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भाग/विभाग : 3 (ग्रा)-जन भक्ति व क्रिया
3A
411 | के.नाथ 14/17 | पारणक वृद्ध लघु आदि | Pāranaka Sajjhaya
सज्झाय संग्रह 412 कुंथुनाथ 2/44 पावस्तव
Pārsva Stava
जिनप्रभसूरि
के.नाथ 29/54
413 414
के.नाथ 18/44 | (सहस्रफरणा) पार्श्वस्तोत्र | Parsva Stotra
415
भक्तिलाभ (रतनचंद्र
शिष्य) विद्यापति,राजसेन, पद्म,
नंदि, जिनपति
|
,,
Stotrani
कुंथुनाथ 36/1 क्रम पार्श्वस्तोत्राणि
13,15,29,
30,32,48, के नाथ 19/46
416
जिनचंद्र
411
महावीर 3 इ21 पार्श्वस्तोत्र
जिनचंद्र सूरि
,, with Vrtti
परशिक्षित सुन्दर
।
मू.वृ. (प.ग.
418 सेवामंदिर 3 इ345/ पाच लघ व वृहत स्तोत्राणि
वृत्तिसह 419 | के.नाथ 26/103 | पार्श्वस्तवनानि
,, Stavanāni
जिनवल्लभ, शिवशंकर प.
अज्ञात धर्मसूरि मेरुनंदन व
420 सेवामंदिर 3 इ350 , स्तवनानि स्तोत्राणि
अन्य
Stotra etc,
Stotrāni
421 | महावीर 3 इ355/ ,, स्तोत्र ध्यान व मंत्र 422 कुंथुनाथ 44/5 , स्तोत्राणि
मुनिसुव्रत 3 इ 307 ,, व मणिभद्र स्तोत्र 424 | कोलड़ी 13255 , स्तोत्राणि
Stotra etc.
,
Sts tuani
425 | मुनिसुव्रत 3 इ323/, स्तवनानि
Stavanāni
426
कुंथुनाथ 10/138 पार्श्व-+-पचपष्ठी स्तोत्र
,, Stotra etc.
मेरुतुङ्ग+जयतिलक
शिष्य?
के नाथ 11/64 | पार्श्वस्तव
,
Stava
मेरुतुङ्ग
428
| के नाथ 11/100
429
महावीर 3 इ 150/ पार्श्व व अन्य स्तोत्राणि ।
,, Stotrāni etc.
जिनप्रभ आदि
430 सेवामंदिर 3 इ379, स्तव
,, Stava
431-2 | प्रोसियां 3 इ237/ स्तवनानि 2 प्रतिया ,, Stavanāni 2 copies
2651 433-5 कुंथुनाथ 10/144-, स्तवनानि 3 प्रतियां ,, , 3 copies
139,2/23 436 के.नाथ 18/64 , ,
,, Stavanāni
437-8| महावीर 3 इ260,/, स्तोत्राणि 2 प्रतियां
25
, Stotrāni
2 copies
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