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Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
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सेवामंदिर 3 इ
345
2.
नवग्रह शांति विधिसह
. नाथ 23 /75 | नवग्रह स्तुति पार्श्वस्तव + प्रवचूरि
कोलड़ी 1353
कोलड़ी
11
के. नाथ 26 / 103 | नवग्रह स्तोत्र + ग्रहशांति
(2)
महावीर 3 इ47
नवग्रह स्तोत्र वृत्तिसह
कुंथुनाथ 45/4
(15 दिन) स्तोत्र
कोलड़ी
534
ओसियां 3 131
के नाथ 16/47
के. नाथ 9/24
ओसियां 3 इ 218
कुंथुनाथ 20/17
21/6
319
410
353-8 कोलडी 455 से 59,1123
17
359कुंथुनाथ 26/7, 60 21/2
नवग्रह स्तोत्र
नत्रपद ग्रनानुपूर्वी
नवपद चैत्यवंदन स्तुति
नवपद पूजा
37
"
""
19
23
37
"
"1
महावीर 38
कुंथुनाथ 21 /7 नवपद बास क्षेप पूजा व श्रारती
के. नाथ 26/37 नवपद शरण स्तव
कुंथुनाथ 24 / 10 | नवपद स्नात्र वृद्ध स्तवन
के. नाथ 14 / 122 | नवस्मरण + 2 स्तोत्र कोलड़ी 535
+2 स्तोत्र
13
""
3
+
+
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"1
"
6 प्रतियां
2 प्रतियां
3 A
Navagraha Santi with Vidhi
Navagral a Stuti
د.
"3
with Vṛtti
Navagraha Stotra
29
23
"
55
Navapada Ananupūrvi
Cetyavandana
33
39
""
55
33
"
+ Avacuri
"
33
Stotra
Pūjā
"
ן,
Vāsakṣepa Pūjā
Navapada Sarana Stava
भाग / विभाग : 3 ( आ ) - जन भक्ति व क्रिया
Snātra Vrddha
Stavana
Nava Smarana + 2 Stotra
For Private and Personal Use Only
+
29
6 copies
+2 copies
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जिनप्रभ
11
भद्रबाहु
जिनप्रभ
खेतलस ( राजसूरिशिष्य )
चारित्रनंदि
यशोविजय, देवचंदज्ञानविमल
4
देवचंद यशोविजय
33
देवचंद
"
"
यशोविजय
संकलन
37
"1
37
"1
#1
प. ग. मंत्र
मूत्र (प.ग.)
प.
33
मू.वृ. (प.ग.)
ग.प.
प.
ग. मंत्र
प.
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11
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5
प. ग. मंत्र
प.
पद्य
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