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माम विभाग :- 1 (4)
3
ЗА
सुधर्मा स्वामी
100 के के.नाथ 11/24/ ज्ञाताधर्म कथाङ्गसूत्र | Jhatadharma Kathanga.
sutra 101 कोलडो 1014
मू.+ट. (ग)
मू. (ग) मू +-ट. (ग)
.
"
,, 1013
103 | के. ना.5/114
+Vrtti
| ,
अभयदेव | मू.+वृ. (ग)
मू.+प्र.(म)
105
Jñatopapaya
104 | महा. 1415
प्रोसि.2/312 ज्ञातोपनया
| कोलडी972 | ज्ञाताधर्म कथांग की। 107 | प्रोसि.1436 |
Jiatadharma kathanga ks| अभयदेव
Vrtti
गद्य
वृत्ति
गद्य
108 | से. मं. ति.गु. 3| ज्ञाताभास
Jñātābhāsa
पद्य
मेघऋषि (पासचंद
. गच्छ)
109
के. ना.14/59| ज्ञाताधर्म कथा पर्याय
गद्य
|Jhatādharmakatha
Paryaya . Bola
110
| ,, गु. 27 |
, बोल
गद्य
111 प्रोसि. 14261 उपासक दशांग सूत्र
Upāsakadaśānga Sūtra
सुधर्मा स्वामी । मू. (ग.)
112 |
113
मू.+ट(ग)
114] के.
115
| मुसु प्र43 ,, 1 9 42 के. नाथ 4/6 ,, 11/20 ,, 14/34
प्रोसि.14 38 118 | के.नाथ 6/21 119
,, 5/49
116
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