वात्मानंद-प्रकाशिका Svātmānanda Prakasika Harasiddhi Bhavani Chanda Harirasa ईश्वरदास बारहठ 204 के नाय 29/80 | हरसिद्धि भवानी-छंद कोलड़ी गु 10/7 हरिरम कुंथुनाथ 481 ..311 कोलडी 864 | कोलड़ी 865 | हरिलीला 205 Hari Lia भागवती-कथा 208-9| कोलड़ी बस्ता Incomplete & Stray folios | भिन्न-2 स्फूट अपूर्ण व लघग्रंथ व त्रुटक पन्ने (दो बस्ते) 210 के नाथ 28/24 211 के.नाथ 11/27 | सप्तपदार्थी Saptapadārthi शिवादित्य 212 ,, 22/39 कुंथुनाथ 37/7 सेवामंदिर 2/361 , -सटीक +Tika मू+ (ग) के नाथ 7/32 , -की टीका +ki Tiki माधव-सरस्वती 216 | महावीर 6 या 18 सिद्धान्त-मञ्जरी Siddhānta Manjari जानकीनाथ For Private and Personal Use Only Page #395 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (विभाग प्र से ग्रो): [ 379 6 7 8 8A 9 ___10 11 सुदामा-जीवनी 23x16x15x21 | संपूर्ण 31 गा. 18वीं सूर्य-भक्ति 20x10x11x24 | 5 श्लोक 19वीं ग्रह व देवता-स्तुति | ,, कुल 4 स्तोत्र सूर्य-भक्ति 1410x10x16 , 8+8+8+50 श्लोक | 14 x 10 x 9 x17 , 104 श्लोक 21 x 10x8 x 32 ब्रटक 25 x 12 x 15 x 52 संपूर्ण 102 श्लोक 27x11x21x 67 अपूर्ण 97 श्लोक तक देवी भक्ति-काव्य । 1847 13x12x10x10 , 68 छंद गोपीकृष्ण उद्धव प्रकरण ब्राह्मणदान-सुपात्रता सं. | 22x10x8x26 संपूर्ण 1858 प्राध्यात्मिक 21x22x7x44 | अपूर्ण 145 श्लोक 18वीं देवी-माहात्म्य - 32 x 54 | संपूर्ण 65 छद 1747 कृष्ण भक्ति-काव्य 19x15x14x27 , 186 छंद 1767 15x13x10x150 .. 164 छद 1770 | 21x11x13x55 203 छंद 1795 19वीं 24 x 11 x 18 x 58 , 162 27x11 x 20 x 34 | अपूर्ण 8 कला 24 से 30 x 10 से 15 | पूर्ण-अपूर्ण विविध जनेतर-भक्ति सं.रा. 18/20वीं | 23 से 21 x 10 से 16 " , वैषेशिक-न्यायग्रंथ | सं. 25x11x15x48 संपूर्ण 1733 24x11x15x46 1743 | 27x11x19x42 19वीं 24x11x17x48 | अपूर्ण 18वीं 25x11x15x54 संपूर्ण ग्रं. 1700 19वीं व्याय 27x12x18x42 | 17वीं For Private and Personal Use Only Page #396 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 380 | भाग : 5. जनेतर धार्मिक 3A नोट :- प्रथम प्रविष्टि का प्रकारादिक्रम भंग है के.नाथ 2 तत्त्व-चिंतामणि Tattva Cintamani गगेश्वर के.नाथ 21/101 तर्कपरिभाषा की टीका | Tarka Paribhasa ki Tiki | केशव चिन्न भट्ट 217 महावीर 6 प्रा 22 , , Tarka Bhāsā केशवमिश्र | प्रौसियां 6 या 27| तर्क-भाषा 221 | के.नाथ' 2/11 222-4, 14/70, 23/ 16/28 2 प्रतियां 2 copies 224 " 23/62 " की टीका ki Tika 225 ,, kiVyikhya | गंगाधर (सुत ?) , 15/115 ,, की व्याख्या कोलड़ी 1184A तर्क-वाद 126 Tarkavāda | औसियां 6 प्रा 30| तर्क-संग्रह Tarka Sangraha अन्न भट्ट | के नाथ 14/19 औसियां 6 या 24 -सटीक ,, चंद्रजसिंह मू+वृ (ग) 230 के.नाथ 14/55 -दीपिकासह , - 7 प्रतियां 7 copies मू.ग. 23।- ., 22/14,10 99,11/10, 1114-56. 76,24/11 238- कोलडी 837, 40 1005-6 241- सेवामंदिर 6 मा 32 42] 35/ 243 | मौसियां 6 मा 25 3 प्रतियां 3 copies 2 प्रतियां 2 copies -की दीपिका ki Dipika ग (टीका) ,, 2 copies 461 Fakkika क्षमाकल्यास 244 | ., 6 या 28/29 245- | के.नाथ 9/31, ,, 2 प्रतियां 10/85 247 महावीर 6 प्रा17 " -फक्किका के नाथ 11/52 औसियां 6 या 26 | तर्कामृत | के नाथ 10/22 | ताकिक-रक्षा 251 ] , 29/95/ , -की व्याख्या Tarkāmsta जगदीश भट्टाचार्य Tärkika Rakşa बरदराज „ „, ki Vyākhyā For Private and Personal Use Only Page #397 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir व अन्य वृतान्त : [ 381 7 | 8 8A 9 10 ॥ न्याय-ग्रंथ 26 x 11 x 16 x 45 संपूर्ण 19वीं 27x11 x 26 x 75 ,, ग्रंथाग्र 2000 17वीं x हर्ष | प्रकाणिका नाम्नी __मंदिग्गणि 26 x 11x19x48 | 1750 रूप सागर 25 x 11 x 8x29 ग्रंथाग्र 715 16वीं सुमति विजय 25x11x13x45 | 17वीं 26 x 11 x 15 x 48/ प्रथम पूर्ण द्वितीय अपूर्ण | 19वीं 59 26 x 11 x 19 x 55 | संपूर्ण | 26x11x17x58 | ग्रं. 1274 | 25x11x18x46 25x ||xi1x41 करणाद-न्याय 25x11x14x45 26x11x13x 61 18वीं 26x IIXI1x44 1860 4.2,8, 25 से 26x11 से 13 ,, (केवल अंतिम प्रति 1802 से 20वी अपूर्ण 19/20वीं 8,5,6 | 21 से 28 x 12 से 13 25 x 11 1936-9पाली 26x11x17x54 1824विक्रमपुर मूल की टीका बखतसुंदर 1895 25x11x10x43 Axx 26x14 व 26x11 19वीं | 26x12x16x45 26 x 11x14.x55 अपूर्ण 26x11x15x49 18वीं 19वीं 16वीं तर्क संग्रह की टीका न्याय-ग्रंथ 127x11x16x43 , 3 परिच्छेद | 19वीं | 26 x 11x14x68| अपूर्ण बीच के पन्ने 24 से 36 तक। ॥ . नघ दीपिका नाम्नी For Private and Personal Use Only Page #398 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 382 ] भाग : 6 3A Akadama Cakram महावीर 3 इ 151 अकडम-चक्रम् . 3 इ354/ अदृश्यता-विधि व यंत्र Adrśyatā Vidhi Yantra ग तालि. Amstadhuna | कुंथुनाथ 13/| अमृत-धुन महावीर 3 इ354/ अष्टगंध विधि व मंत्र-यंत्र | Astagandha Vidhi & Mantra-yantra Anga-nyāsa-mantra अंगन्यास मंत्र प्राधाशिरनहरूवादि मंत्र-यंत्र | Adbasira Naharuvadi Mantra-yantra कंथुनाथ 18/37 | प्राधाशीशी-कथा Adhāśisi Katha 19/4 » Maptra ., -मंत्र ____505 | इन्द्राक्षी-स्तोत्र 944 Indrākşi Stotra 10 , ।। | के.नाथ 22/34 | उद्धार-कोश Uddbāra Kosa | मुनि दाक्षिण्यमूत्ति व.ग. 12 | महावीर 3 इ87 | ऋषिमंडल-स्तोत्र पाराधन | Rsimandala Stotra Ara विधि-सह dbanā Vidbisaha , 3 इ83 ., +मत्र विधि ,, +Mantra-vidhi bha , 3 इ85 , 3 मा 48 , -स्तव यंत्र लेखन , Stava Yantra Le khana , -Pata (Two) , 3 इ356 ,, -पट दो , 35345 | एकाक्षी नारिकेलकल्प Ekākşi Nārikela Kalpa ग. मंत्र रा.प. , 3 इ258 ॐनमो जल्लोसडी पचाणादि| Om Namo Jallosadi Paci nam (etc.) कोलड़ी गु. 1/27 औषध मंत्र-तंत्र Ausadha, Mantra-tantra महावीर 7 इ8 | , मंत्र , -Mantra , 3 इ 354 | कर्णपिशाचिनी मंत्र-यंत्र Karņapiśācini Mantra,, 3 इ 68 | कर्णपिशाच-कल्प Karnapiśāca-kalpa मंत्र व तालिका yantra 3579 | कल्याणवृष्टिभारती+ | Kalyānavrti+Bharati+ पद्मावती-स्तोत्र Padmavati-stotra , 3 इ354 | कष्ट निवारणार्थ-मंत्र Kasta-nivāranartha-Mantra मंत्र-गद्य-यंत्र For Private and Personal Use Only Page #399 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मन्त्र-तन्त्र-यन्त्र : [ 383 6 7 8 8A 9 _____10 | 11 मंत्र-यंत्र 25x IIx12x42 सपण 19वीं ज्योतिष यंत्र व तंत्र 27x12x5x- प्रतिपूर्ण मंत्र व कवित्त 17x13x14x26 21x12x10x30 यंत्र ; जाप विधि साधना मंत्र 27x13x8x38 20वीं मंत्र बिमारियों का 23x12x14x48 18वीं कथा व मंत्र 24x11 12 x 40 19वीं विमारी का मंत्र 23x16x8x22 मंत्रभक्ति 27x10x7x42 14 श्लोक ., 16 श्लोक मंत्र व पटल 26 x 11-- मांत्रिक 25x11x17x51 |, 7 कल्प जंन भक्ति मंत्र विधि 28x13x15x42 |, 85 श्लोक 26 x 11x11x41 , 90 पद मंत्रादि । 1960 माईदास 26x13x15x39 19वीं 25 x 11 x 14x50 36 श्लोक 1962 यंत्र व पट 63x63 52x33 , 2 पट 18वीं मंत्र व विधि 25x12x15x52 1952 बंबई जयविजय 20वीं मंत्र तंत्र यंग 26x11x15x40 अपूर्ण , प्रौषधनुस्खे 15x12x22x35 1702 ___ xxxx प्रौषधिनुस्खे व मंत्र मा. 25 x 12x17x42 | प्रतिपूर्ण 1929 अजीम गंज गोपीचंद 19वीं सं. 26x13x10x40 2 मंग व गद्य में विधि यंत्र मंत्र साधना सं.रा 26 x 12x15x40 | संपूर्ण मांत्रिक भक्ति स्तोत्र सं. 18 20x11x7x18 | 16x6x34 | 20ों स्तोत्र 4यंत्र तथा मंत्र विधि सहित | " 27x12x 19वीं For Private and Personal Use Only Page #400 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 384 ] भाग/विभाग : 6 1 2. 3 । 3A कोनही 507 कंक बधन प्राचमनादि मंत्र | Kankana-bardhana Aca ___matadi-yantra 26 | कुंथुनाथ 32/2 | कालिका कवच Kalika Kavaca कालिकातन्त्र महावीर 3 इ354कालि-मंत्र Kili-mantra | कोलड़ी 1288 | कौतुक-रत्नावली Kautuka Ratnāvali ग.प. | महावीर 3 इ354 क्षेत्रपाल-मंत्र Ks.trapāla-mantra मंत्र गद्य गद्य कुंथुनाथ 14}44 | खररावण यंत्र-विधि , 13/| गणेश-पूजा व मंत्र Khara Ravaņa-yantra vidhi Gaņeśa-pūjā & Mantra , 19/6 गणेश-यंत्र - -yantra | महावीर 3 इ354) गर्भ मत्र प्रौषधि व यंत्र Garbha Mantra Ausadhi & Yantra Graha-jāpādi & vidhi ग्रहजापादि व विधि 35-9/ 35 120 घंटाकर्ण-कल्प 1-2,45 5 प्रतियां | Ghantākarna Kalpa 5 copies ग यंत्र यंत्र चित्र ग. यंत्र o " 3 इ 122/ , -लघुकल्प . ,, -Laghu-kalpa ,, 3 इ356 , पट ,, -Pata .. 35354 , प्रयोग , -Prayoga 3 इ 127 , -मंत्र विधि , -Mantra Vidhi | कुंथुनाथ 12/208 , -मंत्र 2 प्रतियां 2 copies 15/24 प्रोसियां 3 इ358 ,, -मंत्र कल्पावधि ,, -Kalpa Vidhi | महावीर 3 इ354 चतुविशंति जिनमंत्र Caturviņśati Jina-Mantra चितामणि चक्रेश्वरी ग्रादि मंत्र Cintamani Cakresvariadi Mantra चोरी पता लगाने का मत्र यंत्र | Cori Pata Lagane ka Mantra-yantra कोलड़ी 1322 चौरासी-त Caurāsi Tantra | कुंथुनाथ 19/5 चौसठ योगिनी मंत्र Causatha Yogini Mantra ग.मंत्र ग प.मंत्र ग.म. यंत्र , 10/185 -स्तो ,, Stotra 53 , 3 इ356 , -यं पट ,, Yantra-pata यंत्र ग. For Private and Personal Use Only Page #401 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मन्त्र-तन्त्र-यन्त्र : [ 385 8A 9 10 11 6 7 मंत्र-तंत्र गृहस्थी के रा. 8 5 1x13x14x16] संपूर्ण ' मंत्र-तंत्र विज्ञान अ- सं. घोरी महाविद्या-कल्प 26 x 14 x 16 x 39 | , 21 कवच मांत्रिक-भक्ति 28 x 13x11 x 20 | प्रतिपूर्ण मंत्र-तंत्र कौतुक 24x11x14x40 संपूर्ण मांत्रिक भक्ति +रा. 18x10x13x24 प्रतिपूर्ण मंत्र-तंत्र-यंत्र 23x11x14x62 | संपूर्ण भक्ति व मंत्र-तंत्र 22x12x14x42 यंत्र-मंत्र 30x44x जीर्ण 24 x 11x प्रतिपूर्ण 18वीं 1 चित्र सहित 25x12x14x66 मंत्र व होमविधि जैन मांत्रिक भक्ति सं.मा. यत्र-तंत्र , 23 से 25 x 11 से 12 | संपूर्ण 1871 से 20वीं 25 x 12x 13 x 47 34 x 19x - , 91 गद्य सूत्र प्रतिपूर्ण 1934 जोधपुर साथ में विजया अमरदत्त यंत्र-विधि 18वीं जन भक्ति यंत्र-मंत्र , व जाप विधि हिन्दी 21x13x . 19वीं 24 x 10 x 12 x 30 | संपूर्ण 20वीं जैन मांत्रिक भक्ति- मा. विधि , भक्ति मंत्र स्तोत्र जन मांत्रिक भक्ति यंत्र-तंत्र 12 x 9 व 19/20वीं 27x13x14x36 20वीं विधि सहित 25x12x20x44 18वीं 28x11x13x42 19वीं यंत्र-मंत्र सह विधि रा. 27x12x तंग नुस्खे मा. 3 xxx x 12 x 40 | अपूर्ण 70 तक 20वीं मंत्र-जन आम्नाय | संमा 23x16x17x44 सपूर्ण 19वीं सं. 20वीं मांत्रिक-भक्ति आम्नाय x 21 x 62 | , 13 श्लोक प्रतिपूर्ण जीर्ण अंत में 5 अनुच्छेद शकुन निमित्त मंत्र-यंत्र , 26 x 23 18वीं For Private and Personal Use Only Page #402 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 386 ] भाग 6: 3A 54 | कोलड़ी 501 | जयपताका यंत्रोद्धार व पंच- Jayatra Pataki Yantroदश विधि dbāra & Pancadasa Vidhi जयपताका विजययंत्र Jayapatākā Vijaya-yantra 500 मू + अ. 56 | कुथुनाथ 12/206/ जंजीरा व हनुमान मन्त्र ग मंत्र Janjira & Hanumāna Mantra | Jaina Mantra kā Grantha with Tikā Jvālāmālini Stotra कोलडी बस्ता जैन मन्त्र का ग्रंथ सटीक 69/30 58 | महावीर 3 इ153 ज्वालामालिनी-स्तोत्र मू + वृ गद्य ग. मंत्र ग, यन्त्र , 3 5 68 | -कल्प -Kalpa ,, 3 इ 354 | तिजयपहुत्त यन्त्र Tijaya Pahutta-Yantra 61 | कोलड़ी 1270ोलोक्यविजय गोपाल कवच Trailokya-Vijaya Gopala ब्रह्मसंहितायाम Kavaca | महावीर 3 इ 143 यन्त्र कल्प , -yantra-kalpa Dattatrayi Padala ईश्वरदत्तात्रेय संवादे | प ग. , 716 दत्तात्रयी पडल , 3 इ 354 दुर्गाष्ट-चक्राणि Durgāşta Cakrāņi 31।14वादश यन्त्रादि अधिकार | Dvādasa Yantrādi Adhi kāra , 3 इ354(पाच) धरणेन्द्र पद्मावती (Parsva) Dharanendra मन्त्र Padmavati Mantra कुंथुनाथ 13/231 धान सड़ने अांख दूखने पर | Dhāna Sadane. Ankha मन्त्र Dukhane para Mantra महावीर 3 इ 354/ नगर-प्रवेशादि मन्त्र व विधि | Nagara-Pravesadi Mantra Vidhi , 3 इ 106 नमुत्थुगंकल्प श्रुतबोध | Namutthunam-kalpa Srutabodha 3563 नवकार-कल्प Navakāra Kalpa , 3 64 3 प्रतियां , 3 copies 5-6 3 इ354 , -प्रयोग मन्त्र , -Pryyoga Mantra .. -मन्त्र व मंषज नुस्खा Navakāra Mantra & Bhaişaja-nuskha Navakārādbita Mantra | नवकाराधित मन्त्र | नारियल-कल्प Náriyala-kalpa , 3 इ 154 " -यन्त्र मन्त्र I , Yantra-Mantra For Private and Personal Use Only Page #403 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra मन्त्र यन्त्र-तन्त्र : मन्त्र तन्त्र मन्त्र-यन्त्र 11 " 6 मन्त्र - सामान्य जैन ग्राम्नाय मांत्रिक सं. जैनाम्नाय मांत्रिक भक्ति 33 मंत्र-तंत्र भक्ति स्तोत्र " " 13 " तन्त्र - विद्या मांत्रिक भक्ति यन्त्र सह "1 मन्त्र तन्त्र यन्त्र सं. 75 सहित मंत्र-यंत्र सहित मंत्र- तन्त्र - विधि रा. = 11 सं.मा. सं. 11 प्रा. सं. == " जैन तन्त्र-यन्त्र सविधि जीव न पड़ने का व्याधि मिटानेका मंत्र विधि परक विघ्न प्रासं. निवारणार्थ जंन मांत्रिक भक्ति "" 11 11 7 31 "" 11 मन्त्र जाप विधि सह सं.मा. भक्ति यंत्र व विधि सह भक्ति प्रा.मा. जैन मांत्रिक भक्ति प्रा.सं. साधना विधि सं. सं.म. 3 7 2 5 2 10* 1 11 2 25 1 11* 1 1 1 3 8 8 3,4,3 1 1 1 1 6 www.kobatirth.org 8A 32 × 13 × 16 × 42 संपूर्ण 48 + 28 श्लोक 31 x 13 x 13 x 38 21 x 18 x 15 x 17 23 × 1 1 × 26 × 50 29 × 14 × 12 × 40 26 x 12 x 15 x 40 27x12x - 13 x 10 x 7 x 14 24 x 12 x 14 x 30 11 x 10 x 12 x 8 27 × 13 × 12 × 40 26 × 12 × 16 × 46 28 x 15 x 10 x 33 27 x 12 x 14 x 44 26 x 11 x 10 x 38 25 × 1 2 × 15 x 32 26 × 11 x 11 × 44 28 x 12 x 7 x 32 26x11 x 11 x 36 13 अपूर्ण संपूर्ण " : 28 x 15 x 10 x 42 25 × 11 × — 29 × 1 3 × 14 × 43 | संपूर्ण 25 × 11 x -- 11 " : "1 33 31 19 . पूर्ण अंत के 73 से 79 श्लोक, 7 पं. " " 19 प्रतिपूर्ण संपूर्ण मूल पाठ +47 श्लोक "1 11 23 9 2 मं. 2 मं. 52 श्लोक 23 गाथा 2 मंत्र For Private and Personal Use Only 19वीं 1887 21 19वीं " 11 1967 x पन्नालाल मुनि 18वीं Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 11 10 19वीं 31 11 20 वीं 33 18वीं "1 19वीं 19वीं [387 11 एक ओर प्रति कटी यंत्र व साधना विधि - सह यंत्र पट चित्रनुम अंतिम पृष्ठ मात्र संक्षिप्त संस्करण अंत में प्रौषधि नुस्खा साथ में 3 पन प्रोपदेशिक पद Page #404 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 388 ] 1 79 80 85 86 87 81-2 कोलड़ी 495-7 पद्मावती अष्टक - वृत्ति 83-4 | महावीर 3115 108 88 89 90 91 92 93 94 95-6 97 98 99 104 105 37 106 10910 महावीर 3 147 नित्य वसुधारा महाविद्या 3 इ 11 नौली - विचार 2 • सेवामंदिर 3 इ 345 " 3 इ 350 महावीर 3 इ355 कोलडी 496 "2 3 इ 354 महावीर 3 इ 110 कोलड़ी 1149 महावीर 3 इ 117 | सेवा मंदिर 3 इ 350 कोलड़ी 1324 19 944,499 1181 498 17 " " 11 33 11 31 31 "1 27 "" " "" "1 "" " 3 -कल्प 12 17 - चौपई - सटीक 2 प्रतियां 2 प्रतियां -मंत्र का पत्रा -मंत्र-यंत्र विधि - व्याख्यान -स्तव विधान - महामंत्र जाप विधि - सहस्रनाम पूजा विधि - साधना विधि www.kobatirth.org " - मंत्रगर्भित स्तोत्र सावन विधिसह -स्तोत्र 2 प्रतियां विधि मंत्र यंत्र साधन पूजा-पद्धति -स्तोत्र 6 प्रतियां 3 A Nitya Vasudhārā Mahā vidya Naulivicara Padmavati Aṣṭaka Vṛtti 2 copies "" .3 39 39 39 18 23 33 22 39 33 -Kalpa 23 with Tikā महावीर 3 इ 111 79,109,112 113,116 सेवामंदिर 3 इ375 के. नाथ 19/66 व ज्वालादेवी स्तोत्र 107 मुनिसुव्रत 3 इ 314 स्तोत्र + भैरवी पद्मावती 108 नामादि पनरियादि यंत्र - विधि Stotra+Bhaisavi Padmavati 108 Nāmadi Panariyadi Yantra-vidhi 108 महावीर 7 इ 5 कोलड़ी 519-20 | पंचदशीविद्या 2 प्रतियां Pañcadasi vidyā 2 copies -Vyakhyāna Caupai Mantra's folio "T Yantra-Vidhi Vidhana 33 Mahamantra Japa Vidhi Sahasranāma-pūja Vidhi Sadhana Vidhi Stava MantragarbhitaStotra Sadhana with Vidhi Stotra 2 copies Vidhi Yantra Sā dhana Pūjā-paddhati Stotra For Private and Personal Use Only 6 copies & Jvaladevi-stotra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir / मल्लि से जिणप्रभसूर 1 1 T 4 III - भाग : 6 ग. मंत्र ग. " 23 ग. प. मू+ वृ (प.ग.) मन्त्र प. पग.मं यं. ग थ. ग. प. (वृत्ति मात्र मत्र प. 5 ग.प. मंत्र प. ग.प. मंत्र प.ग. प. ग. यंत्र Page #405 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मन्त्र-तन्त्र-यन्त्र : [ 389 6 7 | 8 | A 10 मंत्र-तंत्र भक्ति सह 20x10x9x27 | संपूर्ण 1924 मेड़ता जैलाल 19वीं | 25 x 11 x 14x51 | अपूर्ण भूतपिशाचव्याधि के उपचार व इन्द्र जाल कौतुक तंत्र देवी मांत्रिक भक्ति जंन ग्राम्नाय | 31 x 12 x भिन्न 2 | संपूर्ण 522 ग्रंथान 1884/19वीं 1273 की कृति | 26 x 12 व 29 x 14 | , 6 अध्याय 1960/20वीं | यन्त्र-तन्त्र सहित 25 x 12 x 12 x 60 | टीका अपूर्ण उद्धरण मात्र | 19वीं 21x10x14x28 | अपूर्ण 20वी 18वीं 10x6x7x16 | संपूर्ण 37 गा. 12 x 16 x 13x18 प्रतिपूर्ण 31 x 12 x 17x41 | संपूर्ण 25 श्लोक साथ में लक्ष्मीमंत्र सं मा. 6 1755 यन्त्र-तन्त्र सह 23x10x9x36 प्रतिपूर्ण 20वीं 24 x 12x13 x 57 | अपूर्ण 26 x 13 x8 > 26 | संपूर्ण 1921 10x6x7x16 , 8 श्लोक 18वीं पालका विधि | 17वीं जिनदत्तसूरिकृत 24x11x26x50 | ., दीपालिका विधि कल्प सह 26 x 10 x 20 x 10 , 27 श्लोक प्राम्नाय 19वीं सं मा. 4 26 x 13 x 17 x 52 | अपूर्ण यत्र-तंत्र विधि सहित 32 x 13 x 11 x 40 | संपूर्ण | 14 से 28 x 10 से 13 | प्रथम अपूर्ण शेष संपूर्ण | 19/20वीं | अंतिम प्रति में 27/35 श्लोक किचित् विधि 26 x 12 x 10 x 36 | प्रथम 3 श्लोक कम 19वीं 22 x 12 x 14 x 26 | संपूर्ण दोनों स्तोत्र 25 x 10x9x37 , 26+15 श्लोक | 1859 24 x 11x- प्रतिपूर्ण 1943 जोधपुर साध्वीलिछमा 32x12 व 26x11 | संपूर्ण 19/20वीं मंत्र-तंत्र For Private and Personal Use Only Page #406 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 390 ] भाग/विभाग : 6 2 3A 45 ग प.मंत्र ग मंत्र ,, , स्तोत्र ., Stotra 111 | कोलड़ी 518 पंचमुखी हनुमान मंत्र-कवच | Pancamukhi Hanumāna- | रामचन्द्र ऋषि Mantra-kavaca महावीर 3 इ 126| पंचागुलि-वल्प Pancānguli-kalpa , 3 इ 1 28 , बीज कल्प विधान ,, Bijakalpa-vidhāna , 3 इ21 ,, Mantra 115 | .. 3 इ356 , , पट दो " -yantra-pata(2|| कुंथुनाथ 31/7 117 | महावीर 3 इ92 | सहस्रनाम ., Sahasranama 118 , 3 इ354 पासाकेवली मंत्र-यंत्र Pasākevali Mantra-yantra 119 | कोलड़ी 521 पुरश्चरण विधि सहित Purascaraṇa with Vidhi 120 | कुंथुनाथ 15/26 | पैसठिया यंत्र-स्तोत्र Painsathiyā Yantra Stotra 121 | महावीर 3 इ354) फोफिड़ा कल्प + मंत्र-यंत्र | | Phophida Kalpa+Mantral Yantra 122 | बिच्छु आदि के मंत्र-तंत्र-यंत्र | Bicchuadi ke Mantra Tantra-Yantra 123 3572 भक्तामर-कल्प Bhaktamara Kalpa मानतुङ्ग/ प. यंत्र ,, मंत्र ग यंत्र ग.म. यंत्र पग.यं. 1246 3 प्रतियां 3 copies - 3174, 67,69 3 इ 68 127 , ., -नमोत्थुण प्रादि कल्प ,. Namotthunam Adi Kalpa , Pancavidhana 128 मेवामंदिर 3 इ372 , पचविधान | कुंथुनाथ 39/2 | कोलड़ी 472 , हेमरतन | कुंथुनाथ 9/114 , 55/7 ,, ऋद्धि मंत्र सहित । , with Rddhimantra के नाथ 469 | " मुनिसुव्रत 7 इ । भुवनेश्वरी कवच सहस्रनामादि| Bhuvanesvari-kavaca , - संकलित | पद्य Sahasranāmādi महावीर 3 इ | 14/ भैरव पद्मावती कल्प विधि-सह Bhairava Padmavati- ... कविशेखर मल्लिशेण | ग.प.यं. Kalpa with Vidhi सूरि , 3 इ 118 " " For Private and Personal Use Only Page #407 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra यन्त्र तन्त्र मन्त्र :--- मांत्रिक भक्ति " 11 11 मन्त्र-यन्त्र सह मन्त्र तन्त्र 11 यंत्रपट चित्रमा सं. मांत्रिक भक्ति-स्तोत्र मा. यन्त्र विद्या मन्त्र - यन्त्र 17 " "1 6 11 " सं.मा. रा.सं उर्दू जैन मांत्रिक भक्ति सं.मा. 11 17 11 = नाम जाप सं. 31 -तन्त्र 31 सं. 11 मन्त्र व भक्ति स्तोत्र जैन मांत्रिक भक्ति 11 मा. सं.मा. 7 सं मा 10 37 सं प्रा.मा सं मा. = "1 11 = 32 सं. 17 "" 4 2 2 2 16 25* 1 8 2 2 10 37 16 22 25 6+1 6 1524 26 से 31 x 13 से 14 47 10* 14 11 www.kobatirth.org 8 A 25 × 1 2 × 10 × 24 संपूर्ण 27 x 12 x 13 x 40 25 x 11 x 16 x 55 17 x 8 x 8 x 22 25 × 25 व 37 x 40 18 × 22 × 13 × 14 27 × 11 × 14 x 58 21x11- 25 x 12 x - प्रतिपूर्ण 30 × 1 1 × 11 × 36 संपूर्ण (?) 26 x 12 x 15 x 40 22 x 10 x 7 x 22 20 x 15 x 19 x 32 21 × 13 × 11 x 25 26 x 13 x 16 x 22 25 x 14 x 17 x 40 24 × 11 × 18 x 35 24 x 11 x 8 x 27. 17 29 x 13 x 14 x 43 25 x 12 x 16 x 48 प्रतिपूर्ण संपूर्ण 25 गा. 17 11 31 25 x 11 x - प्रतिपूर्ण 26 × 11 × 24 × 60 संपूर्ण 48 काव्यपर्यंत 47/48 भक्तामर अपूर्ण, शेषटक 19वीं संपूर्ण 48 श्लोकों का " 31 " 7 11 9 3 यं " 11 11 · 48 काव्य का 5 स्तोत्र For Private and Personal Use Only 19वीं 20वीं 1878 Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 10 1733 18वीं 20 वीं " 18at 19at 11 18वीं 11 20वीं + साथ में 5 छोटे 1964 सांचौर प्रताप मेहना 19at मंत्र 19वीं 17वीं जावद में यंत्र-तंत्र - विधि सहित 1934 से 20वीं 1856 19वीं यत्र तन्त्र विधि सह 1912 पुष्कर मूल + मंत्र + ऋद्धि किसनलाल + भाषा + यंत्र विधि सह " ( 391 19 11 27 11 " 11 11 " #1 11 यंत्र विधि सहित संक्षिप्त संस्करण Page #408 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 392 ] भाग : 6 : 3A 45 137 कुंथुनाथ 15/25 | भैरव-मन्त्र Bhairava-mantra प.मं. प ग.मं. कोलड़ी 1296 | महाभैरव काली सरस्वती | Mahābhairava Kali Saraलक्ष्मीमंत्र सहस्रनाम svati Laksami Mantra Sahasranama कथुनाथ 2/16 | महामन्यूजय मंत्र व जाप- | Mahamrtyunjaya Mantra विधि & Japa Vidhi महावीर 3 354| महासमोहिनीय विद्या Mabā Sammohiniya-vidyā 140 141 के नाथ 18/14 | मन्त्र-तन्त्र प्रौषध-संग्रह Mantra Tantra Ousadha | संकलन Sangraha . Muktavali 142 | कोलडी 944 | -मुक्तावली 143 | ,, 765 -शास्त्र Šāstra 144 " 1316 , -शकुनावली , Sakunavali ,, -संग्रह 2 प्रतियां गप. 145-6 कथुनाथ 13/230 34/10 , Sangraha 2 copies, सालन 147 महावीर 3 इ 92 मंत्राधिराज Mantrādhiraja सिंह तिलक 148 सेवामंदिर 353500 मन्त्राक्षर न्यास | Mantrādhiraja Mantra प्रभाव स्तवन kşaranyāsa-prabhāva stavana 149_ कोलड़ी 927 मन्त्राराधन विधि Mantrāsādhana-vidbi 150 महावीर 3 इ 101 मायाबीज-कल्प Māyābija-kalpa 151 , 3 इ 146 ., महाविद्या ,, Mahavidya 152ौसियां 7 इ 11 ,, व साधना विधि „ & Sādhanā-vidhi 153 | महावीर 3 5 102| मायाबीज जाप विधि ,, Japa-vidhi 154-5 , 3 इ 355 ,, -स्तोत्र ,, Stotra 2 copies 156 , 7 इ-3 यन्त्र और वस्तु प्रयोग Yantra & Vastu-prayoga ग.यं. 157 , 3 इ 107 यन्त्र-मन्त्र स्तोत्र Yantra-mantra Stotra संकलन ग.प. कोलड़ी गु. 4/9/ राखड़ी कणामूठादि मन्त्र पद्य Rākhadi Kaņāmuthadi Mantra Rāma-padala ग.प. 159 सेवामंदिर 519 रामपडल 160 , 5 21 रामरक्षा 161 कोलड़ी 1199 , Rāmaraksā रामानन्द स्वामी -स्तोत्र , Stotra For Private and Personal Use Only Page #409 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मन्त्र-तन्त्र-यन्त्र : [393 __ 6 7 | | 8A 9 ___101 1 मंत्र-तंत्र भक्ति 2x10x9x30 | संपून 19वीं 15x10x16 x 30 प्रतिपूर्ण 1828 , 17x12x7x77 | संपूर्ण 1856 मंत्र-यंत्र जाप विधि सहित मंत्र-तंत्र सं.रा. 24x10x14x40 प्रतिपूर्ण 19वीं 26x14x19x27 | 26 x 11 x विभिन्न मांत्रिक-तांत्रिक वैद्यक विद्याए विविध मन्त्र व देवी स्तोत्र दीक्षादि धार्मिक मन्त्र विधि मन्त्र व निमित्त 31x13x11x46 | संपूर्ण 25x11x15x48 अपूर्ण 12 x 11 व 15 x 13 प्रतिपूर्ण 19/20वीं विभिन्न डाकणी घूघरा आदि मन्त्रों का संग्रह जैन भक्ति मन्त्र | सं. जन मन्त्र भक्ति 19वीं 25* | 27x11x14x58 संपूर्ण ग्रं. 559 10x6x7x16 अपूर्ण 27 श्लोक 18वीं स्तोत्र मन्त्र-तन्त्र 17x12x13x20| संपूर्ण 1940 मन्त्र-तन्त्र-यन्त्र 25x12x12x32 , 30 श्लोक 21x11x12x25 20वीं x हीराचंद्र 20वीं x अमृतचंद्र 1963 जोधपुर मन्त्र विधि विधान 27x12x13x42 मंत्रपाठ साधनाविधि 28x12x12x34 20वी मन्त्र-काव्य 26x12 व 28x13 | , 15 व 9 श्लोक 19/20वीं 28x15x प्रतिपूर्ण 19वीं निमित्त व तांत्रिक विद्या विभिन्न मन्त्र-यन्त्र 28x14x9x36 20वीं ,, मंत्र-तंत्र-यंत्र मा. 15x11 x 14 x 23 अपूर्ण 19वीं 1955 मन्त्र भक्ति स्तोत्र व विधि भक्ति मन्त्र-स्तोत्र 27 x 15 x 15 x 39 | प्रतिपूर्ण 27 x 14 x 11 x 32 | संपूर्ण 29 श्लोक 18वीं प्राध्यात्म रामायण से उद्धरित | 1916 खारिक (प्रात्म रक्षा मन्त्र) " " | मा. 29x14x14x36 For Private and Personal Use Only Page #410 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 162 महावीर 3 इ 354 रोगहरणादि-मन्त्र 163-4 कोलड़ी 1273, लक्ष्मीनारायणाख्यान 1265 1307 लक्ष्मीस्तोत्र + त्रिपुर 165 166 1 167 168 394 169 170 171 172 173 174 175 176-7 178 179 181 180 182 183 184 192 193 91 194 "I 30 महावीर 3 इ 119 लब्धिपद - रहस्य 3 इ 148 लोगस्स - कल्प 19 "" 2 11 कोलड़ी 508 77 3 इ 354 13 3 T 48 महावीर 396 सेवामंदिर 3 इ345 (लघु),, आम्नाय महावीर 3 इ92 3 इ 90 3 इ 356 | लौकिक अष्टतीर्थ-पट वर्द्धमान विद्या . नाथ 18 /57 | सेवामंदिर गु. दे. 17 कोलड़ी 493 די 940 के. नाथ 26/18 कोलडी 488 से, 92,94.1153 1348 महावीर 3 इ 145 | श्रीसिया 4 154 के. नाथ 19 / 130 11 "" 3 11 31 - मंत्राक्षर-फल 37 " 23 11 ,, 3 इ91, 48 वर्द्धमान विद्या कल्प तृतीय स्थान विवरण 2 प्रतियां 3 इ 356 वर्द्धमान विद्या-पट सौन्दर्याष्टक 11 2 प्रतियां (यंत्र विधि सह ) -कल्प www.kobatirth.org - कल्प ( यंत्र लेखन विधि सह) -स्तवन 8 प्रतियां 3 A Rogaharaṇādi-mantra Lakṣminārāyaṇākhyāna 2 copies देवी रहस्ये Laksmi-Stotra+Tripura- पद्यपुराणे saundary aṣṭka Labdhi-pada-rahasya Logassa-kalpa 33 Laukika-aştaṭirtha Pata Varddhamana-vidya "" -Mantrakṣaraphala "" (Laghu ) Varddhamāna Amnaya Varddhamāna Vidyākalpa सिंहतिलक सूरि (विबुधचंद्र शिष्य ) वशीकरणआदि नुस्खे व मन्त्र Vasikaranādi-nuskhe & Tantra वसुधारा स्तोत्र Vasudhara-stotra ,, (Yantra-vidhi saha ) सिंहतिलकसूरि 30 (Yantra-Lekhanawith vidhi -kalpa Trtiya SthānaVivarana 2 copies - Pata -Stavana Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir For Private and Personal Use Only 8 copies 11 4 वज्रस्वामी उद्धारित T││T 1 1 1 भाग : 6 मंत्र ग. ग. मंत्र प. " पद्य प.ग.मं.यं. प. गद्य यन्त्र ग. प. ग. मंत्र प. 17 ग प. ग. यंत्र पद्य प.ग. मू.ग.प.मं. 33 ور = "1 5 "1 11 23 Page #411 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मन्त्र-यन्त्र-तन्त्र : [ 395 ___ 10 11 18वीं 6 7 8 8A मन्त्र व जाप विधि स.रा. 1 25x11x14x48 अपूर्ण | सं. 10,16| 21 x 10 x 10 x 35 भक्ति मन्त्र-स्तोत्र 14 x 10 x 14 x 26 | | संपूर्ण 15+8 श्लोक मन्त्र-तन्त्र 19वीं मन्त्र-तन्त्र 27x12x11x42 , 51 श्लोक जन मांत्रिक भक्ति प्रासं. | 8 25x11x17x69 यन्त्र-सह प्रा.सं.मा 2 26 x 13x14x46 20वीं दो बार लिखा है , 6 मंडल प्रतिपूर्ण जैन यन्त्र हिन्दी 31x30x 18बी जैन मन्त्र भक्ति 29x 13x15x44 | संपूर्ण 1881 मन्त्र-व्याख्या 30* 24 x 11x14x43 , 169 श्लोक 19वीं मन्त्र जैनाम्नाय | प्रा.स. 26 x 12x11x34 || | प्रतिपूर्ण अंत में 'गौतमयन्त्र'है 25* जैनाम्नाय भक्ति मन्त्र 27x11x14x58 संपूर्ण 177 श्लोक 40* 25x11x14x50 , 184 श्लोक 1962 26x12x11x42 20वीं 25 x 13 व 25x11 | , तीसरा अधिकार | 1967/1962| ग्रं. 175 सोजत बलदेव " यन्त्र 18वीं , मन्त्र भक्ति अपभ्रंश | 2* 19वीं अंत में 2 नवग्रह 31x31x-- प्रतिपूर्ण 26 x 11 x 18x 55|| | संपूर्ण 17 गा. 14 x 12 x 15 x 14 | लगभग पूर्ण 30x12x15x65| संपूर्ण स्तुतियां तांत्रिक कौतुक विद्यायें मन्त्र भक्ति स्तोत्र | सं. 1702 बौद्ध ग्राम्नाय 25x11x18x72 1733 24x11x11x30 1746 4,7,6,5, 25 से 32x10 से 13 5,4,4,5 , (केवल 7वीं में , प्रथम पन्ना कम) 19/20वीं 26 x 12 x 16x37 26x11x11x34 1834x रामवर्द्धन 1848 बांभरणवाड लायकसागर 1863 26x 11x16x46 For Private and Personal Use Only Page #412 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 396 ] भाग/विभाग : 6 1 2 . 3A 5 Vasudbārā Stotra मूग.प.मन्त्र 195 कुंथुनाथ 52/17 | वसुधारा-स्तोत्र . 196 सेवामंदिर 2/372 197 मुनिसुव्रत 3 इ3231 (लघ) वसूधारा-स्तोत्र (Laghu) Vasudhāra Stotral 198 | महावीर 7 इ9 विजयमन्त्र-कल्प व नौली- | Vijaya Mantra kalpa Naul विचार Vicăra 199 | के.नाथ 23/66 विजय-यन्त्र Vijaya Yantra 200 कुंथुनाथ 29/18 कोलडी 1106 , जयपताका, विधि प्रतिष्ठादि , Jayapataka Vidhi Pratisthādi अंकतालिकाये . +भरणविधि ,, +Bharana-vidhi / प.ग. महावीर 7 5 (4) कुंथुनाथ 14/43 | | महावीर 3 5 149 , व उसका माहात्म्य , & Mābātmya , विधि माहात्म्य , Vidhi , 205 | कोलड़ी 1243 | विधानतन्त्र-दुर्गा Vidhāna Tantra Durgā 206 | , 1267 | विश्वसंमोहन विश्व वसु गंधर्वराज-स्तोत्र 944 |वद्यक मंत्र-पत्र Visvasammohana-Visvasu रुद्रयामलतन्त्रे Gandharvarāja-stotra Vaidyaka-Mantra Patra 207 प.ग. śāntidhārā ग.मंत्र Sarasvati-kalpa " -Mantra रूपचन्द? 211 कुंथुनाथ 9/122 | शांतिधारा नहावीर 3 इ 129 | सरस्वती कल्प कुंथुनाथ 10/177 , -मन्त्र महावीर 3 इ 356, , , पट , 3 इ354 , व बुद्धिवर्धक .. 3 इ354 | सर्प-मंत्र-यंत्र ,, 35137 | सर्वलोक-मोहनादि-यंत्र , -Mantra-pata 212 नुस्खा , Mantra & Buddhi vardhaka Nuskha Sarpa Mantra-yantra 213 ग.मं. 214 ग यंत्र Sarva Lokamobanadi Yantra Sankataro Mantra-stotra | शंकराचार्य 215 कुंथुनाथ 14/63 संकटारो मन्त्र-स्तोत्र प.मंत्र Sankalpa-vidhi महावीर 3 इ 166] संकल्प-विधि ., 7 इ7 | मिद्धनागार्जुनीयकक्ष-पुट 217 ग.प. Siddhanigarjuniya Kaksal सिद्धनागार्जुन Pata Silpa Yantra-pata 218 35356 सिल्पयंत्रपट ग.यं. For Private and Personal Use Only Page #413 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मन्त्र-तन्त्र-यन्त्र : [ 397 6 7 8 8A 10 11 मंत्र भक्ति स्तोत्र | 26x11x13x40संपूर्ण 19वीं बौद्ध ग्राम्नाय " |10 24x12x9x27 | अपूर्ण 18वीं 21x11x14x34 | संपूर्ण 8 27x12x14x45 मंत्र-तंत्र कौतक- संरा विधि मंत्र-यंत्र प्रसिद्ध सं. 1849 मेड़ता धनसागर 1968 आजिकाजपुर,रामचंद्र 19वीं 23x12x15x59| .. विधि-सह मंत्र-तंत्र-यंत्र 26x11x19x78 21x16x अटक 20वीं (केवल अंकतालिकाये , प्रति पन्ने परि वत्तित?)| यंत्र-तंत्र-मंत्र सं.मा.4 27x12X1440 19वीं विधि-सहित 26 x 10 x 14 x 60 | मपूर्ण 27 श्लोक मंत्र व उसका माहात्म्य मंत्र-तंत्र 25x11x17x53 1889 मन्त्र-संग्रह सं.मा. 27x14x11x32 | प्रतिर्ण 1917 तंत्र-मंत्र 1893 23 x 14x13x30 | संपूर्ण 21 श्लोक 25 x 11x विभिन्न प्रतिपूर्ण निदान व ज्वर मंत्र सं.रा. 19वीं भक्ति मन्त्र 27x15x12x24 अपूर्ण 20वीं स्तुति-मन्त्र 19वीं 28 x 12 x 14 x 47 संपूर्ण 21x10x10x48 |, 9 श्लोक 1845 जीर्ण फटा हुआ मन्त्र 38x22x प्रतिपूर्ण 18वीं मंत्र व औषध-प्रयोग स हि. 27x12 x 10 x 30 मंत्र-यंत्र उपचार 19x11x 19वीं मंत्र-यंत्र-तंत्र 26x11x 18वीं भक्ति-मंत्र 10x10x6x9 19वीं मंत्र-स्तोत्र 19x10x4x12 20वीं মগবগ। 28x13x13x58 , 19वीं | 49 x 43 - प्रतिपूर्ण 18वीं For Private and Personal Use Only Page #414 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 398 ] भाग :6: 3A 219 | महावीर 3 198 | सूरिमन्त्र-स्तोत्र व स्तवन | suri Mantra-stotra & | जिनसूरि Stavana , 3 इ 133 , 3597 राजशेखरसूरि " 35354 , +लब्धि-मन्त्र " +Labdhi Mantra 3593 स्तवन-सह ,, with Stavana 224 3 इ95 राजशेखरसूरि 225-6 , ,, कल्प 2 प्रतियां ,, -Kalpa सिंहतिलक सूरि पद्य 3 इ96 3 या 48 , 3 इ94 227 ग.प. 228 , 3 इ99 229 कोनड़ी 966 ,, सविवरण देवसूरि ,, ,, with Vivaranal - ,, Yantra Pata | वृद्धिसागरसूरि ग मंत्र | महावीर 3 इ 356 ग.यंत्र , -यन्त्र पट सूर्य पताका-पट ,, Surya-Patika-Patall स्त्री-पुरुष वशीकरण-मंत्र ग मंत्र | Stri-Purusavasikarana | Mantra Sthāpānacārya-kalpa 7510 स्थापनाचार्य-कल्प भद्रबाहुउक्त ग.प. 235 3 इ354 स्वेताक-कल्प व अन्य |Sveta Aka-kalpa & Kau- | कौतुक tuka etc. कोलड़ी 1310 | हनुमत कवच स्तोत्र मंत्र-ध्यान Hanumat kavaca-stotra | श्रीरामचन्द्र ऋषि पग.मं. Mantra-dhyāna | के नाथ 29/72 | , दिव्य कवच माला मंत्र | , Divya Kavacamala | रुद्रयामलेउमामहेश्वर | प. स्तोत्र Mantra-stotra संवादे महावीर 3 इ356 हनुमानपताका-पट Hanumāna-Patākā Pata मन्त्र 237 मू+ट (प.ग) पद्य ग.प. , 3 5 103 | ह्रींकार महास्तोत्र व विधि | Hrmkāra Mahā-stotra & Vidhi , 3 इ 100 , जाप-विधि , Jāpa Vidhi 240 | के नाथ 28/17 स्फुट लघु व अपूर्ण ग्रंथ तथा Sphuta Laghu & Apurna | भिन्न 2 अटक पन्ने | Grantha & Trutaka Ponnel 241- | कुंथु 11/197 से | , 52 प्रतियां , , 52 copies 92200, 12/210 13/222 से 29,32, 34,49,25/14 से 24,31/2-5,32/ 25 से 31 For Private and Personal Use Only Page #415 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir यन्त्र-तन्त्रमन्त्र : [ 399 6 7 8 8A १ 10 11 जैन मंत्र-स्तोत्र | प्रा. 27x12x9x47 | संपूर्ण 30 गा. | 1962 जोधपुर गोपीकिशन | 1961 27-11x6x26 50 गा+मन्त्र 21x12x12x43 ., विधि व माहात्म्य 1878 जोधपुर पलधारी गच्छानुसार लक्ष्मीनारायण 18वीं 26x12x14x40 " भक्ति 24x11x7x34 19वीं जोधपुर माईदास 1962 24x11x14x39 विधिसह जैनमंत्र भक्ति 30,40*25x11 व 25x11 , 632 श्लो. ग्रं. 900/ 19वीं/1962 | 20x11 x 11x38 ,, 20 अधिकार 20वीं 24x11 x 14 x 48 1962 साथ में देवतावसर विधि भी पांचवा पन्ना कम है 25x11x15x58 प्रथम पीठ 84 पद 19वीं जन मन्त्र यन्त्र 25x23x-- प्रतिपूर्ण 18वीं यन्त्र-मन्त्र सह 25x22x 30 x 22 x - 17वीं 27x13x13x30 1955 जीर्ण मन्त्र-यन्त्र चित्र सहित स्थानापनाचार्य सबंधित निमित्त शास्त्र नुस्खे प्रयोग व कौतुक रा. तन्त्र विद्या मन्त्र भक्ति स्तोत्र 18वीं 25x11x20x52 16x11x12x18 अपूर्ण 19वीं 25x13x14x33 संपूर्ण 1899 / 24x30x प्रतिपूर्ण 18वीं मन्त्र-यन्त्र चित्र सहित मन्त्र-तन्त्र 27x12x7x37 | संपूर्ण 23 श्लोक 19वीं रत्नावती पुरी मानचंद्र 20वीं 25x12x8x35 | संपूर्ण मंत्र व पाठ विधि साधना विविध मन्त्र-यन्त्र-प्रा.सं मा 422 तन्त्र 24 से 32 x 10 से 16 | पूर्ण/अपूर्ण 17 से 20वीं 24 से 28x10 से 15 19/20वीं For Private and Personal Use Only Page #416 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 400 ] भाग 6 : 2 . . 3A 4 प.ग 293-5| कोलड़ी 1508] स्फूट लघु व अपूर्ण ग्रंथ तथा | Sphuta Laghu & Apurna | भिन्न 2 गु 10/12/ अटक पन्न grantha & Trutaka 69 (2 प्रतियां । बस्ता) 2 copies 2 copies 296-7| महावीर 3 इ354| स्फुट लघु व अपूर्ण ग्रंथ तथा 35 136/ त्रुटक पन्ने 2 प्रतियां भाग 7 साहित्य व भाषा/विभाग (अ): । सेवामंदिर दे गु 20 अकबर की नसीयत Akabara ki Nasiyata अकबर बादशाह कुंथुनाथ 46/3 | अजय सोलंकी अलाउद्दीन | Ajaya Solanki Allauddinaखीलजी की बात khilaji ki Bāta के नाथ 26/92 | अजीतसिंहजी की निशाणी | Ajitasimhaji ki Nisani यतिलालचन्द , 18/62 | अनुभव-प्रकाश Anubhava Prakasa म. जसवन्तसिंहजी प्रोसियां 2/287 | अन्यापदेश-शतक Anyápadeśa Śataka मैथिली मधुसूदन (पद्मनाभसुत) अमहक कवि सेवामंदिर 6 इ 35 अमरु-शतक Amaru Sataka औसियां 6 इ 19 के नाथ 27/42 प्रौसियां 6 इ 20 , -सटीक +Tika अमरुकवि नन्दलाल | मू+वृ (प.ग.) Avayavarga ,, 6 इ21 | अवयवर्ग महावीर 6 इ 49 अष्टलक्षी Aşta Lakşi समयसुन्दर 12 | कोलड़ी गुटका प्राध्यात्मिक पद-संग्रह Adhyatmika Pada San- | सुन्दरदास 107 graha , 11/12/ कोलड़ी 140 के नाथ 29/96 | प्राभूषण-बत्तीसी Ābhūşaņa Battisi चन्द्रसेन प/तालिका कु थुनाथ 283 प्रासफखान की वार्ता व | Asaphakhina ki Varti & सर्वये Savaiye महावीर 6 इ 47 | पासिक-पच्चीसी Asika Paccisi - 18 प्रोसियां 6 5 10 उंदर-रासा Undara Rasa लाभसुन्दर 19 | के नाथ 11/13 | ऋतु-संहार Rtusamhāra कालीदास मू.+ट (प.ग.) For Private and Personal Use Only Page #417 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir यन्त्र-तन्त्रमन्त्र : [401 10 11 6 7 8 | 8A विविध मंत्र-यंत्र-तंत्र प्रा.सं मा | 389 | 24 से 28 < 10 से 15 पूर्ण अपूर्ण 17120वीं 10,2 19/2017 महाकाव्य आदि साहित्यिक ग्रंथ :-- प्रशासनिक राजनीति हिं. 4 | 26 x 20 x 17x18 | संपूर्ण 1926 ऐतिहासिक वार्ता 17x12x17x12 | अपुर्ण 1919 " काव्य 20x16x15x21 | संपूर्ण 18वीं साहित्यिक-काव्य 121x9x22x47 , 26 पद्य 19वीं 27 x 12 x 13 x 43 110 श्लोक नैतिक साहित्यिक 26x11x15x60 101 श्लोक 19वीं बखत सागरण 1706x जिनहर्ष 18वीं 30x14 x 8x36 26XIIx10x31 100 श्लोक 19वीं 14 30x14x20x70 18वीं विक्रमपुर साहित्यिक 30 x 15 x 9 x 43 | 21x11x12x52 1946 x जोशी प्रलंकारिक व्याख्यान जेठमला एक पद के 8 लाख अर्थ भक्ति मय प्रौपदेशिक रा. पद 19x15x14x27 | ,, 5 अध्याय शताधिक 1767 (अपरनाम ज्ञान समुद्र) 16 x15x17x25 , 183 सर्वये 1773 गहनों के नाम व काव्य ऐतिहासिक साहि त्यिक श्रृंगारिक 25 x 11 x 17 x 37 प्रतिपूर्ण 16x12x- संपूर्ण 34 छंद 14 x 18 x 17x16 , 154 छंद 24 x 11 x 12 x 28 | , 25 पद चूहों पर हास्य व्यंग , 22x10x10x23 20वीं काव्य साहित्यक काव्य 26x12x11x43 शिशिर 5वेंसर्गतक For Private and Personal Use Only Page #418 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 402 ] भाग : 7 साहित्य व भाषा विभाग (अ) 3A | Aitihasika Varsavali गद्य तालिका कुंथुनाथ 19/3 | ऐतिहासिक वर्षावली के.नाथ 29/97 सेवामंदिर गुति.6 कथा-संग्रह Kathā Sangraha संकलन कोलड़ी 854 | कबीर की साखियाँ Kabira ki Sakhiyan कबीरदास कुंथुनाथ 10/178 कर-संवाद Kara Samvāda म. लावण्यसमय के.नाथ 17/16 कर्कराज शासन-पत्र Karkarāja Śāsanapatra , 5/ITA कला-विलास Kala Visasa व्यासक्षेमेन्द्र 27-31 कथनाय 12/203 | कविता-संग्रह 8 प्रतियां | Kavita Sangraha 8 copies | भिन्न 2 1314/49. 51,33/44.| 45,3/72 35 कोलड़ी गु.10.7 कहावतों के दोहे Kahāvaton ke Dche संकलन सेवामदिर 6 इ24 कागड़ा बालोछ ढाणी की | Kagada Balecha Dhani वार्ता ki Vartā कोलड़ी गु. 2/1कासिक नीति-शास्त्र Kārpāsika Nitišsātra Kavya Sūktāvali तालिका के नाथ 18/55 काव्य-सुक्तावली प्रीसियां 6 इ5 | किरातार्जुनीय-सटीक Kirat a juniya +Tika भारवि/मल्लिनाथ रिमू वृ. (ग.प.) कोलड़ी 713 भारवि मू.प. के.नाथ 22/26 -सटीक +Tika भारवि मू वृ. (प.ग.) यौनियां 6 इ9 भारवि/मल्लिनाथ के नाथ 7/45 मू प. प्रौसियां 6 इ7 मू.ट (प.ग.) -सटीक 2 प्रतियां मू.व. (प.ग) 45-6 के.नाथ 25/26, 75 47 सेवामंदिर 6 514 +Tika 2 copies k. Tikā -की टीका मल्लिनाथ प्रोसियां 6 इ 6 49 कोलड़ी 988 मल्लिनाथसूरि 50 के नाथ 2/17| कुमारसंभव-सटीक Knmara Sambhava Tika | कालिदास/ मू.टी. (प.ग.) | मू.अ. ॥ 51 , 10/104 , -सावचूरि , +with Avacāril / For Private and Personal Use Only Page #419 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir महाकाव्य प्रादि साहित्यिक ग्रन्थ : [ 403 8A ___ 10 1। 18x15x13 x 14 प्रतिपूर्ण 1793 मध्ययुगान किलों शहरों राज्यो रा. के संवत् राजा व नगरों के | , संवत् बोधकथायें 25x11x11x30 , 19वीं 1802 से 1180 गुजरात व राज. के पन्ने निा क्रम 14x15x17x22 त्रुटक प्रौपदेशिक साहि- | हिन्दी त्यिक बायें व दाहिने हाथ मा. का वादविवाद ऐतिहासिक वृत्तांत 29x 12 x 21x48 | संपूर्ण 31 विषयसांग 591 दोहे 26x || x 13x42 | , 69 छंद 3 30x16x14x30 राजपुत्रदत्तिवर्मा द्वारा दिया गया पहिला पन्ना कम है सुभाषितानि 27x11x21x66 | 10 सर्ग ग्रं. 676 17वीं साहित्यिक रचनायें डि. 1,1,1,1 | भिन्न 2 21,11 प्रतिपूर्ण | 19/20वीं स्फुट लघु ग्रन्थ नैतिक काव्य रा. | 19x15x14x27 | प्रर्याप्त समस्यापूत्ति 1767 1856 जीवाण लोककथा 22x15x15x33 | संपूर्ण नीतिशास्त्र 14x9x9x16 8 अध्याय 135 1666 श्लोक | 26x12x30x68 | प्रतिपूर्ण 19वीं शोकों की प्रादि गा., थायें अकारादिक्रम से ऐतिहासिकमहाकाव्य 26 x 13x17x48 संपूर्ण 18 सर्ग 17वीं 1725 22 x 11 x 11 x 40 26 x 11 x 4x42 1785 : : 26 x 12x17x52 1854 विक्रमपुर बखतसुन्दर 1854 | 25x11x13x33 , 19 सर्ग : | 28 x 13x10x46 | अपूर्ण 11वें सर्ग तक 16वीं 232, 29x13 425x11 , 16/17 सर्ग तक | 18/19वीं 29x14x17x40 , प्रथम सर्ग+मात्र | 16वीं 3326x12x17x64 17वीं जीणं पन्ने चिपक गये हैं 115 31x15x17x52 | संपूर्ण 18 सर्ग 19वीं साहित्यिक महाकाव्य , 1541 . | 29 x 11 x 10 x 34 , 8 सर्ग | 26 x 12 x 10 x 31 |, 7 सर्ग या 8वें सर्ग 16 श्लोक तक हैं 16वीं For Private and Personal Use Only Page #420 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 404 भाग : 7 साहित्यिक भाषा विभाग(अ): ___ 1 2. 3A 52-3 | कोलड़ी 716-7] कुमारसंभव 2 प्रतियां | Kunara Sambhava 2 copies कालिदास मू प. 54 | प्रौसियां 6 इ28/ 4 copies 55-8| के नाथ 22/49, 4 प्रतियां 7/9,22/28, 7/27 59-60 के.नाथ 22/29, , -सटीक 2 प्रतियां 6/99+ 22/10 61 सेवामंदिर गुति-5 कृपण-दर्पण , +Tika 2 copies मल्लिनाथ | मू+वृ (प.ग) Kệpaņa Darpaņa Keśava Subhasita केशवदास Kokasāra प्रानन्द 62 मुनिसुव्रत 3 इ 318/ केशव-सुभाषित के.नाथ 29/64 | कोक सार | कोलड़ी गु [1/4 | कुंथु 31/12 , 66 | कोलड़ी गु 9/7 | कोकमंजरी 768 | कोकशास्त्र Kokamanjari Kokaśāstra कोर देव 68-9 कुंथु 44/8, 2 प्रतियां , 2 copies 44/4 कोलड़ी 1315| खटमल व पोसती-रास | Khatamala & Posati Rasa 71 , गु 6/1खुमाणसिंह बारहमासा Khumanasimha Baraha- खुमारण सिंह māsā Gābākosa वीरभद्र ? ., पुट्टा 55 में गाहाकोश बिना नम्बर | कुथु. 4/91 गांगातली-कथा Gāngā Taili Katha कोलडी 1262 Guņa Sāgara दौलु Goramji ki Gajala कविप्रेम के नाथ 29/85/ | सेवामंदिर 2/380 गुणसागर ,, ति. गु. 4 | गोरमजी की गजल | के.नाथ 9/41 | गोराबादल-चरित्र 79 | कुंथु 426 ,, -चौपई 80 , 40/2 | चन्द्रकुमार की वार्ता 81 मेवामंदिर ति गु 4 , , Gorā Bādala Caritra वाचक हेमरत्न , Caupai Candrakumara ki Vārtā " " . खुमाण रसक हंसकविराय , For Private and Personal Use Only Page #421 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir महाकाव्य प्रादि साहित्यिक ग्रन्थ - [ 405 8A 9 11 ____ 10 1759/19वीं साहित्यिक महाकाव्य सं. | 26,27 | 25 x 10 x 13 x 36 | संपूर्ण 8/7 सर्ग 37 25x11x8x33 , 7 सर्ग 1801 विक्रम पुर बखतसुन्दर 29,44| 24 से 26 x 11 से 12 अंतिम प्रति अपूर्ण शेष 1802 व 19वी| दूसरी प्रति में 35.13 संपूर्ण ____टब्बार्थ भी है 30,98| 25 से 28 x 11 से 12 प्रथम अपूर्ण द्वितीय पूर्ण | 19वीं/1823 कंजूस पर व्यंग 16x10x22x17मपूर्ण 44 गा. | 17वीं नीति विषयक भी 18वीं 24 x 11 x 15 x 38 | अपूर्ण 63 छंद 16 x 21 x 19 x 20 संपूर्ण पुरुष-स्त्री रतीशास्त्र 1835 12x11x16 x 15 अपूर्ण 1758 16x23x22x19 , 106 गा. 19वीं 12x10x10x17 | ., 28 छंद 1915 26x 11x15x48 19वीं 18,17| 22x16 व 16x12 | अपूर्ण पहिली प्रति में औषधादि भी | 25 x 11 +15 छंद ।, साहित्यिक कवितायें (दो) शृंगारकि कविता 21x14x23x20 , 28 छंद 1870 34x13x14x62 | , 40 गाथा .. 15वीं लोककथा 26x11x14x56 19वीं 17x9xllx31 | अपूर्ण 1932 (साथ में 2 पन्न रामायण के) 26 x 11 x 13 x 48 19वीं सुभाषित संग्रह 16 x 13x9x 22 | संपूर्ण 1956 जोधपुर 1921 की कृति प्रासकरण 1892 1837 की कृति 17x11x20x11 , 28 गा. गोरमनाथ धाम व यात्रा वृत्तांत ऐतिहासिक वार्ता 26x11x14x40 , 738 गा. 19वीं 26x11x14x32 लोककथा 15x26x30x25 संपूर्ण 87 गा. 1831 17x11x 22 x 10 , 89 गा. 1892 For Private and Personal Use Only Page #422 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 406 ] 1 82 कोलड़ी 9/13 चन्द्रकुमार की वार्त्ता कुंथुनाथ 54 / 1 की कथा सियां 6 इ 38 चाणक्य नीति 6 इ 8 कोलडी 1093 सेवामंदिर 5 ग्रा 6 कुंथुनाथ 16/1 44, 1 33/9, 35/40 19/1 935 के नाथ 15/181 83 84 85 86 87 88 89 90-2 96 101 102 103 106 107 108 19 109 2 110 के नाथ गु. 2 104 मुनिसुव्रत 3 इ 32 105 978 के नाम 26/60. 92 99 मुनिसुव्रत 6 इ 43 जखड़ी 100 के. नाय 26/93 वामंदिर गुति 4 " " 13 12 31 " " " 21 3 16/25. 15/138 सेवामंदिर 6 इ 45 चांपावत भाटियोरी कमाल 31 लघु व बृहत् नीति शास्त्र लघुनीति सानुवाद 3 प्रतियां नीति " दे 4 जमाल - गार गु 11 जगदेव परमार की वार्त्ता www.kobatirth.org 13 Candrakumara ki Vārtā " Kamala Campavata Bhatiyon Ri चित्तौड़गढ़ - गजल 2 प्रतियां Cittauda Gadha Gajala 2 copies Jakhadi 3 A Canakya Niti 33 " ki Katha Jagadeva Paramāra ki 3 copies "3 Jamāla Śṛngāra Jalāla Gahani ki Vārtā जलाल गाहाणी की वार्ता जीभ दांत विवाद Jibha-danta Vivāda shaha 11/10 डाकोर रणछोड़जी रोशिलोको Dākora Ranachodaji śiloko के. नाथ गुटका 10 ढोला-मारवणी - चौपाई Dhola Māravani Caupai गु. 12/8 कुंथुनाथ 54/4 के. नाथ ग. 2 कोलड़ी गु6 / 1 भाग : 7 साहित्य व भाषा / विभाग ( अ ) Vårta For Private and Personal Use Only ke Dohe खुमार रसकहंस चाणक्य "" 23 "1 Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ,, " 17 4 / भावनादास खेतलजनयति "कविश्वर " 17 के दोहे दाढाला बाराह मूंडण की Dadhālā Bāraha Bhūndana " कवीश्वर" वार्त्ता ki Vārtā कविराय मोह-चन्द्र सेन वाचक कुशललाभ प. ग. मूट. (प.ग.) मू. प. मूट. (प.ग.) मू प. मूबा ( प. ) मु.प पद्य " 11 ग. " 17 प. ग. प. " 5 ग. Page #423 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra महाकाव्य श्रादि साहित्यिक ग्रंथ : 6 लोककथा राजनीति शास्त्र " " = 91 "" 11 " स्त्री श्रृंगार ऐतिहासिक कथा साहित्यिक कल्पना लोककथा प्रसिद्ध लोक गीत 31 19 7 रा. 11 11 सं. " सं.मा. सं. ऐतिहासिक काव्य गढ-वृत्तान्त कृष्ण-रुक्मिणी व्याह शौर्यसत्य पर जीवना रा. सं.हि. सं. डि. मा. डि. ?? 13 71 " "1 मा. : साहित्यिक वीर कथा डि. 17 19 50 32 37 8 36 10 8 20 6 4,4 3 32 6,15,7 17 से 28 x 11 से 15 60 6 11,48 24 से 26 × 11 से 12 17 × 12 × 10 × 21 23 x 11 x 15 x 30 24 1 गु. 23 गु. 8 A 13 www.kobatirth.org गु. 15 × 11 × 10 × 1 6 अपूर्ण 54 छद 17 x 13 x 12 x 7 संपूर्ण 18 x 10 x 5 x 22 23 x 14 x 18 x 15 25 x 10 x 13 x 38 20 x 15 x 23 x 22 17 x 11 x 20 x 10 15×11×7x 21 534 श्लोक 2 2 x 11 x 5 × 33 पूर्ण पहिले 3 पन्नो कम 19at 22 × 11 × 10 × 42 | बृहत् के 4 अध्याय लघु पूरे 8 26 × 14 × 17 x 46 लघु के 7 व बृहत् के पूरे 1939 8 अध्याय 14 × 17 × 14 × 24 पहिल 2 पन्न कम / लगभग पूर्ण प्रथम 2 पूर्ण अंतिम अपूर्ण 20वीं 22 x 18 x 14 x 27 23 x 10 x 10 x 28 15 x 13 x 9 x 19 20 x 12 x 20 x 31 11 19 x 12 x भिन्न 2 17 × 14 × 11 × 18 22 × 18 × 14 × 27 21 × 14 × 23 × 20 "1 13 अपूर्ण संपूर्ण 29 छंद " 12 9 ==== R 8 अध्याय 31 16 गाथा 9 गाथा 819 छंद अपूर्ण संपूर्ण 454 दोहा संपूर्ण अपूर्ण For Private and Personal Use Only Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 10 19वीं 1922 16वीं 17वीं 1847 1936 1850 से 20 वी 19वीं x गेनचंद 19/20वीं 18वीं 1814 1892 1822 1813 19at 1834 1755 19वीं 1828 1814 1870 [ 407 11 1740 की कृति अंत में गिंदोली वाला बिल्कुल अपूर्ण 12वीं सदी की धारा नगरी बीच 2 में दोहे रजपूत विजैनंद की कथा 1677 या 17 की कृति जीर्ण Page #424 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 408 ] भाग 7 : माहित्य व भाषा विभाग (अ) । 2 . 3A 11। सेवामंदिर गुति | दाढाला बाराह मुंडण की | Dādhā.ā bai āha Bhān. | 'कवीश्वर" वार्ता daņa ki varta 112 | के नाथ 29/88 | दिनदरवेश की कंडलिया | Dinadarvesa ki Kundali- | दिनदरवेश ya 113 सेवामंदिर ग दे. देवीदास राजनीति-कवित्त |(Devidasa) Rajanitikavitta| देवीदास 114 Navaratnakávya Kavitta मू बा. (प.) | के नाथ 22/43 | नवरत्न काव्य कवित्त सानुवाद , 10/55 | नन्दबत्तीसी के दोहे 115 Nandabattisi ke dohe नरपति 116 | कुंथुनाथ 45/4 | नन्दबहुत्तरी Nanda Bahuttari जसराज 117 के नाथ 17/32 | नायिकाभेद व नीतिपद्य Nayikabheda & Niti Pady:| संकलन 118 भत हरि पौसियां 6 इ 40 नीति शृंगार वैराग्य-शतक | Niti Srngara Vairagya Sataka , 5श्रा 2 119 120 के नाथ 22/17 121 , 16/44 -शतक सटीक ,, Sataka+Tika | व्यास पुक्कर- मू+व (प.ग. दाम 122-3 2 प्रतियां ,, , 21/491 नीति-शतक __22/508/2 , 2 copies 124 सेवामंदिर 5आ 125 अौसिय 5आ 3 , 126 के.नाय 27/4) | नैषधीय-चरित्र Naişadhiya Caritra श्रीहर्षकवि मू ट. (प.ग) 127 | कोलड़ी 1246 के नाथ 26/66 129 | कोलड़ी 1249 ,, -महाकाव्य की वृत्ति , Mahikāvya ki .. जिनराजसूरि Vrtti 130 , 996 | पत्र पारूप Patra Prárūpa कुथुनाथ 4/106 132 45/7 Paramārtba Sataka चौधरो 133 कोलड़ी गु 10/5/ परमार्थ-शतक , गु. 1/1 | पहेली-संग्रह 135 , गु. 11/6 , 134 Paheli Sangraha संकलन For Private and Personal Use Only Page #425 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra महाकाव्य प्रादि साहित्यिक ग्रन्थ 21 साहित्यिक वीर कथा डि. व भक्ति fa. राजनीति साहित्य डि. नीति विषयक श्लोक सं. हि. साहित्य धार्मिक डि. " 11 श्रृंगार व नीतिकाव्य हि प्रसिद्ध शतक त्रय सं. " 11 11 31 יו 33 "1 6 33 राजा गुरु आदि को लिखने के नमूने उपमादि 12 रा. 11 7 " "3 31 " नैतिक साहित्यिक मा. साहित्यिक "" 17 3 8 50 4 4 16 × 12 x 9 x 13 23 x 12 x 10 x 28 26 x 12 x 16 x 45 17 x 14 x 11 x 18 31 × 16 × 13 × 34 26 × 10 × 16 × 55 27 × 1 1 × 13 × 43 26x12 x 4 x 37 26 × 11 × 13 × 29 17,20 28 x 13 x 7 x 32 गु.. 30 16 18 77 51 9 5 101 102 81 195 3 1 1 गु. 30 8 A गु. www.kobatirth.org 17 × 11 × 20 × 19 संपूर्ण 21 x 11 x 17 x 42 11 11 9 40 कुंडलिया 122 छंद 11 9 काठ 116 पद 73 छंद 105,102 109 श्लोक नीति संपूर्ण श्रृंगार 40 31 तक संपूर्ण 109/108 लोक 26 × 11 × 10 × 28 अपूर्ण 22 से 95 श्लोक 25 x 11 x 15 x 51 17 श्लोक 11 " 26 × 11 × 10 × 30 संपूर्ण 22 सर्ग, श्लोक 5250 25 x 11 x 15 x 52 लगभग पूर्ण 22 / 140 प्रतिपू संपूर्ण 107, 101, 1251641 श्लोक तक 26 × 11 × 15 × 52 अपूर्ण बीच के 5 से 85 पन्न 25 x 11 x 13 × 48 6 सर्ग तक 31 × 15 × 1 4 × 52 पंपूर्ण 35 प्रकार के पत्रों के 26 × 13 × 12 × 44 प्रतिपूर्ण लम्बारोल 15 से. चौड़ा 19 × 13 × 13 × 23 संपूर्ण 101 गा. 13 x 10 x 11 x 20 अपूर्ण शताधिक 15 x 9 x 7 x 14 16 पहेलियां For Private and Personal Use Only Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 1892 19वीं 1903 10 19वीं 1828 19वीं 1708 पाटण सोमगरिए 19वीं 27 "1 71 20वीं 1643 17वीं 18वीं 19वीं 11 1884 1783 19वीं [ 409 11 देखें 'वैराग्यशतक भी) " सार्थ टीका सुबोधिनी नाम्नी Page #426 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 4101 भाग : 7 साहित्यिक भाषा विभाग(अ):: 3A 136 कोलड़ी 993 | पहेली-संग्रह Paheli Sangraha संकलन 137 1261 पंच-तन्त्र Pancatantra विष्णु शर्मा 138 1105 139 | के नाथ 15/188 " सहबालावबोध , +Bālāvabodha मु.+बा. 140 , 16/2 कोलड़ी गु. 11/9 , का पद्यानुवाद , -भाषा ,, ka Padyanuvida| मेरुसूरि का शिष्य ,, Bhasa (मू. हितोपदेश से) Panca Saheli Vārttā छीहल 142 के नाथ गु. 20 | पंचसहेली-वार्ता 143 कोलड़ी गु.2/3 144 ... 1319 145 के नाथ गु. 26/103 पुरुष 72 कला स्त्री 64 गुण| Purusa 72 kala Stri 64 Guņa 146 प्रोसियां 6 इ 12 पुष्करणों की उत्पत्ति । Puskaraņon ki Utpatti 147 सेवामदिर 6 इ 44 पोसती-रास Posati Rasa वखत प.ग. 148 के.नाथ 17/4 प्रबोधचन्द्रोदय Prabodha Candrodayā कृष्णमिश्र मूनाटक 149 9/42 प्रश्नषष्टि शतकम Praśna Şasti Satakam जिनवल्लभ संकलन जयदेव 150 सेवामंदिर गु.ति.5 प्रीत के दोहे, परिहा व पद Pritake Dohe Parihi& Pada | कोलड़ी 1312 | प्रीत सखी के दोहे Prita Sakhi ke Dohe 152 के.नाथ 26/103 | पु.हड़ स्त्री रास Phūhadastri Rāsa | सेवामंदिर गु दे. 4 | बारहमासा Baraha Masa 154 | कोलड़ी 272 155 | , गु. 7/7 | बाठनी (कुंडलिया+कवित्त) Bavani काजीहमीद मुनि धर्मसिंह 156 सेवामंदिर ग.दे.15 बांकीदास-ग्रंथावली Bankidāsa Granthavali कवि बांकीदास 157 , गु.ति. 4 बिरद शृगार Birada Sțngāra कविया करणीदान , For Private and Personal Use Only Page #427 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir महाकाव्य आदि साहित्यिक ग्रंथ : [ 411 6 7 | 8 | 8A 9 | 10 11 27x 13x17x45 | प्रतिपूण 78 श्लोक 19थी समस्या सुभाषित श्लोक साहित्यिक बोध 22x16x17x32 | संपूर्ण 5 तन्त्र 1788 कथायें 24 x 12 x 14 x 36 | अपूर्ण 75 श्लोक मात्र | 19वीं 25 x 11 x 17 x 60 , 143 श्लोक तक | 18वीं 26 x 11 x 14 x 38 | X14X38 | बुटक (श्लोक 1902/. | 19वीं 1522 की कृति 4600 19x 14x14-20 संपूर्ण चारों विभाग 1784विक्रमपुर शृगार प्रधान लोक- रा. 20x15x14x25 , 163 गाथा 1754 1575 की कृति कथा 15x12x12x22 1762 25x11x15x28 , 63 गाथा 1802 प्रथम पन्ने पर राम सिलोको (श्लोक) साहित्यिक 25x12x20x56 18वीं जाति उत्पत्ति व्यंग 43x11x18-65 20वीं साहित्यिक काव्य 26x11x10x36 19वीं (देखें खटमल व पोसतीरास) , कृति 30x16 x 13x40 , 6 अंक श्लोक में ही प्रश्नोत्तर 26x11x12x37 , 162 श्लोक (प्रथम पन्ना कम) 16x10x33x19 प्रतिपूर्ण 256 कुल पद | 1764 प्रेमपत्री नीति व स्फूट 25x11x17x48 , 141+18 दोहे | 19वीं स्त्री-लक्षण 25x12x20x56 , 33 गाथा कूल 18वीं अंत में तंबाखू गीत विगहिणी गीत 15x11x8x15 संपूर्ण 122 गाथा 1823 प्रथम 6 दोहे कम 26 x 11 x 22 x 58 | ,, 95 गा. 1732 साहित्यिक प्रौपदे शिक सिंह छत्तीसी, सूरछत्तीसी, कृपरणपच्चीसी, वचनविवेक पच्चीसी, वणिकवार्ता, मोहमदन 22x16x20x30 52 कंडलिया । 19वीं 57 कवित्त 15x10x27x19 अपूर्ण 15 में से केवल | 1939 1.7 ग्रंथ क्रमांक 9 से 15 1892 ऐतिहासिक काव्य | डि. | 2117x11 x 18 x 10 | संपूर्ण 134 गा. महाराज अभयसिंह जोधपुर हेतु For Private and Personal Use Only Page #428 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 412 ] भाग : 7 साहित्य व भाषा विभाग (अ) - 1 3A Bihāri Satasai कवि बिहारीलाल 158 159 2 . कोलड़ी गु. 10/7/ बिहारी सतसई सेवामंदिर गु.दे.21 कोलड़ी 1145 161 , 1272 के.नाथ 2963 " -सटीक > with Tikā बिहारी सुरतिनिध मु.टी (प.ग. 163 कोलडी 1256 ,, -सटीक सानुवाद 164 के नाथ 27/50 बिहारी , Sūcanika | Binja Saukhi ke dohe कवि बिजा Bikānera ki Gajala उदेचंद Bikā Soratha ki Vartta Buddhā Rāsa 165ोसियां 6 इ 16 । ० इ , -सूचनिका के.नाथ गु. 26/103 दिजा सौखी के दोहे 167 कोलड़ी गु. 11/9/ बीकानेर की गजल 168 , गु. 6/1 | बीका सोरठ की वार्ता 169 के.नाथ 29/89 बुढ्ढा-रास प्रौसियां 6 इ 17 बुढ्ढे का चौढालिया कोलड़ी 1268 भट्टिकाव्य 172 , 1191 ,, -सटीक 173 प्रौलियां 6 इ 20 भामिनीविलास , 6 इ30/ सेवामदिर गु दे.4 / भाषा ग्रन्थ Buddbe kā Caudhaliyā Bhatti Kāvya भट्टिकवि , with Tiki भट्टिकवि/जयमंगल । मू.टी (प.ग.) Bhamini Vilasa जगन्नाथ Bhāṣā Grantha छाजुराम 176 के नाथ 17/33 | भाषा-मण्डन Bhāṣā Mandana , 17/15 | भूगोल व इतिहास Bhugola & Itihāsa कोलड़ी गु. 11/5| भोज, माघ व बुढिया की कथा Bhoja Magha & Budhiya ki Katha कुंथुनाथ 13/221 180_ कोलड़ी गु 10/5 | भ्रमविहंडण Bhrama-vjhandana गौसिया 6 इ || मजालिस Majālisa For Private and Personal Use Only Page #429 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir महाकाव्य ग्रादि साहित्यिक ग्रंथ : [ 413 __ 6 7 | 8 | 8A ___10 11 शृगारिकसाहित्यिक हि. 19x15x14x27 दोहे 70 से 710 तक 1767 23x16x18x15 संपूर्ण 710 दोहे 1793 प्रत में कवि पालम के 8 कवित्त रथम व अंतिम पन्ना 25 x 11 x 14 x 40 | लगभग पूर्ण 16 से 702 18वीं तक नहीं 20x15x18x21 संपूर्ण 699 दोहे 1869 21 x 13 x 20 x 14 अटक 3-4 प्रतियों के पन्ने 19वीं टीका अमर चंद्रिका नाम्नी अकारादिकम से सूची भी है संपूर्ण के ग्रंथाग्र 4505 थे 15 x 15 x 18 x 26 | अपूर्ण 349 से 709 अत तक 25 x 11 x 15 x 45 | बिल्कुल अपूर्ण 28 x 13 x 19 x 55 | संपूर्ण 25 x 12 x 20x56 , 62 दोहे आलोचनात्मक अध्ययन साहित्यिक-कृति वृत्तान्त 17x14x14x23 | ,, ऐतिहासिक-काव्य 21X14x23x20 अपूर्ण 1870 वृद्ध विवाह पर व्यंग , 21 x 11 x 21 x 48 | संपूर्ण 19वीं वृद्धावस्था दुःख 26 x 12x16x50 1836 गमकथा-साहित्यिक सं. 27x13x19x35 | अपूर्ण प्रकीर्ण काण्डे 19वीं तृतीय सर्ग 33x14x13x50 , साहित्यिक कृति 26x12x13x42 | संपूर्ण 4 विलास श्लो.283|1823बिक्रमपूर वखतसुंद 27x13x10x39 19वीं 15x15x9x 18 | प्रतिपूर्ण 7 पद 1823 सात भाषा, सात | भिन्न 2 | 3 कवित्त भाषा उपयोगितादि सिरोही, गुजराती, मेवाड़ी, पंजाबी,थली ढुढाडी, मारवाड़ी 30x16x15x38 | संपूर्ण 19वीं 30x16x18x82 प्रतिपूर्ण वैष्णव शास्त्रों व ग्राम्नायानुसार लोककथा-तात्त्विक जंबूद्वीप राजा आदि जानकारी 15x11x14x14 | संपूर्ण 26x11x11x48 साहित्यिक कृति | मा. 19 x 13 x 13 x 23 | अपूर्ण 75 गा. 1884 , वार्ता | हिं. 25x10x14x49 प्रतिपूर्ण 20वीं For Private and Personal Use Only Page #430 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 414 ] भाग 7 : साहित्य व भाषा विभाग (अ) : 3A 182 | कुंथुनाथ 45/4 | मदनकुमार शतक-वार्ता । Madanakumāra Śataka Värttā Madana Yuddha 183 | कोलड़ी गु2/1| मदनयुद्ध 184 कुथुनाथ 41/1 मधुमालती-चौपई Madhu Mālati Caupai | कायस्थ चतुर्भुज , Prabandha 180 के नाथ 29/66 , -प्रबन्ध | कोलड़ी गु 9/2| , -चौपई 187 | कुथु 48/1 | मारवाड़ का इतिहास , Caupai Māravada kā Itihāsa 188 कोलड़ी गु. 10/5 189 के नाथ 29/86 मारुवणी-मेवाड़ी संवाद Meruvaņi Mevādi Sam vāda 190 | कोलड़ी 964 | मांधाताराजा-उत्पत्ति कथा | Māndhāti Raja Utpatti Katha |, गु. 2/3 मूर्खप्रकार Mūrkba Prakāra | के नाथ 16/3 Meghadūta 191 मेघदूत कालिदास 193 औसियां 6 इ 32 194 के नाथ 1/35 195 , 14/82 196 | कोलड़ी 984 सावचूरी with Avacūri मूअ (प.ग) 197 | महावीर 6 इ21 मूट (प.ग.) 198 | कोलड़ी 714 सावचूरी मू+अ (प.ग.) 199 201 3 प्रतियां 3 copies मू.प. के नाथ 24/18, 17,13/48 प्रौसिय 65 26 202 सटीक with Tika | कालिदास मल्लिनाथ | मू+टी(प.ग.) 203 कोलड़ी 1043 मू प. 204 715 की टीका ki Tikā मल्लिनाथ | के.नाथ 14/79 , पंजिका Pañjikā 206 कोलड़ी 1241 | मेड़तिया जालमसिंह की कमाल Medatiya Jilamasimha ki चारण हेमराज Kamala कुंथु. 13/220 , शेरसिंह का शिलोका , Serasimha ki Siloki (श्लोकाः) 203 बोलड़ी गु 6/1 | मेवाड़-रास Mevāda Rāsa जिनेन्द्र For Private and Personal Use Only Page #431 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir महाकाव्य प्रादि साहित्यिक ग्रन्थ : (415 11 8A - 10 17 x 14 x 11 x 18 संपूर्ण 1 10 बोहे सहित 1828 साहित्यिक वार्ता 14x9x9x16 1666 ,, महाकाव्य । 13 x 13 x 17x26 , 883 गा. 1825 22x10x15x60 प्रथमबंध पूर्ण 1764 19वीं 21 x 13 x || x 25 | अपूर्ण 69 छंद 15 x 13 x 10 x 15 | संपूर्ण अपरनामरसिक मालती इतिहास भारतीय 1770 संदर्भ में xxxx 19x13 13x23|| 1884 दूल्हा-दुल्हिन संवाद डि. 25 x 10 x 20 x 84 19वी गर्भ-संक्रमण पर 25x12x12x43 1874 कथा साहित्यिक 15 x 12 x 12 x 22 1 90 प्रकार 1762 | 26x11x11x31 1597 26x11x13x52 ..., 124 श्लोक | 16वीं | 26x11x7x37 ,, 125 24x11x11x31 1637 भीगी हुई है 25x13x11x52 1642 24x11x10x29 124 श्लोक 1663x कनकरत्न 31x11 x 15 x 35 , 127 श्लोक 1734 26 x 12 x भिन्न 2 प्रथम दो संपूर्ण अंतिम | !823 से 20वी प्रथम में टब्बार्थ भी प्रति अपूर्ण 25 x 11 x 15 x 43 | संपूर्ण 121 श्लोक 19वीं विक्रमपुर बखतसुंदर 25 x 11 x 12 x 45 अपूर्ण 23 श्लोक मात्र 19वीं 24 x 10 x 9 x 32 | संपूर्ण 121 श्लोक 1727 संजीवनी नाम्नी 24x10x13x44 | अपूर्ण 84 श्लोक तक 19वीं 1813 ऐतिहासिक वीर | डि. काव्य | मा. 26 x 16x13 x 26 संपूर्ण 26 x 11 x 16 x 44 | अपूर्ण 30 गा. | 21 x 14 x 23 x 20 | संपूर्ण 12 छद 19वीं अंत में औषध+मंत्र साहित्यिक ऐति 1870 For Private and Personal Use Only Page #432 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 416 ] I 209 कोलडी 1250 रघुवंश के नाथ 2/10 14/81 कोलड़ी 711 के साथ 14/80 2/12 महावीर 6 इ 46 श्रौसियां 6 इ 3 कोलडी 709, 1084,1317, 710 221-3 के नाथ 16/33, 22/1, 24/12 27/60 210 211 212 213 214 215 216 21720 224 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 " 238 "1 2. 31 19 33 " " 225-6 प्रौसियां 6 इ 31 53 कुंथुनाथ 25/4 कोलड़ी 712 के नाथ 29/58 कोलड़ी 1260 के नाथ 29/60 2/24 18/32 24/15 दुर्घटपदव्याख्या 7/24 + कुमारसंभव + मेघदुर्घटपदव्याख्या कोड़ी गु. 3 / 1 रतनाहमीर की वार्ता कुंथुनाथ 31 / 10 31 71 " "1 31 33 19 " 13 "" "1 " " " " "" 3 - सटीक 43/4 | रस- मंजरी - सटीक 13 रसप्रवाह - रस 33 -की टीका -की पंजिका -की टीका "1 www.kobatirth.org 4 प्रतियां " 3 प्रतियां 2 प्रतियां Raghuvamsa 33 " 39 93 " 39 33 22 39 "" 33 3 A , with Tika ki Tikā with Tikā Pañjikā Tikā 39 33 "" 4 copies Rasa Manjari 3 copies For Private and Personal Use Only भाग : 7 साहित्य व भाषा / विभाग (प्र) 2 copies Durghata Pada Vyakhyā ,, + Kumāra Sambhava+Meghadūta Ratana Hamira ki Vārttā Rasa Pravaha Rasa Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कालिदास 33 "1 31 ४ / मल्लिनाथ ;; " कालिदास 19 4 / श्री विजयगरि / मल्लिनाथ दिनकर मिश्र वल्लभदेव श्री विजयगरण मल्लिनाथ 11 चरित्रवर्द्धन ( खरतर गच्छी) गुण विनय वैद्य कुंडराज कविचंद भानुदत्त कवि मू. प. मुटी. (प.ग मू प. 19 ग. " मू टी. (प.ग.) " "1 " " " 5 प. 13 17 11 Page #433 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra महाकाव्य प्रादि साहित्यिक ग्रंथ :-- साहित्यिक महाकाव्य सं. साहित्यिक ऐतिहा सिक 17 6 "1 " 13 "1 " „ 11 " "1 "1 "" 11 "" 17 13 पत्नी गुणलक्षण मनाविज्ञान 33 "1 = 13 " 7 93 " 31 22 " मा. ,, सं. 8 107 97 88 109 25 45 12 8 9 80 28x14 x 10 x 28 52,31, 23 से 25 x 11 से 12 5,12 119 330 246821 से 27 x 11 से 12 19 146 27 x 1 2 × 15 x 45 41,2825 x 11 व 28 × 1 3 26 × 1 1 × 17 × 60 17 75 9 8 15 8 A 75 www.kobatirth.org 28 22 x 9 x 10 x 36 15 27 x 11 x 11 x 36 27 x 11 x 11 × 39 28 x 18 x 14 x 12 26 × 10 × 19 27 x 11 x 13 x 36 × 60 29 × 11 x 10 x 40 26 × 11 × 1 8 × 47 पूर्ण 3 / 22 तक 25 × 1 1 × 13 x 36 24 × 11 × 16 × 53 91 26 x 11 x 14 x 51 17 संपूर्ण 19 सर्ग ग्रं. 2200 1469 19वें के 56 श्लोक 1553 तव 1642 11 31 " " "1 27 11 "1 11 " "" केवल 57 श्लो. तब मात्र 1/2 सर्ग प्रथम 6 पन्न े कम बाकी संपूर्ण संपूर्ण 19 सर्ग की 31 26 x 12 x 15 x 48 22 × 11 × 12 × 36 श्रपूर्ण 2 सर्ग तक हो 24 x 10 x 17 x 52 " 9 19 स 11 19वीं 17वीं सर्ग 16 से अंत तक 1730 18वीं 26 x 11 x 15 x 52 15 × 11 × 15 × 15 संपूर्ण 15 x 25 x 20 × 22 26 x 11 × 12 x 32 17 प्रथम सर्ग के 75 श्लोक 11 9 12 वें सर्ग तक प्रथम 2 ग्रंथों की पूरी मेघदूत पूर्ण "7 21 For Private and Personal Use Only 21 Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 10 "" 19/20at 19वीं 19/20at 17वीं 1762 | 1890 से 20 वी प्रथम प्रति सावचूरि है 1819 1890 जोधपुर 1884 17वीं 19वीं 15वीं 19वीं 1895 10 विलास 307 गाथा केवल पहिला पन्नाकम 1704 (417 1795 11 जीर्ण प्रति पन्न 328 से 372 (अंत) रामविजय तपगच्छीय का शिष्य प्रथम पन्ना 14 गाथा का कम Page #434 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 418 ] भाग : 7 साहित्य व भाषा/विभाग (प्र) - 3A 239 Rasa Manjari भानुदत्त कवि 2 • 3 | प्रौसियां 6 अ 96/ रसमंजरी 240 6 अ 98 6998 " -सटीक 241 , 6 अ 95/ | कोलड़ी गु. 9/14 रसावला गोगाजी का-रास 243 कुंथुनाथ 40/2 | रसिक प्रिया 244 कोलड़ी गु 11/12 .. 245 के.नाथ 10/46 .. wit hTika , शेष .., गोपालभट्ट | Rasāvala Gogaji ki Rāsa | विठू मेह Rasikapriya केशवदास 246 | कुंथु. 44/9 | राजाभोज की बात Rājābhoja ki Bāta व्यास भवानीदास 249 250 के नाथ 17/14 | राठौड़ों की प्रयावली व | Rathaudon ki Prayāvali | भट्रारक खूबचंद खरतर उत्पत्ति ___& Utpatti कोलड़ी गु || 11 ,, की वंशावली ,, ki Vamsavali , गु. 7/3 | , व राजपूतों की पीढ़िये , & Rajapāton ki Pidhiyen .. गु. 2/3 | राधाकृष्ण बारहमासा Rādbākrsna Bārahamāsā चुतरा चारण | के.नाथ 26/103) रामचन्द्र नाटक रस Ramacandra Nataka कोलड़ी गु. 107 रामरासी Rāma Rāsau माधौदास दधाड़िया सेवामंदिर 5424 Rasa 254 कोलड़ी गु 11/9 257 ग. तालिका 255 ।, गु. 108+ 10/7 256 , गु 1/6 रावरतनजी की वचनिका Rava[Ratanaji ki Vacanika| राठौड़ महशदास , 876 | राष्ट्रकूट-वंशावली Rāştrakūta Vamśāvali सेवामंदिर गु.नि.4 रिसालू राजा की वार्ता Risalu Rajā ki Värttā के नाथ 20/25 कोलड़ी 272 | लाहौर वर्णन +-गजल Lahaura Varnana+Gajale| जट्टमल नाहर , 1321 | लुकमान हकीम की नसीयत | Lukamana Hakima ki | लुकमान हकीम Nasiyata 262. महावीर 2/396 | वज्जालयं (छाया सह) Vajjālayam 261 मू अ. (प्रा.सं.) 263 कोलड़ी गु.7/4 वागरव्याल Vāgara Vyala For Private and Personal Use Only Page #435 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir महाकाव्य आदि साहित्यिक ग्रन्थ - [ 419 8A ___ 10 ।। पत्नी गुगा लक्षण मनोविज्ञान 27 x 12 x 14x49 / संपूर्ण 139 श्लोक 19वीं 26x12x17x58 | " " | 24x10x14x53 , 138 श्लोक 17x12x10x22 , 16 छंद 1800 सर्प पूजा (शक्ति भक्ति ) शृंगार रस प्रधान 9 रस पूर्ण ग्रंथ xx xxxx | 15x26x30x25 16 प्रभाव 1729 16x15x17x25 1773 29x14x10x28 | अपूर्ण चार प्रभाव 19वीं 16x22x17x22 साहित्यिक ऐति हासिक 30 x 16 x 14 x 28 | संपूर्ण 1906 14x11x10x11 | प्रतिपूर्ण सिहाजी से राम- 1810 सिंह | 24x17x16x23 19वीं विरह गीत 15x12x12x22 14 छंद 1762 साहित्यिक 18वीं अंत में 'चौबोली' कथा रामकथा साहित्यिक | 1767 25 x 12 x 20 x 56 | संपूर्ण 19x 15 x 14 x 27, ,, 1094 छंद 25 x 11 x 15 x 55 , 2375 छंद 17x14x14x23 | , 1035 छंद 1773x खेतसिंहमुनि 1784 15x11x21x27 | लगभग पूर्ण 1077 छंद | 19वीं अंत में प्रौषध नुस्खे राठौड़ महिमा इति | डि. 13x x10x12 | संपूर्ण 1767 माडकी तीर्थ व राजधानियां पूरणप्रभू स्थापना के संवत् भी 19वीं 25x11x , 73 पीढी राठौड़ वंशावली पौराणिक लोककथा 17x11x20x10 1892 बीच 2 में दोहे भी हैं 20x12x14x25 19वीं नारि व शहर वृत्तांत 26x11x22x58 1732 नैनिक शिक्षायें हि. 26x12x12x32 सुभाषित संग्रह 27x12x14x42 1909 अंत में प्रताप पच्चीसी के 6 दोहे 1653विक्रमपुर धर्मस्नेह 1746 साहित्यिक 23x15x11x23 , 31 छंद For Private and Personal Use Only Page #436 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 420 ] भाग : 7 साहित्य व भाषा/विभाग (अ) 3A 45 Vijayasiṁha Rajotpatti पंडित केशव 264 के नाथ 17/30 | विजयसिंहराजोत्पत्ति 265 | कोलड़ी गु. 10/- विरह-बत्तीसी Viraha Battisi रसिकनाथ 266 1255 वीरमदेव-नारी (पन्ना) वार्ता | Viramadeva Nari Vārtta | शेरसिंह 267 | औसियां 6 ३ 15 वृन्द सत्सई Vịnda Satsai वृन्दकवि 268 | कोलड़ी 850 .. गु 1/12 270 के नाय ग.7 271 | कोलड़ी गु 74 | वैताल-कथा Vaitālakatha 272 श्रौसिया 6 इ9 , भट्ट कवित्त ,, Bhatta Kavitta - | के नाथ 7/14 वैराग्य -शतक Vairagya Sataka भत रि मूप. 274 | औसियां 5 श्रा। .. -सटीक , with Tikā मू वृ. (प.ग.) 275 के नाय 22/51 वैराग्य शृगार शतक Sțăgăra Sataka 276 ., गु 2 | वैहली मराहिब साहिब-वार्ता | Vaihali Marāhiba Sahiba Vārtā 277 | महावीर 6 इ50/ शतार्थ वृत्तिकाव्य सावरि | Satārtha Vrtti Kavya with A vacūri 278 | के नाथ 7/6 शिशुपाल वध śiśupāla Vadha सोमप्रभाचार्य माघ 279 गौसियां 6 इ-1 | कोलडी 1247 719 281 -सटीक ,, with Tika " /मल्लिनाथ मू+ वृ (प.ग.) 282 | ग्रौसियां 6 इ-27 -सावचूरि , with Avacuri मू+अ , | के नाथ 7/4 मूप 284 , 17/68 , -सटीक with Tikā , मल्लिनाथ +व (प.ग.) 285 प्रौसियां 6 इ33 समयसुंदर के नाथ 22/53 , /वल्लभदेव 287 | औसियां 6 5 22 , , कुंथुनाथ 28/18 For Private and Personal Use Only Page #437 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir महाकाव्य आदि साहित्यिक ग्रंथ : [ 421 | 7 | 8 | 8A 9 | 10 11 ऐतिहासिक काव्य 30x16x13x35 | संपूर्ण 44 श्लोक 19वीं 22x16x30x33 , 33 छंद साहित्यि विरहनी वर्णन ऐतिहासिक काव्य 15x15x15x22 1868 नैतिक आदि 26- 13x20x52 | , 700 दोहे 31x12x14x48 , 702 दोहे 11821 पालनपूर जिनविजय 1860 धोलका कनकराज 1885 14x14x12x17 | ,, 700 दोहे 23x16x21x15 ,716 दोहे 1887 लोककथा 23x15x11x23 | अपूर्ण 49 छंद 1746 63 पद्य प्रतिपूर्ण 1706त्राणनगरे विक्रम बेताल कथा काव्य वैराग्य परक साहित्यिक 23x11x11x24 | संपूर्ण 108 श्लोक थोभा 1845 19वीं विरक्ति व साहि त्यिक वीर कथानक 26 x 12 x 17x65 | अपूर्ण 44 श्लोक तक 28 x 14x7x43 संपूर्ण 101+135 22 x 18x14x27 || |, 85 अनुच्छेद 1807 भाषा पांडित्य सा. 27x12x12x41 | 1946 ऐतिहासिक महा 26x11x13x45 ,, 20 सर्ग 17वीं काव्य 26x12x15x45 18वीं 27x13x11x42 1889 24x12x14x46 , मूल श्लोक 1684/ 1872 अंत में 3 पन्ने कम हैं ऐतिहासिक टीका | सर्वकंषा नाम्नी ऐतिहासिक महा काव्य 26x11x13x40 | अपूर्ण 8 सर्ग तक 16वीं 26x12x13x38 5 , 19वीं 25x11x15x34 26 x 12 x 23 x75 18वीं जीर्ण 26x11x17x51 , सर्ग 3/10 तक | 17वीं 27x12x22x70 , 2 सर्ग 18वीं | 29 x 13 x 6 x 60 । , त्रुटक 19वीं For Private and Personal Use Only Page #438 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 422 ] भाग 7 : साहित्य व भाषा/विभाग (अ) : 3A 4 1 2 3 289 कोलड़ी 991 शिशुपाल वध सटीक कुंथुनाथ 40/2 | शुक्र बहोत्तरी | Sisupāla Vadha with Tiki| माघ वल्लनदेव Sukrabahottari भट्ट देवदत्त 291 महावीर 6548| शृगार वैशाग्य मुक्तावली | Sagara Vairagya Muktā- विमलाचार्य vali 292 293 294 के.नाथ गू. 11 | सदयवच्छ-साब लिंगा-चौपई| Sadayavachha Savalinga | केशवमनि Caupai कुंथुनाथ 52/21 कोलड़ी 272 , की वार्ता ki Värttā , गु. 12/8 की चौपई , Caupai केशवमुनि कुंथु. 28/15 सेवामंदिर 6 इ54 295 297 298 | के.नाथ 23/67 | सप्तशती Saptašati हाल विरचित गाथा व- मू+ट (प.ग. च्छल कवित्तद्वार कथित 299 महावीर 6 46 | संस्कृत भाषा मंतरी Samskļia Bhāşa Manjari 300 कोलड़ी 895 | , मंजरी 301 औसियां 6 इ36 302 Sahityaśāra Sāhityika Dohe जगन्नाथ , 6 981 साहित्यसार सेवामंदिर गु दे. 4 | साहित्यिक दोहे 304 कोलड़ी गु 6/1 | साहिबसिंह के दोहे 305 |, गु 21 सुभाषित-संग्रह Sabibasimba ke Dohe साहिबसिंह Subhāṣita Sangraba संकलन 2 प्रतियां 2 copies 306-7 सेमामंदिर 5926 35345 308 मुनिसुव्रत 3 इ315 309 | कोलड़ी 133 | (बृहत्) सुभाषित-संग्रह (Brhat) Subhasita Sangrahal 310- , गु. 12/5, | सुभाषित-संग्रह 3 प्रतियां | Subhasita Sangraha .. 12 132,985 3 copies 313 औसियां 2-310 314-5 सेवामंदिर 5 प्रा 4 गति. 2 2 प्रतियां 2 copies 316-7 कुंथु 26/12,13 For Private and Personal Use Only Page #439 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir महाकाव्य प्रादि साहित्यिक ग्रन्थ : [423 ___ 6 7 8 | 8A 9 10 10 11 11 33x16x17x58 | अपूर्ण प्रथम सर्ग 18वी ऐतिहासिक महा. काव्य साहित्यिक कथायें 15 x 26 x 30x25 संपूर्ण 72 कथायें 1729 प्रारंभ 1-2 पन्ने कम 28x11x15x62 , 80 श्लोक 16वीं पहिला पन्ना कम लोककथा 14x11x15x21 , 48 गा. 1709 लगभग 1697 को कृति 25x8x14x54 437 गा. 1753वाधरण वाडा अमीचंद 1732 26 x 11 x 22 x 58 , 1144.हे पद गु. 15 | 19x 12x17x33 19वीं - 15x14x13x24 | अपूर्ण 25 x 13 x 17 x 45 24 x 11 x 9 x 37 संपूर्ण 110 श्लोक कामशास्त्र युक्ति 10* 16x11x11x20 संस्कृत में संवाद शिक्षा ., चर्चा 26x13x11x38 23x12x11x27 साहित्यिक-संग्रह 28 x 13 x 14 x 48 | प्रतिपूर्ण 53 श्लोक 15x11x7x16 | संपूर्ण 51+4 कवित्त 21 x 14 x 23 x 20 , 64 दोहे 1823 1870 14 x9x9x16 | प्रतिपूर्ण 60 श्लोक 1666 20 x 12 व 26 x 12 , 120 --23 श्लोक | 18/19वीं 24 x 10 x 16 x 40 अपूर्ण 18वीं 27 x 11 x 13 x 40 | संपूर्ण 421 श्लोक 19वीं 39,2,3 11 से 32x9 से 14 | प्रतिपूर्ण 259+54-1 | 29 श्लोक 5 24x11x17x50 16वीं प्रा.सं.मा. 18/19वीं संमा | 6,10 | 26 x 13 व 18 x 13 | अपूर्ण/पूर्ण |" | 3, 1 26 x 12 व 27x14 | प्रतिपूर्ण अंतिम 2 पन्नों में ऐ. वटना संवतावली 19वीं For Private and Personal Use Only Page #440 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 424 ] भाग : 7 साहित्यिक भाषा/विभाग(अ): 3 3A | 4 5 संकलन Subbāșita Sangraha , (Kavya) मू.बा. (प.ग.) 4 copies 318 | के नाथ गु. 16 | सुभाषित-संग्रह 319 | कोलड़ी 1245 , काव्य समुदाय 320 , 862 321 औसियां 2/414 322 के नाथ गुटका 11 323-6 कुंथु. 17/4,19/3. 4 प्रतियां 18/36. 5/107 327 प्रौसियां 3 इ351 328-9 सेवामंदिर गु दे 6 2 प्रतियां व 13 330- | कोलड़ी 272,320/ 8 प्रतियां 1293,1318 गु 1/14,24 गु.11/11,12/ 338 महावीर 2/391 ! सूक्तावली 2 copies 8 copies Suktavali 339 के नाथ 11/49 सुन्दर-शृगार Sundara Śrngara सुंदरदास 340 कोलड़ी गु.9/1 341 के.नाथ 11/21 342 Hanumāna Nățaka हनुमान/मिश्रदामोदर नाटक कोलड़ी 718 हनुमान-नाटक | के.नाथ 27/45 , की दीपिका ,, ki Dipika मिश्रमोहनदास 344 महावीर 3 इ56/ हालड़ा-फूलड़ा Hāladā Phūlada शुभवीर/वीरविजय मूट.प.ग. 345 | प्रोसियां 3 इ210 संकलन 346 इ 13 हास्यादि कथा-संग्रह Hasyadi Katha Sangraha | मलधारी राजशेखर | ग. 347 |, 6 इ25 | हितोपदेश भाषान्तर सूरि Hitopdeśa Bbāşantara हीररंजा | भिन्न-भिन्न 348 कोलड़ी गु. 6/1 हीररांजा के दोहे Hira Ranjba ke Dohe 349 | के.नाथ 29/79 ,, का झूलणा » kā Jbūlaņā 350 , 28/22 | स्फूट लघु व अपूर्ण ग्रंथ व | Incomplete Small stray त्रुटक पन्ने folios 351-2 कोलड़ी 900+ , 1 प्रति ! बस्त बस्ता71 353 मुनिसुव्रत बस्ता 78 354ौसियां बस्ता 20 दुबारा For Private and Personal Use Only Page #441 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir महाकाव्य आदि साहित्यिक ग्रन्थ [ 425 8A 9 10 11 1846 19वीं साहित्यिक संग्रह । सं.मा. 15x15x13x13 प्रतिपूर्ण 27x11x11 x 40 | संपूर्ण 145 श्लोक 25x11x14x40 | प्रतिपूर्ण पा सं.मा. 26x11x11x38 शृंगारिक साहित्य रा. | 100 14x11x15x21 प्रादि साहित्य, 2,10,2 15 से 26 x 11 से 15 20वीं 1709-14 | अच्छा संकलन है 1761-93 व 19वीं 187 | 93* 26 x 12 x 18 x 43 गु., 63 | 14x11 व 16 x 12 , 20 सवैये , अपूर्ण 18वीं 1841/70 মিম্ব x মিল্ক पूर्ण अपूर्ण 18/19वीं 24,6,22 4,27,5, गु. गु. । सुभाषित | प्रा.सं.मा. 14 | 29x 13x7x44 | प्रतिपूर्ण 189 श्लोक शृगारिक प्रौपदेशिक मा. | 15 | 26 x 11 x 18 x 53 | , 358 दोहे सर्वये | 1739 15 x 14x11 x 19 | अपूर्ण 340 छंद 19वीं 28x12x10x32 , 64 से 301 पद बीच के पन्ने हैं साहित्यिक धार्मिक सं. 25x12x11x30 | संपूर्ण 14 अंक 1869 कृति 25x11x17x51 किंचित अपूर्ण 14वां 17वीं मूल की व्याख्या प्रथम पन्ना कम अधूरा पहेलियां 25 x 14 x 19 x 36 | संपूर्ण 8 गाथा 1937 27x12x4x29 | 19वीं प्रौपदेशिक-दृष्टांत 43 x 11 x 18 x 98 | ., 82 कथायें 20वीं बोध कथायें नैतिक रा. 7 25x12x13x31 18वीं प्रेम संवाद साहित्यिक ,, 21x14x23x 20 1870 14 24x11x17x72 | , 25 दोहे | अपूर्ण 10 से 16 पूर्ण/अपूर्ण 19वीं साहित्यिक-विविध सं.मा. 23 18/20वीं For Private and Personal Use Only Page #442 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 426 ] भाग 7 : साहित्य व भाषा विभाग (प्रा) : 3A | Anitkarika सोम मुनि मू-अ (प.ग.) | महावीर 6 अ 9 | अनिट्कारिका-सावचूरि औसियां 6937 , सह-वृत्ति +Avacuri मू+वृ.(प.ग कोलड़ी 947A " -सटीक " +Tika देवचन्द्र ? मू+टी (प.ग . 737 ,, + उपसर्ग व प्रादि + व्या(प.ग.) गरण कुथुनाथ 2/33 के नाथ 24/62 सावरि " +Avacuri मू+अ (प.ग. कुंथुनाथ 42/10 व्याख्या सह. " +Vyakhya मू-+व्या(प.ग.) कोलड़ी 738 ,, की अवचूरि ki Avacūri के.नाथ 2/22 , की वृत्ति ,, ki Vịtti हर्षकीत्ति कोलडी 740 अव्यय Avyaya 13 अव्यय अर्थ प्रकाश , Artha Prakasa | पतंजलि » Avyayāni -+ कोलड़ी 741 अव्ययानि+अव्यय अर्थ । प्रकाश औसियां 6 अ67 अष्टाध्यायी 13 Aştādhyāyi 14 कोलड़ी 1000 के.नाथ 9/45 कुंथु. 33/46 | इति की व्यरूया Iti ki Vyākhyā महावीर 6 अ 15| ऋजु व्याकरण Rju Vyakaraņa 19 के नाथ 7/44 | कातन्त्र दौर्गसिंह वृत्ति Kätantra दुर्गसिंह चारित्रसिंह मू+म (प.ग. मू+वृ. (ग) 10/86 , विभ्रमसूत्र सावचूरि 16/36 || , सिद्धोवर्ण समाम्नायः पाठ-1 वृत्ति सह के नाथ 10/105 काशिका वृत्ति-सह Kaśikā 7/34 ___ ki Vxtti मुनिसुव्रत 6 अ 90कृदन्त प्रक्रिया Krdanta Prakriya के.नाथ 17/61 अनिटकारिका(सारस्वतानुसार) | For Private and Personal Use Only Page #443 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir व्याकरण : [ 427 6 7 | 10 11 | 8 | A 9 26 x 11x17x25 | संपूर्ण 11 व्याकरण धातु सेट, सं. 15वीं 26x11x14x46 19वीं विक्रमपुर 25 x 11x5x42 20वीं पंचपाटी/साथ में 2 पन्न सारस्वत के 26x12x19x77 19वीं 26x12x8x36 , 11 श्लोक 25x11x13x45 25x11x20x54 | अपूर्ण 8वें श्लोक तक 26x12x12x32 संपूर्ण 24x12x11x44 21 श्लोक 1881 xxxxxx व्याकरण 25x11x11x34 1853 26x12x18x72 19वीं 26x12x13x60 1820 व्याकरण-शास्त्र 26x12x13x47 8 अध्याय 19वीं 28x14x12x38 27x12 x 31 x 82 | अपूर्ण चौथे अध्याय के तीसरे पाद तक 26x11x14x44 , तीसरे अध्याय के दूसरे पाद तक 26x12x12x52 प्रतिपूर्ण 20वीं शब्दार्थ रूपी व्याख्या व्याकरण 25x11x13x56 संपूर्ण 17वीं 26x11x15x45 अष्टम पाद तक | 19वीं 27x11x17x46 , 21 श्लोक वर्णशास्त्र प्रथमपाठ 21x11x16x31 1690 व्याकरण पति रूपसिद्धिनाम्नी 28x12x11x30 अपूर्ण 5 अध्याय 2 से 4 1521 पाद मात्र 27x11x16x43 19वीं 26x11x10x34 | संपूर्ण 18वीं | 26 x 11x15 x 50 , ग्रंथान 250 | 19वीं । For Private and Personal Use Only Page #444 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 428 ] भाग : 7 साहित्य व भाषा विभाग (प्रा) 3A 26 | के नाथ 21/102 | क्रिया-कलाप Kriyā Kalapa विदयानंद मुनिमुव्रत 6991 पौसियां 6943 कोलड़ी 757 के.नाय 14/84 गण-दर्पण Gana Darpana भोजदेवार्थ | , 7/46- गणरत्न महोदधि-वृत्ति Guna Ratna Mahodadhi-| वर्द्धमान (गोविन्दसूरि| गद्य Vrtti का शिष्य) Goñcādi sabda Siddhi कोलड़ी 755 | गोञ्चादि शब्द सिद्धि के.नाथ 27/28 त्याद्य प्रक्रिया Tyádyant Prakriya उपाध्याय सर्वधर | मुनिसुव्रत 6 अ 8धातु-पाठ Dbātu Patha पाणिनी महावीर 6 इ 18 के.नाथ 7/16 , स्वोपज्ञ वृत्ति हर्षकोति | 2/19 | महावीर 6 अ 11 तालिकायें धातु-रत्नाकर स्वोपज्ञ वृत्ति | Dhatu Ratnākara साधु सुन्दरगणि मू+व (प.ग. 7/29 धातू-रूपावली , Ripavali रूपतालिकायें वृ. गद्य में ., 5/57 धातु-वृत्ति + Vrtti उज्ज्वलदत्त 7/40 नयसुन्दरीय व्याकरण वृत्ति | Nayasundariya Vyakarana| नय सुन्दर Vrtti 1045 पंचसंधि प्रक्रिया Pancasandhi Prakriya | अंसियां 6 आ 66 , , 6 या 700 - 46 | महावीर 6 917| पाणिनीय व्याकरण शिक्षा | Paniniya Vyākarana Siksa , 6 अ 13 | प्रक्रिया कौमुदी Prakriyā Kaumudi रामचन्द्राचार्य 647 49 कोलड़ी 758 (पाणिनी) अनुसारिणी के.नाथ 23/52 , (मध्य) कौमुदी For Private and Personal Use Only Page #445 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra व्याकरण ग्रंथ :-- व्याकरण " 11 "" " गो आदि के शब्दार्थ | "1 व्याकरण शास्त्र " " 11 91 11 11 31 31 " 31 11 11 11 6 11 13 33 सं. 13 13 " "3 22 "" 37 सं.मा. " 7 " "1 6 6 11 9 19 68 2 8 66 15 16 72 2 3 314 75 68 38 10 6 11 4 42 94 18 21 www.kobatirth.org 8 A 26 × 11 × 19 × 57 संपूर्ण 4 अध्याय 267 श्लोक 27 x 11 x 20 × 58 25 x 11 x 13 x 39 27 x 11 x 15 x 60 27 x 11 x 13 x 49 25 × 11 × 17 × 60 26 × 11 × 13 × 48 27 x 12 x 17 x 51 26 × 11 × 11 × 39 32x16 x 14 x 36 26 x 10 x 15 x 48 26 × 1 1 × 19 × 63 26 × 11 x - 25 x 11 x 17 x 54 25 × 11 ×— 23 x 10 x 9 x 39 25 x 11 x 17 x 48 25 x 10 x 5 x 32 "1 33 × 16 × 11 x 36 26 × 11 × 13 × 38 26 × 11 × 13 × 34 28 × 11 × 11 × 36 25 x 11 x 13 x 41 "" 22 "" अपूर्ण 432 पद तक संपूर्ण 11 "1 11 " 17 " "1 "1 25 × 11 × 10 × 40 संपूर्ण 25 x 12 x 13 x 38 प्रतिपूर्ण अपूर्ण 37 3300 ग्रंथाग्र 11 377 श्लो (मूल ग्रंथाग्र 1822 ) 3 अध्याय ग्रं 900 1518 19वीं 1632 For Private and Personal Use Only 17वीं 1854 Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 1890 17 10 1759 नागौर 1906 अमदाबाद | खूवचन्द 1603 19वीं 18वीं 1680 " 19at 35 द्वन्द्व समास प्रक्रिया तक ( प्रथम 3 पत्र कम) 1763 बीकानेर में 61 पद अपूर्ण समास प्रक्रिया 15वीं पर्यन्त सुबंत प्रकरण तक संपूर्ण 17वीं पूर्ण 1832 मालपुरा पं. फतेचंद 18वीं "" "1 19वीं [ 429 11 वृति क्रियाक्ल्पलता नाम्नी प्रशस्ति है । प्रथम 2 पन्न कम कञ्चित् प्रर्थं सह Page #446 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 430] भाग : 7 साहित्यिक भाषा विभाग(आ): 3 3A PrakriyaKaumudi Tiki नरसिंहसरि विठ्ठलाचार्य Prāksta Prakāśa वररुचि के नाथ 26/67 | प्रक्रियामौमुदी-टीका कुंथु. 38/2 | के.नाथ 17/2 | प्राकृतप्रकाश | कोलड़ी 763 , लक्षण | सेवामंदिर गु.दे. 7 , , महावीर 6 अ3, .. » Lakşaņa Bbūsaņa Sára 57 मुनिसुव्रत 6 9 108| भूषणसार (कौशिकी व्याकरण के.नाथ 16/19 | मध्य-मनोरमा Madhya Manoramā Madhavi Dhatu Vrtti सायणाचार्य जिन राजसूरि शिष्य | , 2/28-29 माधवीवातु-वृत्ति 7/3 , 15/239 | लघु उपसर्ग दीपिका , 2/22 | लिंगानुशासन प्रौसियां 6/4/94 Laghu Upsarga Dipikā Lingānusasana भट्टोजी दीक्षित , 6973 , 6456 अज्ञात महावीर 6 9 118) वाक्यप्रकाश Vákya Prakāśa रत्नसूरि उदयधर्म शिष्य धर्म संज्ञ Vakya Vivecana Vidva Cintamani विनयसागर | के.नाथ 23/60 | कोलड़ी 947B , | कुंथु. 18/40 वाक्य-विवेचन सेवामंदिर 6 9 112 विद्व-चिंतामणि प्रौसियां 6 अ 72 | विभक्ति अर्थ | कोलड़ी 756 , प्रत्यय 73 | के नाथ 18/53 | , विस्मय प्रकरण 74 , 24/49 | विशंति उपसर्गादि 75 | कोलड़ी 1010 | वैयाकरण भूषणसार Vibhakti Artha Pratyaya , Vismaya Praka- मुनिने तसिंह rana Vimsati Upasargādi Vaiyākarana Bhusanasāra] कोण्डभद्र For Private and Personal Use Only Page #447 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir व्याकरण : [ 431 6 7 | 8 | 8A 9 10 11 व्याकरण 26x11x17x53 अपूर्ण (पन्ने 3 से 43) 10 27x11x15x44 | त्रुटक 31 x 16 x 14x32 | संपूर्ण 10 परिच्छेद पं. 650 | 25x11x7x34 , 4 अध्याय(विधान) 1903 प्राकृत व्याकरण 10x8x8x9 1905 26 x 12x11x36 1937x शिवचन्द 18वीं व्याकरण | 34x13x10x70 x13x 62 19वीं 276 25x11x17x52 | संपूर्ण 1400 ग्रंथाग 1702 26x11x17x55 अपूर्ण 19वीं 25 x 11 x 15 x 43 | संपूर्ण 24 x 12x11 x 44 ,, पाणिनीय 1881 व्याकरण 25 x 11x 17x47 प्रतिपूर्ण 1821 विक्रमपूर वखतसुंदर 1892 पाणिनीय 28x13x10x29 व्याकरण 30x13x10x37 , 28 श्लोक 19वीं 27x13x14x37 व्याकरण वाक्य रचना , 130 श्लोक , 125 26x11x9x38 1607 सिंहपुर 1652 19वीं 23x10x14x28 परनाम उदयमुनि) 26x11x 18x54 व्याकरण 26x 12x13x48 संपूर्ण 127 श्लोक 19वीं फतेचंद 26x12x18x46 18वीं 26 x 12x13x40 अपूर्ण 19वीं 26x11x13x38 / संपुर्ण 26x11x13x39 व्याकरणन्यायादि | चर्चा भी 28x13x14x40 1904 For Private and Personal Use Only Page #448 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 432 ] भाग : 7 साहित्य व भाषा/विभाग (प्रा) - 4 5 ग. तालिका 1 2 . 3 3A 76-7 | के.नाथ 7/28,30 | शब्दरूपावली 2 प्रतियां | Sabda Rupāvali 2 copies कोलड़ी 1114 , गौसियां 6 4 104 शब्द-संचय Sabda Sancaya |, 6 अ 103| पट्कारक Satkāraka मुनिसुव्रत 6 अ 92 , -प्रक्रिया , Prakriya कुंथु. 10/175 , -विवरण " Vivarana कोलड़ी 760 सकर्म-अकर्म धातु विवेचन | Sakarma Akarma Dhātu Vivecana |, 914 | समास Samāsa अमरचन्द्र 85 सेवामंदिर 6 4110/ -चक्र " Cakra Prakriya वररुचि ? के.नाथ 15/129 , -प्रक्रिया मुनिसुव्रत 6 7 86| संज्ञा प्रकरण-सटीक महावीर 6 4 5 | संधि-प्रकरण Sanjña Prakarana with Tikā Sandhi Prakarana कोलड़ी 764 , 1271 | संधि-प्रक्रिया ,, Prakriya Samsksta Kaumudi Sārasvata with Avacūri अनुभूति स्वरूपाचार्य | मू+अ.(ग.) विशालहंस मुनि |माधव भट्ट मू.टी +(ग.) with Tikā के.नाथ 15/131 संस्कृतकौमुदी कुंथुनाथ 52/3 | सारस्वत सावचूरि के.नाथ 17/12 , -सटीक प्रौसियां 6 948 -सह वृत्ति के.नाथ 7/33 -सह दीपिका प्रोसियां 6 अ 42 -सटीक कोलड़ी 749 with Vitti with Dipikā .. चन्द्रकीति with Tikā ../पुंजराज अनुभूतिस्वरूप अनुभूति माधवभट्ट । मू+टी (ग.) औसियां 6944 -सटीक with Tikā , 6454 अनुभूतिस्वरूप कोलड़ी 730 -सह दीपिका अनुभूति./चंद्रकीत्ति । मू+टी (ग) 101 महावीर 68 अनुभूतिस्वरूप For Private and Personal Use Only Page #449 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir व्याकरण ग्रंथ : [433 678 8A ___10 1 1 व्याकरण 32,3 | 26x11 प्रतिपूर्ण 19वीं 26x11 अपूर्ण रूपनियमावली 25x11x18x50 | संपूर्ण 15वीं व्याकरण 25x11x17x45 , 75 श्लोक 19वीं xxxx 23x11x12x37 1825 26x12x12x40 19वीं 26x11x16x64 26x12x13x40 23x11x13x37 1933 25x11x17x38 टक 1806 सं.रा. 25x12x17x42 संपूर्ण 1819 हेमचन्द्रानुसारिणी 27 x 12 x 13 x 38 18वीं व्याकरण 30x12x11x34 अपूर्ण 19वीं 17x13x5x14 | मंपूर्ण 26x11x11x41 | अपूर्ण 26x11x15x56 | संपूर्ण 1629 25x11x19x 65 ग्रंथान 6600 17वीं प्रथम 5 पन्ने कम है ,,(टीका सिद्धांतरत्नावली नाम्नी व्याकरण 26x11x13x45 प्रत्ययपर्यंत 25x11x17x52 संपूर्ण 1716 104 | 24x 11x15x42 1745बेसर कनक पद्धन 1747 25x IIx15x42 26x12x13x35 18वीं 23 x 11 x 12 x 30 | प्रथम 7 पन्ने कम 25 x 11 x 16 x 42 संपूर्ण ग्रं. 7000 1841 मेदिनीपुर, बखतसुन्दर 1854 1866 x शांति समुद्रमुनि । 26x12x13x42 For Private and Personal Use Only Page #450 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 434 ] भाग : 7 साहित्य व भाषा विभाग (प्रा) - 3A 45 1 2 . 102मुनिसुव्रत 6 93 सारस्वत 103 | कुंथु. 17/14 Sarasvata अनुभूतिस्वरूपाचार्य भावार्य ग. मू+ट (ग.) 4 प्रतियां 4 copies 104-7| के.नाथ 24/27, 22/15, 7/36,7 108 कोलड़ी 752 109 प्रौसियां 6441 110 6446 4 प्रतियां 4 copies 1 6952 53.38.47 115- कुंथु. 27/1,3/75| 20/ 24/3,43.2 29/27,3 6 प्रतियां 6 copies 13 प्रतियां , 13 copies 121- के.नाथ 22/7, 33/7/21,22-1,21 110/64-2,10/65, 111/914/7015/ 1163,18,25,48, 24/24,29 6 प्रतियां 6 copies 134- कोलड़ी 1043, 391 746,753-4, 1046,913 140 सेवामंदिर 6111 मू+ट (ग) 141 - 6 109 , -सटीक 5 प्रतियां ,, with Tika 5 copies मू.+टी (ग.) 142-6 के.नाथ 22/2, | 18/4,15/171, 16/29,15/165/ 147 | कुंथुनाथ 17/1 " -सह दीपिका ,, with Dipika 148 सेवामंदिर 6 4113 ., -सटीक सवक्तव्य ,, with Tika मू+ट (ग.प.) 149 के.नाथ 22/5 ,, बालाववोध सह with Balā मू. ---बा (ग. 150 |, 11/76 धातुपाठ Dhātupātha 151 29/59 , -सटीक with Tikā ,, हर्षकीर्ति | मू.+टी. (ग) 152-4 , 3 प्रतियां 3 copies 22/33, 16/4,10 For Private and Personal Use Only Page #451 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir महाकाव्य आदि साहित्यिक ग्रंथ : | 435 10 ।। व्याकरण 7 | 8 | 8A 9 99 | 25 x 11 x 11 x 34 | संपूर्ण 21 x 11 x 3x 22 | ,, प्रथम पन्ना कम 1872 पीराणपट्टन धनसागर जीर्ण व खण्डित 46,52, 22 से 26x10 से 12 54,68 1806 से 20वी 24x11x11x30 1816 23x9x9x36 कृदन्त प्रत्यय तक 27 26x11x12x32 | तद्धित प्रक्रिया तक 1647 हरिपूर कल्याणगिरि 1782 फतेपुर, सिद्धसूरि 1854 से 20वीं 119,25, 225 से 28x10 से 13 अपूर्ण 221 40.30 23 से 32x10 से 16 ,, 38,7 2225 1828 से 20वीं 36.31 22 से 30x10 से 13 , 11839 से 20वीं 21,22 21,10, 11,42 9,37, 3,14 11816 से 20वीं 41,23| 25 से 27x10 से 13 14,7, 40,3 संमा. | 21 27x12x12x52 16वीं | 13 26x13x11x35 1877 18/20वीं 104,61, 21 से 26x11 41,9,21] अंतिम टीका चंद्रकीत्ति की है। 123 | 26x11x17x80 19वीं 26 x 12 x 13 x 40 , श्लोक 226 1931 व्याख्या गद्य व पत्र दोनों में 26x13x7x19 , संधि प्रकरण तक 19वीं 1756 25 x 11x13 x 42 संपूर्ण 23x10x10x36 1850 4,13,4 25 से 26x11 से 12 | प्रथम संपूर्ण शेष अपूर्ण | 19वीं For Private and Personal Use Only Page #452 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 436 ] भाग 7 : माहित्य व भाषा विभाग (प्रा) : 3A 155-6 कोलडी 747981] सारस्वत धातु-पाठ | Sarasvata Dhātupātha | अनुभूतिस्वरूपाचार्य । 2 प्रतियां 2 copies 157 | कुंथु. 24/6 158-9| कोलड़ी 745,742 ,, Dhatu Prakriya 2 प्रतियां 2 copies 160 | महावीर 6 में 12 ,, की दीपिका ,, ki Dipika चन्द्रकीत्ति सूरि ., धातु प्रक्रिया 161 | कोलडी 1047 1042 162-3/ 1041 1044 164 के.नाथ 7/35 " ,2 प्रतियां 2 copies 165 कु थुनाथ 5516 ,, की टीका ki Tikā सोनिगिरा मंडन (बाहड़ का पुत्र) माधवभट्ट 166 कोलड़ी 748 167 के नाथ 2/21 168 |ौसियां 6 951 169 | के.नाथ 2/2 , 2/20 पुंजराज गौसिया 6 949 वासुदेव कोलड़ी 751 पद्माकरभट्ट 70 महीदासभट्ट 174 | के नाथ 22/23 तिलकभट्ट 744 1160 कुंथु. 52/16 के.नाथ 15/119 , 26/05 || लघभाष्य ,, Laghu Bhasya 182 , टिप्पण , Tippana क्षेमेन्द्र For Private and Personal Use Only Page #453 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir व्याकरण ग्रंथ :-- [ 437 ___ 6 7 8 8A 9 10 11 व्याकरण 25x11434x13 | संपूर्ण ग्रं. 205 1807 व 19वीं 26- 12x12x20 | ,, (पन्ने 14 व 15 कम हैं) 8750/26x13 425x12 1890 व 19वीं 101 27x11x18x55 1646x सोमविमल , (52वां पन्ना कम)| 19वीं 124 / 26x11x11x50 47,37/ 28x11 व 26x11 | अपूर्ण 1425x10x15x42 71. | 31 x 12x17x52 सपूर्ण 17वीं श्रीमाल गोत्र खरतर गच्छीय (सिद्धांत रत्नावली) 26x10x15x44 , ग्रं. 7500 1673 25 x 11 x 15 x 48 ग्रं. 6500 1712 26x13x17x47 अपूर्ण तद्धित प्रक्रिया तक 1891 25x11x15x47 19वीं 26xllx15x48 | संपूर्ण 17वीं 26x1x19x54 1753,समीनगरे रत्नगणि 1840 25x12x17x38 / अपूर्ण प्रत्यय से 26x11x19x58 19वीं 26x12x18x51 25x1Ix9x35 | पूर्वाद्ध (प्रथम 4 पन्ने कम) 26 x 11x18x51 अपूर्ण (विभक्ति से लिंग) 25x12x16x48 प्रथम वृत्ति 26x12x12x36 , (प्रत्यय भाग) 25x IIx16x60 ।, (संज्ञा प्रकरण) 19x11x9x24 26x11x13x45 26 x 11 x 14x48 | संपूर्ण 1634 संक्षिप्त टिप्पणियां व रब्बे For Private and Personal Use Only Page #454 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 438 ] भाग : 7 साहित्य व भापा/विभाग (प्रा 3A | कोलड़ी 868 | सारस्वत-अर्थ Sārasvata Artha 184 कुंथु. 55/21 , -सार ,, Sara हरिदेव 185 सियां 6850 , -व्याख्यान ,, Vyākhyāna 186 महावीर 6 अ 14 सिद्धान्त-चन्द्रिका Siddhanta Candrikā रामचन्द्राश्रम मू+ट (ग. 187 प्रोसियां 6 965, 59 ॥ 64 64 188 189 6 963 " सटीक ., with Tika ,, सदानन्द मू. + टी. (ग.) 190 ... 6 961 ,उ रूपचंद 191 के नाथ 22/36 192 , 22/37 193-4 कोलड़ी 732. 729 195 कुंथु 9/117 196 168 2 प्रतियां 2 copies 197ौसियां 6958 198 । 6960 199 6462 " -सदीक , with Tika /सनानन्द | मू टी. (ग.) 8 प्रतियां 8 copies ग. . 200-71 के नाथ 22/681 1927,24/8, 9,13,16 208 कोलडी 1048 209 प्रौसियां 6 9 45 , की टीका ,, ki Tika लोकेशकर 210 कोलड़ी 735 211 के नाथ 1007-8 ., 24/14 213 कोलड़ी 734 214 " सदानन्द For Private and Personal Use Only Page #455 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir व्याकरण: [ 439 | 8 | 8A 9 | 10 ।। व्याकरण 26x12x11x30 | अपूर्ण प्रथम श्लोक मात्र 1917 27x11x11x40 संपूर्ण 1767 14 26x13x17x54 संवि प्रकरण मात्र 18वीं 192 26XIIx9x33 संपूर्ण 16वीं 115 25x11x9x36 17वीं विष्णु गिरि 18वीं सचित्र 70 26x12x15x40 102 25x11x15x43 |, पूर्वाद्ध 18वीx वखतसुंदर 118 25x11x15x40 207 25x11x14x39 19वीं 25x |1 x 15x47 | 1850 101,57 25x10 व 26x13 | 1848 व 20वी 25 x 13 » 11 x 30 | प्रतिपूर्ण द्वितीय वृत्ति तक 1938 24x12x12x36 26x11x11x37 18वींx राजसुंदर 26x11x11x42 | अपूर्ण 16वीं 85 25x11x17x52 | उत्तराद्ध 18वीं 25 से 29x11 से 14 अपूर्ण 19/20वीं 35,58. 170,104 19.45. 17,15 27x14x9x29 19वीं 26x12x16x44 प्रतिपूर्ण 843 विक्रमपुर तत्व दीपिका नाम्नी बखतसुंदर 1888 26- 12x 13x50 | संपूर्ण 27x12 x 13x50 | 25x11 x 14x45 19वीं लघुदीपिका 26x10x13x46 अपूर्ण कृदन्त पर्यन्त 1840 सुबोधिनीनाम्नी | 26 x 11 x 15 x 60 | पूवार्द्ध 1841 ॥ For Private and Personal Use Only Page #456 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 4401 भाग :7 साहित्यिक भाषा विभाग(प्रा): 3A 45 215 | के नाथ 24/10 | सिद्धांतचन्द्रिका की टीका | Siddhanta Candrika ki | सदानन्द Tikā 216 | कोलड़ी 731 | , 736 | के.नाथ 22/22 | कोलड़ी 1170 220ौसियां 6 957 की वृत्ति ,, ki Vrtti 221वामंदिर 6 9 120 ,, Dhāturupa nirnaya ,, Rupavali ,, तालिकायें | कोलड़ी 739 " धातुरूप निर्णय 223 के.नाथ 7/37 , रूपावली 224 , 7/8 | सिद्धान्त-कौमुदी 225 महावीर 6 1114 Siddhānta Kaumudi भट्टोजी दीक्षित 226-7 के नाथ 24/25 प्रतियां 2 copies 228-9/ प्रोसियां 6 अ69, 2 प्रतियां 2 copies 230 के नाथ 24/26 -भाष्य kā bhāsya 231 , 24/20 -लघुभाष्य kā Laghubhāşya 232 कोलड़ी 974 की व्याख्या , ki Vyakhya | ज्ञानेन्द्रसरस्वती 233 के नाथ 11/17 की टीका ... ki Tikā 236 | कोलड़ी 759 | के नाथ 24/54 | (मध्य) सिद्धांत-कौमुदी (Madhya) Siddhanta Kaumudi ।,, 22/50-1 (लघ) | (Laghu) , " | महावीर 6 34 सिद्धान्त रत्न शब्दानुशासन | Siddhātna Ratna Sabdanu- जिनेन्द्र Śāsana | के.नाथ 15/154 | स्यादिशब्द समुच्चय सावचूरि Syādi Sabda Samuccaya | अमरचन्द्र (जिनदत्त | मू-+अ (ग) शिष्य) | महावीर 6 अ। | हेमशब्दानुशासन | Hema Subdanusāsana | हेमचन्द्राचार्य | मूल सूत्र गद्य 240 के नाथ 16/35 241 |, 7/20(-1)(2) , बृहत्वृत्ति ,, Brhata Vrtti , (स्वोपज्ञ) | गद्य For Private and Personal Use Only Page #457 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir व्याकरण ग्रंथ :-- [441 8A ___10 11 व्याकरण 24x12x21x41 अपूर्ण (उए से कृदन्त तक) 19वीं सुबोधिनीनाम्नी 26x10x13x43 | पाख्यात काण्ड तक 1840 25x12x17x44 1883 (उपरोक्त की नकल) 27x12x14x30 | अपूर्ण 19वीं xxxx 25x10x11x38 26x13x17x43 18वीं 30x11x15x55 त्रुटक 27x12x18x65 संपूर्ण 19वीं अति सामान्य लिखावट 26x11x13x46 अपूरण | 26x 11 x 13x50| संपूर्ण ग्रं. 1250 1851 वैदिक प्रक्रिया 20वीं 32 x 34 x 10x16 25 x 11 व 26 x 20 27 x 12 व 26 x 12 चार खण्डों में, बड़े अक्षर प्रथम में किञ्चित् अवचूरि 19वीं 25x10x14x47 26x11x17x51 33x14x12x45 | पूर्वाद्ध तत्वबोधिनीनाम्नी 29x13x14x40 | अपूर्ण मनोरमा नाम्नी 28x12x19x64 26 x 11x17x51 |, धातु अधिकार 20वीं 26 x 12 x 11x37 ,, प्रत्यय पर्यन्त 18वीं 21x10x9x33 संपूर्ण कृदन्त , 1891 25x11x6x34 , चारों प्रकम 16वीं 28x12x13x48 , 7 अध्याय (28 20वीं पाद) 26x11x13x58 अपूर्ण 4 अध्याय तक ही 17वीं 26 x 11x15x55 | , 4 अध्याय तक 1687 . For Private and Personal Use Only Page #458 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 442 ॥ भाग 7 : माहित्य व भाषा विभाग (प्रा) : __ 1 242 243 2 3 3A | कुथुनाथ 553 | हेमशब्दानुशासन बृहद् Hema Sabdānusāsana हेमचन्द्र कनकप्रभ मू वृ (प.ग.) वृत्तौन्यासोद्धार | Brhad Vrattaunyasoddhari दवन्द्र सूर) कोलडी 762 , की बृहढुंढि का Hema Sibdānusāsana मूल हेमचंद्र)-? | गद्य ki Bịhada Dhundhikā के.नाथ 15/150 ., लधवृत्तिसह Hema Sabdánušāsana हेमचन्द्राचार्य स्वोपज्ञ(मू.वृ.) with Laghu Vệiti महावीर 6 अ2 244 246 , 619 ।, सह लघवृत्ति ,, Savacāri - --वृ+अ (ग) सावचूरी 247 | के.नाथ 7/38 , लध वृत्ति सह मू-+ वृ+अ (ग) 248 | " 7/39 , सावचूरी , Sāva uni 249 .. 11/39 250 . 7/47 | हेमप्राकृत व्याकरण वृत्तिसह | Hema Prākrta Vyākārana with Vịtti 251 महावीर 6 अ 16 | हेमलिंगानुशासन Henna Lingánuśasana 252 | औसियां 6 अ68 गद्य मू पद्य 253 | कोलडी 979 , -वृत्ति ,, Vrtti ,, स्वोपज्ञ गद्य सहवृत्ति , with Vrtti मू.व (प.ग.) , -वृत्ति ,, ki Vrtti जयानन्द गद्य Hema Dhấtu Grantha | हेमचन्द्राचार्य , Patha 254 के नाथ 2/16 255 ... 22/13 256 24/28 प्रौसियां 6 अ 105) हेनधातु-ग्रन्थ के नाथ 22/32 , -पाठ महावीर 6 9 10 धातु-प्रकरण कोलड़ी 978 | हेमधातु-पाठ कुंथु. 23/5 उणादिसूत्र सविवरण महावीर 6 अ 20 हेमव्याकरण लघुप्रक्रिया 263 | के.नाथ 2/26 कोलड़ी 1049 हेमसुबोध-प्रक्रिया Dhātu Prakarana हेमचन्द्राचार्यानुस्मृता | मू । वृ Hema Dhātu Patha शील विजयगणि ग. Unadi Sūtra हेमचन्द्राचार्य स्वोपज्ञ म.. (प) Hema Vyakarana Laghu | विनयविजय Prakriya Hema Subodha Prakriya 265 । मुनिसुव्रत बस्ता 78 स्फुट लघु व अपूर्ण ग्रंथ व | Incomplete Stray Folia भिन्न 2 त्रुटक पन्न For Private and Personal Use Only Page #459 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir व्याकरण : _ [ 443 6 7 8 11 व्याकरण 8A ___10 25 x || x 19x57 | अपूर्ण अध्याय 3/2 से | 16वीं 7/4 तक | 25x7x12x 66 , 3/2 तक 17वीं अत में न्याय सूत्र वृत्तिसह (ग्रं 243) 26 x 10 x 12 x 55 |, 5 अध्याय तक ग्रं. 6000 26x12x16x33 , 4/4 तक 18वीं 31x11x19x49 | केवल 5वां अध्याय ग्रं. | 1495,देवकुल 730 पाटक, उदय धर्मगणि 26-11-17x56 अपूर्ण 2/2 तक 16वीं 26 x 11 x 10 x 555, 17वीं 26 x 11x15x55| , 1/4+213 श्लोक | 18वीं 26 x 11 x 15x50 | कुछ अपूर्ण (शब्दानुशासन का आठवां अध्याय) 32x16x10x36 | संपूर्ण 139 श्लोक 27x11x11x42 , 183 ग्रंथाग्र 1809 जैसलमेर पालमचंद 34 x 13x20x72 , 3384 ग्रंथान 1616x भावचन्द्र 26 x 11 x 17 x 50 अपूर्ण स्त्रीलिंग समाप्त । 19वीं +10 श्लोक 26x11x17x50 संपूर्ण 27x11x16x52 , 1664 20x7x8x35 अपूर्ण पन्ने 23 से 43 | 14वीं 26x11x13x41 संपूर्ण 1656 26 x 13x13x50 | ,, 10 गण 1479 डुंगरपुर 26x12x15x60 1686 24 x 11x20x60 _963 श्लोक 1765 29 x 14 x 13x37 ,, ग्रंथान 2500 1947 सरसपुर मोतीविजय 26 x 11x17x55 अपूर्ण (17 से 52 पन्ने । 19वीं अन्त) 27x13x13x37 प्रा.सं.रा. 12 23 से 32x10 से 16 पूर्ण अपूर्ण 17/20वीं अति ामान्य . For Private and Personal Use Only Page #460 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 444 ] 1 268 466-7 औसियां 6 74 / स्फुट लघु व अपूर्ण ग्रन्थ व त्रुटक पन्ने 1 प्रति 1 बस्ता 20 दुवारा atarie. 6 269 27273 1 2 3 4 5 6 के नाथ 28/25 कोलडी 1058. 711257, बस्ता 71 कुंथु. 37/23-24/ 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 2 17 सेवामंदिर दे गु कोलड़ी गु. 12/12/ नाथ 19/52 महावीर 6 22 के. नाथ 5 / 52 7/41 ओसियां 6 31 6 अ 36 कोलडी 724 के. नाथ 2/13 कोलड़ी के. नाथ 2/15 प्रतियां 6 30 के. नाथ 24/6 " 22 के. नाथ 6 / 103 | श्रनेकान्त-मंजरी गु 9 अनेकार्थ-मंजरी 6 723 " " 11 17 11 " 11 3 17 39 "; 2 प्रति 1 बस्ता www.kobatirth.org " वृत्त सावरि -संग्रह Sangraha प्रनेकार्थी - एकाक्षरीमाला Anekarthi Ekākṣari Mālā श्रभिधानचिंतामणी सहवृत्ति Abhidhāna Cintāmani with Vṛtti Incomplete stray folia "" 3 A Anekanta Mañjari Anekārtha Mañjari " 33 33 भाग 7 साहित्य व भाषा / विभाग (प्रा) For Private and Personal Use Only Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir with Vṛtti with Avacuri भिन्न 2 "" भाग ( 7 ) साहित्य व भाषा / विभाग (३) नन्ददास हेमचन्द्राचार्य 13 हेमचन्द्राचार्य 11 4 37 हेमचन्द्राचार्य स्वोपज्ञ मू + वृ (ग. प.) 2: 11 "" ग प. 19 प. ग. 5 मू. प. 12 मू+ वृ . (ग.) मू +श्र (प.ग.) मू. प. Page #461 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra व्याकरण ग्रंथ : व्याकरण " 11 शब्दकोश : शब्दकोश " 11 " = "" शब्दार्थ संग्रह शब्दकोश 11 11 " " 6 19 " "" " व साहित्यिक पद 11 22 सं. सं. 11 रा. 11 7 सं.रा. 27,31 23 से 32 x 10 से 16 सं. " 17 11 "1 102 20+ +96 8 2,1 5 5 29 72* 5 37 8 211 203 50 49 305 51 71 83 8 A 53 31 www.kobatirth.org " 23 से 26 x 11 25 x 10 x 16 x 48 15 x 15 x 18 x 20 17 x 12 x 12 x 16 31 x 23 x 9 x 17 24 x 12 x 12 x 32 32x16 x 10 x 32 24 x 10 x 13 × 44 30 × 11 × 14 × 48 25 x 10 x 15 × 52 25 × 11 × 1 5 x 44 26 x 10 x 13 x 50 26 x 11 x 13 x 35 22 x 11 x 19 x 40 26 × 11 × 13 × 37 26 x 10 x 15 x 48 26x9x15 x 51 पूर्ण / पूर्ण प्रतिपूर्ण " : 29 13 "} 37 पूर्ण 3 अध्याय 19 लो 19वीं संपूर्ण 119 गा. 1716 लगभग पूर्ण गा. 9 से से 116 अंत संपूर्ण 118 गा. 119 गा. पूर्ण 22 कांड / 773 संपूर्ण 31 31 37 " 9 ग्रं. 10000 " शेष संग्रह सम्मेत 6 काण्ड ग्रं. 5719 6 काण्ड "" पद 13 For Private and Personal Use Only Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 17/20af 15 10 31 20वीं 1889 19वीं 17 at 19वीं ग्रं. 10000 कांड 6 1641 1525 "1 16वीं 1622 11 1643 1694 17at [ 44: 11 अति सामान्य एक के अनेक अर्थ अंत के 16 पन्नों में कवित्त हैं एक के अनेक अर्थ "" 31 एक अक्षर अनेक अर्थ Page #462 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 446 | भाग : 7 साहित्यिक भाषा विभाग(इ) : 3A | 5 Abhidhāna Cintamani हेमचन्द्राचार्य मू+ट (प.ग.) मूप. 1 2 . 17 | के.नाथ 2/14 | अभिधानचिंतामणी , 11/30 मुनिसुव्रत 6 7 83 के.नाथ 22/9 कुंथु. 22/1 मूट. (प.ग.) औसियां 6 934 के.नाथ 7/19 , सबालावबोध ,, with Bala. , रामविजय मू+बा (प.ग.) 24-7 4 प्रतियां 4 copies मू प. . 17/41, 166,29/26, 15/164 के.नाथ 7/1 28 सवृत्ति ,, with Vrtti ,, स्वोपज्ञ मू+वृ (प.ग.) मूप. 29 मुनि व्रत 6 अ 82, 84 30 औसियां 6 9351 31 | कुंथु. 52/19 ,, सटीक ,, with Tika मू+व (प.ग.) श्रीवल्लभ- गणि ,, स्वोपज्ञ , सहवृत्ति ,, with Vrtti 7 प्रतियां 7 copies 33-9| कोलड़ी पुढा69/2. 725.1169, 1179-80, 12511269 40 | प्रोसियां 6 अ 32 के.नाथ 11/15 ,, शेष संग्रह ,, Sesa Sangraha 42 मुनिसुव्रत 6 अ 85 43 , 6987 , -बीजक ,, Bijaka गद्य तालिकायें 44 | कोलड़ी 726 | अमरकोश सटीक Amara Kośa Tika अमरसिंह/भानुजी | मू+टी (प.ग.) दीक्षित 5 प्रतियां 5 copies के नाथ 22/25, 3. 7/4311/ 111, 22/52/ 50 कुंथु. 26/1 51-5, कोलड़ी 728-27 1051-3 5 प्रतियां 5 copies For Private and Personal Use Only Page #463 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir शब्दकोश : [ 447 8A 9 10 11 25x11x11x38 26x11x15x38 संपूर्ण 6 कांड (पन्न 60 17वीं पर्याय सहित 61 कम) , , (पहिला पन्ना 1708 कम) 1737 जोधपुर विजयमुनि 1752 क्वचित् बीजक सह 26x11x13x36 26x11x15x45 26x11x11x55 1775 26 x 11x11x32 18वीं | 104 | 25x11x18x50 1836 86,71, 24 से 32 x 11 से 16 प्रथम पूर्ण शेष तीन अपूर्ण 1893/20वीं 62,25| 27 x 11 x 13 x 45 | ,, ग्रं. 9987 19वीं 18वीं 25x11x15/11x | अपूर्ण तीसरे काड तक 401 26x10x20x65 , मात्र षष्ठकांड 27| 1678 से अंत 26 x 11 x 15 x 58 17वीं | ग्रंथ के अतिम पन्न 13 26x IIx13x54 त्रुटक 18/19वीं 8,20, 24 से 26x10 से 11 | अपूर्ण 38,12, 22,33, 14 47 26x12x12x32 18वीं जीर्ण चिपकी हुई | परिवर्द्धन सूची 26x11x14x48 | संपूर्ण 6 कांडों के 1641 (पहिला पन्ना कम) 26x11-13x38 | 6 कांडों के 17वीं 26x11x- ,, दो बार लिखी हुई अनुक्रमणिका 7 शब्दकोश 357 | 26x12x14x50 | , 3 कांड 19वीं 5540. 25 से 30x11 से 14 8249, ,, , 1806 से 19वी 25x13x11x32 1874 23 से 27x11 से 13 | प्रथम 2 पूर्ण, शेष 3 अपूर्ण 1843 से 20वीं 40.12. For Private and Personal Use Only Page #464 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 448 ] 1 56 62 63 64 65 66 68 69 70 71 122 कुंथु. 55/13 | देशी नाम - माला 67 महावीर 6 21 देशीशब्द-संग्रह सहवृत्ति 6 प्र 23 नामाङ्कित नाममाला 72 गु. 9 19/35 सेवामंदिर दे गु. 14 73 कोलड़ी 725A 74 75 76 77 61 78 79 के नाथ 7/25, अमरकोश 10/102, 11/6, 11/7(1) 11/12, 26/77 सियां 6 33 के नाथ 18 / 46 एकाक्षर अभिधानमाला महावीर 6 x 24 | एकाक्षरी-कोश कोड़ी 723 1 2 17 मुनिसुव्रत 6 88 पारस-कोश के नाथ मानमञ्जरी "} कोलड़ी "} " 722 721 33 "" सियां 6 106 शब्दकोश नाथ 14 / 65 | शब्दरत्नाकर कोश 18 / 63 सर्वादि शब्दार्थ 3 " नाममाला सावचूरि 11 शारदीयनाममाला 6 प्रतियां के. नाथ 15/169 सुन्दर - विलास www.kobatirth.org Amara Kosa 3 A 39 Ekakṣara Abhidhana Māra Ekākṣari Kośa Nāmamaa Parasa Kosa Desināma Mālā Desi Sabda Sangraha with Vrtti Namankita Nāmamālā Manamañjari 99 Śabda Kośa Sabda Ratnakara Kosa Sarvadi Sabdartha Śaradiya Namamālā 6 copies | अमरसिंह Sundara Viläsa भाग : 7 साहित्य व भाषा / विभाग (ई) For Private and Personal Use Only Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir महाक्षरणकवि हेमचन्द्राचार्य नन्ददास "1 " 4 महीप I हेमचन्द्राचार्य स्वोपज्ञ मू. + वृ. मू प. हरि गद्य मू + अ (प.ग.) ग.प. ग. प. ". 11 "3 ग. प. ग. 5 प. 23 Page #465 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir शब्दकोश : [ 449 ___10 11 67 8 8A शब्दकोश स. 17,100 / 24 से 30 x 11 से 15 अपूर्ण 31,4,3 19/20वीं 42 शब्दकोश 29x14x7x35 | प्रथम काण्ड मात्र | 19वीं 28x11x18x61 / संपूर्ण 20 श्लोक 18वीं एक अक्षर वाले शब्द | 25x12x12x33 39 अक्षरों के अनेक अर्थ 19वीं 51* | 22x11x19x40 1664 | 24x10x19x58 प्रतिपूर्ण 1765 मा सं. | 72 31x16x12x46 संपूर्ण ग्रं. 3320 18वीं 26x12x15x60 | अपूर्ण 17वीं 26x12x13x35 16वीं संपूर्ण 126 श्लोक , 259 छंद , (पर्यायवाची) रा. | 10 | 15 x 15 x 18 x 20 1716 26- 12x15x36 1873 15x11x12x17 , 263 छंद 19वीं xx 26x12x13x48 अपूर्ण 11.24x10x7x38 16वीं नाम का पता नहीं पड़ता है (अपरनाम महीप कोश) 24xllx15x43 | संपूर्ण 4 काण्ड, 1622 शब्दार्थ सामान्य 25 x 12x11x33 19वीं शब्दकोश 17x10x15x42 , 3 काण्ड 1750 19x11x16x30 1835 26 x 11x16x44 | अपूर्ण श्लोक 30 से 1200/ 19वीं For Private and Personal Use Only Page #466 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 450 भाग : 7 साहित्य व भाषा विभाग (ई) - 3A 1 | कुंथु. 45/2 कविप्रिया Kavipriya केशवदास के.नाथ 29/62 मम्मट-/वंशलोचन/- | मू+व+म के.नाथ 20/39/ काव्यप्रकाश -सटीक सावरि| Kavyaprakasa with Avacūri कोलड़ी 976 मम्मट के.नाथ 22/12 " -सहवृत्ति मू+ वृ (ग.) , -संकेत with Vịtti /माणिकचन्द्रसूरि | गद्य महावीर 6 अ 26 के.नाथ 27/48 ., 17/13 -दीपिका ki Dipiki जयंतभट्ट पुरोहित ओसियां 6939 , Vetti गुणरत्नगणि के.नाथ 7/31 , -मौक्तिक विवरण हर्ष कुल , Mauktika Viva. rana Kavya Raksasa Tikā कालिदास मू-वृ (प.ग.) " 22/20 काव्य राक्षस सटीक , 11/38 | काव्य साहित्यिक ग्रंथ कोलड़ी गु 9/14 | गीतजाति 48 सटीक Kavya Sahityika Grantha Gita Jāti 48 with Tikā | शेषनाग पग. के.नाथ 6/86 छंदकोश Chandakosa , with Avacuri मू.+प्र.(प.ग) |, 22/24 , -सावचूरि , 14/69 | छंद कौस्तुभ भाष्य कुंथुनाथ 52/11 छंद ग्रंथ (?) को प्रवचूरि Chandakaustubha Bhasya| विद्याभूषण Chandagrantha ki Avacūri - | के.नाथ 29/81 | छंदरत्नावली Chandaratnāvali 19 |ौसियां 6 477 छंद-सार Chanda Sāra सूरतिमिश्र कोलड़ी गु. 11/10 21 के.नाथ 26/2 की टीका ki Tikā (मूल सूरतिमिश्र का) , 19/51 पौसियां 6 4101 24 | के.नाथ 10/45 छंदो-विभूषण Chando Vibbūşaņa For Private and Personal Use Only Page #467 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra छन्द व काव्यशास्त्र : साहित्यिक अलंकार हि. काव्य शास्त्र 11 काव्यालंकार - शास्त्र सं. 31 " 17 11 19 " काव्य-लक्षण काव्य शास्त्र छंद शास्त्र अलंकार शास्त्र "1 "1 "1 31 "" " 33 6 " 93 "1 77 19 "3 11 17 रा. प्रा. प्रा.सं. सं. "1 रा. "1 11 " 7 "1 "1 "1 60 90 100 53 12 77 43 32 237 16 5 10 गु. 8 4 7 6 6 6 8 गु. 21 9 5 35 8 A www.kobatirth.org 21 × 17 × 19 × 25 संपूर्ण 17 प्रस्ताव 14 × 20 × 17 × 15 प्रपूर्ण 13 प्रस्ताव 26 × 11 × 16 × 42 संपूर्ण 10 उल्लास 26 × 11 x 15 x 55 26 × 12 × 17 × 53 28 × 13 × 14 × 49 26 × 11 × 14 × 45 26 x 12 x 13 x 35 33 x 16 x 16 × 48 26 × 1 1 × 17 × 54 अपूर्ण 4 उल्लास 27 x 12 x 15 x 49 23 x 11 × 15 × 50 27 × 13 × 14 × 55 15 x 13 x 9 x 19 " 25 x 13 x 10 x 30 37 " साढ़े छ उल्लास तक संपूर्ण अपूर्ण - त्रुटक संपूर्ण 26 × 11 × 13 × 42 17 × 12 × 10 × 2 2 25 x 11 x 15 × 34 25 x 13 x 9 x 33 27 × 1 1 × 15 x 54 27 × 11 × 17 × 60 संपूर्ण 6 अध्याय की ग्रंथाग्र 340 11 20 श्लोक अपूर्ण बीच के पन्न े 2 से 11 संपूर्ण लगभग 48 गीत 76 गा. 75 गा. 5 प्रभायें 11 9 11 11 " 23 x 13 × 13 x 35 25 × 11 × 11 × 36 29 × 14 × 10 × 28 संपूर्ण अपूर्ण संपूर्ण 273 छंद 121 छंद 273 पद "1 10 उल्लास के / ग्रं. 3244 27 2130 ग्रंथाग्र 1870 कृष्णगढ 19वीं 60 पद For Private and Personal Use Only 1767 19वीं 15वीं Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 1540 11 17वीं 19वीं 18वीं 19at " 10 1800 20वीं 19वीं 11 16वीं 19वीं 18वीं 1834 19at 11 [ 451 11 प्रतिम 3 पन्न श्रौषध मंत्र के 33 मूल की व्याख्या मूल की व्याख्या बीच में प्राधे पन कम हैं मूल की व्याख्या नामादिका पता नहीं पड़ता है प्राचीन प्राकृत या सं. में किसी मूल ग्रंथ की अवचूरि है । बीच में पन्न कट्ट हुए हैं । Page #468 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भाग 7 : माहित्य व भाषा विभाग (ई) -: 3A 45 -25ौसियां 6 इ 34 | नलोदय Nalodaya जीवदास प. के.नाथ 17/38 | नवरस-विचार Navarasa Vicăra कवि भूषण ? | कोलड़ी 1248 | नंदिताढ्य छंद सावचार (नन्दिताढ्य)/रत्नचंद्र मूअ (प.ग.) Nanditādhya Chanda with Avacūri Paribhāṣā 28ौसियां 6497: परिभाषा ।। ग मूल ,, +Slokayojana | नीलकंठ/सूरिसुनु Nirnaya , ki Vrtti सिरदेव , 6478 / +श्लोकयोजन निर्णय - के नाथ! 7/15 , की वृत्ति । .., 14/71 | पंचवर्गपरिहार - कुंथु. 55/16 पिंगल ग्रन्थ पौसियां 6 975|', -ज्ञान Pancavarga Parihāra जिनभद्रसूरि Pingala Grantha क्षेमराज का शिष्य ? | ग. » Jnāna 34.--, '6979 ,, -सार , Sāra हरिप्रसाद | महावीर 6 4 27 प्राकृत छंद-कोश Praksta Chanda Kosa 36 6 1 29 भाषा-पिंगल Bhaşa Pingala | औसियां 6 955/-,, -भूषण , Bhūşaņa हरिचरणदास |, 5 11 वृदावन, घटकपूर, मेघाभ्युदय Vrndivana. Ghatakarpura| मानांक (3) जंबूक(1) चन्द्रदूत, शिवभद्र। Meghábhyudaya शिवभद्र 1 Candradūta, Śivabhadra 39 | के.नाथ 17/23 रसतरङ्गिणी Rasatarangiņi भानुदत 40 कोलड़ी 1304 रसरत्न Rasaratna सुरतिमिश्र 41 कोलड़ी गु. 10/6 " सूरतमिश्र Rūpadipa जयकृष्ण |, 839 रूपदीप | के.नाथ 18/92 , के नाथ 14/83| वृत्तरत्नाकर Vștta Ratnākara For Private and Personal Use Only Page #469 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir छन्द व काव्य शास्त्र: [ 453 6 7 8 8 A १ ___10 11 काव्य ग्रन्थ 28x 13x9x32 | 19वीं | किञ्चित् टब्बार्थ भी 5 पन्ने स्फुट अन्य हैं काव्यलक्षण-शास्त्र 31x15x15x30 प्रतिपूर्ण छंद-शास्त्र 27x10x14x58 | संपूर्ण 99 गा. 1511 पंचपाठ वाक्य रचना छंद योजना 27x12x13x51 , 8 अध्याय/ग्रं. 66 19वीं 25x10x15x47 XXXXXXXXX ., , +30 श्लोक 18वीं 26x10x15x52 1677 | 27x11x17x40 दो खंड 346 श्लो. 19वीं शब्द व्यंजन स्वर शास्त्रकोश छंदशास्त्र (अपरनाम= अपवर्ग नाम माला) 27x11x22x62 , 84 छंद सोदाहरण 16वीं काव्य छंद शास्त्र 26x11x13x50 अजितशांतिस्तव' के छंदों पर 28x13x18x52 प्रतिपूर्ण 26x11x10x46 छंद काव्य भाषा शास्त्र काव्यालंकार शास्त्र 25 x 11 x 11 x 33 | संपूर्ण 152 छंद 19वीं | 28x12x9x39 ,, 212 छद 1866 सुखराम 25 x 12 x 11 x 40 , 5 काव्य 229 श्लो. 18वीं म क प्रधान 5 काव्य चंद्रदूत प्रादि लघकाव्य 31x15x9x40 19वीं साहित्यिक काव्य , 8 तरंग 22x15x20x19 शृगार रसों का | वर्णन " 1831 64 पद 22x16x30x33 , 66 पद 19वीं शृंगार रस वर्णन 15x14xllx19 , 26 छंद छंदशास्त्र 31x12x14x43 22 जाति के कवित्त 1868 Xxxxxxxxxx 25x13x16x31 " 52 छंद 19वीं | 16x13x12x19 , 75 छंद 21x12x13x27 18वीं 25x11x12x40 | , 6 अध्याय 1663 25x11x14x40 1717 For Private and Personal Use Only Page #470 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 454] भाग : 7 साहित्यिक भाषा विभाग(ई) : 1 3A 2 . प्रौसियां 6 4 2 | वृत्तरत्नाकर सटीक vrttasatnākara with Tika भट्टकेदार/समयसुन्दर | मू-वृ (प ग.) |, 6 4 102 मू पद्य महावीर 6 इ28 3 प्रतियां 3 copies के.नाथ 29/91, 20/45, 17/65 22/4 " -सटीक , with Tiki , शिवचरण | मू+व (प.ग.) कोलड़ी 987 ,, की टीका ,, ki Tiki सुल्हणकवि गद्य के.नाथ 7/42 सोमचन्द्र 9/36 | विदग्धमुखमंडन Vidagdha-mukhmandana | धर्मदास | , 2 copies | , Tika , | , 14/78,21 , 2 प्रतियां 59- | प्रौसियां 6 1 99 , -सटीक 1001 6! | कोलड़ी 1054 | , -की टीका 62 मुनिसुव्रत 64 107 श्रुतबोध-सटीक ., दुर्गकवि(पूर्वाद्ध | मू + वृ (ग.) ताराचंद (उत्तराद्ध) मेरुसुन्दर गरिण ,, ki Tiki Śrutabodba with Tikā कालिदास/वररुचि । मू टी. (प.ग.) के.नाथ 22/35 , हर्षकीति 64 , 22/18 , माधवदैवज्ञ 65 सेवामंदिर 6 इ 55| शृगारतिलक Śrgara Tilaka कालिदास 66 | के.नाथ 17/34 | शृगारसार-संग्रह सावचूरि | , Sara Sangraha .. | समरसिंह with Avacūri मूप. मू+अ (प.ग.) भाग : 7 साहित्यिक भाषा विभाग (उ): Alankara Kõrikā , Karikávali कोलड़ी 897 | अलंकार-कारिका 2-3 | प्रोसियां 6 अ 40 , कारिकावली 4 कोलड़ी गु. 11/10 , -माला 2 प्रतियां 842 के.नाथ 19/53 ,, Mili 2 copies | सूरतिमिश्र 5 | 6 |ौसियां 6 480 नयाँ 6 80 -लक्षण , Laksana For Private and Personal Use Only Page #471 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir छन्द व काव्य साहित्य : -- [ 455 सम्म 6 7 8 8A 9 11 ____ 10 18वीं छंद-शास्त्र - 12 । 26x12x17x55 अपूर्ण 26x12x14x46 | संपूर्ण 6 अध्याय 26x11x11x33 19वीं 17 से 26 x 11 से 12 1886 व 20वीं 26 x 12 x 18 x 51 19वीं 34x13x19x80 17वीं व्याकरण साहित्यिक काव्यशास्त्र | 29x10x15x55 , 6 अध्याय की ग्रं. 1219 26 x 11 x 12 x 40 , 4 परिच्छेद 17वीं 26 x 11 व 27 x 12 | प्रथम संपूर्ण द्वितीय अपूर्ण 19वीं 28 x 12 x 20 x 57 पूर्वाद्ध 2 परिच्छेद(2+2) 18वीं 28x13x12x50 उत्तरार्द्ध 2 26x11x17x55 | अपूर्ण 19वीं छन्द-शास्त्र 25 x 12 x 22 x 66 सं 40 पदों में 37 छंदों 17वीं । के लक्षण 26x11x15x47 , 40 श्लोक 1729 मेदिनीतटे ज्ञानसागर 26- 13x12x37 , 42 श्लोक 19वी 25 x 11 x 14 x 42 | , 27 श्लोकः । 1822 22 x 16 x 6 x.43 | अपूर्ण श्लो. 182 से 754/ 18वीं काव्य-शास्त्र अलंकार : अलंकार-शास्त्र 10 | 24x11 x 9 x 46 | संपूर्ण 172 श्लोक 1890 26x12x13x45 18वीं 25x 13 व 29x14 | , 262 छंद 19वीं | 1766 की कृति 27x13x14x52 19वीं 26x12x17x55 अपूर्ण 19वीं For Private and Personal Use Only Page #472 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 456 ] भाग : 7 साहित्य व भाषा विभाग (उ) 3A + 7-8| कोलड़ी 840-1 || Kavikula Kanthābharana | कविदूलहमिश्र 2 प्रतियां 9 | महावीर 6 925 कुवलयानंद Kuvalayānanda अप्पय्य दीक्षित | ग.प. | , 27/47 अंककार चंद्रिका-टीका , Aikakāracandrika | अप्पय्यदीक्षित वैद्यनाथ व.गद्य में Tikā Candrāloka जयदेव प्रोसियां 6 इ18 | चन्द्रालोक Vägbhațālankāra औसियां 6 76 | वाग्भटालंकार कुंथु. 42/15 14सेवामंदिर 6 4119/ 15 | के.नाथ 18/45 16 | , गु. 22 | समुच्चयालंकार Samuccayālankara भाग/विभाग : 8 कोलड़ी 693 अजीर्णमञ्जरी-सावचूरी Ajirņa Manjari Sāvacūri मू+अ (प.ग.) पीताम्बर मू+ट (प ग.) 3 , 1291, अनुपानमञ्जरी 2 प्रतियां | Anupana Manjari 699 2 copies 4 | के.नाथ 15/153| अश्वचिकित्सा Asva Cikitsa शालीहोत्रऋनकुल पद्य ,, (Salihotra) 2 copies माल शालहोत्र ऋषि | गद्य कृतनकुल वार्ता 5-6 कोलड़ी 794, , (शालिहोत्र) 795 2 प्रतियां 7 | कुंथु. 14/48| ॥ ॥ कोलड़ी 1287 | अश्विनी संहिता Asvipi Samhita ग.प. 9 | मुनिसुव्रत 7 ई 23] अष्टाङ्ग हृदय संहिता Astānga Hțdaya Samhita वाग्भट 10 प्रोसियां 7ई 10-9/ 11 सेवामंदिर 7 ई 21 " टीका , Tika /रुणदत्त सुख | के.नाथ 16/39 13 | कोलड़ी 696 | आयुर्वेद महोदधि Ayurveda Mahaudadhi | के.नाथ 26/63 | उत्तरनिबन्ध-संग्रह सटीक Uttaranibandha Sangraha Satika , गुटका 6, | औषधिनुस्खा-संग्रह 2 प्रतियां Ausadhi Nuskhi Sangrahati 24/44 2 copies मू.+टी For Private and Personal Use Only Page #473 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra छन्द व काव्य साहित्य : अलंकार - शास्त्र अलंकार - शास्त्र " अलंकार - शास्त्र काव्यालंकार - शास्त्र "1 11 अलंकार व काव्य शास्त्र अजीर्ण रोग के बारे में विपविकार चिकित्सा श्रायुर्वेद वैद्यक :-- $1 31 वैद्यकशास्त्र 11 31 11 रा. सं. घोड़ों की चिकित्सा सं. व अन्य ज्ञान 11 " " रा. 7 सं.मा. "" : रा. सं. आहार द्रव्यगुण पथ्य पर वैद्यकविज्ञान चिकित्सा दवाइयां मा. 10,8 59 74 9 8 14 11 8 16 23 14* 12,6 10 3,6 3 5 71 117 38 77 23 276 ! www.kobatirth.org 8A 31 × 12 × 1 2 × 45 24 × 1 2 × 1 4 × 42 26 × 12 × 1 5 × 47 28x13 × 11 × 54 26 × 1 1 × 11 × 33 संपूर्ण 5 परिच्छेद 266 श्लोक 26 × 11 x 11 x 54 26 × 1 1 × 13 × 41 27 × 12 × 1 1 × 33 22 × 15 × 24 × 17 25 × 12 × 11 × 40 29 × 13 व 27 × 13 2 5 × 1 1 × 15 × 37 27 × 11 × 10 × 32 26 x 12 x 17 x 55 23 x 11 × 9 x 34 25 × 11 × 11 × 41 27 × 12 × 13 × 45 28 x 12 x 12 x 46 संपूर्ण 60 छंद संपूर्ण अपूर्ण प्रमाणालंकार "1 "" 27 x 10 व 29 x 10 26 × 1 2 × 12 × 40 अपूर्ण 24 x 12 x 14 x 33 " पूर्ण (पत्र 7 से 17 ) संपूर्ण 5 परिच्छेद अपूर्ण 44 से 133 छंद 11 अपूर्ण 38 श्लोक संपूर्ण 5 उद्देशक श्लोक 350 33 9 " 51 4 मयूख प्रकरण तक " (केवल कुमाराक्ष चिकित्सा 13 से 18 व 23 त्रुटक अपूर्ण 411 अध्याय 17,12| 25 × 15 व 22 x 11 प्रतिपूर्ण | संपूर्ण 600 ग्रंथा लगभग पूर्ण (प्रथम दो पन्न कम For Private and Personal Use Only Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 10 |1881 फलोदी इंद्र भानु (हीर विजय ) 1854, सूर्यपुर विनयचंद 19वीं 18वीं 16वीं x चंद्रसूरि 1678 1877 1944 19वीं से 38 प्र. 2 से 6 स्थान तक 1734 18वीं 1899 1848/19at 20वीं 19af 17 at 19at 1886 / 1916 द्वितीय प्रति में 1751 1864 1677 457 17/18वीं 11 मूल की टीका है बार्थ नहीं हैं Page #474 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 458 ] 1 17 4849 50 51 52-3 54 55 35- कुंथु. 14/ 45-47 प्रोपधिनुस्खा-संग्रह 12/111,37/ 47 25-27,40/3, 56 57 58 59 60 61 62 63 कोलडी 692 34 701 877,912, 1266, गुटके 1/7 9/4-8,10,10/5 64 65 66 67 89 12,12/2 13,8,9,10 "1 17/5 सेवामंदिर गु दे. 18 7 ई 12 कोलड़ी 697 " " " 2 21 "} " 35/32-33 2/35,26/2 "2 "" 706 औषधि नुस्खा-संग्रह 704 " " श्रोषधि नुस्खा-संग्रह 703,705 | कालज्ञान 17 के नाथ 18/10 सियां 7 ई 13 7 ई 19 7 ई 18 के नाथ 24/36 काशिनाथ- पद्धति कोलड़ी 707 कुमुद्गर सावचूरि मुनिसुव्रत 7 ई 16 गर्भ चिकित्सा कोलड़ी 693 गुणरत्नमाला 3 " " 18 प्रतियां , 13 प्रतियां "1 निर्माण यन्त्र रसायन-विधि 2 प्रतियां भाषान्तर के. नाथ 25 / 27 चिकित्सासार-संग्रह 25/38 26/3 ज्वर द्विशत 26/13 | ज्वरत्रिणी 698 चंद्रोदयपारदादि श्रौषधियां www.kobatirth.org 3 A Auşadhi Nuskha Sangrah संकलन 18 copies Auṣadhi Nuskha Sangraha 13 copies Ausadhi Nuskha Sangraha 2 copies Nirmana Yantra Rasayana Vidhi 2 प्रतियां Kalajñāna " " Bhāṣantara Kasinatha Paddhati Kuthamudgara Săvacuri Garbha Cikitsā Gunaratnamālā Candrodaya Paradadi Auṣadhiyan Cikitsa Sara Sangraha Cikitsasara 32 Jvara Dvisati Trisati 2 copies For Private and Personal Use Only 17 Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir शभुनाथ " माधव 4 ( मू शंभुनाथ ) लक्ष्मी वल्लभ काशीनाथ धन्वन्तरी प्रात्रेयभाषित क्षेमेन्द्रमित्र भाग / विभाग 8 - ठाकुरप्रसाद यतिशाङ्गधर ग. "7 12 11 प. प. मू+ट (उ.ग.) मू ट. ग. प. ग. "1 (पग.) मू+अ प. ग. प. मू.ग. 5 प. चित्र मू प. Page #475 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir आयुर्वेद वैद्यक : [ 459 8A 9 10 चिकित्सा दवाइयां | मा. प्रतिपूर्ण/अपूर्ण 19/20वीं 14,101 11 से 18 x 7 से 13 927,5 (गु. 12) , 19/20वीं 1111 13 से 28x10 से 13 1112 2,1,39 876 19,20 22x16 व 12x12 , , 18/19वीं उपकरण विवरण 8x10 संपूर्ण 37 उपकरण 19वीं बनाने की प्रक्रिया | मा. 25x11-11-28 1863/19वीं रोगी की उम्र का व सं. 16,12 22x14 व 25x12 चिकित्सा का समय ज्ञान आदि सं.मा. 15 25x12x8x42 , 221 श्लोक 19वीं सं. 1024x11x11x38 , 7 उद्देशक 88 . श्लोक | , 5 उद्देशक 1894विक्रमपुर 21 x 12 21x12x8x33 13240 27x12x13x40 , " 18वीं 26x ||x10x37 xxxxxxxx 26x11x15x47 अपूर्ण 17वीं 23x11x4x24 | संपूर्ण 20 श्लोक 19वीं वैद्यकशास्त्र (अपर- सं. नाम प्रायुर्वेदसार) 6 रस व 3 दोष संबन्ध वैद्यक+मांत्रिक चिकित्सा वैद्यक द्रव्य गुण औषधादि रसायन-प्रक्रिया | 25x11x16x59 अपूर्ण 15वींx यशकीत्ति | 25x12x11x40 , 20 से 254 श्लोव | 1899 (अन्त 26 x 10 x 10 x 42 | संपूर्ण 19वीं वैद्यकशास्त्र 152 26x12x16x54 | अपूर्ण छढि चिकित्सा तक 18वीं 28x14x27x51 संपूर्ण 19वीं 28x13x14x32 1852 26 x 11 x 11x33 | , 327 श्लोक 1753 For Private and Personal Use Only Page #476 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 460 भाग विनाग 8 : 3A | महावीर 3 इ54 धूणी की औषध Dhūņi ki Auşadha कोलड़ी 708 नाड़ी परीक्षा व मूत्र परीक्षा | Nadi Pariksa & Mitra pariksa के.नाथ 24/30 व वैद्य उल्लास ,, & Vaidya Ullāsa | श्रीधर प्रौसियां 7 इ8 नाडी-प्रकाश Nādi Prakasa शंकरसेन के.नाथ 27/58 नाम-रत्नाकर Nāma Ratnākara कयदेव | 25/43 74 औसियां 7 ई5 निघद्र Nighantu 7ई 6 : 76 के नाथ 17/53 धनवन्तरी : , 16/40 : 78 कोलड़ी 720 : 1254| नेत्ररोग-यत्न Naitra Roga Yatna | के नाथ 17/21थ्या -पथ्याविनिश्चय Pathyāpathya Viniscaya 8। महावीर 3 इ 354 बांझपन Bānjhapana 4तिया | Bhavaprakasa 4 copics | भाव मिश्र 82-51 के.नाथ 25/28, भावप्रकाश ___30.31,33 86 कोलड़ी 702 | भिवचक्रचित्रोत्सव Bhisak Cakra Citrotsava हंसराज मुनिसुव्रत 7 ई 2 | मतिभद्र Matibhadra के नाथ 17/10 मदन विनोद Madana Vinoda मदननृप प्रौसिया 7 ई 14 मनोरमयोग Manoramā Yoga | के नाथ 26/10 मातृकावर्ण-निघंटु Māışkāvarņa Nigbantu महीधरदास |, 26/16 | माधवनिदान (रोगविनिश्चय, Madhava Nidāna (Roga- | माधव भट्ट ___Viniscaya) 26/1 93 औसियां 737 For Private and Personal Use Only Page #477 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir आयुर्वेद वैद्यक : | 461 ___678 8A ___10 11 धूप का नुस्खा 23x12x19x प्रतिपूर्ण 19वीं 25 x 10 x 13 x 34 सपूर्ण निदान प्रक्रिया योग रत्नाकर, राम विनोद ग्रादि से) " वैद्यककोश 21 x 12 x17x 34 अपूर्ण वैद्य उल्लास के प्रथम उद्देशक तक 26 x 11 x 12x39 | संपूर्ण 3 उद्योत 16वीं 26 x 11 x 16 x 45 अपूर्ण 53 वर्ग तक 17वीं 26 x 12x16x51 , 488 श्लोक तक | 19वीं 26 x 11 x 13 x 39 संपूर्ण 17वीं 26x11xllx33 . 1768,किराड दिनकर 1787 25x11x17x46 , 7 वर्ग 26x11x13x38 अपूर्ण 19वीं 26x 13x12x25 , चक्षुचिकित्सा । 18x24x26x24 संपूर्ण 30x15x18x:0 1794 प्रायुर्वेद (विभिन्न सं. रोगों) म हिताहित आहारादि कारण निदान व रा. 1 औषध वैद्यक शास्त्र पाठ्य | सं. पुस्तकनुमा 25x12x10x44 प्रतिपूर्ण 18वीं 27 x 14 x 12/16 x अपूर्ण 19/20वीं ___36 25 x 13 x 21 x 42 | संपूर्ण 1894 औषधिनुस्खे 24x11x15x40 1723 केशर- प्रथम पन्ना कम है विमल 1898 वंद्य कोश 30x16x19x48 XXXXX , 14 सर्ग 26x12x12x48 | वैद्यक औषधि विज्ञान वैद्यक-कोश 1882 नेपाल मध्ये 19वीं 11 x 24 , 59 श्लोक (अकारादिक्रम से) 26x11x13x42 1763 वैद्यक निदान व चिकित्सा ग्रंथ 33x15x7x28 1856 केवल ज्वर निदान, | 25 x 11 x 12 x 39 अपूर्ण 190 श्लोक 18वीं For Private and Personal Use Only Page #478 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 462 ] भाग/विभाग : 8 12 . 3A 94 | कोलड़ी 694 माधवनिदान (रोगविनिश्चय) Madhava Nid āna (Roga- माधव भट्ट viniscaya) 95 | के नाथ 25/35 , सावचूरी ,, with A vacuri मू (प.ग) 96 |, 27/51 97 | कोलड़ी 1068 98- | के.नाथ 25/32, -सटीक 3 प्रतियां ,, with Tika 3 copies माधव भट्ट वैद्यवाचस्पति मू । वृ (प ग.) 100 ___42, 26/7 101 | , 25/34 , कर्मचन्द्र 102 25/25 ,, ki Tika 3 copies | बंद्यवाचस्पति 103-5 , 25/41, , की टीका ___26/8, 12 3 प्रतियां 106 | पौसिया 7 ई 4 योगचितामणि सहबाला. Yoga Cintamani with Bālāvabodha हर्षकीति सूरि मू बा. (प ग.) 107 108 मुनिसुव्रत 7 ई । 109 | के.नाथ 26/15 मू.प. ,, ka Balavabodha हर्षकीत्ति | कोलड़ी गु. 3/2 , -का बालावबोध | ., गु. 7/2 1252 | योगतरङ्गिगी 112 Yoga Tarangiņi विमल भट्ट 113 कंथ. 37/8 योगशतक-सटीक Yoga Sataka with Tikā - - मू+ वृ (प ग) के नाथ 27/30 सप 115 | कोलड़ी 700 | के नाथ 26/11 , सहबालावबोध , with Bālāvabodha मू+बा 117 कोलड़ी 1069 योगसंग्रह Yoga Sangraha शाधर 118 प्रौसियां 7 ई 15 योगसार Yoga Sāra Rama Vinoda मुनिरामचन्द्र 119 | कोलड़ी 695 रामविनोद 120 | के.नाथ 27/53 121 | कुंथु. 40/4 . . . For Private and Personal Use Only Page #479 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir आयुर्वेद वैद्यक : [ 463 8A 9 10 ।। निदान व चिकित्सा सं. 188 25x12x12x40 | संपूर्ण ग्रं.5575 19दी 25xllx13x36 1772 26x12x16x52 | अपूर्ण 211 से 1574 श्लोक (अंत) 26x Ilxllx30 टक 21 17वीं 25 से 26 x 10 से 13 | अपूर्ण 19/20वीं टीका 'पातक दपण' नाम्नी) 18 26x12x11x35 , ज्वराधिकार मात्र 19ों | 27x 13 x 17x51 ,, 105 श्लो मात्र | 22 से 25x11 1857 से 20वीं पातंक दर्पण'नाम्नी औषधिविज्ञान 10 सं.मा. | 4126x11x15x49 संपूर्ण 7 अध्याय 1720 हाजीपाल मानसूरि 26xJ1x17x50 1739बीकानेर सबलसिंह 26x11x8x41 1844श्रीभटपुर धनसागर 19 26x13x6x33 अपुर्ण बीच के 76 से 94 19वीं पांचवा व छठा अध्याय मात्र 15x14x16x22 संपूर्ण संपूर्ण 1784 (वैद्यकसार संग्रह) . पन्न 21x15x19x26 टक 19वीं 30x15x11x32 संपूर्ण 81 सर्ग तक 17वीं 25 x 11 x 20 x 52 | ,, 135 ग्रं. 685 26x12x6x43 , 271 श्लोक 1790सवाईजै 27x10x13x55 1848 26x11x18x42 , 107 श्लोक 19वीं से त्रावा 29x 14 x 13x50 अपुर्ण 20वीं 26x11x17x52 प्रतिपूर्ण 18वीं वैद्यक ग्रंथ सामान्य | 27x10x13x56 संपूर्ण 28 अध्याय ग्रं. 3367 | 23x11x11x33 | अपूर्ण 301 पद 19वीं 27x27x28x38 टक For Private and Personal Use Only Page #480 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 464 ] भाग/विभाग 8 : 3A Laghu Samhita 122_| सेवामंदिर 7 ई 22 लघसंहिता 123 | के नाथ गु. 31, वैद्यकग्रन्थ (नाम रहित) 124 , 25/40 | | कुंथु. 40/2 | वैद्यमनोत्सव पद्यानुवाद Vaidyaka Ms. (without | सकलित name) 125 Vaidya Manotsava Pady- ānuvāda नयनसुख केशवसूत) म. 126 127 के.नाथ गु. 16 , 27/55 , , 25/37 | नद्यविनोद (शाङ्गधर का | Vaidya Vinoda (Sirriga-निरामचंद्र (पद्यरंग अनुवाद) dharas Trans) शिष्य कुंथु. 25/1 Vaidya Vipoda अनंत भट्ट प्रात्म न कर 128 , 130 | ., 2010 | वैद्यसंजीवन ,, Sanjivana लोल्लिम्बराज 131 के नाथ 26/14 प्रौसियां 7 ई 17 के नाय 28/11 मूट. (प ग.) , with Tika , गो हरिनाथ मू+व (प ग.. ,, with Dipika ,, रूद्रभट मु.ट (प.ग ) कोलडी 1285 , -मटीक के नाथ 26/6 ., -सहदीपिका कुंथु 46 | के नाथ 17/19 वैद्यक सार कोलड़ी 836 139 | के नाथ 7.2 शब्दरत्न-प्रदीप 140 |, 25/29, शाकवर्ग Vaidyaka Sāra Sabda Ratna Pradipa कल्याणदास sāka Varga nit 141 सेवामंदिर 7 ई 20 शाङ्गधरयोगप्रदीपिका | कुंथु. 3/53 | सन्निपातकलिका सटीक Sirrigadharayoga Pradi pikā Sannipāta Kalikā Saţika मू । वृ (प ग. 143 | सेवामंदिर गु दे.16 , ज्वरचिकित्सा , Jvara Cikitsa , Cikitsa 144 145 कुंथु. 28/1 | ., -चिकित्सा सेवामंदिर गु दे. 16 सालोत्तर-सार Salottara Sāra For Private and Personal Use Only Page #481 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रायुर्वेद वैद्यक : [465 8 | 8A ____ 10 | 11 वैद्यक ग्रंथ सामान्य 21 x 16 x 14 x 30 अपूर्ण 18वीं 12x11x11x13 | प्रतिपूर्ण 19वीं साथ में नुस्खे व तंत्र के 20 पन्ने अतिरिक्त 26x11x15x47 , 1784 15x26x30x25 | संपूर्ण 302 गा. 1738 15x15x13x13 | , 327 गा. 1847 26x11x13x39 | अपूर्ण 344 गा. 18वीं 28x12x13x39 | संपूर्ण 19वीं 22 x 10 x 15 x 54 अपूर्ण त्रुटक रामविनोद कर्ता का यह दूसरा ग्रंथ है रामसिंह राजा के व हने पर निम्बा 25 x 10 x 15 x 45 25 x 11x10x30 संपूर्ण 5 विलास 1736 , ,+22 श्लो. 1852 , 221श्लो. 1857 25x || x 12x50 23x |1x4x65 1877 27x13 x 13 x 40 1905 25x12x12x34 19वीं 26x12x7x37 | अपूर्ण सं. । वैद्यक-रोगनिदान औषधि 31x15x9x25 ,, -औषधि 24 x 12x14x42 | ॥ 25x12x13x40 संपूर्ण 'अ' से 'ह' वैद्यक-औषधि नाम सं. | वर्ग शब्द कोश वैद्यक-द्रव्यसार पदार्थादि 1803 जपूर । (अकरादिकम से) दीपचंदगणि प्रशस्ति है 19वीं 28 x 14x13x41 | अपूर्ण ., औषधि विज्ञान , 32x17x17x46 17वीं सन्निपात चिकित्सा 13 प्रकारी की 27x12x16 x54 | संपूर्ण 1748 20 x 16 x15x33 | लगभग पूर्ण 19वीं 15x11 x 11 x 20 संपूर्ण अश्वचिकित्सा | 20 x 16 x 20 x 30 , 3 खंड For Private and Personal Use Only Page #482 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 466 ] 1 146 147 148 150 1 2 3 4 5 7 8 9 10 11 121 13 14 15 16 9 17 महावीर 3354 स्वर व बुद्धि प्रौषध के. नाथ 28/20 स्फुट अपूर्ण व लघु ग्रंथ व त्रुटक प कोलड़ी ब. 71+ 69 मुनिसुव्रत ब 78 2 "1 कुंथु. 10/156 कोलड़ी 986 अरिष्ट - परिहाराध्याय विवृत्ति Arista Parihārādhyāya 6 मुनिसुव्रत 790 के नाथ 25/24 कोलड़ी 565 1279 = : 31 नाथ 26 / 19 | अक्षरचितामणि कोलड़ी 995 अब्दारिष्ट विचार 11 महावीर 7 6 महावीर 75 कोलड़ी 1172 11 691 प्रौसि 784 मुनिसुव्रत 761 गु. 1 / 21 अयनांश - ज्योतिष " 689 अहर्गण 690 " 11 31 11 3 17 2 बस्ते कर्त्तव्यता आरंभसिद्धि वृत्तिसह सावचूरि प्रशाधर- ज्योतिष 11 करणकुतूहल www.kobatirth.org इष्ट-कष्ट -बल-साधन 3 A Sarva & Buddhi Auşadha Stray incomplete & Small भिन्न 2 works & loose folios 2 Baste Ayanamśa Jyotisa ( बिलाड़ा नगर के ) Ayanāmśa (of Bilādāna gara) Akşara Cintamani Abdāriṣṭa Vicara 23 Vṛtti अरिष्टाध्याय - जातकाभरण | Aristādhyāya Jatakābha- ढुंढिराज rana प्रादि जन्मपत्री ग्रंथ Adi Janmapatri संकलन grantha अष्टोतरिदशा मुक्तभोग्य विधि Astottaridaśa Bhukta bhogyavidhi अस्तोदय ग्रहस्पष्टकरणम् Astodaya Grahaspaṣṭakaraṇam "" 33 Aharggana 23 " Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Asadhara Jyotiṣa Iṣṭa-kaṣṭa Balasadhana Karana Kutuhala For Private and Personal Use Only शिव 4 भाग ( 9 ) ज्योतिष व निमित्त विभाग ( अ ) भाग / विभाग 8 - ग. उदयप्रभ प.ग. मू प. (देवज्ञनीलकंठ ) गोविन्द ग. भास्कराचार्य 13 ( नीलकंठ सुत गोविन्द) ग. 31 अंकतालिका प. Karttavyata ārambhasiddhi with Vrtti उदयप्रभ / हेमहंसगरि मू + वृ ( प.ग.) with Avacuri पग. (म.प्र.) 11 ग. प.ग. 5 गद्य ग. प. मूल Page #483 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir आयुर्वेद वैद्यक :-- 1467 ___ 6 7 8 8A 9 10 11 उपचार 27x13x8x30 प्रतिपूर्ण 19वीं नुस्खेनादि सं.मा. 457 20 से 28x10 से 16 पूर्ण अपूर्ण 17/20वीं | 127 | 25 से 30 x 10 से 14 36 | , " " ज्योतिष : निमित्त ज्योतिष | सं. 21x11x11x32 1709 32x14 x9x42 19वीं वर्षफल मथा अरिष्टकल्पादि (अरिष्ट परिहार) ज्यौतिष फलावट | मा. 15 x 11 x 11x18 | अपूर्ण गणित ज्योतिष | सारिणी वर्षफल मुंथारिष्ट सं. योगफल अभावादि विषयक सामान्य संकलन 25x11x - संपूर्ण 12 राशि का लग्न! 20वीं पत्र 32x14x11x36 , 15 श्लोक 19वीं मनोहरपुर रामनारायण 26 x 11x15x46 , 318 श्लोक .. 18वीं जोधपुर. तखतसागर 23 x 10x7x21 अपूर्ण (14 श्लोक कम हैं | 1850 3 पन्नों के) 29x12x16x40 संपूर्ण 19वीं ज्योतिष 24x16 x 14 x 20 1865 3 | 26x12x16x68 " 19वीं चंद्रग्रहण पर्व(1895, आसोज सुद 15) साधनं ग्रहस्पष्ट-विधि | सं. ज्यो. (मुजसंज्ञा) | सं+रा मुहूर्त-ज्योतिष 23x10x12x50 ,, 20 श्लोक 26x11x12x42 ,, (6075 श्लोक 1954राजनगर टीका) 5 विमर्श | जीवनसिंह 27x13x16x50 , 5 विमर्श 1952,अहिपुर किसनकिरण 26x12x12x48 | अपूर्ण 19वीं 2000 फलित (ग्रहफल) रा. 28 x 12x11x48 | संपूर्ण 24x10x13x32 , 11 अधिकार गणित ज्योतिष | सं. ब्रह्मतुल्य सिद्धांत 1798x 26x11x13x42 10 , सत्यसाग For Private and Personal Use Only Page #484 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 468 ] भाग (9) ज्योतिष व निमित्त भाग/विभाग (प्र) 3 3A ___18 | मुनिसुव्रत 7 अ60 करणकुतुहल Karaņa Kutūbala भास्कराचार्य 19- काल 5 प्रतियां 5 copies कोलड़ी 671, 23/ 5911137, 598,1151 कोलडी 586 , सहवृति ,, with Vrtti 25 | ., 646 की सोदाहरण वृत्ति » ki Sodābarana Vstui ., ki Vrtti 26, कुंथु. 10/145 की वृत्ति सुमतिहर्षगणि कोलड़ी 587 _30/ ., 590.589 , ग्रहसाधन 2 प्रतियां , Grahasādhana 2 copies । .. 597 596] करगाकौतहले ग्रहगतिस्थानम Karana Kautihale Graha- हर्षरल गणि 2 प्रतिया gatisthānam 2 copie: के नाय 27/67 ग.अंकतालिका 7 कोलड़ी 1210 613 ., (मध्यम प्रकार) ,, (Madhyama Praग्रहफलं ___kara) Grahaphalam | कर्मप्रकाश (ताजिकतंत्रसार) Karma Prakasa (Tajika | समरसिंह स्वोपज्ञम सहवृत्ति Yantrasāra)with Vrtti , -की वृत्ति --तु (प.ग.) 1067 1174 कर्मप्रकाश की वृत्ति Karma Prakasa ki Vștti कर्मविपाक Karma Vipaka महादेवोक्त 3 प्रतियां 3 copies 39- | कोलड़ी 688 87 41 ग 9/1 सेवामदिर 7100/ कापिड पत्र Kākapindas atra नन्दकिशोर कोनड़ी 1284 | कामधेनु सविवरण Kamadhenu with Vivarana| महादेव । ., 989 | कालचक्र (जातक) Kalacakra (Jataka) ईश्वर पार्वती संवादे 661 कालीन कुण्डली-विचार Kundali Vicāra ग. कुंडलियें 16 | प्रौसियां 7483 || केशव-ज्योतिष Keśava Jyotisa केशवाचार्य मूट (ग.) 7956 | केशवजातक पद्धति की वत्ति , Jataka Paddhatti ki| विश्वनाथदवज्ञ Vrtti ग. तालिका सह कोलड़ी 641 666 खेचरमञ्जरी Khecara Manjari सागरेन्दुशिष्य अंक तालिकायें For Private and Personal Use Only Page #485 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ज्योतिष : [ 469 6 7 8 8A 10 ।। 25x11x13x86 सपूर्ण 10 अधिकार 18वीं गणित ज्योतिष ब्रह्म- स. तुल्य सिद्धांत | 25 से 27 x 10 से 13 | प्रथम दो पूर्ण, शेष 3 अपूरण 1863 से 20वी 42 | 26 x 12x13x49 | संपूर्ण (संभवाधिकार तक)1880 श्रीपतिका 11 अधिकार गुलाबविजय 26x13x15x48 | 11 अधिकार ग्रं 19वीं 2184 27x11x15x45 1856 19वीं अंतिम 2 पन्नों में गुरचार गणित ज्योतिष 1878 व 19वी 24x9x 13 x54 | अपूर्ण 5 अधिकार 24 x 11x15x30 , 10 , 28 x 13 व 27 x 12 | संपूर्ण 2} x 13 व 26 x 13 25 x 11 x 16 x 45 18 x 23 x 28 x 25 संपूर्ण 1871 व 19वी 19वीं ज्योतिष मनुष्य जातक 26x11x12x42 1909 जोधपुर | वृत्ति 'अणुदीपिका' नाम्नी 20वीं 25 x 12 x 12 x 32| अपूर्ण 13 अधिकार 27x12x14x40 , पितगंडानाधिकार 19वीं पूर्वभव प्राधारित | रा. ज्योतिष कथासह 18 x 11 x 11 x 20 संपूर्ण 1782 1846 से 1915 | 25 x 12 व 12 x 10 ज्योतिष-मन्त्र 26x13x13x40 ,, 11 श्लोक 19वीं गणितज्योतिष (तिथि रा. सारणी सहित ज्योतिष पाराशरी | सं. पद्धति प्रश्नज्योतिष ०७२ 26x13x13x40 30x15x15x48 1905 जयदुर्ग गुलाबचद 19वीं 27 x 13x भिन्न 2 कुण्डलिये 25x11x5x41 अपूर्ण 17वीं ज्योतिष गणित - सं.रा. (जातक पद्धति) सं. 26 x 11 x 18x45| संपूर्ण 1675 25x13x16x32 1876 ज्योतिष गणित (सारिणियां, " 30x13x 1890 For Private and Personal Use Only Page #486 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 4701 भाग (9) ज्योतिष व निमित्त भाग विभाग(अ) : 1 2 3 3A कुथुनाथ 16/18 गोरखपत्र Gorakha Patra 1. अंकतालिकायें कोलडी 1209 ग्रह उदयास्त-साधनम् Graba Udayāsta Sädha nam , सोदाहरण , with Udaharana ग्रहकरण आम्नाय Grabakarana Āmpāya | (करणकौतूहले) 655 | ग्रहफलादि (वीरोज्योतिष) | Grahaphaladi (Virojyo tisa) फल 56 कुंथु. 44/2 | ग्रह बलस्वप्न वर्षेश अरिष्टादि|Grahabala Svapna Varsesal Aristādi Phala के.नाथ 27/59 ग्रहभावप्रकाश सटीक Grahabhāva-prakasa witb Tika मुनिसुव्रत 7 अ69 ग्रहभावफल Grahabhāva Phala मू+ वृ (प.ग.) मू.प. , 7470 59 महावीर 7 अ15 2 copies 2 copies प्रौसियां 7 4 36 61-2 कोलड़ी 1215/ 2 प्रतियां 648 63-4 कुथु 14/66, 2 प्रतियां 35/10 65-8 के नाथ 23/81, 4 प्रतियां 25/9,27/19, 27/46 69 कोलड़ी 649 ग्रहभावफल-भाषा 4 copies | (चमत्कारचितामरणो) ,, Bhasa | 554 ग्रहभूषण Graha Bhūsaņa अंकतालिकायें 687 | ग्रहरेखा प्रतिदिनफलं प.ग. Graharekhā Pratidina Phalam Grahalagna Vicara . 3719 ग्रहलग्न-विचार कोलडी 555 ग्रहलाघव Grabalāghava गणेशदेवज्ञ मू.प. , 551 मू.ट. (प ग) , with Vrtti " विश्वनाथ | मूव. (प ग.) 76 सेवामंदिर 73103/ मकरन्द कुथु. 14/64 78 | कोलड़ी 552 ग्रहण अहर्गरणादि | Grahalāghava Grahana Aharggaņādi , टिप्पणकं ,, Tippaņakam For Private and Personal Use Only Page #487 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ज्योतिष : [ 471 8A मुहूर्त ज्योतिष 25x12x संपूर्ण 19वीं गणित ज्योतिष सं रा. 6 18 x23 x 23 x 22 | अपूर्ण 1852 26 x 11 x 12 x 29 19वीं ग्रह-स्पष्टकरण विधि रा. 6 27x11x15x45 संपूर्ण 28x10x16x50 1717 ज्योतिष, ग्रहराशि | सं.रा. फल संबंधी फलित ज्योतिष | सं. 23x12x13 x 40 | अपूर्ण (बीच के 8 से 22| 19वीं पन्न) 27x11x17x51 , (पन्न 9 व 10 17वीं कम हैं) 25x11x14x45 संपूर्ण 16वीं फलित (9 ग्रहों की 12 भावनायें) 26x 11x13x38 1870 पाटण 19वीं 25x11x17x39 | , 141 श्लोक 26 x 12 x 14 x 38 अपूर्ण 120 श्लोक 33x23 व 27-10 | प्रथम अपूर्ण द्वितीय संपूर्ण , 113 श्लोक 26 x 11 x भिन्न 2 प्रथम पूर्ण 115 श्लोक द्वितीय अपूर्ण 84 श्लोक 5,26, | 24 से 25x10 से 12 ] अंतिम अपूर्ण प्रथम तीन | 19/20वीं संपूर्ण | दूसरी व चौथी में टब्बार्थ भी है 26 x 12x16x52 | संपूर्ण 19वीं 26x10x 1879 गणित ज्योतिष सारणियां फलित ज्योतिष 19वीं 26 x 12 x 12 x 30 प्रतिपूर्ण 22x11 x 9 x 22 संपूर्ण 44 श्लोक 25x11x17x51 , 1859 सं.रा. | 13 26x11x3x42 | अपूर्ण 3 अधिकार 1664 ग्रहगतिफल स्फुटि करणादि 25x10x13x50 संपूर्ण 15 ,, 1822 25x11x12x54 प्रथम पन्ना कम 1870 ज्योतिष गणित सिद्धांत सं रा. | 23 19वीं सारणियों सहित X 10 x 30 | अपूर्ण 17x10 x 12 x 17 | संपूर्ण X For Private and Personal Use Only Page #488 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 472 ] भाग (9) ज्योतिष व निमित्त भाग/विभाग (अ) : 3A । 2 . 3 79 | मुनिसुव्रत 7 9 67 ग्रहलाघव सिद्धान्त रहस्य Grahalāghava Siddhanta | गणेशदैवज्ञ Rahasya Graha Varga Phala के नाथ 27/29 ग्रहवर्ग-फल पग, मन्त्र । कोलडी 560 ग्रहवार लग्न सक्रांति फल | Graha Vāra Lagna Sank व मन्त्र Biz rānti Phala & Mantra | , 557 | ग्रहसाधन स्पष्टीकरणादि Graba Sadhana Spasti Karaņādi , 679 ग्रहसिद्धि Grabasiddhi 84 मुनिसुव्रत 7 3121ग्रहस्पष्ट-विधि Graha Spaşta Vidhi ग-तालिका कोलड़ी 1299 | ग्रहस्पष्टीकरण जातकमारो- | , Spastikarana Jataka द्वारादि Saroddbarādi कुथु. 10/193 ग्रामप्रवेश-विचार Grāma Praveśa Vicāra | कोलड़ी 1286 - चक्र-चूडामणि Cakra Cndamani मुनिसुव्रत 7 8 95 चन्द्रकुण्डलीफल Candra Kundali Phala कोलड़ी 1212 | चन्द्रग्रहण-साधनादिगणित ,, Grahana Sadhanadi Ganita , 960D चन्द्र लग्न-स्पष्टीकरण ,, Lagna Spastikarana 1060 चन्द्रसाधन » Sadhana कुंथु 32/26 | चन्द्र-सूर्य ग्रहण , Surya Grahana प्रोसियां 7934/ चन्द्रार्की Candrārki तालिकायें कोलडी 579 प.ग. , 581 चन्द्रोदयज्ञान Candrodaya Jñana तालिका Camatkāra Cintāmaņi मू+ट (पग मू.प. मूट (प ग. 97 | के.नाथ 7/11 चमत्कार-चिंतामणि प्रोसियां 7 955 कुथु. 376 00 के.नाथ 28/13 कोलड़ी 627 , सावचूरि 02-3 , 628/1185 2 प्रतियां मू.प. with Avacūri मू-अ (प.ग. 2 copies मू.प. For Private and Personal Use Only Page #489 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ज्योतिष : [ 473 6 7 | 8 | 8A 9 __10 11 ज्योतिष गणित सिद्धात श्लोक फलित ज्योतिष 25x11 x 12 x 40 | संपूर्ण 3 अधिकार 45 1849x शोभसागर 22x10x17x53 19वीं , 42 , विविध 25x11x13x39 " सामान्य गणित ज्योतिष 26 x 11x12x42 1877 27x10x10x35 , 39 श्लोक 1864,जोधपुर अंत में चरखंडा साधन 4 लकीरें 18वीं 22x11x17x36 19वीं ज्योतिष विविध- सं.रा. 52 विश्वोत्पत्तिविचार 25x23xभिन्न 2+ | अपूरण तालिकायें 20वीं मुहूर्त ज्योतिष, निमित्त ज्योतिष गणित 19वीं फलित ज्योतिष 25 x 11x- प्रतिपूर्ण 24x16x - संपूर्ण | 25 x 11 x19x56 | प्रतिपूर्ण 28 x 20 28 x 30 अपूर्ण 25 x 12x15x45 | संपूर्ण 1793 ज्योतिष 19वीं , गणित 28x13x14x52 | अपूर्ण (1831 माघ पूणिमा पर्व) ज्योतिष ग्रहस्पष्टी- सं. करण ग्रहणसूची 1917 से 1934 गणित ज्योतिष 18वीं 22 x 39 x 28 x 42 | संपूर्ण 26 x 12x - प्रतिपूर्ण 28x11 x 14x38 | संपूर्ण 26 x9x10x42 | , 31 श्लोक 1850 मुथा वर्षेशमासेश | सं.रा. फलं फलावट 1815 1731 गणित ज्यो. 22x11x - अपूर्ण ग्रहभावफल 25 x 11x6 x 39 | संपूर्ण 110 श्लोक 1791 21x10x10x26 , 18वीं 27x12x6x36 . 96 श्लोक 1845 26 x 10x11x55| अपूर्ण भाव अध्याय 19वीं 25x12x8x36 | संपूर्ण 1879 24x11 व 22x11 112 श्लोक 11799/1844 For Private and Personal Use Only Page #490 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 474 ] भाग (9) ज्योतिष व निमित्त भाग विभाग (अ) : 4 5 1 | 2. 3 3A 104 मुनिसुव्रत 7 9 59 / चमत्कार चिंतामणि-भाषा | Camatkāra Cintamani . Bhāşa 105 | महावीर 799 चूडामणिमार Cūdamani Sára 106 , 7999 , गाथायन्त्र , Gathi Yantra 107-8|, 7 18, | चौघड़िये दिशा शूलादि 19 2 प्रतियां 109 | कुंथु 3/66 Caughadiye Diśá Śülādi 2 copies तालिका ग. तालिया 110 के नाथ 25/21 जनिपद्धति Jani Paddbatti गगान्वयअनन्त 1।1 112-3 , 25/5 .. 25/87 | जन्मकुण्डली-ग्रहयोगफल | Janmakundali Grahayoga 2 प्रतियां ___ phala 2 copies कोलड़ी 660 जन्मनिषेक-काल Janma Nişekakāla 115 के नाथ 25/17 | जन्मपत्री Janmapatri जातकाभरणे 116 कोलड़ी 640 , -गणित ,, Ganita श्रीपति पद्धतिमार्गेण ग. 117 1064 केशवपद्धतिमार्गेण 118 | महावीर 7 48 Grantha 119ौसियां 7 343 , -पद्धत्ति ,, Paddhati हर्षकीतिसूरि ., 7447 लब्धिचन्द्र कोलड़ी 800 Phala । , 1204 । 123 के नाथ 29/84 । । 124 कोलड़ी 683 -योगफल ,, Yogaphala ... 615 615 -विचार Vicāra । । म.प. 126 के नाथ 25/6 127 सेवामदिर 79100/ जन्मारिष्ट योग मृत्युज्ञान | Janmārişta Yoga Mrtyu jñana 128 कोलड़ी 637 | जातककर्म-पद्धति Jätaka Karma Paddhatti केशव ग.प. 129 638 , , श्रीपतिभट्ट मू.प. 130 के.नाथ 27/32 केशव For Private and Personal Use Only Page #491 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ज्योतिष : [ 475 __ 6 7 | 8 | 8A 10 ग्रहभाव फल 25x12x9x26 संपूर्ण 144 दोहे 19वींx समयसागर 18वीं प्रश्न ज्योतिष सं रा. 20x1x8x28 प्रतिपूर्ण 25x11x तालिकायें 27x13 व 26x13 ज्योतिष सामान्य , गणित 25x11x संपूर्ण गणित ज्यो (नीलं सं. कंठ) पत्रिका विधि जन्मपत्रिका बनाने की विधि फलित ज्योतिष 26 x 13x15x44 | अपूर्ण 2 प्रकरण । 21 श्लो. 25x13x10x30 25 x 12 व 26 x 12 | प्रथम अपूर्ण द्वितीय पूर्ण | 1822,1868 26 x 13x12 x 40 संपूर्ण 19वीं ज्यो. इष्ट दर्पण, सोदाहरणं ज्योतिष सामान्य 24x11x15x45 | अपूर्ण गणित ज्योतिष 26x13x19x56 संपूर्ण 1823 26 x 12x19x52 अपूर्ण 19वीं लेखन व फलादेश , 25x15x17x40 : 26x11x14x42 27x11x17x60 1751 सात्व। जीर्ण पन्ने चिपक गये है 1784विक्रमपुर पद्मसुन्दर 19वीं : फलित ज्योतिष सं.रा. | 87 25x11x20x48 26x12x18x48 | अपूर्ण प्रथम पन्ना कम xxxxxxxxxxx सक्रांति व ग्रहफलं 24x10x16x46 त्रुटक फलित ज्योतिष 28x12x18x42 | संपूर्ण 1846 26x13x12x 60 1852 22x13x8x35 , 78 श्लोक 19वीं 27x13x13x46 , 14 श्लोक 18वीं 26x12x10x33 गणित ज्योतिष व सिद्धांत , 44 श्लोक 1895जोधपुर (जातक पद्धत्ति) गुलाबविजय 1863 26x13x13x39 8 अध्याय 25x11x14x45 |, 41 श्लोक 1743 For Private and Personal Use Only Page #492 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 476 ] भाग (9) ज्योतिष व निमित्त विभाग (अ) 2. 3 3A 131 के नाथ 27/2 जातकक्रम पद्धत्ति सटीक |Jataka Karma Paddhati Satika श्रीपतिभट्ट मू+ वृ (प.ग.) औसियां 7 432 केशव 132 133 कोलड़ी 642 134 .. 636 Satika श्रीपति/कृष्ण दैवज्ञ(?) मू-+व (प.ग.) ,, खुशालसुन्दर 135ौमियां 79 33 136 जातकपद्धत्ति Paddbati कुंथु. 21/3 137 | | कोलड़ी 639 ,, -दीपिका Dipikā 138 | के नाथ 27/52 " -सार , Sara हर्ष विजय/ (सुखविजय | शिष्य) (कामधेनु) ढुढिराज (लूसिंह का महाबीर 7 9 29 जातकाभरण Jätakābharaṇa कोलड़ी 1138 Jātakālankāra गणेशदेवेज्ञ महावीर 7 आ 30/ जातकालंकार योलड़ी 632 143 633 , की टीका , ki Tika जयगोपाल 144 1104 | मनीय उपदेश-सूत्र Jaimaniya Updesa Sūtra Gafaat 145 | प्रोसिया 7 81 , -सूत्र की वृत्ति ,, Sutra ki Vrtti 146 कोलड़ी 1002 147 ग. तालिका J48 कोष्ठक मुनिसुव्रत 7 5 65 | जोधपुर-लग्नपत्रम् | Jodhapura Lagna Patram 1 6/4 ,. नरेशादि की कुंडलियां , Naresidi ki Kundaliyan 69/1 | ज्योतिषगन्थ 2 sfaui Jyotişa Grantha 2 copies 1323 149. 5 151 1063 152 के.नाथ 2/22 ज्योतिष-नाममाला Jyotisa Nāmamālā हरदत्त 153 , 25/18 ,, (श्रीपतिसुत) 154 कोलड़ी 676/ ज्योतिष-रत्नमाला Jyotisa Ratnamala श्रीपतिभट्ट के नाथ 7/18 " सबालावबोध ,, with Bālāvabodhal - मू+बा (प.ग.) For Private and Personal Use Only Page #493 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ज्योतिष : [477 6 7 8 8A 9 10 11 सं. गणित ज्योतिष सिद्धांत 26 x 11x17x51 अपूर्ण 7वें अध्याय तक | 19वीं 26 x 12 x 11x38 | संपूर्ण 41 श्लोक 1827 27x13 x 11x35 | , 43 श्लोक 19वीं 27x13x15x38 ॥ 8 अध्याय 1881 25 x 11 x 15 x 43 | प्रतिपूर्ण 19वीं 29x14x5x44 ,, अपूर्ण मंत्री चक्र तक 77 श्लोक संपूर्ण 93 श्लोक 26 x 12 x7x33 1765 की कृति 26x11x15x45 | अपूर्ण चन्द्रयोग तक फलित ज्योतिष 17वीं 26 x 11 x 15 x 38 | संपूर्ण ग्रं. 7978 26 x 11 x 12 x 48 | अपूर्ण (पंचाङ्गफल तक) 20x10x9x24 | संपूर्ण 7 अध्याय 19वीं 26 x 13x10x40 16वीं 25x11x10x40 , " 19वीं 24x12 x 13x52 | अपूर्ण 3 अध्याय 2 पाद | 16वीं तक 26x11x17x52 , प्रथम 5 पन्ने कम । 18वीं 28 x 14x11x42 , 2 अध्याय 4 पाद | 1905 अजमेर तक सालगराम प्रतिपूर्ण 19वीं 25x11x पंचाङ्ग, चंद्रस्पष्ट विधिसह राव जोधाजी से सामान्य फलित ज्योतिष सं. 18x16x- अपूर्ण 105 कुडलियां | साथ में मुगल बाद शाहों की भी 27x11 व 25 x 11 | दोनों त्रुटक द्वितीय में | 18/19वीं 236 श्लो. 24 x 13 x 21 x 105| अपूर्ण 19वीं 24 x 12 x 11 x 44 | संपूर्ण 1881 अपरनाम (गरिणत नाममाला) 23x11 x 12 x 37 , 131 श्लोक (पहिले 1893 सूरत 8 कम)| गुलाबचंदमुनि 26x11x14x42 | संपूर्ण 21 अध्याय 1711 ज्योतिष गणित शब्दकोष मुहूर्त ज्योतिष सं रा. 40 26x11x15x43 | अपूर्ण 18वें प्रकरण तक 19वीं For Private and Personal Use Only Page #494 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 478 ] भाग (9) ज्योतिष व निमित्त भाग/विभाग (प्र) 3 3A 156 | कोलड़ी ।208 | ज्योतिष-रत्नमाला की टीका | Jyotisa Ratnamala.महादेव ki Tika | के नाथ 7/10 , का बालावबोध , ka Balavabodha हेमभित्ति ? 158व मंदिर 79100| ज्योतिष-यन्त्र . Jyotişa Yantra तालिका 159 .. 7100 160 पौसियां 752 161 | कोलड़ी 684 | ज्योतिष विषयक संकलन | Jyotsia Visaya Sankalana 7/13 ज्योतिषशास्त्र बालबोध Jyotişa Šāstra ka | मुजादित्य Bālabodha Jyotişa Sāra 163 27/9 | ज्योतिषसार 164 कुथु. 46॥ 165 लघुजातकानुसारे 166 मुनिसुव्रत 7 अ , -संग्रह , Sangraha शिव मू+ट (प.ग. 167 | महावीर 7 32: ज्योतिष स्फुट विषय Jyotişa Sphuţa Vişaya गद्य 168 Jūāna Mañarikā ऋषिशर्मा ग. 169 | कोलड़ी 665 | ज्ञानमंजरिका के नाथ 27/17 | ताजिक ज्योतिष कोलड़ी 616 , वर्ष तन्त्र सटीक Tājika Jyotisa नीलकंठ मू पद्य , Varsa Tantra Satikal , विश्वनाथ मू+व (प.ग. 171 मुनिसुव्रत 7973 । , 16 Yoga Vicāra, 16 योगविचार सटीक योग+अरिष्टहर्ता 172 ,, Yoga+Arista Harta - 173 कोलड़ी 1285|| मुनिसुव्रत 7 अ66 | कोलड़ी 1283 , वर्षफल ,, Varsaphala नीलकंठ 174 पद्मकोश ,, Padmakosa गोवर्द्धन 175 | कथू. 33/४ 176-7 के नाथ 27/15 28/14 , , 2 प्रतियां ,, , 2 copies | 178 कोलडी 678 179 कुथु 35/2 प्रश्नावली ,, Prasnavali 180 सेवामंदिर 7 9 10: , समुच्चयादि । , Samuccayadi For Private and Personal Use Only Page #495 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ज्योतिष : [ 479 6 7 8 . 8A ____10 11 मुहूर्त ज्योतिष 26x 11x18x66 अपूर्ण 6/17 तक 18वीं 26 x 10x16 x 43 | संपूर्ण 20 प्रकरण 19वीं मुहूर्त निकालके का सं. 24x12x 17वीं ग्रह नक्षत्र वेध यात्र, 27x 12x - 18वीं 24x 13x प्रतिपूर्ण 19वीं 27x9x13x43 योगतिथि केन्द्र चक्रादि स्फुट ज्योतिष विषय रा. सामान्य सामान्य ज्योतिष ग्रन्थ 26x11x15x40 संपूर्ण ग्रं. 739 प्रश्नफलमुहूर्तादि 26 x 12x14x42 अपूर्ण 18 x 14 x 14 x 21 | संपूर्ण 1089 छंद दोहे | 18वीं 16 x 13x11x15 , 511 दोहे 24x11x6x41 | , 341 श्लोक 1810 फलित ज्योतिष ज्योतिष-सामान्य 25x12x14x44 | अपूर्ण 32x12 x 13 x 50 | संपूर्ण निमित्त मुहूर्त 50 | सं. प्रकरण फलित ज्योतिष 26x11x13x41 अपूर्ण मास प्रवेशादि । ____49 श्लोक 26x13x11x30 संपूर्ण 24 x 11x15x40 22 x 11x15x49 17वीं 24x11x16x44 | संपूर्ण Xxx 1847 जोधपुर सौभाग्यसागर 1859 25x12x17x44 श्लोक 1862 X 27x13 x 14x61 26x11 व 23x11 1875-6 25x12x14x34 | 19वीं N०० | 2 26 x 11 x 13 x 50 | 24x11 x 9 x 34 , 33 श्लोक अपूर्ण , 1869 साथ में मुंथाफलम् मंत में हंस केवली .. 4 गाथा वर्षसम्बन्धी For Private and Personal Use Only Page #496 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 480] भाग (9) ज्योतिष व निमित्त भाग/विभाग(प्र): 1 2 3A 4 5 181 कोलड़ी 620 | ताजिकसहम .... Tajika Sahama.... 182 के.नाथ 25/12 ताजिकसंज्ञातन्त्र-सटीक | Tajika Sajhja Tantra Satika) नीलकंठ/विश्वनाथ | यू टी. (प ग) 183 | ., 27/37 | कालड़ी 10 0 ताजिक सार-सटीक Tājika Sāra Satika हरिभट्ट मू वृ. (प ग.) 185 | प्रौसियां 6 966 186 , 753 187 | कोलडी 619 की वृति ,, ki Vrtti 188 677 189 617 की वृत्ति » ki Vrtti 190 के नाथ 27/25 सबाला. .. with Ba āva मू+वा (प.ग. bodba 191 कोलडी 618 , की वृत्ति " ki Vrtti प्रौसियां 7 952 सोदाहरण , Sodaharana त्रिविक्रम कोलड़ी 992 , Viveka Vrtti विवेकवृत्ति विवृत्ति के नाथ 27/36 , Vivrtti गोविन्दज्योति _ (नीलकंट सूत) (नीलकंठ) भट्टमाधव (पू. नीलकंठ) 195 | कोलड़ी 1134 भाषा ,, Bhisa Tithi Adi Siddhi मुनिसुव्रत 7 989 , , | कोलड़ी 594 | तिथि आदि सिद्धि |, 1050 | तिथिनिर्णय , 681 | त्रिषष्ठी Tithi Nirņaya अनंतदैवज्ञ . Trişastbi के.नाथ 2/22 त्रैलोक्य दीपिका Trailokya Dipika महावीर 7 9 20 | दग्धासूर्य-तिथि Dagdha Sürya Tithi 202 कोलड़ी 1192 दशाक्रम-विवरण Daśākrama Vivarana | के.नाथ 25/4 | दशाफल Dasāphala 204सेवामंदिर 73 100 दिनकर सारिणीसूत्र Dinakara Sāriņi Sūtra For Private and Personal Use Only Page #497 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ज्योतिष : [481 6 7 8 8A 9 10 11 फलित ज्योतिषादि 19वीं | 26 x 11x14x50/ संपूर्ण 25x12x12x24 | , ग्रं. 800 1890 25x10x11x44 ग्रहअध्याय-+13 श्लो.तक 19वीं 25 x 11 x 12 x 42 | अपूर्ण 25x10x12x46 संपूर्ण 438 श्लोक 25x11x15x45 1782 फतेहपुर उदयसुंदर 1792 मंडारण सिंहविजय | 1794 26x11x15x45 , पहिला पन्ना कम वर्षेशनिर्णय फलादि 25x10x13x37 प्रतिपूर्ण ग्रं.714(प्रकरण 1813 श्लोक 97 से प्रारंभ फलित ज्योतिष 1839 25 x 11 x 12 x 40 | संपूर्ण 25 x 11 x 20 x 57 | अपूर्ण 19वीं सं. 1028x12x14x40 26 x 11x16 x 45 | संपूर्ण 1885विक्रमपुर व तसुंदर 1912 जयपुर 32x14x10x35 सहमवर्ष फल निर्णय (रसाला) फलित ज्योतिष 25 x 10 x 12 x 40 अपूर्ण 19वीं 26x11x12x350 ,, बीच के पन्ने 26x11x15x50 25x12x15x48 | संपूर्ण तिथिनक्षात्रादि गणनानिर्णय 25 x 11 x 8 x 38 अपूर्ण मुहूर्त चिंतामणि के अनुसार ग्रह भाव-फल 23x11x12x38 संपूर्ण 1859 24 x 12x11x44 1881 28x12x12x36 1955 फलोधी मारणकलाल 19वीं ग्रहदशामादि 32x15x10x36 अपूर्ण फलित ज्योतिष 25x11x7x51 संपूर्ण गरिणत ज्योतिष 26x11x15x40 , 25 श्लोक 18वीं For Private and Personal Use Only Page #498 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 482] भाग (9) ज्योतिष व निमित्त भाग/विभाग(प्र) : 3A 205 | कोलड़ी 603 | दिनादिवार ध्र व उत्पातकरण| Dinādi-vāra-dhruva Utpa-| takarana 206 मुनिसुव्रत 7993 दिनेश दिनफल Dinesa Dina Phala 207 कंथ 2/30 | दीक्षासंबन्धी ज्योतिष-विचार Diksa Sambandhi Jyotisa | वर्द्धमानोक्त Vicara 208 मुनिसुव्रत 7 अ 114) दुघडियाज्ञान-सारिणी। Dughadiyā Jñāna Sāriņi 209 के.नाथ 28/16 | | दृष्टिअष्टक चन्द्रार्की प्रादि Dịști Așțaka Candrārki Adi 210 ., 27/44 दोषावली Doşāvali अंकतालिका - 2 प्रतियां , 2 copies 211-2 कोलड़ी 672, 960 21 3-4| कथ. 2/21, 13/ द्वादश भाव मुथाफल 2 प्रतियां Dvādaśabhāva Munthā Phala 2 copies 215 कोलड़ी 994 -विचार Vicāra (मू.नीलकंठ) गोविन्द ग. 216 887 | द्वादसराशि वर्ग Dvādaśasāśi Varga ग. तालिका 217 , 998 द्विकोटि Dvikoți श्रीपति प्राचार्य | के नाथ 37/43 नक्षत्रनिर्णय Nakşatra Nirņaya 219 कुथु. 9/128 नक्षत्रयोग धानरस-ध्र वांक ग अंक , Yoga Dhana Rasal Dhruvānka ,, Yogadi | महावीर 3 या 47 नक्षत्रयोगादि पद्य 221वामदिर 7 अ 100 नक्षत्रध्यान-जप , Dhyāna Japa ग. तालिका |, 7497 | नरपति जयचर्या-सटीक Narapati Jayacarya Saţikal मू वृ. (प ग.) थु. 14/58| नवग्रह-जाप Nava Graha Jāpa , 2/40 , -दान Nava Graba Dāna दिनदशा प्रमाण चरखडा , -वाहन , Dina Dasa Pra- | māņa Carakhand ,Vābana 226 कुथु 14/55 ग प. नवांशादि विधि+हीनांदपा | Navamsadividhi+Hinām dasā Phala 1314 नष्ट जन्माध्याय ज्योतिष- Naşta Janmādhyāya Jyoसारादि tisa Särādi नष्टजातक Nasta Játaka थु. 3/64 | नाडीवेध Nādi Vedha For Private and Personal Use Only Page #499 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra ज्योतिष : गणित ज्योतिष ज्योतिष वर्षफल ताजिकानुसारे दीक्षा हेतु ग्रहफल फलित ज्योतिष गणित नक्षत्र कष्टावली ग्रहफल ग्रहवर्षफल प्रगतिफल सारिरि सूर्यचंद्रपर्व साध 33 नादि नक्षत्र - मरणनानियम तेजीमंदी विचार प्रतिष्ठा संबन्धी मुहूर्त विचार गणन जपयोगध्यान के लिये नक्षत्र विचार "1 6 "1 " 19 " व उपशमन विधि " गणित स. ار 37 11 ;; "1 7 रा. 11 सं. 24. ज्योतिष शास्त्र ग्रहभक्ति वारानुसारदेय वस्तु मा. ज्योतिष स्फुट भक्ति " 17 "1 "" " 11 13 रा. 11 सं. रा. सामान्य ग्रंथ व सं. प्रश्ननिमित्त गणित = 11 19 14 3 6 5 9 5 4,2 4,15 58 3 4 8 5 1 8 1 7 1 1 2 1 2 6 2 1 www.kobatirth.org 8 A 26 × 11 × 13 × 38 सपूर्ण 25 × 11 × 19 × 52 प्रतिपूर्ण 26 × 11 × 17 × 52 संपूर्ण 27x12x – 2 3 × 11 × 10 × 40 संपूर्ण 67 श्लोक 17 x 13 x 10 x 24 27 अनुच्छेद 25 x 11 व 26 x 13 22 x 11 व 27 x 12 28 x 15 x 17 x 44 20 x 10 x 13 x 37 27 x 14 x 14 x 44 26 x 12 x 9 x 32 31 × 11 × 10 × 33 संपूर्ण 12 भावविचार 25 x 13 x - 25 x 12 x 14 x 56 " 10 x 9 x 9 × 10 11 1778 अपूर्ण (प्रथम पन्ना कम है) 20वीं 91 31 " "1 26 × 11 × 17 x 45 25 x 11x - प्रतिपूर्ण 25 × 11 × 14 × 69 पूर्ण 101 श्लोक 2 3 × 11 × 9 × 24 संपूर्ण 9 श्लोक "1 प्रथम संपूर्ण 108 श्लोक 1761 /,, द्वि. 103 श्लोक " 1 9 19 27 x 11 x 19 x 57 21 × 12 × 11 × 26 अपूर्ण 26 × 13 × 15 × 42 संपूर्ण 24 x 11 x 17 x 70 21 17 52 अनुच्छेद 194 श्लोक 9 ग्रहों के 9 श्लोक Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 33 For Private and Personal Use Only 19वीं 10 1876 1860 1899/19at 19वीं 1880 19वीं 11 18वीं 19वीं 16वीं 19वीं 91 18 at 19वीं 1847 19at "1 18वीं 11 483 द्वितीय में राजस्थानी टब्बार्थ भी Page #500 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 484 ] भाग (9) ज्यातिष व निमित्त विभाग (अ) 3A 4 5 231 Nādi Vedha Phalayantra - ग. तालिका वामदिर 7 9 100/ नाडीवेध फलयंत्र (15) | कुंथु. 31/6_ नाम ज्योतिष | मुनिसुव्रत 7 अ63| नारचन्द्र 232 Nāma Jyotişa 233 Nāra Candra नारचन्द्रसूरि 234 , 7962 235 के नाथ 13/45 236 27/3 | प. तालिकायें 237 4 प्रतियां 4 copies 40/ 25/1, 26/5. 27/22 4 प्रतियां 4 copies 241-4 कोलड़ी 623 5-9 1205 245-6] कोलड़ी 624, 2 प्रतियां 2 copies मूट+ (प.ग. 622 247 | कुथु. 248 महावीर 7 अ10 टिप्पणकं 1, Tippaņakam .. 7 27 , 7 अ11 251 | कोलडी 960B निषेक Nişeka ,, 650 पंचाङ्ग प्रानयनम् Pancānga Anayanam 1276 , -फलादि Pancānga Phalādi , गु.7/6 | पंचाशिका Pancāśikā श्रीपति (जातकत्व) 255 सेवामदिर 79100/ पंथाराह Panthā Rāhu 256 मुनिसुव्रत 7 9 106 पाराशरी-जातक Pārāśari Jataka पराशर कोलड़ी 1278 , -सटीक ,, Satika , परमसुख मू+व (प.ग. 990 पाराशरी-पद्धति Pārāsari Paddhati ग. 1195 , होराटीकासह , Hora-tikāsaha मू+टी (प.ग. For Private and Personal Use Only Page #501 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ज्योतिष : [ 485 8A ___10 11 ज्योतिष गणित | स. 1 26x11x - 18वी आद्यक्षर नामनिर्णय रा. 4 | 16x12x11x19 19वीं ज्योतिष-शास्त्र 25 x 10 x 14 x 43 | , ग्रं. 320 1543 25x11x17x45 16वीं 30 x 12 x 19 x 86 | अपूर्ण श्लोक 37 से 100 , (अंत) 26 x 11 x 15 x 45 | संपूर्ण 536 श्लोक 2 | 1694 प्रकीर्णक 33,5, 25 से 27x11 से 13 | अपूर्ण 1920 34,3 सागरचंद्र कृत टिप्पण सह दूसरी प्रति में किचित् अनुवाद कवि जोशी द्वारा | 12,28, 24 से 26 x 11 से 12 | दो पूर्ण दो अपूर्ण 8,14 1797 से 1905 सं.रा. 55,45| 25 x 11 x 6 x 30 | संपूर्ण ग्रंथाग्र ट 800 | 1899/20वीं 13x17x13x14 अपूर्ण 19वीं | 26x13x14x34 17वीं ,, पंचांग यंत्रोद्धार 20x10x12x31 1690सागरचंद गोगुदा 1825 26x11x16x48 सं.रा. 3 26x12x15x42 संपूर्ण 1863 25x11x17x45 19वीं फलित ज्योतिष 25x13x14x35 | अपूर्ण | 21x17x11x27 संपूर्ण प्रश्नज्योतिष 28x12x15x46 ,, 10 फलित ज्योतिष 27x13x13x37 |, 41 (मुहर्त चिंतामणि का भाग) 1873 जोधपुर (लघ पाराशरी) 1905 30x15x4x44 १ | 31x16x5x22 19वीं कुण्डली निर्माण | सं. गणित ज्योतिष फलित , 30 x 15 x 18x44 | अपूर्ण 39 श्लोक तक , For Private and Personal Use Only Page #502 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 486 ] भाग (9) ज्योतिष व निमित्त भाग/विभाग (प्र) 3A 1 2 3 260 | कुथु 26/13 | पुत्र-पुत्री ज्ञान Putra Putri Jñana 261 सेवामंदिर 79100/ पुरुष-स्त्री जन्मकुण्डलीज्ञान | Pruusa Stri Janmakundali 13/ Jñana 262 कोलड़ी 611 संबन्धी ग्रहफल | Purusa Stri Sambandhi Grahaphala ग.प अंकता लिका , , 651 , . 685, पृथुयश ज्योतिष Pșthuyasa Jyotisa Prayāna Gamana uhuria 265 के नाथ 13/45 प्रतिष्ठा दीक्षा कुण्डलीकानंद | Pratistha Dikya Kundli- | नारचन्द्र kānanda 266वामंदिर 7 3100 प्रयाणगमन प्रवेशमुहूर्त (2) | के नाथ 29/67 | प्रश्नचूडामणि Praśna Cudāmaņi ग. तालिका मू.प+ग. 268ोलडी 770 269 , -सार , Sära के नाथ 27/34 | .. 24/33 सटीक " , with Tiki मू+ट (प ग. 271 प्रौसियां 7 985 प्रश्न ज्ञान Praśna Jñana ज्योतिब्रह्मकवि | कोनड़ी 793 ब्रह्मादित्य | के नाथ 18/56| प्रश्नतन्त्र Praśna Tantra दुर्योधन | कोलड़ी 1202 प्रश्नध्वज Prasna Dhvaja 275 प्रौसियां 7337/ प्रश्न निधि-टीका Paasna-nidhi-tika 276 महावीर 7 अ22 प्रश्नप्रकाशिका+बा. मू+बा (प.ग Praśna Prakāśika+ Bālāvabodha " , Bhasa वाचक वल्लभगणि/ जीवरणदास (मू.पथुयश)-- 277 कोलड़ी 566 " -भाषा के नाथ 25/15 प्रश्न प्रदीप Praśna Pradipa काशीनाश | कुथु. 2/20 2968 प्रश्न भैरव Praśna Bhairava 281 कोलडी 773 प्रश्न-रत्न Praśna Ratna हयग्रीव (केरलीय) मू. रुद्रोक ..., 792 26/3 कोलड़ी 774 . ले. मिश्रनंदराम , सटीक , Satika स्वोपज्ञ मू.+ टी.(प.ग. For Private and Personal Use Only Page #503 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ज्योतिष :-- [ 487 6 7 8 9 10 11 8A 12 x 16 x 30 x 40 प्रतिपूर्ण ज्योतिष निमित्त | 19वीं 24x11x 18वीं मुहूर्त ज्यो. एवं शीर्षकानुसार वैवाहिक ज्योतिष सं. 24x11x14x37| अपूर्ण 19वीं 25x11x11x38 | संपूर्ण ज्योतिष-सामान्य 26x11x10x34 406 श्लोक 1659 मुहूर्त ज्योतिष 16वीं 30 x 12 x 19 x ४6 , 111 श्लोक 27x12x- प्रतिपूर्ण 25 x 10 x 13 x 54 | संपूर्ण 19वीं प्रश्न ज्योतिष 1848 | व्याख्या निञ्चित 21x13x14x48 19वीं 1824 26 x 12 x 15 x 47 ] , 138 श्लोक 25 x 11 x 11x35 , 25 x 10 x 15 x 45 अपूर्ण, 9 प्रकरण 19वीं 16वीं 27x12x13x30 संपूर्ण 16 प्रकरण 19वीं 25x11x17x51 , 77 श्लोक 23 x 11 x 10 x 35 | अपूर्ण (पन्ना 1 व 3) पद्य 1 से 18 39 से 16 अत 26x11x15x44 18वीं 27 x 12 x 17 x 40 , 6 अध्याय 46श्लो| 19वीं षट्पंचाशिका के प्राधार पर 26x13x15x42, 30x14 x 15 x 45 25 x 11x10x42 1810 22x11x14x32 1880 27x11x14x60 |, 24 अधिकार | 1882 26 x 12x14x34 | 5 अध्याय 239 | 1808 27x12x8x34 - 57 श्लोक | 1913 श्लोक 25x11x21x78 |, 85 श्लोक 19वीं For Private and Personal Use Only Page #504 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 488 ] भाग (9) ज्योतिष व निमित्त भाग/विभाग (प्र) : 3A 45 285 के.नाथ 24/54 | प्रश्नविनोद Praśnavinoda 286 कोलडी 769 | प्रश्नवैष्णव कालड़ा। Praśna Vaişnava नारायणदास 287 मुनिसुव्रत 7 976 288 , 7101 प्रश्नसार Praśna Sāra हयग्रीव बादरायण 289 | कोलडी 612 | प्रश्नाक्षर श्रेणी- नष्ट |Prasnaksarasreni+Nasta जन्मपत्रनयनम् Japmapatra Nayanam 290 .., 1001 प्रश्नाध्याय Praśnādbyāya के नाथ 25/16 प्रश्नाधिकार Praśnādhikära 292 | कुथु 37/22 बारहभाव-विधि Bāraha Bhāva Vidhi 293 कि 44 बालबोजोटिक Bālabodha Jotikam 294 | कोलड़ी 599 | बुधउदय-साधनःदि विधियां | Budha Udaya Sidhanādi | Vidhiyan 295 | .. गु. 9/11 भटोत्पल काव्य Bhatotpala Kavya भट्टोत्पल 296-7/ महावीर 7 14.| भद्रबाह-सहिता 2 प्रतिया | Bhadrabāhu Samhiti | भद्रबाहु 3 2 copies 298 | के नाथ 5/116 299 सेवामदिर 79100भयाभय-यन्त्र Bhayābhaya Yantra 300 | कोलड़ी 9634 भड्डलीवाक्य Bhaddli Vākya भडली | कुथु 4/103 भुक्तभोग्यदा-विधि Bbukta Bhogya Dasa Vidhi Bhuvana Dipaka 302 कोलड़ी 1207 भुवनदीपक पद्मप्रभसूरि मू+ट (प.ग. प्रोसियां 7 946 । कुथु. 462 305 |ौसियां 748 306 के नाथ 25/2 307 | कोलड़ी 576 मू ट (प ग.) 308 महावीर 7 अ 16 ढुंढिका ,, Dhundhiki (मू पद्मसूरि की) 309 | मुनिसुव्रत 7994 मध्यम ग्रहकरण विधि Madhyama Craba Karaña Vidhi For Private and Personal Use Only Page #505 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - ज्योतिष : [ 489 6 7 8 8A 8A 9 10 11 प्रश्न ज्योतिष 25x11x15x36 1901 27x14x18x44 15 अध्याय | 19वीं 25x12x ||x34 1841 23- 11x16x51 1903 27x12x9x45 19वीं 32x14x13x48 | | " 75 श्लोक 1912 30x14x13x42 ., 218 श्लोक 19वीं अंत में षोडश योग गणित ज्योतिष 25x11x16x65 113 श्लोक 1544 मुहूर्त , गणित , मा. 26x11x10x25 20वीं | 14 x 10 x 10 x 18 प्रतिपूर्ण 78,32| 24 x 13 व 21 x 13 | संपूर्ण 26 अध्याय । | 19वीं/1950 ग्रं 1780 ज्णेतिष शास्त्र | सं. 26 x 11x14x45 1 26 अध्याय ग्रं 1943 1764 ज्योतिष तन्त्र-यन्त्र | मा. 20x10x14x34 8 पद 18वीं निमित्त ज्योतिष रा. 24x11x11x22 1877 गणित ज्योतिष 25x11x13x58 19वीं फलित ज्योतिष 25x11x6x36 16वीं (ग्रह भाव प्रकाश) , 175 श्लोक |, 173 श्लोक 26x11x6x41 17वीं मेदिनीपुर 18x11x4x16 अपूर्ण 1782 7 18वीं | 26x11x13x41 | संपूर्ण 173 श्लोक, ग्रं. 220 25 x 11 x 10 x 25 .. 174 श्लोक 1838 सं मा. 29* | 26x10x5x37 171 श्लोक 19वीं 26x11x15x60 157 गाथा 16वीं 25x11x19x 66 18वीं गणित ज्यो.सारिणि सं. सिद्धान्तसह For Private and Personal Use Only Page #506 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 490 ] भाग (9) ज्योतिष व निमित्त भाग/विभाग (अ) 3A 5 1 2. 3 310 सेवामंदिर 7 अ 100 मरणज्ञान-यंत्र 311-2| कोलड़ी 607-8 | महादेवी-दीपियावृत्ति 2 प्रतियां (11) Marana Jhāna Yantra | (उपदेशमाला गाथा | ग. अंकतालिक पर) Mahadevi Dipiki Vrtti मणिभोजराज शिष्य | ग.प. अंक ता. 2 copies धनराज 313 Mahādevisāraṇyāṁ Gra. स्पष्टनयनम | Danam Spasta Nayanam 314 , 7992 माशेषफल Māśeşa Phala Mubūrta Caughadiya गोरखपत्रानुसार ग. अंकतालिक 315 सेवा मंदिर 74 100 मुहर्त-चौघड़िया (18) के नाथ 27/46 मुहूर्त-चितामणि Muhūrta Cintamani रामदेवज्ञ मू.प. सेवामंदिर 7498 के नाथ 27/1 मू+व (प ग.) 319 कोलड़ी 645 | ,, (रामचन्द्र) | मू + ट (पग) 320 | मुहूर्त ज्योतिष ग्रंथ Mubūrta Jyotişa Grantha 321 1065 322 799 323 669 | मुहर्ततत्व Muhūrta Tattva केशव देवज्ञ मू+वृ (प.ग) 324-5 के नाथ 27/24. मुहर्तदीपक-सटीक 18 2 प्रतियां 326 मुनिसुव्रत 7 9 74 मुहूर्तमुक्तावली Muhurta Dipaka Satika | महादेवोक्त/ 2 copies Muburta Muktavali - 327 | महावीर 7 12) हरिभट्ट 328 के.नाथ 25/19 329- कोलड़ी 670___300 68 2 प्रतियां 2 copies | परमहंसपरिवाञका चार्य 331 , 25/20 , हरिभट्ट Muhūrta Vicāra | कुथु 18/39 मुहूर्तविचार कोनड़ी 1289 यन्त्रचितामणि-सटीक 333 Yantra Cintamani Satika | चक्रधर/रामदैवज्ञ मू+वृ.प.ग. 334 पौसियां 7954 यन्त्रराज Yantrarāja मलयसूरि पद्य के.नाथ 27/33 -सटीक » Sattka मू+व (प.ग.) For Private and Personal Use Only Page #507 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra ज्योतिष : ज्योतिष यंत्र-तंत्र गणित ज्योतिष सारणी सिद्धांतसह 11 मुंबाफल ज्योतिष मुहूर्त मुहूर्त ज्योतिष 11 " 2. 11 99 11 " 19 "1 31 "" #1 6 " तन्त्र こ " मन्त्र गणित ज्योतिष ज्योतिष ग्रन्थ रा. सं. 37 सं.मा. सं. संमा. सं. " 7 " 13 सं.मा. 21 सं. " 8 A 25 x 11 x - 34,3025 x 11 व 24 x 13 1 2 3 1 40 12 111 98 8 3 8 51 14 5 3 7 24 × 11 × 12 × 33 24 × 12 × 11 × 42 23,25 29 x 12 व 26 × 11 25 x 11 x 15 x 54 6,7 10 1 11 8 www.kobatirth.org 28 21 x 11 x 11 x 35 23× 11 × - 22 × 10 × 12 × 37 28 × 13 × 13 × 37 25 x 11 x 15 x 40 24 x 11 x 4 x 40 25 × 11 × 19 × 52 प्रतिपूर्ण 27 x 13 x 5 x 33 26 x 13 x 7 x 38 25 x 11 x 13 × 49 25 x 11 x 7 x 41 26 x 10 व 24 x 11 26 x 10 x 4 x 33 8 x 5 x - तालिका 33 x 14 x 18 x 46 26 x 11 x 13 x 42 संपूर्ण 25 × 11 × 17 x 54 21 13 21 संपूर्ण ग्रह प्रवेश प्रकरण तक प्रपूर्ण 31 11 17 " 11 12 "" " 9 ;) नक्षत्र 2/49 से वास्तु 6 तक संपूर्ण 9 अध्याय अपूर्ण 1880 त्रुटक बीच के पन 19वीं अपूर्ण ( 56 से 106 पन्न े ) 20वीं संपूर्ण 176 श्लोक 16at 19वीं 17वीं 19af 19वीं 55,42 अनुच्छेद 1843-62 31 57/58 श्लोक 92 श्लोक 47 श्लोक "1 47 श्लोक 4 अध्याय 5 अध्याय Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir For Private and Personal Use Only 10 18वीं 1723,1822 17वीं 1807 19वीं 1769 18वीं 19at 1842 1771 19af 1863 1852 विक्रमपुर 18वीं [ 491 11 प्रथम प्रति में 10 अनुच्छेद अतिरिक्त प्रति में कर्त्ता का नाम परिव्राजकाचार्य लिखा है Page #508 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 492 ] भाग (9) ज्यातिष व निमित्त विभाग (अ) 3A 336 कोलड़ी 1242 | यन्त्र-संग्रह Yaptra Sangraha ग+अंक तालिका 337 621 यवनती ताजिक+भावफल Yavana Turki Tajika+ Bhāvaphala यात्रा-प्रकरणम् Yātrā Prakaraṇam 338 ग. मुहूर्तचिंतामरिण- टीकायाम् 339 कोष्ठक कुंथु. 10/150 योगकोष्ठक Yogakoşthaka के नाथ 25/10 योगिनीदशा Yoginidaśa , 27/57 | योगिनीदशान्तर्दशा सिद्धांक | Yoginidas antardasi सारिणी Siddhānka Sāriņi मू प. 341 ग अंकतालिका 342 18/8 | रत्नदीपक Ratna Dipaka 343 कोलड़ी 675 | रत्नावली Ratnāvali लक्ष्मीवर 344 , -पद्धत्ति ,, Paddhati 345 रमल प्रश्नतन्त्र Ramala Pra na Tantra | चितामणि पंडित 346 , संज्ञा-तन्त्र ,, Sanjna Tantra 347 | के नाथ 17/70 । 70 | , शास्त्र ,, Sastra सोमनाथ शिव प. अंकतालिका महावीर 7 अ14 | रविवादि रात्रिघटिमान | Ravi Adi Ratri Ghati यंत्रादि Māna Yantrādi मेवामंदिर 7 9 100 (17)| राशिपत्र-प्रश्नज्ञान प्रदीपिका | Rati Patra-Prasna Jhana Pradipikā |, 74 100| राशि-विचार Rasi Vicāra 350 351 , 79100/ राहुअष्टोतरी-दशादि Rābu Astottaridaśādi 352 के नाय 27/14 | लग्न-अधिकार Lagna Adbjkāra J - 353 | कोलड़ी 680 | लग्न कर्तव्यता अल्पेटादि विधि 354 | महावीर 79 17/ लग्न-कुण्डलिका , Karttavyata Alpetādi Vidbi ,, Kundalika हरिभद्रोक्त ,, Candrika काशीनाथ 356 कोलड़ी 643 | लग्न-चन्द्रिका | के.नाथ 26/9/ , | कोलड़ी 662 | लग्नदशाफल ,, Dasiphala /24 | लग्नविचार , Vicāra ग. तालिका 359 | महावीर 7 अ 21 | For Private and Personal Use Only Page #509 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ज्योतिष : [ 493 6 7 8 | 8A ___ 10 ज्योतिष यंत्र-मंत्र मा. 28x11x प्रतिपूर्ण 19वीं 27x12x6x38 | संपूर्ण 10+9 गाथा 1865 " ग्रहफल | सं.उर्दू+ 2 निमित्त मुहूर्त ज्यो. सं. 6 20x11x14x45 19वीं 25x10x |, 28 योगों का सारिणियां-परि भाषाएं ग्रहफल 25x12x12x32 गणित ज्यो. (ग्रह- अन्तर्दशा-सारिणी , 26 x 11x10x37 अपूर्ण एक पन्ना अन्य ग्रहफल 5 26x11x17x56| संपूर्ण भावदशादि विषय 28x12x15x50 गणित ज्योतिष 27x12x17x44 || प्रश्न , 24 x 12x10x 25x12x10x56 | अपूर्ण श्लोक 123 से 249 25x15x13x30 शकलपद्धति पूरी+3 पन्ने 25x10x -- - प्रतिपूर्ण मुहर्त व गणित ज्योतिष प्रश्न ज्योतिष प्रथमपत्र जीर्ण व त्रुटित 1738+ गंगासुन्दर 19वीं विसलपुर जसरूप 23 x 11x18x40 संपूर्ण 28 गणित ज्योतिषि 26x11x16x46 18वीं 23x9x15x30 ज्योतिष 23x10x5x34 , 132 पद्यानुच्छेद | 1876 27x10x16x50 19वीं 29x13x16x38 , 129 गा. गणित ज्योतिष व मुहूर्त विवाह संबन्धी ज्योतिष 1943 नागौर बंगीधर व्यास 1848 24x11x13x35 27x11x17x41 | अपूर्ण 746 श्लोक 19वीं गणित ज्योतिष 24x13x12x38 संपूर्ण 1905 124xIx प्रतिपूर्ण 19वीं 17x13x15x23 For Private and Personal Use Only Page #510 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 494 ] भाग (9) ज्योतिष व निमित्त भाग विभाग (अ) : 3A 45 कोलड़ी 1066 लग्नसाधन Lagna Sadhana Laghu Jataka वराहमिहिर के.नाथ 27/5_ लघजातक औसियां 7 अ 42 , -सटीक ,, 7441 ,, -Satika मू+व (प.ग.) ./भट्टोत्पल 364 महावीर 7931 365ौसियां 7 940 वराहमिहिर 2 प्रतियां 2 copies 366-7 के नाथ 25/13, 16/41 368 , 7/12 .. -सटीक -सटीक Satika ,,/मतिसागर ,, /भट्टोत्पल मू वृ. ,, (प.ग.) 369 | कोलड़ी 635 370 634 371 औसियां 351 की टीका ___-ki Tiki भट्टोत्पल 372 कोलड़ी 1059 Vadbu Praveśa Muhurta Varna Bala Yantra Varșa Ganita Paddhati दिवाकर Bhusaņa , Tantra (Tajika) | नीलकण्ठ | के नाथ 27/35 | वधप्रवेश मुहूर्त सेवामदिर 79100 | वर्ण बल यन्त्र कोलड़ी 652 | वर्षगरिणतपद्धति भूषण मुनिसुव्रत 7 अ 108| वर्षतन्त्र-ताजिक कोलड़ी 1313 | वर्षफलोपयोगी योम कुंथु 10/189 | वर्षप्रवृत्ति के.नाथ 27/66 | वर्षप्रतिअक्षय कोष्टका ___42/3 | बर्षभविष्य Phalopayogi Yoma Pravștti , ग.तालिका ग. अंतालिका Varga Prati Akşaya Kostaka Varşa Bhavişya 381 | कोलड़ी 654 वर्षेशदशा व मुंथाफल Varsesa Dasa & Muntha phala Varseśa Phala with Munthāphala Vāztu Prakarana ,, 653 | वर्षेशदशाफल मुंथाफलसह के.नाथ 27/68 | वास्तुप्रकरण मुनिसुव्रत 7 8 91| विदशाफल 385 कुथु. 46/2 | विवाह अधिकार काव्य । Vidaśā Phala Vivāba Adhikāra Kävya For Private and Personal Use Only Page #511 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ज्योतिष :-- [ 495 6 7 8 8A 9 10 11 गणित ज्योतिष 26x11x16x451 अपूर्ण 19वीं फलित ज्योतिष । सं. 26x11x17x51 | संपूर्ण ग्रंथान 172 1649 26x12x5x38 , 13 अध्याय 17वीं x अणंद सुन्दर 1721x घण 26x11x16x49 सुन्दर 21x10x9x27 18वीं 25x11x16x36 अपूर्ण 10 अध्याय तक | 1874x दौलतसुन्दर 28x13 व 27x11 संपूर्ण 13 अध्याय 71पद 19वीं 12, 5 25 x 10 x 14x48 | लिपि गुजराती है 26x13x13x42 1902 28x13x6x28 1910 25 x 11x15 x 35 1875x दौलतसुन्दर 19वीं 25x12x6x36 अपूर्ण 8वें अध्याय तक मुहूर्त ज्योतिष 19x 10 x 14 x 32 संपूर्ण ज्योतिष गणित 26 x 11x तालिका | प्रतिपूर्ण 18वीं गणित ज्योतिष 25x9x6x30 | , 8वां पन्नाकम 1856 फलित ज्योतिष जीर्ण 27x11x12x37 | अपूर्ण (11 से 27 अंत 1875 के पन्ने) 25 x 12 x 17 x 45 संपूर्ण 197 श्लोक 19वीं अंत में शहरों के प्रक्षांश देशांतर वग्रहभावफल विषय सूची 21x7x प्रतिपूर्ण वर्षफल निर्णय व विधान गणित सारिरिणयां 23x11x20x58 संपूर्ण 25x10x19x82 | लगभगपूर्ण वर्षफल निर्णय ग्रहानुसार फलित ज्योतिष 28 x 12 x 14 x 62 | संपूर्ण 69 श्लोक वर्षफल 24x11x16x48 20x10x115x35/ मुहूर्त ज्योतिष फलित ज्योतिष 26x11x19x59 वैवाहिक ज्योतिष | रा. 18 x 11 x 4x16 , 59 छंद 1782 For Private and Personal Use Only Page #512 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 496 भाग (9) ज्योतिष व निमित्त भाग विभाग(अ) : 3A 386 कोलड़ी 578 विवाहदोषारिण Vivāha Doșāņi ,, Guņa Dosa 387 सेवामंदिर 7 9 100 विवाह-गुणदोष (8) 388 महावीर 7923 विवाह-पडल Vivāba Padala 389 | कोलड़ी 575 के नाथ 2717 सबालावबोध ,, with Balavabodhal अमरसाधु मू+बा (प.ग. 391 | कोलड़ी 667 392 मुनिसुव्रत 7 अ64 मू-ट (प.ग. 393 | कोलड़ी 577 मू.प. 394 395 मुनिसुव्रत 7 88 महावीर 7 9 24 कोलड़ी 576 सबालावबोध ,, with Balāvabodha मू- बा (प.ग. 396 मू+ट (..) 397 के नाथ 24/68 , -सावचूरि ,, with Avacāri मू+अ (..) 398 400 , 26/17, 25/23,10 सबालावबोध 3 प्रतियां ,, with Bālāvabodha 3 copies मू+बा (..) 401 कोलड़ी 1280 ,, -भाषा ,, Bhāsā रूपचन्द प्रौसियां 7 अ 35 Vivāba Muhūrta ,, (Desa-nivarana)|| ग. अं.तालिकाए 303 | कोलड़ी 960E | विवाह-मुहूर्त 304 " 658 , (दोष-निवारण) 305 कुंथु. 13 कोलड़ी 673 वृतशत Vsta Sata महेश्वराचार्य 307 कुथु. 23/1 - वृहत् जातक व अन्य लेख | Vrhat Jataka & ther articles वराहमिहिरादि पग. कोलड़ी 631 वराहमिहिर मू.प. 308 309 310 309 1290 -सटीक Satika मू+वृ (प.ग.) महावीर 7 9 28 म प. 311 | कोलडी 1171 For Private and Personal Use Only Page #513 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ज्योतिष : [ 497 8A 9 ___10 11 विवाह दूषण निवा- सं रा. 8 25x12x11x30 सपूर्ण 1836 विवाह नक्षत्र समीक्षा सं. 1 27x12x 13x38 | अपूर्ण 18वीं वैवाहिक ज्योतिष | सं मा. | 25x12x18x38 25x11 x 13x39 | संपूर्ण 1818 xxx x 24x12x13x33 , ग्रं 650 1842 26x IIx16x70 1846 26x12x8x37 , 114 श्लोक , 232 श्लोक अपूर्ण 265 श्लोक | 1877सालावास वृद्धिचंद 1878 25 x 10 x 10 x 25 25 x 11 19वीं सं मा. - 10 2712x13x53 प्रतिपूर्ण संपूर्ण 104 श्लोक | 26 x 11 x 12 x 41 | , 90 श्लोक मा. 3,14,1724 से 27-12 से 13 1867 से 20वी 16x13x14x30 | , 32 गा. 19वीं 26x13x12x41 (नौवां पन्ना कम) 1915 बीकानेर 19वीं 25 x 12 x 20 x 48 | ,, 62 दोहे 25x12x- प्रतिपूर्ण वैवाहिक दस दोष निवारण यंत्र वैवाहिक ज्योतिष 21x13x19x34 , मुहुर्तादि प्रकरण 25x12x13x42 | संपूर्ण 108 श्लोक 25x11x19x44 1799 फलित सामान्य संकलन फलित सर्व विषय 26x11x12x40 26 अध्याय 1864 30x15x9x50 ,, 25 ,, 1902 27x12x12x48 1909पवन कासमपुर शिवचंद्र 26x13x14x38 लगभग पूर्ण 25 अध्याय 19वी . For Private and Personal Use Only Page #514 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 498 1 भाग (9) ज्योतिष व निमित्त भाग विभाग(अ) : 2 3 3A 1 412 कोलड़ी 1206 बृहत् जातक VļbatJataka म् +ट (प.ग.) 413 " 630 , की टीका , -ki Tika 414 के नाय 29/93 | शतसंवत्सरी (महामा: वाक्य) Sata Samvatsari (Maha maivākya) 415 | कोलड़ी 656 416 मुनिसुव्रत 7 71 417-8 | कोलड़ी 657, 2 प्रतियां 2 copies गु. 12/8 419 | कुथु. 32/23 अहर्धपुराणे कोलड़ी गु 10/10 ,, + भड्डली पुराण +Bhaddli Puranal के नाथ 29/94 , 1925 | कोलड़ी 1292 424 | कथु 15/15 (षष्ठी) शतसंवत्सरी की टीक? (Sasthi) Sata Sarivatsari ki Tika 425 49 , " 4 प्रतियां | Sani Katha 4copies | जोरावरमल कायस्थ 426-9| कोलड़ी गु 105| पानिकथा 866-7 1306 430 | कुथु , 46/3|| 28/2 शनि-छद 431 Sani Chanda 432वामदिर 5922 गणेशचन्द्र 433 | के नाथ 28/95/ 434 | कुथु 37/20 | शनि-स्तवन Sani Stavana 435 महावीर 646 शनि-स्तुति Sapi Stuti 436 ग्राम प्रौसियां 53 शनि-स्तोत्र Sani Stotra (अग्निपुराणे) Sani (Guru) Stotrāni 437 | कुथु. 10/171 शनि (गुरु) स्तोत्राणि 438 | कोलड़ी 600 शिवा- मुहूर्त Sivā Muhūrta शिव प.ग. अं. तालिका For Private and Personal Use Only Page #515 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ज्योतिष : [ 499 6 8A ___101 फलित सर्व विषय 19वीं 26x12x6x42 | केवल भाव अध्याय (18वां) 11 श्लो. 28x13x14x39 | संपूर्ण 1865 मा. 25x11x15x54 वर्षफल भविष्य वाणियां ,, 199 गा. 1718 1225 से 2172 23x11x19x 62 1630 1651 से 1700 25x10x13x42 1762,मुछाला 1701 से 1800 सुजाणरुचि 19वी | 25 x 12 व 19 x 12 |, 74 गाथा 21x11 x 17x44 | प्रतिपूर्ण 1774 1770 से 1800 19 x 14x18x33 | अपूर्ण 19वीं 1801 से 1845 25x11x22x44 संपूर्ण 1840 1801 से 1900 26x 11x17x44 19वीं 16x12x12 x 20 प्रतिपूर्ण 19वीं 1942 से 2000 25x10x20x55 | संपूर्ण 60 वर्षों की | 1703 नाम सहित 60 प्रकार के वर्षों की 31x23x27x26 । 1800 से 1860 1806 गु. 8,8. 16 से 25x12 से 13 | 19 , 167/75 छंद 1844से 20वी प्रतिम प्रति में 15वां पन्ना कम 60* 17x12x17x12 | अपूर्ण 45 से 352 (अंत) 1919 17x13x13x19 | संपूर्ण 19वीं 21x10x9x 25 1850 वीरमपुर अंत में स्वप्न विचार गणेशचन्द्र भी 23x12x11x24 17 गाथा 1870 25x11x8x62 ___10 श्लोक 19वीं 16 x 11x11-20 ___45 श्लोक 18वीं 16x8x7x18 | , 54 श्लोक 18वीं 27x11x13x44 , दो 7-45 श्लोक | 19वीं मुहूर्त ज्योतिष 27x13x15x44 , 46 श्लोक 1881 For Private and Personal Use Only Page #516 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 500 1 1 439 440 441 442 448 443 कुथु. 37/17 444-5 के नाथ 25/14, 28/12 449 446-7 के नाथ 7 / 17, 27/41 ओसियां 782 कोलड़ी 570 452 453 454 455 456 457 458 459 51 450 462 463 464 465 2. 61 कालड़ी महावीर 7 13 मुनिसुव्रत 7 109 के. नाथ 23/61 शीघ्रबोध 567 शिवा मुहूर्त " 569 1190B कोलड़ी के. नाथ 27/10 कोलड़ी 777 महावीर 7 अ 26 ओसियां 739 38 775 23 "" 776 " 17 17 सेवामंदिर 7100 | शुभकार्य - मुहूर्त (22) मुनिसुव्रत 7 58 षट्पंचाशिका सहबाला. के नाथ 10/17 27/8 33 29 11 "1 91 29 11 3 कोलड़ी सेवामंदिर 7 x 101 ओसियां 7 अ 78 | पोडश-योगाध्याय कोलड़ी 573 71 91 2 प्रतियां 2 प्रतियां 3 प्रतियां - सटीक सहबाला. 11 www.kobatirth.org सहबाला. - सटीक 2 प्रतियां का बालावबोध 3 A Śiva Muhurta 39 Śighrabodha "" 59 13 Subhakarya Muhurta Şaṭpañcasika with " " 39 23 भाग ( 9 ) ज्योतिष व निमित्त भाग / विभाग ( प्र ) : 2 copies 2 copies Bālavabodha Satika Şaṭpañcaśikā kā 3 copies with Balavabodhal with Balavabodha Satika 2 copies 33 Balavabodha Şoḍaśa Yogadhyaya For Private and Personal Use Only शिव "1 " काशीनाथ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 13 " 23 13 19 I "1 पृथुयश / भट्टोत्पल / 1 काशीनाथ भट्टाचार्य मू.प. 12 1 4 ' भट्टोत्पल " 32 31 प.ग. अं तालिक प. मू+ट (प.ग.) 5 ग. 11 ग. तालिका मू बा. (पग.) मूवॄ. (,, ) मू.बा. (प.ग.) मू प. 11 मू.ट. (प.ग.) मू.बा. (प.ग ) मू.वृ. (प.ग.) मू. प. " "1 Page #517 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra ज्योतिष :-- मुहूर्त ज्यो.पंथाराहु सं. सह सारिणियें सह " #1 "1 सामान्य पाठ्यपुस्तक नुमा " = 11 " 91 11 मुहूर्त ज्योतिष प्रश्न ज्योतिष 19 31 11 "1 11 31 6 31 = 31 11 फलित ज्योतिष "1 13 = 11 = सं.मा सं. " सं.मा. सं. सं.मा सं. 44 सं मा सं. 7 मा. = सं. - 11 8 6 5 25 x 11 x - 26 × 12 × 16 × 4 8 संपूर्ण 26 x 11 x 12 x 36 29, 11 27 x 15 व 25 x 11 14 29 22 8 1 47,10825 x 11 व 23 x 12 10 8 8,29,10 25 x 11 12 8 4 6 11 17 10,4 18 www.kobatirth.org 11 3 8 A 26 × 12 × 11 × 40 संपूर्ण 65 श्लो. 25 x 12 x - प्रतिपूर्ण 13 26 x 12 x 17 x 42 31 x 11 × 12 x 40 23 x 11 × 8 x 25 " 26 × 13 x -- प्रतिपूर्ण 25 × 11 × 15 × 44 संपूर्ण 57 श्लोक 26 x 11 x 24 x 52 56 श्लोक 27 x 10 x 4x44 25 x 11 x 12 x 36 26 x 12 x भिन्न 2 429 श्लोक 1825 प्रथम संपूर्ण 508 श्लोक 1847 व 20वीं प्रथम प्रति में विवाह द्वितीय अपूर्ण पडल भी संपूर्ण है । प्रथम पूर्ण द्वितीय पूर्ण 1828 व 20वीं 25 × 10 × 13 × 41 संपूर्ण 4 प्रकरण 23 17 " 11 प्रथम संपूर्ण शेष 2 अपूर्ण 19/20वीं 11 9 "3 28 × 13 x 15 x 45 27 × 1 1 × 12 × 42 संपूर्ण 21 21 58 श्लोक 27 × 11 × 10 × 30 संपूर्ण 56 श्लोक का 20 x 9 x 7 x 16 अपूर्ण 52 श्लोक Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 10 अपूर्ण For Private and Personal Use Only 19वीं 1953 रतलाम | 1815 1716 56 श्लोक 1807 57 श्लो. ग्रं. 505 1846 53 श्लोक प्रथम संपूर्ण, द्वितीय 1854 विक्रमपुर बखत सुंदर 18वीं 17वीं 1782 1785 1802 19वीं जालोर त्रिभुवनराय 1846/19वीं 1863 1868 9 से 75 श्लो. अंत 19वीं 1860 [ 501 11 21 योगलक्षण सहो दारण Page #518 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 502 ] भाग (9) ज्योतिष व निमित्त भाग विभाग (प्र.) 12 • 3 3A 466-9 कोलडी 572-4-1| पोडश योगाध्याय की व्याख्या Sodasa Yogadhyaya ki 1320 4 प्रतियां Vyakhya 4 copies 470 । प्रोसियां 7 480 , की टीका ki Tika गोविन्द 471 कुथु 46/1 | षोडशयोग सोदाहरण Şodaśa Yoga with Udāharana | कोलड़ी 960F | सपुच्छसशिखा केतुतारोदय | Sapuccha Sasikha-ketuta rodaya 473 सेवामदिर 79100 सर्वतोभद्रयंत्र Sarvatobhadra Yantra (19) 474-5 कोलड़ी 626, | सर्वार्थचिंतामणि 2 प्रतियां | Sarvārtha Cintamani 1281 2 copies ग. अंकतालिक वेंकटेशदेवज्ञ मू.प. 476 Sahama Vicāra Vidhi नीलकंठानुसार 417 » Vidhi ग. अंक ता. 478 , 997 | सहमविचार व विधि कुंथु 10/129 | सहमविधि कोलड़ी 1203 | संकेतकौमुदी के नाथ 2/22 | संक्रान्तिफलम् ___ 17/2 , विचार Sanketa Kaumudi हरिश्रीनाथाचार्य 479 Sankranti Phalam 480 , Vicāra अंककोष्ठक 481 | नीलकंठ मूलपद्य 32/22 | संज्ञाविवेक तंत्र (ताजिक) | Sanjnaviveka Tantra (Tajika) के नाथ 27/40 सार-संग्रह Sāra Sangraha 482 भट्टमहादेव 483 कोलड़ी 602 । सारिणी-पाशाधर Sāriņi Āsādhara अंकतालिका 484-6 592-3, 595,1300 , -कामधेनु 3 प्रतियां , -Kamadhenu 3 copies , , Rohinicakradi 487 के नाथ 27/64 488 | कुथु. 14/65 , ,, रोहिणी चक्रादि 489- कोलड़ी 550 , -ग्रहलाधव 90/ 1282 2 प्रतियां 491- ,583,582, | सारिणी चन्दार्की 3 प्रतियां | 93580 ,, -Grahalāghava 2 copies " -Candrarki 3 copies 494 के.नाथ 27/39 » Jayacandra 495 | कोलड़ी 60+ सारिणी जयचन्द्र 496 | के नाथ 27/62 | सारिणी-मकरंद 497 | कोलड़ी 601 जयचंद सुमतिसूरि का शिष्य हरिकर्णशर्मा ,, Makaranda For Private and Personal Use Only Page #519 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ज्योतिष : [003 11 78 8A 9 | 24 से 27 x 10 से 12 प्रथम 3 पूर्ण अंतिम 10 1850-3-5, 20वीं फलित ज्योतिष अपूर्ण 27x11x15x47 | संपूर्ण 20वीं मूल ग्रंथ नील कंठ का 16x13x11x15 18वीं 25x11x13x44 19वीं मुहूर्त ज्योतिष 25x11x-- सूर्यचन्द्र कालानल सह फलित ज्योतिष 27 x 11 व 29 x 13 | प्रथम संपूर्ण द्वितीय अपूर्ण 1878 2/159 तक ज्योतिष कर्मकाण्ड 27x14x16x36 संपूर्ण 19वीं सारिरिग सह गणित ज्योतिष 26 x 13x ,, 7 वारों की 20वीं 28x13x13x36 1906 फलित ग्रहप्रव स्थायें फलित ज्योतिपि 24x12x11x44 | , 12 राशिका 1881 संक्रातिफल 26x19x 1914 फलित ज्यो. (योग) 24x12x12x38 173 श्लोक 1659 19वीं ज्योतिष मामान्य 23x13x9x23 , 249 श्लोक गरिणत-ग्रहगति फल 26x11x ,, ग्रह तिथि अादि 1876 से 20वीं 325 से 27x11 से 20 प्रथम 2 पूर्ण अंतिम अपूर्ण 26x12x21x64 संपूर्ण 17वीं 25x11x 19वीं ,, ग्रह भ्रमणादि 5, 5 26 x 12 व 27x12 | प्रथम पूर्ण द्वितीय अपूर्ण | 1850 जोधपुर अरणदाजी 20वी 25 से 26 x 11 से 12 | संपूर्ण |1841 से 1871 ,, मंदफलमासादि 23 X13x18x55 19वीं पंचाङ्ग इष्ट तिथियादि 27x12x पन्ना नं. 2 कम है | 1861 26x11x 1878 पंचाङ्ग चन्द्र शृगोन्नतसाधन 26 x 13x-- 19वीं For Private and Personal Use Only Page #520 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 504 भाग (9) ज्यातिष व निमित्त विभाग (प्र) 3A - अंकतालिका 498- | कोलडी 606 - सारिणी-महादेवी5 प्रतियां Sarini-Mahadevi 5 copies 5021605 609. 610.1056 » Mahādevokta महादेवोक्त 503 | कोलड़ी 8/1.. 504 | के नाथ 27/6 , ग+अंक तालिका , की वृत्ति , , ki vrtti 505 मुनिसुव्रत 7 अ 72 ,, Mrganka भोजराज , -मृगांक , , 9 प्रतियां , , 9 copies राजामृङ्गाक 506- | कोलड़ी 545-9, 14801,1136 1211, 1301 515 के नाय 27/12/ 516 कोनड़ी 663 1. ग्रहदशा-उपदशाकाल ग्रहसिद्धि ,, Grahadasa Upadasa kala ,, Grahasiddhi 517 559 518 1277 519 1213 520 1062 , चन्द्रपर्व ग्रहलाघवादि , Candra Parva. Gra halāghavādi तिथिवार घटी. , Tithivara Ghati निक्षेपादि Niksepādi ., पचवर्गी बालसाधनार्थ | , Pancavargi Bala Sadhanārtha , बुध पंक्ति भ्रमण , Budha Pankti Bhra maņa त्रिकर्म मध्याखेटनादि । , Trikarma Madhya | ब्रहातल्ये Khetanādi .. मंगलायावत् | , Mangalāyāvat 521 1295 522 1214 523 558 , भिन्न 2 524-2 28 , 647.556 10571061 1294 . रवि पक्ति प्रादि 5 प्रतियां Ravi Panktyadi 5 copies 529 | के नाथ 27/20 .. ध्र दक्षेपादि , Dhruva Ksepādi 530 , राशिवर्गादि 9 प्रतियां ., Rasi Vargadi 9 copies भिन्न 2 38 , 27/13, 38,61-3-5. 27/11.21 26,56 539 मुनिसुव्रत 74110 , ग्रहप्रदीप त्रिधयोति |, Grahapradipa Tri dhayoti |, 7 11:,, जगदूषण , Jagadūşaņa 541 , 7 112 , केंद्र राशि कोष्ठक | , Kendra Rasikostakhal - For Private and Personal Use Only Page #521 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ज्योतिष : [ 505 11 8A 9 10 92,77, 24 से 28 x 10 से 13 | चार संपूर्ण, अतिम अपूर्ण | 1845 से 20वी 53,75 गणित ग्रहगति | सं. कोष्ठक 27x18 x 31 x 28 | संपूर्ण 19वीं ,,पंचाग 1814-, ____73 साथ में ,, ग्रहगति स्थिति आदि 26x11 x 19x 61 19वीं | 22 24x11x 17वीं गंगाराम 45,2,7| 26 से 30 x 10 से 20 प्रथम 5 अपूर्ण शेष 4 पूर्ण| 19/20वीं 93,7,7 4,22,62| 26 x 12x18x50 अपूर्ण 1845 27x10x 19वीं 26x12x 19वीं ,, ग्रह संदोच्य फलादि ,, ग्रहगति आदि 33x16x 19वीं सूत ज्ञान साथ में | 28x19x 1917 rxxx 26x12x 1854 27x11x 19वीं 29x27x 19वीं 19वीं संकटाष्ट दशा विचार 25 x 11x- | संपूर्ण 90,6, | 24 से 29x11 से 13 | पूर्ण/अपूर्ण 152,2 19/20वीं 9 24x10x24x71 अपूर्ण 19वीं | 60,56. 26 से 28 x 11 से 12 प्रथम 5 पूर्ण शेष 4 अपूर्ण 19/20वीं 21,86, 76,11, 14,101 60 26x11x 1784 26x12x 20वीं 26 x 12x 20वीं For Private and Personal Use Only Page #522 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 506 ] भाग (9) ज्योतिष व निमित्त भाग/विभाग (अ) 3A 542 मुनिसुव्रत 7 4 113 सारिणी अष्टोत्तरी Sāriņi Astottari ग. अंकतालिका 543 , 74115 | , फल अंशादि , Phala Amsadi 544 १. विभिन्न ,, Vibhinna भिन्न-2 545 , 7 अ 120 कुथु 32/21 | 10/191 , वार घटि ,, Vāra Ghati 546 अन्तर्दशा अष्टोत्तरी ,, Antardas Asto ttari ,, Yoga Kendra 547 सेवामंदिर 74117 , योग केन्द्र 548 | , 7 अ 119 ,, मासप्रवेश ,, Māsa Pravesa 549 | , 7 118 |, राशि ज्ञान ,, Rasi Jñana मुनिसुव्रत 7 9 87 | सादाविचार Sāvā Vicāra मोतीराम 551 , 7 15 सादाविधि Sāvā Vidhi गद्य 5:2 | कुंथु 26/4 | सावाविधि-मुहूर्तादि Sāvā Vidhi Muhurtādi ग. तालिका 553 मिशिश सभाष्य | Siddhanta Siromani with भास्कराचार्य (महेश्वर प.ग. Bbāsya उपाध्य य सुत) 554 औसियां 7949 मू.प. 555 , 7445 , -सटीक ,, Satika 556 | कोलडी 1194 मू : वृ (पग) ग.अंकतालिका 559 कोलड़ी 664 सिरोही महाराज रायसिंह । Sirohi Maharaja Raya- जन्मपत्रिका simha Janma Patrika के नाथ 27/23/ सूर्य चन्द्रोद्भव ग्रहस्पष्टादि Surya Candrodbhava Gra haspastādi कुंथु 32/25 सूर्य चन्द्र पाठ ग्रह महादशा Surya Canda Atha Graha Mahādaśā | कोलड़ी 1163 सूर्य पर्व स्थापन Sūrya Parva Sthapana कोलड़ी 585, सूर्य सिद्धान्त Surya Siddhanta भास्कराचार्य कोलड़ी 584 , की वृत्ति ., Ki Vrtti 563 कोलड़ी 682 | स्त्रीजातक (जन्मपत्री) | Stri Jataka (Janma Patri) रामचन्द्र गौरीजातके | कोलड़ी 18/381, सूर्य-चन्द्र अन्तर्दशा 565_कोलड़ी 614 हायनरत्न , (Surya Candra... Antardasa Hāyana Ratna बलभद्र For Private and Personal Use Only Page #523 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra योतिष : 1 गति ग्रहगति आदि सं. , " , 17 " 11 6 17 " व्हे ज्योतिष 33 " 13 जयंतष शास्त्र " " 11 12 स्फलित ज्योतिष "1 फत ज्यो. वर्षफल ताजिक " " 31 " " पत्रिका विस्तृत गात ज्योतिष विसहित शुग्रह गरिणत सूत्रारित गरिणत सं. मा. 7 रा. ३ सं. 13 " रा. = 11 "1 11 9 160 81 150 7 8 18 136 15 7 5 4 299 40 56 44 14 10 1 9 13 58 22. 2 181 8 A 22 x 12 x - 14 x 13 x - 27 x 12 x - 26×11x 25×11× 27 × 18 x - 19 × 11 x - 33 × 21 x - www.kobatirth.org 25 x 12 x 10 x 25 25 x 11 x 11 x 33 18 x 12 x 16 x 32 31 x 12 x 9 x 36 33 x 16 x 19 x 52 27 × 11 × — 23 x 11 x 10 x 34 26 x 11 x 12 x 42 24 x 21 x 25x39 26 x 12 x 16 x 54 24 x 12 x 20 x 50 26 × 11 × 11 x 34 23 x 10 x 9 x 46 संपूर्ण अपूर्ण 24 x 10 x 9 x 36 26 × 12 × 15 × 45 संपूर्ण 16 अध्याय 27 x 13 x 11 x 35 11 संपूर्ण प्रपूर्ण त्रुटक अपूर्ण संपूर्ण 17 "1 लगभग पूर्ण (प्रथम 2 अपूर्ण 31 संपूर्ण 11 " " 11 "1 9 27 66 छंद 12 पन कम ) 13 अध्याय 14 अधिकार 16 श्लोक 8 अध्याय For Private and Personal Use Only 19वीं 17वीं 11 18/20वीं 19वीं Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir [ 507 "1 10 20वीं 19वीं 19 1876 कापरड़ा गुलाब विजय 19वीं 18वीं 1823 विक्रमपुर बखत सुंदर 20 वीं 19वीं 1632 19वीं 20 वीं 1777 1882 1883 1853 31 19at 11 जिल्दबंधी पंजिका 1776 व 77 के Page #524 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 508 ] भाग (9) ज्योतिष व निमित्त विभाग (अ) 1 2 . 3A 566 ग.प. पोसियां बस्ता 20/ स्फूट, लघु व अपूर्ण ग्रंथ व | Stray. Small & Incomplete भिन्न 2 दुबारा है works & Loose Folios त्रुटक पन्ने 567 मुनिसुव्रत 7 9 122) Stray, Small works 1341 -4 ग्रन्थ व अपर्ण ग्रन्थ व त्रुटक पन्ने Stray, Small & Incomplete | works& Loose Folios ,, वस्ता 78 के नाथ 28/26 570 , 28/23 कुंथु 2/12, 13/ 98 14/67-70, 15/27-31, 33/55-43 34/11-14, 35/34-37] 571 , 28 प्रतियां , 28 copies " 8 प्रतियां 8 copies 599- | कोलड़ी 546. 606 563,881-3, 1058, 879,876, बस्ता 71 भाग (9) ज्योतिष व निमित्त/विभाग (प्रा) Avayadi Sakunávali सतीदास पंडित गद्य 1 | कोलड़ी 772 | अवयदी शकुनावली 2 सेवामंदिर 7 आ 21| इन्द्रजाल कौतुकादि Indrajāla Kautakādi प.ग.मंत्र | ग, तालिका 3-4| के.नाथ 23/76, I उपदेशमाला शकुनावली |Updesamāla Sakunāvali 21/64 2 प्रतियां 2 copies 5 | महावीर मा 8 | कागबोली परीक्षा Kāga Boli Pariksā |, 7 आ5 काग-शकुन Käga Sakuna काग शकुनादि विचार 2 प्रतियां |, 7पा 19 | घरोलीविचार Kāga Sakun ādi Vicāra 2 copies Gharoli Vicāra 7 या 18 चोरज्ञानादि-पत्र Cora Jñānādi Patra के नाथ 11/107| चौदह स्वप्न विचार Caudala Svapna Vicāra For Private and Personal Use Only Page #525 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra ज्योतिष : विविध ज्योतिष "1 11 1-1 पन के ग्रंथ ज्योतिष "" " 31 6 31 " 21 पक्षी शकुन 21 7 निमित्त शकुन संकलन सं.रा. 27 " 19 "1 शकुन शास्त्र मंत्र तंत्र निमित्त सं. शकुन नक्शा "" 31 aho प्रा. शकुन सामुद्रिक व अन्य निमित्त शास्त्र - ༣ सं.रा. = "1 रा. = 13 त्रिशला स्वप्न फल मा. 40 75 8 27 x 11 x भिन्न 2 प्रतिपूर्ण 22 से 30 x 10 से 15 पूर्ण अपूर्ण 23 से 28x13 से 16 23 से 28 x 13 से 16 15 कुल 23 से 28 × 13 से 16 60 190 50 534 कुल 23 से 28 x 13 से 16 14 31 3,4 2 5 2,9 3 3 www.kobatirth.org 8 A 20 से 28 × 10 से 15 पूर्ण अपूर्ण 5 22 x 8 x 9 x 42 27 x 12 x 14 x 46 25 x 10 व 27 × 12 27 × 13 × 1 2 × 36 | संपूर्ण 64 अनुच्छेद 21 x 10 x 8 x 22 त्रुटक 26 × 12 व 28 × 13 संपूर्ण 544 कोष्ठक 23 x 11 x 11 x 35 25 x 10 x 14 x 42 17 26 x 11 x 12 x 40 31 11 E 31 91 " " 11 9 12 14 छंद For Private and Personal Use Only Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 10 17/20वीं 16/19वीं 16/20वीं 11 "1 " 31 1873 18वीं 19वीं 19वीं 19at 19वीं/1968 19वीं 19वीं 18वीं 11 सामान्य " [ 509 "1 "P Page #526 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 5101 भाग (9) ज्योतिष व निमित्त विभाग (मा): । 2 3 3A 3A 4 12-4 कथू. 20/19, चौदह स्वप्न विचार Caudaba Svapna Vicára 131,16/ 2 3 प्रतियां | 3 copies 15 मुनिसुव्रत 7 या 16 | केवली प्रकुनावली Kevali Sakupāvali 16 कोलड़ी 901तुर्की प्रश्नावली Turki Praśnávali , 784 | दारिद्र विद्रावणं (?) Daridra Vidrāvanam (?) | वसंतराज (?) 18 कुंथु. 37/21 | दोष केवली Dosa Kevali ग कोष्ठक प.तालिका 19 सेवामंदिर 7 4 105 निमित्त प्रकाशनी ग्रन्थ Nimitta Prakāśani Granth 20 कोलड़ी 771 पक्षी बोली विचार Paksi Boli Vicāra Palli Vicára |, |, 785 पल्लीविचार 786 779 पल्ली विसमरा विचार Palli Vismara Vicāra कुंथु. 16/5 पवनविजय स्वरोदय Pavana Vijaya Svarodya कोलड़ी 923 पचाश सपन Pancāsa Srapana महारुद्र प. कोष्ठक Pasākevali Sakunávali | गर्गऋषि के नाथ 27/31 पासाकेवली शकुनावली 27 कुंथु 36/14 , 28 महावीर 7 या 10 , 29. 31 3 copies कोलड़ी 788-9, 1162 3 प्रतियां 32-3 ओसियां 7 पा 12, " -भाषा 2 प्रतियां , Bhasa 2 copies | (मूल गर्ग ऋषि) 14 34 | के.नाथ 6/113 (,) 35 मुनिसुव्रत 7 प्रा 25 (..) Praśna Sakunāvali | कोलड़ी 787 प्रश्न शकुनावली |, 778 | भूमि-रीक्षा महावीर 7 प्रा 9 मातृका शकुनावली Bhūmi Pariksa Matrkā Sakunāvali 39 के नाथ 25/39 मेषादि पुत्र शकुन कथायें। Meşādiputra Śakuna Kathāyen ब्रह्माजीबाय (?) For Private and Personal Use Only Page #527 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir शुक्रन सामुद्रिक व अन्य निमित्त शास्त्र [ 511 11 6 7 | 8 8A त्रिशला स्वप्न फल | सं.मा. | 5,1,7 | 25 से 27 x 11 से 13 | संपूर्ण ___ 10 1750 से 19वी निमित्त शकुन 25 x 11 x 9 x 32 19वीं | 22x12x14x35 27x11 x 1 3 x 62 | ,, 20 वर्ग 1676 21x11x -- अपूर्ण 19वीं | 28x10x14x46 , 1872 निमित्त विद्या स्वप्न विचार शकुन निमित्त 29x11x11x16 | संपूर्ण 16 पक्षियों के 19वीं 25x11x13x39 , 27 श्लोक 124x11x9x40 | , 44 श्लोक+20 वाक्य ,, 46 श्लोक 24x12 x 18x40 स्वरोदय निमित्त 27x13x16750 | ,, 180 श्लोक शकुनावली निमित्त 26x11x11x39 , 50 श्लोक 1899 निमित्त शकुनावली 25 x 10 x 12 x 36 | प्रतिपूर्ण तुने हुये श्लोक | 15वीं एक पन्न जीव स्वरूप 444 23x20x21x38 | संपूर्ण 1544 | 25 x 11 x 13 x 42 , 186 श्लोक 1676x कीतिसागर 1759 से 20वी/ 6,6, 5 24 से 26 व 10 से 13 | दो संपूर्ण अंतिम त्रुटक | 25 से 26 x 11 से 12 | संपूर्ण 18वीं x वासुदेव 25 x 11x14x34 | 19वीं 17x13x12x19 , (पहिला पन्ना कम) 1907 शकुन के 26x11x - 19वीं निमित्त वास्तु शास्त्र 26x11x14x48 | ., 40 श्लोक निमित्त शास्त्र 26x12x14x41 प्रतिपूर्ण 1877 रेणुवर क्षमारत्न 1947 निमित्त लग्न प्रश्न | मा. 26 x 13x16x26 | संपूर्ण For Private and Personal Use Only Page #528 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 512 ] भाग (9) ज्योतिष व निमित्त भाग/विभाग (आ) : 3 A 45 1 2 3 40 मुनिसुव्रत 7 आ 15रमलशकुनावली Ramala Sakunāvali 41 कोलड़ी 791 ग, कोष्ठक 2 प्रतियां 2 copies 42-3/ के.नाथ 24/32, 29/75 44-5/ कुथु. 2 प्रतियां 2 copies ग.तालिका 39/3, 26/5 Rijavali Bhaddli Dihā विभिन्न संकलन | पद्य | कोलड़ी गु. 9/8 | राजावली भड्डली दूहा सेवामंदिर 7717शकुन नक्शे । Śakuna Nakse कोष्ठक 48 गद्य , 3 इ354 | शकून पशु पक्षी बोली व यंत्र Sakuna Pasu Paksi boli | अज्ञात & Yantra , 7 पा 22 | शकुन प्रश्नावली Śakuna Praśnávali । ग. तालिका 50 महावीर 7 या 11| शकुन विचार Sakupa Vicāra । Śakunāvali । तालिका | कुंथु. 14/2 | शकुनावली 46/2 , चित्रित 53 | के.नाथ 19/37 ,, (illustrated) । । ग+64कोष्टक 54 | कोलड़ी 790 । ग. कोष्ठक , 1264 । ग. यंत्र 56-7 , 2 प्रतियां गु 1/2, 6/3 2 copies । पद्य | के.नाथ गु. 10 | शकुन मंत्र तंत्र यंत्र । ग. यंत्र Sakuna Mantra Tantra Yantra Sāmudrika । 59 | कुंथु. 36/1 सामुद्रिक (क्रम 50) 36/1 , (क्रम 51) औसिया 7 पा 13 । । मू.ट. (प.ग.) 62 महावीर 7 या 2 ,, सबालावबोध ,, with Balāvabodha - मू.बा. (प.ग.) | , 7 आ 3 , लक्षण ,, Laksana शास्त्र 3 प्रतियां , Sastra 3 copies 64-6 के.नाथ 19/36, 24/34, 17/69 67 | कुथु. 23/2 " " For Private and Personal Use Only Page #529 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir शकुन सामुद्रिक व अन्य निमित्त शास्त्र [ 513 10 11 6 7 | 8 | 8A 9 निमित्त तन्त्र रा. 3 | 23x11x14x43 | संपूर्ण 16 गा. निमित्त शकुनावली | उर्दू रा. 3 27 x 10 x 13 x45| , 25 x 13 व 21x11 || 1811जोधपुर ईश्वरसागर 19वीं 1890/1932 | 22 x 16 व 26 x 10 | प्रथम पूर्ण द्वितीय अपूर्ण | 1913/20वीं | 16 x 12 x 13 x 20 | प्रतिपूर्ण 19वीं निमित्त भविष्य निमित्त शकुनावली 33x11x 18वीं 26x11x संपूर्ण 8 जानवरों के 80 शकुन 25x11x संपूर्ण 17वीं 22x9x11x56 19वीं 25y 10x 18x11x 1782 सामान्य 2 चित्र 25x11x15x28 19वीं Ax पारसी निमित्त 25x10x12x36 1873-77 निमित्त शकुन 18x14x- अपूर्ण 21 कोष्ठक 19वीं 16x10 व 18x10 , पक्षी आदि पर 20x12x संपूर्ण निमित्त स्त्री-पुरुष शरीर लक्षण 23x20x21x38 , 53 श्लोक 23x20x21x38 , 6 अध्याय+ 7 श्लोक 25x11x5x80 1728 मेदिनी पुर शिवसुन्दर 25x11x15x36 | ,, पहिला पन्ना कम 18वीं,मुजनगर समुद्रगणि 25 x 11x15x56 | अपूर्ण 18वीं 21 से 26 x 11 से 12 | संपूर्ण 187 श्लोक | 1851-63/ प्रथम में टब्बार्थ भी 19वीं | राजस्थानी में | 30 x 11 x 12 x 60 | किंचित् अपूर्ण 185 श्लो. 19वीं For Private and Personal Use Only Page #530 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 514 ] भाग (9) ज्योतिष व निमित्त भाग/विभाग (प्रा) 3 3 A4 Samudrika Sastra | कोलड़ी गु. 1/17 सामुद्रिक शास्त्र 69 कुंथु. 11/196 महावीर 7 या 1 71 सेवामंदिर 7 4100 (10) | के.नाथ 25/45 स्वप्नाध्याय आदि Svapnādhyāya Ādi कुंथु. 33/1 , विचार फलसह ,, with Vicāra Phala के.नाथ 10/48 स्वप्नविचार Svapna Vicāra ब्रह्म रायमल कुथु स्वरोदय Svarodaya 36/1 क्रम 45 कोलड़ी 796 ,, (हंस चार) ,, (Harisacāra) जीवनाथ | कोलड़ी 11/7 " चरणदास 78 कोलड़ी 782 अखैराम महादेवोक्त (चिदानन्द) मु कपूरचंदजी , (चिदानंदीय) , कोलड़ी ___781 80 मुनिसुव्रत 7 या 24 | महावीर 7 आ 20 | कोलड़ी 783 सेवामंदिर 7 में 100 (12) (Cidānandiya) ० , विचार , Vicārc 84 | महावीर 7 पा 4 हस्तसंजीवन Hasta-sanjivana मेघविजयगणि 85 | कोलडी 780 86 कोलडी 1143 87 सेवामंदिर 7 आ 23 हेमाद्रिप्रयोग+स्वरोदय Hemadri-prayoga+ Svarodaya | Stary, Small & Incomplete| भिन्न-2 works & loose folios 88 | कोल डी बस्ता 71| स्फूट लघव अपूर्ण ग्रन्थ तथा त्रुटक पन्ने 89 के.नाथ 28/21 For Private and Personal Use Only Page #531 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra ज्योतिष : निमित्त स्त्री पुरुष शरीर लक्षण| हस्तरेखा विज्ञानादि 13 " 21 "" "1 निमित्त शरीर श्वासादि पर निमित्त स्वप्न विचार, 11 " #1 21 "1 "1 #1 11 सामुद्रिक ज्योतिष निमित्त 6 1:5 "1 = व अन्य विज्ञान 11 मा. " = सं. "1 मा. सं. 11 हिंदी रा. " "1 " " सं. 7 "" 16 सं मा. "" 84* 124 6 1 9 3 3 गुटका 3 54 5 7 16 9 18 1 8 51 30 4 11 19 66 www.kobatirth.org 8 A 16 × 11 × 19 × 31 सपूर्ण 25 x 11 × 13 x 35 26 × 12 × — 26 x 12 x 10 x 35 26x12x12 x 36 25 x 12 x 9 x 22 23 x 20 x 21 × 38 25 × 11 × 15 x 40 13 x 10 x 7 x 13 25 x 12 x 14 x 46 27 x 11 x 12 × 34 27 × 13 × 13 × 4 1 20 x 11 x 9 x 26 71 11 11 " " 13 13 17 13 37 "1 29 × 13 × 19 × 5 7 24 x 12 x 13 x 40 28 × 13 × 10 × 44 प्रतिपूर्ण 11 अपूर्ण 424 छंद 25 x 13 x 12 x 40 26 × 12 × 16 × 52 पूर्ण 19 x 9 x 7 x 32 58 श्लोक 26 गा. 107 श्लोक संपूर्ण 550 छंद 443 छंद 73 9 121 श्लोक 227 छंद 108 छंद संपूर्ण ग्रंथा 782 "1 25 से 30 × 10 से 12 पूर्ण / पूर्ण 248 श्लोक For Private and Personal Use Only 31 19वीं " 17वीं 18वीं 19वीं "1 Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 1544 10 1768 " 19वीं 1913 17वीं 19वीं 1932 1861 अजमेर छत्रीलजी 19वीं 19वीं 1920 " [ 515 हस्त चित्रसह 17वीं से 20 वी सामान्य 11 अंत में 7 श्लोकी गीता, भागवत. संकट स्तोत्र, 28 विष्णुनाम 17 Page #532 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 516 ] भाग (9) ज्योतिष व निमित्त विभाग (इ) 3A 5 Wanita Papne सेवामंदिर 7 4104 गणित पन्ने | कुंथु 9/126 | गिनतो जैन-पद्धति Ginti Jaina-padhaiti अंकतालिका 3 | प्रोसियां 7957| पट्टि पहाड़े Patti Pahāde 2 प्रतियां 2 copies 4-5 | कोलड़ी 1298, 1004 प्रोसियां 7977 भागानुबंध Bhāgānūbandha कोलडी 1201 लीलावती-सटीक Lilāvati with Tikā भास्कराचार्य मू.वृ.(प.ग) अंक | महावीर 7 47 लक्ष्मीदास कोलड़ी 1167 प्रौसियां 7 344 , 750 की वृत्ति ,, ki vrtti लक्ष्मीदास के नाथ 27/16 " ki Vivarana परशुराम , का विवरण , भाषा 13 | कुंथु. 39/1 , Bhasa लालचंद 15 सेवामंदिर गु दे. 3 16 | कथु. 47/8 | लेतों की उपरवाडियें |Lekhon ki Upara Vidiyen (फारमूले) (Formula 17 | कोलड़ी 1263 | .. की गुणाणी (,.) | , Gunāni (,) भाग (10) 1 Jäāna Copada Khela नक्शा के नाथ 26/74 | ज्ञान चौपड़ खेल . मुनिसुव्रत 7 4 116| जीवछाया सारिणि Jiva Cbāyā Sāriņi अंकतालिका 3 सेवामंदिर 7 उ]] दशक (दश श्लोकी) Dasaka (Dasa Sloki) 4 के नाथ 17/35| प्राचीन लिपि यन्त्र Prācina Lipi Yantra ग.प. पं. श्री विल्हण | , , 17/28 17/36 | भवदेव-प्रशस्ति Bhavadeva Prasasti For Private and Personal Use Only Page #533 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra गणित विद्या : गणित शास्त्र गणित गणित पहाड़े "} गणित गणित शास्त्र = 31 31 21 #1 6 11 11 गणित विधि गणित विधि व्यापा रिक हिसाब प्रवर्गीकृत शेष : सांप सीढीनुमा खेल 7 प्रशस्ति / अंतिम पन्ना लिपि विकास का सं. T सं. " "" 39 12 17 मा. 31 21 मा. - " सं. ।। 1 19 × 1 2 × 11 x 50 26 × 13 x -- 20 x 10 x - 29,13 25 x 16 x - 9 4 14 8 219 17 34 161 59 35 13 63 5 11 1 सूतक विचार सं. बौद्ध प्रशस्तियों का सं. पाली 12 देवनागरी में रूपान्तर 30 2 121 4 8 A www.kobatirth.org अपूर्ण प्रतिपूर्ण 28 × 13 × 1 3 × 35 संपूर्ण 26 × 11 x 1 8 x 50 14 x 21 x 17 x 22 26 x 11 x 15 x 36 25 × 11 × 15 × 40 प्रपूर्ण 32 x 12 x 10 x 38 26 × 12 × 15 × 44 संपूर्ण 27 x 11 x 13 x 37 25 × 10 × 10 × 48 13 × 10 × 14 × 11 15 x 11 × 9 x 13 त्रुटक प्रतिपूर्ण 19 x 10 x 8 x 18 11 27 x 13 x 8 x 24 "1 17 13 18 अपूर्ण संपूर्ण प्रतिपूर्ण अपूर्ण 270 काव्य वृ. ग्रं. 800 प्रतिपूर्ण 23 x 16 x - अपूर्ण 28 × 13 × 10 × 3 8 संपूर्ण 10 श्लोक 30 x 16 x 7 x 20 प्रतिपूर्ण 9 #1 30 x 16 x 7 x 25 30 × 16 × 15 × 40 संपूर्ण 34 श्लोक For Private and Personal Use Only 1871 17 19वीं 20वीं Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 18aft 10 1648 1685 18वीं 19वीं 1899 19वीं 31 1740 19at 11 1865 17वीं 19वीं B [ 517 11 1736 की संपूर्ण 16 श्रध्याय किंचित् पद्य भी Page #534 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 518] भाग (10) । 2. 3A - ५. वृ(प ग.) 7 | के.नाथ 17/6 | मितानार व्यवहार (दायभाग) Mitāksara-vyavahare(Daya/ सटीक Bhaga) with Tikā , - 17/9 | मिताक्षरा व्यवहारे (वाक्दण्ड | Mitāksara-vyavahāret Vak- पारुष्य) सटीक | dandaPārāsya) with Tika | , 17/8 मिताक्षरा व्यवहारे (संभूय | Mitiksara-vyavahare समुत्थान) सटीक (Sambhūya Samuthāna) with Tikä | , 17/7 | मिताक्षरा व्यवहारे (स्तेय व | Mitiksara-vyavahāre स्त्री संग्रह (Steya & Stri Sangraha) 11 कोलड़ी गु. 2/1 | रत्नपरीक्षा Ratna Pariksa 12 सेवामंदिर गु.दे. 16 रत्नवोह | , , 21 | राग-बत्तीसी Rāga Baitisi 14 | के नाथ 9/39 | राग-गाला Rāgamah जोगीश 15 | कुंथु. 10/140 | राग-संग्रह Rāga Sangraha 16 | के.नाथ 6/114 | वास्तुशास्त्र Vāstu Sastra क्षेत्रात्मज सूत्र भृन्मंडन ग. 17 सेवामंदिर 7.ड 2 वास्तुसार Vastu Sára चन्द्रागज ठक्कुर फेरु प , 7-ड-4 | विज्ञप्ति-पत्र Vijāapti Patra पालीश्री संघ 19 | कुंथु. 55/1 | , | संगीतरत्नाकर Sargita Ratnākara Hatha Ratrāvali शाङ्गदेव 21 कोलड़ी 1130 | हठरत्नावली 22 , 767 | प्रोसियां 3 इ 351 हियहुलास श्रीनिवास योगीश्वर | Hiyahulasa अज्ञात 24-5 कोलडी 944, | स्फूट लघु व अपूर्ण ग्रन्थ तथा| Stray, Small & Incomplete भिन्न 2 1164 त्रुटक पन्ने 2 प्रतियां works & loose folios 26-8| के.नाथ 28/3, | स्फुट लघु व अपूर्ण ग्रन्थ तथा Stary Small & Incomplete 26/102, I त्रुटक पन्ने 3 प्रतियां works & loose folios | 17/72 For Private and Personal Use Only Page #535 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra अवर्गीकृत शेष: : संपत्ति अधिनियम विवाद व दंडविधान दंडविधान जवाराहात की परीक्षा ; संगीत - शास्त्र 31 6 " प्रतिमा विज्ञान मंदिर निर्माण विधान चातुर्मास विनती कागज 11 " " संगीत - शास्त्र विविध सं. 11 "1 मा. 39 सं. " संगीतशास्त्र ( दोष सं गुणादि हठयोग प्रा मा. 31 7 11 11 मा. 33 31 8 10 11 8 गु. 7 54* 14 1 5 3 28 7 20 9** प्रा.सं.मा. 73 1401 8 A www.kobatirth.org 30 × 16 × 14 × 3 4 | संपूर्ण 152 श्लोक 30 x 16 x 13 x 31 30 x 16 x 13 x 30 30 x 16 x 12 × 29 14 x 9 x 9 x 16 20 x 16 x 20 x 24 23 x 16 x 18 x 15 26 x 11 x 15 x 50 25 × 12 × 16 × 42 26 × 12 × 17 × 57 25 × 10 × 17 × 64 चौड़ाई 25 से.मी. 100 x 30 26 x 11 x 9 x 45 | 11 11 " " " 77 11 9 31 छंद 384 पद्य प्रतिपूर्ण 24 श्लोक अपूर्ण चौथा अध्याय अपूर्ण प्रथम अधूरे से अध्याय तृतीय अंत संपूर्ण स्क्रोल 206 से 232 17 233 से 267 21 118 श्लोक 160 छंद अपूर्ण (अध्याय 3 व 4 मात्र ) 25 x 12 x 5 x 24 63 श्लोक 25 × 13 × 11 × 30 संपूर्ण 4 उपदेश 28 x 13 x 26 x 72 70 दोहे 25 से 27 x 10 से 12 | पूर्ण / अपूर्ण 268 से 293 श्लो19वीं For Private and Personal Use Only Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 10 19वीं 19वीं 19af 1666 19 at 1793 1766 19वीं 19वीं 14वीं 1839 1883 11 18at 19वीं 1847 19वीं 18/20at (519 11 मूल संस्कृत का अनुवाद है भरतवाद ग्रन्थे 1372 की कृति सचित्र है 11 | साधारण चित्र है रागों का वर्णन अति सामान्य Page #536 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir For Private and Personal Use Only Page #537 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir परिशिष्ट लेखकों की अकारादिक्रम से सूची-- 2 3 पृष्ठ पृष्ठ पृष्ठ 314 18,298 316 412 88 अमृत चन्द्राचार्य 156,158 उत्तमविजय 38,278 अमृतमुनि 400 360 | उदय कीति 212 अकबर बादशाद 514 अमृतवल्लभ 198 अखैराम उदयनाचार्य 176 अचल कीति अमृत विजय उदय प्रभसूरि 258 136,446,466 अजीत देव सुरि अम्मा मुनि 310 | उदयरत्न 140,212,218,226 236,310,330,344 अजीत प्रभ मूरि 334 प्रा उदयविजय अनन्त देवज्ञ 480 56,246 आत्रेय भाषित ___458 उदयवीर अनन्त भट्ट प्रात्मजशङ्कर 464 प्रानन्द 220,248,404 | उदयसागर 196 अनुभूतिस्वरूपाचार्य 432,434,436 प्रानन्द कीर्ति 236 | उदयसिंह 80,324,340 अनोपचंद (क्षमाप्रमोद) 244,324 प्रानन्द धन | उदे चन्द अप्पय दीक्षित 456 प्रानन्द तिलक उद्योत सागर गणि 138 (वाचनाचार्य) अभय 330 आनन्द निधान 166,206,260,280 उमास्वाति 116,118 अभयदेव (प्रधुम्न शिष्य) 178 296,346,360 अभयदेवसूरि 2,4,6,8,12 प्रानन्द विजय 28,220,300 ऋ 14,16,18,20 प्रानन्द विमल 360 | ऋषभ 220 132,144,156,178 226 (कवि) ऋषभ प्रानन्द सार 120,236 184,228,256, (श्रावक) ऋषभ 276 पालमचन्द अभयसोम ऋषभदास प्राशकरण 56,82,124 अमरकीर्ति 164,166,242,256 ऋषिराज 290 (पण्डित) आशाधर 112 अमरचंद 430,440 ऋषिवर्द्धन सूरि 312 अमरप्रभ 248,250,252 ऋषिशर्मा 478 अमरसाधु 496 इन्द्रदेव योगी 132 अमरसिंह 446,448 | ईश्वर दत्तात्रय संवादे अमर सुन्दर 288 ईश्वर पार्वत्ति " | कक्कसूरि शिष्य 294 अमरु कवि 400 ईश्वराचार्य 326 अमितगति कनककीर्ति 314 अमृत कुशल 192 | उज्जवलदत्त 428 | कनककुशल 202,296,252,262 236 302 292 क 386 / 468 | कनक 122 For Private and Personal Use Only Page #538 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 522 ] [ परिशिष्ट 4 6 पृष्ठ 430 320 248 518 30 " व्यास पृष्ठ पृष्ठ कनक निधान 326 | कीर्ति विजय 176,182,272, | कोण्ड भट्ट कनक प्रभ 442 284,326 | क्षमा कल्याण 108,180,182,190 कनक सुन्दर 10 | कीर्ति सूरि 232 196,199,204,208 कनक सोम 262,290,360 कुण्डराज वैद्य 416 222,224,228,262 कपूरचन्द 514 | कुन्दकुन्दाचार्य 118,136,156,158 ] 280,288,326,336 कबीरदास 402,404,416 | कुमुदचन्द्र 216,218 क्षमाकीति (वाचक) कमल 214 कुम्भकर्ण (पार्वचन्दगच्छ) 100 क्षमा विजय 250 कमल कलश शिष्य कुलमण्डन सूरि क्षेत्रात्मज सूत्रभन्मंडन कमलप्रभ (रत्न प्रभ शिष्य)230,314 कुशल (नागौरीगच्छ) 268 क्षेमकरण मुनि 340 कमल प्रभाचार्य 228 कुशल ऋषि 312 क्षेमकोनि कमल विजय 304 कुशलधीर 336 क्षेमेन्द्र 436 कमल हर्ष 52,214 कुशल पण्डित 268 क्षेमेन्द्रकीति 1180 कयदेव 460- (वाचक) कुशललाभ 232,246 | " मित्र 458 कर्मचन्द 462 324,406 402 कर्मसागर 210 कुशलसूरि 330 कल्याण तिलक 310 कुरजी कल्याण दास 464 कृष्ण देवज्ञ 476 खुमाणरसक 404 कल्याणवर्द्धन 184 | कृष्णा मिश्र खुमाण सिंह 404 कविश्वर 404,408 केशर 328/ खुशाल सुन्दर 244,476 काजी हमीद 410 | केशर धीर 254 खेतल यति 406 कान्ति विजय 114,200,212 | केशर मुनि खेतलस (राजसूरि शिष्य) 234 36 222 कान्ह 344 | केशर विमल 172,174 कामधेनु 476 खेममुनि 328 | केशराज मुनि 286,340 कालिदास 400,402,404,414 118,474,476 खेमराज 222 416,450,454 केशवदास 418,450 काशीनाथ 458,486,492,500 केशवदास मुनि 144,404,422 काशीनाथ भट्टाचार्य 500 गगान्वयअनन्त 474 केशव दैवज्ञ 490 किसनदास 326 केशव पण्डित 150 गजकुशल 420 किस्तूर सेवग 220| केशवाचार्य गजराज 102,110,112,130 कीर्ति गणि 282 | कोकदेव • 404 | गणेशचन्द्र 498 268 410 खेम केशव 468 For Private and Personal Use Only Page #539 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir परिशिष्ट ] [ 523 7 पृष्ठ पष्ठ गर्ग 518 194 " "शिष्य 330 194 160 318 | गणेश दैवज्ञ 470,472,476 | चन्द महत्तरा महासति 82 गम्भीरविजय 244 चन्दर्षि 96,98,100,132 जगन्नाथ 412,422 96 225,233 जट्टमलनाहर 418 गर्गऋषि 510 | चन्द्रकीति 270,312,432,436 जयकीर्ति 152,296,336,338 गुणचन्द्र 248,314 चन्द्रगज जयकृष्ण 452 गुणरत्न (गणि)सूरि 156,216,450 चन्द्रतिलक 282 जयचन्द 152,220,502 गुणविजय 30,32,192,204 चन्द्रप्रभ 118,160,332 जय चन्द्र गणि गुणविनय 120,222,276,416 चन्द्र मुनि 230 गुणविमल 192 चन्द्रशेखर जयचन्द्र सूरि गुणविलास 226 चन्द्रसूरि 28,72,78,98,258| जयतसी 52,294 गुणसागर 124,294,336 चन्द्रसेन 400 जयतिलक सूरि 306,312 गुणमूरि 322,344 चरणदास 514 | " " शिष्य गुण सौभाग्य सूरि 342 240 (वाचक) चरित्र (भंग सेन शिष्य) जयदेव 456 गुमान विजय जय देवमुनि 144,410 गुलाल विजय 360 (") चरित्रनंद 230 जयदेव सूरि शिष्य (तपगच्छ) 114 गोपाल भट्ट चरित्र नंदि गोरखनाथ पत्रानुसार 234 (वाचक) जयनिधान 342 चरित्र रत्न गोवर्द्धन 118,120 जयन्त भट्ट पुरोहित 450 चरित्र वर्द्धन 416 गोविन्द जयमङ्गल 466,482,502 412 चाणक्य 406 (ऋषि) जयमलजी 82,152,222 गोविन्द ज्योति चारण चतुरा 418 गोहरिनाथ 268,314 251,426| जयविनय गौतमऋषि चारित्रसिंह 224 चारुचन्द्र जयशेखर 90,124,126,164 चिदानन्द 514 _166,306 चक्रधर चैनजी जयसागर 220,254,318 चण्ड चौधरी 408 326 चण्डपाल 308 जयसिंह सूरि 176 चतुर्भुज 236 जय सोम गणि 138,268 चतुर्भुज कायस्थ 414 | छाजुराम 412 जयानन्द 230 (कवि) चन्द 416 | छौं हल 410 | जयानन्द सूरि - 40,228,442 418 106 490 For Private and Personal Use Only Page #540 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 524 1 परिशिष्ट - 10 12 जिनेन्दु पृष्ठ पृष्ठ जसराज 160,312,408 | जिनसुन्दर 188,208 84,108,192,200 400 (महाराजा) जसवंतसिंहजी जिन सूर (तपगच्छ) 108 208,212,218,220 जिनकोति 82,238 जिन सूरि 320,328,398 226,232,234,238, जिनचन्द्र सुरि 222,228,240 जिन सेन 185,306 262,300,336 जिनदत्त सूरि 150,212,220 जिन हर्ष 90,140,150,214,248 339,358 278,286,302,320" " (देवसुन्दर शिष्य तपगच्छ) 276,280,282 322,326,328,330 100,243,290,292,312 जिनदास 256,284 338,340,360 | " " (रत्नसिंह शिष्य) 332 जिनपति 240,282 जिन हंससूरि 40 जानसार 110,114,116,128 जिनपद्मसूरि 220 440 130,140,212,224, जिन प्रभमूरि 32,40,204,220 जिनेन्द्र 414 226,232 222,224,230,234 जिनेश्वर सूरि 82,132,146,302 ज्ञानसुन्दर 302,326 238,240,242,266 ज्ञानेन्द्र सरस्वती 400 जिनोदय मूरि(तिलकसूरिशिष्य) 344 278,334,358,388 जिबच्छराज 344 ट, ठ, ड, ढ, रणजिनभद्र 44,66,348,452 | (वाचक) जीवणदास 486 टीकम मुनि जिन मण्डन जीवदास 452 ठक्कर फे जिन महेन्द्रसुरि 226 जीवनाथ ठाकुर प्रसाद जिन रङ्ग जेठमल ढाढसी मुनि 116 जिन राज सूरि 224,248,296 जैनेन्द्रसागर 192,360 द्रुढीराज 466,476 310,408,430 जैमिनी 476 जिनलाभरि 292 जोगीश तत्वहंस जिन वल्लभ सूरि ताराचन्द 454 80,96,168, | जोगेन्द्राचार्य 436 180,182,240,254 | जोरावरमल कायस्थ (पंचोली) 246, तिलक भट्ट तिलकाचार्य 44,66,68,76,160 256,258,260, तेजसिंह गणि 308 262,282,292,3141 | ज्योति ब्रह्मकवि त्रिविक्रम 480 316,334,410 | ज्ञानतिलक 106 जिनविजय 62,192,282,310 ज्ञान भूषण 186,292 | दयारत्न 346 जिनसमुद्र 176 ज्ञानमेरु 298 (वाचक) दयासागर 138 जिनसागर 248 | ज्ञान विमल (नयविमल) 44,74 | दयासारमुनि 336 328 122 518 458 o 122 N 82 S18/ 486 For Private and Personal Use Only Page #541 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra परिशिष्ट ] (पण्डित) दयासिंह दर्शनविजय दानचन्द्र गणि दानविजय 13 दासानन्द दिनकर मिश्र दिनदनवेश दिवाकर (ऋषि) दीप दीप मुनि दीपविजय (कवि ) दीपौ दुर्गवि दुर्गसिंह दुर्योद्धन (कवि ) दूलहमिश्र (कवि ) देपाल देवदत भट्ट देवनन्दी देवप्रभसूरि देवभद्र पृष्ठ 348,350 202,348 342 454 426 486 दौलु 456 300 धनपाल देव ( विनीत विजय शिष्य ) 212 (वाचक) देव धनराज 222 (संवेगी ) देवगण 66 धनवन्तरी देवगुप्तसूरि 130 देवचंद 108, 210,212, 226,234 238,248,260,270,272 408 494 298 192 भद्राचार्य (प्रसन्नचन्द्रशिष्य ) देवमुनि (जिनसौभाग्य शिष्य) देवराज www.kobatirth.org देववाचक 300 देवविजय 198 | देवसुन्दर 156 देवसुन्दर शिष्य 156 देवसूरि देवसेन 416 देवाचार्य देवीचन्द्र देवीदास देवेन्द्रमुनि देवेन्द्रसागर aaraf 68,74,96,98,100,120 धनेश्वर मुनि धनेश्वरसूरि धर्मघोष धर्मचन्द 14 पृष्ठ 44, 46 धर्मवर्द्धन 120,246,316,328 धर्मसागर 30,32, 160,276,278 422 258 162,316 118 316 धर्मप्रमोदगणि 338 (पाठक) धर्म मन्दिर 334 | धर्म रत्न 350 44 84,86,132,150,234 ध 200,230,398 116,150,176 धर्म तिलक धर्मदासगण धर्मनन्दन उपाध्याय 178 225,233,270,302,356,360 408 138,148 144 122,124,136,154, 156, 168 नन्दकिशोर नन्ददास नन्दलाल नन्दसूरि नन्दिरत्नशिष्य नन्दीषण 404 धर्मसूरि 11 धर्मसिंह ( धर्मसी ) 106,114 122,152 246,342,410 222,240 290 430 140 For Private and Personal Use Only Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir " काशिष्य धर्मज्ञ ( उदयधर्म का शिष्य ) (कवि ) धर्म हस 90,92,454 नरपति 15 242 नरसिहरि 258 नवविजय 132,184 नाथूराम 132,212 | नारचन्द्र 214 490 110 नयनसुख 458,460 नमुद ( भावसुन्दर शिष्य ) नयरङ्ग 190,358,360 नयविजय 94102,252 | नयविमल 236,454 नयसुन्दर 258 [525 न पृष्ठ 342 468 444,448 400 148 106 210 464 258 316 208,262 (देखें ज्ञान विमल ) 312,328,342,358 428 408 430 196 314 484,486 Page #542 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 526 ] [ परिशिष्ट 16 17 18 340 282 516 256 _320 244 86 पृष्ठ पृष्ठ पृष्ठ नारायणदास 488 परमसुख 484 | प्रद्युम्नसूरि नीलकण्ठ 452,460,478 | परमहंस परिव्राजकाचार्य 490 प्रबोधचन्द्र 480,494,502 | परमान्नद 96,298 प्रभाचन्द्र 116,152,160,272 (मुनि) नेतृसिंह 430 पर शिक्षित सुन्दर 240 प्रभाचार्य 266 नेमीचन्द भण्डागारिय 156,158 | परशुराम प्रभानन्द 260 नेमीचद (रामजी का पुत्र) 82,136 | पराशर 484 प्रमोदसूरि नेमीचंद्रसूरि 52,122,136 पाणिनि 426,428 प्रीतविमल 244 नेमीदत्त पादलिप्ताचार्य 358 (कवि) प्रेम 404 नेमीविजय पायचन्द 112 प्रेमराज 196,334 प पार्श्वचन्द 2,18,112,140,236 प्रेमविजय 86,260 256,264,266,268 पतञ्जलि 426 270,276,278;280 पदमचन्द 128 पदमचन्द सूरि 304,334 282,284,296,360 फतेचन्द 320 138,296 पार्श्वनाग पदमराज फतेन्द्र मूरि 208 (वाचक) पदमराज 106 पार्श्वनाथ 212 फतेह सागर 318 पदम विजय 180 पीताम्बर 456 पद्मजिनेश्वर सूरि 92,99 (व्यास) पुक्करदास पद्मनंदी 114,132,142,230 | पुञ्जराज मुनि 226,432,436 (ऋषि) बच्छराज 298 240,262,270,360 (पाठक)पुण्यकीति (कलश) 286,316 बनारसीदास 108,124,138,150 पद्मप्रभ सूरि 304,488 पुण्यनन्दी 328 पद्म मन्दिर गणि पुण्य महोदय 260 158,172,218 पद्म राज 146 पुण्य रत्न 314,326,340,342 | वप्प भट्टसरि 222,266 पद्मविजय 222,224,226,270,334 बलभद्र 208 पुण्यराज 506 पद्मसागर 56,226 140,288,342 पुण्यसागर 410 (कवि) बाकीदास पद्मसुन्दर 178 पुरुषोत्तम बादरायण पद्मसूरि बालचन्द 488 पूज्यपाद 88,160 138 पद्माकर भट्ट ___486,500 | बालेन्द्र कवि पन्नालाल 228 प्रतापविजय (जिन विजय-शिष्य) 160 | बिहारीलाल (कवि) 412 परम सागर 332 | प्रपातविजय (वीरविजय-शिष्य) 308 J (कवि) बीजा 412 408 94 488 436 पृथुयश For Private and Personal Use Only Page #543 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir परिशिष्ट ] [ 527 19 20 21 पृष्ठ 510 36 436 पृष्ठ पृष्ठ बुद्धिसार 304 | भावचन्द्र सूरि 334 मयलसूरि 490 ब्रह्म 82,90,142 भावदेव 200,294,316 | मल्लिनाथ 402,404,414 ब्रह्म रायमल 514 भावनादास 406 416,420 ब्रह्मरूप संवेगी 102,146 | भावमिश्र 460 | मल्लिषेण 156,388,390 ब्रह्मर्षि 244 भावरत्न 306 | महनोतचन्द्र सेन 406 ब्रह्मा जीवाय | भावविजय 54,56,124,226,244 | महाक्षण कवि 448 ब्रह्मा दित्य 486 | भावसूरि 270 | महादेव 468,478 भाव हर्ष सूरि 268 महादेवोक्त 462,490,504,514 भास्कराचार्य 466,468,506,516] महानन्द 216,338 भक्तिलाभ 30,240,270 भुवन रत्नाचार्य 180] महारुद्र 510 " " शिष्य 202 भुवन सोम 310,338 | महिमा मेरू 314 भक्तिविलास (कवि) भूषण 450 महिमा सुन्दर 154,216 भगवतीदास 110,344 भोजदेव महीदास भट्ट भट्ट केदार 452,454 भोजराज महीधरदास 460 भट्ट महादेव 502 भोजसागर महीप 448 भट्टारक खूबचन्द (खरतर) 418 महेन्द्र प्रभ सूरि 148 भट्टिकवि 412 मकरन्द महेशदास राठौड़ 418 भट्टोसी दीक्षित 430,440 मणिरत्नसूरि महेश्वर सूरि 116,148 भट्टोत्पल 488,494,500 शणिसागर 278 महेश्वराचार्य 496 488 मतिकुशल 302 माघकवि 420,422 भतृहरी 408,420 मतिचन्द्र 96,98,130,144 माघनन्दि 246 भद्रबाह 30,32,34,36,38,58 | मतिवर्द्धन 106,107 माणकचन्द गर्ग अग्रवाल 352 66,212,220,230,258 मति शेखर 310,322 488,356,398 माणकचन्द्राचार्य 334 मति सागर 200,322,494,850 भद्रसेन 300 माणिक चन्द्र सूरि 450 मति हंस 244 भवानीदास व्यास 320,418 माणिक शेखर 48 मदननृप भानुजी दीक्षित 446 माणिक्य सुन्दर 322,338 मधुकर मुनिराम 286 (कवि) भानुदत्त 416,418,452 माशुर नन्दि 270 मम्मट्ट 450 भारती 402 मलयगिरि 22,24,26,46,78, 276,458 भालमुनि 292 96,102,132,348 | माधवदास दधाडिया' 418 भडुली 460 माधव For Private and Personal Use Only Page #544 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 528 ] [ परिशिष्ट 22 23 24 454 मेरुतुङ्ग 176 178 90 278 518 N 66 00 पृष्ठ पृष्ठ माधव देवज्ञ 90,240,242,250 रत्नचन्द्र (नन्दिताइय) 452 माधव भट्ट 432,436,460,462 | मेरुनन्दन (मुनिमेरु) 210,240,242 रत्नचन्द्रगणि 276 480 | मेरु मनोहर मुनि 246 रत्नपुरि भट्टारक मानतुङ्ग 238,248,250,252 | | मेरुसुन्दर गरिण 146,152,250, रत्नप्रभाचार्य 254,266,390 454 रत्न मन्दिर मानदेव 258 | मेरुसमन्त 236 रत्न रङ्गोपाध्याय 328 मानमुनि मैथिली मधुसूदन 400 रत्नवल्लभ 330 मानविजय 10,222,244,312 | मोतीराम 506, रत्नविजप 246 मानसर्वज्ञ 176 मोहन विजय 226,300,312,324 रत्नवोह मानसागर 208,290,294,332 रत्नशेख र (हेमतिलक शिष्य) 104 मालदेव आनन्द 318 रत्नशेखर (जयशेखर शिष्य) 68,86 मालमुनि 288,304,306 यक्षसूरि शिष्य 310 104,106,154,336, मालशालहोत्र ऋषि 456 यतिसुन्दर 306 348,350 भित्र दामोदर यशकीर्ति 124] " " शिष्य मिश्र नंदन राम 486 यशोदेवसूरि 68,180 रत्न सुन्दर सूरि 328 मिश्र मोहनदास 424 यशोभद्र 68,70,72,80 रत्नसूरि 124,126,230,430 मुक्ति सागर यशोविजय 84,90,108,136,144 310 मुजादित्य रत्नसोम 152,160,166,176,178 मुनिचन्द्रमूरि 72,74,90,148,346 214,220,224,226,234 रत्न हर्ष 124,126,230 मुनिदेव (ज्ञानचंद-शिष्य) 268 238,244,248,256,262 रत्नाकर 146,242,258 मुनिदेवमूरि 334 272,278,280,284 रविसागर 198 मुनिमेख 114,290 रसिकनाथ 420 मुनिराज 298 राज कवि 144,226,286 मुनि सुन्दर 82,94,222 | (पाठक) रघुपति राजकीर्ति 148 " (रत्नचन्दगणि शिष्य) रङ्गविजय 244 | राजवल्लभ (पाठक) 302,320 मेघऋषि | रङ्ग विसङ्घ विसुत राजशील 168,170 मेघनन्द रतनचन्द 300 राज शेखर सुरि 298,398 मेधमुनि 230 / रतन मुनि 226,246 (मलधारी) राज शेखर सूरि 424 (वाचक) मेघराज 22 | रत्नचन्द्र (शान्तिचन्द्र शिष्य तपगच्छ) | राज समुद्र ___152,214 मेघ विजय 174,278,514 118,318 | राज सूरि 52,112,262,272 N. 276 " शिष्य 478 218 94 334 For Private and Personal Use Only Page #545 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir परिशिष्ट ] [ 529 25 26 27 पृष्ठ पृष्ठ 438 346 पृष्ठ (पाठक) राजसोम 154 316,396,438,496 | लालमोहन 344 राज हर्ष 256,286 | रूपचंदगणिशिष्य 198 | लावण्यकीति 212,328 राजहंस 336 रूपभद्र 284 लावण्य विजय 122 राजागाङ्क 504 | रुपविजय 200,238,286,318 | लावण्यसमय 108,118,224,270 राणीदानकव या 410 330,332,346,402 गमच'द्र 118,122,196,330,506 लुकमान हकीम 418 रामचन्द्रशृषि 390'398 लक्ष्मण 256 लोकेशकर रामचन्द्रमुनि 462,464 | लक्ष्मीदास 516] लोलिम्बराज 464 रामचन्द्राचार्य 428 लक्ष्मीधर 492 रामचन्द्राश्रम 438 लक्ष्मीरत्न | वखत 410 रामद वज्ञ लक्ष्मीरुचिकर 138 वज्रस्वामि 490 220,394 रामविजय 280,312,320,446 लक्ष्मी वल्लभ 34,36,74,102,226 | वरजाग 304 " (जिनलाभशिष्य) वररुचि 246,286,316,458 224 430,454 लक्ष्मी सूरि 202,256 वराहमिहिर " (जिनवल्लभशिष्य) 104,176 494,496 लक्ष्मीहर्ष वर्द्धमान " (विमलविजयशिष्य) 428 लब्धिचन्द्र 474 वर्द्धमानसूरि 122,180,330 " (सुमतिविजयशिष्य) लब्धिरुचि | वर्द्धमानोक्त 482 (वाचक) रामविजय लब्धि विजय 292 वाचक वल्लभ गणि रामानन्द स्वामी 392 लब्धिसागर वल्लभदेव 416,420,422 (ऋषि) रायचंद 140,278,302 | लब्धिमूरि | वल्लभ सुन्दर 244 314,322,328,332 ललितकीर्ति 286 | वल्लभ सूरि 180,238 रुचिरविमल 322 ललितसागर वसन्तराज 510 रुणदत्त 456 लाभगणि वाग्भट्ट 456 रुद्र भट्ट 464 लाभवर्द्धन 312,330,332 वादिदेवसूरि 178 रुद्रयामले उमामहेश्वरसंवादे 396,398 लाभविजय 258 वादिराज 216 रुद्रोक्त लाभसुन्दर 400 वासुदेव 436 रूडऋषि लाभसूरि 232,356 वासुनन्दि 88 रूपऋषि लालचंद 316,516 विजयगणि 416 रूपकवि 82,152,258 विनयतिलक 212,214 रूपचंद 108,238,258,314 | " यति 400 विजयदेव 256 322 246 486 336 320 172 486 262 258 82 | " ऋषि For Private and Personal Use Only Page #546 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 530 ] विजयदेवसूरि विजयप्रभ विजयभद्र विजय लक्ष्मी मुनि विजय लक्ष्मी सूरि 28 विठमेह विठ्ठलाचार्य विद्या कुशल विद्यानन्द विद्यापति विद्याभूषण विद्यारत्न विनयचंद्रसूरि विनयप्रभ पृष्ठ जिजयविमल 76,88,144,148,190 विजय शेखर रिजयसिंह विजयसिंह - शिष्य 152,256 248 232 206 238,248 विनय भक्ति वाचक विनय विजय किद्यारुचि विद्याबर्द्धन विद्याविलास विनयचंद 114,188,210,226 236,248,288,300, 152,428 240 450 296 300 232 242 31 विनोदोलाल विमलकीति विमल गरिए विमल भट्ट विमल विनय 294 विमल सूरि 218 विमलाचार्य 176 418 विशालहंस 430 324 www.kobatirth.org ( हर्ष समुद्र शिष्य ) विनय सागर विश्ननाथ दैवज्ञ विष्णु शर्मा वीरदेव गणि वीरभद्र वीर विजय वीर सागर वृद्धिविजय वृद्धिसागर सूरि वृन्द कवि 330,340,342 वैंकश दैवज्ञ 188,322 वेणीराम 298 वैद्यवाचस्पति 356 वंशलोचन 32,36,148,174 182,222,246,256 270, 314,338,442 शङ्करसेन विनय समुद्र (पार्शचंद शिष्य ) 288 | शङ्कराचार्य 29 श 138,316 पृष्ठ 316 शम्भुनाथ 430 | (वाचक) शान्तिचन्द्र 252 70 118 462 286 | शाङ्ग देव शाङ्गधर 422 शार्ङ्गधर ति 432 शिव 466,478,492,498,500 468,470,478, शिवचरण शान्त्याचार्य शिवलाल 76,78,262,404 शिवशङ्कर 212,226,236,238 शीलगणि 246,248,278,326 480 शिवनिधानगणि 410 322 Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 460 शान्ति सागर 42,340 शान्ति सूरि 114; 116,122,130 For Private and Personal Use Only 344,424 198 शुभचन्द्र 52,116 शुभवर्द्धन 398 27 ' शिष्य 236,420 शुभविजय 502 शुभवीर 228,346 शुभशील 462(कवि) शेखर 450 | शेरसिंह शेष शेषनाग शोभन मुनि 396शोभमुनि शील विजय शीलां काचार्य 30 [ परिशिष्ट पृष्ठ 458 26 252 54,56 518 462 458 454 42,164,186 188,206 328 240 56 86 2,4 110,328 148 299 236,280 260,344,424 320,330,334,344 390 420 418 450 222,224,270 308 Page #547 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir परिशिष्ट ] [ 531 31 32 33 518 सुमति पृष्ठ पृष्ठ पृष्ठ शोभाचंद 338 182,184,194,208 सिद्धसूरि 246 श्यामाचार्य 24,26 214,226,248,250 | सिद्धसेन 118 232,254,260,346 श्रीचन्द्र 28,160,162,164 266,268,284,294 सिद्धसेनदिवाकर 178,228 श्रीधर 460 302,310,312,318 सिरदेव 452 श्री निवास योगीश्वर 320,326,336,342 | सिंह तिलक सूरि 190,238,392 श्री पति 474,476,482,484 352,360,400,420 394,398 श्री पति (मुनि) 156 454 मिहमूरि 174 श्रीवल्लभ गणि 446 समरचंद 94,106,244,264 | 1106244.264 | सिंहात्मज 108 श्रीमार मुनि 84,88,90,98,164 समरमुनि 230 सुख 456 168,202,288 समरसिंह 88,454,468 | सुधास्वामी 2,40, | सुधर्मास्वामी 2,4,6,8,10,12,14 समुद्र गणि 106 16,18,20,28 समुद्रवाचक 328 | सुन्दरदास . 400,424 सकलकीर्ति 158,342 | सयंभव सूरि 46,48,50 82,238,266 सकलचंद उपाध्याय 212,264 1(उपाध्याय) सर्वधर 428 सुमति गणि 276 सकलचंद (हीरविजयशिष्य) 256 ! सर्व राज गरिण 276 सुमतिप्रभ 284 सकल हर्ष 304 | सहजकोति 68,262,312 | सुमति वर्द्धन 100,116,350 संघतिलक (सङ्घतिलक) 118 सहज रत्न 358 | सुमतिविजय 58,226 संघदास क्षमा श्रमण (सङ्घदास क्ष.) (वाचक) सहज सुन्दर सागरचन्द्र 188,332 सुमतिसूरि 52 संघाचार्य (सङ्घाचार्य) 186 सागरेन्दु-शिष्य 468 सुमति हर्ष गणि 468 (पण्डित) सतीदास साधुकीर्ति 104,210,218,248 सुमति हंस 34,132,286,300 सत्य राज गणि 336 264,286 सुमुखोनसूरि 258 सत्य मागर 330 साधुरङ्ग सुरिसुनु 452 सदानन्द 438,440 साधुराज 230 सूरत मिश्र 412,450,452,454 सदासागर 118 साधुसुन्दरगणि 286,428 सूरीसागर 304 88,272 साधुसोमगणि समन्तभद्र 134,254 सोनिगिरा मण्डन सायणाचार्य " शिष्य 430 210 सोमचन्द्र 96,150,454 समय मुन्दर 36,40,88,102,104 साहिबसिह 422 | सोमतिलक 296 (समय राज उपाध्याय) 120,132, | सिद्धनागार्जुन सोमतिलकसूरि 336,360 134,144150,154,156,164 | सिद्धसाधु 92 | सोमनाथ 492 318 | सुमतिसुख 304 __508 436 296 | सोम For Private and Personal Use Only Page #548 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 532 ] [ परिशिष्ट 34 35 36 पृष्ठ पृष्ठ ho 424 सोमप्रभ 44,156,168,170 118,132,144,148,152 | हेम 112,498 172,420 156,176,268,324 | (मलधारी) हेमचन्द्र 134,142,192 सोमसुन्दर 74,146,244 348,352,492 262,442 शिष्य 360 हरिश्रीनाथाचार्य 502 | हेमचन्द्राचार्य 66,144,146,178 सोमसूरि 76,78 कवि)हर्ष 408 260,262,306,440 सोमहर्ष 346 || 168,170,216,218 442,444,446,448 सौभाग्यनंदसूरि 198 230,252,258,260 हेमनन्दन 340 सौभाग्यनदि 198 332,426,428,434 हेमभित्ति 340 सौभाग्यविजय 276 454,462,474 हेमरत्न 404 हर्षकुल 4,330,450 हेमरत्नवाचक 390 हनुमान हर्षकुशल 246,346 हेमराज 252 हयग्रीव 486,488 हर्षचन्द हेमराजचारण 414 हरकीतिमूरि 448 हर्षनन्दन हेमविजय 102,230,292 हरखचंद 212,226,298 हर्षभूषण 278,282 हेमविमलशिष्य 212 हर्षरत्नगणि हेमशीश 134 हरि 95,150 हर्षवर्द्धनगणि हेमसोमसूरि 68 हरिकर्णशर्मा हर्षशीश हेमहंसगणि 62,176,446 हरिचरणदास 452 हर्षसागर हेमाचार्य 188 हरिदेव हर्षसुन्दर हंस कवि 404 हरिप्रभसूरि हापराज हंसमुनि 146 हरिप्रसाद 452 हीरकलश 332,340 हंसरत्न 360 हरिभट्ट 480,490 हीररजा 424 हंसराज 460 हरिभद्र 50,66,72,82,84,90/ हीरविजय 284,326 142 94 476 468 206 300 卐 For Private and Personal Use Only Page #549 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 31 129 सूत्र 11 " 43 For Private and Personal Use Only - शुद्धि पत्रक - पृष्ठ अनुक्रमांक स्तंभ अशुद्ध शुद्ध | पृष्ठ अनुक्रमांक स्तंभ अशुद्ध प्राक्कथन पंक्ति 18 किवे किये | 33 31 पांचवी समाचारी तक है , 23 पटक त्रुटक कठिन पद भंजि कठिन पद-मञ्जिका 27/4 274 35 10 नेयमूर्ति नेममूर्ति 132 8A 17 13/13 1 अ 13 11 सूरि 66/13 166/13 अस्थ व्यस्थ अस्त व्यस्त महा/95 महा० 1 अ 5 38 78 52/54 52/4 (अंत में जोड़े) श्याम कायस्थ 39 80 जन्महोत्सव जन्म महोत्सव प्रणहिलपुर नागरदास 40 112 विषौबधिनाम्नी विषौषधिनाम्नी अमय अमयदेव 122 2/26 2/216 205 255 सपूण....'कथा संपूर्ण.."कथा सह 62 904 404 45 154 जिनचन्द्रका जिनभद्र का 75 जवाली जमाली 13 माहित्ण साहित्य 105 वि विश्लेषण 49 40 7470 7970 121 142 1922 1846 1896 120 10 51 50 10 नाग नागौर 135 11ली, पाली 69 संपूर्ण सञ्झाय संपूर्ण 12 सञ्झाय 16 156 10/5 1015 98 पाईय 159 -(अंत में जोड़े) अमयदेव 100 100 110 186 9/94 944 57 119 1137 1657 11 "प्रथम 3 पन्ने कम'' (यह टिप्पणी नीचे 58 129 1324 अनु. 7 के लिये है। मंपूर्ण 23 14 11 अपूर्ण सुर्यादेव सूर्याभदेव 4 1664 1646 25 309 60 23-4 2 पा 24 3 424 25 46 6 विभ विभक्तियां 61 1787 71 30 14,17,27 5 अन्तर्वाच्य अन्तर्वाच्य सह 63 608 107 100 से 55,66,71 64 88 2 1 अ 17 3 4 17 www.kobatirth.org 15 12 स पाई 54 56 1342 Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Page #550 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 2 शुद्धि पत्रक ] Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir , 191 11 पृष्ठ अनुक्रमांक स्तंभ 65 968 " " 8A 67 1095 128 143 195 73 196 74 233 75 240 261 __11 की __31 www.kobatirth.org 46 से 54 46 10 7,113 4 11 अशुद्ध शुद्ध पृष्ठ अनुक्रमांक स्तंभ क्रम गुटका 6 गुटका-क्रम-6 । 95 182 11 23x20x21X38 96 190 3 पौष पौषध लगभग लगभग है) 97 190 वदित् वंदितु क्षामण क्षमापरणा 102 283 3 क्षामरगा क्षमापणा | 104 290 3/281 2/281 294 | 106 308 वृतिये वृत्ति के को 330 ग्रंथाय ग्रंथान 107 310 पिंड विशुद्धि पिंड वशुद्धि 110 358 1775 1475 112 388 अध्यात्मक. अध्यात्म 410 से 17 1 14 24 पुङ्गल पुद्गल 388 (...422) ग्रं.422 409-11 10 17 114 440 2 नियुक्तिकार नियुक्ति की 119 490 8A देवता देशना 23x20x21x38 524 10/95 19/95 122 ब्रह ब्रह्म 124 53 गुकित गुफित 127 604 8A (12 प्रक्षिप्त) (ये शब्द हटा दें) 128 633 2 दीपाविजय दीपविजय 131 663 6 उठायणा उठामणा | 132 670 अशुद्ध शुद्ध उठामरणा सूक्ष्म विचार सार सूक्ष्मार्थ सार्द्धशतक विचारसार आगमिक वस्तु प्रागमिक वस्तु विचारसार +देखे पन्ना 168/ प्र० 1168 केशी दिपंताशि का केशी द्विपंचाशिका गरणधरावद गरणधरवाद जिन बल्लभ जिन लाभ गुणस्धान गुणस्थान समुन्द्रगणि समुद्रगणि शिव्य शिष्य गुरणस्थाय गुरणस्थान प्रोसियां प्रोसियां 3 इ 191 19/99 19/97 10,11-13,14, 11,12-14,15, 15,16,17 16.17,18 सं.मा. प्रा.मा. 19/2वीं 19/20वीं 2/336 2/331 16 65 650 344 345 253 553 53 573 19 39 5/133 15/133 () दार्शनिक व प्राचार इन्द्रदेव इन्दुदेव For Private and Personal Use Only 7 18 57 21 26 " 8A 77 60 80 111 117 155 157 168 93 Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 10 , 94 Page #551 -------------------------------------------------------------------------- ________________ For Private and Personal Use Only पृष्ठ 132 17 133 "" 142 " अनुक्रमांक स्तंभ 134 703 135 701 137 728 138 740 139 749 141 " 676 "3 182 193 "1 680 681 674 680 808-9 819-20 146 858 152 947 154 976 158 1018-20 161 1046 168 1167 1179 169 1168 177 17 178 27 28 781-2 34 43 221-2 1 4 19 ,, 9 79 3 10 11 2 11 8 A 2 2 2 2 2 4 6 2 4 6 11 2 2 A WANI 3 6 प्रशुद्ध 576 जिनेश्व सूरि हरिभद्र ? स्वोपज्ञ (,, ?) 67 ढाले पां सूत्र वृत्ति 1993 13 से 47 11/35 स्थाय 141 521 10/56 14/42 33/7 भंडारी नेमीचंद दज्ञानादि 26+13×17 / 26 × 13 × 17 / 51 x 43 15 x 43 14/1 5/21 10/96 14/12 23/7 भंडारी नेमीचंद ज्ञानादि 101 संग्रगृही कठिन निराकरण " "" शुद्ध 676 जिनेश्वर सूरि अज्ञात (हरिभद्र ? ) ,,/ हरिभद्र 2/18 14/39 मद्ममेरु दीप शस्त्र 6 ढाले पांच सूत्र लघुवृत्ति 1593 13 से 478 11/45 रचनायें 141 संग्रहीत कर्म सिद्धान्त नामादि का पता नहीं पड़ा महावीर 6 आ. 4 के. नाथ 14/39 पद्ममेरु टीप शास्त्र पृष्ठ 199 201 203 204 206 207 208 " 209 217 218 219 220 229 230 دو 232 233 234 235 237 238 241 "1 243 244 245 "" "1 अनुक्रमांक 325 355 375 394 435 468 472 457 81-6 136 123 154 277 294 303 323 324-5 350 351 384 404 423 437-8 449 464 479 482 489 स्तंभ 10 9 6 3 2 11 2 37 10 9 2 11 7 11 2 "" 2 8 A 2 11 11 3 11 9 II 2 11 9 10 अशुद्ध 1762 154 गा. शमन विधि विधिप्रभा 11/39 द 9/18 16 1833 भिन्न 345 1 । रंभ प्र. 336 6/12 3 इ 223 17 x 47 24/ 0 जयति - स्वव मणिभद्रचंद 94 प्रशक्ति महारीर दो डाल लाभद शुद्धिपत्रक 3 शुद्ध 1716 145 गा. शयन विधि विधिप्रपा 11/31 दो 9/118 163 1883 भिन्न भिन्न 63/93 354 प्रारंभ प्रा. देखे पृष्ठ 259 536 6/112 3 इ 323 26 x 11 54/10 जयतिहुश्ररण कवि जैन धर्मी है । स्तव मणिभद्र छंद 45 प्रशस्ति महावीर दोनों ढाल लाभचंद Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Page #552 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 4 शुद्धि पत्रक ] Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पृष्ठ अनुक्रमांक स्तंभ 246 4933 515 2 247 503 507 8A 873 अनुक्रमांक स्तंभ 847 853 885 886 888-947 948-72 973-1166 16 248 250 21 233 252 254 279 www.kobatirth.org 515 529 550 563 582 610 623 624 623 682 697 738 743 736 अशुद्ध शुद्ध | पृष्ठ शंखेश्वव शंखेश्वर | 270 16/187 15/187 | एकादश का एकादशी की | 13 23 गागा गाथा - अंत में सचित्ताचित्त सज्झाय 274 असल असल (प्रथमादर्श) 348 248 276 21 से 24 21 से 44 235 277 पार्श्वदेव ,,/पार्श्वदेव (,) , 3 पा 48 15/33 ____15/233 1662 1962 282 देखें पृष्ठ 228 वृहत नवकार नमस्कार वृहत् नवकार 284 हेमचन्द्राचार्य हेमचन्द्राचार्य 285 वीरभद्र/हेमचन्द्र (वीरभद्र ?) हेमचन्द्र मूलहेमचन्द्राचार्य (ये शब्द हटा दें) 286 का है 288 18वीं 18वीं देखें पृष्ठ 262, 396, 376 भक्तिभर मत्तिभर 16 53 देखें पृष्ठ 256/ 292 प्र. 656-9 | 293 255 For Private and Personal Use Only अशुद्ध 15/82 15/182 323 223 783 26/10 26/103 14-42; 86% 14/42-796; 70 कार्ड में 70 (बीगत कार्ड में) (बीगत कार्ड में) 11/88 21/88 दीपिका दीपिकासह कठिन...समाधान साधुजीवनियाँ (अंत में जोड़े) 4 अविभाग का ग्रंथ है। पूत्तिपूजा मूर्तिपूजा 120 102 22 स्वोपज्ञ धर्मसागर (स्वोपज्ञ) सेनसूरि विजयसेनसूरि 487 ढाल 48 ढाल 12 15 (G) (अंत में लिखें) 2 प्रति. 5/58 5/88 43/3 34/3 जय जप 1) G) संपूर्ण 16 दृष्टांत कथानक प्रामत्यकी क्रीड़ा आमलकी क्रीड़ा प्रयियां प्रतियां 6,62 हहीसिंह हछिसिंह 12 6 34-5 48-9 91 117-8 5 8 34-5 39 45 258 260 262 8A 263 265 267 768 786-91 11 269 813 •, 8158A 827 835 26 35 Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 67 72-4 102-3 94 6/6 10 Page #553 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ शुद्धि पत्रक 5 Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra अशुद्ध पृष्ठ 294 30 | पृष्ठ 328 329 329 अनुक्रमांक स्तंभ 591 590 598 3413 14 296 95 3313 24 26 156 " 602 297 298 330 36 165 80 331 10 299 302 620 621 653 632 641 642 निमलवसही विमलवसही जीवनी, विक्रमादित्य पुत्र जीवनी सं. ,, विक्रमादित्य पुत्र 52 303 304 मा. 644 647 (..) () For Private and Personal Use Only अनुक्रमांक स्तंभ अशुद्ध 124 264 246 128-30 15/50 14/50 156 120 102 164 29/65 19/65 1538A 16 26 181 व 3 गणधर साद्ध शतक देखें 182 के बीच में पृष्ठ 276 183 1171 1711 234 3927 4 427 241 24/5 42/5 247 25 274 24/53 24/43 283 109 106 260 ग्रं. 300 ग्रं. पूरे के 3000 261 () () सं. 21 उद्देशक 263 मा 264 मा 293 43/3 41/3 297 2 /4 23/4 कथानस कथानक 463 487 488 ग. दाल ढाल 496 भोच चरित्र भोज चरित्र 534-5 10 18/18 वीं 18/19 वीं 569 10 19 वीं दीप विजय 19 वीं जैनापुर दीपविजय 573 1945 1845 305 www.kobatirth.org प्रा. मा. सं. शासनदेवी 650 670 सनदेवी प्रा 682 698 306 1853 सत्नकुमार 34 1835 सनत्कुमार 14 331 48 42 309 319 320 28 342 प. 337 338 747 339 719-218 739 8A 7862 343 785 785 8A 344816 346 350 50 2 351 11 2 490 10/3 saad 29/91 61/91 23x20x21x38 10/ 18/56 18/65 1/140 2/140 सिरिवीर जिणंदिय सिरिवीर जिवंदिय 123 पमा 123 उपमा 325 327 Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Page #554 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 6 शुद्धि पत्रक ] शुद्ध पृष्ठ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir शुद्ध पृष्ठ अनुक्रमांक स्तंभ 35281 356 149 2 , 151 3 2/363 अशुद्ध । 2 अ 263 4 प्रा 13 परिविउपाय बीसविरहमान 403 4 या 16 परिधिउपाय बीसविहरमान 404 157 7 मा. प्रा. 361 229 3628 405 32 364 408 अनुक्रमांक स्तंभ 42 2 51 11 75 व 76 3 ___ के बीच 67 83 104 108 113 124 111 142 153 157 173 203 208 224 365 19 अरिष्टनेमि को वचन अरिष्टनेमी को नमन सेवा मंदर 41 6 सेवा मंदिर 5416 23/21 22/21 भक्ति गीत साहित्यिक काव्य भाग 7 (अ) का ग्रंथ है 4 9 10 5 अ 10 1882 1822 गु 9 35 के नाथ (?) के. नाथ गु 9 गु 26 गु 26/8 80 30 409 410 411 www.kobatirth.org 40 69 For Private and Personal Use Only हेतु अशुद्ध 6 इ9 सर्ग श्लोक सर्ग 50वें श्लोक गीत गोविन्द देखें पृष्ठ 364 प्रतिपूर्ण 54/1 45/1 323 54/4 45/4 गु. दे. 5 5ग्रा 3 मा 5 10 छीहल छीहल (विव्हल) विगहिणी गीत विरहिणी गीत __ काल 6 इ2 ए 9 इ29 1043 1083 ऐति ऐतिहासिक [उपर से मू.टी.(प.ग)" शब्द यहाँ लाकर पढे] मनावज्ञान मनोविज्ञान विठमेह विठुमेह राठौड़ महशदास राठौड़ महेशदास? (खड़ियाजगा) पौराणिक पौराणिक काल से नैनिक नैतिक गु. 10 सोमप्रभाचार्य सोमप्रभाचार्य (स्वोपज्ञ) वैरुग्य वैराग्य 369 84 25 366 367 368 8A 374 1552 378 199 , 384 30 1 50,52,53 3 385 160 . 6 388 874 390 1225 391 1219 392 154-5 400 64 401 5 10 402 203 412 414 415 416 417 418 , 238 242 256 Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra आम्नाय जिण प्रभसूरि ग. मं.. त्र 3 यं स्तोत्र अमरुक बखत सागरण ऐतिहासक जैन आम्नाय जिन प्रभसूरि ग. मं. यंत्र 3 यंत्र स्तोत्र 2 प्रति अमरु बखतसागरण ऐतिहासिक 261 265 277 गु. 10/6 291 Page #555 -------------------------------------------------------------------------- ________________ | शुद्धि पत्रक 7 पृष्ठ अनुक्रमांक स्तंभ अशुद्ध 9 Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 4 अशुद्ध शाई घर भाग/विभाग | पृष्ठ अनुक्रमांक स्तंभ 462 117 468 से शीर्षक 1514 तक 468 47 474 117 शाङ्गधर विभाग 423 292 424319 330-7 347 348 338 426 25 428 429 48 गा. समुदाय गु 11/11 हितपदेश हीर रांजा दैवज्ञ 425 148 अनिटकारिका 698 476 479 481 484 कश्चित् अर्थ स रत्लसूरि...धर्मसंज्ञ 430 486 For Private and Personal Use Only 74 151 199 466-7 233 265 278 301 448 गा. सानुवाद गु. 11/12 हितोपदेश हीररंजा 19 वीं (अनिटकारिका व) 6 अ89 व्याकरण किञ्चित् अर्थ सह उदयधर्म (रत्नसूरि शिष्य) उपसर्ग कारकादि धातु पाठ सटीक सटीक 266-7 महाक्षपण कवि 1643 छंदशास्त्र सं. 4 आश्वास 1886 यमकप्रधान 1834 व 19 वी के. नाथ 27/47 शाल होत्र ऋषि कृतन कुल www.kobatirth.org 434 438 444 448 449 451 488 दूवज्ञ केभव पद्धत्ति केशव पद्धत्ति मार्गेण मार्गे । 6/4 कोलड़ी 6/4 निकालके का निकालने का व तसुन्दर बखत सुन्दर नवामन्दिर सेवामन्दिर नारचन्द्रसूरि नरचन्द्रसूरि नारचन्द्र नरचन्द्रसूरि काशीनाश काशीनाथ मुक्तमोग्यदथा मुक्तभोग्यदशा विधि विधि 23x20x21x38 वधु प्रवेध वधु प्रवेश बर्ष भविष्य वर्ष भविष्य (,) वराह मिहिर ज्यातिष ज्योतिष उपाध्यय उपाध्याय भूमि शिक्षा भूमि परीक्षा पन्न पन्ना भरतवाद भरतनाट्य उपसर्गादि सटीक सदीक 466-7 महाक्षण कवि 1664 अलंकार शास्त्र संपूर्ण 1866 1मकप्रधान 19 वीं (,) 27/47 शाली होत्र ऋन 64 65 14 453 25 489 293 494 331 380 498 412 504 शीर्षक 506 553 51037 3 511 26 1 519 1411 37 38 3-4 455 456 0 कुल Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 12 457 459 411 64 तव तक Page #556 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 380 वें पन्ने के अन्त में जोड़कर पढावें क्रमांक | स्रोतपरिचयाङ्क । ग्रन्थ का नाम 3 भाग :5 जैनेतर धार्मिक-न्यायदर्शन नाम रोमन लिपि में ग्रन्थकार का नाम व | स्वरूप 3A परिचय 4 5 252 कोलड़ी 1009 न्याय सूत्र सहवृति Nyava Sutra with Vril गौतम ऋषि/? + (ग 253-4 महा.6प्रा 14,7 | न्याय दीपिका 2 प्रति | Nyaya Dipika 2 अभिनव धर्म भूषण | ग 255| केनाथ 29/65 | न्याय बोधिनी (तर्क संग्रह) Nyaya Bodhini 256 , 29/74 | न्याय सिद्धान्त दीप , Sidhanta Dipa शशधर शर्मा 257 , 29/77 | , , मंजरी | ., Manjari जानकीनाथ शर्मा 258| महावीर 6प्रा20 भाषा परिच्छेद Bhasa Paricebeda विश्वनाथ पंचानन भट्ट मू. प 259 कोलड़ी 975 260/ 1259 | भाषा परिच्छेद की टीका स्वोपज्ञ |" , ki Tikal 261-2 केनाथ 2/9;2/25 ! ,, ,, 2 प्रति 263|कोलड़ी 838 / मुक्तावली Muktavali दिनकर 264/i, 1117 | मुक्तावली प्रकाश महादेव Prakās'a 381वें पाने के अन्त में जोड़कर पढ़ावें भाग 5 जैनेतर धामिक-प्याय दर्शन विषय संकेत भाषा| पन्ने । नाप पंक्त्याक्षर परिमाण । प्रतिलेखन | विशेष ज्ञातव्य 7 8 लंxचोxxअ.8AI संवतादि 101 षट् दर्शन में एक 26x11x25x57 | संपूर्ण 5 अध्याय 18वीं 11 न्याय ग्रंथ 12,4526x12 व 28x13 19/20वीं गौतम सूत्र टीका | 30x14x11x35 शब्द खंड पूरा 1879 न्याय सूत्र दार्शनिक | 26xiix 13x50 | अपूर्ण 19वीं न्याय ग्रन्थ 4 | 24x13x13x44 , 19वीं न्याय खंडन मंडन X 25 x 11 x 14 x 33 | संपूर्ण 160 श्लो. 1801 33 x 14x 13 x 45 ,, 167 ,, | 19वीं X 126x12x13x44 | संपूर्ण 1796 उदयपुर सिद्धांत्तमुक्तावली 19वीं | 25x12 व 23x10 नाम्नी न्याय ग्रन्थ |, 78 | 26 x 11 x 12 x 45 | , ग्रं. 2 300 | 1868 जोधपुर मानकचंद 68 | 26x IIx12x38 ] अ. प्रत्यक्षखंड 19वीं बीच के त्रुटक ग्रं.2000 पन्ने ( कृपया पृष्ठ 378-79 की प्रविष्टियां क्रमांक 211 से 216 उपरोक्त प्रविष्टि 264 के बाद पढावें) 19वीं बीच For Private and Personal Use Only Page #557 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir For Private and Personal Use Only Page #558 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 610'une qoyupuewue 6 209EUR60 upsnysus fundas For Private and Personal Use Only