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156 ]
भाग (2) जैन सिद्धान्त व आचार विभाग-(प्र)
। 23
3A
992 कोलड़ी 376
श्रावकमाराधना
Śrāvaka Ārādhana
993
के.नाथ 15/31
श्रावकगुण-चौपई
Śrāvaka Guna Caupai
समयराज उपाध्याय
994
| कोलड़ी 1347
श्रावक-नित्यकर्त्तव्यानि
Śrāvaka Nitya Karttvyāni
Śrāvaka Manorathamāla
995 | कुंथुनाथ 55/20 श्रावक-मनोरथमाला 996
| प्रोसियां 2/152 | श्रावक-वक्तव्यता
Śrāvaka Vaktavyatā
मू. (प)
997
के.नाथ 22/70
श्रावकव्रत
Śrāvaka Vrata
दासानंद (सेनसूरि का
शिष्य) देवेन्द्रसूरि
998 | श्रोसियां 3 5 226 श्रावकव्रत भंग-प्रकरण
| Srāvaka Vrata Bhanga
,, ki Avacūri
| महावीर 3 पा 38 , की अवचूरि 1000 | के.नाथ 9/28 श्रावकवतभंग -22 अभक्ष्य 1001 | कोलड़ी 855 श्रावकाचार
,,+22 Abhaksya -
मू.अ.
Srāvakācāra
जोगेन्द्रावार्य
1002 | कंथुनाय 54/6 शृंगारवैराग्य मुक्तावली
Srigāra Vairagya Muktavali सोमप्रभाचार्य
1003
के.नाथ 19/22 पडावश्यक-चौपई
Şadāvasyaka Caupai
दानविजय
मू (प) ट.
1004 | कोलड़ी 982 | षड्दर्शन-समुच्चय
Şaļdarśana Samuccaya
हरिभद्रसूरि
मू.अ.-(प.
1005 | कथूनाथ 36/1
मू प.
क्र.28
1006 महावीर 2/289
1007 | कोलड़ी 1221
" +टीका
+Tika
हरिभद्र गुणरत्नसूरि | मू वृ. (प ग
+
हरिभद्र/
1008 | महावीर 2/290 , +, 1009 .. 2/44 | षड्द्रव्य का प्रश्न 1010
2135/ षोडशक+वृत्ति
Şaddravya kā Praśna
Sodasaka+Vrtti
हरिभद्र/अभयदेव
मू.वृ. (प.ग
1011 सेवामदिर 3 इ345/ सचित्ताचित्तस्वादिमादि
Saciitacitta Svadimadi
| श्रीपति मुनि
Sajjanacitta-vallabha
मल्लिषेगा
1012 | कुंथुनाथ 36/1 | सज्ज नचित्तवल्लभ
क्र.38 1013-| महावीर 2/394-5 , 2 प्रतियां
,
2 copies
4
1015 | प्रोसियां 2/308
, +बाला.
,
+Bala.
मल्लिषेण
मू.बा. (प.
Sattharisaya
भंडारी अनेमीचंद
मू. (प)
1016 | के.नाथ 915 सरिसय (षष्टीशतक) 1017 | , 11/73 |
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