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भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग :-(अ)
3A
4
5
80
के. नाथ 10/95 | अानन्द तिलक रास
Anand Tilak Rās
आनन्द तिलक ?
,
3/9 | प्राप्त मीमांसा
Ātm Mimāṁsā
संमतभद्र
+Vrti
,, वसुनंदि
मू.वृ.
महावीर 2/404 | , , + वृति के.नाथ 15/114 | प्राप्त मीमांसा की वृति
Aptmimaṁsā ki Vsti
वसुनंदि
महावीर 2/134 प्राभाण शतक
Abhan Satak
वाचक धन विजय
Ārādhana
पार्श्वचंद
कुंथुनाथ 20/15 आराधना सेवामंदिर गुटका 3 ति | कुंथुनाथ 18/35
,, 56/8 | आराधना के 84 बोल
समरसिंह
।
___ke 84 Bol
| के. नाथ 26/23 | पाराधना प्रकरण बालावबोध
,
Prakaran Bāla
vabodha Sār
कोलडी 1339
अाराधना सार
,
जय शेखर सुरि
के. नाथ 15/60 | पालोचना छत्तीसी
Alocana Chattisi
समयमुंदर
,
, 26/55 प्रालो वना विचार व सामायिक
लाभ | प्रोसियां 3 इ240 अालोचना विनति
Vicar & Samayik
Labb Vinati
समयसुंदर
कुंथुनाथ 44/6 गु., इन्द्रिय जय
सज्झाय
Indriya Jay Sajjāya
के. नाथ 15/49 | इन्द्रिय पराजय यतक
„
Parājay Satak
,
5/76
ट. (प.ग.)
... 666
,, 15/139
ओसियां 2/416
मू (प.)
Iriyāpathik Kulak
विजय विमल
मू.ट. (प.ग.,
Iriyāpatbik Kulak
| मू.प.
महावीर 2/16 | इरिया पथिक कुलक के. नाथ 26/103गु इरियापथिक कुलक
इरियावई कुलक 103 कुंथुनाथ 36/1 गु| इष्टोपदेश 104 प्रोसियां 3 इ 240| उत्पति बहोत्तरी
Iriyāvai Kalak
iștopdes
पूज्य पाद
मू (प.)
Utpati Bahottari
मुनि श्रीसार
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