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148 ]
1
885
886
887
888
889
890
891
892
895
महावीर 2/10
सियां 2/150
893-4 | कोलड़ी 1109.
1158
898
899
900
901
902
903
904
905
906
11
907
महावीर 2/61 लोकतत्त्वनिर्णय
2/36
लोकप्रकाश
के नाथ 23/31
वनस्पति-सप्ततिका
1/19
कुंथुनाथ 33 / 10 वन्दन पूजा बोल
10/133 वरचरिया
31
कुंथुनाथ 33/3
896 सेवामंदिर 3 इ345
897 मुनिसुव्रत 2/260 विचार-ठाणावली
21
2
के. नाथ 10/36
कोलड़ी 1238
"
11
वर्द्धमान-देशना
805
3
13
31
महावीर 2/55 विचार- पंचाशिका
कोलड़ी 1238
2 प्रतियां
विचार- चौसठी
14 / 103 विचार- पंचाशिका - अवचरी
विचार-प्रकरण
विचार- रत्नसार
ओसियां 2 / 160 विचार-वार्त्ता
के. नाथ 13/45
विचार-सत्तरी
17
5/71
कोलड़ी 1095 विचार-सत्तरी
+ श्रवचूरी
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3 A
Lokatattva Nirnaya
Lokaprakasa
Vanaspati Saptatikā
Vandana Puja Bolā
Varacariyā
Vardhamana Desanā
22
Vicara Causathi
2 copies
Vicara Thaṇavali
Vicara Pañcasikā.
भाग ( 2 ) जैन सिद्धान्त व प्रचार विभाग - - (अ)
"
Vicara Prakarana
"P
Avacuri
Vicara Ratnas āra
Vicāra Vārttā
Vicara Sattari
+Avacuri
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हरिभद्र
विनयविजय
मुनिचंद्रसूरि
-1"
T
1
शुभवर्द्धन
राजकीर्ति (रत्नलाभ का शिष्य
नन्दसूरि
4
13
11
महेश्वरसूरि
देवेन्द्रमुनि
/ महेन्द्रप्रभसूर
प.
"
21
मू. ( प. )
मू.अ. (प.ग.
ग. तालिका
मू. ( प. )
पद्य
गद्य
11
विजयविमल (स्वोपज्ञ) मू.अ. ( प ग . )
प.
"
ग. तालिका
5
ग.
मूट. (प.ग.)
प.
ग.
11
मूल (प.)
मू अ. ( प.ग )
मूट. (प.ग.)